#सोशल मीडिया सीमा
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मोबाइल फोन पर बैन | अब बच्चे नहीं चला सकेंगे मोबाइल! जानिए
मोबाइल फोन पर बैन: बच्चों की सुरक्षा और ध्यान बढ़ाने की पहल ऑस्ट्रेलिया में बच्चों और छात्रों के मोबाइल फोन और ��ोशल मीडिया के उपयोग को सीमित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के सभी सार्वजनिक स्कूलों में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाया गया है, हालांकि ऑस्ट्रेलियन कैपिटल टेरिटरी (ACT) में यह लागू नहीं है। इस प्रतिबंध का उद्देश्य बच्चों की पढ़ाई में ध्यान भटकाने से रोकना, सीखने के परिणामों…
#ऑनलाइन सुरक्षा कानून#ऑस्ट्रेलिया में सोशल मीडिया कानून#ऑस्ट्रेलिया स्कूल मोबाइल बैन#छात्र ध्यान केंद्रित#छात्र व्यवहार में सुधार#डिजिटल वेलनेस#डिजिटल शिक्षा#बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य#बच्चों की सुरक्षा ऑनलाइन#बच्चों के लिए मोबाइल फोन प्रतिबंध#बच्चों के लिए सुरक्षित इंटरनेट#माता-पिता की जागरूकता#मोबाइल फोन के लाभ और हानि#शिक्षा और तकनीक#शिक्षा में मोबाइल का प्रभाव#सोशल मीडिया आयु सत्यापन#सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभाव#सोशल मीडिया प्रतिबंध#सोशल मीडिया सीमा
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28.11.2024, लखनऊ | परम आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मूल मंत्र "सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास" एवं राष्ट्रीय एकीकरण की भावना को बढ़ावा देने हेतु, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ��्रस्ट द्वारा चन्द्रशेखर आजाद बाल विद्या मन्दिर, तकरोही, इंदिरा नगर, लखनऊ में 215 छात्र-छात्राओं को पुस्तक 'गीता गर्ल मरियम' का वितरण किया गया ।
पुस्तक वितरण में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान किया । इस अवसर पर चन्द्रशेखर आजाद बाल विद्या मन्दिर के प्रबंधक श्री संतोष कुमार, प्रधानाचार्या श्रीमती सीमा वर्मा, शिक्षकों सुश्री अंजना, यासमीन जी, सुश्री प्रिया, श्री अंशुमन, सुश्री मानसी, सुश्री सुमन, सुश्री अनिता, स��हिना जी, सुश्री नीलम, सुश्री शबयता, श्री विकास, सुश्री खुशी की गरिमामयी उपस्थिति रही ।
सादर अवगत कराना है कि हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना वर्ष 2012 में जनहित और जनकल्याण हेतु लखनऊ, उत्तर प्रदेश में की गई । अपने स्थापना वर्ष से अब तक 12 वर्षों में, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने उत्तर प्रदेश में जनकल्याणकारी संस्था के रूप में प्रतिष्ठा अर्जित की है । ट्रस्ट अपने आदरणीय संरक्षकों पद्म भूषण स्वर्गीय गोपाल दास नीरज, पद्म श्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी तथा पद्म श्री अनूप जलोटा के मार्गदर्शन में, स्वसाधनों से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उन्नयन की दिशा में गतिशील है । माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के संकल्प “सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास और सबका प्रयास” को ध्येय मानते हुए, ट्रस्ट गरीबों और असहायों की मदद हेतु वस्त्र वितरण अभियान, रक्तदान, बाल गोपाल शिक्षा योजना, जनहित के जागरूकता अभियान, सम्मान समारोह और अन्य लाभकारी योजनाओं का निरंतर क्रियान्वयन कर रहा है । विश्वव्यापी कोरोना महामारी (COVID-19) के संकट के दौरान, ट्रस्ट ने अपने संसाधनों और हेल्प यू कोरोना वारियर्स की मदद से निराश्रित और जरूरतमंद लोगों के लिए निरंतर भोजन, मास्क, सैनिटाइजर तथा अन्य बचाव सामग्री का वितरण किया ।
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा साहित्य और साहित्यकारों के प्रोत्साहन के लिए, अध्यात्म और संस्कृति के संवर्धन एवं उत्थान के दृष्टिगत जनहित में पुस्तकों का प्रकाशन भी किया गया है ।
ट्रस्ट लखनऊ, उत्तर प्रदेश में वृद्धा आश्रम, अनाथालय, भगवत गीता सेंटर, हेल्प यू एकेडमी ऑफ स्��िरिचुअल म्यूजिक तथा अन्य जनहित की परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु प्रयत्नशील है । साथ ही, देश के सभी राज्यों की राजधानियों तथा अन्य देशों में ट्रस्ट के कार्यालय स्थापित कर जनहित के कार्यों को और विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है ।
हम जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों की मदद कर रहे हैं । ट्रस्ट की समस्त गतिविधियों और जनकल्याण के कार्यक्रमों का सम्पूर्ण विवरण ट्रस्ट की वेबसाइट www.helputrust.org तथा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे Facebook, Twitter, LinkedIn, Tumblr, Instagram और YouTube पर आपके अवलोकनार्थ उपलब्ध है ।
आप हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ सकते हैं और ट्रस्ट को अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान कर सकते हैं। यह आवश्यक नहीं है कि आप ट्रस्ट को केवल आर्थिक सहयोग (Donation, Sponsorship, CSR आदि) ही दें, बल्कि आप अपने सेवा क्षेत्र के माध्यम से हमारे सलाहकार, आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य, सद्भावना राजदूत, या संयुक्त तत्वावधान में आयोजन करके भी जनहित में अपना योगदान दे सकते हैं ।
आपसे सादर अनुरोध है कि कृपया ट्रस्ट द्वारा विगत 12 वर्षों से निरंतर किए जा रहे जनहित में समाज उत्थान और समाज कल्याण के कार्यों के दृष्टिगत, लाभार्थियों के हित में तथा ट्रस्ट को प्रभावशाली कार्य करने हेतु अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान करना चाहें |
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यूक्रेन ने ड्रोन से रूस के चेचन्या पर किया हमला
यूक्रेन ने एक ड्रोन से रविवार को रूस के चेचन्या क्षेत्र में नेशनल गार्ड के एक परिसर पर हमला किया। रूस की ओर से किए जा रहे बड़े पैमाने पर हवाई हमले के बाद कीव ने जवाबी हमले जारी रखे हैं। सोशल मीडिया पर उपलब्ध वीडियो फुटेज में एक ड्रोन को विस्फोट से पहले चेचन्या की राजधानी ग्रोज्नी के आसमान में देखा गया। इस हमले में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। हमले का यह क्षेत्र यूक्रेन की सीमा से…
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बाल मन और सोशल मीडिया का मकड़जाल
बाल मन और सोशल मीडिया का मकड़जाल
ऑस्ट्रेलिया सोशल मीडिया उपयोग के लिए 16 वर्ष की न्यूनतम आयु सीमा तय करने वाला पहला देश बन गया है। इसके साथ ही बच्चों पर सोशल मीडिया के प्रभाव को लेकर भी बहस तेज हो गई हैं। नॉर्वे, ब्रिटेन, फ्रांस आदि देशों में भी इस तरह के प्रतिबंध को लेकर सुगबुगाहट चल रही है। इससे एक बात साफ है कि प्रतिबंध को लेकर भले ही लोग पक्ष-विपक्ष में घंटे हों. लेकिन बच्चों में सोशल मीडिया के दुष्परिणामों को लेकर सभी एकमत हैं।
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14 वर्ष के नीचे के बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखने के लिए कुछ प्रभावी तरीके अपनाए जा सकते हैं:
शिक्षा और जागरूकता: बच्चों को सोशल मीडिया के संभावित नुकसान के बारे में जानकारी दें। उन्हें समझाएं कि ऑनलाइन सुरक्षा और गोपनीयता कितनी महत्वपूर्ण हैं।
संवाद करें: खुले संवाद का माहौल बनाएं। बच्चों से सोशल मीडिया के विषय में बात करें और उनकी रुचियों और चिंताओं को सुनें। इससे बच्चे अपने विचार साझा कर पाएंगे और आप उनकी समस्याओं को समझ सकेंगे।
विकल्प प्रदान करें: बच्चों को स्वस्थ और लाभकारी गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करें, जैसे कि खेल, पढ़ाई, कला, या अन्य शौक। इन्हें सोशल मीडिया का अच्छा विकल्प बनाएं।
समय सीमा तय करें: यदि आप बच्चों को थोड़ी मात्रा में सोशल मीडिया उपयोग क���ने की अनुमति देते हैं, तो इसके लिए स्पष्ट समय सीमा निर्धारित करें। उदाहरण के लिए, दिन में केवल एक घंटे का समय।
उपकरणों का उपयोग सीमित करें: बच्चों के पास स्मार्टफोन या टैबलेट जैसी डिवाइस का उपयोग सीमित करें। बच्चों के लिए उपयुक्त उपकरणों का चयन करें और उन्हें विवादित सामग्री से दूर रखें।
परिवार के साथ समय बिताएं: परिवार के साथ समय बिताने की आदत डालें। साथ में खेलें, फिल्म देखें या अन्य गतिविधियां करें। इससे बच्चे सोशल मीडिया से हटकर असली जीवन में जुड़ाव महसूस करेंगे।
निगरानी करें: बच्चों के ऑनलाइन गतिविधियों की निगरानी करें, यदि वे सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं। यह सुनिश्चित करें कि वे सुरक्षित और अनुरूप सामग्री का ही संपर्क कर रहे हैं।
गोपनीयता के नियम: बच्चों को गोपनीयता और व्यक्तिगत जानकारी साझा करने के बारे में सिखाएं। उन्हें समझाएं कि किसी को भी अनजान लोगों को व्यक्तिगत जानकारी नहीं देनी चाहिए।
सकारात्मक भूमिका निभाएं: बच्चों के लिए एक सकारात्मक उदाहरण बनें। आप भी सोशल मीडिया का सीमित और संतुलित उपयोग करें, ताकि बच्चे इसे एक सामान्य व्यवहार के रूप में देख सकें।
प्रौद्योगिकी का उपयोग: फेसबुक, इंस्टाग्राम, और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के लिए माता-पिता की निगरानी या नियंत्रण ऐप्स का उपयोग करें, जिससे आप उनकी गतिविधियों को ट्रैक कर सकें।
इन उपायों के माध्यम से आप बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखने में मदद कर सकते हैं, ताकि वे सुरक्षित रहने के साथ-साथ स्वस्थ और सकारात्मक गतिविधि में संलग्न रह सकें।
Advocate Karan Singh (Kanpur Nagar) [email protected] 8188810555, 7007528025
#Family Court Lawyer#POCSO Act Lawyer#Criminal Lawyer#Session Court Lawyer#Anticipatory Bail#Arbitration#Cheque Bounce#Child Custody#Consumer Court#Criminal#Divorce#Documentation#Domestic Violence#Family#Insurance#International Law#Motor Accident#Muslim Law#NRI#Property#Succession Certificate#Supreme Court#Wills / Trusts#File for Divorce#Reply / Send Legal Notice for Divorce#Contest / Appeal in Divorce Case#Dowry Demand / Domestic Violence / Abuse#Alimony / Maintenance Issue#Child Custody Issue#Extramarital Affair / Cheating
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स्पोर्ट अकादमी नौकरियां || खेल प्रबंधन नौकरियां || वरिष्ठ प्रबंधक || अहमदाबाद || गुजरात || भारत
खेल अकादमी की नौकरियों में सुनहरे अवसर।
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अब अहमदाबाद गुजरात में स्थित एक प्रतिष्ठित खेल अकादमी को कुछ कर्मचारियों की आवश्यकता है।
वे बैडमिंटन, फुटबॉल, तैराकी, टेनिस, टेबल टेनिस, क्रिकेट, स्क्वैश, स्केटिंग, वॉलीबॉल, फुटसल, जिम, जॉगिंग पथ, योग, एरोबिक्स, साइकिलिंग जैसी अकादमी चला रहे हैं। और कैफेटेरिया।
पद: खेल अकादमी प्रबंधक
नौकरी का स्थान: अहमदाबाद, गुजरात
वेतन: 20 हजार से 60 हजार प्रति माह [अनुभव और योग्यता के आधार पर]
नौकरी का प्रकार: पूर्णकालिक
योग्यता: खेल प्रबंधन या इवेंट मैनेजमेंट में डिग्री।
वरिष्ठ खेल प्रबंधक के पद के लिए नौकरी का विवरण।
खेल प्रबंधक के कर्तव्य और जिम्मेदारियाँ।
• अकादमी में उपस्थिति की निगरानी, फीस जमा करना और खिलाड़ियों के नवीनीकरण का प्रबंधन करना।
• प्रत्येक सदस्य की शिकायत को सुधारना और उसके अनुसार सुविधाओं में सुधार करना।
• नियमित रूप से अभिभावकों की बैठक आयोजित करना और अकादमी की प्रगति के बारे में उनकी प्रतिक्रिया लेना।
• फुटफॉल बढ़ाने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए अकादमी में टूर्नामेंट आयोजित करने और प्रबंधित करने की जिम्मेदारी।
• सोशल मीडिया पर अकादमी को बढ़ावा देने के लिए कोच के साथ समन्वय करना।
• सभी इंटर एएसए टूर्नामेंट का आयोजन और उनमें मदद करना।
• खिलाड़ियों के नवीनीकरण और नए प्रवेश की साप्ताहिक रिपोर्ट खेल-वार साझा करना।
• उपस्थिति रिपोर्ट प्रतिदिन मेल पर साझा करना।
• अकादमी में सर्वश्रेष्ठ कोचिंग सुविधा देने के लिए अकादमी के सभी स्टाफ सदस्यों के साथ समन्वय करना।
• अकादमी में कार्यरत कोचों या अन्य कर्मचारियों की नियमित प्रतिक्रिया।
• पूछताछ फॉर्म, खिलाड़ियों की वर्दी और भुगतान रसीद पुस्तकों के लिए मुख्य कार्यालय के साथ समन्वय करना।
नौकरी का प्रकार: पूर्णकालिक
• वेतन: 20,000.00 रुपये से 60,000.00 रुपये प्रति माह
लाभ:
• सेल फोन प्रतिपूर्ति
शेड्यूल:
सुबह, दिन, शाम की शिफ्ट।
पूरक वेतन:
• प्रदर्शन बोनस।
आवागमन/स्थानांतरण की क्षमता:
• अहमदाबाद, गुजरात: काम शुरू करने से पहले विश्वसनीय रूप से आवागमन करना या स्थानांतरित करने की योजना बनाना (आवश्यक)।
इस पद के लिए कौन आवेदन कर सकता है:
• कोई भी निजी स्कूल प्रिंसिपल।
• कोई भी आर्मी नेवी या एयर फोर्स से सेवानिवृत्त व्यक्ति जो छात्रों और छात्रों के अभिभावकों की भीड़ को संभाल सकता हो।
• कोई भी इवेंट या स्पोर्ट मैनेजमेंट डिग्री धारक जिसके पास उसी क्षेत्र में कम से कम 2 साल का अनुभव हो।
• आयु: शारीरिक रूप से स्वस्थ, कोई विशेष आयु सीमा नहीं।
इस पद के लिए कहां और किस स्थान से आवेदन किया जा सकता है?
• भारत के किसी भी स्थान से इस पद के लिए आवेदन किया जा सकता है। • टिप्पणी:- यह वीडियो अंग्रेजी बांग्ला भाषाओं में भी उपलब्ध है। आप बांग्ला और अंग्रेजी आवाज में दूसरा वीडियो खोज कर देख सकते हैं।और भी बहुत से अवसर उपलब्ध हैं बस गूगल में सर्च करें "आइडियल करियर जोन" कोलकाता।आप विभिन्न कंपनियों में विभिन्न पोस्ट में कई और नौकरी विवरण पा सकते हैं।आप हमें सुबह 9 बजे से रात 8 बजे के बीच कॉल कर सकते हैं9 3 3 1 2 0 5 1 3 38 7 7 7 2 1 1 0 1 6या आप हमारे कार्यालय का दौरा कर सकते हैं।ideal करियर zone128/12ए, बिधान सरनी श्याम बाजार मेट्रो गेट नंबर 1 गांधी मार्केट सज्जा धाम के पीछेकोलकाता 7 लाख 4 इस जॉब के वीडियो को देखने के लिए धन्यवाद। अधिक जॉब की जानकारी के लिए कृपया हमारे चैनल को लाइक और सब्सक्राइब करें। फिर से आप सवी को दिल से धन्यवाद।
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jamshedpur bjp shocked : जमशेदपुर भाजपा की महिला मोर्चा नेता ने कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की, मंत्री बन्ना गुप्ता से मिली, सरयू का किया विरोध
जमशेदपुर : जमशेदपुर भाजपा जिला सोशल मीडिया प्रभारी (महिला मोर्चा) सीमा जायसवाल ने मंत्री बन्ना गुप्ता के आवास पहुंचकर उनके नेतृत्व में आस्था व्यक्त कर���े हुए कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की. मंत्री बन्ना गुप्ता ने सीमा जायसवाल को फूल का माला और शॉल ओढ़ाकर कांग्रेस में स्वागत किया तथा मजबूती के साथ चुनाव में लग जाने को कहा. अपने संबोधन में सीमा जायसवाल ने कहा कि उन्होंने पिछले 20 वर्षों से…
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U. P. mein naee Social Media Policy ko Milee Manjooree, Abhadr, Ashleel aur Raashtr Virodhee Content par Hogee Rok
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने नई सोशल मीडिया पॉलिसी को मंजूरी दी है। इस संबंध में नीति लाने के लिए विभाग लंबे समय से प्रयासरत था। सरकार ने कहा है कि सोशल मीडिया पोस्ट किया गया कंटेंट अभद्र, अश्लील और राष्ट्र विरोधी नहीं होना चाहिए। सरकार द्वारा जारी की गई नीति के अनुसार, सूचीबद्ध होने के लिए एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यू-ट्यूब में से प्रत्येक को सब्सक्राइबर व फॉलोअर्स के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है। एक्स, फेसबुक व इंस्टाग्राम के अकाउंट होल्डर, संचालक, इन्फ्लूएंसर (प्रभाव रखने वाले) को भुगतान के लिए श्रेणीवार अधिकतम सीमा क्रमशः 5 लाख, 4 लाख, 3 लाख और 3 लाख रुपये प्रतिमाह निर्धारित की गई है।
Visit: https://www.deshbandhu.co.in/states/new-social-media-policy-approved-in-up-indecent-obscene-and-anti-national-content-will-be-banned-489099-1
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Indian Videos; भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर आर-पार से भिड़ते नजर आए दो हिरण, लोग कर रहे दिलचस्प कमेंट
Indian Videos: भारत और पाकिस्तान के सीमा पर हमेशा तनाव रहता है। देश की रक्षा के लिए हमारे जवान हमेशा सरहद पर खड़े रहते हैं। कभी-कभार दोनों देशों के जवानों के बीच झड़प भी हो जाती है। लेकिन सोशल मीडिया पर इन दिनों एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें भारत-पाक की सीमा पर जवान नहीं बल्कि दो हिरण आमने-सामने हो गए। घटना का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। आमने-सामने हुए दो…
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दुनियाभर में धर्म को मानने वालों की कोई कमी नहीं है लेकिन आज पूरे विश्व में धर्म के नाम पर पाखण्ड और अंधविश्वास चरम सीमा पर देखने को मिल रहा है जिससे मानव को कोई सुख प्राप्त नहीं होता। धर्मगुरुओं को अपने ही धर्मशास्त्रों का ज्ञान हुआ नहीं, जिसके कारण उन्होंने मानव को शास्त्रविरुद्ध क्रियाओं जैसे व्रत, उपवास, तीर्थ, हठयोग आदि शास्त्रविरुद्ध मनमाने आचरण में लगा दिया, जिसने आगे पाखण्ड और अंधविश्वास का रूप ��े लिया। वहीं पाखण्ड और अंधविश्वास से मुक्ति दिलाने तथा मानव को धर्मग्रंथों के सत्यज्ञान से परिचित कराने के लिए संत रामपाल जी महाराज द्वारा अनेकों पुस्तकें लिखी जा चुकी हैं जिनका प्रचार उनके अनुयायियों द्वारा देश हो या विदेश गाँव, नगर, कस्बों, शहरों में घर-घर जाकर किया जा रहा हैं तो वहीं सोशल मीडिया के माध्यम से भी इन पुस्तकों का प्रचार उनके समर्थकों द्वारा किया जा रहा है ताकि लोग पाखण्डवाद, अंधविश्वास, शास्त्रविरुद्ध कर्मकांडो को त्यागकर सतमार्ग ग्रहण कर सकें।
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#समर्थ #परमात्मा #कबीर
हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण: सनातनी पूजा का अंत और पुनः उत्थान
दुनियाभर में धर्म को मानने वालों की कोई कमी नहीं है लेकिन आज पूरे विश्व में धर्म के नाम पर पाखण्ड और अंधविश्वास चरम सीमा पर देखने को मिल रहा है जिससे मानव को कोई सुख प्राप्त नहीं होता। धर्मगुरुओं को अपने ही धर्मशास्त्रों का ज्ञान हुआ नहीं, जिसके कारण उन्होंने मानव को शास्त्रविरुद्ध क्रियाओं जैसे व्रत, उपवास, तीर्थ, हठयोग आदि शास्त्रविरुद्ध मनमाने आचरण में लगा दिया, जिसने आगे पाखण्ड और अंधविश्वास का रूप ले लिया। वहीं पाखण्ड और अंधविश्वास से मुक्ति दिलाने तथा मानव को धर्मग्रंथों के सत्यज्ञान से परिचित कराने के लिए संत रामपाल जी महाराज द्वारा अनेकों पुस्तकें लिखी जा चुकी हैं जिनका प्रचार उनके अनुयायियों द्वारा देश हो या विदेश गाँव, नगर, कस्बों, शहरों में घर-घर जाकर किया जा रहा हैं तो वहीं सोशल मीडिया के माध्यम से भी इन पुस्तकों का प्रचार उनके समर्थकों द्वारा किया जा रहा है ताकि लोग पाखण्डवाद, अंधविश्वास, शास्त्रविरुद्ध कर्मकांडो को त्यागकर सतमार्ग ग्रहण कर सकें।
इसी बात के मद्देनजर जगतगुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा एक पवित्र पुस्तक हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण लिखी गई है जो हिन्दू समाज के लिए संजीवनी है तथा वरदान सिद्ध होने वाली है जिसमें सूक्ष्मवेद यानि तत्त्वज्ञान दिया गया है। साथ ही, मानव को समझने के लिए वेदों, गीता तथा पुराणों आदि शास्त्रों के प्रमाण दिए गए हैं। जिसमें मानव की प्रत्येक शंका का समाधान संत रामपाल जी महाराज द्वारा प्रमाण सहित किया गया है। वहीं इस लेख के माध्यम से आपको जानने को मिलेगा:
क्या संत रामपाल जी ब्रह्मा, विष्णु, महेश की भक्ति छुड़वाते हैं?
संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य
एक आदि सनातन (पंथ) धर्म से कैसे हुए अनेक?
शास्त्रानुकूल पूजा और शास्त्रविरुद्ध पूजा में अंतर
कैसे हुआ शास्त्रानुकूल सनातनी पूजा का अंत?
पवित्र गीता का ज्ञान कब बोला गया?
शास्त्रानुकूल सनातनी पूजा का पुनः उत्थान
संत रामपाल जी प्रदान कर रहे तत्त्वज्ञान
क्या संत रामपाल जी ब्रह्मा, विष्णु, महेश की भक्ति छुड़ाते हैं?
संत रामपाल जी महाराज कहते हैं,
ब्रह्मा, विष्णु तथा महेशा। तीनूं देव दयालु हमेशा।।
तीन लोक का राज है। ब्रह्मा, विष्णु महेश।।
तीनों देवता कमल दल बसै, ब्रह्मा, विष्णु, महेश।
प्रथम इनकी बंदना, फिर सुन सतगुरू उपदेश।।
अर्थात् तीनों देवता श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा श्री शिव जी बहुत दयालु हैं। इनकी केवल तीन लोक (स्वर्ग लोक, पाताल लोक, पृथ्वी लोक) में सत्ता यानि प्रभुता है, ये तीन लोक के मालिक हैं, परंतु लोक तो बहुत सारे हैं जिनका मालिक परम अक्षर ब्रह्म है जिसकी सत्ता तीनों लोकों समेत सब पर है। मोक्ष प्राप्ति के लिए प्रथम इन तीनों देवताओं की बंदना यानि साधना करनी होती है। फिर सतगुरू का उपदेश सुनो जो परम अक्षर ब्रह्म की पूजा साधना बताएगा। उस संत से तत्त्वज्ञान सुनो। तत्त्वदर्शी संत पूर्ण मोक्ष प्राप्ति की साधना / पूजा बताता है। पूर्ण मोक्ष के लिए इन तीनों देवताओं की शास्त्रोक्त यानि शास्त्रानुकूल साधना करनी होती है, परंतु पूजा गीता अध्याय 8 श्लोक 3, 8-10, अध्याय 15 श्लोक 17, अध्याय 18 श्लोक 62 में बताए "परम अक्षर ब्रह्म" की ही करनी होती है। परम अक्षर ब्रह्म को गीता अध्याय 8 श्लोक 9 तथा अध्याय 15 श्लोक 17 में गीता ज्ञान देने वाले प्रभु ने अपने से अन्य बताया है तथा कहा है कि उत्तम पुरुष यानि पुरूषोत्तम तो मेरे से अन्य
है, वही सबका धारण-पोषण करने वाला अविनाशी परमेश्वर है जिससे स्पष्ट है कि संत रामपाल जी महाराज ब्रह्मा, विष्णु, शिव जी की भक्ति नहीं छुड़वाते बल्कि ��ास्त्रानुकूल भक्ति बताते हैं।
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Cyber Crime Kya Hai in Hindi | साइबर अपराध क्या है? पूरी जानकारी
साइबर अपराध क्या है? पूरी जानकारी
साइबर अपराध एक सामान्य शब्द है जो कंप्यूटर, नेटवर्क या डिजिटल उपकरणों के किसी अन्य सेट का उपयोग करके की जाने वाली असंख्य आपराधिक गतिविधियों का वर्णन करता है। साइबर अपराध को साइबर अपराधियों द्वारा की जाने वाली व्यापक अवैध गतिविधियों पर एक छत्रछाया मानें। इनमें हैकिंग, फ़िशिंग, पहचान की चोरी , रैंसमवेयर और मैलवेयर हमले समेत कई अन्य शामिल हैं।
साइबर अपराध की पहुंच की कोई भौतिक सीमा नहीं है। अपराधी, पीड़ित और तकनीकी बुनियादी ढाँचा दुनिया भर में फैला हुआ है। व्यक्तिगत और उद्यम दोनों स्तरों पर सुरक्षा कमजोरियों का फायदा उठाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ, साइबर अपराध कई आकार लेता है और लगातार विकसित होता है। बदले में, साइबर अपराधों की प्रभावी ढंग से जांच करने, मुकदमा चलाने और रोकने की क्षमता कई गतिशील चुनौतियों के साथ एक सतत लड़ाई है।
साइबर अपराध व्यक्तियों, व्यवसायों और सरकारी संस्थाओं के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करता है और इसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण वित्तीय हानि, क्षतिग्रस्त प्रतिष्ठा और समझौता किए गए रिकॉर्ड हो सकते हैं। जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी आगे बढ़ रही है और अधिक लोग मानक संचालन के लिए डिजिटल उपकरणों और नेटवर्क पर भरोसा कर रहे हैं, साइबर अपराध का खतरा लगातार बढ़ रहा है, जिससे इससे बचाव के लिए कदम उठाना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।आज की दुनिया में इंटरनेट हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है, और जहाँ इंटरनेट के कई फायदे हैं, वहीं इसके कई ��ोखिम भी हैं। सबसे महत्वपूर्ण खतरों में से एक Cyber Crime है। साइबर अपराध किसी भी अवैध गतिविधि को संदर्भि�� करता है जो कंप्यूटर या इंटरनेट का उपयोग करके किया जाता है। हमारे देश में आज भी बहुत से लोग ऐसे है जिनको इस प्रकार के अपराधों की जानकारी नहीं होती और वे Online Fraud का शिकार हो जाते है। इसलिए आज के लेख में हम साइबर अपराध के बारे में विस्तार से जानेंगे की साइबर क्राइम क्या होता है? ऑनलाइन ठगी (Online Fraud) से कैसे बचे? साइबर क्राइम कितने प्रकार के होते है? Cyber Crime का शिकार होने पर क्या करें (helpline number & complaint online)? यह एक ऑनलाइन अपराध (Online Crime) है जो इंटरनेट या डिजिटल उपकरणों का उपयोग करके किया जाता है। इसमें ऑनलाइन धोखाधड़ी, चोरी, जासूसी, वायरस और अन्य अपराध शामिल हो सकते हैं।
यह आमतौर पर कंप्यूटर सिस्टम, नेटवर्क और इंटरनेट संबंधी सुरक्षा में समस्या उत्पन्न करता है, जो उपयोगकर्ताओं को प्रभावित कर सकते हैं और उनकी गोपनीय जानकारी को चोरी कर सकते हैं।
साइबर क्राइम उदाहरणों में इंटरनेट बैंकिंग फ़्रॉड, सोशल मीडिया खातों में उलझन, फिशिंग, मलवेयर, रैंसमवेयर और ऑनलाइन शोषण शामिल हो सकते हैं।
साइबर क्राइम कितने प्रकार के होते है – Type of Cyber Crime in Hindi
मैलवेयर (Malware):- दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर (Malicious Software) के लिए मैलवेयर छोटा वायरस है, और यह किसी भी प्रोग्राम या कोड़ को संदर्भित करता है जिसे आपके कंप्यूटर या नेटवर्क को नुकसान पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। मैलवेयर वायरस, वर्म्स, ट्रोजन या रैंसमवेयर का रूप ले सकता है। फ़िशिंग ईमेल या संक्रमित वेबसाइटों के माध्यम से आपके कंप्यूटर पर मैलवेयर डाउनलोड (Malware download) किया जा सकता है।
फ़िशिंग:- फ़िशिंग एक ऐसी तकनीक है जिसका उपयोग इन अपराधियों द्वारा आपको संवेदनशील जानकारी जैसे लॉगिन क्रेडेंशियल (Login Credentials), क्रेडिट कार्ड नंबर या सामाजिक सुरक्षा नंबर देने के लिए किया जाता है। फ़िशिंग ईमेल किसी बैंक, सरकारी एजेंसी या प्रसिद्ध कंपनी के वैध ईमेल की तरह दिखने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। पहचान की चोरी:- पहचान की चोरी तब होती है जब कोई आपकी व्यक्तिगत जानकारी जैसे आपका नाम, सामाजिक सुरक्षा नंबर, या क्रेडिट कार्ड की जानकारी चुराता है और इसका उपयोग धोखाधड़ी गतिविधियों के लिए करता है। यह फ़िशिंग ईमेल या डेटा उल्लंघनों के माध्यम से हो सकता है।
डिनायल ऑफ़ सर्विस (DoS) हमले:- DoS हमले तब होते हैं जब कोई Cyber Criminal किसी नेटवर्क या वेबसाइट को ट्रैफ़िक से भर देता है, जिससे वह दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है या दुर्गम हो जाता है। इस प्रकार के हमले का उपयोग अक्सर जबरन वसूली के रूप में किया जाता है, जिसमें हमलावर हमले को रोकने के लिए भुगतान की मांग करता है।
साइबर स्टाकि��ग:- साइबर स्टाकिंग (Cyber Stalking) तब होती है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को परेशान करने या धमकी देने के लिए इंटरनेट का उपयोग करता है। यह अवांछित संदेश या ईमेल भेजने, किसी के बारे में गलत जानकारी पोस्ट करने, या नकली सोशल मीडिया अकाउंट बनाने का रूप ले सकता है।
Cyber Crime का शिकार होने पर क्या करें?
अपने उपकरणों को सुरक्षित करें:- किसी भी हैक किए गए डिवाइस को और नुकसान से बचाने के लिए इंटरनेट से तुरंत डिस्कनेक्ट करें। उन सभी ऑनलाइन खातों के लिए अपना पासवर्ड बदलें, जिनके साथ छेड़छाड़ की गई हो सकती है, और जहाँ भी संभव हो दो-कारक प्रमाणीकरण सक्षम करें।
घटना की रिपोर्ट करें:- अपनी स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसी से संपर्क करें और पुलिस रिपोर्ट दर्ज करें। साथ ही, यदि वित्तीय धोखाधड़ी शामिल थी, तो संबंधित संगठनों या कंपनियों, जैसे आपके बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी को घटना की रिपोर्ट करें।
सबूत इकट्ठा करें:- घटना से संबंधित सभी सबूतों का रिकॉर्ड रखें, जिसमें स्क्रीनशॉट, ईमेल और चैट लॉग शामिल हैं। यह जानकारी कानून प्रवर्तन या अन्य संगठनों को प्रदान करने के लिए उपयोगी होगी।
क्रेडिट ब्यूरो से संपर्क करें:- यदि घटना में पहचान की चोरी शामिल है, तो तीन प्रमुख क्रेडिट ब्यूरो (एक्सपेरियन, इक्विफैक्स और ट्रांसयूनियन) में से एक से संपर्क करें और अपनी क्रेडिट रिपोर्ट पर धोखाधड़ी की चेतावनी दें।
पेशेवर मदद लें:- साइबर सुरक्षा पेशेवर या कानूनी सलाहकार (Legal Advisor) से परामर्श करने पर विचार करें ताकि आपको Online Fraud के बाद के परिणामों को नेविगेट करने और अपनी व्यक्तिगत जानकारी की रक्षा करने में मदद मिल सके।
भविष्य की घटनाओं से खुद को बचाएं:- सतर्क रहें और भविष्य में होने वाले आनलाइन फ्राड़ से खुद को बचाने के लिए सक्रिय उपाय करें। इसमें आपके डिवाइस और सॉफ़्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करना, संदेहास्पद ईमेल और लिंक से बचना और ऑनलाइन आपकी व्यक्तिगत जानकारी से सावधान रहना शामिल हो स��ता है।
साइबर क्राइम की शिकायत कहाँ और कैसे करें?
अपने बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी को सूचित करें:- अगर आपके बैंक खाते या क्रेडिट कार्ड से फ्रॉड किया गया है, तो तुरंत अपने बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी को सूचित करें। उन्हें आपकी समस्या के साथ संबंधित विवरण और संदर्भ नंबर जैसी जानकारी देनी होगी। ऑनलाइन शिकायत करें:- आप अपनी शिकायत को भारत सरकार की ऑनलाइन शिकायत पोर्टल या निम्नलिखित वेबसाइटों के माध्यम से भी दर्ज कर सकते हैं: National Cyber Crime Reporting Portal (https://cybercrime.gov.in/) Reserve Bank of India’s Sachet (https://sachet.rbi.org.in/Home/Index) Indian Computer Emergency Response Team (https://www.cert-in.org.in/s2cMainServlet?pageid=PUBHL)
ऑनलाइन अपराध निवारण केंद्र से संपर्क करें:- भारत सरकार द्वारा संचालित ऑनलाइन अपराध निवारण केंद्रों से संपर्क करके आप भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
स्थानीय पुलिस से संपर्क करें:- अगर आपको किसी अन्य ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत (Online Fraud complaint) है, तो आप अपनी स्थानीय पुलिस (Local police) से संपर्क करके शिकायत कर सकते है।
Cyber Crime से बचने / रोकथाम के लिए उपाय
अपने सॉफ़्टवेयर को अप-टू-डेट रखें:- यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके पास नवीनतम सुरक्षा पैच हैं, अपने ऑपरेटिंग सिस्टम, वेब ब्राउज़र और अन्य सॉफ़्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करें।
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करें:- अपने सभी ऑनलाइन खातों पर टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन सक्षम करें, जो पहचान के दूसरे रूप की आवश्यकता के द्वारा सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत प्रदान करता है, जैसे कि आपके फोन पर भेजा गया कोड।
संदिग्ध ईमेल से सावधान रहें:- अज्ञात प्रेषकों के ईमेल या अटैचमेंट न खोलें, और उन ईमेल से सावधान रहें जो आपसे लिंक पर क्लिक करने या व्यक्तिगत जानकारी प्रदान करने के लिए कहते हैं।
एंटीवायरस और एंटी-मैलवेयर सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें:- अपने कंप्यूटर और उपकरणों को वायरस, स्पाईवेयर और अन्य दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर से बचाने के लिए एंटीवायरस और एंटी-मैलवेयर सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करें और नियमित रूप से अपडेट करें।
सोशल मीडिया पर ओवरशेयर न करें:- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर व्यक्तिगत जानकारी साझा करने के बारे में सतर्क रहें, क्योंकि Cyber अपराधी इस जानकारी का उपयोग आपको घोटालों और फ़िशिंग हमलों से लक्षित करने के लिए कर सकते हैं।
सुरक्षित नेटवर्क का उपयोग करें:- सार्वजनिक वाई-फ���ई नेटवर्क का उपयोग करने से बचें, जो अक्सर असुरक्षित होते हैं और आसानी से हैक किए जा सकते हैं। इसके बजाय, अपने इंटरनेट कनेक्शन को एन्क्रिप्ट करने और अपनी ऑनलाइन गोपनीयता की रक्षा करने के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का उपयोग करें।
अपने डेटा का बैकअप लें:- अपनी महत्वपूर्ण फाइलों और डेटा का नियमित रूप से किसी बाहरी हार्ड ड्राइव या क्लाउड-आधारित स्टोरेज सेवा पर बैकअप लें, ताकि साइबर हमले या डेटा हानि के मामले में आप उन्हें आसानी से पुनर्प्राप्त कर सकें। इन उपायों का पालन करके आप Online Fraud का शिकार होने के अपने जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
साइबर अपराध के प्रकारों में शामिल हैं:-
ऑनलाइन धोखाधड़ी (online fraud) और फिशिंग आक्रमण (Phishing attack).
मोबाइल फोन वायरस, मैलवेयर( Malware) और ट्राजन होर्स.
वेबसाइट अपवाद(Website exception) और अधिकृत अधिकार उल्लंघन (Copyright infringement) अनुपयोगी ईमेल और स्पैम.
ऑनलाइन नक़दी लूट की धारणा (online cash loot concept).
इंटरनेट पर आपत्तिजनक सामग्री का वितरण और सेक्स तस्वीरों (Sex photos) के साथ बच्चों के अनाधिकारिक उपयोग।
ईमेल और इंटरनेट धोखाधड़ी.
पहचान धोखाधड़ी (जहां व्यक्तिगत जानकारी चोरी की जाती है और उपयोग की जाती है)।
वित्तीय या कार्ड भुगतान डेटा की चोरी।
कॉर्पोरेट डेटा की चोरी और बिक्री.
साइबरएक्सटॉर्शन (किसी खतरे वाले हमले को रोकने के लिए पैसे की मांग करना)।
रैंसमवेयर हमले (एक प्रकार का साइबर एक्सटॉर्शन)।
क्रिप्टोजैकिंग (जहां हैकर्स उन संसाधनों का उपयोग करके क्रिप्टोकरेंसी का खनन करते हैं जो उनके पास नहीं हैं)।
साइबर जासूसी (जहां हैकर्स सरकार या कंपनी के डेटा तक पहुंच बनाते हैं)।
सिस्टम में इस तरह से हस्तक्षेप करना कि नेटवर्क से समझौता हो जाए।
कॉपीराइट का उल्लंघन.
गैरकानुनी जुआ।
अवैध वस्तुओं को ऑनलाइन बेचना।
बाल अश्लीलता की मांग करना, निर्माण करना या अपने पास रखना।
भारत में साइबर क्राइम के लिए क्या कानून है?
भारत में इनसे निपटने वाला कानून सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000 (Information Technology (IT) Act 2000 है। यह कानून इलेक्ट्रॉनिक संचार का उपयोग करके किए गए लेनदेन के लिए कानूनी मान्यता प्रदान करने और साइबर अपराध के लिए कानूनी उपाय प्रदान करने के लिए अधिनियमित (Enacted) किया गया था।
आईटी अधिनियम कई साइबर अपराधों को परिभाषित करता है, जिसमें हैकिंग (hacking), कंप्यूटर स्रोत दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़, डेटा चोरी (Data Theft) और ऑनलाइन अश्लील सा��ग्री का वितरण (Distribution of online pornography material) शामिल है। यह जुर्माना और कारावास सहित इन अपराधों के लिए दंड की रूपरेखा भी बताता है।
साइबर अपराध की विकसित प्रकृति के साथ बनाए रखने के लिए कानून में कई बार संशोधन किया गया है। 2008 में, IT संशोधन अधिनियम पारित किया गया था, जिसमें साइबर आतंकवाद, डेटा सुरक्षा और मध्यस्थ दायित्व से निपटने के लिए नए प्रावधान शामिल थे।
साइबर क्राइम से निपटने के लिए भारत सरकार ने साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन सेल (CCIC) सहित विभिन्न एजेंसियों की भी स्थापना की है, जो साइबर अपराधों की जांच और मुकदमा चलाने के लिए जिम्मेदार है। गृह मंत्रालय (Home ministry) में एक Cyber crime division भी है, जो कानून प्रवर्तन एजेंसियों (law Enforcement Agencies) को तकनीकी और कानूनी (Technical and legal) सहायता प्रदान करता है और पुलिस अधिकारियों और जांचकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है।
कुल मिलाकर, भारत में आईटी अधिनियम और संबंधित कानूनों और एजेंसियों का उद्देश्य इन Attacks से निपटने और व्यक्तियों और व्यवसायों को ऑनलाइन खतरों से बचाने के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करना है।
भारत में साइबर क्राइम करने वालों को क्या सजा मिलती है?
आईटी अधिनियम (IT Act) के तहत विशिष्ट साइबर अपराध के लिए दंड के कुछ उदाहरण यहां दिए गए हैं:
धारा 43:- कंप्यूटर, कंप्यूटर सिस्टम आदि को नुकसान पहुंचाने पर जुर्माना सजा: नुकसान के लिए मुआवजा, जिसमें तीन साल तक की कैद या 5 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों शामिल हो सकते हैं। धारा 66:- कंप्यूटर सिस्टम के साथ हैकिंग सजा: तीन साल तक की कैद या 2 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों। धारा 66बी:- चुराए गए कंप्यूटर संसाधन या संचार उपकरण को बेईमानी से प्राप्त करने के लिए सजा सजा: तीन साल तक की कैद या एक लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों। धारा 66सी:- पहचान की चोरी के लिए सजा सजा: तीन साल तक की कैद या एक लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों। धारा 67:- इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करने पर सजा सजा: तीन साल तक की कैद या 5 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों। धारा 72:- गोपनीयता और निजता का उल्लंघन सजा: दो साल तक की कैद या एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि साइबर अपराध की सजा अपराध की गंभीरता और अन्य कारकों के आधार पर भिन्न हो सकती है। कुछ मामलों में, आईटी अधिनियम (IT Act) में उल्लिखित सजा से अधिक गंभीर सजा हो सकती है। उदाहरण के लिए, आईटी अधिनियम के तहत साइबर आतंकवाद आजीवन कारावास (Life imprisonment) से दंडनीय है।
कुल मिलाकर, भारत में Cyber Crime के लिए दंड (Punishment for cyber crime in india) का उद्देश्य साइबर अपराधियों को रोकना और व्यक्तियों और व्यवसायों को ऑनलाइन खतरों (Online risks) से बचाना है।
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