#हवा में
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sarhadkasakshi · 14 days ago
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पैराग्लाइडिंग पायलटो ने हवा में करतब बाजिया कर पर्यटकों को किया रोमांचित
पैराग्लाइडिंग पायलटो ने हवा में करतब बाजिया कर पर्यटकों को किया रोमांचित टिहरी, 21 दिसम्बर 2024: उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद द्वारा आयोजित पैराग्लाइडिंग एक्रो एवं एसआईवी प्रतियोगिता के तीसरे दिन देश के विभिन्न राज्यों से आए पैराग्लाइडिंग पायलट एवं विभिन्न देशों से आए हुए पैराग्लाइडिंग पायलटो ने हवा में करतब बाजिया कर पर्यटकों को रोमांचित किया। पैराग्लाइडिंग मंत्रा के निदेशक तानाजी टाकवे ने बताया…
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raju-das-world · 1 year ago
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सतलोक में हंस आत्माओं का शरीर
किस तत्व का बना है?
A. हवा का
C. नूरी तत्व का
B. आकाश का
D. पानी का
#PollOfTheDay
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techxoner · 1 year ago
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणियों के चलते छिड़े राजनयिक विवाद ने भारत और मालदीव के पारंपरिक रूप से घनिष्ठ संबंधों पर छाया डाल दी है। हालांकि, मालदीव सरकार ने आपत्तिजनक टिप्पणियों से तुरंत ही किनार�� कर लिया है, लेकिन पर्यटन, व्यापार और व्यापक साझेदारी पर संभावित नकारात्मक प्रभाव को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं।
#भारत-मालदीव तनाव#पर्यटन पर असर#राजनयिक विवाद#मरियम शिउना विवाद#लक्षद्वीप यात्रा#भारत-मालदीव संबंध#पर्यटन उद्योग#द्विपक्षीय व्यापार#रणनीतिक साझेदारी#मालदीव ट्रिप रद्द? भारत-मालदीव रिश्ते में दरार!#मोदी यात्रा पर विवाद#मालदीव पर्यटन पर संकट!#कूटनीतिक भूल? भारत-मालदीव दोस्ती खतरे में?#सोशल मीडिया बवाल#क्या टूटेगा भारत-मालदीव का रिश्ता?#लक्षद्वीप आग#मालदीव में जल? राजनयिक आग के बाद हवा का रुख!#लक्षद्वीप#मालदीव#भारत#भारत यात्रा की तैयारी? मालदीव तनाव की खबर जानें!#पर्यटन पर असर कम करें#भारत-मालदीव रिश्ते मजबूत करें!#सोशल मीडिया संयम जरूरी#कूटनीतिक रिश्ते बचाएं!#दोस्ती के लिए परिपक्वता जरूरी#भारत-मालदीव तनाव का हल!
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vocaltv · 2 years ago
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भिलाई में हुई तेज बारिश, अमित शाह की तैयारी में जुटे पंडाल फटे
  भिलाई। गृहमंत्री अमित शाह क��� यानी 22 जून को दुर्ग जिले के दौ��े पर आने वाले हैं। केंद्रीय गृहमंत्री शाह के दौरे पर आने से पहले भाजपा के कार्यक्रर्ता उनके स्वागत के लिए तैयारियों में जुट गए हैं। दरअसल, गृहमंत्री यहां आकर सभा को संबोधित करेंगे, जिसके लिए सभा स्थल पर पंडाल लगाया गया है। इसी बीच भिलाई में मौसम का मिजाज बदलता हुआ नजर आ रहा है। तेज बारिश और आंधी की वजह से सभा के लिए लगा हुआ पंडाल पूरी…
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happyvalleycreator-blog · 2 years ago
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इस दिशा की हवा बदल देगी घर की वास्तु wind of this direction will change...
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satlokashram · 6 months ago
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गरीब, जैसे सूरज के आगे बदरा, ऐसे कर्म छया रे। प्रेम की पवन करै चित मंजन, झलके तेज नया रे।।
भावार्थ:- जैसे सूर्य के सामने बादल छा जाते हैं तो सूर्य का प्रकाश दिखाई नहीं देता। जब तेज हवा चलती है तो बादल बिखर जाते हैं। सूरज का प्रकाश स्पष्ट दिखाई देता है। इसी प्रकार आत्मा तथा परमात्मा के बीच में पाप कर्मों की छाया हो जाती है। सतगुरू से दीक्षा लेकर श्रद्धा प्रेम से साधना करने से प्रभु में प्रेम उत्पन्न होगा। आँखों से आँसू गिरने लगेंगे। उस प्रेम रूपी पवन से पाप कर्म कट जाएंगे। आत्मा को परमात्मा का दर्शन होगा। इस प्रकार घोर से घोर अपराधी भी सतगुरू शरण में आने से सत्य साधना करके मोक्ष को प्राप्त हो जाता है।
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hi-avathisside · 4 months ago
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Trigger Warning: Mental health, indications of suıcıde
Sept aa gaya aur pata bhi nahi chala, aaj teachers day hai aur pichla teacher's day mujhe bakhoobi yaad hai. yaar yeh samay bhi na kitni ajeeb cheez hai jitni upma se upma karu kam hai, kahu ki yeh samay inn ghirte- hatte baadlon ki tarah hai aur inn patton ke girne ki tarah hai aur iss toofan ke jaane ki tarah hai. yeh samay woh pighalti ice-cream ki tarah hai, woh signal badalne ki tarah hai, achaanak aane waali modoslaadhar baarish ki tarah hai aur aasmaan mai. ek indradhanush ki tarah hai toh bhi shayad kam hoga. Yeh saal kaise beeta pata hi nahinchala, yoon bhadrapad aa gaya aur keval kuch mahine hi bache hain yeh saal khatam hone main. yeh samay bhi na bohot kamaal hai. Pichle septmeber mujhe laga tha, ki shayad nahi ho paayega. Yeh zindagi, mujhse nahi ho paayegi, kyonki yaar mushkil hota hai, har din hospital jaana aur phir kaam, kaam aur hospital, lekin humne kiya. September guzra, ek ek din gine the humne ungliyon par zaroor, lekin kab december aa gaya pata hi nahi chala. Naye saal ki kuch zyada khushi nahi thi, bas yahi dua thi ki yeh sal khishiyaan laaye. January, fervary ek aisi hawa ka jhonka laaye jisse hum aaj tak waakif hi nahi the. Aur yeh hawa ka jhonka jis dhara se aaya tha humari zulfe udane ke liye, waise hi chala gaya, shayad kuch bikhri zulfe chhod gaya. Yeh saal guzar toh raha tha, lekin aisa lag raha tha ki hum sthir haim kuch badal nahi raha tha. Jitni bhi koshish kar lo yeh patthar hil hi nahi raha, yeh dhakkan khul hi nahi raha. Phir kya, socha aise rote hue raatein guzaarna thik nahi hai, yoon ghar main band rehna thik nahi hai, kuch toh galat hai. Madad li, shayad kuch behtar hua, shayad nahi. lekin inn sab ke beech, maine bohot yaadein banayi. Woh ek baarish, woh ek sunset, aur na jaane kitne saari hassi joh shayad nahi hoti agar maine zindagi ka haath chhod diya hota. Kuch din aise bhi the jinmein mujhe laga ki isse khush toh main nahi jo sakti, kuch raatein iss kadar thi ki mujhe laga ki mujhse dukhi koi nahi ho sakta. Ho sakta ho ki aapka samay itna achha na chal raha ho, lekin phir bhi, samay kaisa bhi ho, yeh chhoti chhoti khudhiyaan zaroor laata hain. September aa gaya aaj aur pata bhi nahi chala. Shayad, woh dhakkan thoda dheela ho gaya.
सितंबर आ गया और पता भी नहीं चला, आज टीचर्स दे है और इससे पिछला शिक्षक ��िवस मुझे याद है। यार ये समय भी ना कितनी अजीब चीज़ है, जितनी उपमा से उपमा कम है, कहू की ये समय इन घिरते-हटते बादलों की तरह है और इन पत्तों के गिरने की तरह है और इस तूफ़ान के जाने की तरह है। ये समय वो पिगलती आइसक्रीम की तरह है, वो सिग्नल बदलने की तरह है, अचानक आने वाली मूसलाधार बारिश की तरह है और आसमान में एक इंद्रधनुष की तरह है तो शायद काम होगा। ये साल कैसे बीता पता ही नहीं, यूं भाद्रपद आ गया और केवल कुछ महीने ही बचे हैं ये साल खत्म होने में। ये समय भी ना बहुत कमाल है। पिछले सितंबर मुझे लगा था, शायद नहीं हो पाएगा। ये जिंदगी, मुझसे नहीं हो पाएगी, क्योंकि यार मुश्किल होता है, हर दिन हॉस्पिटल जाना और फिर काम, काम और हॉस्पिटल, लेकिन हमने किया। सितंबर गुजरा, एक एक दिन गिनें थे हमने उंगलियों पर जरूर, लेकिन दिसंबर कब आ गया पता ही नहीं चला। नए साल की कुछ ज्यादा खुशी नहीं थी, बस यहीं दुआ थी कि ये साल खुशियां लाए। जनवरी, फरवरी एक ऐसी हवा का झोंका लाए जिसे हम आज तक वाकिफ ही नहीं थे। और ये हवा का झोंका जिस धारा से आया था हमारी जुल्फे उड़ान के लिए, वैसे ही चला गया, शायद कुछ बिखरी जुल्फे छोड़ गया। ये साल गुजर तो रहा था, लेकिन ऐसा लग रहा था कि हम स्थिर हैं, कुछ बदल नहीं रहा था। जितनी भी कोशिश कर लो ये पत्थर हिल ही नहीं रहा, ये धक्कन खुल ही नहीं रहा। फिर क्या, सोचा ऐसे रोते हुए रातें गुज़ारना ठीक नहीं है, यूं घर में बंद रहना ठीक नहीं है, कुछ तो गलत है। मदद ली, शायद कुछ बेहतर हुआ, शायद नहीं। लेकिन इन सब के बीच, मैंने बहुत यादें बनाईं। वो एक बारिश, वो एक सनसैट, और ना जाने कितनी सारी हंसी जो शायद नहीं होती अगर मैंने जिंदगी का हाथ छोड़ दिया होता। कुछ दिन ऐसे भी थे जिनमें मुझे लगा कि मुझसे ज्यादा खुश कोई नहीं है, कुछ रातें इस कदर थी कि मुझे लगा कि मुझसे दुखी कोई नहीं हो सकता। हो सकता है कि आपका समय इतना अच्छा न चल रहा हो, लेकिन फिर भी, समय कैसा भी हो, ये छोटी-छोटी खुशियां जरूर लाता है। सितंबर आ गया आज और पता भी नहीं चला। शायद, वो धक्कन थोड़ा ढीला हो गया।
wrote this at 8:30 am, first thought in the morning. It's because I never thought I could make it to September. I'm glad. Life throws shit at you, but please remember to breathe, and it'll pass on. Sept-Dec patch was very rough for me, but it passed and I'm glad it did. This is your reminder that it'll pass.
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chand-ki-priyatama · 5 months ago
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दुर्गा की संतान
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इन हैवानों के बीच , इस दुनिया के भीड़ में पीढ़ीगत बोझ को खींच, ना है वो अबला नारी ना है वो एक लाचार बेचारी वो जो है दुर्गा की संतान खुद बचा लेगी अपना सम्मान वो जो है सती का अंश खोल लेगी एक दिन अपने पंख उड़ चलेगी वो इस हवा में और भर लेगी अपनी दुनिया में रंग है वो दुर्गा की संतान बचा लेगी वो अपना सम्मान
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शैतानों के बीच जहां कदम कदम पर है इनका डेरा जहा बना रखा है हैवानों ने बसेरा वो ना डरेगी, ना झुकेगी नहीं चाहिए उसे सरकार का खोखला वादा नहीं चाहिए उसे न्याय आधा वो बचा ले���ी अपनी लाज अब कृष्णा ना आएंगे तो एक नारी अपने लिए और दूसरी नारियों के लिए खुद ही बन जाएगी कृष्णा है वो दुर्गा की संतान बचा लेगी वो अपना सम्मान
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यदि है वो लक्ष्मी, सरस्वती तो वो ही सती भी है, है वो अगर पार्वती सी न्यारी तो वो दुर्गा सी नारी भी है बन जायेगी महिषासुर मर्दिनी कर देगी वध उस महाकरूरी का उठा लेगी शास्त्र और कर देगी वध सभी हैवानों का है वो दुर्गा की संतान बचा लेगी वो अपना सम्मान ~काया
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hum-suffer · 7 months ago
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एक हवा का झोंका आता है और छू जाता है तेरी एक लट को ऐसे
मेरे ख्वाबों में चूमती हु तेरी पलकें मैं जैसे
तू कुछ अंगड़ाई लेता है और बस
अटक जाती है मेरी सांसें तेरी गर्दन के मोड़ पे
तेरी आँखों में कुछ जलते हैं सितारे और
और बस तेरी आवाज़ की राह पे चल देती हूँ मैं
कुछ नाम सोच लेती हूं तेरी मुस्कान का
सोचती हूं अगर एक वक्त हो जब मेरी बालियों की गूंज तेरी हंसी पर लगे
तेरी उंगलियां जो सुलझती है मेरी लाटें
उलझती जाति हूं मैं कुछ तुझ में
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praphull-ki-diary · 6 months ago
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साँझ की मद्धम धूप सी तुम मैं रेगिस्तान की गर्म हवा अरिजीत की मधुर गीत सी तुम मैं जैसे कोई अज्ञात कला सावन की हरियाली सी तुम मैं कांटों के बीच कोई फूल खिला पृथ्वी जितनी शीतल सी तुम मैं गर्मी में जल का फूटा घड़ा।
~praphull
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helputrust · 20 days ago
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लखनऊ, 14.12.2024 | "विश्व ऊर्जा संरक्षण दिवस 2024" के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट एवं ममता सरस्वती बालिका विद्या मंदिर के संयुक्त तत्वावधान में ममता सरस्वती बालिका विद्या मंदिर, चिनहट, लखनऊ में विभिन्न प्रतियोगिताओं  का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में विद्यालय के 80 प्रतिभागियों ने समाज में ऊर्जा संरक्षण हेतु जागरूकता फैलाने के लिए अपने विचारों को चित्रकला, कोटेशन एवं स्लोगन के माध्यम से पेपर पर उतारा साथ ही नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों से ऊर्जा के स्रोत बचाने की अपील की |  सभी प्रतियोगिताओं का मूल्यांकन श्रीमती पल्लवी आशीष, मैं पलाश आर्टिस्ट तथा सदस्य, आंतरिक सलाहकार समिति, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट एवं श्रीमती चित्र रेखा मिश्रा, कला अध्यापिका, ममता सरस्वती बालिका विद्या मंदिर द्वारा किया गया |
सरस्वती बालिका विद्या मंदिर की प्रधानाचार्या श्रीमती निरुपमा सिंह ने कहा कि, “आज हम सभी "ऊर्जा संरक्षण दिवस" मना रहे हैं । यह दिन हमें यह समझने का मौका देता है कि ऊर्जा हमारे लिए कितनी जरूरी है और हमें इसे बचाने की कोशिश करनी चाहिए । ऊर्जा हमें कई तरीकों से मिलती है । सूरज से हमें सौर ऊर्जा मिलती है, जो हमें गर्मी और रोशनी देती है । हवा से हमें पवन ऊर्जा मिलती है, जिससे पवन चक्की घूमती है । इसके अलावा, जल से जल विद्युत ऊर्जा मिलती है, जो बांधों और नदियों के पानी से बनती है । हम गैस, कोयला और तेल जैसे ईंधनों से भी ऊर्जा प्राप्त करते हैं, जो कार, बस और फैक्ट्रियों में इस्तेमाल होती है । लेकिन हम सबको यह याद रखना चाहिए कि इन सभी स्रोतों से प्राप्त ऊर्जा का सही और बचत के साथ इस्तेम��ल करना चाहिए । अगर हम ऊर्जा बचाएंगे, तो न केवल हमारी धरती सुरक्ष��त रहेगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी इस ऊर्जा का फायदा मिलेगा ।“
प्रतिभागियों ने अपने चित्रों में "विश्व ऊर्जा संरक्षण दिवस" के संदेश को बहुत ही रचनात्मक तरीके से प्रस्तुत किया । उनके चित्रों में सूरज की रोशनी, पवन ऊर्जा और जल की शक्ति जैसे प्राकृतिक स्रोतों को बचाने की प्रेरणा दी गई थी । बच्चों ने बिजली बचाने के उपायों, जलवायु परिवर्तन पर प्रभाव डालने वाले कारकों और स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को रंग-बिरंगे चित्रों के माध्यम से समझाया । एक कविता के माध्यम से बिजली बचाने के उपाय बताए गए, जबकि नाटक के माध्यम से बिजली के महत्व और उसके संरक्षण के बारे में बताया गया । प्रतिभागियों ने "Don't be a Watt-Waster, Be an Energy Master, When the Sun is Bright, Say No to Tube Light, Save Energy, Save the Assets of the Future" जैसे स्लोगन के माध्यम से आमजन से प्रकृति और ऊर्जा के संरक्षण की अपील की।
सभी विजयी प्रतिभागियों को हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कार प्रदान किए गए | पुरस्कारों से सम्मानित होने वाले प्रतिभागियों की सूची निम्नलिखित है:
रितिक, सचिन, अपूर्व, रक्षत सिंह, रतन, आकाश, बबली, कोमल, रेहान, धर्मेश, सिद्धि सिंह, रोहन, काव्या, वैष्णवी, सूर्यवीर, मुस्कान, अनन्या, शिवानी कृष्णा, रोहित, नितिन |
प्रधानाचार्या श्रीमती निरुपमा सिंह ने सभी बच्चों को ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूक करते हुए शपथ दिलाई, "मैं ऊर्जा संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास करूंगा । मैं ऊर्जा का दुरुपयोग नहीं करूंगा और ऊर्जा के संसाधनों का इस प्रकार उपयोग करूंगा कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रह सके ।"
कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति की सदस्य श्रीमती पल्लवी आशीष, सरस्वती बालिका विद्या मंदिर की प्रधानाचार्या श्रीमती निरुपमा सिंह, शिक्षकों सुश्री आराधना वर्मा, श्री निशांत द्विवेदी, सुश्री नवनीता तिवारी, सुश्री अलका श्रीवास्तव, सुश्री सृष्टि गुप्ता, सुश्री भावना श्रीवास्तव, सुश्री रीना श्रीवास्तव, सुश्री प्रतिभा श्रीवास्तव, श्रीमती चित्ररेखा मिश्रा, सुश्री एकता तिवारी एवं ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही ।
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ergo-im · 1 month ago
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सरसों के खेतों में बसी एक खुशबू सी है, सुनहरी धूप में जैसे कोई जन्नत सी है।
हर पल हवा में बहती है एक मीठी रुत, इन खेतों की चुपी में भी एक गीत सी है।
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natkhat-sa-shyam · 10 months ago
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तुम्हारे आने का एहसास
चर-अचर को अचानक हो गया
चिड़ियाँ चहचहाने लगीं.
एक साथ सबके सब जाग गए,
मुर्गा बौग देने लगा
किसान हाथ में डण्डा थामे
गाते गुनगुनाते मेडों पर चलने लगे
हरे-भरे खेतों की ओर ।
ठंडी-ठंडी हवा उनके दिलों को सहलाती हुई
उसके अवतरण का एहसास और भी स्निग्धता से महसूस कराने लगी !
D. Madhvi
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khwabeedahh · 4 months ago
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क़सूर सिर्फ़ कॉफी का नहीं था, न वो चीनी थी, न वो दूध का मेल, वो जो सामने बैठा था, उसकी बातों का असर था, जो हर घूंट में घुला हुआ था।
धुंधली-सी शाम, ठंडी-सी हवा, और उसकी हंसी का वो झोंका, काफ़ी के कप में नहीं, उसकी आँखों में हल्की सी चमक थी, जो कड़वाहट में भी मिठास भर गई।
चाहे कॉफी ठंडी हो जाए, पर उस लम्हे की गर्मी कभी कम नहीं होती, क्योंकि स्वाद कॉफी का नहीं, साथ का होता है, जो दिल में बस जाता है, और यादों में महकता रहता है।
तो बताओ फिर, कब चलें? साथ में कॉफ़ी पीने?
~khwabeedahh
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drmishrasblog · 8 months ago
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1.एकमात्र संपूर्ण भगवान /अल्लाह /परमपिता परमेश्वर / सबका मालिक एक कबीर ।
2.एकमात्र संपूर्ण गुरु /सर्व समर्थ सर्व शक्तिमान /समय के महापुरुष /संत रामपाल जी महाराज ।
3.एक मात्र सर्व शक्तिशाली परमपिता परमेश्वर का मंत्र ॐ - तत् - सत् = ऐन - सीन - काफ
4. पवित्र आसमानी पुस्तके वेद - पुराण - गीता तथा गुरु ग्रंथ साहिब तथा बाइबल और कुरान में वर्णित सार्वभौमिक एक मात्र प्रमाणित मंत्र श्रृंखला ।
5 . सारांश [-ॐ - सतनाम - सारनाम - सारशब्द ]
6. सुक्ष्मवेद / कबीर सागर मे प्रमाणित -
एक धर्म - सत्य सनातन धर्म
आए एक हीं देश से ।
उत��े एक ही घाट ॥
हवा लगी संसार की ।
हो गए बारांबाट ॥
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intellectual6666 · 8 months ago
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तू वेमिसाल हे
तेरी क्या मिसाल दू
आसमान से आई हे यही कह के टाल दू
फिर भी कोई जो पूछे
क्या है तू कैसी है
हाथों में रंग लेके
हवा में उछल दूं
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