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#भारत का सामान्य ज्ञान
kkdbs-tech-1999 · 10 months
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भारत का सामान्य ज्ञान
वैदिक भारत में किस नदी को बिपाशा कहा जाता था?
गंगा
झेलम
व्यास
सिंधु
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bestsexologistdoctor · 2 months
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Consult Bihar Best Sexologist in Patna to get Holistic PE Solution | Dr. Sunil Dubey
क्या आप शीघ्रपतन की समस्या से परेशान हैं?
अगर हाँ, तो यह लेख आपके लिए निवारण हेतु हमेशा मददगार साबित होगा। इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता है कि आप शादीशुदा हैं या सिंगल। अगर सभी बिंदुओं का ध्यान में रखें और ऑनलाइन या ऑफलाइन अनुभवी और विशेषज्ञ क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर से अपना गुप्त व यौन समस्या का उपचार करवाएँ तो यह सत्य है कि इस मनोविकार यौन समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
शीघ्रपतन का दंपति पर प्रभाव:
शीघ्रपतन एक मनोवैज्ञानिक सह यौन विकार है जो अधिकांश पुरुषों में आम गुप्त समस्या है। इस स्थिति में, स्खलन नियत समय की अपेक्षा से पहले होता है, अक्सर यह प्रवेश से पहले या उसके तुरंत बाद होता है। शीघ्रपतन की समस्या दंपत्ति के लिए उसके यौन क्रिया के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इसमें महिला साथी हमेशा अपने साथी से नाखुश रहती है और अधिक समय की मांग करती है। वास्तव में, पुरुष अपने अवस्था के लिए लाचार होता है जिसमे उसे खुद ही इसका समाधान ढूंढना होता है। यह बात सही है कि अनुभवी क्लीनिकल आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर की मदद से इसका समाधान प्राकृतिक तरीके से मिल जाता है।
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भारत के सीनियर गुप्त व यौन रोग विशेषज्ञ और भारत के सर्वोच्च कोटि के सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे कहते हैं कि शीघ्रपतन से पीड़ित व्यक्ति का यौन क्रियाकलाप के दौरान अपने स्खलन पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं होता। वह प्रवेश के बहुत कम समय में ही स्खलित हो जाता है। व्यक्ति के पास अपने स्खलन में देरी करने की क्षमता नहीं होती। यह स्थिति किसी भी जोड़ों के बीच यौन संबंध रिश्तों में समस्याओं को जन्म देता है।
शीघ्रपतन का वर्गीकरण:
डॉ. सुनील दुबे, पटना के शीर्ष व सर्वश्रेठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर अपने शोध, दैनिक अनुभव, व शोध के आधार पर कहते हैं कि आमतौर पर शीघ्रपतन को उसके चरणों के अनुसार चार भागों में विभक्त किया जा सकता है। पुरे दुनिया में चालीस प्रतिशत से अधिक लोग शीघ्रपतन की समस्या का रिपोर्ट हमेशा करते हैं। शीघ्रपतन के चार अवस्था निम्नलिखित हैं:-
आजीवन शीघ्रपतन: यह व्यक्ति में पहले यौन अनुभव से ही मौजूद होता है।
अर्जित शीघ्रपतन: यह व्यक्ति के यौन जीवन में सामान्य यौन गतिविधि की अवधि के बाद विकसित होता है।
प्राकृतिक परिवर्तनशील शीघ्रपतन: यह कभी-कभी होता है और समय-समय पर शीघ्रपतन में बदल जाता है।
व्यक्तिपरक शीघ्रपतन: यह व्यक्ति के यौन जीवन में एक विशिष्ट समय अवधि में व्यक्तिपरक मामले पर विकसित होता है।
शीघ्रपतन से जुड़े कारण:
मनोवैज्ञानिक कारक: चिंता, अवसाद और तनाव
र��श्तों से जुड़ी समस्याएं: दंपत्ति के बीच आपसी समझ की कमी
हॉरमोन संबंधी कारक: उच्च टेस्टोस्टेरोन और थायरॉयड संबंधी समस्याएं
न्यूरोलॉजिकल कारक: तंत्रिका क्षति और न्यूरोलॉजिकल गतिविधि का असामान्य प्रतिबिंब
चिकित्सा स्थितियां: प्रोस्टेट संबंधी समस्याएं, मधुमेह और उच्च रक्तचाप
आघात: यौन जीवन में कोई दुर्घटना या प्रोस्टेट ग्रंथि की सर्जरी
शीघ्रपतन के चिकित्सा व उपचार के बारे में:
आयुर्वेदिक उपचार: जड़ी-बूटियाँ, प्राकृतिक रसायन, प्रभावी भस्म और घरेलू उपचार
व्यवहार संबंधी उपचार: यौन विचार, तनाव, अवसाद, व चिंता उपचार
महत्वपूर्ण तकनीक: स्टार्ट-स्टॉप-तकनीक और कुछ महत्वपूर्ण तकनीकें
प्राकृतिक तेल: प्राकृतिक रसायन और तेल
यौन परामर्श और उपचार: मनोवैज्ञानिक उपचार और यौन विचारों का विश्लेषण
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डॉ. सुनील दुबे, सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट का परिचय:
डॉ. सुनील दुबे एक विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य हैं जो आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान के विशेषज्ञ व डॉक्टर हैं। उन्होंने पुरुषो में होने वाले इस शीघ्रपतन की समस्या पर शोध किया है और इसके सभी चरणों के लिए आयुर्वेदिक उपचार की खोज भी की है। उनका मानना है कि आमतौर पर, एक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के लिए इस तरह के गुप्त व यौन रोगी का इलाज करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। इस समस्या का समाधान केवल और केवल वास्तविक अनुभव वाला सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर ही कर सकता है जिसे आयुर्वेदा व सेक्सोलोजी विज्ञान के चिकित्सा का गहन ज्ञान हो।  उनका यह भी कहना है कि शीघ्रपतन के वास्तविक चरण को जाने बिना, उपचार लंबे समय तक रोगियों के लिए प्रभावी नहीं होती है। यह केवल यौन या गुप्त समस्या नहीं है अपितु  यह एक मानसिक विकार भी है जो व्यक्ति के यौन क्रिया से जुड़ा है।
अपने चिकित्सा पद्धति में, वे सबसे पहले वह रोगी के शीघ्रपतन के सटीक चरण का पता लगाते हैं। उसके बाद, वह रोगियों को उनकी वास्तविक समस्याओं के अनुसार इलाज करते हैं। वह रोगियों को चरण दर चरण अपनी व्यापक यौन चिकित्सा प्रदान करते हैं। वास्तव में, बिहार के अधिकांश गुप्त व यौन रोगी हमेशा दुबे क्लिनिक में अपने-अपने इलाज करवाने हेतु आते हैं, इसलिए उन्हें बिहार में सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के रूप में भी जाना जाता है। वह भारत में भी सबसे अधिक मांग वाले क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर में से एक हैं जो पुरुष और महिला दोनों को अपना इलाज प्रदान करते हैं।
पटना, बिहार में आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी क्लिनिक के बारे में:
दुबे क्लिनिक भारत का एक विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान क्लिनिक है जो पटना के लंगर टोली, चौराहा पर स्थित है। यह पटना, बिहार का पहला आयुर्वेदिक क्लिनिक भी है जिसे 1965 में भारत के प्रसिद्ध वैद्य डॉ. सुभाष दुबे द्वारा स्थापित किया गया था। यह एक अच्छी तरह से सुसज्जित आयुर्वेदिक क्लिनिक है जो चिकित्सा उपकरणों के पूरे सेट व आयुर्वेद के गैर-सर्जिकल चिकित्सा पद्धति पर आधारित है। यह क्लिनिक सभी प्रकार के गुप्त व यौन रोगियों को अपना उपचार और चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान करता है। विवाहित और अविवाहित दोनों ही लोग अपने-अपने गुप्त व यौन उपचार हेतु इस क्लिनिक में आते हैं। डॉ. सुनील दुबे उन सभी का इलाज करते है जो रोगी के उनके समस्या पर आधारित होता है।
विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे के मार्गदर्शन में, आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी के विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम दुबे क्लिनिक में सभी आयुर्वेदिक दवाएँ तैयार करती है। इस क्लिनिक की सभी दवाएं गुणवत्ता-पूर्ण व प्राकृतिक होती है जो किसी भी रोगी के लिए रामबाण का काम करती है। यह क्लिनिक पूरे भारत में अपनी सेवाएँ प्रदान करता है जहाँ स्थानीय और बाहरी दोनों ही लोग इस क्लिनिक की सेवाओं का लाभ उठाते हैं।
अगर आप अपनी किसी भी गुप्त या यौन समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं तो दुबे क्लिनिक से जुड़ सकते है। हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586 अपॉइंटमेंट ले और क्लिनिक पहुंचे। यह सभी गुप्त व यौन रोगियों के लिए सही गंत्वय स्थान है।
हार्दिक सम्मान के साथ
डॉ. सुनील दुबे, सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर
बी.ए.एम.एस. (रांची) | एम.आर.एस.एच. (लंदन) | आयुर्वेद में पी.एच.डी. (यू.एस.ए.)
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 925486
वेन्यू: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना, बिहार
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rampal1985 · 4 months
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#धरती_को_स्वर्ग_बनाना_है
Sant Rampal Ji Maharaj
धरती को स्वर्ग बनाना है
परमात्मा कबीर जी की शक्ति से आत्मा में शक्ति आती है जिससे गलत कार्य करने की प्रेरणा कभी नहीं मिलती। न कोई गलत कदम उठाने को मन करता क्योंकि परमात्मा
के ज्ञान से वह घोर पाप लगता है जैसे विष खाने के परिणाम से परिचित व्यक्ति विष को छूने से भी डरता है।
🌍दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे बेटियों व बहनों पर बलात्कार तथा छेड़छाड़ तथा दहेज प्रताड़ना के मामले संत रामपाल जी महाराज जी के तत्वज्ञान(जो परमात्मा के संविधान अनुसार बताया गया है,) से समाप्त हो जाते हैं।
व्यक्ति को भगवान का डर बनेगा, जिस कारण वह गलत कार्य नहीं कर सकता।
दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर भक्ति करनी होती है।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी के विचारों से समाज में सुधार आएगा।
सब मिलकर एक-दूसरे के दुःख को बाँटेंगे। सुखमय जीवन जीऐंगे। रेप व यौन उत्पीड़न की घटनाऐं समूल नष्ट हो जाएंगी।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी के विचारों से समाज में सुधार आएगा।
देश के लड़के-लड़की अपनी संस्कृति पर लौटेंगे। भारत देश में अमन होगा।
🌍हमारा नारा है:-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
प्राणी की जाति जीव है क्योंकि मानव, देवता तथा अन्य पशु-पक्षी सब जंतु जीव हैं।
यह हमारी जाति है। मानव श्रेणी के जीव होने के नाते मानवता हमारा धर्म है यानि परमात्मा ने मानव को समझ दी है। उसको शुभ कर्म करने चाहिए। पशुओं-पक्षियों की तरह एक-दूसरे से छीनकर, दुर्बल को मारकर अपना स्वार्थ सिद्ध नहीं करना चाहिए। एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए। यह हमारा धर्म है। जितने धर्म विश्व में हैं, सबमें मानव हैं। किसी में भी अन्य प्राणी नहीं हैं। इसलिए हम सबको मानव धर्म का पालन करना चाहिए। एक परम पिता की हम सब संतान हैं।
🌍धरती को स्वर्ग बनाना है
विवाह के नियम जो बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों को पालन करने होते हैं:-
दहेज लेना-देना नहीं। विवाह सूक्ष्मवेद की वाणी ‘‘असुर निकंदन रमैणी’’ का उच्चारण करके 17 मिनट में बैंड-बाजे व डी.जे. बजाए बिना सम्पन्न करने का गुरू जी का आदेश है।
विवाह में कोई बारात नहीं जाएगी। केवल 5 से 15 तक व्यक्ति वर पक्ष के आऐंगे। सामान्य भोजन जो प्रतिदिन लड़की पक्ष के बनाते-खाते हैं, वही खाना दिया जाता है। संत रामपाल जी महाराज के बनाए नियम का पालन करते हुए लाखों विवाह किए गए हैं। सब परिवार सुख से जीवन जी रहे हैं।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी के विचार सुनकर व्यक्ति दहेज लेने व देने की सोच भी नहीं सकता।
ऐसे सटीक तरीके से सत्संग में समझाया जाता है।
संत रामपाल जी महाराज जी से दीक्षा लेने के पश्चात् हमने गुरू जी के आदेश का पालन करते हुए दहेज लेना-देना पूर्ण रूप से त्याग दिया है जिस कुरीति के कारण तीन परिवार नष्ट हो जाते हैं:-
1) लड़की का परिवार जिसकी बेटी दहेज की बलि चढ़ जाती है। उसके पास क्या बचता है, केवल रोना, मुकदमों में धन, समय व शांति खोना।
2) ससुराल वाला परिवार।
3) ननंद का परिवार जेल जाकर समूल नष्ट हो जाता है।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी शास्त्र अनुकूल भक्ति बताते हैं।
अन्य सर्व संतों की साधना शास्त्रों के विपरीत है जो साधक के मानव जन्म को तो नष्ट करती ही है, साथ में मानवता का भी ह्रास होता है क्योंकि परमात्मा की शास्त्र प्रमाणित साधना करने से साधक को वे सर्व लाभ (घर में शांति, व्यापार में लाभ, दुर्घटनाओं से बचाव, बीमारी से बचाव तथा मोक्ष) प्राप्त होते हैं जो परमात्मा से अपेक्षित होते हैं, जिनके लिए साधक भक्ति करता है।
🌍भारतवर्ष में संत रामपाल जी महाराज के करोड़ों अनुयाई हैं। हम दावे के साथ कह रहे हैं कि यदि संत रामपाल जी महाराज के सत्संग विचार भारत की जनता सुन लेगी तो भारत की धरती स्वर्ग बन जाएगी। इनके विचारों से प्रभावित होकर हम सब अनुयाई सामान्य तथा सभ्य व सुखी जीवन जी रहे हैं।
🌍मानव समाज में वतर्मान में हो रहे बलात्कार, यौन उत्पीड़न के अपराधों तथा चोरी-डाके, भ्रष्टाचार के अपराधों को समूल समाप्त करने का एकमात्र विकल्प संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग विचार तथा उनके अनुयायियों का शिष्ट व्यवहार तथा शालीनता
को मानव समाज के सामने परोसना है।
🌍परमात्मा का विधान है कि हत्या तथा आत्महत्या करने वाला नरक में जाता है।
आत्महत्या तथा हत्या दोनों परमात्मा के विधानानुसार घोर अपराध हैं। यह किसी भी परिस्थिति में नहीं होना चाहिए।
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनने से पता चलता है कि मनुष्य जीवन कितना दुर्लभ है और यह भक्ति करके मोक्ष प्राप्त हो सके इसलिए मिलता है।
उनसे नाम उपदेश लेकर अपना कल्याण करायें।
🌍‘‘पुत्र प्राप्ति न होने से आहत दम्पति को विशेष हिम्मत मिलेगी’’
पुस्तक ‘‘जीने की राह’’ में यह प्रसंग ऐसा तार्किक है कि जो पति-पत्नी संतान न होने के कारण अपने आपको किवंदतियों के कारण समाज से अलग-थलग महसूस करते हैं, उनके विषय में ऐसा उदाहरण दिया है जिसको पढ़कर निःसंतान दम्पति संतान वालों से भी श्रेष्ठ महसूस करेंगे।
🌍धरती को स्वर्ग बनाना है
‘‘घर की कलह समाप्त हो जाती है’’
पुस्तक ‘‘जीने की राह’’ में ऐसे उल्लेख हैं जिनके पढ़ने-सुनने से परिवार की आपसी तू-तू मैं-मैं समाप्त होकर प्यार से जीवन जीते हैं।
पवित्र पुस्तक जीने की राह निःशुल्क प्राप्त करें।
🌍धरती को स्वर्ग बनाना है
‘‘नशीली वस्तुओं को त्याग देगा मानव’’
पुस्तक ‘‘जीने की राह’’ में शास्त्रों तथा संतों की वाणी से तर्क के साथ तथा प्रमाणों के साथ नशानिषेध के विषय में लिखा है जिसको पढ़कर कोई महा मूर्ख ही भविष्य में तम्बाकू, सुल्फा, शराब का नशा करेंगे। 99% पाठक नशे से अवश्य परहेज करेंगे।
पवित्र पुस्तक जीने की राह अवश्य पढ़ें।
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rukabir1 · 4 months
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[5/12, 7:03 AM] Arun Das Patil: 🌍संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे नाम उपदेश प्राप्त करके जुड़ने के बाद जीवन के सभी दुःख समाप्त हो जाऐंगे। सत्संग से मनुष्य को जीवन के मूल कर्त्तव्य का ज्ञान होता है,
मनुष्य सारे विकार त्याग देता है। उसके जीवन में सुखों की बहार आ जाती है, किसी भी प्रकार का दुःख
नहीं रहता।
[5/12, 7:03 AM] Arun Das Patil: 🌍संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे निःशुल्क जुड़ें ताकि हमारी तरह आप भी सुखी हों, उनसे जुड़ने के बाद शरीर के सभी प्रकार के रोग नष्ट होंगे। सभी प्रकार के नशे छूट जाऐंगे। जीवन यापन के लिए थोड़ी कमाई से ही काम चल जाएगा। निर्धनता खत्म हो जाएगी।
[5/12, 7:04 AM] Arun Das Patil: 🌍धरती को स्वर्ग बनाना है
परमात्मा कबीर जी की शक्ति से आत्मा में शक्ति आती है जिससे गलत कार्य करने की प्रेरणा कभी नहीं मिलती। न कोई गलत कदम उठाने को मन करता क्योंकि परमात्मा
के ज्ञान से वह घोर पाप लगता है जैसे विष खाने के परिणाम से परिचित व्यक्ति विष को छूने से भी डरता है।
[5/12, 7:04 AM] Arun Das Patil: 🌍दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे बेटियों व बहनों पर बलात्कार तथा छेड़छाड़ तथा दहेज प्रताड़ना के मामले संत रामपाल जी महाराज जी के तत्वज्ञान(जो परमात्मा के संविधान अनुसार बताया गया है,) से समाप्त हो जाते हैं।
व्यक्ति को भगवान का डर बनेगा, जिस कारण वह गलत कार्य नहीं कर सकता।
दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर भक्ति करनी होती है।
[5/12, 7:04 AM] Arun Das Patil: 🌍संत रामपाल जी महाराज जी के विचारों से समाज में सुधार आएगा।
सब मिलकर एक-दूसरे के दुःख को बाँटेंगे। सुखमय जीवन जीऐंगे। रेप व यौन उत्पीड़न की घटनाऐं समूल नष्ट हो जाएंगी।
[5/12, 7:04 AM] Arun Das Patil: 🌍संत रामपाल जी महाराज जी के विचारों से समाज में सुधार आएगा।
देश के लड़के-लड़की अपनी संस्कृति पर लौटेंगे। भारत देश में अमन होगा।
[5/12, 7:04 AM] Arun Das Patil: 🌍हमारा नारा है:-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
प्राणी की जाति जीव है क्योंकि मानव, देवता तथा अन्य पशु-पक्षी सब जंतु जीव हैं।
यह हमारी जाति है। मानव श्रेणी के जीव होने के नाते मानवता हमारा धर्म है यानि परमात्मा ने मानव को समझ दी है। उसको शुभ कर्म करने चाहिए। पशुओं-पक्षियों की तरह एक-दूसरे से छीनकर, दुर्बल को मारकर अपना स्वार्थ सिद्ध नहीं करना चाहिए। एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए। यह हमारा धर्म है। जितने धर्म विश्व में हैं, सबमें मानव हैं। किसी में भी अन्य प्राणी नहीं हैं। इसलिए हम सबको मानव धर्म का पालन करना चाहिए। एक परम पिता की हम सब संतान हैं।
[5/12, 7:04 AM] Arun Das Patil: 🌍धरती को स्वर्ग बनाना है
विवाह के नियम जो बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों को पालन करने होते हैं:-
दहेज लेना-देना नहीं। विवाह सूक्ष्मवेद की वाणी ‘‘असुर निकंदन रमैणी’’ का उच्चारण करके 17 मिनट में बैंड-बाजे व डी.जे. बजाए बिना सम्पन्न करने का गुरू जी का आदेश है।
विवाह में कोई बारात नहीं जाएगी। केवल 5 से 15 तक व्यक्ति वर पक्ष के आऐंगे। सामान्य भोजन जो प्रतिदिन लड़की पक्ष के बनाते-खाते हैं, वही खाना दिया जाता है। संत रामपाल जी महाराज के बनाए नियम का पालन करते हुए लाखों विवाह किए गए हैं। सब परिवार सुख से जीवन जी रहे हैं।
[5/12, 7:05 AM] Arun Das Patil: 🌍संत रामपाल जी महाराज जी के विचार सुनकर व्यक्ति दहेज लेने व देने की सोच भी नहीं सकता।
ऐसे सटीक तरीके से सत्संग में समझाया जाता है।
संत रामपाल जी महाराज जी से दीक्षा लेने के पश्चात् हमने गुरू जी के आदेश का पालन करते हुए दहेज लेना-देना पूर्ण रूप से त्याग दिया है जिस कुरीति के कारण तीन परिवार नष्ट हो जाते हैं:-
1) लड़की का परिवार जिसकी बेटी दहेज की बलि चढ़ जाती है। उसके पास क्या बचता है, केवल रोना, मुकदमों में धन, समय व शांति खोना।
2) ससुराल वाला परिवार।
3) ननंद का परिवार जेल जाकर समूल नष्ट हो जाता है।
[5/12, 7:05 AM] Arun Das Patil: 🌍संत रामपाल जी महाराज जी शास्त्र अनुकूल भक्ति बताते हैं।
अन्य सर्व संतों की साधना शास्त्रों के विपरीत है जो साधक के मानव जन्म को तो नष्ट करती ही है, साथ में मानवता का भी ह्रास होता है क्योंकि परमात्मा की शास्त्र प्रमाणित साधना करने से साधक को वे सर्व लाभ (घर में शांति, व्यापार में लाभ, दुर्घटनाओं से बचाव, बीमारी से बचाव तथा मोक्ष) प्राप्त होते हैं जो परमात्मा से अपेक्षित होते हैं, जिनके लिए साधक भक्ति करता है।
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freshcrusadeexpert · 4 months
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*🏕️बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय🏕️*
11/05/24
*🔖Twitter सेवा सूचना 🔖*
🎍 *मालिक की दया से कल सुबह 07:00 बजे "धरती को स्वर्ग बनाना है" विषय से संबंधित Twitter Trending सेवा करेंगे जी।*
🌿 *सेवा से सम्बंधित फ़ोटो Website पर उपलब्ध है जी⤵️*
*Hindi*
https://www.satsaheb.org/dharti-upar-swarg-hindi/
https://www.satsaheb.org/heaven-on-earth-hindi-photos/
*English*
https://www.satsaheb.org/dharti-upar-swarg-english/
https://www.satsaheb.org/heaven-on-earth-english-photos/
🌿 *सेवा Points* 🌿
🌍संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे नाम उपदेश प्राप्त करके जुड़ने के बाद जीवन के सभी दुःख समाप्त हो जाऐंगे। सत्संग से मनुष्य को जीवन के मूल कर्त्तव्य का ज्ञान होता है,
मनुष्य सारे विकार त्याग देता है। उसके जीवन में सुखों की बहार आ जाती है, किसी भी प्रकार का दुःख
नहीं रहता।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे निःशुल्क जुड़ें ताकि हमारी तरह आप भी सुखी हों, उनसे जुड़ने के बाद शरीर के सभी प्रकार के रोग नष्ट होंगे। सभी प्रकार के नशे छूट जाऐंगे। जीवन यापन के लिए थोड़ी कमाई से ही काम चल जाएगा। निर्धनता खत्म हो जाएगी।
🌍धरती को स्वर्ग बनाना है
परमात्मा कबीर जी की शक्ति से आत्मा में शक्ति आती है जिससे गलत कार्य करने की प्रेरणा कभी नहीं मिलती। न कोई गलत कदम उठाने को मन करता क्योंकि परमात्मा
के ज्ञान से वह घोर पाप लगता है जैसे विष खाने के परिणाम से परिचित व्यक्ति विष को छूने से भी डरता है।
🌍दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे बेटियों व बहनों पर बलात्कार तथा छेड़छाड़ तथा दहेज प्रताड़ना के मामले संत रामपाल जी महाराज जी के तत्वज्ञान(जो परमात्मा के संविधान अनुसार बताया गया है,) से समाप्त हो जाते हैं।
व्यक्ति को भगवान का डर बनेगा, जिस कारण वह गलत कार्य नहीं कर सकता।
दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर भक्ति करनी होती है।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी के विचारों से समाज में सुधार आएगा।
सब मिलकर एक-दूसरे के दुःख को बाँटेंगे। सुखमय जीवन जीऐंगे। रेप व यौन उत्पीड़न की घटनाऐं समूल नष्ट हो जाएंगी।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी के विचारों से समाज में सुधार आएगा।
देश के लड़के-लड़की अपनी संस्कृति पर लौटेंगे। भारत देश में अमन होगा।
🌍हमारा नारा है:-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
प्राणी की जाति जीव है क्योंकि मानव, देवता तथा अन्य पशु-पक्षी सब जंतु जीव हैं।
यह हमारी जाति है। मानव श्रेणी के जीव होने के नाते मानवता हमारा धर्म है यानि परमात्मा ने मानव को समझ दी है। उसको शुभ कर्म करने चाहिए। पशुओं-पक्षियों की तरह एक-दूसरे से छीनकर, दुर्बल को मारकर अपना स्वार्थ सिद्ध नहीं करना चाहिए। एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए। यह हमारा धर्म है। जितने धर्म विश्व में हैं, सबमें मानव हैं। किसी में भी अन्य प्राणी नहीं हैं। इसलिए हम सबको मानव धर्म का पालन करना चाहिए। एक परम पिता की हम सब संतान हैं।
🌍धरती को स्वर्ग बनाना है
विवाह के नियम जो बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों को पालन करने होते हैं:-
दहेज लेना-देना नहीं। विवाह सूक्ष्मवेद की वाणी ‘‘असुर निकंदन रमैणी’’ का उच्चारण करके 17 मिनट में बैंड-बाजे व डी.जे. बजाए बिना सम्पन्न करने का गुरू जी का आदेश है।
विवाह में कोई बारात नहीं जाएगी। केवल 5 से 15 तक व्यक्ति वर पक्ष के आऐंगे। सामान्य भोजन जो प्रतिदिन लड़की पक्ष के बनाते-खाते हैं, वही खाना दिया जाता है। संत रामपाल जी महाराज के बनाए नियम का पालन करते हुए लाखों विवाह किए गए हैं। सब परिवार सुख से जीवन जी रहे हैं।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी के विचार सुनकर व्यक्ति दहेज लेने व देने की सोच भी नहीं सकता।
ऐसे सटीक तरीके से सत्संग में समझाया जाता है।
संत रामपाल जी महाराज जी से दीक्षा लेने के पश्चात् हमने गुरू जी के आदेश का पालन करते हुए दहेज लेना-देना पूर्ण रूप से त्याग दिया है जिस कुरीति के कारण तीन परिवार नष्ट हो जाते हैं:-
1) लड़की का परिवार जिसकी बेटी दहेज की बलि चढ़ जाती है। उसके पास क्या बचता है, केवल रोना, मुकदमों में धन, समय व शांति खोना।
2) ससुराल वाला परिवार।
3) ननंद का परिवार जेल जाकर समूल नष्ट हो जाता है।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी शास्त्र अनुकूल भक्ति बताते हैं।
अन्य सर्व संतों की साधना शास्त्रों के विपरीत है जो साधक के मानव जन्म को तो नष्ट करती ही है, साथ में मानवता का भी ह्रास होता है क्योंकि परमात्मा की शास्त्र प्रमाणित साधना करने से साधक को वे सर्व लाभ (घर में शांति, व्यापार में लाभ, दुर्घटनाओं से बचाव, बीमारी से बचाव तथा मोक्ष) प्राप्त होते हैं जो परमात्मा से अपेक्षित होते हैं, जिनके लिए साधक भक्ति करता है।
🌍भारतवर्ष में संत रामपाल जी महाराज के करोड़ों अनुयाई हैं। हम दावे के साथ कह रहे हैं कि यदि संत रामपाल जी महाराज के सत्संग विचार भारत की जनता सुन लेगी तो भारत की धरती स्वर्ग बन जाएगी। इनके विचारों से प्रभावित होकर हम सब अनुयाई सामान्य तथा सभ्य व सुखी जीवन जी रहे हैं।
🌍मानव समाज में वतर्मान में हो रहे बलात्कार, यौन उत्पीड़न के अपराधों तथा चोरी-डाके, भ्रष्टाचार के अपराधों को समूल समाप्त करने का एकमात्र विकल्प संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग विचार तथा उनके अनुयायियों का शिष्ट व्यवहार तथा शालीनता
को मानव समाज के सामने परोसना है।
🌍परमात्मा का विधान है कि हत्या तथा आत्महत्या करने वाला नरक में जाता है।
आत्महत्या तथा हत्या दोनों परमात्मा के विधानानुसार घोर अपराध हैं। यह किसी भी परिस्थिति में नहीं होना चाहिए।
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनने से पता चलता है कि मनुष्य जीवन कितना दुर्लभ है और यह भक्ति करके मोक्ष प्राप्त हो सके इसलिए मिलता है।
उनसे नाम उपदेश लेकर अपना कल्याण करायें।
🌍‘‘पुत्र प्राप्ति न होने से आहत दम्पति को विशेष हिम्मत मिलेगी’’
पुस्तक ‘‘जीने की राह’’ में यह प्रसंग ऐसा तार्किक है कि जो पति-पत्नी संतान न होने के कारण अपने आपको किवंदतियों के कारण समाज से अलग-थलग महसूस करते हैं, उनके विषय में ऐसा उदाहरण दिया है जिसको पढ़कर निःसंतान दम्पति संतान वालों से भी श्रेष्ठ महसूस करेंगे।
🌍धरती को स्वर्ग बनाना है
‘‘घर की कलह समाप्त हो जाती है’’
पुस्तक ‘‘जीने की राह’’ में ऐसे उल्लेख हैं जिनके पढ़ने-सुनने से परिवार की आपसी तू-तू मैं-मैं समाप्त होकर प्यार से जीवन जीते हैं।
पवित्र पुस्तक जीने की राह निःशुल्क प्राप्त करें।
🌍धरती को स्वर्ग बनाना है
‘‘नशीली वस्तुओं को त्याग देगा मानव’’
पुस्तक ‘‘जीने की राह’’ में शास्त्रों तथा संतों की वाणी से तर्क के साथ तथा प्रमाणों के साथ नशानिषेध के विषय में लिखा है जिसको पढ़कर कोई महा मूर्ख ही भविष्य में तम्बाकू, सुल्फा, शराब का नशा करेंगे। 99% पाठक नशे से अवश्य परहेज करेंगे।
पवित्र पुस्तक जीने की राह अवश्य पढ़ें।
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newsplus21 · 7 months
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CG News: मातृ शोक के बावजूद शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल एक दिन बाद ही काम पर लौटे, छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम कार्यकारिणी सभा की ली बैठक
CG News: रायपुर: मातृ शोक में डूबे शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल एक दिन बाद ही फिर काम में लौट आए। उन्होंने आज छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम कार्यकारिणी सभा की 88 वीं बैठक ली। बैठक में उन्होंने मंडल के कामकाज की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। यह बैठक मंत्री अग्रवाल की माता जी के निधन के बाद उनकी पहली बैठक थी। बैठक में मंत्री अग्रवाल ने कहा कि उनकी माता जी का निधन उनके लिए एक बहुत बड़ा व्यक्तिगत नुकसान है। उनकी माता जी उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण स्तंभ थीं और उनके निधन से उन्हें गहरा दुःख हुआ है। उन्होंने कहा कि उनकी मां हमेशा उन्हें दूसरों की सेवा करने के लिए प्रेरित करती थीं, इसलिए वे अपनी मां की इच्छाओं को पूरा करने के लिए अपना काम जारी रखेंगे।
CG News: बैठक में मंत्री अग्रवाल ने पाठ्य पुस्तक निगम के कामकाज की समीक्षा करते हुए कहा कि पाठ्य पुस्तक निगम को छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। उन्होंने मंडल के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए काम करें। मंत्री अग्रवाल ने कहा कि विद्यार्थियों का सामान्य ज्ञान बढ़ाने और उन्हें देश की महान विभूतियों की जानकारी प्रदान करने के लिए किताबों के शुरुवात और अंत में भारत रत्न और पदमश्री पुरुस्कार से सम्मानित महान हस्तियों का जीवन परिचय प्रकाशित किया जाएगा। साथ ही विद्यार्थियों को राज्य के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री समेत मंत्रीमंडल के सदस्यों की फोटो के साथ परिचय प्रकाशित किया जाएगा। पुस्तक मुद्रण में प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत वृद्धि की जाती है जिसे वर्तमान सत्र में नहीं करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने राज्य के सभी 33 जिलों में पाठ्य पुस्तक निगम का डिपो स्थापित करने के निर्देश दिए जिससे सभी विद्यालयों तक समाय पर पुस्तक पहुंचाया जा सकें।
Read more: https://newsplus21.com/cg-news-despite-maternal-grief-education-minister/
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rahulsharma93 · 7 months
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🎈संत रामपाल जी महाराज जी के बोध दिवस पर जानिए कौन है वह संत जो कलयुग में सतयुग लाएगा ?🎈
जगत् गुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज समाज के एकमात्र पथ प्रदर्शक हैं। जो सतभक्ति देकर सर्व बुराइयां दूर कर कलयुग में सतयुग ला रहे हैं। श्रीमद्भगवदगीता, वेदों, क़ुरान, बाईबल, श्रीगुरुग्रंथ साहिब आदि सदग्रंथों के ज्ञान सार “एक भगवान और एक भक्ति” के अनुरूप सतभक्ति द्वारा पूर्ण मोक्ष प्रदान कर सतगुरु मानव कल्याण कर रहे हैं। कुरीतियों, बुराइयों और भ्रष्टाचार से मुक्त समाज बनाने के लिए कृतसंकल्प हैं। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर हैं।
संत रामपाल जी ही एकमात्र जगतगुरु हैं, जो सारे संसार को भक्ति का सच्चा मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। वे वही तत्वदर्शी संत (बाखबर/ इल्मवाला) हैं जिनके विषय में पवित्र गीता और पवित्र कुरान में बताया गया है और इन्होंने शास्त्रों के अनुसार “एक भगवान और एक भक्ति” के सिद्धांत को स्थापित किया। वे विश्वविजेता संत हैं जिन्होंने विश्व के सभी संतों, गुरुओं, शंकराचार्यों एवं धर्मगुरुओं को ज्ञान चर्चा में निरुत्तर किया है। 
वे धरती पर पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार हैं। वे जगत को सभी दु:खों से ही नहीं अपितु जन्म-मृत्यु के दीर्घ रोग से मुक्त कराने वाले तारणहार भी हैं। जिन्होंने सत भक्ति देकर मोक्ष प्रदान कराकर मानव कल्याण का कार्य पुरजोर प्रारंभ किया है।
प्रश्न-:संत रामपाल जी महाराज के क्या उद्देश्य हैं?
उत्तर-:संत रामपाल जी महाराज ने जाति, धर्म व ऊंच नीच से मुक्त मार्ग बताया है। संत रामपाल जी के यहाँ कोई भी जाति, धर्म, उच्च पद या सामान्य वर्ग का कोई भाई बन्धु जाए वे सभी से प्यार और समभाव से पेश आते हैं। वहां न किसी को अपनी जाति का अभिमान होता है, न ही धर्म का और न किसी पद प्रतिष्ठा का। संत रामपाल जी के सभी के लिए संदेश है:-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
समाज में व्याप्त कुरीतियों का समूल नाश करना।
दहेज प्रथा, मुत्युभोज, भ्रूण हत्या, छुआछूत, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार आदि से मुक्त समाज का निर्माण करना है।
नशा मुक्त भारत बनाना। समाज में मानव धर्म का प्रचार, भ्रूण हत्या पूर्ण रूप से बंद करना ।
छुआ-छूत रहित समाज का निर्माण ।
समाज से पाखंडवाद को खत्म करना।
भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण करना।
समाज से जाति-पाति के भेद को मिटाना।
समाज से हर प्रकार के नशे को दूर करना।
समाज में शांति व भाईचारा स्थापित करना।
विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना।
युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना
समाज से दहेज रूपी कुरीति को जड़ से खत्म करना
सामाजिक बुराईयों को समाप्त करके स्वच्छ समाज तैयार करना
समस्त धार्मिक ग्रंथों के प्रमाण के आधार पर शास्त्र अनुकूल साधना समाज को देना ।
अज्ञानियों के दृष्टिकोण से भारतवर्ष में संत रामपाल जी महाराज विवादित माने जाते हैं। लेकिन वे एक ऐसे महापुरुष हैं । जिनके विषय में अधिकांश को सही जानकारी नहीं है। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर संत रामपाल जी महाराज इस समय केंद्रीय जेल हिसार (हरियाणा) में लीला कर रहे हैं। जिन्होंने सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों से प्रमाणित किया है । कि कबीर जी भगवान हैं। उन्होंने सत्संगों में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रमाण भी दिखाए हैं। संत रामपाल जी के अनुयायी उन्हें भगवान के तुल्य मानते हैं।
पृथ्वी पर विवेकशील प्राणियों की भी कमी नहीं है। ऐसे सत्य पथ के खोजी लोग उस परम तत्व के ज्ञाता संत को ढूंढकर, उनकी आज्ञाओं को स्वीकार कर, उनके निर्देशानुसार मर्यादा में रहकर अपने मनुष्य जन्म को कृतार्थ करते हैं। वर्तमान में मानव समाज शिक्षित और बुद्धिजीवी है। अतः वास्तविक संत का खोजी है।
यही समय है जब सत्य शब्द लेने वाले जीव होंगे मुक्त।
कबीर साहेब ने सूक्ष्म वेद में बताया कि, कलयुग के 5505 वर्ष बीत जाने के बाद मेरा (कबीर परमेश्वर) सत्य शब्द लेने वाले सब जीव मुक्त हो जाएंगे। और कलयुग में सतयुग जैसा वातावरण निर्मित होगा।
#SantRampalJiBodhDiwas
#17Feb_SantRampalJi_BodhDiwas
#SantRampalJiMaharaj
#TheMission_Of_SantRampalJi
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sushmachhabra · 7 months
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🎈संत रामपाल जी महाराज जी के बोध दिवस पर जानिए कौन है वह संत जो कलयुग में सतयुग लाएगा ?🎈
जगत् गुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी मह��राज समाज के एकमात्र पथ प्रदर्शक हैं। जो सतभक्ति देकर सर्व बुराइयां दूर कर कलयुग में सतयुग ला रहे हैं। श्रीमद्भगवदगीता, वेदों, क़ुरान, बाईबल, श्रीगुरुग्रंथ साहिब आदि सदग्रंथों के ज्ञान सार “एक भगवान और एक भक्ति” के अनुरूप सतभक्ति द्वारा पूर्ण मोक्ष प्रदान कर सतगुरु मानव कल्याण कर रहे हैं। कुरीतियों, बुराइयों और भ्रष्टाचार से मुक्त समाज बनाने के लिए कृतसंकल्प हैं। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर हैं।
संत रामपाल जी ही एकमात्र जगतगुरु हैं, जो सारे संसार को भक्ति का सच्चा मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। वे वही तत्वदर्शी संत (बाखबर/ इल्मवाला) हैं जिनके विषय में पवित्र गीता और पवित्र कुरान में बताया गया है और इन्होंने शास्त्रों के अनुसार “एक भगवान और एक भक्ति” के सिद्धांत को स्थापित किया। वे विश्वविजेता संत हैं जिन्होंने विश्व के सभी संतों, गुरुओं, शंकराचार्यों एवं धर्मगुरुओं को ज्ञान चर्चा में निरुत्तर किया है। 
वे धरती पर पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार हैं। वे जगत को सभी दु:खों से ही नहीं अपितु जन्म-मृत्यु के दीर्घ रोग से मुक्त कराने वाले तारणहार भी हैं। जिन्होंने सत भक्ति देकर मोक्ष प्रदान कराकर मानव कल्याण का कार्य पुरजोर प्रारंभ किया है।
प्रश्न-:संत रामपाल जी महाराज के क्या उद्देश्य हैं?
उत्तर-:संत रामपाल जी महाराज ने जाति, धर्म व ऊंच नीच से मुक्त मार्ग बताया है। संत रामपाल जी के यहाँ कोई भी जाति, धर्म, उच्च पद या सामान्य वर्ग का कोई भाई बन्धु जाए वे सभी से प्यार और समभाव से पेश आते हैं। वहां न किसी को अपनी जाति का अभिमान होता है, न ही धर्म का और न किसी पद प्रतिष्ठा का। संत रामपाल जी के सभी के लिए संदेश है:-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
समाज में व्याप्त कुरीतियों का समूल नाश करना।
दहेज प्रथा, मुत्युभोज, भ्रूण हत्या, छुआछूत, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार आदि से मुक्त समाज का निर्माण करना है।
नशा मुक्त भारत बनाना। समाज में मानव धर्म का प्रचार, भ्रूण हत्या पूर्ण रूप से बंद करना ।
छुआ-छूत रहित समाज का निर्माण ।
समाज से पाखंडवाद को खत्म करना।
भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण करना।
समाज से जाति-पाति के भेद को मिटाना।
समाज से हर प्रकार के नशे को दूर करना।
समाज में शांति व भाईचारा स्थापित करना।
विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना।
युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना
समाज से दहेज रूपी कुरीति को जड़ से खत्म करना
सामाजिक बुराईयों को समाप्त करके स्वच्छ समाज तैयार करना
समस्त धार्मिक ग्रंथों के प्रमाण के आधार पर शास्त्र अनुकूल साधना समाज को देना ।
अज्ञानियों के दृष्टिकोण से भारतवर्ष में संत रामपाल जी महाराज विवादित माने जाते हैं। लेकिन वे एक ऐसे महापुरुष हैं । जिनके विषय में अधिकांश को सही जानकारी नहीं है। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर संत रामपाल जी महाराज इस समय केंद्रीय जेल हिसार (हरियाणा) में लीला कर रहे हैं। जिन्होंने सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों से प्रमाणित किया है । कि कबीर जी भगवान हैं। उन्होंने सत्संगों में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रमाण भी दिखाए हैं। संत रामपाल जी के अनुयायी उन्हें भगवान के तुल्य मानते हैं।
पृथ्वी पर विवेकशील प्राणियों की भी कमी नहीं है। ऐसे सत्य पथ के खोजी लोग उस परम तत्व के ज्ञाता संत को ढूंढकर, उनकी आज्ञाओं को स्वीकार कर, उनके निर्देशानुसार मर्यादा में रहकर अपने मनुष्य जन्म को कृतार्थ करते हैं। वर्तमान में मानव समाज शिक्षित और बुद्धिजीवी है। अतः वास्तविक संत का खोजी है।
यही समय है जब सत्य शब्द लेने वाले जीव होंगे मुक्त।
कबीर साहेब ने सूक्ष्म वेद में बताया कि, कलयुग के 5505 वर्ष बीत जाने के बाद मेरा (कबीर परमेश्वर) सत्य शब्द लेने वाले सब जीव मुक्त हो जाएंगे। और कलयुग में सतयुग जैसा वातावरण निर्मित होगा।
#SantRampalJiBodhDiwas
#17Feb_SantRampalJi_BodhDiwas
#SantRampalJiMaharaj
#TheMission_Of_SantRampalJi
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1479053 · 7 months
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🎈संत रामपाल जी महाराज जी के बोध दिवस पर जानिए कौन है वह संत जो कलयुग में सतयुग लाएगा ?🎈
जगत् गुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज समाज के एकमात्र पथ प्रदर्शक हैं। जो सतभक्ति देकर सर्व बुराइयां दूर कर कलयुग में सतयुग ला रहे हैं। श्रीमद्भगवदगीता, वेदों, क़ुरान, बाईबल, श्रीगुरुग्रंथ साहिब आदि सदग्रंथों के ज्ञान सार “एक भगवान और एक भक्ति” के अनुरूप सतभक्ति द्वारा पूर्ण मोक्ष प्रदान कर सतगुरु मानव कल्याण कर रहे हैं। कुरीतियों, बुराइयों और भ्रष्टाचार से मुक्त समाज बनाने के लिए कृतसंकल्प हैं। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर हैं।
संत रामपाल जी ही एकमात्र जगतगुरु हैं, जो सारे संसार को भक्ति का सच्चा मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। वे वही तत्वदर्शी संत (बाखबर/ इल्मवाला) हैं जिनके विषय में पवित्र गीता और पवित्र कुरान में बताया गया है और इन्होंने शास्त्रों के अनुसार “एक भगवान और एक भक्ति” के सिद्धांत को स्थापित किया। वे विश्वविजेता संत हैं जिन्होंने विश्व के सभी संतों, गुरुओं, शंकराचार्यों एवं धर्मगुरुओं को ज्ञान चर्���ा में निरुत्तर किया है। 
वे धरती पर पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार हैं। वे जगत को सभी दु:खों से ही नहीं अपितु जन्म-मृत्यु के दीर्घ रोग से मुक्त कराने वाले तारणहार भी हैं। जिन्होंने सत भक्ति देकर मोक्ष प्रदान कराकर मानव कल्याण का कार्य पुरजोर प्रारंभ किया है।
प्रश्न-:संत रामपाल जी महाराज के क्या उद्देश्य हैं?
उत्तर-:संत रामपाल जी महाराज ने जाति, धर्म व ऊंच नीच से मुक्त मार्ग बताया है। संत रामपाल जी के यहाँ कोई भी जाति, धर्म, उच्च पद या सामान्य वर्ग का कोई भाई बन्धु जाए वे सभी से प्यार और समभाव से पेश आते हैं। वहां न किसी को अपनी जाति का अभिमान होता है, न ही धर्म का और न किसी पद प्रतिष्ठा का। संत रामपाल जी के सभी के लिए संदेश है:-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
समाज में व्याप्त कुरीतियों का समूल नाश करना।
दहेज प्रथा, मुत्युभोज, भ्रूण हत्या, छुआछूत, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार आदि से मुक्त समाज का निर्माण करना है।
नशा मुक्त भारत बनाना। समाज में मानव धर्म का प्रचार, भ्रूण हत्या पूर्ण रूप से बंद करना ।
छुआ-छूत रहित समाज का निर्माण ।
समाज से पाखंडवाद को खत्म करना।
भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण करना।
समाज से जाति-पाति के भेद को मिटाना।
समाज से हर प्रकार के नशे को दूर करना।
समाज में शांति व भाईचारा स्थापित करना।
विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना।
युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना
समाज से दहेज रूपी कुरीति को जड़ से खत्म करना
सामाजिक बुराईयों को समाप्त करके स्वच्छ समाज तैयार करना
समस्त धार्मिक ग्रंथों के प्रमाण के आधार पर शास्त्र अनुकूल साधना समाज को देना ।
अज्ञानियों के दृष्टिकोण से भारतवर्ष में संत रामपाल जी महाराज विवादित माने जाते हैं। लेकिन वे एक ऐसे महापुरुष हैं । जिनके विषय में अधिकांश को सही जानकारी नहीं है। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर संत रामपाल जी महाराज इस समय केंद्रीय जेल हिसार (हरियाणा) में लीला कर रहे हैं। जिन्होंने सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों से प्रमाणित किया है । कि कबीर जी भगवान हैं। उन्होंने सत्संगों में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रमाण भी दिखाए हैं। संत रामपाल जी के अनुयायी उन्हें भगवान के तुल्य मानते हैं।
पृथ्वी पर विवेकशील प्राणियों की भी कमी नहीं है। ऐसे सत्य पथ के खोजी लोग उस परम तत्व के ज्ञाता संत को ढूंढकर, उनकी आज्ञाओं को स्वीकार कर, उनके निर्देशानुसार मर्यादा में रहकर अपने मनुष्य जन्म को कृतार्थ करते हैं। वर्तमान में मानव समाज शिक्षित और बुद्धिजीवी है। अतः वास्तविक संत का खोजी है।
यही समय है जब सत्य शब्द लेने वाले जीव होंगे मुक्त।
कबीर साहेब ने सूक्ष्म वेद में बताया कि, कलयुग के 5505 वर्ष बीत जाने के बाद मेरा (कबीर परमेश्वर) सत्य शब्द लेने वाले सब जीव मुक्त हो जाएंगे। और कलयुग में सतयुग जैसा वातावरण निर्मित होगा।
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lalsingh · 7 months
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#SantRampalJiMaharaj🎈संत रामपाल जी महाराज जी के बोध दिवस पर जानिए कौन है वह संत जो कलयुग में सतयुग लाएगा ?🎈
जगत् गुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज समाज के एकमात्र पथ प्रदर्शक हैं। जो सतभक्ति देकर सर्व बुराइयां दूर कर कलयुग में सतयुग ला रहे हैं। श्रीमद्भगवदगीता, वेदों, क़ुरान, बाईबल, श्रीगुरुग्रंथ साहिब आदि सदग्रंथों के ज्ञान सार “एक भगवान और एक भक्ति” के अनुरूप सतभक्ति द्वारा पूर्ण मोक्ष प्रदान कर सतगुरु मानव कल्याण कर रहे हैं। कुरीतियों, बुराइयों और भ्रष्टाचार से मुक्त समाज बनाने के लिए कृतसंकल्प हैं। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर हैं।
संत रामपाल जी ही एकमात्र जगतगुरु हैं, जो सारे संसार को भक्ति का सच्चा मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। वे वही तत्वदर्शी संत (बाखबर/ इल्मवाला) हैं जिनके विषय में पवित्र गीता और पवित्र कुरान में बताया गया है और इन्होंने शास्त्रों के अनुसार “एक भगवान और एक भक्ति” के सिद्धांत को स्थापित किया। वे विश्वविजेता संत हैं जिन्होंने विश्व के सभी संतों, गुरुओं, शंकराचार्यों एवं धर्मगुरुओं को ज्ञान चर्चा में निरुत्तर किया है। 
वे धरती पर पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार हैं। वे जगत को सभी दु:खों से ही नहीं अपितु जन्म-मृत्यु के दीर्घ रोग से मुक्त कराने वाले तारणहार भी हैं। जिन्होंने सत भक्ति देकर मोक्ष प्रदान कराकर मानव कल्याण का कार्य पुरजोर प्रारंभ किया है।
प्रश्न-:संत रामपाल जी महाराज के क्या उद्देश्य हैं?
उत्तर-:संत रामपाल जी महाराज ने जाति, धर्म व ऊंच नीच से मुक्त मार्ग बताया है। संत रामपाल जी के यहाँ कोई भी जाति, धर्म, उच्च पद या सामान्य वर्ग का कोई भाई बन्धु जाए वे सभी से प्यार और समभाव से पेश आते हैं। वहां न किसी को अपनी जाति का अभिमान होता है, न ही धर्म का और न किसी पद प्रतिष्ठा का। संत रामपाल जी के सभी के लिए संदेश है:-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
समाज में व्याप्त कुरीतियों का समूल नाश करना।
दहेज प्रथा, मुत्युभोज, भ्रूण हत्या, छुआछूत, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार आदि से मुक्त समाज का निर्माण करना है।
नशा मुक्त भारत बनाना। समाज में मानव धर्म का प्रचार, भ्रूण हत्या पूर्ण रूप से बंद करना ।
छुआ-छूत रहित समाज का निर्माण ।
समाज से पाखंडवाद को खत्म करना।
भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण करना।
समाज से जाति-पाति के भेद को मिटाना।
समाज से हर प्रकार के नशे को दूर करना।
समाज में शांति व भाईचारा स्थापित करना।
विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना।
युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना
समाज से दहेज रूपी कुरीति को जड़ से खत्म करना
सामाजिक बुराईयों को समाप्त करके स्वच्छ समाज तैयार करना
समस्त धार्मिक ग्रंथों के प्रमाण के आधार पर शास्त्र अनुकूल साधना समाज को देना ।
अज्ञानियों के दृष्टिकोण से भारतवर्ष में संत रामपाल जी महाराज विवादित माने जाते हैं। लेकिन वे एक ऐसे महापुरुष हैं । जिनके विषय में अधिकांश को सही जानकारी नहीं है। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर संत रामपाल जी महाराज इस समय केंद्रीय जेल हिसार (हरियाणा) में लीला कर रहे हैं। जिन्होंने सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों से प्रमाणित किया है । कि कबीर जी भगवान हैं। उन्होंने सत्संगों में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रमाण भी दिखाए हैं। संत रामपाल जी के अनुयायी उन्हें भगवान के तुल्य मानते हैं।
पृथ्वी पर विवेकशील प्राणियों की भी कमी नहीं है। ऐसे सत्य पथ के खोजी लोग उस परम तत्व के ज्ञाता संत को ढूंढकर, उनकी आज्ञाओं को स्वीकार कर, उनके निर्देशानुसार मर्यादा में रहकर अपने मनुष्य जन्म को कृतार्थ करते हैं। वर्तमान में मानव समाज शिक्षित और बुद्धिजीवी है। अतः वास्तविक संत का खोजी है।
यही समय है जब सत्य शब्द लेने वाले जीव होंगे मुक्त।
कबीर साहेब ने सूक्ष्म वेद में बताया कि, कलयुग के 5505 वर्ष बीत जाने के बाद मेरा (कबीर परमेश्वर) सत्य शब्द लेने वाले सब जीव मुक्त हो जाएंगे। और कलयुग में सतयुग जैसा वातावरण निर्मित होगा।
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sewakpatel · 7 months
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🎈संत रामपाल जी महाराज जी के बोध दिवस पर जानिए कौन है वह संत जो कलयुग में सतयुग लाएगा ?🎈
जगत् गुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज समाज के एकमात्र पथ प्रदर्शक हैं। जो सतभक्ति देकर सर्व बुराइयां दूर कर कलयुग में सतयुग ला रहे हैं। श्रीमद्भगवदगीता, वेदों, क़ुरान, बाईबल, श्रीगुरुग्रंथ साहिब आदि सदग्रंथों के ज्ञान सार “एक भगवान और एक भक्ति” के अनुरूप सतभक्ति द्वारा पूर्ण मोक्ष प्रदान कर सतगुरु मानव कल्याण कर रहे हैं। कुरीतियों, बुराइयों और भ्रष्टाचार से मुक्त समाज बनाने के लिए कृतसंकल्प हैं। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर हैं।
संत रामपाल जी ही एकमात्र जगतगुरु हैं, जो सारे संसार को भक्ति का सच्चा मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। वे वही तत्वदर्शी संत (बाखबर/ इल्मवाला) हैं जिनके विषय में पवित्र गीता और पवित्र कुरान में बताया गया है और इन्होंने शास्त्रों के अनुसार “एक भगवान और एक भक्ति” के सिद्धांत को स्थापित किया। वे विश्वविजेता संत हैं जिन्होंने विश्व के सभी संतों, गुरुओं, शंकराचार्यों एवं धर्मगुरुओं को ज्ञान चर्चा में निरुत्तर किया है। 
वे धरती पर पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार हैं। वे जगत को सभी दु:खों से ही नहीं अपितु जन्म-मृत्यु के दीर्घ रोग से मुक्त कराने वाले तारणहार भी हैं। जिन्होंने सत भक्ति देकर मोक्ष प्रदान कराकर मानव कल्याण का कार्य पुरजोर प्रारंभ किया है।
प्रश्न-:संत रामपाल जी महाराज के क्या उद्देश्य हैं?
उत्तर-:संत रामपाल जी महाराज ने जाति, धर्म व ऊंच नीच से मुक्त मार्ग बताया है। संत रामपाल जी के यहाँ कोई भी जाति, धर्म, उच्च पद या सामान्य वर्ग का कोई भाई बन्धु जाए वे सभी से प्यार और समभाव से पेश आते हैं। वहां न किसी को अपनी जाति का अभिमान होता है, न ही धर्म का और न किसी पद प्रतिष्ठा का। संत रामपाल जी के सभी के लिए संदेश है:-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
समाज में व्याप्त कुरीतियों का समूल नाश करना।
दहेज प्रथा, मुत्युभोज, भ्रूण हत्या, छुआछूत, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार आदि से मुक्त समाज का निर्माण करना है।
नशा मुक्त भारत बनाना। समाज में मानव धर्म का प्रचार, भ्रूण हत्या पूर्ण रूप से बंद करना ।
छुआ-छूत रहित समाज का निर्माण ।
समाज से पाखंडवाद को खत्म करना।
भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण करना।
समाज से जाति-पाति के भेद को मिटाना।
समाज से हर प्रकार के नशे को दूर करना।
समाज में शांति व भाईचारा स्थापित करना।
विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना।
युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना
समाज से दहेज रूपी कुरीति को जड़ से खत्म करना
सामाजिक बुराईयों को समाप्त करके स्वच्छ समाज तैयार करना
समस्त धार्मिक ग्रंथों के प्रमाण के आधार पर शास्त्र अनुकूल साधना समाज को देना ।
अज्ञानियों के दृष्टिकोण से भारतवर्ष में संत रामपाल जी महाराज विवादित माने जाते हैं। लेकिन वे एक ऐसे महापुरुष हैं । जिनके विषय में अधिकांश को सही जानकारी नहीं है। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर संत रामपाल जी महाराज इस समय केंद्रीय जेल हिसार (हरियाणा) में लीला कर रहे हैं। जिन्होंने सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों से प्रमाणित किया है । कि कबीर जी भगवान हैं। उन्होंने सत्संगों में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रमाण भी दिखाए हैं। संत रामपाल जी के अनुयायी उन्हें भगवान के तुल्य मानते हैं।
पृथ्वी पर विवेकशील प्राणियों की भी कमी नहीं है। ऐसे सत्य पथ के खोजी लोग उस परम तत्व के ज्ञाता संत को ढूंढकर, उनकी आज्ञाओं को स्वीकार कर, उनके निर्देशानुसार मर्यादा में रहकर अपने मनुष्य जन्म को कृतार्थ करते हैं। वर्तमान में मानव समाज शिक्षित और बुद्धिजीवी है। अतः वास्तविक संत का खोजी है।
यही समय है जब सत्य शब्द लेने वाले जीव होंगे मुक्त।
कबीर साहेब ने सूक्ष्म वेद में बताया कि, कलयुग के 5505 वर्ष बीत जाने के बाद मेरा (कबीर परमेश्वर) सत्य शब्द लेने वाले सब जीव मुक्त हो जाएंगे। और कलयुग में सतयुग जैसा वातावरण निर्मित होगा।
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भारत में साइबर धांधे (क्राईम) के खिलाफ मुख्य नेतृत्व | अधिवक्ता परेश एम मोदी
परिचय
भारत में साइबर धांधे (क्राईम) के खिलाफ कानूनी सुरक्षा की मुख्य रेखा में आपका स्वागत है, जहां अधिवक्ता परेश एम मोदी अपनी विशेषज्ञता और समर्पण का प्रतीक हैं। अहमदाबाद, गुजरात स्थित, अधिवक्ता मोदी अपने अद्वितीय कानूनी ज्ञान और साइबर कानून के क्षेत्र में न्याय की अनवरत प्र pursue के लिए प्रसिद्ध हैं। यह व्यापक वेब पृष्ठ इस बारे में है कि अधिवक्ता परेश एम. मोदी को भारत में सर्वश्रेष्ठ साइबरक्राइम वकील माना जाता है, उनकी कठिनाईयों में ऑनलाइन धराधार केस, खातों को अनफ्रीज़ करने और साइबर धांधे (क्राईम) के आरोपियों के लिए जमानत सुरक्षित करने में उनकी पूर्वकृति पर केंद्रित है।
अधिवक्ता परेश एम मोदी के साथ भारत में साइबर धांधे (क्राईम) के मंच को समझना
भारत में सर्वश्रेष्ठ साइबर धांधे (क्राईम) केस वकील | भारत में शीर्ष साइबर क्राइम वकील
जैसा कि प्रौद्योगिकी बढ़ती है, साइबर अपराधियों द्वारा अपनाई जाने वाली विधियां भी बढ़ती हैं। ऑनलाइन धराधार एक व्यापक समस्या बन गई है जो भारत के व्यक्तियों, व्यापारों और संगठनों को प्रभावित कर रही है। फिशिंग स्कैम्स और पहचान की चोरी से लेकर वित्तीय धराधार और हैकिंग तक, साइबर धराधार का विस्तार सीमित और सतत विकसित हो रहा है। इस जटिल परिदृश्य में, एक अनुभवी कानूनी पेशेवर की आवश्यकता है, जो केवल साइबर कानून की जटिलताओं को समझता है, बल्कि ऑनलाइन धराधार के मामलों को सफलतापूर्वक संभालने का सिद्धांत भी रखता है।
अधिवक्ता परेश एम मोदी | साइबर धांधे (क्राईम) केस में विशेषज्ञ वकील
पृष्ठभूमि और विशेषज्ञता
अधिवक्ता परेश एम मोदी एक प्रमुख कानूनी पेशेवर हैं जिनका एक समृद्ध कानूनी पृष्ठभूमि है। उनकी विशेषज्ञता इस गतिशील क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं में फैली है, जिसमें साइबर धराधार केसों पर विशेष बल है। एक प्रतिष्ठान्वित संस्थान से कानूनी डिग्री के साथ और दो दशकों से अधिक के प्रैक्टिस के साथ, अधिवक्ता मोदी व्यक्तियों और व्यापारों के लिए एक ग़ैर-परिभाषित साइबर धराधार के परिणामों से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए एक गो-टू विशेषज्ञ बन चुके हैं।
भारत में जमानत के लिए साइबर क्राइम वकील | साइबर धांधे (क्राईम) में न्यायशास्त्री | अधिवक्ता परेश एम मोदी
ऑनलाइन धराधार केसों में सफलता की कहानियाँ
अधिवक्ता मोदी की ऑनलाइन धराधार केसों में सफलता उनके योजनात्मक दृष्टिकोण और साइबरक्राइम कानून के गहरे ज्ञान की प्रमाण हैं। उनका क्लायंट-सेंट्रिक धाराधार में हर मामला सावधानीपूर्वक जांचा जाता है, और ऑनलाइन धराधार के यौन लुभाव, फाइनेंशियल लूट, और आरोपितों के लिए जमानत सुरक्षित करने में उनकी कस्टमाईज्ड कानूनी रणनीति बनती है।
भारत में साइबर क्राइम और साइबर वकील | भारत में विभिन्न प्रकार के साइबर क्राइम के लिए सर्वश्रेष्ठ वकील | अधिवक्ता परेश एम मोदी
भारत में साइबर अपराध विभिन्न तकनीक या इंटरनेट का उपयोग करके की जाने वाली विभिन्न अवैध गतिविधियों को समाहित करता है। साइबरक्राइम के वर्गीकरण की विकस्ति हो सकती है, लेकिन यहां कुछ सामान्य प्रकार के साइबरक्राइम हैं जो प्रसार हुए हैं:
वित्तीय धोखाधड़ी:
ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड धोखाधड़ी फिशिंग हमले आईडेंटिटी चोरी: अनधिकृत पहुंच प्रतिनायकता साइबरबुलींग और पीड़ा: ऑनलाइन पीड़ा अपमान साइबरस्टॉकिंग डेटा ब्रीच: संवेदनशील डेटा की अनधिकृत पहुंच हैकिंग ऑनलाइन धोखाधड़ी: लॉटरी धोखाधड़ी नौकरी धोखाधड़ी ऑनलाइन खरीददारी धोखाधड़ी मैलवेयर हमले: वायरस ट्रोजन रैंसमवेयर सोशल मीडिया अपराध: नकली प्रोफ़ाइल्स सोशल इंजीनियरिंग हमले बौद्धिक संपत्ति अपराध: सॉफ़्टवेयर पाइरेसी कॉपीराइट उल्लंघन ऑनलाइन बाल शोषण: बाल पोर्नोग्राफी ग्रूमिंग साइबर आतंकवाद: कृतिक बुनियादों पर हमले आतंकवादी प्रचार-प्रसार ऑनलाइन फार्मिंग: एक वेबसाइट के ट्रैफ़िक को दूसरी धोखाधड़ी वेबसाइट पर पुनःनिर्देशित करना सेवा अस्वीकृति (डीओएस) हमले: एक सिस्टम या नेटवर्क को अनुपलब्ध बनाने के लिए उत्तरदाता बोझाएं
यह महत्वपूर्ण है कि ये श्रेणियाँ समर्थित नहीं हैं, और साइबरअपराधी लगातार नई तकनीकें विकसित कर रहे हैं। कानूनी और कानूनी निरीक्षण क्षेत्र भी उत्पन्न होने वाले साइबर खतरों का सामना करने के लिए अनुकूलित हो रहा है। मेरे अंतिम ज्ञान अपडेट जनवरी 2022 में हुआ था, इस स्थिति में बदलाव हो सकता है, और यह सुरक्षित है कि आप विश्वसनीय स्रोतों या कानूनी एजेंसियों से नवीनतम जानकारी के लिए जाँच करें।
साइबर अपराध मामले में विशेष सेवाएँ | साइबर धोखाधड़ी के मामले में खाता अनफ्रीज़ करना और जमानत सुरक्षित करना
खाता अनफ्रीज़ करना
साइबर धोखाधड़ी के मामलों में व्यक्तियों और व्यापारों का एक महत्वपूर्ण सामना है कि खातों को जमा करने का। वकील परेश एम मोदी खातों के जमा होने से जुड़े कानूनी जटिलताओं को नेविगेट करने में विशेषज्ञ हैं, उनके ग्राहकों के लिए खातों को अनफ्रीज़ करने और वित्तीय सामान्यता को पुनर्स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। चाहे यह संपत्तियों की अनधिकृत जमा होने की गलती हो, या यह वित्तीय संस्थानों द्वारा एक सावधानीपूर्ण कदम हो, वकील मोदी खाता फ्रीज मुद्दों को हल करने के लिए एक रणनीतिक और तेज़ पहुंच अपनाते हैं।
भारत में साइबर धोखाधड़ी के मामलों में जमानत सुरक्षित करना | भारत में साइबर धोखाधड़ी वकील | वकील परेश एम मोदी
साइबर धोखाधड़ी के आरोपों का सामना करना एक अधिकतम अनुभव हो सकता है, जिसमें सजा की संभावनाएं शामिल हो सकती हैं। वकील मोदी साइबर धोखाधड़ी के आरोपियों के लिए जमानत सुरक्षित करने की अत्यंत आवश्यकता को समझते हैं, और वे अपनी कानूनी विशेषज्ञता का उपयोग करके कानूनी प्रक्रियाओं को कुशलता से नेविगेट करने के लिए अपना प्रयास करते हैं। उनका सक्रिय पहुंच में एक मजबूत रक्षा रणनीति बनाने, अदालत में प्रेरणादायक तर्क प्रस्तुत करने, और सुनिश्चित करने में शामिल है, कि आरोपियों को जमानत प्रदान की जाती है, जिससे उन्हें अनावश्यक कारावास से बिना आवश्यक सेलाही के लिए तैयार होने का अवसर मिलता है।
साइबर फ्रॉड केस में ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण | भारत में साइबर क्राइम वकील | वकील परेश एम मोदी
वकील मोदी को अलग बनाने वाली बात यह है कि उनका अपने ग्राहकों के सामना साइबर फ्रॉड के परिणामों का खड़ा होने पर भी अदला-बदला प्यार है। उन्होंने एक करुणामय और ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण को अपनाया है, साइबरक्राइम के परिणामों को समझते हुए जो आत्मात्मिक और आर्थिक बोझ डाल सकता है। संवेदनशील संवाद की दृष्टि बनाए रखकर, स्पष्ट न्यायिक सलाह प्रदान करके, और अटल समर्थन प्रदान करके, वकील मोदी सुनिश्चित करते हैं कि उनके ग्राहकों को कानूनी यात्रा के दौरान सशक्त किया जाता है।
साइबर फ्रॉड केसों के लिए कानूनी परामर्श और सलाह सेवाएं | वकील परेश एम मोदी
वकील परेश एम मोदी ने साइबर फ्रॉड के साथ निरंतर कानूनी प्रतिष्ठान को पारित करने के लिए परंपरागत कानूनी प्रतिष्ठान को पारंपरिक रूप से पारंपरिक कानूनी प्रतिष्ठान को पारित करने के लिए बाहुल्यकारी प्रवृत्ति को अगराह किया है। उनका सक्रिय दृष्टिकोण केवल कानूनी चुनौतियों का सामना करने के नहीं होता है, बल्कि आने वाले साइबर खतरों की जोखिम को कम करने के लिए भी शामिल है। उनका सक्रिय दृष्टिकोण केवल कानूनी चुनौतियों का सामना करने के नहीं होता है, बल्कि आने वाले साइबर खतरों की जोखिम को कम करने के लिए भी शामिल है। वकील मोदी ग्राहकों के साथ क़रीबी सहयोग से मिलकर उनके विशेष परिस्थितियों की पूरी समझ बनाने के लिए ऊर्जा से संगठित हैं, जिससे वह उनके लक्ष्य और प्राथमिकताओं के साथ मेल खाती हैं।
द्विविधि को समझना: साइबर क्राइम बनाम साइबर सुरक्षा
तेज़ डिजिटल युग में, जहां प्रौद्योगिकी हमारे जीवन के हर पहलुओं में प्रवेश करती है, साइबर क्राइम और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र समर्थन में बढ़ रहे हैं। जबकि दुनिया और ज्यादा अंतर्जाल होता जा रहा है, डिजिटल स्थानों के खतरे बढ़ रहे हैं, जिससे साइबर क्राइम और साइबर सुरक्षा के बीच मौद्रिक अंतरदृष्टि की महत्वपूर्णता बढ़ रही है।
साइबर क्राइम की परिभाषा:
साइबर क्राइम उन अपराधिक गतिविधियों को संदर्भित करता है जो कंप्यूटर, नेटवर्क और इंटरनेट का उपयोग करके की जाती हैं। इन गतिविधियों में वित्तीय धोखाधड़ी, पहचान चोरी से लेकर हैकिंग, मैलवेयर वितरण और साइबर जासूसी शामिल हैं। साइबर अपराधियों ने प्रौद्योगिकी का उपयोग करके कमजोरियों का शोषण करने, अनधिकृत पहुंच प्राप्त करने, और डिजिटल संपत्ति की गोपनीयता, अखंडता, और उपलब्धता को क्षति पहुंचाने की कोशिश की है।
साइबर क्राइम की प्रमुख विशेषता में से एक यह है कि यह सीमाहीन प्रकृति की है। अपराधी किसी भी दुनिया के हिस्से से कार्रवाई कर सकते हैं, साथ ही साथ सामान्यत: गुमनामी के साथ व्यक्तियों, संगठनों, या यहां तक कि सरकारों को लक्षित कर सकते हैं। साइबर क्राइम के सामान्य प्रकार में फिशिंग, रैंसमवेयर हमले, विनियमन की सेवाएं, और डेटा भंग समाहित हैं।
साइबर सुरक्षा को समझना:
दूसरी ओर, साइबर सुरक्षा कंप्यूटर सिस्टम, नेटवर्क्स, और डेटा को अनधिकृत पहुंच, हमलों, और क्षति से सुरक्षित करने का सक्रिय दृष्टिकोण है। इसमें एक सेट के रूप में उपाय, प्रौद्योगिकियों, और नीतियाँ शामिल हैं जिनका उद्दीपन डिजिटल जानकारी की सुरक्षा करने और डिजिटल बुनियाद का सहज काम करने के लिए किया जाता है। साइबर सुरक्षा का उद्देश्य साइबर खतरों द्वारा पैदा होने वाले जोखिमों को कम करना है और उत्पन्न संभावित खतरों को निरक्षर करना है।
भारत में साइबर अपराध वकील | भारत में साइबर अपराध एडवोकेट | अधिवक्ता परेश एम मोदी
साइबर सुरक्षा एक व्यापक उपाय की श्रेणी को समाहित करती है, जिसमें फ़ायरवॉल, एन्क्रिप्शन, एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर, बहु-कारक प्रमाणीकरण, और उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षा जागरूकता प्रशिक्षण का कार्यान्वयन शामिल है। इसमें यह भी शामिल है कि कैसे एक्सेस नियंत्रण, घटना प्रतिसाद, और डेटा सुरक्षा को नियमित करने और प्रवर्तित करने के लिए नीतियों और प्रक्रियाओं का विकास और प्रवर्तन किया जाए।
वकील परेश एम मोदी ने भारत में साइबर अपराध और साइबर सुरक्षा के बीच के कुंजीभेदों को समझाया है:
इरादा और क्रिया:
साइबर अपराध: साइबर अपराधी दुरुपयोग के साथ गतिविधियों में शामिल होते हैं। उनका प्रमुख लक्ष्य वित्तीय लाभ, जासूसी, या विघटन के लिए दोषसूची को शायर करना है। साइबर सुरक्षा: साइबर सुरक्षा साइबर खतरों के प्रभाव को रोकने और कम करने पर मुख्य फोकस करती है। इसमें साइबर खतरों के प्रति सुरक्षा और पूर्वसूची उपायों का शामिल होना शामिल है ताकि डिजिटल संपत्ति की सुरक्षा और सत्यापन सुनिश्चित हो सके।
करणकर्ता और रक्षक:
साइबर अपराध: साइबर अपराध के करणकर्ता दुरुपयोग के उद्देश्य से व्यक्ति या समूह होते हैं, जो व्यक्तिगत लाभ या विघटन के लिए डिजिटल सिस्टम को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। साइबर सुरक्षा: साइबर सुरक्षा पेशेवर और प्रणालियाँ रक्षक होती हैं, जो साइबर खतरों की पहचान, रोकथाम, और प्रतिसाद करने के लिए काम करती हैं, डिजिटल पूर्वसूची की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए।
गतिविधियों का स्वभाव:
साइबर अपराध: अनधिकृत पहुंच, डेटा चोरी, वित्तीय धरोहर, मैलवेयर फैलाना, और विभिन्न अन्य हानिकारक परिणामों के साथ जुड़ी विभिन्न गतिविधियों में शामिल है। साइबर सुरक्षा: अनधिकृत पहुंच और संभावित खतरों को कम करने के लिए एन्क्रिप्शन, फ़ायरवॉल, और पूर्वदृष्टि मॉनिटरिंग जैसी उपायों के माध्यम से डिजिटल संपत्तियों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित है।
कानूनी प्रभाव:
साइबर अपराध: साइबर अपराध में शामिल होना अवैध है, और करणकर्ताओं को धन जुराने से लेकर क़ैद तक के क़ानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। साइबर सुरक्षा: साइबर सुरक्षा उपायों को लागू करना कानूनी है और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है कि डिजिटल संपत्तियों की सुरक्षा की जाए। संगीतत जानकारी को सुरक्षित नहीं करने वाली संगठनों को लागू होने वाले क़ानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
वैश्विक प्रभाव:
साइबर अपराध: इसके सीमाहीन स्वभाव के कारण, साइबर अपराध का वैश्विक प्रभाव हो सकता है, जो व्यक्तियों, व्यापारों, और सरकारों को विश्वभर में प्रभावित कर सकता है। साइबर सुरक्षा: साइबर सुरक्षा प्रयासों का वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण है ताकि सुरक्षित डिजिटल वातावरण बनाया जा सके और सीमानुपरांत साइबर खतरों के खिलाफ सुरक्षा कर सके।
समाप्ति में, साइबर अपराध और साइबर सुरक्षा के बीच का संबंध एक निरंतर युद्ध के समान है, जिसमें दुरुपयोग करने वाले विकृत अभिनेता और संरक्षकों के बीच है। इन दोनों के बीच के विभिन्नताओं को समझना व्यक्तियों, संगठनों, और सरकारों के लिए आवश्यक है ताकि वे डिजिटल परिदृश्य की जटिलताओं को संचालन कर सकें और ज्यादा से ज्यादा बदलते साइबर खतरों के खिलाफ अपनी रक्षा को मजबूत कर सकें। जैसे ही तकनीक आगे बढ़ती है, साइबर सुरक्षा के महत्व को डिजिटल पारिस्थितिकी और सुरक्षा की भरपूरी रखा जा सकता है।
प्रशंसापत्र: सफलता की विरासत ग्राहक प्रशंसापत्र
वकील परेश एम मोदी के ग्राहकों के साइबर धोखाधड़ी मामलों में सफलता के किस्से उनके समर्पण और क़ानूनी प्रतिभा की चर्चा करते हैं। ग्राहकों ने उनके सूक्ष्म पहुंच, अटल समर्थन, और जटिल क़ानूनी चुनौतियों के सामने स्थिर परिणामों की प्रशंसा की है।
उद्योग पहचान
वकील मोदी के योगदानों ने साइबर क़ानून के क्षेत्र में, विशेषकर ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों को संबोधित करने में, उन्हें क़ानूनी निकायों और उद्योग संघों के प्रति पहचान प्राप्त की है। उनका उत्कृष्टता और ग्राहक सफलता के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें साइबरक्राइम रक्षा के क्षेत्र में प्रमुख प्राधिकृति में स्थानांतरित किया है।
प्रचार और साझेदारी: जनता को सशक्त करना | वकील परेश एम मोदी
वकील परेश एम मोदी, अपने कानूनी प्रैक्टिस के अलावा, साइबर धोखाधड़ी और कानूनी सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के प्रति प्रतिबद्ध हैं। उन जनता को साइबर खतरों और निवारण उपायों के बारे में शिक्षित करने के लिए प्रचार और साझेदारी कार्यक्रमों में सक्रियता दिखाते हैं, सेमिनार, कार्यशाला, और जागरूकता अभियानों का संचालन करते हैं।
भारत में खाता खुलवाने के मामले का क़ानूनी वकील | वकील परेश एम मोदी से रुंबरु संपर्क करें
यदि आप या आपका संगठन साइबर धोखाधड़ी के परिणाम से निपट रहा है और एक अनुभवी क़ानूनी पेशेवर की विशेषज्ञता की तलाश में है, तो वकील परेश एम मोदी आपकी मदद के लिए तैयार हैं। उनका कानूनी कार्यालय, जो सुविधाजनक अहमदाबाद, गुजरात में स्थित है, ऑनलाइन धोखाधड़ी, खाता जमा करने, और आरोपी के लिए जमानत सुनिश्चित करने की एक विशेष ध्यान से तैयार है। वकील मोदी से संपर्क करें आज ही सलाह के लिए, और उनकी विशेषज्ञता को इस साइबरक्राइम रक्षा के जटिलताओं से गुजरने में मार्गदर्शक बनाएं।
निष्कर्ष
भारत में साइबरक्राइम रक्षा के क्षेत्र में, वकील परेश एम मोदी एक अद्भुत बल के रूप में खड़े हैं, ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों, खाता जमा करने, और आरोपी के लिए जमानत में विशेषज्ञ हैं। उनका व्यापक अनुभव, ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण, और सफल रेकॉर्ड उन्हें भारत में सर्वश्रेष्ठ साइबरक्राइम वकील बना देते हैं। क्या आप एक व्यक्ति हैं जो साइबर धोखाधड़ी के आरोपों का सामना कर रहा है या एक व्यापार जो ऑनलाइन वित्तीय अपराधों के परिणाम से निपट रहा है, वकील मोदी की विशेषज्ञता सुनिश्चित करती है कि आपके पास एक मजबूत क़ानूनी समर्थन है। आज ही उनसे संपर्क करें और साइबर क़ानून की जटिल स्थिति को आत्मविश्वास और सहारे के साथ सार्वजनिक करें। अब कॉल करें ...
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rankvision · 9 months
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नेत्रहीनों का मसीहा लुई ब्रेल, जाने लुई ब्रेल की जीवनगाथा
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जिन महापुरुषों ने शिक्षा द्वारा दृष्टिहीन व्यक्तियों की दुखद स्थिति को दूर करने का प्रयास किया है और उनके अंधकारमय जीवन में ज्ञान की अमिट ज्योति जला कर उनके जीवन पथ को आलोकित किया है उनमें लुई ब्रेल का नाम सर्वप्रमुख है।
8 वर्ष के होते होते ब्रेल दृष्टिहीन हो गए
रंग बिरंगे संसार के स्थान पर उस बालक के लिए सब कुछ गहन अंधकार में डूब गया। 7 वर्ष की आयु में गिरजाघर के पादरी ने उसे प्राकृतिक वस्तुओ का तथा बाइबिल का परिचय करवाया। 8 वर्ष की आयु में उसने गांव के विद्यालय में प्रवेश लिया और 2 वर्ष तक सामान्य बालकों की तरह शिक्षा ग्रहण की पर वह साधारण बालक नहीं था उसरे मन में संसार से लड़ने की प्रबल इच्छा थी।
वह फ्रांस के मशहूर पादरी वेलेंटाइन की शरण में गया। उनके सहयोग से 1819 में दस वर्षीय लुई ब्रेल को मशहूर अंध विद्यालय ‘रायल इंस्टीट्यूट फार ब्लाइंडस’ में दाखिला मिल गया। यहां का वातावरण स्वास्थ्य वर्धक नहीं था पर दूसरा कोई विकल्प नहीं था। टॉप मोस्ट आर्टिकल पढ़े भारत रत्न महामना मदनमोहन मालवीय | Bharat Ratna Mahamana Madan Mohan Malviya इस विद्यालय में उसने संगीत, इतिहास, भूगोल, गणित, फ्रेंच, लेटिन विषयों का बड़े मनोयोग से अध्ययन किया। विद्यालय की वर्कशॉप में कपड़ा बुनना और स्लीपर बनाना सीखा, पियानो और आर्गन बजाना सीखा। लुई के परिश्रम व कुशाग्र बुद्धि ने उसे विद्यालय के निदेशक का मन भी जीत लिया। 1821 में उसे पता चला कि शाही सेना के सेवा निवृत्त कैप्टन चार्ल्स बार्बर ने सेना के लिए ऐसी कूटलिपि का विकास किया है जिसकी सहायता से वे टटोलकर अंधेरे में भी संदेशों को पढ़ सकते हैं।
लुई ब्रेल के कार्य
बालक ने पादरी से चार्ल्स बार्बर से मिलने की इच्छा व्यक्त की। पादरी ने मुलाकात करवाई। प्रखर बुद्धि के लुई ब्रेल ने कूट लिपि में आवश्यक संशोधन के सुझाव भी चार्ल्स को दिए जिससे वे प्रभावित हुए। 8 वर्ष के अथक परिश्रम के बाद वे छ बिंदुओं पर आधारित ऐसी लिपि बनाने में सफल रहे। 9 वर्ष तक पेरिस के अंधविद���यालय में पढ़ाई के बाद 8 अगस्त 1828 को लुई ब्रेल उसी विद्यालय में सहायक शिक्षक के रुप में अध्यापन कार्य कराने लगे। दया, संवेदनशीलता, स्वाध्याय तथा सहयोग भाव ने उन्हें विद्यालय का लोकप्रिय शिक्षक बना दिया। अध्यापन के साथ संगीत साधना करने लगे। यह भी पढ़े सादड़ी| समाज सुधारक प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फूले की जयंती पर किया नमनरविवार को गिरजाघर में पियानो वादन के माध्यम से ईश्वर आराधना कर आध्यात्मिक आनंद प्राप्त करते। लुई ब्रेल की लिपि का लोगों ने मखौल उड़ाया पर लुई ब्रेल ने हिम्मत नहीं हारी वे दृष्टि बाधितों में इसको प्रचारित करते रहे। 1824–25 में पहली बार ब्रेल लिपि की सार्वजनिक प्रस्तुति दी गई। डाक्टर पिनिए ने 3 खंडो में फ्रांस का संक्षिप्त इतिहास ब्रेल लिपि में मुद्रित करवाया। 1829 में पहली बार ब्रेल लिपि के बारे में पुस्तिका प्रकाशित।
जब लुई ब्रेल को क्षय रोग ने घेर लिया
सरकार ने भी ब्रेल लिपि को प्रचारित करने का प्रयास किया। 26 वर्ष की आयु में ही ब्रेल को क्षय रोग ने घेर लिया। अस्वास्थ्यकर वातावरण व परिश्रम की पराकाष्ठा से रोग दिनों दिन बढ़ता गया। उन्हें विद्यालय से बार बार छुट्टी लेने की नौबत आ गई। विद्यालय प्रबंधन ने यह जानते हुए कि वे पढ़ाने में असमर्थ हैं फिर भी उनके विद्यालय के प्रति समर्पण व निष्ठा को देखते हुए नौकरी में बनाएं रखा। दिसंबर 1851 में उनकी स्थिति ज्यादा खराब हो गई। उन्होंने वकील को बुला कर वसीयत बनाई जिसमें दृष्टि हीनों तथा उनके कल्याण के लिए कार्य करने वाली संस्थाओं को आर्थिक सहयोग करने की बात कही गई। यह भी पढ़े भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी | Bharat Ratna Atal Bihari Vajpayee
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astrovastukosh · 9 months
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💥Bharat ak Khoj: भारतीय ऋषि-मुनि द्वारा रचे वेदों का ज्ञान💥
अथर्वदेव : थर्व का अर्थ है कंपन और अथर्व का अर्थ अकंपन। ज्ञान से श्रेष्ठ कर्म करते हुए जो परमात्मा की उपासना में लीन रहता है वही अकंप बुद्धि को प्राप्त होकर मोक्ष धारण करता है। इस वेद में रहस्यमयी विद्याओं, जड़ी बूटियों, चमत्कार और आयुर्वेद आदि का जिक्र है। इसके 20 अध्यायों में 5687 मंत्र है। इसके आठ खण्ड हैं जिनमें भेषज वेद और धातु वेद ये दो नाम मिलते हैं।
हिंदुओ के मूल ग्रन्थ
(१) वेद { जिनको श्रुति भी कहते हैं }
ऋग्वेद ( ज्ञान ) = १०५७९ मंत्र
यजुर्वेद ( कर्म ) = १९७५ मंत्र
सामवेद ( उपासना ) = १८७५ मंत्र
अथर्ववेद ( विज्ञान ) = ५९७० मंत्र
कुल मंत्र = २०४१६
वेदों के अर्थों को समझाने के लिए जिन ग्रन्थों का प्रवचन वैदिक ऋषियों ने किया है, उनको शाखा कहते हैं ।
कुल शाखाएँ = ११२७
वर्तमान में उपलब्ध शाखाएँ = १२
उपलब्ध शाखाओं के नाम
{१} ऋग्वेद की उपलब्ध शाखाएँ
(क) शाकल (ख) वाष्कल
{२} यजुर्वेद की उपलब्ध शाखाएँ
(क) काण्व (ख) मध्यन्दिनी (ग) तैत्तिरीय संहिता (घ) काठक (ङ) मैत्रायणी
{३} सामवेद की उपलब्ध शाखाए
(क) जैमिनीया (ख) राणायसीम
{४} अथर्ववेद की उपलब्ध शाखाएँ
(क) शौनक (ख) पिप्पलाद
वेदों में से कुछ लघु वेद भी ऋषियों ने बनाए थे जिनको उपवेद कहते हैं , भिन्न भिन्न विषयों को समझाने के लिए चार उपवेद हैं।
{१} ऋग्वेद ------------------- आयुर्वेद
{२} यजुर्वेद------------------- धनुर्वेद
{३} सामवेद ------------------ गन्धर्ववेद
{४} अथर्ववेद ----------------- अर्थवेद
चारों वेदों में से विज्ञान के उत्कृष्ट स्वरूप को समझाने के लिए वेदों में से ब्राह्मण ग्रन्थ भी बनाए हैं।
{१} ऋग्वेद का ब्राह्मण ------------- ऐतरेय
{२} यजुर्वेद का ब्राह्मण ------------- शतपथ
{३} सामवेद का ब्राह्मण ------------ सामविधान
{४} अथर्ववेद का ब्राह्मण ----------- गोपथ
[ इन्हीं ब्राह्मणों को पुराण भी कहते हैं । ]
६ वैदिक शास्त्र :--
(क) न्याय (ख) वैशेषिक
(ग) साङ्ख्य (घ) योग
(ङ) मिमांसा (च) वेदांत
{ ये छः शास्त्र तर्क प्रणाली को प्रस्तुत करते हैं, इनको पढ़ने से तर्क के द्वारा मनुष्य धर्म और अधर्म के भेद को जान सकता है }
६ वेदाङ्ग वे हैं जिनको पढ़कर मनुष्य वेदों का अर्थ करने में समर्थ होता है।
(क) शिक्षा
(ख) कल्प
(ग) व्याकरण
(घ) निरुक्त
(ङ) छंद
(च) ज्योतिष
वेदांत शास्त्र को ब्रह्मसूत्र भी कहते हैं और इसको समझने के लिए ११ मुख्य उपनिषदें हैं :-
(१) ईश
(२) कठ
(३) केन
(४) प्रश्न
(५) मुण्डक
(६) माण्डुक्य
(७) ऐतरेय
(८) तैत्तिरीय
(९) छांदोग्य
(१०) बृहदारण्यक
(११) श्वेताश्वतर
ऐतिह्या ( इतिहास ग्रन्थ ) :-
(१) योगवशिष्ठ महारामायण
(२) वेदव्यास कृत महाभारतम्
समृति ग्रन्थ :-
(१) मनुस्मृति ( विशुद्ध - कर्म पर आधारित न कि जन्म पर )
(२) विधुर नीति
(३) चाणक्य नीति
राम
*🌳 चार वेद, जानिए किस वेद में क्या है 🌳*
          *बहुत महत्वपूर्ण जानकारियां है*
        *प्रत्येक हिन्दू को पता होनी चाहिए*
         *और कृपया अपने बच्चो को भी*
          *अपने धर्म के विषय मे बताइये*
वेद दुनिया के प्रथम धर्मग्रंथ है। इसी के आधार पर दुनिया के अन्य मजहबों की उत्पत्ति हुई जिन्होंने वेदों के ज्ञान को अपने अपने तरीके से भिन्न भिन्न भाषा में प्रचारित किया। वेद ईश्वर द्वारा ऋषियों को सुनाए गए ज्ञान पर आधारित है इसीलिए इसे श्रुति कहा गया है। सामान्य भाषा में वेद का अर्थ होता है ज्ञान। वेद पुरातन ज्ञान विज्ञान का अथाह भंडार है। इसमें मानव की हर समस्या का समाधान है। वेदों में ब्रह्म (ईश्वर), देवता, ब्रह्मांड, ज्योतिष, गणित, रसायन, औषधि, प्रकृति, खगोल, भूगोल, धार्मिक नियम, इतिहास, रीति-रिवाज आदि लगभग सभी विषयों से संबंधित ज्ञान भरा पड़ा है। शतपथ ब्राह्मण के श्लोक के अनुसार अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा ने तपस्या की और ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद को प्राप्त किया। प्रथम तीन वेदों को अग्नि, वायु, सूर्य (आदित्य), से जोड़ा जाता है और संभवत: अथर्वदेव को अंगिरा से उत्पन्न माना जाता है। एक ग्रंथ के अनुसार ब्रह्माजी के चारों मुख से वेदों की उत्पत्ति हुई।... वेद सबसे प्राचीनतम पुस्तक हैं इसलिए किसी व्यक्ति या स्थान का नाम वेदों पर से रखा जाना स्वाभाविक है। जैसे आज भी रामायण, महाभारत इत्यादि में आए शब्दों से मनुष्यों और स्थान आदि का नामकरण किया जाता है।
वेद मानव सभ्यता के लगभग सबसे पुराने लिखित दस्तावेज हैं। वेदों की 28 हजार पांडुलिपियाँ भारत में पुणे के 'भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट' में रखी हुई हैं। इनमें से ऋग्वेद की 30 पांडुलिपियाँ बहुत ही महत्वपूर्ण हैं जिन्हें यूनेस्को ने विरासत सूची में शामिल किया है। यूनेस्को ने ऋग्वेद की 1800 से 1500 ई.पू. की 30 पांडुलिपियों को सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में शामिल किया है। उल्लेखनीय है कि यूनेस्को की 158 सूची में भारत की महत्वपूर्ण पांडुलिपियों की सूची 38 है।
वेदों के उपवेद : ऋग्वेद का आयुर्वेद, यजुर्वेद का धनुर्वेद, सामवेद का गंधर्ववेद और अथर्ववेद का स्थापत्यवेद ये क्रमशः चारों वेदों के उपवेद बतलाए गए हैं।
वेद के विभाग चार है: ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद। ऋग-स्थिति, यजु-रूपांतरण, साम-गति‍शील और अथर्व-जड़। ऋक को धर्म, यजुः को मोक्ष, साम को क���म, अथर्व को अर्थ भी कहा जाता है। इन्ही के आधार पर धर्मशास्त्र, अर्थशास्त्र, कामशास्त्र और मोक्षशास्त्र की रचना हुई।
1.ऋग्वेद : ऋक अर्थात् स्थिति और ज्ञान। ऋग्वेद सबसे पहला वेद है जो पद्यात्मक है। इसके 10 मंडल (अध्याय) में 1028 सूक्त है जिसमें 11 हजार मंत्र हैं। इस वेद की 5 शाखाएं हैं - शाकल्प, वास्कल, अश्वलायन, शांखायन, मंडूकायन। इसमें भौगोलिक स्थिति और देवताओं के आवाहन के मंत्रों के साथ बहुत कुछ है। ऋग्वेद की ऋचाओं में देवताओं की प्रार्थना, स्तुतियां और देवलोक में उनकी स्थिति का वर्णन है। इसमें जल चिकित्सा, वायु चिकित्सा, सौर चिकित्सा, मानस चिकित्सा और हवन द्वारा चिकित्सा आदि की भी जानकारी मिलती है। ऋग्वेद के दसवें मंडल में औषधि सूक्त यानी दवाओं का जिक्र मिलता है। इसमें औषधियों की संख्या 125 के लगभग बताई गई है, जो कि 107 स्थानों पर पाई जाती है। औषधि में सोम का विशेष वर्णन है। ऋग्वेद में च्यवनऋषि को पुनः युवा करने की कथा भी मिलती है।
2.यजुर्वेद : यजुर्वेद का अर्थ : यत् + जु = यजु। यत् का अर्थ होता है गतिशील तथा जु का अर्थ होता है आकाश। इसके अलावा कर्म। श्रेष्ठतम कर्म की प्रेरणा। यजुर्वेद में यज्ञ की विधियां और यज्ञों में प्रयोग किए जाने वाले मंत्र हैं। यज्ञ के अलावा तत्वज्ञान का वर्णन है। तत्व ज्ञान अर्थात रहस्यमयी ज्ञान। ब्रह्माण, आत्मा, ईश्वर और पदार्थ का ज्ञान। यह वेद गद्य मय है। इसमें यज्ञ की असल प्रक्रिया के लिए गद्य मंत्र हैं। इस वेद की दो शाखाएं हैं शुक्ल और कृष्ण।
कृष्ण :वैशम्पायन ऋषि का सम्बन्ध कृष्ण से है। कृष्ण की चार शाखाएं हैं।
शुक्ल : याज्ञवल्क्य ऋषि का सम्बन्ध शुक्ल से है। शुक्ल की दो शाखाएं हैं। इसमें 40 अध्याय हैं। यजुर्वेद के एक मंत्र में च्ब्रीहिधान्यों का वर्णन प्राप्त होता है। इसके अलावा, दिव्य वैद्य और कृषि विज्ञान का भी विषय इसमें मौजूद है।
सामवेद : साम का अर्थ रूपांतरण और संगीत। सौम्यता और उपासना। इस वेद में ऋग्वेद की ऋचाओं का संगीतमय रूप है। सामवेद गीतात्मक यानी गीत के रूप में है।  इस वेद को संगीत शास्त्र का मूल माना जाता है। 1824 मंत्रों के इस वेद में 75 मंत्रों को छोड़कर शेष सब मंत्र ऋग्वेद से ही लिए गए हैं।इसमें सविता, अग्नि और इंद्र देवताओं के बारे में जिक्र मिलता है। इसमें मुख्य रूप से 3 शाखाएं हैं, 75 ऋचाएं हैं।
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freshcrusadeexpert · 4 months
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*🏕️बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय🏕️*
11/05/24
*🔖Twitter सेवा सूचना 🔖*
🎍 *मालिक की दया से कल सुबह 07:00 बजे "धरती को स्वर्ग बनाना है" विषय से संबंधित Twitter Trending सेवा करेंगे जी।*
🌿 *सेवा से सम्बंधित फ़ोटो Website पर उपलब्ध है जी⤵️*
*Hindi*
https://www.satsaheb.org/dharti-upar-swarg-hindi/
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*English*
https://www.satsaheb.org/dharti-upar-swarg-english/
https://www.satsaheb.org/heaven-on-earth-english-photos/
🌿 *सेवा Points* 🌿
🌍संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे नाम उपदेश प्राप्त करके जुड़ने के बाद जीवन के सभी दुःख समाप्त हो जाऐंगे। सत्संग से मनुष्य को जीवन के मूल कर्त्तव्य का ज्ञान होता है,
मनुष्य सारे विकार त्याग देता है। उसके जीवन में सुखों की बहार आ जाती है, किसी भी प्रकार का दुःख
नहीं रहता।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे निःशुल्क जुड़ें ताकि हमारी तरह आप भी सुखी हों, उनसे जुड़ने के बाद शरीर के सभी प्रकार के रोग नष्ट होंगे। सभी प्रकार के नशे छूट जाऐंगे। जीवन यापन के लिए थोड़ी कमाई से ही काम चल जाएगा। निर्धनता खत्म हो जाएगी।
🌍धरती को स्वर्ग बनाना है
परमात्मा कबीर जी की शक्ति से आत्मा में शक्ति आती है जिससे गलत कार्य करने की प्रेरणा कभी नहीं मिलती। न कोई गलत कदम उठाने को मन करता क्योंकि परमात्मा
के ज्ञान से वह घोर पाप लगता है जैसे विष खाने के परिणाम से परिचित व्यक्ति विष को छूने से भी डरता है।
🌍दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे बेटियों व बहनों पर बलात्कार तथा छेड़छाड़ तथा दहेज प्रताड़ना के मामले संत रामपाल जी महाराज जी के तत्वज्ञान(जो परमात्मा के संविधान अनुसार बताया गया है,) से समाप्त हो जाते हैं।
व्यक्ति को भगवान का डर बनेगा, जिस कारण वह गलत कार्य नहीं कर सकता।
दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर भक्ति करनी होती है।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी के विचारों से समाज में सुधार आएगा।
सब मिलकर एक-दूसरे के दुःख को बाँटेंगे। सुखमय जीवन जीऐंगे। रेप व यौन उत्पीड़न की घटनाऐं समूल नष्ट हो जाएंगी।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी के विचारों से समाज में सुधार आएगा।
देश के लड़के-लड़की अपनी संस्कृति पर लौटेंगे। भारत देश में अमन होगा।
🌍हमारा नारा है:-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
प्राणी की जाति जीव है क्योंकि मानव, देवता तथा अन्य पशु-पक्षी सब जंतु जीव हैं।
यह हमारी जाति है। मानव श्रेणी के जीव होने के नाते मानवता हमारा धर्म है यानि परमात्मा ने मानव को समझ दी है। उसको शुभ कर्म करने चाहिए। पशुओं-पक्षियों की तरह एक-दूसरे से छीनकर, दुर्बल को मारकर अपना स्वार्थ सिद्ध नहीं करना चाहिए। एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए। यह हमारा धर्म है। जितने धर्म विश्व में हैं, सबमें मानव हैं। किसी में भी अन्य प्राणी नहीं हैं। इसलिए हम सबको मानव धर्म का पालन करना चाहिए। एक परम पिता की हम सब संतान हैं।
🌍धरती को स्वर्ग बनाना है
विवाह के नियम जो बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों को पालन करने होते हैं:-
दहेज लेना-देना नहीं। विवाह सूक्ष्मवेद की वाणी ‘‘असुर निकंदन रमैणी’’ का उच्चारण करके 17 मिनट में बैंड-बाजे व डी.जे. बजाए बिना सम्पन्न करने का गुरू जी का आदेश है।
विवाह में कोई बारात नहीं जाएगी। केवल 5 से 15 तक व्यक्ति वर पक्ष के आऐंगे। सामान्य भोजन जो प्रतिदिन लड़की पक्ष के बनाते-खाते हैं, वही खाना दिया जाता है। संत रामपाल जी महाराज के बनाए नियम का पालन करते हुए लाखों विवाह किए गए हैं। सब परिवार सुख से जीवन जी रहे हैं।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी के विचार सुनकर व्यक्ति दहेज लेने व देने की सोच भी नहीं सकता।
ऐसे सटीक तरीके से सत्संग में समझाया जाता है।
संत रामपाल जी महाराज जी से दीक्षा लेने के पश्चात् हमने गुरू जी के आदेश का पालन करते हुए दहेज लेना-देना पूर्ण रूप से त्याग दिया है जिस कुरीति के कारण तीन परिवार नष्ट हो जाते हैं:-
1) लड़की का परिवार जिसकी बेटी दहेज की बलि चढ़ जाती है। उसके पास क्या बचता है, केवल रोना, मुकदमों में धन, समय व शांति खोना।
2) ससुराल वाला परिवार।
3) ननंद का परिवार जेल जाकर समूल नष्ट हो जाता है।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी शास्त्र अनुकूल भक्ति बताते हैं।
अन्य सर्व संतों की साधना शास्त्रों के विपरीत है जो साधक के मानव जन्म को तो नष्ट करती ही है, साथ में मानवता का भी ह्रास होता है क्योंकि परमात्मा की शास्त्र प्रमाणित साधना करने से साधक को वे सर्व लाभ (घर में शांति, व्यापार में लाभ, दुर्घटनाओं से बचाव, बीमारी से बचाव तथा मोक्ष) प्राप्त होते हैं जो परमात्मा से अपेक्षित होते हैं, जिनके लिए साधक भक्ति करता है।
🌍भारतवर्ष में संत रामपाल जी महाराज के करोड़ों अनुयाई हैं। हम दावे के साथ कह रहे हैं कि यदि संत रामपाल जी महाराज के सत्संग विचार भारत की जनता सुन लेगी तो भारत की धरती स्वर्ग बन जाएगी। इनके विचारों से प्रभावित होकर हम सब अनुयाई सामान्य तथा सभ्य व सुखी जीवन जी रहे हैं।
🌍मानव समाज में वतर्मान में हो रहे बलात्कार, यौन उत्पीड़न के अपराधों तथा चोरी-डाके, भ्रष्टाचार के अपराधों को समूल समाप्त करने का एकमात्र विकल्प संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग विचार तथा उनके अनुयायियों का शिष्ट व्यवहार तथा शालीनता
को मानव समाज के सामने परोसना है।
🌍परमात्मा का विधान है कि हत्या तथा आत्महत्या करने वाला नरक में जाता है।
आत्महत्या तथा हत्या दोनों परमात्मा के विधानानुसार घोर अपराध हैं। यह किसी भी परिस्थिति में नहीं होना चाहिए।
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनने से पता चलता है कि मनुष्य जीवन कितना दुर्लभ है और यह भक्ति करके मोक्ष प्राप्त हो सके इसलिए मिलता है।
उनसे नाम उपदेश लेकर अपना कल्याण करायें।
🌍‘‘पुत्र प्राप्ति न होने से आहत दम्पति को विशेष हिम्मत मिलेगी’’
पुस्तक ‘‘जीने की राह’’ में यह प्रसंग ऐसा तार्किक है कि जो पति-पत्नी संतान न होने के कारण अपने आपको किवंदतियों के कारण समाज से अलग-थलग महसूस करते हैं, उनके विषय में ऐसा उदाहरण दिया है जिसको पढ़कर निःसंतान दम्पति संतान वालों से भी श्रेष्ठ महसूस करेंगे।
🌍धरती को स्वर्ग बनाना है
‘‘घर की कलह समाप्त हो जाती है’’
पुस्तक ‘‘जीने की राह’’ में ऐसे उल्लेख हैं जिनके पढ़ने-सुनने से परिवार की आपसी तू-तू मैं-मैं समाप्त होकर प्यार से जीवन जीते हैं।
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🌍धरती को स्वर्ग बनाना है
‘‘नशीली वस्तुओं को त्याग देगा मानव’’
पुस्तक ‘‘जीने की राह’’ में शास्त्रों तथा संतों की वाणी से तर्क के साथ तथा प्रमाणों के साथ नशानिषेध के विषय में लिखा है जिसको पढ़कर कोई महा मूर्ख ही भविष्य में तम्बाकू, सुल्फा, शराब का नशा करेंगे। 99% पाठक नशे से अवश्य परहेज करेंगे।
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kkdbs-tech-1999 · 10 months
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भारत का सामान्य ज्ञान
वैदिक भारत में किस नदी को विपाशा कहा जाता था ? ‌
गंगा
झेलम
व्यास
सिंधु
youtube
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