#दिल्ली हाईकोर्ट
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Arvind Kejriwal Bail : केजरीवाल को बड़ा झटका; HC का जमानत देने से इनकार
Arvind Kejriwal Bail : दिल्ली हाईकोर्ट से अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक की मांग वाली याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुनाया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा। हाईकोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देने से इनकार कर दिया है। CM Dhami Visit AIIMS : सीएम धामी ने दिल्ली के एम्स पहुंचकर जाना घायल वन कर्मियों का कुशलक्षेम प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने…
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यूपी के जजों के सरकार के दबाव में काम करने पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी चिंताजनक- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 2 फरवरी 2025. सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी चिंताजनक है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट और प्रदेश के जिला जज ज़मानत देने से डरते हैं. यह टिप्पणी प्रदेश की न्यायपालिका के पूरी तरह से सरकार के सामने सरेंडर हो जाने पर मुहर लगाती है. जनता और विपक्षी दलों को न्यायपालिका को सरकार के दबाव से मुक्त कराने के लिए आवाज़ उठानी होगी. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और बिहार के सह प्रभारी शाहनवाज़…
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आप ने दिल्ली के लोगों को किए थे स्पैम कॉल, हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग को दिए जांच के आदेश; जानें पूरा मामला
#News आप ने दिल्ली के लोगों को किए थे स्पैम कॉल, हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग को दिए जांच के आदेश; जानें पूरा मामला
Delhi News: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को चुनाव आयोग को उन आरोपों की जांच करने की इजाजत दी है जिसमें कहा गया है कि आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए वोट मांगने के लिए स्पैम कॉल किए थे। इनमें चेतावनी दी गई थी कि यदि AAP सत्ता में नहीं आई तो मुफ्त की योजनाएं खत्म कर दी जाएंगी। दिल्ली हाईकोर्ट ने आगे निर्देश दिया कि मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) जांच पूरी कर के निष्कर्षों के आधार पर…
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वक्फ संशोधन बिल 2024 पर JPC बैठक में हंगामा: विपक्ष ने किया विरोध?
वक्फ संशोधन बिल 2024: JPC की बैठक में हंगामा, विपक्ष के 10 सांसद एक दिन के लिए सस्पेंड Waqf Amendment Bill 2024: JPC Meeting Chaos, 10 MPs Suspended AIN NEWS 1: दिल्ली में शुक्रवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक में भारी हंगामा हुआ। यह बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई, ल��किन बहस और शोर-शराबे के कारण कुछ समय के लिए रोकनी पड़ी। बैठक के दौरान, विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि उन्हें ड्राफ्ट में किए गए संशोधनों पर शोध करने का पर्याप्त समय नहीं दिया गया। मीरवाइज उमर फारूक के विचार सुनने पर बहस बैठक में कश्मीर के धार्मिक प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल को बुलाने पर बहस छिड़ गई। विपक्ष का कहना था कि BJP इस विधेयक पर जल्दबाजी में काम कर रही है ताकि दिल्ली चुनावों से पहले इसे संसद में पेश किया जा सके। हंगामे के बीच, TMC सांसद कल्याण बनर्जी और कांग्रेस के नसीर हुसैन ने बैठक छोड़ दी। 10 विपक्षी सांसद सस्पेंड, बैठक का माहौल गरमाया जेपीसी ने 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया। TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने इसे "तमाशा" करार दिया। दूसरी ओर, समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि 31 जनवरी को संसद के बजट सत्र के दौरान रिपोर्ट पेश की जाएगी। विपक्ष का आरोप: बैठक की तारीख जल्दबाजी में तय विपक्ष ने बैठक की तारीखों को लेकर आपत्ति जताई। DMK सांसद ए राजा ने जगदंबिका पाल को पत्र लिखकर 24-25 जनवरी की बैठक स्थगित करने की मांग की। उनका तर्क था कि जेपीसी का दौरा 21 जनवरी को ही समाप्त हो गया था, फिर भी बैठक जल्दबाजी में रखी गई। वक्फ बिल: पुराने और नए कानून में मुख्य अंतर वक्फ एक्ट 1995 में बदलावों को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच मतभेद साफ हैं। नए बिल में पारदर्शिता और कानूनी सुधार पर जोर दिया गया है। पुराने वक्फ कानून की खामियां: 1. वक्फ बोर्ड के दावे को केवल ट्रिब्यूनल में चुनौती दी जा सकती थी। 2. ट्रिब्यूनल के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की अनुमति नहीं थी। 3. किसी संपत्ति पर मस्जिद बनी हो, तो वह स्वतः वक्फ संपत्ति मानी जाती थी। 4. वक्फ बोर्ड में महिला और अन्य धर्मों के सदस्यों की एंट्री नहीं थी। नए वक्फ बिल के मुख्य प्रावधान: 1. अब दावे को ट्रिब्यूनल, राजस्व अदालत, सिविल कोर्ट या हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी। 2. ट्रिब्यूनल के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। 3. मस्जिद बनी संपत्ति को वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा जब तक वह दान में न दी गई हो। 4. वक्फ बोर्ड में 2 महिलाएं और अन्य धर्म के 2 सदस्य होंगे। वक्फ संशोधन विधेयक का उद्देश्य 1995 के वक्फ एक्ट को मिसमैनेजमेंट, भ्रष्टाचार और अति��्रमण के लिए आलोचना झेलनी पड़ी थी। नए बिल का उद्देश्य: संपत्तियों का डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट और पारदर्शिता, अवैध कब्जों को हटाने के लिए कानूनी ढांचा तैयार करना। JPC की बैठकें और कार्यवाही जेपीसी की पहली बैठक 22 अगस्त 2024 को हुई थी। अकेले दिल्ली में अब तक 34 बैठकें हो चुकी हैं। शीतकालीन सत्र में समिति का कार्यकाल बढ़ाया गया, और बजट सत्र में रिपोर्ट पेश की जाएगी। https://www.youtube.com/live/9lXDzoMqju0?si=hKgkNa7YDJyyrr7v The Waqf Amendment Bill 2024 aims to address corruption, mismanagement, and encroachments in Waqf properties by introducing digitization, transparency, and legal reforms. The Joint Parliamentary Committee (JPC) has faced opposition over the lack of time given for reviewing amendments. Key changes include allowing appeals to High Courts and ensuring inclusivity with women and members from other religions in the Waqf Board. Read the full article
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दिल्ली हाईकोर्ट CAG रिपोर्ट पर फैसला देने वाला है #breakingnews #delhi #...
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दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: उपभोक्ता अदालतों Consumer Court's में गैर-वकीलों की एंट्री पर लगायी रोक
दिल्ली हाईकोर्ट ने उपभोक्ता अदालतों Consumer Court’s में वकीलों की जगह गैर-वकीलों या एजेंटों को पेश होने की अनुमति देने पर सख्त रोक लगा दी है। यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि अदालत में कई लोग बिना वकील की पढ़ाई किए ही वकीलों के काम कर रहे थे। हाईकोर्ट को यह फैसला क्यों लेना पड़ा? Justice Sanjeev Narula यह मामला जस्टिस संजीव नरूला की अदालत में चल रहा था। इसमें कुछ वकीलों ने शिकायत की थी कि कई…
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संभल मस्जिद: सुप्रीम कोर्ट का ट्रायल कोर्ट की सुनवाई रोकने का निर्देश, कहा- तटस्थ रहना होगा
सुप्रीम कोर्ट ने संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले अदालती आदेश को चुनौती देने वाली मस्जिद समिति की याचिका सुनते हुए याचिकाकर्ताओं से हाईकोर्ट जाने को कहा है. साथ ही, ज़िला प्रशासन से यह सुनिश्चित करने को कहा कि इलाके में शांति बनी रहे. Sambhal Mosque: Supreme Court directs to stop hearing of trial court, says- we have to remain neutral नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार…
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CM Kejriwal : केजरीवाल को झटका, गिरफ्तारी को गैर कानूनी ठहराने वाली याचिका खारिज
CM Kejriwal : मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी की गिरफ्तारी और हिरासत को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि याचिका जमानत के लिए नहीं है। याचिका में याचिकाकर्ता ने हिरासत को गलत बताया है। फैसला सुनाते हुए जस्टिस स्वर्ण कांत शर्मा ने याचिका को खारिज कर दिया। सूत्रों के अनुसार केजरीवाल हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ कल ही सुप्रीम कोर्ट का…
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Jharkhand madhu koda set back : पूर्व सीए��� मधु कोड़ा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, चुनाव लड़ने पर रोक मामले में हस्तक्षेप से इनकार
नई दिल्ली : राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा नेता मधु कोड़ा को चुनाव लड़ने की अनुमति देने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति देने से इनकार किये जाने के निर्णय के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार एवं न्यायमूर्ति आर महादेवन की बेंच ने…
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दिल्ली दंगे: हाईकोर्ट ने उमर खालिद और शरजील इमाम की जमानत याचिका 25 नवंबर तक स्थगित की
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित एक बड़ी साजिश का आरोप लगाने वाले यूएपीए मामले के संबंध में उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य आरोपी व्यक्तियों द्वारा दायर जमानत याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई स्थगित कर ��ी। न्यायमूर्ति नवीन चावला और न्यायमूर्ति शालिन्दर कौर की खंडपीठ के आज नहीं बैठने के कारण मामले की सुनवाई स्थगित कर दी गई। जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 25 नवंबर को…
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यूपी के कद्दावर नेता कुलदीप सेंगर को दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया बड़ा झटका, 20 जनवरी तक सेरेंडर करने का दिया था समय
Delhi News: दिल्ली हाईकोर्ट से यूपी के कद्दावर नेता कुलदीप सिंह सेंगर को तगड़ा झटका लगा है। अदालत ने सोमवार को उन्नाव दुष्कर्म मामलों में मेडिकल आधार पर कुलदीप सिंह सेंगर को दी गई अंतरिम जमानत को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया। कुलदीप सिंह सेंगर को 20 जनवरी को सरेंडर करने का निर्देश दिया गया था। दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस नवीन चावला और शैलिंदर कौर की खंडपीठ ने कहा कि कुलदीप सिंह सेंगर को हिरासत में…
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दिल्ली HC ने CAG रिपोर्ट पर विशेष विधानसभा सत्र बुलाने से किया इनकार, दिल्ली सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी पर दिया जोर?
AIN NEWS 1: दिल्ली हाईकोर्ट ने कैग (CAG) रिपोर्ट पर चर्चा के लिए दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले पर यह स्पष्ट किया कि किसी भी सरकार का यह संवैधानिक कर्तव्य है कि वह कैग रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करे। अधिवक्ता अनिल सोनी का बयान: इस फैसले पर टिप्पणी करते हुए अधिवक्ता अनिल सोनी ने कहा, "कोर्ट ने यह कहा है कि सरकार के लिए यह बेहद अनिवार्य और संवैधानिक रूप से अनिवार्य है कि वह कैग रिपोर्ट को विधानसभा के समक्ष रखे। अब यह पूरी तरह से दिल्ली सरकार पर निर्भर है कि वह इस रिपोर्ट को जनता के सामने प्रस्तुत करना चाहती है या नहीं। यदि सरकार चाहती है कि जनता को उसकी शासन व्यवस्था की वास्तविक स्थिति का पता चले, तो उन्हें यह रिपोर्ट विधानसभा में पेश करनी चाहिए।" कोर्ट का निर्णय: हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि रिपोर्ट को विधानसभा में प्रस्तुत करना सरकार की जवाबदेही का हिस्सा है। हालांकि, कोर्ट ने इस मुद्दे पर विशेष सत्र बुलाने का आदेश देने से इनकार कर दिया। इसके बजाय, सरकार को यह तय करने का अधिकार दिया गया है कि वह इसे विधानसभा चुनाव से पहले प्रस्तुत करना चाहती है या नहीं। जनता की पारदर्शिता पर सवाल: यह मामला इस समय चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि दिल्ली में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। ऐसे में, सरकार पर जनता के समक्ष अपनी स्थिति स्पष्ट करने का दबाव है। कैग रिपोर्ट सरकारी विभागों और योजनाओं के कामकाज का लेखा-जोखा पेश करती है, जो सरकार की वित्तीय और प्रशासनिक स्थिति का आकलन करने के लिए महत्वपूर्ण है। राजनीतिक माहौल में अहम मुद्दा: विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले को चुनावी दृष्टिकोण से देखा जा रहा है। कैग रिपोर्ट सार्��जनिक न करने पर सरकार पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लग सकता है। वहीं, अगर इसे प्रस्तुत किया जाता है, तो यह चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकता है। सरकार की अगली रणनीति: अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली सरकार इस मामले पर क्या कदम उठाती है। क्या वह जनता के सामने पारदर्शिता बनाए रखने के लिए रिपोर्ट को समय पर पेश करेगी, या फिर इसे चुनाव के बाद तक टालने का फैसला करेगी। दिल्ली हाईकोर्ट का यह फैसला सरकार को उसकी संवैधानिक जिम्मेदारी की याद दिलाता है। रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करना सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही का प्रतीक है। जनता को अपने प्रशासन की स्थिति जानने का अधिकार है, और यह कदम लोकतंत्र को मजबूत करेगा। https://www.youtube.com/live/9lXDzoMqju0?si=XbdlDGX3gxoMrr0L The Delhi High Court has denied a plea to call a special assembly session to discuss the CAG report, emphasizing that it is the constitutional duty of the Delhi government to table the report before the assembly. Advocate Anil Soni stated that if the government wants to maintain transparency and inform the public about its performance ahead of the Delhi elections, it should ensure the report is presented in the assembly. Read the full article
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दिल्ली सरकार की ईमानदारी पर हाईकोर्ट का सवाल #breakingnews #bjp #delhi
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