#भूमि आमला
Explore tagged Tumblr posts
Link
(दिलीप चौकीकर संवाददाता आमला) आमला । इंडो एशियन मेता फाउडेटन इंडिया – थाईलैंड द्वारा बुद्ध धम्म के प्रचार प्रसार हेतु थाई भिक्षु संघ द्वारा नागपुर की पवित्र दीक्षा भूमि जहॉ…
0 notes
Text
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में वृक्षों के व्यावसायिक उपयोग को बढ़ावा देने की अपार संभानाओं को देखते हुए ‘‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’’ Mukhyamantri Vriksha Sampada Yojana को लागू किए जाने की घोषणा की है। इस योजनांतर्गत कृषकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से कृषकों की सहमति पर उनके भूमि पर वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जाना है। मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना की क्रियान्वयन की तैयारी में वन विभाग जुट गया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना अंतर्गत समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी पात्र होंगे। इसके अलावा शासकीय, अर्धशासकीय तथा शासन के स्वायत्व संस्थान जो अपने स्वयं के भूमि पर रोपण करना चाहते हैं, पात्र होंगे। इसी तरह निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाएं, पंचायतें, भूमि अनुबंध धारक, जो अपने भूमि में रोपण करना चाहते हैं, वे पात्र होंगे। इस योजनांतर्गत राज्य शासन द्वारा 5 एकड़ तक वृक्षारोपण हेतु 100 प्रतिशत अनुदान तथा 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र में वृक्षारोपण हेतु 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान देगी। योजना अंतर्गत मुख्य रूप से 05 वृक्ष प्रजातियों की खेती के लिए कृषकों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। इनमें टिशू कल्चर बांस, क्ल��नल नीलगिरी, मिलिया डूबिया, टिशू कल्चर सागौन तथा सफेद चंदन शामिल है। मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देना है। इसके तहत राज्य के सभी कृषकों, शासकीय, गैर शासकीय, अर्धशासकीय, पंचायतें, अथवा स्वायत्व संस्थानों की भूमि पर वाणिज्यिक प्रजातियों के वृक्षारोपण उपरांत सहयोगी संस्था, निजी कंपनियों के माध्यम से निर्धारित समर्थन मूल्य पर वनोपज के क्रय की व्यवस्था करते हुए एक सुदृढ़ बाजार व्यवस्था आदि सुनिश्चित करना है। इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री संजय शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजनांतर्गत राज्य में इस वर्ष 12 प्रकार के प्रजाति के वृक्ष का 30 हजार एकड़ रकबे में रोपण किया जाएगा। इनमें से क्लोनल यूकलिप्टस का 17 हजार 182 एकड़ में, रूटशूट टीक का 6 हजार 456 एकड़ में, टिश्यू कल्चर का 2 हजार 617 एकड़ में, चंदन का 1 हजार 462 एकड़ में, मिलिया डूबिया का 8 सौ 34 एकड़ में, सामान्य बांस का 7 सौ 37 एकड़ में, टिश्यू कल्चर बम्बू का 6 सौ 7 एकड़ में, रक्त चंदन का 1 सौ 26 एकड़ में, आमला का 43 एकड़ में, खमार का 40 एकड़ में, शीशम का 20 एकड़ में तथा महानीम का 20 एकड़ रकबे में लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
0 notes
Text
west-singhbhum-आमला टोला सार्वजनिन काली पूजा समिति का हुआ भूमि पूजन, इस साल गोल्डन जुबली मनाएगी समिति
west-singhbhum-आमला टोला सार्वजनिन काली पूजा समिति का हुआ भूमि पूजन, इस साल गोल्डन जुबली मनाएगी समिति
रामगोपाल जेना चाईबासा : गणेश चतुर्थी के शुभ ��वसर पर आमला टोला सार्वजनिन काली पूजा समिति का बुधवार को काली पूजा के आयोजन में पंडाल निर्माण हेतु भूमि पूजन ( खुटी पूजा) किया गया. पूरे विधि विधान के साथ पूजन कार्य पंडित अनूप कुमार मुखर्जी के द्वारा संपन्न करवाया गया.जिसके साथ ही पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध पंडाल निर्माता बारनीनी डेकोरेटर्स द्वारा पंडाल निर्माण का प्रारंभ किया गया. विदित हो कि पूजा…
View On WordPress
0 notes
Photo
किसान करें मिश्रित खेती होगे मिश्रित लाभ
मिश्रित खेती में मनुष्य, पशु, वृक्ष और भूमि सभी एक सूत्र में बंध जाते हैं। सिंचाई की सहायता से भूमि, मनुष्य और पशुओं के लाभ के लिए, फसलें और वृक्ष पैदा करती हैं और इसके बदले में मनुष्य और पशु खाद द्वारा भूमि को उर्वरक बनाते हैं। इस प्रकार की कृषि-व्यवस्था में प्रत्येक परिवार एक या दो गाय या भैंस, बैलों की जोड़ी और, यदि सम्भव हो तो, कुछ मुर्गियां भी पाल सकता है।
थोड़ी सी भूमि में शाक-तरकारियां उगा सकता है, खेतों में अनाज आदि की फसलें पैदा कर सकता है और मेड़ों के सहारे घर-खर्च के लिए या बेचने के लिए फल देने वाले वृक्ष उगा सकता है। जहां संभव हो, किसान अपने फार्म में छोटे से कुंड में मछलियां भी पाल सकता हैं।
जहां पानी की कमी नहीं है, उन क्षेत्रों में पेड़-पौधे लगाने की योजना इस प्रकार हो सकती है- खेत की मेंड़ों के सहारे पीछे की ओर, शीशम जैसे इमारती लकड़ी के वृक्ष और बबूल, सामने की ओर कलमी आम, पपीता, अमरूद, नींबू और संतरा जैसे फलों के वृक्ष लगाने चाहिएं। कृषक परिवार के लिए स्वादिष्ट शाक-तरकारी के रूप में काम आने वाले कटहल के भी एक-दो वृक्ष उगाए जा सकते हैं।
जितने वृक्षों के नाम बताए गए हैं, वे सभी बौने वृक्ष हैं, इनकी छाया थोड़ी होती है। इसलिए फसलों को इनसे किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचती। दो वृक्ष ऐसे हैं जो प्राचीन काल से ही भारतीयों को बड़े प्रिय रहे हैं। घर के बगीचे में इन दोनों वृक्षों को लगाना सभी पसन्द करते हैं। ये दो वृक्ष हैं-बेल और ��मला।
बेल के फल पाचन-क्रिया, पेट के विकारों में, विशेषकर अतिसार और संग्रहणी जैसे रोगों में, अति लाभदायक समझे जाते हैं। आमले के फलों में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है। आमलाआमले के फलों से चटनी और मुरब्बे तैयार किए जाते है।
https://is.gd/3DTaV0 #FarmersShouldDoMixedFarming Farmers should do mixed farming e-Paper, Farming, Top #e-Paper, #Farming, #Top KISAN SATTA - सच का संकल्प
0 notes
Text
Published by Shree Manglam News- निर्माण विभाग महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करें - मुख्यमंत्री श्री चौहान शिवपुरी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्माण विभागों को निर्देशित किया है कि कार्यों की गुणवत्ता, निर्माण अवधि आदि के महत्वांकाक्षी लक्ष्य निर्धारित कर कार्य किये जायें। श्री चौहान आज ��ंत्रालय में प्रगति ऑनलाइन के दौरान निर्माण कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। ऑनलाइन समीक्षा में मुख्य... https://www.shreemanglamnews.com/archives/537
News has been published on https://www.shreemanglamnews.com/archives/537
निर्माण विभाग महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करें - मुख्यमंत्री श्री चौहान
शिवपुरी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्माण विभागों को निर्देशित किया है कि कार्यों की गुणवत्ता, निर्माण अवधि आदि के महत्वांकाक्षी लक्ष्य निर्धारित कर कार्य किये जायें। श्री चौहान आज मंत्रालय में प्रगति ऑनलाइन के दौरान निर्माण कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। ऑनलाइन समीक्षा में मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रकाशन श्समझ झरोखाश् का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान निर्माण कार्यों की वर्तमान स्थिति, कार्य की पूर्णता और गुणवत्ता के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने आदिम जाति कल्याण विभाग के निर्माणाधीन कन्या शिक्षा परिसरों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री को बताया गया कि प्रदेश के 28 जिलों में 65 परिसरों का निर्माण किया जाना है। कुल 52 स्थलों पर निर्माण कार्य प्रारम्भ हो गये हैं। मुख्यमंत्री ने उपयुक्त भूमि की अनुपलब्धता की जानकारी मिलने पर संबंधित जिलों के कलेक्टरों और परियोजना क्रियान्वयन इकाई से सीधा संवाद किया। उन्होंने अधिकारियों को एक सप्ताह में उपयुक्त भूमि चयन का कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम में सीधी जिले की ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना मझोली, उमरिया जिले की ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना मानपुर, कन्या शिक्षा परिसर, बैतूल-खंडारा-आमला-बोरदेहि-बांसखापा-नागदेव मंदिर रोड, खमरपानी-सावरनी-लोधीखेड़ा -रेमंड चौक रोड, निवारी-सेंद्री रोड, बेनजीर पैलेस का हेरिटेज होटल में रूपांतरण, पूर्व क्षेत्र में फीडर सेपरेशन, रीवा की अमृत योजना अंतर्गत सीवरेज परियोजना और जबलपुर स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कार्य को समय-सीमा में पूर्ण कराने के निर्देश दिये। एनआईसी शिवपुरी में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान कलेक्टर श्री तरूण राठी सहित संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
0 notes