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मोबाइल फोन पर बैन | अब बच्चे नहीं चला सकेंगे मोबाइल! जानिए
मोबाइल फोन पर बैन: बच्चों की सुरक्षा और ध्यान बढ़ाने की पहल ऑस्ट्रेलिया में बच्चों और छात्रों के मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के उपयोग को सीमित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के सभी सार्वजनिक स्कूलों में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाया गया है, हालांकि ऑस्ट्रेलियन कैपिटल टेरिटरी (ACT) में यह लागू नहीं है। इस प्रतिबंध का उद्देश्य बच्चों की पढ़ाई में ध्यान भटकाने से रोकना, सीखने के परिणामों…
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18.01.2025, लखनऊ | परम आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मूल मंत्र "सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास" एवं राष्ट्रीय एकीकरण की भावना को बढ़ावा देने हेतु, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा बालिका विद्यालय, मोती नगर, लखनऊ में 147 छात्राओं को पुस्तक 'गीता गर्ल मरियम' का वितरण किया गया ।
पुस्तक वितरण में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान किया । इस अवसर पर बालिका विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ लीना मिश्र, शिक्षिकाओं श्रीमती सीमा आलोक वार्ष्णेय, श्रीमती शालिनी श्रीवास्तव, श्रीमती पूनम यादव, श्रीमती उत्तरा सिंह, श्रीमती ऋचा अवस्थी, श्रीमती अनिता श्रीवास्तव, श्रीमती रागिनी यादव, श्रीमती मंजुला यादव, श्रीमती मीनाक्षी गौतम की गरिमामयी उपस्थिति रही ।
सादर अवगत कराना है कि हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना वर्ष 2012 में जनहित और जनकल्याण हेतु लखनऊ, उत्तर प्रदेश में की गई । अपने स्थापना वर्ष से अब तक 12 वर्षों में, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने उत्तर प्रदेश में जनकल्याणकारी संस्था के रूप में प्रतिष्ठा अर्जित की है । ट्रस्ट अपने आदरणीय संरक्षकों पद्म भूषण स्वर्गीय गोपाल दास नीरज, पद्म श्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी तथा पद्म श्री अनूप जलोटा के मार्गदर्शन में, स्वसाधनों से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उन्नयन की दिशा में गतिशील है । माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के संकल्प “सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास और सबका प्रयास” को ध्येय मानते हुए, ट्रस्ट गरीबों और असहायों की मदद हेतु वस्त्र वितरण अभियान, रक्तदान, बाल गोपाल शिक्षा योजना, जनहित के जागरूकता अभियान, सम्मान समारोह और अन्य लाभकारी योजनाओं का निरंतर क्रियान्वयन कर रहा है । विश्वव्यापी कोरो��ा महामारी (COVID-19) के संकट के दौरान, ट्रस्ट ने अपने संसाधनों और हेल्प यू कोरोना वारियर्स की मदद से निराश्रित और जरूरतमंद लोगों के लिए निरंतर भोजन, मास्क, सैनिटाइजर तथा अन्य बचाव सामग्री का वितरण किया ।
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा साहित्य और साहित्यकारों के प्रोत्साहन के लिए, अध्यात्म और संस्कृति के संवर्धन एवं उत्थान के दृष्टिगत जनहित में पुस्तकों का प्रकाशन भी किया गया है ।
ट्रस्ट लखनऊ, उत्तर प्रदेश में वृद्धा आश्रम, अनाथालय, भगवत गीता सेंटर, हेल्प यू एकेडमी ऑफ स्पिरिचुअल म्यूजिक तथा अन्य जनहित की परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु प्रयत्नशील है । साथ ही, देश के सभी राज्यों की राजधानियों तथा अन्य देशों में ट्रस्ट के कार्यालय स्थापित कर जनहित के कार्यों को और विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है ।
हम जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों की मदद कर रहे हैं । ट्रस्ट की समस्त गतिविधियों और जनकल्याण के कार्यक्रमों का सम्पूर्ण विवरण ट्रस्ट की वेबसाइट www.helputrust.org तथा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे Facebook, Twitter, LinkedIn, Tumblr, Instagram और YouTube पर आपके अवलोकनार्थ उपलब्ध है ।
आप हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ सकते हैं और ट्रस्ट को अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान कर सकते हैं। यह आवश्यक नहीं है कि आप ट्रस्ट को केवल आर्थिक सहयोग (Donation, Sponsorship, CSR आदि) ही दें, बल्कि आप अपने सेवा क्षेत्र के माध्यम से हमारे सलाहकार, आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य, सद्भावना राजदूत, या संयुक्त तत्वावधान में आयोजन करके भी जनहित में अपना योगदान दे सकते हैं ।
आपसे सादर अनुरोध है कि कृपया ट्रस्ट द्वारा विगत 12 वर्षों से निरंतर किए जा रहे जनहित में समाज उत्थान और समाज कल्याण के कार्यों के दृष्टिगत, लाभार्थियों के हित में तथा ट्रस्ट को प्रभावशाली कार्य करने हेतु अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान करना चाहें |
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Israel-Hamas Ceasefire: A Look at the Damage After 15 Months
Introduction Of Israel Hamas Ceasefire
Israel Hamas Ceasefire: तारीख- 7 अक्टूबर, समय- सुबह 6:30 बजे, जगह- किबुत्ज रीम (इजराइल-फिलिस्तीन से सटा बॉर्डर इलाका)… म्यूजिक फेस्ट में पहुंचे हजारों की संख्या में लोग किसी बड़े हमले से बेखबर इंजॉय कर रहे थे. अचानक आसमान में गाजा पट्टी की तरफ से हजारों की संख्या में मिसाइल के साथ पैराग्��ाइडर्स, बाइक और कार से इजराइली सीमा में हमास के लड़ाके दाखिल हुए और कत्लेआम मचा दिया.
Table Of content
फिलिस्तीन में कितना हुआ नुकसान?
फिलिस्तीन की तबाही पर क्या बोला इजराइल?
गाजा में बच्चों पर क्या पड़ा असर?
गाजा में हमलों में नुकसान के ताजा आंकड़े
हमास के हमले में इजराइल में क्या-क्या हुआ?
इजराइल में नुकसान कितना हुआ?
युद्ध विराम की घोषणा पर क्या रही प्रतिक्रिया?
फिलिस्तीन में कितना हुआ नुकसान?
7 अक्टूबर के नरसंहार के बाद इजराइल ने फिलिस्तीन के गाजा पट्टी में दुनिया की सबसे बड़ी जवाबी कार्रवाई की. फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इजराइल के जमीनी और हवाई अभियान में लगभग 46,707 लोग मारे गए हैं. मरने वालों में अधिकांश बच्चे या महिलाएं शामिल हैं.
यह भी पढ़ें: एक साल पहले हमास ने कैसे ‘Iron Dome’ को किया फेल? पढ़ें Israel पर हमले की इनसाइड स्टोरी
फिलिस्तीन की तबाही पर क्या बोला इजराइल?
बता दें कि इजराइल ने आंकड़ों पर समय-समय पर सवाल उठाए हैं. इजराइली अधिकारियों का दावा है कि गाजा में सरकार पर हमास का नियंत्रण है, इसलिए सहानुभूति पाने के लिए मरने वालों को आंकड़ों में हेरफेर किए गए हैं. हालांकि, इजराइली अधिकारियों ने यह माना है कि 20 हजार से ज्यादा हमास के लड़ाके मारे गए हैं और हर लड़ाके के लिए लगभग एक नागरिक मारा गया. इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय, WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन और फिलिस्तीनी सरकार के 15 जनवरी तक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक फिलिस्तीन में भारी नुकसान हुआ है. गाजा के लगभग सभी घर तबाह हो गए हैं.
गाजा में बच्चों पर क्या पड़ा असर?
यह भी पढ़ें: गाजा का ‘ओसामा बिन लादेन’ ढेर, सिर्फ एक हमास नेता बचा, जल्द पूरी होगी इजराइल की कसम
गाजा में हमलों में नुकसान के ताजा आंकड़े
मारे गए: कम से कम 46,707 लोग
घायल: 1,09,660 से अधिक लोग
लापता: 11,160 से अधिक लोग
गाजा में बच्चों की मौत की पुष्टि: 13,319
गाजा में मलबे के नीचे दबे फिलिस्तीनियों की संख्या: 11,000 अनुमानित
क्षतिग्रस्त या नष्ट हुए स्कूल: 534 (स्कूलों का 95%)
घर: गाजा के लगभग सभी घर (क्षतिग्रस्त या नष्ट)
युद्ध के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं पर हमले: 654
स्वास्थ्यकर्मियों की मौत: 1,060
गाजा में औपचारिक शिक्षा से बाहर बच्चे: 660,000 (सभी स्कूल जाने योग्य बच्चे)
क्षतिग्रस्त या नष्ट हुए घर: 436,000 (कुल का 92%)
गाजा की विस्थापित आबादी का प्रतिशत: लगभग 90%
युद्ध के पहले तीन महीनों में हुई क्षति की कुल अनुमानित लागत: 18.5 बिलियन डॉलर
हमास के हमले में इजराइल में क्या-क्या हुआ?
यह भी पढ़ें: Ismail Haniyeh ही नहीं, Israel ने अबतक हमास-हिजबुल्लाह के बड़े आतंकियों को किया ढेर, देखें पूरी लिस्ट
इजराइल में नुकसान कितना हुआ?
मारे गए: 1,139 लोग
घायल: कम से कम 8,730
7 अक्टूबर 2023 को इज़रायल से गाजा में अपहृत किए गए लोग: 251
जनवरी 2025 तक गाजा में बंधकों की संख्या: 101 (37 के मृत होने की संभावना)
इजराइली सेना के अनुसार आतंकियों के मारे जाने का दावा: 17,000
वर्तमान में दक्षिण में अपने घरों से विस्थापित इजराइली लोगों की संख्या: लगभग 7,000
क्यों हुई थी इस युद्ध की शुरुआत
दरअसल, 7 अक्टूबर को इजराइल में हमास और इस्लामिक जिहाद के कुछ आतंकियों ने किबुत्ज बेरी, नाहल ओज बेस, किबुत्ज नीर ओज, किबुत्ज रेइम, किबुत्ज कफर अजा, सदेरोत, ओफाकिम, निरिम, होलिट, अश्कलोन, अशदोद और बीर शेवा जैसे इलाकों को निशाना बनाया. हमास के लड़ाके पैराग्लाइडर्स, बाइक, कार से इजराइली सीमा में दाखिल हुए थे. उन्होंने निहत्थे लोगों को अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी और लाशें बिछा दी.
यह भी पढ़ें: इजराइली पीएम नेतन्याहू होंगे गिरफ्तार! पुतिन के बाद कोर्ट से वारंट जारी, जानें क्या है मामला
युद्ध विराम की घोषणा पर क्या रही प्रतिक्रिया?
इस पर MEA यानी भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बंधकों की रिहाई और गाजा में युद्ध विराम के लिए समझौते की घोषणा का स्वागत करते हैं. MEA ने उम्मीद जताई कि इससे गाजा के लोगों को मानवीय सहायता की सुरक्षा होगी. अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर कहा कि इस समझौते के साथ मेरी टीम यह तय करेगी कि गाजा फिर कभी आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह न बने. इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, कतर के प्रधानमंत्री, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी, सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय समेत कई देशों ने इसका स्वागत किया.
Conclusion
इजराइल और हमास 15 महीने के युद्ध के बाद अब युद्ध विराम पर सहमती बन गया. इजराइल और हमास के लड़ाके बंधक बनाए गए दर्जनों लोगों को छोड़ने पर सहमत हो गए हैं. इजराइल ने इस युद्ध में कई रणनीतिक जीत हासिल की है. इसमें हमास के टॉप लीडर्स की हत्या से लेकर लेकर लेबनान के हिज्बुल्लाह और ईरान पर किए गए हमले शामिल हैं. हालांकि, इस जीत में इजराइल हमास को पूरी तरह से खत्म करने में विफल हो गया. इसके साथ ही अपने कई बंधकों को जिंदा वापस नहीं ला पाया.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने हाल में ही कहा है कि हमास ने जितने लड़ाके खोए, बाद में ��तने ही लड़ाकों को भर्ती कर लिया है. वहीं, गाजा का अधिकांश हिस्सा अब रहने लायक नहीं बचा. कई इलाके बमबारी से नष्ट हो चुके हैं. कई लोग गंदे तंबू शिविरों में भूख और बीमारी से जूझ रहे हैं. माना जा रहा है कि गाजा में हमास के कई टॉप लीडर्स मारे जा चुके हैं. साथ ही दावा है कि ऐसा लगता है कि हमास के रॉकेट भी खत्म हो चुके हैं.
गाजा के भीतर के कई सुरंग भी काफी हद तक खत्म हो चुके हैं. इस समझौते के बाद उम्मीद जताई कि युद्ध विराम इजराइल और हमास के बीच लड़े गए सबसे खूनी और सबसे विनाशकारी युद्ध को समाप्त कर सकता है. इससे पूरे मीडिल-ईस्ट में एक बार फिर से शांति की उम्मीद की जा सकती है. बता दें कि इस खबर में दिए गए आंकड़े के सोर्स में इजराइल सरकार, फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियां शामिल हैं.
यह भी पढ़ें: Yahya Sinwar: मारा गया खान यूनिस का कसाई! जानें कैसे जेल में रहकर खूंखार बना याह्या सिनवार
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सीमा हैदर और सचिन मीणा का अश्लील MMS हुआ लीक, जानें क्या है मामला की सच्चाई
Seema Haider Sachin Meena MMS: पाकिस्तान से आई महिला सीमा हैदर अभी के वक्त में काफी चर्चा में बनी रहती है और आपको बता दें कि वह साथ में अपने चार ब��्चों को भी लेकर आई थी। भारत आकर उन्होंने सचिन मीणा के साथ में शादी की और वह अब प्रेग्नेंट भी है जल्दी ही मां बनने वाली है। अब इसी बीच कथित तौर पर उनका एमएमएस वीडियो वायरल हुआ है। खबर है कि सोशल मीडिया पर सचिन मीणा और सीमा हैदर का एमएमएस क्लिप वायरल हो…
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कॉल सेंटर धोखाधड़ी ने उत्तर पूर्वी दिल्ली निवासी से 4 लाख रुपये की ठगी की, 3 विदेशी गिरफ्तार | दिल्ली समाचार
नई दिल्ली: पुलिस ने देवली गांव में एक नाइजीरियाई और कैमरून और नेपाल की दो महिलाओं द्वारा संचालित एक कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। घोटालेबाजों ने खुद को सीमा शुल्क अधिकारियों के रूप में प्रस्तुत किया, दावा किया कि एक सोशल मीडिया परिचित को अतिरिक्त पैसे के साथ हिरासत में लिया गया था, और उसे उसकी रिहाई के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर किया।आरोपियों की पहचान नाइजीरिया के उचे स्टीफन (35), कैमरून की…
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Social Media: सोशल मीडिया पर जमकर अश्लीलता... युवाओं ने लांघी सीमा? Vira...
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बाल मन और सोशल मीडिया का मकड़जाल
बाल मन और सोशल मीडिया का मकड़जाल
ऑस्ट्रेलिया सोशल मीडिया उपयोग के लिए 16 वर्ष की न्यूनतम आयु सीमा तय करने वाला पहला देश बन गया है। इसके साथ ही बच्चों पर सोशल मीडिया के प्रभाव को लेकर भी बहस तेज हो गई हैं। नॉर्वे, ब्रिटेन, फ्रांस आदि देशों में भी इस तरह के प्रतिबंध को लेकर सुगबुगाहट चल रही है। इससे एक बात साफ है कि प्रतिबंध को लेकर भले ही लोग पक्ष-विपक्ष में घंटे हों. लेकिन बच्चों में सोशल मीडिया के दुष्परिणामों को लेकर सभी एकमत हैं।
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14 वर्ष के नीचे के बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखने के लिए कुछ प्रभावी तरीके अपनाए जा सकते हैं:
शिक्षा और जागरूकता: बच्चों को सोशल मीडिया के संभावित नुकसान के बारे में जानकारी दें। उन्हें समझाएं कि ऑनलाइन सुरक्षा और गोपनीयता कितनी महत्वपूर्ण हैं।
संवाद करें: खुले संवाद का माहौल बनाएं। बच्चों से सोशल मीडिया के विषय में बात करें और उनकी रुचियों और चिंताओं को सुनें। इससे बच्चे अपने विचार साझा कर पाएंगे और आप उनकी समस्याओं को समझ सकेंगे।
विकल्प प्रदान करें: बच्चों को स्वस्थ और लाभकारी गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करें, जैसे कि खेल, पढ़ाई, कला, या अन्य शौक। इन्हें सोशल मीडिया का अच्छा विकल्प बनाएं।
समय सीमा तय करें: यदि आप बच्चों को थोड़ी मात्रा में सोशल मीडिया उपयोग करने की अनुमति देते हैं, तो इसके लिए स्पष्ट समय सीमा निर्धारित करें। उदाहरण के लिए, दिन में केवल एक घंटे का समय।
उपकरणों का उपयोग सीमित करें: बच्चों के पास स्मार्टफोन या टैबलेट जैसी डिवाइस का उपयोग सीमित करें। बच्चों के लिए उपयुक्त उपकरणों का चयन करें और उन्हें विवादित सामग्री से दूर रखें।
परिवार के साथ समय बिताएं: परिवार के साथ समय बिताने की आदत डालें। साथ में खेलें, फिल्म देखें या अन्य गतिविधियां करें। इससे बच्चे सोशल मीडिया से हटकर असली जीवन में जुड़ाव महसूस करेंगे।
निगरानी करें: बच्चों के ऑनलाइन गतिविधियों की निगरानी करें, यदि वे सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं। यह सुनिश्चित करें कि वे सुरक्षित और अनुरूप सामग्री का ही संपर्क कर रहे हैं।
गोपनीयता के नियम: बच्चों को गोपनीयता और व्यक्तिगत जानकारी साझा करने के बारे में सिखाएं। उन्हें समझाएं कि किसी को भी अनजान लोगों को व्यक्तिगत जानकारी नहीं ��ेनी चाहिए।
सकारात्मक भूमिका निभाएं: बच्चों के लिए एक सकारात्मक उदाहरण बनें। आप भी सोशल मीडिया का सीमित और संतुलित उपयोग करें, ताकि बच्चे इसे एक सामान्य व्यवहार के रूप में देख सकें।
प्रौद्योगिकी का उपयोग: फेसबुक, इंस्टाग्राम, और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के लिए माता-पिता की निगरानी या नियंत्रण ऐप्स का उपयोग करें, जिससे आप उनकी गतिविधियों को ट्रैक कर सकें।
इन उपायों के माध्यम से आप ब��्चों को सोशल मीडिया से दूर रखने में मदद कर सकते हैं, ताकि वे सुरक्षित रहने के साथ-साथ स्वस्थ और सकारात्मक गतिविधि में संलग्न रह सकें।
Advocate Karan Singh (Kanpur Nagar) [email protected] 8188810555, 7007528025
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स्पोर्ट अकादमी नौकरियां || खेल प्रबंधन नौकरियां || वरिष्ठ प्रबंधक || अहमदाबाद || गुजरात || भारत
खेल अकादमी की नौकरियों में सुनहरे अवसर।
अपने सपनों की नौकरी अनलॉक करें!
इस जॉब पोस्ट में, हम "आइडियल करियर ज़ोन" में गोता लगाते हैं, जो आपके लिए सही पेशा खोजने के रहस्यों को उजागर करता है!
चाहे आप #नौकरी की तलाश कर रहे हों, #नौकरी की तलाश कर रहे हों, या नए #चकरी विकल्पों की खोज कर रहे हों, हम आपको विशेषज्ञ युक्तियों और करियर सलाह के साथ कवर करते हैं। अपने जुनून को समझने से लेकर नौकरी की खोज में महारत हासिल करने और साक्षात्कार में सफल होने तक, हम आपको आत्मविश्वास के साथ प्रतिस्पर्धी परिदृश्य को नेविगेट करने के लिए सशक्त बनाते हैं!
हमारे साथ जुड़ें और आज ही अपने करियर की यात्रा को आगे बढ़ाने का तरीका जानें!
अधिक करियर-बढ़ाने वाली सामग्री के लिए लाइक, सब्सक्राइब और नोटिफिकेशन बेल को टैप करना न भूलें। आपकी सपनों की नौकरी आपका इंतजार कर रही है!
नमस्ते हम IDEAL CAREER ZONE से हैं। हम एक जॉब प्लेसमेंट फर्म हैं और हम अलग-अलग कंपनियों के लिए अलग-अलग पदों के लिए कर्मचारियों की भर्ती कर रहे हैं।
भर्ती अकादमी के बारे में: बेहतरीन खेल अकादमी पर गहराई से नज़र डालने के लिए आपका स्वागत है! अभी जुड़ें क्योंकि वे दिखाते हैं कि कैसे उनके समर्पित #वरिष्ठ प्रबंधक प्रतिभा विकास की देखरेख करते हैं, भविष्य के एथलीटों को ढालते हैं। कठोर प्रशिक्षण कार्यक्रम, अत्याधुनिक सुविधाएँ और प्रदर्शन विश्लेषण खोजें जो हमें प्रतिस्पर्धा से अलग करते हैं। चाहे आप एक महत्वाकांक्षी एथलीट हों, माता-पिता हों या सिर्फ़ खेल के प्रति उत्साही हों, यह जॉब पोस्ट एक ऐसी दुनिया की अंदरूनी जानकारी प्रदान करती है जहाँ जुनून पेशेवर मार्गदर्शन से मिलता है। यह देखने का मौका न चूकें कि हम कैसे क्षमता को महानता में बदलते हैं!
अपने खेल को बढ़ाने के लिए तैयार हैं?
उस सब्सक्राइब बटन को दबाएँ और हमारे साथ इस रोमांचक यात्रा पर जाएँ!
अब अहमदाबाद गुजरात में स्थित एक ��्रतिष्ठित खेल अकादमी को कुछ कर्मचारियों की आवश्यकता है।
वे बैडमिंटन, फुटबॉल, तैराकी, टेनिस, टेबल टेनिस, क्रिकेट, स्क्वैश, स्केटिंग, वॉलीबॉल, फुटसल, जिम, जॉगिंग पथ, योग, एरोबिक्स, साइकिलिंग जैसी अकादमी चला रहे हैं। और कैफेटेरिया।
पद: खेल अकादमी प्रबंधक
नौकरी का स्थान: अहमदाबाद, गुजरात
वेतन: 20 हजार से 60 हजार प्रति माह [अनुभव और योग्यता के आधार पर]
नौकरी का प्रकार: पूर्णकालिक
योग्यता: खेल प्रबंधन या इवेंट मैनेजमेंट में डिग्री।
वरिष्ठ खेल प्रबंधक के पद के लिए नौकरी का विवरण।
खेल प्रबंधक के कर्तव्य और जिम्मेदारियाँ।
• अकादमी में उपस्थिति की निगरानी, फीस जमा करना और खिलाड़ियों के नवीनीकरण का प्रबंधन करना।
• प्रत्येक सदस्य की शिकायत को सुधारना और उसके अनुसार सुविधाओं में सुधार करना।
• नियमित रूप से अभिभावकों की बैठक आयोजित करना और अकादमी की प्रगति के बारे में उनकी प्रतिक्रिया लेना।
• फुटफॉल बढ़ाने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए अकादमी में टूर्नामेंट आयोजित करने और प्रबंधित करने की जिम्मेदारी।
• सोशल मीडिया पर अकादमी को बढ़ावा देने के लिए कोच के साथ समन्वय करना।
• सभी इंटर एएसए टूर्नामेंट का आयोजन और उनमें मदद करना।
• खिलाड़ियों के नवीनीकरण और नए प्रवेश की साप्ताहिक रिपोर्ट खेल-वार साझा करना।
• उपस्थिति रिपोर्ट प्रतिदिन मेल पर साझा करना।
• अकादमी में सर्वश्रेष्ठ कोचिंग सुविधा देने के लिए अकादमी के सभी स्टाफ सदस्यों के साथ समन्वय करना।
• अकादमी में कार्यरत कोचों या अन्य कर्मचारियों की नियमित प्रतिक्रिया।
• पूछताछ फॉर्म, खिलाड़ियों की वर्दी और भुगतान रसीद पुस्तकों के लिए मुख्य कार्यालय के साथ समन्वय करना।
नौकरी का प्रकार: पूर्णकालिक
• वेतन: 20,000.00 रुपये से 60,000.00 रुपये प्रति माह
लाभ:
• सेल फोन प्रतिपूर्ति
शेड्यूल:
सुबह, दिन, शाम की शिफ्ट।
पूरक वेतन:
• प्रदर्शन बोनस।
आवागमन/स्थानांतरण की क्षमता:
• अहमदाबाद, गुजरात: काम शुरू करने से पहले विश्वसनीय रूप से आवागमन करना या स्थानांतरित करने की योजना बनाना (आवश्यक)।
इस पद के लिए कौन आवेदन कर सकता है:
• कोई भी निजी स्कूल प्रिंसिपल।
• कोई भी आर्मी नेवी या एयर फोर्स से सेवानिवृत्त व्यक्ति जो छात्रों और छात्रों के अभिभावकों की भीड़ को संभाल सकता हो।
• कोई भी इवेंट या स्पोर्ट मैनेजमेंट डिग्री धारक जिसके पास उसी क्षेत्र में कम से कम 2 साल का अनुभव हो।
• आयु: शारीरिक रूप से स्वस्थ, कोई विशेष आयु सीमा नहीं।
इस पद के लिए कहां और किस स्थान से आवेदन किया जा सकता है?
• भारत के किसी भी स्थान से इस पद के लिए आवेदन किया जा सकता है। • टिप्पणी:- यह वीडियो अंग्रेजी बांग्ला भाषाओं में भी उपलब्ध है। आप बांग्ला और अंग्रेजी आवाज में दूसरा वीडियो खोज कर देख सकते हैं।और भी बहुत से अवसर उपलब्ध हैं बस गूगल में सर्च करें "आइडियल करियर जोन" कोलकाता।आप विभिन्न कंपनियों में विभिन्न पोस्ट में कई और नौकरी विवरण पा सकते हैं।आप हमें सुबह 9 बजे से रात 8 बजे के बीच कॉल कर सकते हैं9 3 3 1 2 0 5 1 3 38 7 7 7 2 1 1 0 1 6या आप हमारे कार्यालय का दौरा कर सकते हैं।ideal करियर zone128/12ए, बिधान सरनी श्याम बाजार मेट्रो गेट नंबर 1 गांधी मार्केट सज्जा धाम के पीछेकोलकाता 7 लाख 4 इस जॉब के वीडियो को देखने के लिए धन्यवाद। अधिक जॉब की जानकारी के लिए कृपया हमारे चैनल को लाइक और सब्सक्राइब करें। फिर से आप सवी ��ो दिल से धन्यवाद।
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jamshedpur bjp shocked : जमशेदपुर भाजपा की महिला मोर्चा नेता ने कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की, मंत्री बन्ना गुप्ता से मिली, सरयू का किया विरोध
जमशेदपुर : जमशेदपुर भाजपा जिला सोशल मीडिया प्रभारी (महिला मोर्चा) सीमा जायसवाल ने मंत्री बन्ना गुप्ता के आवास पहुंचकर उनके नेतृत्व में आस्था व्यक्त करते हुए कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की. मंत्री बन्ना गुप्ता ने सीमा जायसवाल को फूल का माला और शॉल ओढ़ाकर कांग्रेस में स्वागत किया तथा मजबूती के साथ चुनाव में लग जाने को कहा. अपने संबोधन में सीमा जायसवाल ने कहा कि उन्होंने पिछले 20 वर्षों से…
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U. P. mein naee Social Media Policy ko Milee Manjooree, Abhadr, Ashleel aur Raashtr Virodhee Content par Hogee Rok
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने नई सोशल मीडिया पॉलिसी को मंजूरी दी है। इस संबंध में नीति लाने के लिए विभाग लंबे समय से प्रयासरत था। सरकार ने कहा है कि सोशल मीडिया पोस्ट किया गया कंटेंट अभद्र, अश्लील और राष्ट्र विरोधी नहीं होना चाहिए। सरकार द्वारा जारी की गई नीति के अनुसार, सूचीबद्ध होने के लिए एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यू-ट्यूब में से प्रत्येक को सब्सक्राइबर व फॉलोअर्स के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है। एक्स, फेसबुक व इंस्टाग्राम के अकाउंट होल्डर, संचालक, इन्फ्लूएंसर (प्रभाव रखने वाले) को भुगतान के लिए श्रेणीवार अधिकतम सीमा क्रमशः 5 लाख, 4 लाख, 3 लाख और 3 लाख रुपये प्रतिमाह निर्धारित की गई है।
Visit: https://www.deshbandhu.co.in/states/new-social-media-policy-approved-in-up-indecent-obscene-and-anti-national-content-will-be-banned-489099-1
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दुनियाभर में धर्म को मानने वालों की कोई कमी नहीं है लेकिन आज पूरे विश्व में धर्म के नाम पर पाखण्ड और अंधविश्वास चरम सीमा पर देखने को मिल रहा है जिससे मानव को कोई सुख प्राप्त नहीं होता। धर्मगुरुओं को अपने ही धर्मशास्त्रों का ज्ञान हुआ नहीं, जिसके कारण उन्होंने मानव को शास्त्रविरुद्ध क्रियाओं जैसे व्रत, उपवास, तीर्थ, हठयोग आदि शास्त्रविरुद्ध मनमाने आचरण में लगा दिया, जिसने आगे पाखण्ड और अंधविश्वास का रूप ले लिया। वहीं पाखण्ड और अंधविश्वास से मुक्ति दिलाने तथा मानव को धर्मग्रंथों के सत्यज्ञान से परिचित कराने के लिए संत रामपाल जी महाराज द्वारा अनेकों पुस्तकें लिखी जा चुकी हैं जिनका प्रचार उनके अनुयायियों द्वारा देश हो या विदेश गाँव, नगर, कस्बों, शहरों में घर-घर जाकर किया जा रहा हैं तो वहीं सोशल मीडिया के माध्यम से भी इन पुस्तकों का प्रचार उनके समर्थकों द्वारा किया जा रहा है ताकि लोग पाखण्डवाद, अंधविश्वास, शास्त्रविरुद्ध कर्मकांडो को त्यागकर सतमार्ग ग्रहण कर सकें।
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28.11.2024, लखनऊ | परम आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मूल मंत्र "सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास" एवं राष्ट्रीय एकीकरण की भावना को बढ़ावा देने हेतु, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा चन्द्रशेखर आजाद बाल विद्या मन्दिर, तकरोही, इंदिरा नगर, लखनऊ में 215 छात्र-छात्राओं को पुस्तक 'गीता गर्ल मरियम' का वितरण किया गया ।
पुस्तक वितरण में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान किया । इस अवसर पर चन्द्रशेखर आजाद बाल विद्या मन्दिर के प्रबंधक श्री संतोष कुमार, प्रधानाचार्या श्रीमती सीमा वर्मा, शिक्षकों सुश्री अंजना, यासमीन जी, सुश्री प्रिया, श्री अंशुमन, सुश्री मानसी, सुश्री सुमन, सुश्री अनिता, साहिना जी, सुश्री नीलम, सुश्री शबयता, श्री विकास, सुश्री खुशी की गरिमामयी उपस्थिति रही ।
सादर अवगत कराना है कि हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना वर्ष 2012 में जनहित और जनकल्याण हेतु लखनऊ, उत्तर प्रदेश में की गई । अपने स्थापना वर्ष से अब तक 12 वर्षों में, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने उत्तर प्रदेश में जनकल्याणकारी संस्था के रूप में प्रतिष्ठा अर्जित की है । ट्रस्ट अपने आदरणीय संरक्षकों पद्म भूषण स्वर्गीय गोपाल दास नीरज, पद्म श्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी तथा पद्म श्री अनूप जलोटा के मार्गदर्शन में, स्वसाधनों से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उन्नयन की दिशा में गतिशील है । माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के संकल्प “सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास और सबका प्रयास” को ध्येय मानते हुए, ट्रस्ट गरीबों और असहायों की मदद हेतु वस्त्र वितरण अभियान, रक्तदान, बाल गोपाल शिक्षा योजना, जनहित के जागरूकता अभियान, सम्मान समारोह और अन्य लाभकारी योजनाओं का निरंतर क्रियान्वयन कर रहा है । विश्वव्यापी कोरोना महामारी (COVID-19) के संकट के दौरान, ट्रस्ट ने अपने संसाधनों और हेल्प यू कोरोना वारियर्स की मदद से निराश्रित और जरूरतमंद लोगों के लिए निरंतर भोजन, मास्क, सैनिटाइजर तथा अन्य बचाव सामग्री का वितरण किया ।
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा साहित्य और साहित्यकारों के प्रोत्साहन के लिए, अध्��ात्म और संस्कृति के संवर्धन एवं उत्थान के दृष्टिगत जनहित में पुस्तकों का प्रकाशन भी किया गया है ।
ट्रस्ट लखनऊ, उत्तर प्रदेश में वृद्धा आश्रम, अनाथालय, भगवत गीता सेंटर, हेल्प यू एकेडमी ऑफ स्पिरिचुअल म्यूजिक तथा अन्य जनहित की परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु प्रयत्नशील है । साथ ही, देश के सभी राज्यों की राजधानियों तथा अन्य देशों में ट्रस्ट के कार्यालय स्थापित कर जनहित के कार्यों को और विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है ।
हम जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों की मदद कर रहे हैं । ट्रस्ट की समस्त गतिविधियों और जनकल्याण के कार्यक्रमों का सम्पूर्ण विवरण ट्रस्ट की वेबसाइट www.helputrust.org तथा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे Facebook, Twitter, LinkedIn, Tumblr, Instagram और YouTube पर आपके अवलोकनार्थ उपलब्ध है ।
आप हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ सकते हैं और ट्रस्ट को अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान कर सकते हैं। यह आवश्यक नहीं है कि आप ट्रस्ट को केवल आर्थिक सहयोग (Donation, Sponsorship, CSR आदि) ही दें, बल्कि आप अपने सेवा क्षेत्र के माध्यम से हमारे सलाहकार, आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य, सद्भावना राजदूत, या संयुक्त तत्वावधान में आयोजन करके भी जनहित में अपना योगदान दे सकते हैं ।
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ISIS's Return: How the Terror Group is Expanding Once More
Introduction Of ISIS Resurgence
ISIS Resurgence: 1 जनवरी 2025 यानी नए साल के पहले दिन ही अमेरिका बेहद बुरी तरह से दहल उठा. अमेरिका के न्यू ऑरलियन्स की बॉर्बन स्ट्रीट पर मौज-मस्ती कर रहे लोगों को एक पिकअप ट्रक ने कुचल दिया. पहले इसे सामान्य हमला माना जा रहा था. बाद में जब पिकअप ट्रक की तलाशी ली गई, तो पता चला कि यह दुर्घटना सामान्य नहीं थी. यह एक आतंकी हमला था, जिसे ISIS यानी इस्लामिक स्टेट से प्रभावित एक शख्स ने अंजाम दिया था. शख्स की पहचान शम्सुद्दीन जब्बार के रूप में की गई है. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या ISIS कुचले जाने के बाद फिर से जिंदा हो रहा है. इस बीच अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप भी सत्ता संभालने वाले हैं. ऐसे में ISIS को पहले कुचलने का दावा करने वाले डोनाल्ड ट्रंप के लिए भी यह सबसे बड़ी चुनौती है.
Table Of Content
अमेरिका में हुआ ताजा हमला
ISIS ने सीरिया के गृहयुद्ध का कैसे उठाया फायदा
ISIS-खुरासान ने संभाली कमान
UN ने ISIS को लेकर क्यों दी चेतावनी
दुनिया में ISIS के अब तक के घातक हमले
सीरिया और इराक में ISIS के ताजा हालात
अमेरिका में हुआ ताजा हमला
गौरतलब है कि ISIS के नाम से मशहूर इस आतंकी संगठन ने दुनिया भर में मौत और विनाश की क्रूर विरासत छोड़ी है. मीडिल-ईस्ट में ISIS का अब कोई खास प्रभाव वाला इलाका बचा नहीं है, लेकिन इस क्रूर संगठन ने दुनिया भर में आतंकी हमले करना जारी रखा. इसके साथ ही वह चरमपंथी विचारधारा के जरिए युवाओं को भड़काता रहता है. ISIS एक सुन्नी मुस्लिम विद्रोही गुट है, जिसे माना जाता है कि इराक में अलकायदा से जन्म हुआ. इराक में साल 2013 से लेकर 2017 तक चले गृहयुद्ध के लिए भी इस संगठन को ही जिम्मेदार माना जाता है. बाद में स्थानीय मिलिशिया और अमेरिकी सैनिकों ने इन विद्रोहियों को कुचल दिया.
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ISIS ने सीरिया के गृहयुद्ध का कैसे उठाया फायदा
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ISIS-खुरासान ने संभाली कमान
कुछ महीनों बाद 22 मार्च रूस की राजधानी मास्को स्थित एक कॉ��्सर्ट हॉल में घातक हमला किया था, जिसे अमेरिकी अधिकारियों ISIS-K(खुरासान) को दोषी ठहराया था. इस हमले में कम से कम 137 लोग मारे गए थे . 16 जुलाई को ISIS-K के आतंकियों ने ओमान के मस्जिद में गोलीबारी की, जिसमें 6 लोग मारे गए थे. इसमें ISIS ने शिया मुसलमानों को निशाना बनाया था. इन हमलों के अलावा भी इराक और सीरिया समेत कई देशों में हमले किए गए हैं.
UN ने ISIS को लेकर क्यों दी चेतावनी?
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दुनिया में ISIS के अब तक के घातक हमले
इसके बाद 22 मार्च 2016 को सुबह ब्रुसेल्स में एक एयरपोर्ट और मेट्रो स्टेशन को ISIS के आतंकियों ने उड़ा दिया था. इसमें 32 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी. साल 2016 में 14 जुलाई को फ्रांस के नीस में बैस्टिल दिवस के दिन एक व्यक्ति ने आतिशबाजी देख रही भीड़ को 19 टन वजनी ट्रक से कुचल दिया. ISIS ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन ड्राइवर के सीधे तौर पर आतंकी समूह से जुड़े होने का कोई सबूत नहीं मिले. साल 2015 में ISIS के आतंकियों ने इसी तरह जॉर्डन के सैन्य पायलट मोआज अल कसासबेह को जिंदा जलाया और इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जारी किया. वहीं, 2015 में 15-16 फरवरी को ISIS से संबंधित लीबियाई आतंकियों ने एक वीडियो जारी कर 21 मिस्र के ईसाइयों का सिर कर दिया.
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सीरिया और इराक में ISIS के ताजा हालात
सीरिया में बशर अल असद के सत्ता से बेदखल होने और सेनाओं के पतन के बाद से विदेशी मामलों के जानकारों का मानना है कि ISIS इन इलाकों में फिर से अपने पैर जमा सकता है. पिछले साल जुलाई के महीने में अमेरिकी विदेश मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता ने चेतावनी जारी करते हुए बताया था कि इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट के हमले पिछले साल की तुलना में दोगुने होने के कगार पर हैं.
बशर अल असद के हटते ही अमेरिका समर्थित कुर्द बलों और तुर्की समर्थित विद्रोहियों के बीच संघर्ष उग्र रूप लेता जा रहा है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि ISIS फिर से अपने पैर जमा सकता है. इराक में भी उनका प्रभाव बढ़ सकता है. अमेरिकी सेना की मीडिल-ईस्ट में तैनात अमेरिकी सेंट्रल कमांड के मुताबिक सीरिया में ISIS के 20 से अधिक ठिकाने मौजूद हैं. इसमे कुल 9 हजार से अधिक लड़ाके शामिल हैं. वहीं, सीरिया में 2 हजार और इराक में 2.5 हजार अमेरिकी सैनिक तैनात हैं. सीरिया में उथल-पुथल जारी है और अमेरिकी सैनिकों ने हवाई हमले जारी रखे हैं. इससे वह ISIS के लड़ाकों और शिविरों को निशाना बना रहे हैं.
Conclusion
ISIS फिलहाल सीरिया में है, लेकिन समूह का अफगान सहयोगी ISIS-K ने हाल के हमलों से यह सिद्ध कर चुका है कि वह दुनिया के किसी भी हिस्से में बड़े हमले को अंजाम दे सकता है. ISIS-K दुनिया के अलावा यह संगठन अफगानिस्तान की तालिबान सरकार से भी लड़ रहा है. अमेरिकी अधिकारी मीडिल-ईस्ट के अलावा अफ्रीकी साहेल इलाके में भी नजर रख रहे हैं, क्योंकि अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि ISIS (जिसे ISIL या अपमानजनक Daesh भी कहा जाता है) साहेल में तेजी से प्रगति कर रहा है.
बता दें कि ISIS ने ही पिछले साल मार्च में नाइजर की सेना पर हमला कर 30 जवानों को मार दिया था. ऐसे में अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि ISIS को नाइजीरिया, कांगो जैसे अफ्रीकी देशों से 60 फीसदी तक मदद मिल रही है. ISIS के लड़ाके फिलहाल हिट-एंड-रन हमले कर रहे हैं. वहीं, ISIS-K का अफगान लीडर सनाउल्लाह गफारी इसे वैश्विक संगठन बनाने की तैयारी कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र को भी डर है कि ISIS के लड़ाके अफगानिस्तान के साथ ही गृहयुद्ध की चपेट में सूडान में राजनीतिक अस्थिरता का फायदा उठा सकते हैं.
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वहीं, साल 2019 में अबू बकर अल-बगदादी के मारे जाने के बाद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका ने दुनिया के नंबर एक आतंकी को न्याय के कटघरे में खड़ा किया. अबू बकर अल-बगदादी मर चुका है, जो ISIS का संस्थापक और नेता था. उन्होंने दावा किया था कि अबू बकर अल-बगदादी को पकड़ना या मारना उनके प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता थी. उन्होंने जोर देकर कहा कि उसने दूसरों को डराने की बहुत कोशिश की थी, लेकिन अपने अंतिम समय में घबराहट और खौफ में बिताए थे.
उन्होंने दावा किया था कि अमेरिकी सैनिकों की पहुंच बहुत लंबी है, जिन्होंने ओसामा बिन लादेन के बहुत ही हिंसक बेटे हमजा बिन लादेन को मार गिराया था. अबू बकर अल-बगदादी के बाद हमने ISIS की खिलाफत को 100 प्रतिशत खत्म कर दिया है. साथ ही ISIS आतंकियों को उनके क्रूर अंत तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास करते रहेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप सत्ता संभालने के बाद बड़े पैमाने पर ISIS के आतंकियों के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं. यह बात अन्य आतंकी संगठनों पर भी लागू होती है.
बता दें कि मीडिल-ईस्ट में तैनात अमेरिकी सेंट्रल कमांड के मुताबिक जनवरी से जून 2024 तक ISIS के खिलाफ 196 मिशन चलाए गए हैं. इसमें इराक में कुल 44 ISIS ऑपरेटिव मारे गए है. वहीं, सीरिया में 59 ऑपरेशनों में 14 ISIS ऑपरेटिव मारे गए. इस दौरान इराक और सीरिया में आठ वरिष्ठ ISIS लीडर मारे गए और 32 पकड़े गए हैं. यह लीडर सीरिया और इराक के बाहर अभियानों की योजना बनाने, भर्ती करने, प्रशिक्षण देने और हथियारों की तस्करी करने के लिए जिम्मेदार थे. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि ISIS का अगला प्लान क्या होगा और डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आने के बाद इससे कैसे निपटे हैं.
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Indian Videos; भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर आर-पार से भिड़ते नजर आए दो हिरण, लोग कर रहे दिलचस्प कमेंट
Indian Videos: भारत और पाकिस्तान के सीमा पर हमेशा तनाव रहता है। देश की रक्षा के लिए हमारे जवान हमेशा सरहद पर खड़े रहते हैं। कभी-कभार दोनों देशों के जवानों के बीच झड़प भी हो जाती है। लेकिन सोशल मीडिया पर इन दिनों एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें भारत-पाक की सीमा पर जवान नहीं बल्कि दो हिरण आमने-सामने हो गए। घटना का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। आमने-सामने हुए दो…
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#समर्थ #परमात्मा #कबीर
हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण: सनातनी पूजा का अंत और पुनः उत्थान
दुनियाभर में धर्म को मानने वालों की कोई कमी नहीं है लेकिन आज पूरे विश्व में धर्म के नाम पर पाखण्ड और अंधविश्वास चरम सीमा पर देखने को मिल रहा है जिससे मानव को कोई सुख प्राप्त नहीं होता। धर्मगुरुओं को अपने ही धर्मशास्त्रों का ज्ञान हुआ नहीं, जिसके कारण उन्होंने मानव को शास्त्रविरुद्ध क्रियाओं जैसे व्रत, उपवास, तीर्थ, हठयोग आदि शास्त्रविरुद्ध मनमाने आचरण में लगा दिया, जिसने आगे पाखण्ड और अंधविश्वास का रूप ले लिया। वहीं पाखण्ड और अंधविश्वास से मुक्ति दिलाने तथा मानव को धर्मग्रंथों के सत्यज्ञान से परिचित कराने के लिए संत रामपाल जी महाराज द्वारा अनेकों पुस्तकें लिखी जा चुकी हैं जिनका प्रचार उनके अनुयायियों द्वारा देश हो या विदेश गाँव, नगर, कस्बों, शहरों में घर-घर जाकर किया जा रहा हैं तो वहीं सोशल मीडिया के माध्यम से भी इन पुस्तकों का प्रचार उनके समर्थकों द्वारा किया जा रहा है ताकि लोग पाखण्डवाद, अंधविश्वास, शास्त्रविरुद्ध कर्मकांडो को त्यागकर सतमार्ग ग्रहण कर सकें।
इसी बात के मद्देनजर जगतगुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा एक पवित्र पुस्तक हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण लिखी गई है जो हिन्दू समाज के लिए संजीवनी है तथा वरदान सिद्ध होने वाली है जिसमें सूक्ष्मवेद यानि तत्त्वज्ञान दिया गया है। साथ ही, मानव को समझने के लिए वेदों, गीता तथा पुराणों आदि शास्त्रों के प्रमाण दिए गए हैं। जिसमें मानव की प्रत्येक शंका का समाधान संत रामपाल जी महाराज द्वारा प्रमाण सहित किया गया है। वहीं इस लेख के माध्यम से आपको जानने को मिलेगा:
क्या संत रामपाल जी ब्रह्मा, विष्णु, महेश की भक्ति छुड़वाते हैं?
संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य
एक आदि सनातन (पंथ) धर्म से कैसे हुए अनेक?
शास्त्रानुकूल पूजा और शास्त्रविरुद्ध पूजा में अंतर
कैसे हुआ शास्त्रानुकूल सनातनी पूजा का अंत?
पवित्र गीता का ज्ञान कब बोला गया?
शास्त्रानुकूल सनातनी पूजा का पुनः उत्थान
संत रामपाल जी प्रदान कर रहे तत्त्वज्ञान
क्या संत रामपाल जी ब्रह्मा, विष्णु, महेश की भक्ति छुड़ाते हैं?
संत रामपाल जी महाराज कहते हैं,
ब्रह्मा, विष्णु तथा महेशा। तीनूं देव दयालु हमेशा।।
तीन लोक का राज है। ब्रह्मा, विष्णु महेश।।
तीनों देवता कमल दल बसै, ब्रह्मा, विष्णु, महेश।
प्रथम इनकी बंदना, फिर सुन सतगुरू उपदेश।।
अर्थात् तीनों देवता श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा श्री शिव जी बहुत दयालु हैं। इनकी केवल तीन लोक (स्वर्ग लोक, पाताल लोक, पृथ्वी लोक) में सत्ता यानि प्रभुता है, ये तीन लोक के मालिक हैं, परंतु लोक तो बहुत सारे हैं जिनका मालिक परम अक्षर ब्रह्म है जिसकी सत्ता तीनों लोकों समेत सब पर है। मोक्ष प्राप्ति के लिए प्रथम इन तीनों देवताओं की बंदना यानि साधना करनी होती है। फिर सतगुरू का उपदेश सुनो जो परम अक्षर ब्रह्म की पूजा साधना बताएगा। उस संत से तत्त्वज्ञान सुनो। तत्त्वदर्शी संत पूर्ण मोक्ष प्राप्ति की साधना / पूजा बताता है। पूर्ण मोक्ष के लिए इन तीनों देवताओं की शास्त्रोक्त यानि शास्त्रानुकूल साधना करनी होती है, परंतु पूजा गीता अध्याय 8 श्लोक 3, 8-10, अध्याय 15 श्लोक 17, अध्याय 18 श्लोक 62 में बताए "परम अक्षर ब्रह्म" की ही करनी होती है। परम अक्षर ब्रह्म को गीता अध्याय 8 श्लोक 9 तथा अध्याय 15 श्लोक 17 में गीता ज्ञान देने वाले प्रभु ने अपने से अन्य बताया है तथा कहा है कि उत्तम पुरुष यानि पुरूषोत्तम तो मेरे से अन्य
है, वही सबका धारण-पोषण करने वाला अविनाशी परमेश्वर है जिससे स्पष्ट है कि संत रामपाल जी महाराज ब्रह्मा, विष्णु, शिव जी की भक्ति नहीं छुड़वाते बल्कि शास्त्रानुकूल भक्ति बताते हैं।
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