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क्या सप्लीमेंट आपके इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में मदद कर सकते हैं?
सर्दियों के महीनों के दौरान, आपने उन उत्पादों के विज्ञापन देखे होंगे जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को सर्दी और फ्लू से बचाने में आपकी मदद करने का दावा करते हैं। लेकिन एक बोतल में कुछ हो सकता है, चाहे विटामिन का निर्माण हो या प्रोबायोटिक, वास्तव में स्वस्थ रहने में आपकी मदद करने के लिए आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को संशोधित करता है?
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर माइकल स्टारनबैक कहते हैं, “दुर्भाग्य से, वास्तविकता यह है कि उन प्रकार के उत्पाद वास्तव में आपको कोई लाभ नहीं दे रहे हैं।” “वहाँ कोई सबूत नहीं है कि वे बीमारी से लड़ने में मदद करते हैं।”
यह समझने के लिए कि आपको प्रतिरक्षा प्रणाली कैसे काम करती है, इसके बारे में थोड़ा जानने की जरूरत है। प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने का बहुत विचार त्रुटिपूर्ण है।
“प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत बारीक है,” स्टारनबैक कहते हैं। एक प्रतिरक्षा प्रणाली के बीच एक संतुलन है जो बैक्टीरिया, वायरस और परजीवियों की संक्रमण को कम करने की क्षमता को सीमित करने के लिए प्रभावी है, और एक अतिसक्रिय प्रतिरक्षा प्रणाली है जो एलर्जी, मधुमेह और अन्य प्रकार के ऑटोइंफ्लेमेटरी और ऑटोइम्यून विकारों जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है।
“अगर प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए एक थोक बढ़ावा था, तो यह ऑटोइम्यूनिटी और अन्य समस्याओं को ट्रिगर कर सकता है,” वे कहते हैं।
बोतल में क्या है उत्पाद जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने या “समर्थन” करने का दावा करते हैं, आमतौर पर कुछ श्रेणियों में आते हैं: विटामिन योग और प्रोबायोटिक्स।
इस विचार में कुछ सच्चाई है कि विटामिन प्रतिरक्षा में मदद कर सकते हैं। Starnbach कहते हैं, विटामिन रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन केवल उन लोगों में जो गंभीर रूप से कुपोषित हैं, कुछ ऐसा है जो औसत अमेरिकी वयस्क का सच नहीं है। इसलिए, यदि आप पहले से ही स्वस्थ हैं, तो स्वस्थ रहने के लिए विटामिन फॉर्मूलेशन बहुत कम करेंगे।
जब प्रोबायोटिक्स की बात आती है, तो इस विचार के लिए कुछ सच्चाई भी है कि आपके पेट में रहने वाले बैक्टीरिया और जीव आपके स्वास्थ्य में भूमिका निभा सकते हैं।
“बहुत से शोध चल रहे हैं कि ये अनुकूल जीव कैसे रहते हैं, जो हम पर और हम पर रहते हैं, प्रतिरक्षा समारोह में योगदान करते हैं, और वे प्रतिरक्षा समारोह को कैसे बाधित करते हैं,” स्टारनबाक कहते हैं। किसी दिन, वैज्ञानिक बहुत अच्छी तरह से हमें यह बताने में सक्षम हो सकते हैं कि हमारे शरीर के अंदर इन विभिन्न प्रजातियों को संशोधित करके बीमारी को कैसे रोका जाए, जो कि माइक्रोबायोम कहलाता है।
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“मुझे लगता है कि हम अगले 10 वर्षों में उन तरीकों से और अधिक जागरूक हो जाएंगे, जिनमें कुछ बीमारियों में विशिष्ट रोगाणुओं को शामिल किया गया है।” लेकिन आज, स्वास्थ्य में सुधार के लिए प्रोबायोटिक्स का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए शरीर और माइक्रोबायोम के बीच जटिल परस्पर क्रिया की पर्याप्त समझ नहीं है। “हमारे पास अभी तक कोई सबूत नहीं है कि हम समस्याओं को सही करने के लिए पूरक आहार का उपयोग कैसे कर सकते हैं,” वे कहते हैं।
यह बदल सकता है, लेकिन इस बीच, इसके विपरीत दावों पर संदेह करें।
स्वस्थ रहने के लिए रणनीतियाँ
इसलिए, यदि आप ओवर-द-काउंटर पॉशन या गोली लेकर अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली की मदद नहीं कर सकते हैं, तो आप इस सर्दी में बीमारी का इलाज करने के लिए क्या कर सकते हैं? Starnbach कहते हैं, उन लोगों के बीच अंतर जो शायद ही कभी बीमार हो जाते हैं और जो हर समय बीमार होते हैं, प्रतिरक्षा समारोह की आदतों से अधिक हो सकते हैं। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं जो मदद कर सकते हैं।
अपने हाथ साफ करो।
जबकि कुछ रोगाणु हवाई होते हैं, अधिक बार नहीं, बीमारी तब होती है जब आप दूषित ��तह को छूते हैं, स्टारनबैक कहते हैं। ज्यादातर अक्सर रोगाणु आपके हाथों से आपकी आंखों, नाक या मुंह में चले जाते हैं, इसलिए यह भी प्रयास करें कि यह आपके चेहरे को न छुए।
अपने शरीर को शीर्ष आकार में रखें।
एक स्वस्थ और संतुलित आहार बनाए रखना, नियमित रूप से व्यायाम करना, और पर्याप्त नींद लेना आपके शरीर और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को अच्छी तरह से काम करने में मदद कर सकता है।
तनाव का प्रबंधन करो।
अनुसंधान से पता चला है कि उच्च तनाव का स्तर प्रतिरक्षा प्रणाली को ख़राब कर सकता है। इसलिए जब भी संभव हो, अपने तनाव के स्तर के बारे में जागरूक होने की कोशिश करें और बहुत अधिक होने पर उन्हें कम करने के लिए काम करें।
टीका लगवाएं।
फ्लू और अन्य बीमारियों के खिलाफ टीकाकरण करवाना बीमारी से बचाने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करता है। टीके प्रतिरक्षा प्रणाली को सिखाते हैं कि वे विशिष्ट रोगजनकों को पहचानें और उनका सामना करने के लिए एक बचाव माउंट करने के लिए तैयार करें।
लब्बोलुआब यह है कि टीकों से अलग, आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए वास्तव में कुछ भी नहीं हो सकता है, इसलिए संभवतः उन प्रकार के दावों से बचने वाली गोलियों और औषधि से बचना सबसे अच्छा है।
“हालांकि ये चीजें नुकसान का कारण नहीं बन सकती हैं, आप शायद अपने पैसे का अधिक आनंद लेंगे यदि आप इसे किसी और चीज के लिए उपयोग कर रहे हैं,” स्टारबाक कहते हैं।
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भुई आंवला (भूमि आंवला) है औषधीय गुणों की खान, बचाता है इन गंभीर बीमारियों से
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Liver problem | कब्ज और मुह के छाले का रामबाण इलाज | benefit of kachnar
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प्रेगनेंसी में इम्यूनिटी पावर कैसे बढ़ाए |Pregnancy Me Immunity Power Kaise Badhaye
मां बनना हर औरत का सपना होता है। मां बनने से औरत को संपूर्ण माना जाता है। एक औरत के जीवन में एक पल ऐसा भी आता है, जब वह ऐसे दौर से गुजरती है जब सारी दुनिया की खुशी अपने पास ही पाती है।
मां बनना किसी भी औरत के जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ होता है पर ऐसे समय में खुद का ख्याल रखने की भी जरूरत होती है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि अपने खान-पान दिनचर्या को ध्यान में रखते हुए इम्यूनिटी पर पूरा ध्यान दिया जाए। कई बार इम्यूनिटी पावर कम हो जाती है जिससे महिलाओं को बहुत से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे ही लाजवाब टिप्स बताने जा रहे हैं जिनसे आप प्रेगनेंसी में भी अपनी इम्यूनिटी पावर को बढ़ा सकते हैं।
प्रेगनेंसी में यूनिटी पावर को बढ़ाने के लिए ले इन आहारों को
प्रेगनेंसी में पूरा घर महिला का ध्यान रखता है लेकिन इस समय खुद का ध्यान रखना भी बहुत ही जरूरी हो जाता है। जब तक मां की इम्यूनिटी सही नहीं होगी तब तक बच्चा भी सही तरीके से विकसित नहीं हो पाएगा इसीलिए इम्युनिटी के लिए मां को विशेष आहार लेने की आवश्यकता होगी।
1) कैल्शियम
कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाने का कार्य करती है। ऐसे में अगर आप नियमित रूप से कैल्शियम युक्त आहार जैसे चिकन, दूध, पनीर, दही, लेती हैं तो इससे आपकी इम्यूनिटी में बहुत फर्क पड़ेगा।
2) जिंक
अगर प्रेग्नेंट महिलाएं अपने आहार में जिंक का उपयोग करें ,तो निश्चित रूप से यह इंफेक्शन को कम कर अपनी इम्यूनिटी को भी बढ़ाती हैं। इसके लिए आप खजूर का उपयोग कर सकती हैं।
3) विटामिन ए
विटामिन ए युक्त आहार सभी के लिए आवश्यक और लाभदाई हैं लेकिन अगर प्रेग्नेंट महिलाएं विटामिन ए का बहुतायत उपयोग करें तो निश्चित रूप से इम्यूनिटी बढ़ती नजर आएगी। प्रेग्नेंसी के समय किसी भी रोगों से शिशु की रक्षा करता है यह सामान्यतः आम, गाजर, बादाम, सभी मेंवो, अंडे, दूध में पाया जाता है।
4) डेयरी उत्पाद
इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा डेयरी उत्पाद का इस्तेमाल करना भी अति लाभदाई होता है, जो किसी भी बीमारी से मां और शिशु को दूर रखता है।
5) लहसुन
लहसुन में गजब की रोग प्रतिरोधक क्षमता है। इसका यदि सीमित मात्रा में उपयोग किया जाए तो प्रेगनेंसी में भी इम्यूनिटी को बनाए रखा जा सकता है।
6) प्रोटीन
अगर प्रेग्नेंट महिलाएं अपने आहार में प्रोटीन का उपयोग करें तो यह भी लाभदाई होगा। प्रोटीन हीं होते है, जो हमारे इम्यून सिस्टम का निर्माण करते हैं ऐसे में यह बहुत ही आवश्यक है कि अपने आहार में प्रेगनेंसी में प्रोटीन को शामिल किया जाए।
हंसना भी है आवश्यक क्रिया
हंसना एक बहुत ही खूबसूरत किया है जिसमें शरीर के सभी अंग सक्रिय रूप से कार्य करते हैं। अगर आप प्रेग्नेंट है, तो ज्यादा से ज्यादा खुश रहने और हंसने की आदत डालें। एक सर्वे के अनुसार ऐसा माना गया है कि हंसते रहने से हमारी इम्यूनिटी मजबूत होती है। खासतौर से प्रेगनेंसी में किसी भी दुख, परेशानी, तनाव से दूर रहने की कोशिश करिए और हंसकर अपने इम्यूनिटी को मजबूत बनाएं। अगर आप हंसते रहेंगी और खुश रहेंगी तो इसका सीधा असर आपके बच्चे की इम्यूनिटी पर भी पड़ेगा और बच्चा भी स्वस्थ रहेगा।
अपनी इम्यून सिस्टम मजबूत करें इन तरीकों से भी
ऐसा माना जाता है कि प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में कमजोरी और थकान आने लगती है। इस वजह से इम्यूनिटी में फर्क पड़ने लगता है। अगर आप अपनी इम्यूनिटी को पूरे 9 महीने बरकरार रखना चाहती हैं, तो इन तरीकों को अपनाएं और साथ ही साथ अपने शिशु को भी स्वस्थ और तंदुरुस्त बनाए।
1) थोड़ा व्यायाम जरूर करें
अगर आप थोड़ा समय निकालकर व्यायाम कर ले, तो यह इम्यूनिटी को बढ़ाने में मददगार होगा। साथ ही साथ यह आपके बच्चे के लिए भी फायदेमंद होगा। अगर आप डायबिटीज से भी ग्रसित हैं, तो ऐसे में भी आप व्यायाम के माध्यम से भी अपनी इम्यूनिटी को बढ़ा सकती हैं।
2) उचित आहार लें
प्रेगनेंसी में सभी प्रकार के पोस्टिक आहार जैसे प्रोटीन, विटामिन, वसा ,कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार ले। इन सभी आहारो को पर्याप्त मात्रा में लेने पर आपकी इम्यूनिटी में फर्क पड़ेगा। साथ ही साथ आप मेवो, फलों का सेवन अनिवार्य रूप से करें।
3) भरपूर नींद लें
ऐसे समय में आपको आराम की सख्त आवश्यकता है। ऐसे में आप भरपूर नींद, आराम ले। पर्याप्त नींद लेने से आपकी थकान दूर होती है और इससे आपकी इम्यूनिटी भी बढ़ती है।
4) संगीत सुनें
अगर आपको ऐसा लगता है कि आपके पास करने को कोई काम नहीं है, तो ऐसे में आप अपना मनपसंद संगीत सुन सकती हैं। संगीत सुनने से हमारा दिमाग सक्रिय होकर इम्यूनिटी को बढ़ाने का कार्य करता है इसीलिए खा��ी समय में आप संगीत सुनें।
घरेलू उपाय भी हो सकते हैं कारगर
कई बार ऐसा भी होता है कि प्रेगनेंसी में बहुत से समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कुछ घरेलू उपाय करके भी अपने इम्यूनिटी को बढ़ाया जा सकता है।
इसके लिए आप भोजन में ज्यादा से ज्यादा हल्दी, जीरा, लहसुन का उपयोग करें तो यह बहुत ही फायदेमंद होगा। इसके अलावा गुनगुने दूध में हल्दी डालकर पिए तो इससे भी फायदा नजर आता है और घटती इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए हर्बल चाय का भी उपयोग किया जा सकता है।
प्रेगनेंसी में किन आहारो से रहें दूर
प्रेगनेंसी में अपने खान-पान का विशेष ध्यान देना होता है। ऐसे में इन आहारो को लेने से बचना होगा जिनसे इम्यूनिटी में फर्क पड़ता है। कई बार महिलाओं को पर्याप्त जानकारी नहीं होती तो आज हम उन आहारो के बारे में बता रहे हैं, जो आप प्रेगनेंसी में ना लें तो ही बेहतर है।
1) पपीता |papita
पपीते को कभी भी प्रेगनेंसी पीरियड में नहीं खाना चाहिए। पपीते में अत्यधिक मात्रा में लेटेक्स होता है, जो भ्रूण के विकास में बाधक है अतः इस फल से दूर ही रहे।
2) चायनीज फूड |chinese food
लोगों को चाइनीस फूड ज्यादा ही पसंद आते हैं। प्रेगनेंसी में महिलाओं को तरह-तरह की चीजें खाने का मन करता है कुछ भी हो लेकिन ऐसे समय में ज्यादा मात्रा में चाइनीस फूड नहीं खाना चाहिए। चाइनीस फूड में मोनोसोडियम ग्लूटामैट होता है, जो इम्यूनिटी को कम करने का काम करता है और भ्रूण को भी नुकसान होता है। ऐसे में चाइनीस फूड से दूरी बना ले।
3) जिमीकंद | jimikand
प्रेगनेंसी में अपनी इम्यूनिटी को बचाए रखना है, तो जिमीकंद से दूर रहना होगा। जिमीकंद की तासीर गर्म है, जो प्रेगनेंसी में बच्चे की उन्नति कम करने का भी काम करती है।
4) धूम्रपान और शराब | dhoomrapaan aur sharaab
प्रेगनेंसी में शराब और धूम्रपान से दूर रहना ही बेहतर होगा। शिशु के विकास में बाधक होने के साथ-साथ इम्यूनिटी को भी बहुत हद तक कम कर देते हैं अतः इनसे दूरी ही बना ले।
5) चाय और कॉफी | chai or coffee
लोगों को चाय और कॉफी का बहुत ज्यादा ही शौक होता है लेकिन इससे इम्यूनिटी कम होने लगती है खासतौर से प्रेगनेंसी में। चाय और कॉफी में कैफीन होती है जो निश्चित रूप से स्वास्थ्य में गिरावट और इम्यूनिटी कम करने का काम करती है। इन्हें सीमित मात्रा में लेना ही बेहतर होगा।
6) तुलसी के पत्ते | tulsi ke patte
तुलसी को औषधि रूप से महत्वपूर्ण माना जाता रहा है। इसके उपयोग से हम सभी वाकिफ हैं लेकिन प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए हानि प्रद हो सकता है। तुलसी में एस्ट्रो गोल उपस्थित होता है जो शिशु के विकास में भी बाधक होता है।
pregnancy me immunity power kaise badhaye
घरवालों को रखना होगा विशेष ध्यान
जब भी कोई महिला गर्भवती होती है, तो उसे सबसे ज्यादा जरूरत अपने घर वालों की होती है खासतौर पर पति की। ऐसे में घर वालों को भी पूरी तरह से ��हिला का ध्यान रखना चाहिए और उसे खुश रखना चाहिए। जब महिला खुश रहेगी तो प्रेगनेंसी में स्वता ही इम्यूनिटी बढ़ जाएगी इसलिए किसी भी तनाव, प्रेशर से दूर रख कर खुश रहने में ही भलाई है। जीवन में प्रेगनेंसी का दौर बहुत ही महत्वपूर्ण है इसे खुश होकर इससे खुश होकर जिए और घर वालों को भी प्रेग्नेंट महिला की हर खुशी का ख्याल रखना होगा तभी एक स्वस्थ बच्चे का विकास हो पाएगा और कोई भी दिक्कत नहीं आ पाएगी।
महामारी मे ध्यान रखें खुद का
अगर आप प्रेग्नेंट है, तो इस महामारी में अपना खुद का ही ध्यान रखना होगा। प्रेग्नेंट होने पर खुद के साथ साथ बच्चे की जिम्मेदारी भी आपके ही कंधों पर है। ऐसे में सही आहार लें और खुद का सही तरीके से ध्यान रखें। बाहरी लोगों से मिलने से बचें और बाहर तभी निकले जब आपको ज्यादा जरूरत हो। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए फल, हरी पत्तेदार सब्जियों का इस्तेमाल करते रहे। साथ ही साथ गाजर, पालक का सूप व जूस जरूर लें ताकि आपकी इम्यूनिटी इस महामारी में भी बरकरार रहे। यह तो हम नहीं जानते हैं कि महामारी कब खत्म होगी पर इस दौर में खुद का ध्यान रखते हुए अपनी इम्यूनिटी को बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। खुद का ध्यान रखें और स्वस्थ रहे।
निष्कर्ष
इस प्रकार से देखा गया है कि यदि प्रेगनेंसी में खुश रहकर तनाव को दूर कर सही आहार लिया जाए तो अपनी मिनिटी को बढ़ाया जा सकता है। अगर आप अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं तो भी इस माध्यम से भी इम्यूनिटी को बढ़ा सकती हैं। अपने इस कीमती समय को एंजॉय करिए और किसी भी प्रकार के तनाव से दूर रहकर ध्यान रखें। खुद का ध्यान रखने पर ही आप बच्चे पर ध्यान दे पाएंगे। हंसते रहिए, मुस्कुराते रहिए और आने वाले सुनहरे कल की शुरुआत करिए।
हमारा लेख पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद उम्मीद है यह आपके लिए लाभप्रद होगा।
Reference : https://www.ghareluayurvedicupay.com/pregnancy-me-immunity-power-kaise-badhaye/
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प्रेगनेंसी में क्या करना चाहिए
प्रेगनेंसी महिला के जीवन का वह दौर है जिसे प्राप्त करना हर महिला की असीम चाहत होती है। सौभाग्यशाली महिलाओं को यह वरदान भी प्राप्त होता है। सामान्य रूप से देखा जाता है कि इंसान के स्वभाव में परिवर्तन होता रहता है और जब महिला प्रेग्नेंट होती है, तो उनके स्वभाव के कई प्रकार के परिवर्तन देखे जा सकते हैं।
कई बार ऐसा भी होता है कि महिलाएं ऐसे समय में क्या करें समझ ही नहीं पाती, तो ऐसे में हम आपकी समस्या को सुलझाने का प्रयास करेंगे।
प्रेगनेंसी में क्या करना होगा (Pregnancy Me Kya Karna Chahiye)
जब महिला प्रेग्नेंट होती है, तो लोगों की सलाहे भी शुरू हो जाती है। घर के बड़े बुजुर्ग भी अपनी सलाह और अपना अनुभव बताते नजर आ जाते हैं। ऐसे में मन मे कभी-कभी खींझ और चिड़चिड़ापन भी हो जाता है। ऐसे में मन में उलझन रखना सही नहीं है आप खुद से ही अपने आप को जांच सकती हैं।
1) सबसे पहले आप प्रेगनेंसी किट की मदद से अपनी प्रेगनेंसी को जांच स्वयं ही करें। जब आपकी घरेलू रूप से जांच पॉजिटिव आए तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
2) अगर आपके मन में किसी प्रकार की उलझन हो, तो डॉक्टर से अपनी उलझन बताकर उसे दूर करें।
3) अपनी जीवनशैली में बदलाव की आवश्यकता हो तो वह भी जरूर करें।
4) आज कल कई प्रकार की बीमारियां देखी जाती हैं जिनके बचाव के लिए वैक्सीन अवश्य रूप से ही लगवाएं।
5) लोगों को अपनी प्रेगनेंसी के बारे में बताने में जल्दबाजी ना ही करें।
6) अगर हो सके तो स्वास्थ्य बीमा करना सही रहेगा जो आगे चलकर आपके लिए फायदेमंद होगा।
7) प्रेगनेंसी के आने पर एक विशेष बजट बनाएं और उसके अनुरूप ही कार��य करें।
8) प्रेगनेंसी में अपना खास ख्याल रखें।
प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे चेक करें
प्रेगनेंसी में आपके काम आएंगी यह खास टिप्स
प्रेगनेंसी में आराम करने की सलाह दी जाती है लेकिन इसके अलावा भी कुछ टिप्स है जो प्रेगनेंसी में करना फायदेमंद है
1) वजन पर ध्यान रखें |(vajan par dhyan rakhe)
प्रेगनेंसी में वजन का ध्यान रखना भी बहुत ही जरूरी है। इसके लिए आप चिकित्सक से भी परामर्श ले सकती हैं। शरीर का दुबला होना या ना होना भी वजन पर ही निर्भर करता है।
2) अधिक मात्रा में पानी का उपयोग करें
प्रेग्नेंसी के समय ज्यादा पानी का सेवन करें जिनसे बच्चे को सही पोषण मिल सके और शारीरिक विकास भी हो सके।
3) पर्याप्त नींद लें
प्रेगनेंसी में पर्याप्त नींद ले ताकि बच्चे का मानसिक विकास हो सके और आपको भी आराम मिल सके।
4) खान-पान पर ध्यान दें
हमेशा अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना होगा। उचित मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट देना अनिवार्य माना गया है। सही खान-पान से बच्चे की हर अंग का विकास सही तरह से हो पाता है जो आप के खानपान से ही संभव है।
5) साफ सफाई रखें
हमारे चारों और परिवेश में कई प्रकार के जीवाणु होते हैं, जो शरीर में गंदगी उत्पन्न करते हैं। ऐसे में प्रेग्नेंट होने पर अपने आसपास सफाई रखें ताकि आप किसी भी रोग से दूर रह सके। इस समय आपका स्वास्थ्य बहुत मायने रखता है उस पर पूरा ध्यान दें।
6) व्यायाम करें
आपके प्रेगनेंसी में सब कुछ सही है तो आप थोड़ा व्यायाम कर खुद को फिट कर सकती हैं और बच्चे को भी आपके व्यायाम से फायदा ही होगा।
7) संगीत सुनें
संगीत आत्मा को सुकून देने वाला अहसास होता है। जब भी आपको थकान या दर्द हो तो आप संगीत सुनें इससे आपको एक नया माहौल मिलेगा जो किसी भी बोझिल मन से आप को आजाद करेगा।
8) अच्छी पुस्तकें पढ़ें
प्रेगनेंसी में धार्मिक, रचनात्मक पुस्तके पढ़ना आपके लिए फायदेमंद होगा जो बच्चे के हित में भी कार्य करेगा।
प्रेगनेंसी में क्या नहीं करना चाहिए
1) ज्यादा देर तक खड़े रहना 2) ज्यादा झुकने से बचे
प्रेगनेंसी में क्या नहीं करना चाहिए | pregnancy me kya nahi karna chahiye
अक्सर लोग सलाह देते नजर आते हैं कि प्रेगनेंसी में क्या करें और आपको इस बात पर भी गौर करना होगा कि क्या नहीं करें
1) ज्यादा देर तक खड़े रहना | jyada der tak khada rehna
प्रेगनेंसी में थोड़ा बहुत काम करने की सलाह दी जाती है पर कोई भी काम बहुत देर तक खडे़ होकर ना करें। थोड़े थोड़े देर में बैठकर काम करते रहे। ज्यादा खड़े रहने से बच्चे को नुकसान हो सकता है।
2) ज्यादा झुकने से बचे | jyada jhukna se bachne
ज्यादा महिलाएं घर के काम दिनभर करती रहती हैं। बहुत सारे काम ऐसे भी होते हैं तो झुक कर करने पड़ते हैं लेकिन अगर आप प्रेग्नेंट है तो आप ज्यादा नहीं झुके तो ही बेहतर होगा। जो अपने बच्चे की सेहत पर असर डालता है।
3) अल्कोहल से रहे दूर
प्रेगनेंसी में अल्कोहल से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है। ऐसी हालत में अल्कोहल लेने से बच्चे की जान को खतरा हो सकता है क्यो��कि अल्कोहल बच्चे के लिए जहर की तरह कार्य करता है। कभी-कभी अल्कोहल के कारण बच्चे के शरीर सरचना भी बिगड़ सकती है।
4) तनाव से रहें दूर
यह कहना आसान है कि तनाव से दूर ही रहा जाए पर ऐसा होना मुश्किल है लेकिन कोशिश जरूर की जा सकती है। जितना ज्यादा आप तनाव लेंगे उतना ज्यादा बच्चे की सेहत में गिरावट होगी।
5) मसालेदार भोजन से बचें
ऐसे समय में मसालेदार भोजन बिल्कुल ही ना ले। आपके स्वास्थ्य पर ध्यान रखते हुए पोषण युक्त भोजन ही करें।
6) टाइट कपड़े से करें परहेज
कई महिलाओं को टाइट कपड़े पहनने का शौक होता है लेकिन प्रेगनेंसी हो तो कुछ महीनों के लिए इन्हें अलविदा कहना ही बेहतर होगा। कपड़े बच्चे के विकास में अवरोध पैदा करते हैं।
प्रेगनेंसी क्या है और शुरुआती लक्षण क्या है, प्रेगनेंसी कैसे रोक सकते हैं
प्रेगनेंसी में हंसना है अनिवार्य | pregnancy mein hasna bhi jaruri hai
अगर आप प्रेग्नेंट है, तो ऐसे में आपको हमेशा हंसते और खुश रहने की सलाह दी जाती है जो सही भी है। जब भी प्रेगनेंसी में हंसा जाता है तो सारे अंग सक्रिय होकर बच्चे की प्रगति में सहायक हो जाते हैं। जब प्रेग्नेंट महिला हंसती है, तो सारी पॉजिटिव एनर्जी सीधे बच्चे पर असर डालती है। ऐसे में डॉक्टर भी हमेशा हंसने और खुश रहने की सलाह देते हैं।
अपने बेडरूम में हंसते हुए बच्चे की तस्वीर लगाएं
अगर प्रेग्नेंट होने पर महिलाएं अपने बेडरूम में हंसते हुए बच्चे की फोटो लगाई जाती है तो इससे ऊर्जा मिलती है। ऐसी सकारात्मकता वाली फोटो लगाने से प्रेग्नेंट महिला को भी फायदा होता है और सक्रिय ऊर्जा का विस्तार होता है। ऐसी तस्वीरें लगाने और उसे रोजाना देखने से भी मन प्रसन्न रहता है और दिन अच्छा बीतता है।
प्रेगनेंसी में करें इन घरेलू कामों को भी | pregnancy me kare in gharelu kam ko bhi karen
प्रेगनेंसी में आराम करना जरूरी है लेकिन इनके साथ ही साथ कुछ घरेलू काम करके भी आप खुद को स्वस्थ रख सकती हैं।
1) आजकल झाड़ू और पोछा की प्राचीन पद्धति खत्म हो चुकी है और आधुनिक रूप से खड़े होकर भी आप इन कार्यों को कर सकती हैं। जिसमें आप आराम से खड़े होकर भी कर सकती हैं और थोड़ा आप का व्यायाम भी हो जाएगा।
2) इसके अलावा आप बैठ कर भी सब्जियां काटने का काम कर सकती है, जो आपको नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
3) आप खड़े होकर भी कुछ बर्तनों को धोने का काम आसानी से कर सकती हैं ज्यादा थकान होने पर बैठ जाएं।
4) थोड़ा बहुत आप पेड़ पौधों को भी पानी देने का काम कर सकती हैं, जो आपको ही प्रकार की आत्म संतुष्टि भी देगा।
5) किचन में खाना बनाने का भी काम किया जा सकता है, जो आपके लिए आवश्यक और आसान भी होता है। कोशिश करें कि ज्यादा देर तक खड़े होना ना पड़े।
6) घर में पालतू जानवरों से दूर रहे। उनके बालों में पाए जाने वाले जीवाणु आपके अंदर प्रवेश कर जाने की स्थिति में आपको नुकसान होगा।
प्रेगनेंसी में स्नान है अनिवार्य | pregnancy me snan karna chahiye
स्नान एक बहुत ही सजग प्रक्रिया है जिस��े माध्यम से हम खुद ��ें ताजगी ला सकते हैं और थकान को दूर भी कर सकते हैं। अगर प्रेगनेंसी में ठंडे पानी से स्नान किया जाए तो यह फायदेमंद है लेकिन अगर आप गर्म पानी या गुनगुने पानी से स्नान करें ,तो आपको नुकसान होगा। डॉक्टरों के अनुसार प्रेगनेंसी में स्टीम बाथ भी नहीं लेना चाहिए क्योंकि इससे शरीर का तापमान बढ़ सकता है और कमजोरी, थकान भी आ सकती है। जैसे जैसे दिन बढ़ते जाते हैं वैसे वैसे कुछ परेशानी हो सकती है इस बात का ख्याल रखें और सुरक्षित तरीके से ही स्नान करें।
परिवार वालों का सहयोग है जरूरी
जब एक महिला प्रेग्नेंट होती है, तो ऐसे में उसे सभी घरवालों का सहयोग की आवश्यकता होती है। बच्चा सिर्फ उस महिला का नहीं बल्कि पूरे घर का ही है। ऐसे में घर वालों से सहयोग की उम्मीद करना गलत नहीं है। घर वालों के सहयोग से प्रेगनेंसी का समय भी आसानी से कट जाता है ऐसे में महिला के खान-पान रहन-सहन का पूरा ध्यान रखना अनिवार्य है। महिला भी अपने दर्द के समय में परिवार की ओर ही देखती हैं ऐसे में अपना समय और सहयोग दें।
अगर आप पति हैं, तो पत्नी को खुश रखें और उनकी हर इच्छा को जानने की कोशिश करें।
डॉक्टर की सलाह होगी फायदेमंद
प्रेगनेंसी समय में मन में बेचैनी और डर भी रहता है। पहली बार मां बनने पर मन में उलझन भी बनी रहती है। कुछ भी समझ में नहीं आता है कई बार तो बात करने वाला भी कोई नहीं होता। ऐसे में आप डॉक्टर से जाकर सलाह ले सकती हैं। अपने मन में चल रहे मनोभावों को भी आप बता सकती हैं। डॉक्टर आपकी हर संभव मदद करेंगी और आपकी उहापोह को खत्म करने का प्रयास करेंगे। अतः किसी भी प्रकार की शर्म और शंका से दूर हटकर डॉक्टर से बात कर समस्या का समाधान करें।
निष्कर्ष
प्रेगनेंसी जीवन का खूबसूरत दौर है, जब आपको खुश रहने की आवश्यकता है। इस लेख में हमने आपको बताने की कोशिश की है कि आपको प्रेग्नेंसी के समय में क्या करना सही होगा। ऐसे समय में खुश रह कर अपने आप को आगे बढ़ाना होगा तभी बच्चे का सही विकास हो पाएगा। मां के सकारात्मक सोच से ही बच्चा भी सकारात्मक रूप से जन्म लेगा। अतः स्वस्थ रहे, खुश रहे और प्रकृति के इस अनुपम सौगात का खुशी-खुशी दुनिया में स्वागत करें।
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मुहांसों को ठीक करने के घरेलू उपाय
हमेशा इंसान की खूबसूरती का पैमाना उसका चेहरा होता है। ऐसा कहा जाता है कि चेहरा इंसान के दिल की सच्चाई को बयान करता है। यदि आप किसी बात से परेशान या काम की थकान हो, तो उसका असर चेहरे पर साफ तरीके से देखा जा सकता है।
ऐसे में बहुत जरूरी है कि खुश रहा जाए ताकि इसका असर चेहरे पर दिखाई दे। ऐसे में चेहरे को हमेशा स्वस्थ रखा जाना चाहिए। कई बार चेहरे को भी कई प्रकार की समस्याएं होती हैं उनमें से एक हैं मुंहासों ��ी समस्या।
क्या होते हैं मुंहासे | kya hota hai muhase
मुहाँसे एक प्रकार का त्वचा संबंधी विकार है, जो तेल ग्रंथियों के बहुत ज्यादा सक्रिय होने पर उत्पन्न होते हैं। कभी-कभी ऐसा भी देखा गया है कि मुहांसों का कारण मृत कोशिका बन जाते हैं। यह दर्द वाले होते हैं और अपना आकार भी बदलते रहते हैं। यह कई प्रकार के होते हैं और कई बार इन मुहांसों के कारण चेहरे पर कुछ ज्यादा देखे जाते हैं। मुहांसों होने के शुरुआत में त्वचा लाल हो जाती है और वही से मुहांसों की पहचान की जा सकती है। कई बार मुहांसों के कारण खुजली भी हो सकती है।
मुंहासे होने के कारण- muhase hone ke karan
मुंहासे होने के कई कारण होते हैं
1) तेलीय ग्रंथि का विकास — जब शरीर में तेल की ��ात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है, तो तेल ग्रंथि बहुत जल्दी विकसित हो जाती है और मुहांसे उत्पन्न हो जाते हैं।
2) दवाईयों का साइड इफेक्ट — कई बार ऐसा भी होता है कि दूसरे किसी इलाज के दवाइयों से भी साइड इफेक्ट देखा गया है और यह गलत इफेक्ट चेहरे पर ही नजर आता है।
3) पाचन सही नहीं होना — कई बार पेट की गड़बड़ी से भी मुहांसों का जन्म होता है, तो थोड़ा बचकर और संभल कर ही खान-पान करें।
4) तनाव लेना — जब तक इंसान अंदर से मजबूत नहीं होगा, तब तक वह बाहर से भी मजबूत नहीं हो पाएगा इसीलिए बहुत ज्यादा तनाव लेने से बचें। तनाव लेने से भी मुंहासों की समस्या होने लगती है।
मुहांसों को दूर करने के घरेलू उपाय | muhase ko dur karne ke gharelu upay
मुहांसों की शुरुआत किशोरावस्था में होती है, जब हार्मोन का भी बदलाव होता रहता है। अगर आप भी अपने मुहांसों से लगातार परेशान हैं, तो ऐसे में आप घरेलू उपाय करके भी लाभ ले सकते हैं।
1) मुल्तानी मिट्टी और चंदन पाउडर — अगर आप लगातार मुहांसों से परेशान हो रहे हैं, तो ऐसे में मुल्तानी मिट्टी का उपयोग किया जा सकता है। मुल्तानी मिट्टी चेहरे को ठंडक देते हैं जो मुहांसों को कम करने का काम ही करते हैं। इसके लिए आप मुल्तानी मिट्टी, चंदन पाउडर को बराबर मात्रा में लेकर उसमें गुलाब जल डालकर मिक्स करें। उसे अपने मुंहासे पर 15 मिनट तक लगा रहने दें उसके बाद ठंडे पानी से धो लें। इस उपाय से आपको फायदा होगा।
2) टूथपेस्ट — आपने आज तक टूथपेस्ट का उपयोग दांतों को स्वस्थ बनाने में किया होगा लेकिन आप अगर सफेद टूथपेस्ट को मुहांसों पर लगाएं तो इससे और भी ज्यादा फायदा होगा और जल्द ही ठीक हो जाएंगे।
3) संतरे का छिलका — संतरे में विटामिन सी होता है और यह चेहरे के लिए भी फायदेमंद है। अगर आप संतरे के छिलके को तेज धूप में कुछ दिनों तक सुखाकर कर रख ले और फिर उसे कूटकर पीस ले। अब उसे पानी के साथ मिलाकर एक लेप तैयार कर मुहांसों पर लगाएं तो यह बहुत ही फायदा करेगा।
4) एलोवेरा — इसमें कई प्रकार के औषधि गुण होते हैं जो निश्चित रूप से कई प्रकार की समस्याओं को खत्म कर देते हैं। ऐसे में एलोवेरा को बीच में काट कर उसके गूदे को निकाल कर अपने मुंहासे में लगाएं तो ठंडक मिलेगी और जल्द ही मुहासे ठीक हो जाएंगे। बाजार में मिलने वाले एलोवेरा जेल का उपयोग भी किया जा सकता है।
5) नीम — भारतीय संस्कृति में नीम का विशेष महत्व है। इसे कई प्रकार की बीमारियों को आसानी से ही ठीक कर सकते हैं। अगर आप नीम में थोड़ा सा पानी डालकर पीस लें और उसे अपने मुहांसों पर लगाएं तो निश्चित ही इससे फायदा होगा।
6) मेथी — मेथी में एंटीऑक्सीडेंट गुण हैं, जो प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाने का ही काम करते हैं। ऐसे में आप मेथी के बीजों का इस्तेमाल कर सकती हैं इसके लिए आप मेथी के बीजों को पानी के साथ पीस लें और उसे मुहासे पर लगाएं। 15 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लें इससे ही निश्चित रूप से फायदा होगा।
7) हल्दी — हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण है, जो चेहरे की रंगत निखारने में विशेष योगदान देते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो मजबूती देते हैं। अगर आप हल्दी में थोड़ा सा दूध और एक चम्मच पानी मिलाकर उसे अपने मुंहासे में लगाए तो इससे निश्चित रूप से फायदा होगा।
8) शहद — शहद ऐसा घटक है, जो जीवाणुओं की वृद्धि को कम करने का काम करते हैं। ऐसे में अगर आप थोड़े से शहद को अपने मुहांसों पर लगाएं तो इससे भी फायदा होगा। शहद मुहांसों को बढ़ने नहीं देगा।
9) नींबू का रस — इसमें विटामिन सी होता है, जो त्वचा को सही रखता है और किसी प्रकार के दाग, धब्बों से बचाता है। ऐसे में आप नींबू के रस को नियमित रूप से मुहांसों पर लगाएं तो इससे बड़ा फायदा होगा अतः इसका एक बार जरूर उपयोग करें।
10) सेब का सिरका — सेब का सिरका भी बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। अगर आप इसे अपने मुहांसो पर लगाए तो निश्चित रूप से ही आपको फायदा होगा इसे जरूर आजमाएं।
यह आदतें बनती है कारण मुहांसों का
मुहांसों की असली वजह के लिए हम कई जगह खोज करते रहते हैं लेकिन कभी-कभी मुंहासे हमारी गलत आदत के कारण भी हो सकते हैं। आप आदतों को बदलकर मुहांसों की समस्या से छुटकारा ले सकते हैं।
1) मेकअप का सामान — जिस मेकअप के सामान को हम खुद के लिए अच्छा मानते हैं, वह भी कहीं ना कहीं हमारे लिए सही नहीं होते हैं। हर मेकअप के सामान में एक एक्सपायरी डेट होती है उसके अनुसार इस्तेमाल किया जाना सही होता है। मेकअप में इस्तेमाल होने वाले सामान को बिल्कुल साफ करके रखना चाहिए। इससे नए बैक्टीरिया उत्पन्न नहीं होंगे और मुंहासों बढ़ नहीं पाएंगे।
2) खान-पान का ध्यान — आजकल कई प्रकार के जंग फूड का चलन जोरों पर है। अगर आपको बहुत ज्यादा मात्रा में तेलीय, मसालेदार, तला हुआ खाना खाते हैं तो ऐसे में आपके लिए नुकसान हैं। अगर आप खाने के शौकीन हैं, तो बहुत भी कम मात्रा में ऐसे खाने का सेवन करें जिससे कम से कम नुकसान हो सके।
3) साफ सफाई रखें — हमेशा अपने आसपास पूरी सफाई रखें क्योंकि सामानों पर जमी गंदगी, धूल आप को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में आप उस कमरे की ज्यादा सफाई रखें जहां आप ज्यादा समय बिताते हैं इसके अलावा उपयोग किए जाने वाले सामानों की भी साफ सफाई रखें।
4) बार-बार चेहरा धोना — कई बार ऐसा देखा जाता है कि लोग बार बार अपना चेहरा धोते हैं। इस बात पर ध्यान नहीं देते कि चेहरा धोने से चेहरा रुखा हो जाता है। यह भी एक वजह होती है जब मुहाँसे शुरू होने लगते हैं।
5). चाय कॉफी से दूरी — बहुत से लोगों को चाय कॉफी पीना बहुत ही अच्छा लगता है और वे दिन में कई कई बार इसका सेवन कर लेते हैं। इन पेय पदार्थों में कैफीन हैं, जो शरीर एवं चेहरे को भी नुकसान पहुंचाती हैं। दिन में एक बार चाय, कॉफी लेना सही रहता है।
मुहांसों से बचने के लिए ले इन आहारो को | muhase se bachne ke liye le ine ahar
कई बार मुहांसों का सीधा संबंध हमारे खान-पान से ही होता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कैसा आहार मुहांसे में लेना होगा।
1) अंडा — अंडे में से कई गुण हैं, जो हमें आंतरिक रूप से ��जबूती देते हैं। अंडे की तासीर गर्म होते हुए भी यह मुहांसों को दूर करने में कारगर होता है। इस में उपस्थित कई प्रकार के प्रोटीन और विटामिन मुहांसों से सुरक्षा देते हैं।
2) मेवे — अगर आप मेवो का उपयोग करें खासतौर से काजू का तो यह आपके लिए फायदेमंद है। काजू शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाता है और किसी भी प्रकार की सूजन को दूर करता है इसीलिए मेवे का सेवन जरूर करें। इसके अलावा काजू में जिंक होता है, जो मुहांसों को दूर करता है।
3) फल — मुहाँसे तेलीय ग्रंथि के सक्रिय हो जाने पर होते हैं। ऐसे में आप पानी वाले फल तरबूज, ककड़ी, खीरे का उपयोग करें तो यह तेलीय ग्रंथि को विकसित होने से रोकते हैं। इन फलों का सेवन करें।
4). मछली — जो लोग नॉनवेज खाते हैं, वे मछली का सेवन कर सकते हैं। मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में है, जो मुहांसों को दूर करने का काम करती है।
5) चुकंदर — चुकंदर में अत्यधिक मात्रा में विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन होता है, जो चेहरे से मुहांसों को दूर करने का काम करते हैं। इन्हे आप सलाद के रूप में भी खा सकते हैं।
6) कद्दू के बीज — आपको ऐसे आहार लेना चाहिए जिन्हें पर्याप्त मात्रा में जिंक हो। ऐसे में कद्दू के बीज बेहतर विकल्प हो सकते हैं। इसमें आप किसी अन्य दाग-धब्बे से दूर रह सकते हैं।आप चाहे तो बीजों का पाउडर बनाकर भी सेवन कर सकते हैं।
7) विटामिन युक्त चीजें — ऐसी चीज है जिनमें विटामिन अत्यधिक मात्रा में हो उनका सेवन अपने आहार में करें। मुख्य रूप से गाजर, बींस, पालक, अंडा, फलों का सेवन जरूर करें। इसमें भी मुहांसों की समस्या से निजात मिलेगी।
इन आहारो का सेवन बिल्कुल ना करें
1) मसालेदार खाना — जब भी आपको मुंहासे हो, तो मसालेदार खाने को ना ही करें। यह शरीर में गर्मी को बढ़ाते हैं और तेलीय ग्रंथि को सक्रिय करते हैं। ऐसे में इन आहारो दूरी बना ले और कुछ दिनों के लिए अपने मसालेदार आहार के शौक को त्याग दें।
2) चाँकलेट — चॉकलेट खाना हम सभी को पसंद है लेकिन अगर आपको मुहासे हैं, तो इन्हें बिल्कुल ना खाएं। चॉकलेट में डेयरी प्रोडक्ट, रिफाइंड शुगर, कैफीन है, जो हमारे चेहरे के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है।
3) व्हाइट ब्रेड— अगर आप व्हाइट ब्रेड का सेवन कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए। ब्रेड में पाए जाने वाला ग्लूटेन मुहांसों को फैलाने का काम करते हैं अतः इन से दूरी बना ले।
4) चिप्स — बच्चों और युवाओं को चिप्स खाने का शौक होता है। इससे बहुत ज्यादा मात्रा में हानिकारक कार्बोहाइड्रेट, तेल मसाले होते हैं, जो चेहरे को नुकसान पहुंचाते हैं। कोशिश करें और इन चिप्स से दूरी बना ले।
घर पर बॉडी बनाने के तरीके
युवाओं की है मुख्य समस्या
मुंहासों की समस्या मुख्य रूप से युवाओं में ही देखी गई है। इसी उम्र में हार्मोन में विशेष बदलाव होते हैं, जो मुहांसों का कारण होते हैं। इसके बाद उनकी जीवनशैली, खानपान भी असर डालते हैं। ऐसे में युवाओं को सचेत रहने की आवश्यकता है। यदि ध्यान नहीं दिया गया तो यह समस्या बढ़ भी जाती है। ऐसे में विशेष ध्यान दें। युवाओं को ऐसे में खुद पर ध्यान देने की बहुत ज्यादा आवश्यकता है।
निष्कर्ष
इस प्रकार से हमने देखा कि मुंहासे एक ऐसी समस्या है जो बढ़ती जाती है। ऐसे में खुद पर पूरा ध्यान दें, ज्यादा तनाव ना लें और खुश रहें। ऐसा आहार ले ,जो आवश्यक हो और आप को स्वस्थ रखने में सहायक हो। मुंहासे होने के कई कारण हैं उन कारणों को पता कर आगे बढ़े, खुद में आत्मविश्वास बनाए रखें और भविष्य की योजनाओं को सफल करें।
Source Url : https://www.ghareluayurvedicupay.com/muhase-ko-thik-karne-ke-gharelu-upay/
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हाई ब्लड प्रेशर के घरेलू उपाय
जैसा की सर्वविदित है कि हमारी इस दुनिया में आने पर हमें कोई ना कोई समस्या बनी ही रहती हैं फिर वह सामाजिक, शारीरिक, मानसिक किसी भी रूप में हो सकती है। अगर शारीरिक रूप से बात की जाए तो कई सारी बीमारी की समस्या हमें घेरे रहती है। इन बीमारियों को बढ़ने से रोकना हमारे ही हाथों में होता है। आज हम बात करेंगे हाई ब्लड प्रेशर के बारे में, जो आज एक सामान्य शारीरिक समस्या नजर आती है।
क्या है हाई ब्लड प्रेशर | Kya Hai High Blood Pressure
सामान्य सी नजर आने वाली यह बीमारी कभी-कभी अपना घातक स्वरूप भी दिखा देती है। जिसमें दिल की धमनी में रक्त का प्रवाह सामान्य से कहीं ज्यादा हो जाता है। सही समय पर इस बीमारी का पता लगाना और उस पर नियंत्रण होना जरूरी होता है। सामान्य से दिखने वाली बीमारी बाद में बड़ी बीमारी का रूप ले लेती है और हमें पता भी नहीं चलता। ऐसे में अपना ध्यान रखें।
हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण | High Blood Pressure Ke Lakshan In Hindi
इस बीमारी से बचाव के लिए इसके लक्षणों का पता होना जरूरी है ताकि नियमित इलाज कराया जा सके।
1) थकान महसूस होना – कभी-कभी बहुत काम करते करते थक जाते हैं और इस बात को गंभीरता से नहीं लेते पर क्या आप जानते हैं कि बार-बार थकान होना हाई ब्लड प्रेशर के शुरुआती लक्षण होते हैं।
2) सिर दर्द होना — कई बार ऐसा भी होता है कि बार-बार सिर दर्द होता है और हमें ऐसा लगता है कि ऐसा थकान या किसी और वजह से हो रहा है लेकिन एक सर्वे के अनुसार लगातार सिर दर्द बना रहना हाई ब्लड प्रेशर के लक्षणों में से एक होता है।
3) दिल की धड़कनों का अनियमित होना — कभी-कभी हमें ऐसा महसूस होता है कि दिल की धड़कन सामान्य गति से कहीं ज्यादा चल रही है। यह गति कुछ अनियमित हो गई है ऐसे में सचेत हो जाएं क्योंकि यह बढ़े ब्लड प्रेशर का ही संकेत है।
4) सांस लेने में तकलीफ होना — कई बार सांस लेने में तकलीफ होना भी देखा गया है। शुरुआत में तो हम समझ नहीं पाते पर यह भी कहीं ना कहीं हाई ब्लड प्रेशर का ही लक्षण है।
क्या है हाई ब्लड प्रेशर होने की वजह
1) खाने में नमक की अधिकता — कई बार लोग अधिक नमक युक्त भोजन करना पसंद करते हैं बिना इस बात की परवाह किए कि यह हमारे लिए बहुत नुकसानदायक है। जब भी किसी व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, तो इसकी सबसे बड़ी वजह खाने में अधिक नमक का होना है।
2) मोटापा — अगर आपका वजन पिछले कुछ दिनों से बढ़ता ही जा रहा है, तो यह चिंता का विषय है। क्योंकि मोटापा हाई ब्लड प्रेशर की एक मुख्य वजह है। यही कारण ��ै कि डॉक्टर भी हमेशा मोटापा कम करने की सलाह देते हैं।
3) व्यायाम ना करना — लोग अपनी दिनचर्या में इतना व्यस्त होते हैं कि व्यायाम करने का समय नहीं मिलता और हाई ब्लड प्रेशर का शिकार हो जाते हैं। कोशिश करके आधे घंटे ही सही व्यायाम अवश्य ही करें।
4) तनाव लेना — जो लोग किसी न किसी समस्या से तनाव में रहते हैं, उन्हें हाई ब्लड प्रेशर की समस्या आसानी से हो सकती है। ऐसे में तनाव से दूर ��हने की कोशिश करें।
5) धूम्रपान करना — आज की युवा पीढ़ी धूम्रपान की आदि होती जा रही है, जो बाद में घातक रूप धारण कर लेती है। यह कई बीमारियों को भी न्योता देती हैं और उनमें एक मुख्य बीमारी हाई ब्लड प्रेशर की भी है।
हाई ब्लड प्रेशर को ठीक करने के घरेलू उपाय | High blood Pressure ko thik karne ke gharelu upay
आप अगर चाहे तो अपनी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को हमारे बताएं gharelu नुस्खे से भी ठीक कर सकते हैं।
1) नींबू — इस समस्या से बचने के लिए एक गिलास गर्म पानी में यदि आप एक नीबू निचोड़ कर उसका 1 दिन में 2 बार सेवन करे, तो इससे आपको बहुत ही फायदा होने वाला है।
2) दालचीनी — अगर आप दालचीनी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग खाने के रूप में करें तो यह आपको फायदा पहुंचाएगा। अगर आप चाहे तो इस का पाउडर बनाकर भी रखा जा सकता है।
3) कढ़ी पत्ते — आपने देखा होगा कि घर में बनने वाले कुछ व्यंजनों में कढी़ पत्ते डाले जाते हैं। यह सिर्फ जायका हीं नहीं बदलते बल्कि हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करते हैं। आप चाहे तो कड़ी पत्तों को गरम पानी में उबालकर और उसे छानकर भी पी सकते हैं इससे निश्चित रूप से आप को फायदा होगा।
4) कद्दू के बीज — जब भी कोई व्यंजन बनाया जाए तो उनमें कद्दू के बीज डालने पर ब्लड प्रेशर में सुधार आता है। इसमें उपस्थित मैग्नीशियम यूरिन के अतिरिक्त सोडियम को बाहर निकालने का काम करते हैं ऐसे में कद्दू के बीज आवश्यक रूप से ले।
5) प्याज और शहद — अगर आप एक प्याज को पीसकर उसमें शहद का सेवन करें तो निश्चित रूप से इससे आपका हाई ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहेगा।
6) ओटमील — अगर आप अपने नाश्ते में नियमित रूप से या दो दिन में एक बार ओटमील का सेवन करें इससे आपको फायदा होगा। ओटमील में हाई फाइबर और लो फैट होता है, जो ब्लड प्रेशर को सही रखता है।
7) दही — अपने बढ़ते हुए ब्लड प्रेशर को कम करने के इच्छुक हैं, तो रोजाना दही का सेवन करें इससे आपको फायदा होगा और ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहेगा।
8) चुकंदर — अगर आप चुकंदर का उपयोग करें तो यह भी फायदेमंद होगा। चुकंदर में नाइट्रिक एसिड है, जो ब्लड वेसल में प्रेशर को कम करने का काम करता है। इसका सेवन आप सलाद या जूस के रूप में भी कर सकते हैं।
9) लहसुन — अगर आप नियमित रूप से लहसुन का उपयोग करें तो आपको इस में उपस्थित नाइट्रिक ऑक्साइड की वजह से बढ़ता हुआ ब्लड प्रेशर को कम करने में मददगार होगा। आप चाहे तो कच्चे लहसुन का सेवन भी कर सकते हैं।
10) आंवला — अगर आप लगातार High blood Pressure से दो-चार हो रहे हो, तो आंवला का सेवन किया जा सकता है। आप चाहे तो इसका उपयोग पाउडर के रूप में या कच्चा ही खाया जा सकता है।
11) हल्दी — हल्दी कई रोगों के लिए कारगर है। ऐसे में अगर आप हल्दी का सेवन करें तो इसमें उपस्थित तत्व करक्यूमिन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखता है। आप अगर दूध में हल्दी डालकर पिए तो यह भी फायदेमंद होगा।
12) सेब का सिरका — अगर आप गर्म पानी के साथ सेब के सिरके का उपयोग करें तो यह भी ब्लड प्रेशर को कम करने का काम करता है।
यह जूस भी है फायदेमंद हाई ब्लड प्रेशर में
अगर आप खानपान के अलावा कुछ विशेष जूस का उपयोग करें तो इस से भी अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखा जा सकता है।
1) अनार का जूस – अगर आप High blood Pressure के शिकार हैं, तो अनार का जूस फायदेमंद होगा। दरअसल अनार में विटामिन और पोटेश��यम भरपूर मात्रा में होता है, जो ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक है। इसमें पाया जाने वाला एंजाइम ब्लड प्रेशर को बढ़ने से भी रोकता है।
2) संतरे का जूस – संतरे में विटामिन भरपूर मात्रा में होती है साथ ही साथ फोलेट, पोटेशियम, बायोफ्लेवोनाइड्स भी होते हैं, जो बढे़ हुए ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक है। अतः ऐसे संतरे के जूस का इस्तेमाल अवश्य करें।
इम्यूनिटी बूस्टर जूस बनाने के तरीके
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हाई ब्लड प्रेशर मरीज का कैसा हो आहार
हाई ब्लड प्रेशर के मरीज को अपना आहार सोच समझ कर लेना होगा जिससे कम से कम नुकसान हो सके।
1) ऐसे में मरीजों को कम से कम नमक का सेवन करना चाहिए।
2) ऐसे में हल्का भोजन ही करें साथ ही साथ कम से कम मसालेदार भोजन ही करें।
3) अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा फल और हरी सब्जियों का उपयोग करना चाहिए ताकि सेहत में सुधार हो सके।
4) अपने आहार में अजवाइन, मुनक्का और अदरक का सेवन आवश्यक रूप से करें।
5) फलों में भी अंगूर, पपीता, सेब, संतरा, आवंला का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें।
6) दिन में 8 से 10 गिलास पानी का सेवन करें इससे शरीर को पोषण की कमी नहीं हो पाती है।
7) अगर आपको पसंद हो तो बाजरा, ज्वार, मूंग, अंकुरित दालों का सेवन करना चाहिए।
8) सब्जियों के रूप में तोरई, पुदीना, परवल, कद्दू, करेला आदि का सेवन करना आवश्यक माना गया है।
युवा आए हाई ब्लड प्रेशर की चपेट में
आज के समय में High blood Pressure की समस्या बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में खान-पान का ध्यान रखने की आवश्यकता है। ऐसा देखा जा रहा है कि ज्यादातर युवा वर्ग 25 से 30 वर्ष के लोग इस से पीड़ित हो रहे हैं इसका कारण उनका खान-पान और जीवनशैली है। अक्सर युवा वर्ग लापरवाही करते हुए खाना खा लेते हैं जो स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। एक वजह है कि एक ही जगह पर बैठकर घंटों काम करते रहते हैं। जो सही नहीं है। ऐसे में युवाओं में यह समस्या बढ़ती ही जा रही है तो उन्हें अपनी दिनचर्या और खान-पान को व्यवस्थित रखना होगा तभी इस बीमारी को दूर किया जा सकेगा।
कितना ब्लड प्रेशर होता है अनिवार्य
ब्लड प्रेशर उम्र के हिसाब से भी नियंत्रित होना अनिवार्य है। ऐसा देखा गया है कि 50 वर्ष से अधिक पुरुषों का ब्लड प्रेशर 131- 87mmhg और महिलाओं का 130– 86 Mmhg होना चाहिए।
वही 60 साल से अधिक के लोगों का ब्लड प्रेशर पुरुषों में 135 — 88 Mmhg और महिलाओं में 134 –84 Mmhg होना चाहिए। समय समय पर अपना ब्लड प्रेशर जांच करवाना चाहिए।
युवा वर्ग में देखा जाए तो 15 से 18 वर्ष की उम्र के लड़कों का 117 — 77 Mmhg और लड़कियों का 120 — 85 Mmhg होना अनिवार्य माना गया है।
19 से 24 वर्ष के लड़कों और लड़कियों का 120 — 79 Mmhg तक ब्लड प्रेशर होना जरूरी है।
इसके बाद 30 से 40 वर्ष के पुरुषों का ब्लड प्रेशर 122– 81 Mmhg और महिलाओं का 123 — 82 Mmhg होना चाहिए।
निष्कर्ष
इस प्रकार से High blood Pressure ke gharelu upay में हमने जाना कि ब्लड प्रेशर को सामान्य रखना आवश्यक है जिससे कई बीमारियों से बचा जा सके। इसके लिए अपने जीवनशैली और खानपान का विशेष ध्यान रखे और पूरा आराम करें। जब तक आप खुद का ख्याल नहीं रखेंगे, तब तक परिवार का ध्यान नहीं रख पाएंगे। स्वस्थ रहें और सुरक्षित रहें, हमारी यही कामना है।
Source : https://www.ghareluayurvedicupay.com/high-blood-pressure-ke-gharelu-upay/
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दाद ठीक करने का घरेलू उपाय
इस बदलती जीवनशैली में हम अपने आसपास कई प्रकार की बीमारियों को देखते हैं। इनमें से कोई बीमारी सामान्य होती है और इनका इलाज भी सामान्य रूप से हो जाता है लेकिन कुछ बीमारी ऐसे भी हैं जिनके बारे में हमें ज्यादा जानकारी नहीं होती और उनके बारे में कई प्रकार की भ्रांतियां भी फैली रहती हैं। उनमें से एक है दाद की बीमारी।
दाद क्या है | daad kya hai
दरअसल दाद एक प्रकार के संक्रमण के रूप में हमें नजर आता है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। यह हमेशा त्वचा की ऊप��ी परत पर दिखाई देता है। शरीर के जिस हिस्से में यह समस्या हो जाती है वहां पर लाल चकत्ते दिखाई देते हैं जहां पर अत्यधिक खुजली महसूस होती है। कभी-कभी तो उसी के कारण संक्रमित जगह पर घाव भी हो सकता है। शुरुआत में इसकी पहचान करना मुश्किल होता है और जब तक पता चलता है तब तक यह फैल चुका होता है ऐसे में बिल्कुल भी लापरवाही ना बरतें।
दाद के मुख्य प्रकार | daad ke mukhya prakar
दाद कई प्रकार के होते हैं और यह शरीर के अलग-अलग भागों में संक्रमण करने का काम करते हैं।
1) टीनिया बारबाई — यह संक्रमण हमेशा चेहरे पर होता है शुरुआत में इतना छोटा होता है कि आपको सही तरीके से दिखाई भी नहीं देता है। जहां दाढ़ी होती है वहां पर इन्हें देखा गया है, जो धीरे-धीरे खुजली का रूप ले लेते हैं।
2) टीनिया पिडिस — यह संक्रमण पैरों में होता है। यह उन लोगों में होता है, जो पानी वाले जगहों पर ज्यादा रहते हैं। यह पानी में पाए जाते हैं और इसके लिए यह अधिकतर स्विमिंग पूल, नदी, तालाब में जाने वाले लोगों को होता है।
3) टीनिया कैपेटिस — यह संक्रमण खोपड़ी में होता है, जो बच्चों में देखा गया है। जब बच्चे स्कूल या कॉलेज में जाते हैं, तो उस समय उन्हें परेशान कर देता है। ऐसे में बहुत ज्यादा खुजली होती है। इसके लिए डॉक्टर के पास जाना भी पड़ सकता है।
4) टीनिया कूसिस — यह दाद हड्डियों, जोड़ों में होता है और उस जगह पर चकत्ते बन जाते हैं जिससे त्वचा लाल हो जाती है। यह दाद प्रायः लड़कों में देखा गया है।
दाद होने के मुख्य लक्षण | daad hone ke mukhya lakshan in hindi
शुरुआत में हमें दाद की पहचान नहीं हो पाती ऐसे में दाद को लक्षणों के माध्यम से पहचान की जा सकती है।
1) संक्रमित भाग में लाल दाने होना।
2) अत्यधिक खुजली होना।
3) बालों का टूटना।
4) खुजली के वजह से फफोले होना।
5) ऊपर की ओर उभार वाले दाग होना।
दाद होने के कारण | daad hone ke Karan
लोगों को इस बारे में पूर्ण जानकारी नहीं है और डरते रहते हैं। आज हम आपको दाद होने के कारण की जानकारी देंगे।
1) दाद हमेशा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने से होता है। यदि संक्रमित व्यक्ति, स्वस्थ व्यक्ति के पास जाए तो स्वता दाद स्वस्थ व्यक्ति तक पहुंच जाएगा।
2) कई बार दाद होने की वजह निर्जीव वस्तु से संक्रमण भी होता है। ऐसी वस्तु जिस पर पहले से ही दाद का संक्रमण हो, तो इनसे वह संक्रमण आपके पास आ सकता है।
3) यदि आपके घर में पल रहे कोई जानवर जैसे कुत्ता, बिल्ली में दाद हो, तो आपको भी हो सकता है क्योंकि पूरे समय घरेलू पशु आस-पास ही होते हैं और इस संक्रमण का मुख्य कारण बनते हैं।
4) यदि लंबे समय से यदि व्यक्ति किसी संक्रमित जमीन या खेत पर काम करें तो इससे भी संक्रमण मनुष्य तक पहुंच सकता है।
ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ इंसान से इंसान मे हीं होता है यह पशु, वस्तू और मिट्टी से भी फैल सकता है।
दाद को ठीक करने के घरेलू उपाय | daad ko thik karne ke Gharelu upay
अगर आप ��ाद से लगातार परेशान है, तो कुछ घरेलू उपायों से आप स्वस्थ हो सकते हैं।
1) नारियल का तेल — नारियल के तेल में एंटी फंगल गुण पाए जाते हैं, जो किसी भी संक्रमण को दूर करने का काम करते हैं। अगर आप नारियल के तेल को गर्म कर उसे दाद वाले जगह पर लगाएं तो इससे आपको फायदा होगा और इससे होने वाली खुजली भी नहीं होगी।
2) हल्दी — जैसा कि हम सब जानते हैं कि हल्दी में एंटीबायोटिक गुण होते हैं, जो किसी भी संक्रमण को दूर करने का काम करते हैं। ऐसे में अगर हल्दी का लेप बनाकर लगाया जाए और उसे खुजली की जगह पर लगाया जाए तो निश्चित रूप से इससे फायदा होगा।
3) लेमन ग्रास तेल — अगर हो सके तो दाद में लेमनग्रास का उपयोग करें जिसे आप किसी भी तेल की तरह लगा कर आराम प्राप्त कर सकते हैं।
4) नींम — नीम में एंटीबायोटिक गुण है, जो किसी भी खुजली और दाद से राहत पहुंचाते हैं। आप चाहे तो नीम की पत्तियों का लेप बनाकर अपने दाद पर लगाएं इससे आपको जल्द ही राहत मिलेगी।
5) एलोवेरा — यह किसी भी फंगल इंफेक्शन को हमसे दूर रखता है। ऐसे में अगर आप एलोवेरा के गूदे को दाद में लगाएं तो इससे राहत मिलेगी। इसे आप नियमित रूप से लगाएं।
6) मुलेठी — अगर आप मुलेठी को पीसकर अपने दाद पर लगाएं तो आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होगा। मुलेठी में वे सभी गुण हैं, जो आसानी से ऐसे इन्फेक्शन को दूर करने में सहायक होते हैं।
7) पपीता — यह फल हम सबको खाना बहुत ही अच्छा लगता है पर इसमे कुछ फंगस को दूर रखने के गुण हैं, जो किसी भी दाद की समस्या से हमें दूर रखते हैं। इसके लिए पपीते को 20 मिनट तक दाद वाली जगह पर लगाएं। उसके बाद उसे धो ले ऐसा करने से फायदा होगा और जल्द ही आपको दाद की खुजली से राहत मिलेगी।
गेंदे के फूल भी है फायदेमंद | Gende KE Phool Bhi Hai Faydemand
फूलों को हमेशा खूबसूरती का प्रतीक माना जाता है ऐसे में अगर गेंदे के फूल की बात की जाए तो यह औषधीय रूप से भी कारगर है। इसके लिए यदि गेंदे के फूल को उबालकर पेस्ट बना लिया जाए और उसे दाद वाली जगह पर लगाया जाए तो इससे बड़ा ही फायदा होगा। आप चाहे त�� इसका कूटकर पाउडर भी बना सकते हैं। इसे अगर आप रोजाना उपयोग करें तो आपको बहुत ही फायदा होगा और खुजली तथा लाल चकत्ते भी ठीक हो जाएंगे।
दाद में कैसा आहार लेना होगा फायदेमंद | Daad Mein Kaisa Aahar Lena Hoga Faydemand
दाद के होने पर हमारे खानपान का विशेष योगदान है। यदि आप दाद से परेशान हैं, तो आपको खानपान में भी विशेष बदलाव की आवश्यकता होगी।
1) हमेशा अपने आहार में विटामिन का उपयोग करें इससे इम्यून सिस्टम सही रहता है और किसी भी प्रकार की फंगल इंफेक्शन नहीं हो पाता है।
2) अगर ज्यादा से ज्यादा अदरक और लहसुन का उपयोग करें तो भी फायदा होगा। इन दोनों में ही एंटीफंगल गुण है, जो किसी भी ऐसी समस्या से दूर रखते हैं। इससे पाचन शक्ति भी सही रहती है।
3) दाद से परेशान होने पर आप ऑलिव ऑयल का भी उपयोग कर सकते हैं और खुद को स्वस्थ कर सकते हैं।
4) अगर आप दाद से परेशान हैं, तो जंक फूड से दूर ही रहे।
5) आप बादाम भी ज्यादा से ज्यादा ले। साथ ही साथ ऐसे खाद्य पदार्थ भी ले, जो विटामिन ई युक्त हो।
6) दाद होने पर बहुत ज्यादा तला हुआ या मसालेदार भोजन नहीं खाना चाहिए।
इस तरह से करें दाद से बचाव
1) जब भी कहीं बाहर से आए तो अपने हाथ अच्छे से धोए।
2) पालतू जानवरों के साथ रहने पर पूरी साफ सफाई रखें बच्चों को उनसे दूर ही रखें।
3) किसी भी जलीय स्थान पर नंगे पैर कभी नहीं जाएं।
4) किसी अन्य व्यक्तियों के सामानों को इस्तेमाल करने से बचें खासतौर से गीले सामानों को।
5) अपने अंदरूनी वस्त्रों को साफ धोए और रोजाना नहाए।
6) हमेशा ऐसे जूते और सैंडल का इस्तेमाल करें जिनमें से हवा आ जा सके।
7) हमेशा उचित पोषण वाला आहार लें।
इन उपायों से आप दाद के संक्रमण से बचाव कर सकते हैं।
गर्भावस्था में रखें खास ख्याल
अगर आप गर्भावस्था में हैं और आपको दाद की समस्याएं हैं,तो ऐसे में खास ख्याल रखना होगा। गर्भावस्था में जिम्मेदारी दोगुनी होती है एक तो खुद की और दूसरे बच्चे की। यह भी देखा गया है कि गर्भावस्था होने पर दाद का असर बच्चे पर नहीं पड़ता है फिर भी खास ध्यान रखने की आवश्यकता है। ऐसे समय में खुद को पूर्ण रूप से स्वच्छ रखें। जो भी चीजें उपयोग की जा रही है उन्हें किसी और को ना ही दे, तो अच्छा होगा। गर्भावस्था में भी जलन, खुजली हो सकती है ऐसे में घरेलू उपाय किए जा सकते हैं।
वर्षों पुराने दाद को ठीक करने के अचूक टिप्स
अगर आप बरसों से ही दाद की समस्या से ग्रसित हो तो ऐसे में ये टिप्स आपके काम आएंगे।
1) देसी घी — अगर वर्षों के प्रयास के बाद भी दाद ठीक ना हो पाया हो, तो ऐसे में देसी घी बहुत ही कारगर होगा। आप इसे दिन में दो से तीन बार लगाएं निश्चित रूप से फायदा होगा और दाग भी ठीक हो जाएंगे।
2) खीरे का रस — खीरे की तासीर ठंडी होती है ऐसे में आप अगर खीरे के रस को दाद पर लगाए तो ठंडक मिलेगी और दाग भी आसानी से चले जाएंगे। हल्के हाथों से खीरे के रस से मसाज करें।
3) अनार के पत्ते — वर्षों पुराने दाद मे अगर अनार के पत्तों को बारीक पीसकर दाद में लगाया जाए तो इससे बहुत ही फायदा होगा। इससे होने वाली खुजली भी खत्म हो जाएगी।
4) अजवाइन — ऐसे में अजवाइन भी फायदेमंद है आप इसे पीसकर उसे दिन में दो बार अपने दाद में लगाएं जिससे आपको फायदा होगा।
5) नींबू — अगर आप नींबू के रस को दाद में लगाए, तो इससे भी आपको फायदा ही मिलेगा।
निष्कर्ष
इस प्रकार से हमने देखा कि दाद जैसी समस्या को भी घरेलू उपायों से ठीक किया जा सकता है। इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि यह संक्रमण न फैले। इसके लिए खुद के खान-पान और जीवनशैली पर ध्यान देना होगा। ज्यादा चिंता की बात नहीं, सकारात्मक सोच और सही इलाज इस समस्या से आप को दूर कर देगी।
Source :
https://www.ghareluayurvedicupay.com/daad-thik-karne-k-gharelu-upay/
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कफ का घरेलू उपचार | Cough Ka Gharelu Upchar
हमारे आसपास कई प्रकार की समस्याएं देखी जाती है यह समस्या कभी-कभी बहुत ही ज्यादा बढ़ जाती है। अगर इससे आपका शारीरिक विकास प्रभावित हो रहा हो तो थोड़ा संभल कर रहने की आवश्यकता है आपने महसूस किया होगा कि चाहे कोई भी महीना हो एक समस्या तो हो ही जाती है और वह है कफ की समस्या। इस समस्या से काफी हद तक बच्चे, बुजुर्ग भी प्रभावित होते हैं। आज हम कफ से संबंधित आवश्यक जानकारी दे रहे हैं, जो आपके काम आ सके|
क्या है कफ | cough kya hai in hindi
आयुर्वेद में कफ के बारे में सही जानकारी प्राप्त होती है यह स्वयं की प्रकृति पर निर्भर करता है। जिस प्रकार हर इंसान के शौक, पहचान, पसंद, नापसंद अलग होते हैं उसी प्रकार हर इंसान में कफ की प्रवृत्ति भी अलग-अलग होती है। कफ के बारे में यह तथ्य है कि यह दो तत्वों से मिलकर बना है पृथ्वी और जल। यह दोनों मिलकर मानव शरीर को मजबूती देते हैं इसके लिए शरीर में मुख्य स्थान पेट और छाती है। यह हमारे शरीर को संतुलित करके रखता है और कष्टों से भी बचाता है।
कफ बढ़ने के कारण | cough badhne ke karan
कभी-कभी ��में ऐसा महसूस होता है कि हमारा कफ बढ़ गया है ऐसे में खुद पर ध्यान देने की आवश्यकता है। यह समस्या छोटे बच्चों में भी देखी गई है। अपने खान-पान और जीवनशैली में बदलाव की बदौलत ही हम खुद में कफ को बढ़ने से रोक सकते हैं।
1) जब भी हम कहीं बाहर से आते हैं, तो फ्रिज से निकालकर ठंडा पानी पीने लगते हैं। ऐसा करने से बचें क्योंकि इससे भी कफ बढ़ जाता है।
2). अपने आहार का विशेष ध्यान देना होता है। ऐसे में आपको चिकनाई युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
3) मांसाहारी भोजन जैसे चिकन, मछली चिकनाई युक्त हैं ऐसे में इनका सेवन ज्यादा करने से कफ की शिकायत बढ़ सकती है।
4) अगर आप तिल से बनी चीजें, दूध, गन्ना, नमक उपयोग कर रहे हो, तो यह भी कफ बढ़ने का कारण हो सकता है।
5) कभी-कभी हमारा शरीर सक्रिय, गतिशील नहीं होता और इस वजह से से भी कफ बढ़ने लगता है।
कफ बढ़ जाने के लक्षण | cough badh jane ke lakshan in hindi
आप लक्षणों के माध्यम से बढ़े हुए कफ की पहचान कर सकते हैं
1) बार-बार पसीना आना।
2) आलस आना।
3) डिप्रेशन होना।
4) शरीर में लगातार चिपचिपा पन बना रहना।
5) अंगों में ढीलापन आ जाना।
कफ का घरेलू उपचार | Cough ka gharelu Upchar
अगर आप बहुत ज्यादा कफ से परेशान है, तो घरेलू उपाय करके भी राहत प्राप्त कर सकते हैं।
1) अगर आप लगातार कफ से परेशान हैं, तो सुबह खाली पेट गर्म पानी का सेवन करें तो उससे आपको फायदा हो सकता है।
2) अगर आप नींबू में एक चम्मच शहद डालकर गर्म पानी के साथ पीते हैं, तो इससे आपको बहुत ही फायदा होगा।
3) अगर आप अदरक को कूटकर उसमें शहद के साथ मिलाकर सेवन करें तो इस से भी आप को फायदा होगा। अदरक में किसी भी इंफेक्शन को बढ़ने से रोकने ताकत होती है।
4) अगर आप कफ को ठीक करने के लिए भाप ले इससे भी आपको फायदा होगा। आप इसे दिन में दो या तीन बार कर सकते हैं।
5) अगर आप गर्म दूध मे एक चम्मच हल्दी डालकर सोते समय पिए, तो इससे आपको फायदा होगा। हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण है, जो आपको कफ में भी फायदा पहुंचाते हैं।
6) अगर आप गरम सूप पीएं फिर चाहे सूप चिकन, टमाटर, पालक किसी का भी हो सकता है। गरम सूप कफ को निकालने में मदद करता है। आप चाहें तो इसे इसमें अदरक भी डाला जा सकता है।
7) इसी प्रकार से प्याज मे भी एंटीबायोटिक गुण पाया जाता है, जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का भी काम करते हैं इसमें शक्कर मिला दिया जाए और उसे थोड़े समय छोड़ दिया जाए और उसे पी लिया जाए तो इससे कफ में राहत मिलेगी।
8) गाजर को कफ दूर करने में सहायक माना गया है। यदि आप इसका रस निकालकर उसका उपयोग करें साथ में शहद मिला लें। शहद में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट कफ को दूर करने में सहायक है।
9) अगर आप घर में उपस्थित काली मिर्च को पीस लें और उसमें एक छोटी चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें तो इससे आपको फायदा होगा।
10) अगर आप अंगूर का जूस पिए तो इससे भी फायदा होगा। अंगूर में हेरोस्टिलवेन पदार्थ है, जो किसी भी संक्रमण से दूर रखता है।
11) इसके अलावा तुलसी का काढ़ा भी आपको फायदा पहुंचाएगा। इसमें काली मिर्च, अदरक, शहद को भी डाला जा सकता है।
सूखी खांसी का घरेलू उपाय
कफ बढ़ने से हो सकती है यह समस्या
कफ बढ़ना बहुत बड़ी समस्या नहीं माना जाता लेकिन यदि आप इससे ज्यादा ही परेशान है, तो आप को संभलने की आवश्यकता होगी क्योंकि इससे आपको कुछ दूसरी समस्याएं भी हो सकती हैं।
1). शरीर में भारीपन होना — कई बार ऐसा होता है कि ज्यादा कफ के बढ़ जाने से शरीर में भारीपन महसूस होता है। ऐसे में ध्यान रखने की आवश्यकता है।
2) भूख न लगना — कई बार देखा गया है कि कफ के बढ़ने से भूख नहीं लगती है हमें लगता है कि ऐसा थकान के कारण हो रहा है पर होता है कफ की वजह से।
3) आलस — ऐसा भी देखा गया है कि बार-बार आलस आना भी बढ़े हुए कफ के कारण होता है। किसी भी काम में मन नहीं लगता है और पूरे दिन सुस्ती बनी रहती है।
4) सर्दी जुकाम — सर्दी जुकाम होना भी बढ़े हुए कफ के कारण होने वाले समस्या है। ऐसे उपायों के माध्यम से भी इस समस्या से निपटा जा सकता है।
5) सिर दर्द — वैसे तो सिर दर्द के कई कारण होते हैं। लेकिन सिर दर्द का होना बढ़े हुए कफ के कारण उत्पन्न समस्या भी है।
6) खांसी — कफ की वजह से बार बार खांसी की समस्या बनी रहती है जिसमें बार-बार कफ बाहर आने लगता है।
कफ में फायदेमंद है यह काढा़
अगर आप लगातार कफ से परेशान हैं, तो ऐसे में आप घर में ही काढ़ा बनाकर उसका सेवन कर सकते हैं इन्हें बनाना आसान है। इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए दिन में दो बार से ज्यादा उपयोग ना करें।
काढा़ बनाने के लिए दो गिलास पानी में थोड़ा सा गुड़, एक चम्मच अजवाइन, काली मिर्च, दालचीनी पाउडर शहद डालकर पकाएं। उसे आपको तब तक पकाना होगा जब तक पानी आधा ना रह जाए। इसे आप दिन में दो बार पीएं। थोड़े दिनों में आपके कफ की समस्या दूर हो जाएगी और आप को राहत मिलेगी।
कफ से बचने के लिए दूर रहे इन आहार से भी
अगर आप कफ से दूर रहना चाहते हैं, तो आपको इन आहारों से दूरी बनाना होगा।
1) दूध — ऐसा देखा गया है कि कई लोगों को दूध से ठंडे दिन में एलर्जी होती है उससे बहुत ज्यादा कफ बनने लगता है। ऐसे में दूध का सेवन नहीं करें तो बेहतर होगा।
2) मांसाहार — ज्यादा कफ होने की स्थिति में मांसाहार से भी दूर रहे। ऐसा माना गया है कि उनमें कफ बढ़ाने वाले पदार्थ शामिल होते हैं।
3) शराब और सिगरेट — ऐसे में शराब और सिगरेट से दूर ही रहे। इससे शरीर कमजोर होता है और इम्यूनिटी भी कमजोर हो जाती है।
बच्चों में कफ की समस्या
बच्चों में काफी समस्या अक्सर देखी जाती है और जब बच्चे छोटे हो, तो ऐसे में वे अपनी बात ठीक से बता भी नहीं सकते हैं। कई बार मौसम में परिवर्तन होने पर भी समस्या देखी गई है। आप बच्चों के लिए भी थोड़े उपाय आजमा सकती हैं जिससे उनको आराम और राहत मिल सके।
करें उपयोग नेजल स्प्रे का
अगर बच्चों में कफ की समस्या बढ़ रही है, तो आप सेलाइन नेजल स्प्रे का उपयोग कर सकते हैं। इसे आप सोने से पहले दें तो फायदा होगा। इससे आसानी से म्यूकस ढीला होकर बाहर आ जाता है।
गर्म पानी से नहलाएं
कई बार बच्चे बहुत छोटे होते हैं और उनकी समस्या बढ़ने लग जाती हैं। ऐसे में अगर सलाइन स्प्रे से आराम नहीं हो पा रहा हो, तो आप बच्चे को गर्म पानी से भी नहला सकती हैं। इससे बच्चे को फायदा होगा।
बच्चे को पे�� पदार्थ दें
अगर बच्चा कफ के कारण ठीक से खाना नहीं खा पा रहा हो, तो ऐसे में पेय पदार्थ देना फायदेमंद होगा। उन्हें पानी देते रहे साथ में जूस और हो सके तो दूध भी दे। इससे बच्चे को पोषण मिलता रहेगा और कफ से राहत भी मिलेगी। इस बीच बच्चे का पूरी तरह से साफ सफाई का ध्यान रखें जिससे फिर से संक्रमण ना हो सके।
आप चाहे तो एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल करके भी आप बच्चे को राहत दे सकती हैं इसके लिए विशेषज्ञ से भी सलाह दी जा सकती है।
निष्कर्ष
इस प्रकार से देखा गया कि कफ की समस्या को बहुत बड़ी समस्या नहीं समझा जाता बावजूद इसके हमें कुछ सावधानी रखते हुए काम करना चाहिए। सही आहार से समस्या से बचा जा सकता है। मौसम के अनुसार ही अपना खानपान रखें।
ऐसा भी देखा गया है कि यह समस्या बुजुर्गों और बच्चों में ज्यादा होती है, जो कभी-कभी गंभीर समस्या भी उत्पन्न कर सकती है। ऐसे में परिवार के प्रत्येक सदस्य का ख्याल रखें और खास तौर से खुद का। घरेलू उपायों से आप सुरक्षित रह सकते हैं। ऐसे में इन्हें जरूर आजमाएं।
Source: https://www.ghareluayurvedicupay.com/cough-ka-gharelu-upchar/
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लंबाई बढ़ाने के घरेलू उपाय | Lambai Badhane Ke Gharelu Upay
सामान्य रूप से देखा जाए तो इंसान का संपूर्ण व्यक्तित्व ही अपनी महती भूमिका निभाता है जिसमें इंसान के हर पहलू पर गौर किया किया जाता है। जिसमें संभव है कि कुछ कमी रह जाए। कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि युवा वर्ग अपने रंग, लंबाई ,त्वचा, बालों को बड़ी गंभीरता से लेते हैं, जिसमें लंबाई को व्यक्तित्व के लिए जरूरी माना गया है।
कई बार ऐसा भी होता है की लंबाई ज्यादा ना होने की वजह से लोगों में हीन भावना आ जाती है या उनके अंदर तरह तरह के विचार आने लगते हैं, जो बिल्कुल भी सही नहीं है। ऐसे में हम आपकी पूरी मदद करेंगे जिससे लंबाई घरेलू रूप से बनाई जा सके।
लंबाई ना बढ़ने के कारण | lambai na badhne ke karan
सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि लंबाई नहीं बढ़ पाने के क्या कारण हो सकते हैं? इन कारणों में कहीं ना कहीं हम खुद ही जिम्मेदार हो सकते हैं।
1) अनुवांशिकता — लंबाई बढ़ने का सबसे अहम कारण अनुवांशिकता है। अपने आसपास आपने देखा होगा कि जिनके माता-पिता या दादा की लंबाई ज्यादा नहीं होती उनकी लंबाई औसत ही रह जाती है। यह समझा जा सकता है कि लंबाई बढ़ना कहीं ना कहीं हमारे पूर्वजों पर निर्भर है।
2). कुपोषण — लंबाई ना बढ़ना कुपोषण के कारण भी होता है। जिन बच्चों को उचित पोषण नहीं मिल पाता वह अपनी लंबाई कभी नहीं बढा़ पाते। ऐसे में खाने में पोषण युक्त भोजन लेने की सलाह दी जाती है क्योंकि लंबाई का बढ़ना या ना बढ़ना हमारे पोषक तत्व पर भी निर्भर करता है।
3) सही आदतों का नहीं होना — कई बार हमने देखा कि सही आदतों के ना होने से ही लंबाई में फर्क पड़ता है। कुछ बच्चे झुक कर, बैठते, चलते हैं या सीधे होकर नहीं बैठते हैं। यही वजह हो सकती है जब लंबाई अवरुद्ध हो जाती है। ऐसे में इन आदतों को छोड़ कर सही आदतें अपनाएं।
4) डिप्रेशन — अपने आसपास ऐसे लोगों को देखा होगा जो गुमसुम से रहते हैं या डिप्रेशन में रहते हैं वह भी लंबाई ना बढ़ने का बहुत बड़ा कारण होता है। जब भी आप डिप्रेशन में होंगे तो दिमाग HGH हार्मोन नहीं छोड़ता है, जो लंबाई ना बढ़ने का संकेत होता है।
5). पानी ज्यादा नहीं पीना — हमेशा ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है। पानी भरपूर मात्रा में पीने से शरीर के पोषक तत्वों की कमी नहीं हो पाती है। पोषको की कमी कहीं ना कहीं बीमारी या लंबाई ना बढ़ने का संकेत देती है। कोशिश करें और ज्यादा से ज्यादा पानी पिए।
लंबाई बढ़ाने का घरेलू उपाय | lambai badhane ka liye gharelu upay
लंबाई बढ़ना बहुत अनिवार्य माना जाता है क्योंकि इससे आत्मविश्वास भी बढ़ जाता है। ऐसे में आप इन घरेलू उपायों से अपनी लंबाई आसानी से बढ़ा सकते हैं।
1) चलने के तरीके का ��खें ध्यान — कई बार लोग ऐसी बातों में ध्यान नहीं देते हैं लेकिन चलने के तरीके से भी लंबाई में बहुत फर्क पड़ता है। जब भी आप चले, फिरे, बैठे तो छुककर नहीं चले और ना ही बैठे। चलते समय अपने कंधों को नहीं छुकाए और एकदम सीधा चले। ऐसे में अपनी गर्दन भी पूरी सीधी रखें नीचे देख कर नहीं चले। ऐसा करने से फायदा होगा।
2) भरपूर नींद ले — आपने सुना होगा कि सही करने के लिए भरपूर नींद लेना जरूरी है लेकिन अगर आप लंबाई बढ़ाना चाहते हैं, तो इसके लिए भी कम से कम 8 घंटे की नींद जरूर लें। पर्याप्त नींद लेने पर सही तरीके से ऊतको का विसर्जन हो पाता है, जो लंबाई बढ़ाने में भी मददगार है।
3) एक्सरसाइज करें — अगर आप लंबाई बढ़ाने के इच्छुक है, तो रोजाना एक्सरसाइज करें इससे आपकी मदद हो जाएगी। इसमें आपको पंजे के बल ऊपर उठने वाले एक्सरसाइज करें, तो आपको फायदा होगा। इसे कम से कम 15 मिनट अवश्य करें।
4) सही पोषण ले — इसके अलावा अगर आप उचित पोषण जैसे कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन लेते हैं, तो इससे भी लंबाई बढ़ सकती है। ऐसा भोजन ले जिससे आपके शरीर में उर्जा बनी रहे।
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लंबाई बढ़ाने के लिए आवश्यक है खेलकूद
ऐसा देखा जाता है कि बच्चों को खेल कूद करने से रोका जाता है लेकिन अगर आप चाहते हैं कि बच्चों की अच्छी लंबाई रहे तो खेलकूद को भी आवश्यक माना गया है। ऐसे में वे खेल खेलना चाहिए जिसमे ज्यादा कूदा जाता है जैसे रस्सी कूदना, फुटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, टेनिस आदि। इससे शरीर की शारीरिक क्रियाएं भी सही दिशा में आगे बढ़ती हैं। ऐसे खेलों को आप खुले स्थानों में खेले तो अच्छा होगा। इसके अलावा दौड़ने वाले खेल भी खेले जा सकते हैं जो अपनी लंबाई बढ़ने में सहायक होंगे ।
विटामिन डी लेना भी है फायदेमंद
अगर लंबाई बढ़ाने के इच्छुक हो, तो विटामिन डी का सेवन करना फायदेमंद है। इसे आप अपने आहार में भी ले सकते हैं। इसके अलावा सूर्य की किरणों से भी विटामिन डी प्राप्त होती है। ऐसे में अगर आप आधे घंटे धूप में बैठते हैं, तो इससे आपकी हड्डियां मजबूत होती हैं और अंदरुनी रूप से आप को मजबूत बनाती हैं। ऐसे में आप ठंड के दिनों में धूप में बैठकर सही पोषण प्राप्त कर सकते हैं।
अगर किसी कारणवश शरीर को विटामिन डी नहीं मिल पाए तो इससे लंबाई बढ़ने में अवरोध हो सकता है।
दूध लेना भी है फायदेमंद
अगर बच्चे नियमित रूप से दूध लेते हैं या दूध से बनी चीजें दही, मक्खन, पनीर लेते हैं, तो इससे भी लंबाई को बढ़ाया जा सकता है। दूध में भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है, जो शरीर को पोषण देकर वृद्धि करता है। इसके अलावा दूध में प्रोटीन, विटामिन है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है तो बच्चों को दूध जरूर दें। ऐसे में बढ़ती उम्र के बच्चों को दूध जरूर ही दें इससे बेहतर परिणाम सामने आ सकते हैं।
अल्कोहल का सेवन है खतरनाक
अगर कोई व्यक्ति अल्कोहल का सेवन करता है, तो इससे निश्चित रूप से ही लंबाई में फर्क पड़ेगा। इसके अलावा किसी प्रकार का नशा भी घातक साबित होता है। इससे शरीर को पोषक तत्व नहीं मिल पाते और लंबाई पर फर्क पड़ता है और लंबाई ��ोटी ही रह जाती है। ऐसे में इन चीजों से दूर ही रहे।
अश्वगंधा भी है बहुत फायदेमंद
अश्वगंधा को औषधि गुणों की खान कहा जाता है।अगर गर्म दूध में दो चम्मच अश्वगंधा के पाउडर को अच्छे से मिक्स करें। अगर आप चाहे तो चीनी को भी मिलाया जा सकता है। उसे अच्छे से मिलाकर रात को सोने से पहले पिए तो लंबाई बढ़ने में आपकी मदद हो सकती है। इसे आप को नियमित रूप से करना होगा और जंक फूड से दूर ही रहना होगा।
लंबाई बढ़ाने के लिए आवश्यक योगासन | lambai badhane ke liye aavashyak yogasan
आज तक योगासन से कई प्रकार की समस्याओं का समाधान किया गया है लेकिन यदि आप की लंबाई कम है, तो ऐसे में योग के माध्यम से भी लंबाई बढ़ाई जा सकती है।
1) हलासन
यह आसन आपके लिए फायदेमंद होगा। इसके लिए पीठ के बल जमीन पर लेटना होगा और अपने पैरों को ऊपर की ओर उठाकर लाए। अब उठे हुए पैरों से अपने माथे के ऊपर की जमीन को छूने का प्रयास करें। इस योग आसन को करते हुए गहरी सांस लें और धीरे-धीरे पैरों को सीधा करें। यह योग से कई समस्याओं के साथ-साथ लंबाई बढ़ने में भी सहायक होगा।
2) सर्वांगासन
इस आसन के लिए आपको बिल्कुल सीधा लेटना होगा अब सांस लेते हुए पैरों को ऊपर की ओर उठाएं धीरे से कमर को ऊपर उठाने का प्रयास करें। अब हाथों को कमर पर मोड़ कर रखे। इस स्थिति में कम से कम 40 सेकंड रहे तो बेहतर होगा इस से लंबाई बढ़ती है और सिर दर्द शरीर के अन्य दर्द से राहत मिलती है।
3) भुजंगासन
यह आसन भी महत्वपूर्ण है इसके लिए उल्टे होकर लेट जाएं और पैर को बिल्कुल सीधा ही रखें। ऐसा लेटे कि कोहनी कमर से सटी हो और हथेली ऊपर की ओर हो। अब कोहनी को मोड़ते हुए धीरे-धीरे लाएं और हथेली को बाजू में नीचे रख दे अब गर्दन को धीरे-धीरे जमीन पर रखें और नाक से जमीन को छूते हुए सिर को ऊपर की ओर उठाएं।
4). ताड़ासन
लंबाई बढ़ाने में यह आसन महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके लिए सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैर को आपस में मिलाकर हथेली को बगल में ले आए। अब दोनों हथेलियों को सिर के ऊपर ले जाएं अब हथेली और छाती को ऊपर की ओर खींचे। साथ ही साथ एड़ी को भी ऊपर की ओर उठाएं कम से कम 30 सेकंड इसी अवस्था में खड़े रहे। इस आसन को कम से कम 10 बार जरूर करें इससे लंबाई बढ़ने में फायदा होगा।
5) पश्चिमोत्तानासन
इसके लिए जमीन पर बैठकर पैरों को आगे करें और हाथों से पैरों के अंगूठे को छूने की कोशिश करें। इसे कमर की मांसपेशियों को भी आराम मिलेगा और लंबाई बढ़ाने में भी मददगार होगा इसे जरूर आजमाएं।
आत्मविश्वास बनाए रखना है जरूरी
कई बार ऐसा देखा जाता है कि कम हाइट के लोगों में आत्मविश्वास की कमी देखी जाती है। उन्हे ऐसा लगता है कि उन पर कोई भी कपड़े अच्छे नहीं लगते या कोई उन्हें पसंद नहीं करता। ऐसे में आत्मविश्वास बनाए रखें। आत्मविश्वास की बदौलत आप आगे बढ़ सकते हैं और किसी भी कमी को दूर कर सकते हैं। लंबाई बढ़ने के लिए उपाय करें और खुश रहें।
निष्कर्ष
इस प्रकार से हमने देखा की लंबाई कम या ज्यादा होना कुछ प्राकृतिक कारणों से हैं जिन्हें हम खुद के तरीकों से बेहतर कर सकते हैं। अगर आप लगन से समय देते ह��ए सारे उपाय अपनाएं तो फायदा होने की संभावना है। ऐसे में खुद पर विश्वास और धैर्य बनाए रखें और भविष्य के लिए अग्रसर रहें।
Source : https://www.ghareluayurvedicupay.com/lambai-badhane-ke-gharelu-upay/
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घुटने का दर्द दूर करने का घरेलू उपाय
हमारे इस लंबे जीवन में कई प्रकार की समस्याएं बनी रहती हैं। अगर हम इस विषय के बारे में सोचना शुरू करें तो ना जाने कौन सी समस्याएं याद आने लगती है जो कभी हमारे साथ घटित हुई थी। कुछ समस्याएं तो शारीरिक होती हैं, जो लंबे समय से चलती रहती हैं और हम उन से परेशान हो जाते हैं। उनमें से एक शारीरिक समस्या है घुटने के दर्द की समस्या। सामान्य तौर पर यह समस्या बुजुर्गों में देखी जाती है।
घुटने के दर्द के कारण | ghutno ke dard ke lakshan
घुटने में दर्द के कई कारण हैं। शुरू में हम इस और बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते और दर्द बढ़ते ही जाता है। सबसे पहले तो आपको घुटने के दर्द का कारण पता होना चाहिए।
1) कई बार बुजुर्ग होने पर घुटनों में हमेशा दर्द बना ही रहता है, जो ऑस्टियोपोरोसिस कहलाता है।
2) कई बार किसी प्रकार की चोट लगने के कारण ही घुटने में दर्द हो जाता है।
3) कभी-कभी ऐसा भी देखा गया है कि घुटने में पाया जाने वाला लिक्विड जिसे सिनोवियल लिक्विड कहते हैं, वह कम हो जाता है और घुटने के दर्द का कारण बनता है।
4) किसी बड़े एक्सीडेंट के कारण घुटने के लिगामेंट टूट जाते हैं और उनमें बहुत दर्द होने लगता है।
5) हड्डियों में ट्यूमर का होना भी जबरदस्त घुटने दर्द का कारण होता है इसे ओस्टियोसार्कोमा भी कहा जाता है। इससे भी बहुत ज्यादा दर्द होता है।
6) कई बार गलत तरीके से घुटने के व्यायाम करने पर दर्द होने लगता है।
7) किसी कारणवश घुटने में खिंचाव या मोच का आना भी घुटने दर्द का कारण बनता है।
घुटने दर्द दूर करने के घरेलू उपाय | ghutno ka dard ka gharelu upay in hindi
ghutno ka dard kaise dur kare gharelu upay se
ऐसा कई बार होता है कि दर्द से परेशान होकर आप लगातार इलाज करवाते हैं लेकिन यह दर्द खत्म ही नहीं होता और हो भी जाए तो कुछ दिन बाद वापस आ जाता है। ऐसे में हम कुछ घरेलू उपायों के माध्यम से आपकी मदद करने की कोशिश कर रहे हैं इन्हें आप जरूर आजमाएं।
1) अगर आप घुटने दर्द से परेशान हैं, तो घुटने में तिल के तेल की मालिश जरूर करें। ऐसा करने पर कुछ दिनों में दर्द गायब हो जाएगा। तेल को गर्म करने की जरूरत नहीं है। ज्यादा दर्द होने पर इसे दिन में दो बार लगाएं।
2) दूध पीना तो हम सभी को पसंद आता है लेकिन यदि गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पिए तो इससे भी बहुत फायदा होगा। हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व है, जो दर्द को जल्द ठीक करने में मददगार होगा।
3) आज तक मेथी दाने के कई उपाय बताए जा चुके हैं। ऐसे में यदि आप रात में मेथीदाने को भिगोकर रख दें और सुबह उस पानी को पी जाएं तो बहुत फायदा होगा। उस बचे हुए मेथी दाने को अगर आप पीसकर घुटनों में लगाएं तो निश्चित रूप से ही फायदा होगा।
4) अगर सरसों के तेल को गर्म कर उसमें लहसुन की कलि���ों को पीसा जाए और उससे घुटनों में मालिश करें तो इससे बहुत फर्क पड़ेगा।
5) इसके अलावा आप जैतून के तेल और नारियल के तेल से भी मालिश कर सकते हैं। जैतून तेल में हाइड्रोक्सीटायरोसॉल और टायरोसोल जैसे तत्व है, जो किसी भी दर्द को खत्म करने का काम करते हैं। उसी तरह से नारियल तेल में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो घुटने दर्द से राहत दिलाते हैं।
6) इसके अलावा यदि आप घुटने की गर्म व ठंडे पानी से सिकाई करें तो इससे भी फायदा होगा। इसे दिन में दो-तीन बार जरूर करें।
7) ज्यादा से ज्यादा अपने आहार में विटामिन डी युक्त आहार में। विटामिन डी घुटने के दर्द को कम करने का काम करते हैं।
8) सेब का सिरका कई प्रकार से फायदेमंद है। ऐसे में आप इसे पानी के साथ मिला दें और रोजाना उसका सेवन करें तो इससे बहुत फायदा होगा। इसे भी आजमा कर देखें।
कैसे करें घुटने के दर्द से बचाव | kaise kare ghutno ke dard se bachav
अगर आपको ऐसा महसूस हो कि आपकी समस्या बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में आप बचाव के तरीके अपनाएं जिससे यह समस्या बढ़ ही नहीं पाए।
1) संतुलित आहार –– हमेशा अपने आहार को संतुलित बनाए रखें। जिसमें सभी पोषक तत्व कैल्शियम, प्रोटीन ले जिससे हड्डियों में मजबूती बनी रहे और इस दर्द से छुटकारा मिले।
2) एक्टिव बने — एक जगह पर बैठे रहने से भी दर्द बढ़ने लगता है। ऐसे में आप थोड़ा चलने फिरने का काम करें। जिससे घुटने की हड्डियां सही तरीके से कार्य कर सकें।
3) संतुलित वजन — अपनी उम्र के हिसाब से वजन को संतुलित रखें। ज्यादा वजन होने पर दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है जिसमें घुटने का दर्द मुख्य है।
4) सही फुटवियर ले — हमेशा ऐसा फुटवियर चुने जिससे आपको आराम मिल सके। इससे अपने घुटने और पैरों पर जोर नहीं पड़ेगा इसीलिए जब भी बाजार जाए तो आरामदायक फुटवियर का ही चुनाव करें।
5) साइकिलिंग करना — अगर आप दिन में 15 मिनट की साइकिलिंग करेंगे तो इससे भी फायदा होगा या यह कह सकते हैं कि इससे भी आपका दर्द से बचाव होगा।
घुटने के दर्द को दूर करने के कुछ व्यायाम | ghutno ke dard ke liye exercise
अगर आपको कई कोशिशों के बाद भी आराम ना मिल रहा हो, तो ऐसे में व्यायाम करके भी आराम प्राप्त कर सकते हैं। इन्हें आप अपनी सहूलियत के हिसाब से कर सकते हैं।
1) भुजंगासन | bhujangasana
इस आसन को करना आसान है और बात अगर आपके फायदे की हो तो करना जरूरी भी है। इसके लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं। अब अपने दोनों हाथों को सिर के पास ले जाकर दोनों और रखें और सिर को जमीन से लगा दे। पैरों को बिल्कुल सीधा रखें जिनके बीच में थोड़ी दूरी हो।
इसके बाद हाथों को कंधे के बराबर लाते हुए सीधे करें। अब सांस लें और शरीर को ऊपर की ओर उठाने की कोशिश करें ऊपर उठाते हुए थोड़ी देर रुके रहे। इस अवस्था में सांस सामान्य रूप से ले। सांस छोड़ते हुए नीचे की ओर आए।
2) पश्चिमोत्तानासन | paschimottanasana
इसके लिए लेट जाएं। अब पैरों को बिल्कुल सीधे करते हुए बैठ जाएं। जब यह व्यायाम करें तो सिर, गर्दन, कमर को बिल्कुल सीधा ही रखें। अब सांस भरे और हाथों को ऊपर उठाएं।
जैसे ही सांस छोड़े, तो झुकते हुए माथे को घुटने से लगाते हुए पैरों के अंगूठे को पकड़ने की कोशिश करें। इस समय घुटने बिल्कुल सीधे ही होना चाहिए।अब इस स्थिति को दोहराएं इससे आपको निश्चित रूप से फायदा होगा।
दर्द के दौरान कैसा आहार लेना है आवश्यक
घुटने के दर्द को कम करने के लिए अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो बहुत हद तक कारगर होता है।
1) विटामिन युक्त आहार — ज्यादा से ज्यादा ऐसे आहार ले जिनमें विटामिन उपलब्ध हो। विटामिन शरीर की हड्डियों को मजबूत करने का भी काम करते हैं, तो इनका सेवन जरूर करें । इसके लिए आप पनीर, दूध, दही का सेवन कर सकते हैं।
2) जैतून का तेल — आज का ज्यादातर जैतून के तेल का उपयोग खाने में करने की सलाह दी जाती है। आप भी जैतून के तेल को आहार के रूप में ले सकते हैं। इनमें एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण है, जो दर्द को कम करने में सहायक है।
3) मछली — अगर आप नॉनवेज खाना पसंद करते हैं तो मछलियों का सेवन जरूर करें। इनमें ओमेगा 3 फैटी एसिड होते हैं, जो किसी भी दर्द को कम करने का काम करते हैं।
4) मेवे-– मेवे जैसे काजू, बादाम, अखरोट जिनमे विटामिन, प्रोटीन है जो शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने का भी काम करते हैं। इनका सेवन जरूर करें।
लेप भी हो सकता है फायदेमंद
1) घुटने के दर्द को कम करने में कुछ हद तक लेप भी फायदेमंद हो सकते हैं। यह बहुत ही कारगर होते हैं। एक छोटी चम्मच शहद, दालचीनी का पाउडर, खाने के चूने का पेस्ट बना लें। उसे दर्द वाले जगह पर लगाकर पट्टी बांध ले। इससे आपको फायदा ही होगा इसे तो कुछ घंटों तक लगा रहने दें। इसे नियमित रूप से लगाना आपके लिए कारगर है।
2) इसके अलावा आप सौठ का लेप लगा कर आराम प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए सौठ को अच्छे से कूट कर पाउडर बना लें। उस पाउडर में थोड़ा सा तिल का तेल मिलाकर लेप तैयार कर ले। इसे नियमित रूप से लगाने से फायदा होगा। इसे कम से कम 4 घंटे लगा रहने दें और पानी से धो लें। तिल और सौठ के औषधीय गुण दर्द को ठीक करने में सहायक होंगे।
वजन कम करने का तरीका
ऐसी गलत आदतें जिनकी वजह से हो सकता है घुटनों का दर्द | ghutno me dard
घुटनों का दर्द कभी-कभी बहुत बढ़ जाता है इसका कारण हमारी आदतें भी हो सकती है, जो गलत है। इन्हें समझ कर कुछ सुधार किया जा सकता है।
1) मोटापा — ऐसा देखा जाता है कि लोगों का मोटापा ज्यादा होना भी घुटने दर्द का कारण होता है। जब व्यक्ति मोटा होता है, तो पूरा शरीर का वजन घुटनों पर ही आता है, जो दर्द का कारण है। कोशिश करें अपने मोटापे को दूर करे।
2) हाई हील्स पहनना — कई बार महिलाएं फैशन की दौड़ में शामिल होकर बहुत ज्यादा हाई हील्स पहनती हैं। जिससे घुटने, पीठ, कमर में दर्द हो सकता है। हील पहनना तो उस समय तो अच्छा लगता है पर बाद में परेशानी उठानी पड़ती है। ऐसे में अपनी इस आदत को बदल ले।
3) एक ही जगह में बैठना — लोग एक ही जगह पर बैठकर ऑफिस के या घर के काम करते हैं जिससे भी ब्लड सरकुलेशन सही नहीं हो पाता और शरीर में दर्द बना रहता है। ऐसे में अपने काम से थोड़ा ब्रेक जरूर ले।
4) पानी की कमी — हमेशा ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है। सर्वे के मुताबिक पानी की कमी से घुटनों में यूरिक एसिड जमा हो जाता है, जो दर्द का कारण बनता है। ऐसे में 1 दिन में 7/8 गिलास पानी जरूर पिएं और स्वस्थ रहें।
निष्कर्ष
इस प्रकार हमने देखा कि घुटने का दर्द को बढ़ाने से बेहतर होगा कि उसे बढ़ने से रोका जाए। कई बार हम उपायों को करने में आलस कर बैठते हैं। ऐसे में आलस से बचें और अपना पूरा ध्यान दें। बहुत ज्यादा समस्या होने पर डॉक्टर से भी परामर्श लिया जा सकता है अन्यथा घरेलू उपाय भी कारगर होंगे। आप इन घरेलू उपायों को जरूर अपनाएं और स्वस्थ रहें।
Source : https://www.ghareluayurvedicupay.com/ghutno-ka-dard-ka-gharelu-upay-in-hindi/
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