#ख़्वाब
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bazmeshayari · 2 months ago
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पानी आँख में भर कर लाया जा सकता है
पानी आँख में भर कर लाया जा सकता है अब भी जलता शहर बचाया जा सकता है, एक मोहब्बत और वो भी नाकाम मोहब्बत लेकिन इस से काम चलाया जा सकता है, दिल पर पानी पीने आती हैं उम्मीदें इस चश्मे में ज़हर मिलाया जा सकता है, मुझ गुमनाम से पूछते हैं फ़रहाद ओ मजनूँ इश्क़ में कितना नाम कमाया जा सकता है, ये महताब ये रात की पेशानी का घाव ऐसा ज़ख़्म तो दिल पर खाया जा सकता है, फटा पुराना ख़्वाब है मेरा फिर भी ताबिश इस…
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hi-avathisside · 4 months ago
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"तुझसे मिलना तो अब ख़्वाब लगता है मैंने तो तेरे इंतज़ार से मोहब्बत की है।"
This hit me really hard 🤌🏻 uff
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stainedpoetry · 8 months ago
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हो सके तो कभी कभी ख्वाबों में आके मिला कीजिए
हकीकत से तो जा चुके हैं, ख्वाबों में ही सही आ मुझे गले से लगाया कीजिए
फिक्र ना करें मैं इन मुलाकातों ��े बारे में किसी को नहीं बताऊंगी
आप बस मेरा हाथ थाम मेरे बगल में बैठ जाना, तब मैं दुनिया से छुपाया हुआ अपना हर आंसू आपके सामने बहा दूंगी
फिर आपकी गोद में सिर सुकून की नींद सोजाऊंगी
आखिर ये तो ख़्वाब है, यहां तो वैसा हो जाएगा जैसा मैं चाहूंगी
मगर फिर एक मनहूस पल आएगा जब मेरा ख़्वाब टूट जायेगा और मेरा सामना मेरी हकीकत से हो जाएगा
तब मैं अपने सिरहाने रखी आपकी तस्वीर को देख कहूंगी
हो सके तो कभी कभी ख्वाबों में आके मिला कीजिए
दिशा
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chand-ki-priyatama · 3 months ago
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अब किसी से मोहब्बत नहीं होगी
तुम��े एक बार नाम जुड़ गया है, अब वो ना जुड़ पायेगा किसी गैर से
तुमसे दिल के तार जुड़ गए, अब ना जुड़ पाएंगे किसी गैर से
तुम्हें हो जाएगा शायद किसी से प्यार, पर अब हमें किसी से मोहब्बत ना होगी
अब तो दिल तुम्हारा ख़्वाब सजाता है , तेरी खातिर खुद से रूठ कर तुझे ही मनाना चाहता है
तेरी आंखें बन गई थी हमारी दुआ, हर अदा पर सिर्फ तेरी ही फिदा
जब इश्क हमारा इबादत बन गया , अब तुम ही बताओ मेरी जान हमें किसी और से मोहब्बत होगी?
तुम्हारा दीद जरूरी क्या, इस दिल में खंजर की तरह रहते हो तुम
हर पल मेरे जीवन में, मेरे दिमाग में ज़हन में तुम
अब तुम वापस नहीं चाहिए, तुम्हारी यादें याद आती हैं
तुम्हारे ख़्वाब-ए-ख़्वाब मैं सादिया बीत जायेंगी , पर अब किसी से मोहब्बत नहीं होगी
~K.Y 💗
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talesoftaru · 6 months ago
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वो ज़माना गुज़र गया कब का था जो दीवाना मर गया कब का ढूंढ़ता था जो इक नई दुनिया लूट के अपने घर गया कब का वो जो लाया था हम को दरिया तक पार अकेले उतर गया कब का उस का जो हाल है वही जाने अपना तो ज़ख़्म भर गया कब का ख़्वाब-दर-ख़्वाब था जो शीराज़ा अब कहां है बिखर गया कब का -जावेद अख़्तर
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natkhat-sa-shyam · 6 months ago
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उस रात कमरे आसमां भर आया था,
वो आंखों में चाँद भर घर लाया था।
वो दफ़्तर से जल्दी छुटा था उस रोज,
वो सारे ख़्वाब कागज़ पर लिख लाया था।
हम तकते रहे थे, चुप कमरे में देर,
वो मेरी कहानी और किस्से सभी के पहले ही शायद पढ़ आया था।
उसने पता भी न पूछा था मेरा किसी से,
मोहब्बत के सहारे बस वो आया था।
उसने कुछ कविता करी, मेरी नज़रों में उसने आहें भरी,
मैं बेसुध- वो बेबाक हँसता रहा। सारी रात वो मुझे थामे रहा।
घर जो था मेरा अब मेरा नहीं था, हिस्सों पर मेरा अब कब्ज़ा नहीं था
सुबह हो चुकी थी- और वो वहीं था।
घर का मेरे अब एक एक नया दावेदार था
कमरे में मेरे मेरा नया आसमां था।।
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scribblesbyavi · 5 months ago
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वो लड़की थी साधारण सी
लेकिन थी बेहत प्यारी सी ।
क्या बताओ उसके ख़्वाब क्या थे
और उसकी नादानियों के किससे ।
उससे बातें करता तो वक़्त कब बीट जाये
और बात करते वक़्त भी उसी की याद आये ।
उसे ख़ुद पर सबसे ज़्यादा गर्व था
किसीकी सहारे की न थी उसे ज़रूरत ।
ख़ुद कुछ कर दिखाने का हौसला था उसमें
अपने पढ़ाई के साथ अपना काम वो सम्भालती ।
सुबह सुबह उठ कर वो तैयार हो जाती
हमें बेहत पसंद थी उसके घने और लंबे बाल ।
गाँव के स्कूल में बच्चों को गणित पढ़ाती
और स्कूल से वापस आकर घर के बाक़ी काम ।
पूरे दिन एक दूसरे की इंतज़ार में रहते
आख़िर में जब मौक़ा मिलता तो हम घंटों बात करते ।
रात को नींद में उसकी उँगलियाँ नहीं चलती
फिर भी मेसेज में मेरा नाम हमेशा सही लिखती ।
कितनी प्यारी सी है वो क्या बताओ तुम्हें
पर नजाने क्यों रूठी हुई है वो अब मुझसे ।
मुझे पता है हमने कोई वादा नहीं की है एक दूजे से
पर ऐसा है के अब हम अनजान भी तो नहीं ?
और तुम तो गणित पढ़ाती हो ना ?
तो क्यों तुमने मुझे अपना न मान लिया ?
क्या बस यही था हमारा रिश्ता ?
क्या इतनी ही दू�� था हमें साथ चलना ?
वो लड़की सिर्फ़ लगती थी साधारण सी
लेकिन अंदर से वो कोमल और बेहत प्यारी सी।
avis
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krishna-sangini · 5 months ago
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Okay, yesterday, I was listening to some 2010's romantic hits when I realized something...
Being an aro, I always found the lyrics of romantic songs ridiculously exaggerated. because I felt that no matter how much I loved a person, I would never be able to sing those songs for them while meaning every single word. It was just impossible.
That was until I myself felt true love, my love for our man Kanha...❤️
"मेरे दिल को तू जाँ से जुदा कर दे यूँ बस तू मुझ को फ़ना कर दे मेरा हाल तू, मेरी चाल तू, बस कर दे आशिक़ाना"
Absolutely true. Do all this to me, sakha. Anyday.
"हाथों से लकीरें यही कहती है के ज़िंदगी जो है मेरी तुझी में अब रहती है"
No cap. Absolute truth. each and every word.
"इक तुझको ही पाने की ख़ातिर सबसे जुदा मैं हो जाऊँ
कल तक मैंने जो भी ख़्वाब थे देखे तुझमें वो दिखने लगे"
Satya vachan at its peak. Periodt.
It's like, falling in love with my Keshav has helped me find a new dimension of love... That is something pure and selfless... Oh, GOD, I love you 🥹
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luciferknight03 · 8 months ago
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ख़्वाब ही ख़्वाब कब तलक देखूँ
काश तुझ को भी इक झलक देखूँ
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oyeevarnika · 1 year ago
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Thank you for the ask beautiful ✨
Here's one for you!
कभी जो ख़्वाब था वो पा लिया है
मगर जो खो गई वो चीज़ क्या थी
Idk what people are up to lately and I am getting bewildered by all the asks 😂
Koi Kuch pakka Raha hai aur naam Mera kesa aa raha hai ??? ye toh ghar waali baat ho gyi bhaii ki baat kisi ki bhi chlri ho last mein khatm mujh par hi aake hoti hai 😤
Khair itna maatha picchi nahi karte hai aur jaaved ji ki shyari ki daad dete hai ✨
In this context" मैंने तेरे लिये ही सात रंग के सपने चुने" is playing back if my mind now , baaki inbox pei aaoo yaar vaartaalap karte hai kya kaayaro waale kaam hai ? hain ji?? 🎡
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Ps : pahado mein ghumne iss Mausam mei Naa jaaye , best time to visit uttarakhand is either September - October yaa fir monsoon se pehle March to may ....kyunki abhi bhaari baarish jaari hai dosto ⚠️
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bazmeshayari · 5 months ago
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कभी यूँ भी आ मेरी आँख में...
कभी यूँ भी आ मेरी आँख में कि मेरी नज़र को ख़बर न हो मुझे एक रात नवाज़ दे मगर उस रात की कभी सहर न हो, वो बड़ा रहीम ओ करीम है मुझे ये सिफ़त भी अता करे गर तुझे भूलने की दुआ करूँ तो मेरी दुआओं में असर न हो, मेंरे बाज़ुओं में थकी थकी अभी महव ए ख़्वाब है चाँदनी न उठे सितारों की पालकी अभी आहटों का गुज़र न हो, ये ग़ज़ल कि जैसे हिरन की आँख में पिछली रात की चाँदनी न बुझे ख़राबे की रौशनी कभी बे चराग़ ये घर न…
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thesolitarysoul · 9 months ago
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उन के अंदाज़-ए-करम उन पे वो आना दिल का
हाय वो वक़्त वो बातें वो ज़माना दिल का
न सुना उस ने तवज्जोह से फ़साना दिल का
ज़िंदगी गुज़री मगर दर्द न जाना दिल का
कुछ नई बात नहीं हुस्न पे आना दिल का
मश्ग़ला है ये निहायत ही पुराना दिल का
वो मोहब्बत की शुरूआ'त वो बे-थाह ख़ुशी
देख कर उन को वो फूले न समाना दिल का
दिल लगी दिल की लगी बन के मिटा देती है
रोग दुश्मन को भी यारब न लगाना दिल का
एक तो मेरे मुक़द्दर को बिगाड़ा उस ने
और फिर उस पे ग़ज़ब हंस के बनाना दिल का
मेरे पहलू में नहीं आप की मुट्ठी में नहीं
बे-ठिकाने है बहुत दिन से ठिकाना दिल का
वो भी अपने न हुए दिल भी गया हाथों से
ऐसे आने से तो बेहतर था न आना दिल का
ख़ूब हैं आप बहुत ��़ूब मगर याद रहे
ज़ेब देता नहीं ऐसों को सताना दिल का
बे-झिजक आ के मिलो हंस के मिलाओ आँखें
आओ हम तुम को सिखाते हैं मिलाना दिल का
नक़्श-ए-बर आब नहीं वहम नहीं ख़्वाब नहीं
आप क्यूँ खेल समझते हैं मिटाना दिल का
हसरतें ख़ाक हुईं मिट गए अरमाँ सारे
लुट गया कूचा-ए-जानां में ख़ज़ाना दिल का
ले चला है मिरे पहलू से ब-सद शौक़ कोई
अब तो मुम्किन नहीं लौट के आना दिल का
उन की महफ़िल में 'नसीर' उन के तबस्सुम की क़सम
देखते रह गए हम हाथ से जाना दिल का
-Peer Naseeruddin Naseer
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deepjams4 · 1 year ago
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बारिश!
वो बारिश को निहारने का सपना
साथ हो वो जो दिल से हो अपना
घंटों बैठे खिड़की से बाहर तकना
वो दोनों का हाथ में हाथ पकड़ना
धीमें धीमें से उसके पास सरकना
उसके कंधे पर सिर अपना रखना
गले में बाँहें डाले गोद में सिमटना
उसे निहारना छूना उससे चिपटना
बाल सहलाना प्यार से थपकना
आँखें मिलना कभी पलकें झुकना
होंठ मिलते ही दिलों का धड़कना
अठखेलियों में झूठमूठ भड़कना
मस्ती में इतराना पाँव भी पटकना
घंटों ढेरों सी प्यार की बातें करना
काफ़ी मग उस संग साँझा करना
चुस्कियाँ लेते लेते किताबें पढ़ना!
ख़्वाब अब पूरे ही न हो सकेंगे कभी
अरमान आँसू ही बनकर बहेंगे सभी
ख़्वाब कहाँ हक़ीक़त होती कहीं है
ये फुहारें मुझे अब भिगोती नहीं हैं
मैं यहाँ अकेली खिड़की में खड़ी हूँ
सावन की झड़ी है मैं सूखी पड़ी हूँ!
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rasxkolnikov · 4 months ago
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फिर कोई आया दिल-ए-ज़ार, नहीं कोई नहीं
राह-रौ होगा कहीं और चला जाएगा
अपने बे-ख़्वाब किवाड़ों को मुक़फ़्फ़ल कर लो
अब यहाँ कोई नहीं, कोई नहीं आएगा
- Faiz Ahmad Faiz
दिल-ए-ज़ार : tired heart
राह-रौ : traveller
मुक़फ़्फ़ल : locked, bolted
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talesoftaru · 4 months ago
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सब जिनके लिए झोलियां फैलाए हुए हैं वो रंग मेरी आंख के ठुकराए हुए हैं इक तुम हो कि शोहरत की हवस ही नहीं जाती इक हम हैं कि हर शोर से उकताए हुए हैं दो चार सवालात में खुलने के नहीं हम ये उक़दे तेरे हाथ के उलझाए हुए हैं अब किसके लिए लाए हो ये चांद सितारे हम ख़्वाब की दुनिया से निकल आए हुए हैं हर बात को बेवजह उदासी पे ना डालो हम फूल किसी वजह से कुम्हलाए हुए हैं कुछ भी तेरी दुनिया में नया ही नहीं लगता लगता है कि पहले भी यहां आए हुए हैं सब दिल से यहां तेरे तरफ़दार नहीं हैं कुछ सिर्फ़ मिरे बुज़ में भी आए हुए हैं
- फ़रीहा नक़वी
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wordofheart3 · 1 year ago
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Ab es baat par bhi khafa ho jaao tum
Mene kal khawaab mai tumhara hath nahi pakda
अब इस बात पर भी ख़फा हो जाओ तुम
मैंने कल ख़्वाब में तुम्हारा हाथ नही पकड़ा
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