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CAA के खिलाफ उप्र में विरोध प्रदर्शन जारी, अब तक 18 की मौत, 4500 लोग हिरासत में, 263 पुलिसकर्मी घायल
चैतन्य भारत न्यूज लखनऊ. नागरिकता संशोधन कानून 2019 (CAA) के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हिंसात्मक होता जा रहा है। राजधानी दिल्ली समेत अनेक राज्यों में यह प्रदर्शन हिंसक हो गया है, जिसमें व्यापक पैमाने पर सार्वज��िक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है। उत्तर प्रदेश में भी नागरिकता कानून को लेकर बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। इस हिंसा में अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
263 पुलिसकर्मी हुए घायल जानकारी के मुताबिक, उत्तरप्रदेश में अब तक 4,500 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। जबकि हिंसा फैलाने के आरोप में 705 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही पुलिस ने सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी आपत्तिजनक पोस्ट करने के 14,101 मामलों में कार्रवाई की गई है। बता दें हिंसा के दौरान उत्तर प्रदेश में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। घायल पुलिसकर्मियों का आंकड़ा 263 तक पहुंच गया है। इसमें 57 पुलिसकर्मी प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से घायल हुए हैं।
दंगाइयों की संपत्ति जब्त कर होगी नुकसान की भरपाई हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया कि विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को चिह्नित किया जाएगा और उनकी संपत्ति जब्त कर नुकसान की भरपाई की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने 4 लोगों की एक टीम भी बनाई है जो दंगाइयों की संपत्ति जब्त करने की कार्र��ाई शुरू करेगी। पहले यह टीम नुकसान हुई संपत्ति का जायजा लेगी और फिर अगले कदम पर इसकी कार्रवाई शुरू करेगी। हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए उत्तरप्रदेश के 21 जिलों में सोमवार तक इंटरनेट सेवा बंद रखने का फैसला किया गया है।
31 जनवरी तक धारा 144 लागू गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश में पिछले तीन दिनों से लगातार हि��सक विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। राज्य सरकार और पुलिस दोनों ने जनता से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की बावजूद इसके प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश के कई हिस्सों में दंगे और आगजनी की। पूरे प्रदेश में बढ़ती हिंसा और बवाल को देखते हुए 31 जनवरी, 2020 तक धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके अलावा हिंसाग्रस्त इलाकों में पुलिस और सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। ये भी पढ़े... उप्र में नागरिकता कानून पर बवाल, 9 लोगों की मौत, 21 जिलों में इंटरनेट बैन, 31 जनवरी तक धारा 144 लागू नागरिकता संशोधन कानून पर बोले रजनीकांत, ट्वीटर पर लोगों ने जमकर किया ट्रोल नागरिकता कानून को लेकर देशभर में बवाल, UP के गाजियाबाद, मेरठ, बरेली समेत 14 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद नागरिकता कानून पर बेटी ने किया विरोध तो पापा सौरव गांगुली ने ऐसे किया बचाव, उठे कई सवाल Read the full article
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CAA के खिलाफ उप्र में विरोध प्रदर्शन जारी, अब तक 18 की मौत, 4500 लोग हिरासत में, 263 पुलिसकर्मी घायल
चैतन्य भारत न्यूज लखनऊ. नागरिकता संशोधन कानून 2019 (CAA) के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हिंसात्मक होता जा रहा है। राजधानी दिल्ली समेत अनेक राज्यों में यह प्रदर्शन हिंसक हो गया है, जिसमें व्यापक पैमाने पर सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है। उत्तर प्रदेश में भी नागरिकता कानून को लेकर बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। इस हिंसा में अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
263 पुलिसकर्मी हुए घायल जानकारी के मुताबिक, उत्तरप्रदेश में अब तक 4,500 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। जबकि हिंसा फैलाने के आरोप में 705 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही पुलिस ने सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी आपत्तिजनक पोस्ट करने के 14,101 मामलों में कार्रवाई की गई है। बता दें हिंसा के दौरान उत्तर प्रदेश में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। घायल पुलिसकर्मियों का आंकड़ा 263 तक पहुंच गया है। इसमें 57 पुलिसकर्मी प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से घायल हुए हैं।
दंगाइयों की संपत्ति जब्त कर होगी नुकसान की भरपाई हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया कि विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को चिह्नित किया जाएगा और उनकी संपत्ति जब्त कर नुकसान की भरपाई की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने 4 लोगों की एक टीम भी बनाई है जो दंगाइयों की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू करेगी। पहले यह टीम नुकसान हुई संपत्ति का जायजा लेगी और फिर अगले कदम पर इसकी कार्रवाई शुरू करेगी। हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए उत्तरप्रदेश के 21 जिलों में सोमवार तक इंटरनेट सेवा बंद रखने का फैसला किया गया है।
31 जनवरी तक धारा 144 लागू गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश में पिछले तीन दिनों से लगातार हिंसक विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। राज्य सरकार और पुलिस दोनों ने जनता से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की बावजूद इसके प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश के कई हिस्सों में दंगे और आगजनी की। पूरे प्रदेश में बढ़ती हिंसा और बवाल को देखते हुए 31 जनवरी, 2020 तक धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके अलावा हिंसाग्रस्त इलाकों में पुलिस और सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। ये भी पढ़े... उप्र में नागरिकता कानून पर बवाल, 9 लोगों की मौत, 21 जिलों में इंटरनेट बैन, 31 जनवरी तक धारा 144 लागू नागरिकता संशोधन कानून पर बोले रजनीकांत, ट्वीटर पर लोगों ने जमकर किया ट्रोल नागरिकता कानून को लेकर देशभर में बवाल, UP के गाजियाबाद, मेरठ, बरेली समेत 14 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद नागरिकता कानून पर बेटी ने किया विरोध तो पापा सौरव गांगुली ने ऐसे किया बचाव, उठे कई सवाल Read the full article
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जामा मस्जिद पर भीम आर्मी का प्रदर्शन, चंद्रशेखर आजाद पुलिस हिरासत में
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद को शुक्रवार देर रात जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च निकालने के दौरान दरियागंज के निकट हिरासत में ले लिया गया। इससे पहले चंद्रशेखर ने खुद ट्वीट कर कहा था कि दिल्ली गेट से गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को रिहा कर दिया जाए तो वह अपनी गिरफ्तारी देने के लिए तैयार हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); यदि दिल्ली पुलिस बातचीत करना चाहती है तो पहले दिल्ली गेट से गिरफ्तार किए हमारे लोगों को रिहा करें। @DelhiPolice — Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) December 20, 2019 बता दें नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चंद्रशेखर शुक्रवार दोपहर दिल्ली के जामा मस्जिद में हुए प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे थे। हिरासत में लिए जाने से पहले चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट किया कि, 'अगर दिल्ली पुलिस बातचीत करना चाहती है तो पहले दिल्ली गेट से गिरफ्तार किए हमारे लोगों को रिहा करें।' इसके अलावा उन्होंने लिखा कि, 'सभी लोगों को रिहा कर दिया जाए, मैं गिरफ्तारी देने को तैयार हूं। साथियों संघर्ष करते रहना और सं��िधान की रक्षा के लिए एकजुट रहना। जय भीम, जय संविधान।' सभी लोगों को रिहा कर दिया जाए मैं गिरफ्तारी देने को तैयार हूँ। साथियों सँघर्ष करते रहना और संविधान की रक्षा के लिए एकजुट रहना। जय भीम जय संविधान — Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) December 20, 2019 खबरों के मुताबिक, चंद्रशेखर ने गुरुवार को घोषणा की थी कि, वह शुक्रवार को दिल्ली के जामा मस्जिद से जंतर-मंतर तक मार्च निकालेंगे। पुलिस इस तैयारी में थी कि चंद्रशेखर को पहले ही हिरासत में ले लिया जाएगा। हालांकि, चंद्रशेखर पुलिसकर्मियों को झांसा देकर जामा मस्जिद के अंदर दाखिल हुए और पुलिस घंटों तक हिरासत में लेने के लिए उनकी तलाश करती रही। ये भी पढ़े... नागरिकता कानून को लेकर देशभर में बवाल, UP के गाजियाबाद, मेरठ, बरेली समेत 14 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद उप्र में नागरिकता कानून पर बवाल, 9 लोगों की मौत, 21 जिलों में इंटरनेट बैन, 31 जनवरी तक धारा 144 लागू नागरिकता कानून पर बेटी ने किया विरोध तो पापा सौरव गांगुली ने ऐसे किया बचाव, उठे कई सवाल Read the full article
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नागरिकता कानून को लेकर देशभर में बवाल, UP के गाजियाबाद, मेरठ, बरेली समेत 14 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन हो रहा है। जिसके चलते प्रशासन ने उत्तर प्रदेश के 14 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में गुरुवार रात 10 बजे से 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); बता दें उत्तर प्रदेश के कई शहरों समेत देशभर में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन हुआ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी अफरातफरी का माहौल रहा। विशेषकर पुराने लखनऊ में तनाव पैदा हो गया। नागरिकता कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया और कई वाहनों को आग के हवाले कर उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया। Internet services suspended in Prayagraj till 10 am tomorrow. #CitizenshipAmendmentAct pic.twitter.com/3MTOcNfW8O — ANI UP (@ANINewsUP) December 19, 2019 Bareilly District Administration: Internet services to be suspended in the district from 11 pm today till 21 December, 10 am. #CitizenshipAmendmentAct — ANI UP (@ANINewsUP) December 19, 2019 इसी बीच भीड़ की हिंसा को दबाने के दौरान पुलिस कार्रवाई में घायल हुए एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। पुलिस अभी यह नहीं पुष्टि कर रही है कि मौत फायरिंग की वजह से हुई है या नहीं। मारे गए शख्स का नाम मोहम्मद वकील है। इसके अलावा उत्तरप्रदेश पुलिस ने कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ देशद्रोह और दंगे के मामले दर्ज किए हैं। ये भी पढ़े... नागरिकता कानून पर बेटी ने किया विरोध तो पापा सौरव गांगुली ने ऐसे किया बचाव, उठे कई सवाल बीजेपी ने जारी किया 16 साल पुराना वीडियो, जब मनमोहन सिंह ने की थी बांग्लादेश शरणार्थियों को नागरिकता देने की अपील नागरिकता कानून के खिलाफ जल रहा देश, कुछ इलाकों में मोबाइल सेवा बंद, इंटरनेट पर भी रोक, जाम में घंटों फंसे रहे लोग Read the full article
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बीजेपी ने जारी किया 16 साल पुराना वीडियो, जब मनमोहन सिंह की थी बांग्लादेश शरणार्थियों को नागरिकता देने की अपील
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। वामपंथी दलों ने आज भारत बंद बुलाया है और इसका समर्थन कांग्रेस समेत कई अन्य विपक्षी दलों ने किया है। इस प्रदर्शन में तो अब वो पार्टियां और नेता भी शामिल हैं जिन्होंने कभी खुद से नागरिकता संशोधन कानून में बदलाव की अपील कर पड़ोसी देशों से आए गैर मुस्लिम लोगों के प्रति लचीला रुख अपनाने को कहा था। इसी बीच बीजेपी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का एक वीडियो जारी किया है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); इस वीडियो में मनमोहन सिंह ने बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता देने के लिए नरम रवैया अपनाए जाने के लिए उस समय के उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी से मांग की थी। यह वीडियो साल 2003 में राज्यसभा में मनमोहन सिंह द्वारा दिए गए बयान का है। वीडियो में देखा जा सकता है मनमोहन सिंह बांग्लादेश में धार्मिक आधार पर हिंसा के शिकार हुए शरणार्थियों के लिए सरकार को सहानुभूतिपूर्ण बर्ताव रखने का सुझाव दे रहे हैं। In 2003, speaking in Rajya Sabha, Dr Manmohan Singh, then Leader of Opposition, asked for a liberal approach to granting citizenship to minorities, who are facing persecution, in neighbouring countries such as Bangladesh and Pakistan. Citizenship Amendment Act does just that... pic.twitter.com/7BOJJMdkKa — BJP (@BJP4India) December 19, 2019 2003 में विपक्ष में रहते हुए मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में तत्कालीन उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के सामने शरणार्थियों का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि, 'शरणार्थियों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, उसपर मैं कुछ कहना चाहता हूं। देश के बंटवारे के बाद बांग्लादेश जैसे देशों में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार हुआ है। ये हमारा दायित्व बनता है कि अगर इन शरणार्थियों के साथ इस प्रकार व्यवहार किया जाता है कि उन्हें हमारे देश में शरण लेनी पड़े, तो इन सभी को नागरिकता देते हुए हमें उदार होना चाहिए। मैं उम्मीद करता हूं कि माननीय उपप्रधानमंत्री इस प्रस्ताव पर विचार करेंगे।’ बता दें मोदी सरकार ने जब नागरिकता संशोधन कानून को राज्यसभा में पेश किया गया था, तब बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी मनमोहन सिंह के इसी बयान का हवाला दिया था। उन्होंने कहा था कि, 'हमारी सरकार ��नमोहन सिंह की बात को ही आगे बढ़ा रही है, जो कि आप (कांग्रेस) नहीं कर पाए थे।' नागरिकता संशोधन कानून में पाकिस्तान-बांग्लादेश-अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू-जैन-बौद्ध-सिख-ईसाई-पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। पहले भारत की नागरिकता के लिए 11 साल का समय लगता था, लेकिन अब ये समयसीमा को 6 साल कर दिया गया है। ये भी पढ़े... नागरिकता कानून के खिलाफ जल रहा देश, कुछ इलाकों में मोबाइल सेवा बंद, इंटरनेट पर भी रोक, जाम में घंटों फंसे रहे लोग नागरिकता कानून के खिलाफ आज भारत बंद, देशभर में प्रदर्शन जारी, कई जगह धारा 144 लागू नागरिकता संशोधन कानून : जामिया के बाद अब दिल्ली के सीलमपुर में हिंसक प्रदर्शन-आगजनी, कई वाहनों में तोड़फोड़, हालात काबू में Read the full article
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नागरिकता कानून के खिलाफ जल रहा देश, कुछ इलाकों में मोबाइल सेवा बंद, इंटरनेट पर भी रोक, जाम में घंटों फंसे रहे लोग
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर देशभर में प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन पर अब प्रशासन की सख्ती दिखने लगी है। देश के कई हिस्सों में धारा 144 लगाई गई है। साथ ही राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में मोबाइल सेवाओं को बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही इंटरनेट सर्विस को भी बंद कर दिया गया है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); दरअसल पुलिस को यह सूचना मिली है कि कुछ इलाकों में प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में जुट रहे हैं और विरोध उग्र हो सकता है, जिसके बाद ऐहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है। दिल्ली-NCR के कुछ हिस्सों में पुलिस के आदेश पर एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और रिलायंस जियो सहित टेलीकॉम कंपनियों की इंटरनेट, वायस और एसएमएस सर्विसेज़ को सस्पेंड कर दिया गया। Karnataka: Protests continue at Town Hall in Bengaluru against the #CitizenshipAmendmentAct. pic.twitter.com/V6LqbqJSNA — ANI (@ANI) December 19, 2019 प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली में कुल 19 मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए हैं। विरोध-प्रदर्शनों का असर यातायात पर भी पड़ रहा है। गुरुवार सुबह दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर आठ किलोमीटर लंबा जाम लग गया। इस वजह से लोग घंटों तक इसमें फंसे रहे और उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दरअसल विपक्षी पार्टियों द्वारा गुरुवार को भारत बंद को लेकर दिल्ली पुलिस ने दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर सील कर दिया था। बाद में इसे खोलकर बैरिकेडिंग लगाई गई है जिसके चलते काफी लंबा जाम लग गया। Massive traffic jam at Delhi-Gurugram border, earlier today pic.twitter.com/3nGWkvhFYW — ANI (@ANI) December 19, 2019 दिल्ली पुलिस ने मंडी हाउस और लालकिला इलाके में धारा 144 लगा दी है। लाल किले के पास रोक के बावजूद प्रदर्शन करने पहुंचे लोगों को अब पुलिस ने हिरासत में लेना शुरू कर दिया है। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया है। Sambhal: A State Transport bus set ablaze, allegedly during protest against #CitizenshipAmendmentAct. More details awaited. pic.twitter.com/rtjO2rEF1A — ANI UP (@ANINewsUP) December 19, 2019 बता दें दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश, कर्नाटक के कई हिस्सों में भी प्रदर्शन किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। प्रदर्शनकारियों ने यहां पुलिस पर पथराव किया और नारेबाजी की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। Sambhal District Magistrate: Internet services have been suspended till further orders, following violence during protest over #CitizenshipAmendmentAct today. https://t.co/f6JUtydRO5 — ANI UP (@ANINewsUP) December 19, 2019 ये भी पढ़े... नागरिकता कानून के खिलाफ आज भारत बंद, देशभर में प्रदर्शन जारी, कई जगह धारा 144 लागू नागरिकता संशोधन कानून : जामिया के बाद अब दिल्ली के सीलमपुर में हिंसक प्रदर्शन-आगजनी, कई वाहनों में तोड़फोड़, हालात काबू में नागरिकता संशोधन एक्ट : असम में पुलिस फायरिंग के दौरान चार लोगों की मौत, 190 लोग गिरफ्तार Read the full article
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नागरिकता कानून के खिलाफ आज भारत बंद, देशभर में प्रदर्शन जारी, कई जगह धारा 144 लागू
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act- CAA) के विरोध में आज भारत बंद का आह्वान किया गया है। साथ ही देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन को देखते हुए देश के कई हिस्सों में धारा 144 लगाई गई है। उत्तर प्रदेश, कर्नाटक के कई हिस्सों में बड़े प्रदर्शन की संभावना है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); Karnataka CM BS Yediyurappa has held a meeting with senior police officers including Bangalore City Police Commissioner Bhaskar Rao today and instructed them to take all measures to avoid any untoward incident, in the view of protests against #CitizenshipAct and NRC https://t.co/GqKrqnEmgZ — ANI (@ANI) December 19, 2019 विपक्षी पार्टियों द्वारा आज भारत में प्रदर्शन किया जा रहा है। इन पार्टियों को कई विश्वविद्यालयों का समर्थन भी मिला है। मुंबई में कांग्रेस -एनसीपी के प्रदर्शन में शिवसेना ने शामिल होने से इनकार कर दिया है। वहीं बिहार में लेफ्ट के प्रदर्शन से लालू यादव की पार्टी आरजेडी ने दूरी बना ली है। धारा 144 का उल्लंघन न करें। अभिभावक बच्चों को समझाएं कि किसी भी सम्मेलन का हिस्सा न बने अन्यथा वैधानिक कार्यवाही की जाएगी ।- @dgpup pic.twitter.com/rOK6UZyTWC — UP POLICE (@Uppolice) December 19, 2019 बिहार के दरभंगा में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान लेेफ्ट पार्टियों ने ट्रेन रोकी। साथ ही नागरिकता संशोधन एक्ट के मद्देनजर हैदराबाद पुलिस ने ट्वीट किया है कि आज किसी भी रैली, प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी गई है। उत्तर प्रदेश में पहले से ही धारा 144 लागू कर दी गई है। डीजीपी ने छात्रों के माता-पिता से अपील की है कि अपने बच्चों को प्रदर्शन में नहीं जाने दें। दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन की आशंका के कारण सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए दिल्ली मेट्रो ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया, जसोला विहार, शाहीन बाग ��र मुनीरका स्टेशनों के एंट्री और एग्जिट बंद कर दिए हैं। साथ ही दिल्ली पुलिस ने कहा 'हम भारत के लोग' बैनर तले लाल किला से शाहीन बाग तक के प्रदर्शन को अनुमति नहीं दी गई है। ये भी पढ़े... नागरिकता संशोधन कानून : जामिया के बाद अब दिल्ली के सीलमपुर में हिंसक प्रदर्शन-आगजनी, कई वाहनों में तोड़फोड़, हालात काबू में जो राजनीतिक विरोध करना है करो, हर हाल में लागू होगा CAA : अमित शाह जामिया छात्रों की पिटाई का वीडियो लाइक कर ट्रोल हुए अक्षय कुमार, मांगी माफी Read the full article
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ऑस्ट्रेलिया सरकार ने दी अपने नागरिकों को चेतावनी, भारत यात्रा के दौरान बरतें अत्यंत सावधानी
चैतन्य भारत न्यूज मेलबर्न. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है। देश की कई यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राएं इस का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया ने अपने देश के नागरिकों के लिए परामर्श जारी किया है। ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने मंगलवार को अपने नागरिकों से कहा कि वे भारत की यात्रा के दौरान अत्यंत सावधानी बरतें, क्योंकि वहां नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); जानकारी के मुताबिक पिछले हफ्ते, अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, कनाडा और इजराइल ने भी अपने-अपने नागरिकों को नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर पूर्वोत्तर भारत की यात्रा के खिलाफ चेताया था। विदेश मामलों एवं व्यापार विभाग (डीएफएटी) की ओर से जारी परामर्श में कहा गया कि, संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं। कुछ प्रदर्शन हिंसक हो गए हैं।' इसमें कहा गया कि असम, मेघालय, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं। साथ ही कहा गया कि किसी भी वक्त कहीं भी आतंकवादी हमले होने की आशंका है। विदेशियों एवं प्रसिद्ध पर्यटन क्षेत्रों को निशाना बनाया जा सकता है। परामर्श में कहा गया कि आधिकारिक चेतावनी को गंभीरता से लें। इसके अलावा परामर्श में ऑस्ट्रेलियाई यात्रियों से जम्मू-कश्मीर और भारत-पाकिस्तान सीमा पर भी जाने से मना किया ��या है। ये भी पढ़े... नया कानून बना नागरिकता संशोधन बिल राष्ट्रपति कोविंद ने दी मंजूरी, जानें किसको मिलेगा इसका फायदा नागरिकता संशोधन एक्ट : असम में पुलिस फायरिंग के दौरान चार लोगों की मौत, 190 लोग गिरफ्तार नागरिकता संशोधन बिल : देश की नागरिकता के क्या हैं नियम? सरकार ने क्या बदलाव किए, जानें इसके बारे में सबकुछ Read the full article
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जो राजनीतिक विरोध करना है करो, हर हाल में लागू होगा CAA : अमित शाह
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ देशभर में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि 'आपको जो राजनितिक विरोध करना है करो, भाजपा की मोदी सरकार सभी शरणार्थियों को नागरिकता देगी, वह भारत के नागरिक बनेंगे और सम्मान के साथ रहेंगे।' (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान नागरिकता कानून को लेकर शाह ने कहा कि 'इस एक्ट से किसी को रत्ती भर नुकसान नहीं होगा। अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान के प्रताड़ित हिंदुओं, बौद्ध, जैन, सिख, पारसी और ईसाई लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया। उन्होंने नेहरू, पटेल, गांधी और मनमोहन सिंह का हवाला देते हुए यह साबित किया इन सभी नेताओं ने पाकिस्तान के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में शरण देने का समर्थन किया था। इसके अलावा जगह-जगह हो रही हिंसा को लेकर गृहमंत्री ने कहा कि 'विद्यार्थियों को भी कहना चाहता हूं कि आपके पास जो सूचना है वह ठीक नहीं है। मुस्लिम भाई-बहनों की नागरिकता कहीं नहीं जा रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी इसको साफ किया है।' ये भी पढ़े... नागरिकता संशोधन कानून : जामिया के बाद अब दिल्ली के सीलमपुर में हिंसक प्रदर्शन-आगजनी, कई वाहनों में तोड़फोड़, हालात काबू में नया कानून बना नागरिकता संशोधन बिल राष्ट्रपति कोविंद ने दी मंजूरी, जानें किसको मिलेगा इसका फायदा नागरिकता संशोधन एक्ट : असम में पुलिस फायरिंग के दौरान चार लोगों की मौत, 190 लोग गिरफ्तार Read the full article
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नागरिकता संशोधन कानून : जामिया के बाद अब दिल्ली के सीलमपुर में हिंसक प्रदर्शन-आगजनी, कई वाहनों में तोड़फोड़, हालात काबू में
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हो रहा है। उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर इलाके में भी बड़ी संख्या में लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया। उनकी मांग की थी कि भेदभाव वाले संविधान विरोधी नए नागरिकता कानून को वापस लिया जाए। प्रदर्शन के दौरान लोगों ने कई गाड़ियों के शीशे भी तोड़ दिए। इस दौरान उन्होंने पथराव भी किया जिसमें कुछ पुलिसवाले और प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। हालांकि, अब हालात काबू में है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे पुलिस की टीम ने उपद्रवियों को मौके पर से हटा दिया है और हालात शांतिपूर्ण हो गए हैं। बता दें भीड़ इतनी बेकाबू हो गई थी कि पुलिस ने उसे नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। जानकारी के मुताबिक, भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने हल्के बल का प्रयोग किया और इस दौरान कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया। प्रदर्शन और हिंसा के चलते सीलमपुर से जाफराबाद सड़क को बंद कर दिया गया था। साथ ही सीलमपुर, जफरबाद, वेलकम, मौजपुर-बाबपुर, गोकुलपुरी समेत कई मेट्रो स्टेशन को बंद कर दि�� गए थे। यानी मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो नहीं रूक रही है, हालांकि मेट्रो सेवा चालू है। #WATCH Delhi: Earlier visuals of protesters targeting policemen in Seelampur. #CitizenshipAmendmentAct pic.twitter.com/JPJLub29ln — ANI (@ANI) December 17, 2019 कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद सीलमपुर में यह बवाल करीब दो घंटे तक चला। इस दौरान हाथ में तिरंगा लेकर कई लोग प्रदर्शन कर रहे थे और नए नागरिकता कानून को हटाने की मांग कर रहे थे। देखते-देखते प्रदर्शन ने उग्र रूप से ले लिया, जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। साथ ही मौके पर अतिरिक्त फोर्स भी तैनात की गई। गौरतलब है कि इससे पहले रविवार रात जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में भी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसा और प्रदर्शन हुआ था। Delhi: Police take away protesters from the spot in Jafrabad area where a clash broke out between police and protesters, during protest against #CitizenshipAmendmentAct today. Police has also used tear gas shells to disperse the protesters. pic.twitter.com/GU5mzV0dKm — ANI (@ANI) December 17, 2019 ये भी पढ़े... नागरिकता संशोधन एक्ट : असम में पुलिस फायरिंग के दौरान चार लोगों की मौत, 190 लोग गिरफ्तार नागरिकता कानून: जामिया में हिंसक प्रदर्शन, 50 छात्रों की रिहाई के बाद तड़के 4 बजे खत्म हुआ धरना, NHRC में दिल्ली पुलिस के खिलाफ शिकायत दर्ज नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ असम में प्रदर्शन तेज, 16 दिसंबर तक इंटरनेट और स्कूल-कॉलेज रहेंगे बंद Read the full article
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नागरिकता संशोधन एक्ट : असम में पुलिस फायरिंग के दौरान चार लोगों की मौत, 190 लोग गिरफ्तार
चैतन्य भारत न्यूज दिसपुर. नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। असम पुलिस ने इसी प्रदर्शन में शामिल 190 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन प्रदर्शनकारियों में एक कांग्रेस कार्यकर्ता भी शामिल है। इन सभी पर हिंसा की साजिश करने का आरोप है। इसके अलावा प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में चार लोगों की मौत भी हुई है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); सुधर रहे हैं हालात असम पुलिस के डीजीपी भास्कर ज्योति महंत ने बताया कि, पुलिस एक्शन के दौरान चार लोगों की मौत हो गई है। हालात ही कुछ ऐसे हो गए थे कि पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। अब हालात काफी हद तक सुधर गए हैं। इसे लेकर अभी तक 136 केस रजिस्टर हुए हैं। Assam DGP, BJ Mahanta: 136 cases have been registered so far& 190 protesters have been arrested.These were not normal democratic protesters but people who indulged in violence,some conspirators have also been arrested, including some major leaders from various organizations. #CAA https://t.co/0Rvb5miALT — ANI (@ANI) December 17, 2019 असम में 3000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया बता दें जब से संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन एक्ट पेश हुआ तब से ही पूर्वोत्तर के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इसका सबसे ज्यादा असम में हुआ। पूरे राज्य में अभी तक पुलिस ने 3000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। जिन युवा छात्रों को प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए हिरासत में लिया गया था, उन्हें काउंसलिंग के बाद छोड़ दिया गया है। इंटरनेट सुविधा बंद कर दी गई थी पूर्वोत्तर में बढ़ते विरोध-प्रदर्शन के चलते बीते दिनों इंटरनेट की सुविधा भी बंद कर दी गई थी। हालांकि, आज राज्य के कई हिस्सों में इंटरनेट की सुविधा को फिर से शुरू किया जा सकता है, इसके अलावा डिब्रूगढ़, गुवाहाटी समेत कई इलाकों में दिन में कर्फ्यू में छूट दी गई है। क्यों हो रहा प्रदर्शन पूर्वोत्तर में सबसे ज्यादा प्रदर्शन असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश में हो रहा है। पूर्वोत्तर के नागरिकों का कहना है कि, नए कानून के कारण उनकी अस्मिता, संस्कृति खतरे में पड़ सकती है।' हालांकि, सरकार ने आश्वासन दिया है कि इस कानून से ऐसा कुछ भी नहीं होगा। छात्र कर रहे प्रदर्शन गौरतलब है कि दिल्ली के जामिया इलाके में भी इस कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसने हिंसक रूप भी ले लिया था। मंगलवार को पुलिस ने इसी मामले में कार्रवाई करते हुए दस लोगों को गिरफ्तार भी किया है। न सिर्फ जामिया बल्कि देश के अन्य हिस्सों भी छात्र संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। ये भी पढ़े... जामिया छात्रों की पिटाई का वीडियो लाइक कर ट्रोल हुए अक्षय कुमार, मांगी माफी नागरिकता कानून: जामिया में हिंसक प्रदर्शन, 50 छात्रों की रिहाई के बाद तड़के 4 बजे खत्म हुआ धरना, NHRC में दिल्ली पुलिस के खिलाफ शिकायत दर्ज नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ असम में प्रदर्शन तेज, 16 दिसंबर तक इंटरनेट और स्कूल-कॉलेज रहेंगे बंद Read the full article
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जामिया विवाद: धरने पर बैठीं प्रियंका गांधी, कहा- सरकार ने संविधान और छात्रों पर हमला किया
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहा है। रविवार रात को ही दिल्ली के जामिया इलाके में जमकर हिंसा और विरोध प्रदर्शन हुआ। साथ ही जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में भी इस कानून के खिलाफ मचे घमासान के दौरान छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी। जामिया में हुई हिंसा और छात्रों से मारपीट के विरोध में अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा इंडिया गेट पर धरने पर बैठ गईं हैं। प्रियंका अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ शाम छह बजे तक दो घंटे के लिए सांकेतिक धरने पर बैठेंगी। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); हम इस सरकार के खिलाफ लड़ेंगे धरने में प्रियंका के साथ कांग्रेस के दिग्गज नेता केसी वेणुगोपाल, एके एंटनी, पीएल पुनिया, अहमद पटेल और अन्य नेता भी शामिल हैं। धरने पर बैठने से पहले प्रियंका ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि, 'सरकार ने संव��धान और छात्रों पर हमला किया है। उन्होंने (पुलिस) विश्वविद्यालय में प्रवेश कर छात्रों पर हमला किया। हम संविधान के लिए लड़ेंगे, हम इस सरकार के खिलाफ लड़ेंगे। देश गुंडों की जागीर न��ीं है।' Delhi: Priyanka Gandhi Vadra, KC Venugopal, AK Antony, PL Punia, Ahmed Patel, & other Congress leaders sit on a symbolic protest near India Gate over police action during students' protests in Jamia Millia Islamia (Delhi) & Aligarh Muslim University. pic.twitter.com/0E1ske0pGf — ANI (@ANI) December 16, 2019 सरकार ने देश के युवाओं के अधिकारों पर हमला किया वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि, 'यह एक ऐसी सरकार है जिसने देश के युवाओं और छात्रों के अधिकारों पर हमला किया है। इसीलिए, प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने इंडिया गेट पर शाम 4 बजे से अगले 2 घंटों के लिए एक सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।' राहुल गांधी ने भी किया ट्वीट इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा था कि, 'सीएबी और एनआरसी भारत में बड़े पैमाने पर ध्रुवीकरण करने के लिए फासीवादियों के हथियार हैं। इन गंदे हथियारों के खिलाफ बचाव का सर्वश्रेष्ठ तरीका शांतिपूर्ण, अहिंसक सत्याग्रह है। मैं कैब और एनआरसी के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ खड़ा हूं।'
क्या है पूरा मामला रविवार रात दक्षिण दिल्ली में भीड़ ने पुलिसकर्मियों, आम नागरिकों व मीडिया को निशाना बनाया था। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जामिया इलाके में जमकर हिंसा और विरोध प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने कई बसें और बाइक फूंक दी। प्रदर्शन उग्र होता देख उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। इस दौरान हिंसक भीड़ ने पुलिसकर्मियों की बड़ी टुकड़ी से संघर्ष किया और मीडिया पर भी पथराव किया। पथराव में दो दमकल अधिकारी घायल हो गए।
छात्रों को छोड़ना पड़ रहा है कैंपस इसके अलावा पुलिसकर्मियों ने अराजक तत्वों के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में घुसने के संदेह पर कैंपस से सभी छात्रों को बाहर निकाला। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच हुई हिंसक झड़प में कई छात्र और पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस घटना में साउथ ईस्ट डीसीपी चिन्मय बिस्वाल, एडिशनल डीसीपी साउथ, 2 एसीबी, 5 एसएचओ और इंसपेक्टर समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके साथ बर्बरता की। रात करीब 9 बजे से ही पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर जेएनयू और जामिया के छात्र प्रदर्शन करने जमा हो गए। उन्होंने सुबह करीब 4 बजे तक पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। देर रात पुलिस ने 50 छात्रों को रिहा किया जिसके बाद सुबह 4 बजे ये धरना खत्म हुआ। प्रदर्शन की वजह से हालात अब ऐसे बन गए हैं कि कई छात्रों को कैंपस ही छोड़ना पड़ रहा है। Read the full article
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नागरिकता कानून: जामिया में हिंसक प्रदर्शन, 50 छात्रों की रिहाई के बाद तड़के 4 बजे खत्म हुआ धरना, NHRC में दिल्ली पुलिस के खिलाफ शिकायत दर्ज
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act 2019) के विरोध में रविवार शाम राजधानी दिल्ली के जामिया इलाके में जमकर हिंसा और विरोध प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने कई बसें और बाइक फूंक दी। प्रदर्शन उग्र होता देख उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); छात्रों से झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल पुलिसकर्मियों ने अराजक तत्वों के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में घुसने के संदेह पर कैंपस से सभी छात्रों को बाहर निकाल दिया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प में कई छात्र और पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस घटना में साउथ ईस्ट डीसीपी चिन्मय बिस्वाल, एडिशनल डीसीपी साउथ, 2 एसीबी, 5 एसएचओ और इंसपेक्टर समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके साथ बर्बरता की। प्रदर्शन की वजह से हालात अब ऐसे बन गए हैं कि कई छात्रों को कैंपस ही छोड़ना पड़ रहा है। Delhi: Protesters, including Jawaharlal Nehru University students, hold demonstration at Delhi Police Headquarters, ITO, over Jamia Millia Islamia university incident. pic.twitter.com/0SfXYvt2Zm — ANI (@ANI) December 15, 2019 4 बजे खत्म हुआ धरना बता दें रात करीब 9 बजे से ही पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर जेएनयू और जामिया के छात्र प्रदर्शन करने जमा हो गए। उन्होंने सुबह करीब 4 बजे तक पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। देर रात पुलिस ने 50 छात्रों को रिहा किया जिसके बाद सुबह 4 बजे ये धरना खत्म हुआ।
List of the Peoples who were admitted and discharged from Holy Family Hospital, 51 people were admitted after clashes broke out at @jamiamillia_ Campus. Please share and help those who can't find there loved ones. #JamiaProtest #JamiaMiliaIslamia #CABProtests pic.twitter.com/9inhDhSpqt — Jamia Millia Islamia (@jamiamillia_) December 15, 2019 राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जामिया छात्रों ने जो प्रदर्शन किया और बाद में पुलिस ने जो कार्रवाई की, अब इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज हो गई है। ये शिकायत पुलिस के खिलाफ दर्ज कराई गई है। Here are the list of the 28 students from @jamiamillia_ have been detained at Kalkaji Police station. They Will be release soon.#JamiaProtest#JamiaMilliaIslamia #SOSJAMIA@Mdzeeshanayyub @ReallySwara pic.twitter.com/d3ItMbBWV5 — Jamia Millia Islamia (@jamiamillia_) December 15, 2019 दिल्ली के कई इलाकों में स्कूल बंद हिसंक प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली सरकार ने साउथ ईस्ट दिल्ली जिले में ओखला, जामिया, न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी, मदनपुर खादर क्षेत्र के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल सोमवार को बंद रखने का आदेश दिया। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए कहा कि, 'वर्तमान हालात को देखते हुए दिल्ली सरकार ने स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया है।' कांग्रेस ने मोदी सरकार को दोषी ठहराया इस घटना पर राजनीति भी शुरू हो गई है। रात 11:30 बजे कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार को पुलिस कार्रवाई के लिए दोषी ठहराया। कांग्रेस का कहना है कि, इस मामले में प्रधानमंत्री क्यों चुप हैं? वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद रात 12 बजे के करीब छात्रों को समर्थन देने पुलिस हेडक्वार्टर भी पहुंचे। ये भी पढ़े... नया कानून बना नागरिकता संशोधन बिल, राष्ट्रपति कोविंद ने दी मंजूरी, जानें किसको मिलेगा इसका फायदा नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ असम में प्रदर्शन तेज, 16 दिसंबर तक इंटरनेट और स्कूल-कॉलेज रहेंगे बंद नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ जल रहा असम, पैसेंजर ट्रेन-उड़ानें रद्द, गुवाहाटी में कर्फ्यू और 24 घंटे इंटरनेट सेवाएं बंद Read the full article
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नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ असम में प्रदर्शन तेज, 16 दिसंबर तक इंटरनेट और स्कूल-कॉलेज रहेंगे बंद
चैतन्य भारत न्यूज दिसपुर. नागरिकता संशोधन बिल 2019 को लेकर भारत के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहा है। पूर्वोत्तर के राज्यों में खासतौर से इस बिल के खिलाफ हिंसा जारी है। जानकारी के मुताबिक, असम में 16 दिसंबर तक इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। साथ ही वहां स्कूल और कॉलेज भी बंद रहेंगे। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); एक अधिकारी ने बताया कि जब तक परिस्थिति सामान्य नहीं हो जाती तब तक राज्य में इंटरनेट सेवाएं बहाल की गई है। हालांकि इंटरनेट बंद के बावजूद शनिवार को कुछ इलाकों में कुछ घंटो के लिए ब्रॉडबैंड सेवाएं ��ालू हो गई थीं। शनिवार सुबह से ही असम के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा है। सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक ही कर्फ्यू में ढील दी गई। गुवाहाटी में भी स्थानीय लोग इस दौरान अपने दैनिक जरूरतों के सामान खरीदते नजर आए। बाहरी गैर-मुस्लिम लोगों को मिलेगी नागरिकता बता दें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बिल को पहले लोकसभा, फिर राज्यसभा में पेश किया था। ��ोकसभा में इस बिल के पक्ष में 311 और विरोध में 80 वोट पड़े। जबकि राज्यसभा में बिल के पक्ष में 125 वोट और विरोध में 99 वोट पड़े थे। नागरिकता संशोधन कानून के तहत भारत के तीन पड़ोसी इस्लामी देशों- पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत की शरण में आए गैर-मुस्लिम लोगों को आसानी से नागरिकता मिल सकेगी। क्यों हो रहा प्रदर्शन असम के साथ-साथ अरुणाचल प्रदेश, मेघालय समेत अन्य राज्यों में भी इस बिल के खिलाफ विरोध हुआ। पुलिस फायरिंग के दौरान 2 लोगों की मौत हो गई। पूर्वोत्तर के राज्यों का कहना है कि अगर शरणार्थियों को यहां पर नागरिकता दी जाएगी तो उनकी अस्मिता, संस्कृति पर असर पड़ेगा। हालांकि, कानून लागू करते समय सरकार ने यह ऐलान किया था कि मेघालय, असम, अरुणाचल, मणिपुर के कुछ क्षेत्रों में कानून लागू नहीं होगा। ये भी पढ़े... नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ जल रहा असम, पैसेंजर ट्रेन-उड़ानें रद्द, गुवाहाटी में कर्फ्यू और 24 घंटे इंटरनेट सेवाएं बंद नया कानून बना नागरिकता संशोधन बिल, राष्ट्रपति कोविंद ने दी मंजूरी, जानें किसको मिलेगा इसका फायदा नागरिकता संशोधन बिल : देश की नागरिकता के क्या हैं नियम? सरकार ने क्या बदलाव किए, जानें इसके बारे में सबकुछ Read the full article
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नया कानून बना 'नागरिकता संशोधन बिल', राष्ट्रपति कोविंद ने दी मंजूरी, जानें किसको मिलेगा इसका फायदा
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. तमाम विरोध और प्रदर्शनों के बावजूद नागरिकता संशोधन बिल 2019 (Citizenship Amendment bill) को लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी मंजूरी दे दी है। गुरुवार देर रात राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अब नागरिकता संशोधन बिल कानून बन गया है। यानी पाकिस्तान-बांग्लादेश-अफगानिस्तान से आए हुए हिंदू-जैन-बौद्ध-सिख-ईसाई-पारसी शरणार्थी आसानी से भारत की नागरिकता हासिल कर पाएंगे। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); गैर-मुस्लिम लोगों को मिलेगी नागरिकता बता दें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बिल को पहले लोकसभा, फिर राज्यसभा में पेश किया था। लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 311 और विरोध में 80 वोट पड़े। जबकि राज्यसभा में बिल के पक्ष में 125 वोट और विरोध में 99 वोट पड़े थे। लोकसभा में तो मोदी सरकार के पास बहुमत था लेकिन राज्यसभा में बहुमत ना होने के बावजूद सरकार को जीत मिली है। नागरिकता संशोधन कानून के तहत भारत के तीन पड़ोसी इस्लामी देशों- पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत की शरण में आए गैर-मुस्लिम लोगों को आसानी से नागरिकता मिल सकेगी।
क्या है नागरिकता संशोधन कानून? भारत का नागरिक कौन है? इसे स्पष्ट करने के लिए साल 1955 में एक कानून बनाया गया था जिसका 'नागरिकता अधिनियम 1955' नाम दिया गया। फिर इस कानून में मोदी सरकार ने संशोधन किया। ��स बिल में भारत में 6 साल गुजारने वाले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के छह धर्मों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और इसाई) के लोगों को बिना उचित दस्तावेज के भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। जबकि 'नागरिकता अधिनियम 1955' में वैध दस्तावेज होने पर ही ऐसे लोगों को 11 साल के बाद भारत की नागरिकता मिल सकती थी। President Ram Nath Kovind gives his assent to The Citizenship (Amendment) Act, 2019. pic.twitter.com/RvqZgBjhis — ANI (@ANI) December 12, 2019 किन शरणार्थियों को मिलेगा फायदा? अमित शाह द्वारा लोकसभा में दिए भाषण में यह दावा किया था कि, ऐसे लाखों-करोड़ों लोग हैं जिन्हें इस कानून से फायदा मिलेगा। नए कानून के तहत, ये सभी शरणार्थियों पर लागू होगा चाहे वो किसी भी तारीख से आए हों। जिस तारीख से वह भारत आए उन्हें तब से ही भारत का नागरिक मान लिया जाएगा। फिलहाल सरकार ने एक कटऑफ तारीख भी जारी की है। 31 दिसंबर 2014 से पहले आए सभी हिंदू-जैन-बौद्ध-सिख-ईसाई-पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिल जाएगी।
कहां पर लागू नहीं होगा ये कानून? इस कानून को लेकर पूर्वोत्तर में खूब विरोध-प्रदर्शन हो रहा है। असम, मेघालय समेत कई राज्यों में लोग सड़कों पर उतरे और बिल वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। पूर्वोत्तर के राज्यों का कहना है कि अगर शरणार्थियों को यहां पर नागरिकता दी जाएगी तो उनकी अस्मिता, संस्कृति पर असर पड़ेगा। हालांकि, कानून लागू करते समय सरकार ने यह ऐलान किया था कि मेघालय, असम, अरुणाचल, मणिपुर के कुछ क्षेत्रों में कानून लागू नहीं होगा। ये भी पढ़े... नागरिकता संशोधन बिल : देश की नागरिकता के क्या हैं नियम? सरकार ने क्या बदलाव किए, जानें इसके बारे में सबकुछ नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ जल रहा असम, पैसेंजर ट्रेन-उड़ानें रद्द, गुवाहाटी में कर्फ्यू और 24 घंटे इंटरनेट सेवाएं बंद नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पास, पीएम मोदी ने शाह को कहा धन्यवाद नागरिकता संशोधन बिल : 293 वोट के साथ लोकसभा में प्रस्ताव स्वीकार, अमित शाह बोले- कांग्रेस ने देश का विभाजन किया Read the full article
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नया कानून बना 'नागरिकता संशोधन बिल', राष्ट्रपति कोविंद ने दी मंजूरी, जानें किसको मिलेगा इसका फायदा
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. तमाम विरोध और प्रदर्शनों के बावजूद नागरिकता संशोधन बिल 2019 (Citizenship Amendment bill) को लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी मंजूरी दे दी है। गुरुवार देर रात राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अब नागरिकता संशोधन बिल कानून बन गया है। यानी पाकिस्तान-बांग्लादेश-अफगानिस्तान से आए हुए हिंदू-जैन-बौद्ध-सिख-ईसाई-पारसी शरणार्थी आसानी से भारत की नागरिकता हासिल कर पाएंगे। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); गैर-मुस्लिम लोगों को मिलेगी नागरिकता बता दें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बिल को पहले लोकसभा, फिर राज्यसभा में पेश किया था। लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 311 और विरोध में 80 वोट पड़े। जबकि राज्यसभा में बिल के पक्ष में 125 वोट और विरोध में 99 वोट पड़े थे। लोकसभा में तो मोदी सरकार के पास बहुमत था लेकिन राज्यसभा में बहुमत ना होने के बावजूद सरकार को जीत मिली है। नागरिकता संशोधन कानून के तहत भारत के तीन पड़ोसी इस्लामी देशों- पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत की शरण में आए गैर-मुस्लिम लोगों को आसानी से नागरिकता मिल सकेगी।
क्या है नागरिकता संशोधन कानून? भारत का नागरिक कौन है? इसे स्पष्ट करने के लिए साल 1955 में एक कानून बनाया गया था जिसका 'नागरिकता अधिनियम 1955' नाम दिया गया। फिर इस कानून में मोदी सरकार ने संशोधन किया। इस बिल में भारत में 6 साल गुजारने वाले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के छह धर्मों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और इसाई) के लोगों को बिना उचित दस्तावेज के भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। जबकि 'नागरिकता अधिनियम 1955' में वैध दस्तावेज होने पर ही ऐसे लोगों को 11 साल के बाद भारत की नागरिकता मिल सकती थी। President Ram Nath Kovind gives his assent to The Citizenship (Amendment) Act, 2019. pic.twitter.com/RvqZgBjhis — ANI (@ANI) December 12, 2019 किन शरणार्थियों को मिलेगा फायदा? अमित शाह द्वारा लोकसभा में दिए भाषण में यह दावा किया था कि, ऐसे लाखों-करोड़ों लोग हैं जिन्हें इस कानून से फायदा मिलेगा। नए कानून के तहत, ये सभी शरणार्थियों पर लागू होगा चाहे वो किसी भी तारीख से आए हों। जिस तारीख से वह भारत आए उन्हें तब से ही भारत का नागरिक मान लिया जाएगा। फिलहाल सरकार ने एक कटऑफ तारीख भी जारी की है। 31 दिसंबर 2014 से पहले आए सभी हिंदू-जैन-बौद्ध-सिख-ईसाई-पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिल जाएगी।
कहां पर लागू नहीं होगा ये कानून? इस कानून को लेकर पूर्वोत्तर में खूब विरोध-प्रदर्शन हो रहा है। असम, मेघालय समेत कई राज्यों में लोग सड़कों पर उतरे और बिल वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। पूर्वोत्तर के राज्यों का कहना है कि अगर शरणार्थियों को यहां पर नागरिकता दी जाएगी तो उनकी अस्मिता, संस्कृति पर असर पड़ेगा। हालांकि, कानून लागू करते समय सरकार ने यह ऐलान किया था कि मेघालय, असम, अरुणाचल, मणिपुर के कुछ क्षेत्रों में कानून लागू नहीं होगा। ये भी पढ़े... नागरिकता संशोधन बिल : देश की नागरिकता के क्या हैं नियम? सरकार ने क्या बदलाव किए, जानें इसके बारे में सबकुछ नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ जल रहा असम, पैसेंजर ट्रेन-उड़ानें रद्द, गुवाहाटी में कर्फ्यू और 24 घंटे इंटरनेट सेवाएं बंद नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पास, पीएम मोदी ने शाह को कहा धन्यवाद नागरिकता संशोधन बिल : 293 वोट के साथ लोकसभा में प्रस्ताव स्वीकार, अमित शाह बोले- कांग्रेस ने देश का विभाजन किया Read the full article
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