#रक्तचाप
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shri-chyawan-ayurveda · 5 months ago
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B.P. कंट्रोल किट
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🌿 प्राकृतिक संतुलन प्राप्त करें 🌿
उच्च रक्तचाप से परेशान हैं? हमारे B.P. कंट्रोल किट के साथ आयुर्वेद की शक्ति का अनुभव करें! 🌱 यह प्राकृतिक उपाय आपके रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। चिंता को अलविदा कहें और एक स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाएं!
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medugo · 11 months ago
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अपने स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण संकेतों को रिकॉर्ड करने के लिए मेडुगो ऐप डाउनलोड करें
मेडुगो ऐप से अपने परिवार के स्वास्थ्य की निगरानी करें। रक्त परीक्षण रिपोर्ट,बुखार,रक्तचाप,रक्त शर्करा स्तर,नाड़ी, स्कैन रिपोर्ट, टीकाकरण रिपोर्ट और मासिक धर्म चक्र को सहेजने का सरल तरीका।
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sachinbiher · 2 years ago
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रक्तचाप क्या है || रक्तचाप का नियंत्रण कैसे करें।
रक्तचाप क्या है रक्तचाप शरीर के रक्त के दबाव को निर्दिष्ट करने वाला एक माप है। यह दबाव दो अंकों के रूप में मापा जाता है। उच्च रक्तचाप एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या होती है जो बीमारी या मृत्यु की एक प्रमुख वजह होती है। उच्च रक्तचाप अक्सर किसी अन्य समस्या का एक लक्षण होता है जैसे अस्थमा, मधुमेह और अन्य रोग। उच्च रक्तचाप के कुछ सामान्य लक्षण हैं जिनमें शामिल हैं: तनाव, चक्कर आना, सिरदर्द, निंद ना आना,…
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healthcareandwellness · 5 months ago
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थायरॉइड के आयुर्वेदिक उपचार: एक पूर्ण जानकारी
थायरॉइड क्या है?
थायरॉइड एक ग्रंथि है जो गर्दन के सामने, गले के नीचे हिस्से में स्थित होती है। यह ग्रंथि थायरॉइड हार्मोन (टी3 और टी4) का उत्पादन करती है, जो शरीर के मेटाबोलिज़्म को नियंत्रित करता है। ये हार्मोन शरीर की ऊर्जा के उपयोग, तापमान को नियंत्रित करने, और मस्तिष्क, हृदय, और अन्य अंगों के सामान्य कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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#था��रॉइड के विभिन्न प्रकार होते हैं#थायरॉइड के प्रकार#जिनमें सबसे आम रूप से देखे जाने वाले प्रकार निम्नलिखित हैं:#अत्यधिक थायरॉइड (हाइपरथायरॉइडिज़म)#अत्यंत कम थायरॉइड (हाइपोथायरॉइडिज़म)#ग्रेव्स रोग#गठिया#थायरॉइड के लक्षण#थायरॉइड के विभिन्न प्रकार के लक्षणों में थकान#तेज दिल की धड़कन (टैकीकार्डिया)#अधिक पसीना आना#तनाव#उच्च रक्तचाप#मूड स्विंग्स#बालों का झड़ना#थायरॉइड के कारण#जिससे हार्मोन का अधिक उत्पादन होता है। इसके अलावा#थायरॉइड नोड्यूल्स भी हाइपरथायरॉइडिज़्म का कारण बन सकते हैं#थायरॉइड के आयुर्वेदिक उपचार#आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग#थायरॉइड के लिए जीवनशैली संशोधन#नियमित व्यायाम करना#अपने शरीर को संतुलित रख सकते हैंर सकते हैं।
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neelgyansagar · 2 years ago
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रक्तचाप क्या है? What is blood pressure in Hindi?
प्रिय पाठकों, नील ज्ञान सागर ब्लॉक की आज की इस पोस्ट में मैं आप लोगों को रक्तचाप के बारे में सामान्य जानकारी देने जा रहा हूं। रक्तचाप क्या है? What is blood pressure in Hindi? वर्तमान युग में अनुचित खानपान एवं खराब जीवनशैली के कारण उत्पन्न समस्याओं में सबसे प्रमुख समस्या ब्लड प्रेशर अर्थात रक्तचाप संबंधित है। रक्तचाप के कारण मनुष्य के जीवन में कई बीमारियों का प्रवेश हो जाता है। तो आइए इस पोस्ट…
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helputrust · 2 months ago
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लखनऊ, 01.12.2024 | विश्व एड्स दिवस 2024 के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट एवं राणा होम्यो क्लीनिक के संयुक्त तत्वावधान में बालागंज चौराहा, लखनऊ में “नि:शुल्क होम्योपैथिक परामर्श, निदान एवं दवा वितरण शिविर” का आयोजन किया गया | शिविर में परामर्शदाता चिकित्सक डॉ॰ संजय कुमार राणा एवं उन��ी टीम द्वारा 144 रोगियों की नि:शुल्क जांच कर, रोगियों को सीने में दर्द होना, भूख न लगना, सांस फूलना, हृदय व गुर्दे की बीमारी, मधुमेह (Diabetes / Sugar), रक्तचाप (Blood Pressure), उलझन या घबराहट होना, पेट में दर्द होना, गले में दर्द होना, थकावट होना, पीलिया (Jaundice), थाइरोइड (Thyroid), बालों का झड़ना (Hair Fall) के लिए एक सप्ताह की निःशुल्क होम्योपैथिक दवाइयां वितरित की गई | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने डॉ॰ संजय कुमार राणा एवं उनकी टीम के साथ शिविर में आए सभी लाभार्थियों को लाल रिबन लगाकर एड��स के प्रति जागरूक किया ।
शिविर का शुभारंभ डॉ संजय कुमार राणा, परामर्शदाता चिकित्सक, उनकी टीम से श्री संतोष कुमार राणा, फार्मासिस्ट श्री राहुल राणा, नर्सिंग स्टाफ सुश्री दीपिका वर्मा, सुश्री सविता चौधरी ने दीप प्रज्वलन कर किया |
डॉ॰ संजय कुमार राणा ने कहा कि, “एचआईवी/एड्स एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन इसे सही जानकारी, सावधानी और उपचार के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है । एड्स से जुड़े भेदभाव को समाप्त करना हमारा सामूहिक दायित्व है । जागरूकता और संवेदनशीलता ही वे आधार हैं, जिनसे हम इस चुनौती का सामना कर सकते हैं । नि:शुल्क होम्योपैथिक दवाइयों का वितरण इस दिशा में एक सराहनीय प्रयास है, जो समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और प्रभावित व्यक्तियों की मदद के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है । आइए, हम सभी यह संकल्प लें कि न केवल हम स्वयं एड्स के प्रति जागरूक रहेंगे, बल्कि समाज में भी जागरूकता फैलाने का कार्य करेंगे तथा एक एड्स-मुक्त समाज के निर्माण में अपना योगदान देगे ।“
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों द्वारा शिविर में आए लाभार्थियों को पुस्तक 'गीता गर्ल मरियम' का वितरण किया गया |
शिविर में परामर्शदाता चिकित्सक डॉ॰ संजय कुमार राणा, उनकी टीम से श्री संतोष कुमार राणा, फार्मासिस्ट श्री राहुल राणा, श्री रामासन साहू, नर्सिंग स्टाफ सुश्री दीपिका वर्मा, सुश्री सविता चौधरी एवं ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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sanewshimachal · 2 months ago
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HEALTH : ज़्यादा पेन किलर खाने से पेट और किडनी में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं I इनमें से कुछ समस्याएं ये हैं:
पेट में अल्सर और जठरांत्र संबंधी रक्तस्राव कब्ज़, सूजन, पेट फूलना, और बवासीर किडनी इन्फ़ेक्शन का खतरा बढ़ना किडनी की फ़िल्टरिंग ��्षमता कम होना रक्त में अपशिष्ट उत्पादों का निर्माण होना किडनी की कार्यक्षमता धीरे-धीरे कम होना दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ना
पेन किलर को पचाना शरीर के लिए मुश्किल होता है I ज़्यादा पेन किलर खाने से शरीर में द्रव जमा हो सकता है, जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है और किडनी पर ज़्यादा दबाव पड़ता है I
अगर आपको पहले से ही किडनी की समस्या है या आप मधुमेह या उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं, तो पेन किलर का ज़्यादा सेवन करने से किडनी फ़ेल होने का खतरा बढ़ जाता है I
इसका मकसद सिर्फ़ जानकारी देना है I स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह या जांच के लिए, किसी पेशेवर डॉक्टर से बात करें I
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sheathveda-ayurveda-clinic · 6 months ago
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शिरोधारा: आयुर्वेदिक चिकित्सा की अद्वितीय विधि
शिरोधारा एक प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति है, जिसमें लगातार धारा की तरह एक विशेष औषधीय तेल या तरल पदार्थ को माथे पर डाला जाता है। यह उपचार न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक और भावनात्मक संतुलन को भी पुनः स्थापित करने में सहायक है। शिरोधारा का शाब्दिक अर्थ होता है "सिर पर धार"।
शिरोधारा के लाभ
तनाव और चिंता में राहत: शिरोधारा तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करता है। यह मस्तिष्क को शांत करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।
नींद की गुणवत्ता में सुधार: यह अनिद्रा और नींद से संबंधित समस्याओं के उपचार में अत्यधिक प्रभावी है। शिरोधारा के बाद अच्छी और गहरी नींद आती है।
माइग्रेन और सिरदर्द में राहत: नियमित शिरोधारा सत्र माइग्रेन और लगातार सिरदर्द को कम करने में सहायक होते हैं।
मस्तिष्क की कार्यक्षमता में वृद्धि: शिरोधारा मानसिक स्पष्टता, स्मरण शक्ति और एकाग्रता को बढ़ावा देता है।
चमकती त्वचा: यह त्वचा को पोषण प्रदान करता है और चेहरे की चमक को बढ़ाता है।
रक्तचाप को नियंत्रित करना: यह उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है और संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
नर्वस सिस्टम की उत्तेजना को शांत करना: शिरोधारा नर्वस सिस्टम की उत्तेजना को शांत करता है और पूरे शरीर में एक आरामदायक अनुभव पैदा करता है।
शिरोधारा का अनुभव
शिरोधारा का सत्र अत्यंत आरामदायक होता है, जहाँ आप एक आरामदायक स्थिति में लेटे रहते हैं। एक विशेष औषधीय तेल या तरल पदार्थ का धीमी गति से और लगातार आपके माथे के बीचोबीच डाला जाता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर 30-60 मिनट तक चलती है और इसके बाद आप तरोताजा और पुनःजीवित महसूस करते हैं।
आइए, शिरोधारा के अद्वितीय लाभों का अनुभव करें और अपने शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को पुनः संतुलित करें। शिरोधारा के लिए आज ही अपॉइंटमेंट बुक करें और आयुर्वेद की इस प्राचीन चिकित्सा विधि से अपने जीवन को नई दिशा दें।
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patakareweb · 56 minutes ago
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Dr. Sushil Sharma
डॉ. सुशील शर्मा (एम.बी.बी.एस. , एम.डी. (मेडीसिन)  डिप्लोमा (डायबिटीज) चैन्नई डायबिटीज , हृदय, शवांस एवं पेट रोग विशेषज्ञ चिकित्सक बिरला हॉस्पिटल, ग्वालियर)
Registration No :- MP-8977
Specialty :- Internal Medicine
Fee :- 300
Mob:- 0751-4034881,8305524755
परामर्श समय प्रतिदिन :-  दोपहर:-1 .00 से 3.00 बजे | शाम 6.30 से 8.00 बजे तक नंबर लगाने हेतु सम्पर्क करें :- 7000514120
डायबिटीज/मधुमेह (शुगर) 
थायरॉयड विकार
मोटापा   
विटामिन डी एवं  कैल्शियम की कमी
कोलस्ट्रोल  की शरीर में ज्यादा मात्रा  होना 
उच्च रक्तचाप या घबराहट, बैचेनी महसूस होना
दमा , अस्थमा, स्वाँस 
पेट रोग, पेट में जलन एवं गैस बनना 
किडनी रोग, पेशाब में जलन होना
एलर्जी एवं सर्दी-जुकाम के कारण सिर में दर्द
मधुमेह- आहार के सामान्य नियम :-  मधुमेही रोगी के लिये आहार नियंत्रण इस बीमारी की चिकित्सा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण हिस्स�� है आहार नियंत्रण के निम्नलिखित उद्देश्य है :
इन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये निम्न आहार  नियमों का पालन करना चाहिये:-  मधुमेह रोगी को चाहिये कि खाना समय पर लेने का प्रयास करे ,दिन भर के भोजन के चार -पाँच हिस्सों मे ग्रहण करें, लम्बे समय तक भूखे न रहें एवंउपवास से बचें। मधुमेह कोनियंत्रण क रेशे युक्त भोजन पदार्थ ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं हरी पत्तेदार सब्जियाँ,सलाद, छिलके वाली दालें , चोकर युक्त आताअंकुरित अनाज, मैथीदाना, दलिया आदि में रेशा अधिक मात्रा में होता है, अत: इनका सेवन लाभदायाल है। सभी प्रकार के भोजन का सेवन किया जा सकता है। मधुमेह रोगी बताई गई मात्रा में चावल, पोहा आदि खा सकते है, मुख्यत: यह बात है कि कितनी मात्रा में अनाज का सेवन किया जायें।
  निर्देश - Hypoglycemia(Low Blood Sugar)हाईपोग्लाईसीमिया के लक्षण जैसे :-
चक्कर आना, कमजोरी महस् होना
कंपकंपी लगना,
धड़कन तेज होना,
जी मिचलाना,
धुंधला दिखाई देना, पसीना आना,
तेज प्यास और भूख लगना। आदि दिखाई देने रोगी को तुरन्त पानी , शक्कर या ग्लूकोज घोलकर पिलाये और डॉक्टर से सम्पर्क करें।
  मधुमेह के साथ जीवन के लक्ष्य :-   ब्लड शुगर :-   खाने के पहले          <100 mg/dl ग्लायकोसायलेटेड हीमोग्लोबिन   6% से कम  खाने के 2 घंटे बाद.  <140 mg/dl ब्लड प्रेशर                               130/90  लिपिड प्रोफाइल :-   टोटल कोलेस्ट्रॉल       <200 mg एल डी एल < 100m ट्राईग्लिसराईड <150m एच डी एल > 40mg
Add :- 7 Munshipuri Surya Mandir Road Gole Ka Mandir,  Gwalior,  Madhya Pradesh
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drgagankhullar · 1 day ago
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डायबिटीज का हृदय पर प्रभाव ======================== डायबिटीज यानी मधुमेह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में शुगर का स्तर बढ़ जाता है। लंबे समय तक बढ़ा हुआ शुगर स्तर आपके शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है, खासकर आपके हृदय को।
डायबिटीज हृदय को कैसे प्रभावित करती है? ========================= - रक्त वाहिकाओं को नुकसान: उच्च शुगर स्तर आपकी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे वे सख्त और संकरी हो जाती हैं। यह आपके हृदय को अधिक मेहनत करने के लिए मजबूर करता है, जिससे दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
- कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना: डायबिटीज खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकती है, जो रक्त वाहिकाओं में प्लाक जमने का कारण बनता है और हृदय रोग का खतरा बढ़ाता है।
- रक्तचाप बढ़ना: डायबिटीज से रक्तचाप भी बढ़ सकता है, जो हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालता है।
- नसों को नुकसान: उच्च शुगर स्तर आपके हृदय को रक्त और ���क्सीजन पहुंचाने वाली नसों को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
डायबिटीज और हृदय रोग के लक्षण ======================== - सीने में दर्द या बेचैनी - सांस लेने में तकलीफ - पैरों में सूजन - थकान - चक्कर आना
डायबिटीज और हृदय रोग एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। यदि आपको डायबिटीज है, तो हृदय रोग के खतरे को कम करने के लिए आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अपने डॉक्टर से नियमित रूप से मिलते रहें और उनकी सलाह का पालन करें।
#diabetes#diabetesawareness#DiabetesManagement#cardiaccare#cardiachealth#heartattack#drgagankhullar#hamirpur#himachalpradesh#india
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sampuranswadeshi · 1 day ago
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Arjun Ashwagandha Juice Ke Fayde
अर्जुन और अश्वगंधा दो महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ हैं, जिनका उपयोग सदियों से स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जाता रहा है। जब इन दोनों को मिलाकर जूस बनाया जाता है, तो यह शरीर के लिए अत्यधिक फायदेमंद होता है। आइए जानते हैं अर्जुन अश्वगंधा जूस के प्रमुख लाभ।
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हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद अर्जुन की छाल हृदय को मजबूत बनाने में मदद करती है। यह रक्तचाप को नियंत्रित करता है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित रखत�� है। इसके अलावा, यह हृदय की धमनियों को स्वस्थ रखता है, जिससे दिल के दौरे और अन्य हृदय रोगों का खतरा कम होता है।
तनाव और चिंता को कम करता है अश्वगंधा अपने एडेप्टोजेनिक गुणों के लिए जाना जाता है, जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है। यह मानसिक शांति प्रदान करता है और नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है।
ऊर्जा और स्टैमिना बढ़ाता है इस जूस के नियमित सेवन से शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और थकान दूर होती है। यह शरीर की सहनशक्ति को बढ़ाकर दिनभर ऊर्जावान बनाए रखता है।
इम्यूनिटी को मजबूत करता है अर्जुन और अश्वगंधा दोनों ही एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
हड्डियों और मांसपेशियों के लिए लाभकारी यह जूस हड्डियों को मजबूत करता है और मांसपेशियों की रिकवरी में मदद करता है। विशेष रूप से जिम जाने वाले लोगों और एथलीट्स के लिए यह काफी फायदेमंद होता है।
निष्कर्ष अर्जुन अश्वगंधा जूस एक प्राकृतिक टॉनिक है, जो संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसे रोजाना अपनी दिनचर्या में शामिल करके कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।
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saigaldoagnostic · 3 days ago
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सैगल डायग्नोस्���िक: आपका विश्वसनीय डायग्नोस्टिक केंद्र, सीतापुर में
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जब स्वास्थ्य की बात आती है, तो सही निदान ही प्रभावी उपचार की कुंजी होता है। सैगल डायग्नोस्टिक, सीतापुर में एक प्रमुख डायग्नोस्टिक सेंटर है, जो उच्च-गुणवत्ता वाली मेडिकल जांच और इमेजिंग सेवाएं प्रदान करता है। अत्याधुनिक तकनीक और अनुभवी चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ, सैगल डायग्नोस्टिक मरीजों के लिए सटीक और समय पर रिपोर्ट सुनिश्चित करता है।
सैगल डायग्नोस्टिक क्यों चुनें?
सैगल डायग्नोस्टिक ने सटीक, विश्वसनीय और किफायती जांच सेवाओं के लिए एक मजबूत प्रतिष्ठा बनाई है। यहां कुछ कारण हैं जो इसे खास बनाते हैं:
उन्नत तकनीक: अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक मशीनें सटीक पर��णामों के लिए।
अनुभवी स्टाफ: कुशल रेडियोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट और तकनीशियन।
सुलभ मूल्य: उचित कीमतों पर बेहतरीन सेवाएं।
त्वरित रिपोर्ट वितरण: समय पर जांच रिपोर्ट प्रदान करना।
स्वच्छ और आरामदायक वातावरण: रोगियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करना।
सैगल डायग्नोस्टिक में उपलब्ध सेवाएं
1. सीटी स्कैन (CT Scan) - सीतापुर में
सीटी स्कैन आंतरिक अंगों की विस्तृत इमेजिंग के लिए किया जाता है। चाहे मस्तिष्क, छाती, पेट या हड्डियों की जांच हो, सैगल डायग्नोस्टिक उच्च-रिज़ॉल्यूशन सीटी स्कैन सेवाएं प्रदान करता है।
👉 सीटी स्कैन के लिए यहाँ क्लिक करें
2. पेट और श्रोणि का अल्ट्रासाउंड
अल्ट्रासाउंड एक सुरक्षित और दर्द रहित तकनीक है जो यकृत, गुर्दे, अग्न्याशय और प्रजनन अंगों की जांच के लिए उपयोगी है।
👉 अल्ट्रासाउंड बुक करें
3. बांझपन (Infertility) जांच
जो दंपत्ति गर्भधारण की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उनके लिए विशेष हार्मोन परीक्षण और प्रजनन इमेजिंग सेवाएं उपलब्ध हैं।
👉 बांझपन परीक्षण के बारे में अधिक जानें
4. एचएसजी (HSG - Hysterosalpingography) टेस्ट
एचएसजी टेस्ट गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब की विस्तृत जांच के लिए किया जाता है, खासकर उन महिलाओं के लिए जो गर्भधारण संबंधी समस्याओं का सामना कर रही हैं।
👉 एचएसजी टेस्ट के लिए अपॉइंटमेंट लें
5. खून की जांच (Blood Test)
सैगल डायग्नोस्टिक में सीबीसी, थायरॉइड, मधुमेह, लिवर फंक्शन और अन्य महत्वपूर्ण रक्त परीक्षण किए जाते हैं।
👉 ब्लड टेस्ट बुक करें
6. छाती का एक्स-रे (Chest X-Ray)
फेफड़ों और हृदय की स्थितियों की जांच के लिए डिजिटल एक्स-रे सेवाएं उपलब्ध हैं।
👉 सीने का एक्स-रे करवाएं
7. कमर दर्द और रीढ़ की हड्डी का एक्स-रे
पुरानी कमर दर्द और रीढ़ की समस्याओं के निदान के लिए उन्नत एक्स-रे सुविधाएं उपलब्ध हैं।
👉 स्पाइन एक्स-रे बुक करें
जल्दी जांच क्यों महत्वपूर्ण है?
बीमारियों का शीघ्र पता लगाने से उपचार के परिणाम बेहतर हो सकते हैं। नियमित स्वास्थ्य जांच और डायग्नोस्टिक परीक्षण संभावित स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान में मदद करते हैं। सैगल डायग्नोस्टिक विश्वसनीय और सटीक डायग्नोस्टिक सेवाएं प्रदान करता है जिससे मरीजों को समय पर सही उपचार मिल सके।
नियमित स्वास्थ्य जांच किन्हें करानी चाहिए?
जिनका पारिवारिक इतिहास किसी गंभीर बीमारी से जुड़ा हो।
गर्भधारण की योजना बना रहीं महिलाएं।
वृद्ध लोग, जिनके स्वास्थ्य की नियमित निगरानी ��रूरी है।
वे लोग जो अनियमित लक्षणों जैसे थकान, दर्द या वजन घटने से परेशान हैं।
मधुमेह, उच्च रक्तचाप, या हृदय रोग से ग्रस्त व्यक्ति।
मरीजों की राय
🌟 "सैगल डायग्नोस्टिक में मैंने अल्ट्रासाउंड करवाया, स्टाफ बहुत पेशेवर था और रिपोर्ट समय पर मिली।" – अनिता एस.
🌟 "यहाँ की सीटी स्कैन सेवा बहुत अच्छी है, स्वच्छ और अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।" – राहुल के.
🌟 "ब्लड टेस्ट रिपोर्ट जल्दी और सटीक मिलती है, मैं हमेशा यहाँ जांच करवाता हूँ।" – विक्रम एम.
आज ही सैगल डायग्नोस्टिक पर आएं!
यदि आप सीतापुर में सटीक, किफायती और त्वरित डायग्नोस्टिक सेवाएं चाहते हैं, तो सैगल डायग्नोस्टिक आपका विश्वसनीय स्वास्थ्य साथी है। आज ही अपनी जांच बुक करें!
📍 स्थान: Google Maps पर हमें खोजें
📞 संपर्क करें: अपॉइंटमेंट और जानकारी के लिए कॉल या व्हाट्सएप करें।
🕒 समय: सोमवार से शनिवार (सुबह 9 बजे - शाम 7 बजे), रविवार (सुबह 10 बजे - दोपहर 2 बजे)
सैगल डायग्नोस्टिक सटीक और समय पर मेडिकल रिपोर्ट प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि मरीजों को सर्वश्रेष्ठ संभव उपचार मिल सके। सीतापुर में विश्वसनीय डायग्नोस्टिक सेवाओं के लिए आज ही सैगल डायग्नोस्टिक पर जाएं!
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vedikrootsblog · 4 days ago
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पुनर्नवादि गुग्गुल: फायदे, नुकसान और उपयोग
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आयुर्वेद में अनेक जड़ी-बूटियों का उपयोग विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। पुनर्नवादि गुग्गुल उन्हीं में से एक शक्तिशाली औषधि है। यह गुग्गुल (गुग्गलु) के साथ अन्य जड़ी-बूटियों का मिश्रण है, जो शरीर को डिटॉक्स करने, सूजन को कम करने और कई बीमारियों से राहत दिलाने में मदद करता है। यह मुख्य रूप से वात और कफ दोष को संतुलित करने के लिए उपयोग किया जाता है। आइए जानते हैं इसके फायदे, नुकसान और उपयोग के बारे में।
पुनर्नवादि गुग्गुल के फायदे
पुनर्नवादि गुग्गुल के फायदे अनेक हैं। किडनी की कार्यक्षमता बढ़ाने से लेकर त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने तक, पुनर्नवादि गुग्गुल के फायदे व्यापक हैं। आइए पुनर्नवादि गुग्गुल के फायदे के बारे में विस्तार से पढ़ें:
1. किडनी की सेहत को बेहतर बनाए पुनर्नवादि गुग्गुल किडनी को स्वस्थ रखने में सहायक है। इसमें पुनर्नवा, त्रिफला और गुग्गुल जैसी जड़ी-बूटियां होती हैं, जो मूत्रवर्धक (Diuretic) गुणों से भरपूर होती हैं। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और किडनी की कार्यक्षमता को सुधारता है।
2. जोड़ों के दर्द और गठिया में राहत यह औषधि सूजनरोधी (Anti-inflammatory) गुणों से भरपूर होती है, जो गठिया, संधिशोथ (Arthritis) और जोड़ों के दर्द में राहत देती है। गुग्गुल शरीर में जमा हुए टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है, जिससे जोड़ों में होने वाली जकड़न और सूजन कम होती है।
3. वजन घटाने में सहायक जो लोग मोटापे से परेशान हैं, उनके लिए पुनर्नवादि गुग्गुल उपयोगी हो सकता है। यह मेटाबोलिज्म को तेज करता है और शरीर में जमा अतिरिक्त वसा को कम करने में मदद करता है। यह शरीर को डिटॉक्स करके अतिरिक्त चर्बी को घटाने में सहायक होता है।
4. यूरिक एसिड और गाउट में लाभकारी इस औषधि में पुनर्नवा और त्रिफला जैसे तत्व होते हैं, जो शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह गाउट (Gout) और जोड़ों में यूरिक एसिड क्रिस्टल के जमाव को रोकने में मदद करता है।
5. त्वचा रोगों में फायदेमंद पुनर्नवादि गुग्गुल रक्त को शुद्ध करने वाली औषधि मानी जाती है। यह मुंहासे, फोड़े-फुंसी, एक्जिमा और सोरायसिस जैसी समस्याओं में उपयोगी होता है। यह शरीर से टॉक्सिन्स निकालकर त्वचा को साफ और चमकदार बनाता है।
6. लिवर को मजबूत बनाए लिवर हमारे शरीर के पाचन और डिटॉक्सिफिकेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पुनर्नवादि गुग्गुल लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और फैटी लिवर जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है।
पुनर्नवादि गुग्गुल के नुकसान
हालाँकि, पुनर्नवादि गुग्गुल के फायदे सर्वविदित हैं, लेकिन पुनर्नवादि गुग्गुल के नुकसान समझना भी महत्वपूर्ण है। आइए पुनर्नवादि गुग्गुल के नुकसान के बारे में पढ़ें:
पाचन संबंधी समस्या: अधिक मात्रा में लेने से पेट दर्द, गैस और एसिडिटी हो सकती है।
लो ब्लड प्रेशर: यह औषधि रक्तचाप को नियंत्रित करती है, लेकिन लो ब्लड प्रेशर वाले लोगों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
गर्भवती महिलाओं के लिए नहीं: गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसके सेवन से बचना चाहिए।
एलर्जी की संभावना: कुछ लोगों को इसमें मौजूद जड़ी-बूटियों से एलर्जी हो सकती है, जिससे त्वचा पर खुजली या रैशेज हो सकते हैं।
पुनर्नवादि गुग्गुल का सेवन कैसे करें?
इसका सेवन आमतौर पर डॉक्टर की सलाह ��े अनुसार करना चाहिए।
सामान्य तौर पर, दिन में दो बार 1-2 गोलियां गुनगुने पानी या दूध के साथ ली जा सकती हैं।
इसे खाली पेट या भोजन के बाद लिया जा सकता है, लेकिन बेहतर परिणाम के लिए डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
निष्कर्ष
पुनर्नवादि गुग्गुल एक प्��भावी आयुर्वेदिक औषधि है, जो किडनी, लिवर, त्वचा और जोड़ों की समस्याओं में लाभकारी होती है। यह शरीर को डिटॉक्स करने, सूजन कम करने और वजन घटाने में मदद करता है। हालांकि, इसका सेवन सही मात्रा में और चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार ही करें ताकि कोई दुष्प्रभाव न हो।
अगर आप इसे अपने स्वास्थ्य लाभ के लिए लेना चाहते हैं, तो पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।
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seonikitasharma99 · 10 days ago
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सर्दियों में दिल की सेहत बनाए रखने के लिए अपनाएं ये 5 आयुर्वेदिक टिप्स
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दिल, शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो शरीर के हर हिस्से में खून पंप करके ऑक्सीजन और पोषण पहुंचाता है। खराब लाइफस्टाइल, अस्वास्थ्यकर खानपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण आजकल दिल की बीमारियां, जैसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक, तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में दिल का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ आयुर्वेदिक फूड्स का सेवन हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करता है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. दीक्ष�� भावसार सावलिया ने दिल को स्वस्थ रखने के लिए कुछ विशेष फूड्स के फायदे बताए हैं।
1. लहसुन
लहसुन को आयुर्वेद में दिल के लिए बेहतरीन टॉनिक माना गया है। इसमें एंटी-एजिंग और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। यह ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है और ब्लड वेसल्स में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ने से रोकता है।
2. अनार
अनार दिल के लिए एक सुपरफूड है। यह ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को कम करता है, जबकि एचडीएल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाता है। यह हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और रक्त प्रवाह को सुधारता है।
3. ग्रीन टी
ग्रीन टी में कैटेचिन और एंटीऑक्सीडेंट कंपाउंड्स होते हैं, जो एलडीएल और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके दिल की बीमारियों के खतरे को कम करते हैं। यह दिल की सेहत को बनाए रखने में मददगार है।
4. दालचीनी
दालचीनी आयुर्वेद में दिल के लिए फायदेमंद मानी जाती है। यह ब्लड शुगर, ट्राइग्लिसराइड्स, एलडीएल और कुल कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करती है। इसे भोजन में शामिल करने से दिल की सेहत में सुधार होता है।
5. अर्जुन छाल की चाय
अर्जुन की छाल को आयुर्वेद में सबसे अच्छा कार्डियो टॉनिक माना जाता है। यह ब्लड को डिटॉक्सीफाई करता है, कफ और पित्त दोष को संतुलित करता है, और दिल के लिए फायदेमंद होता है। इसकी चाय हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करती है।
6. बादाम
बादाम फाइबर, प्रोटीन, मैग्नीशियम और विटामिन ई से भरपूर होता है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है, जिससे हृदय स्वस्थ रहता है।
7. अखरोट
अखरोट ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होता है, जो दिल और दिमाग दोनों के लिए फायदेमंद है। यह हेल्दी ब्लड प्रेशर बनाए रखने और दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
8. अलसी के बीज
अलसी के बीज फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड का बेहतरीन स्रोत हैं। यह खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
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ragbuveer · 24 days ago
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
*🌹सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (द्वादशी तिथि+त्रयोदशी तिथि प्रदोष व्रत)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-11-जनवरी-2025
वार:-शनिवार
तिथि :-12द्बादशी:-08:22/13त्रयोदशी:-30:34
पक्ष:-शुक्लपक्ष
माह:-पौषमास
नक्षत्र:-रोहिणी:-12:29
योग:-शुक्ल:-11:48
करण:-बालव:-08:21
चन्द्रमा:-वृषभ 23:55 मिथुन
सूर्योदय:-----07:31
सूर्यास्त:-----18:00
दिशा शूल-----पूर्व
निवारण उपाय:---उङद या वाह्वारंग का सेवन
ऋतु :- शिशिर ऋतु
गुलिक काल:-07:31से 08:50
राहू काल:-10:10से11:30
अभीजित--12:13से12:57
विक्रम सम्वंत .........2081
शक सम्वंत ............1946
युगाब्द ..................5126
सम्वंत सर नाम:-कालयुक्त
🌞चोघङिया दिन🌞
शुभ:-08:50से10:10तक
चंचल:-12:30से13:50तक
लाभ:-13:50से15:10तक
अमृत:-15:10से16:40तक
🌓चोघङिया ��ात🌗
लाभ:-18:00से19:40तक
शुभ:-21:20से23:00तक
अमृत:-23:00से00:40तक
चंचल:-00:40से02:20तक
लाभ:-05:50से07:31तक
🌸आज के विशेष योग🌸
वर्ष का 279वा दिन, शनिप्रदोष, शनिरोहिणी, अमृतसिद्बियोग सूर्योदय से 12:29, रोहिणी व्रत (जैन), घृतदान, ऊंट महोत्सव प्रारंभ (2दिन राज.),
🌺👉टिप्स 👈🌺
शनि प्रदोष व्रत के दिन तिल का दान करने से शनि दोष से मुक्ति मिलतीं है।
*सुविचार*
अगर आप मेहनत को अपनी आदत बना लेते है, तो जीवन में आपको सफल होने से कोई रोक नहीं सकता।”👍🏻 सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
*नस पर नस चढ़ना (माँस-पेशियों की ऐंठन) के घरेलु उपचार :-*
👉🏻वेरीकोज वेन के लिए पैरों को ऊंचाई पर रखे, पैरों में इलास्टिक पट्टी बांधे जिससे पैरों में खून जमा न हो पाए।
👉🏻यदि आप मधुमेह या उच्च रक्तचाप से ग्रसित हैं, तो परहेज, उपचार से नियंत्रण करें।
👉🏻शराब, तंबाकू, सिगरेट, नशीले तत्वों का सेवन नहीं करें।
👉🏻सही नाप के आरामदायक, मुलायम जूते पहनें।
👉🏻अपना वजन घटाएं। रोज सैर पर जाएं या जॉगिंग करें। इससे टांगों की नसें मजबूत होती हैं।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। रोजगार में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। बाहरी-भीतरी मतभेद समाप्त होने से प्रसन्नता रहेगी। जोखिम न लें। भाइयों से सहयोग मिलेगा। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा लाभदायक रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। बुद्धि का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। दूसरों की जवाबदारी न लें। पुराना रोग उभर सकता है। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। विवाद को बढ़ावा न दें।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
बड़ों की बात मानें, लाभ होगा। अच्छी खबर मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। वरिष्ठ जन सहयोग करेंगे। जोखिम न लें। आलस्य रहेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। बुद्धि व ज्ञान की वृद्धि होगी। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
घर-बाहर तनाव रहेगा। शांति बनाए रखें। अधिक प्रयास करने से लाभ होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। शोक समाचार मिल सकता है। दौड़धूप अधिक होगी। अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होगा।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। मेहनत का फल मिलेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। आय में वृद्धि होगी। कोई बड़ी समस्या का हल मिलेगा। मित्र व संबंधी सहयोग करेंगे। घर के बड़ों की चिंता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। संतान पक्ष तरक्की करेगा।
👩🏻‍🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
भूले-बिसरे मित्र व संब‍ंधियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। दूसरों के काम की जवाबदारी न लें। प्रयास भरपूर करें, लाभ होगा। वरिष्ठजनों से मेल-मुलाकात होगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
लाभ के अवसर हाथ आएंगे। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। यात्रा से लाभ होगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। जोखिम उठाने व जल्दबाजी करने से बचें। अतिउत्साह हानि देगा। विवाद न करें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
सुख के साधनों पर अतिव्यय हो सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। बोलचाल में हल्की मजाक न करें। घर-बाहर तनाव रह सकता है। कार्यकुशलता में कमी रहेगी। कोई बड़ी गलती हो सकती है। अपरिचितों पर विश्वास न करें।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
भाग्य अनुकूल है। समय का लाभ लें। रोजगार में वृद्धि होगी। परिवार में कोई मंगल कार्य हो सकता है। प्रसन्नता रहेगी। अपेक्षित कार्य पूर्ण होंगे। रुका हुआ धन मिल सकता है। भाइयों व पार्टनर से सहयोग मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
राजकीय बाधा दूर होगी। मतभेद समाप्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। कार्य में प्रगति होगी। दूसरों से अपेक्षा न करें। अज्ञात भय सताएगा। विरोधी पस्त होंगे। प्रमाद न करें। कार्यस्थल पर सुधार होगा। योजना फलीभू�� होगी। रोजगार में वृद्धि होगी। मान-सम्मान मिलेगा।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
तं‍त्र-मंत्र में रुचि रहेगी। राजकीय बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। प्रतिद्वंद्वी शांत रहेंगे। आय में वृद्धि होगी। जल्दबाजी से काम बिगड़ सकते हैं। ऐश्वर्य पर व्यय होगा। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा।
🐡 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
विवाद को बढ़ावा न दें। उत्तेजना पर नियंत्रण आवश्यक है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। घर में अशांति रहेगी। कुसंगति से बचें। वस्तुएं संभालकर रखें। कोई बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है, धैर्य रखें।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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Shighrapatan
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शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) एक आम यौन समस्या है, जिसमें पुरुष के लिए स्खलन (ejaculation) जल्दी हो जाता है, इससे पहले कि वे और उनके साथी यौन संतुष्टि प्राप्त कर पाएं। यह समस्या अक्सर पुरुषों के आत्मविश्वास पर असर डालती है, और उनके और उनके साथी के बीच संबंधों को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, यह एक सामान्य समस्या है, और इसका इलाज संभव है।
शीघ्रपतन के कारण:
मनोवैज्ञानिक कारण:
तनाव और चिंता: मानसिक दबाव, जैसे नौकरी का तनाव, व्यक्तिगत समस्याएँ या यौन प्रदर्शन को लेकर चिंता, शीघ्रपतन का कारण बन सकती हैं।
भावनात्मक समस्याएँ: रिश्तों में तनाव या असंतोष, और रिश्ते में विश्वास की कमी भी शीघ्रपतन का कारण हो सकती है।
शारीरिक कारण:
हार्मोनल असंतुलन: हार्मोन, विशेष रूप से टेस्टोस्टेरोन का असंतुलन शीघ्रपतन का कारण हो सकता है।
तंत्रिका तंत्र में समस्या: नर्वस सिस्टम से संबंधित समस्याएँ, जैसे अति संवेदनशीलता या तंत्रिका तंत्र की अधिक उत्तेजना, शीघ्रपतन का कारण बन सकती हैं।
किसी चिकित्सा स्थिति का परिणाम: उच्च रक्तचाप, शर्करा (diabetes), या थायरॉयड की समस्याएँ भी शीघ्रपतन से जुड़ी हो सकती हैं।
शारीरिक अनुकूलता की कमी:
यदि यौन अनुभव की कमी या शारीरिक असंतुलन होता है, तो यह शीघ्रपतन की संभावना को बढ़ा सकता है।
शीघ्रपतन से बचने के उपाय:
पार्टर से संवाद:
अपनी समस्याओं पर अपने साथी के साथ खुलकर बात करें। यह मानसिक दबाव को कम करने और बेहतर समझ विकसित करने में मदद करता है।
मानसिक उपचार:
काउंसलिंग और थेरेपी: एक सेक्सोलॉजिस्ट या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करें। ये मानसिक रूप से सहायता प्रदान कर सकते हैं और तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।
मनोवैज्ञानिक तकनीक: मानसिक रूप से आराम पाने और यौन चिंता को कम करने के लिए संचार तकनीक, स्ट्रेस मैनेजमेंट, और मेडिटेशन उपयोगी हो सकते हैं।
व्यायाम:
केगेल व्यायाम: पेल्विक मसल्स को मजबूत करने के लिए केगेल एक्सरसाइज करें। इससे यौन नियंत्रण में मदद मिलती है और शीघ्रपतन को रोका जा सकता है।
योग: योग से शरीर में लचीलापन आता है, और मानसिक शांति भी मिलती है। यह यौन नियंत्रण को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें:
स्वस्थ आहार: पोषण से भरपूर आहार लेने से शरीर में संतुलन और ऊर्जा मिलती है, जो यौन स्वास्थ्य को सुधारता है।
हाइड्रेशन: पर्याप्त पानी पीने से शरीर में रक्त प्रवाह और तंत्रिका तंत्र सही से काम करता है, जिससे यौन प्रदर्शन में सुधार होता है।
दवाइयाँ:
SSRI (Selective Serotonin Reuptake Inhibitors): यह दवाइयाँ कभी-कभी शीघ्रपतन के इलाज में उपयोग की जाती हैं। इनका उद्देश्य मस्तिष्क में सेरोटोनिन के स्तर को नियंत्रित करना है, जो यौन प्रदर्शन को प्रभावित करता है।
टॉपिकल एनेस्थेटिक्स: ये विशेष क्रीम्स और स्प्रे होते हैं जो लिंग के संवेदनशील भागों को सुस्त कर देते हैं, जिससे शीघ्रपतन को नियंत्रित किया जा सकता है।
मास्टर-बेटरी तकनीक:
स्ट्रेटेजी: यौन क्रिया के दौरान एक तकनीक का पालन करें जिसे “स्टार्ट-एंड-स्टॉप” या “स्नैगिंग” कहा जाता है, जिससे आप स्खलन को नियंत्रित कर सकते हैं। इसमें आप स्खलन के ठीक पहले यौन क्रिया को रोकते हैं और फिर से शुरू करते हैं।
उत्तेजना को नियंत्रित करना:
धीमा और संतुलित अनुभव: यौन संबंधों के दौरान, धीमे और संतुलित आंदोलनों का पालन करें, ताकि उत्तेजना को जल्दी से बढ़ने से रोका जा सके।
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निष्कर्ष:
शीघ्रपतन एक सामान्य समस्या है, लेकिन इसे नियंत्रित करने के कई उपाय हैं। मानसिक शांति, शारीरिक फिटनेस, और सही संवाद के माध्यम से इसे ठीक किया जा सकता है। अगर समस्या बनी रहती है, तो एक विशेषज्ञ से परामर्श करना हमेशा अच्छा विचार होता है।
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