#डिजिटल भुगतान
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एक बार फिर UPI का जलवा, नागपुर मेट्रो में 41% लोगों ने किया डिजिटल पेमेंट
भारत में मेट्रो का विस्तार जोरो शोरो की जा रही है. इसी कड़ी में साल 2022 में तैयार हुआ नागपुर मेट्रो इन दिनों खूब चर्चा में है. अगस्त 2023 से इसकी औसत यात्री एक लाख से ज्यादा बनी हुई है. महामेट्रो के डेटा में एक बड़ा खुलासा हुआ है. रोजाना यात्रा कर रहे यात्रियों में 41% ने अपनी यात्रा के लिए डिजिटल पेमेंट के तरीके का इस्तेमाल किया है.डिजिटल भुगतान में इजाफा वित्तीय वर्ष 2023-24 में नागपुर मेट्रो…
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हिमाचल में 14 दिसंबर को होगा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, अब तक 62000 मामले आए
Himachal News: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एवं हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान के मार्गदर्शन में 14 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश राज्य के सभी न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। ट्रैफिक मजिस्ट्रेट के न्यायालयों में एमवी चालान मामलों में ई.पे (ई-कोर्ट डिजिटल भुगतान) के माध्यम से कंपाउंडिंग…
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ऑफलाइन यूपीआई की सीमा बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दी गई
मुंबई: द भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को लेनदेन की सीमा बढ़ाने की घोषणा की ऑफ़लाइन डिजिटल भुगतान के माध्यम से बनाया गया यूपीआई लाइट. परिवर्तन, तत्काल प्रभाव से, प्रति लेनदेन सीमा 500 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये और समग्र सीमा 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर देते हैं। UPI लाइट इसका एक सुव्यवस्थित संस्करण है एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस रूपरेखा तयार करी छोटे मूल्य के लेन-देन. यह उपयोगकर्ताओं…
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प्रदेश के चकबंदी आयुक्त भानु चन्द्र गोस्वामी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक संपन्न
चकबंदी कार्यों में सुधार के लिए डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया तेज, राजस्व विभाग से संबद्ध कर्मचारियों की वापसी के निर्देश नवीन सर्किट हाउस सभागार में शनिवार को चकबंदी आयुक्त भानु चन्द्र गोस्वामी की अध्यक्षता में आगरा-अलीगढ़ मंडल और जनपद इटावा के चकबंदी विभाग की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक में चकबंदी कार्यों की प्रगति और उसमें आ रही बाधाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। चकबंदी आयुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि राजस्व विभाग से संबद्ध सभी चकबंदी लेखपाल और तहसीलदारों की सम्बद्धता समाप्त कर दी जाएगी। यह कदम चकबंदी कार्यों को प्रभावित होने से रोकने के लिए उठाया गया है। समीक्षा बैठक में उठाए गए मुख्य बिंदु बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें धारा-8 और धारा-52 के तहत निर्धारित वार्षिक लक्ष्यों की प्रगति, आईजीआरएस, मुख्यमंत्री संदर्भ, शासन और निदेशालय संदर्भ की समीक्षा शामिल थी। सर्वोच्च और उच्च न्यायालय के स्थगन आदेशों से प्रभावित ग्रामों की स्थिति का भी विश्लेषण किया गया। चकबंदी आयुक्त ने अधिकारियों को ग्राम चौपाल और तहसील दिवस में प्राप्त शिकायतों को शत-प्रतिशत आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज करने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी कहा गया कि डिप्टी डायरेक्टर चकबंदी (डीडीसी) मौके पर जाकर शिकायतों की जांच करें और उनकी पोर्टल पर एंट्री सुनिश्चित करें। लंबित मामलों का त्वरित निस्तारण बैठक में बताया गया कि आगरा मंडल के अंतर्गत चकबंदी न्यायालयों में कई मामले लंबित हैं। इनमें जनपद आगरा में 0-5 वर्ष का एक मामला और 3 वर्ष से अधिक के 24 मामले, फिरोजाबाद में 9, अलीगढ़ में 19, एटा में 11, इटावा में 10 और मथुरा में सर्वाधिक 32 मामले लंबित हैं। आयुक्त ने इन मामलों को दिसंबर ���ाह तक निस्तारित करने के निर्देश दिए और चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं हुआ, तो जनवरी में संबंधित अधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की ��ाएगी। डिजिटलाइजेशन पर जोर चकबंदी आयुक्त ने ��ैठक में बताया कि विभाग का पूर्ण डिजिटलाइजेशन किया जाएगा। इसमें धारा-9 और धारा-12 का प्रकाशन और प्राप्त आपत्तियों को ऑनलाइन दर्ज करने की सुविधा शामिल होगी। ग्राम चौपाल और तहसील दिवस में प्राप्त शिकायतों का विवरण भी पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। यह कदम विभाग की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा। उन्होंने सभी लंबित मामलों और उनके निस्तारण को 30 नवंबर तक पोर्टल पर दर्ज कराने के निर्देश दिए। जिन ग्रामों में चक काटने की प्रक्रिया जारी है, वहां जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर इस प्रक्रिया को दो माह में पूरा करने का आदेश दिया गया। सेवानिवृत्त देयकों का शीघ्र भुगतान बैठक में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के देयकों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए गए कि सेवानिवृत्ति से तीन महीने पूर्व ही संबंधित प्रपत्र तैयार कर लिए जाएं। यदि कोई विभागीय जांच लंबित हो, तो उसका त्वरित निस्तारण किया जाए ताकि कर्मचारियों को समय पर भुगतान मिल सके। चकबंदी कार्यों में सुधार के प्रयास चकबंदी आयुक्त ने बताया कि ग्राम चौपाल और तहसील दिवस में प्राप्त चकबंदी से जुड़ी समस्याओं को प्राथमिकता दी जाएगी। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि शिकायतों की मौके पर जांच कर समाधान सुनिश्चित करें। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि चकबंदी प्रकाशन और उससे जुड़ी आपत्तियां डिजिटल माध्यम से ही दर्ज हों। उपस्थिति बैठक में लखनऊ से संयुक्त संचालक चकबंदी रणविजय सिंह, आगरा के अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) धीरेन्द्र सिंह, आगरा और अलीगढ़ मंडल एवं जनपद इटावा के उप संचालक चकबंदी, बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। चकबंदी कार्यों को और प्रभावी बनाने के लिए आयुक्त ने स्पष्ट किया कि सभी अधिकारी व्यक्तिगत जिम्मेदारी और तत्परता से कार्य करें, ताकि विभागीय उद्देश्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जा सके। Read the full article
#अलीगढ़#आगरा#ग्रामचौपाल#चकबंदी#डिजिटलाइजेशन#तहसीलदिवस#राजस्वविभाग#लंबितमामले#समीक्षाबैठक#सेवानिवृत्तदेयक
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भूलेख उत्तराखंड: डिजिटलीकरण में भूमि रिकॉर्ड का क्रांतिकारी समाधान
भूलेख उत्तराखंड उत्तराखंड सरकार की एक पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य में भूमि रिकॉर्ड को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाना है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म ने नागरिकों के लिए संपत्ति से संबंधित जानकारी को सुलभ और तेज़ बना दिया है। इसके साथ ही, भूलेख उत्तराखंड ऐप के आगमन ने इसे और भी आसान और सुविधाजनक बना दिया है। आइए इस प्रणाली और उसके लाभों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
भूलेख उत्तराखंड क्या है?
भूलेख उत्तराखंड एक ऑनलाइन पोर्टल है, जो राज्य के सभी भूमि रिकॉर्ड को एक जगह एकत्र करता है। भूलेख का अर्थ है भूमि का लेखा-जोखा, और यह प्रणाली नागरिकों को उनकी संपत्ति के रिकॉर्ड तक डिजिटल पहुँच प्रदान करती है।
भूलेख उत्तराखंड पर उपलब्ध जानकारी:
मालिक का नाम: संपत्ति के स्वामी का विवरण।
प्लॉट नंबर: भूमि के हिस्से का विशिष्ट पहचान नंबर।
भूमि का प्रकार: कृषि, आवासीय, या वाणिज्यिक जैसी भूमि की श्रेणी।
क्षेत्र विवरण: संपत्ति का क्षेत्रफल या माप।
इस प्रणाली ने मैनुअल प्रक्रियाओं को समाप्त कर दिया है, जिससे त्रुटियों और धोखाधड़ी की संभावना कम हो गई है।
भूलेख उत्तराखंड के लाभ
1. सुलभता: नागरिक कभी भी और कहीं भी अपने भूमि रिकॉर्ड तक पहुँच सकते हैं।
2. दक्षता: इस प्लेटफॉर्म से राजस्व कार्यालयों के चक्कर लगाने की ज़रूरत नहीं होती।
3. पारदर्शिता: डिजिटल रिकॉर्ड स्वामित्व में सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करते हैं।
4. विवाद समाधान: स्पष्ट और सटीक रिकॉर्ड संपत्ति विवादों की संभावना को कम करते हैं।
5. समय की बचत: तत्काल रिकॉर्ड प्राप्त करना प्रशासनिक प्रक्रियाओं में लगने वाले समय को कम करता है।
भूलेख उत्तराखंड ऐप की विशेषताएँ
भूलेख उत्तराखंड ऐप पोर्टल की तरह ही सुविधाएँ प्रदान करता है, लेकिन इसे मोबाइल पर कहीं भी और कभी भी उपयोग किया जा सकता है। यह स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के लिए इसे और अधिक उपयोगकर्ता-केंद्रित बनाता है।
ऐप की मुख्य विशेषताएँ:
उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस।
भूमि रिकॉर्ड को त्वरित रूप से खोजने की सुविधा।
रिकॉर्ड को डाउनलोड और सहेजने का विकल्प।
समय-समय पर अपडेट, जिससे जानकारी सटीक रहती है।
भूलेख उत्तराखंड पोर्टल और ऐप का उपयोग कैसे करें?
भूलेख उत्तराखंड पोर्टल का उपयोग
1. वेबसाइट पर जाएँ: भूलेख उत्तराखंड www.bhulekhuttarakhand.com खोलें।
2. क्षेत्र चुनें: अपने जिले, तहसील और गाँव का चयन करें।
3. संपत्ति विवरण दर्ज करें: प्लॉट नंबर या मालिक का नाम डालें।
4. जानकारी प्राप्त करें: आवश्यक जानकारी स्क्रीन पर देख सकते हैं और डाउनलोड कर सकते हैं।
भूलेख उत्तराखंड ऐप का उपयोग
1. ऐप डाउनलोड करें: Google Play Store से भूलेख उत्तराखंड ऐप डाउनलोड करें।
2. लॉगिन करें: अपन��� पंजीकरण करें या लॉगिन करें।
3. संपत्ति खोजें: भूमि विवरण को खोजने के लिए ऐप के सर्च फीचर का उपयोग करें।
4. रिकॉर्ड सहेजें: रिकॉर्ड को अपने डिवाइस पर सहेजें।
भविष्य में भूलेख उत्तराखंड की संभावनाएँ
भूलेख उत्तराखंड डिजिटल इंडिया अभियान की दिशा में एक बड़ा कदम है। भविष्य में, इस प्रणाली में GIS मैपिंग, भूमि लेन-देन पर रियल-टाइम अपडेट, और राजस्व से संबंधित सेवाओं के लिए ई-भुगतान जैसी सुविधाएँ जोड़ी जा सकती हैं।
निष्कर्ष
भूलेख उत्तराखंड ने राज्य में भूमि रिकॉर्ड के प्रबंधन और उनकी पहुँच को पूरी तरह से बदल दिया है। इस प्रणाली ने नागरिकों को समय, पारदर्शिता, और सुविधा प्रदान करते हुए भूमि विवादों को कम करने ��ें मदद की है।
भूलेख उत्तराखंड ऐप इस प्रक्रिया को और सरल और उपयोगकर्ता-केंद्रित बनाता है, जिससे यह हर नागरिक के लिए एक आवश्यक उपकरण बन गया है।
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सीएम पुष्कर सिंह धामी ने क्रय की स्थानीय कारीगरों द्वारा तैयार मिट्टी के दीपक और मूर्तियां, सभी से की स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील
देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को दीपावली के अवसर पर सपरिवार चकराता रोड़ स्थित कुमार शॉप का भ्रमण कर स्थानीय विश्वकर्मा बंधुओं से द्वारा तैयार किये गए मिट्टी के दीपक तथा म��र्तियां क्रय की तथा डिजिटल पेमेन्ट के माध्यम से भुगतान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय स्तर पर छोटे कारीगर बड़ी मेहनत से दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली वस्तुएं बनाते हैं। हाथ से निर्मित होने के चलते इन…
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कांदीवली की महिला से 14 लाख रुपये ऑनलाइन भुगतान
Digital Arrest Scam: मुंबई के कांदीवली से एक महिला को जालसाजों ने किया डिजिटल अरेस्ट, महिला को डरा धमका कर मजबूरन 14 लाख रुपये का करवाया ऑनलाइन भुगतान। (Digital Arrest: Online payment of Rs 14 lakh from Kandivali woman) इस्माईल शेखमुंबई– कांदीवली पश्चिम के एक महिला को डिजिटल अरेस्ट करने का ताजा मामला सामने आया है। बता दें कि 1 सितंबर को एक व्यक्ति का फोन आया जिसने खुद को दिल्ली दूरसंचार विभाग का…
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BIG BREAKING: महादेव बेटिंग ऐप का प्रमोटर सौरभ चंद्राकर दुबई में गिरफ्तार, जल्द भारत लेकर आएगी ED
महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर को दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया है।
Mahadev Betting App: महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर को दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया है। सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय की टीम सौरभ चंद्राकर को बहुत जल्द भारत लेकर आ सकती है। बता दें कि महादेव ऐप के मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर का D कंपनी (दाऊद इब्राहिम) से भी कनेक्शन होने की बात कही जा रही है।
सौरभ चंद्राकर छत्ती���गढ़ के भिलाई में एक साधारण जूस की दुकान चलाता था, वह अब महादेव एप के जरिये सट्टेबाजी का बड़ा साम्राज्य खड़ा कर चुका था। उसकी गिरफ्तारी ने इस बड़े घोटाले के अन्य लोगों के नाम सामने आ सकते हैं। लगभग डेढ़ महीने पहले, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने इस घोटाले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपने का फैसला किया था। यह निर्णय 22 अगस्त को लिया गया था और अब इस घोटाले के किंगपिन सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी हुई है।
केंद्र सरकार ने लगाया था ऐप पर बैन
केंद्र सरकार ने 5 नवंबर 2023 को महादेव बेटिंग ऐप समेत अवैध सट्टेबाजी वाले 22 ऐप और वेबसाइटों को ब्लॉक करने का आदेश दिया था। ED की सिफारिशों के बाद इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी अधिनियम की धारा 69ए के तहत आदेश जारी किए गए थे।
महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामला तब सुर्खियों में आया था, जब ईडी ने दावा किया कि उसने एक 'कैश कूरियर' के ईमेल स्टेटमेंट को रिकॉर्ड किया है, जिसमें खुलासा हुआ है कि छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यूएई में स्थित ऐप प्रमोटरों से कथित तौर पर 508 करोड़ रुपये लिए थे। हालांकि, बघेल ने आरोपों को खारिज किया था।
शादी में खर्च किये थे 112 करोड़ रुपये
ED के मुताबिक, सौरभ चंद्राकर की शादी में इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को हवाला के जरिए 112 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। वहीं, होटल की बुकिंग के लिए 42 करोड़ रुपये की रकम कैश के जरिए भुगतान किया गया था। परिवार को लाने-ले जाने के लिए निजी जेट किराए पर लिए गए। शादी में परफॉर्म करने के लिए सेलिब्रिटीज को बुलाया गया था। ये बड़ी हस्तियां हुई थीं शामिल
इसकी शादी में वेडिंग प्लानर, डांसर, डेकोरेटर मुंबई से हायर किए गए। इसकी शादी में मशहूर सिंगर आतिफ असलम, भारती सिंह, राहत फतेह अली खान, सनी लियोन, अली असगर, भाग्यश्री, विशाल ददलानी, पुलकित, टाइगर श्रॉफ, कीर्ति खरबंदा, नेहा कक्कड़, नुसरत भरूचा, एली अवराम और कृष्णा अभिषेक जैसे कई दिग्गज शामिल हुए थे। सरकार ने इस बेटिंग ऐप पर बैन लगाने से पहले 2023 में कुल 138 ऑनलाइन बेटिंग ऐप और 94 डिजिटल लोन ऐप पर बैन लगाया था।
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UPI से आए ₹105 और फ्रीज हो गया अकाउंट… छोले-भटूरे वाले को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली राहत
डिजिटल युग में भुगतान का तरीका भी बदल गया है. एक तरफ जहां ये डीजिटल क्रांति सहुलियत दे रही है तो दूसरी तरफ मुसीबत का सबब भी बन रही है. ऐसा ही दिल्ली में एक छोले-भटूरे का ठेला लगाने वाले के साथ देखने को मिला. जहां 3 प्लेट छोले-भटूरे की 105 रुपए की ऑनलाइन पेमेंट लेने पर उसका बैंक एकाउंट ही फ्रीज कर दिया. हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने पीड़ित छोले-भटूरे वाले को बड़ी राहत देते हुए उसका फ्रीज बैंक खाते को…
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मालदीव में RuPay कार्ड से भुगतान की हुई शुरुआत
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू बने पहले लेनदेन के गवाह नई दिल्ली, 6 अक्टूबर। भारत के प्रमुख डिजिटल भुगतान प्लेटफार्म RuPay कार्ड की सुविधा अब मालदीव में भी शुरू हो गई है। इस ऐतिहासिक पहल का पहला लेनदेन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू की उपस्थिति में नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में किया गया। RuPay कार्ड की शुरुआत से दोनों देशों के बीच व्यापार…
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Paytm शेयर मूल्य: एक विस्तृत विश्लेषण
प्रस्तावना पेटीएम, या “पे टु मनी”, भारत में एक प्रमुख डिजिटल भुगतान प्लेटफ़ॉर्म है, जिसे 2010 में विजय शेखर शर्मा द्वारा स्थापित किया गया था। इसके तेजी से बढ़ते ग्राहक आधार और नवीनतम तकनीकी समाधानों के कारण पेटीएम ने भारतीय बाजार में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। हालांकि, पेटीएम का शेयर मूल्य हाल के वर्षों में निवेशकों के बीच चर्चा का विषय रहा है। इस लेख में हम पेटीएम के शेयर मूल्य की वर्तमान…
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सर्वे में UPI को लेकर हुआ बड़ा दावा- अगर हुआ ऐसा तो 75 प्रतिशत उपयोगकर्ता बंद कर देंगे इस्तेमाल
दिल्ली। यूपीआई सेवा पर यदि किसी तरह का लेनदेन शुल्क लगाया जाता है, तो 75 प्रतिशत उपयोगकर्ता इसका इस्तेमाल बंद कर देंगे। ‘लोकलसर्किल्स’ के रविवार को जारी एक सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष निकाला गया है। सर्वेक्षण के अनुसार, 38 प्रतिशत उपयोगकर्ता अपना 50 प्रतिशत भुगतान लेनदेन डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या किसी अन्य प्रकार के डिजिटल माध्यम के बजाय यूपीआई के जरिये करते…
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Best Digital Marketing Course with internship training in Mohali
मेहविश टेक कंपनी में, हमारा डि जिटल मार्केटिंग कोर्स और इंटर्नशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम प्रतिभागियों को डिजिटल मार्केटिंग डोमेन में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक व्यापक ज्ञान और व्यावहारिक कौशल से सशक्त बनाने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है। प्रतिभागियों को सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO), सोशल मीडिया मार्केटिंग (SMM), पे-पर-क्लिक (PPC) विज्ञापन, ईमेल मार्केटिंग, कंटेंट स्ट्रैटेजी और एनालिटिक्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों को कवर करने वाले एक संरचित पाठ्यक्रम से गुजरना पड़ता है। हमारा व्यावहारिक दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करता है कि प्रतिभागी न केवल सैद्धांतिक अवधारणाओं को समझें बल्कि इंटर्नशिप चरण के दौरान वास्तविक दुनिया की परियोजनाओं के माध्यम से व्यावहारिक अनुभव भी प्राप्त करें। उद्योग के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में, इंटर्न लाइव अभियानों पर सहयोग करते हैं, प्रदर्शन मेट्रिक्स का विश्लेषण करते हैं और व्यावसायिक उद्देश्यों को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए रणनीतियों को परिष्कृत करते हैं। कार्यक्रम के अंत तक, प्रतिभागी डिजिटल मार्केटिंग टूल और रणनीतियों की गहरी समझ के साथ उभरते हैं, जो आज के प्रतिस्पर्धी डिजिटल परिदृश्य में सार्थक योगदान देने के लिए तैयार हैं। आत्मविश्वास और विशेषज्ञता के साथ डिजिटल मार्केटिंग में अपना करियर शुरू करने या आगे बढ़ाने के लिए मेहविश टेक कंपनी में हमसे जुड़ें
Best Digital Marketing Course With Internship Training in Mohali : जिसका उद्देश्य प्रतिभागियों को ऑनलाइन उत्पादों या सेवाओं को प्रभावी ढंग से बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करना होता है। इस तरह के प्रशिक्षण में आमतौर पर कुछ प्रमुख क्षेत्रों को शामिल किया जाता है:
1. डिजिटल मार्केटिंग का परिचय: डिजिटल मार्केटिंग परिदृश्य, इसके महत्व और विकास का अवलोकन।
2. वेबसाइट नियोजन और विकास विपणन उद्देश्यों के लिए वेबसाइट बनाने और अनुकूलित करने की मूल बातें, जिसमें उपयोगकर्ता अनुभव (UX) और उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस (UI) विचार शामिल हैं।
3. सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन (SEO) ऑन-पेज और ऑफ़-पेज SEO के माध्यम से Google जैसे सर्च इंजन में वेबसाइट की दृश्यता और रैंकिंग में सुधार करने की तकनीकें।
4. सर्च इंजन मार्केटिंग (SEM) और पे-पर-क्लिक (PPC) ट्रैफ़िक और रूपांतरण बढ़ाने के लिए सर्च इंजन (जैसे, Google Ads) पर भुगतान किए गए विज्ञापन अभियान चलाने के मूल सिद्धांत।
5. सोशल मीडिया मार्केटिंग रणनीतियाँ ब्रांड जागरूकता बढ़ाने, दर्शकों से जुड़ने और ट्रैफ़िक बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म (जैसे, Facebook, Instagram, LinkedIn) का उपयोग करने के लिए।
6. ईमेल मार्केटिंग लीड को पोषित करने और ग्राहक संबंध बनाए रखने के लिए प्रभावी ईमेल अभियान बनाने और निष्पादित करने के लिए सर्वोत्तम अभ्यास।
7. कंटेंट मार्केटिंग ग्राहकों को आकर्षित करने और बनाए रखने, ब्रांड प्राधिकरण को बढ़ाने और एसईओ प्रयासों का समर्थन करने के लिए मूल्यवान सामग्री (जैसे, ब्लॉग, वीडियो, इन्फोग्राफिक्स) बनाना।
8. एनालिटिक्स डिजिटल मार्केटिंग प्रदर्शन को ट्रैक करने और मापने के लिए वेब एनालिटिक्स टूल (जैसे, Google Analytics) का परिचय, और ��भियानों को अनुकूलित करने के लिए डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि का उपयोग करें।
9. डिजिटल मार्केटिंग रणनीति व्यावसायिक उद्देश्यों, लक्षित दर्शकों और बजट विचारों के साथ संरेखित व्यापक डिजिटल मार्केटिंग रणनीतियों का विकास करना।
10. मोबाइल मार्केटिंग मोबाइल-अनुकूलित वेबसाइटों, ऐप्स और विज्ञापन के माध्यम से मोबाइल डिवाइस उपयोगकर्ताओं तक पहुँचने और उन्हें जोड़ने के लिए रणनीतियाँ।
11. ऑनलाइन खुदरा वातावरण में उत्पादों और सेवाओं को प्रभावी ढंग से बढ़ावा देने के लिए ई-कॉमर्स मार्केटिंग तकनीकें।
12. उभरते रुझान डिजिटल मार्केटिंग में नवीनतम रुझानों और नवाचारों की खोज, जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), वॉयस सर्च और संवर्धित वास्तविकता (AR)।
डिजिटल मार्केटिंग पाठ्यक्रम प्रशिक्षण कार्यक्रमों में अक्सर व्यावहारिक अभ्यास, केस स्टडी और वास्तविक दुनिया की परियोजनाएं शामिल होती हैं, जो व्यावहारिक अनुभव प्रदान करती हैं और प्रतिभागियों को अपने सीखने को एक नकली या वास्तविक व्यावसायिक संदर्भ में लागू करने की अनुमति देती हैं।
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Apply online instant loan : ऑनलाइन लोन ऐप्स से लोन लेना: एक सरल और तेज़ तरीका
ऑनलाइन लोन ऐप्स से लोन लेना: एक सरल और तेज़ तरीका
आज के डिजिटल युग में, हर काम को ऑनलाइन किया जा सकता है, चाहे वह शॉपिंग हो, बिल पेमेंट हो या फिर लोन लेना। ऑनलाइन लोन ऐप्स ने लोन लेने की प्रक्रिया को न केवल आसान, बल्कि तेज़ और सुविधाजनक बना दिया है। चलिए जानते हैं, ऑनलाइन लोन ऐप्स से लोन लेने के फायदों और प्रक्रिया के बारे में विस्तार से।
ऑनलाइन लोन ऐप्स के फायदे
सुविधाजनक और तेज़ प्रक्रिया: पारंपरिक बैंकों की तुलना में, ऑनलाइन लोन ऐप्स से लोन लेना बहुत ही तेज़ और सुविधाजनक होता है। आपको बैंक की लंबी कतारों में खड़े होने की जरूरत नहीं पड़ती। बस कुछ ही क्लिक में आप लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
कम दस्तावेज़ीकरण: ऑनलाइन लोन ऐप्स में दस्तावेज़ीकरण की प्रक्रिया भी काफी सरल होती है। आपको केवल कुछ बुनियादी दस्तावेज़ अपलोड करने होते हैं जैसे कि पहचान पत्र, पता प्रमाण और आय प्रमाण।
त्वरित मंजूरी और वितरण: ऑनलाइन लोन ऐप्स पर लोन आवेदन की मंजूरी और राशि का वितरण बहुत ही जल्दी होता है। अधिकतर मामलों में, आवेदन के कुछ ही घंटों में लोन की राशि आपके बैंक खाते में आ जाती है।
लचीले भुगतान विकल्प: ऑनलाइन लोन ऐप्स लोन के पुनर्भुगतान के लिए लचीले विकल्प प्रदान करते हैं। आप अपनी सुविधा के अनुसार मासिक किश्तों का चयन कर सकते हैं।
कम ब्याज दरें: कई ऑनलाइन लोन ऐप्स प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों पर लोन प्रदान करते हैं, जिससे आपको कम ब्याज का भुगतान करना पड़ता है।
ऑनलाइन लोन लेने की प्रक्रिया
ऐप डाउनलोड करें: सबसे पहले, उस लोन ऐप को डाउनलोड करें जिससे आप लोन लेना चाहते हैं। प्ले स्टोर या ऐप स्टोर पर कई भरोसेमंद लोन ऐप्स उपलब्ध हैं जैसे कि MoneyTap, KreditBee, CASHe आदि।
रजिस्ट्रेशन करें: ऐप डाउनलोड करने के बाद, उसमें अपना अकाउंट बनाएं। आपको अपना मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और अन्य आवश्यक जानकारी प्रदान करनी होगी।
दस्तावेज़ अपलोड करें: रजिस्ट्रेशन के बाद, आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें। इसमें आपका पहचान पत्र, पता प्रमाण और आय प्रमाण शामिल होंगे। कुछ ऐप्स आपकी केवाईसी प्रक्रिया को भी ऑनलाइन पूरा करते हैं।
लोन आवेदन करें: दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद, लोन के लिए आवेदन करें। आपको लोन की राशि और पुनर्भुगतान अवधि का चयन करना होगा।
मंजूरी और वितरण: आवेदन जमा करने के बाद, ऐप आपके आवेदन की समीक्षा करेगा। मंजूरी मिलने पर, लोन की राशि आपके बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी।
ध्यान देने योग्य बातें
रेप्युमेंट कैपेबिलिटी: लोन लेने से पहले, अपनी पुनर्भुगतान क्षमता का आकलन करें। यह सुनिश्चित करें कि आप समय पर लोन की किश्तों का भुगतान कर सकें।
ब्याज दरों की तुलना: विभिन्न लोन ऐप्स की ब्याज दरों की तुलना करें और सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन करें।
छुपे हुए चार्जेज़: लोन ऐप्स के किसी भी छुपे हुए चार्जेज़ या अतिरिक्त शुल्क के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
ग्राहक समीक्षाएं पढ़ें: लोन ऐप्स की ग्राहक समीक्षाएं पढ़ें और उनके अनुभवों से सीखें। यह आपको सही निर्णय लेने में ��दद करेगा।
निष्कर्ष
ऑनलाइन लोन ऐप्स ने लोन लेने की प्रक्रिया को बेहद आसान और तेज़ बना दिया है। ये ऐप्स न केवल सुविधाजनक हैं, बल्कि त्वरित मंजूरी और वितरण की सुविधा भी प्रदान करते हैं। हालांकि, लोन लेने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का सही मूल्यांकन करना और सभी शर्तों को भली-भांति समझना आवश्यक है। सही जानकारी और समझदारी से लिया गया निर्णय आपके वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होगा।
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Payment Orchestration
आज के डिजिटल युग में, भारतीय ग्राहक खरीदारी करते समय सहज और परेशानी मुक्त अनुभव की मांग करते हैं. खासकर भुगतान की प्रक्रिया में किसी भी अड़चन का सामना करना उन्हें बिलकुल पसंद नहीं आता. इसी मांग को पूरा करने के लिए भारतीय व्यापार तेजी से नए पेमेंट तरीके अपना रह��� हैं और अपने ग्राहकों को भुगतान के लिए ढेरों विकल्प दे रहे हैं. यही बदलाव इस बात का संकेत देता है कि भारत में भविष्य के भुगतान कई पेमेंट…
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