shastragyan
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shastragyan · 1 year ago
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योग क्या है ? क्या नहीं है ? - योग 2
योग 2 ——— पहले भाग में बताया था कि योग मतलब जोड़ना (भाग १ का लिंक कमेन्ट में है, पहले उसे अवश्य पढ़ लें) | अंदर से बाहर को जोड़ना ही योग है | जब हम पार्क में कुछ करने जाते हैं तो यदि हम अंदर से बाहर को नहीं जोड़ रहे हैं, तो वो कुछ भी हो सकता है, पर योग नहीं हो सकता | जैसे, लाफ्टर योग – इस में ऐसी कोई प्रक्रिया नहीं होती, जिसमें हम अंदर से बाहर को जोड़ने का कोई प्रयास करते हों | अतः ये excercise…
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shastragyan · 1 year ago
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ज्ञान का भण्डार - शास्त्रज्ञान का ग्रुप - 2019
ज्ञान का भण्डार – शास्त्रज्ञान का ग्रुप – 2019 शास्त्रज्ञान का एक व्हाट्सप्प ग्रुप भी है, जिस पर शास्त्रों का अध्ययन किया जाता है | इस ग्रुप पर 2019 से अनेकों शास्त्रों का अध्ययन किया गया है | ऐसे अनेकों शास्त्रों के निहित होने से, ये व्हाट्सप्प ग्रुप, बड़े महत्व का हो गया है | जिसे, हमें आप सभी के लिए, वेबसाइट पर अपलोड कर रहे है | हमें विश्वास है कि ये ग्रुप और जानकारी, जिज्ञासुओं के लिए बहुत…
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shastragyan · 1 year ago
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ज्ञान का भण्डार - शास्त्रज्ञान ग्रुप
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shastragyan · 1 year ago
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महाभारत - प्रारम्भ से
महाभारत : भाग 1 –
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shastragyan · 1 year ago
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कैसे रक्षा होगी, धर्म की ? क्यों लिखे गए शास्त्र ?
कैसे रक्षा होगी, धर्म की ? क्या हमने कभी सोचा है कि इतने ग्रन्थ, इतने शास्त्र क्यों लिखे गए ? वो भी तब जब न कागज़ था, न बिजली थी, न व��यवस्था थी ? फिर हमारे ऋषियों ने इतने कष्ट उठाकर, ये शास्त्र क्यों लिखे ? क्यों रचे ? क्या जरूरत थी, उन लोगों को ? महाभारत में कितने लाख श्लोक है ? क्यों लिखे गए ? अब कोई क्यों नहीं लिख लेता ? अब तो पहले से अधिक सुविधाएं हैं ? क्यों पुराणों के लाखों श्लोक रचे गए ?…
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shastragyan · 1 year ago
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मॉडर्न होने का स्यापा
मॉडर्न होने का स्यापा ————— आपने पुराने समय में देखा होगा या पुरानी फिल्मो में देखा होगा । जब लड़की को देखने जाते थे तो लड़की को चलवा कर देखते थे, उससे गाने के लिए कहा जाता था और भी काफी कुछ टेस्टिंग टाइप से होती थी । लेकिन फिर आई मॉडर्न पीढ़ी । लड़कियों ने विरोध के सुर तेज किये । हम क्यों इस तरह से टेस्ट दें जैसे कि हम कोई नुमाइश की चीज हैं ! हमसे ही क्यों सवाल पूछे जाते हैं, गाने को कहा जाता…
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shastragyan · 1 year ago
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अघोरी बाबा की गीता - गुरु पूर्णिमा विशेष
अघोरी बाबा की गीता – गुरु पूर्णिमा विशेष मैंने बाबा से बोला – “बाबा ! आप ऐसे समझा रहे हो, बड़ा अच्छा लग रहा है । लेकिन बाक़ी लोगों का क्या ? उन्हें क��न समझाएगा ! दुनिया कहाँ से कहाँ जा रही है ! आप जैसा गुरु ही नहीं मिलता । गुरु ढूढों तो गुरु घंटाल मिलते हैं । अच्छा गुरु कैसे तलाशा जाए, ये एक बड़ी विकट समस्या है जनसामान्य के सामने ! इसका क्या समाधान है, बाबा ?” मेरा गुरु के बारे में टॉपिक चेंज…
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shastragyan · 1 year ago
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देवताओं को भोग कैसे लगाते हैं ?
देवताओं को भोग कैसे लगाते हैं ? क्या आपने कभी भगवन को अपने सामने भोग लगाते हुए देखा है ? कभी सोचा है हम घी का दीपक क्यों जलाते हैं, मंदिर में ? रौशनी के लिए ? ईश्वर को प्रकाश दिखाने के लिए ? क्या ये संभव है कि हम दीपक से, दिन में भगवान् को रौशनी दिखाएँ ? Tubelight या मोमबत्ती भी तो जला सकते हैं ? मैं जब छोटा था और ���मारे घर में जब कोई पिताजी से किसी ख़ास समस्या के लिए मदद मांगता था जैसे कोर्ट…
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shastragyan · 1 year ago
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शब्द अलंकार का महत्व और पुनुरुक्ति अलंकार
हम लोगों को लगता है कि काव्य को जानकार क्या करेंगे ? काव्य में गहराई न पता हो, अलंकार न पता हो तो क्या फर्क पड़ जाएगा पर ऐसा नहीं है | जब हमें किसी कला की जानकारी ही नहीं होगी तो हम उसका आनद ही नहीं ले पाएंगे | उसके रस में नहीं डूब पाएंगे | आप को लगे कि वाह क्या बढ़िया गाया है या क्या बढ़िया कविता कही है या क्या बढ़िया नृत्य किया है पर जब आपको नृत्य की बारीकियां, गायन की बारीकियां या काव्य की…
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shastragyan · 2 years ago
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योग इंजीनियरिंग - Practical Yog
योग इंजीनियरिंग – Practical Yog
योग इंजीनियरिंग हमारे अंदर, बचपन से ही, कुछ बातें भरी जाती हैं या शायद हम उन बातों को सीख लेते हैं, जैसे कि अच्छा-ख़राब, सुन्दर-असुंदर, पाप-पुण्य, भला-बुरा, सही-गलत, अपना-पराया, मेरा-तेरा आदि | ये सब बातें, हमारे अंदर प्रोग्राम हो जाती हैं, हमारे चित्त में (शरीर के 24 तत्वों में से एक में) | हमारे जीवन में, हम जितने भी निर्णय लेते हैं, वो इन्ही भावों से प्रभावित होते हैं, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष…
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shastragyan · 2 years ago
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ज्ञान किसको प्राप्त होता है और किसको नहीं ?
ज्ञान किसको प्राप्त होता है और किसको नहीं ?
विकार शब्द का अर्थ क्या होता है ? हम समझते हैं विकार शब्द मतलब कोई खराब चीज पर ऐसा नहीं है ! मनोविकार का अर्थ मन की गंदगी नहीं है | विकार का अर्थ है, कुछ नया ! माता से बच्चा हुआ, ये माता का विकार है क्योंकि वो माता से उत्पन्न होता है, पर बच्चा कोई गन्दगी नहीं है | जब किसी चीज से, कोई नयी चीज निकलती है, उसे विकार कहते हैं | जैसे कि कमल, क अर्थात जल और जो जल का मल है, उससे निकला, कमल चीज नहीं होती…
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shastragyan · 2 years ago
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तर्कशास्त्र - न्याय शास्त्र, प्रमाण क्या होता है ? प्रमा के भेद
तर्कशास्त्र – न्याय शास्त्र, प्रमाण क्या होता है ? प्रमा के भेद
बचपन में दसवीं कक्षा में, गणित में हम लोग प्रमेय सिद्ध करते थे, पर तब कभी ध्यान नहीं दिया कि ये प्रमेय शब्द का क्या अर्थ होता है ? वास्तव में हम गणित कर रहे होते थे, पर तर्कशास्त्र के अनुसार ! प्रमेय माने होता है, वो वाक्य, वो विषय, जिसे तर्क से सिद्ध करना होता है | और फिर हम, उस प्रमेय को सिद्ध करते थे | कमाल है, हम बचपन में तर्कशास्त्र को छू कर निकल गए, और कभी ध्यान नहीं गया | बड़े हुए, तो बात…
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shastragyan · 2 years ago
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अहंकार, अभिमान और घमंड में क्या अंतर है ?
अहंकार, अभिमान और घमंड में क्या अंतर है ?
प्रकृति तीन गुणों वाली होती है तो प्रकृति से बना सब कुछ भी तीन प्रकार का होगा | बहुधा, लोग अभिमान, घमंड और अहंकार – तीनो का एक ही अर्थ कर देते हैं लेकिन तीनों एक नहीं होते हैं | कोई भी दो शब्दों का अर्थ एक हो ही नहीं सकता है, जैसे चन्द्रमा को कहते हैं, निशाचर – रात्रि में चलने वाला लेकिन निशाचर तो रात्रि के जानवर यथा सांप को भी कहा जाता है | चन्द्रमा को कहा जाता है, शशांक तो शशांक का अर्थ होता…
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shastragyan · 2 years ago
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अभिमान, घमंड और अहंकार By Pt Dr Ashok Sharma
अभिमान, घमंड और अहंकार By Pt Dr Ashok Sharma
प्रकृति तीन गुणों वाली होती है तो प्रकृति से बना सब कुछ भी तीन प्रकार का होगा | बहुधा, लोग अभिमान, घमंड और अहंकार – तीनो का एक ही अर्थ कर देते हैं लेकिन तीनों एक नहीं होते हैं | कोई भी दो शब्दों का अर्थ एक हो ही नहीं सकता है, जैसे चन्द्रमा को कहते हैं, निशाचर – रात्रि में चलने वाला लेकिन निशाचर तो रात्रि के जानवर यथा सांप को भी कहा जाता है | चन्द्रमा को कहा जाता है, शशांक तो शशांक का अर्थ होता…
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shastragyan · 3 years ago
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तर्कशास्त्र - न्याय शास्त्र, प्रमाण क्या होता है ? प्रमा के भेद
तर्कशास्त्र – न्याय शास्त्र, प्रमाण क्या होता है ? प्रमा के भेद
बचपन में दसवीं कक्षा में, गणित में हम लोग प्रमेय सिद्ध करते थे, पर तब कभी ध्यान नहीं दिया कि ये प्रमेय शब्द का क्या अर्थ होता है ? वास्तव में हम गणित कर रहे होते थे, पर तर्कशास्त्र के अनुसार ! प्रमेय माने होता है, वो वाक्य, वो विषय, जिसे तर्क से सिद्ध करना होता है | और फिर हम, उस प्रमेय को सिद्ध करते थे | कमाल है, हम बचपन में तर्कशास्त्र को छू कर निकल गए, और कभी ध्यान नहीं गया | बड़े हुए, तो बात…
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shastragyan · 3 years ago
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अहंकार, अभिमान और घमंड में क्या अंतर है ?
अहंकार, अभिमान और घमंड में क्या अंतर है ?
प्रकृति तीन गुणों वाली होती है तो प्रकृति से बना सब कुछ भी तीन प्रकार का होगा | बहुधा, लोग अभिमान, घमंड और अहंकार – तीनो का एक ही अर्थ कर देते हैं लेकिन तीनों एक नहीं होते हैं | कोई भी दो शब्दों का अर्थ एक हो ही नहीं सकता है, जैसे चन्द्रमा को कहते हैं, निशाचर – रात्रि में चलने वाला लेकिन निशाचर तो रात्रि के जानवर यथा सांप को भी कहा जाता है | चन्द्रमा को कहा जाता है, शशांक तो शशांक का अर्थ होता…
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shastragyan · 3 years ago
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Who is astik and who is Nastik ? Who controls our lives ? do we ? By Pt Ashok Sharma
Who is astik and who is Nastik ? Who controls our lives ? do we ? By Pt Ashok Sharma
हम लोग जब सफल होते हैं तो कहते हैं, कि ये सफलता हमने प्राप्त की है, अपनी मेहनत से | लेकिन जब हम हार जाते हैं तो ईश्वर को दोष देते हैं ? कौन चलाता है हमें ? क्या हमारे काम हमें चलाते हैं या कोई ईश्वर नाम की शक्ति उसे चला रही है ? यदि ईश्वर चला रहा है, तो फिर हमारे करने का क्या लाभ ? ऐसा क्या है, जो उस ईश्वर के बिना नहीं चलता ? कौन आस्तिक है और कौन नास्तिक है ? आज जानते है, ये सब विस्तार में, इस…
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