#भारत का सामान्य ज्ञान
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kkdbs-tech-1999 · 1 year ago
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भारत का सामान्य ज्ञान
वैदिक भारत में किस नदी को बिपाशा कहा जाता था?
गंगा
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ainnewsone · 5 days ago
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ट्रेंडिंग जनरल नॉलेज क्विज: क्या आप इन सवालों के जवाब जानते हैं?
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Trending General Knowledge Quiz: Test Your GK with These Unique Questions ट्रेंडिंग जनरल नॉलेज क्विज: क्या आप इन सवालों के जवाब जानते हैं? AIN NEWS 1: जनरल नॉलेज (GK) किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए बेहद जरूरी होता है। चाहे स्कूल-कॉलेज में एडमिशन हो, सरकारी या प्राइवेट नौकरी के लिए परीक्षा ��ो, या फिर कोई इंटरव्यू – जनरल नॉलेज आपकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सामान्य ज्ञान का मतलब केवल किताबों से नहीं होता, बल्कि यह विभिन्न विषयों और तथ्यों की व्यापक समझ और जागरूकता से जुड़ा होता है। इतिहास, भूगोल, विज्ञान, साहित्य और समसामयिक घटनाओं से अपडेट रहना आवश्यक है, क्योंकि यह हमें दुनिया को बेहतर तरीके से समझने और सही निर्णय लेने में मदद करता है। इस लेख में हम आपके लिए कुछ ऐसे अनोखे और रोचक जनरल नॉलेज के सवाल लेकर आए हैं, जो न केवल आपकी जानकारी बढ़ाएंगे, बल्कि आपको मनोरंजन भी देंगे। तो आइए देखते हैं, आप कितने सवालों के सही जवाब जानते हैं! ट्रेंडिंग जनरल नॉलेज सवाल और जवाब सवाल 1: मच्छरों का त्यौहार कहां मनाया जाता है? जवाब: चीन में मच्छरों का त्यौहार मनाया जाता है। सवाल 2: किस देश का कानून सबसे कठिन माना जाता है? जवाब: सऊदी अरब का कानून सबसे कठिन माना जाता है। सवाल 3: किस देश में प्लास्टिक के नोट चलते हैं? जवाब: ऑस्ट्रेलिया में प्लास्टिक के नोट चलते हैं। सवाल 4: किस देश के लोग भारत में नहीं घूम सकते हैं? जवाब: उत्तर कोरिया के लोग भारत में नहीं घूम सकते हैं। सवाल 5: जहांगीर को कहां दफनाया गया था? जवाब: जहांगीर को पाकिस्तान के लाहौर शहर में दफनाया गया था। सवाल 6: सेब के कितने बीज खाने से इंसान की मौत हो सकती है? जवाब: अगर कोई इंसान 80 से ज्यादा सेब के बीज खा ले, तो उसकी मौत हो सकती है। सवाल 7: आखिर, पुलिस को हिंदी में क्या कहते हैं? जवाब: पुलिस को हिंदी में "राजकीय जन रक्षक" कहा जाता है। जनरल नॉलेज क्यों जरूरी है? जनरल नॉलेज न केवल परीक्षाओं के लिए जरूरी है, बल्कि यह हमारे दैनिक जीवन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अच्छा सामान्य ज्ञान होने से हमें: दुनिया की बेहतर समझ होती है। महत्वपूर्ण मुद्दों पर सार्थक बातचीत करने में मदद मिलती है। सही निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है। करंट अफेयर्स और समाज में हो रही घटनाओं की जानकारी रहती है। जनरल नॉलेज को बढ़ाने के लिए किताबें पढ़ें, समाचार पत्रों और मैगजीन का अध्ययन करें और समय-समय पर क्विज और प्रतियोगिताओं में भाग लें। प्रिय पाठक, इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना है। हमने इसे विभिन्न स्रोतों से प्राप्त सामान्य जानकारियों के आधार पर तैयार किया है। AIN NEWS 1 इस जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। General knowledge plays a crucial role in competitive exams, job interviews, and daily life. This trending GK quiz covers unique and interesting questions on history, geography, science, and current affairs. If you're preparing for government or private sector exams, staying updated with general knowledge is essential. Take this GK quiz and test your knowledge on various subjects. Whether it's about the hardest laws, plastic currency, or historical facts, these questions will boost your awareness. Stay informed and keep learning with this engaging general knowledge quiz! Read the full article
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jyoti4556 · 19 days ago
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डॉ. विशाखा त्रिपाठी का निधन: कैसे जगद्गुरु कृपालु जी महाराज की बेटी ने आगे बढ़ाये जन-कल्याण कार्य
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जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज जैसे संत इस धरती पर कई शताब्दियों में एक बार आते हैं। श्री कृपालु जी महाराज ने 1922 में उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव में जन्म लिया और 16 वर्ष की आयु से ही भगवान् का धुआँधार प्रचार प्रारम्भ कर दिया। 91 वर्षों के अपने जीवन काल में उन्होनें भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में वेदों-शास्त्रों के ज्ञान का भंडार खोल दिया। आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ उन्होनें लोगों की सामाजिक एवं शारीरिक उन्नति के लिए भी कई सराहनीय प्रयास किये, जिन्हें उनकी ज्येष्ठा सुपुत्री डॉ. विशाखा त्रिपाठी जी ने बहुत लगन के साथ आगे बढ़ाया।
जगद्गुरु कृपालु परिषत् का नेतृत्व
जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने साल 2002 में जगद्गुरु कृपालु परिषत् क��� बागडोर अपनी तीनों सुपुत्रियों – डॉ. विशाखा त्रिपाठी जी, डॉ. श्यामा त्रिपाठी जी और ��ॉ. कृष्णा त्रिपाठी जी के हाथों में सौंप दी थी। इसी क्रम में डॉ. विशाखा त्रिपाठी जगद्गुरु कृपालु परिषत् और मनगढ़, कुंडा स्थित भक्ति मंदिर की अध्यक्ष्या नियुक्त की गयीं। तब ही से उन्होंने जीवों के आध्यात्मिक एवं भौतिक उत्थान के अपने जगद्गुरु पिता के लक्ष्य को पूरा करने के प्रयास में अपना पूरा जीवन लगा दिया।
भव्य मंदिरों की स्थापना
जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने जन सामान्य को भक्ति पथ पर आगे बढ़ाने के लिए तीन प्रमुख मंदिरों की स्थापना की। इनमें से श्री वृन्दावन धाम स्थित प्रेम मंदिर आज पूरी दुनिया में अपने अनोखे सौंदर्य और भक्ति भाव के लिए जाना जाता है। प्रेम मंदिर में प्रतिदिन लाखों लोगों की भीड़ श्री राधा-कृष्ण और श्री सीता-राम के दर्शन के लिए उमड़ती है। कृपालु जी महाराज ने राधा रानी की अवतार स्थली श्री बरसाना धाम में कीर्ति मंदिर की स्थापना की जो इस दुनिया में कीर्ति मैया की गोद में विराजित नन्हीं सी राधा रानी का इकलौता मंदिर है। इसी प्रकार अपने जन्मस्थान श्री कृपालु धाम मनगढ़, प्रतापगढ़ में जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने भक्ति मंदिर की स्थापना की।
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gsgadget91 · 23 days ago
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IPS Ki Taiyari Kaise Karein: Ek Sampoorna Margdarshika
IPS Ki Taiyari Kaise Karein: आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) एक प्रमुख और सम्माननीय सरकारी सेवा है, जिसके अधिकारी बनने का सपना हर छात्र देखता है। इसके लिए यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) के द्वार अयोजित होने वाली सिविल सेवा परीक्षा को सफलतापूर्व पास करना पड़ता है। आईपीएस की तैयारी करते समय कई पहलुओं पर ध्यान देना जरूरी होता है। क्या ब्लॉग में हम चर्चा करेंगे कि आईपीएस की तैयारी कैसे करें और किस तरह से आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
1. आईपीएस की तैयारी के लिए पहला कदम - यूपीएससी का परीक्षा पैटर्न समझे: आईपीएस का परीक्षा दो मुख्य हिसाब में होता है: प्रारंभिक परीक्षा: ये एक वस्तुनिष्ठ प्रकार का पेपर होता है जो आपके सामान्य ज्ञान और करंट अफेयर्स को टेस्ट करता है। मुख्य परीक्षा: इसमें आपको वर्णनात्मक उत्तर लिखना होता है। ये परीक्षा आपके विश्लेषणात्मक और लेखन कौशल का परीक्षण करती है। व्यक्तित्व परीक्षण (साक्षात्कार): मेन्स के बाद एक साक्षात्कार होता है जो आपके व्यक्तिगत गुणों और निर्णय लेने की क्षमता का आकलन करता है।
आईपीएस की तैयारी के लिए सही अध्ययन सामग्री: सही अध्ययन सामग्री चुनें। नीचे दी गई किताबें और संसाधन अपनी तैयारी में शामिल कर सकते हैं:
एनसीईआरटी ���ुस्तकें (कक्षा 6-12): ये किताबें बुनियादी अवधारणाओं को स्पष्ट करने में मदद करती हैं। बिपन चंद्रा द्वारा भारत का आधुनिक इतिहास, ए��. लक्ष्मीकांत द्वारा भारतीय राजनीति, माजिद हुसैन द्वारा भारत का ��ूगोल, आर्थिक सर्वेक्षण और बजट: करेंट अफेयर्स के लिए ये महत्वपूर्ण संसाधन हैं। .
आईपीएस की तैयारी के लिए समय प्रबंधन: समय प्रबंधन सबसे जरूरी है जब आप आईपीएस की तैयारी कर रहे हों। आपको अपने दिन का हर एक घंटा सावधानी से प्लान करना होगा। आप अपना स्टडी प्लान इस प्रकार बनाएं:
सुबह का सत्र: करेंट अफेयर्स और सामान्य अध्ययन, दोपहर का सत्र: विषय-विशिष्ट अध्ययन (राजनीति, इतिहास, भूगोल, आदि) शाम का सत्र: रिवीजन और अभ्यास पत्र
करेंट अफेयर्स पर फोकस करें: आईपीएस की तैयारी में करेंट अफेयर्स का भी बहुत महत्व है। रोज़ाना अख़बार पढ़ना और महत्वपूर्ण समाचार बिंदुओं पर ध्यान देना ज़रूरी है। आप द हिंदू या द इंडियन एक्सप्रेस पढ़ सकते हैं। इसके अलावा, योजना और कुरूक्षेत्र पत्रिकाएँ भी आपके लिए उपयोगी हो सकती हैं।
मेन्स की तैयारी के लिए उत्तर लेखन अभ्यास: मुख्य परीक्षा में आपको वर्णनात्मक उत्तर देने होते हैं, इसलिए आपको अपने उत्तर लेखन कौशल में सुधार करना होगा। आपको एक दैनिक लेखन अभ्यास करना चाहिए और अपने उत्तरों को समयबद्ध तरीके से लिखने की कोशिश करनी चाहिए।
वैकल्पिक विषय चुनें: मुख्य परीक्षा में आपको एक वैकल्पिक विषय भी चुनना होगा। आईपीएस के लिए, कुछ लोकप्रिय वैकल्पिक विषय हैं:
मानव विज्ञान भूगोल लोक प्रशासन राजनीति विज्ञान
वैकल्पिक विषय का चयन आपकी रुचि और ताकत के हिसाब से होना चाहिए।
शारीरिक फिटनेस: आईपीएस एक शारीरिक परीक्षा भी है, जिसकी आपकी शारीरिक फिटनेस जांच होती है। आपको अपने फिटनेस लेवल को मेंटेन रखना होगा, नियमित शारीरिक व्यायाम और जॉगिंग आपकी दिनचर्या में शामिल करना जरूरी है।
मॉक टेस्ट और पिछले वर्ष के प्रश्नपत्र: मॉक टेस्ट देना और पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों को हल करना, आपको परीक्षा पैटर्न और समय प्रबंधन में मदद मिलती है। आप ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर मॉक टेस्ट दे सकते हैं, जो आपको परीक्षा का वास्तविक समय का अनुभव देगा।
मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें: आईपीएस की तैयारी एक चुनौतीपूर्ण और तनावपूर्ण प्रक्रिया है। इसलिए अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें। उचित आराम लें, ब्रेक लें, और अपने तनाव को प्रबंधित करने के लिए ध्यान लगाएं और योग का सहारा लें।
इंटरव्यू की तैयारी: जब आप मुख्य परीक्षा क्लियर करेंगे, तब आपको इंटरव्यू के लिए तैयारी करनी होगी। इंटरव्यू में आपका सामान्य ज्ञान, व्यक्तित्व और संचार कौशल का परीक्षण किया जाता है। इसके लिए आप अपने दोस्तों के साथ मॉक इंटरव्यू कर सकते हैं और अपने कमजोर बिंदुओं में सुधार कर सकते हैं।
निष्कर्ष: आईपीएस की तैयारी एक सफर है जो समर्पण, कड़ी मेहनत और धैर्य का तालाब है। अगर आप अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रि�� करके कड़ी मेहनत करें, तो आप आईपीएस अधिकारी बनने का सपना जरूर पूरा कर सकते हैं। सही अध्ययन सामग्री, समय प्रबंधन, और उचित मार्गदर्शन से आप अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। शुभकामनाएं!
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airnews-arngbad · 1 month ago
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar
Date – 10 January 2025
Time 18.10 to 18.20
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक – १० जानेवारी २०२५ सायंकाळी ६.१०
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प���देशातील भारतीय नागरीक केवळ ज्ञानच नाही तर देशाच्या मुल्यांचं प्रतिनिधीत्व करतात, राष्ट्रपती द्रौपदी मुर्मू यांचं प्रवासी दिनाच्या समारोपात प्रतिपादन
विकसित भारत घडवण्यासाठी २०४७ पर्यंत नागरिकांच्या मूलभूत समस्या सोडवणं गरजेचं, पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांचा पहिला पॉडकास्ट प्रसिद्ध
केंद्र सरकारकडून राज्यांना करहस्तांतरण, महाराष्ट्राला मिळणार १० हजार ९३० कोटींचा निधी
संतोष देशमुख हत्याप्रकरणाची मानवाधिकार आयोगाकडून दखल
आणि
महाकुंभमेळ्याला समर्पित आकाशवाणीच्या विशेष ‘कुंभवाणी’ वाहिनीचं उत्तर प्रदेशचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यांच्या हस्ते लोकार्पण
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परदेशातील भारतीय नागरीक आपल्या देशातील सर्वोत्तम बाबींचं प्रतिनिधीत्व करतात. ते केवळ आपल्यासमवेत ज्ञान आणि कौशल्यच नाही तर आपली मूल्यंही सोबत बाळगतात, असं प्रतिपादन राष्ट्रपती द्रौपदी मुर्मू यांनी केलं. त्या आज ओडिशातील भुवनेश्वर इथं १८ व्या प्रवासी भारतीय दिवस संमेलनाच्या समारोप सत्राला संबोधित करत होत्या. विविध क्षेत्रात उल्लेखनीय कार्य करणाऱ्या परदेशी भारतीयांना राष्ट्रपती प्रवासी भारतीय सन्मान यावेळी प्रदान करण्यात आला. राष्ट्रपती मुर्मु यांनी ओडीशातील पारंपारिक हस्तकलांच्या प्रदर्शनाला यावेळी भेट दिली.
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विकसित भारत घडवण्यासाठी २०४७ पर्यंत नागरिकांच्या मूलभूत समस्या सोडवल्या पाहिजे, असं प्रतिपादन पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी केलं. उद्योजक निखिल कामथ यांनी आज पॉडकास्टसाठी घेतलेल्या मुलाखतीत पंतप्रधान बोलत होते. सरकारी योजनांची १०० टक्के अंमलबजावणी झाली पाहिजे, असं सांगून या योजना सामाजिक न्याय आणि धर्मनिरपेक्षतेचं एक रूप असल्याचं म्हटलं आहे. राजकारणात यशस्वी होण्यासाठी समर्पण, वचनबद्धता, नेतृत्व आणि जनतेसाठी कायम उपलब्ध असणं आवश्यक आहे. चांगल्या लोकांनी केवळ महत्त्वाकांक्षा न बाळगता एका ध्येयाने राजकारणात प्रवेश करावा असं आवाहन मोदी यांनी केलं. या पॉडकास्टमध्ये पंतप्रधानांनी त्यांचा जीवन प्रवास, शिक्षण, राजकीय कारकीर्द, व्यवस्थापन कौशल्ये आणि इतर विषयांवर चर्चा केली.
पहली टर्म मे तो लोग मुझे भी समझने की कोशिश करते थे। और मै भी दिल्ली को समझने की कोशिश कर रहा था। पहले और दुसरे टर्म मे मै बीते हुये कल के संदर्भ मे सोचता था। तिसरे टर्म मे म��री सोच का दायरा बदल चुका है। मेरा हौसला ज्यादा बुलंद हो चुका है। मेरे सपनों का विस्तार हो चुका है। मेरे अरमान बढते चले जा रहे है। कहने का तात्पर्य है की, मुझे 2047 विकसित भारत मतलब की भाषण नही है ये। टॉयलेट 100% हो जान चाहीये। बिजली 100% होने जा रही है। नल से जल 100% हो जाना चाहीये। सामान्य मानवी को 100% डेलिवरी होनी चाहीये।
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केंद्र शासनाकडून सर्व राज्यांना आज एक कोटी ७३ लाख ३० हजार कोटी रुपयांचं कर हस्तांतरण जारी करण्यात आलं. यात महाराष्ट्र राज्याचा १० हजार ९३० कोटी ३१ लाख रूपयांचा वाटा आहे. भांडवली खर्चाला गती देण्यासाठी आणि विकास आणि कल्याणाशी संबंधित खर्चांना वित्तपुरवठा करण्यासाठी केंद्र शासनानं कर हस्तांतरण केले आहे. चालू भांडवली खर्चाला गती देण्यासाठी, तसंच विकास आणि कल्याणाशी संबंधित खर्चाला वित्तपुरवठा करण्यात राज्यांना सक्षम करण्याच्या उद्देशाने अधिक रक्कम हस्तांतरित केली जात असल्याचं याबाबतच्या वृत्तात म्हटलं आहे.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी पंतप्रधान नरेंद्र मोदी आणि अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन यांचे याबद्दल आभार मानले आहेत. राज्याच्या विकासाला चालना देण्याच्या प्रयत्नांना यामुळं पाठबळ मिळणार असल्याचं फडणवीस यांनी समाजमाध्यमावरील संदेशात म्हटलं आहे.
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सुसंस्कृत पिढी घडवण्यासाठी विद्यार्थ्यांवर चांगले संस्कार होणं गरजेचं असल्याचं प्रतिपादन सहकार मंत्री बाबासाहेब पाटील यांनी केलं. लातूर इथं आज तीन दिवसीय मराठवाडा शैक्षणिक महासंमेलनाचं उद्घाटन पाटील यांच्या हस्ते झालं त्यावेळी ते बोलत होते. समाजाच्या प्रगतीसाठी सहकार आणि शिक्षण या दोन अतिशय महत्वपूर्ण बाबी असल्याचं त्यांनी सांगितलं. सहकाराच्या माध्यमातून सर्वांगीण प्रगती साधणे शक्य आहे. त्याचा लाभ जास्तीत जास्त लोकांना मिळावा यासाठी आपण प्रयत्नशील असल्याचं त्यांनी यावेळी स्पष्ट केलं.
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बीड इथले मस्सोजागचे सरपंच संतोष देशमुख यांच्या हत्या प्रकरणाचा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोगात गुन्हा दाखल करण्यात आला आहे. या प्रकरणी खासदार बजरंग सोनवणे यांनी आयोगाकडे मागणी केली होती. आयोगामार्फत याप्रकरणाची चौकशी करून राज्य सरकारकडून अहवाल मागवण्यात येणार असल्याचं सोनवणे यांनी सांगितलं.
दरम्यान, संतोष देशमुख हत्या प्रकरणासंदर्भात सरकारची भूमिका संशयास्पद असल्याची टीका विधान परिषदेचे विरोधी पक्षनेते अंबादास दानवे यांनी केली. ते आज छत्रपती संभाजीनगर इथं पत्रकार परिषदेत बोलत होते.
याच्यातला एक आरोपी अजून सापडत नाहीये. जो आरोपी मुख्य त्याच्यावर 302 गुन्हा दाखल होत नाहीये. संबंधित मंत्र्यावर कुठल्याही प्रकारची ��ारवाई सरकार करत नाहीये. सरकार मला असं वाटतं, गुन्हेगारांना पाठीशी घालण्याचंच काम करतंय का? एकीकडे दाखवतंय सरकार आम्ही आरोपींना पकडतोय, तर आरोपी पकडले गेले नाही, आरोपी आले सरेंडर झाले. त्यामुळे सरकारच्या या भूमिकेविषयी साशंकता निर्माण झालेली आहे.
संतोष देशमुख हत्या प्रकरणाचा खटला जलदगती न्यायालयात चालवावा, तसंच या प्रकरणातल्या दोषींना फाशीची शिक्षा द्यावी यासह अन्य मागण्यांसाठी आज जालना इथं मराठा क्रांती मोर्चाच्या वतीनं आक्रोश मोर्चा काढण्यात आला.
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छत्रपती संभाजीनगर इथं आज जिल्हाधिकारी दिलीप स्वामी यांच्या हस्ते छत्रपती शाहू महाराज शिक्षण संस्थेच्या अभियांत्रिकी महाविद्यालयात रस्ता सुरक्षा अभियानाची सुरूवात करण्यात आली. पोलीस अधीक्षक डॉ. विनयकुमार राठोड, महामार्ग सुरक्षा पथकाच्या पोलीस अधीक्षक रुपाली दरेकर, यांच्यासह इतर अधिकारी यावेळी उपस्थित होते. सुरक्षा केवळ रस्त्यावरच नव्हे तर जीवनाच्या प्रत्येक क्षेत्रात आवश्यक असल्याचं सांगत समन्वय, सतर्कता आणि संयम यामुळे जीवन सुरक्षित होते असं स्वामी यावेळी बोलताना म्हणाले. प्रत्येक व्यक्तीनं अपघात कमी करण्याचा संकल्प करण्याचं आवाहन स्वामी यांनी यावेळी केलं.
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मोटर वाहन कायद्याच्या नियमांचं पालन करणं हीच वाहन चालक आणि वाहकाची खरी जबाबदारी असल्याचं प्रतिपादन विधी सेवा प्राधिकरणचे सचिव सोनी यांनी केलं. बीड इथं पोलीस अधीक्षक कार्यालयात रस्ता सुरक्षा सप्ताहानिमित्त आयोजित कार्यक्रमात ते बोलत होते. यावेळी त्यांनी मोटर वाहन कायदा आणि नियम या विषयांवर मार्गदर्शन केलं.
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महाकुंभ २०२५ ला समर्पित आकाशवाणीच्या विशेष ‘कुंभवाणी’ वाहिनीचं उत्तर प्रदेशचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यांच्या हस्ते आज लोकार्पण झालं. प्रसार भारतीचे अध्यक्ष नवनीत कुमार सेहगल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी यावेळी उपस्थित होते. महाकुंभ जात, पंथ आणि भेदभावाच्या पलिकडे असून, एकतेचा संदेश देत असल्याचं योगी आदित्यनाथ यावेळी म्हणाले. केंद्रीय माहिती आणि प्रसारण राज्यमंत्री एल मुरुगन दूरदृश्य संवाद प्रणालीच्या माध्यमातून या कार्यक्रमात सहभागी झाले होते. कुंभवाणी या वाहिनीवर आजपासून २६ फेब्रुवारीपर्यंत महाकुंभमेळ्यात होणाऱ्या अमृतस्नानासह सर्व कार्यक्रमांचं थेट प्रसारण केलं जाईल. आकाशवाणीच्या १०३ मेगाहर्टझ लहरींवरून, ‘न्यूज ऑन ए आय आर’ ॲप वरून, तसंच ‘वेव्ज’ या ओ टी टी मंचावरून कुंभवाणीचं प्रसारण ऐकता येईल.
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छत्रपती संभाजीनगर जिल्हा परिषदेच्या वतीनं तीन दिवसीय सिद्धा महोत्सव भरवण्यात येत आहे. मकर संक्रांती सणाच्या निमित्ताने लागणाऱ्या साहित्याची वि��्री या महोत्सवात केली जाणार आहे. यात महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण जीवन उन्नती अभियान अंतर्गत उमेद स्वयंसहायता समूहातील महिलांनी उत्पादित केलेल्या वस्तूंचे स्टॉल उभारण्यात येणार आहेत. उद्या पासून सुरू होणाऱ्या महोत्सवाचे उद्घाटन खासदार संदीपान भुमरे यांच्या हस्ते होणार आहे. सोमवार पर्यंत हा महोत्सव जिल्हा परिषद मैदानावर सुरू राहणार आहे, अशी माहिती जिल्हा ग्रामीण विकास यंत्रणाचे प्रकल्प संचालक अशोक सिरसे यांनी दिली.
७५ स्वयं सहाय्यता समूह सहभागी असणार आहे. या ठिकाणी सांस्कृतिक कार्यक्रमाचं आयोजन सुध्दा दररोज करण्यात येणार आहे. बचत गटाच्या खाद्य पदार्थाचे जे स्टॉल असणार आहेत, त्या खाद्यपदार्थांचा आस्वाद घ्यावा. आणि या प्रदर्शना मध्ये खरेदी करून या महिला बचत गटातील सदस्यांना प्रोत्साहीत करावं, त्यांचं मनोबल वाढवावं आणि त्यांचा अर्थिक स्तर उंचावा म्हणून हातभार लावावा असं आवाहन मी सर्वांना करत आहे.
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शाकंभरी नवरात्र महोत्सवात आज चौथ्या माळेला तुळजाभवानी देवीची शेषशायी अलंकार महापूजा मांडण्यात आली. यासंदर्भातल्या आख्यायिकेनुसार, भगवान विष्णू शेषशैय्ये वरती विश्राम करत असताना मातेने त्यांच्या नेत्रकमळात विश्राम घेतला यावेळी भगवान विष्णू यांच्या मलापासून निर्माण झालेल्या दोन दैत्यांचा अंबामातेनं वध केला.त्यानंतर विष्णूने आपली शैय्या देवीला अर्पण केली, त्यामुळे शेषशायी अलंकार पूजा मांडली जाते.
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भारत आणि आयर्लंड महिला क्रिकेट स���घातल्या तीन सामन्यांच्या एकदिवसीय मालिकेतला पहीला सामना भारतानं सहा विकेटने जिंकला. आयर्लंडच्या संघानं नाणेफेक जिंकून प्रथम फलंदाजी करत सात बाद २३८ धावा केल्या. भारताच्या प्रतिका रावलने ८९ आणि तेजल हसबनिसने नाबाद ५३ धावांची विजयी खेळी केली. अवघ्या ३४ षटके तीन चेंडूत भारतानं २४१ धावा करत सामना जिंकला.
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डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाडा विद्यापीठाच्या दीक्षांत सोहळ्यात पदवी घेण्यास इच्छुक विद्यार्थ्यांनी येत्या ७ फेब्रुवारी पर्यंत परीक्षा विभागात आवेदनपत्र दाखल करण्याचं आवाहन विद्यापीठ प्रशासनानं केलं आहे.
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livetimesnewschannel · 2 months ago
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Maha Kumbh Mela 2025: All You Need To Know
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Introduction
Maha Kumbh Mela 2025 : ऐसा कहा जाता है कि पश्चिम ने दुनिया को विज्ञान दिया तो भारत ने अध्यात्म का ज्ञान. वह अध्यात्म जो जीवन की गुत्थियों का सुलझाने में बहुत मददगार साबित होता है. यही वजह है कि दुनियाभर के लोगों के लिए भारत हमेशा से अध्यात्म का केंद्र रहा है. अगर अध्यात्म की बात करें तो भारत का इससे बहुत पुराना संबंध है. विविधता के बीच एकता की बुनावट और बनावट के चलते दुनिया भर से लोग भारत आते हैं. कई लोग ऐसे हैं जो अध्यात्म की खोज में भारत पहुंचे और यहां से बहुत कुछ लेकर विदा हुए और कुछ तो यहीं के होकर रह गए. वहीं, दूसरी ओर भारत देश विभिन्न संस्कृतियों का संगम भी कहलाता है. आधुनिक विचारों को अपनाने के साथ-साथ भारत देश अपनी समृद्ध संस्कृति और विरासत को भी बनाए रखे हुए है.
इस लेख में हम बात करेंगे 12 वर्षों में लगने वाले महाकुंभ की, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा मेला भी कहा जाता है. करोड़ों श्रद्धालु कुंभ मेले के दौरान पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं. मान्यता है कि इस पवित्र स्नान से मनुष्य के पापों का क्षय होता है और वह मोक्ष की ओर अग्रसर होते हैं. ऐसी मान्यता है कि देवता और असुर में 12 दिनों तक अमृत को हासिल करने के लिए भीषण युद्ध हुआ. इसके बाद से 12 दिन मनुष्य के 12 साल के समान होते हैं. यही वजह है कि हर 12 साल बाद महाकुंभ का आयोजन होता है.
Table of Content
देश का सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव
कब से शुरू होगा महाकुंभ 2025
क्यों लगता है कुंभ मेला
कब होता है महाकुंभ मेले का आयोजन ?
महाकुंभ 2025 कब-कब होगा शाही स्नान
जानिये महाकुंभ की अहम बातें
कैसे पहुंचें महाकुंभ मेला स्थल पर ?
देश का सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव
महाकुंभ हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सव है और इसका आयोजन 12 साल में किया जाता है. इसे सामान्य तौर पर कुंभ मेला भी कहा जाता है. महाकुंभ का आयोजन भारत की 4 पवित्र नदियों और 4 तीर्थ स्थानों पर ही होता है. इस लिहाज से महाकुंभ का आयोजन सिर्फ प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में ही होता है. जानकारों का कहना है कि हरिद्वार में गंगा नदी, उज्जैन में शिप्रा, नासिक में गोदावरी और प्रयागराज में संगम (गंगा, जमुना और पौराणिक सरस्वती का संगम) पर ही कुंभ मेले का आयोजन होता है. गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के तट पर लगने वाल�� महाकुंभ 12 वर्ष में एक बार ही आयोजित होता है.
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कब से शुरू होगा महाकुंभ 2025
हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) में 13 जनवरी से महाकुंभ की शुरुआत होगी, जबकि इसका समापन 26 फरवरी, 2025 को होगा. इस दौरान स्नान के लिए 6 तिथियां स्नान-दान के लिए बेहद शुभ मानी जा रही है. वैसे तो हर साल प्रयागराज में माघ मेला लगता है, लेकिन अर्ध कुंभ और महाकुंभ मेला विशेष धार्मिक महत्व रखता है. धार्मिक मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं.
यह भी पढ़ें: Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में एडवांस टेक्नोलॉजी दिखाएगी अपना कमाल, दुर्घटना से होगा बचाव
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क्यों लगता है कुंभ मेला
कुंभ मेला क्या है और यह 12 साल बाद ही क्यों लगता है? इसके पीछे एक कहानी है. ऐसी मान्यता है कि समुद्�� मंथन के दौरान समुद्र से अमृत का एक कलश भी निकला था. इस कलश का अमृत जिसने भी पिया वह सदा के लिए अमर हो गया. यह जानकारी जैसी ही देवों और असुरों को हुई तो इस अमृत के इस कलश के लिए एक-दूसरे से भिड़ गए. मामला बिगड़ता देखकर भगवान विष्णु को मोहिनी अवतार लेना पड़ा. वह चालाकी सें अमृत कलश अपने साथ ले गईं. अमृत कलश ले जाने के दौरान कुछ बूंदें हरिद्वार, इलाहाबाद (अब प्रयाग), नासिक और उज्जैन में गिरीं. यही वजह है कि इन चारों जगहों हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन में कुंभ मेला आयोजित किया जाता है.
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महाकुंभ मेले का आयोजन कब होता है?
महाकुंभ मेले का आयोजन कब से हो रहा है? इसकी सही-सही जानकारी तो उपलब्ध नहीं है, लेकिन प्रयागराज कुंभ मेले का सबसे पहला उल्लेख वर्ष 1600 ईस्वी में मिलता है. जानकारों का कहना है कि कुंभ मेले का आयोजन कई शताब्दियों से किया जाता रहा है. वहीं, प्रयागराज कुंभ मेले का सबसे पहला उल्लेख वर्ष 1600 ईस्वी में मिलता है. यह भी कहा जाता है कि नासिक, हरिद्वार और उज्जैन में कुंभ मेले की शुरुआत 14वीं शताब्दी में ही हो गई थी.
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महाकुंभ 2025 कब-कब होगा शाही स्नान
13 जनवरी : महाकुंभ 2025 का पहला शाही स्नान 13 जनवरी, 2025 को होगा. इस दिन पौष पूर्णिमा भी है. इस तारीख से ही महाकुंभ मेले की शुरुआत मानी जाएगी.
14 जनवरी : मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर भी शाही स्नान का भव्य आयोजन किया जाएगा.
29 जनवरी : 29 जनवरी को मौनी अमावस्या है. इस दिन भी शाही स्नान आयोजित किया जाएगा.
3 फरवरी : 03 फरवरी के दिन बसंत पंचमी के मौके पर शाही स्नान है. इस दिन यहां पर भारी भीड़ होने की संभावना है.
12 फरवरी : माघ पूर्णिमा के शुभ मौके पर भी शाही स्नान किया जाएगा.
26 फरवरी : महाशिवरात्रि के मौके पर भी शाही स्नान किया जाएगा.
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जानिये महाकुंभ की अहम बातें
हर 12 साल बाद महाकुंभ का मेला लगता है.
प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक के अलावा उज्‍जैन में महाकुंभ का आयोजन होता है.
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान 10 करोड़ श्रद्धालु पवित्र संगम में डुबकी लगाने आएंगे.
प्रयागराज कुंभ मेला 2025 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा.
वर्ष 2013 में प्रयागराज में महाकुंभ लगा था.
संगम पर स्नान करने वालों को डूबने से बचाने के लिए जल पुलिस के साथ ही अंडरवाटर ड्रोन भी तैनात रहेंगे.
ऐसे ड्रोन 300 मीटर के दायरे में किसी भी डूबते व्यक्ति को खोजने में सक्षम होंगे.
यह ड्रोन 1 मिनट में डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय कर सकेगा.
महाकुंभ में भीड़ नियंत्रित करने के लिए पार्किंग व्‍यवस्‍था शहर से बाहर रहेगी. इससे मेला स्थल पर वाहन नजर नहीं आएंगे.
प्रयागराज में इस बार साढ़े तीन करोड़ से ज्‍यादा श्रद्धालुओं के रोडवेज बसों से पहुंचने का अनुमान है.
महाकुंभ 2025 के मद्देनजर रेलवे द्वारा इस बार 3000 स्पेशल ट्रेनों के साथ 13000 से अधिक रेलगाड़ियों का ��ंचालन करेगा.
पहली बार छोटी दूरी के लिए बड़ी संख्या में मेमू ट्रेन चलेंगीं.
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कैसे पहुंचें महाकुंभ मेले में ?
13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ को लेकर भारतीय रेलवे ने भी खास इंतजाम किए हैं. प्रयागराज यानी महाकुंभ मेला स्थल पर आप बस के अलावा ट्रेन और हवाई जहाज से भी पहुंच सकते हैं. प्रयागराज की सबसे बड़ी खूबी यही है कि यह रेल मार्ग से देश के सभी बड़े शहरों से वेल कनेक्टेड है. देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां प्रयागराज (महाकुंभ मेला स्थल) पहुंचने में 9-10 घंटे का समय लगता है.
इसके साथ ही प्रयागराज और उसके आसपास के 8 रेलवे स्टेशन पर अपने शहरों से ट्रेन से पहुंच सकते हैं. ये स्टेशन प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज रामबाग, प्रयागराज संगम, प्रयाग जंक्शन, नैनी जंक्शन, प्रयागराज छेओकी, फाफामऊ जंक्शन, झूंसी और सूबेदारगंज. दिल्ली से प्रयागराज की दूरी लगभग 690-742 किलोमीटर है. अगर आप सड़क मार्ग से यहां आना चाहते हैं तो आपको 11 से 12 घंटे लग सकते हैं.
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kprnewslive · 2 months ago
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अहंकार: परिवार और जीवन पर इसके विनाशकारी प्रभाव
आपको और आपके परिवार को कैसे तोड़ता है : अहंकार
सूचना प्रौद्धयोगिकी का समय है, तेज रफ्तार जीवनशैली, संसार में तेजी से हो रहे बदलाव, सबकुछ इतनी तेजी से बदल रहा है, तो इन सबका प्रभाव भी स्वाभाविक रूप से मनुष्य के जीवन पर भी पड़ ही रहा है, या फिर यह कहें कि बहुत हद तक कुप्रभाव पड़ रहा है, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी । इससे साथ-साथ यदि कोई व्यक्ति स्वभाव से अहंकारी हो तो और भी मुश्किल है !
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मित्रो ! असल बात तो यह है, कि अधिकतम लोग किताबों में, अपने सामान्य अध्ययन में, अपनी शिक्षा के समय, बहुत हद तक गूगल, इंटरनेट आदि के माध्यम से अर्थात डिजिटल माध्यम से मनुष्य जानकारियाँ एवं सूचनाएं बड़े पैमाने पर प्राप्त कर रहा है । व्यक्ति के पास जानकारियों का अंबार लगा हुआ है । गहराई में जाएंगे तो समझ में आएगा, कि यह भी मनुष्य के अभिमान बढ़ाने का बहुत बड़ा कारण बनता जा रहा है , इससे आगे देखेंगे तो समझ में आएगा लोग इन्हीं सब जानकारियों को ज्ञान अपना समझ लेते हैं । उनको सबकुछ पता है, जानकारी है, मैं सबकुछ जानता हूँ, मैं परम ज्ञानी हूँ, ऐसे ही वहम से आज दुनियाँ ग्रसित होती जा है । न किसी के प्रति आत्मानुभूति है, न ही मनुष्य अपने कर्म और विचार को विवेक की तुला पर तोलने का श्रम कर पाता है, बस लकीर के फकीर बनने की प्रतिस्पर्धा में दुनियाँ अवसाद के मायाजाल में फंसी जा रही है । नई पीड़ी का तो बुरा हाल है, उनमें संवेदनाओं का अभाव, लोक व्यवहार की कमी, सामाजिक सद्भाव का अभाव, एक दूसरे के साथ सामंजस्य बैठाने का धैर्य कहाँ बचा है । बस भाग रहे हैं, दुनियाँ की इस अंधी दौड़ में, लक्ष्य विहीन, सुविधाओं और विकास की अंतहीन दौड़ में !
जानकारी, सूचनाओं, अनुभवों, ज्ञान का अभिमान आदमी को तोड़े दे रहा है, क्योंकि जीवन में सामंजस्य बैठाने का लोगों के लिए आपके पास समय नहीं है, न किसी में सहन करने की शक्ति शेष है । कंटेन्ट और डेटा के युग में लोगों की स्मरण शक्ति लोप होती जा रही है, अतः  भावनात्मक शून्यता की ओर ��ह युग बढ़ता जा रहा है । इन सभी परिस्तिथियों का दुष्प्रभाव समाज पर तो जो पड़ रहा है, पड़ ही रहा है, उससे भी कहीं ज्यादा स्वयं मनुष्य के जीवन पर भी इन सबका बहुत अधिक दुष्प्रभाव पड़ रहा है । इसलिए आज युवावस्था में ही युवक युवतियाँ मानसिक अवसाद से, अनसुने दबाव से, भय और असुरक्षा की भावना से ग्रसित होते जा रहे हैं । वैश्विक स्तर पर बढ़ती आत्महत्याएं, मानसिक अवसादों के जद आता मानव जीवन, जिसके परिणामतः कोई क्रूर होता जा रहा है तो कोई अलगाव की ओर बढ़ रहा है । इन सबका जन्मदाता आपका अहंकार ही तो है, क्योंकि आपका अहंकार, आपको किसी को स्वीकार करने नहीं देता, आप किसी का मान-सम्मान करना नहीं चाहते और न किसी को अपने जीवन में स्थान देना चाहते ।
जब से भारत में एकाँकी परिवार का प्रचलन चला है, तभी से देखने में आया है, कि लोग स्वयं केंद्रित होते जा रहे हैं, इसलिए उनके हृदय भी छोटे हो रहे हैं । संकुचन के कारण उनके मन और हृदय में मलीनता बढ़ती जा रही है और उनका अहंकार उफान मारता जा रहा है । इन सभी परिस्थितियों के कुप्रभाव मनुष्य जीवन पर साफ दिखाई दे रहे हैं । इसकी पीड़ा भी स्वयं मनुष्य को ही होती है, आपका अहंकार आपको ही तोड़ता है। यह एक बहुत ही गंभीर और अदृश्य(स्वयं के लिए) बीमारी है । आपने समय रहते इसे नहीं पहचाना तो आपका जीवन जीते जी नरक के ही समान है, समाज में आपके अपयश का कारण भी अहंकार ही है । क्योंकि यह जब आपके व्यवहार और व्यक्तित्व का हिस्सा बन जाएगी तो आपको अंदर से तो तोड़ेगी ही, यह आपको समाज से भी तोड़ देगी, और एक दिन ऐसा आएगा जब यह आपको आपके परिवार से भी तोड़ देगी, आपको आपके अपनों से भी तोड़ देगी । तब आप जीवन के उत्तरार्ध में होंगे, जब आपको अपने अपनों की सबसे ज्यादा जरूरत होगी, तब आप अकेले खड़े होंगे । इसलिए अहंकार मुक्त जीवन को स्वीकार करें ।
अब आते हैं, आपके पारिवारिक रिश्तों की ओर विशेष तौर पर आपके दाम्पत्य जीवन की ओर दृष्टि डालें तो समझ आएगा, कि वैवाहिक संबंध विच्छेदन का बहुत बड़ा, या ऐसे कहें कि प्रमुख कारण ही EGO है, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी । सामाजिक रूप से स्वीकारोक्ति के उपरांत भी, भविष्य में आजन्म साथ चलने के संकल्प करने के बाद भी, अधिकतम दम्पत्ति एक दूसरे के प्रति समर्पित भाव से नहीं रह पाते, एक दूसरे के स्वभाव, अपनी अच्छी-बुरी आदतें, रहन-सहन और व्यवहार की आदतें आदि विपरीत होने पर सामंजस्य की वृति का अभाव है, क्योंकि प्रेम और समर्पण का आभाव है । पारिवारिक एवं सामाजिक रूप से स्वीकार करने उपरांत भी साथी से थोड़ी सी भी प्रतिकूलता हुई तो मनुष्य सहन नहीं करना चाहता । यहीं से मामला प्रारंभ होता है, जिंदगी वार देने का दावा करने वाले, एक दिन एक दूसरे का साथ तो छोड़िए, एक दूसरे का चेहरा तक देखना नहीं चाहते और बाद अलगाव तक चली जाती है । क्या है ? यह सब .. यही है अहंकार का दंश !
जब व्यक्ति का समय आगे बढ़ता है, उसको उसके जीवन के आगामी अनुभव और संयोग से उसके विवेक जागृत होने के उपरांत उसे समझ आता है ? अरे .. ! छोटी सी ही तो बात थी, थोड़ा गुस्सा और मेरी परिस्थिति व सामने का न झुकना, यही तो था, मैं इसे नजरंदाज कर देता तो मेरी जिंदगी में भूचाल न आया होता आदि आदि । यह तो तय है, सभी के विचार, स्वभाव, जीवन दृष्टि एक जैसी नहीं हो सकती तो एक दूसरे के अनुकूल व्यवहार की अपेक्षा ही बेमानी है । किन्तु फिर भी हम करते हैं, और इसका भारी खामियाजा भी भुगतते हैं । इसलिए किसी भी संबंध में, न केवल पति-पत्नी अपितु हर प्रकार के संबंध में हम प्रेम, समर्पण, दैन्यता का भाव रखेंगे और कुछ विषयों/ बातों को समय छोड़ने के स्वभाव, अनदेखी, सहनशीलता, धैर्य और सामंजस्य बैठाने का उपक्रम करेंगे तो न कोई विवाद होगा और न ही मतभेद होंगे और न ही कोई बाहरी आपके मध्य कुछ गलत कर सकेगा ।  आपसी प्रतिबद्धता ही आपके संबंधों को मधुर रखने के लिए पर्याप्त है । यह संसार के संबंध हैं । इनका अनुसरण सांसारिक भाव से करने के साथ-साथ, विरक्त भाव से व्यवहार में लाएंगे, सामने वाले को अपने जीवन में जितना स्थान देंगे । सामने वाले को जितना स्वीकार करेंगे, उनका व उनकी प्राथमिकताओं का जितना ख्याल रखेंगे । सामने वाले के अच्छे कार्यों, अच्छी आदतों, उनके रूप और योग्यता की मुखर रूप से प्रशंसा करेंगे तो संबंध विच्छेदन कभी होगा ही नहीं । आपके संबंधों में मधुरता रहेगी, आप मिलकर जीवन को भी आगे बढ़ाएंगे, अपनी संतान को भी मजबूती से जीवन दे सकेंगे । यही संसार आपको एक सुंदर उपवन, स्वर्ग के समान प्रतीत होगा । आपको जीवन जीने में सुखद अनुभूति भी होगी और एक उद्देश्य परक जीवन जीने का सौभाग्य प्राप्त कर सकेंगे, मात्र एक “अहंकार” जैसे दुर्गुण को त्यागने के उपरांत एक सुंदर और सार्थक जीवन आपकी प्रतीक्षा कर रहा है, उसका आलिंगन करें ।
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drsunildubeyclinic · 3 months ago
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Best Ayurvedic Sexologist in Patna, Bihar India | Dr. Sunil Dubey
सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के बारे में:
जिस प्रकार जब हम बीमार पड़ते है तो हम फिजिशियन के पास इलाज के लिए जाते है, ठीक उसी प्रकार जब हमारे यौन स्वास्थ्य में गड़बड़ी होती है तब हम सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के पास चिकित्सा व उपचार के लिए जाते है। सेक्सोलॉजिस्ट सेक्सोलॉजी विज्ञान, कामुकता, यौन व्यवहार, विच���र, अभिविन्यास, कार्य और शिथिलता के अध्ययन में विशेषज्ञ होता है। उसे कामुकता और इसके प्रभावित करने वाले यौन विकारों का गहन ज्ञान होता है। वह लोगों को उनके यौन समस्याओं को पहचानने में मदद करते है और सुझाव देते है कि वे कैसे अपने समस्या से निपटे। सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान और अपने विशेष चिकित्सा संकाय में विशेषज्ञ होता है। गुप्त व यौन रोगों के चिकित्सा व उपचार के लिए, आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर अपनी उपचार प्रक्रिया के कारण सबसे सफल होते है।
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जैसा कि हम जानते है कि भारत में मूल रूप से चिकित्सा व उपचार के तीन संकाय है जैसे- एलॉपथी, होमियोपैथी, व आयुर्वेद। इस तीनो चिकित्सा संकाय में, आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार सबसे टॉप पर है क्योकि यह सभी दवाओं का आधार है और गुप्त व यौन समस्या को प्राकृतिक रूप से ठीक करते है।
गुप्त व यौन समस्याओं के बारे में:
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि यौन विकार के चार प्रकार होते हैं जो व्यक्ति के इच्छा, उत्तेजना, संभोग और दर्द विकार से सम्बंधित होता है। पुरुष और महिला दोनों ही अपने जीवन में कभी न कभी गुप्त या यौन रोगों से प्रभावित होते हैं। विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य व भारत के सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉ सुनील दुबे  जो पटना के बेस्ट आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट भी है, का कहना है कि मुख्य रूप से तीन सामान्य कारक जैसे कि शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और जीवनशैली किसी भी व्यक्ति के यौन जीवन को प्रभावित करते हैं। इन तीन कारकों के अलावा, कुछ अन्य कारक जैसे चिकित्सा स्थितियां, हार्मोन का असंतुलन, शराब की लत और रिश्ते की समस्याएं करीब-करीब व्यक्ति को उसके यौन जीवन को प्रभावित करते हैं।
डॉ. सुनील दुबे भारत के अनुभवी ��युर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान के विशेषज्ञ व डॉक्टर हैं जिन्होंने पुरुषों और महिलाओं में होने वाले बहुत सारे गुप्त व यौन समस्याओं पर अपना शोध किया है। पिछले 35 वर्षों से वे इस आयुर्वेदिक चिकित्सा अनुसंधान, सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान और गुप्त व यौन स्वास्थ्य पेशे से जुड़े हुए हैं। अपने शोध के आधार पर, उनका मानना है कि पुरुष और महिला दोनों ही अपने विवाहित या सिंगल जीवन में कोई न कोई गुप्त व यौन समस्याओं से जूझते हैं। आइए जानते हैं पुरुषों और महिलाओं में होने वाली गुप्त व यौन समस्याओं के बारे में विस्तार से जानते है।
पुरुषों में होने वाले गुप्त व यौन समस्याएं:
भारत के इस सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर का मानना हैं कि आज के समय में 18 वर्ष से अधिक आयु की लगभग एक-चौथाई आबादी किसी न किसी गुप्त या यौन समस्याओं से जूझ रहे है। इस स्थिति में, पुरुषों और महिलाओं के बीच का अनुपात 45:55 का है। वास्तव में, महिलाएं पुरुषों की तुलना में यौन समस्याओं से अधिक पीड़ित होती हैं। पुरुषों में होने वाली कुछ आम गुप्त व यौन समस्याएँ निम्नलिखित हैं-
इरेक्टाइल डिसफंक्शन: 10 में से 1 पुरुष इरेक्टाइल डिसफंक्शन से प्रभावित है।
शीघ्रपतन: 10 में से 4 पुरुष किसी न किसी तरह के शीघ्रपतन से प्रभावित है।
कामेच्छा में कमी: 10 में से 2 पुरुष कामेच्छा में कमी से प्रभावित होते है।
धात सिंड्रोम: भारत के युवा लोगों में सबसे आम संस्कृति-बद्ध सिंड्रोम।
स्वप्नदोष: सोते समय नींद में बार-बार स्खलन का होना।
एसटीआई: संभोग के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण होना।
पुरुष बांझपन: प्रजनन क्षमता वाली महिला का गर्भधारण करने में असमर्थ होना।
महिलाओं में होने वाली यौन समस्याएँ:
डॉ. सुनील दुबे जो एक लम्बे समय से बिहार के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर है, बताते हैं कि महिलाएं अपने जीवन में अधिकाधिक समय यौन समस्याओं से पीड़ित होते हैं। सेक्सोलॉजी मेडिकल साइंस के अनुसार, यह देखा गया है कि महिलाएं अपने यौन जीवन में पुरुषों की तुलना में अधिक संघर्ष करते हैं। दरअसल, उनके यौन जीवन में कई ऐसे चरण होते हैं जो उनके यौन विकार के मुख्य कारण बनते हैं।
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यौन इच्छा विकार (एसडीडी): यौन गतिविधि, विचार औ�� व्यवहार की इच्छा में कमी।
यौन उत्तेजना विकार (एसएडी): यौन गतिविधि के दौरान उत्तेजना में कमी।
यौन संभोग विकार (एसओडी): संभोग के बाद चरमसुख प्राप्त करने में असमर्थता।
यौन दर्द विकार (एसपीडी): संभोग से पहले, दौरान या तुरंत बाद दर्द का होना।
वैजिनल सूखापन (वीडी): यौन गतिविधि के दौरान वेजाइनल में नमी की कमी होना।
वैजिनिस्मस: संभोग के दौरान वेजाइनल में सहज संकुचन व पेनेट्रेशन में दर्द होना।
एसटीडी: गोनोरिया जैसे यौन संचारित रोग का होना।
असामान्य वेजाइनल स्राव: ल्यूकोरिया जैसे
गुप्त व यौन रोगों के लिए उपचार और दवा संबंधी दिशा-निर्देश:
डॉ. सुनील दुबे का मानना हैं कि आयुर्वेद और इसके प्राकृतिक सप्लीमेंट किसी भी गुप्त व यौन रोग के लिए सबसे प्रभावी व सुरक्षित चिकित्सा व उपचार विकल्प हैं। चूँकि हम सभी जानते है कि आयुर्वेद सभी दवाओं का आधार है और यह चिकित्सा की एक पारंपरिक उपचार प्रणाली है। आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार का व्यक्ति के शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है और कोई भी रोगी (मधुमेह, हृदय या किडनी) अपने-अपने गुप्त व यौन समस्याओं को ठीक करने के लिए इस चिकित्सा-उपचार का उपयोग कर सकता है। यह गुप्त व यौन रोग को जड़ से मिटाने के लिए उपचार और दवा के प्राकृतिक विकल्प प्रदान करता है।
डॉ. सुनील दुबे भारत के गोल्ड मेडलिस्ट और सीनियर क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं जो दुबे क्लिनिक प्रतिदिन अभ्यास करते हैं। दुबे क्लिनिक भारत का एक प्रमाणित और अग्रणी आयुर्वेदा और सेक्सोलॉजी क्लिनिक है। यह आयुर्वेदिक क्लिनिक पटना के लंगर टोली, चौराहा में अपने 60 वर्षो के विरासत से लोगो के विश्वास पर खड़ा है। पूरे भारत से लोग क्लिनिक में आने या ऑन-कॉल परामर्श के लिए फोन पर इस क्लिनिक से जुड़ते हैं। वास्तव में, यह क्लिनिक भारत का भरोसेमंद व सभी तरह के गुप्त व यौन रोगियों को चिकित्सा व उपचार विशेषाधिकार की सुविधा प्रदान करता है।
अगर आप प्राकृतिक चिकित्सा व उपचार पद्धति से अपनी समस्त गुप्त व यौन समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको एक बार दुबे क्लिनिक से अवश्य जुड़ना चाहिए। भारत के विभिन्न शहरों से लोग हर दिन फोन पर इस क्लिनिक से संपर्क करते हैं।
अधिक जानकारी:
दुबे क्लिनिक
भारत का प्रमाणित आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, आयुर्वेद में पीएचडी
भारत के गोल्ड मेडलिस्ट क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586
वेन्यू: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना-04
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bestsexologistdoctor · 7 months ago
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Consult Bihar Best Sexologist in Patna to get Holistic PE Solution | Dr. Sunil Dubey
क्या आप शीघ्रपतन की समस्या से परेशान हैं?
अगर हाँ, तो यह लेख आपके लिए निवारण हेतु हमेशा मददगार साबित होगा। इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता है कि आप शादीशुदा हैं या सिंगल। अगर सभी बिंदुओं का ध्यान में रखें और ऑनलाइन या ऑफलाइन अनुभवी और विशेषज्ञ क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर से अपना गुप्त व यौन समस्या का उपचार करवाएँ तो यह सत्य है कि इस मनोविकार यौन समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
शीघ्रपतन का दंपति पर प्रभाव:
शीघ्रपतन एक मनोवैज्ञानिक सह यौन विकार है जो अधिकांश पुरुषों में आम गुप्त समस्या है। इस स्थिति में, स्खलन नियत समय की अपेक्षा से पहले होता है, अक्सर यह प्रवेश से पहले या उसके तुरंत बाद होता है। शीघ्रपतन की समस्या दंपत्ति के लिए उसके यौन क्रिया के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इसमें महिला साथी हमेशा अपने साथी से नाखुश रहती है और अधिक समय की मांग करती है। वास्तव में, पुरुष अपने अवस्था के लिए लाचार होता है जिसमे उसे खुद ही इसका समाधान ढूंढना होता है। यह बात सही है कि अनुभवी क्लीनिकल आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर की मदद से इसका समाधान प्राकृतिक तरीके से मिल जाता है।
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भारत के सीनियर गुप्त व यौन रोग विशेषज्ञ और भारत के सर्वोच्च कोटि के सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे कहते हैं कि शीघ्रपतन से पीड़ित व्यक्ति का यौन क्रियाकलाप के दौरान अपने स्खलन पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं होता। वह प्रवेश के बहुत कम समय में ही स्खलित हो जाता है। व्यक्ति के पास अपने स्खलन में देरी करने की क्षमता नहीं होती। यह स्थिति किसी भी जोड़ों के बीच यौन संबंध रिश्तों में समस्याओं को जन्म देता है।
शीघ्रपतन का वर्गीकरण:
डॉ. सुनील दुबे, पटना के शीर्ष व सर्वश्रेठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर अपने शोध, दैनिक अनुभव, व शोध के आधार पर कहते हैं कि आमतौर पर शीघ्रपतन को उसके चरणों के अनुसार चार भागों में विभक्त किया जा सकता है। पुरे दुनिया में चालीस प्रतिशत से अधिक लोग शीघ्रपतन की समस्या का रिपोर्ट हमेशा करते हैं। शीघ्रपतन के चार अवस्था निम्नलिखित हैं:-
आजीवन शीघ्रपतन: यह व्यक्ति में पहले यौन अनुभव से ही मौजूद होता है।
अर्जित शीघ्रपतन: यह व्यक्ति के यौन जीवन में सामान्य यौन गतिविधि की अवधि के बाद विकसित होता है।
प्राकृतिक परिवर्तनशील शीघ्रपतन: यह कभी-कभी होता है और समय-समय पर शीघ्रपतन में बदल जाता है।
व्यक्तिपरक शीघ्रपतन: यह व्यक्ति के यौन जीवन में एक विशिष्ट समय अवधि में व्यक्तिपरक मामले पर विकसित होता है।
शीघ्रपतन से जुड़े कारण:
मनोवैज्ञानिक कारक: चिंता, अवसाद और तनाव
रिश्तों से जुड़ी समस्याएं: दंपत्ति के बीच आपसी समझ की कमी
हॉरमोन संबंधी कारक: उच्च टेस्टोस्टेरोन और थायरॉयड संबंधी समस्याएं
न्यूरोलॉजिकल कारक: तंत्रिका क्षति और न्यूरोलॉजिकल गतिविधि का असामान्य प्रतिबिंब
चिकित्सा स्थितियां: प्रोस्टेट संबंधी समस्याएं, मधुमेह और उच्च रक्तचा��
आघात: यौन जीवन में कोई दुर्घटना या प्रोस्टेट ग्रंथि की सर्जरी
शीघ्रपतन के चिकित्सा व उपचार के बारे में:
आयुर्वेदिक उपचार: जड़ी-बूटियाँ, प्राकृतिक रसायन, प्रभावी भस्म और घरेलू उपचार
व्यवहार संबंधी उपचार: यौन विचार, तनाव, अवसाद, व चिंता उपचार
महत्वपूर्ण तकनीक: स्टार्ट-स्टॉप-तकनीक और कुछ महत्वपूर्ण तकनीकें
प्राकृतिक तेल: प्राकृतिक रसायन और तेल
यौन परामर्श और उपचार: मनोवैज्ञानिक उपचार और यौन विचारों का विश्लेषण
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डॉ. सुनील दुबे, सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट का परिचय:
डॉ. सुनील दुबे एक विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य हैं जो आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान के विशेषज्ञ व डॉक्टर हैं। उन्होंने पुरुषो में होने वाले इस शीघ्रपतन की समस्या पर शोध किया है और इसके सभी चरणों के लिए आयुर्वेदिक उपचार की खोज भी की है। उनका मानना है कि आमतौर पर, एक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के लिए इस तरह के गुप्त व यौन रोगी का इलाज करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। इस समस्या का समाधान केवल और केवल वास्तविक अनुभव वाला सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर ही कर सकता है जिसे आयुर्वेदा व सेक्सोलोजी विज्ञान के चिकित्सा का गहन ज्ञान हो।  उनका यह भी कहना है कि शीघ्रपतन के वास्तविक चरण को जाने बिना, उपचार लंबे समय तक रोगियों के लिए प्रभावी नहीं होती है। यह केवल यौन या गुप्त समस्या नहीं है अपितु  यह एक मानसिक विकार भी है जो व्यक्ति के यौन क्रिया से जुड़ा है।
अपने चिकित्सा पद्धति में, वे सबसे पहले वह रोगी के शीघ्रपतन के सटीक चरण का पता लगाते हैं। उसके बाद, वह रोगियों को उनकी वास्तविक समस्याओं के अनुसार इलाज करते हैं। वह रोगियों को चरण दर चरण अपनी व्यापक यौन चिकित्सा प्रदान करते हैं। वास्तव में, बिहार के अधिकांश गुप्त व यौन रोगी हमेशा दुबे क्लिनिक में अपने-अपने इलाज करवाने हेतु आते हैं, इसलिए उन्हें बिहार में सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के रूप में भी जाना जाता है। वह भारत में भी सबसे अधिक मांग वाले क्��िनिकल सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर में से एक हैं जो पुरुष और महिला दोनों को अपना इलाज प्रदान करते हैं।
पटना, बिहार में आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी क्लिनिक के बारे में:
दुबे क्लिनिक भारत का एक विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान क्लिनिक है जो पटना के लंगर टोली, चौराहा पर स्थित है। यह पटना, बिहार का पहला आयुर्वेदिक क्लिनिक भी है जिसे 1965 में भारत के प्रसिद्ध वैद्य डॉ. सुभाष दुबे द्वारा स्थापित किया गया था। यह एक अच्छी तरह से सुसज्जित आयुर्वेदिक क्लिनिक है जो चिकित्सा उपकरणों के पूरे सेट व आयुर्वेद के गैर-सर्जिकल चिकित्सा पद्धति पर आधारित है। यह क्लिनिक सभी प्रकार के गुप्त व यौन रोगियों को अपना उपचार और चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान करता है। विवाहित और अविवाहित दोनों ही लोग अपने-अपने गुप्त व यौन उपचार हेतु इस क्लिनिक में आते हैं। डॉ. सुनील दुबे उन सभी का इलाज करते है जो रोगी के उनके समस्या पर आधारित होता है।
विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे के मार्गदर्शन में, आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी के विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम दुबे क्लिनिक में सभी आयुर्वेदिक दवाएँ तैयार करती है। इस क्लिनिक की सभी दवाएं गुणवत्ता-पूर्ण व प्राकृतिक होती है जो किसी भी रोगी के लिए रामबाण का काम करती है। यह क्लिनिक पूरे भारत में अपनी सेवाएँ प्रदान करता है जहाँ स्थानीय और बाहरी दोनों ही लोग इस क्लिनिक की सेवाओं का लाभ उठाते हैं।
अगर आप अपनी किसी भी गुप्त या यौन समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं तो दुबे क्लिनिक से जुड़ सकते है। हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586 अपॉइंटमेंट ले और क्लिनिक पहुंचे। यह सभी गुप्त व यौन रोगियों के लिए सही गंत्वय स्थान है।
हार्दिक सम्मान के साथ
डॉ. सुनील दुबे, सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर
बी.ए.एम.एस. (रांची) | एम.आर.एस.एच. (लंदन) | आयुर्वेद में पी.एच.डी. (यू.एस.ए.)
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वेन्यू: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना, बिहार
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rukabir1 · 9 months ago
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[5/12, 7:03 AM] Arun Das Patil: 🌍संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे नाम उपदेश प्राप्त करके जुड़ने के बाद जीवन के सभी दुःख समाप्त हो जाऐंगे। सत्संग से मनुष्य को जीवन के मूल कर्त्तव्य का ज्ञान होता है,
मनुष्य सारे विकार त्याग देता है। उसके जीवन में सुखों की बहार आ जाती है, किसी भी प्रकार का दुःख
नहीं रहता।
[5/12, 7:03 AM] Arun Das Patil: 🌍संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे निःशुल्क जुड़ें ताकि हमारी तरह आप भी सुखी हों, उनसे जुड़ने के बाद शरीर के सभी प्रकार के रोग नष्ट होंगे। सभी प्रकार के नशे छूट जाऐंगे। जीवन यापन के लिए थोड़ी कमाई से ही काम चल जाएगा। निर्धनता खत्म हो जाएगी।
[5/12, 7:04 AM] Arun Das Patil: 🌍धरती को स्वर्ग बनाना है
परमात्मा कबीर जी की शक्ति से आत्मा में शक्ति आती है जिससे गलत कार्य करने की प्रेरणा कभी नहीं मिलती। न कोई गलत कदम उठाने को मन करता क्योंकि परमात्मा
के ज्ञान से वह घोर पाप लगता है जैसे विष खाने के परिणाम से परिचित व्यक्ति विष को छूने से भी डरता है।
[5/12, 7:04 AM] Arun Das Patil: 🌍दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे बेटियों व बहनों पर बलात्कार तथा छेड़छाड़ तथा दहेज प्रताड़ना के मामले संत रामपाल जी महाराज जी के तत्वज्ञान(जो परमात्मा के संविधान अनुसार बताया गया है,) से समाप्त हो जाते हैं।
व्यक्ति को भगवान का डर बनेगा, जिस कारण वह गलत कार्य नहीं कर सकता।
दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर भक्ति करनी होती है।
[5/12, 7:04 AM] Arun Das Patil: 🌍संत रामपाल जी महाराज जी के विचारों से समाज में सुधार आएगा।
सब मिलकर एक-दूसरे के दुःख को बाँटेंगे। सुखमय जीवन जीऐंगे। रेप व यौन उत्पीड़न की घटनाऐं समूल नष्ट हो जाएंगी।
[5/12, 7:04 AM] Arun Das Patil: 🌍संत रामपाल जी महाराज जी के विचारों से समाज में सुधार आएगा।
देश के लड़के-लड़की अपनी संस्कृति पर लौटेंगे। भारत देश में अमन होगा।
[5/12, 7:04 AM] Arun Das Patil: 🌍हमारा नारा है:-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
प्राणी की जाति जीव है क्योंकि मानव, देवता तथा अन्य पशु-पक्षी सब जंतु जीव हैं।
यह हमारी जाति है। मानव श्रेणी के जीव होने के नाते मानवता हमारा धर्म है यानि परमात्मा ने मानव को समझ दी है। उसको शुभ कर्म करने चाहिए। पशुओं-पक्षियों की तरह एक-दूसरे से छीनकर, दुर्बल को मारकर अपना स्वार्थ सिद्ध नहीं करना चाहिए। एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए। यह हमारा धर्म है। जितने धर्म विश्व में हैं, सबमें मानव हैं। किसी में भी अन्य प्राणी नहीं हैं। इसलिए हम सबको मानव धर्म का पालन करना चाहिए। एक परम पिता की हम सब संतान हैं।
[5/12, 7:04 AM] Arun Das Patil: 🌍धरती को स्वर्ग बनाना है
विवाह के नियम जो बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों को पालन करने होते हैं:-
दहेज लेना-देना नहीं। विवाह सूक्ष्मवेद की वाणी ‘‘असुर निकंदन रमैणी’’ का उच्चारण करके 17 मिनट में बैंड-बाजे व डी.जे. बजाए बिना सम्पन्न करने का गुरू जी का आदेश है।
विवाह में कोई बारात नहीं जाएगी। केवल 5 से 15 तक व्यक्ति वर पक्ष के आऐंगे। सामान्य भोजन जो प्रतिदिन लड़की पक्ष के बनाते-खाते हैं, वही खाना दिया जाता है। संत रामपाल जी महाराज के बनाए नियम का पालन करते हुए लाखों विवाह किए गए हैं। सब परिवार सुख से जीवन जी रहे हैं।
[5/12, 7:05 AM] Arun Das Patil: 🌍संत रामपाल जी महाराज जी के विचार सुनकर व्यक्ति दहेज लेने व देने की सोच भी नहीं सकता।
ऐसे सटीक तरीके से सत्संग में समझाया जाता है।
संत रामपाल जी महाराज जी से दीक्षा लेने के पश्चात् हमने गुरू जी क��� आदेश का पालन करते हुए दहेज लेना-देना पूर्ण रूप से त्याग दिया है जिस कुरीति के कारण तीन परिवार नष्ट हो जाते हैं:-
1) लड़की का परिवार जिसकी बेटी दहेज की बलि चढ़ जाती है। उसके पास क्या बचता है, केवल रोना, मुकदमों में धन, समय व शांति खोना।
2) ससुराल वाला परिवार।
3) ननंद का परिवार जेल जाकर समूल नष्ट हो जाता है।
[5/12, 7:05 AM] Arun Das Patil: 🌍संत रामपाल जी महाराज जी शास्त्र अनुकूल भक्ति बताते हैं।
अन्य सर्व संतों की साधना शास्त्रों के विपरीत है जो साधक के मानव जन्म को तो नष्ट करती ही है, साथ में मानवता का भी ह्रास होता है क्योंकि परमात्मा की शास्त्र प्रमाणित साधना करने से साधक को वे सर्व लाभ (घर में शांति, व्यापार में लाभ, दुर्घटनाओं से बचाव, बीमारी से बचाव तथा मोक्ष) प्राप्त होते हैं जो परमात्मा से अपेक्षित होते हैं, जिनके लिए साधक भक्ति करता है।
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freshcrusadeexpert · 9 months ago
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*🏕️बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय🏕️*
11/05/24
*🔖Twitter सेवा सूचना 🔖*
🎍 *मालिक की दया से कल सुबह 07:00 बजे "धरती को स्वर्ग बनाना है" विषय से संबंधित Twitter Trending सेवा करेंगे जी।*
🌿 *सेवा से सम्बंधित फ़ोटो Website पर उपलब्ध है जी⤵️*
*Hindi*
https://www.satsaheb.org/dharti-upar-swarg-hindi/
https://www.satsaheb.org/heaven-on-earth-hindi-photos/
*English*
https://www.satsaheb.org/dharti-upar-swarg-english/
https://www.satsaheb.org/heaven-on-earth-english-photos/
🌿 *सेवा Points* 🌿
🌍संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे नाम उपदेश प्राप्त करके जुड़ने के बाद जीवन के सभी दुःख समाप्त हो जाऐंगे। सत्संग से मनुष्य को जीवन के मूल कर्त्तव्य का ज्ञान होता है,
मनुष्य सारे विकार त्याग देता है। उसके जीवन में सुखों की बहार आ जाती है, किसी भी प्रकार का दुःख
नहीं रहता।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे निःशुल्क जुड़ें ताकि हमारी तरह आप भी सुखी हों, उनसे जुड़ने के बाद शरीर के सभी प्रकार के रोग नष्ट होंगे। सभी प्रकार के नशे छूट जाऐंगे। जीवन यापन के लिए थोड़ी कमाई से ही काम चल जाएगा। निर्धनता खत्म हो जाएगी।
🌍धरती को स्वर्ग बनाना है
परमात्मा कबीर जी की शक्ति से आत्मा में शक्ति आती है जिससे गलत कार्य करने की प्रेरणा कभी नहीं मिलती। न कोई गलत कदम उठाने को मन करता क्योंकि परमात्मा
के ज्ञान से वह घोर पाप लगता है जैसे विष खाने के परिणाम से परिचित व्यक्ति विष को छूने से भी डरता है।
🌍दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे बेटियों व बहनों पर बलात्कार तथा छेड़छाड़ तथा दहेज प्रताड़ना के मामले संत रामपाल जी महाराज जी के तत्वज्ञान(जो परमात्मा के संविधान अनुसार बताया गया है,) से समाप्त हो जाते हैं।
व्यक्ति को भगवान का डर बनेगा, जिस कारण वह गलत कार्य नहीं कर सकता।
दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर भक्ति करनी होती है।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी के विचारों से समाज में सुधार आएगा।
सब मिलकर एक-दूसरे के दुःख को बाँटेंगे। सुखमय जीवन जीऐंगे। रेप व यौन उत्पीड़न की घटनाऐं समूल नष्ट हो जाएंगी।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी के विचारों से समाज में सुधार आएगा।
देश के लड़के-लड़की अपनी संस्कृति पर लौटेंगे। भारत देश में अमन होगा।
🌍हमारा नारा है:-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
प्राणी की जाति जीव है क्योंकि मानव, देवता तथा अन्य पशु-पक्षी सब जंतु जीव हैं।
यह हमारी जाति है। मानव श्रेणी के जीव होने के नाते मानवता हमारा धर्म है यानि परमात्मा ने मानव को समझ दी है। उसको शुभ कर्म करने चाहिए। पशुओं-पक्षियों की तरह एक-दूसरे से छीनकर, दुर्बल को मारकर अपना स्वार्थ सिद्ध नहीं करना चाहिए। एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए। यह हमारा धर्म है। जितने धर्म विश्व में हैं, सबमें मानव हैं। किसी में भी अन्य प्राणी नहीं हैं। इसलिए हम सबको मानव धर्म का पालन करना चाहिए। एक परम पिता की हम सब संतान हैं।
🌍धरती को स्वर्ग बनाना है
विवाह के नियम जो बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों को पालन करने होते हैं:-
दहेज लेना-देना नहीं। विवाह सूक्ष्मवेद की वाणी ‘‘असुर निकंदन रमैणी’’ का उच्चारण करके 17 मिनट में बैंड-बाजे व डी.जे. बजाए बिना सम्पन्न करने का गुरू जी का आदेश है।
विवाह में कोई बारात नहीं जाएगी। केवल 5 से 15 तक व्यक्ति वर पक्ष के आऐंगे। सामान्य भोजन जो प्रतिदिन लड़की पक्ष के बनाते-खाते हैं, वही खाना दिया जाता है। संत रामपाल जी महाराज के बनाए नियम का पालन करते हुए लाखों विवाह किए गए हैं। सब परिवार सुख से जीवन जी रहे हैं।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी के विचार सुनकर व्यक्ति दहेज लेने व देने की सोच भी नहीं सकता।
ऐसे सटीक तरीके से सत्संग में समझाया जाता है।
संत रामपाल जी महाराज जी से दीक्षा लेने के पश्चात् हमने गुरू जी के आदेश का पालन करते हुए दहेज लेना-देना पूर्ण रूप से त्याग दिया है जिस कुरीति के कारण तीन परिवार नष्ट हो जाते हैं:-
1) लड़की का परिवार जिसकी बेटी दहेज की बलि चढ़ जाती है। उसके पास क्या बचता है, केवल रोना, मुकदमों में धन, समय व शांति खोना।
2) ससुराल वाला परिवार।
3) ननंद का परिवार जेल जाकर समूल नष्ट हो जाता है।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी शास्त्र अनुकूल भक्ति बताते हैं।
अन्य सर्व संतों की साधना शास्त्रों के विपरीत है जो साधक के मानव जन्म को तो नष्ट करती ही है, साथ में मानवता का भी ह्रास होता है क्योंकि परमात्मा की शास्त्र प्रमाणित साधना करने से साधक को वे सर्व लाभ (घर में शांति, व्यापार में लाभ, दुर्घटनाओं से बचाव, बीमारी से बचाव तथा मोक्ष) प्राप्त होते हैं जो परमात्मा से अपेक्षित होते हैं, जिनके लिए साधक भक्ति करता है।
🌍भारतवर्ष में संत रामपाल जी महाराज के करोड़ों अनुयाई हैं। हम दावे क��� साथ कह रहे हैं कि यदि संत रामपाल जी महाराज के सत्संग विचार भारत की जनता सुन लेगी तो भारत की धरती स्वर्ग बन जाएगी। इनके विचारों से प्रभावित होकर हम सब अनुयाई सामान्य तथा सभ्य व सुखी जीवन जी रहे हैं।
🌍मानव समाज में वतर्मान में हो रहे बलात्कार, यौन उत्पीड़न के अपराधों तथा चोरी-डाके, भ्रष्टाचार के अपराधों को समूल समाप्त करने का एकमात्र विकल्प संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग विचार तथा उनके अनुयायियों का शिष्ट व्यवहार तथा शालीनता
को मानव समाज के सामने परोसना है।
🌍परमात्मा का विधान है कि हत्या तथा आत्महत्या करने वाला नरक में जाता है।
आत्महत्या तथा हत्या दोनों परमात्मा के विधानानुसार घोर अपराध हैं। यह किसी भी परिस्थिति में नहीं होना चाहिए।
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनने से पता चलता है कि मनुष्य जीवन कितना दुर्लभ है और यह भक्ति करके मोक्ष प्राप्त हो सके इसलिए मिलता है।
उनसे नाम उपदेश लेकर अपना कल्याण करायें।
🌍‘‘पुत्र प्राप्ति न होने से आहत दम्पति को विशेष हिम्मत मिलेगी’’
पुस्तक ‘‘जीने की राह’’ में यह प्रसंग ऐसा तार्किक है कि जो पति-पत्नी संतान न होने के कारण अपने आपको किवंदतियों के कारण समाज से अलग-थलग महसूस करते हैं, उनके विषय में ऐसा उदाहरण दिया है जिसको पढ़कर निःसंतान दम्पति संतान वालों से भी श्रेष्ठ महसूस करेंगे।
🌍धरती को स्वर्ग बनाना है
‘‘घर की कलह समाप्त हो जाती है’’
पुस्तक ‘‘जीने की राह’’ में ऐसे उल्लेख हैं जिनके पढ़ने-सुनने से परिवार की आपसी तू-तू मैं-मैं समाप्त होकर प्यार से जीवन जीते हैं।
पवित्र पुस्तक जीने की राह निःशुल्क प्राप्त करें।
🌍धरती को स्वर्ग बनाना है
‘‘नशीली वस्तुओं को त्याग देगा मानव’’
पुस्तक ‘‘जीने की राह’’ में शास्त्रों तथा संतों की वाणी से तर्क के साथ तथा प्रमाणों के साथ नशानिषेध के विषय में लिखा है जिसको पढ़कर कोई महा मूर्ख ही भविष्य में तम्बाकू, सुल्फा, शराब का नशा करेंगे। 99% पाठक नशे से अवश्य परहेज करेंगे।
पवित्र पुस्तक जीने की राह अवश्य पढ़ें।
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newsplus21 · 1 year ago
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CG News: मातृ शोक के बावजूद शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल एक दिन बाद ही काम पर लौटे, छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम कार्यकारिणी सभा की ली बैठक
CG News: रायपुर: मातृ शोक में डूबे शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल एक दिन बाद ही फिर काम में लौट आए। उन्होंने आज छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम कार्यकारिणी सभा की 88 वीं बैठक ली। बैठक में उन्होंने मंडल के कामकाज की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। यह बैठक मंत्री अग्रवाल की माता जी के निधन के बाद उनकी पहली बैठक थी। बैठक में मंत्री अग्रवाल ने कहा कि उनकी माता जी का निधन उनके लिए एक बहुत बड़ा व्यक्तिगत नुकसान है। उनकी माता जी उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण स्तंभ थीं और उनके निधन से उन्हें गहरा दुःख हुआ है। उन्होंने कहा कि उनकी मां हमेशा उन्हें दूसरों की सेवा करने के लिए प्रेरित करती थीं, इसलिए वे अपनी मां की इच्छाओं को पूरा करने के लिए अपना काम जारी रखेंगे।
CG News: बैठक में मंत्री अग्रवाल ने पाठ्य पुस्तक निगम के कामकाज की समीक्षा करते हुए कहा कि पाठ्य पुस्तक निगम को छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। उन्होंने मंडल के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए काम करें। मंत्री अग्रवाल ने कहा कि विद्यार्थियों का सामान्य ज्ञान बढ़ाने और उन्हें देश की महान विभूतियों की जानकारी प्रदान करने के लिए किताबों के शुरुवात और अंत में भारत रत्न और पदमश्री पुरुस्कार से सम्मानित महान हस्तियों का जीवन परिचय प्रकाशित किया जाएगा। साथ ही विद्यार्थियों को राज्य के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री समेत मंत्रीमंडल के सदस्यों की फोटो के साथ परिचय प्रकाशित किया जाएगा। पुस्तक मुद्रण में प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत वृद्धि की जाती है जिसे वर्तमान सत्र में नहीं करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने राज्य के सभी 33 जिलों में पाठ्य पुस्तक निगम का डिपो स्थापित करने के निर्देश दिए जिससे सभी विद्यालयों तक समाय पर पुस्तक पहुंचाया जा सकें।
Read more: https://newsplus21.com/cg-news-despite-maternal-grief-education-minister/
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jyoti4556 · 2 months ago
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डॉ. विशाखा त्रिपाठी का निधन: कैसे जगद्गुरु कृपालु जी महाराज की बेटी ने आगे बढ़ाये जन-कल्याण कार्य
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जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज जैसे संत इस धरती पर कई शताब्दियों में एक बार आते हैं। श्री कृपालु जी महाराज ने 1922 में उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव में जन्म लिया और 16 वर्ष की आयु से ही भगवान् का धुआँधार प्रचार प्रारम्भ कर दिया। 91 वर्षों के अपने जीवन काल में उन्होनें भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में वेदों-शास्त्रों के ज्ञान का भंडार खोल दिया। आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ उन्होनें लोगों की सामाजिक एवं शारीरिक उन्नति के लिए भी कई सराहनीय प्रयास किये, जिन्हें उनकी ज्येष्ठा सुपुत्री डॉ. विशाखा त्रिपाठी जी ने बहुत लगन के साथ आगे बढ़ाया।
जगद्गुरु कृपालु परिषत् का नेतृत्व
जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने साल 2002 में जगद्गुरु कृपालु परिषत् की बागडोर अपनी तीनों सुपुत्रियों - डॉ. विशाखा त्रिपाठी जी, डॉ. श्यामा त्रिपाठी जी और डॉ. कृष्णा त्रिपाठी जी के हाथों में सौंप दी थी। इसी क्रम में डॉ. विशाखा त्रिपाठी जगद्गुरु कृपालु परिषत् और मनगढ़, कुंडा स्थित भक्ति मंदिर की अध्यक्ष्या नियुक्त की गयीं। तब ही से उन्होंने जीवों के आध्यात्मिक एवं भौतिक उत्थान के अपने जगद्गुरु पिता के लक्ष्य को पूरा करने के प्रयास में अपना पूरा जीवन लगा दिया।
भव्य मंदिरों की स्थापना
जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने जन सामान्य को भक्ति पथ पर आगे बढ़ाने के लिए तीन प्रमुख मंदिरों की स्थापना की। इनमें से श्री वृन्दावन धाम स्थित प्रेम मंदिर आज पूरी दुनिया में अपने अनोखे सौंदर्य और भक्ति भाव के लिए जाना जाता है। प्रेम मंदिर में प्रतिदिन लाखों लोगों की भीड़ श्री राधा-कृष्ण और श्री सीता-राम के दर्शन के लिए उमड़ती है। कृपालु जी महाराज ने राधा रानी की अवतार स्थली श्री बरसाना धाम में कीर्ति मंदिर की स्थापना की जो इस दुनिया में कीर्ति मैया की गोद में विराजित नन्हीं सी राधा रानी का इकलौता मंदिर है। इसी प्रकार अपने जन्मस्थान श्री कृपालु धाम मनगढ़, प्रतापगढ़ में जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने भक्ति मंदिर की स्थापना की।
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rahulsharma93 · 1 year ago
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🎈संत रामपाल जी महाराज जी के बोध दिवस पर जानिए कौन है वह संत जो कलयुग में सतयुग लाएगा ?🎈
जगत् गुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज समाज के एकमात्र पथ प्रदर्शक हैं। जो सतभक्ति देकर सर्व बुराइयां दूर कर कलयुग में सतयुग ला रहे हैं। श्रीमद्भगवदगीता, वेदों, क़ुरान, बाईबल, श्रीगुरुग्रंथ साहिब आदि सदग्रंथों के ज्ञान सार “एक भगवान और एक भक्ति” के अनुरूप सतभक्ति द्वारा पूर्ण मोक्ष प्रदान कर सतगुरु मानव कल्याण कर रहे हैं। कुरीतियों, बुराइयों और भ्रष्टाचार से मुक्त समाज बनाने के लिए कृतसंकल्प हैं। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर हैं।
संत रामपाल जी ही एकमात्र जगतगुरु हैं, जो सारे संसार को भक्ति का सच्चा मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। वे वही तत्वदर्शी संत (बाखबर/ इल्मवाला) हैं जिनके विषय में पवित्र गीता और पवित्र कुरान में बताया गया है और इन्होंने शास्त्रों के अनुसार “एक भगवान और एक भक्ति” के सिद्धांत को स्थापित किया। वे विश्वविजेता संत हैं जिन्होंने विश्व के सभी संतों, गुरुओं, शंकराचार्यों एवं धर्मगुरुओं को ज्ञान चर्चा में निरुत्तर किया है। 
वे धरती पर पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार हैं। वे जगत को सभी दु:खों से ही नहीं अपितु जन्म-मृत्यु के दीर्घ रोग से मुक्त कराने वाले तारणहार भी हैं। जिन्होंने सत भक्ति देकर मोक्ष प्रदान कराकर मानव कल्याण का कार्य पुरजोर प्रारंभ किया है।
प्रश्न-:संत रामपाल जी महाराज के क्या उद्देश्य हैं?
उत्तर-:संत रामपाल जी महाराज ने जाति, धर्म व ऊंच नीच से मुक्त मार्ग बताया है। संत रामपाल जी के यहाँ कोई भी जाति, धर्म, उच्च पद या सामान्य वर्ग का कोई भाई बन्धु जाए वे सभी से प्यार और समभाव से पेश आते हैं। वहां न किसी को अपनी जाति का अभिमान होता है, न ही धर्म का और न किसी पद प्रतिष्ठा का। संत रामपाल जी के सभी के लिए संदेश है:-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
समाज में व्याप्त कुरीतियों का समूल नाश करना।
दहेज प्रथा, मुत्युभोज, भ्रूण हत्या, छुआछूत, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार आदि से मुक्त समाज का निर्माण करना है।
नशा मुक्त भारत बनाना। समाज में मानव धर्म का प्रचार, भ्रूण हत्या पूर्ण रूप से बंद करना ।
छुआ-छूत रहित समाज का निर्माण ।
समाज से पाखंडवाद को खत्म करना।
भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण करना।
समाज से जाति-पाति के भेद को मिटाना।
समाज से हर प्रकार के नशे को दूर करना।
समाज में शांति व भाईचारा स्थापित करना।
विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना।
युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना
समाज से दहेज रूपी कुरीति को जड़ से खत्म करना
सामाजिक बुराईयों को समाप्त करके स्वच्छ समाज तैयार करना
समस्त धार्मिक ग्रंथों के प्रमाण के आधार पर शास्त्र अनुकूल साधना समाज को देना ।
अज्ञानियों के दृष्टिकोण से भारतवर्ष में संत रामपाल जी महाराज विवादित माने जाते हैं। लेकिन वे एक ऐसे महापुरुष हैं । जिनके विषय में अधिकांश को सही जानकारी नहीं है। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर संत रामपाल जी महाराज इस समय केंद्रीय जेल हिसार (हरियाणा) में लीला कर रहे हैं। जिन्होंने सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों से प्रमाणित किया है । कि कबीर जी भगवान हैं। उन्होंने सत्संगों में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रमाण भी दिखाए हैं। संत रामपाल जी के अनुयायी उन्हें भगवान के तुल्य मानते हैं।
पृथ्वी पर विवेकशील प्राणियों की भी कमी नहीं है। ऐसे सत्य पथ के खोजी लोग उस परम तत्व के ज्ञाता संत को ढूंढकर, उनकी आज्ञाओं को स्वीकार कर, उनके निर्देशानुसार मर्यादा में रहकर अपने मनुष्य जन्म को कृतार्थ करते हैं। वर्तमान में मानव समाज शिक्षित और बुद्धिजीवी है। अतः वास्तविक संत का खोजी है।
यही समय है जब सत्य शब्द लेने वाले जीव होंगे मुक्त।
कबीर साहेब ने सूक्ष्म वेद में बताया कि, कलयुग के 5505 वर्ष बीत जाने के बाद मेरा (कबीर परमेश्वर) सत्य शब्द लेने वाले सब जीव मुक्त हो जाएंगे। और कलयुग में सतयुग जैसा वातावरण निर्मित होगा।
#SantRampalJiBodhDiwas
#17Feb_SantRampalJi_BodhDiwas
#SantRampalJiMaharaj
#TheMission_Of_SantRampalJi
अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj App Play Store से डाउनलोड करें और Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
⬇️⬇️
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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sushmachhabra · 1 year ago
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🎈संत रामपाल जी महाराज जी के बोध दिवस पर जानिए कौन है वह संत जो कलयुग में सतयुग लाएगा ?🎈
जगत् गुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज समाज के एकमात्र पथ प्रदर्शक हैं। जो सतभक्ति देकर सर्व बुराइयां दूर कर कलयुग में सतयुग ला रहे हैं। श्रीमद्भगवदगीता, वेदों, क़ुरान, बाईबल, श्रीगुरुग्रंथ साहिब आदि सदग्रंथों के ज्ञान सार “एक भगवान और एक भक्ति” के अनुरूप सतभक्ति द्वारा पूर्ण मोक्ष प्रदान कर सतगुरु मानव कल्याण कर रहे हैं। कुरीतियों, बुराइयों और भ्रष्टाचार से मुक्त समाज बनाने के लिए कृतसंकल्प हैं। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर हैं।
संत रामपाल जी ही एकमात्र जगतगुरु हैं, जो सारे संसार को भक्ति का सच्चा मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। वे वही तत्वदर्शी संत (बाखबर/ इल्मवाला) हैं जिनके विषय में पवित्र गीता और पवित्र कुरान में बताया गया है और इन्होंने शास्त्रों के अनुसार “एक भगवान और एक भक्ति” के सिद्धांत को स्थापित कि��ा। वे विश्वविजेता संत हैं जिन्होंने विश्व के सभी संतों, गुरुओं, शंकराचार्यों एवं धर्मगुरुओं को ज्ञान चर्चा में निरुत्तर किया है। 
वे धरती पर पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार हैं। वे जगत को सभी दु:खों से ही नहीं अपितु जन्म-मृत्यु के दीर्घ रोग से मुक्त कराने वाले तारणहार भी हैं। जिन्होंने सत भक्ति देकर मोक्ष प्रदान कराकर मानव कल्याण का कार्य पुरजोर प्रारंभ किया है।
प्रश्न-:संत रामपाल जी महाराज के क्या उद्देश्य हैं?
उत्तर-:संत रामपाल जी महाराज ने जाति, धर्म व ऊंच नीच से मुक्त मार्ग बताया है। संत रामपाल जी के यहाँ कोई भी जाति, धर्म, उच्च पद या सामान्य वर्ग का कोई भाई बन्धु जाए वे सभी से प्यार और समभाव से पेश आते हैं। वहां न किसी को अपनी जाति का अभिमान होता है, न ही धर्म का और न किसी पद प्रतिष्ठा का। संत रामपाल जी के सभी के लिए संदेश है:-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
समाज में व्याप्त कुरीतियों का समूल नाश करना।
दहेज प्रथा, मुत्युभोज, भ्रूण हत्या, छुआछूत, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार आदि से मुक्त समाज का निर्माण करना है।
नशा मुक्त भारत बनाना। समाज में मानव धर्म का प्रचार, भ्रूण हत्या पूर्ण रूप से बंद करना ।
छुआ-छूत रहित समाज का निर्माण ।
समाज से पाखंडवाद को खत्म करना।
भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण करना।
समाज से जाति-पाति के भेद को मिटाना।
समाज से हर प्रकार के नशे को दूर करना।
समाज में शांति व भाईचारा स्थापित करना।
विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना।
युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना
समाज से दहेज रूपी कुरीति को जड़ से खत्म करना
सामाजिक बुराईयों को समाप्त करके स्वच्छ समाज तैयार करना
समस्त धार्मिक ग्रंथों के प्रमाण के आधार पर शास्त्र अनुकूल साधना समाज को देना ।
अज्ञानियों के दृष्टिकोण से भारतवर्ष में संत रामपाल जी महाराज विवादित माने जाते हैं। लेकिन वे एक ऐसे महापुरुष हैं । जिनके विषय में अधिकांश को सही जानकारी नहीं है। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर संत रामपाल जी महाराज इस समय केंद्रीय जेल हिसार (हरियाणा) में लीला कर रहे हैं। जिन्होंने सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों से प्रमाणित किया है । कि कबीर जी भगवान हैं। उन्होंने सत्संगों में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रमाण भी दिखाए हैं। संत रामपाल जी के अनुयायी उन्हें भगवान के तुल्य मानते हैं।
पृथ्वी पर विवेकशील प्राणियों की भी कमी नहीं है। ऐसे सत्य पथ के खोजी लोग उस परम तत्व के ज्ञाता संत को ढूंढकर, उनकी आज्ञाओं को स्वीकार कर, उनके निर्देशानुसार मर्यादा में रहकर अपने मनुष्य जन्म को कृतार्थ करते हैं। वर्तमान में मानव समाज शिक्षित और बुद्धिजीवी है। अतः वास्तविक संत का खोजी है।
यही समय है जब सत्य शब्द लेने वाले जीव होंगे मुक्त।
कबीर साहेब ने सूक्ष्म वेद में बताया कि, कलयुग के 5505 वर्ष बीत जाने के बाद मेरा (कबीर परमेश्वर) सत्य शब्द लेने वाले सब जीव मुक्त हो जाएंगे। और कलयुग में सतयुग जैसा वातावरण निर्मित होगा।
#SantRampalJiBodhDiwas
#17Feb_SantRampalJi_BodhDiwas
#SantRampalJiMaharaj
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1479053 · 1 year ago
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🎈संत रामपाल जी महाराज जी के बोध दिवस पर जानिए कौन है वह संत जो कलयुग में सतयुग लाएगा ?🎈
जगत् गुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज समाज के एकमात्र पथ प्रदर्शक हैं। जो सतभक्ति देकर सर्व बुराइयां दूर कर कलयुग में सतयुग ला रहे हैं। श्रीमद्भगवदगीता, वेदों, क़ुरान, बाईबल, श्रीगुरुग्रंथ साहिब आदि सदग्रंथों के ज्ञान सार “एक भगवान और एक भक्ति” के अनुरूप सतभक्ति द्वारा पूर्ण मोक्ष प्रदान कर सतगुरु मानव कल्याण कर रहे हैं। कुरीतियों, बुराइयों और भ्रष्टाचार से मुक्त समाज बनाने के लिए कृतसंकल्प हैं। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर हैं।
संत रामपाल जी ही एकमात्र जगतगुरु हैं, जो सारे संसार को भक्ति का सच्चा मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। वे वही तत्वदर्शी संत (बाखबर/ इल्मवाला) हैं जिनके विषय में पवित्र गीता और पवित्र कुरान में बताया गया है और इन्होंने शास्त्रों के अनुसार “एक भगवान और एक भक्ति” के सिद्धांत को स्थापित किया। वे विश्वविजेता संत हैं जिन्होंने विश्व के सभी संतों, गुरुओं, शंकराचार्यों एवं धर्मगुरुओं को ज्ञान चर्चा में निरुत्तर किया है। 
वे धरती पर पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार हैं। वे जगत को सभी दु:खों से ही नहीं अपितु जन्म-मृत्यु के दीर्घ रोग से मुक्त कराने वाले तारणहार भी हैं। जिन्होंने सत भक्ति देकर मोक्ष प्रदान कराकर मानव कल्याण का कार्य पुरजोर प्रारंभ किया है।
प्रश्न-:संत रामपाल जी महाराज के क्या उद्देश्य हैं?
उत्तर-:संत रामपाल जी महाराज ने जाति, धर्म व ऊंच नीच से मुक्त मार्ग बताया है। संत रामपाल जी के यहाँ कोई भी जाति, धर्म, उच्च पद या सामान्य वर्ग का कोई भाई बन्धु जाए वे सभी से प्यार और समभाव से पेश आते हैं। वहां न किसी को अपनी जाति का अभिमान होता है, न ही धर्म का और न किसी पद प्रतिष्ठा का। संत रामपाल जी के सभी के लिए संदेश है:-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
ह���न्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
समाज में व्याप्त कुरीतियों का समूल नाश करना।
दहेज प्रथा, मुत्युभोज, भ्रूण हत्या, छुआछूत, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार आदि से मुक्त समाज का निर्माण करना है।
नशा मुक्त भारत बनाना। समाज में मानव धर्म का प्रचार, भ्रूण हत्या पूर्ण रूप से बंद करना ।
छुआ-छूत रहित समाज का निर्माण ।
समाज से पाखंडवाद को खत्म करना।
भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण करना।
समाज से जाति-पाति के भेद को मिटाना।
समाज से हर प्रकार के नशे को दूर करना।
समाज में शांति व भाईचारा स्थापित करना।
विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना।
युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना
समाज से दहेज रूपी कुरीति को जड़ से खत्म करना
सामाजिक बुराईयों को समाप्त करके स्वच्छ समाज तैयार करना
समस्त धार्मिक ग्रंथों के प्रमाण के आधार पर शास्त्र अनुकूल साधना समाज को देना ।
अज्ञानियों के दृष्टिकोण से भारतवर्ष में संत रामपाल जी महाराज विवादित माने जाते हैं। लेकिन वे एक ऐसे महापुरुष हैं । जिनके विषय में अधिकांश को सही जानकारी नहीं है। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर संत रामपाल जी महाराज इस समय केंद्रीय जेल हिसार (हरियाणा) में लीला कर रहे हैं। जिन्होंने सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों से प्रमाणित किया है । कि कबीर जी भगवान हैं। उन्होंने सत्संगों में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रमाण भी दिखाए हैं। संत रामपाल जी के अनुयायी उन्हें भगवान के तुल्य मानते हैं।
पृथ्वी पर विवेकशील प्राणियों की भी कमी नहीं है। ऐसे सत्य पथ के खोजी लोग उस परम तत्व के ज्ञाता संत को ढूंढकर, उनकी आज्ञाओं को स्वीकार कर, उनके निर्देशानुसार मर्यादा में रहकर अपने मनुष्य जन्म को कृतार्थ करते हैं। वर्तमान में मानव समाज शिक्षित और बुद्धिजीवी है। अतः वास्तविक संत का खोजी है।
यही समय है जब सत्य शब्द लेने वाले जीव होंगे मुक्त।
कबीर साहेब ने सूक्ष्म वेद में बताया कि, कलयुग के 5505 वर्ष बीत जाने के बाद मेरा (कबीर परमेश्वर) सत्य शब्द लेने वाले सब जीव मुक्त हो जाएंगे। और कलयुग में सतयुग जैसा वातावरण निर्मित होगा।
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#SantRampalJiMaharaj
#TheMission_Of_SantRampalJi
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संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
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