बहुत ख़ास है हरियाली तीज का त्यौहार
बहुत ख़ास है हरियाली तीज का त्यौहार
तीज यानी तृतीया तिथि। वैसे तो साल में चार बार बड़ी तीज आती है लेकिन उन सभी में तीन तीज यानि हरियाली तीज, कजली तीज और हरतालिका तीज सबसे बड़ी मानी गई है। उत्तरी भारत, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और बिहार में तीज का पर्व बहुत ही उल्लास से मनाया जाता है। मुख्य रूप से यह श्रावण और भादो यानि भाद्र्पद के महीने में आती हैं। तीज विवाहित सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष मंगलकारी मानी गई हैं। तीज का व्रत…
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Sawan 2022: सावन महीने में इन राशि वालों पर रहेगी भोलेनाथ की विशेष कृपा, क्या आपकी राशि भी है लकी?
Sawan 2022: सावन महीने में इन राशि वालों पर रहेगी भोलेनाथ की विशेष कृपा, क्या आपकी राशि भी है लकी?
Sawan 2022: सावन का महीना भगवान शंकर को समर्पित माना गया है। इस साल 14 जुलाई से सावन का महीना शुरू होगा, जो कि 12 अगस्त को समाप्त होगा। हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व होता है। यह महीना भगवान शंकर को अतिप्रिय होता है। इस माह में विधि- विधान से भोलेनाथ की पूजा की जाती है। मान्यता है कि सावन के सोमवार व्रत रखने से भोलेनाथ की कृपा से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। धार्मिक मान्यताओं के…
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Moonlit Pages #4
Moonshine's Musings
चांदनी का चिंतन
As it's raining I can't help but wonder that the raindrops have finally left their habitat for us humans and are here to drench the surface of earth.
As it's raining , everything is getting drenched , but I think raindrops ~
They are like the tears of God which fell from the surface of heaven....
But the question is are they really the tears of God which fell from heaven , but what are they for ? Is it the tears of happiness or sadness or is it the tears which god shed owing the separation from these heavenly beautiful pearls....
As the rain touched the surface of my body , as I was getting drenched in the rain it felt as if it's taking away my pain , my grievances and my tears....
For some this rain is the ultimate personification of hopes , possibilities , love and what not but for some it's gloomy , dark and what not...
The season where peacocks come out and bless our eyes with their beautiful dance....
Oh how much I adore rain but ~
It's also the season where the sky turns gloomy , I sometimes think why even is the sky gloomy ? It holds all the celestial bodies within itself perhaps being surrounded by many doesn't make us happy...
आसमान की तरह हम भी घिरे है सबसे
पर तूफान में हम भी अकेले और वो भी....
It's also the season where sky scream to its heart's content perhaps telling us all that showing our emotions is not a bad thing. Many people fear thunder even I do fear it sometimes but I do not know why but I seek refuge in the thunder perhaps cause I find comfort in the sky yelling....
But nonetheless I continue to love rain~
The season where lovers meet....
The time when everything seems so beautiful , everything is so ecstatic....
Imagine yourself dancing in the rain with the love of your life both of you forgetting about every right every wrong and just focussing on each other. As if everyone and everything else around you is blurred or they simply do not exist. You let your inner child overcome the mature you and dance to your heart's joy in the arms of the love of your life with the beautiful company of rain.
A moment worth Rememberance even for a forever.....
जब सावन आया लाया संग प्यार की बरसात
जब मिलने लगे दो दिल
खिलने लगी कलियों सी मोहब्बत
करने लगे अब हम भी अकीदत
इतना चाहते है अपने प्यार को
करने लगे हैं हम उनकी इबादत....
I love rain and one day will definitely complete all my fantasies regarding it....
To The past me ~ a lil kiddo who loves rain just know I love you and the rain....
To the future me I hope you find someone to dance in rain with you....
Moonshine 💌
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प्यार, मोहब्बत और इश्क़ में क्या फर्क है?
प्यार...
प्यार बसंत है, मासूमियत है, जोश है, बचपना है, नादानी है,सावन की पहली बारिश है, सुबह की जवानी है, शाम की चाय है। प्यार, वो पहला एहसास है जो दिल को खुश सा कर जाता है।
और मोहब्बत ?
मोहब्बत, जनाब, यह वो है जो ठहराव है, जो रात के तमस जैसी गहरी है, जिसमे समझ भी है और जोश भी, इसमें सागर का सुकून है, और आसमान की आज़ादी भी। यह मोहब्बत वो है जो दिल को जज़्बात, ठहराव, और गहरियां दे जाती है।
तो फ़िर इश्क़ क्या है ?
जो प्यार और मोहब्बत के परे जाकर होता है ना, उसको इश्क़ कहते हैं। यह हर टूटे दिल को होता है, और जब होता है ना तो बहुत ज़बरदस्त होता है।
_सोबिया।
@scribblersobia
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बारिश!
वो बारिश को निहारने का सपना
साथ हो वो जो दिल से हो अपना
घंटों बैठे खिड़की से बाहर तकना
वो दोनों का हाथ में हाथ पकड़ना
धीमें धीमें से उसके पास सरकना
उसके कंधे पर सिर अपना रखना
गले में बाँहें डाले गोद में सिमटना
उसे निहारना छूना उससे चिपटना
बाल सहलाना प्यार से थपकना
आँखें मिलना कभी पलकें झुकना
होंठ मिलते ही दिलों का धड़कना
अठखेलियों में झूठमूठ भड़कना
मस्ती में इतराना पाँव भी पटकना
घंटों ढेरों सी प्यार की बातें करना
काफ़ी मग उस संग साँझा करना
चुस्कियाँ लेते लेते किताबें पढ़ना!
ख़्वाब अब पूरे ही न हो सकेंगे कभी
अरमान आँसू ही बनकर बहेंगे सभी
ख़्वाब कहाँ हक़ीक़त होती कहीं है
ये फुहारें मुझे अब भिगोती नहीं हैं
मैं यहाँ अकेली खिड़की में खड़ी हूँ
सावन की झड़ी है मैं सूखी पड़ी हूँ!
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Lord Shiva
Atul Raturi | Photography 📸 wrote :
देख नज़ारा मौसम का, ये मन को कितना भाता है, जब सावन खुद शिवजी को जल चढ़ाने आता है 🙏 🙏हर हर महादेव🙏
(via Instagram: Atul Raturi | Photography 📸)
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मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है
mera kuch saman tumhare paas pada hai
you still have some of my things,
सावन के कुछ भीगे-भीगे दिन रखे हैं
sawan ke kuch bheege bheege din rakhe hain
some rain-drenched days
और मेरे इक खत में लिपटी रात पड़ी है
aur mere ik khat mein lipti raat padi hai
and a burning night folded into a note,that I wrote
वो रात बुझा दो, मेरा वो सामान लौटा दो
wo raat bujha do, mera wo saman lauta do
please put out the light,of that night,and return my things
पतझड़ में कुछ पत्तों के, गिरने की आहट
patjhad mein kuch patton ke girne ki aahat
कानों में इक बार पहन के लौटाई थी
kaanon mein ek baar pehen ke lautaai thi
once I wore the crackling sound of autumn leaves,like an earring
पतझड़ की वो शाख अभी तक कांप रही है
patjhad ki woh saakh abhi tak kaanp rahi hai
after I returned it to the branch it’s been trembling in the wind
वो शाख गिरा दो, मेरा वो सामान लौटा दो
wo saakh gira do mera woh saman lauta do
please break that dead branch and return my things
इक अकेली छतरी में जब आधे-आधे भीग रहे थे
ek akeli chhatri mein jab aadhe aadhe bheeg rahe the
आधे सूखे, आधे गीले, सुखा तो मैं ले आयी थी
aadhe sookhe aadhe geele sukha to main le aaye thi
you remember once,we were part soaked, part dry,under one umbrella i packed my half-dry core,
गीला मन शायद बिस्तर के पास पड़ा हो
geela man shayad bistar ke paas pada ho
and forgot the drenched part,next to our bed
वो भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो
wo bhijwa do mera wo saman lauta do
please send me that part,along with my things
एक सौ सोलह चांद की रातें, एक तुम्हारे कांधे का तिल
ek sau sola chaand ki raatein ek tumhare kaandhe ka til
the mole on your shoulder,and the one hundred full-moon nights,
गीली मेंहदी की खुशबू, झुठमूठ के शिकवे कुछ
geeli mehendi ki khushboo jhoot mooth ke shikwe kuchh
wet scent of fresh henna,
झूठमूठ के वादे भी सब याद करा दूँ
jhooth mooth ke waade bhi sab yaad kara do
and the fake complaints,and promises we didn’t mean,remind me of all that and more
सब भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो
sab bhijwa do mera wo saman lauta do
and return my things
एक इजाज़त दे दो बस, जब इसको दफ़नाऊँगी
ek ijaazat de do bas jab isko dafanaungi
do me one last favor,when I bury all those things
मैं भी वहीं सो जाऊंगी, मैं भी वहीं सो जाऊंगी
main bhi wahin so jaungi
i will lie next to it,allow me to sleep right there,forever
mera kuchh samaan, ijaazat
gulzar | asha bhosle | r.d. burman
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एक सौ सोलह चांद की रातें एक तुम्हारे कांधे का तिल
दिल्ली में बीते दिन उमस से भरे थे मगर कल रात से जो सावन बरसा है, वह दिल को सुकून देने वाला है। कल रात देर रात चार बजे तक जागा और फिर सुबह उठके देखा तो बाहर रिम झिम बारिश हो रही थी, अब तो खैर संध्या का वक्त हो चुका है मगर यह दिलकश अभाव को महसूस कर एक गाना याद आया है, गाना है इजाज़त फिल्म का मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है, जो कि जावेद अख���तर द्वारा लिखा गया है, संगीत मेरे मनपसंदीदा राहुल देव बर्मन का और स्वर दिए है आशा भोंसले ने। यह गाना मेरे दिल के बेहद करीब है। जब आपके आस पास वर्षा हो रहीं हो तो यह गाना अपने आप ही ज़हन में उतर ही आता है। मैं इस गाने की कुछ पंक्तियां लिखना चाहूंगा।
मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है, हो सावन के कुछ भीगे भीगे दिन रखें है, और मेरे एक खत में लिपटी रात पड़ी है, वो रात बुझा दो, मेरा वो सामान लौटा दो
पतझड़ है कुछ, है ना? पतझड़ में कुछ पत्तो की गिरने की आहट कानो में एक बार पहन के लौट आई थी, पतझड़ की वो शाख अभी तक कांप रही थी, वो शाख गिरा दो मेरा वो सामान लौटा दो।
है ना कितनी उम्दा पंक्तियां, अब मेरा सबसे पसंदीदा अंतरा
एक अकेली छत्री में जब आधे आधे भीग रहे थे, आधे सूखे आधे गीले सुखा तो मैं ले आई थी, गीला मन शायद बिस्तर के पास पड़ा हो, वो भिजवा दो मेरा कुछ सामान लौटा दो
एक सौ सोलह चांद की रातें, एक तुम्हारे कंधे का तिल, गीली मेहंदी की खुश्बू, झूठमूठ के शिकवे कुछ, झूठमूठ के वादे भी सब याद करा दो, सब भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो, सब भिजवा दो मेरा वो सामान लौटा दो, एक इजाज़त दे दो बस, जब इसको दफनाऊंगी, में भी वही सो जाऊंगी, में भी वही सो जाऊंगी
वाकई में यह गीत किसी जादू से कम नहीं, अपनी ही खयालों की दुनिया में मुझे खो देता है।
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Free tree speak काव्यस्यात्मा 1401.
साकार भी निराकार भी
देवों के देव आदिदेव महादेव
-© कामिनी मोहन पाण्डेय
शिव कल्याणकारी, आनंददायक, त्रिपुरारी, सभी के हृदय में वास करने वाले सत्य स्वरूप, सनातन साकार और निराकार है। एक कथा के अनुसार देवता और दानव द्वारा समुद्र मंथन के समय निकले हलाहल को जब शिव ने सृष्टि को बचाने के लिए ग्रहण किया तो हलचल सी मच गई। अपने कंठ में विष को धारण करने के कारण ही वह नीलकंठ कहलाए। विष के प्रभाव से उनके देह में अतिरिक्त ताप उत्पन्न हुआ।
उच्च ताप के प्रभाव को कम करने के लिए इंद्रदेव ने लगातार जोरदार वर्षा की। यह वर्षा ऋतु सावन महीने में उसी नियत समय से आज भी होती है। आज भी परम पावन महादेव शिव के हलाहल विष के ताप को कम करने की धारणा को महसूस करते हुए भक्त सावन के पवित्र माह में शिव को शीतलता प्रदान करने के लिए उनके निराकार स्वरूप को जल अर्पित कर शीतलता प्रदान कर पुण्य के भागी बनते हैं। सावन महीने का महत्व इसीलिए अत्यधिक बढ़ जाता है। बांस के बने शिव की उपस्थिति को धारण किए कांवड़ की परंपरा में एक में घट में ब्रह्म-जल दूसरे में विष्णु-जल लेकर भक्त जब आगे बढ़ते हैं, तो त्रिदेव का सुखद संयोग सबके समक्ष उपस्थित हो जाता है।
हलाहल विष के प्रभाव को कम करने के लिए ही शीतल चंद्रमा को उन्होंने अपने मस्तक पर धारण किया है। हमें यह समझना होगा कि शिव हमारे शरीरों की तरह शरीर धारण करने वाले हैं भी और नहीं भी। वे सभी जीवों के देह में सूक्ष्म रुप से, आत्म स्वरूप में वास करते हैं। वे ही पूरी सृष्टि का प्रतिनिधित्व करते हैं। सब जगह सब तत्व उनमें ही समाहित दिखाई देते हैं। इसीलिए शिव देवों के देव महादेव हैं।
जीवन यात्रा सत्य स्वरूप तक पहुँचने की यात्रा है। जो हमें प्रेम, अनुशासन, सृष्टि को चलायमान रखने के लिए लोभ, मोह, क्रोध को छोड़कर वैराग्य धारण करते हुए ईश्वरी शक्ति स�� जुड़ने की प्रेरणा देता है। यह आत्मविश्वास को उत्पन्न करने में करोड़ों लोगों की मदद करने वाला है। कांवड़ यात्रा आत्मा से परमात्मा के योग करने की यात्रा है। यह यात्रा तभी पूर्ण होती है, जब हम शिव तत्व को अपने भीतर महसूस करते हुए उसकी प्रतिध्वनि को शिव के साथ ही ताल से ताल मिला कर महसूस करते हैं।
कांवड़ यात्री शिवालयों में जाकर जलाभिषेक करते हैं। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने वाले व्यक्ति को मोक्ष की परम आनंद की प्राप्ति होती है। जीवन के कष्ट दूर होते हैं।मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। घर में धन धान्य की कभी कोई कमी नहीं रहती है।
महर्षि व्यास ने शिव को सबसे महान कहाँ है। उन्हें देवों के देव महादेव कहाँ है। क्योंकि जब कोई निस्वार्थ भाव से महादेव को याद करता है तो देवों के देव महादेव बिना देर किए वरदान देने को तत्पर हो जाते हैं। वे भक्ति से प्रसन्न होते हैं, कौन देवता है, कौन है असुर, वे भेदभाव नहीं करते हैं। सरलता और भोला भालापन उनका स्वरूप है, जो भी भोले भक्त हैं, वह भोले को ख़ूब भाते हैं। शिव, महादेव ही परमपिता परमात्मा कहलाते हैं।
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🌱 हरेला - Harela
» सुख, समृद्धि और खुशहाली का पर्व हरेला मूल रूप से देवभूमि उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला पर्व है।
» हरेला सूर्य के मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश के कारण उत्पन्न कर्क संक्रांति के कारण मनाया जाता है।
» संक्रांति कैलेंडर के अनुसार सावन मास का आगमन माना जाता है।
» हरेला को उत्तराखण्ड सरकार राज्य स्तर पर पर्यावरण दिवस के रूप मे मानती है।
त्यौहार को हरेला क्यों कहा जाता है? | हरेला कैसे बोए? | हरेला कितने दिन पहले बोए? | हरेला कब बोए?
📲 https://www.bhaktibharat.com/festival/harela
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🔱 सावन - Sawan 2023
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🧩राधास्वामी पंथ के नकली धर्मगुरु सतनाम को ही परिभाषित नहीं कर सके। इनको ये ही नहीं पता सतनाम भगवान है या स्थान है या मन्त्र का जाप है। उनकी पुस्तक संतमत प्रकाश भाग-3 जिसके लेखक सावन सिंह जी हैं के पृष्ठ 76 पर लिखा है कि "सचखंड या सतनाम चौथा लोक है", तथा पृष्ठ 79 पर लिखा है कि "चौथा राम सतनाम है, यही असली राम है।" #Reality_Of_RadhaSoami_Panth #radhasoami #radhasoamiji #radhasoamisatsangbeas #radhasoamiderabeas #rssb #radhaswami #dera #beas #babaji #punjabistatus #derabeas #derababajaimalsinghji #punjab #SantRampalJiMaharaj #SaintRampalJi #Satguru (at उदगांव बौली सवाई माधोपुर राजस्थान) https://www.instagram.com/p/CrgPEwey0Lz/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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सन्त सावन सिंह को सन्तमत का कोई ज्ञान नहीं था
सतपुरुष सतनाम कहाई ।
सत्तलोक निज पाया आई ॥
सचवंड या सतनाम चौथा लोक है और सबके अन्दर है।
(पुस्तक संतमत प्रकाश भाग-3 के पृष्ठ 76 की फोटो कॉपी)
महाराजजी : गुरु नानक साहिब ने जिस राम का कि किया है, पह भोग पाने ठीक है। लेकिन लोगों का राम पौर है वहीं सगीर चारों राम के विषय में खोल कर बताइये। महाराजजी एक राम दशरथ का बेटा एक राम पट पट में बैठा । एक राम का सगल पसारा एक राम सबसे न्यारा ॥ पहले राम महाराजा दसरथ के बेट पंता युग में हुए वे धवतार में पाये और अपना काम करने बने गये। लेकिन अब हम को नहीं मिल सकते। हमारा काम नहीं कर सकते दूसरा राम मन घट-घट में व्यापक है जीरा राम कहा जो सारी खिलाड़ी का पैदा करता पालता नष्ट करता है। दोवा राम सतनाम है यह तो राम सन्तों ने ईसी राम को लिया है। कौर साहिब कहते
(पुस्तक संतमत प्रकाश भाग-3 के पृष्ठ 79 की फोटो कापी)
निष्कर्ष :- उपरोक्त फोटो कापी पुस्तक "संतमत प्रकाश भाग-3 के पृष्ठ 76 व 79 के अंशों की है। जिसके लेखक संत सावन सिंह जी महाराज हैं। उपरोक्त लेखों से पता चलता है कि सन्त सावन सिंह को सन्तमत का कोई ज्ञान नहीं था। उन्हें यही नहीं पता था कि "सतनाम" क्या है पृष्ठ 76 पर सतनाम को सच्चखण्ड (सतलोक ) बताया है पृष्ठ 79 पर सतनाम को चौथा राम बताया है तथा पाँच नामों में सतनाम को जाप का मन्त्र बताया है। यही विचार राधास्वामी पंथ के प्रमुख हजूर साहेब शिवदयाल जी उर्फ राधास्वामी जी के हैं जो पुस्तक सारवचन वार्तिक पृष्ठ 3 व 5 पर लिखे हैं उन की फोटो कापी कृप्या इसी पुस्तक के पृष्ठ 71-72 पर है।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
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2 साल बाद शुरू होने जा रही कांवड़ यात्रा, लाठी-डंडे, भाले सहित इन हथियारों पर रोक
2 साल बाद शुरू होने जा रही कांवड़ यात्रा, लाठी-डंडे, भाले सहित इन हथियारों पर रोक
Image Source : PTI (FILE PHOTO)
Kanwar Yatra
Highlights
कांवड़ क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 31 जोन और 133 सेक्टरों में बांटा जाएगा
10 हजा�� से ज्यादा पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी
लाठी-डंडे, नुकीले भाले और अन्य हथियार पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे
Kanwar Yatra 2022: कोरोना संक्रमण के चलते 2 साल बाद होने जा रही कांवड़ यात्रा में इस बार चार करोड़ से ज्यादा कांवड़ियों के आने की…
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चंदा को ताकूँ रातों में
है ज़िन्दगी तेरे हाथों में
पलकों पे झिलमिल तारें हैं
आना भरी बरसातों में
सपनों का जहां
होगा खिला खिला
बरसेगा सावन
बरसेगा सावन झूम झूमके
दो दिल ऐसे मिलेंगे |
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बारिश!
ये बारिश भी तो बेवफ़ा सनम के मानिंद ही तड़पाती है
आने का वायदा करके भी ऐन वक़्त पर मुकर जाती है!
अगर अब आ भी जाती है बस पल दो पल बरसती है
थोड़ा भिगोती है उससे ज़्यादा सूखा ही छोड़ जाती है!
वो भी इक वक़्त था अक्सर जम के बरसने को आती थी
सुलगती रूहें और झुलसते जिस्मों को राहत पहुँचाती थी!
अब तपिश का ये आलम है जिस्म जल रहे हैं रूहें तड़प रही हैं
उसका इंतज़ार करते तो अब साँस लेनी भी दुशवार हो गयी है!
तरसते बदनों को राहत देने जाने कब जम कर बरसने आयेगी
जाने कब काली घटा बरसके प्यासी ज़मी की प्यास बुझाएगी!
जाने कब पहले ही की मानिंद वो तपती ज़मी को दिल से चूमेगी
कब जमके बरसती काली घटा बंजर ज़मी को ज़रख़ेज़ बनाएगी!
इंतज़ार उस वक्त का रहेगा जब मिलन से उम्मीद का बीज फूटेगा
और वही लहराती हरियाली फिर झूमकर सावन के गीत सुनाएगी!
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I don't know about you guys. But you've seen this movie you'll see a whole turmoil of emotions fondling throught your heart.
This particular song i used to listen it from my mother's old recorder and used to watch it over rangoli. i fell in love with the way Gulzar sahab and R D Sir moulded the whole departed soul into a beautiful poetry.
you may leave the person and can feel they've never crossed a path with you. when you see a particular thing they remind you of them but you don't speak up, you hide it somewhere inside you. they leave a mark on your memories, emotions the way you perceive love.
Listen to this only rainy lonely right/a chilly nights of winter.
आ आ आ आ
मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है
मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है
वो सावन के कुछ भीगे भीगे दिन रखे हैं
वो और मेरे इक ख़त मैं लिपटी रात पड़ी है
वो रात भुला दो, मेरा वो सामान लौटा दो
वो रात भुला दो, मेरा वो सामान लौटा दो
मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है
वो सावन के कुछ भीगे भीगे दिन रखे हैं
वो और मेरे इक ख़त मैं लिपटी रात पड़ी है
वो रात भुला दो, मेरा वो सामान लौटा दो
पतझड़ है कुछ, है ना?
वो पतझड़ मैं कुछ पत्तों के गिरने की आहट
कानों मैं एक बार पहन के लौट आयी थी
पतझड़ की वो शाख अभी तक काँप रही है
वो शाख गिरा दो, मेरा वो सामान लौटा दो
वो शाख गिरा दो, मेरा वो सामान लौटा दो
एक अकेली छतरी मैं जब आधे आधे भीग रहे थे
एक अकेली छतरी मैं जब आधे आधे भीग रहे थे
आधे सूखे आधे गीले, सुखा तो मैं ले आयी थी
गीला मन शायद बिस्तर के पास पड़ा हो
वो भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो
एक सो सोला चाँद की रातें
एक तुम्हारे काँधे का तिल
एक सो सोला चाँद की रातें
एक तुम्हारे काँधे का तिल
गीली महेंदी की खुशबु झूठ मूठ के शिकवे कुछ
झूठ मूठ के वादे सब याद करा दो
सब भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो
सब भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो
एक इजाज़त दे दो बस
जब इसको दफ़नाउन्गी
मैं भी वहीं सो जाउंगी
मैं भी वहीं सो जाउंगी
- गुलज़ार/ आर डी बर्मन
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