#प्रोटीन
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कैसे शाकाहारी लोगो की प्रोटीन की कमी को पूरा करता है पड़ोरा ?
शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन की कमी को पूरा करने का एक अच्छा तरीका है पड़ोरा! पड़ोरा एक प्रकार का शाकाहारी भोजन है जो प्रोटीन से भरपूर होता है। यह एक उत्तम स्रोत है जो व्यक्तियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण पूरक है।
पड़ोरा की सब्जी में मौजूद प्रोटीन शरीर के ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है, मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है, और शारीरिक उर्जा को बनाए रखने में मदद करता है। इसके साथ ही, पड़ोरा विभिन्न विटामिन्स, मिनरल्स, फाइबर, और फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता है जो शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।
इसलिए, शाकाहारी लोगों के लिए पड़ोरा एक स्वादिष्ट और पोषण से भरा विकल्प है जो उनकी प्रोटीन की जरूरतें पूरी कर सकता है। यह एक सही और संतुलित आहार का हिस्सा होने के साथ-साथ उनके शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकता है।
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शानदार प्रोटीन पाउडर विथ विटामिन्स एंड मिनरल्स: सेहत के लिए एक नई क्रांति
आज, 30 सितम्बर 2024 को, सेहत और फिटनेस की दुनिया में एक नया चलन तेजी से उभर रहा है—प्रोटीन पाउडर विथ विटामिन्स और मिनरल्स। आज की तेज़ जिंदगी में, जहाँ लोग अपनी सेहत पर ध्यान देने का समय नहीं निकाल पाते, ऐसे में प्रोटीन पाउडर न केवल बॉडी बिल्डिंग के शौकीनों के लिए, बल्कि सामान्य सेहत के लिए भी एक आदर्श विकल्प बन गया है। इसमें मिलने वाले विटामिन्स और मिनरल्स इसको और भी उपयोगी बनाते हैं। आइए जानते…
#कैसे चुनें सही प्रोटीन पाउडर?#क्या प्रोटीन पाउडर से कोई साइड इफेक्ट्स होते हैं?#क्या ये सबके लिए सुरक्षित है?#प्रोटीन पाउडर का सही उपयोग कैसे करें?#प्रोटीन पाउडर के फायदे:#प्रोटीन पाउडर विथ विटामिन्स एंड मिनरल्स इन हिंदी#विटामिन्स और मिनरल्स: सेहत को बूस्ट करने वाले तत्व#शानदार प्रोटीन पाउडर विथ विटामिन्स एंड मिनरल्स
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मसाला पनीर रेसिपी: घर के बने पनीर से बना एक हेल्दी और टेस्टी स्नैक
मसाला पनीर रेसिपी: घर के बने पनीर से बना एक हेल्दी और टेस्टी स्नैक
जैसे ही घड़ी में 4 बजते हैं, स्नैक्स के लिए हमारी क्रेविंग बढ़ने लगती है। चाय के समय के बारे में कुछ ऐसा है कि हमारी स्वाद कलिकाएं लिप्त स्नैक्स की इच्छा रखती हैं। इसलिए हम अक्सर अपनी भूख मिटाने के लिए समोसा, पकौड़ा या इंस्टेंट नूडल्स बनाने किचन की ओर भागते हैं. लेकिन हम सभी जानते हैं कि ये खाद्य पदार्थ हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं होते हैं, खासकर अगर हम अपना वजन कम करना चाहते हैं। यह एक…
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Moong Dal Kachori. Moong Dal: Moong dal is high in protein and fiber, which promotes satiety and supports muscle repair and growth. Fiber aids in digestion and can help maintain stable blood sugar levels. Read Full Recipe
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वीगन डाइट के लिए प्रोटीन के 4 बेहतरीन स्रोत जानिए
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लेकिन क्या आपको पता है कि प्रोटीन के साथ-साथ अंडा और क्या-क्या चीज दे सकता है, अगर नहीं तो जानिये
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बॉडी बनाने के लिए प्रोटीन पाउडर की जरूरत नहीं नैचुरली बॉडी बनाये कुछ ही दिन में
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Free tree speak काव्यस्यात्मा 1405.
शाकाहार या माँसाहार
Veg or Non-veg
शिक्षा-चिकित्सा वार्ता
शिक्षार्थ प्रस्तुति - कामिनी मोहन पाण्डेय।
जो खाना हम खाते हैं, वो प्राण है। प्राण ही हमारा जीवन है। जीवन को बनाये रखने के लिये प्राण रूपी भोजन अति आवश्यक है। दूसरे जीवन के प्राण को समाप्त कर जो भजन ग्रहण किया जाता है, उस भोजन के साथ हम मनुष्यों का शरीर सही ढंग से व्यवहार नहीं करता है। जितना हमारा शरीर भोजन के साथ संवेदनशील है, उतना ही प्रकृति में उत्पन्न होने वाले उद्भिज यानी पेड़-पौधे, शाक-सब्जियों, फल और फूल भी संवेदनशील है। हमारा प्रकृति के प्रति व्यवहार और भावना सही ढंग का होना चाहिए, यह वही सही ढंग है, जिस ढंग से ईश्वर ने मनुष्य के शरीर और प्रकृति को रचा है।
जिनके भी कान बाहर दिखाई देते हैं, वे पिण्डज यानी (गर्भ से उत्पन्न होनेवाले) होते हैं ये सभी बच्चे को जन्म देते हैं और जिन जीवों के कान बाहर नहीं दिखाई देते हैं वे अंडे देते हैं। जिन जीवों की आँखों की ऊपरी संरचना गोल होती है, वे सब माँसाहारी होते हैं, जैसे- कुत्ता, बिल्ली, बाज, चिड़िया, शेर, भेड़िया, चील आदि, तो ऐसे जीव जिसकी आँखे गोल हैं वे माँसाहारी ही होते हैं। ठीक उसी तरह जिनकी आँखों की बाहरी संरचना लंबी या लम्बाई में होती है। वे सभी जीव शाकाहारी होते हैं। जैसे - भैंस, हिरण, खरगोश, नीलगाय, गाय, हाथी, बैल, भैंस, बकरी कबूतर आदि। इनकी आँखों की बनावट गोल नहीं होती है। मनुष्य की भी आँखें गोल नहीं बल्कि लंबाई में होती है।
माँसाहारी जीवों के दाँत नुकीले होते है, जबकि शाकाहारी जीवों के दाँत चपटे होते हैं। जिन जीवों के नाखून तीखे नुकीले होते हैं, वे सभी माँसाहारी होते हैं, जैसे- शेर, चीता, सांप, बिल्ली, कुत्ता, बाज, गिद्ध आदि और जिन जीवों के नाखून चौड़े चपटे होते हैं वे सब के सब शाकाहारी होते हैं, जैसे - मनुष्य, गाय, घोड़ा, गधा, बैल, हाथी, ऊँट, हिरण, बकरी आदि। मनुष्य के नाखून तीखे नुकीले नहीं होते हैं बल्कि ये चौड़े एवं चपटे होते हैं।
मांसाहारियों के लार अम्लीय (acidic) होते हैं, जबकि शाकाहारियों के मुँह के लार क्षारीय (alkaline) होते हैं। मांसाहारियों में कार्बोहाईड्रेट नहीं होता इस कारण मांसाहारियों की आंतों में बैक्टीरिया की किण्वन (Fermentation) क्रिया नहीं होती हैं। शाकाहारियों के आंतों में (Fermentation) होते हैं, जो कार्बोहाइडेट के पाचन में सहायक होते हैं। मांसाहारियों का रक्त अम्लीय (acidic) होता है, जबकि शाकाहारियों का रक्त क्षारीय (alkaline) होता है।
जिन जीवों को पसीना आता है, वे सभी जीव शाकाहारी होते हैं, जैसे- घोड़ा, बैल, गाय, भैंस, खच्चर आदि, जबकि माँसाहारी जीवों को पसीना नहीं आता है, इसलिए कुदरती तौर पर वे जीव अपनी जीभ निकाल कर लार टपकाते हुए हाँफते रहते हैं। इस प्रकार वे अपनी शरीर की गर्मी को नियंत्रित करते हैं। मनुष्य को भी पसीना आता है और वह अपने तापमान को जीभ निकालकर संतुलित नहीं करता है, इसका अर्थ है कि मनुष्य का शरीर पूर्ण रूप से शाकाहार के लिए सृजित किया गया है।
मांसाहारियों के खून के लिपो प्रोटीन अलग होते हैं। जबकि शाकाहारियों और मनुष्य के खून के लिपो प्रोटीन (lipo – protein) एक जैसे होते हैं।
मांसाहारियों की र��ढ़ (spinal cord) की बनावट ऐसी होती है कि वे पीठ पर भार नहीं ढो सकते, जबकि शाकाहारी पीठ पर भार ढो सकते हैं।मांसाहारियों के श्वास की रफ्तार अधिक होती है जबकि शाकाहारियों की कम। मांसाहारी पानी भी कम पीते हैं, जबकि शाकाहारी ज़्यादा पानी पीते हैं।
शाकाहारी प्राणी रात में सोते हैं, दिन में जागते हैं जबकि मांसाहारी प्राणी ऐसा नहीं करते।
मांसाहार क्रूरता की निशानी है। जरूरत पड़ने पर मांसाहार जानवर अपने बच्चे को मारकर खा सकता है। शाकाहारी ऐसा नहीं करते। गुर्राने वाले सभी जानवर मांसाहारी होते हैं, जबकि शाकाहारी गुर्राते नहीं है। शाकाहारी घूंट-घूंट कर होठ बंद कर पानी पीते हैं जबकि मांसाहारी जीभ से चाट-चाट कर पानी पीते हैं। शाकाहारियों के संतान की आँखें पैदा होते ही खुलती हैं, बंद नहीं रहती, जबकि मांसाहारियों की दो से तीन दिनों तक बंद रहती है। सारे तथ्य मांसाहार और शाकाहार की प्रकृति को स्पष्ट करते हैं। वेज या नॉनवेज के टेस्ट की बात करें तो पता चलता है कि टेस्ट मांस का नहीं उसमें प्रयोग किए जाने वाले प्याज, लहसुन और विभिन्न प्रकार के मसालों के मिश्रण का स्वाद होता है, जो हमारे जीभ में पाए जाने वाले चार प्रकार के स्वाद कालिकाओं द्वारा ग्रहण किया जाता है।
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प्रोटीनेक्स पाउडर प्रयोग करने से पहले जन लीजिये ये 10 बातें- Protinex Powder Benefits in Hindi
दोस्तों प्रोटीनेक्स पाउडर बाजार में पाया जाने वाला एक खास किस्म का स्वास्थ्य वर्धक प्रोटीन सप्लीमेंट है। अक्सर लोग इस पाउडर का प्रयोग लोग अपने शरीर की मांसपेशियों को विकसित करने बॉडी बनाने वजन बढ़ाने और समूचे स्वास्थ्य को बूस्ट करने के लिए करते हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि प्रोटीनेक्स पाउडर के क्या-क्या स्वास्थ्य लाभ-Protinex Powder Benefits in Hindi हैं और इसके क्या साइड इफेक्ट्स है-
मसल्स ग्रोथ में प्रोटीनेक्स का प्रयोग- Protinex for Muscle Growth
प्रोटीनेक्स में उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन होता है जो मांसपेशियों और उतकों के निर्माण और मरम्मत के लिए आवश्यक है।
वर्कआउट के बाद प्रोटीनेक्स पाउडर का सेवन करने से मांसपेशियों की वृद्धि और रिकवरी में सहायता मिलती है।
शरीर का वजन संतुलित करने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
बहुत से लोग बचपन से ही दुबले पतले होते हैं और अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं। श��रीरिक रूप से कमजोर और दुबला पतला होना बहुत ही लज्जा जनक होता है। इसलिए लोग अपना वजन बढ़ाने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं।
प्रोटीनेक्स पाउडर में प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट और फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। यह शरीर का वजन तेजी से बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही साथ ही यदि आप शारीरिक व्यायाम करते हैं तो मसल्स ग्रोथ में बहुत सहायता देता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर में विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर के साथ-साथ मिनरल्स और अमीनो अम्ल भी पाए जाते हैं। यह सभी तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और रोगों से लड़ने में शरीर की मदद करते हैं।
ऊर्जा और स्फूर्ति बढ़ाने के लिए प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर में कार्बोहाइड्रेट की अच्छी मात्रा होती है जो शरीर को त्वरित गति से उर्जा प्रदान करती है। यदि इस पाउडर का सेवन मुख्य रूप से एथलीट और सक्रिय जीवन शैली वाले लोग करते हैं तो उन्हें अधिक लाभ प्राप्त होते हैं।
हड्डियों को मजबूत बनाने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर में कैल्शियम की अच्छी मात्रा उप��ब्ध होती है जो शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक है। इस पाउडर का नियमित प्रयोग हड्डियों के नुकसान को रोकने और ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
पाचन क्रिया को सुधारने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
इस पाउडर में फाइबर की अच्छी मात्रा उपलब्ध होने के कारण यह पाचन क्रिया में भी सुधार लाता है। इसके साथ ही साथ यह आंतों को भी स्वस्थ बनाता है।
प्रोटीनेक्स पाउडर का नियमित सेवन करने से कब्ज और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक किया जा सकता है।
कोलेस्ट्रॉल को कम करने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर विभिन्न पोषक तत्वों से युक्त होता है और इसमें सोया प्रोटीन पाई जाती है। सोया प्रोटीन शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है। नियमित रूप से प्रोटीनेक्स पाउडर का सेवन करने से हृदय रोगों के जोखिम को कम किया जा सकता है।
ब्रेन फंक्शन सुधारने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर में पाया जाने वाला कोलीन और ओमेगा 3 फैटी एसिड ग्रीन फंक्शन को सुधारने के लिए बहुत आवश्यक तत्व माने गए हैं। इसके नियमित सेवन से याददाश्त और दिमागी कार्य क्षमता को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
मधुमेह अर्थात डायबिटीज को संतुलित करने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर में जटिल कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो मधुमेह के रोगियों की रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। संतुलित आहार के रूप में प्रोटीनेक्स पाउडर का प्रयोग करने से रक्त शर्करा को संतुलित किया जा सकता है और मधुमेह की जटिलताओं से बचा जा सकता है।
जनरल हेल्थ सप्लीमेंट के रूप में प्रोटीनेक्स पाउडर का प्रयोग
सामान्य तौर पर लोग प्रोटीनेक्स पाउडर का प्रयोग एक जनरल हेल्थ सप्लीमेंट की तरह करते हैं। सामान्य भारतीय भोजन में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की कमी पाई जाती है। जिसकी पूर्ति प्रोटीनेक्स पाउडर के सेवन द्वारा आसानी से की जा सकती है। नियमित रूप से प्रोटीनेक्स पाउडर का प्रयोग करने से लंबे समय तक दुरुस्त रहा जा सकता है।
प्रोटीनेक्स पाउडर बाजार में तीन प्रकार के उपलब्ध हैं- बच्चों के लिए प्रोटीनेक्स जूनियर, महिलाओं के लिए mama Protinex और वयस्कों के लिए सामान्य Protinex. भारतीय बाजार में 1kg protinex pack 600~700 INR तक के मूल्य में उपलब्ध है.
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इसी प्रोटीन से भारतीय वैज्ञानिकों ने एक नया फार्मूला खोजा है जो मधुमेह के मरीजों की जिंदगी बदल सकता
भारतीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने मधुमेह के इलाज का एक नया तरीका खोजा है। उन्होंने एक ऐसा प्रोटीन विकसित किया है जो मधुमेह से होने वाले नुकसान को रोक सकता है। शोधकर्ताओं ने एक विशिष्ट प्रोटीन, आईएल-35 की खोज की है, जो सूजन पैदा करने वाले रसायनों का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं को कम करता है। इससे अग्न्याशय की कोशिकाओं का प्रभाव कम हो जाता है। यह प्रक्रिया टाइप 1 डायबिटीज और ऑटोइम्यून डायबिटीज मेलिटस…
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प्रोटीन संश्लेषण में न्यूक्लिटाइड की भूमिका की खोज करने वाले प्रथम वैज्ञानिक, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित एवं पद्म विभूषित डॉ॰ हरगोविंद खुराना जी की पुण्यतिथि पर उन्हें शत- शत नमन ।
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प्रोटीन संश्लेषण में न्यूक्लिटाइड की भूमिका की खोज करने वाले प्रथम वैज्ञानिक, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित एवं पद्म विभूषित डॉ॰ हरगोविंद खुराना जी की पुण्यतिथि पर उन्हें शत- शत नमन ।
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Channa (Chickpea) Soup. Chickpeas are an excellent plant-based source of protein, making this soup a great option for vegetarians and vegans. Read full recipe
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प्रोटीन संश्लेषण में न्यूक्लिटाइड की भूमिका की खोज करने वाले प्रथम वैज्ञानिक, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित एवं पद्म विभूषित डॉ॰ हरगोविंद खुराना जी की पुण्यतिथि पर उन्हें शत- शत नमन ।
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