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अश्वगंधा के फायदे-(Benefits Of Ashwagandha )-अश्वगंधा प्लांट (Ashwagandha Plant)
अनेक प्रकार के रोगों को दूर करने के लिए इस जड़ी बूटी का उपयोग प्रयोग में लाया जाता है । आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति में अश्वगंधा के अनेक फायदों ( ashwagandha benefits) के विषय में विस्तृत रूप से बताया गया है । मानव शरीर को लाभ पहुंचने के लिए या जड़ी बूटी जानी जाती है । Read more
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पुरुषों में कामेच्छा बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा
अक्सर पुरुषों और महिलाओं को सेक्सुअल स्टेमिना (sexual stamina) और टाइमिंग (timing) को लेकर चिंता रहती है। जीवन की व्यस्तता, मानसिक तनाव, शारीरिक थकान, और असंतुलित जीवनशैली इन सभी कारणों से सेक्सुअल प्रदर्शन पर असर पड़ता है। हालांकि, आयुर्वेदिक और देसी दवाओं के माध्यम से आप अपनी सेक्सुअल टाइमिंग को बेहतर बना सकते हैं और अपनी लाइफ में संतुष्टि और खुशी पा सकते हैं।
इस ब्लॉग में हम टाइमिंग बढ़ाने की देसी दवाओं और प्राकृतिक उपायों पर चर्चा करेंगे, जिन्हें आप अपने जीवन में आसानी से शामिल कर सकते हैं।
1. अश्वगंधा (Ashwagandha) – तनाव कम करने और सेक्सुअल स्टेमिना बढ़ाने के लिए
अश्वगंधा एक प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो मानसिक तनाव को कम करने, ऊर्जा को बढ़ाने, और सेक्सुअल स्टेमिना को बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध है। यह शरीर को प्राकृतिक रूप से ताजगी प्रदान करता है और सेक्सुअल प्रदर्शन को बेहतर बनाता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
अश्वगंधा पाउडर को गर्म दूध के साथ लें। आप इसे कैप्सूल या टैबलेट के रूप में भी ले सकते हैं।
2. शतावरी (Shatavari) – महिलाओं के लिए उत्तम दवा
शतावरी एक प्राकृतिक रिवाइटलाइज़र है, जो महिलाओं के हार्मोनल संतुलन को बेहतर बनाता है और सेक्सुअल स्टेमिना बढ़ाता है। यह महिला प्रजनन प्रणाली को स्वस्थ रखने के साथ-साथ सेक्सुअल इच्छा को भी उत्तेजित करता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
शतावरी पाउडर को दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है, या फिर इसे टैबलेट के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं।
3. गोक्षुरा (Gokshura) – पुरुषों के लिए शक्तिवर्धक दवा
गोक्षुरा पुरुषों के लिए एक आदर्श आयुर्वेदिक औषधि है, जो सेक्सुअल शक्ति और स्टेमिना को बढ़ाती है। यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाता है, जिससे पुरुषों की सेक्सुअल क्षमता में सु��ार होता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
गोक्षुरा पाउडर को पानी में मिलाकर सेवन करें या फिर कैप्सूल के रूप में लें।
4. सफेद मूसली (Safed Musli) – शारीरिक ऊर्जा बढ़ाने का प्राकृतिक उपाय
सफेद मूसली एक शक्तिवर्धक जड़ी-बूटी है, जो सेक्सुअल प्रदर्शन को बेहतर बनाती है। यह शारीरिक थकान को दूर करने, स्टेमिना बढ़ाने और शुक्राणु की गुणवत्ता को सुधारने में मदद करती है।
कैसे इस्तेमाल करें:
सफेद मूसली पाउडर को दूध के साथ लेने से उत्तम परिणाम मिलते हैं।
5. कौंच बीज (Kaunch Beej) – यौन क्षमता और टाइमिंग बढ़ाने के लिए
कौंच बीज (Mucuna pruriens) एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक उपाय है, जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाता है और यौन प्रदर्शन को सुधारता है। यह न केवल सेक्सुअल समय बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक शक्ति को भी बढ़ाता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
कौंच बीज पाउडर को दूध के साथ या गर्म पानी में मिलाकर लें।
6. विदारिकंद (Vidarikand) – शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाने के लिए
विदारिकंद आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि मानी जाती है, जो शरीर की कमजोरी को दूर करने, ऊर्जा बढ़ाने और सेक्सुअल स्टेमिना को बढ़ाने में मदद करती है। यह विशेष रूप से पुरुषों के लिए लाभकारी है।
कैसे इस्तेमाल करें:
विदारिकंद पाउडर को गर्म दूध के साथ लेने से उत्तम परिणाम मिलते हैं।
7. जटामांसी (Jatamansi) – मानसिक शांति और सेक्सुअल नियंत्रण के लिए
जटामांसी एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो मानसिक शांति और तनाव को दूर करने में मदद करती है। मानसिक तनाव और चिंता सेक्सुअल प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, इसलिए जटामांसी को नियमित रूप से सेवन करने से सेक्सुअल टाइमिंग बेहतर हो सकती है।
कैसे इस्तेमाल करें:
जटामांसी पाउडर को दूध में मिलाकर या फिर टैबलेट के रूप में सेवन करें।
8. सही आहार और जीवनशैली
इसके अलावा, आहार और जीवनशैली का भी सेक्सुअल स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। नीचे कुछ सुझाव दिए गए हैं:
पोषक आहार: ताजे फल, हरी सब्जियां, नट्स, और ओमेगा-3 से भरपूर खाद्य पदार्थ सेक्सुअल स्वास्थ्य को बढ़ाते हैं।
संतुलित जीवनशैली: नियमित व्यायाम, योग, और प्राणायाम से मानसिक और शारीरिक तनाव कम होता है, जिससे सेक्सुअल टाइमिंग बेहतर होती है।
प्राकृतिक जड़ी-बूटियाँ: शहद, गुनगुना पानी, अदरक और हल्दी जैसे प्राकृतिक उपाय भी सेक्सुअल प्रदर्शन को बेहतर बनाने में सहायक हो सकते हैं।
निष्कर्ष
यदि आप टाइमिंग बढ़ाने की देसी दवाओं के माध्यम से अपनी सेक्सुअल शक्ति और स्टेमिना को बढ़ाना चाहते हैं, तो आयुर्वेदिक उपचार एक प्रभावी और सुरक्षित तरीका हो सकता है। प्राकृतिक जड़ी-बूटियाँ जैसे अश्वगंधा, शतावरी, गोक्षुरा, और सफेद मूसली आपकी सेक्सुअल जीवन को बेहतर बना सकती हैं। साथ ही, सही आहार, नियमित व्यायाम, और मानसिक शांति को बनाए रखना भी आवश्यक है।
ध्यान दें: इन उपायों को अपनाने से पहले किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
टैग्स:
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पुरुषों में कामेच्छा बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा: प्राकृतिक तरीके से सुधारें अपनी सेक्सुअल हेल्थ
कामेच्छा (libido) या यौन इच्छा एक प्राकृतिक शारीरिक और मानसिक प्रक्रिया है, लेकिन कभी-कभी उम्र, तनाव, थकान, या शारीरिक समस्याओं के कारण यह घट सकती है। आयुर्वेद में ऐसे कई प्राकृतिक उपाय और जड़ी-बूटियाँ हैं, जो पुरुषों में कामेच्छा को बढ़ाने में सहायक हो सकती हैं। यदि आप भी अपनी सेक्स लाइफ को और बेहतर बनाना चाहते हैं, तो इन आयुर्वेदिक दवाओं को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से आपको लाभ हो सकता है।
इस ब्लॉग में हम पुरुषों में कामेच्छा बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवाओं और प्राकृतिक उपायों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
1. अश्वगंधा (Ashwagandha) – सेक्सुअल वigor और ऊर्जा बढ़ाने के लिए
अश्वगंधा (Withania somnifera) एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो पुरुषों के लिए विशेष रूप से कामेच्छा बढ़ाने के लिए मानी जाती है। यह तनाव को कम करती है, ऊर्जा स्तर बढ़ाती है, और सेक्सुअल हॉर्मोन्स को संतुलित करती है। अश्वगंधा पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ाने के लिए भी जानी जाती है, जो सेक्सुअल इच्छा के लिए महत्वपूर्ण है।
कैसे इस्तेमाल करें:
अश्वगंधा पाउडर को गर्म दूध या पानी के साथ दिन में दो बार लें। आप इसे कैप्सूल या टैबलेट के रूप में भी ले सकते हैं।
2. शतावरी (Shatavari) – यौन शक्ति और प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए
शतावरी (Asparagus racemosus) एक और शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो न केवल महिलाओं के लिए बल्कि पुरुषों के लिए भी लाभकारी है। यह पुरुषों की प्रजनन क्षमता को बढ़ाती है और यौन ऊर्जा में सुधार करती है। शतावरी पुरुषों में वीर्य वृद्धि और सेक्सुअल इच्छा को बढ़ाने में मदद करती है।
कैसे इस्तेमाल करें:
शतावरी पाउडर को गर्म दूध में मिलाकर सेवन करें। आप इसे टैबलेट के रूप में भी ले सकते हैं।
3. गोक्षुरा (Gokshura) – टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने के लिए
गोक्षुरा (Tribulus terrestris) एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे विशेष रूप से पुरुषों के लिए कामेच्छा बढ़ाने और टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। यह न केवल यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है, बल्कि पुरुषों की यौन प्रदर्शन क्षमता को भी बढ़ाती है।
कैसे इस्तेमाल करें:
गोक्षुरा पाउडर को पानी के साथ या फिर कैप्सूल के रूप में लें। इसका नियमित सेवन आपकी यौन शक्ति को बढ़ा सकता है।
4. सफेद मूसली (Safed Musli) – सेक्सुअल ऊर्जा और स्टेमिना बढ़ाने के लिए
सफेद मूसली (Chlorophytum borivilianum) एक शक्तिवर्धक जड़ी-बूटी है, जो सेक्सुअल शक्ति को बढ़ाती है और यौन इच्छा को उत्तेजित करती है। यह शरीर को ताकत प्रदान करती है और वीर्य वृद्धि में भी सहायक होती है। सफेद मूसली का सेवन पुरुषों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, जो यौन क्षमता में सुधार चाहते हैं।
कैसे इस्तेमाल करें:
सफेद मूसली पाउडर को गर्म दूध या पानी के साथ सेवन करें। यह प्राकृतिक रूप से यौन प्रदर्शन को बढ़ाता है।
5. कौंच बीज (Kaunch Beej) – यौन इच्छा और शक्ति बढ़ाने के लिए
कौंच बीज (Mucuna pruriens) एक बहुत प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय है, जो पुरुषों में यौन इच्छा को बढ़ाता है। यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को उत्तेजित करता है, जिससे यौन इच्छा में वृद्धि होती है। कौंच बीज मानसिक और शारीरिक थकान को भी दूर करता है, जिससे सेक्सुअल प्रदर्शन में सुधार होता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
कौंच बीज को दूध के साथ सेवन करें, या फिर इसे पाउडर रूप में लें।
6. विदारिकंद (Vidarikand) – शारीरिक ऊर्जा और यौन शक्ति बढ़ाने के लिए
विदारिकंद (Pueraria tuberosa) आयुर्वेद में एक प्रमुख जड़ी-बूटी है, जो पुरुषों की शारीरिक ऊर्जा और यौन शक्ति को बढ़ाती है। यह शरीर में कमजोरी को दूर करती है और पुरुषों में यौन प्रदर्शन में सुधार करती है। विदारिकंद का नियमित सेवन शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाता है, जो कामेच्छा को भी बढ़ाता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
विदारिकंद पाउडर को गर्म दूध के साथ लिया जा सकता है।
7. जटामांसी (Jatamansi) – मानसिक शांति और यौन स्वास्थ्य के लिए
जटामांसी (Nardostachys jatamansi) एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो मानसिक शांति को बढ़ाती है और मानसिक ��नाव को कम करती है। जब मानसिक तनाव कम होता है, तो यौन इच्छा और प्रदर्शन में सुधार होता है। जटामांसी का सेवन पुरुषों में कामेच्छा को बढ़ाने के लिए सहायक हो सकता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
जटामांसी पाउडर को गर्म दूध में मिलाकर सेवन करें।
8. सही आहार और जीवनशैली
इसके साथ ही, एक संतुलित आहार और सही जीवनशैली भी महत्वपूर्ण है। पुरुषों को प्राकृतिक खाद्य पदार्थ जैसे नट्स, बीज, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, और फल खाने चाहिए। तनाव को कम करने के लिए योग और प्राणायाम करें, और रात को पर्याप्त नींद लें। सही जीवनशैली कामेच्छा को बढ़ाने में मदद करती है।
निष्कर्ष
यदि आप पुरुषों में कामेच्छा बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो आप अश्वगंधा, शतावरी, गोक्षुरा, सफेद मूसली, कौंच बीज, विदारिकंद और जटामांसी जैसी प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का उपयोग कर सकते हैं। ये दवाएँ न केवल आपकी यौन इच्छा को बढ़ाएंगी, बल्कि आपकी शारीरिक और मानसिक शक्ति को भी बढ़ाएँगी।
Click here to Read A Blog- लंबे समय तक सेक्स करने की आयुर्वेदिक दवा क्या है?
ध्यान रखें: आयुर्वेदिक उपायों का असर धीरे-धीरे दिखता है, इसलिए इनका सेवन नियमित रूप से करें और परिणामों को महसूस करने के लिए धैर्य रखें। किसी भी जड़ी-बूटी या उपाय को अपनाने से पहले एक योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
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क्या शिलाजीत और अश्वगंधा आपके स्वास्थ्य को बढ़ा सकते हैं? इस ब्लॉग में जानें इन आयुर्वेदिक गुणों के चमत्कारी फायदे और आपके जीवन को सुधारने के उपाय।
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आपकी टाइमिंग बढ़ाने के लिए यह देसी दवा एक वरदान हो सकती है!
क्या आप टाइमिंग बढ़ाने की देसी दवा की तलाश में हैं? क्या आप अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाना चाहते हैं? अगर हाँ, तो आप सही जगह पर हो सकते हैं। इस लेख में, हम आपको टाइमिंग बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा के बारे में बताएंगे, जिसमें शिलाजीत और अश्वगंधा के फायदे हो सकते हैं।
टाइमिंग कम होने के कारण
टाइमिंग कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हो सकते हैं:
शारीरिक कारण: कम तेस्टोस्टेरोन का स्तर, थायरॉइड विकार, मधुमेह, दिल की बीमारियां आदि हो सकते हैं।
मानसिक कारण: तनाव और चिंता, अवसाद और मनोविकार आदि हो सकते हैं।
जीवनशैली से जुड़े कारण: शराब और धूम्रपान, कम व्यायाम, अनियमित आहार आदि हो सकते हैं।
आयु: आयु बढ़ने के साथ शारीरिक क्षमताएं कम हो सकती हैं।
टाइमिंग बढ़ाने की देसी दवा: शिलाजीत और अश्वगंधा के फायदे
टाइमिंग बढ़ाने की देसी दवा के कई फायदे हो सकते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हो सकते हैं:
शिलाजीत के फायदे
शिलाजीत एक प्राकृतिक उत्पाद हो सकता है जो हिमालय की पहाड़ियों में पाया जाता है।
यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट हो सकता है जो शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचा सकता है।
शिलाजीत का सेवन करने से टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ सकता है, जिससे सेक्स ड्राइव में सुधार हो सकता है और टाइमिंग में वृद्धि हो सकती है।
अश्वगंधा के फायदे
अश्वगंधा एक प्राकृतिक हर्ब हो सकता है जो शरीर को तनाव से लड़ने में मदद कर सकता है।
यह एक शक्तिशाली एडाप्टोजेन हो सकता है जो शरीर को तनाव के प्रभावों से बचा सकता है।
अश्वगंधा का सेवन करने से सेक्स ड्राइव में सुधार हो सकता है और टाइमिंग बढ़ सकती है।
टाइमिंग बढ़ाने की देसी दवा के अन्य फायदे
टाइमिंग बढ़ाने की देसी दवा के अन्य फायदे हो सकते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हो सकते हैं:
सेक्स ड्राइव में सुधार: टाइमिंग बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा का सेवन करने से सेक्स ड्राइव में सुधार हो सकता है।
टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ाना: टाइमिंग बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा का सेवन करने से टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ाया जा सकता है।
तनाव कम करना: टाइमिंग बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा का सेवन करने से तनाव कम किया जा सकता है।
टाइमिंग बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा का सेवन कैसे करें
टाइमिंग बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा का सेवन करने के लिए, आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना हो सकता है:
शिलाजीत का सेवन:
शिलाजीत कैप्सूल और रेजिन के रूप में उपलब्ध हो सकता है। आप शिलाजीत का सेवन गुनगुने पानी या दूध के साथ कर सकते हैं।
शिलाजीत रेजिन को गुनगुने पानी या दूध में मिलाकर सुबह खाली पेट लिया जा सकता है।
अश्वगंधा का सेवन:
अश्वगंधा का सेवन करने के लिए, इसे पानी या दूध के साथ मिलाकर पीना हो सकता है।
नियमित सेवन की सलाह दी जा सकती है।
निष्कर्ष
टाइमिंग बढ़ाने की देसी दवा एक प्राकृतिक और सुरक्षित तरीका हो सकता है जिससे आप अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बना सकते हैं। शिलाजीत और अश्वगंधा के फायदे इसे एक शक्तिशाली और प्रभावी दवा बना सकते हैं। इसलिए, अगर आप अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो टाइमिंग बढ़ाने की देसी दवा का सेवन करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
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अश्वगंधा पाेषक तत्वाें से भरपूर हाेता है। पुरुषाें के लिए इसके फायदे जानकर आप हैरान हाे जाएंगे। अगर पुरुष नियमित रूप से इसका सेवन करेंगे, ताे उन्हें कभी भी सेक्सुअल लाइफ से जुड़ी समस्याओं से नहीं जूझना पड़ेगा।
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Arjun Ashwagandha Juice Ke Fayde
अर्जुन और अश्वगंधा दो महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ हैं, जिनका उपयोग सदियों से स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जाता रहा है। जब इन दोनों को मिलाकर जूस बनाया जाता है, तो यह शरीर के लिए अत्यधिक फायदेमंद होता है। आइए जानते हैं अर्जुन अश्वगंधा जूस के प्रमुख लाभ।
हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद अर्जुन की छाल हृदय को मजबूत बनाने में मदद करती है। यह रक्तचाप को नियंत्रित करता है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित रखता है। इसके अलावा, यह हृदय की धमनियों को स्वस्थ रखता है, जिससे दिल के दौरे और अन्य हृदय रोगों का खतरा कम होता है।
तनाव और चिंता को कम करता है अश्वगंधा अपने एडेप्टोजेनिक गुणों के लिए जाना जाता है, जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है। यह मानसिक शांति प्रदान करता है और नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है।
ऊर्जा और स्टैमिना बढ़ाता है इस जूस के नियमित सेवन से शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और थकान दूर होती है। यह शरीर की सहनशक्ति को बढ़ाकर दिनभर ऊर्जावान बनाए रखता है।
इम्यूनिटी को मजबूत करता है अर्जुन और अश्वगंधा दोनों ही एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
हड्डियों और मांसपेशियों के लिए लाभकारी यह जूस हड्डियों को मजबूत करता है और मांसपेशियों की रिकवरी में मदद करता है। विशेष रूप से जिम जाने वाले लोगों और एथलीट्स के लिए यह काफी फायदेमंद होता है।
निष्कर्ष अर्जुन अश्वगंधा जूस एक प्राकृतिक टॉनिक है, जो संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसे रोजाना अपनी दिनचर्या में शामिल करके कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।
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स्टेमिना बढ़ाने के घरेलू उपाय: ऊर्जा और ताकत के लिए एक प्राकृतिक समाधान
स्टेमिना बढ़ाना हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल शारीरिक ऊर्जा, बल्कि मानसिक ताकत को भी बढ़ाता है। जब हमारा स्टेमिना उच्च होता है, तो हम अपने दैनिक कार्यों को ज्यादा आसानी से कर सकते हैं, और तनाव और थकान से जूझने की संभावना कम होती है। इस ब्लॉग में हम स्टेमिना बढ़ाने के घरेलू उपाय, आयुर्वेदिक उपाय, और दवाइयाँ बताएंगे, साथ ही व्यायाम, तनाव प्रबंधन, ध्यान, और उचित नींद के महत्व पर भी चर्चा करेंगे।
स्टेमिना बढ़ाने के घरेलू उपाय
स्टेमिना बढ़ाने के घरेलू उपाय कई हैं| आंवले के सेवन से लेकर नियमित व्यायाम तक स्टेमिना बढ़ाने के लिए अपनाएं ये घरेलू उपाय:
तुलसी और शहद तुलसी का सेवन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। तुलसी के पत्तों का रस और शहद का सेवन सुबह खाली पेट करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और स्टेमिना बढ़ता है। यह उपाय थकान को दूर करने में भी मदद करता है।
अश्वगंधा का सेवन अश्वगंधा एक प्राकृतिक हर्ब है जो शरीर की ताकत बढ़ाने के साथ-साथ मानसिक शांति भी प्रदान करता है। अश्वगंधा का सेवन रात को दूध के साथ करने से स्टेमिना बढ़ता है और शरीर को पुनः ऊर्जा मिलती है।
व्यायाम और खेलकूद नियमित रूप से व्यायाम करने से स्टेमिना में वृद्धि होती है। व्यायाम से शरीर के हर अंग की कार्यक्षमता बढ़ती है, और तनाव कम होता है। हफ्ते में तीन से चार दिन हल्का व्यायाम या खेलकूद करने से स्टेमिना बढ़ता है।
अदरक और नींबू अदरक और नींबू का संयोजन भी शरीर में ऊर्जा का संचार करता है। एक गिलास गर्म पानी में आधे नींबू का रस और अदरक का रस मिलाकर पीने से स्टेमिना बढ़ता है और शरीर में ताजगी बनी रहती है।
पानी और हाइड्रेशन शरीर को हाइड्रेटेड रखना जरूरी है। पर्याप्त पानी पीने से शरीर के अंग अच्छे से काम करते हैं और थकान महसूस नहीं होती। दिनभर में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पिएं।
व्यायाम और योग व्यायाम और योग से शरीर को फिट रखा जा सकता है, जिससे स्टेमिना बढ़ता है। योग प्राचीन आयुर्वेदिक उपायों में से एक है, जो शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की ताकत बढ़ाता है। योग और प्राणायाम के माध्यम से न केवल शरीर की लचीलापन बढ़ती है, बल्कि मानसिक शांति और संतुलन भी मिलता है।
तनाव और चिंता को नियंत्रित करें तनाव और चिंता स्टेमिना को घटाते हैं। इसलिए तनाव को कम करने के लिए ध्यान (मेडिटेशन), गहरी सांस लेने के अभ्यास और मानसिक विश्राम की आदत डालें। ध्यान करने से मन और शरीर दोनों में शांति आती है, जिससे स्टेमिना बढ़ता है।
उचित नींद लें नींद शरीर की रिकवरी और ऊर्जा का अहम हिस्सा है। पर्याप्त और अच्छी नींद से शरीर को ठीक से आराम मिलता है, जिससे सुबह उठने पर स्टेमिना में वृद्धि होती है। हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।
स्टेमिना बढ़ाने के घरेलू उपाय एक आसान और प्रभावी तरीका है जिससे आप अपने ऊर्जा स्तर को बढ़ा सकते हैं। इन उपायों मेंतुलसी और शहद, आंवला, अश्वगंधा, व्यायाम और खेलकूद जैसे प्राकृतिक सामग्री शामिल हैं जो आपके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं और आपके स्टेमिना को बढ़ावा देते हैं। इन घरेलू उपायों को अपनाकर आप अपने दैनिक जीवन में अधिक ऊर्जा और ताकत के साथ काम कर सकते हैं।
स्टेमिना बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय अब हम स्टेमिना बढ़ाने के घरेलू उपाय तो जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं स्टेमिना बढ़ाने की आयुर्वेदिक उपाय भी हैं? घरेलू उपाय के साथ-साथ, आपको सबसे प्रभावी परिणामों के लिए स्टेमिना बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय भी शामिल करना चाहिए| आइये जानते हैं स्टेमिनाबढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय:
शिलाजीतशिलाजीत एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि है, जो शरीर को ताकत देती है। शिलाजीत में खनिजों की भरमार होती है, जो शारीरिक स्टेमिना बढ़ाते हैं। शिलाजीत को दूध या पानी में मिलाकर नियमित रूप से सेवन करें।
ब्राह्मीब्राह्मी मानसिक शांति और मानसिक स्टेमिना बढ़ाने में मदद करती है। यह मानसिक तनाव और थकान को दूर करके मानसिक स्पष्टता प्रदान करती है, जिससे स्टेमिना बढ़ता है।
त्रिफलात्रिफला का सेवन भी शारीरिक और मानसिक रूप से शरीर को ताकत देने के लिए किया जाता है। यह शरीर के हानिकारक तत्वों को बाहर निकालकर स्टेमिना बढ़ाता है।
गिलोय और तुलसीगिलोय और तुलसी दोनों ही एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, जो शरीर में ऊर्जा बढ़ाने के लिए प्रभावी होते हैं। इनका नियमित सेवन शरीर को स्वस्थ बनाता है और स्टेमिना बढ़ाता है।
स्टेमिना बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा
अश्वगंधा चूर्णअश्वगंधा चूर्ण एक आयुर्वेदिक दवा है, जो शारीरिक और मानसिक स्टेमिना को बढ़ाने के लिए बहुत प्रभावी है। यह शरीर को पुनः सक्रिय करने में मदद करता है और मानसिक थकान को भी दूर करता है। इसे दूध में मिलाकर सोने से पहले लिया जा सकता है।
संतुलित आयुर्वेदिक टॉनिकसंतुलित आयुर्वेदिक टॉनिक, जैसे कि "त्रिफला रस" या "ब्राह्मी रस," शरीर को शक्ति देने और मानसिक तनाव को कम करने के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं। इन टॉनिक का सेवन स्टेमिना बढ़ाने के लिए किया जाता है।
निष्कर्ष
स्टेमिना बढ़ाने के लिए घरेलू उपाय, आयुर्वेदिक उपाय, और दवाइयाँ अत्यधि�� ��्रभावी होती हैं। इसके अलावा, व्यायाम, योग, ध्यान, तनाव प्रबंधन, और उचित नींद का भी उतना ही महत्व है। इन सभी उपायों को नियमित रूप से अपनाकर हम न सिर्फ अपनी शारीरिक ताकत बढ़ा सकते हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी मजबूत कर सकते हैं। इसलिए, इन आयुर्वेदिक उपायों और जीवनशैली में बदलाव को अपनाकर आप अपनी सहनशक्ति में वृद्धि कर सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
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🌿 अश्वगंधा: सेहत का खज़ाना! 🌿 तनाव को दूर करें, इम्यूनिटी बढ़ाएं और अपनी ऊर्जा को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं। आज ही अश्वगंधा को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और फर्क महसूस करें! 💪✨
👉 अश्वगंधा के अद्भुत फायदे: ✅ तनाव और चिंता से राहत ✅ इम्यूनिटी को ��जबूत बनाए ✅ मांसपेशियों की ताकत और सहनशक्ति बढ़ाए ✅ याददाश्त और एकाग्रता में सुधार ✅ बेहतर नींद और ऊर्जा का स्रोत
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💡 अश्वगंधा के साथ अपने स्वास्थ्य को नया आयाम दें! क्या आप इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर रहे हैं? हमें कमेंट में बताएं! 👇
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सर्दियों में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए घर पर बनाएं च्यवनप्राश आर्यधेनु शुद्ध देसी गुड़ के साथ ! ❄️💪
सर्दी का मौसम आते ही हमारी इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है, जिससे सर्दी, खांसी और बुखार जैसी समस्याएँ होने लगती हैं। ऐसे में, च्यवनप्राश एक ऐसा आयुर्वेदिक उपाय है, जो न केवल आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है बल्कि पूरे शरीर को ऊर्जा और ताकत भी देता है।ठंडी हवाओं के बीच अपने शरीर को अंदर से मजबूत बनाएं और इम्यूनिटी बढ़ाएं, वो भी पूरी तरह नेचुरल तरीके से।
इस बार बाजार से खरीदे च्यवनप्राश को छोड़कर घर पर बनाइए शुद्ध, स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट च्यवनप्राश आर्यधेनु शुद्ध देसी गुड़ के साथ। यह गुड़ न केवल आपके च्यवनप्राश को नेचुरल मिठास देगा, बल्कि इसमें मौजूद मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट्स आपके स्वास्थ्य को और बेहतर बनाएंगे।
अभी खरीदें: https://aryadhenu.com/shop/66bde2b5c2865cb753446b81
बनाने की विधि: एक कड़ाही में 500 ग्राम आंवला को उबालकर पेस्ट बना लें।अब कढ़ाई में 2 टेबलस्पून घी गरम करें और आंवले का पेस्ट डालकर 5 मिनट तक भूनें।इसके बाद 300 ग्राम आर्यधेनु शुद्ध देसी गुड़ डालें और अच्छे से मिक्स करें। अब इसमें 1 टीस्पून इलायची, 1/2 टीस्पून दालचीनी और अश्वगंधा, गिलोय पाउडर आदि सामग्री डालकर पकाएं। ठंडा होने पर 2 टेबलस्पून शहद मिलाएं और एक डि��्बे में स्टोर करें।
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इम्यूनिटी और फिटनेस का नया साथी: तुलसी, नीम, अश्वगंधा"
Description: "अपने जिम और फिटनेस रूटीन को प्राकृतिक तरीके से सपोर्ट करें! IndianJadiBooti की प्रीमियम जड़ी-बूटियों जैसे तुलसी, नीम, अश्वगंधा, और हल्दी से न सिर्फ इम्यूनिटी बढ़ाएं, बल्कि अपनी स्टैमिना और रिकवरी को भी बेहतर बनाएं। ये 100% प्राकृतिक और शुद्ध जड़ी-बूटियां आपकी फिटनेस यात्रा को बनाएंगी और भी असरदार। आज ही अपनाएं आयुर्वेदिक शक्ति!"
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टाइमिंग बढ़ाने की देसी दवा
टाइमिंग बढ़ाने की देसी दवा: प्राकृतिक उपाय जो आपको लंबी सेक्स लाइफ देंगे
अक्सर पुरुषों और महिलाओं को सेक्सुअल स्टेमिना (sexual stamina) और टाइमिंग (timing) को लेकर चिंता रहती है। जीवन की व्यस्तता, मानसिक तनाव, शारीरिक थकान, और असंतुलित जीवनशैली इन सभी कारणों से सेक्सुअल प्रदर्शन पर असर पड़ता है। हालांकि, आयुर्वेदिक और देसी दवाओं के माध्यम से आप अपनी सेक्सुअल टाइमिंग को बेहतर बना सकते हैं और अपनी लाइफ में संतुष्टि और खुशी पा सकते हैं।
इस ब्लॉग में हम टाइमिंग बढ़ाने की देसी दवाओं और प्राकृतिक उपायों पर चर्चा करेंगे, जिन्हें आप अपने जीवन में आसानी से शामिल कर सकते हैं।
1. अश्वगंधा (Ashwagandha) – तनाव कम करने और सेक्सुअल स्टेमिना बढ़ाने के लिए
अश्वगंधा एक प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो मानसिक तनाव को कम करने, ऊर्जा को बढ़ाने, और सेक्सुअल स्टेमिना को बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध है। यह शरीर को प्राकृतिक रूप से ताजगी प्रदान करता है और सेक्सुअल प्रदर्शन को बेहतर बनाता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
अश्वगंधा पाउडर को गर्म दूध के साथ लें। आप इसे कैप्सूल या टैबलेट के रूप में भी ले सकते हैं।
2. शतावरी (Shatavari) – महिलाओं के लिए उत्तम दवा
शतावरी एक प्राकृतिक रिवाइटलाइज़र है, जो महिलाओं के हार्मोनल संतुलन को बेहतर बनाता है और सेक्सुअल स्टेमिना बढ़ाता है। यह महिला प्रजनन प्रणाली को स्वस्थ रखने के साथ-साथ सेक्सुअल इच्छा को भी उत्तेजित करता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
शतावरी पाउडर को दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है, या फिर इसे टैबलेट के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं।
3. गोक्षुरा (Gokshura) – पुरुषों के लिए शक्तिवर्धक दवा
गोक्षुरा पुरुषों के लिए एक आदर्श आयुर्वेदिक औषधि है, जो सेक्सुअल शक्ति और स्टेमिना को बढ़ाती है। यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाता है, जिससे पुरुषों की सेक्सुअल क्षमता में सुधार होता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
गोक्षुरा पाउडर को पानी में मिलाकर सेवन करें या फिर कैप्सूल के रूप में लें।
4. सफेद मूसली (Safed Musli) – शारीरिक ऊर्जा बढ़ाने का प्राकृतिक उपाय
सफेद मूसल��� एक शक्तिवर्धक जड़ी-बूटी है, जो सेक्सुअल प्रदर्शन को बेहतर बनाती है। यह शारीरिक थकान को दूर करने, स्टेमिना बढ़ाने और शुक्राणु की गुणवत्ता को सुधारने में मदद करती है।
कैसे इस्तेमाल करें:
सफेद मूसली पाउडर को दूध के साथ लेने से उत्तम परिणाम मिलते हैं।
5. कौंच बीज (Kaunch Beej) – यौन क्षमता और टाइमिंग बढ़ाने के लिए
कौंच बीज (Mucuna pruriens) एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक उपाय है, जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाता है और यौन प्रदर्शन को सुधारता है। यह न केवल सेक्सुअल समय बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक शक्ति को भी बढ़ाता है।
कैसे इस्तेमाल करें:
कौंच बीज पाउडर को दूध के साथ या गर्म पानी में मिलाकर लें।
6. विदारिकंद (Vidarikand) – शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाने के लिए
विदारिकंद आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि मानी जाती है, जो शरीर की कमजोरी को दूर करने, ऊर्जा बढ़ाने और सेक्सुअल स्टेमिना को बढ़ाने में मदद करती है। यह विशेष रूप से पुरुषों के लिए लाभकारी है।
कैसे इस्तेमाल करें:
विदारिकंद पाउडर को गर्म दूध के साथ लेने से उत्तम परिणाम मिलते हैं।
7. जटामांसी (Jatamansi) – मानसिक शांति और सेक्सुअल नियंत्रण के लिए
जटामांसी एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो मानसिक शांति और तनाव को दूर करने में मदद करती है। मानसिक तनाव और चिंता सेक्सुअल प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, इसलिए जटामांसी को नियमित रूप से सेवन करने से सेक्सुअल टाइमिंग बेहतर हो सकती है।
कैसे इस्तेमाल करें:
जटामांसी पाउडर को दूध में मिलाकर या फिर टैबलेट के रूप में सेवन करें।
8. सही आहार और जीवनशैली
इसके अलावा, आहार और जीवनशैली का भी सेक्सुअल स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। नीचे कुछ सुझाव दिए गए हैं:
पोषक आहार: ताजे फल, हरी सब्जियां, नट्स, और ओमेगा-3 से भरपूर खाद्य पदार्थ सेक्सुअल स्वास्थ्य को बढ़ाते हैं।
संतुलित जीवनशैली: नियमित व्यायाम, योग, और प्राणायाम से मानसिक और शारीरिक तनाव कम होता है, जिससे सेक्सुअल टाइमिंग बेहतर होती है।
प्राकृतिक जड़ी-बूटियाँ: शहद, गुनगुना पानी, अदरक और हल्दी जैसे प्राकृतिक उपाय भी सेक्सुअल प्रदर्शन को बेहतर बनाने में सहायक हो सकते हैं।
निष्कर्ष
यदि आप टाइमिंग बढ़ाने की देसी दवाओं के माध्यम से अपनी सेक्सुअल शक्ति और स्टेमिना को बढ़ाना चाहते हैं, तो आयुर्वेदिक उपचार एक प्रभावी और सुरक्षित तरीका हो सकता है। प्राकृतिक जड़ी-बूटियाँ जैसे अश्वगंधा, शतावरी, गोक्षुरा, और सफेद मूसली आपकी सेक्सुअल जीवन को बेहतर बना सकती हैं। साथ ही, सही आहार, नियमित व्यायाम, और मानसिक शांति को बनाए रखना भी आवश्यक है।
Click here to Read A Blog- लंबे समय तक सेक्स करने की आयुर्वेदिक दवा क्या है?
ध्यान दें: इन उपायों को अपनाने से पहले किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
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वायु प्रदूषण के बीच कैसे रहें स्वस्थ?
सर्दियों की शुरुआत से पहले ही देश की राजधानी दिल्ली और उसके आस पास के इलाको (दिल्ली एनसीआर) में एयर क़्वालिटी बेहद ख़राब होने लगी है। यहीं नहीं एक्सपर्ट्स की माने तो देश के कई अन्य शहर भी बहुत गंभीर वायु प्रदूषण से ग्रसित हैं या होने वाले हैं और यह समस्या बहुत बड़े स्तर पर बढ़ सकती हैं। आजकल की रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली एनसीआर रीजन मे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार 300 पार कर रहा है, जो बेहद गंभीर है और आगे AQI 400 के भी पार होने की संभावना है।
इस समस्या के कारण लोगो के स्वास्थ्य को लेकर चिंता भी शुरू हो गयी है। क्यूंकि वायु प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। रिपोर्ट्स कहती है की प्रदूषण के कारण दिल संबंधी बीमारियां, तंत्रिका संबंधी विकार, जठरांत्रिय विकार (गैस्ट्रोइंटेस्टिनल डिसऑर्डर्स), गुर्दे (किडनी) के रोग, यकृत (लिवर) रोग, त्वचा रोग, ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी बीमारियां हो सकती है। जो लम्बे समय तक रहे तो जानलेवा भी हो सकती है।
हमने पिछले ब्लॉग मे बढ़ते वायु प्रदूषण और उसके कारण दिल और दिमाग की बीमारियों के बढ़ने का खतरे पर चर्चा की थी। आइये इस ब्लॉग मे हम जानेंगे कि बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच हम अपने,अपने परिवार और परिचितों के स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रख सकते हैं।
घर से शुरू करें बचाव की तैयारी
इन दिनों वायु प्रदूषण केवल घर के बाहर ही नहीं होता, बल्कि यह घर के अंदर भी मौजूद होता है। प्रदूषण के चरम समय पर घर के सभी खिड़की दरवाजे बंद करके रखें। जब प्रदूषण कम हो (खासकर बहुत सुबह के समय या बहुत देर रात), तब ही खिड़कियां या गेट खोलें और ताज़ी हवा घर मे आने दें। घर मे एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करें। अगर एयर प्यूरीफायर नहीं है घर मे इनडोर प्लांट रखें, जो हवा शुद्ध करते हैं।
प्रदूषक उत्सर्जित करने वाले घरेलू वस्तु जैसे एयर फ्रेशनर, अगरबत्ती आदि का उपयोग कम से कम करें।
घर से बाहर निकलने पर रखें विशेष ध्यान
केवल ज़रूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकलें। अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) स्तर बहुत अधिक हो तो बाहर जाने से बचें।
घर से बाहर निकलते ही मास्क का प्रयोग करें। N95 मास्क गंभीर प्रदूषण मे बेहद कारगर हो सकते हैं। मास्क न हो तो किसी कपडे को गीला कर, उसे मास्क की तरह प्रयोग करें। बाहर वापस से आते ही अपने चेहरे, विषेकर आँखों के साथ हाथ और पैरों को ज़रूर धोएं।
हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना और अच्छा खानपान
योग या प्राणायाम से फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है। ज्यादातर समय घर मे ही एक्सरसाइज करें। साथ ही बाजार मे मौजूद अच्छे और सेफ इम्युनिटी बूस्टर जिसमे तुलसी, गिलोय, नीम और अश्वगंधा हो, उनका सेवन कर सकते हैं।
ऑफिस मे भी करें बचाव
ऑफिस पहुंचने के बाद और वहां से निकलने से पहले, अपने हाथ और मुंह अच्छे से धोएं। इन दिनों वायरल भी तेज़ी से फैलता है। इसीलिए वायरल से ग्रसित सहकर्मियों से दूर रहे। ज़रूरत हो तो ऑफिस मे भी मास्क लगाएं। बीच बीच मे ब्रेक लें और जिस दिन प्रदूषण बहुत ज्यादा हो तो वर्क फ्रॉम होम भी कर सकते हैं।
वृद्ध, बीमार व्यक्तियों और बच्चो का रखें विशेष ध्यान
वायु प्रदूषण वृद्ध, बीमार और बच्चो के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है, क्यूंकि इनकी इम्युनिटी अडल्ट्स के जितनी मज़बूत नहीं होती। इसीलिए बच्चो को कुछ दिनो तक स्कूल न भेजना बेहतर रहेगा।
बीमार और बूढ़े व्यक्ति घर मे ही रह आराम करें और घर मे ही रेगुलर एक्सरसाइज करें और हेल्दी भोजन करें। केवल बेहद ज़रूरी काम होने पर ही घर से निकलें।
निष्कर्ष
बढ़ता वायु प्रदूषण बेहद ही गंभीर समस्या है। इसीलिए सभी लोगो को अपना और अपने प्रियजनो के स्वाथ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हम अपने जीवनशैली में बदलाव करके, अच्छे खानपान और ज़रूरी दिशा निर्देशों का पालन कर अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख सकते हैं।
साथ ही समय समय सरकार और एक्सपर्ट्स द्वारा दी जाने वाले ज़रूरी निर्देशों पर भी ध्यान रखें और उनका पालन करें। जानकारी प्राप्त कर, अन्य लोगो को भी जागरूक करना भी हमारी ड्यूटी है।
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परिचय - अश्वगंधा भारत में अनेक भागों के कुछ साधारण और गरम प्रान्तों में विशेषकर मालवा में अधिक होती है। इसका क्षुप 2 -5 फुट ऊँचा और सघन होता है। इसकी शाखाएँ टेढ़ी -मेढ़ी होती है। पत्ते लम्बे -चौड़े कुछ गोलाकार होते है। पत्र -दण्ड के पास फल लगते हैं। और वे चने की फली या रसभरी के फल के समान पतले छिलके के अन्दर रहते हैं। फल का आकार मटर के समान हरा होता है और पकने पर लाल वर्ण का हो जाता है। इसमें वनभण्टा के समान छोटे -छोटे चिपटे बीज निकलते है। यह एक तो स्वयं जात ( जंगली ) और दूसरी खेती की हुई -दो प्रकार की होती है। बाजार में जो अश्वगंधा मिलते हैं वे खेती की हुई अश्वगंधा मिलते है वे खेती की हुई अश्वगंधा के हैं। खेती करने ,खाद देने और छोटे मूल लेने से जंगली की अपेक्षा इसके स्वरूप रस तथा गुणों में अन्तर मालूम होता है। मालवा में अश्वगंधा की खेती की जाती है वहाँ से बिक्य इसकी मूल बाजार में आती है। इसे भी पढ़े :
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