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Total Lockdown का आदेश! 8 जिलों में स्कूल-कॉलेज, बाजार सब बंद, CORONA के बीच लिया गया बड़ा फैसला
Total Lockdown का आदेश ! इम्फाल: Total Lockdown Impose in 8 District आदिवासी आंदोलन के दौरान हिंसा को लेकर मणिपुर के आठ जिलों में बुधवार को कर्फ्यू लगा दिया गया और पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं। मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए छात्रों के एक संगठन द्वारा आहूत ‘आदिवासी एकता मार्च’ में हिंसा भड़क गई…
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#SantRampalJi_AvataranDiwas
💎समाज कल्याण हेतु संत रामपाल जी महाराज जी की अद्भुत एवं अलौकिक परमार्थी कार्य💎
समाज में जब जब भी त्रासदी अथवा आपदा आई है संत रामपाल जी महाराज जी व उनके शिष्य हमेशा आगे रहते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी का यही ज्ञान है कि परोपकार तथा परमार्थ के कार्य में हमेशा आगे रह��ा चाहिए और यही कारण है कि संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य हमेशा आगे रहते हैं।
जो कोई करै सो स्वार्थी, अरस परस गुण देत।
बिन किये करै सो सूरमा, परमारथ के हेत ।।
कोरोना कल में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी की आदेश अनुसार संत रामपाल जी महाराज जी की शिष्य कोरोना काल में विशेष योगदान दिए थे। कुरूना महामारी में लॉकडाउन के कारण जहां कहीं भी खाने की व्यवस्था नहीं थी वहां खाने की व्यवस्था किए थे। जगह-जगह लोगों को ताज सामग्री पहुंचाई गई थी।
बाढ़ त्रासदी में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य कोरोना कल में साथ देने के साथ-साथ बाढ़ टेस्ट में भी लोगों की विशेष मदद की है। हाल ही में जहां कहीं भी बाढ़ आई थी वहां पर लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई गई। संत रामपाल जी महाराज जी के शिक्षा का ही परिणाम है संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य आगे रहते हैं।
दहेजमुक्त समाज का निर्माण
एक तरफ समाज में जहां बेटियों को बोझ समझा जाता है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी बेटियों के लिए दहेज मुक्त समाज का निर्माण कर रहे हैं और यही कारण है कि आज लाखों बेटियां दहेज मुक्त विवाह करके अपना सुखी जीवन जी रही है। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य न दहेज लेते हैं और ना देते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के पद चिन्हों पर चलकर दहेज मुक्त विवाह करते हैं।
नशा मुक्त समाज का निर्माण
संत रामपाल जी महाराज जी समाज के परोपकारी कार्य में नशा मुक्त का कार्य भी सम्मिलित है। जहां युवा पीढ़ी नसीब मिलत है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य नशा नहीं करते हैं और यहां तक कि ना ही नशा की सामग्री को हाथ लगाते हैं। इससे समाज एक नई दिशा की ओर अग्रसर होगा जिसमें किसी भी प्रकार का नशा चोरी जारी रिश्वतखोरी इत्यादि से मुक्त होगा।
देहदान एवं रक्तदान में योगदान
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य सदैव परोपकार के कार्य में आगे रहते हैं और यही कारण है कि वह संत रामपाल जी महाराज जी के प्रत्येक आदेशों का पालन करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य रक्तदान एवं देहदान में विशेष योगदान दिए हैं।
संत रामपाल जी महाराज व उनके शिष्य हमेशा से ही परमार्थ के कार्यों में आगे रहे हैं । संत रामपाल जी महाराज जी का यही उद्देश्य है समाज में अनैतिक कार्यों को समाप्त करके नैतिकता को बढ़ावा देना है।
#समाज_सुधारक_संत_रामपालजी
#SantRampalJi_AvataranDiwas
#SantRampalJiMaharaj
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#MondayThoughts #Thoughtsoftheday #Godstory #KabirIsGod
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💎समाज कल्याण हेतु संत रामपाल जी महाराज जी की अद्भुत एवं अलौकिक परमार्थी कार्य💎
समाज में जब जब भी त्रासदी अथवा आपदा आई है संत रामपाल जी महाराज जी व उनके शिष्य हमेशा आगे रहते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी का यही ज्ञान है कि परोपकार तथा परमार्थ के कार्य में हमेशा आगे रहना चाहिए और यही कारण है कि संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य हमेशा आगे रहते हैं।
जो कोई करै सो स्वार्थी, अरस परस गुण देत।
बिन किये करै सो सूरमा, परमारथ के हेत ।।
कोरोना कल में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी की आदेश अनुसार संत रामपाल जी महाराज जी की शिष्य कोरोना काल में विशेष योगदान दिए थे। कुरूना महामारी में लॉकडाउन के कारण जहां कहीं भी खाने की व्यवस्था नहीं थी वहां खाने की व्यवस्था किए थे। जगह-जगह लोगों को ताज सामग्री पहुंचाई गई थी।
बाढ़ त्रासदी में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य कोरोना कल में साथ देने के साथ-साथ बाढ़ टेस्ट में भी लोगों की विशेष मदद की है। हाल ही में जहां कहीं भी बाढ़ आई थी वहां पर लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई गई। संत रामपाल जी महाराज जी के शिक्षा का ही परिणाम है संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य आगे रहते हैं।
दहेजमुक्त समाज का निर्माण
एक तरफ समाज में जहां बेटियों को बोझ समझा जाता है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी बेटियों के लिए दहेज मुक्त समाज का निर्माण कर रहे हैं और यही कारण है कि आज लाखों बेटियां दहेज मुक्त विवाह करके अपना सुखी जीवन जी रही है। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य न दहेज लेते हैं और ना देते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के पद चिन्हों पर चलकर दहेज मुक्त विवाह करते हैं।
नशा मुक्त समाज का निर्माण
संत रामपाल जी महाराज जी समाज के परोपकारी कार्य में नशा मुक्त का कार्य भी सम्मिलित है। जहां युवा पीढ़ी नसीब मिलत है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य नशा नहीं करते हैं और यहां तक कि ना ही नशा की सामग्री को हाथ लगाते हैं। इससे समाज एक नई दिशा की ओर अग्रसर होगा जिसमें किसी भी प्रकार का नशा चोरी जारी रिश्वतखोरी इत्यादि से मुक्त होगा।
देहदान एवं रक्तदान में योगदान
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य सदैव परोपकार के कार्य में आगे रहते हैं और यही कारण है कि वह संत रामपाल जी महाराज जी के प्रत्येक आदेशों का पालन करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य रक्तदान एवं देहदान में विशेष योगदान दिए हैं।
संत रामपाल जी महाराज व उनके शिष्य हमेशा से ही परमार्थ के कार्यों में आगे रहे हैं । संत रामपाल जी महाराज जी का यही उद्देश्य है समाज में अनैतिक कार्यों को समाप्त ��रके नैतिकता को बढ़ावा देना है।
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LOCKDOWN: चीन में HMPV वायरस के कारण लगे लाशों के ढेर, जानें क्या भारत में फिर लगने वाला है लॉकडाउन
HMPV Virus In China: दुनिया भर में एक बीमारी की आहट से लोग काफी ज्यादा परेशान हैं. चीन में नए वायरस एचएमपीवी के प्रकोप ने चिंता काफी ज्यादा बढ़ा दी है. कोविड-19 के बाद यह एक महामारी जैसी स्थिति बनने का संकेत दे रहा है. सबसे पहले जानते हैं कि एचएमपीवी के लक्षण क्या हैं. खांसी नाक बहना, बुखार गले में खराश गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई या कुछ मामलों में यह ब्रोंकाइटिस, न्यूमोनिया या अस्थमा…
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Big Announcement on Lockdown News LIVE: लॉकडाउन का ऐलान, बॉर्डर सील? | C...
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संत रामपाल के बेटे ने बदली दान की परंपरा, जाट महासभा को दिया ऐतिहासिक यो...
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*संत रामपाल जी महाराज जी का समाज सुधार में योगदान* (इसके संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदु नीचे दिए गए हैं, कृपया इन बिंदुओं के अनुसार टिप्पणियां अवश्य करें।)
• नशा मुक्त भारत बनाना :- संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग सुनने मात्र से ही आत्मा निर्मल हो जाती है और उनसे नामदिक्षा लेने से मन के सभी विकार दूर हो जाते हैं। इसीलिए उनसे जुड़ने के उपरांत आज लाखों लोगों ने नशा छोड़ा है और सुखमय जीवन व्यतीत कर रहें हैं।
• समाज से दहेज जैसी कुप्रथा को जड़ से खत्म करना:- संत रामपाल जी के अनुयाई मात्र 17 मिनट में दहेज मुक्त विवाह (रमैनी) करते हैं जिसमें दोनों पक्षों की तरफ से किसी भी चीज का लेन देन नहीं किया जाता । इसी मुहिम के तहत आज हजारों शादियां हो चुकी हैं जिससे लड़कियों को न तो समाज में बोझ समझा जाता है और कन्या भ्रूण हत्या भी खत्म होती जा रही है।
• युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना :- युवा पीढ़ी जो आज गलत दिशा में जाती जा रही है और अपने मूल उद्देश्य से वंचित रह जाती हैं तो वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी से जुड़े युवा अध्यात्म से जुड़कर सभी विकारों से दूर अपने उद्देश्य को सफल बना रहें हैं।
• भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना :- संत रामपाल जी महाराज का कोई भी शिष्य रिश्वतखोरी और चोरी नहीं करते जिससे कि समाज में भ्रष्टाचार खत्म हो रहा है।
• समय समय पर रक्तदान और देहदान जैसे कार्यक्रम आयोजित करना :- संत रामपाल जी के अनुयाई रक्तदान और देहदान कर मानव समाज की मदद कर रहे हैं।
• सतभक्ति प्रदान करके विश्व को मोक्ष प्रदान करना: ऐसे समाज सुधार के कार्य करने वाले महान तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज वर्तमान में लगभग 11 सतलोक आश्रमों में 3 दिवसीय विशाल भंडारा साल में 6 बार करवाते है।
• भ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान: भ्रूण हत्या, विशेषकर कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम चलाना।
• अंतरधार्मिक सद्भावना: विभिन्न धर्मों के बीच सद्भावना और एकता को बढ़ावा देना। संत जी ने सभी धर्मग्रंथों के आधार पर एक परमात्मा की ओर ध्यान केंद्रित कर धार्मिक एकता का संदेश दिया।
• प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्य
COVID-19 महामारी के दौरान सहायता: कोविड-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन के चलते हरियाणा राज्य के कई शहरों में मजदूर फंस गए थे। स्थानीय प्रशासन स्थिति को संभालने में असमर्थ हो गया था। तब संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने उन मजदूरों के रहने, भोजन, पानी और अन्य ज़रूरतों का इंतज़ाम संत जी के आश्रम में ही किया। प्रशासन को भी राहत मिली और मजदूरों को उनके घरों तक पहुँचाया गया। रास्ते के लिए भोजन और पानी की बोतलें भी संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने निःशुल्क उपलब्ध करवाईं।
• बाढ़ पीड़ितों को सहायता: 2023 में हरियाणा के 12 जिलों में भयंकर बाढ़ आई थी, जहाँ संत रामपाल जी के शिष्यों ने बाढ़ पीड़ितों को भोजन और अन्य आवश्यक सामग्री ट्रैक्टरों में ले जाकर प्रदान की। संत जी के शिष्य जहां कहीं भी समाज सेवा का मौका देखते हैं, तुरंत आगे आकर सेवा कार्य में लग जाते हैं।
• रेल हादसे में सहायता: 2 जून 2023 को ओडिशा में भीषण रेल हादसा हुआ, जिसमें करीब 300 लोगों की मौत हो ग�� और करीब 1000 लोग घायल हो गए। इस दुख की घड़ी में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी मसीहा बनकर आगे आए। 16 जून को ओडिशा के संबलपुर में संत रामपाल जी के अनुयायियों ने 278 यूनिट रक्तदान किया और घायलों की मदद की।
• पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़े पैमाने पर पौधारोपण अभियान चलाना जैसे कि पंजाब और मध्यप्रदेश में लाखों पौधे रोपना। इन अभियानों का उद्देश्य पर्यावरण को हरा-भरा रखना और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना है।
• स्वच्छता अभियान: संत रामपाल जी के अनुयायियों द्वारा नियमित रूप से स्वच्छता अभियानों का आयोजन किया जाता है। इन अभियानों का उद्देश्य समाज को स्वच्छ और स्वास्थ्यप्रद वातावरण प्रदान करना है।
• सामाजिक समानता और न्याय
– सामाजिक न्याय का प्रसार: संत रामपाल जी ने समाज में व्याप्त असमानताओं और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों को अपने अनुयायियों के बीच फैलाया।
• गरीबों और बेसहारा लोगों की सहायता:
संत रामपाल जी के अनुयायी नियमित रूप से गरीबों और बेसहारा लोगों की सहायता करते हैं। वे भोजन, वस्त्र, और शिक्षा जैसी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए काम करते हैं।
• वृद्धों और अनाथों की देखभाल: संत रामपाल जी के अनुयायियों द्वारा वृद्धों और अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं, जिससे वे भी समाज में सम्मान और सुरक्षा के साथ जीवन व्यतीत कर सकें।
• आध्यात्मिकता के प्रति जागरूक करना: संत रामपाल जी महाराज अपने सत्संगों में शास्त्रों से प्रमाणित ज्ञान और पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब की वाणियों से शिक्षा देते हैं, जो व्यक्ति के भीतर बदलाव ला देती है और बुराइयों के प्रति घृणा उत्पन्न करती है।
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भीड़ फिल्म समीक्षा/रिव्यु!
कोरोना की व्यथा और मानव त्रासदी
Image of Rajkumar Rao lead in the Reviewed Film प्लॉट: यह फिल्म कोरोना महामारी पर बनी है जब सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया था और सबको कहा था कि जो जहां पर है वहीं पर रहे पर विशेष कर मजदूर ऐसा करने में असमर्थ थे और वह पैदल ही ��पने गंतव्य की तरफ निकल गए थे बीच में एक जगह पुलिस चेक पोस्ट पर उन सभी को रोक दिया जाता है और आगे क्रॉस करने नहीं दिया जाता? क्या वह चेक पोस्ट क्रॉस कर पाएंगे? क्या वह सभी अपने घर तक पहुंच पाएंगे? जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी| टोन और थीम: यह फिल्म सोशल ड्रामा टोन पर बनाई गई है, फिल्म की थीम मानवता और त्रासदी पर आधारित है, इस यह फिल्म यह सामाजिक संदेश देती है कि समाज में बदलाव के लिए अपना योगदान कैसे दे सकते हैं, जातियों पर भी कटाक्ष किया गया है सामाजिक और जाति भेदभाव भी दिखाया गया है| एक्टिंग एंड कैरक्टर्स: सूर्यकुमार सिंह की भूमिका में राजकुमार राव ने शानदार अभिनय किया है एक पुलिस इंस्पेक्टर का रोल उन्होंने अत्यंत ईमानदारी से निभाया, उनका अभिनय अव्वल दर्जे का है वह जिस रोल को भी निभाते हैं अपनी पूरी ताकत झोंक देते हैं पूरी फिल्म उनके कंधों पर ही चलती हैं| रेनू शर्मा की भूमिका में भूमि पेडणेकर का अभिनय भी औसत दर्जे का ही कहा जा सकता है उनके रोल की लंबाई ज्यादा लंबी नहीं है पर जितना भी उनको रोल मिला उन्होंने अच्छे से निभा दिया| बलराम त्रिवेदी की भूमिका में पंकज कपूर का अभिनय भी अच्छा है उन्होंने एक क्रोध से भरे ऐसे इंसान का किरदार निभाया है जो किसी भी तरह से अपने घर पहुंचना चाहता है| Supporting Casts में आशुतोष राणा, दिया मिर्जा, कृतिका कामरा, आदित्य श्रीवास्तव, वीरेंद्र सक्सेना और ओमकार दास मानिकपुरी ने भी फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाने में मदद में मदद की| डायरेक्शन: इस फिल्म को अनुभव सिन्हा ने निर्देशित किया है इस फिल्म से पहले इन्होंने मुल्क,आर्टिकल 15 और थप्पड़ जैसी अनेक संवेदनशील फिल्में निर्देशित की है| इसमें कुछ फिल्में सफल रही साथ ही में कुछ फिल्मों को पुरस्कार और कुछ को अवार्ड नॉमिनेशन भी मिले| इस फिल्म को भी उन्होंने बहुत अलग तरह से निर्देशित किया है, उन्होंने एक अलग तरह की कहानी को बहुत अच्छे से और सरल तरीके से बताने का प्रयास किया है, फिल्म की गति भी तेज है, दर्शक फिल्म से शुरू से लेकर अंत तक जुड़ा हुआ रहता है| स्क्रीनप्ले और डायलॉग: अनुभव सिन्हा, सौम्या तिवारी और सोनाली जैन के अच्छे और दमदार हैं, फिल्म की कहानी के अनुसार लिखे गए हैं, पटकथा भी अच्छे से लिखी गई है| सिनेमाटोग्राफी: सौमिक मुखर्जी की अच्छी है एरियल व्यूज दृश्य अच्छे बन पड़े हैं, इत��ी भीड़ को कैमरे पर कैद करना इतना आसान नहीं होता पर उन्होंने अच्छे से किया है| प्रोडक्शन डिजाइन: निखिल कोवले का अच्छा है फिल्म की कहानी के अकॉर्डिंग है साउंड डिजाइन: अनिता कुशवाहा का बहुत ही दमदार है आप छोटी-छोटी चीजों को भी भारतीयों से सुन सकते हैं ऑडियो साउंड में बहुत क्लेरिटी है कॉस्ट्यूम डिजाइन: विशाखा विजय कुल्लवार के बढ़िया है ज्यादा स्कोप नहीं था एक्शन:रियाज-हबीब का संतुलित है बैकग्राउंड स्कोर: मंगेश धाकड़े का बहुत मजबूत और दमदार है म्यूजिक: अनुराग सैकिया का ठीक-ठाक है लिरिक्स: शकील आज़मी और डॉ सागर का ठीक-ठाक है क्लाइमैक्स: फिल्म का क्लाइमेक्स बहुत अच्छा बन पड़ा है ओपिनियन: वन टाइम वॉच! जो ऑफबीट फिल्मों को देखना पसंद करते हैं वह एक बार देख सकते हैं| फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड नॉमिनेशंस: इस फिल्म को बेस्ट एक्टर, बेस्ट फिल्म क्रिटिक्स, बेस्ट स्टोरी, और बेस्ट साउंड डिजाइन के नॉमिनेशंस मिले थे| Flaws: दिया मिर्जा के रोल की जरूरत नहीं थी उनके रोल को काटा जा सकता था| राजकुमार राव और भूमि पेडनेकर के इंटिमेसी और फिजिकल रिलेशन वाले दृश्य जबरदस्त ठूँसे गए हैं एक तरफ तो आप ऑफबीटऔर सामाजिक मुद्दे पर फिल्म बना रहे हैं वहीं दूसरी तरफ ऐसे दृश्य डालने की कोई जरूरत नहीं थी माता-पिता इस एक दृश्य के कारण बच्चों के साथ फिल्म नहीं देख सकते, अगर बच्चे छोटे हैं तो बिलकुल भी नहीं| जातीय वाले कांसेप्ट को कहानी में डालकर डायलॉग्स के माध्यम से सही संदेश दिया गया है और कटाक्ष भी किया गया है | मुसलमानों के साथ भेदभाव दिखाया गया है जो कि नहीं दिखाना चाहिए था| मुसलमानों के साथ जोड़कर यह बताया गया है कि कोरोना का कोई धर्म नहीं होता| Filmcast: Rajkumar Rao, Bhumi Padnekar, Dia Mirza, Ashutosh Rana, Aditya Srivastava, Pankaj Kapoor, Kritika Kamra, Veerendra Saxena Producer and Director: Anubhav Sinha, Story: Anubhav Sinha, Screenplay and Dialogues: Anubhav Sinha, Saumya Tiwari, Sonali Jain Cinematography: Soumik Mukherjee, Editor: Atanu Mukherjee, Production Design: Nikhil Kovale, Sound Design: Anita kushwaha Casting Director: Mukesh Chhabra, Costume Design: Visahka Vijay kullarwar, Script Consultant: Anjum Rajabali Action: Riaz-Habib, Background Score: Mangesh Dhakde, Music: Anurag Saikia, Lyrics: Shakeel Azmi, Dr.Sagar CBFC-U/A Movietime-2h.4mins Genre-Social Drama Backdrop-Lucknow (UP) Release Year-2023 Read the full article
#भीड़#भीड़फिल्म#भीड़मूवी#राजकुमारराव#भूमिपेडणेकर#आशुतोषराणा#दियामिर्जा#पंकजकपूर#आदित्यश्रीवास्तव#अनुभवसिन्हा#ड्रामा#सोशलड्रामा
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दिल्ली में जापानी इंसेफेलाइटिस की दस्तक, मच्छरों से फैलने वाली ये बीमारी है जानलेवा
साल 2019 में कोविड-19 ने भारत में दस्तक दी थी, इस बीमारी के कहर से पूरे देश में तबाही मच गई थी. देश में लॉकडाउन लगाया गया और बड़ी तादाद में लोगों की मौत हुई. ऐसी ही एक जपानी बीमारी अब देश में दस्तक दे रही है, जो काफी खतरनाक साबित हो सकती है. डेंगू बुखार की तरह यह बिमारी भी मुख्य रूप से मच्छर के काटने से फैलती है. बर्ड फ्लू की तरह ही यह बीमारी भी इंसानों में जानवरों से फैलती है, जिसका नाम जापानी…
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न बिजली न पानी, प्रार्थना करें, की गई अपील, लगा लॉकडाउन, दृश्य भविष्य का।
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Pakistan Air Pollution: Lahore में प्रदूषण से बिगड़े हालात, AQI 1100 के पार, हजारों लोग पहुंच रहे अस्पताल, लगाया जा सकता पूर्ण लॉकडाउन
Pakistan Lahore Air Pollution l Air Quality l AQI
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महायुति या महा विकास अघाड़ी - महाराष्ट्र में महिला सुरक्षा की तस्वीर अपरिवर्तित
कोविड-19 महामारी के कारण लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान भी महाराष्ट्र में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या में कमी नहीं आई। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार के कार्यकाल के दौरान, महाराष्ट्र में हर दिन औसतन 109 महिलाएं अत्याचार का शिकार हुईं। दुर्भाग्य से, स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है। बदलापुर के एक स्कूल…
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lockdown: मई में भारत में लग सकता है लॉकडाउन! चरम पर होगा संक्रमण, रोजाना मिलेंगे 15000 नए मरीज
lockdown नई दिल्ली: india me lockdown kab lagega 2023 me भारत में कोरोना का संक्रमण एक बार फिर तेजी से पांव पसार रहा है। यहां रोजाना हजारों नए संक्रमितों की पुष्टि हो रही है। आज भी पूरे देश में 10000 से अधिक नए मामले की पुष्टि हुई है। जबकि 20 संक्रमितों की मौत हुई है। वहीं, एक्सपर्ट्स की मानें तो आगामी दिनों में कोरोना का भयंकर रूप देखने को मिलेगा। एक्सपर्ट्स के अनुसार मई के मध्य में भारत में…
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#15000#imposes Total lockdown#india lockdown#india lockdown 2023#india me lockdown kab lagega 2023 me#Lockdown#lockdown: मई में भारत में लग सकता है लॉकडाउन! चरम पर होगा संक्रमण#एक्सक्लूसिव#कोविड-19#चरम#देश#नए#न्यूज़#पर#ब्रेकिंग#भारत#मई#मरीज#मिलेंगे#में#राज्य#रोजाना#रोजाना मिलेंगे 15000 नए मरीज#लग#लॉकडाउन#सकता#संक्रमण#है#होगा
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कोरोना के बाद अब आया Chandipura Virus, ले रहा है बच्चों की जान
Chandipura Virus: बरसात के मौसम की शुरुआत होने के साथ ही अब देश में कई तरह के वायरस का फिर से प्रकोप देखने को मिला है. कोरोना काल आज भी लोग भूल नहीं पाए हैं, जिसमें न जाने कितने लोगों ने अपनों को खोया और कई लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ गए और कितने महीनो तक देश में लॉकडाउन लग रहा. अब इसी तरह एक नए वायरस ने देश में दस्तक दे दी है जिसका नाम चांदी पुरा वायरस (Chandipura Virus) है. अभी तक यह कई…
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राजस्थान प्रवासी नागरिक वापसी योजना: जाने ऑनलाइन आवेदन कैसे करे?
आप सभी जानते हैं कि कुछ समय पूर्व Covid19 आया था जिसके कारण पूरे देश में लॉकडाउन लगा था। कई हज़ारों मज़दूर अलग अलग राज्य में फंसे हुए थे। वह मजदूर अपने घर को छोड़कर दूसरे राज्यों में फंसे थे। उन्हीं मजदूरो का ध्यान रखते हुए राजस्थान सरकार ने राजस्थान प्रवासी नागरिक वापसी योजना की शुरुआत की थी। सरकार ने उन्हीं फंसे हुए मज़दूरों के लिए एक पोर्टल की शुरुआत किया था जिसक��� नाम ई मित्र पोर्टल था। इस…
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HMPV वायरस की वैक्सीन अभी तक नहीं हुई तैयार, जानें लक्षण और बचाव के तरीके
HMPV Symptoms and Precautions: कोरोना महामारी के बाद चीन में एक बार फिर खतरनाक वायरस ह्यूमन मेटापनेउमोवायरस (HMPV) का कहर देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया पर यह चर्चा हो रही है कि चीन एक और महामारी का सामना कर रहा है। कथित तौर पर ��ई पोस्ट में दिखाया गया है कि चीन के अस्पताल मरीजों से भरे हुए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, करीब 5 साल पहले कोविड-19 महामारी जिसके चलते पूरी दुनिया में लॉकडाउन और लाखों…
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ताऊ की मर्जी के आगे बनी बाल वधू, पेपर से ठीक पहले हुआ बच्चा... दिल छू लेगी डॉक्टर रूपा यादव की कहानी
नई दिल्ली: आठ साल... हां यही उम्र थी रूपा ��ी, जब परिवार के लोगों ने उसकी शादी कर दी। उस वक्त तो शायद उसे शादी शब्द के मायने भी ना पता होंगे। वो उम्र तो उसके लिए खेलने की थी। अपने बचपन को जीने की थी लेकिन उसके ताऊजी ने उसके ससुर से बहुत पहले ही वादा कर दिया था कि रूपा और उसकी बड़ी बहन रुक्मा की शादी उनके दोनों बेटों से ही होगी। पिता तो रूपा को अभी पढ़ाना चाहते थे लेकिन अपने बड़े भाई के वादे के सामने मजबूर थे। और आखिरकार उस छोटी सी उम्र में ही रूपा की शादी कर दी गई। अब रूपा केवल गौना होने तक अपने मायके में रह सकती थी।ये कहानी है राजस्थान में करीरी गांव की रहने वाली रूपा यादव की। उस रूपा की, जिसे कभी बाल वधू कहकर पुकारा गया। वो रूपा, जिसके दिल में अरमान थे कि वो एक एमबीबीएस डॉक्टर बने, लेकिन परीक्षाओं के दिनों में ही वो गर्भवती हो गई। जिसकी पढ़ाई-लिखाई के लिए परिवार को कर्ज तक लेना पड़ गया। और एक दिन यही रूपा अपने गांव में डॉक्टर बनकर लौटी। उन सभी तानों को उसने अपनी सफलता से जवाब दे दिया, जिनमें कहा जाता था कि लड़की है, इसे इतना पढ़ाना ठीक नहीं। 12वीं हो गई, बस काफी है, अब घर बिठाओ। 10वीं में आए इतने नंबर, गांव में मच गया हल्ला हालांकि, एक छोटे से गांव की बाल वधू से डॉक्टर बिटिया बनने तक की उसकी राह भारी मुश्किलों से भरी थी। उनके पिता मालीराम यादव को अपनी बेटी पर शुरुआत से ही नाज था और चाहते थे कि अभी वो बस पढ़ने-लिखने पर ध्यान दे। लेकिन जब सुना कि उनके बड़े भाई ने रूपा की शादी का वादा कर दिया है, तो कुछ ना कह सके। हालांकि, मायके में रहते हुए रूपा ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और 86 फीसदी नंबरों के साथ 10वीं की परीक्षा पास कर ली। रूपा की इस सफलता पर पूरा गांव हैरान था। इससे पहले लड़की तो छोड़िए, कोई लड़का भी इतने अच्छे नंबर लेकर नहीं आया था। जीजा ने किया वादा, रूपा की पढ़ाई नहीं रुकेगी अलग-अलग संस्थाओं ने रूपा को सम्मानित किया। स्कूल से भी उन्हें पुरस्कार मिले और टीचरों ने सलाह दी कि इस बच्ची को खूब पढ़ाइए। लेकिन उसी दौरान उनके ताऊजी के वादे के मुताबिक, रूपा के गौने का समय आ गया। उसके पिता नहीं चाहते थे कि रूपा अभी से ससुराल चली जाए, लेकिन उसकी बड़ी बहन रुक्मा के पति ने वादा कर दिया कि चाहे जो हो जाए, ससुराल में रूपा की पढ़ाई नहीं रुकेगी। रूपा ससुराल पहुंची, तो उसके जीजा ने ��पना वादा निभाया और दो साल बाद ही शानदार नंबरों के साथ उसने 12वीं की परीक्षा भी पास कर ली। परिवार ने लिया कर्ज और आगे बढ़ने लगी रूपा रूपा की सफलता पर उसके स्कूल टीचरों ने ससुराल के लोगों को बुलाया और कहा कि उसे डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए नीट की तैयारी करनी चाहिए। ससुराल के लोग मान गए। रूपा की काबिलियत को देखकर कोचिंग सेंटर ने भी उसे नीट की तैयारी बिना फीस कराने का ऑफर दे दिया। बस फिर क्या था, रूपा ने बीएससी में एडमिशन लिया और साथ ही नीट की तैयारी में जुट गई। अपने पहले प्रयास में रूपा को 22000वीं रैंक मिली। परिवार ने फैसला किया कि उसे अब कोचिंग के लिए कोटा भेजना चाहिए। घर की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं थी लेकिन परिवार ने कर्ज लेकर रूपा को कोचिंग कराई। रूपा का सपना और परिवार का सपोर्ट हालांकि, इस बीच उन्हें ताने भी सुनने पड़े। लोगों ने कहा कि एक लड़की को इतनी ऊंची पढ़ाई के लिए घर से बाहर नहीं भेजना चाहिए था। लेकिन उनके और जीजा ने रूपा को खूब सपोर्ट किया। यहां तक कि ज्यादा घंटों तक काम भी किया, ताकि रूपा की पढ़ाई में कोई आर्थिक दिक्कत ना आए। उनके परिवार को सपोर्ट रंग लाया और तीन साल की मेहनत के बाद रूपा को साल 2017 में बीकानेर के सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल गया। एमबीबीएस की पढ़ाई के शुरुआती दो साल ठीक से बीते, लेकिन तीसरे साल में कोरोना वायरस महामारी की वजह से देशभर में लॉकडाउन लग गया और रूपा को घर लौटना पड़ा। आधे टाइम में पूरा किया 3 घंटे का पेपर इस बीच प्री-फाइनल परीक्षा से पहले रूपा गर्भवती हो गईं। अब रूपा के सामने दो विकल्प थे - या तो वो मां बनें या अपने करियर को चुनें। रूपा ने फैसला लिया कि वो अपनी इन दोनों जिम्मेदारियों को निभाएगी। रूपा की बेटी महज 25 दिन की थी, जब उसे प्री-फाइनल परीक्षा देनी थी। इस मोड़ पर उसकी बहन और सास ने रूपा की नन्हीं बेटी की देखभाल की और रूपा फिर से बढ़िया नंबर लाने में सफल रही। रूपा बताती हैं कि उनका फाइनल पेपर ठीक उस दिन पड़ा, जिस दिन उनकी बेटी का पहला जन्मदिन था। उन्होंने 3 घंटे का पेपर आधे वक्त में पूरा किया, बस से घर पहुंची और अपनी बेटी का जन्मदिन मनाया।28 अप्रैल 2022 को उनका रिजल्ट घोषित हुआ और गांव की रूपा अब बन गईं। रूपा चाहती हैं कि वो अपने उसी गांव में एक अस्पताल खोलें, जहां उन्होंने डॉक्टर बनने के सपने को साकार किया। उनके इसे सपने को पूरा करने के लिए ससुराल वाले भी पूरी तरह साथ… http://dlvr.it/T92WGw
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