#मजबूत काला
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Why tyres are made only in black colour?
टायर का रंग काला ( black tire)क्यों होता है लाल, पीला या सफ़ेद क्यों नहीं होता तो आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे है और इसके पीछे का कारण भी बताएंगे. टायर की बात करे तो हर आदमी इस चीज से बाकिफ होगा क्योंकि टायर किसी भी वाहन का प्रमुख अंग है टायर की वजह से ही एक वाहन लम्बा सफ़र तय कर पाते हैं लेकिन टायर को देखकर भी यहीं सवाल उठता है कि ये टायर काले क्यों होते है और अब तो टेक्नोलॉजी में काफी बदलाव आ गया अब भी टायरों को किसी दूसरे कलर में क्यों नहीं बनाया जाता है. भारत में लगभग सभी चीजें काफी बाद में आती है लेकिन जो देश टेक्नोलॉजी में सबसे आगे है वहां के वाहन के टायर अभी भी काले क्यों बनाये जा रहे है. तो जानेंगे इसके पीछे की वजह.
टायर का रंग काला क्यों होता है || Why is the color of the tire black
टायर का इतिहास काफी पुराना है क्योंकि आदिमानव के जमाने भी टायर बनाये जाते थे लेकिन उस समय रबर जैसी किसी चीज की खोज नहीं हुई थी जब रबर की खोज हुई तो इसके टायर भी बनाये गए जो काफी काम में आने लगे लेकिन अभी भी इन टायर में कमी थी क्योंकि साधारण रबर के टायर जल्दी घिस जाते थे इसके बाद थोड़ी और रिसर्च की गयी और पाया गया कि रबर में कार्बन और सल्फर मिलाकर इसे मजबूत किया जा सकता है. वैसे आपको पता होगा कि रबर का प्राकतिक रंग स्लेटी होता है लेकिन जब इसमें कार्बन और सल्फर मिलाया जाता है तो इसका रंग काला हो जाता है.
रबर में कार्बन मिलाने से बहुत बड़ा फायदा हुआ है क्योंकि जहां साधारण रबर से बना टायर 10 किलोमीटर चल सकता है वहीं कार्बन और सल्फर युक्त रबर का टायर 1 लाख किलोमीटर से ज्यादा चल सकता है इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि टायर बनाने के लिए रबर में कार्बन और सल्फर मिलाना कितना जरुरी है. चुकीं रबर में कार्बन और सल्फर मिलाते है इसलिए टायर का रंग काला हो जाता है.
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04 नवम्बर 2024 : आपका जन्मदिन
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
👍🏻👍🏻आध्यात्मिक गुरु 👍🏻राधे राधे 8764415587, 9610752236
जन्मदिन की शुभकामनाओं के साथ आपका स्वागत है #वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स की विशेष प्रस्तुति में। यह कॉलम नियमित रूप से उन पाठकों के व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में जानकारी देगा जिनका उस दिनांक को जन्मदिन होगा। पेश है दिनांक 4 को जन्मे व्यक्तियों के बारे में जानकारी : दिनांक 4 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 4 होगा। अंक ज्योतिष के अनुसार आपका मूलांक 4 आता है। ऐसे व्यक्ति को जीवन में अनेक परिवर्तनों का सामना करना पड़ता है जैसे तेज स्पीड से आती है। गाड़ी को अचानक ब्रेक लग जाये ऐसा उनका भाग्य होगा लेकिन यह भी निशिचत है। कि इस अंक वाले अधिकाश लोग कुलदीपक होते है। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति जिद्दी, कुशाग्रता बुदरी वाले, साहसी होते है। आपका जीवन संघर्षशील होता है। इनमे अभिमान भी होता है ये लोग दिल के कोमल होते है। किन्तु बाहर से कठोर दिखाई पड़ते है। इनकी क्षमता के लोग कायल होते है।
शुभ दिनांक : 4, 8, 13, 15, 18, 21, 26, 31
शुभ अंक : 4, 8, 18, 22, 45, 50, 53, 57
शुभ वर्ष : 2025, 2027, 2029, 2031
ईष्टदेव : भगवान नृसिंह का पूजन, बृहस्पति और श्री हनुमान
शुभ रंग : पिला, नीला, काला और भूरा
कैसा रहेगा यह वर्ष
मान सम्मान में वृद्धि होगी, वही मित्र वर्ग का सहयोग मिलेगा। नवीन व्यापार की योजना प्रभावी होने तक गुप्त ही रखे शत्रु पक्ष पर प्रभाव पूर्ण सफलता मिलेगी। नौकरी पेशा प्रयास करे तो उन्नति के चांस भी है। यह वर्ष पिछले वर्ष के दुष्प्रभाव को दूर करने में सक्षम है। आपको सजग रहकर कार्य करना होगा। परिवारिक मामलों में सहयोग के द्रारा सफलता मिलेगी। विवाह के मामलों में आश्चर्य जनक परिणाम आ सकते है।
गुरु को मजबूत करने के लिए आप ओम ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम: मंत्र का जाप मंत्र का जाप 3, 5 या 16 माला कर सकते हैं।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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क्यों है प्रभु श्री राम की मूर्ति का श्यामल रंग पारस से जाने?
पारस परिवार के संस्थापक, आदरणीय “महंत श्री पारस भाई जी” एक सच्चे मार्गदर्शक, एक महान ज्योतिषी, एक आध्यात्मिक लीडर, एक असाधारण प्रेरक वक्ता और एक सामाजिक कार्यकर्ता ह��ं जो देश और समाज के कल्याण के लिए खुद को समर्पित करते हैं। उनका एक ही लक्ष्य है लोगों के सुखी और समृद्ध जीवन की कामना करना। लोगों को अँधेरे से निकालकर उनके जीवन में रोशनी फैलाना।
“पारस परिवार” हर किसी के जीवन को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है। पारस परिवार से जो भी जुड़ जाता है वो इस परिवार का एक अहम हिस्सा बन जाता है और यह संगठन और भी मजबूत बन जाता है। जिस तरह एक परिवार में एक दूसरे की जरूरतों का ख्याल रखा जाता है। ठीक उसी तरह पारस परिवार भी एक परिवार की तरह एक दूसरे का सम्मान करता है और जरूरतमंद लोगों के जीवन में बदलाव लाने के साथ यह परिवार एकजुट की भावना रखता है ।
‘महंत श्री पारस भाई जी’ एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहते हैं जहाँ कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे, जहाँ जाति-धर्म के नाम पर झगड़े न हों और जहाँ आपस में लोग मिलजुलकर रहें। साथ ही लोगों में द्वेष न रहे और प्रेम की भावना का विकास हो। पारस परिवार निस���वार्थ रूप से जन कल्याण की विचारधारा से प्रभावित है।
इसी विचारधारा को लेकर वह भक्तों के आंतरिक और बाहरी विकास के लिए कई आध्यात्मिक और सामाजिक कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित करते हैं। आध्यात्मिक क्षेत्र (Spiritual Sector) की बात करें तो महंत श्री पारस भाई जी “दुख निवारण महाचण्डी पाठ”, “प्रार्थना सभा” और “पवित्र जल वितरण” जैसे दिव्य कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
जिससे वे भक्तों के दुखों का निवारण, उनकी आंतरिक शांति और उनकी सुख-समृद्धि के लिए समर्पित हैं। इसी तरह सामाजिक क्षेत्र की बात करें तो पारस परिवार सामाजिक जागरूकता और समाज कल्याण के लिए भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने के लिए लंगर, धर्मरथ और गौ सेवा जैसे महान कार्यों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा हरियाणा और मध्य प्रदेश में “डेरा नसीब दा” जैसे महान कार्य का निर्माण भी है, जहाँ जाकर सोया हुआ नसीब भी जाग जाता है।
अयोध्या में प्रभु श्री राम जी के प्राण प्रतिष्ठा के उस दिव्य क्षण को हर कोई देखना चाहता था, हर कोई महसूस करना चाहता था, हर कोई इस पल का गवाह बनना चाहता था। यह सच है जिसने भी इस पल को देखा, वो भावुक हुए बिना नहीं रह पाया। जिसने भी गर्भगृह में विराजमान रामलला के विग्रह के चेहरे की पहली तस्वीर को देखा वो बस देखता ही रह गया। इसके बाद हर किसी के मन में यह बात जरूर थी कि आखिर प्रभु श्री राम की मूर्ति का श्यामल रंग क्यों है ? आइए इस आर्टिकल में जानते हैं क्या है भगवान राम की मूर्ति के रंग के पीछे का रहस्य।
अयोध्या में श्री राम के बाल स्वरूप में मूर्ति का निर्माण
करोड़ों राम भक्तों का सपना 22 जनवरी 2024 को पूरा हो चुका है। इसके साथ 22 जनवरी की तारीख इतिहास के पन्नों में भी दर्ज हो गई है। पूरा देश राम नाम के रंग में रंगा हुआ है। हर किसी की जुबां पर सिर्फ और सिर्फ राम नाम है। सोमवार 22 जनवरी के दिन प्रभु श्री राम मूर्ति की प्राण पर प्रतिष्ठा की गयी। श्री राम के बाल स्वरूप में मूर्ति का निर्माण किया गया, यह मूर्ति श्यामल रंग की है। रामलला की आयु 5 वर्ष बताई गई है। गर्भगृह में विराजमान रामलला के चेहरे की जब पहली तस्वीर सामने आई तो यह बेहद ही सुंदर और अद्भुत था। इस पल की ख़ुशी ने हर किसी की आँख नम कर दी। बहुत ही भावुक कर देने वाला दृश्य था यह। मान्यता है कि जन्म भूमि में बाल स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है यही वजह है कि भगवान श्री राम की मूर्ति बाल स्वरूप में बनाई गयी है।
श्यामल रंग ही क्यों?
अयोध्या में श्री राम के बाल स्वरूप में मूर्ति का निर्माण किया गया है, जिसमें मूर्ति का रंग श्यामल है। प्रभु श्री राम की मूर्ति का निर्माण श्याम शिला के पत्थर से किया गया है और यह पत्थर अपने आप में बहुत खास माना जाता है। इस पत्थर का रंग काला ही होता है। यही वजह है कि मूर्ति का रंग श्यामल है।
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि श्याम शिला की आयु हजारों वर्ष मानी जाती है। इसलिए इसके पीछे यह कारण है कि यह मूर्ति हजारों सालों तक अच्छी अवस्था में रहे और इसमें कोई भी बदलाव न हो। इसके अलावा सनातन धर्म में पूजा पाठ के समय मूर्ति का अभिषेक किया जाता है और मूर्ति को धूप, दीप, जल, चंदन, रोली, दूध और पुष्प आदि से अभिषेक किया जाता है। इन सभी चीजों से भी प्रभु श्री राम की मूर्ति को कुछ भी न हो इसका ध्यान रखा गया। इसके अलावा महर्षि वाल्मीकि रामायण में भगवान श्री राम के श्यामल रूप का वर्णन किया गया है। इसलिए प्रभु को श्यामल रूप में पूजा जाता है।
प्राण प्रतिष्ठा क्यों है जरूरी ?
प्राण प्रतिष्ठा हिंदू धर्म का प्रमुख धार्मिक अनुष्ठान है। प्राण का अर्थ हाेता है जीवन इसलिए प्राण प्रतिष्ठा का अर्थ हुआ किसी भी मूर्ति या प्रतिमा में देवी देवताओं को आने का आह्वान करना। प्राण प्रतिष्ठा प्रक्रिया का मतलब है मूर्ति में प्राण डालना। महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि इसलिए जब भी कोई मंदिर बनता है तो उसमें देवी-देवताओं की मूर्ति स्थापित की जाती है और उनकी पूजा से पहले उनमें प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। बिना प्राण प्रतिष्ठा के मूर्ति पूजन पूर्ण नहीं माना जाता है। मूर्ति में प्राण डालने के लिए मंत्र उच्चारण के साथ देवों का आवाहन किया जाता है।
श्यामल वर्ण माना जाता है शुभ
महंत श्री पारस भाई जी के अनुसार शास्त्रों में यह वर्णन मिलता है कि प्रभु राम श्याम रंग के हैं। यानि प्रभु राम का बाल रूप, प्रभु राम का जन्म रूप सब श्यामल रंग का ही है। इसलिए यही कारण है कि 500 वर्ष के बहुत ही लंबे संघर्ष के बाद प्रभु श्री राम अपने भव्य महल में विराजमान हुए हैं और उनकी प्रतिमा का रंग श्यामल रखा गया है। इसके साथ ही शास्त्रों के अनुसार, कृष्ण शिला से बनी राम की मूर्ति खास होती है और इसलिए इस मूर���ति को श्याम शिला से बनाया गया है।
किसने किया है प्रभु श्री राम की प्रतिमा का निर्माण ?
राम मंदिर में प्रभु राम बालक राम के रूप में विराजमान हैं। 5 वर्ष के बालक के रूप में रामलला की प्रतिमा बनाई गई है। प्रतिमा का निर्माण मूर्तिकार अरुण योगीराज ने किया है। मूर्तिकार अरुण योगीराज कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले हैं। अरुण योगीराज की कई पीढियां इसी काम से जुड़ी हुई हैं। उनके पिता योगीराज शिल्पी एक बेहतरीन मूर्तिकार हैं। अरुण योगीराज का कहना है कि मैं पृथ्वी पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हूँ और यह मेरे लिए सबसे बड़ा दिन है। भगवान रामलला का आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ रहा है और कभी-कभी मुझे लगता है जैसे मैं सपनों की दुनि��ा में हूँ।
प्रतिमा में कमल दल पर प्रभु राम विराजमान हैं। वहीं प्रतिमा के सबसे ऊपर स्वास्तिक और आभामंडल भी बनाया गया है। अरुण योगीराज ने सिर्फ रामलला की ही मूर्ति नहीं बनाई है, इसके अलावा भी उन्होंने कई और भी मूर्तियां बनाई हैं। अरुण योगीराज ने इंडिया गेट के पास स्थापित सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की मूर्ति बनाई है। अरुण योगीराज ने भगवान आदि शंकराचार्य की 12 फीट की मूर्ति बनाई है, जो कि केदारनाथ में है। अरुण योगीराज ने बताया कि वह अयोध्या मंदिर के लिए सबसे सुंदर और उत्तम प्रतिमा बनाना चाहते थे। इस दौरान वो 6 महीने तक अपने परिवार वालों तक से नहीं मिले।
रामलला की मूर्ति में बालत्व, देवत्व और राजकुमार तीनों की छवि
अरुण योगीराज ने रामलला की बेहद खूबसूरत मूर्ति का निर्माण किया है। रामलला की मूर्ति में बालत्व, देवत्व और एक राजकुमार तीनों की छवि दिखाई दे रही है। भगवान राम की मूर्ति की मुख्य विशेषताओं को देखें तो इसमें अनेक खूबियां हैं। प्रभु श्री राम की जो मूर्ति है उसका वजन करीब 200 किलोग्राम है। भगवान राम की मूर्ति कृष्ण शैली में बनाई गई है। मूर्ति में भगवान राम के कई अवतारों को तराशा गया है।
प्रभु श्री राम की बाल सुलभ मुस्कान ने सबको किया आकर्षित
रामलला की प्रतिमा में बालसुलभ मुस्कान ने लोगों को आकर्षित किया। हर कोई उनकी मुस्कान को बस निहारे जा रहा था। दरअसल भगवान राम की मूर्ति का निर्माण चेहरे की कोमलता, आंखों की सुंदरता, मुस्कुराहट और शरीर सहित अन्य कई चीजों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। मूर्ति बेहद ही भव्य और सुन्दर है। यह प्रतिमा 51 इंच ऊंची है, जो बहुत ही आकर्षक ढंग से बनाई गई है।
इसके अलावा भगवान श्रीराम की मूर्ति की लंबाई और ऊंचाई भारत के प्रतिष्ठित अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की सलाह पर इस तरह से डिजाइन की गई है कि हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि राम नवमी को स्वयं भगवान सूर्य श्री राम जी का अभिषेक करेंगे। रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें सीधे उनके माथे पर पड़ेंगी और वह चमक उठेगा।
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Best 100+ खूबसूरती की तारीफ शायरी | Khubsurti Ki Tareef Shayari
प्यार में, हम अक्सर उस व्यक्ति के लिए प्रशंसा व्यक्त करते हैं जिसे हम संजोते हैं, यह जानते हुए कि हमारी प्रशंसा खुशी लाती है और हमारे बंधन को मजबूत करती है। रिश्तों में तारीफें आम बात हैं, लेकिन जब उन तारीफों को शायरी के रूप में पिरोया जाता है, तो वे और भी आकर्षक हो जाती हैं। आज के लेख में, हमने आपकी प्रशंसा व्यक्त करने में मदद करने के लिए कुछ Khubsurti Ki Tareef Shayari साझा की हैं।. ये शायरी सिर्फ़ शब्द नहीं हैं; ये आपके प्यार को गहरा करने का एक तरीका हैं। चाहे आप अपनी Girlfriend की तारीफ़ करना चाहते हों या किसी ख़ास को प्रभावित करना चाहते हों, ये शायरी कमाल कर देंगी। अगर आपकी अभी तक कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, तो ये शायरी किसी को भी आपसे प्यार करने के लिए आकर्षित कर सकती हैं। इन शायरियों को सुनाना या शेयर करना निश्चित रूप से एक स्थायी छाप छोड़ेगा, जो आपके रिश्ते को का��्यात्मक रोमांस के स्पर्श के साथ बढ़ाएगा।.
Khubsurti Ki Tareef Shayari
हमें लिखनी है उन पर एक पूरी किताब….. उनकी तारीफे चंद लफ़्ज़ों में हमसे बयां नहीं होंगी….!!!
तुम हकीकत नही हो हसरत हो, जो मिले ख्वाब में वही दौलत हो, किस लिए देखती हो आइना, तुम तो खुदा से भी ज्यादा खूबसूरत हो।
महंगी हे तु कोहिनूर से भी , खूबसूरत हैं तु हूर से भी , दूर से दिखते हे चांद में दाग मगर , बेदाग हे तु दूर से भी ..!! समझ में आया लोग चाँद को खूबसूरत क्यों कहते हैं शायद मेरी तरह वो भी उसमे अपनी ही झलक देखते होंगे।
ज्यादा बड़ा शायर तो नहीं हूं मैं बस तुम्हें खूबसूरत लफ़्ज़ों में पिरो देता हूं।
खूबसूरती की तारीफ शायरी 4 लाइन
तुम खूबसूरत हो, जानती हो हम तारीफ ना करें, तो क्या करें आंखे कातिलाना हैं तुम्हारी, जानती हो हम जां निसार ना करें, तो क्या करें..!
हजारों गुलाब है महफ��ल में पर मेरे वाला गुलाब सबसे खूबसूरत है…❤✍️
मेरी ज़िंदगी में रौनक़ों की वजह हो तुम । मेरे ख़्वाबों में पारियों की जगह हो तुम। जिस आईने में ख़ुद को रोज़ सवारती हो तुम । उस आईने की खूबसूरती की वजह हो तुम ।
खूबसूरत हो तुम दिलकश मुस्कुराहट है तुम्हारी एक झलक पाकर ही धड़कने बढ़ जाती हैं हमारी
इन्ही को सुकून इन्ही को कहर लिखा है हमने तेरी आंखों को खूबसूरत शहर लिखा हैं।
ज़िन्दगी का सबसे खूबसूरत ख्याल हो तुम इश्क़ और इबादत दोनों में बेमिसाल हो तुम ❤️❤️ इसी खूबसूरत से नाम ने ही बरबाद कर रखा है वरना, इश्क के पहले जख़्मी ही कौन था। इश्क के फूल खिलते हैं तेरी खूबसूरत आँखों में, जहाँ देखे तू एक नजर वहाँ खुशबू बिखर जाए…. इश्क की गहराईयों में…खूबसूरत क्या है एक मैं हूँ, एक तुम हो और जरुरत क्या है।
खूबसूरती की तारीफ शायरी २ लाइन
तुमको लिख पाना , कहाँ मुमकिन है.. इतने खूबसूरत तो लफ्ज़ भी नहीं मेरे पास..💜 बेहद खूबसूरत “गजल” हो तुम, तुम्हे हर पल गुनगुनाता हूं मैं.. 😊😊❤️❤️ वह बहुत खुबसूरत है इससे कोई परहेज नहीं, और कत्ल करती हैं जिस कदर वह मेरा, नजर तेज धार है उतनी जितनी तलवार भी तेज नहीं। अगर मेरे अल्फाज भी खूबसूरत लगते हैं तो सोचिए, जिन्हें सोचकर लिखते हैं वो कितने खूबसूरत होंगे…!!
सनम की खूबसूरती की तारीफ शायरी
बहुत खूबसूरत है पूरी कायनात, फिर भी तेरे ख़्याल से खूबसूरत कुछ भी नहीं! खूबसूरत मेरी शायरी नही तेरी मोहब्बत है जो नूर बन कर झलकती है मेरे लफ़्ज़ों में… औरों को पसंद आती होगी मेकअप में छुपी खूबसूरती, हमे तो तेरी सादगी पसंद है .!!🥰🥰 सभी खूबसूरत है मगर… बेइंतहा शब्द… किसी एक के लिए होता है.. ✍️
किसी व्यक्ति की तारीफ में शायरी
तू चाँद सी खूबसूरत है 🌙 बादलों में न छिप जाया कर☁️ और क्या रखा है.? ✨ चाहतों में ♥️🌼 इबादतों में ♥️✨ शिद्दतों में ♥️✨ बस हर रोज़ दिख जाया कर 😇✨ ��ात भर करता रहा में तारीफ चांद से ।।। तेरे इश्क में उसको भी फीका बता दिया।। तेरी खूबसूरती की चमक में। अब क्या कह उसे तेरी तारीफो ने सुबह के जलते सुरुज को भी ठंडा बना दिया ।।। हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मुहब्बत का.. कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो..!!!! ❤️😻 धीरे से लबों पर उतरा ये सवाल.. वो ज्यादा खुबसूरत है या उसका ख्याल .. 🌺 धीरे से लबों पे पिघला है यह सवाल……. तू ज़्यादा ख़ूबसूरत है या तेरा ख़्याल…….!!! खूबसूरत तो सारे गुलाब होते है, पर मेरी पसन्द का गुलाब हो तुम।
स्त्री की सुंदरता पर शायरी
तुमसे टकराए तो मालूम हुआ हादसे खूबसूरत भी हुआ करते है। नजर लगती है हर खूबसूरत चीज को…. कोई काला धागा बांध दे मेरे इश्क़ को…..🖤 तुम्हे याद करने से होंठों पर मुस्कुराहट आ जाए, एक ऐसा खूबसूरत ख्याल हो तुम…..* लाज़मी है चेहरे पर तिल होना खुबसूरत चेहरे पर पहरेदारी भी जरूरी है 💖 अपने महबूब को गजल में सवारूँ कैसे, वो मेरे ख्याल से बढ़ कर खूबसूरत है। मेरा और उसका कुछ ऐसा किस्सा है ….. मेरी छोटी सी दुनिया का वह खूबसूरत हिस्सा है ….. बहुत खूबसूरत हो तुम फूल की तरह,😁 😌खुद को दुनिया कि नजर से बचाया करो, सिर्फ आँखों में काजल ही काफी नहीं,😵 गले में नीम्बू-मिर्ची भी लटकाया करो।🍋 मेरी नज़रों का क्या कसूर जो दिल्लगी तुमसे हो गई अरे पगली!!! तूं है ही इतनी खूबसूरत जो मोहब्बत तुम हो गई 🤪 उसकी खूबसूरती की तारीफ करने से डरते हैं, कहीं समझ न ले वो इसे हमारी खता,🥀🌺 इसलिए इजहार-ए-मोहब्बत करने से डरते हैं। मेरे लफ्जो में है तारीफ एक चेहरे की…………💕💕 मेरे महबूब की मुस्कुराहट से चलती है शायरी मेरी…💕💕 Read Also Read the full article
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अगर किसी की नवमांश कुंडली में राहु सातवे भाव में होतो हम क्या उपाय कर सकते ह जिससे शादी जल्दी हो जाये ?
अगर नवमांश कुंडली में राहु सातवें भाव में है और शादी में देरी हो रही है, तो कुछ उपाय अपनाकर इस समस्या को दूर करने की कोशिश की जा सकती है। राहु का सातवें भाव में होना विवाह में बाधाएँ उत्पन्न कर सकता है या विवाह में अस्थिरता ला सकता है। यहाँ कुछ ज्योतिषीय उपाय दिए गए हैं जो इस स्थिति में सहायक हो सकते हैं:
राहु के प्रभाव को कम करने के उपाय:
राहु के बीज मंत्र का जाप:राहु के बीज मंत्र "ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः" का प्रतिदिन 108 बार जाप करें।इस मंत्र का जाप विशेष रूप से राहु के विशेष दिन (शुक्रवार या शनिवार) को करें।
नागों की पूजा:नाग पंचमी या नागों से संबंधित त्योहारों पर नागों की पूजा करें।नाग देवता की मूर्ति या चित्र पर दूध और चावल अर्पित करें।
काला तिल और सरसों का दान:काले तिल और सरसों का दान किसी जरूरतमंद को करें।शनिवार को काले तिल और सरसों का दान विशेष फलदायी होता है।
राहु यंत्र स्थापना:राहु यंत्र की स्थापना करके उसकी नियमित पूजा करें।यंत्र को साफ-सुथरी जगह पर रखें और रोज़ धूप-दीप दिखाकर पूजा करें।
हनुमान जी की पूजा:हनुमान जी की पूजा और सुंदरकांड का पाठ करें। हनुमान चालीसा का नियमित पाठ भी राहु के अशुभ प्रभाव को कम कर सकता है।मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा करें।
सफेद चंदन और नीले रंग का प्रयोग:सफेद चंदन का तिलक लगाएं और नीले रंग के वस्त्र पहनें। ये राहु के प्रभाव को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं।
सामान्य उपाय जो विवाह में देरी को कम कर सकते हैं:
गौरी-शंकर पूजा:शिव जी और माता पार्वती (गौरी-शंकर) की नियमित पूजा करें।विशेष रूप से सोमवार को शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाएं।
रुद्राक्ष धारण:सात मुखी रुद्राक्ष धारण करें जो राहु के प्रभाव को कम करता है और शादी के योग को मजबूत करता है।इसे सोमवार को विधि-विधान से धारण करें।
विवाह संबंधित मंत्र:"ॐ नमः शिवाय" मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें।इस मंत्र का जाप विशेष रूप से सोमवार को करें।
दुर्गा सप्तशती का पाठ:दुर्गा सप्तशती का नियमित पाठ करें। यह पाठ विशेष रूप से जीवन की सभी बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है।
इन उपायों को नियमित रूप से और श्रद्धा के साथ करने से राहु के सातवें भाव में होने के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है और विवाह के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकता है। और अधिक जानकरी के लिए आप विवाह सूत्रम सॉफ्टवेयर की मदद ले सकते है। जो आपको आपकी कुंडली के आधार पर आपकी शादी के तिथि निकल कर दे सकता। है और भी अधिक जानकरी दे सकता है
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स्वास्थ्य और सुंदरता के लिए प्राकृतिक उपचार
स्वास्थ्य और सुंदरता, दोनों ही हमारे जीवन के महत्वपूर्ण पहलू हैं। आज के व्यस्त जीवन में, हम अक्सर अपने स्वास्थ्य और सुंदरता की ओर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पाते। हालांकि, प्रकृति ने हमें अनेक ऐसे उपाय दिए हैं जो न केवल हमें स्वस्थ रखते हैं बल्कि हमारी सुंदरता को भी बढ़ाते हैं। आयुर्वेद, योग, और प्राकृतिक चिकित्सा जैसे उपाय सदियों से हमारे स्वास्थ्य और सुंदरता को बनाए रखने में सहायक रहे हैं। आइए, हम इन प्राकृतिक उपायों पर विस्तार से चर्चा करें।
आयुर्वेदिक उपचार
आहार और पोषण:
आयुर्वेदिक चिकित्सा में आहार का महत्वपूर्ण स्थान है। संतुलित और पोषक आहार न केवल हमारे शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है, बल्कि यह हमारी त्वचा की चमक और स्वास्थ्य को भी बनाए रखता है। आयुर्वेदिक आहार में ताजे फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और डेयरी उत्पाद शामिल होते हैं। इसके अलावा मसाले जैसे हल्दी, अदरक और दालचीनी का उपयोग भी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।
औषधीय पौधे:
आयुर्वेद में कई ऐसे औषधीय पौधे हैं जो स्वास्थ्य और सुंदरता के लिए उपयोगी होते हैं। जैसे कि नीम, तुलसी और आंवला। नीम का तेल त्वचा के लिए अत्यंत लाभकारी होता है, यह मुंहासों को कम करता है और त्वचा को साफ और चमकदार बनाता है। आंवला बालों की सेहत के लिए अच्छा होता है, यह बालों को मजबूत और चमकदार बनाता है।
योग और ध्यान
शारीरिक योगासन:
योग न केवल हमारे शरीर को फिट और तंदुरुस्त रखता है, बल्कि यह हमारी त्वचा और बालों की सुंदरता को भी बढ़ाता है। योगासन जैसे सूर्य नमस्कार, त्रिकोणासन और शीर्षासन शरीर में रक्त संचार को बढ़ाते हैं, जिससे त्वचा को अधिक ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं। यह त्वचा को प्राकृतिक रूप से चमकदार और स्वस्थ बनाता है।
ध्यान और प्राणायाम:ध्यान और प्राणायाम मानसिक शांति प्रदान करते हैं, जिससे तनाव कम होता है। तनाव का कम होना त्वचा की सेहत के लिए लाभकारी होता है, क्योंकि तनाव से मुंहासे और अन्य त्वचा समस्याएं बढ़ सकती हैं। प्राणायाम से श्वास प्रणाली मजबूत होती है और शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है, जिससे त्वचा और बालों की सेहत में सुधार होता है।
प्राकृतिक त्वचा और बालों की देखभाल
शहद और एलोवेरा:
शहद और एलोवेरा त्वचा और बालों के लिए प्राकृतिक उपचार के ��ूप में प्रसिद्ध हैं। शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो त्वचा को साफ रखते हैं और मुंहासों को कम करते हैं। एलोवेरा का जेल त्वचा को मॉइस्चराइज करता है और जलन और सूजन को कम करता है। बालों के लिए, एलोवेरा का उपयोग कंडीशनर के रूप में किया जा सकता है, यह बालों को नरम और चमकदार बनाता है।
नारियल तेल और आंवला तेल:नारियल तेल और आंवला तेल बालों के लिए अत्यधिक लाभकारी होते हैं। नारियल तेल बालों की जड़ों को मजबूत बनाता है और उन्हें पोषण देता है। यह डैंड्रफ को भी कम करता है। आंवला तेल बालों को काला और घना बनाता है और उन्हें समय से पहले सफेद होने से रोकता है।
आयुर्वेदिक औषधियाँ
त्रिफला चूर्ण:
त्रिफला चूर्ण आयुर्वेद की एक महत्वपूर्ण औषधि है, जो तीन फलों - आंवला, बिभीतक और हरितकी - से बनी होती है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। इससे त्वचा और बाल दोनों की सेहत में सुधार होता है।
संतुलित जीवनशैली
पर्याप्त नींद:
स्वास्थ्य और सुंदरता के लिए पर्याप्त नींद आवश्यक है। नींद के दौरान, हमारा शरीर खुद को पुनर्जीवित करता है और त्वचा की मरम्मत करता है। इसलिए, प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 7-8 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए।
व्यायाम:नियमित व्यायाम न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखता है, बल्कि यह हमारी त्वचा की चमक और बालों की सेहत को भी सुधारता है। व्यायाम से शरीर में रक्त संचार बढ़ता है, जिससे त्वचा को अधिक ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं।
हाइड्रेशन:पर्याप्त पानी पीना त्वचा और बालों की सेहत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और त्वचा को हाइड्रेटेड रखता है।
निष्कर्ष
प्राकृतिक उपचार न केवल स्वास्थ्य को बनाए रखते हैं, बल्कि सुंदरता को भी बढ़ाते हैं। आयुर्वेद, योग, और प्राकृतिक चिकित्सा जैसे उपाय हमारे शरीर और मन को स्वस्थ और संतुलित रखते हैं। इन उपायों को अपनाकर, हम न केवल एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं, बल्कि अपनी सुंदरता को भी बनाए रख सकते हैं।प्रकृति ने हमें अनेक ऐसे उपाय दिए हैं, जिन्हें अपनाकर हम अपने स्वास्थ्य और सुंदरता को प्राकृतिक रूप से बढ़ा सकते हैं। इसलिए, आइए हम इन प्राकृतिक उपायों को अपने दैनिक जीवन में शामिल करें और एक स्वस्थ और सुंदर जीवन जीएं।Visit us-https://prakritivedawellness.com/beauty-and-fitness/
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पीसीओडी क्या होता है जानिये कारण, लक्षण, इलाज और प्रबंधन
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज या (PCOD) पीसीओडी क्या होता है, जैसा कि इसे भारत में कहा जाता है, एक जटिल स्थिति है जिसमें महिलाओं को प्रभावित करने वाले कई लक्षण शामिल होते हैं। जबकि पीसीओडी को सबसे आम हार्मोनल बीमारी के रूप में पहचाना जाता है, यह प्रजनन क्षमता, चयापचय स्वास्थ्य और यहां तक कि मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य सहित महिलाओं के स्वास्थ्य के कई पहलुओं के लिए चुनौती पैदा कर सकता है। यह मार्गदर्शिका पीसीओडी को सरल बनाने, इसके निदान के लिए स्पष्टीकरण प्रदान करने और महिलाओं को उनके जीवन में इस स्थिति के प्रबंधन के बारे में शिक्षित करने के लिए तैयार की गई है। उन्नत उपचार विकल्पों और विशेषज्ञ देखभाल के लिए, नवी मुंबई में सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Navi Mumbai) के रूप में प्रसिद्ध यशोदा आईवीएफ सेंटर पर जाने पर विचार करें।
पीसीओडी क्या होता है : मूल बातें समझिए
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, या पीसीओडी, एक हार्मोनल विकार है जो दो तीन प्रमुख विशेषताओं द्वारा चिह्नित है:
• अनियमित पीरियड्स (मासिक धर्म संबंधी विकार)
• पुरुष हार्मोन के उच्च स्तर के परिणामस्वरूप अत्यधिक बाल बढ़ना (अतिरोमण), मुँहासे, और पुरुष-पैटर्न गंजापन जैसे शारीरिक लक्षण हो सकते हैं
• पॉलीसिस्टिक अंडाशय - बढ़े हुए अंडाशय जिनमें बाहरी किनारे पर स्थित कई छोटे सिस्ट होते हैं
पीसीओडी के कारण वजन बढ़ना, मुंहासे और गर्भवती होने में कठिनाई सहित कई लक्षण हो सकते हैं। यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि पीसीओडी का कारण क्या है, लेकिन यह संभवतः आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों का एक संयोजन है।
पीसीओडी और इसके प्रभाव को समझिए
पीसीओडी एक डिम्बग्रंथि विकार है जो एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के उत्पादन के लिए जिम्मेदार महिला प्रजनन प्रणाली में हस्तक्षेप करता है जो उन्हें मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने में सहायता करता है। अंडाशय इन महिला-विशिष्ट हार्मोनों और कुछ पुरुष हार्मोनों का भी उत्पादन करते हैं, जिन्हें एण्ड्रोजन कहा जाता है।
जिन महिलाओं को पीसीओडी है, उनमें टेस्टोस्टेरोन सामान्य से अधिक बढ़ जाता है। यह इस प्रतिकूल और अक्सर अस्थिर हार्मोनल संतुलन के कारण है कि मासिक धर्म चक्र में अधिक अनियमितताएं आम हैं, और इस प्रकार महिलाओं को गर्भवती होने में कठिनाई होती है। इसके अतिरिक्त, सबसे आम चिंता पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं में उच्च-इंसुलिन प्रतिरोध है, जिसमें शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति सामान्य रूप से प्रतिक्रिया नहीं करती हैं और परिणामस्वरूप, रक्त शर्करा बढ़ जात�� है। यह एण्ड्रोजन उत्पादन को ट्रिगर कर सकता है और परिणामस्वरूप, पीसीओडी के लक्षणों को फिर से मजबूत कर सकता है।
पीसीओडी के लक्षणों को पहचानिये
पीसीओडी के लक्षण और पीसीओडी क्या होता है ये हर महिला में काफी भिन्न हो सकते हैं। कुछ को हल्के लक्षणों का अनुभव हो सकता है, जबकि अन्य के जीवन की गुणवत्ता पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
• अनियमित मासिक धर्म
• मासिक धर्म के दौरान भारी रक्तस्राव
• लंबे समय तक मासिक धर्म चक्र 35 दिनों से अधिक, या एक वर्ष में आठ मासिक धर्म चक्र से कम
• पुरुष हार्मोन के ऊंचे स्तर के परिणामस्वरूप अत्यधिक बाल बढ़ना, मुँहासे और पुरुष-पैटर्न गंजापन जैसे शारीरिक लक्षण हो सकते हैं
• अल्ट्रासाउंड में पॉलीसिस्टिक अंडाशय का पता चला
• सिर पर बालों का पतला होना
• वजन बढ़ना या वजन कम करने में कठिनाई होना
• त्वचा का काला पड़ना, त्वचा संबंधी समस्याएं, जिनमें त्वचा टैग, और मुँहासे शामिल हैं
• •मनोदशा में बदलाव
पीसीओडी के कारण
वास्तविक में पीसीओडी क्या होता है या फीर उसका सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन कई कारक इसके विकास को प्रभावित कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
• अतिरिक्त इंसुलिन: पीसीओडी से पीड़ित कई महिलाओं में इंसुलिन प्रतिरोध होता है, विशेष रूप से वे जो अधिक वजन वाली या मोटापे से ग्रस्त हैं, अस्वास्थ्यकर आहार लेती हैं, पर्याप्त शारीरिक गतिविधि नहीं करती हैं और मधुमेह का पारिवारिक इतिहास रखती हैं।
• निम्न-श्रेणी की सूजन: पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं में भी अक्सर एक प्रकार की निम्न-श्रेणी की सूजन होती है जो पॉलीसिस्टिक अंडाशय को एण्ड्रोजन का उत्पादन करने के लिए उत्तेजित करती है।
• आनुवंशिकता: हालाँकि, अध्ययनों से पता चला है कि कुछ जीन पीसीओडी से जुड़े हो सकते हैं।
पीसीओडी का इलाज/निदान
पीसीओडी क्या होता है ये तो आपने समझ लिया हैं तो अब जानिए की पीसीओडी का निदान करना कुछ जटिल हो सकता है और इसमें अक्सर कई चरण शामिल होते हैं:
• रोगी के व्यक्तिगत लक्षणों को समझने के लिए चिकित्सा इतिहास का विश्लेषण।
• शारीरिक परीक्षण जिसमें शरीर पर अतिरिक्त बाल, रक्तचाप और बॉडी मास इंडेक्स (BMI) जैसे संकेतों की जांच शामिल है।
• हार्मोन स्तर, ग्लूकोज, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स की जांच के लिए रक्त परीक्षण।
• अंडाशय की स्थिति और आकार को देखने के लिए अल्ट्रासाउंड, यह देखने के लिए कि क्या वे बढ़े हुए हैं या उनमें सिस्ट हैं।
पीसीओडी का निदान हल्के में नहीं लिया जाता है और इसमें अन्य संभावित बीमारियों का बहिष्कार शामिल होता है जो पीसीओडी के लक्षणों की नकल कर सकते हैं।
पीसीओडी के उपचार और प्रबंधन के दृष्टिकोण
हालाँकि पीसीओडी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन कई उपचार लक्षणों और जटिलताओं को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं। किसी महिला की प्राथमिकताएं क्या हैं, इसके आधार पर उपचार के विकल्प अलग-अलग हो सकते हैं, चाहे व�� गर्भवती हो रही हो या बालों के बढ़ने जैसे किसी विशिष्ट लक्षण का प्रबंधन कर रही हो।
· जीवन शैली में परिवर्तन: पीसीओडी के लक्षणों को सही सावधान आदतों के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। महत्वपूर्ण उपायों में नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और उचित वजन प्रबंधन शामिल है।
· पीसीओडी के लिए दवाएं: मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने, अत्यधिक बालों के विकास को कम करने और मुँहासे का इलाज करने के लिए विभिन्न दवाओं का उपयोग किया जा सकता है। इनमें संयोजन जन्म नियंत्रण गोलियाँ, प्रोजेस्टिन थेरेपी, एंटी-एंड्रोजन दवाएं और बहुत कुछ शामिल हो सकते हैं।
· प्रजनन उपचार: यदि गर्भावस्था वांछित है, तो कुछ दवाएं ओव्यूलेशन को प्रेरित करने में मदद कर सकती हैं। अधिक जटिल मामलों में, इन विट्रो फर्टिलाइजेशन जैसी सहायक प्रजनन तकनीक (एआरटी) की सिफारिश की जा सकती है।
पीसीओडी को प्रजनन क्षमता को मात देने वाली बीमारी के रूप में समझिए
पीसीओडी, महिला बांझपन के सबसे अधिक पहचाने जाने वाले कारणों में से एक है, जो महिलाओं की भलाई के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है। इस हार्मोन असंतुलन के कारण अंडाशय पर छोटे फूलों की थैली का निर्माण होता है जो परिपक्व अंडे को बाहर निकलने से रोकता है। ऑलिगोमेनोरिया के साथ भी गर्भावस्था आगे बढ़ सकती है, लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान चिकित्सा सहायता की आवश्यकता हो सकती है। Yashoda IVF में IVF (In vitro fertilization) उपचार एक विशेषता है जो महिलाओं को इस समस्या से निपटने में मदद करता है।
पीसीओडी में प्रजनन उपचार को समझना
पीसीओडी से पीड़ित महिलाएं जो गर्भधारण करना चाहती हैं, उनके लिए सबसे आम थेरेपी ओव्यूलेशन इंडक्शन है, जो एक प्रजनन उपचार है जिसमें अंडाशय को केवल एक अंडा देने के लिए उत्तेजित करने के लिए दवाओं का उपयोग शामिल है। पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं को कभी-कभी अपने प्रजनन प्रयासों में सहायता के लिए अतिरिक्त प्रजनन उपचार की आवश्यकता होगी। इस प्रक्रिया में चिकित्सा सहायता के लिए Yashoda IVF Centre का आवश्यक सहयोग प्राप्त करें।
पीसीओडी में आहार एवं व्यायाम
पीसीओडी के संदर्भ में, दैनिक कसरत के साथ-साथ स्वस्थ आहार आदतों का पालन करना भी उतना ही महत्वपूर्ण पहलू है। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा के मिश्रण के साथ संतुलित आहार के मामले में, इसका लक्ष्य रखें। भोजन पिरामिड में चीनी और परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट की कमी इंसुलिन प्रतिरोध की प्रगति में सहायता कर सकती है।
वज़न प्रबंधन
स्वस्थ संतुलित वजन प्राप्त करके अपने पीसीओडी लक्षणों को नियंत्रित रखने में सक्षम होने से उनकी गंभीरता क��फी कम हो जाएगी। यहां तक कि वजन में कुछ मामूली कमी के परिणामस्वरूप भी ��ुशहाल स्थिति आती है।
तनाव में कमी
आराम की तकनीकों और सही नींद के माध्यम से तनाव पर काम करने से लक्षणों को लाभदायक तरीके से राहत देने में मदद मिलती है।
मुख्य तथ्य और निष्कर्ष
पीसीओडी क्या होता है का मतलब जो की पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज है और यह व्यापक है। हालांकि, लक्षण इतने गंभीर और जटिल हो सकते हैं कि किसी महिला की सामान्य जीवनशैली जैसे स्वास्थ्य और खुशी को प्रभावित कर सकते हैं। महिला द्वारा शीघ्र निदान के माध्यम से पीसीओडी को दूर करना बधाई की बात है क्योंकि महिला को शरीर के संकेतों को पहचानना चाहिए और अगर उसे लगता है कि वह इस स्थिति से जूझ रही है तो डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। यशोदा आईवीएफ सेंटर उन महिलाओं के सहारे है जो पीसीओडी की इस चुनौती से निपट रही हैं और स्वस्थ जीवन की दिशा में कदम बढ़ाना चाहती हैं।
पशु अध्ययनों से पता चला है कि कुछ पौधों में एंटीऑक्सीडेंट और सुरक्षात्मक गुण होते हैं जो गर्भधारण करने की इच्छुक महिलाओं की मदद कर सकते हैं। हालांकि इस बात के प्रमाण अनिर्णायक हैं कि क्या इन खाद्य पदार्थों के सेवन से गर्भधारण में मदद मिलेगी, लेकिन इन्हें संतुलित आहार में शामिल करने से कोई नुकसान नहीं होता है। इन तरीकों से, ज्ञान और उचित नियंत्रण आपको पीसीओडी के साथ रहते हुए भी एक पूर्ण, पूर्ण जीवन जीने में सक्षम बनाएगा।
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BJP-JJP Alliance: JJP की नवसंकल्प रैली पर BJP का गठबंधन टूटा, विधायक से दूरी बनाते हुए हिसार में किया रणनीति का ऐलान
JJP’s New Resolution Rally: हरियाणा में बीजेपी-जजपा गठबंधन के बाद जजपा आज यात्रा में नवसंकल्प रैली आयोजित करेंगी। राजनीतिक गलियारों में इस रैली की खूब चर्चा हो रही है, क्योंकि पूर्व डिप्टी सीएम म्यूजिकल म्यूजिक के सामने आगामी रणनीति का ऐलान कर सकते हैं। वहीं, 5 बालाजी की रैली से दूरी बनाने की चर्चा है। एक दिन पहले दिखाए गए इंटरव्यू के बीच जजपा (JJP) ने दिल्ली (Delhi) में लीडर दल की बैठक की थी। बैठक में अध्यक्ष रामकुमार गौतम, रामनिवास सूरजा, जोगीराम सिंह, ईश्वर सिंह और पूर्व पंचायत मंत्री मंडली बबली शामिल हैं।
JJP’s New Resolution Rally: नवनियुक्त सीएम सोनिया के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में भी मौजूद
पांचों विपक्षी दल नाराज हैं। इतना ही नहीं, चार विधायक कल नवनियुक्त सीएम सोनिया के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में भी मौजूद थे। ऐसे में उनके बीजेपी के समर्थन की बात सामने आ रही है. उदाहरण के तौर पर, अजय देवगन के अलावा नैना ढोला, अमरजीत ढांडा, रामकरण काला और अनूप धानक मौजूद थे।
बैठक के बाद जेपी प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह ने कहा- पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में वरिष्ठ नेताओं ने अलग-अलग विषयों पर विचार-विमर्श किया. बैठक में हुई चर्चा की जानकारी अजय देवगन के जन्मदिन पर होने वाली यात्रा, समाजवादी पार्टी के नवसंकल्प रैली में दी जाएगी।
JJP’s New Resolution Rally: नाराज़ जजपा विधायक ने क्या कहा..
रामकुमार गौतम : नारनौंद विधानसभा सीट से विधायक रामकुमार गौतम ने गठबंधन टूटने से पहले कहा कि दुष्यंत का इलाज कर दो, मुझे मंत्री पद नहीं चाहिए।
रामनिवास सुरजाखेड़ा : नरवाना से विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा ने कहा कि गठबंधन टूटना हरियाणा के हित में है। भाजपा को अलग राह अपनाना ही हरियाणा के हित में होगा।
ईश्वर सिंह : गुहला से विधायक ईश्वर सिंह ने कहा कि सोमवार को उनकी तबीयत खराब थी, इसलिए वह दिल्ली वाली जगह में शामिल नहीं हो पाए।
दुष्यंत बोले- हरियाणा के हित के लिए दिन-रात में समय
एलायंस टीम के बाद मजबूत समर्थकों ने एक्स पर लिखा- “आपने मुझे हरियाणा के आधार के रूप में प्रदेश की सेवा करने का अवसर दिया है, मैं ��पना स्वर रखता हूं समय और सीमित संख्या के साथ हम दिन रात हरियाणा के हितों की रक्षा के लिए जगह बनाते हैं। हम हरियाणा (Haryana) के हर वर्ग और हर क्षेत्र के काम सरकार में शामिल हैं।
हमारे कठिन और संघर्ष के दौर में आपने हम पर जो भरोसेमंद भरोसेमंद साथी है और जो हमेशा साथ देता है उसके लिए मैं आपका हमेशा के लिए भरोसेमंद साथी हूं। मुझे विश्वास है कि जननायक चौधरी देवीलाल जी के कदमों पर चलते हुए, मैं हरियाणा और हरियाणा के लोगों के हितों की रक्षा के लिए हमेशा समर्पित रहा हूं। हरियाणा के लोगों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा के लिए हमारा प्रयास निरंतर जारी है। प्रत्येक हरियाणावासी का सहयोग और सहयोग के लिए योगदान देता हूँ।”
जानिए, गठबंधन क्यों…
2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी-जजपा (BJP-JJP) ने अलग-अलग मुकाबला किया। बहुमत के लिए बहुमत का गठबंधन हो गया। पांचवां 4 साल का एलायंसमेंट जारी। जैसे ही 2024 नॉमिनल इलेक्शन क्लोज आने लगे तो जजपा 10 में से 2-3 वीकेंड पर अपनी तयशुदा जात रही थी। बीजेपी नेता इसके पक्ष में नहीं थे. वे अकेले लोकसभा चुनाव चाहते थे।
इसके बाद दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जापान के राष्ट्रपति से मुलाकात हुई। मीटिंग में सकारात्मक जवाब न मिलने के बाद पर्यटक वहां से चले गए। इसके बाद मनोहर लाल (Manohar lal) ने ग्रैजुएट को स्थिति से अवगत कराया। मंगलवार की सुबह अचानक स्टूडियो और लीडरशिप टीमों की तैनाती की गई। इसके बाद गठबंधन टूटने का फैसला हुआ और आम आदमी पार्टी का नेता चुना गया।
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Ek Pen la Saktha aap ke Jivan me unnati or Khushali?

Ek Pen: एक पेन ला सकता आप के जीवन में उन्नति और जबरदस्त कामयाबी जो हर व्यक्ति की पहली सीधी सीढ़ी है?
Ek Pen: Can a pen bring progress and tremendous success in your life, which is the first direct step for every person?
आप चाहें किसी भी क्षेत्र से धन उपार्जन कर रहे हों जैसे: C. A., Doctor, व्यापारी हो सकता है आप एक राजनेता या कोई अधिकारी हो और कुछ भी किन्तु एक पेन आप की पहली जरूरत है?
ज्योतिष के अनुसार किस रंग का pen प्रयोग करना चाहिए
ज्योतिष के अनुसार, आपके लिए सबसे अच्छा रंग आपके जन्म राशि और ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है।
यहां कुछ सामान्य दिशानिर्देश दिए गए हैं:
मेष (Aries): लाल, नारंगी, और सुनहरा रंग आपके लिए शुभ माने जाते हैं।
वृषभ (Taurus): हरा, नीला, और सफेद रंग आपके लिए शुभ माने जाते हैं।
मिथुन (Gemini): हरा, पीला, और सफेद रंग आपके लिए शुभ माने जाते हैं।
कर्क (Cancer): सफेद, चांदी, और हरा रंग आपके लिए शुभ माने जाते हैं।
सिंह (Leo): लाल, नारंगी, और सुनहरा रंग आपके लिए शुभ माने जाते हैं।
कन्या (Virgo): हरा, पीला, और सफेद रंग आपके लिए शुभ माने जाते हैं।
तुला (Libra): नीला, गुलाबी, और सफेद रंग आपके लिए शुभ माने जाते हैं।
वृश्चिक (Scorpio): लाल, गहरा नीला, और बैंगनी रंग आपके लिए शुभ माने जाते हैं।
धनु (Sagittarius): पीला, नारंगी, और सुनहरा रंग आपके लिए शुभ माने जाते हैं।
मकर (Capricorn): काला, भूरा, और नीला रंग आपके लिए शुभ माने जाते हैं।
कुंभ (Aquarius): नीला, हरा, और सफेद रंग आपके लिए शुभ माने जाते हैं।
मीन (Pisces): सफेद, चांदी, और हरा रंग आपके लिए शुभ माने जाते हैं।
यहां कुछ अतिरिक्त युक्तियां दी गई हैं:
यदि आप किसी विशेष ग्रह को मजबूत करना चाहते हैं, तो उस ग्रह से जुड़े रंग का पेन इस्तेमाल करें।
यदि आप किसी विशेष क्षेत्र में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो उस क्षेत्र से जुड़े रंग का पेन इस्तेमाल करें।
यदि आप किसी विशेष दिन या समय पर लिख रहे हैं, तो उस दिन या समय से जुड़े रंग का पेन इस्तेमाल करें।
उदाहरण के लिए:
यदि आप बुध ग्रह को मजबूत करना चाहते हैं, तो हरा रंग का पेन इस्तेमाल करें।
यदि आप शिक्षा में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो पीला रंग का पेन इस्तेमाल करें।
यदि आप रविवार को लिख रहे हैं, तो लाल रंग का पेन इस्तेमाल करें।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये केवल सामान्य दिशानिर्देश हैं। आपके लिए सबसे अच्छा रंग आपके व्यक्तिगत ज्योतिष चार्ट पर निर्भर करता है। यदि आप अपने लिए सबसे अच्छा रंग जानना चाहते हैं, तो आपको किसी ज्योतिषी से सलाह लेनी चाहिए।
ज्योतिष के अनुसार, आपकी जन्म तारीख के अनुसार आपके लिए किसी भी रंग का पेन शुभ या अशुभ हो सकता है। आपकी जन्म तारीख को एक अंक में लाने के लिए, आपको उसके सभी अंकों को जोड़ना होगा। उदाहरण के लिए, अगर आपकी जन्म तारीख 15 अगस्त 1997 है, तो आपका मूलांक 1+5+8+1+9+9+7 = 40 = 4 होगा।
आपका मूलांक जानने के बाद, आप निम्नलिखित जानकारी के आधार पर अपने लिए एक शुभ रंग का पेन चुन सकते हैं12:
मूलांक 1: सुनहरा रंग
मूलांक 2: सफेद या चांदी रंग
मूलांक 3: सुनहरा रंग
मूलांक 4: भूरा रंग
मूलांक 5: हरा रंग
मूलांक 6: क्रिस्टल क्लियर या सफेद रंग
मूलांक 7: ग्रे रंग
मूलांक 8: नीला या काला रंग
मूलांक 9: लाल रंग
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2024 में आपकी राशि के अनुसार कौन सा रंग फायदेमंद रहेगा - Bhoomika kalam
ज्योतिष की मानें तो रंगों का भी ग्रह नक्षत्र पर प्रभाव पड़ता है और इसका असर हमारे व्यक्तिगत जीवन पर पड़ता है। इसलिए अगर ज्योतिष में यकीन है तो फिर अपनी राशि के अनुसार बताये रंगों का इस्तेमाल करना शुरू करें और जीवन में परिवर्तन देखें। यहाँ हम आपको बता रहे हैं कि 2024 में आपकी राशि के अनुसार कौन सा रंग फायदेमंद रहेगा।
मेष राशि का भाग्यशाली रंग: मेष राशि वालों का लक्षण है उनकी ऊर्जा, उत्साह और साहस। साथ ही राशियों में मेष पहला है इसलिए इनके लिये रंगों में पहला रंग लाल बहुत लाभदायक होगा।
वृषभ राशि का रंग: वृषभ राशि के जातकों से संबंधित रंग हरा है। वृषभ राशि वालो की विशेषता है की ये बहुत आशावादी होते हैं और इसलिए इनकी प्रकृति को सबसे ज्यादा सूट करता है हरा रंग।
मिथुन राशि का रंग: इस राशि के लोग कल्पनाशील होते हैं। रचनात्मक प्रतिभा होती है और इसलिए इनकी प्रकृति को और उभारने के लिए इन्हें ग्रे रंग का ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए।
कर्क राशि का रंग: कर्क राशि के लोग सादगी पसंद करते हैं और भावनात्मक रूप से ज्यादा मजबूत नहीं होते। इनके लिए सबसे उपयुक्त रंग है सफ़ेद जो इनकी प्रकृति से मेल खाता है।
सिंह राशि का भाग्यशाली रंग: ये साहसी होते हैं और नेचुरल रहना पसंद ��रते हैं। हर काम में इन्हें परफेक्शन चाहिए होता है। इनकी प्रकृति को देखते हुए 2024 में लाभदायक रंग पीला है।
कन्या राशि का भाग्यशाली रंग: कन्या राशि वाले सौम्य और शांतिपूर्ण स्वाभाव के होते हैं। पर्यावरण से इन्हें लगाव होता है। जटिल चीजों में नहीं पड़ते। इनके लिए लाभदायक रंग है नीला जो भावनाओं, सपनों, समुद्र और आकाश का रंग है।
तुला राशि का रंग: इन्हें बैलेंस पसंद है और जो काम करते हैं उस काम को अच्छे से करते हैं। लगनशील होते हैं। इन्हें बहुत ज्यादा तीव्रता पसंद नहीं। ऐसे में इनके लिए फायदेमंद रंग है स्काई ब्लू ।
वृश्चिक राशि का भाग्यशाली रंग: इस राशि वाले लोगों का व्यक्तित्व थोड़ा रहस्यमय होता है। ये सब कुछ उजागर नहीं करते बल्कि छुपा के रखना इनकी आदत है। इन्हें समझना भी मुश्किल होता है। ऐसे में इन राशि वालों के लिए सबसे फायदेमंद रंग है काला रंग।
मकर राशि का रंग: इनकी प्रकृति भी रहस्यमयी होती है। इन्हें हर काम में फुल कंट्रोल चाहिए होता है। इनके लिए गहरा भूरा रंग काफी फायदेमंद होगा।
कुंभ राशि का रंग: कुम्भ राशि समय की ओर इशारा करता है। समय अनंत है और इसलिए गहरा रंग इसका प्रतीक है। कुम्भ राशि वालों के लिए फायदेमंद रंग है मिडनाईट ब्लू। लेकिन ये कलर थोड़ा चमकदार हो तो और भी अच्छा होगा।
मीन राशि का रंग: मीन राशि वाले काफी चंचल और कल्पनाशील होते हैं। इनकी प्रकृति को देखते हुए 2024 में जो फायदेमंद रंग होगा वो है फिरोजी रंग।
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घुटनों के दर्द से राहत दिलाएगा सरसों का तेल और लहसुन, जानें उपयोग का तरीका
सरसों का तेल और लहसुन औषधीय गुणों से भरपूर होता है। सरसों के तेल में ओमेगा 3 फैटी एसिड, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीइंफ्लेमेटरी जैसे गुण पाए जाते हैं। सरसों के तेल में सूजन को कम करने वाले गुण भी होते हैं। सरसों का तेल हड्डियों को मजबूत बनाता है, सूजन कम करता है और दर्द से राहत दिला सकता है। इसके साथ ही लहसुन में भी जोड़ों और घुटनों के दर्द को कम (What are the Benefits of Garlic and Mustard Oil) कर सकता है। ऐसे में आप सरसों के तेल और लहसुन को अलग-अलग इस्तेमाल करने के बजाय दोनों को एक साथ उपयोग में लगा सकते हैं। इससे आपके घुटनों का दर्द कुछ ही दिनों में छूमंतर हो जाएगा।
घुटनों के दर्द में सरसों का तेल और लहसुन का इस्तेमाल कैसे करें?
अगर आपको घुटनों में दर्द रहता है, तो आप सरसों का तेल और लहसुन का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप एक पैन में सरसों का तेल डालें। इसमें लहसुन की कुछ कलियां डाल दें और अच्छी तरह से पका लें। लहसुन और तेल को तब तक पकाएं, जब तक लहसुन अच्छी तरह से पक न जाए। इस स्थिति में लहसुन काला हो जाता है। अब सरसों के तेल और लहसुन के इस मिश्रण को हल्का गुनगुना होने दें। इसके बाद आप इस मिश्रण से अपने घुटनों और जोड़ों की मालिश कर सकते हैं। रोजाना सुबह-शाम इस तेल से घुटनों की मालिश करने से आपको काफी आराम मिल सकता है।
News Source: SM Hindi News
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Shanivar Vrat : कैसे रखें शनिवार व्रत, जानिए पूजन विधि और कथा
शनि देव को लोग भयभीत क्यों मानते हैं? इसके कई कारण हैं। प्राचीन हिन्दू पौराणिक कथाओं और ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को गहरे दुःख और पीड़ा का प्रतीक माना जाता है। शनि को न्याय के देवता भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि वह कर्मों की न्यायपूर्ण फल देने वाला है। उनका प्रभाव जीवन के विभिन्न पहलुओं पर शास्त्रों में विस्तार से वर्णित किया गया है। शनि देव का रंग काला होता है, जो उनकी पहचान है। काला रंग उनके गहरे और अदृश्य स्वभाव को प्रतिष्ठित करता है। इसलिए, लोग काले रंग को शनि देव के संकेत के रूप में मानते हैं।
शनि देव की ग्रह शास्त्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका है। शनि के ग्रहण की स्थिति और दशा व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डालती हैं। उनके प्रभाव के अनुसार, एक उन्हें बड़ी कठिनाइयों, संकटों और परेशानियों का कारण माना जाता है। यह कहा जाता है कि शनि देव की दया और कृपा पाने के लिए मनुष्य को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसलिए उन्हें भय और आपत्ति का प्रतीक माना जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में शनि देव का महत्वपूर्ण स्थान है। शनि ग्रह एक ऐसा ग्रह है जिसका प्रभाव जीवन में सामान्यतः दुखों, बाधाओं और कठिनाइयों को बढ़ा देता है। इसलिए, जब कोई व्यक्ति शनि के प्रभाव में होता है, तो उसे विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
शनि देव का प्रभाव व्यक्ति के कर्मों पर भी होता है। शास्त्रों में कहा जाता है कि जो लोग अच्छे कर्म करते हैं, उन्हें शनि देव का प्रभाव शांतिपूर्ण और अनुकूल होता है। वे उनकी दया और कृपा को प्राप्त करते हैं। वहीं, जो लोग बुरे कर्म करते हैं, उनके लिए शनि देव का प्रभाव कठोर और परेशान करने वाला होता है। इसलिए, शनि देव अच्छे कर्मों को प्रोत्साहित करने और बुरे कर्मों को संशोधित करने का संकेत देते हैं।
यद्यपि शनि देव का भय और पीड़ा का संकेत दिया जाता है, लेकिन उनकी पूजा और उपासना भी विशेष महत्वपूर्ण है। शनि देव की उपासना और उनके कृपा को प्राप्त करने से मान्यता है कि व्यक्ति के जीवन में दुःखों का समाधान होता है और उन्हें समृद्धि और सुख मिलता है।
शनि पूजा करने से कई फायदे हो सकते हैं। यह कुछ मुख्य फायदे हैं:
· शनि पूजा करने से शनि देवता की कृपा मिलती है और शनि के दोषों का प्रभाव कम होता है।
· यह पूजा जीवन में खुशहाली, संपत्ति और सफलता लाने में मदद कर सकती है।
· शनि पूजा से भय, चिंता और तनाव कम होते हैं और मानसिक शांति मिलती है।
· यह पूजा न्याय, धार्मिकता और ईमानदारी को बढ़ावा देती है।
· शनि पूजा करने से आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है और व्यापार में वृद्धि ��ो सकती है।
· यह पूजा शनि की क्रोध से बचाती है और नकारात्मकता को दूर करती है।
· शनि पूजा से स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है और रोगों से बचाव हो सकता है।
यदि आप शनि पूजा करना चाहते हैं, तो प्रभू श्रीराम इंडियाज़ बेस्ट अगरबत्ती एवं धूप आपके लिए लाया है शनि देव पूजा किट जिसकी मदद से नियमनुसार भगवान शनि देव को अति प्रसन्न कर सकते हैं।
विधि (Shani Vrat Vidhi)
याद रखें, शनि पूजा को समर्पित होने के लिए समय, स्थान और नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण होता है। यह पूजा और व्रत शनिदेव को प्रसन्न करने हेतु होता है.
1) काला तिल, तेल, काला वस्त्र, काली उड़द शनि देव को अत्यंत प्रिय है. इनसे ही पूजा होती है. शनि देव का स्त्रोत पाठ करें.
2) शनिवार का व्रत यूं तो आप वर्ष के किसी भी शनिवार के दिन शुरू कर सकते हैं परंतु श्रावण मास में शनिवार का व्रत प्रारम्भ करना अति मंगलकारी है ।
3) इस व्रत का पालन करने वाले को शनिवार के दिन प्रात: ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके शनिदेव की प्रतिमा की विधि सहित पूजन करनी चाहिए।
4) शनि भक्तों को इस दिन शनि मंदिर में जाकर शनि देव को नीले लाजवन्ती का फूल, तिल, तेल, गुड़ अर्पण करना चाहिए। शनि देव के नाम से दीपोत्सर्ग करना चाहिए।
5) शनि मंत्रों का जाप करें: शनि देवता के मंत्रों का जाप करना शनि के दोषों को शांत करने में मदद कर सकता है। "ॐ शं शनैश्चराय नमः" और "शनैश्चराय नमः" जैसे मंत्रों का नियमित जाप करना शुभ माना जाता है।
6) तिल के तेल का दान करें: शनिवार को तिल के तेल का दान करना शनि देवता को प्रसन्न करने का एक प्रभावी तरीका है। आप तिल के तेल के एक छोटे बोतल को मंदिर में या शनि देवता के सामने रख सकते हैं और इसे दान कर सकते हैं।
7) शनि देवता के व्रत रखें: आप शनि देवता के व्रत रख सकते हैं, जिस��ें आपको शनिवार को नौ व्रत रखने होंगे। इस व्रत के दौरान आपको शनि देवता की पूजा करनी होगी, नियमित जाप करना होगा, और सत्विक आहार लेना होगा।
शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा के पश्चात उनसे अपने अपराधों एवं जाने अनजाने जो भी आपसे पाप कर्म हुआ हो उसके लिए क्षमा याचना करनी चाहिए। शनि महाराज की पूजा के पश्चात राहु और केतु की पूजा भी करनी चाहिए। इस दिन शनि भक्तों को पीपल में जल देना चाहिए और पीपल में सूत्र बांधकर सात बार परिक्रमा करनी चाहिए। शनिवार के दिन भक्तों को शनि महाराज के नाम से व्रत रखना चाहिए।
शनि व्रत कथा (Shani Vrat katha)
एक समय सभी नवग्रहओं : सूर्य, चंद्र, मंगल, बुद्ध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु में विवाद छिड़ गया, कि इनमें सबसे बड़ा कौन है? सभीआपसं ऎंल ड़ने लगे, और कोई निर्णय ना होने पर देवराज इंद्र के पास निर्णय कराने पहुंचे. इंद्र इससे घबरा गये, और इस निर्णय को देने में अपनी असमर्थता जतायी. परन्तु उन्होंने कहा, कि इस समय पृथ्वी पर राजा विक्रमादित्य हैं, जो कि अति न्यायप्रिय हैं. वे ही इसका निर्णय कर सकते हैं. सभी ग्रह एक साथ राजा विक्रमादित्य के पास पहुंचे, और अपना विवाद बताया। साथ ही निर्णय के लिये कहा। राजा इस समस्या से अति चिंतित हो उठे, क्योंकि वे जानते थे, कि जिस किसी को भी छोटा बताया, वही कुपित हो उठेगा. तब राजा को एक उपाय सूझा. उन्होंने सुवर्ण, रजत, कांस्य, पीतल, सीसा, रांगा, जस्ता, अभ्रक और लौह से नौ सिंहासन बनवाये, और उन्हें इसी क्रम से रख दिय. फ़िर उन सबसे निवेदन किया, कि आप सभी अपने अपने सिंहासन पर स्थान ग्रहण करें. जो अंतिम सिंहासन पर बठेगा, वही सबसे छोटा होगा. इस अनुसार लौह सिंहासन सबसे बाद में होने के कारण, शनिदेव सबसे बाद में बैठे. तो वही सबसे छोटे कहलाये. उन्होंने सोच, कि राजा ने यह जान बूझ कर किया है. उन्होंने कुपित हो कर राजा से कहा “राजा! तू मुझे नहीं जानता. सूर्य एक राशि में एक महीना, चंद्रमा सवा दो महीना दो दिन, मंगल डेड़ महीना, बृहस्पति तेरह महीने, व बुद्ध और शुक्र एक एक महीने विचरण करते हैं. परन्तु मैं ढाई से साढ़े-सात साल तक रहता हुं. बड़े बड़ों का मैंने विनाश किया है. श्री राम की साढ़े साती आने पर उन्हें वनवास हो गया, रावण की आने पर उसकी लंका को बंदरों की सेना से परास्त होना पढ़ा.अब तुम सावधान रहना. ” ऐसा कहकर कुपित होते हुए शनिदेव वहां से चले. अन्य देवता खुशी खुशी चले गये. कुछ समय बाद राजा की साढ़े साती आयी. तब शनि देव घोड़ों के सौदागर बनकर वहां आये. उनके साथ कई बढ़िया घड़े थे. राजा ने यह समाचार सुन अपने अश्वपाल को अच्छे घोड़े खरीदने की अज्ञा दी. उसने कई अच्छे घोड़े खरीदे व एक सर्वोत्तम घोड़े को राजा को सवारी हेतु दिया. राजा ज्यों ही उसपर बैठा, वह घोड़ा सरपट वन की ओर भागा. भषण वन में पहुंच वह अंतर्धान हो गया, और राजा भूखा प्यासा भटकता रहा. तब एक ग्वाले ने उसे पानी पिलाया. राजा ने प्रसन्न हो कर उसे अपनी अंगूठी दी. वह अंगूठी देकर राजा नगर को चल दिया, और वहां अपना नाम उज्जैन निवासी वीका बताया. वहां एक सेठ की दूकान उसने जल इत्यादि पिया. और कुछ विश्राम भी किया. भाग्यवश उस दिन सेठ की बड़ी बिक्री हुई. सेठ उसे खाना इत्यादि कराने खुश होकर अपने साथ घर ले गया. वहां उसने एक खूंटी पर देखा, कि एक हार टंगा है, जिसे खूंटी निगल रही है. थोड्क्षी देर में पूरा हार गायब था। त��� सेठ ने आने पर देखा कि हार गायब जहै। उसने समझा कि वीका ने ही उसे चुराया है। उसने वीका को कोतवाल के पास पकड्क्षवा दिया। फिर राजा ने भी उसे चोर समझ कर हाथ पैर कटवा दिये। वह चैरंगिया बन गया।और नगर के बहर फिंकवा दिया गया। वहां से एक तेली निकल रहा था, जिसे दया आयी, और उसने एवीका को अपनी गाडी़ में बिठा लिया। वह अपनी जीभ से बैलों को हांकने लगा। उस काल राजा की शनि दशा समाप्त हो गयी। वर्षा काल आने पर वह मल्हार गाने लगा। तब वह जिस नगर में था, वहां की राजकुमारी मनभावनी को वह इतना भाया, कि उसने मन ही मन प्रण कर लिया, कि वह उस राग गाने वाले से ही विवाह करेगी। उसने दासी को ढूंढने भेजा। दासी ने बताया कि वह एक चौरंगिया है। परन्तु राजकुमारी ना मानी। अगले ही दिन से उठते ही वह अनशन पर बैठ गयी, कि बिवाह करेगी तोइ उसी से। उसे बहुतेरा समझाने पर भी जब वह ना मानी, तो राजा ने उस तेली को बुला भेजा, और विवाह की तैयारी करने को कहा।फिर उसका विवाह राजकुमारी से हो गया। तब एक दिन सोते हुए स्वप्न में शनिदेव ने रानजा से कहा: राजन्, देखा तुमने मुझे छोटा बता कर कितना दुःख झेला है। तब राजा नेउससे क्षमा मांगी, और प्रार्थना की , कि हे शनिदेव जैसा दुःख मुझे दिया है, किसी और को ना दें। शनिदेव मान गये, और कहा: जो मेरी कथा और व्रत कहेगा, उसे मेरी दशा में कोई दुःख ना होगा। जो नित्य मेरा ध्यान करेगा, और चींटियों को आटा डालेगा, उसके सारे मनोरथ पूर्ण होंगे। साथ ही राजा को हाथ पैर भी वापस दिये। प्रातः आंख खुलने पर राजकुमारी ने देखा, तो वह आश्चर्यचकित रह गयी। वीका ने उसे बताया, कि वह उज्जैन का राजा विक्रमादित्य है। सभी अत्यंत प्रसन्न हुए। सेतठ ने जब सुना, तो वह पैरों पर गिर्कर क्षमा मांगने लगा। राजा ने कहा, कि वह तो शनिदेव का कोप था। इसमें किसी का कोई दोष नहीं। सेठ ने फिर भी निवेदन किया, कि मुझे शांति तब ही मिलेगी जब आप मेरे घर चलकर भोजन करेंगे। सेठ ने अपने घर नाना प्रकार के व्यंजनों ने राजा का सत्कार किया। साथ ही सबने देखा, कि जो खूंटी हार निगल गयी थी, वही अब उसे उगल रही थी। सेठ ने अनेक मोहरें देकर राजा का धन्यवाद किया, और अपनी कन्या श्रीकंवरी से पाणिग्रहण का निवदन किया। राजा ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। कुछ समय पश्चात राजा अपनी दोनों रानियों मनभावनी और श्रीकंवरी को साभी दहेज सहित लेकर उज्जैन नगरी को चले। वहां पुरवासियों ने सीमा पर ही उनका स्वागत किया। सारे नगर में दीपमाला हुई, व सबने खुशी मनायी। राजा ने घोषणा की , कि मैंने शनि देव को सबसे छोटा बताया थ, जबकि असल में वही सर्वोपरि हैं। तबसे सारे राज्य में शनिदेव की पूजा और कथा नियमित होने लगी। सारी प्रजा ने बहुत समय खुशी और आनंद के साथ बीताया। जो कोई शनि देव की इस कथा को सुनता या पढ़ता है, उसके सारे दुःख दूर हो जाते हैं। व्रत के दिन इस कथा को अवश्य पढ़ना चाहिये।
शनिदेव को पसंद है आक का फूल इसे मदार का फूल भी कहा जाता है. आक भी नीले रंग का ही होता है. आक के अलावा आप चाहें तो शनिदेव को नीले रंग के अपराजिता के फूल (Aparajita flower) भी अर्पित कर सकते हैं. शनिवार को शनिदेव के चरणों में नीले रंग के 5 फूल चढ़ाने से शनिदेव जल्दी प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
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04 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
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👍🏻👍🏻आध्यात्मिक गुरु 👍🏻राधे राधे 8764415587, 9610752236
जन्मदिन की शुभकामनाओं के साथ आपका स्वागत है #वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स की विशेष प्रस्तुति में। यह कॉलम नियमित रूप से उन पाठकों के व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में जानकारी देगा जिनका उस दिनांक को जन्मदिन होगा। पेश है दिनांक 4 को जन्मे व्यक्तियों के बारे में जानकारी : दिनांक 4 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 4 होगा। अंक ज्योतिष के अनुसार आपका मूलांक 4 आता है। ऐसे व्यक्ति को जीवन में अनेक परिवर्तनों का सामना करना पड़ता है जैसे तेज स्पीड से आती है। गाड़ी को अचानक ब्रेक लग जाये ऐसा उनका भाग्य होगा लेकिन यह भी निशिचत है। कि इस अंक वाले अधिकाश लोग कुलदीपक होते है। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति जिद्दी, कुशाग्रता बुदरी वाले, साहसी होते है। आपका जीवन संघर्षशील होता है। इनमे अभिमान भी होता है ये लोग दिल के कोमल होते है। किन्तु बाहर से कठोर दिखाई पड़ते है। इनकी क्षमता के लोग कायल होते है।
शुभ दिनांक : 4, 8, 13, 15, 18, 21, 26, 31
शुभ अंक : 4, 8, 18, 22, 45, 50, 53, 57
शुभ वर्ष : 2025, 2027, 2029, 2031
ईष्टदेव : भगवान नृसिंह का पूजन, बृहस्पति और श्री हनुमान
शुभ रंग : पिला, नीला, काला और भूरा
कैसा रहेगा यह वर्ष
मान सम्मान में वृद्धि होगी, वही मित्र वर्ग का सहयोग मिलेगा। नवीन व्यापार की योजना प्रभावी होने तक गुप्त ही रखे शत्रु पक्ष पर प्रभाव पूर्ण सफलता मिलेगी। नौकरी पेशा प्रयास करे तो उन्नति के चांस भी है। यह वर्ष पिछले वर्ष के दुष्प्रभाव को दूर करने में सक्षम है। आपको सजग रहकर कार्य करना होगा। परिवारिक मामलों में सहयोग के द्रारा सफलता मिलेगी। विवाह के मामलों में आश्चर्य जनक परिणाम आ सकते है।
गुरु को मजबूत करने के लिए आप ओम ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम: मंत्र का जाप मंत्र का जाप 3, 5 या 16 माला कर सकते हैं।
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रायपुर । नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्टेट पुलिस एकेडमी के डायरेक्टर रतन लाल डांगी ने कहा, ‘‘कानून प्रवर्तन की प्राथमिक इकाई के रूप में पुलिस कानूनों को लागू करने में मुख्य भूमिका निभाती है, और राष्ट्र निर्माण एवं आर्थिक विकास के लिए लगातार काम करती है।’’ तस्कर और जालसाज न केवल हमारे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचा रहे हैं, बल्कि नागरिकों के स्वास्थ्य व सुरक्षा को भी गंभीर खतरा उत्पन्न कर रहे हैं। फिक्की की कमिटी अगेंस्ट स्मग्लिंग एंड काउंटरफीटिंग एक्टिविटीज़ डेस्ट्रॉयिंग द इकॉनॉमी (कास्केड) द्वारा आयोजित ‘कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम फॉर पुलिस ऑफिसर्स ऑन प्रिवेंशन ऑफ काउंटरफीटिंग एंड स्मग्लिंग’ में बोलते हुए डॉ. डांगी ने बताया कि स्मग्लिंग और जालसाजी न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक गंभीर समस्या है। उन्होंने कहा कि जालसाजी और तस्करी के खतरे से उपभोक्ताओं की रक्षा करने के लिए प्रवर्तन एजेंसियों के बीच जागरुकता का होना जरूरी है। जालसाजी और तस्करी के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव के बारे में दीप चंद, एडवाईज़र, फिक्की कास्केड और पूर्व विशेष पुलिस आयुक्त, नई दिल्ली ने कहा, ‘‘ग्रे मार्केट गैरकानूनी उद्योग को बढ़ावा दे रहा है, जिस वजह से समाज में अपराध बढ़ रहे हैं। इस क्षमता निर्माण कार्यक्रम का उद्देश्य छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारियों को तस्करी किए गए और नकली उत्पादों के गंभीर प्रभाव के बारे में जागरुक बनाना है। उन्होंने कहा कि फिक्की कास्केड की हालिया रिपोर्ट, ‘‘गैरकानूनी बाजारः हमारे राष्ट्रीय हितों को खतरा’’ के मुताबिक पाँच प्रमुख उद्योगों (मोबाईल फोन, एफएमसीजी- हाउसहोल्ड एवं पर्सनल गुड्स, एफएमसीजी- पैकेज्ड फुड्स, तम्बाकू उत्पाद और एल्कोहलिक बेवरेजेस) में गैरकानूनी व्यापार के कारण वैध रोजगार को अनुमानित 15.96 लाख का नुकसान होता है। इन उद्योगों में नकली उत्पादों के कारण सरकारी खजाने को अनुमानित 58,521 करोड़ रु. के टैक्स का नुकसान होता है, जिसमें दो अत्यधिक रैगुलेटेड और टैक्स वाले उद्योगों, तम्बाकू उत्पाद एवं एल्कोहलिक बेवरेज में कुल मिलकर लगभग 49 प्रतिशत टैक्स का नुकसान होता हैं। कर्नल अतुल यादव, जनरल मैनेजर - नॉर्थ, इंडस्ट्री अफेयर्स, आईटीसी लिमिटेड ने कहा, ‘‘बाजार में तस्करी और जालसाजी जैसी गैरकानूनी गतिविधियाँ धड़ल्ले से चल रही हैं, और खराब गुणवत्ता के नकली एवं तस्करी किए गए उत्पाद गंदी जगहों पर गुणवत्ता के मानकों का पालन किए बगैर बनाए जा रहे हैं, और गैरकानूनी रूप से बेचे जा रहे हैं, जिससे काला धन बढ़ता जा रहा है।’’ उन्होंने बताया कि तस्करी बेतहाशा रूप से बढ़ने का मुख्य कारण ऊँचा टैक्स है, जिसके कारण गैरकानूनी गतिविधियाँ करने के लिए काफी ज्यादा मार्जिन मिल जाता है। देश में तस्करी का विस्तार बहुत ज्यादा चिंताजनक है। यद्यपि भारत में तस्करी की बढ़ती समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए अनुपालन और प्रक्रियाओं को और ज्यादा मजबूत बनाए जाने की जरूरत है, ताकि इस तरह के अपराध ज्यादा आसानी से सामने आ सकें।’’ मिस आशिता अगरवाल, पॉलिसी मैनेजर, पब्लिक पॉलिसी, एमेज़ॉन इंडिया ने कहा, ‘‘एमेज़ॉन ग्राहकों का विश्वास कम करने वाली धोखाधड़ी और बाजारों के दुरुपयोग को रोकने पर केंद्रित है। हमने अनेक अभियान शुरू किए हैं और अपने मार्केटप्लेस को ग्राहकों, ब्रांड्स एवं सैलर्स द्वारा विनिमय करने का एक सुरक्षित व भरोसेमंद प्लेटफॉर्म बनाने क�� लिए अपने संसाधनों को लगाया है।’’ उन्होंने कहा कि एमेज़ॉन ग्राहकों को सशक्त बनाने के प्रयासों को बढ़ावा देने और उनमें भाग लेने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि वो डिजिटल युग के खतरों से सुरक्षित रहते हुए ऑनलाईन शॉपिंग का आनंद ले सकें।’’ फिक्की कास्केड तस्करी और जालसाजी के नुकसानों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए सालों से सरकार, उद्योग, प्रवर्तन अधिकारियों, कानूनी समुदाय, उपभोक्ता संगठनों और युवाओं के साथ मिलकर काम कर रहा है। अपनी विभिन्न गतिविधियों के साथ फिक्की कास्केड नियमित रूप से कानून प्रवर्तन एजेंसियों, जैसे पुलिस, कस्टम्स और सीमा सुरक्षा में लगे पैरामिलिटरी संगठनों को इस समस्या की गंभीरता के बारे में जागरुक बना रहा है।
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