On the auspicious occasion of Chatrapati Shivaji Maharaj Jayanti, may his valor, wisdom, and indomitable spirit inspire us to uphold righteousness, fight injustice, and strive for the betterment of society. Let us remember his legacy of courage, leadership, and love for his people, and may we emulate his noble qualities in our lives. Wishing you all a blessed Shivaji Jayanti! Jai Bhavani, Jai Shivaji!
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देश और धर्म के लिए समर्पित, छत्रपति संभाजी महाराज की पुण्यतिथि पर उन्हें समर्पित करते हैं। महापराक्रमी, परम प्रतापी, अद्वितीय योद्धा - एक ही शंभू राजा। डॉ. पंकज शुक्ला #ASRE #Gramya #देशधर्मशेर #महापराक्रमी #एकहीशंभूराजा #अद्वितीययोद्धा #धर्मनिष्ठा #राष्ट्रभक्ति #छत्रपतिशिवाजीमहाराज #छत्रपतिसंभाजीमहाराज #पुण्यतिथि #विनम्रश्रद्धांजलि
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जयंती विशेष : 'मराठा साम्राज्य' के गौरव थे छत्रपति शिवाजी महाराज, मुगलों के छुड़ा दिए थे छक्के
चैतन्य भारत न्यूज
अपनी वीरता से मुगलों को घुटने टेकने पर मजबूर करने वाले सम्राट छत्रपति शिवाजी की आज 390वीं जयंती है। साल 1674 में उन्होंने ही पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी। शिवाजी महाराज को कुछ लोग हिंदू हृदय सम्राट भी कहते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं छत्रपति शिवाजी के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें।
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शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 में शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। उनका पूरा नाम शिवाजी भोंसले था। उनकी माता जीजाबाई तथा पिता शाहजी भोंसले थे। उन्होंने बचपन में राजनीति एवं युद्ध की शिक्षा ली थी।
बचपन में शिवाजी अपनी उम्र के बच्चों को इकट्ठा कर उनके नेता बनकर युद्ध करने और किले जीतने का खेल खेला करते थे। जब वह बड़��� हुए तो उनका ये खेल वास्तविक कर्म शत्रु बनकर शत्रुओं पर आक्रमण कर उनके किले आदि भी जीतने लगे। शिवाजी ने पुरंदर और तोरण जैसे किलों पर अपना अधिकार जमाया।
शिवाजी एक सेक्युलर शासक थे और वे सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करते थे। वह जबरन धर्मांतरण के सख्त खिलाफ थे। उनकी सेना में मुस्लिम बड़े पद पर मौजूद थे। इब्राहिम खान और दौलत खान उनकी नौसेना के खास पदों पर थे। सिद्दी इब्राहिम उनकी सेना के तोपखानों का प्रमुख था।
शिवाजी की मुगलों से पहली मुठभेड़ वर्ष 1656-57 में हुई थी। बीजापुर के सुल्तान आदिलशाह की मृत्यु के बाद वहां अराजकता का माहौल पैदा हो गया था, जिसका लाभ उठाते हुए मुगल बादशाह औरंगजेब ने बीजापुर पर आक्रमण कर दिया। आदिलशाह ने अपने सेनापति को शिवाजी को मारने के लिए भेजा। दोनों के बीच प्रतापगढ़ किले पर युद्ध हुआ। इस युद्ध में शिवाजी विजयी हुए।
शिवाजी की बढ़ती हुई शक्ति से चिंतित होकर मुगल बादशाह औरंगजेब ने दक्षिण में नियुक्त अपने सूबेदार को उन पर चढ़ाई करने का आदेश दिया, लेकिन सूबेदार को मुंह की खानी पड़ी। शिवाजी से लड़ाई के दौरान उसने अपना पुत्र खो दिया और खुद उसकी अंगुलियां कट गईं।
शिवाजी का विवाह 14 मई 1640 में सइबाई निम्बालकर के साथ लाल महल, पूना (अब पुणे) में हुआ था। उनके पुत्र का नाम संभाजी था। संभाजी शिवाजी के ज्येष्ठ पुत्र और उत्तराधिकारी थे जिसने 1680 से 1689 ई. तक राज्य किया।
शिवाजी ने मराठाओं की एक विशाल सेना तैयार की थी। उन्हीं के शासन काल में गुरिल्ला युद्ध के प्रयोग का भी प्रचलन शुरू हुआ। उन्होंने नौसेना भी तैयार की थी। भारतीय नौसेना का उन्हें जनक माना जाता है। 3 अप्रैल 1680 को बीमार होने पर उनकी मृत्यु हो गई।
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महाराष्ट्र दिनाच्या हार्दिक शुभेच्छा.
#महाराष्ट्र #मुंबई #महाराष्ट्रदिवस #आमचीमुंबई #आमचामहाराष्ट्र #भगवाझेंडा #मराठी #जयशिवाजी #जयभवानी #छत्रपतिशिवाजीमहाराज #महाराष्ट्रदेश #आम्हीमराठी #मीमराठी #जयमहाराष्ट्र
@4memoriestours @4memoriesevent @gogeetapawar @icreatesuraj @cute4pink @be__sheetal
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Tributes to the bravest Maratha ever & the warrior king of India, Chhatrapati #ShivajiMaharaj on his Death Anniversary today. #छत्रपतिशिवाजीमहाराज
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जयंती विशेष : 'मराठा साम्राज्य' के गौरव थे छत्रपति शिवाजी महाराज, जानें उनके जीवन से जुड़ी खास बातें
चैतन्य भारत न्यूज
अपनी वीरता से मुगलों को घुटने टेकने पर मजबूर करने वाले सम्राट छत्रपति शिवाजी की आज 390वीं जयंती है। साल 1674 में उन्होंने ही पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी। शिवाजी महाराज को कुछ लोग हिंदू हृदय सम्राट भी कहते हैं। आज हम आप��ो बताने जा रहे हैं छत्रपति शिवाजी के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें।
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शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 में शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। उनका पूरा नाम शिवाजी भोंसले था। उनकी माता जीजाबा�� तथा पिता शाहजी भोंसले थे। उन्होंने बचपन में राजनीति एवं युद्ध की शिक्षा ली थी।
बचपन में शिवाजी अपनी उम्र के बच्चों को इकट्ठा कर उनके नेता बनकर युद्ध करने और किले जीतने का खेल खेला करते थे। जब वह बड़े हुए तो उनका ये खेल वास्तविक कर्म शत्रु बनकर शत्रुओं पर आक्रमण कर उनके किले आदि भी जीतने लगे। शिवाजी ने पुरंदर और तोरण जैसे किलों पर अपना अधिकार जमाया।
शिवाजी एक सेक्युलर शासक थे और वे सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करते थे। वह जबरन धर्मांतरण के सख्त खिलाफ थे। उनकी सेना में मुस्लिम बड़े पद पर मौजूद थे। इब्राहिम खान और दौलत खान उनकी नौसेना के खास पदों पर थे। सिद्दी इब्राहिम उनकी सेना के तोपखानों का प्रमुख था।
शिवाजी की मुगलों से पहली मुठभेड़ वर्ष 1656-57 में हुई थी। बीजापुर के सुल्तान आदिलशाह की मृत्यु के बाद वहां अराजकता का माहौल पैदा हो गया था, जिसका लाभ उठाते हुए मुगल बादशाह औरंगजेब ने बीजापुर पर आक्रमण कर दिया। आदिलशाह ने अपने सेनापति को शिवाजी को मारने के लिए भेजा। दोनों के बीच प्रतापगढ़ किले पर युद्ध हुआ। इस युद्ध में शिवाजी विजयी हुए।
शिवाजी की बढ़ती हुई शक्ति से चिंतित होकर मुगल बादशाह औरंगजेब ने दक्षिण में नियुक्त अपने सूबेदार को उन पर चढ़ाई करने का आदेश दिया, लेकिन सूबेदार को मुंह की खानी पड़ी। शिवाजी से लड़ाई के दौरान उसने अपना पुत्र खो दिया और खुद उसकी अंगुलियां कट गईं।
शिवाजी का विवाह 14 मई 1640 में सइबाई निम्बालकर के साथ लाल महल, पूना (अब पुणे) में हुआ था। उनके पुत्र का नाम संभाजी था। संभाजी शिवाजी के ज्येष्ठ पुत्र और उत्तराधिकारी थे जिसने 1680 से 1689 ई. तक राज्य किया।
शिवाजी ने मराठाओं की एक विशाल सेना तैयार की थी। उन्हीं के शासन काल में गुरिल्ला युद्ध के प्रयोग का भी प्रचलन शुरू हुआ। उन्होंने नौसेना भी तैयार की थी। भारतीय नौसेना का उन्हें जनक माना जाता है। 3 अप्रैल 1680 को बीमार होने पर उनकी मृत्यु हो गई।
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आतंक को हराकर ही दम लेंगे ये हमारा संकल्पः पीएम मोदी
चैतन्य भारत न्यूज।
लातूर (महाराष्ट्र)। पीएम नरेंद्र मोदी आज महाराष्ट्र के लातूर में जनसभा कर रहे हैं। लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा छत्रपति शिवाजी महाराज की धरती के शूरवीरों ने जिस प्रकार से स्वाभिमानी और शक्तिशाली राष्ट्र की कल्पना की थी, आज उसी रास्ते पर भारत चल दिया है। राष्ट्रवाद हमारी प्रेरणा है। अंत्योदय हमारा दर्शन है। और सुशासन हमारा मंत्र है। इसी भावना पर नए भारत के निर्माण के लिए हम देश के हर नागरिक की भागीदारी चाहते हैं।
उन्होंने कहा आतंकवादियों के अड्डे पर घुस कर मारेंगे ये नए भारत की नीति है। आतंक को हराकर ही हम दम लेंगे ये हमारा संकल्प है। जम्मू कश्मीर में राष्ट्रवादियों के मन में हमने नया विश्वास जगाया है।
पीएम मोदी ने कहा हमारे 5 वर्ष की सबसे बड़ी कमाई है, विश्वास जो हुआ उसके लिए भी आपका ये चौकीदार याद आता है और जो होना चाहिए उसकी भी जिम्मेदारी मेरी ही हिस्से में है।
कांग्रेस पर साधा निशाना
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पाकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कांग्रेस कह रही है कि हिंसा वाले इलाकों में सैनिकों को मिले विशेष अधिकार को वो वापस ले लेंगे। पाकिस्तान भी तो यही चाहता है।
बालासाहेब ठाकरे का नागरित्व छीन लिया था
उन्होंने कहा कांग्रेस वाले कह रहे हैं कि हम देशद्रोह का कानून हटाएंगे, अरे मैं कहता हूं कि पहले दर्पण में जाकर अपना मुंह देखो। आप कांग्रेस वाले ही थे जिन्होंने बालासाहेब ठाकरे का नागरित्व छीन लिया था, उनका मतदान करने का अधिकार छीन लिया था।
संकल्प पत्र में किसानों के लिए की है घोषणा
2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो, ये हमारा संकल्प है और इस संकल्प को पूरा करने के लिए हमने 22 फसलों का एमएसपी लागत का डेढ़ गुना तय किया है। हमने बीज से बाजार तक पुरानी व्यवस्थाओं को बदलने के लिए काम किया है। उन्होंने कहा खेती के लिए पैसे की दिक्कत कम हो, इसके लिए आपको क्रेडिट कार्ड पर बिना किसी ब्याज के 1 लाख रुपए तक मिल पाएंगे। इसका ऐलान भी हमने कल संकल्प पत्र में किया है।
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जानिए बीजेपी के ‘संकल्प पत्र’ की खास बातें…
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"प्रतिपच्चंद्रलेखेव वर्धिष्णुर्विश्ववंदिता शाहसुनोः शिवस्यैषा मुद्रा भद्राय राजते" #छत्रपतिशिवाजीमहाराज #chatrpatishivajimaharaj #muralart #muralist #artforall #pune #royaltasta #tasta #dubai #london #indianking #art #artist #nileshartist #punekar #maharastra #mumbai #shivsena #yuvasena #history #pfa #maratha #marathi #shivjayanti 🏫: @royaltasta (at TASTA) https://www.instagram.com/p/B2m4FMzBKM3/?igshid=193oak5ty1cwm
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