#vishnuji
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bhagavanbhakthi · 3 months ago
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Lord Vishnu sleeping on Serpent Adishesh Naag
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pray-everyday · 9 days ago
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parasparivaarorg · 1 month ago
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पारस परिवार संगठन में रामनवमी उत्सव
पारस परिवार के संस्थापक, आदरणीय “महंत श्री पारस भाई जी” एक सच्चे मार्गदर्शक, एक महान ज्योतिषी, एक आध्यात्मिक लीडर, एक असाधारण प्रेरक वक्ता और एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो देश और समाज के कल्याण के लिए खुद को समर्पित करते हैं। उनका एक ही लक्ष्य है लोगों के सुखी और समृद्ध जीवन की कामना करना। लोगों को अँधेरे से निकालकर उनके जीवन में रोशनी फैलाना।
“पारस परिवार” हर किसी के जीवन को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है। पारस परिवार से जो भी जुड़ जाता है वो इस परिवार का एक अहम हिस्सा बन जाता है और यह संगठन और भी मजबूत बन जाता है। जिस तरह एक परिवार में एक दूसरे की जरूरतों का ख्याल रखा जाता है। ठीक उसी तरह पारस परिवार भी एक परिवार की तरह एक दूसरे का सम्मान करता है और जरूरतमंद लोगों के जीवन में बदलाव लाने के साथ यह परिवार एकजुट की भावना रखता है ।
‘महंत श्री पारस भाई जी’ एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहते हैं जहाँ कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे, जहाँ जाति-धर्म के नाम पर झगड़े न हों और जहाँ आपस में लोग मिलजुलकर रहें। साथ ही लोगों में द्वेष न रहे और प्रेम की भावना का विकास हो। पारस परिवार निस्वार्थ रूप से जन कल्याण की विचारधारा से प्रभावित है।
इसी विचारधारा को लेकर वह भक्तों के आंतरिक और बाहरी विकास के लिए कई आध्यात्मिक और सामाजिक कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित करते हैं। आध्यात्मिक क्षेत्र (Spiritual Sector) की बात करें तो महंत श्री पारस भाई जी “दुख निवारण महाचण्डी पाठ”, “प्रार्थना सभा” और “पवित्र जल वितरण” जैसे दिव्य कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
जिससे वे भक्तों के दुखों का निवारण, उनकी आंतरिक शांति और उनकी सुख-समृद्धि के लिए समर्पित हैं। इसी तरह सामाजिक क्षेत्र की बात करें तो पारस परिवार सामाजिक जागरूकता और समाज कल्याण के लिए भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने के लिए लंगर, धर्मरथ और गौ सेवा जैसे महान कार्यों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा हरियाणा और मध्य प्रदेश में “डेरा नसीब दा” जैसे महान कार्य का निर्माण भी है, जहाँ जाकर सोया हुआ नसीब भी जाग जाता है।
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रामनवमी, भगवान राम के जन्म की स्मृति में मनाया जाने वाला शुभ त्योहार, आत्मनिरीक्षण, भक्ति और सामुदायिक आनंद का अवसर है। पारस परिवार संगठन सेवा, करुणा और एकता के प्रति हमारे समर्पण को दोहराते हुए इस आयोजन की भावना को अपनाता है, जो सभी भगवान राम की शिक्षाओं में गहराई से निहित हैं।
हमारा विशेष कार्य
पारस परिवार चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना महंत श्री पारस भाई जी की सहायता से गरीबों के उत्थान और समुदाय की भावना को बढ़ावा देने के लक्ष्य के साथ की गई थी। हमारा आदर्श वाक्य, “उनकी मुस्कुराहट के पीछे माँ की खुशी है,” यह सुनिश्चित करने के लिए हमारे समर्पण का प्रतीक है कि हम जिस भी व्यक्ति की मदद करते हैं वह महत्वपूर्ण और अच्छी देखभाल महसूस करता है।
भगवान राम से प्रेरित मूल्य
भगवान राम करुणा, धर्म और निस्वार्थ सेवा जैसे मूल्यों के अवतार हैं। हम पारस परिवार के रूप में अपने प्रयासों को इन सिद्धांतों पर आधारित करते हैं:
धार्मिकता (धर्म): हम जो कुछ भी करते हैं उसमें खुद को नैतिक रूप से संचालित करने का प्रयास करते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि हमारे कार्य जरूरतमंद लोगों की मदद करने के हमारे लक्ष्य के अनुरूप हैं।
करुणा: भगवान राम के समान, जो सभी जीवित चीजों के प्रति दयालु थे, हम अपने आउटरीच प्रयासों में सहानुभूति को प्राथमिकता देते हैं। हमारे कार्यक्रम तत्काल राहत प्रदान करने के अलावा दीर्घकालिक रूप से आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
एकता: रामनवमी का मूल उद्देश्य लोगों को एकजुट करना है. हम सभी को पारस परिवार में अपने परिवार का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करते हैं क्योंकि हम सामुदायिक सहयोग की क्षमता में दृढ़ता से विश्वास करते हैं। एक टीम के रूप में हम बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
राम नवमी एक साथ मनाएं
हम आपको इस रामनवमी पर हमारे उत्सवों और स्वैच्छिक कार्यों में शामिल होने के लिए सादर आमंत्रित करते हैं। यहां बताया गया है कि आप कैसे भाग ले सकते हैं:
��्वैच्छिक अवसर: जरूरतमंद लोगों को शिक्षा, खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से विभिन्न आउटरीच कार्यक्रमों में हमसे जुड़ें।
सामुदायिक कार्यक्रम: हमारे उत्सव समारोहों में भाग लें जो सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाते हैं और विभिन्न समुदायों के बीच एकता को प्रोत्साहित करते हैं।
दान: आपका योगदान हमें अपनी पहुंच का विस्तार करने और गरीबी में रहने वाले और शिक्षा तक पहुंच के बिना रहने वाले अधिक लोगों की सहायता करने की अनुमति देगा।
हमारा प्रभाव
अपनी स्थापना के बाद से, हमने कई कार्यक्रम चलाए हैं जिनसे खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में दस लाख से अधिक लोगों के जीवन में सुधार हुआ है। हमारे निरंतर प्रयास यह गारंटी देते हैं कि हम न केवल त्वरित सहायता प्रदान करते हैं बल्कि देश भर में गरीबी कम करने और शैक्षिक संभावनाओं में सुधार करने का भी प्रयास करते हैं।
हमसे जुड़ें
आइए हम राम नवमी मनाते हुए भगवान राम के मूल्यों के जीवंत उदाहरण के रूप में अपना जीवन जीने का प्रयास करें। हम आपको उन लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए पारस परिवार संगठन में हमारे साथ काम करने के लिए सादर आमंत्रित करते हैं जो कम भाग्यशाली हैं। साथ मिलकर काम करके, हम एक अधिक आशाजनक भविष्य का निर्माण कर सकते हैं जो अवसरों से भरा हो।
आइए, अंत में, सेवा करने, दयालु होने और साथ मिलकर काम करने का संकल्प लेकर भगवान राम की विरासत को श्रद्धांजलि अर्पित करें। हमारे साथ इस सम्मानजनक यात्रा पर आइए क्योंकि हम एक ऐसे समाज का निर्माण करने का प्रयास कर रहे हैं जिसमें हर कोई समृद्ध हो सके।
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pardumansuri · 1 year ago
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भगवान विष्णु को सुदर्शन चक्र किसने दिया ⁉️ Stay connected with us @astroparduman Book Your Appointment on 📞🔥 7876999199 🔥📞
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bhuvneshwarimoortiart · 2 years ago
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Vishnu Laxmi Ji Marble Statues | Best Manufacturer of Marble God Idols
In this video we are sharing the complete process from manufacturing to packaging of marble god idols. We have a huge collection of marble laxmi vishnu ji idols in white and colored marble in various designs and postures. And also, we always use safe packaging for the delivery of marble statues.
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fortunatelytooartisan · 7 months ago
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Do you know,
in Shivpuran, Chapter 6 and 7, there is evidence of the origin of Vishnuji and Brahmaji from the union of Mother Durga and Father Sadashiv (KaalBrahm).
#भूखेबच्चेदेख_मां_कैसे_खुश_हो
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sk123sposts · 11 months ago
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mamtasahu4542 · 1 year ago
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rajesh-kumar-hp-74 · 1 month ago
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#भूखे_बच्चों_को_देख_माता_दुखी
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#माँ_को_खुश_करनेकेलिए_पढ़ें_ज्ञानगंगा #Navratri2024
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lomashpatel · 7 months ago
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in Shivpuran, Chapter 6 and 7, there is evidence of the origin of Vishnuji and Brahmaji from the union of Mother Durga and Father Sadashiv (KaalBrahm).
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bhagavanbhakthi · 2 months ago
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Sri Anantapadmanabha Deity installed by Sri Janamejaya, Narayana Pete, Telangana State
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jasbiradhana · 7 months ago
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#माँ_को_खुश_करनेकेलिए पढ़ें ज्ञान गंगा
Do you know,
in Shivpuran, Chapter 6 and 7, there is evidence of the origin of Vishnuji and Brahmaji from the union of Mother Durga and Father Sadashiv (KaalBrahm).
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parasparivaarorg · 2 months ago
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विजया एकादशी क्या है पारस जी से जाने?
हर महीने में दो बार एकादशी व्रत किया जाता है और इस तरह एक साल में 24 एकादशी व्रत किए जाते हैं। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं। यदि आप चाहते हैं कि आपको किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त हो तो इसके लिए विजया एकादशी का व्रत रखें। इस व्रत को रखने से और भगवान विष्णु की पूजा करने से आपको जीवन में अवश्य सफलता मिलती है। इसी कड़ी में आइये जानते हैं कब है विजया एकादशी का व्रत और क्या है इस व्रत का महत्व ?
कब है विजया एकादशी 2024 ?
हिंदू धर्म ���ें एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी विजया एकादशी के नाम से जानी जाती है। उदयातिथि के आधार पर विजया एकादशी का व्रत 6 मार्च बुधवार को है। क्योंकि एकादशी तिथि का सूर्योदय 6 मार्च को होगा इसलिए यह व्रत इसी दिन किया जायेगा। यह व्रत शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए भी किया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्री राम ने रावण से युद्ध करने से पहले विजया एकादशी का व्रत रखा था, जिसके प्रभाव से उन्होंने रावण का वध किया था इसलिए इस दिन व्रत रखना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
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विजया एकादशी व्रत की पूजा विधि
विजया एकादशी के दिन सबसे पहले सवेरे उठकर स्नान आदि करें और फिर सच्चे मन से भगवान विष्णु का नाम लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। फिर भगवान को अक्षत, फल, पुष्प, चंदन, मिठाई, रोली, मोली आदि अर्पित करें। भगवान विष्णु को तुलसी दल जरूर अर्पित करें क्योंकि भगवान विष्णु को तुलसी अत्यधिक प्रिय है। श्रद्धा-भाव से पूजा कर अंत में भगवान विष्णु की आरती करने के बाद सबको प्रसाद बांटें।
इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना भी शुभ होता है क्योंकि इस पाठ को करने से लक्ष्मी जी आपके घर में वास करती हैं। महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि विजया एकादशी के शुभ दिन किसी गोशाला में गायों के लिए अपनी सामर्थ्य के अनुसार धन का दान करें। विजया एकादशी के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। गरीबों व जरूरतमंदों को अन्न , वस्त्र, दक्षिणा आदि दान करें।
विजया एकादशी पारण
विजया एकादशी व्रत के दूसरे दिन पारण किया जाता है। एकादशी व्रत में दूसरे दिन विधि-विधान से व्रत को पूर्ण किया जाता है। विजया एकादशी व्रत का पारण 7 मार्च, गुरुवार को किया जाएगा। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि इस व्रत का पारण करने से पहले आप ब्राह्मणों को भोजन अवश्य करायें और साथ ही अपनी सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंद को दान करें और इसके बाद ही स्वयं भोजन करें।
विजया एकादशी व्रत का महत्व
एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन उपवास रखने का विशेष महत्व है। साल में जो 24 एकादशी आती हैं, हर एकादशी का अपना अलग महत्व है। विजया एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति की मुश्किलें दूर होती हैं और हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। महंत श्री पारस भाई जी का कहना है कि भगवान विष्णु के आशीर्वाद से पाप मिटते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। विजया एकादशी जिसके नाम से ही पता चलता है कि इस एकादशी के प्रभाव से आपको विजय की प्राप्ति होती है। यानि विजय प्राप्ति के लिए इस दिन श्रीहरि की पूजा करना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके अलावा यह भी मान्यता है कि जो मनुष्य विजया एकादशी का व्रत रखता है उस मनुष्य के पितृ स्वर्ग लोक में जाते हैं।
पूजा के समय इस मंत्र का जाप करें- कृं कृष्णाय नम:, ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:। महंत श्री पारस भाई जी ने इस व्रत के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि पद्म पुराण और स्कन्द पुराण में भी ��स व्रत का वर्णन मिलता है। विजया एकादशी का व्रत भी बाकी एकादशियों की तरह बहुत ही कल्याणकारी है।
महंत श्री पारस भाई जी आगे कहते हैं कि यदि आप शत्रुओं से घिरे हो और कैसी भी विकट परिस्थिति क्यों न हो, तब विजया एकादशी के व्रत से आपकी जीत निश्चित है।
इस दिन ये उपाय होते हैं बहुत ख़ास
तुलसी की पूजा विजया एकादशी के दिन तुलसी पूजा को बहुत ही अधिक महत्व दिया जाता है। इस तुलसी के पौधे को जल अर्पित कर दीपक जलाएं। इसके अलावा तुलसी का प्रसाद भी ग्रहण करें। ऐसा करने से घर से दुःख दूर होते हैं और घर में खुशालीआती है ।
शंख की पूजा
विजया एकादशी के दिन तुलसी पूजा की तरह शंख पूजा का भी अत्यधिक महत्व है। इस दिन शंख को तिलक लगाने के बाद शंख में जल भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक कर शंख बजाएं। शंख से अभिषेक कर बजाना भी फलदायी माना जाता है। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
पीला चंदन प्रयोग करें
महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि विजया एकादशी के दिन पीले चंदन का अत्यंत महत्व होता है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु को और स्वयं भी पीले चंदन का टीका अवश्य लगाएं। पीले चंदन का टीका लगाने से आपको कभी असफलता नहीं मिलेगी और आपकी सदैव जीत होगी।
ॐ श्री विष्णवे नम: “पारस परिवार” की ओर से विजया एकादशी 2024 की हार्दिक शुभकामनाएं !!!
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suryabhansingh · 7 months ago
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🎎 माँ_को_खुश_करनेकेलिए पढ़ें ज्ञान गंगा
🥏 Do you know,
in Shivpuran, Chapter 6 and 7, there is evidence of the origin of Vishnuji and Brahmaji from the union of Mother Durga and Father Sadashiv (KaalBrahm).
For more information must watch Sadhna Channel at 07:30 pm.
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pinky-nayak-134 · 1 year ago
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#SpiritualKnowledgeOnNavratri
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Do you know, in Shivpuran, Chapter 6 and 7, there is evidence of the origin of Vishnuji and Brahma Ji from the union of Mother Durga and father Sadashiv (Kaal Brahm).
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ishwarderwal · 8 days ago
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#GodNightSaturday
DO YOU KNOW,
in Shivpuran, Chapter 6 and 7,
there is evidence of the origin of Vishnuji and Brahmaji from the union of Mother Durga and Father Sadashiv [KaalBrahm].
To know, must read the previous book "Gyan Ganga" by Sant Rampal Ji Maharaj
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