#ParliamentWinterSession
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Police revealed in the Parliament security lapse case, the accused was funded by the salon owner
#https://newswatchindia.com/police-made-revelations-in.../#ParliamentSecurityBreach#parliamentsecuritybreachupdate#ParliamentWinterSession#ParliamentSession#ParliamentWinterSession2023#securitybreach#SecurityBreachinLoksabha#securitybreachinparliament#securitybreaches#politicalleader#OppositionParties#OppositionParty#OppositionMeeting#Opposition#indianalliance#PoliticalNews#LatestNews#LatestUpdates#latesthindinews
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Parliament Winter Session | 10 bills passed after 48 hours of discussion in both Houses.
https://hydnews24.com/recent-news/parliament-winter-session-10-bills-passed-after-48-hours-of-discussion-in-both-houses/
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#The Election Laws (Amendment) Bill 2021, piloted by Law Minister Kiren Rijiju, was passed by a voice vote after a brief discussion during which some opposition members demanded that it be referred to a parliamentary panel for scrutiny. The law minister said that the bill will cleanse the election system and eliminate multiple entries. Most of the opposition members demanded that the Bill may be referred to the standing committee for scrutiny and detailed deliberations. Leader of Congress Adhir Ranjan Chowdhury and Supriya Sule of the NCP wondered why this important Bill was being pushed in a tearing hurry by the government. Many opposition members suggested for garnering public opinion on such an important legislation. This is no way to pass a legislation and there should be a proper debate and discussion on this, said N K Premchandran of the RSP. Others who opposed the Bill included Ritesh Pandey (BSP), Kalyan Banerjee (TMC), Asaduddin Owaisi (AIMIM) and E T Mohammed Basheer. #Electionlaws #BJP #Aadhaar #Parliamentwintersession #india #visionforcitizens #citizensconnected (at India) https://www.instagram.com/p/CXwOwjiPjvlBH5QBhjWZI-9Pq6o8tiWrx-m3cY0/?utm_medium=tumblr
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#BreakingNews: लोकसभा में कृषि कानून वापसी बिल ध्वनिमत से पारित हो गया. विपक्ष के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है. the-press.in #ParliamentWinterSession #WinterSession #FarmLaws #FarmLawsRepeal #Loksabha #PMNarendra Modi #ModiGovernment #Opposition #Congress #BJP #India #Hindi #HindiNews https://www.instagram.com/p/CW2eZWYJji-/?utm_medium=tumblr
#breakingnews#parliamentwintersession#wintersession#farmlaws#farmlawsrepeal#loksabha#pmnarendra#modigovernment#opposition#congress#bjp#india#hindi#hindinews
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मोदी सरकार ने सरोगेसी बिल संशोधन को इन शर्तों के साथ दी मंजूरी, अब विधवा-तलाकशुदा भी बन सकेंगी सरोगेट मदर
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. मोदी सरकार ने बुधवार को सरोगेसी नियमन बिल 2020 के मसौदे को मंजूरी दे दी। प्रस्तावित बिल के मुताबिक, अब कोई भी 'इच्छुक' महिला सरोगेट मां बन सकती है। निसंतान जोड़ों के अलावा विधवा और तलाकशुदा महिलाएं भी सरोगेट मदर बन सकती हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा कि, 'नए बिल के मसौदे में राज्य सभा की सिलेक्ट कमेटी की सभी सिफारिशों को शामिल किया गया है। कमेटी ने सरोगेसी बिल के पुराने ड्राफ्ट का अध्ययन करके किराए की कोख के व्यापार पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। इसके साथ ही नए बिल में इसे नैतिक रूप देने की बात कही गई थी।' सिर्फ भारतीय जोड़े ही करवा सकेंगे सरोगेसी महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि, 'प्रस्तावित बिल में प्रावधान किया गया है कि सिर्फ भारतीय जोड़े ही देश में सरोगेसी के जरिए संतान प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए किसी भी जोड़े में शामिल दोनों सदस्यों का भारतीय होना जरूरी होगा।' ईरानी ने यह भी कहा कि, 'महिलाओं के संतान को जन्म देने के अधिकार के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुला नजरिया रखते हैं।' नए बिल में क्या खास होगा नए बिल में उस पुराने प्रावधान को बरकरार रखा गया है जिसमें विदेशी और एनआरआई लोगों पर भी भारत में सरोगेसी का व्यावसायिक इस्तेमाल कर बच्चा पैदा करने पर पाबंद�� थी। सिर्फ भारतीय विवाहित जोड़े ही सरोगेसी के जरिए बच्चा पैदा करवा सकते हैं। लेकिन इसके लिए शर्त यह है कि उन्हें एक मेडिकल सर्टिफिकेट देना होगा कि वो किसी भी कारण से बच्चा पैदा करने में असमर्थ हैं। बता दें पिछले बिल में यह प्रावधान था कि जिन भी जोड़े की शादी को पांच साल गुजर गए हो उन्हें ही सरोगेसी का इस्तेमाल कर बच्चे पैदा करने का अधिकार था। हालां��ि, यदि कोई महिला 50 साल और कोई पुरूष 55 साल की उम्र पार कर चुका है तो सरोगेसी का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। व्यावसायिक सरोगेसी पर प्रतिबंध नए नियम में सेरोगेट मदर के मेडिकल कवर को 18 से बढ़ाकर 36 महीने का कर दिया गया है। इसके अलावा व्यावसायिक सरोगेसी पर प्रतिबंध होगा और इसके प्रचार प्रसार पर भी रोक लगाने की सिफारिश की गई है। भारतीय विवाहित जोड़े, विदेश में रहने वाले भारतीय मूल के विवाहित जोड़े और अकेली भारतीय महिलाएं कुछ शर्तों के अधीन सरोगेसी का फायदा उठा सकेंगी। हालांकि, अकेली महिलाओं की स्थिति में उनका विधवा या तलाकशुदा होना जरूरी होगा। उनकी उम्र 35 से 45 साल के बीच होनी चाहिए। नजदीकी रिश्तेदारों वाली पाबंदी हटाई गई नए बिल में एक और बदलाव किया गया है कि अब किसी भी महिला की मर्जी से उसकी कोख का इस्तेमाल हो सकेगा। वह जोड़े जिनके पास पहले से बच्चा हो वो सेरोगेसी प्रक्रिया का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे, भले ही पहला बच्चा गोद लिया गया हो। बता दें पुराने बिल में केवल नजदीकी रिश्तेदारों के जरिए ही सरोगेसी प्रक्रिया में इस्तेमाल का अधिकार दिया गया था। बच्चा न स्वीकारने पर माता-पिता को होगी जेल एक महिला अपनी कोख जीवन में केवल एक बार ही दूसरे को उधार दे सकती है। इसके लिए यह शर्त है कि महिला ने पहले किसी स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया हो। सरोगेसी के जरिए पैदा हुए बच्चे को विकलांग या किसी रोग से ग्रसित होने या किसी भी वजह से इंकार करने पर उस बच्चे के होने वाले माता पिता पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इसमें कम से कम 10 साल की जेल और 10 लाख जुर्माने का प्रावधान है। नेशनल सरोगेसी बोर्ड बनेगा जानकारी के मुताबिक, देश में सरोगेसी का व्यापार फिलहाल तकरीबन 9000 करोड़ रुपए माना जाता है। प्रस्तावित बिल में इसकी निगरानी के लिए एक नेशनल सरोगेसी बोर्ड बनाए जाने की भी बात कही गई है जिसके अध्यक्ष केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री होंगे। साथ ही देश भर में लगभग 2000 ऐसे क्लिनिक का पंजीकरण करना भी अनिवार्य होगा और उन्हें बच्चा पैदा होने के 25 सालों तक उनका रिकॉर्ड रखना होगा। इस बिल को संसद के बजट सत्र के दूसरे हाफ में पारित कराए जाने की संभावना है। क्या होता है सरोगेसी जब किसी दूसरी महिला की कोख को किराए पर लिया जाता है तो उसे सरोगेसी कहा जाता है। जो महिला अपनी कोख में दूसरे का बच्चा पालती है उसे सरोगेट मदर कहते हैं। पिछले काफी समय से यह आरोप लगाया जा रहा था कि कुछ लोग पैसों के दम पर आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं की कोख का दुरुपयोग कर रहे हैं। ऐसे में महिलाओं को सेहत से जुड़ी कई समस्याएं पैदा हो रही थी, जिसके बाद यह प्रावधान बनाया गया है। बॉलीवुड में सेरोगेसी का चलन बता दें पिछले कुछ सालों में शाहरूख खान, आमिर खान, तुषार कपूर, एकता कपूर और सनी लियोनी समेत बॉलीबुड से जुड़ी कुछ हस्तियों ने सरोगेसी के जरिए अपना परिवार आगे बढ़ाया था। हाल ही में प्रसिद्ध अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी को भी सरोगेसी के जरिए ही अपने दूसरे बच्चे का सुख प्राप्त हुआ है। ये भी पढ़े... दूसरी बार मां बनीं शिल्पा शेट्टी, घर आई नन्हीं परी, शेयर की पहली तस्वीर राज्यसभा में पेश हुआ सरोगेसी बिल, खूब हो रही इसकी आलोचना, जानें बिल में क्या-क्या प्रावधान हैं शामिल Read the full article
#aboutSurrogacy#aboutsurrogacybillamendment2020#bjp#congress#narendramodi#parliamentwintersession#rajyasabha#surrogacy#Surrogacybill#Surrogacybill2016#Surrogacybill2019#surrogacybillamendment2020#surrogacybillamendment2020inhindi#surrogacybillamendment2020rules#Surrogacybillinhindi#SurrogacybillProvision#Surrogacybillrules#Surrogacyinhindi#Surrogacykyahai#SurrogacyRegulationBill#SurrogacyRegulationBill2019#SurrogacyRegulationBillinRajyaSabha#whatisSurrogacy#नरेंद्रमोदी#राज्यसभा#राज्यसभाशीतकालीनसत्र#लोकसभा#सरोगेसी#सरोगेसीकेनएनियम#सरोगेसीक्याहै
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Nirmala Sitharaman Discussion On Cryptocurrency in Parliament | Cryptocurrency Ban...?
Nirmala Sitharaman Discussion On Cryptocurrency in Parliament | Cryptocurrency Ban…?
Nirmala Sitharaman Discussion On Cryptocurrency in Parliament| Cryptocurrency Ban…? #ParliamentWinterSession … source
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Parliament Security Breach: Despite tight security arrangements, how was the security of the Parliament House breached? How will the entry happen now?
The security of Parliament House has become a topic of discussion everywhere since yesterday i.e. Wednesday, 13th December. There are allegations of negligence on the part of the Indian government, but the government seems to be shrugging off the issue of investigation. However, the government has also made necessary changes in some security protocols.
#ParliamentSecurityBreach#parliyament#SansadBhawan#ParliamentWinterSession2023#parliament#Parliamentwintersession#parliyamentattack#indianpeople#NewsUpdate#newstoday#HindiNews#hindinewslive#parliyamentsecuritybreachlive#NewsTodayLive
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The Transgender Persons (Protection of Rights) Bill 2019
The Transgender Persons (Protection of Rights) Bill 2019 #Transgender #ParliamentWinterSession #TransBill2019 #UPSC #GS2 #CurrentAffairs #UPSC2020 #IQGyan
Source:- PIB
UPSC Topics:- Prelims – About FCI
Mains GS 2:- Mechanisms, Laws, Institutions and Bodies constituted for the Protection and Betterment of these Vulnerable Sections
Context:- The Transgender Persons (Protection of Rights) Bill 2019 passed by the Parliament.
Key Provisions:-
Definition of a transgender person:
The Bill defines a transgender person as one whose gender does not…
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नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ असम में प्रदर्शन तेज, 16 दिसंबर तक इंटरनेट और स्कूल-कॉलेज रहेंगे बंद
चैतन्य भारत न्यूज दिसपुर. नागरिकता संशोधन बिल 2019 को लेकर भारत के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहा है। पूर्वोत्तर के राज्यों में खासतौर से इस बिल के खिलाफ हिंसा जारी है। जानकारी के मुताबिक, असम में 16 दिसंबर तक इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। साथ ही वहां स्कूल और कॉलेज भी बंद रहेंगे। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); एक अधिकारी ने बताया कि जब तक परिस्थिति सामान्य नहीं हो जाती तब तक राज्य में इंटरनेट सेवाएं बहाल की गई है। हालांकि इंटरनेट बंद के बावजूद शनिवार को कुछ इलाकों में कुछ घंटो के लिए ब्रॉडबैंड सेवाएं चालू हो गई थीं। शनिवार सुबह से ही असम के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा है। सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक ही कर्फ्यू में ढील दी गई। गुवाहाटी में भी स्थानीय लोग इस दौरान अपने दैनिक जरूरतों के सामान खरीदते नजर आए। बाहरी गैर-मुस्लिम लोगों को मिलेगी नागरिकता बता दें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बिल को पहले लोकसभा, फिर राज्यसभा में पेश किया था। लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 311 और विरोध में 80 वोट पड़े। जबकि राज्यसभा में बिल के पक्ष में 125 वोट और विरोध में 99 वोट पड़े थे। नागरिकता संशोधन कानून के तहत भारत के तीन पड़ोसी इस्लामी देशों- पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत की शरण में आए गैर-मुस्लिम लोगों को आसानी से नागरिकता मिल सकेगी। क्यों हो रहा प्रदर्शन असम के साथ-साथ अरुणाचल प्रदेश, मेघालय समेत अन्य राज्यों में भी इस बिल के खिलाफ विरोध हुआ। पुलिस फायरिंग के दौरान 2 लोगों की मौत हो गई। पूर्वोत्तर के राज्यों का कहना है कि अगर शरणार्थियों को यहां पर नागरिकता दी जाएगी तो उनकी अस्मिता, संस्कृति पर असर पड़ेगा। हालांकि, कानून लागू करते समय सरकार ने यह ऐलान किया था कि मेघालय, असम, अरुणाचल, मणिपुर के कुछ क्षेत्रों में कानून लागू नहीं होगा। ये भी पढ़े... नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ जल रहा असम, पैसेंजर ट्रेन-उड़ानें रद्द, गुवाहाटी में कर्फ्यू और 24 घंटे इंटरनेट सेवाएं बंद नया कानून बना नागरिकता संशोधन बिल, राष्ट्रपति कोविंद ने दी मंजूरी, जानें किसको मिलेगा इसका फायदा नागरिकता संशोधन बिल : देश की नागरिकता के क्या हैं नियम? सरकार ने क्या बदलाव किए, जानें इसके बारे में सबकुछ Read the full article
#amitshah#assam#assamnews#bangladesh#bjp#Cab#CABInLokSabha#CABPassInRajyaSabha#citizenamendmentbill2019#citizenamendmentbillhindi#citizenamendmentbillinloksabha#CitizenshipAmendmentBill#congress#loksabha#Modigovernment#nagriktasansodhanbill#owaisi#pakistan#parliamentwintersession#presidentgiveshisassentcab#ramnathkovind#rulesofcitizenshipinindia#tmc#whatiscitizenamendmentbill#whatiscitizenamendmentbillinhindi#whatisCitizenshipAmendmentBill#अमितशाह#असदुद्दीनओवैसी#असम#असमनागरिकतासंशोधनबिल
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नया कानून बना 'नागरिकता संशोधन बिल', राष्ट्रपति कोविंद ने दी मंजूरी, जानें किसको मिलेगा इसका फायदा
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. तमाम विरोध और प्रदर्शनों के बावजूद नागरिकता संशोधन बिल 2019 (Citizenship Amendment bill) को लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी मंजूरी दे दी है। गुरुवार देर रात राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अब नागरिकता संशोधन बिल कानून बन गया है। यानी पाकिस्तान-बांग्लादेश-अफगानिस्तान से आए हुए हिंदू-जैन-बौद्ध-सिख-ईसाई-पारसी शरणार्थी आसानी से भारत की नागरिकता हासिल कर पाएंगे। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); गैर-मुस्लिम लोगों को मिलेगी नागरिकता बता दें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बिल को पहले लोकसभा, फिर राज्यसभा में पेश किया था। लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 311 और विरोध में 80 वोट पड़े। जबकि राज्यसभा में बिल के पक्ष में 125 वोट और विरोध में 99 वोट पड़े थे। लोकसभा में तो मोदी सरकार के पास बहुमत था लेकिन राज्यसभा में बहुमत ना होने के बावजूद सरकार को जीत मिली है। नागरिकता संशोधन कानून के तहत भारत के तीन पड़ोसी इस्लामी देशों- पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत की शरण में आए गैर-मुस्लिम लोगों को आसानी से नागरिकता मिल सकेगी।
क्या है नागरिकता संशोधन कानून? भारत का नागरिक कौन है? इसे स्पष्ट करने के लिए साल 1955 में एक कानून बनाया गया था जिसका 'नागरिकता अधिनियम 1955' नाम दिया गया। फिर इस कानून में मोदी सरकार ने संशोधन किया। इस बिल में भारत में 6 साल गुजारने वाले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के छह धर्मों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और इसाई) के लोगों को बिना उचित दस्तावेज के भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। जबकि 'नागरिकता अधिनियम 1955' में वैध दस्तावेज होने पर ही ऐसे लोगों को 11 साल के बाद भा���त की नागरिकता मिल सकती थी। President Ram Nath Kovind gives his assent to The Citizenship (Amendment) Act, 2019. pic.twitter.com/RvqZgBjhis — ANI (@ANI) December 12, 2019 किन शरणार्थियों को मिलेगा फायदा? अमित शाह द्वारा लोकसभा में दिए भाषण में यह दावा किया था कि, ऐसे लाखों-करोड़ों लोग हैं जिन्हें इस कानून से फायदा मिलेगा। नए कानून के तहत, ये सभी शरणार्थियों पर लागू होगा चाहे वो किसी भी तारीख से आए हों। जिस तारीख से वह भारत आए उन्हें तब से ही भारत का नागरिक मान लिया जाएगा। फिलहाल सरकार ने एक कटऑफ तारीख भी जारी की है। 31 दिसंबर 2014 से पहले आए सभी हिंदू-जैन-बौद्ध-सिख-ईसाई-पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिल जाएगी।
कहां पर लागू नहीं होगा ये कानून? इस कानून को लेकर पूर्वोत्तर में खूब विरोध-प्रदर्शन हो रहा है। असम, मेघालय समेत कई राज्यों में लोग सड़कों पर उतरे और बिल वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। पूर्वोत्तर के राज्यों का कहना है कि अगर शरणार्थियों को यहां पर नागरिकता दी जाएगी तो उनकी अस्मिता, संस्कृति पर असर पड़ेगा। हालांकि, कानून लागू करते समय सरकार ने यह ऐलान किया था कि मेघालय, असम, अरुणाचल, मणिपुर के कुछ क्षेत्रों में कानून लागू नहीं होगा। ये भी पढ़े... नागरिकता संशोधन बिल : देश की नागरिकता के क्या हैं नियम? सरकार ने क्या बदलाव किए, जानें इसके बारे में सबकुछ नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ जल रहा असम, पैसेंजर ट्रेन-उड़ानें रद्द, गुवाहाटी में कर्फ्यू और 24 घंटे इंटरनेट सेवाएं बंद नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पास, पीएम मोदी ने शाह को कहा धन्यवाद नागरिकता संशोधन बिल : 293 वोट के साथ लोकसभा में प्रस्ताव स्वीकार, अमित शाह बोले- कांग्रेस ने देश का विभाजन किया Read the full article
#amitshah#bangladesh#bjp#Cab#CABInLokSabha#CABPassInRajyaSabha#citizenamendmentbill2019#citizenamendmentbillhindi#citizenamendmentbillinloksabha#CitizenshipAmendmentBill#congress#loksabha#Modigovernment#nagriktasansodhanbill#owaisi#pakistan#parliamentwintersession#presidentgiveshisassentcab#ramnathkovind#rulesofcitizenshipinindia#tmc#whatiscitizenamendmentbill#whatiscitizenamendmentbillinhindi#whatisCitizenshipAmendmentBill#अमितशाह#असदुद्दीनओवैसी#कांग्रेस#गैरमुस्लिम#टीएमसी#नागरिकताअधिनियम
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नया कानून बना 'नागरिकता संशोधन बिल', राष्ट्रपति कोविंद ने दी मंजूरी, जानें किसको मिलेगा इसका फायदा
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. तमाम विरोध और प्रदर्शनों के बावजूद नागरिकता संशोधन बिल 2019 (Citizenship Amendment bill) को लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी मंजूरी दे दी है। गुरुवार देर रात राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अब नागरिकता संशोधन बिल कानून बन गया है। यानी पाकिस्तान-बांग्लादेश-अफगानिस्तान से आए हुए हिंदू-जैन-बौद्ध-सिख-ईसाई-पारसी शरणार्थी आसानी से भारत की नागरिकता हासिल कर पाएंगे। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); गैर-मुस्लिम लोगों को मिलेगी नागरिकता बता दें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बिल को पहले लोकसभा, फिर राज्यसभा में पेश किया था। लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 311 और विरोध में 80 वोट पड़े। जबकि राज्यसभा में बिल के पक्ष में 125 वोट और विरोध में 99 वोट पड़े थे। लोकसभा में तो मोदी सरकार के पास बहुमत था लेकिन राज्यसभा में बहुमत ना होने के बावजूद सरकार को जीत मिली है। नागरिकता संशोधन कानून के तहत भारत के तीन पड़ोसी इस्लामी देशों- पाकिस्तान, अफगानिस्तान औ��� बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत की शरण में आए गैर-मुस्लिम लोगों को आसानी से नागरिकता मिल सकेगी।
क्या है नागरिकता संशोधन कानून? भारत का नागरिक कौन है? इसे स्पष्ट करने के लिए साल 1955 में एक कानून बनाया गया था जिसका 'नागरिकता अधिनियम 1955' नाम दिया गया। फिर इस कानून में मोदी सरकार ने संशोधन किया। इस बिल में भारत में 6 साल गुजारने वाले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के छह धर्मों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और इसाई) के लोगों को बिना उचित दस्तावेज के भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। जबकि 'नागरिकता अधिनियम 1955' में वैध दस्तावेज होने पर ही ऐसे लोगों को 11 साल के बाद भारत की नागरिकता मिल सकती थी। President Ram Nath Kovind gives his assent to The Citizenship (Amendment) Act, 2019. pic.twitter.com/RvqZgBjhis — ANI (@ANI) December 12, 2019 किन शरणार्थियों को मिलेगा फायदा? अमित शाह द्वारा लोकसभा में दिए भाषण में यह दावा किया था कि, ऐसे लाखों-करोड़ों लोग हैं जिन्हें इस कानून से फायदा मिलेगा। नए कानून के तहत, ये सभी शरणार्थियों पर लागू होगा चाहे वो किसी भी तारीख से आए हों। जिस तारीख से वह भारत आए उन्हें तब से ही भारत का नागरिक मान लिया जाएगा। फिलहाल सरकार ने एक कटऑफ तारीख भी जारी की है। 31 दिसंबर 2014 से पहले आए सभी हिंदू-जैन-बौद्ध-सिख-ईसाई-पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिल जाएगी।
कहां पर लागू नहीं होगा ये कानून? इस कानून को लेकर पूर्वोत्तर में खूब विरोध-प्रदर्शन हो रहा है। असम, मेघालय समेत कई राज्यों में लोग सड़कों पर उतरे और बिल वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। पूर्वोत्तर के राज्यों का कहना है कि अगर शरणार्थियों को यहां पर नागरिकता दी जाएगी तो उनकी अस्मिता, संस्कृति पर असर पड़ेगा। हालांकि, कानून लागू करते समय सरकार ने यह ऐलान किया था कि मेघालय, असम, अरुणाचल, मणिपुर के कुछ क्षेत्रों में कानून लागू नहीं होगा। ये भी पढ़े... नागरिकता संशोधन बिल : देश की नागरिकता के क्या हैं नियम? सरकार ने क्या बदलाव किए, जानें इसके बारे में सबकुछ नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ जल रहा असम, पैसेंजर ट्रेन-उड़ानें रद्द, गुवाहाटी में कर्फ्यू और 24 घंटे इंटरनेट सेवाएं बंद नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पास, पीएम मोदी ने शाह को कहा धन्यवाद नागरिकता संशोधन बिल : 293 वोट के साथ लोकसभा में प्रस्ताव स्वीकार, अमित शाह बोले- कांग्रेस ने देश का विभाजन किया Read the full article
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