विधानसभा चुनाव : बीजेपी ने जारी किया 'संकल्प पत्र', युवा विकास और स्व रोजगार समेत किए ये बड़े वादे
चैतन्य भारत न्यूज
चंडीगढ़. भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपना संकल्प पत्र जारी किया है। बता दें बीजेपी का संकल्प पत्र 15 चैप्टर और 248 प्वाइंट का है। बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र का नाम 'म्हारे सपनों का हरियाणा' दिया है।
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
Chandigarh: BJP releases their election manifesto for #HaryanaAssemblyPolls . Chief Minister Manohar Lal Khattar, BJP national working president JP Nadda and other leaders of the party are present. pic.twitter.com/bK4vkTjdoh
— ANI (@ANI) October 13, 2019
यह संकल्प पत्र चंडीगढ़ में भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और अन्य भाजपा नेताओं ने जारी किया। सीएम खट्टर ने बताया कि, बीजेपी का संकल्प पत्र राम राज्य के सिद्धांतों पर आधारित है। उन्होंने बताया कि, 'हमने अपने पिछले संकल्प पत्र के तहत भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस और पारदर्शी प्रशासन मुहै���ा करवाया।' बीजेपी ने इस संकल्प पत्र में कई वादे किए हैं। संकल्प पत्र में पार्टी ने किसानों को हर फसल की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सुनिश्चित करने का वादा किया है। साथ ही उन्होंने किसान कल्याण प्राधिकरण को एक हजार करोड़ रुपए का बजट देने की बात कही गई है।
ये हैं बीजेपी के संकल्प पत्र के कुछ प्रमुख पॉइंट्स
एसवाईएल के मुद्दे को जल्द से जल्द हल कराने की बात कही।
पार्टी ने कहा कि युवा विकास एवं स्व रोजगार मंत्रालय का गठन करेंगे।
पांच सौ करोड़ रुपए खर्च करके 25 लाख युवाओं को कौशल प्रदान करेंगे।
राज्य में सभी आउटसोर्सिंग नौकरियों में डीसी दर को सख्ती से लागू किया जाएगा।
स्थानीय लोगों को 95 फीसदी से ज्यादा रोजगार देने वाले उद्योगों को विशेष लाभ दिए जाएंगे।
सभी पेंशन की राशि को वार्षिक महंगाई अनुसार बढ़ाने का प्रावधान करने का वादा। a
राज्य के सभी कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर करने का वादा।
साल 2022 तक सभी को पक्का घर प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के लक्ष्य को पूरा करना।
उन परिवारों की दो लड़कियों को मुफ्त शिक्षा देने का वादा, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 1।80 लाख रुपए से कम है।
छात्राओं के लिए पिंक बस सेवा शुरू करना।
छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
महिलाओं की मदद के लिए विशेष केंद्र स्थापित करेंगे।
दो हजार वेलनेस सेंटर बनाए जाएंगे।
प्रदेश के हर गांव में दैनिक बस सेवा सुनिश्चित करने का वादा।
10 हजार विकलांग लोगों को जॉब ओरिएंटेड प्रशिक्षण दिया जाएगा।
ये भी पढ़े...
हरियाणा चुनाव : भाजपा की इस उम्मीदवार को देश-विदेश में खूब किया जा रहा सर्च, खट्टर-हुड्डा को भी पछाड़ा
बड़ा झटका : हरियाणा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर ने छोड़ी कांग्रेस, लगाया 5 करोड़ में टिकट बेचने का आरोप
हरियाणा चुनाव : जेजेपी ने जारी की 15 उम्मीदवारों की सूची, इन लोगों के नाम हैं शामिल
Read the full article
0 notes
मंच पर पीएम मोदी को याद आई ढेरों गालियां, कहा- कांग्रेस ने मुझे दी 'पागल कुत्ता', 'नाली का कीड़ा' जैसी कई गालियां
चैतन्य भारत न्यूज
लोकसभा चुनाव 2019 का अंतिम चरण जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे सभी पार्टियों का प्रचार भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी कांग्रेस पर हमला और भी तेज होता जा रहा है। पीएम मोदी ने बुधवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, 'कांग्रेस पार्टी में मुझे गाली देने की होड़ लगी है।' इतना ही नहीं रैली में पीएम मोदी ने वह भी सभी शब्द भी बताए जो कांग्रेस ने उनके खिलाफ इस्तेमाल किए हैं।
पीएम मोदी ने गिनाईं कांग्रेस की गालियां
पीएम मोदी ने कहा कि, 'कांग्रेस के एक नेता ने मुझे गंदी नाली का कीड़ा कहा, तो दूसरा मुझे गंगू तेली कहने आ गया। इनके एक नेता ने मुझे पागल कुत्ता कहा, तो दूसरे नेता ने भस्मासुर की उपाधि दे दी। इनके एक और मंत्री ने मुझे वायरस कहा तो दूसरे ने दाऊद इब्राहिम का दर्जा दे दिया। इ��ना ही नहीं इनके एक नेता ने मुझे हिटलर तो दूसरे ने मुझे बदतमीज नालायक बेटा कहा। मुझे रैबीज बीमारी से पीड़ित बंदर, चूहा और लहू पुरुष बोला गया। कांग्रेस वालों ने मुझे रावण, सांप, बिच्छू, गंदा आदमी, जहर बोने वाला तक बोला।'
पीएम ने आगे कहा कि, 'कांग्रेस के नेता जिसके सामने नतमस्तक होते हैं, उन्होंने भी मुझे मौत का सौदागर कहा। ये इनका 'प्रेम' करने का तरीका है। कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं ने मुझे मानसिक तौर पर बीमार बताया, नीच किस्म का आदमी कहा, यहां तक कि ये भी पूछा गया कि मेरे पिता कौन थे ये नहीं मालूम। कांग्रेस के नामदार जिस तरह अपने प्रेम की डिक्शनरी दिखा रहे हैं, उस पर कोई उन पर सवाल नहीं उठा रहा है। मुझे गाली देते हुए उन्होंने कितनी बार मर्यादा तार-तार की है। ये इनकी प्रेम वाली डिक्शनरी से पता चलता है।'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'इनकी गालियों की परवाह न करते हुए मैं पूरी शक्ति से देश की सेवा कर रहा हूं। हरियाणा भी बीते पांच वर्षों में बड़े परिवर्तन का गवाह रहा है। पानीपत से ही बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का अभियान मैंने शुरु किया था। हरियाणा ने इन 5 वर्षों में बेटियों का बहुत ध्यान रखा है।' प्रधानमंत्री ने इस दौरान लोगों से अपील करते हुए कहा कि, 'उनके इस गालियों वाले वीडियो को आप सभी लोगों तक फैलाइए, ताकि देश को कांग्रेस की सच्चाई पता लग सके।'
ये भी पढ़े...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान
थप्पड़ कांड के बाद भड़के केजरीवाल, पीएम मोदी पर साधा निशाना
राहुल का पीएम मोदी पर निशाना, कहा- सर्जिकल स्ट्राइक पीएम ने नहीं सेना ने की, सेना उनकी निजी संपत्ति नहीं
Read the full article
0 notes
जानिए गुजरात में BJP की यह जीत क्यों है बड़ी और कांग्रेस के लिए दोहरा सदमा Divya Sandesh
#Divyasandesh
जानिए गुजरात में BJP की यह जीत क्यों है बड़ी और कांग्रेस के लिए दोहरा सदमा
गुजरात के सभी छह नगर निकायों में एकतरफा जीत ने बीजेपी को विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा बूस्ट दिया है। इस चुनाव परिणाम ने यह साफ कर दिया कि गुजरात के शहरी क्षेत्रों में बीजेपी की पकड़ और मजबूत हुई है। आंकड़े बताते हैं कि कैसे बीजेपी ने बीते दिनों में शहरी मतदाताओं के बीच अपनी लोकप्रियता बढ़ाने में सफलता पाई है जबकि कांग्रेस का रहा-सहा जनाधार भी लगातार सिकुड़ता जा रहा है। आम आदमी पार्टी (AAP) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुसलमीन (AIMIM) जैसी पार्टियां कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाने में हिस्सेदारी निभा रही हैं। गुजरात के सभी छह नगर निकायों में एकतरफा जीत ने बीजेपी को विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा बूस्ट दिया है। इस चुनाव परिणाम ने यह साफ कर दिया कि गुजरात के शहरी क्षेत्रों में बीजेपी की पकड़ और मजबूत हुई है।गुजरात के सभी छह नगर निकायों में एकतरफा जीत ने बीजेपी को विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा बूस्ट दिया है। इस चुनाव परिणाम ने यह साफ कर दिया कि गुजरात के शहरी क्षेत्रों में बीजेपी की पकड़ और मजबूत हुई है। आंकड़े बताते हैं कि कैसे बीजेपी ने बीते दिनों में शहरी मतदाताओं के बीच अपनी लोकप्रियता बढ़ाने में सफलता पाई है जबकि कांग्रेस का रहा-सहा जनाधार भी लगातार सिकुड़ता जा रहा है। आम आदमी पार्टी (AAP) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुसलमीन (AIMIM) जैसी पार्टियां कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाने में हिस्सेदारी निभा रही हैं। 15.67% बढ़ीं बीजेपी की सीटें2015 में हुए गुजरात निकाय चुनाव में बीजेपी को 68.18% सीटों पर सफलता मिली थी, लेकिन इस बार उसने 83.85% सीटों पर कब्जा कर लिया। यानी, बीजेपी ने पिछले छह सालों में अपने कब्जे की सीटों में 15.67% का इजाफा कर लिया। पिछली बार 572 सीटों पर चुनाव हुए थे जबकि इस बार 576 सीटों पर। कांग्रेस को 21.05% सीटों का नुकसानगुजरात के शहरी मतदाता कितनी तेजी से कांग्रेस से दूर हो रहे हैं, इसका एक नमूना भी इस चुनाव परिणाम में देखने को मिला है। पार्टी ने 2015 में कुल 30.6% सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार यह घटकर सिर्फ 9.55% रह गया। यानी, कांग्रेस ने बीते छह सालों में 21.05% सीटें खो दीं।किस-किसके हाथों कितना लुटी कांग्रेसबीजेपी के फायदे और कांग्रेस के नुकसान के बीच 5.38% का अंतर है। जैसा कि ऊपर बताया गया है कि कांग्रेस ने अपनी 21.05% सीटें खोईं जबकि बीजेपी की सीटों में 15.67% का इजाफा हुआ। यानी कांग्रेस के हिस्से की 5.38% सीटें बीजेपी के पास नहीं गईं। इसका मतलब है कि इन 5.38% सीटों पर अन्य उम्मीदवारों ने कब्जा किया। दरअसल, इन अन्य उम्मीदवारों के प्रदर्शन की तुलना करें तो 2015 में इनके पास 1.22% सीटें थीं जो इस बार बढ़कर 6.60% हो गईं। यानी, इस बार उन 5.38% सीटों पर अन्य ने कब्जा किया जो कांग्रेस से खिसकी तो लेकिन बीजेपी के पास नहीं गई। अब स्पष्ट करें तो पता चलेगा कि कांग्रेस ने जो 21.05% सीटें खोईं, उसका बड़ा हिस्सा 15.67% बीजेपी के पास जबकि 5.38% हिस्सा अन्य के पास गया। राजकोट में कांग्रेस पार्टी ने 2015 में 33 सीटें जीती थीं जो इस बार घटकर 4 पर आ गई।पाटीदारों ने खारिज की हार्दिक पटेल की राजनीति?कांग्रेस को एक और मोर्चे पर झटका लगा है वो है पाटीदारों की राजनीति का मोर्चा। पाटीदार आंदोलन के बाद सक्रिय राजनीति में आए हार्दिक पटेल चुनावी अखाड़े में चारों खाने चित हो गए। कांग्रेस ने उन्हें बड़ी उम्मीद से अपनी गुजरात इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था, लेकिन अन्य इलाकों की बात ही क्या खुद पाटीदारों के इलाके में भी वो कांग्रेस मटियामेट हो गई। पाटीदारों के गढ़ सूरत में कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला और वहां आम आदमी पार्टी ने जबर्दस्त सेंध लगाते हुए 27 सीटें अपने नाम कर ली। आम आदमी पार्टी के सारे कैंडिडेट 22 से 40 वर्ष के थे। पार्टी को वारछा, कोपदरा, काटरगाम और पुना जैसे पाटीदार बहुल इलाकों में शानदार समर्थन मिला। अब यह सवाल जरूर पूछा जाएगा कि क्या पाटीदार समाज ने हार्दिक पटेल की राजनीति को सिरे से खारिज कर दिया? आप का शानदार आगाजवहीं, राज्य में नगर निकाय चुनावों में पहली बार उतरी आम आदमी पार्टी (आप) ने 27 सीटों पर जीत हासिल की और ये सभी सीटें उसने सूरत में जीती। आप सूरत नगर निगम में मुख्य विपक्ष के रूप में उभरी। आप ने छहों नगर निगमों में कुल 470 उम्मीदवार उतारे थे। पहली बार गुजरात में स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने वाली असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने अहमदाबाद के मुस्लिम बहुल जमालपुर और मकतामपुरा वार्ड में सात सीटें जीतीं। जामनगर में बहुजन समाज पार्टी के तीन उम्मीदवारों ने जीत हासिल की जबकि एक निर्दलीय उम्मीदवार अहमदाबाद में जीता। कांग्रेस का सिमटा वोट बैंकविपक्षी दल कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा और वह केवल 55 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई है। यहां तक कि कांग्रेस सूरत में अपना खाता खोलने में नाकाम रही। कांग्रेस ने तीन नगर निगमों में केवल एक अंक में सीटें जीतीं और सूरत में तो उसे एक भी सीट नहीं मिली। कांग्रेस ने अहमदाबाद में 25, राजकोट में चार, जामनगर में 11, भावनगर में आठ और वडोदरा में सात सीटें जीतीं। इन नगर निगमों के चुनाव के लिए मतदान 21 फरवरी को हुआ था। AIMIM ने मारी बाजीअसदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM का अहमदाबाद नगर निगम चुनाव में आगाज अच्छा रहा। पार्टी ने इस नगर निगम के 21 वार्डों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे जिनमें 7 पर जीत हासिल हुई। पार्टी ने जमालपुर वार्ड की सभी चार सीटें जबक मकतमपुरा वार्ड की चार में से तीन सीटों पर कब्जा जमा लिया। इन सीटों पर पारंपरिक तौर से कांग्रेस पार्टी का कब्जा हुआ करता था। बीजेपी की प्रचंड जीतभाजपा ने गुजरात में छह नगर निगमों के लिए हुए चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की। मंगलवार को हुई मतगणना में 576 में से 483 सीटें जीतकर भाजपा ने इन नगर निकायों में अपनी सत्ता बरकरार रखी। सत्तारूढ़ दल ने राज्य के सभी छह नगर निगमों- अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट, जामनगर और भावनगर में सत्ता बरकरार रखी। बीजेपी ने अहमदाबाद में 192 सीटों में से 159, राजकोट में 72 सीटों में से 68, जामनगर में 64 में से 50 सीटें, भावनगर में 52 सीटों में से 44, वडोदरा में 76 सीटों में से 69 और सूरत में 120 सीटों में से 93 सीटें जीतीं। मुख्यमंत्री रुपाणी का बढ़ा कदबीजेपी ने इस नगर निकाय चुनाव में सबसे बड़ी जीत मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के गृह नगर राजकोट में दर्ज की। वहां नगर निगम के 72 वार्डों में 68 सीटें बीजेपी की झोली में चली गईं। यानी, राजकोट की 94.44% सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमा लिया। बीजेपी के इस तगड़े प्रदर्शन का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि 2016 में उसे यहां सिर्फ 38 सीटें मिली थीं जो बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े से एक ज्यादा थी। साफ है कि राजकोट में रुपाणी के कारण बीजेपी में भरोसा बढ़ा और वो पिछली बार के मुकाबले 78% ज्यादा सीटें जीत गई। गुजरात के कोने-कोने में मिली यह जीत बहुत ही खास है। दो दशकों ���े ज्यादा समय तक सत्ता में रहने वाली पार्टी के लिए इस… https://t.co/sJG3QrCt78— Narendra Modi (@narendramodi) 1614091216000#WATCH आज गुजरात में म्युनिसिपल कॉरपोरेशन चुनाव के नतीजे दिखाते हैं कि गुजरात भारतीय जनता पार्टी का गढ़ के रूप में… https://t.co/w3QyZwSxzf— ANI_HindiNews (@AHindinews) 1614089558000આમ આદમી પાર્ટીના ગુજરાત યુનિટના તમામ કાર્યકરોની મહેનતને સલામ અને બધાને હાર્દિક અભિનંદન. સુરતના મતદાતાઓ�� પણ વ્યક્ત ક… https://t.co/d50MNn4Bku— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) 1614142896000
0 notes