#kadaknatheggs
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kadaknathh · 14 days ago
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Which is the best brand of egg in Mumbai?
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At Kadaknath Agro World, we’re proud to bring the people of Mumbai the finest quality Kadaknath Eggs. Our eggs come from the unique Kadaknath breed, known for its incredible nutritional value and rich taste. Unlike regular eggs, Kadaknath eggs are packed with higher protein, essential amino acids, and vitamins, making them a superfood choice for anyone who cares about their health.
Our commitment to quality means that every egg is farmed with care, without harmful additives. When you choose Kadaknath Eggs, you're choosing natural goodness with a distinctive flavor and texture that enhances any dish—whether it's a simple boiled egg or a gourmet recipe. We work hard to ensure each egg reaches you fresh, so you can taste the difference that our ethical farming practices make.
If you’re in Mumbai and looking for eggs that offer more than just a meal, Kadaknath Eggs from Kadaknath Agro World are here to elevate your nutrition and bring you a premium, healthful experience every time. Try them and experience the quality that makes us a top choice for eggs in Mumbai
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fishcuttingchicks · 1 year ago
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Negra KADAKNATH Hen Hatching Turkey Eggs to Chicks (Baby Chicken) in Car tyre 
#KadaknathHatching #EggToChick #ChickRearing #PoultryHatching #KadaknathChicks #HatcheryLife #ChickCare #KadaknathEggs #IncubationProcess #BroodingTips #ChickHealth #HatchingSuccess
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wingsgrowllp · 4 years ago
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कड़कनाथ कुक्कुटों के आवास की संरचना एवम सिद्धांत Wingsgrow के साथ
1. मुर्गी आवास शहर या कस्बों से दूर होना चाहिए|
2. पानी एवम बिजली के सही व्यवस्था होना चाहिए|
3. मुर्गी आवास पहाड़ी एवम  निचले क्षेत्र  में नहीं होने चाहिए|
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4. मुर्गी आवास में आवश्यक है कि सूर्य का प्रकाश आवास के अंदर सीधा प्रवेश न करे| इससे बचने के लिए आवास की लम्बाई पूर्व से पश्चिम  दिशा में होना चाहिए|
5. मुर्गी आवास की ऊँचाई 12 से 15 फ़ीट तक होना चाहिए|
6. खिड़की से फर्श तक की ऊँचाई कम से कम 2 फिट होना चाहिए|
7. मुर्गी आवास की पैराफिट दीवार 1 से 1.5 फिट होना चाहिए|
8. मुर्गी आवास की चौड़ाई 20 से 25 फिट से अधिक नहीं होना चाहिए|
9. मुर्गी आवास से गंदे पानी की निकासी का अच्छा साधन होना चाहिए|
10- मुर्गी आवास के आस-पास  झाड़-पेड़ नहीं होना चाहिए|
कड़कनाथ कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के बारे में और अधिक जानने के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करें- www.wingsgrow.org or Call Us- +918423722788
Original Source-  http://blog.wingsgrow.org/
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vaibhavidm-blog · 6 years ago
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Train like an athelete.. Eat like a nutritionist.. And win like a champion.. Be healthy..be fit.. eat healthy food...get healthier with Kadaknath 💫 #kadaknathquotes #kadaknath #kadaknatheggsandchicken #kadaknatheggs #behealthy #thinkhealthy https://www.instagram.com/p/BwEZ0vmF3gL/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=1j3jgt9yez498
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kblivestockfarm · 6 years ago
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KB livestock Farm: kadaknath chicken and chicks for sell. The best, leading kadaknath poultry farm website lists kadaknath chicken for sale in India. http://www.kblivestockfarm.com  
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egiyok321 · 3 years ago
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Did you know About KADAKNATH Egg Rate in Haryana
Haryana is one of the states where egg production is very high. 3.5 crores of eggs come from this state. Here, there are more than 2,000 farmers who are behind this vast production. Each Indian state have similar egg production. The Egiyok helps to improve eggs production by providing  different eggs rate of Haryana and all over India rates. The daily egg rate in Haryana is also given in the daily rate sheet for the analysis of the poultry egg rates of that month. Protein is necessary for the body to build and repair body tissues. Consumers are always in search of newer products and are driving the market for a new category of food with potential health benefits well beyond those traditionally recognized. Eggs have so many health benefits like: - The large chicken egg contains approximately 5 grams of fat. - Water (74%). - Carbohydrates (1%). - Protein (13%).
 So the Egiyok website helps to see or check all daily rates of Haryana eggs or all over India
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rajefarmsdevendraraje · 7 years ago
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#kadaknath #kadaknathchicken #blackchicken #kadaknatheggs #Kadaknathinmumbai #kadaknathinnavimumbai 1. High protein more than 25% (highest of all chicken breads) 2. Low fat73-1.05% only (lowest of all chicken breads) 3. Vitamins b1, b2, b6, b12, c and e, niacin, protein, fat, calcium, phosphorus, iron, nicotinic acid etc. 4. High levels of 18 essential amino acids as well as hormones that are required by the human body. 5. The amount of fat deposited in the body of a kadaknath chicken is itself very negligible. 6. It has great importance in siddha & homeopathy medicines for treating nervous disorder. Call 9967607308 (at Navi Mumbai (New Mumbai), India)
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kadaknathh · 17 days ago
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How can you make scrambled eggs without them sticking or becoming mushy?
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Making perfect scrambled eggs without them sticking or becoming mushy can be easier than you think, especially when using high-quality eggs like Kadaknath Eggs from Kadaknath Agro World. Here’s a simple guide to get those fluffy, smooth scrambled eggs every time.
Use Fresh Eggs: Start with fresh eggs, like Kadaknath Eggs, which are known for their rich flavor and better texture. The freshness helps in creating fluffier scrambled eggs.
Whisk Well: Crack the eggs into a bowl and whisk them thoroughly. The more air you incorporate, the fluffier your scrambled eggs will turn out.
Choose the Right Pan: Use a non-stick skillet and heat it on low to medium. A hot pan can cause the eggs to cook too fast and become dry.
Use Butter or Ghee: Adding a small amount of butter or ghee to the pan makes a huge difference. It helps prevent sticking and adds a creamy texture.
Cook Gently: Pour the eggs into the pan and stir gently. Avoid high heat, as this can cause the eggs to cook too quickly, leading to a rubbery texture.
By following these tips, and with the goodness of Kadaknath Eggs, you can enjoy perfect scrambled eggs without them sticking or becoming mushy!
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wingsgrowllp · 4 years ago
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Method of giving grains and water in Kadaknath Chick
पानी देने का तरीका- पानी हमेशा साफ़ व ताज़ा पिलाना चाहिए| पानी देने से पूर्व पानी के बर्तन को हमेशा निरमा से स्वच्छ कर लेना चाहिए तत्पश्चात बर्तन धूप में सुखा कर साफ़ कपड़े से पोंछकर फिर ताज़ा पानी लगाना चाहिए| पानी में विटामिन या कोई भी अन्य दवा देना हो तो, सुबह के समय पहले पानी में देना चाहिए| दवाइयां पिलाने के लिए कम पानी का उपयोग करना चाहिए| जिससे कि दवायुक्त  पूरा पानी चूजे पी सके| दवायुक्त पानी  समाप्त हो जाने के बाद सादा पानी लगा देना चाहिए|
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दाना देने का तरीका:- दाना देने से पूर्व दाने के बर्तनों की सफाई आवश्यक रूप से कर लेना चाहिए एवं दाना फीडरों में इतना भरना चाहिए कि दाना गिरने न पायें| दाना भरने के बर्तनों को सप्ताह में दो बार निरमा या ब्लीचिंग से अवश्य धोना चाहिए| प्रत्येक दो घंटे में दाना डालना चाहिए या तो फीडरों में खाली हाथ चलाना चाहिए ताकि दाने में जो पाउडर हो वह भी दाने के बड़े टुकड़ों के साथ उठता (खपत) जाए क्योंकि दाने में जो पाउडर होता है,आवश्यक तत्व उसी में अधिक मात्रा में पाये जाते है|
दाना मिलाने का तरीका- यदि दाने में कोई दवा मिलाना हो तो दवा की सही मात्रा तौलकर पहले थोड़े से दाने में मिला लेना चाहिए| इसके बाद दवा मिले हुए दाने को, जितने दाने में मिलाना हो उसके ऊपर बुरक लेना चाहिए बुरकते समय ध्यान रखना चाहिए कि दवा मिले दाने का पाउडर न उड़ने पाये नहीं तो दवा की मात्रा भी उड़ जायेगी| इसके लिए सावधानी पूर्वक दाने में दवा मिलानी चाहिए| दाने में दवा का बुरकाव कर लेने के बा��� दाने के ढेर को फावड़े की सहायता से पहले दो बार मिलाना चाहिए| इसके बाद फावडे को घुमा-घुमा कर दाना मिक्स करना चाहिए मिक्स दाने को खुला नहीं छोड़ना चाहिए इसे पुन: बोरे में भरकर रखना चाहिए| दाना मिलते समय यह देखना आवश्यक है कि दाने में नमी, फफूंद आदि तो नहीं है यदि है तो ऐसे दाने का प्रयोग भूलकर भी नहीं करना चाहिए या नमी युक्त ढेलों को छानकर अलग कर लेना चाहिए एवं दाने को सुखा लेना चाहिए| ध्यान रहे नमी युक्त  ढेले, दाने में मिक्स नहीं करना चाहिए| मुर्गी व्यवसाय में हमेशा अच्छा दाना , अच्छी दवा , अच्छा पानी, अच्छे चूजों का उपयोग करना चाहिए| मुर्गियों के लिए उपयोग में लाने वाला देना अधिक दिनों तक तैयार करके नहीं रखना चाहिए क्योंकि इसमें विषाक्त पदार्थ बनने लगते है जो कि मुर्गियों के लिए हानिकारक है|
दाना रखने में सावधानियां: 1. दाना हमेशां सूखी व् साफ़ जगह पर रखना चाहिए 2. दाने को लकड़ी के तख्ते के ऊपर रखना चाहिए ताकि दाने में नमी का प्रभाव न पड़ सके| 3. लकड़ी के तख्ते को दीवार से थोड़ा दूर रखना चाहिए 4. आवश्यकता से अधिक स्टॉक नहीं करना चाहिए 5. दाना गोदाम में पुराने बोरे या पुराना दाना नही रखना चाहिए 6. दाना के गोदाम में बिजली बोर्ड या बिजली के तार खुले नहीं छोड़ना चाहिए|
For more information about Kadaknath Contract Farming UP .
Visit here… http://blog.wingsgrow.org/
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wingsgrowllp · 4 years ago
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Kadaknath Brooding Management
ब्रूडिंग व्यवस्था चूजों के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण इकाई है| क्योकि ब्रूडिंग में ही पक्षी का भविष्य, उत्पादन एवं लाभ व हानि निर्धारित होती है| इसलिए ब्रूडिंग का सही प्रबंधन पहले दिन से लेकर 4-6 सप्ताह तक की आयु तक में करना चाहिए| जब तक की चूजा  अपने आप में सक्षम नहीं हो जाता है तब तक उन्हें सेयना पड़ता है|ब्रूडिंग का समय कड़कनाथ पालन के लिए बहुत कठिन होता है| यदि ��ुक्कुट पालक ब्रूडिंग के समय सही व्यवस्था नहीं कर पाता तो चूजों के मरने की संख्या प्रथम सप्ताह में ही 7 से 10 प्रतिशत हो जाती है|
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ब्रूडर क्या है:- यह अधिकतर बांस की टोकनी या चद्दर का बना होता है|जो चूजों को गर्मी प्रदान करता है, इन ब्रूडरो में 100 से 200 वाट के बल्ब लगे रहते है जिनके जलने से गर्मी पैदा होती है जो चूजों के लिए ठण्ड के दिनों में आवश्यक है| ब्रूडरों की ऊंचाई प्रथम सप्ताह में 6 से 10 इंच तक होनी चाहिए| स्थिति अनुसार ऊंचाई घटाई एवं बढ़ाई जा सकती है| चिक गार्ड:- यह चद्दर या कार्ड बोर्ड का बना होता है| इसकी ऊंचाई लगभग 1 फीट से 1.5 फिट तक होती है तथा पट्टी की लम्बाई 8 फिट से 10 फिट तक होती है| चिक गार्ड को ब्रूडर से 25- 30 इंच की  दूरी से घेर देना चाहिए| वातावरण के मुताबिक इसकी ऊंचाई घटाई एवं बढ़ाई जा सकती है| ब्रूडर के बाहर  चिक गार्ड के अंदर दाने एवं पानी के बर्तन लगा देना चाहिए|  6 से 10 दिन के अंदर ब्रूडर की ऊंचाई बढ़ा देना चाहिए एवं चिक गार्ड की आवश्यकता न हो तो निकल कर अलग कर देना चाहिए या दो चिक गार्ड मिलाकर एक कर देना चाहिए| गर्मी के दिनों में 1-2 वाट बिजली प्रति चूजे के लिए पर्याप्त होती है लेकिन ठंडी के दिनों में 4-5 वाट बिजली की खपत प्रति चूजों पर होती है एक चिक गार्ड में ज्यादा से ज्यादा  250 से 300 चूजों की ब्रूडिंग की जा सकती है| ब्रूडिंग तापमान:- सही तापमान बनाए रखने को ही ब्रूडिंग कहते है| अच्छे परिणाम  प्राप्त करने के लिए प्रथम सप्ताह में 35°C से 37°C या 90°f  से 95 °f होना अति आवश्यक है| प्रथम सप्ताह के बाद प्रति सप्ताह 2.5°C  या 5°C तापमान कम करते जाना चाहिए| अंतिम तापमान 21°C  से 23°C  या 65°f से 70°f तक होना चाहिए| तापमान मापने की इकाई थर्मामीटर होती है लेकिन थर्मा मीटर पर आश्रित नहीं रहना चाहिए| सबसे अच्छा तरीका यह है कि चूजों की स्तिथि (रहन-सहन) से तापमान का अंदाजा लगाना चाहिए| यदि चिक गार्ड के अंदर स्वतंत्र रूप  से  विचरण कर  रहे हो तो ऐस�� स्तिथि में यह समझाना चाहिए कि तापमान चूजों के अनुकूल है|
For more information Kadaknath Contract Farming
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wingsgrowllp · 4 years ago
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Benefits of Kadaknath Chicken or Black Meat Chicken
1- कड़कनाथ (Kadaknath)माँस की माँग देश के अलावा विदेशो मे बहुत ज्यादा होने के  कारण एक अच्छा व्यापार युवाओं के लिए उपलब्ध कराता है| 2- ओरिजनल कड़कनाथ माँस में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है और वसा न के बराबर होता है इसीलिए  इसको  सभी खिलाडियों को खाने की सलाह दी जाती है |
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  3- कड़कनाथ माँस के सेवन से न केवल  शारीरिक वृद्धि बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है और अनेकों बीमारियों से बचा जा सकता है 4- कड़कनाथ होम्योपेथी चिकित्सा और तंत्रिका विकार में विशेष औषधि का काम करता है और आदिवासी लोग इसके रक्त से पुरातन और चिरकालीन गंभीर रोगों के इलाज करते है| 5- मनुष्य इसके मांस  का उपयोग कामोत्तेजक के रूप में लैंगिक ताकत बढ़ाने के लिए प्रयोग करते है|
For more information about Kadaknath Chicks. Please Visit here... http://blog.wingsgrow.org/
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wingsgrowllp · 4 years ago
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Maintenance of Kadaknath Chicks for one to Seven Days
प्रथम दिन
ब्रूडर का तापमान 90 डिग्री फ़ारेनहाइट से 95 डिग्री फ़ारेनहाइट तक होना अतिआवशयक है|
चूजों को दाना खिलाने एवं पानी पिलाने का अभ्यास आवश्यक रूप से कराना चाहिए
पानी में इलेक्ट्रॉल 24 घंटे तक से देना चाहिए, ई. केयर सी दिन में एक बार देना चाहिए|
ध्यान रहे कि बुरादे के ऊपर बिछाए गए पेपर कम से कम 6 दिन तक बिछे रहना चाहिए यदि पेपर गीला होता है, या फट जाता है तो उसे बदल देना चाहिए|
8 से 10 किलो तक चिक मेज 1000 चूजों पर देना चाहिए| मात्र 24 घन्टे चिक मेज पेपर में बुरक देना चाहिए| इसके बाद ट्रे में या बेबी चिक फीडर में फीडिंग कराना चाहिए|
यदि चूजा प्रथम सप्ताह में खुले बुरादे में चलता है तो यह आवश्यक है कि आने वाले दिनों में ई कोलाई या सांस सम्बंधी समस्या बनेगी|
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दूसरे दिन:- चिक फीड ( स्टार्टस मेस )चालू कर देना चाहिए एवं चूजों को देखे कि वे दाना व पानी सही मात्रा में ग्रहण करते है या नहीं| पानी में इलेक्ट्रॉल, विटामिन बी काम्प्लेक्स, एड़ी 3 ई. सी. एवं ई. केयर देना चाहिए|
तीसरे दिन:-
विटामिन, प्रोबायोटिक्स, ई. केयर सी. दिन में एक बार पानी में देना चाहिए एवं एंटीबायोटिक दवा हर पानी में देना चाहिए|
पानी के बर्तन उपयुक्त मात्रा में होने चाहिए तथा पानी के बर्तन को उल्टे स्टैंड में लगाना चाहिए ताकि छोटे बड़े सभी चूजे भलीभाँति पानी पी सके|
चौथे दिन:-
विटामिन, प्रोबायोटिक्स का पानी दिन में एक बार एवं एंटीबायोटिक दवा का पानी हर पानी में देना चाहिए|
ब्रूडर की थोड़ी सी ऊंचाई बढ़ा देनी चाहिए| चिक गार्ड की चौड़ाई भी बढ़ा देनी चाहिए देखना चाहिए चूजे आराम से है या नहीं|
पांचवे दिन:-
विटामिन, प्रोबायोटिक्स का पानी दिन में एक बार एवं एंटीबायोटिक दवा हर बार पानी में देना चाहिए|
पांचवे दिन य��ि देखने में महसूस हो की जगह की कमी हो रही तो चिक गार्ड मिलाकर एक कर देना चाहिए ताकि जगह की वृद्धि हो सके और चूजों को भी आराम मिल सके
छठवें दिन:-
केवल विटामिन एवं प्रोबायोटिक्स का पानी देना चाहिए|
पेपर हटा देना चाहिए, पानी एवं दाने के बर्तन प्रति हज़ार चूजो पर 3:3 की मात्रा में लगाना चाहिए
ब्रूडर की ऊंचाई लगभग 1 फुट कर देनी चाहिए गर्मी के दिनों में चूजे बिना ब्रूडर के पाले जा सकते है| प्रकाश के लिए मात्र बल्ब लटका देना चाहिए|
सातवें दिन:-
इलेक्ट्रॉल प्रत्येक बार पानी में देना चाहिए एवं ई. केयर सी दिन में एक बार देना चाहिए|
लसोटा एफ -1 आँख या नाक में ड्रॉपर की सहायता से एक एक बूंद देना चाहिए, टीकाकरण हमेशा ठन्डे मौसम में या रात के समय करना चाहिए ताकि चूजे तनाव मुक्त रह सकें
For more information Black Meat Chicken Kanpur
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wingsgrowllp · 4 years ago
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Benefits of Kadaknath- https://wingsgrow.org
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wingsgrowllp · 4 years ago
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बर्ड फ्लू  के कारण व् बचाव
यह पक्षियों में होने वाले विषाणु जानिक संक्रामक रोग है| सामान्तयः यह पक्षियों को ही संक्रमित करताहै परन्तु यह सूकर व् अश्व को भी संक्रमित कर सकता है| इसके अति��िक्त विपरीत परिस्थितियों में स्पीसीज बैरियर को क्रॉस कर यह मनुष्य को भी संक्रमित कर सकता है|
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रोग का कारण- यह विषाणु द्वारा होने वाला रोग है यह पशु पक्षी व मनुष्यों को भी संक्रमित करता है| विषाणु  ए.बी.व् सी प्रकार का होता हैजिसमे ' ए ' टाइप पोल्ट्री, सूकर व्  अश्व में संक्रमण करता है| विषाणु वर्तमान में एच. एन. प्रकृति का है|
इन्क्यूवेशन अवधि- विषाणु के पक्षी में प्रवेश करने से कुछ घंटो से 3 दिन तक| यह अवधि विषाणु की प्रकृति, मात्रा , प्रवेश का मार्ग, तथा पक्षी के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है|
पक्षियों में रोग का प्रसार- संक्रमित पक्षियों की आंख, स्वाँस नलिका तहत बीट के संपर्क में आने से पक्षियों में फैलता है संक्रमित पक्षियों व कुक्कुट प्रक्षेत्र के प्रयोग में आने से रोग फैल सकता है| विदेशी, प्रवासी व् जंगली पक्षी इस रोग के कैरियर है अतः इनके संपर्क से पक्षियों में रोग फैल सकता है
पक्षियों के मुख्य लक्षण- • हरे व लाल रंग की बीट| • पक्षी को ज्वर आना| • पक्षियों के गर्दन तथा आँखों के निचले हिस्से में सूजन| • फैटल कलगी व् पैरो का बैगनी हो जाना|
मृत पक्षी में लीजन- • यकृत, तिल्ली व गुर्दे पर नेक्रोटिक फोकाई | • संदेहास्पद या आउट ब्रेक की स्थिति में किसी भी प्रकार से पोस्टमार्टम न किया जाये| • स्वांस तंत्र में फाइब्रिनस द्रव का भरा होना| • पैरों का बैगनी होना तथा कलगी का लाल होना| • मृत पक्षी को सील बंद कर कोल्ड चेन में एच. एस. ए.डी. एल प्रयोगशाला भोपाल को जाँच हेतु भेजना होता है|
रोग से बचाव हेतु सुझाव: • पक्षी फार्म, पक्षी अभ्यारण्य, जलाशय, झील ��े आस पास न हों| • पक्षी फार्म के आस पास सूअर पालन न करें| • फार्म के आस पास साफ सफाई रखें तथा कूड़ा करकट व गंदगी न इकठ्ठा होने दें|मृत पक्षियों का डिस्पोजल/निस्तारण गड्डे में दबाकर किया जाये • नियमित रूप से फार्म का लीटर बदलते रहे तथा समय समय पर (प्रति 15 दिन पश्चात) विसंक्रमण कार्यवाही करते रहे|
       “कुक्कुट उत्पाद खाने से नही कोई नुकसान|         अंडा, मांस खूब पकाकर खाए अगर इंसान||”
For more information about Kadaknath or Black Meat Chicken . Visit our Website- http://blog.wingsgrow.org/
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kblivestockfarm · 6 years ago
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Chicken Egg
It's OK to eat eggs because chickens lay them naturally. The eggs we buy in the supermarket are sterile and not unborn fetuses, right? The cruelty of egg production lies in the treatment of the “laying” hens themselves, who are perhaps the most abused of all factory-farmed animals.
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