#तकनीक
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khulizuban · 10 months ago
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क्षार सूत्र क्या है? यह कैसे बनता है, और किन-किन बीमारियों में इस्तेमाल होता है जानिए
क्षार सूत्र आयुर्वेद की एक पैरा सर्जिकल तकनीक है, जो मेडिकेटेड या औषधियुक्त धागे के रूप में विख्यात है.शास्त्रों में सूत्र रूप से वर्णित क्षार सूत्र की चिकित्सा विधि कई बीमारियों, जैसे बवासीर, फिशर, फिस्टुला, आदि को समूल नष्ट करने सक्षम मानी जाती है.विशेषज्ञों के मुताबिक़ कई बार एलोपैथिक सर्जरी के बाद भी मरीज़ पूरी तरह ठीक नहीं हो पाता है, और इसके दुष्प्रभाव भी होते हैं, जबकि क्षार सूत्र विधि से��
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alokkumarya1 · 28 days ago
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"GPT-DeepSeek AI: क्या यह GPT-4 को पछाड़ देगा? सच जानकर हैरान रह जाएंगे!"
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bhishmsharma95 · 2 days ago
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कुंडलिनी ऊर्जा कीप: जागरण, संतुलन और ग्राउंडिंग तकनीकें
अपने अनुभव से मैंने समझा कि कुंडलिनी ऊर्जा ��ी धारा एक प्रकार की कीप या फनल से गुजर कर बहती है। वह फनल पूरे शरीर से प्राण इकठ्ठा करके, उसे मूलाधार चक्र के आसपास संचित करती है, और सुषुम्ना नाड़ी नामक निकासी नलिका के माध्यम से आज्ञा और सहस्रार तक ले जाती है। अगर यह ऊर्जा सीधी ऊपर जा सकती, तो इस फनल प्रक्रिया की जरूरत ही नहीं होती। लेकिन जब तक फनल के रूप में कोई स्वाभाविक संग्रहण बिंदु और उचित निकास…
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webbharatnews · 24 days ago
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"OPEN AI" के सीईओ सैम ऑल्टमैन का टूटा घमंड, भारत के लिए कह दी ऐसी बात, सुनकर आपको भी होगा गर्व।
नई दिल्ली, 10 जून 2024: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन के बीच भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) तकनीक को लेकर अहम बैठक हुई। इस चर्चा में एआई स्टैक, सस्ती तकनीक और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने जैसे मुद्��ों पर बात हुई। यह बैठक भारत के डिजिटल भविष्य और AI में देश की भूमिका को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है। इससे पहले जब ओपन AI के सीईओ जब भारत के दौरे पर…
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palsaa · 2 months ago
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क्या 5G सेहत के लिए खतरनाक है? सच्चाई जानें! 📱 #facts
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naturalintelligence · 2 months ago
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ऊर्ध्वाधर कृषि: शहरी खेती के लिए एक समाधान
ऊर्ध्वाधर कृषि (Vertical Farming) एक आधुनिक और टिकाऊ कृषि तकनीक है, जो पारंपरिक खेती की तुलना में कम जगह, पानी और संसाधनों में अधिक उत्पादकता प्रदान करती है। यह तकनीक खासतौर पर शहरी क्षेत्रों में लोकप्रिय हो रही है, जहां खेती के लिए जमीन कम उपलब्ध है। इसमें फसलों को ऊर्ध्व (वर्टिकल) दिशा में, यानी भवनों, टावरों या विशेष रूप से डिजाइन किए गए ढांचे में विभिन्न स्तरों पर उगाया जाता है। मुख्य…
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bloggerkey · 4 months ago
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मोबाइल फोन पर बैन | अब बच्चे नहीं चला सकेंगे मोबाइल! जानिए
मोबाइल फोन पर बैन: बच्चों की सुरक्षा और ध्यान बढ़ाने की पहल ऑस्ट्रेलिया में बच्चों और छात्रों के मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के उपयोग को सीमित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के सभी सार्वजनिक स्कूलों में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाया गया है, हालांकि ऑस्ट्रेलियन कैपिटल टेरिटरी (ACT) में यह लागू नहीं है। इस प्रतिबंध का उद्देश्य बच्चों की पढ़ाई में ध्यान भटकाने से रोकना, सीखने के परिणामों…
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mohit-mathur · 6 months ago
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**MediaTek और Jio Things ने 2-व्हीलर मार्केट को स्मार्ट डिजिटल क्लस्टर्स के साथ किया क्रांतिकारी बदलाव**
मोबिलिटी का भविष्य यहां है, और यह “मेड इन इंडिया” है। 25 जुलाई, 2024 को, दुनिया की अग्रणी सेमीकंडक्टर कंपनी MediaTek और Jio Platforms Limited की सहायक कंपनी Jio Things ने मिलकर 2-व्हीलर (2W) मार्केट के लिए एक क्रांतिकारी स्मार्ट डिजिटल क्लस्टर और स्मार्ट मॉड्यूल लॉन्च किया।यह साझेदारी इलेक्ट्रिक वाहन (EV) क्षेत्र, विशेष रूप से तेजी से बढ़ते 2-व्हीलर सेगमेंट में, एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।…
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vlogrush · 8 months ago
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बच्चों के स्क्रीन टाइम को मैनेज करने के 5 सरल तरीके
डिजिटल उपकरण के संतुलित उपयोग बच्चों के स्क्रीन टाइम को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के 5 व्यावहारिक टिप्स। माता-पिता के लिए आसान रणनीतियाँ जो डिजिटल उपकरणों के उपयोग को संतुलित करने में मदद कर���ंगी और स्वस्थ आदतें विकसित करेंगी।आज के डिजिटल युग में, बच्चों का स्क्रीन के सामने बिताया गया समय एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। स्मार्टफोन, टैबलेट और कंप्यूटर हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बन गए हैं,…
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rashid92786 · 1 year ago
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Redmi Note 13 5G बजट फोन, जल्द गरीबों के हाथ में चमकेगा
खोज रहे हैं किफायती और शक्तिशाली स्मार्टफोन? Redmi Note 13 5G यहाँ है, जो नवीनतम 5G तकनीक के साथ अद्भुत फीचर्स प्रदान करेंगी। इसकी शानदार डिज़ाइन और उन्नत सुविधाएँ इसे सभी के लिए एक आकर्षककेन्द्र बनेंगी, खासकर उनके लिए जो बजट के भीतर उच्च प्रदर्शन वाला फोन चाहते हैं। जल्द ही भारत में लांच होने वाला है आइये विस्तार से जानते हैं इस स्मार्टफ़ोन के फीचर्स और अनुमानित क़ीमत के बारे में. मुख्य…
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kisanofindia · 2 years ago
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पेन कल्चर तकनीक अपनाकर कैसे उन्नत मछली पालन कर रहे मणिपुर के ये आदिवासी मछुआरे
आजीविका बढ़ाने में मिली मदद
मणिपुर की जनजातीय आबादी की आजीविका का मुख्य स्रोत खेती और मछली पालन है। मछली उनका मुख्य भोजन भी है। मगर राज्य की आबादी की जरूरतें अपने जल स्रोतों से पूरी नहीं हो पाती थी जिस कारण दूसरे राज्यों से मछली ��ंगानी पड़ती थी, मगर पेन कल्चर तकनीक अपनाने के बाद न सिर्फ़ आदिवासियों की आजीविका में सुधार हुआ, बल्कि मछली का उत्पादन भी बढ़ा।
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पेन कल्चर तकनीक से मछली पालन (Fish Farming with Pen Culture or aquaculture system): भारत के पूर्वी कोने में बसे छोटे से राज्य मणिपुर की जनजातीय आबादी के लिए कृषि और मछली पालन ही आजीविका का मुख्य साधन है। मगर यहां के जल स्रोतों का पूरी तरह से उपयोग न होने के कारण दूसरे राज्यों से मछलियां मंगानी पड़ती थीं।
राज्य में तालाब, झील, जलाशय तो बहुत हैं, मगर उनकी पूरी क्षमता का इस्तेमाल नहीं हो पाता। राज्य की करीब 95 प्रतिशत आबादी मछली का सेवन करती है, मगर उनकी ज़रूरत सिर्फ़ राज्य के उत्पादन से पूरी नहीं हो पा रही थी, खासतौर पर मैपिथेल बांध बनने के बाद एक बड़ी आबादी विस्थापित हो गई और भूमि का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया।
इससे खेती से गुज़र बसर करना मुश्किल हो गया और राज्य की बड़ी जनजातीय आबादी को आजीविका के दूसरे विकल्पों की तलाश करनी पड़ी। ऐसे में मछली पालन में ही अधिक संभावना नज़र आई। इसलिए ICAR-CIFRI ने इनकी आजीविका में बढ़ोतरी के लिए पेन कल्चर तकनीक से मछली पालन को बढ़ावा देने की पहल की।
मैपिथेल बांध से प्रभावित आबादी
मणिपुर में मैपिथेल बांध बनने के कारण विस्थापन की बड़ी समस्या सामने आई। साथ ही आजीविका का संकट भी आया। ऐसे में प्रभावित लोगों ने एक साथ मिलकर “The Mapithel Dam Affected Fishery Co-operative Society” नाम से एक को-ऑपरेटिव सोसाइटी बनाई और 370 सदस्यों को रजिस्टर्ड किया। विस्थापित लोगों के लिए आजीविका का प्रमुख स्रोत मछली पालन ही था, लेकिन जलाशयों में मछली का स्टॉक नहीं था।
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विस्थापित जनजातीय आबादी की मदद
जनजातीय लोगों की आजीविका में सुधार के लिए ICAR-CIFRI की ओर से पहल की गई और इसके तहत दो ICAR-CIFRI Pen और HDPE pens (0.1 हेक्टेयर आकार का पेन) देने के साथ ही 50,000 मछली के बीज, 2 टन पेलेटेटेड फीड स्टॉकिंग सामग्री के रूप में दी गई। ये कदम इसलिए उठाया गया ताकि जलाशय में मछलियों की संख्या में बढ़ोतरी हो सके। इसके अलावा, ICAR-CIFRI की ओर से 10 मीटर लंबी एक मोटरयुक्त FRP नाव भी दी गई। ICAR-CIFRI की इस पहल का मकसद मछली पालन को बढ़ावा देकर जनजातीय आबादी की आजीविका में सुधार करना था।
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nityasmay · 2 years ago
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सेना ने सिक्किम में ढांचागत विकास के लिए नवीनतम निर्माण तकनीक का प्रदर्शन किया
नि. स. संवाददाता गंगटोक: भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर ने सिक्किम में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए नवीनतम निर्माण तकनीकों का प्रदर्शन करने के लिए पलजोर स्टेडियम, गंगटोक में एक प्रदर्शन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में सिक्किम सरकार के अधिकारियों ने भाग लिया, जिसका उद्घाटन मेजर जनरल गंभीर सिंह ने किया। इस कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना, आईटीबीपी और एसएसबी के अधिकारी भी शामिल हुए। तकनीकी प्रदर्शन…
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bhishmsharma95 · 2 years ago
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कुंडलिनीयोगानुसार ओम ॐ ही वह सिंगुलेरटी है जिसमें ब्लैकहोल समा जाता है
ब्लैकहोल में जो भी पदार्थ रूपी सूचना जाती है, वह नष्ट या अज्ञात रूप में रहती है। उसी तरह आदमी का अवचेतन मन भी उसकी सभी विचा���रूपी सूचना को अनादिकाल से लेकर अपने अंदर नष्ट रूप में संजोकर रखता है। जब उन विचारों को साक्षीभाव साधना आदि से प्रकट या अभिव्यक्त रूप में वापिस लाया जाता है, तब वे धीरे धीरे ढीले होकर परमात्मा में विलीन होने लगते हैं। जब सभी विचार विलीन हो जाते हैं, तो जीवात्मा या…
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socialworks-blog · 2 years ago
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तथ्य संकलन के द्वितीयक स्रोत का महत्व और सीमाएं
द्वितीयक स्रोत क्या है? द्वितीयक स्रोत द्वारा एकत्रित सामग्री को द्वितीयक सामग्री कहा जाता है। यह अनुसंधानकर्ता द्वारा किसी अन्य के प्रयोग या शोध द्वारा प्राप्त किया जाता है, अर्थात इसे स्वयं शोधकर्ता द्वारा संकलित नहीं किया जाता है। इसमें अक्सर लिखित दस्तावेज शामिल होते हैं, इसलिए इसे कभी-कभी प्रलेखीय सामग्री या ऐतिहासिक सामग्री कहा जाता है और इसके स्रोतों को प्रलेखीय स्रोत या ऐतिहासिक स्रोत भी…
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helputrust · 4 months ago
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लखनऊ, 24.10.2024 l माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में डॉ आशा स्मृति महाविद्यालय, देवा रोड, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें 44 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना l
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा डॉ आशा स्मृति महाविद्यालय के निदेशक डॉ एस. एन. अवस्थी, मैनेजर डॉ पुनीत अवस्थी, प्राचार्य डॉ पुनीत श्रीवास्तव तथा रेड ब्रिगेड से तंजीम अख्तर, यास्मीन बानो ने दीप प्रज्वलित किया |
डॉ आशा स्मृति महाविद्यालय के निदेशक डॉ एस. एन. अवस्थी ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद देते हुए कहा कि, "आत्मरक्षा प्रशिक्षण किसी हमले से खुद को बचाने के लिए सीखे जाने वाले कौशल का एक तरीका है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण से लड़कियां और महिलाएं शारीरिक और मानसिक रूप से मज़बूत बनती हैं और खतरों से खुद को बचाने में सक्षम होती हैं | आज समाज में बढ़ते हुए अपराधों के कारण यह हर लड़की और महिला के लिए आवश्यक हो गया है कि वह आत्मरक्षा की तकनीक सीखे और जरूरत पड़ने पर इसका उपयोग करें, जिससे समाज में अपराध की घटनाओं में कमी आए |"
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं l महिलाओं एवं बालिकाओं के खि��ाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है l आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है l महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है l आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी l आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं l फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं l हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा l आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके l"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका तंजीम अख्तर एवं यास्मीन बानो ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया l
कार्यशाला में डॉ आशा स्मृति महाविद्यालय के निदेशक डॉ एस. एन. अवस्थी, मैनेजर डॉ पुनीत अवस्थी, प्राचार्य डॉ पुनीत श्रीवास्तव, शिक्षिकाओं श्रीमती कल्पना रावत, श्रीमती रमा वर्मा, श्रीमती नीतू सिंह, श्रीमती शिल्पी सिंह, श्रीमती ममता तिवारी, श्रीमती सोनिका वर्मा, राबिया बानो जी, श्रीमती लता नेनवानी, श्रीमती श्वेता अवस्थी, श्रीमती अस्मिता सिंह, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, तंजीम अख्तर, यास्मीन बानो तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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koshalaram5 · 7 months ago
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भूत-प्रेत से मुक्ति का असली उपाय, जानें इस अद्भुत साधना के बारे में! Sant Rampal Ji Maharaj Satsang | Episode: 2653
इस वीडियो में आप जानेंगे कि कैसे जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के उपदेश और सत्संग से लोगों की जिंदगियां पूरी तरह से बदल गईं। गीता और कुरान में वर्णित तत्वज्ञान के बारे में संत रामपाल जी के अद्भुत रहस्य उजागर किए गए हैं। जानें कैसे भगवान कबीर की भक्ति से एक महिला ने अपने जीवन की तमाम परेशानियों से मुक्ति पाई। भूत-प्रेत की समस्याओं से लेकर तलाक के कगार पर पहुंच चुकी शादी को बचाने तक, संत रामपाल जी के उपदेश और उनके मार्गदर्शन ने कैसे जीवन को बदल डाला, यह आपको इस वीडियो में मिलेगा। अगर आप भी जीवन में किसी भी प्रकार की समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो इस वीडियो को अंत तक जरूर देखें और जानें कि कैसे संत रामपाल जी की शरण में आकर जीवन में सुख-शांति पाई जा सकती है। यह वीडियो आपके जीवन में नई रोशनी लाने का मार्गदर्शन करेगा
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संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा प्राप्त करने के लिए या अपने नजदीकी नामदीक्षा केंद्र का पता करने के लिए हमे +91 82228 80541 नंबर पर कॉल करें।
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