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#एसए बोबडे
trendingwatch · 2 years
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CJI रमना ने न्यायपालिका के बारे में जानकारी के प्रसार में सहयोग के लिए मीडिया की सराहना की
CJI रमना ने न्यायपालिका के बारे में जानकारी के प्रसार में सहयोग के लिए मीडिया की सराहना की
द्वारा पीटीआई NEW DELHI: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना ने शुक्रवार को न्यायपालिका के बारे में जानकारी प्रसारित करने के लिए मीडिया की सराहना की और इसे न्यायिक प्रणाली को मजबूत करने की सहयोगी परियोजना में एक ‘सक्रिय भागीदार’ करार दिया। न्यायमूर्ति रमना, जो 24 अप्रैल, 2021 को सीजेआई के रूप में एसए बोबडे की जगह लेंगे, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) द्वारा शीर्ष अदालत के सभागार में…
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24gnewshindi · 3 years
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भारत के मुख्य न्यायाधीश का समय, चीफ जस्टिस एसए बोबडे कहते हैं
भारत के मुख्य न्यायाधीश का समय, चीफ जस्टिस एसए बोबडे कहते हैं
कोर्ट ने महिला वकील एसोसिएशन की याचिका पर नोटिस जारी नहीं किया। नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश, भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने आज कहा कि समय आ गया है। उन्होंने कहा, “हमारे दिमाग में महिलाओं की रुचि है और हम इसे सबसे बेहतर तरीके से लागू कर रहे हैं। हमारे अंदर कोई बदलाव नहीं आया है। केवल एक चीज हमें अच्छी उम्मीदवार मिलनी है।” ये अवलोकन उच्च न्यायालयों में तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति की…
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technobug · 3 years
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When Chief Justice, Lawyer Mukul Rohatgi Digressed To Goa In Courtroom
When Chief Justice, Lawyer Mukul Rohatgi Digressed To Goa In Courtroom
<!– –> राजोआना की याचिका पर न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि गणतंत्र दिवस (फाइल) से पहले फैसला करना अच्छा होगा नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश और वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी के बीच सुप्रीम कोर्ट में लंबे समय से लंबित दया याचिका पर सुनवाई के दौरान हल्की-फुल्की बहस के बीच आज कोर्ट-कचहरी का मामला सामने आया। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे बलवान एस राजोआना की दया याचिका पर ��भासी सुनवाई…
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ckpcity · 4 years
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SCAORA ने CJI बोबडे को लिखा, सुप्रीम कोर्ट परिसर में वकील की मौत की जांच
SCAORA ने CJI बोबडे को लिखा, सुप्रीम कोर्ट परिसर में वकील की मौत की जांच
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सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो।
मेडिकल लापरवाही के कारण कथित रूप से सुप्रीम कोर्ट परिसर के भीतर एक बड़ी कार्डियक गिरफ्तारी के बाद ढींगरा का बुधवार को निधन हो गया।
PTI नई दिल्ली
आखरी अपडेट: 9 जुल���ई, 2020, 10:34 PM IST
एक वकील के निकाय ने गुरुवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे को पत्र लिखा कि सुप्रीम कोर्ट परिसर के अंदर 80 वर्षीय वकील एस के ढींगरा की मौत की जांच के लिए कथित तौर पर उचित…
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khabaruttarakhandki · 4 years
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हार्ले डेविडसन की सुपरबाइक पर नजर आए सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, ट्विटर पर हलचल
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हार्ले डेविडसन की सुपरबाइक पर नजर आए CJI बोबडे.
खास बातें
सीजेआई बोबडे की नई तस्वीर की चर्चा
हार्ले डेविडसन की बाइक पर बैठे आए नजर
बाइक्स से है खासा लगाव
नई दिल्ली:
64 साल के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (Chief Justice of India- CJI) शरद अरविंद बोबडे की एक खास तस्वीर वायरल हुई है, जिसकी ट्विटर पर काफी चर्चा हो रही है. CJI बोबडे सोशल मीडिया के टॉप ट्रेंड्स में शामिल हो गए थे. रविवार को उनकी एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें वो हार्ले डेविडसन की नई सुपरबाइक CVO 2020 की सवारी करते हुए दिखाई दे रहे हैं. बोबडे को बाइक्स में दिलचस्पी है और उन्होंने कभी बताया था कि वो पहले उनके पास एक बुलेट थी. यह तस्वीर उनके गृहनगर नागपुर की है, वो फिलहाल नागपुर में ही हैं. 
Chief Justice of India SA Bobde trying out Harley Davidson. (Harley Davidson Limited edition CVO 2020) @harleydavidson#SupremeCourtpic.twitter.com/6bDv0g4n2P
— Bar & Bench (@barandbench) June 28, 2020
यह भी पढ़ें
बहुत से लोगों ने उनके इस नए अवतार की तारीफ की. 
Liked this Avatar of our Chief Justice Sri Bobde .. Stylish and suave.. #rockstarpic.twitter.com/Oh7KyWv2JG
— Rahul Easwar (@RahulEaswar) June 28, 2020
I like ppl who love life. No false pretensions. No false sense of protocol. Lutyens delhi full of such ppl. Just saw this pic on social media of our current CJI Sharad Bobde. A different person. Positions come & go. But you hv 1 life. pic.twitter.com/EFEr23KdP0
— Vivek Tankha (@VTankha) June 28, 2020
वहीं, कुछ लोगों ने उनके मास्क और हेलमेट न पहनने को लेकर आपत्ति भी जताई. 
Coolest Avatar…but a wrong message from a person who is holding one of the most highly respected post in India.
Saddened to say that Hon’ble CJI SAHAB was not wearing mask, helmet and also not maintaining adequate social distancing, which conveys a wrong msg to society.
— राष्ट्रहित_सर्वोपरि (@swaraj_rakshak) June 28, 2020
Chief Justice of India (CJI) SA Bobde . The guardian of law or a law breaker ? No Mask , No helmet #COVIDIOTS#Covid_19pic.twitter.com/ZdOAlgywYD
— kŕṣṇa (@infestedbrain) June 28, 2020
बता दें कि पिछले साल नवंबर में अपनी नियुक्ति के दौरान उन्होंने कई इंटरव्यू में बाइक्स को लेकर अपना प्यार जाहिर किया था. यह भी पता चला था कि एक मसल बाइक की टेस्टिंग के दौरान उन्हें चोट आ गई थी, जिसके चलते उन्हें कोर्ट से कुछ दूर रहना पड़ा था. 
फिलहाल CJI बोबडे नागपुर में अपने घर पर हैं. यहां कोरोनावायरस लॉकडाउन के बीच वो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केस की सुनवाई कर रहे हैं. 
Video: प्रेम, आशा और प्रसन्नता का गीत , ‘लोका: समस्ता: सुखिनो भवन्तु ‘
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from WordPress https://hindi.khabaruttarakhandki.in/%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a5%87-%e0%a4%a1%e0%a5%87%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a1%e0%a4%b8%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a5%81%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a4%ac%e0%a4%be/
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hindinewshub · 4 years
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WhatsApp Pay Launch in India Won't be Immediate as it Awaits Compliance with All Laws
WhatsApp Pay Launch in India Won’t be Immediate as it Awaits Compliance with All Laws
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प्रतिनिधित्व के लिए छवि।
व्हाट्सएप के माध्यम से भुगतान पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका की सुनवाई के दौरान यह बयान दिया गया था, क्योंकि यह डेटा स्थानीयकरण मानदंडों के अनुरूप नहीं है।
आईएएनएस
आखरी अपडेट: 14 मई, 2020, सुबह 11:44 बजे IST
द्वारा संपादित: शौविक दास
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि वह देश में सभी भुगतान नियमों और…
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newsaryavart · 4 years
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कार्यपालिका लोगों की जिंदगी खतरे में नहीं डाल सकती, अगर ऐसा हुआ तो करेंगे हस्तक्षेप: CJI बोबडे
कार्यपालिका लोगों की जिंदगी खतरे में नहीं डाल सकती, अगर ऐसा हुआ तो करेंगे हस्तक्षेप: CJI बोबडे
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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश SA बोबडे की फाइल फोटो सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे (CJI SA Bobde) ने कहा कि महामारी (Epidemic) या किसी आपदा को सबसे अच्छे से कार्यपालिका…
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mrdevsu · 3 years
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CJI NV Ramana: जस्टिस एन वी रमना बने देश के नए मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ
CJI NV Ramana: जस्टिस एन वी रमना बने देश के नए मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ
नई दिल्ली: जस्टिस नुरलती वेंकट रमना आज भारत के 48 वें मुख्य न्यायाधीश बने। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुबह 11 बजे उन्हें पद की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति वे��कैया नायडू सहित सुप्रीम कोर्ट के कई जज उपस्थित रहे। अल्पभाषी और सौम्य स्वभाव के न्यायिस रमना का शब्द लगभग 16 महीने का होगा। उनका कार्यकाल 26 अगस्त 2022 तक रहेगा27 अगस्त 1957 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा…
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जस्टिस एनवी रमना ने भारत के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली
जस्टिस एनवी रमना ने भारत के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली
जस्टिस एनवी रमना ने राष्ट्रपति भवन में एक छोटे से समारोह में शपथ ली। नई दिल्ली: न्यायमूर्ति एनवी रमना ने आज सुबह भारत के 48 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कोविंद के प्रतिबंधों के कारण एक छोटे से समारोह में दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में उन्हें शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति एसए बोबडे की विदाई में, जो मुख्य न्यायाधीश के रूप में कल सेवानिवृत्त हुए, न्यायमूर्ति रमण ने…
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technobug · 3 years
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Chief Justice Responds To Criticism Of Farm Laws Committee
Chief Justice Responds To Criticism Of Farm Laws Committee
<!– –> जस्टिस बोबडे ने सवाल किया कि अतीत में व्यक्त किए गए विचारों ने किसी भी सदस्य को अयोग्य क्यों ठहराया नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने आज किसान विरोध के समाधान पर बातचीत करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की समिति की आलोचना का जवाब दिया और नोट किया कि उन्होंने ऐसे पैनलों के गठन के बारे में “समझ की कमी” को क्या कहा है। आपराधिक परीक्षणों में अपर्याप्तता को दूर करने के दिशा-निर्देशों से…
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myattud · 4 years
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ckpcity · 4 years
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'तथ्य-गहन': CJI बताते हैं कि प्रवासी श्रमिकों का मामला SC द्वारा तत्काल क्यों नहीं लिया गया
‘तथ्य-गहन’: CJI बताते हैं कि प्रवासी श्रमिकों का मामला SC द्वारा तत्काल क्यों नहीं लिया गया
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प्रतिनिधि छवि। (रायटर)
CJI ने इसे ‘विषम’ कहा कि शीर्ष अदालत को वकीलों को यह समझाने की आवश्यकता है, भले ही उन्हें यह समझना चाहिए कि यह सब कैसे काम करता है।
सीएनएन-News18
आखरी अपडेट: 10 जुलाई, 2020, 12:54 PM IST
नई दिल्ली:प्रवासी श्रमिकों के मामले का हवाला देते हुए, भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने शुक्रवार को कहा कि यह उच्चतम न्यायालय के लिए नहीं है कि वह प्रत्येक मामले को पहली बार में…
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vsplusonline · 4 years
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दिल्ली हिंसा पर CJI बोबडे ने कहा- कोर्ट भी शांति चाहता है, लेकिन हमारी भी कुछ सीमाएं हैं
New Post has been published on https://apzweb.com/%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%b8%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-cji-%e0%a4%ac%e0%a5%8b%e0%a4%ac%e0%a4%a1%e0%a5%87-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95/
दिल्ली हिंसा पर CJI बोबडे ने कहा- कोर्ट भी शांति चाहता है, लेकिन हमारी भी कुछ सीमाएं हैं
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नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी में सांप्रदायिक हिंसा (Delhi communal violence) थमने के बीच प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे (CJI SA Bobde) ने सोमवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) भी शांति की कामना करता है, लेकिन उसकी भी कुछ ‘सीमाएं’ हैं और वह ‘एहतियातन राहत’ नहीं दे सकता है. न्यायमूर्ति बोबडे ने यह टिप्पणी भाजपा नेताओं–अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur), प्रवेश वर्मा (Parvesh Verma), कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) और अभय वर्मा (Abhay Verma) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करने वाली याचिकाओं पर चार मार्च को सुनवाई करने पर सहमति जताने के बीच की.
भाजपा (BJP) के नेताओं पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने का आरोप है जिसकी वजह से कथित तौर पर दिल्ली में हिंसा भड़की. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर गत 23 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा में कम से कम 42 लोगों की मौत हुई है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
सांप्रदायिक हिंसा के 10 पीड़ितों द्वारा दायर याचिका का अविलंब सुनवाई के लिये प्रधान न्यायाधीश बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष उल्लेख किया गया, जिसने कहा कि इसपर बुधवार को सुनवाई होगी.
‘हम चीजों को होने से रोक नहीं सकते’जब याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंजाल्विस ने इन याचिकाओं को अविलंब सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया तो प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “हम यह नहीं कह रहे हैं कि लोगों को मरना चाहिये. इस तरह के दबाव से निपटने के लिये हम सक्षम नहीं हैं. हम चीजों को होने से नहीं रोक सकते. हम एहतियाती राहत नहीं दे सकते. हम अपने ऊपर एक तरह का दबाव महसूस करते हैं.”
पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल हैं. पीठ ने कहा कि अदालत किसी स्थिति से कोई चीज होने के बाद निपट सकती है और उसे किसी चीज को रोकने की शक्ति प्रदान नहीं की गई है.
अदालत की स्थिति पर ये बोले सीजेआईजब गोंजाल्विस ने कहा कि अदालत स्थिति को और बिगड़ने से रोक सकती है तो सीजेआई ने कहा, “जिस तरह का हमपर दबाव है, आपको जानना चाहिये कि हम उससे नहीं निपट सकते हैं.” उन्होंने कहा, “हम भी समाचार पत्र पढ़ते हैं और टिप्पणियां ऐसे की जाती हैं, मानो अदालत ही जिम्मेदार है.” उन्होंने कहा, “हम भी शांति चाहेंगे, लेकिन आप जानते हैं कि कुछ सीमाएं हैं.”
जब पीठ ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय पहले ही दिल्ली हिंसा से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है तो इसपर गोंजाल्विस ने कहा कि उच्च न्यायालय ने करीब छह सप्ताह के लिये सुनवाई स्थगित कर दी है और यह निराशाजनक है. उन्होंने शीर्ष अदालत से याचिका को मंगलवार को सुनवाई के लिये सूचीबद्ध करने का अनुरोध करते हुए कहा, “जब लोग अब भी मर रहे हैं, तो उच्च न्यायालय क्यों नहीं इसपर अविलंब सुनवाई कर सकता है.”
पीठ ने याचिका को बुधवार को सुनवाई के लिये सूचीबद्ध करने पर सहमति जताते हुए कहा, “हम देखेंगे कि हम क्या कर सकते हैं.”
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से मांगी रिपोर्ट इसी से संबंधित मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से हिंसा प्रभावित लोगों के उपचार और उनके पुनर्वास के लिये उठाए गए कदमों के बारे में उससे स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा.
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह अदालत के 26 फरवरी के आदेश के अनुपालन में उनकी तरफ से उठाए गए कदमों पर एक रिपोर्ट सौंपे. उस आदेश के जरिये उच्च न्यायालय ने पीड़ितों के पुनर्वास के लिये कुछ निर्देश दिये थे.
पीड़ितों की ओर से दायर याचिका में की गई ये मांग शीर्ष अदालत में पीड़ितों की ओर से दायर याचिका में दिल्ली के बाहर के अधिकारियों को लेकर एक विशेष जांच दल गठित करने और इसकी अगुवाई ऐसे ‘ईमानदार और प्रतिष्ठित’ अधिकारी को सौंपने का अनुरोध किया गया है, जो स्वतंत्र तरीके से काम करने में सक्षम हो. इस बीच, शीर्ष अदालत में सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना ने दंगों और खुफिया ब्यूरो के अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या की अदालत की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग करते हुए एक अलग याचिका दायर की है.
अधिवक्ता उत्सव सिंह बैंस के जरिये दायर याचिका में हिंसा रोकने में विफल रहे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की भी मांग की गई है.
ये भी पढ़ें- दिल्ली हिंसा पर चंद्रशेखर ने UN को लिखा पत्र, कहा- हो रहा मानवाधिकार उल्लंघन
ममता बनर्जी ने दिल्ली हिंसा को बताया नरसंहार, बाबुल सुप्रियो ने दिया ये जवाब
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sonita0526 · 4 years
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लोगों पर अत्यधिक टैक्स का बोझ डालना सामाजिक अन्याय होगा: शेफ जस्टिस बोबडे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल के स्थापना समारोह को संबोधित किया।
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bhaskarhindinews · 5 years
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Illegal sand mining: SC seeks response from Centre, CBI and 5 states
अवैध रेत खनन: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, CBI और पांच राज्यों से मांगा जवाब
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हाईलाइट
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र, सीबीआई और 5 राज्यों को अवैध रेत खनन की जांच की याचिका पर नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र, सीबीआई और पांच राज्यों को कथित अवैध बालू खनन की जांच की याचिका पर नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने पर्यावरण और वन मंत्रालय (एमओईएफ), खनन मंत्रालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), तमिलनाडु, पंजाब, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र से इस संबंध में जवाब मांगा हैं।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें –  https://www.bhaskarhindi.com/news/illegal-sand-mining-sc-seeks-response-from-centre-cbi-and-5-states-74181
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janchowk · 4 years
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जेपी बनते नजर आ रहे हैं प्रशांत भूषण
जेपी बनते नजर आ रहे हैं प्रशांत भूषण
कोर्ट के जाने माने वकील और सोशल एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की अवमानना मामले में दोषी करार दिया है। कोर्ट 20 अगस्त को प्रशांत भूषण की सज़ा पर सुनवाई करेगा। फैसला आने के कुछ घंटों बाद प्रशांत भूषण फेसबुक लाइव पर आए। आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन यानी आईसा के फेसबुक पेज पर लाइव के दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी।
उन्होंने आखिर में लोकतंत्र के महत्व और लोगों की…
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