#कैल्शियम
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hannansiddiqui008 · 28 days ago
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सेहत के लिए तिल के फायदे
तिल के बीज का लाभ (Benefits of Sesame Seeds) •पोषक तत्वों से भरपूर: ... •हृदय स्वास्थ्य (Healthy Heart): ... •हड्डियों का स्वास्थ्य(Healthy Bone): ... •तिल के बीज के एंटीऑक्सीडेंट गुण (Antioxidant properties of sesame seeds): ... •पाचन स्वास्थ्य(Digestion): ... •ब्लड शुगर रेगुलेशन: ... •त्वचा और बालों का स्वास्थ्य: ... •हार्मोनल संतुलन का समर्थन: तिल खाने के फायदे पाचन में सुधार- तिल में अच्छी मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके सेवन से कब्ज जैसी समस्याओं को रोकने में मदद मिलती है। हड्डियों की मजबूती- तिल में कैल्शियम, मैग्नीशियम और जिंक की अच्छी मात्रा होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करती है जिंक, कैल्शियम और फॉस्फोरस से भरपूर तिल का सेवन करने से सर्दी में जोड़ों के दर्द (joint pain)से राहत मिलती है। प्रोटीन, कैल्शियम, कॉपर,आयरन और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर तिल का सेवन याददाश्त (memory)को दुरुस्त करता है और बॉडी को हेल्दी रखता है। इसका उपयोग खांसी , मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग और कई अन्य स्थितियों के लिए भी किया जाता है, लेकिन इन उपयोगों का समर्थन करने के लिए कोई अच्छा वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। 2021 तक, तिल को अमेरिका में एक प्रमुख खाद्य एलर्जी माना जाता है। #health #fitness #healthylifestyle #wellness #healthy #motivation #gym #workout #lifestyle #fit #love #nutrition #fitnessmotivation #training #weightloss #exercise #healthyfood #bodybuilding #healthcare #fitfam #healthyliving #selfcare #beauty #instagood #mentalhealth #life #gymlife #diet #personaltrainer #food #muscle #yoga #healing #vegan #sport #medicine #skincare #medical #goals #organic #natural #gymmotivation #doctor #healthyeating #covid #wellbeing #strong #selflove #crossfit #bhfyp #strength #instagram #inspiration #weightlossjourney #healthylife #nature #cardio #happy #fitspo #follow
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sundartatips · 1 year ago
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सबसे ज्यादा कैल्शियम किस चीज में पाया जाता है
सबसे ज्यादा कैल्शियम किस चीज में पाया जाता है: नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे नए ब्लॉग पोस्ट प�� जहा हम आज बात करने वाले हैं एक पोषक तत्व के बारे में जो हमारे शरीर के लिए बहुत ज्यादा ज़रूरी होता है जी दोस्तों हमारा आज का टॉपिक है सबसे ज्यादा कैल्शियम किस चीज में पाया जाता है। सबसे ज्यादा कैल्शियम किस चीज में पाया जाता है दोस्तों सबसे पहले हम जानेगे की कैल्शियम हमारे शरीर के लिए क्यों जरूरी…
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*Dr. Smita Goel Homeopathy Clinic*
www.thehomeopathyclinic.co.in
एसिडिटी या अम्लता एक चिकित्सा स्थिति है जो एसिड के अतिरिक्त उत्पादन के कारण होती है। यह एसिड पेट की ग्रंथियों द्वारा उत्पादित होता है। अम्लता पेट, गैस्ट्रिक सूजन, दिल की धड़कन और डिस्प्सीसिया में अल्सर जैसे लक्षण पैदा करती है। यह आमतौर पर अनियमित खाने के पैटर्न, शारीरिक खेल या गतिविधियों की कमी, शराब की खपत, धूम्रपान, तनाव, फड आहार और खराब खाने की आदतों जैसे कई कारकों के कारण होता है। लोग उन जगहों पर अम्लता विकसित करने में अधिक प्रवण होते हैं। जहां लोग अधिक शाकाहारी, मसालेदार और तेल के भोजन का उपभोग करते हैं। एनएसएआईडी (गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स) जैसी कई दवाएं गैस्ट्रिक अम्लता विकसित करने में एक व्यक्ति को अधिक संवेदनशील बना सकती हैं। एक भारी भोजन लेने के बाद अम्लता को गहरी जलती हुई सनसनी की विशेषता है। अम्लता वाले लोगों में अपचन और कब्ज भी आम है। यह घरेलू उपचार या एंटासिड का उपभोग करके और स्वस्थ कार्यान्वयन से ठीक हो सकता है। एंडोस्टिज्म के रूप में जाना जाने वाला एक तकनीक एसिड भाटा से भी बहुत राहत प्रदान करता है। अम्लता के सामान्य लक्षणों में पेट और गले में मुंह, कब्ज, बेचैनी और जलने की उत्तेजना में अपचन, मतली, खट्टा स्वाद शामिल है।
# अम्लता का कारण क्या होता है?
हमारा पेट आमतौर पर गैस्ट्रिक एसिड पैदा करता है जो पाचन में मदद करता है। इन एसिड के संक्षारक प्रभाव प्रोस्टाग्लैंडिन और प्राकृतिक बाइकार्बोनेट के उत्पादन से संतुलित होते हैं जो श्लेष्म अस्तर में गुप्त होते हैं। यह पेट की अस्तर को नुकसान पहुंचाता है और अम्लता का कारण बनता है। अन्य कारक जो अम्लता का कारण बनते हैं उनमें शामिल हैं:
मांसाहारी और मसालेदार खाद्य पदार्थों का उपभोग करना।
अत्यधिक तनाव
बहुत अधिक शराब का उपभोग।
अक्सर धूम्रपान
पेट के ट्यूमर, गैस्ट्रोसोफेजियल रीफ्लक्स रोग और पेप्टिक अल्सर जैसे पेट विकार।
एनएसएआईडीएस (गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स) जैसी दवाएं।
√ अम्लता के लिए उपचार:
एल्यूमीनियम, कैल्शियम या मैग्नीशियम युक्त एंटीसिड का उपभोग करके अम्लता ठीक हो सकती है। कई बार, एच 2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स (हिस्टामाइन अवरुद्ध एजेंट) जैसे निजाटिडाइन, फ़ोटोटिडाइन, रैनिटिडाइन और सिमेटिडाइन का उपयोग किया जाता है। यदि आपके पास गंभीर अम्लता है तो प्रोटॉन पंप इनहिबिटर डॉक्टर द्वारा भी निर्धारित किए जाते हैं। अम्लता का इलाज घरेलू उपचारों जैसे कि केले, ठंडे दूध, एनीज, जीरा, कार्डोमन, लौंग, टकसाल के पत्तों और अदरक का उपभोग भी किया जा सकता है। आप भोजन के दौरान मसालेदार भोजन या अचार से बचने, अधिक सब्जियों और फलों को खाने, गैर शाकाहारी भोजन का उपभोग न करने, एनएसएड्स (गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स) और स्टेरॉयड जैसी दवाओं से बचने और तनाव को कम करने से अम्लता को रोक सकते हैं।
कभी-कभी नींद से पहले भोजन लेने से अम्लता भी हो सकती है। यह पेट के एंजाइमों को आपके एसोफैगस पर वापस जाने और एसिड भाटा का कारण बनने के लिए उत्तेजित करता है। यह स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है।
√ लक्षण:
पेट में जलन जलन
गले में जलन जलन।
डकार।
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medixic · 10 months ago
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दांत दर्द के कई कारण हो सकते हैं जैसे बैक्टीरिया का संक्रमण, कैल्शियम की कमी या कमजोर मसूड़े। अगर दांत के दर्द से होगये हैं परेशान तो अपना लें ये नुस्खे😮
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aushadhiauryog1 · 2 years ago
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प्रोटीनेक्स पाउडर प्रयोग करने से पहले जन लीजिये ये 10 बातें- Protinex Powder Benefits in Hindi
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दोस्तों प्रोटीनेक्स पाउडर बाजार में पाया जाने वाला एक खास किस्म का स्वास्थ्य वर्धक प्रोटीन सप्लीमेंट है। अक्सर लोग इस पाउडर का प्रयोग लोग अपने शरीर की मांसपेशियों को विकसित करने बॉडी बनाने वजन बढ़ाने और समूचे स्वास्थ्य को बूस्ट करने के लिए करते हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि प्रोटीनेक्स पाउडर के क्या-क्या स्वास्थ्य लाभ-Protinex Powder Benefits in Hindi हैं और इसके क्या  साइड इफेक्ट्स है-
मसल्स ग्रोथ में प्रोटीनेक्स का प्रयोग- Protinex for Muscle Growth
प्रोटीनेक्स में उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन होता है जो मांसपेशियों और उतकों के निर्माण और मरम्मत के लिए आवश्यक है।
वर्कआउट के बाद प्रोटीनेक्स पाउडर का सेवन करने से मांसपेशियों की वृद्धि और रिकवरी में सहायता मिलती है।
शरीर का वजन संतुलित करने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
बहुत से ल���ग बचपन से ही दुबले पतले होते हैं और अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं। शारीरिक रूप से कमजोर और दुबला पतला होना बहुत ही लज्जा जनक होता है। इसलिए लोग अपना वजन बढ़ाने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं।
प्रोटीनेक्स पाउडर में प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट और फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। यह शरीर का वजन तेजी से बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही साथ ही यदि आप शारीरिक व्यायाम करते हैं तो मसल्स ग्रोथ में बहुत सहायता देता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर में विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर के साथ-साथ मिनरल्स और अमीनो अम्ल भी पाए जाते हैं। यह सभी तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और रोगों से लड़ने में शरीर की मदद करते हैं।
ऊर्जा और स्फूर्ति बढ़ाने के लिए प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर में कार्बोहाइड्रेट की अच्छी मात्रा होती है जो शरीर को त्वरित गति से उर्जा प्रदान करती है। यदि इस पाउडर का सेवन मुख्य रूप से एथलीट और सक्रिय जीवन शैली वाले लोग करते हैं तो उन्हें अधिक लाभ प्राप्त होते हैं।
हड्डियों को मजबूत बनाने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर में कैल्शियम की अच्छी मात्रा उपलब्ध होती है जो शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक है। इस पाउडर का नियमित प्रयोग हड्डियों के नुकसान को रोकने और ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
पाचन क्रिया को सुधारने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
इस पाउडर में फाइबर की अच्छी मात्रा उपलब्ध होने के कारण यह पाचन क्रिया में भी सुधार लाता है। इसके साथ ही साथ यह आंतों को भी स्वस्थ बनाता है।
प्रोटीनेक्स पाउडर का नियमित सेवन करने से कब्ज और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक किया जा सकता है।
कोलेस्ट्रॉल को कम करने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर विभिन्न पोषक तत्वों से युक्त होता है और इसमें सोया प्रोटीन पाई जाती है। सोया प्रोटीन शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है। नियमित रूप से प्रोटीनेक्स पाउडर का सेवन करने से हृदय रोगों के जोखिम को कम किया जा सकता है।
ब्रेन फंक्शन सुधारने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर में पाया जाने वाला कोलीन और ओमेगा 3 फैटी एसिड ग्रीन फंक्शन को सुधारने के लिए बहुत आवश्यक तत्व माने गए हैं। इसके नियमित सेवन से याददाश्त और दिमागी कार्य क्षमता को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
मधुमेह अर्थात डायबिटीज को संतुलित करने में प्रोटीनेक्स का प्रयोग
प्रोटीनेक्स पाउडर में जटिल कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो मधुमेह के रोगियों की रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। संतुलित आहार के रूप में प्रोटीनेक्स पाउडर का प्रयोग करने से रक्त शर्करा को संतुलित किया जा सकता है और मधुमेह की जटिलताओं से बचा जा सकता है।
जनरल हेल्थ सप्लीमेंट के रूप में प्रोटीनेक्स पाउडर का प्रयोग
सामान्य तौर पर लोग प्रोटीनेक्स पाउडर का प्रयोग एक जनरल हेल्थ सप्लीमेंट की तरह करते हैं। सामान्य भारतीय भोजन में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की कमी पाई जाती है। जिसकी पूर्ति प्रोटीनेक्स पाउडर के सेवन द्वारा आसानी से की जा सकती है। नियमित रूप से प्रोटीनेक्स पाउडर का प्रयोग करने से लंबे समय तक दुरुस्त रहा जा सकता है।
प्रोटीनेक्स पाउडर बाजार में तीन प्रकार के उपलब्ध ह��ं- बच्चों के लिए प्रोटीनेक्स जूनियर, महिलाओं के लिए mama Protinex और वयस्कों के लिए सामान्य Protinex. भारतीय बाजार में 1kg protinex pack  600~700 INR तक के मूल्य में उपलब्ध है.
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indlivebulletin · 2 days ago
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मल्टीविटामिन सप्लीमेंट्स की तरह काम करते हैं ये फूड्स, डायटीशियन से जानिए
Multivitamins Foods: मल्टीविटामिन उन सप्लीमेंट्स को कहा जाता है, जो हमारे शरीर को आवश्यक विटामिन्स और मिनरल्स की पर्याप्त मात्रा देने में मदद करते हैं. आमतौर पर, मल्टीविटामिन सप्लीमेंट्स में विटामिन A, B, C, D, E, K और मिनरल्स जैसे कैल्शियम, आयरन, जिंक, सेलेनियम शामिल होते हैं. ये हमारे शरीर बीमारियों से बचाने के ��ाथ-साथ एनर्जी देने का काम करते हैं. दिल्ली के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट…
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nwnews24 · 4 days ago
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महिलाओं में दिखने लगें 5 लक्षण, तो समझ जाएं घट रहा है कैल्शियम
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health-1929 · 5 days ago
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"मखाने 🥰: कैल्शियम से भरपूर, हड्डियों के लिए सुपरफूड!
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nivabupa · 9 days ago
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Makhane Ke Fayde
मखाने के फायदे ( makhane ke fayde ) अनगिनत हैं। इनमें प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और दिल की सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। मखाने के फायदे वजन नियंत्रित करने, त्वचा में निखार लाने और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में भी मदद करते हैं। यह डायबिटीज और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक है। मखाने को रोजाना अपने आहार में शामिल करके आप सेहतमंद जीवन जी सकते हैं।
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drcare4u · 10 days ago
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दूध पीने से भी हो जाती है एलर्जी, ऐसे दिखते हैं लक्षण, ये लोग करें परहेज
दूध पीने से भी हो सकती है एलर्जीImage Credit source: Getty images दूध को एक कंप्लीट डाइट माना जाता है. यह शरीर में विटामिन, कैल्शियम, प्रोटीन की कमी पूरी करता है. दूध पीने से शरीर स्वस्थ रहता है और यह हड्डियों को मजबूत बनाने में भी मदद करता है, लेकिन कुछ लोगों को दूध से एलर्जी हो सकती है. इसका पता भी आसानी से नहीं चलता है. दूध आपको सूट करता है या नहीं और इससे होने वाली एलर्जी के क्या लक्षण होते…
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vedikroots-1211 · 16 days ago
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एक पहाड़ी वरदान जो महिलाओं की जिंदगी बदल सकता है
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महिलाओं की जिंदगी में कई तरह की चुनौतियाँ आती हैं, लेकिन अगर हम अपनी सेहत का ध्यान रखें तो इन चुनौतियों का सामना करना आसान हो जाता है। शिलाजीत एक ऐसा प्राकृतिक पदार्थ है जो महिलाओं की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। आइए जानते हैं महिलाओं के लिए शिलाजीत के फायदे और नुकसान।
शिलाजीत कैसे काम करता है महिलाओं के लिए?
शिलाजीत एक प्राकृतिक पदार्थ है जो हिमालय और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है। यह एक प्रकार का रेजिन है जो पहाड़ी चट्टानों से निकलता है और इसमें कई प्रकार के खनिज और पोषक तत्व होते हैं। शिलाजीत में फुल्विक एसिड, ह्यूमिक एसिड, और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो महिलाओं की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं।
महिलाओं के लिए शिलाजीत के फायदे
महिलाओं के लिए शिलाजीत के फायदे अनगिनत हैं। मासिक धर्म के दौरान राहत प्रदान करने से लेकर त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने तक, महिलाओं के लिए शिलाजीत के फायदे कई हैं। आइए महिलाओं के लिए शिलाजीत के फायदों पर नजर डालें:
1. मासिक धर्म की समस्याओं को कम करता है: शिलाजीत में फुल्विक एसिड होता है, जो मासिक धर्म की समस्याओं को कम करने में मदद करता है। यह दर्द, बेचैनी, और अन्य समस्याओं को कम करने में मदद करता है।
2. ऊर्जा को बढ़ाता है: शिलाजीत में ह्यूमिक एसिड होता है, जो ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता है। यह थकान, कमजोरी, और अन्य समस्याओं को कम करने में मदद करता है।
3. त्वचा और बालों की सेहत को बेहतर बनाता है: शिलाजीत में विटामिन और मिनरल होते हैं जो त्वचा और बालों की सेहत को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
4. मानसिक तनाव को कम करता है: शिलाजीत में ऐसे तत्व होते हैं जो मानसिक तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
5. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है: शिलाजीत में विटामिन और मिनरल होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
6. हड्डियों की सेहत को बेहतर बनाता है: शिलाजीत में कैल्शियम और अन्य मिनरल होते हैं जो हड्डियों की सेहत को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
7. मेनोपॉज़ की समस्याओं को कम करता है: शिलाजीत में ऐसे तत्व होते हैं जो मेनोपॉज़ की समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं।
8. वजन प्रबंधन में मदद करता है: शिलाजीत में ऐसे तत्व होते हैं जो वजन प्रबंधन में मदद करते हैं। शिलजीत चयापचय को बढ़ावा देने और आंत के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है, जिससे स्वस्थ वजन का समर्थन होता है।
9. तनाव और चिंता को कम करता है: शिलाजीत में ऐसे तत्व होते हैं जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करते हैं। शिलाजीत में आवश्यक खनिज संज्ञानात्मक कार्य को बढ़ावा देते हैं। शिलाजीत मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है और तनाव और चिंता को कम करता है।
10. सामान्य सेहत को बेहतर बनाता है: शिलाजीत में विटामिन और मिनरल होते हैं जो सामान्य सेहत को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
महिलाओं के लिए शिलाजीत के नुकसान
जबकि शिलाजीत आमतौर पर महिलाओं के लिए सुरक्षित है, महिलाओं के लिए शिलाजीत के नुकसान के बारे में जागरूक होना महत्वपूर्ण है। यहां महिलाओं के लिए शिलाजीत के कुछ नुकसान बताए गए हैं:
अधिक मात्रा में सेवन क��ने से नुकसान हो सकता है|
शिलाजीत का अधिक मात्रा में सेवन करने से नुकसान हो सकता है, इसलिए इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।
कुछ महिलाओं को शिलाजीत से एलर्जी हो सकती है, इसलिए इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
शिलाजीत का सेवन गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान नहीं करना चाहिए|
शिलाजीत का सेवन गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसके प्रभाव के बारे में अभी तक पर्याप्त जानकारी नहीं है।
 निष्कर्ष
शिलाजीत एक प्राकृतिक पदार्थ है जो महिलाओं की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसके कई फायदे हैं, जिनमें मासिक धर्म की समस्याओं को कम करना, ऊर्जा को बढ़ाना, और त्वचा और बालों की सेहत को बेहतर बनाना शामिल है। हालांकि, इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, इसलिए इसका सेवन सीमित मात्रा में और डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए|
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hannansiddiqui008 · 3 days ago
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दूध में अंजीर मिलाकर पीने से कई फ़ायदे होते हैं
अंजीर में कैल्शियम, पोटैशियम, और विटामिन जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं दूध में अंजीर मिलाकर पीने से इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है दूध में अंजीर मिलाकर पीने से खून की कमी पूरी होती है इससे मसल्स गेन होती हैं और दर्द में आराम मिलता है
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nimaayaivf · 18 days ago
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गर्भधारण के दौरान ध्यान देने योग्य बातें
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गर्भधारण के दौरान, महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान देना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस महत्वपूर्ण अवधि में उन्हें विशेष सावधानियाँ बरतनी चाहिए ताकि गर्भाधारण के दौरान उनका स्वास्थ्य और बच्चे का विकास सही तरीके से हो सके। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जिन पर ध्यान देना चाहिए:
स्वस्थ आहार:
गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार लेना चाहिए जिसमें प्रोटीन, फल, सब्जियाँ, अनाज और दूध शामिल हो। इससे बच्चे का सही विकास होता है और माँ का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। प्रोटीन शिशु के ऊतकों और अंगों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जबकि फल और सब्जियाँ आवश्यक विटामिन और खनिज प्रदान करते हैं। अनाज ऊर्जा का प्रमुख स्रोत होते हैं और दूध से कैल्शियम मिलता है, जो हड्डियों के विकास के लिए आवश्यक है। सही आहार का पालन करके गर्भवती महिलाएँ न केवल अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को कम कर सकती हैं, बल्कि बच्चे के संपूर्ण विकास को भी सुनिश्चित कर सकती हैं।
व्यायाम:
नियमित व्यायाम करना गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है। योगा, वॉकिंग, और सामान्य व्यायाम स्वस्थ रहने में मदद करते हैं और प्रसव के दौरान भी सहायक होते हैं। व्यायाम करने से माँ की शारीरिक क्षमता और सहनशक्ति बढ़ती है, जिससे प्रसव के समय तनाव कम होता है। इसके अलावा, नियमित व्यायाम से गर्भावस्था के दौरान होने वाली सामान्य समस्याएँ जैसे पीठ दर्द, सूजन, और कब्ज से राहत मिलती है। ध्यान दें कि कोई भी व्यायाम कार्यक्रम शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है ताकि माँ और बच्चे दोनों सुरक्षित रहें।
दवाई और परामर्श:
गर्भवती महिलाओं को किसी भी दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। साथ ही, नियमित अंतेनाताल स्कैन और परीक्षण कर��ना भी जरूरी होता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि बच्चा स्वस्थ है और गर्भावस्था सामान्य रूप से चल रही है। डॉक्टर की सलाह पर विटामिन और मिनरल्स की सप्लीमेंट्स लेना भी लाभदायक हो सकता है। इसके अलावा, किसी भी असामान्य लक्षण या समस्या को तुरंत डॉक्टर के साथ साझा करना चाहिए।
परिपर्याप्त पानी पीना:
गर्भवती महिलाओं को परिपक्व फलों और सब्जियों से भरपूर पानी पीना चाहिए। इससे उनके शरीर का तापमान बना रहता है और खासकर प्रसव के समय सहायक होता है। यह न केवल शरीर को हाइड्रेटेड रखता है, बल्कि आवश्यक पोषक तत्वों को भी शरीर में बनाए रखता है। गर्भावस्था के दौरान पानी की कमी से बचने के लिए रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए। साथ ही, यह एमनियोटिक फ्लूइड की मात्रा को बनाए रखने में भी मदद करता है, जो बच्चे के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
ध्यान और आराम:
गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त आराम और ध्यान देना चाहिए। समय-समय पर आराम करना, अधिक थकान और तनाव से बचने में मदद करता है। आराम के दौरान, गर्भवती महिलाओं को अपनी पसंदीदा गतिविधियों में शामिल होना चाहिए, जो उन्हें मानसिक शांति और खुशी प्रदान करें। गहरी सांस लेने की तकनीकें और ध्यान भी तनाव को कम करने में सहायक हो सकते हैं। इसके अलावा, उन्हें अपनी नींद के पैटर्न पर भी ध्यान देना चाहिए, ताकि उनका शरीर और मन पूरी तरह से तरोताजा रह सके।
इन बातों का ध्यान रखने से गर्भधारण के दौरान महिलाओं का स्वास्थ्य और बच्चे का विकास सुरक्षित रहता है��� यह जानकारी प्राप्त करना कि baccha kaise paida hota hai, हर माता-पिता के लिए महत्वपूर्ण है। सही देखभाल और सावधानियों से, यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि बच्चा स्वस्थ और सुरक्षित तरीके से जन्म ले सके।
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*Dr. Smita Goel Homeopathy Clinic*
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एसिडिटी या अम्लता एक चिकित्सा स्थिति है जो एसिड के अतिरिक्त उत्पादन के कारण होती है। यह एसिड पेट की ग्रंथियों द्वारा उत्पादित होता है। अम्लता पेट, गैस्ट्रिक सूजन, दिल की धड़कन और डिस्प्सीसिया में अल्सर जैसे लक्षण पैदा करती है। यह आमतौर पर अनियमित खाने के पैटर्न, शारीरिक खेल या गतिविधियों की कमी, शराब की खपत, धूम्रपान, तनाव, फड आहार और खराब खाने की आदतों जैसे कई कारकों के कारण होता है। लोग उन जगहों पर अम्लता विकसित करने में अधिक प्रवण होते हैं। जहां लोग अधिक शाकाहारी, मसालेदार और तेल के भोजन का उपभोग करते हैं। एनएसएआईडी (गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स) जैसी कई दवाएं गैस्ट्रिक अम्लता विकसित करने में एक व्यक्ति को अधिक संवेदनशील बना सकती हैं। एक भारी भोजन लेने के बाद अम्लता को गहरी जलती हुई सनसनी की विशेषता है। अम्लता वाले लोगों में अपचन और कब्ज भी आम है। यह घरेलू उपचार या एंटासिड का उपभोग करके और स्वस्थ कार्यान्वयन से ठीक हो सकता है। एंडोस्टिज्म के रूप में जाना जाने वाला एक तकनीक एसिड भाटा से भी बहुत राहत प्रदान करता है। अम्लता के सामान्य लक्षणों में पेट और गले में मुंह, कब्ज, बेचैनी और जलने की उत्तेजना में अपचन, मतली, खट्टा स्वाद शामिल है।
# अम्लता का कारण क्या होता है?
हमारा पेट आमतौर पर गैस्ट्रिक एसिड पैदा करता है जो पाचन में मदद करता है। इन एसिड के संक्षारक प्रभाव प्रोस्टाग्लैंडिन और प्राकृतिक बाइकार्बोनेट के उत्पादन से संतुलित होते हैं जो श्लेष्म अस्तर में गुप्त होते हैं। यह पेट की अस्तर को नुकसान पहुंचाता है और अम्लता का कारण बनता है। अन्य कारक जो अम्लता का कारण बनते हैं उनमें शामिल हैं:
मांसाहारी और मसालेदार खाद्य पदार्थों का उपभोग करना।
अत्यधिक तनाव
बहुत अधिक शराब का उपभोग।
अक्सर धूम्रपान
पेट के ट्यूमर, गैस्ट्रोसोफेजियल रीफ्लक्स रोग और पेप्टिक अल्सर जैसे पेट विकार।
एनएसएआईडीएस (गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स) जैसी दवाएं।
√ अम्लता के लिए उपचार:
एल्यूमीनियम, कैल्शियम या मैग्नीशियम युक्त एंटीसिड का उपभोग करके अम्लता ठीक हो सकती है। कई बार, एच 2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स (हिस्टामाइन अवरुद्ध एजेंट) जैसे निजाटिडाइन, फ़ोटोटिडाइन, रैनिटिडाइन और सिमेटिडाइन का उपयोग किया जाता है। यदि आपके पास गंभीर अम्लता है तो प्रोटॉन पंप इनहिबिटर डॉक्टर द्वारा भी निर्धारित किए जाते हैं। अम्लता का इलाज घरेलू उपचारों जैसे कि केले, ठंडे दूध, एनीज, जीरा, कार्डोमन, लौंग, टकसाल के पत्तों और अदरक का उपभोग भी किया जा सकता है। आप भोजन के दौरान मसालेदार भोजन या अचार से बचने, अधिक सब्जियों और फलों को खाने, गैर शाकाहारी भोजन का उपभोग न करने, एनएसएड्स (गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स) और स्टेरॉयड जैसी दवाओं से बचने और तनाव को कम करने से अम्लता को रोक सकते हैं।
कभी-कभी नींद से पहले भोजन लेने से अम्लता भी हो सकती है। यह पेट के एंजाइमों को आपके एसोफैगस पर वापस जाने और एसिड भाटा का कारण बनने के लिए उत्तेजित करता है। यह स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है।
√ लक्षण:
पेट में जलन जलन
गले में जलन जलन।
डकार।
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advkaransinghlegal · 1 month ago
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घरेलू नुस्खा का उपयोग कर के स्पर्म काउंट कैसे बढ़ाएं ?
स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे और जीवनशैली में बदलाव मदद कर सकते हैं। ��ालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि किसी भी समस्या या चिंता के लिए ��प अपने डॉक्टर से संपर्क करें। यहाँ कुछ घरेलू नुस्खे हैं:
1. सहिजन (Moringa) का सेवन:
सहिजन की पत्तियों में कई पोषक तत्व होते हैं जो पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। आप इसे सलाद में या चाय के रूप में ले सकते हैं।
2. अखरोट:
अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो स्पर्म के स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। रोजाना एक मुट्ठी अखरोट का सेवन करें।
3. अदरक:
अदरक की जड़ में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं, जो शक्ति बढ़ा सकते हैं। आप अदरक की चाय या कच्चा अदरक खा सकते हैं।
4. केला:
केला में ब्रोमेलिन होता है, जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसे रोजाना अपने आहार में शामिल करें।
5. गाजर:
गाजर में विटामिन ए होता है, जो स्पर्म उत्पादन में सहायक होता है। इसे सलाद या जूस के रूप में लें।
6. दूध और डेयरी उत्पाद:
दूध और उसके उत्पाद, जैसे दही और पनीर, प्रोटीन और कैल्शियम के अच्छे स्रोत होते हैं, जो प्रजनन स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं।
7. लहसुन:
लहसुन में एलिसिन होता है, जो रक्त प्रवाह को बढ़ाता है और यौन स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है। इसे कच्चा या भोजन में डालकर सेवन कर सकते हैं।
8. ध्यान और योग:
तनाव भी स्पर्म काउंट को प्रभावित कर सकता है। ध्यान और योग करने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
9. स्वस्थ जीवनशैली:
नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और संतुलित आहार का पालन करें। धूम्रपान, शराब और ड्रग्स से दूर रहें।
10. पानी पीना:
शरीर को हाइड्रेटेड रखना भी आवश्यक है। उचित मात्रा में पानी पिएं।
नोट:
यदि आप लंबे समय तक समस्या का अनुभव कर रहे हैं या स्पर्म काउंट को बढ़ाने के उपायों का कोई असर नहीं दिख रहा है, तो चिकित्सकीय सलाह लेना महत्वपूर्ण है। डॉक्टर उचित परीक्षण और सलाह देकर आपकी मदद कर सकते हैं।
Advocate Karan Singh (Kanpur Nagar) [email protected] 8188810555, 7007528025
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aasha-ayurveda · 2 months ago
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फर्टिलिटी में सुधार के लिए महिलाएं रोज लें ये पोषक तत्व
व्यस्त जीवनशैली और खानपान में लापरवाही के कारण आपकी फर्टिलिटी प्रभावित होती है। पेरेंटहुड की ख़ुशी पाने के लिए एक कपल की फर्टिलिटी का अच्छा होना बहुत जरुरी है लेकिन हर व्यक्ति की प्रजनन क्षमता अलग अलग होती है जिस वजह से कुछ लोगों को बच्चे पैदा करने में एक सामान्य कपल की तुलना में ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इनफर्टिलिटी की समस्या पुरुष और महिला दोनों में से किसी एक में या दोनों में हो सकती है। 
आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर तथा फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉक्टर चंचल शर्मा इस विषय में बताती हैं कि इनफर्टिलिटी का कारण पुरुष और महिला दोनों में भिन्न भिन्न हो सकता है। महिलाओं में बांझपन का कारण ट्यूबल ब्लॉकेज, PCOD, थायरॉइड, एंडोमेट्रियोसिस, हार्मोनल डिसऑर्डर, लो एएमएच, आदि हो सकता है वहीँ पुरुषों में बांझपन का मुख्य कारण लो स्पर्म काउंट, स्पर्म मोटिलिटी आदि हो सकता है। कई बार बढ़ती उम्र के कारण भी गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है। अगर कोई कपल 35 की उम्र के बाद कन्सीव  करने की कोशिश करता है तो उसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है क्यूंकि धीरे धीरे उम्र बढ़ने के सा�� आपकी फर्टिलिटी कम होने लगती है। इसलिए एक्सपर्ट्स आपको सुझाव देते हैं कि 35 की उम्र से पहले बच्चे प्लान कर लें। 
डॉ चंचल शर्मा कुछ ऐसे पोषक तत्वों के बारे में बताती हैं जिसको अपने आहार में शाम��ल करके आप अपनी फर्टिलिटी में सुधार ला सकते हैं: 
दाल और बिन्स: बिन्स और दाल में प्रोटीन तथा फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो हॉर्मोन्स को संतुलित रखने में सहायक होता है और पाचन शक्ति में भी सुधार लाता है। इसके सेवन से आपका ओवुलेशन बेहतर होता है और प्रजनन क्षमता में भी सुधार होता है। 
शतावरी: जो महिलाएं माँ बनना चाहती हैं उनके लिए फॉलिक एसिड बहुत जरुरी होता है। शतावरी एक आयुर्वेदिक हर्ब है जिसमे पर्याप्त मात्रा में फॉलिक एसिड पाया जाता है। इसके अंदर मौजूद एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी आपके अंडे की गुणवत्ता में सुधार करने में भी मददगार होते हैं। 
अंडे: अंडे में ओमेगा 3 फैटी एसिड और विटामिन्स पाए जाते हैं जो आपकी फर्टिलिटी में सुधार लाने के लिए बहुत जरुरी है इसलिए एक्सपर्ट आपको अंडे खाने की सलाह देते हैं। 
एवोकाडो: एवोकाडो में मौजूद विटामिन के आपके शरीर में मौजूद सभी जरुरी पोषक तत्वों को अवशोषित करने का कार्य करता है। जिससे आपके गर्भाशय की स्थिति में सुधार होता है और अंततः आपकी फर्टिलिटी भी इम्प्रूव होती है। 
विटामिन सी: विटामिन सी आपके अंडे की गुणवत्ता में सुधार लाने में सहायक होते हैं इसलिए आप खट्टे फल जैसे संतरा, आँवला, आदि का सेवन करके अपने गर्भाशय को मजबूती प्रदान कर सकते हैं। जिससे गर्भधारण के लिए एक अच्छा वातावरण बन सके। 
हरी पत्तेदार सब्जियां: ये सब्जियां आयरन, फॉलेट, और कैल्शियम का अच्छा स्रोत माना जाता है जो आपके अंडे की गुणवत्ता में सुधार, नियमित मासिक धर्म, और गर्भ में पल रहे बच्चे के मस्तिष्क के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत जरुरी है। 
चुकंदर: चुकंदर एक ऐसा फल है जो शरीर में ब्लड फ्लो को बढ़ाने में सहायता करता है और गर्भाशय को स्वस्थ वातावरण प्रदान करता है जिससे फर्टिलिटी में सुधार होता है और गर्भधारण करने में मदद मिलती है।  
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