#अश्वगंधा के लाभ (ashwagandha benefits in hindi)
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sameerhusain-blog · 2 years ago
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अश्वगंधा के फायदे-(Benefits Of Ashwagandha )-अश्वगंधा प्लांट (Ashwagandha Plant)
अनेक प्रकार के रोगों को दूर करने के लिए इस जड़ी बूटी का उपयोग प्रयोग में लाया जाता है । आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति में अश्वगंधा के अनेक फायदों ( ashwagandha benefits) के विषय में विस्तृत रूप से बताया गया है । मानव शरीर को लाभ पहुंचने के लिए या जड़ी बूटी जानी जाती है । Read more
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cryptoguys657 · 2 years ago
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Ashwagandha Benefits In Hindi -  अश्वगंधा के फायदे और नुकसान | Updated 2023
यदि आप भारत में रहते हैं तो आपने अश्वगंधा नमक जड़ी बूटी के विषय में अवश्य ही सुना होगा। इस जड़ी बूटी को अनेक प्रकार के रोगों को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है। आप विश्वास नहीं करेंगे परन्तु आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति में अश्वगंधा के अनेक फायदों (ashwagandha benefits in hindi) के विषय में विस्तृत रूप से बताया गया है। यह जड़ी बूटी अनेक प्रकार से मानव शरीर को लाभ पहुंचने के लिए जानी जाती…
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cryptoking009 · 2 years ago
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Ashwagandha Benefits In Hindi -  अश्वगंधा के फायदे और नुकसान | Updated 2023
यदि आप भारत में रहते हैं तो आपने अश्वगंधा नमक जड़ी बूटी के विषय में अवश्य ही सुना होगा। इस जड़ी बूटी को अनेक प्रकार के रोगों को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है। आप विश्वास नहीं करेंगे परन्तु आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति में अश्वगंधा के अनेक फायदों (ashwagandha benefits in hindi) के विषय में विस्तृत रूप से बताया गया है। यह जड़ी बूटी अनेक प्रकार से मानव शरीर को लाभ पहुंचने के लिए जानी जाती…
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cryptosecrets · 2 years ago
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Ashwagandha Benefits In Hindi -  अश्वगंधा के फायदे और नुकसान | Updated 2023
यदि आप भारत में रहते हैं तो आपने अश्वगंधा नमक जड़ी बूटी के विषय में अवश्य ही सुना होगा। इस जड़ी बूटी को अनेक प्रकार के रोगों को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है। आप विश्वास नहीं करेंगे परन्तु आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति में अश्वगंधा के अनेक फायदों (ashwagandha benefits in hindi) के विषय में विस्तृत रूप से बताया गया है। यह जड़ी बूटी अनेक प्रकार से मानव शरीर को लाभ पहुंचने के लिए जानी जाती…
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spito · 2 years ago
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Ashwagandha Benefits In Hindi -  अश्वगंधा के फायदे और नुकसान
Ashwagandha Benefits In Hindi –  अश्वगंधा के फायदे और नुकसान
यदि आप भारत में रहते हैं तो आपने अश्वगंधा नमक जड़ी बूटी के विषय में अवश्य ही सुना होगा। इस जड़ी बूटी को अनेक प्रकार के रोगों को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है। आप विश्वास नहीं करेंगे परन्तु आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति में अश्वगंधा के अनेक फायदों (ashwagandha benefits in hindi) के विषय में विस्तृत रूप से बताया गया है। यह जड़ी बूटी अनेक प्रकार से मानव शरीर को लाभ पहुंचने के लिए जानी जाती…
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fitnessfundatips1996 · 5 years ago
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Health Benefits Of Ashwagandha in Hindi
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Benefits of ashwagandha in hindi : अश्वगंधा एक जड़ी बूटी है जिसे आयुर्वेदिक में दवा के रूप में काम लिया जाता है। जिसका इस्तेमाल कई सदियों से होता आ रहा है। संक्रमण जैसी समस्यायों से लेकर कमजोरी तक सभी को यह दूर करने की क्षमता रखता है। अश्वगंधा ही नहीं अपितु उसके पौधे में भी कई गुण पाए जाते है। जो बहुत सी समस्यायों के इलाज में प्रयोग किया जाता है।
अश्वगंधा का मतलब होता है घोड़े की गंध। और इस औषधि का नाम ये इसीलिए पड़ा क्योंकि इसकी जड़ों में से घोड़े के पसीने जैसी गंध आती है। पहले के समय में केवल भारत में ही इसका प्रयोग किया जाता था पर आजकल पुरे विश्व में इसका इस्तेमाल होने लगा है । इसके फायदों को देखते हुए इसका इस्तेमाल बड़े स्तर पर किया जाने लगा है। विशेष रूप से वजन बढाने और हाइट बढाने के लिए। इसके साथ यह  शारीरिक कमजोरी और स्टेमिना को भी बढाने का काम करता है।  इसका सेवन करने से शरीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक लाभ भी होते है। लेकिन गलत तरीके और अधिक मात्रा में सेवन करने से यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है।
राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड ने अश्वगंधा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अधिक मांग वाले पोधों में से एक बताया है। World Health Orgnisation (WHO) ने भी इसे अत्यधिक औषधीय गुण वाला पौधा माना है.
इसकी ताजा जड़ और ताजा पत्ते मसल कर सूंघने पर भी घोड़े के मूत्र जैसी गंध आने के कारण ही शायद इसका नाम अश्वगंधा रखा गया।
अश्वगंधा के फायदे (Benefits Of Ashwagandha In Hindi):
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अश्वगंधा की जड़ में कई प्रकार के एल्केलाइड तथा एमिनो एसिड पाए गए हैं जिनके कारण यह शरीर के लिए औषधि का काम करती है। यह एक टोनिक जैसा काम करके शरीर के बिगड़े हुए क्रियाकलाप ठीक कर देती है। इसके सेवन से थकान दूर होकर एक नई ताकत आ जाती है। अश्वगंधा की जड़ का चूर्ण दवा के रूप में लिया जाता है।
अश्वगंधा कैंसर, मानसिक परेशानी, डिप्रेशन, एसिडिटी, अल्सर, हाई ब्लड प्रेशर आदि में भी इसे लाभदायक पाया गया। साथ ही इसमें जोड़ों के दर्द व सूजन कम करने के गुण भी पाए गए।शोधकर्ताओं ने अपने परीक्षणों में पाया कि असगंध हिमोग्लोबिन बढ़ाने, बाल सफ़ेद होने से रोकने तथा कोलेस्ट्रोल कम करने में सहायक होती है।
अश्वगंधा की जड़ एक अच्छा टोनिक है जो महिला, पुरुष, बच्चे, बुजुर्ग सभी ले सकते हैं। अश्वगंधा के उपयोग से शरीर में स्फूर्ति व ताकत बढ़ती है तथा चेहरे पर कांति आ जाती है। इसके नियमित सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है।  उम्र बढने पर भी रोग दूर रहते हैं।
अश्वगंधा पाउडर के उपयोग से शुक्राणु तथा मर्दाना ताकत में बढ़ोतरी होती है। अश्वगंधा का पाउडर चौथाई चम्मच गुनगुने दूध के साथ सुबह शाम कुछ सप्ताह नियमित लेने से इसका लाभ लिया जा सकता है।
अश्वगंधा का उपयोग कृशकाय रोगी, सूखारोग से ग्रस्त बच्चे, बुखार के बाद की कमजोरी, शारीरिक या मानसिक थकान आदि स्थितियों के लिए पुष्टिकारक और बलवर्धक होता है।
यह गठिया, मूत्र रोग, पेट के रोग, खांसी, साँस व खुजली जैसे रोग में लाभदायक रहती है।
महिलाओं के लिए गर्भधारण में परेशानी, स्तन के दूध में कमी, श्वेतप्रदर, कमरदर्द और कमजोरी जैसी समस्या इसके उपयोग से दूर होती हैं। ल्यूकोरिया के लिए इसे विशेष रूप से लाभदायक पाया गया है।
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Referenced By: - fitnessfundatips.com
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ahimanstuff-blog · 5 years ago
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gethealthy18-blog · 5 years ago
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वजन कम करने के लिए त्रिफला का उपयोग – How to Use Triphala For Weight Loss in Hindi
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वजन कम करने के लिए त्रिफला का उपयोग – How to Use Triphala For Weight Loss in Hindi
Bhupendra Verma Hyderabd040-395603080 August 27, 2019
क्या आप वजन बढ़ने की समस्या से परेशान हैं? क्या आपका पेट फूलता जा रहा है और कम करने के लिए आपको काफी मशक्कत करन�� पड़ रही है? अगर ऐसा है, तो यह लेख आपका वजन कम करने में सहायक हो सकता है। यह लेख त्रिफला चूर्ण के बारे में है, जो वजन को कम करने का काम कर सकता है। त्रिफला को आंवला, हरड़ और बहेड़ा को मिलकर बनाया जाता है, जो कई तरह के समस्याओं में जड़ी-बूटी के रूप में काम करता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में आप वजन घटाने के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे जानेंगे।
लेख के इस भाग में जानिए कि वजन घटाने में त्रिफला किस प्रकार फायदेमंद है।
विषय सूची
वजन घटाने में त्रिफला क्यों फायदेमंद है – Benefits of Triphala for Weight Loss in Hindi
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वजन घटाने के लिए त्रिफला चूर्ण का उपयोग किया जा सकता है। त्रिफला चिकित्सीय एजेंट के रूप में काम करता है। यह वजन को कम करने के लिए शरीर से अनावश्यक तत्वों को बाहर करने में मदद करता है। साथ ही फैट को भी कम कर सकता है (1)। ध्यान रहे कि वजन घटाने के लिए त्रिफला चूर्ण का सेवन करने के साथ-साथ नियमित रूप से व्यायाम करना भी जरूरी है। यहां जानिए कि त्रिफला किस प्रकार फायदेमंद है।
एंटीऑक्सीडेंट– एक शोध में पाया गया है कि एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रेडिकल्स को नष्ट करके वजन को कम करने में सहायता कर सकते हैं (2)। वहीं, त्रिफला चूर्ण में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। इसलिए, वजन घटाने के लिए त्रिफला चूर्ण को फायदेमंद माना जा सकता है (1)।
फैटी एसिड– वजन घटाने के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे देखे जा सकते हैं। त्रिफला में फैटी एसिड पाए जाता है (1), जो आपके वजन को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि ओमेगा-3 फैटी एसिड भूख को शांत रखने का काम करता है, जिससे मोटापे को कम किया जा सकता है (4)।
लेख के आगे के भाग में त्रिफला चूर्ण से कैसे वजन घटाएं इसके बारे में बताया गया है।
मोटापा कम करने के लिए त्रिफला का उपयोग कैसे करें?
वजन से छुटकारा पाने के लिए आप त्रिफला का उपयोग इन विभिन्न तरीकों से कर सकते हैं :
1. पानी के साथ– त्रिफला चूर्ण को पानी में मिलकर पिया जा सकता है। इसके लिए आप ठंडा और गर्म दोनों तरह के पानी का उपयोग कर सकते हैं।
कब करें उपयोग :
इसे सुबह खाली पेट पीना ज्यादा फायदेमंद होता है।
2. नींबू और शहद के साथ त्रिफला– अगर सादे पानी के साथ त्रिफला को लेने से आपको स्वाद अजीब लगता है, तो आप हल्के गुनगुने पीने में नींबू व शहद मिला सकते हैं।
कब करें उपयोग :
इसे व्यायाम करने के बाद लिया जा सकता है।
3. त्रिफला चाय– त्रिफला चूर्ण को चाय की तरह भी उपयोग कर सकते हैं। इसके पाउडर पानी में डालकर उबाल लें और फिर शहद डालकर पिएं।
कब करें उपयोग :
इसे सुबह और शाम पी सकते हैं।
4. त्रिफला कैप्सूल– आपको त्रिफला कैप्सूल बाजार से आसानी से मिल जाएगा।
कब करें उपयोग :
इसे दोपहर में ले सकते हैं।
त्रिफला को लेकर कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जिसके बारे में हम आगे बता रहे हैं।
ध्यान देने वाली बातें – Points to Remember
लेख का यह भाग आपके लिए जरूरी हो सकता है, क्योंकि त्रिफला को लेकर कुछ बातों को ध्यान में रखना आपके लिए फायदेमंद होगा।
अगर आप घर में ही चूर्ण बना रहे हैं, तो ध्यान रहे कि आंवला, हरड़ और बहेड़ा अच्छे से सूखे हों।
आपको किसी तरह की शारीरिक या मानसिक समस्या है, तो इसे लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
त्रिफला चूर्ण का उपयोग करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि उस चूर्ण को बनाए कितना समय हो गया है। साथ ही उसे किस तरह से रखा गया है। अधिक समय से बनाया हुआ चूर्ण का उपयोग न करें।
त्रिफला के सेवन के साथ नियमित व्यायाम का भी ध्यान रखना जरूरी है।
आगे हम बता रहे हैं कि किन लोगों को त्रिफला नहीं खाना चाहिए।
त्रिफला किन-किन लोगों को नहीं खाना चाहिए – Who Should Avoid Triphala in Hindi (Pregnant women can eat)
कुछ लोगों को त्रिफला का सेवन करने से विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है :
गर्भवती महिलाओं को त्रिफला चूर्ण के उपयोग से दूर रहना चाहिए। त्रिफला की तासीर गर्म होती है। इसलिए, गर्भपात का जोखिम बना रहता है।
जो महिलाएं शिशु को स्तनपान कराती हैं, उन्हें भी त्रिफला चूर्ण के सेवन से परहेज करना चाहिए।
मधुमेह के रोगियों को इसके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
जिन्हें जल्दी एलर्जी हो जाती है, वो इसका सेवन न करें।
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि वजन घटाने के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे किस तरह से हो सकते हैं। यकीन मानिए, त्रिफला चूर्ण के सेवन से न सिर्फ आपका वजन कम होगा, बल्कि पेट भी हमेशा ठीक रहेगा। इससे आप खुद को अंदर से तरोताजा और स्वस्थ महसूस कर सकेंगे। अब जब आप त्रिफला के फायदे जान ही चुके हैं, तो इसे आज ही अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लें। अगर आपके मन में त्रिफला के संबंध में अभी भी कोई शंका है, तो बेझिझक होकर हमसे पूछें। आप अपने सवाल नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हम तक पहुंचा सकते हैं।
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Bhupendra Verma
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/vajan-kam-karne-ke-liye-triphala-in-hindi/
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spito · 2 years ago
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Ashwagandha Benefits In Hindi -  अश्वगंधा के फायदे और नुकसान
Ashwagandha Benefits In Hindi –  अश्वगंधा के फायदे और नुकसान
यदि आप भारत में रहते हैं तो आपने अश्वगंधा नमक जड़ी बूटी के विषय में अवश्य ही सुना होगा। इस जड़ी बूटी को अनेक प्रकार के रोगों को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है। आप विश्वास नहीं करेंगे परन्तु आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति में अश्वगंधा के अनेक फायदों (ashwagandha benefits in hindi) के विषय में विस्तृत रूप से बताया गया है। यह जड़ी बूटी अनेक प्रकार से मानव शरीर को लाभ पहुंचने के लिए जानी जाती…
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fitnessfundatips1996 · 5 years ago
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Health Benefits of Ashwagandha in Hindi
अश्वगंधा के जबरदस्त और अद्भुत फायदे जो शरीर को ताकतवर बनाने में मदद करता हैं, इसमें अनेक औषधीय गुण है जो आपके स्वास्थ्य के लिए लाभ-दायक है और यौन जीवन को बढ़ाने में मदद करता है|
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fitnessfundatips1996 · 5 years ago
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gethealthy18-blog · 6 years ago
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अश्वगंधा के 25 फायदे, उपयोग और नुकसान – Ashwagandha Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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अश्वगंधा के 25 फायदे, उपयोग और नुकसान – Ashwagandha Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Anuj Joshi April 9, 2019
अश्वगंधा ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे किसी परिचय की जरूरत नहीं है। अनगिनत खुबियों के कारण ही, सदियों से विश्वभर में इसका उपयोग किया जा रहा है। विभिन्न ग्रंथों में भी इसका उल्लेख किया गया है। आज के वैज्ञानिक युग में डॉक्टर भी मान चुके हैं कि अश्वगंधा गुणकारी औषधि है और कई रोगों के उपचार इस अकेली जड़ी-बूटी से संभव हैं। साथ ही साथ इसका इस्तेमाल शक्तिवर्धक दवा के रूप में भी किया जा सकता है। यह जड़ी-बूटी आपको बाजार में पाउडर, कैप्सूल व टैब्लेट आदि रूपों में आसानी से मिल जाएगी।
इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटी स्ट्रेस व एंटीबैक्टीरियल जैसे तत्व और इम्यून सिस्टम को बेहतर करने व अच्छी नींद लाने वाले गुण मौजूद हैं। अगर यह कहा जाए कि इसमें हर मर्ज का इलाज छुपा है, तो गलत नहीं होगा (1)। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम अश्वगंधा के बारे में विस्तार से बताएंगे। साथ ही यह जानकारी भी देंगे कि अश्वगंधा का सेवन कैसे करें।
आइए, अश्वगंधा के बारे में कुछ और बातें जान लेते हैं।
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अश्वगंधा क्या है – What is Ashwagandha
इसका वैज्ञानिक नाम विथानिया सोम्निफेरा है। आम बोलचाल में इसे अश्वगंधा के साथ-साथ इंडियन जिनसेंग और इंडियन विंटर चेरी कहा जाता है। इसका पौधा 35-75 सेमी लंबा होता है। इसके जड़ और पत्तों की सुगंध अश्व के मूत्र के सामान होती है, जिस कारण से इसे अश्वगंधा नाम दिया गया है।
मुख्य रूप से इसकी खेती भारत के सूखे इलाकों में होती है, जैसे – मध्यप्रदेश, पंजा���, राजस्थान व गुजरात�� इसके अलावा, चीन और नेपाल में भी इसे बहुतायत संख्या में उगाया जाता है। विश्वभर में इसकी 10 और भारत में दो प्रकार की प्रजातियां पाई जाती हैं।
अश्वगंधा के फायदे – Benefits of Ashwagandha in Hindi
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अश्वगंधा संपूर्ण शरीर के लिए फायदेमंद है। इसके सेवन से सिर्फ मस्तिष्क की कार्यप्रणाली ही बेहतर नहीं होती, बल्कि मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं और शरीर में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है। इसके अलावा, यह यौन व प्रजनन क्षमता को बेहतर करने में भी सक्षम है। साथ ही इसके सेवन से तनाव को भी कम किया जा सकता है। यह औषधि श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि कर शरीर को तमाम तरह के रोगों से लड़ने के लिए तैयार करती है (2)।
जैसा कि हमने लेख के शुरुआत में बताया था कि अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाया जाता है, तो इस खूबी के कारण ही यह शरीर में फ्री रेडिकल्स को बनने से रोकता है। इस कारण चेहरे पर समय से पूर्व झुर्रियां पड़ने की आशंका कई गुना कम हो जाती है (3)। आगे इस लेख में हम यह भी बताएंगे कि अश्वगंधा का सेवन कैसे करें और अश्वगंधा चूर्ण के फायदे क्या हैं।
अश्वगंधा की तमाम खूबियां जानने के लिए पढ़ते रहें यह लेख।
सेहत के लिए अश्वगंधा के फायदे – Health Benefits of Ashwagandha in Hindi
1. कोलेस्ट्रॉल
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यह तो आप समझ ही गए हैं कि अश्वगंधा में एंटीआक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण मौजूद हैं। इस कारण से ही यह ह्रदय से जुड़ी तमाम तरह की समस्याओं को दूर करने में सक्षम है। अगर आप अश्वगंधा का प्रयोग करते हैं, तो ह्रदय की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। कई वैज्ञानिक शोधों में भी पुष्टि की गई है कि अश्वगंधा में भरपूर मात्रा में हाइपोलिपिडेमिक पाया जाता है, जो रक्त में खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है (4)।
2. अनिद्रा
अगर आप नींद न आने से परेशान हैं, तो डॉक्टर की सलाह पर अश्वगंधा का सेवन कर सकते हैं। यह हम नहीं, बल्कि 2017 में जापान की त्सुकुबा यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट द्वारा किए गए एक रिसर्च में कहा गया है। इस अध्ययन के अनुसार, अश्वगंधा के पत्तों में ट्राइथिलीन ग्लाइकोल नामक यौगिक पाया जाता है, जो गहरी नींद में सोने में मदद करता है। इस रिसर्च के आधार पर कहा जा सकता है कि अनिद्रा के शिकार व्यक्ति को अश्वगंधा का सेवन करने से फायदा हो सकता है (5)।
3. तनाव
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आजकल जिसे देखो, वही तनाव में नजर आता है। इस कारण से हम न सिर्फ समय से पहले बूढ़े हो रहे हैं, बल्कि कई बीमारियों का शिकार भी बन रहे हैं। अगर आप इन सभी दुष्परिणामों से बचन��� चाहते हैं, तो तनाव और चिंताग्रस्त जीवन जीने का प्रयास करें। साथ ही अश्वगंधा का सेवन करें। यह आयुर्वेदिक औषधि आपके तनाव को दूर करने के लिए कारगर साबित हो सकती है। हालांकि, अभी तक वैज्ञानिक तौर पर यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि किन कारणों से अश्वगंधा में एंटी-स्ट्रेस गुण है, लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि इसमें तनाव से राहत दिलाने के गुण हैं (6)।
4. यौन क्षमता में वृद्धि
कई पुरुषों में यौन इच्छा कम होती है और वीर्य की गुणवत्ता भी अच्छी नहीं होती। इस कारण वो संतान सुख से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में अश्वगंधा जैसी शक्तिवर्धक औषधि पुरुषों में यौन क्षमता को बेहतर करने का भी काम करती है। साथ ही वीर्य की गुणवत्ता को भी बेहतर करती है। 2010 में हुए एक अध्ययन के अनुसार, अश्वगंधा का प्रयोग करने से वीर्य की गुणवत्ता के साथ-साथ उसकी संख्या में भी वृद्धि होती है। यह इंडियन जिनसेंग खासकर उन लोगों के लिए वरदान की तरह है, जिनकी यौन क्षमता या फिर वीर्य की गुणवत्ता कम होती है (7)।
5. कैंसर
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यह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी किस कदर गुणकारी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले एक दशक से डॉक्टर भी मानने लगे हैं कि अश्वगंधा से कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। यहां तक डॉक्टर कैंसर जैसी बीमारी के लिए भी अश्वगंधा को फायदेमंद मान रहे हैं। विभिन्न वैज्ञानिक शोध में कहा गया है कि अश्वगंधा में एंटी-ट्यूमर गुण है। इसलिए, कैंसर के वैकल्पिक उपचार के तौर पर अश्वगंधा का प्रयोग किया जा सकता है (8)।
6. डायबिटीज
आप चाहे कैंसर की बात करें या फिर उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों की, आयुर्वेद में हर बीमारी का इलाज संभव है। उसी तरह डायबिटीज का इलाज भी आयुर्वेद के जरिए किया जा सकता है। आयुर्वेद में उल्लेख है कि जो अश्वगंधा का सेवन करता है, उसे जल्द ही डायबिटीज से राहत मिल सकती है। इस तथ्य को बल 2009 में हुए एक अध्ययन के जरिए मिलता है। इसमें डायबिटीज ग्रस्त चूहों पर अश्वगंधा की जड़ और पत्तों का प्रयोग किया गया था। कुछ समय बाद चूहों में सकारात्मक परिवर्तन नजर आए थे। इस लिहाज से विज्ञान प्रमाणित करता है कि अश्वगंधा से डायबिटीज का इलाज किया जा सकता है (9)।
7. बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता
यह तो आप भी जानते हैं कि अगर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता ही बेहतर नहीं होगी, तो विभिन्न प्रकार की बीमारियों का सामना किस प्रकार किया जा सकता है। अगर आप अपनी प्रतिरोधक क्षमता बेहतर करना चाहते हैं, तो अश्वगंधा का सेवन करें। विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययनों के जरिए स्पष्ट किया गया है कि अश्वगंधा खाने से शरीर में जमा विषैले जीवाणु बाहर निकल जाते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है (10)।
8. थायराइड
गले में मौजूद तितली के आकार की थायराइड ग्रंथि जरूरी हार्मोंस का निर्माण करती है। जब ये हार्मोंस असंतुलित हो जाते हैं, तो शरीर का वजन कम या ज्यादा होने लगता है। साथ ही अन्य तरह की परेशानियों का ��ी सामना करना पड़ता है। इसी अवस्था को थायराइड कहते हैं। अगर आप भी थायराइड से ग्रस्त हैं, तो आपके लिए यह जानना और भी जरूरी हो जाता है कि अश्वगंधा किस प्रकार आपके लिए लाभकारी है। थायराइड से ग्रस्त चूहों पर हुए एक अध्ययन में पाया गया कि जब चूहों को नियमित रूप से अश्वगंधा की जड़ दवा के रूप में दी गई, तो उनके थायराइड हार्मोंस संतुलन होने लगे। इस आधार पर कहा जा सकता है कि थायराइड की अवस्था में डॉक्टर की सलाह पर अश्वगंधा का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है (11)।
9. आंखों की बीमारी
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आजकल लोग तेजी से आंखों से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। जहां मोतियाबिंद जैसी गंभीर बीमारी 60 वर्ष के बाद लोगों को होती थी, वहीं अब 40 वर्ष के लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं (12)। कई लोग तो मोतियाबिंद से अंधे तक हो जाते हैं। इसी संबंध में हैदराबाद के कुछ वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन किया था। उनके अनुसार अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है, जो मोतियाबि��द से लड़ने में आपकी मदद कर सकता है। अध्ययन में पाया गया कि अश्वगंधा मोतियाबिंद के खिलाफ प्रभावशाली तरीके से काम करता है। यह मोतियाबिंद को बढ़ने से रोकता है (13)।
10. आर्थराइटिस
यह ऐसी पीड़ादायक बीमारी है, जिसमें मरीज का चलना-फिरना और उठना-बैठना मुश्किल हो जाता है। ऐसा लगता है कि मानो जोड़ जम गए हैं। इसी के मद्देनजर वैज्ञानिकों ने 2014 में अश्वगंधा पर शोध किया था। उन्होंने अपने शोध के जरिए बताया कि अश्वगंधा में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। अगर अश्वगंधा की जड़ के रस का प्रयोग किया जाए, तो न सिर्फ आर्थराइटिस से जुड़े लक्षण कम होते हैं, बल्कि दर्द से भी आराम मिलता है (14)।
11. याददाश्त में सुधार
इन दिनों हर कोई मल्टीपल काम कर रहा है और तनाव से भी घिरा हुआ है। परिणामस्वरूप, मस्तिष्क की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। ऐसे में जानवरों पर किए गए विभिन्न अध्ययनों में पाया गया कि अश्वगंधा ने मस्तिष्क की कार्यप्रणाली और याददाश्त पर सकारात्मक तरीके से असर डाला (15) (16)। साथ ही अश्वगंधा लेने से नींद भी अच्छी आती है, जिससे मस्तिष्क को आराम मिलता है और वह बेहतर तरीके से काम कर पता है (17)।
12. मजबूत मांसपेशियां
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हड्डियों के साथ-साथ मांसपेशियोंं का मजबूत होना भी जरूरी है। अगर मांसपेशियां कमजोर होंगी, तो शरीर में भी जान नहीं रहेगी। साथ ही इससे अन्य तरह की परेशानियां भी हो सकती हैं। ऐसे में अगर अश्वगंधा का सेवन किया जाए, तो न सिर्फ मांसपेशियां मजबूत होती हैं, बल्कि दिमाग और मांसपेशियों के बीच बेहतर तालमेल बना रहत�� है। यही कारण है कि जिम जाने वाले और अखाड़े में अभ्यास करने वाले पहलवान अश्वगंधा के सप्लीमेंट्स खाते हैं (18)।
13. संक्रमण
अभी तक बताई गईं तमाम खुबियों के अलावा अश्वगंधा संक्रमण से भी निपटने में आपकी मदद करता है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की इंटरडिसिप्लिनरी बायोटेक्नॉलजी यूनिट ने इसी संबंध में एक अध्ययन किया था। उन्होंने अपने अध्ययन में पाया था कि अश्वगंधा में एंटीबैक्टीरियल गुण पाया जाता है। इसी गुण के कारण ही यह रोगजनक बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ने में सक्षम है (19)। अश्वगंधा की जड़ और पत्तों के रस ने सफलतापूर्वक साल्मोनेला संक्रमण का सफाया कर दिया था। यह संक्रमण फूड पॉइजनिंग का कारण बनता है।
14. ह्रदय रोग
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अगर आप ह्रदय रोग से पीड़ित हैं, तो अश्वगंधा के इस लाभ के बारे में जरूर पढ़ें। ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस ने अपनी स्टडी में कहा है कि इस इंडियन जिनसेंग में ह्रदय रोग के असर को कम करने की शक्ति है। स्टडी के अनुसार, मरीज को नियमित रूप से अश्वगंधा की तय खुराक देने से कार्डियो एपोप्टोसिस (जरूरी सेल्स का नष्ट होना) के असर को कम किया जा सकता है। साथ ही मायोकार्डियम (ह्रदय के मजबूत व स्वस्थ टिशू) को फिर से क्रियाशील किया जा सकता है (20)।
15. नियंत्रित वजन
आजकल हर कोई चाहता है कि वो चुस्त-तंदुरुस्त और आकर्षक नजर आए। इसके लिए न सिर्फ स्वस्थ रहने की जरूरत है, बल्कि वजन भी संतुलित रहना जरूरी है। आयुर्वेद में कहा गया है कि दुबले-पतले लोगों को अश्वगंधा का सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से पाचन तंत्र अच्छा होता है और शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं। ध्यान रहे कि अगर आप वजन बढ़ाने के लिए अश्वगंधा लेने की सोच रहे हैं, तो एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें (21)।
आगे हम बता रहे हैं कि त्वचा के लिए अश्वगंधा किस प्रकार लाभकारी है।
त्वचा के लिए अश्वगंधा के फायदे – Skin Benefits of Ashwagandha in Hindi
1. एंटी एजिंग
जैसा कि इस लेख के शुरुआत में बताया गया है कि अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है। इस लिहाज से यह आपके लिए काफी लाभकारी है। एंटीऑक्सीडेंट गुण के कारण ही यह शरीर में बनने वाले फ्री रेडिकल्स से लड़ सकता है। ये फ्री रेडिकल्स सूरज की यूवी किरणों के कारण भी हमारे शरीर में बन सकते हैं और एंटी एजिंग का कारण बन सकते हैं। वहीं, अश्वगंधा से बने फेस पैक का प्रयोग किया जाए, तो न सिर्फ समय पूर्व चेहरे पर आने वाली झुर्रियों से छुटकारा मिल सकता है, बल्कि डार्क स्पोर्ट को भी कम किया जा सकता है। इतना ही नहीं, अश्वगंधा के प्रयोग से स्किन कैंसर से भी बचा जा सकता है (22) (23)। यहां हम आपको अश्वगंधा के प्रयोग से फेस पैक बनाने की विधि बता रहे हैं।
सामग्री :
एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर
थोड़ा-सा गुलाब जल (आवश्यकतानुसार)
कैसे करें प्रयोग :
अश्वगंधा पाउडर और गुलाब जल को अच्छी तरह मिक्स करें, ताकि वो पेस्ट की तरह बन जाए।
अब इसे साफ हाथों या फिर साफ मेकअप ब्रश से अपने चेहरे पर लगाएं।
इस पेस्ट को करीब 15 मिनट लगे रहने दें और फिर पानी से धो लें।
2. घावों को भरने के लिए
जब किसी को चोट लगती है, तो कुछ समय बाद वहां घाव बन जाता है, जो कभी-कभी बहुत तंग करता है। वहीं, किसी-किसी के शरीर में संक्रमण के कारण भी घाव हो जाता है, जिसे जल्द से जल्द ठीक करना जरूरी होता है। ऐसे में आप अश्वगंधा की मदद ले सकते हैं। घाव पर लगाते ही यह अपना काम शुरू कर देता है, क्योंकि इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। आप या तो इसका पेस्ट लगा सकते हैं या फिर तेल, यह आप पर निर्भर करता है। आप अश्वगंधा का पेस्ट घर में ही बना सकते हैं। इसकी विधि हम यहां बता रहे हैं।
सामग्री :
अश्वगंधा की जड़
थोड़ा-सा पानी (आवश्यकतानुसार)
कैसे करें प्रयोग :
आप पहले तो अश्वगंधा की जड़ को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और फिर मिक्सी में ग्राइंड करके पाउडर तैयार कर लें।
अब इसमें इतना पानी डालें कि यह पेस्ट बन जाए।
पेस्ट बनने के बाद इसे प्रभावित जगह पर लगाएं।
जब तक आपको आराम न मिले, इसे दिन में एक बार तो जरूर लगाएं।
नोट : इस घरेलू उपचार को प्रयोग करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
3. स्किन टोनर
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त्वचा को जवां और खूबसूरत बनाए रखने के लिए समय-समय पर टोन करने की जरूरत होती है। इसका महत्व हर महिला के लिए समझना जरूरी है। स्किन को टोन करने से त्वचा के रोम छिद्र साफ होकर सि���ुड़ जाते हैं, ताकि फिर से उसमें गंदगी न जमा हो जाए। आपको पढ़कर हैरानी हो सकती है, लेकिन अश्वगंधा स्किन टोनर का भी काम करता है। आप हमारे कहे पर न जाएं, बल्कि इसे आजमा कर देखें। इसे कैसे प्रयोग करना है, उसकी विधि हम नीचे बता रहे हैं।
सामग्री :
दो चम्मच अश्वगंधा की जड़ का पाउडर
एक चम्मच सूखे नींबू के छिलके
एक चम्मच सूखा अदरक
200 एमएल पानी
कैसे करें प्रयोग :
यहां बताए गई सभी सामग्रियों को पानी में डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें।
अब पानी को कुछ देर के लिए उबालें।
एक बार जब पानी उबल जाए, तो इसे छानकर बोतल में डालकर रख दें।
अब जब भी आपको लगे कि त्वचा को टोनर की जरूरत है, तो इसका इस्तेमाल करें।
4. त्वचा में सूजन
यह तो आप जान ही गए हैं कि अश्वगंधा में पर्याप्त मात्रा में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इस लिहाज से यह आर्थराइटिस के साथ-साथ त्वचा में आई सूजन को कम करने में आपकी मदद कर सकता है। त्वचा में सूजन के लिए स्टैफिलोकोकस ऑरियस नामक बैक्टीरिया जिम्मेदार होता है। वहीं, अश्वगंधा जैसी ��मत्कारी जड़ी-बूटी में विथेनाओलाइड्स नामक यौगिक पाया जाता है, जो एंटीबैक्टीरिया की तरह काम करता है। यह यौगिक बैक्टीरिया के असर को कम करके त्वचा में आई सूजन को कम कर सकता है (24)।
कैसे करें प्रयोग :
त्वचा में जहां सूजन है, आप वहां अश्वगंधा पेस्ट को लगा सकते हैं।
5. कोर्टिसोल के स्तर में कमी
कोर्टिसोल एक प्रकार का हार्मोन होता है, जिसे स्ट्रेस हार्मोन भी कहा जाता है। यह हार्मोन आपके शरीर को बताता है कि आपको भूख लग रही है। जब रक्त में इस हार्मोन का स्तर ��ढ़ता है, तो शरीर में फैट और स्ट्रेस का स्तर भी बढ़ने लगता है। इससे शरीर को विभिन्न प्रकार के नुकसान हो सकते हैं। इसलिए, कोर्टिसोल के स्तर को कम करना जरूरी है। एक शोध में पाया गया है कि अश्वगंधा के प्रयोग से कोर्टिसोल को कम किया जा सकता है (25)।
कैसे करें प्रयोग :
आप प्रतिदिन 125mg से 5g तक अश्वगंधा के सप्लीमेंट्स ले सकते हैं, लेकिन इसे लेने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें। वही, आपको बेहतर रूप से बताएंगे कि प्रतिदिन कितनी मात्रा लेनी है और कब तक इसका सेवन करना है।
अश्वगंधा बालों के लिए भी गुणकारी है। आइए, जानते हैं कैसे।
बालों के लिए अश्वगंधा के फायदे – Hair Benefits of Ashwagandha in Hindi
1. स्वस्थ स्कैल्प
काले, घने और लंबे बालों की चाहत हर किसी को होती है। यह तभी संभव है, जब स्कैल्प अच्छा हो। इसके लिए आप किसी दवा, शैंपू या कंडीशनर की जगह आयुर्वेद पर भरोसा कर सकते हैं। आयुर्वेद में कहा भी गया है कि अगर आप बेहतर बाल व स्वस्थ स्कैल्प चाहते हैं, तो अश्वगंधा का प्रयोग कर सकते हैं। इसके प्रयोग से स्कैल्प में रक्त का संचार बेहतर होता है। साथ ही हेयर फॉलिकल्स को पर्याप्त पोषण मिलता है, जिससे बाल जड़ों से मजबूत और मोटे होते हैं। इससे बालों का झड़ना बंद हो जाता है (26)।
2. मजबूत बाल
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ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो झड़ते बालों से परेशान हैं। ऐसा बालों के जड़ से कमजोर होने पर होता है। अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं, तो खास अश्वगंधा आपके लिए ही है। बाल न सिर्फ पोषक तत्वों की कमी के कारण झड़ते हैं, बल्कि इसके पीछे तनाव भी एक कारण है। जैसा कि पहले भी बताया गया है कि अश्वगंधा के प्रयोग से स्कैल्प बेहतर होता है और संपूर्ण पोषण मिलता है, उसी तरह यह कोर्टिसोल के स्तर को भी कम करता है। कोर्टिसोल का स्तर कम होने से तनाव दूर होता है और उससे होने वाले दुष्प्रभाव भी कम होते हैं। ऐसे में जब बालों को पूरे पोषक तत्व मिलेंगे और तनाव कम होगा, तो बालों का झड़ना भी कम हो जाएगा (27) (28)।
3. डैंड्रफ
कुछ लोगों को डैंड्रफ की समस्या ज्यादा होती है। कई तरह के शैंपू, तेल व कंड��शनर इस्तेमाल करने पर भी समस्या दूर नहीं होती है। आप इन केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स की जगह अश्वगंधा का प्रयोग कर सकते हैं। इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होता है, जिस कारण से यह स्कैल्प से जुड़ी तमाम समस्याओं जैसे एग्जिमा, स्कैल्प सायरोसिस और डैंड्रफ आदि को ठीक करने में सक्षम है।
4. बेहतर हेयर फॉलिकल्स
हमारे स्कैल्प में कई हेयर फॉलिकल्स होते हैं, जो बालों को जड़ों से मजबूत बनाए रखने का काम करते हैं। इन फॉलिकल्स में कमी आने पर बाल टूटकर गिरने लगते हैं। इसलिए, आप केमिकल युक्त शैंपू की जगह अश्वगंधा युक्त शैंपू और कंडीशनर का इस्तेमाल करें। इससे न सिर्फ हेयर फॉलिकल्स बेहतर होंगे, बल्कि बालों में भी नई जान आएगी और चमकदार नजर आएंगे।
5. सफेद होते बालों से राहत
यह हमारी असंतुलित दिनचर्या और खानपान का ही परिणाम है कि हम जल्दी बूढ़े हो रहे हैं। समय से पहले ही चेहरे पर झुर्रियां नजर आने लगती हैं और बाल सफेद होने लगते हैं। झुर्रियों से बचने का तरीका हम पहले ही बता चुके हैं। अब हम बात करते हैं सफेद बालों की। अगर आप चाहते हैं कि आपके बाल समय से पहले सफेद न हों, तो अश्वगंधा को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लें। यह आयुर्वेदिक औषधि बालों में मेलेनिन के उत्पाद को बढ़ाती है। हम यहां बता दें कि मेलेनिन एक प्रकार का पिगमेंट है, जो बालों में प्राकृतिक रंग बनाए रखने में मदद करता है। जब आप अश्वगंधा का प्रयोग करना शुरू करेंगे, आपको खुद-ब-खुद असर नजर आने लगेगा (29)।
लेख के इस भाग में हम अश्वगंधा के पोषक तत्वों के बारे में बता रहे हैं।
अश्वगंधा के पौष्टिक तत्व – Ashwagandha Nutritional Value in Hindi
यह तो आप जान ही चुके हैं कि अश्वगंधा आपके लिए गुणों का खजाना है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, आयरन, टैनिन, नाइट्रेट, पोटैशियम, ग्लूकोज और फैट एसिड जैसे प्रमुख तत्व पाए जाते हैं। साथ ही इसमें सोमनीफेरिन, सोमिनिन, एफेरिन और विथेनाहाइड जैसे जरूरी स्टेरॉइडल अल्कलॉइड भी पाए जाते हैं। अश्वगंधा में फ्लेवोनाइड्स, लैक्टोन और एसाइल स्टैरिल ग्लूकोसाइड्स भी प्रचुर मात्रा में मिलते हैं। हम यहां एक टेबल के जरिए अश्वगंधा पाउडर के फायदे और उसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में बता रहे हैं। इस कारण से ही अश्वगंधा पाउडर फायदेमंद है।
पोषक तत्व अश्वगंधा पाउडर (प्रति 100 ग्राम) मॉइस्चर(%) 7.45 राख(g) 4.41 प्रोटीन(g) 3.9 फैट(g) 0.3 क्रूड फाइबर(g) 32.3 ऊर्जा(Kcal) 245 कार्बोहाइड्रेट(g) 49.9 आयरन(mg) 3.3 कैल्शियम(mg) 23 कुल कैरोटीन(µg) 75.7 विटामिन-सी (mg) 3.7
अश्वगंधा किस रूप में उपलब्ध है और इसका उपयोग कैसे करें – How to Use Ashwagandha in Hindi
ह���लांकि, बाजार में आपको अश्वगंधा विभिन्न रूपों में मिल जाएगा, लेकिन सबसे ज्यादा यह पाउडर के रूप में मिलता है। इसे आप शहद, पानी या फिर घी में मिलाकर प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, आपको बाजार या फिर ऑनलाइ�� अश्वगंधा चाय, अश्वगंधा कैप्सूल या फिर अश्वगंधा का रस भी आसानी से मिल जाएगा। अब सवाल उठता है कि इसे उपयोग कैसे किया जाए, तो इस बारे में आपके डॉक्टर से बेहतर कोई नहीं बता सकता। डॉक्टर आपकी समस्या और शरीर की प्रकृति के अनुसार इसे उपयोग करने की सलाह देगा। वास्तव में अश्वगंधा पाउडर फायदेमंद है।
आगे हम बता रहे हैं कि अश्वगंधा खाने का तरीका क्या है।
अश्वगंधा की खुराक – Ashwagandha Dosage in Hindi
जैसा कि हमने इस आर्टिकल में पहले भी कहा है कि अश्वगंधा का सेवन अपनी मर्जी से नहीं करना चाहिए। वहीं, अभी तक ऐसा कोई वैज्ञानिक शोध भी नहीं हुआ है, जो स्पष्ट कर सके कि अश्वगंधा का सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए। यह पूरी तरह से आपकी उम्र, सेहत, समस्या व अन्य कारणों पर निर्भर करता है। इसलिए, डॉक्टर की सलाह के बिना इसे उपयोग न करें। इसके अलावा, बाजार में मिलने वाले अश्वगंधा सप्लीमेंट्स के पैकेट पर भी लिखा होता है कि इसका सेवन कैसे करना है। ये निर्देश कुछ इस तरह के हो सकते हैं :
आप प्रतिदिन 4-5 ग्राम अश्वगंधा का सेवन कर सकते हैं।
आपको बाजार में अश्वगंधा के कैप्सूल भी मिल जाएंगे। इनका सेवन अक्सर पहलवान या फिर जिम जाने वाले करते हैं। आप एक-दो कैप्सूल रोज खा सकते हैं।
अगर आप इसे पानी में घोलकर लेना चाहते हैं, तो इसका पाउडर या फिर जड़ आसानी से मिल जाती है। आप अश्वगंधा की दो ग्राम जड़ लें और पानी में करीब 15 मिनट तक उबाल लें। फिर जब पानी ठंडा हो जाए, तो प्रतिदिन दो कप से ज्यादा इसका सेवन न करें। इस प्रकार आपको अश्वगंधा चूर्ण के फायदे मिल सकते हैं।
अश्वगंधा खाने का तरीका जानने के बाद आर्टिकल के अंतिम भाग में हम अश्वगंधा के नुकसान भी बता रहे हैं।
अश्वगंधा के नुकसान – Side Effects of Ashwagandha in Hindi
जैसे कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी प्रकार अश्वगंधा के नुकसान भी हैं। बेशक, अश्वगंधा को अधिक मात्रा में लेने के कोई घातक परिणाम नहीं होते, लेकिन छोटी-छोटी समस्या हो सकती हैं, जो आगे चलकर स्वास्थ्य को खराब कर सकती हैं।
अगर आप अश्वगंधा को अधिक मात्रा में लगातार एक हफ्ते से ज्यादा समय तक लेते हैं, तो हो सकता है कि आपके शरीर का तापमान बढ़ जाए। वहीं, कुछ लोगों के शरीर का तापमान कम भी हो सकता है। साथ ही छाती में दर्द और जुकाम होने की आशंका भी हो सकती है। यहां हम अश्वगंधा को जरूरत से ज्यादा लेने पर होने वाले कुछ अन्य दुष्प्रभाव बता रहे हैं।
अश्वगंधा को मूत्रवर्धक माना गया है, इसलिए कुछ मामलों में यह किडनी पर असर डाल सकता है।
अधिक मात्रा में लेने पर दस्त भी लग सकते हैं।
अश्वगंधा का सेवन जरूरत से ज्यादा करने पर पेट में ऐंठन जैसी समस्या हो सकती है।
अगर आपकी अंग प्रत्यारोपण जैसी कोई सर्जरी होने वाली है, तो आप अश्वगंधा का सेवन बिल्कुल न करें। इससे आपके जल्द स्वस्थ होने की प्रक्रिया धीमी पड़ सकती है।
जैसा कि आप जानते हैं कि अश्वगंधा के सेवन से प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है, लेकिन अगर कोई एचआईवी या फिर एड्स जैसी ऑटोइम्यून बीमारी से जूझ रहा है, तो उसके लिए अश्वगंधा घातक साबित हो सकता है।
गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इसके सेवन से गर्भ में पल रहे शिशु को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। साथ ही गर्भवती को गैस���ट्रोइंटेस्टाइनल जैसी समस्या हो सकती है।
अश्वगंधा का एक अन्य दुष्प्रभाव यह है कि इसके सेवन से वजन बढ़ सकता है। यह आपकी मांसपेशियों को जरूरत से ज्यादा विकसित कर सकता है, जिस कारण आप मोटापे का शिकार हो सकते हैं।
मल्टीपल स्केलेरोसिस से पीड़ित मरीजों को अश्वगंधा से दूरी बनाए रखनी चाहिए, क्योंकि यह उनकी बीमारी को और गंभीर बना देता है। मल्टीपल स्केलेरोसिस एक ऑटोइम्यून समस्या है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली नर्वस सिस्टम पर हमला कर उसे नष्ट करती है।
अश्वगंधा का सेवन करने से कुछ लोगों को रक्तचाप असंतुलित होने की समस्या हो सकती है।
प्रकृति ने हमें कई अनमोल उपहार दिए हैं और अश्वगंधा भी उन्हीं में से एक है। अगर इसका उपयोग समझदारी और डॉक्टर की सलाह पर किया जाए, तो यह आपके लिए अमृत समान साबित हो सकता है। आप तमाम तरह की बीमारियों से उबरने, शरीर में शक्ति बढ़ाने और वजन नियंत्रित करने आदि के लिए इसका सेवन कर सकते हैं। साथ ही जवां और खूबसूरत दिखने में भी यह औषधि आपकी मदद करेगी। अगर आप इस औषधि के संबंध में कुछ और पूछना चाहते हैं, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स में अपने प्रश्न हमसे पूछ सकते हैं। साथ ही अगर आप अश्वगंधा का प्रयोग पहले से कर रहे हैं, तो अपने अनुभव भी हमारे साथ साझा करें।
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Anuj Joshi
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/ashwagandha-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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