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एशियाई कंपनियों को यूरोपीय एक्सेसरीज़ निर्माताओं को अपनाने के लिए क्यों चुनना चाहिए: "मेड इन यूरोप" का मूल्य
फैशन और विज्ञापन उत्पादों की दुनिया में एक्सेसरीज़ महत्वपूर्ण होते हैं। वे उत्पादों और आउटफिट्स को अंतिम स्पर्श देते हैं और साधारण और उत्कृष्ट के बीच अंतर कर सकते हैं। हाल ही में, एक्सेसरीज़ की विनिर्माण के आदेश यूरोप की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन एशियाई कंपनियों को, चाहे वे विज्ञापन उत्पादों के क्षेत्र में हों या फैशन में, इस रुझान को गंभीरता से क्यों लेना चाहिए, इसके कुछ प्रेरक कारण हैं:
गुणवत्ता और शिल्पकला: यूरोप लंबे समय से अपनी उच्च शिल्पकला और गुणवत्ता मानकों के लिए प्रसिद्ध है। यूरोपीय एक्सेसरीज़ निर्माताएँ अक्सर उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का निर्माण करने में लंबे समय से विशेषज्ञ हैं। इसका मतलब है कि वे उन्नत सामग्रियों, विनिर्माण और टिकाऊता के मामले में प्रस्तुत किए गए उत्पादों की गुणवत्ता में सर्वोत्तम हैं। अशियाई कंपनियों के लिए, जो अपने गुणवत्ता मानकों को पूरा करने वाले एक्सेसरीज़ की खोज में हैं, यूरोप में उपलब्धता है।
कम समय में वितरण और रसद: यूरोप का भौगोलिक लाभ एशियाई बाजार के लिए महत्वपूर्ण है। उत्तरी अमेरिका जैसे अन्य क्षेत्रों की तुलना में, यूरोप से एशिया के लिए वितरण समय काफी कम हो सकता है। यह न केवल वितरण समय को कम करता है, बल्कि परिवहन और सार्वजनिक करवाई से जुड़े जोखिमों को भी कम करता है। उन कंपनियों के लिए जो त्वरित बाजार में प्रवेश करना चाहते हैं, उत्पादन स्थलों के निकटता का एक महत्वपूर्ण लाभ है।
बाजार स्वीकृति और छवि: "मेड इन यूरोप" लेबल वाले उत्पादों का अक्सर उत्कृष्टता और शैली के लिए एक प्रतिष्ठित प्रतिष्ठा होता है। यह विशेष रूप से फैशन उद्योग के लिए सत्य है, लेकिन विज्ञापन उत्पादों के लिए भी। यूरोपीय एक्सेसरीज़ का उपयोग करने वाली एशियाई कंपनियाँ इस सकारात्मक छवि से लाभान्वित हो सकती हैं और अपने ग्राहकों के विश्वास को मजबूत कर सकती हैं। एक समय जब ब्रांड की छवि और प्रतिष्ठा महत्वपूर्ण है, यूरोपीय एक्सेसरीज़ का चयन एक महत्वपूर्ण अंतर कर सकता है।
पर्यावरणीय विकास और नैतिकता: यूरोप में सख्त पर्यावरण और श्रम कानून हैं, जो सुनिश्चित करते हैं कि एक्सेसरीज़ का उत्पादन पर्यावरण-सहायक और नैतिक रूप से जिम्मेदारीपूर्वक हो। यह बहुत से उपभोक्ताओं के लिए, विशेष रूप से एशिया में, एक महत्वपूर्ण कारक बन गया है। यूरोपीय निर्माताओं के साथ सहयोग करके, एशियाई कंपनियाँ सुनिश्चित कर सकती हैं कि उनकी आपूर्ति श्रृंखला पारदर्शी है और सबसे ऊँचे पर्यावरणीय मानकों को पूरा करती है।
नवाचार और डिज़ाइन: यूरोपीय एक्सेसरीज़ निर्माताओं की नवाचारिता और रचनात्मक डिज़ाइन के लिए प्रसिद्ध हैं। वे अक्सर नए सामग्री, तकनीक और शैलियों के विकास में प्रेरणादायी होते हैं। इन निर्माताओं के साथ सहयोग करके, एशियाई कंपनियाँ सुनिश्चित कर सकती हैं कि उनके उत्पाद हमेशा नवीनतम हैं और ��ाजार के नए रुझानों के अनुरूप हैं।
तार सल्यूशन यूरोप का एक अग्रणी एक्सेसरीज़ निर्माता है, जो अनुकूलित हान्डकर्चिफ, शॉल, टाई और अन्य वस्त्र उत्पादित करता है। कंपनी नामी मोड ब्रांडों और विज्ञापन उत्पादकों के लिए ग्राहक की मांग के अनुसार 100% उत्पादित करती है। गुणवत्ता और विविधता पर ध्यान केंद्रित करते हुए, तार सल्यूशन अपने डिज़ाइन बनाने की संभावना भी प्रदान करता है। सभी उत्पाद यूरोप में उत्पादित होते हैं, जो गुणवत्ता और पर्यावरणीय संरक्षण का प्रतीक है।
कुल मिलाकर, यूरोपीय तार सल्यूशन एक्सेसरीज़ निर्माताओं के साथ सहयोग एशियाई कंपनियों के लिए कई लाभ प्रदान करता है, चाह
https://www.tiesolution.org/hi/
#एशियाई_कंपनियाँ#यूरोप#एक्सेसरीज़#उत्पादन#गुणवत्ता#नैतिकता#पर्यावरण#नवाचार#डिज़ाइन#तार_सल्यूशन#मेड_इन_यूरोप#विपणन#ब्रांडिंग#विश्वास#रचनात्मकता#व्यापार#tiesolution
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राज्य उत्पादन शुल्कात तब्बल 32.86 टक्के वाढ; नोव्हेंबरअखेर ‘इतके’ हजार कोटींचा महसूल
राज्य उत्पादन शुल्कात तब्बल 32.86 टक्के वाढ; नोव्हेंबरअखेर ‘इतके’ हजार कोटींचा महसूल
राज्य उत्पादन शुल्कात तब्बल 32.86 टक्के वाढ; नोव्हेंबरअखेर ‘इतके’ हजार कोटींचा महसूल मुंबई – राज्य उत्पादन शुल्क विभागाकडे सन 2022-23 या आर्थिक वर्षात नोव्हेंबर अखेरपर्यंत 12 हजार 952.82 कोटी रूपयांचा महसूल जमा झाला आहे. गतवर्षी एप्रिल ते नोव्हेंबर अखेरपर्यंत 9748.96 कोटी रूपयांचा महसूल जमा केला होता. गतवर्षीच्या तुलनेत महसूलात 32.86 टक्के वाढ झाली आहे. राज्यात एप्रिल 2022 ते नोव्हेंबर 2022 या…
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गेहूं की बुवाई करते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान, फसल उत्पादन और गुणवत्ता में होगी वृद्धि
Sowing of wheat: नवंबर का महीना शुरू होते ही किसानों ने गेहूं की बुवाई की तैयारियां तेज कर दी हैं। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि 1 से 15 नवंबर का समय गेहूं की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त होता है, क्योंकि इस दौरान तापमान 20-25 डिग्री सेल्सियस रहता है जो अंकुरण के लिए आदर्श है। समय पर बुवाई से फसल का उत्पादन बेहतर होता है, जबकि देरी से बुवाई करने पर फसल के विकास और उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ सकता…
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अध्याय-3: उत्पादन तथा लागत
अर्थशास्त्र Class 9 NCERT Book Economics Hindi. उत्पादन तथा लागत कक्षा 11वीं के अर्थशास्त्र का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जो उत्पादन प्रक्रिया और लागत के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है। इस अध्याय में, विद्यार्थियों को उत्पादन की अवधारणा, उत्पादन के चरण, उत्पादन फलन, सीमांत उत्पाद, औसत उत्पाद, तथा प्रतिफल के नियम के बारे में सिखाया जाता है। इसके साथ ही, यह अध्याय उत्पादन की विभिन्न…
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ऐसा जौनपुर क्षेत्र हमारा !
ऐसा जौनपुर क्षेत्र हमारा ! @कवि: सोमवारी लाल सकलानी’निशांत’। चिर यौवन का क्षेत्र रहा जो/ मस्ती का आगार रहा जो, सुख समृद्धि गुलजार रहा जो/संस्कृति का केंद्र रहा जो, ऐसा जौनपुर क्षेत्र हमारा। धन-धान्य से पूर्ण रहा जो/सुकर्म भूमि स्थान रहा जो, मातृशक्ति को मान दिया जो/कृषिप्रधान भाग रहा जो, ऐसा जौनपुर क्षेत्र हमारा। अतिथि सम्मान दिया जो/छुआछूत का अंत किया जो, स्वच्छ सुर पान किया जो/उपत्यिकाओं मध्य…
#इंडवालस्यूं बारहजूला हो/गीत संगीत त्यौहार मरोज हो#ऐसा जौनपुर क्षेत्र हमारा ! @कवि: सोमवारी लाल सकलानी&039;निशांत&039;। चिर यौवन का क्षेत्र रहा जो/ मस्ती#खेेलसंस्कृति पहचान दिया जो/मौंंणमेला ख्यात रहा हो#जल धारा के समीप जो/जौनसार रवाईं निकट बसा जो#दुग्ध उत्पादन क्षेत्र रहा जो/छड़ी उद्योग जान दिया जो ऐसा जौनपुर क्षेत्र हमारा। फल सब्जी व्यवसा#धामों के भी पास बसा जो/ प्रीतम-धामी साथ रहे हों#मातृशक्ति को मान दिया जो/कृषिप्रधान भाग रहा जो#श्रीकोट उत्तर पश्चिम तक/उत्तरांचल की गोद बसा जो#सुख समृद्धि गुलजार रहा जो/संस्कृति का केंद्र रहा जो#स्वच्छ सुर पान किया जो/उपत्यिकाओं मध्य बसा जो
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थायरॉइड के आयुर्वेदिक उपचार: एक पूर्ण जानकारी
थायरॉइड क्या है?
थायरॉइड एक ग्रंथि है जो गर्दन के सामने, गले के नीचे हिस्से में स्थित होती है। यह ग्रंथि थायरॉइड हार्मोन (टी3 और ��ी4) का उत्पादन करती है, जो शरीर के मेटाबोलिज़्म को नियंत्रित करता है। ये हार्मोन शरीर की ऊर्जा के उपयोग, तापमान को नियंत्रित करने, और मस्तिष्क, हृदय, और अन्य अंगों के सामान्य कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
#थायरॉइड के विभिन्न प्रकार होते हैं#थायरॉइड के प्रकार#जिनमें सबसे आम रूप से देखे जाने वाले प्रकार निम्नलिखित हैं:#अत्यधिक थायरॉइड (हाइपरथायरॉइडिज़म)#अत्यंत कम थायरॉइड (हाइपोथायरॉइडिज़म)#ग्रेव्स रोग#गठिया#थायरॉइड के लक्षण#थायरॉइड के विभिन्न प्रकार के लक्षणों में थकान#तेज दिल की धड़कन (टैकीकार्डिया)#अधिक पसीना आना#तनाव#उच्च रक्तचाप#मूड स्विंग्स#बालों का झड़ना#थायरॉइड के कारण#जिससे हार्मोन का अधिक उत्पादन होता है। इसके अलावा#थायरॉइड नोड्यूल्स भी हाइपरथायरॉइडिज़्म का कारण बन सकते हैं#थायरॉइड के आयुर्वेदिक उपचार#आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग#थायरॉइड के लिए जीवनशैली संशोधन#नियमित व्यायाम करना#अपने शरीर को संतुलित रख सकते हैंर सकते हैं।
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सात दिवसीय मशरूम उत्पादन तकनीक विषय पर रोजगारपरक प्रशिक्षण सम्पन्न
रिपोर्ट,दिलीप कुमार बस्ती – कृषि में युवाओं को बनाए रखने के लिए उन्हें आकर्षित करने के उद्देश्य से आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज, अयोध्या उत्तर प्रदेश से संचालित कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती पर आर्या परियोजना के अंतर्गत सात दिवसीय मशरूम उत्पादन तकनीक विषय पर रोजगारपरक प्रशिक्षण का आयोजन दिनांक 06 से 12 अगस्त, 2024 में किया गया। जिसमें जनपद के 20 नवयुवक एवं युवतियों…
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प्रचुर मात्रा में खेती: फसल उत्पादन और प्रबंधन के लिए एक व्यापक मार्गदर्शिका
फसल उत्पादन मानव सभ्यता का संरचनात्मक तत्व है, जो दुनिया भर में अरबों लोगों को पोषण और आर्थिक संभावनाएं प्रदान करता है। फसल उगाना एक जटिल कला है जिसमें विज्ञान, प्रौद्योगिकी और प्राचीन ज्ञान का सामंजस्यपूर्ण संयोजन शामिल है। प्रभावी फसल प्रबंधन प्रणालियाँ खाद्य सुरक्षा बनाए रखने और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह ब्लॉग फसल उत्पादन और प्रबंधन के बुनियादी सिद्धांतों पर प्रकाश डालता है, जिसमें मिट्टी तैयार करने से लेकर कटाई और उससे आगे तक के विषय शामिल हैं।
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मानसून में मवेशियों की सही देखभाल है ज़रूरी, क्या हैं खतरे और जानिए बचाव के तरीके
बरसात में बढ़ जाता है बीमारियों का खतरा
बरसात का मौसम सिर्फ़ इंसानों के लिए ही नहीं, बल्कि मवेशियों के लिए भी कई तरह की बीमारियां लेकर आता है। इसलिए पशुपालकों को इस मौसम में पशुओं की खास देखभाल की ज़रूरत होती है, वरना पशुओं की मौत भी हो सकती है।
मानसून में मवेशियों की सही देखभाल: बरसात का मौसम जितना सुहाना लगता है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी होता है। खासतौर पर पशुपालकों के लिए। इस मौसम में पानी के कारण फिसलन बढ़ जाती है, जिससे पशुओं के गिरकर चोट लगने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसके साथ ही उन्हें गीली घास मिलती है जिसमें पौष्टिक तत्व कम होते हैं और बीमारियों का खतरा भी कई गुना रहता है। ऐसे में पुशओं के रहने की जगह से लेकर आहार तक, सबका बहुत ध्यान रखने की ज़रूरत है, वरना पशु पालकों को पशु की मृत्यु और कम दूध उत्पादन का जोखिम उठाना पड़ सकता है।बरसात में होने वाली बीमारियां
हमारे देश में जून से सितंबर तक मानसून रहता है। इस मौसम में पशुओं के बा़ड़े में पानी भर जाने के कारण कॉक्सीडियता या कुकड़िया रोग, फुट रॉट जैसे गंभीर रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा थनैला रोग की आशंका भी बढ़ जाती है। पशुपालकों को मानसून शुरू होने से पहले ही गाय-भैंसों को गल-घोंटू और लंगड़ी बुखार का टीका लगवा देना चाहिए।
मानसून में मवेशियों में किलनी की समस्या भी बढ़ सकती है। अगर उनके रहने की जगह में बहुत ज़्यादा किलनियां हो जाएं तो पशुओं में सर्रा, थिलेनरिया, बबेसिओसिस रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इसमें जानवरों को तेज़ बुखार के साथ ही खून की कमी भी हो जाती है।
आवास का रखें ध्यान
मानसून में मवेशियों के रहने की जगह के साथ ही उनके आहार पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है। बरसात में उनके आवास में पानी नहीं भरने देना है और जहां तक संभव हो उनके बाड़े को सूखा रखने की कोशिश करें। जल-जमाव की समस्या से बचने के लिए पशुओं के आवास की जगह पर छत बनाने के लिए स्टील या लोहे की जस्ता चढ़ी नालीदार चादर का इस्तेमाल करना चाहिए। हफ़्ते में दो बार बाड़े में चूना छिड़कें और आसपास की जगह को साफ़ रखना चाहिए।
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#Maharashtra State Excise recruitment 2023#utpadan shulk bhrati#राज्य उत्पादन शुल्क विभाग भरती २०२३#Maharashtra Excise Inspector Recruitment
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राज्य उत्पादन शुल्क विभागातील वर्ग ३ आणि ४ ची ६६७ पदे लवकरच भरणार – मंत्री शंभूराज देसाई
मुंबई, दि. 20 : राज्य उत्पादन शुल्क विभागात येत्या 5 महिन्यांत वर्ग 3 आणि 4 च्या पदांची भरती केली जाणार असून एकूण 667 पदे भरण्यात येणार असल्याचे राज्य उत्पादन शुल्क मंत्री शंभूराज देसाई यांनी सांगितले.विरोधी पक्ष नेते अजित पवार आणि विधानसभा सदस्य विजय वडेट्टीवार, भास्कर जाधव, छगन भुजबळ, जयकुमार रावल यांनी याबाबतचा प्रश्न प्रश्नोत्तराच्या तासात उपस्थित केला होता. श्री. देसाई म्हणाले की, राज्य…
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नेपाली उत्पादनले बजारको माग धान्न सकेन, वार्षिक १२ अर्बका हस्तकलाका सामग्री निर्यात हुने
नेपाली उत्पादनले बजारको माग धान्न सकेन, वार्षिक १२ अर्बका हस्तकलाका सामग्री निर्यात हुने
काठमाडौँ, १ पुस । नेपाल हस्तकला महासङ्का अध्यक्ष प्रचण्ड शाक्यले नेपालमा उत्पादित हस्तकलाका सामग्रीले बजारको माग धान्न नसकेको बताउनुभएको छ । उहाँका अनुसार विश्व बजारमा नेपाली हस्तकलाको राम्रो माग रहेकाले यहाँ उत्पादित वार्षिक रु १२ अर्बका हस्तकलाका सामग्री निर्यात हुनाका साथै नेपाली बजारमासमेत यस्ता सामग्रीको माग बढ्दो छ । अध्यक्ष शाक्यले भन्नुभयो, “हातले बनाएका सामग्रीमध्ये फेल्कबाट उत्पादित…
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पैदावार बढ़ाने के लिए DAP की बजाय इस खाद का करें इस्तेमाल, किसान हो जायेंगे 'मालामाल'
खेती में बेहतर उपज प्राप्त करने के लिए सही उर्वरकों का चयन बेहद महत्वपूर्ण है। परंपरागत रूप से किसान डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) का इस्तेमाल फॉस्फेटिक उर्वरक के रूप में करते आए हैं, लेकिन लगातार इसकी बढ़ती मांग से डीएपी की उपलब्धता में कमी हो जाती है। ऐसे में सिंगल सुपर फास्फेट (SSP) और यूरिया का उपयोग एक कारगर विकल्प के रूप में उभर रहा है। यदि किसान इन उर्वरकों का सही अनुपात में इस्तेमाल करें,…
#DAP Fertilizer#DAP vs SSP Fertilizer#Farming Tips#कृषि#कृषि सलाह#फसल उत्पादन#मिट्टी परीक्षण#विशेषज्ञ सलाह
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मास्को के खिलाफ नए प्रतिबंधों के बीच ओपेक+ के तेल उत्पादन स्तर को बनाए रखने की संभावना है
मास्को के खिलाफ नए प्रतिबंधों के बीच ओपेक+ के तेल उत्पादन स्तर को बनाए रखने की संभावना है
द्वारा एएफपी वियना: सऊदी अरब और रूस के नेतृत्व वाले प्रमुख तेल उत्पादक देश रविवार को एक बैठक में अपने वर्तमान उत्पादन स्तर को बनाए रखने के लिए तैयार हैं, मास्को के खिलाफ नए प्रतिबंधों के लागू होने से पहले। पेट्रोलियम निर्यातक देशों का 13 सदस्यीय संगठन (ओपेक) रूस सहित 10 अन्य तेल उत्पादक देशों के साथ परामर्श करने के कारण अक्टूबर में अपने उत्पादन में दो मिलियन बैरल प्रति दिन की कटौती के अपने फैसले…
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सेतु आयोग का खाद्य प्रसंस्करण, उत्पादन की सप्लाई चैन, आजीविका के साधन बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर रहेगा विशेष ध्यान: राजशेखर जोशी
सेतु आयोग का खाद्य प्रसंस्करण, उत्पादन की सप्लाई चैन, आजीविका के साधन बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर रहेगा विशेष ध्यान: राजशेखर जोशी टिहरी, 12 सितम्बर 2024: विकास भवन सभागार नई टिहरी में गुरूवार को उपाध्यक्ष, सेतु आयोग (पूर्व राज्य योजना आयोग) उत्तराखण्ड राजशेखर जोशी की अध्यक्षता में जनपद के विभिन्न विभागों की कार्ययोजना, विशेष प्रोजेक्ट, महत्वपूर्ण बिन्दुओं, चुनौतियों एवं नवाचार को लेकर…
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आलु उत्पादन गरेर जीविकोपार्जन गर्दै किसान
अन्य खेतीको तुलनामा आलुबाट बढी फाइदा हुने भएपछि किसान आलुखेतीमा आकर्षित भएका हुन् ।
चौतारा, १६ मङ्सिर (रासस): सिन्धुपाल्चोकको उच्च पहाडी क्षेत्रका साथै तल्लो क्षेत्रका किसानका निम्ति पछिल्लो समय आलुखेती आम्दानीको गतिलो माध्यम बनेको छ । अन्य खेतीको तुलनामा आलुबाट बढी फाइदा हुने भएपछि किसान आलुखेतीमा आकर्षित भएका हुन् । जिल्लाको मध्य���ागमा पर्ने ब्रम्हायणी नदी आसपासका सेराफाँट, अर्चलेफाँट, सिम्लेफाँट, कुविण्डेफाँट आलुखेतीले हरियाली भएका छन् । आलु लगाएर यस क्षेत्रका किसानले…
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