#आयुर्वेद
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शिरोधारा: आयुर्वेदिक चिकित्सा की अद्वितीय विधि
शिरोधारा एक प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति है, जिसमें लगातार धारा की तरह एक विशेष औषधीय तेल या तरल पदार्थ को माथे पर डाला जाता है। यह उपचार न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक और भावनात्मक संतुलन को भी पुनः स्थापित करने में सहायक है। शिरोधारा का शाब्दिक अर्थ होता है "सिर पर धार"।
शिरोधारा के लाभ
तनाव और चिंता में राहत: शिरोधारा तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करता है। यह मस्तिष्क को शांत करता है और मानसिक शांति प्रदा�� करता है।
नींद की गुणवत्ता में सुधार: यह अनिद्रा और नींद से संबंधित समस्याओं के उपचार में अत्यधिक प्रभावी है। शिरोधारा के बाद अच्छी और गहरी नींद आती है।
माइग्रेन और सिरदर्द में राहत: नियमित शिरोधारा सत्र माइग्रेन और लगातार सिरदर्द को कम करने में सहायक होते हैं।
मस्तिष्क की कार्यक्षमता में वृद्धि: शिरोधारा मानसिक स्पष्टता, स्मरण शक्ति और एकाग्रता को बढ़ावा देता है।
चमकती त्वचा: यह त्वचा को पोषण प्रदान करता है और चेहरे की चमक को बढ़ाता है।
रक्तचाप को नियंत्रित करना: यह उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है और संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
नर्वस सिस्टम की उत्तेजना को शांत करना: शिरोधारा नर्वस सिस्टम की उत्तेजना को शांत करता है और पूरे शरीर में एक आरामदायक अनुभव पैदा करता है।
शिरोधारा का अनुभव
शिरोधारा का सत्र अत्यंत आरामदायक होता है, जहाँ आप एक आरामदायक स्थिति में लेटे रहते हैं। एक विशेष औषधीय तेल या तरल पदार्थ का धीमी गति से और लगातार आपके माथे के बीचोबीच डाला जाता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर 30-60 मिनट तक चलती है और इसके बाद आप तरोताजा और पुनःजीवित महसूस करते हैं।
आइए, शिरोधारा के अद्वितीय लाभों का अनुभव करें और अपने शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को पुनः संतुलित करें। शिरोधारा के लिए आज ही अपॉइंटमेंट बुक करें और आयुर्वेद की इस प्राचीन चिकित्सा विधि से अपने जीवन को नई दिशा दें।
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स्वभावाला औषध आहे: बाच फ्लॉवर थेरपीचे महत्व
आपल्या जीवनात अनेकदा भावनिक ताणतणाव आणि मानसिक अस्थिरता येते, जी आपल्या आरोग्यावर आणि स्वभावावर परिणाम करते. अशा वेळेस अनेक जण औषधांचा आधार घेतात, परंतु त्यातून काही जणांना फारसा फायदा होत नाही. यासाठी बाच फ्लॉवर थेरपी ही एक नैसर्गिक आणि प्रभावी पद्धत आहे, जी आपल्या स्वभावातील ताणतणाव आणि नकारात्मक भावना कमी करण्यासाठी उपयोगी ठरते. बाच फ्लॉवर थेरपी म्हणजे काय? बाच फ्लॉवर थेरपी ही एक…
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आयुर्वेदिक मेन पावर कैप्सूल
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लीच थैरेपी का बढ़ता चलन और संभावनाएं
चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में अपनी ख़ास जगह बना चुकी लीच थैरेपी या जोंक चिकित्सा का दायरा बढ़ता जा रहा है.अनेक रोगों, और उन जटिलताओं में भी यह कारगर साबित हो रही है जहां आधुनिक चिकित्सा पद्धति या एलोपैथी नाक़ाम हो जाती है.इसे यूं कहिये कि अब यह एक पूरक और वैकल्पिक चिकित्सा की परिधि से बाहर निकलकर अपनी विशिष्टता सिद्ध करती दिखाई देती है.कुछ मामलों में तो जोंक चिकित्सा आज एकमात्र उपचार विधि या आख़िरी…
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भारतीय संस्कृति की विश्व में स्वीकार्यता
पिछले एक दशक में भारत में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन देखा गया है। इस बदलाव का न केवल भारत पर, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है। भारतीय संस्कृति और जीवन शैली से जुड़े कई पहलू दुनिया भर में सम्मान और सहजता से अपनाए जा रहे हैं। जहां पहले अंग्रेजों द्वारा पोषित नेहरू-गांधी तंत्र का प्रभुत्व था, अब राष्ट्रीय भावनाओं से ओत-प्रोत तंत्र का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।भारतीय संस्कृति की…
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डॉ. आयुर्वीता, दिल्ली की बेहतरीन आयुर्वेदिक डॉक्टर से पाएं प्राकृतिक उपचार। आयुर्वेद के साथ अपनी त्वचा को फिर से स्वस्थ और खूबसूरत बनाएं।
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क्या शिलाजीत और अश्वगंधा आपके स्वास्थ्य को बढ़ा सकते हैं? इस ब्लॉग में जानें इन आयुर्वेदिक गुणों के चमत्कारी फायदे और आपके जीवन को सुधारने के उपाय।
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*क्या #वेद ईसा पूर्व मे था?* *वर्तमान समय मे वेद पुस्तक को कहा जाता है, जो चार खंडो {(1) ऋज्ञवेद, 2) सामवेद, 3) यजुर्वेद, 4) अथर्ववेद} मे उपलब्ध है|* *वेद ईसा पूर्व काल मे था इसको जानने के लिए वेद शब्द का अर्थ जानना होगा, तभी जान पाएंगे कि वेद पुस्तक ईसा पूर्व था भी की नही!* *#वेद पालि शब्दकोश का शब्द है| कच्चान व्याकरण अनुसार विद धातु से वेद, विद्या, विद्यालय, वेदना, वेदगु, वेदयितं, वेदयामी, वेदमानो जैसा शब्द बना है| जो बुद्ध वंदना मे #लोक_विदु के तौर पर प्रयोग होता है, तो मिलिंद वग्गो के तीसरे अध्याय मे #वेदगू_पञ्हो और चक्रवर्ती सम्राट अशोक मौर्य द्वारा लिखित "बैराट भाबरु" अभिलेख मे #विदितेवे के रूप मे मिलता है|* *जिसमे #लोक_विदु का अर्थ- संसार का ज्ञाता, #वेदगू-ऊँचतम अनुभवी, #विदितेवे-अनुभव प्राप्त करने वाला होता है| यानी #वेद का अर्थ अनुभव होता है👈* *इसलिए तिपिटक मे भगवान बुद्ध को #तण्ह_वेदगु कहा जाता है| यानी स्वयं के अनुभव से तीन प्रकार का ज्ञान प्राप्त करने वाला|👈* *अब आते है आज वाले चार वेद से #हटकर पांचवे वेद पर, जिसका नाम #आयुर्वेद है| इस आयुर्वेद को वेद पुस्तक से दूर-दूर तक का कोई संबंध नही है|फिर इसका नामकरण #आयुर्वेद क्यों हुआ?* *#आयुर का अर्थ योगपीडिया अनुसार #जीवन होता है और #वेद का अर्थ तिपिटक अनुसार अनुभूति द्वारा प्राप्त ज्ञान होता है| यानी 👉💝जीवन से सम��बंधित जो ज्ञान अनुभूति पर प्राप्त हुआ, उसे आयुर्वेद कहते है|* *फिर आज वाले पुस्तकीय वेद मे अनुभूति वाला तो कोई ज्ञान है ही नही| वहां तो* *1) ऋज्ञवेद मे देवताओ को आह्वान करने का मंत्र है, तो* *2) सामवेद मे यज्ञ मे गाने वाला संगीतमय मंत्र है, तो* *3) यजुर्वेद मे यज्ञ का कर्मकांड है, तो* *4) अथर्ववेद मे जादू, टोना, चमत्कार की बात है|* *आखिर ऐसा क्यों?* *आज वाले वेद ब्राह्मणी व्यवस्था मे अद्वैतवाद वाला दर्शन (Philosophy) की पुस्तक है|जिसकी एक पांडुलिपि शारदा लिपि मे छालपत्र पर और 29 पांडुलिपि कागज पर नागरी लिपि मे लिखी मिली थी| जिसे वर्तमान समय मे भंडारकर संस्थान पुणे मे रखा है| उसी 30 पांडुलिपि से चौदहवीं सदी मे सायन ने भाष्य करते हुए पुस्तक का रूप दिया है|जिसमे बाह्मी लिपि से शारदा लिपि का जन्म कश्मीर क्षेत्र मे आठवीं सदी लगभग और बाह्मी लिपि से नागरी लिपि का जन्म दसमीं सदी मे लगभग हुआ है| तदुपरांत उसके बाद वेद पुस्तक का भाष्य चौदहवीं सदी मे सायन द्वारा हुआ है|* *वेद पुस्तक की पांडुलिपि और भाष्य करने वालो की धूर्तता सिर्फ इतनी ही है कि इन सबो ने मिलकर सम्यक संस्कृति वाला पालि शब्द #वे (at UttarPradesh India) https://www.instagram.com/p/Cn_tzcJsM5B/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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मिलावट का ज़माना है , हवा पानी भी शुद्ध नहीं मिलता , दूध , घी तक में मिलावट है लेकिन क्या आप जानते हैं सबसे ज्यादा मिलावट हींग में की जाती है , क्योंकि शुद्ध और बढ़िया हींग 320 रूपये की 10 gm आती है तो 10 रूपये की 10 gm हींग क्या आपको लगता है शुद्ध होगी , होगई न 32 गुना मिलावट , मिलावट मैदा की , मिलावट गोंद की , मिलावट रंगों की , और पता नहीं कितने तरीके की मिलावट की जाती है जो हींग आप खाते है उसमे लेकिन समस्या ये भी होती है की अगर कोई खरीदना चाहे शुद्ध हींग तो खरीदे कहा से तो दोस्तों आप शुद्ध हींग हमारे आयुर्वेदिक स्टोर से खरीद सकते हैं , हमारा दावा है की अगर आपने एक बार शुद्ध हींग प्रयोग कर ली तो उसके बाद आप कभी मिलावटी हींग नहीं खायेंगे शुद्ध हींग की कीमत है ३२००० रूपये किलो , माने 320 रूपये तोला (10 GM) हमारे स्टोर का पता है 1/7289 , EAST Gorakh Park , Shahdara , Delhi-110032 हमारा whatsapp नो. है 8882747494
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विभिन्न उपचारों को आजमाकर आयुर्वेद की ओर लौट रही दुनिया: पीएम मोदी
विभिन्न उपचारों को आजमाकर आयुर्वेद की ओर लौट रही दुनिया: पीएम मोदी
प्रधान मंत्री ने घोषणा की कि देश में जल्द ही एक राष्ट्रीय आयुष अनुसंधान संघ होगा। Source link
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ल्यूकोडर्मा केयर किट
आयुर्वेदिक चिकित्सा के साथ अपने त्वचा के रंग को वापस पाएं! 🌿 हमारे विटिलिगो - ल्यूकोडर्मा केयर किट के साथ प्राकृतिक उपचार का अनुभव करें। #आयुर्वेद #त्वचास्वास्थ्य
ऑनलाइन ऑर्डर के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएँ- https://www.shrichyawanayurved.com/products/leucoderma-care-kit 📞📞 95162 64444
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क्षार सूत्र क्या है? यह कैसे बनता है, और किन-किन बीमारियों में इस्तेमाल होता है जानिए
क्षार सूत्र आयुर्वेद की एक पैरा सर्जिकल तकनीक है, जो मेडिकेटेड या औषधियुक्त धागे के रूप में विख्यात है.शास्त्रों में सूत्र रूप से वर्णित क्षार सूत्र की चिकित्सा विधि कई बीमारियों, जैसे बवासीर, फिशर, फिस्टुला, आदि को समूल नष्ट करने सक्षम मानी जाती है.विशेषज्ञों के मुताबिक़ कई बार एलोपैथिक सर्जरी के बाद भी मरीज़ पूरी तरह ठीक नहीं हो पाता है, और इसके दुष्प्रभाव भी होते हैं, जबकि क्षार सूत्र विधि से…
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#अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान#अपामार्ग#आयुर्वेद#औषधियुक्त धागा#क्षार#क्षार सूत्र#डॉक्टर व्यासदेव महंता#तकनीक#धागा#पाइल्स#पानीय और प्रतिसारणीय#फिशर#फिस्टुला#बवासीर#बीएच��ू#भगंदर#महर्षि सुश्रुत#लटजीरा#विज्ञान#स्नुही दूध#स्वास्थ्य
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Rajasthan Ayurved Vibhag Recruitment 2023
Rajasthan Ayurved Vibhag Recruitment 2023 : राजस्थान आयुर्वेद विभाग भर्ती 2023 का नोटिफिकेशन जारी हो गया है। इसके तहत आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के 652 पदों पर भर्ती की जाएगी। राजस्थान आयुर्वेद विभाग भर्ती 2023 के लिए ऑनलाइन आवेदन 26 जून 2023 को सुबह 10:00 बजे से शुरू हो जाएंगे। Rajasthan Ayurved Vibhag Recruitment 2023 के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि तक 20 जुलाई 2023 को मध्य रात्रि 12:00 तक रखी…
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#Ayurved Vibhag Recruitment 2023#Ayurveda Medical Officer Recruitment 2023#Rajasthan Ayurved Vibhag 2023#Rajasthan Ayurved Vibhag Bharti 2023#Rajasthan Ayurved Vibhag Recruitment#Rajasthan Ayurved Vibhag Recruitment 2023#Rajasthan Ayurveda Medical Officer#आयुर्वेद विभाग भर्ती 2023#राजस्थान आयुर्वेद विभाग 2023#राजस्थान आयुर्वेद विभाग भर्ती 2023
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वैश्विक आयुर्वेद महोत्सव: वैश्विक आयुर्वेद महोत्सव का 5वां संस्करण केरल में आयोजित किया जाएगा
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम ग्लोबल आयुर्वेद फेस्टिवल (GAF 2023) के पांचवें संस्करण की मेजबानी करेगी। 1 दिसंबर से 5 दिसंबर तक होने वाला यह कार्यक्रम कार्यावत्तम के ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। GAF 2023 का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा में उभरती चुनौतियों और समग्र उपचार प्रणाली के रूप में आयुर्वेद के नए महत्व को उजागर करना है। मुख्य बिंद��� GAF 2023 ‘Emerging challenges in…
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