#देवाशीष मखीजा
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जोराम फिल्म रिव्यु!
"अस्तित्व, न्याय और मानवीय भावना की कहानी"
Image of Manoj Bajpayi lead in the Reviewed Film प्लॉट: यह फिल्म एक ऐसे व्यक्ति की कहानी पर आधारित है जो काम करने झारखंड से मुंबई आता है एक दिन जब वह काम से घर वापस जाता है तो देखता है कि उसकी पत्नी लटकी हुई है और गुंडों से लड़ते हुए, उसे मार कर अपनी जान बचाता है और अपनी छोटी सी बच्ची को बचाने के लिए अपनी पत्नी को छोड़ कर भाग जाता है और भागते भागते अपने गांव झारखंड आ जाता है| उसको पकड़ने के लिए मुंबई से पुलिस वाला भी वहां पहुंच जाता है| क्या पुलिस वाला उसको पकड़ पाएगा? उसकी पत्नी पर किसने हमला करवाया था? उसने अपने आप को पुलिस के हवाले क्यों नहीं किया? इन सभी सवालों के जवाबों के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी| टोन और थीम: यह फिल्म एक्शन थ्रिलर टोन पर आधारित है यह Offbeat सिनेमा की फिल्म है| फिल्म की थीम Survival और Justice पर है और इस फिल्म को बनाने का उद्देश्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अवॉर्डस हासिल करना और फिल्म फेस्टिवल में दिखाया जाना है| एक्टिंग एंड कैरक्टर्स: दसरू की भूमिका में मनोज बाजपेई का अभिनय उत्तम दर्जे का है उन्होंने चरित्र का चोला अपने शरीर पर पहनकर इस रोल को पूरी ताकत के साथ निभाया चाहे उनका हेयर स्टाइल हो, मेकअप हो, beard हो, कॉस्ट्यूम हो, बॉडी लैंग्वेज हो पूरी Perfection के साथ रोल निभाया| वह इस रोल के लिए अवार्ड नॉमिनेशन के भी हकदार हैं और जीत भी सकते हैं रत्नाकर के रोल में मोहम्मद जीशान अय्यूब का अभिनय भी अच्छा है उन्होंने भी अपने रोल को 100% देने की कोशिश की है | फूलों की भूमिका में स्मिता तांबे का अभिनय भी लाजवाब है उन्होंने भी अपने रोल को पूरी मेहनत से निभाया चाहे उनका मेकअप हो, कॉस्ट्यूम हो, बॉडी लैंग्वेज हो, हेयर स्टाइल हो, और ज्वेलरी हो, अच्छा अभिनय करने का पूरा प्रयास किया, वानो की भूमिका में तनिष्ठा मुखर्जी का अभिनय अच्छा है, दसरू की पत्नी के रोल में उनकी विशेष भूमिका है| Written एंड Direction: इस फिल्म को देवाशीष मखीजा ने निर्देशित किया है इस फिल्म से पहले वह Short Films बना चुके हैं, कुछ फिल्मों के Screenplay और Dialogues भी लिख चुके हैं, अनुराग कश्यप और शाद अली जैसे Directors के साथ वह बंटी और बबली और ब्लैक फ्राईडे जैसी फिल्मों में Assistant Director के तौर पर भूमिका निभा चुके हैं, ज्यादातर उनकी फिल्में Critically Acclaimed और Film Festivals में जाने वाली होती हैं और अवार्ड जीतने वाली होती हैं उन्होंने भोंसले, अज्जी जैसी Critically Acclaimed और Awards Winning फिल्मों को भी निर्देशित किया है, इस फिल्म का निर्देशन उनका बढ़िया है उनका कहानी को बताने का स्टाइल Unique है, फिल्म की गति पर भी कंट्रोल है सीधी साधी कहानी को उन्होंने अच्छे से बताने का प्रयास किया है, फिल्म की कहानी अलग तरह की है पटकथा भी औसत दर्जे की है, उन्होंने फिल्म को Original Locations पर फिल्माकर, एक अलग तरह की फिल्म बनाई है, चाहे रेलगाड़ी के अंदर के दृश्य हो, Mines के दृश्य हो , गांव के दृश्य हो, सभी दृश्यों को अच्छे से पर्दे पर दिखाया है सिनेमैटोग्राफी: पीयूष पुट्टी अच्छी है, Original Locations के दृश्यों को बहुत अच्छे से फिल्माया है, उनका कैमरा वर्क भी अच्छा है Aerial Views दृश्य ज्यादा नहीं है| एडिटिंग: अभ्र बनर्जी की संतुलित है, फिल्म थोड़ी सी धीमी है और कसी हु�� हो सकती थी| साउंड डिजाइन: धीमान कर्मकार का बहुत बढ़िया है, खास कर जंगल वाले दृश्यों का| बैकग्राउंड स्कोर: मंगेश धाकड़े का बहुत अच्छा है फिल्म की कहानी के अनुसार है| एक्शन: रियाज शेख और हबीब सैयद का ठीक-ठाक है, उनके लिए ज्यादा स्कोप नहीं था | कॉस्ट्यूम डिजाइन: सुबोध श्रीवास्तव का बहुत बढ़िया है| प्रोडक्शन डिजाइन: शमीम खान का ठीक-ठाक है| क्लाइमेक्स: बहुत बढ़िया बन पड़ा है ओपिनियन: One Time Watch! जो Offbeat फिल्मों को देखना पसंद करते हैं Flaw: वानो ने जब दसरू को कहा मत जाओ, वह उसे जिंदा ही छोड़कर भाग जाता है उसने अपनी पत्नी को बचाया क्यों नहीं समझ से परे हैं| फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड नॉमिनेशंस: बेस्ट एक्टर (क्रिटिक्स), बेस्ट डायरेक्टर (क्रिटिक्स) एंड बेस्ट स्टोरी CBFC-U/A Movietime-2h.18mins Genre-Thriller Backdrop-Jharkhand Release Year-2023 Film Cast: Manoj Bajpai, Mohammed Zeeshan Ayub, Smita Tambe, Megha Mathur, Tanishtha Mukherjee Producer: Makhija film, Anupama Bose, Devashish Makhija, Written and Director: Devashish Makhija, Cinematography: Piyush Puty, Editor: aAbhro Banerjee, Sound Design: Dhiman Karmakar, Background Score: Mangesh Dhakde, Casting: Casting Bay, Abhishek Banerjee, Anmol Ahuja, Action: Riyaz Shaikh and Habib Sayed, Costume Design: Subodh Srivastav, Production Design: Shamim Khan जोराम का मतलब शिशु होता है Read the full article
#जोराम#जोरामफिल्म#जोराममूवी#मनोजबाजपेयी#मोहम्मदजीशानअयूब#ड्रामा#देवाशीषमखी��ा#एक्शन#थ्रिलर#एक्शनथ्रिलर
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#लोकसभा चुनाव 2019#अंजलि मोंटेइरो#आनंद पटवर्धन#एसएस शशिधरन#कबीर सिंह चौधरी#गुरविंदर सिंह#दीपा धनराज#नरेन्द्रमोदी#पटना#पीएम मोदी#पुष्पेंद्र सिंह#प्रवीण देवाशीष मखीजा#फिल्म निर्माताओं#��विशंकर प्रसाद#सुदेवन#कांग्रेसबीजेपी
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संदीप कपूर की फिल्म भोंसले सोनी लिव पर होगी रिलीज
संदीप कपूर की फिल्म भोंसले सोनी लिव पर होगी रिलीज | फ़िल्मी संसार #भोंसले #ओटीटी_प्लेटफॉर्म #सोनी_लिव #मनोज_वाजपेयी #संतोष_जुवेकर #इप्शिता_चक्रवर्ती_सिंह #विराट_वैभव #देवाशीष_मखीजा #शबाना_रजा_बाजपेयी #संदीप_कपूर #पीयूष_सिंह #सौरभ_गुप्ता #अभयानंद_सिंह #कांस_फिल्म_फेस्टिवल #मामी_फिल्म_फेस्टिवल #धर्मशाला_इंटरनेशनल_फिल्म_फेस्टिवल #इंटरनेशनल_फिल्म_फेस्टिवल_रॉटरडैम #बेंगलुरु_इंटरनेशनल_फिल्म_फेस्टिवल #सिंगापुर_दक्षिण_एशियाई_फिल्म_समारोह #अंतरराष्ट्रीय_फिल्म_समारोह #एशियाई_फिल्म_महोत्सव_बार्सिलोना #सर्वश्रेष्ठ_पटकथा #सर्वश्रेष्ठ_निर्देशक #संदीप_कपूर #लॉकडाउन #जुगाड़ #अनारकली_ऑफ_आरा #फ़िल्मी_संसार #FilmySansaar
हा�� ही में फिल्म भोंसले के निर्माताओं ने ओटीटी प्लेटफॉर्म सोनी लिव पर फिल्म के देशव्यापी रिलीज की घोषणा की. फिल्म 26 जून को सोनी लिव एप पर रिलीज होगी. भोंसले एक उम्रदराज मराठी सब-इंस्पेक्टर की फिल्म है, जो अभी-अभी अपनी इच्छा के विरुद्ध सेवानिवृत्त हुए हैं. वह अपनी सेवा का विस्तार चाहता है, जिसके लिए वह मर रहा है. भोंसले कानून एवं आम आदमी की रक्षा करने वाला दुर्लभ किस्म का पुलिसवाला है, जिसके पास…
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#अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों#अनारकली ऑफ आरा#अभयानंद सिंह#इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल#इप्शिता चक्रवर्ती सिंह#एशियाई फिल्म महोत्सव बार्सिलोना#ओटीटी प्लेटफॉर्म#कांस फिल्म फेस्टिवल#जुगाड़#देवाशीष मखीजा#धर्मशाला इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल#पीयूष सिंह#बेंगलुरु इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल#भोंसले#मनोज वाजपेयी#मामी फिल्म फेस्टिवल#लॉकडाउन#विराट वैभव#शबाना रजा बाजपेयी#संतोष जुवेकर#संदीप कपूर#सर्वश्रेष्ठ निर्देशक#सर्वश्रेष्ठ पटकथा#सिंगापुर दक्षिण एशियाई फिल्म समारोह#सोनी लिव#सौरभ गुप्ता
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देवाशीष मखीजा कहते हैं, "लघु फिल्मों ने मुझे मुक्त कर दिया... मैंने जो चाहा, जैसा चाहा, वैसा ही बनाया।"
देवाशीष मखीजा कहते हैं, “लघु फिल्मों ने मुझे मुक्त कर दिया… मैंने जो चाहा, जैसा चाहा, वैसा ही बनाया।”
व्यावसायिक सिनेमा के प्रचार और ग्लैमर से दूर, लेखक-निर्देशक देवाशीष मखीजा की कलात्मक आवाज उनके द्वारा लिखी गई कहानियों और उनके द्वारा बनाई गई फिल्मों में एक आउटलेट ढूंढती है। हालांकि दो नई लघु फिल्में – चीपताकाडुम्पा तथा चक्र – मखीजा द्वारा निर्देशित एक दूसरे से अलग प्रतीत होते हैं, वे उनकी चिंताओं और फिल्म निर्माण के दृष्टिकोण को दर्शाते हैं जो उन्हें भारतीय सिनेमा में एक अलग आवाज बनाते…
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जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2021 का वर्चुअल संस्करण 19 फरवरी से Divya Sandesh
#Divyasandesh
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2021 का वर्चुअल संस्करण 19 फरवरी से
जयपुर। अगामी 19 से 28 फरवरी को आयोजित होने जा रहे जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 14वें संस्करण के ऑनलाइन प्रोग्राम की घोषणा हो गई है। फेस्टिवल का यह 10 दिवसीय संस्करण है। ‘दुनिया के सबसे बड़े लिटरेरी शो’ के वर्चुअल अवतार में दुनियाभर के जाने-माने वक्ता शामिल होंगे, जिनमें लेखक, कवि, नाटककार, चिंतक, राजनीतिज्ञ, पत्रकार, कल्चरल आइकॉन हैं, जिन्हें दुनिया के लगभग सारे बड़े साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
घोषित प्रोग्राम अपने में बहुत विविधता समेटे हुए हैं, जिसमें जीवन के लगभग हरेक क्षेत्र को छुआ गया है। इसमें तकनीक और एआई, राजनीति और इतिहास, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन, मानसिक स्वास्थ्य, अर्थशास्त्र, अनुवाद, कविता और संगीत, फ़ूड और लिटरेचर, जिओपोलिटिक्स, साइंस और मेडिसिन, लोकतंत्र और संविधान, जल और संवहनियता, ऐतिहासिक गल्प, यात्रा इत्यादि श्रेणी शामिल हैं| इस वर्ष के वर्चुअल कार्यक्रम में ग्लासगो में पैदा हुए 2020 के बुकर प्राइज विजेता उपन्यास का अर्थ उपन्यासकार लेखक डगलस स्टुअर्ट अपनी बात रखेंगे।
वर्तमान महामारी को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर और सह-लेखक रणदीप गुलेरिया, चंद्रकांत लहरिया और गगनदीप कंग अपने नए प्रोजेक्ट के बार�� में पुरस्कृत पत्रकार माया मीरचंदानी से चर्चा करेंगे। चर्चा का मुख्य विषय रहेगा कि क्या इंडिया कोविड-19 के खिलाफ उस मुहिम में जीत जायेगा। डॉ. रणदीप गुलेरिया एम्स, नई दिल्ली के डायरेक्टर हैं और कोविड-19 की तैयारियों में भारत सरकार की ओर से प्रमुखता से मोर्चा संभाले हुए हैं। फेस्टिवल के दौरान, पुरस्कृत आयरिश लेखक कॉम तोइबिन लय के माध्यम से हमें अपनी लेखन प्रक्रिया से अवगत कराएंगे। संयुक्त ब्रिटेन में भारत के पूर्व राजदूत रह चुके नवतेज सरना से चर्चा में व्हीलर पंजाबी सिख पहचान की चुनौतियों पर बात की जाएगी। एक विशेष सत्र में, डायरेक्टर और राइटर देवाशीष मखीजा की नई किताब, ऊँगा का विमोचन और उस पर चर्चा होगी।
इसके अलावा लेखिका और इतिहासकार कैमिला टाउनसेंड की पुरस्कृत किताब फिफ्थ सन: ए न्यू हिस्ट्री ऑफ़ द एज़्टेक वहां के इतिहास के जटिल पहलुओं को सामने लाएगी। एक विशेष सत्र में लेखक और भारत के 16वें चुनाव आयुक्त नवीन बी. चावला, नेपाल के भूतपूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त नील कांथा उप्रेती और भूटान के मुख्य चुनाव आयुक्त दाशो कुंजांग वांगडी चुनावी प्रक्रिया को विस्तार से समझाएंगे| प्रसिद्ध लेखक और संसद सदस्य शशि थरूर से चर्चा करते हुए सेंडल उस एकता और अखंडता के बारे में बताएंगे, जो सबके हित में होगी।
इस साल के ��्रोग्राम की जानकारी देते हुए लेखिका और फेस्टिवल को-डायरेक्टर नमिता गोखले ने कहा कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2021 की प्रोग्रामिंग पर काम करना अपने आप में एक चुनौती थी। हम इस बदलते हुए समय को देख रहे हैं और वर्तमान व अतीत के चश्मे से भविष्य को समझने की कोशिश कर रहे हैं। इस नई डिजिटल पहुंच ने संभावनाओं के अनेक दरवाज़े खोले हैं।
लेखक और फेस्टिवल के को-डायरेक्टर विलियम डेलरिम्पल ने कहा कि इस वर्ष प्रोग्राम में मार्क हैडन, कैमिला टाउनसेंड, नोआम चोमस्की, जोनाथन सेफरन फोएर, विन्सेंट ब्राउन, रोबर्ट मैकफर्लांस, हेर्मोइने ली, क्रेग ब्राउन, कॉलम मैककेन व अनीश कपूर जैसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लेखक और साहित्यकार शामिल हो रहे हैं।
टीमवर्क आर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर और जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के प्रोड्यूसर संजॉय के. रॉय ने कहा कि दुनिया के महामारी की चपेट में आने के एक साल बाद, हमें इंसानी सहनशीलता, ज्ञान, संवेदना और न्याय के अधिकार की ताकत का एहसास हुआ। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल ने हमेशा से इन आदर्शों का प्रतिनिधित्व किया है और आगे भी हमेशा करेगा।
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गैंगस्टर विकास दुबे पर बनेगी फिल्म, मनोज बाजपेयी निभाएंगे लीड रोल? जानिए एक्टर का जवाब
गैंगस्टर विकास दुबे पर बनेगी फिल्म, मनोज बाजपेयी निभाएंगे लीड रोल? जानिए एक्टर का जवाब
मनोज बाजपेयी ने ट्विटर पर दिया जवाब Image Source : INSTAGRAM: @BAJPAYEE.MANOJ
मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे की जिंदगी पर बॉलीवुड फिल्म बनने को लेकर कई दिनों से चर्चा हो रही है। कहा जा रहा था कि मनोज बाजपेयी स्क्रीन पर विकास दुबे का किरदार निभा सकते हैं, लेकिन उन्होंने इस अफवाह पर विराम लगा दिया है। उन्होंने ट्विटर पर इस बात की जानकारी दी है कि ये खबर गलत है।
मनोज बाजपेयी से ट्विटर पर एक यूजर ने एक फोटो शेयर करते हुए पूछा कि क्या ये सही लिखा है? मुझे ये सोशल मीडिया पर दिखा।" इस पर विकास दुबे के ऊपर फिल्म बनने और मनोज बाजपेयी के लीड रोल निभाने की बात लिखी है।
Not true!! https://t.co/6sx1xNWNlv
— manoj bajpayee (@BajpayeeManoj) July 30, 2020
इस पर मनोज बाजपेयी ने जवाब में लिखा, "सही नहीं है।"
मनोज बाजपेयी की नई फिल्म 'भोंसले' की हाल ही में सोनी लाइव पर ओटीटी रिलीज हुई है। अभिनेता को लगता है कि ओटीटी इस तरह की एक छोटी फिल्म के लिए आदर्श मंच है।
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A post shared by Manoj Bajpayee (@bajpayee.manoj) on Jul 26, 2020 at 9:28am PDT
'भोंसले' एक उम्रदराज मराठी सब-इंस्पेक्टर की फिल्म है, जो अभी-अभी अपनी इच्छा के विरुद्ध सेवानिवृत्त हुए हैं। भोंसले कानून एवं आम आदमी की रक्षा करने वाला दुर्लभ किस्म का पुलिसवाला है, जिसके पास नियम पुस्तिका की तुलना में मानव की अनुकूल स्थिति कहीं अधिक महत्वपूर्ण है और यही उसकी सबसे बड़ी ताकत है जो कि उसे अंदर से मजबूत बनाती है।
फिल्म में मनोज बाजपेयी ने सब-इंस्पेक्टर भोंसले की मुख्य भूमिका अदा की है, जबकि उनके साथ संतोष जुवेकर, इप्शिता चक्रवर्ती सिंह और विराट वैभव सहायक भूमिकाओं में हैं। फिल्म देवाशीष मखीजा द्वारा निर्देशित, जबकि शबाना रजा बाजपेयी, संदीप कपूर, पीयूष सिंह, सौरभ गुप्ता और अभयानंद सिंह द्वारा निर���मित है।
(आईएएनएस इनपुट के साथ)
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लोकसभा इलेक्शन से ठीक पहले करीब 100 फिल्म मेकर्स ने बयान जारी कर लोगों से अपील की है कि लोकतंत्र बचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सत्ता से दूर रखें। जिन लोगों ने ये बयान दिया है उनमें डाक्यूमेंट्री मेकर आनंद पटवर्धन, नेशनल अवॉर्ड विनर वेटरी मारन देवाशीष मखीजा, पुष्पेंद्र सिंह, सनल कुमार ससीधरन और कबीर सिंह चौधरी जैसे कई नाम शुमार हैं।
फिल्ममेकर्स ने स्टेटमेंट जारी करते हुए लिखा, 'हमारा देश इस वक्त कई चुनौतियों से जूझ रहा है, ऐसे वक्त में हम सब को साथ मिलकर काम करने की जरुरत है। आप सब जानते हैं कि 2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद चीजें बदलने लगीं। देश को धर्म के नाम पर बांटा जाने लगा। बीजेपी और उसके सहयोगी चुनाव में किए वादे को पूरा नहीं कर पाए। मॉब लिचिंग और गाय के नाम हत्या देश में होने लगी। '
स्टेमेंट के अंत में कहा गया, 'हम आप सभी से अपील करते हैं कि इस अपनी शक्ति का इस्तेमाल करें और हानिकारक शासन को दोबारा सत्ता में आने से रोकें। आप अपने जनादेश का इस्तेमाल ऐसी सरकार बनाने में करें जो देश के संविधान को बचाने का काम करे। जो आपके अभिव्यक्ति के आजादी की रक्षा करे।'
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/bollywood-news/100-filmmakers-come-against-pm-modi-and-bjp-4353628/
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भोंसले मूवी की समीक्षा: मनोज वाजपेयी पतन और क्षय की कहानी को सशक्त बनाते हैं
भोंसले मूवी की समीक्षा: मनोज वाजपेयी पतन और क्षय की कहानी को सशक्त बनाते हैं
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मूवी का नाम: भोंसले
कास्ट: मनोज बाजपेयी
निदेशक: देवाशीष मखीजा
भोंसले दो विपरीत छवियों के साथ शुरू होता है। एक तरफ, हमारे पास गणपति की एक मूर्ति है जिसे पढ़ा जा रहा है – चित्रित, कपड़े पहने हुए, मुकुट – और दूसरी ओर, हमारे पास गणपत भोंसले के गहने छीन लिए गए हैं। वह मुंबई पुलिस की अथक सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वह अपनी वर्दी का प्रत्येक सामान अपने व्यक्ति से…
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मनोज वाजपेयी की फिल्म 'भोंसले' एशियन फिल्म फेस्टिवल बार्सिलोना में सम्मानित, जीते दो अवॉर्ड
मनोज वाजपेयी की फिल्म ‘भोंसले’ एशियन फिल्म फेस्टिवल बार्सिलोना में सम्मानित, जीते दो अवॉर्ड
बॉलीवुड डेस्क. बीते साल रिलीज हुई मनोज वाजपेयी स्टारर फिल्म ‘भोंसले’ को एशियन फिल्म फेस्टिवल बार्सिलोना में सम्मानित किया गया है। फिल्म ने ‘बेस्ट स्क्रीनप्ले’ और ‘बेस्ट डायरेक्टर’ दो पुरस्कार अपने नाम किए। विस्थापितों के संघर्ष पर आधारित इस फिल्म का निर्देशन देवाशीष मखीजा ने किया था। जबकि मनोज वाजपेयी पुलिस वाले के मुख्य किरदार में थे।
अवॉर्ड जीतने पर निर्देशक देवाशीष ने कहा कि फेस्टिवल में…
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बुसान फिल्मोत्सव में होगा मनोज बाजपेयी की फिल्म 'भोंसले' का प्रीमियर
बुसान फिल्मोत्सव में होगा मनोज बाजपेयी की फिल्म ‘भोंसले’ का प्रीमियर
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता मनोज बाजपेयी की राजनीति पर आधारित फिल्म ‘भोंसले’ 23वें बुसान अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव 2018 में दिखाई जाएगी. यह फिल्मोत्सव चार से 13 अक्टूबर तक चलेगा.
देवाशीष मखीजा द्वारा निर्देशित ‘भोंसले’ को ‘ए विंडो ऑन एशियन सिनेमा’ वर्ग में नामित किया गया है. इसके तहत दो अंतिम फिल्मों को 10,000 डॉलर की नकद राशि दी जाएगी. फिल्मोत्सव का समापन 13 अक्टूबर को…
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