सर्वाइकल कैंसर के जोखिम
एक से अधिक यौन संबंध (Many sexual partners) : जो महिलाएं अलग अलग-लोगों के साथ संबंध बनाती हैं उन्हें ये कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है। ऐसा करने के बाद उनके शरीर में एचपीवी की संभावना उतनी ही अधिक होगी।
अर्ली सेक्सुअली एक्टिविटी (Early sexual activity) : कम उम्र में संबंध बनाने से आपके शरीर में एचपीवी (HPV) का खतरा बढ़ जाता है।
अदर सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन (Other sexually transmitted infections STIs) : इसकी वजह से महिला के शरीर में इन्फेक्शन होने का खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा उस महिला को एचआईवी एड्स होने का खतरा भी होता है।
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली (A weak immune system) : यदि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली किसी अन्य स्वास्थ्य स्थिति से कमजोर है और आपको एचपीवी है, तो उन महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर होने की अधिक संभावना हो सकती है।
धूम्रपान (Smoking) : धूम्रपान स्क्वैमस सेल (squamous cell) सर्वाइकल कैंसर से जुड़ा हुआ है, इसलिए जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं, उन्हें धूम्रपान छोड़ देना चाहिए।
गर्भपात रोकने वाली दवा का सेवन (Exposure to miscarriage prevention drug) : जो महिला गर्भपात को रोकने के लिए अन्य दवाओं का सेवन करती हैं उन्हें भी बहुत सावधान रहने की जरुरत है। क्योंकि इन दवाओं के सेवन से महिलाओं को विशेष प्रकार के ग्रीवा के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, जिसे क्लियर सेल एडेनोकार्सिनोमा (Clear Cell Adenocarcinoma) कहा जाता है।
सर्वाइकल कैंसर से बचने के तरीके
अपने डॉक्टर से एचपीवी (HPV) वैक्सीन के बारे में पूछें : एचपीवी (HPV) संक्रमण को रोकने के लिए डॉक्टर टीका करण करते हैं इससे सर्वाइकल कैंसर और अन्य एचपीवी से संबंधित कैंसर का खतरा कम हो सकता है। अपने डॉक्टर से पूछें कि क्या आपके लिए एचपीवी वैक्सीन सही है या नहीं।
नियमित पैप टेस्ट करवाएं : पैप टेस्ट गर्भाशय ग्रीवा की अनिश्चित स्थितियों का पता लगा सकता है, इसकी सलाह आपका डॉक्टर देता है। इसलिए सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए डॉक्टर इस टेस्ट का सहारा लेते हैं और इसके उपचार के लिए प्रभावी कदम उठाते हैं। डॉक्टरों का सुझाव है कि 21 वर्ष की उम्र में पैप टेस्ट कराना शुरू कर देना चाहिए और उन्हें कुछ वर्षों में यह टेस्ट कराते रहना चाहिए।
सेक्स के दौरान संक्रमण से बचें : सेक्स के दौरान कई बार कुछ लोगों को संक्रमण होने का खतरा ज्यादा होता है। जो सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है। जब भी आप सेक्स करें, तो कंडोम का उपयोग जरूर करें और कई लोगों के साथ संबंध ना बनाए।
धूम्रपान न करें : यदि आप धूम्रपान नहीं करते हैं, तो ये बहुत अच्छी बात है। यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो छोड़ने की कोशिश करें। क्योंकि डॉक्टर भी सबसे पहले यही सलाह देता हैैं।
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विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी पर विशेष Divya Sandesh
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विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी पर विशेष
जरूरी है कैंसर से बचाव कैंसर एक बहुत ही गंभीर बीमारी है इसकी गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि दुनियाभर में साल इस बीमारी से करोड़ो लोग ग्रसित होते हैं और लगभग एक करोड़ लोगों की असमय मौत हो जाती है। भारत मे इसकी गंभीरता का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि प्रतिवर्ष लगभग 8 लाख महिलाएँ और 7 लाख पुरुष इससे ग्रसित हो जाते हैं जिसमे से लगभग आधे मौत का शिकार हो जाते हैं । वास्तव में कैंसर में शरीर की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और वो ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। इसकी विशेषता यह है कि यह शरीर के किसी भी हिस्से या अंग में मौजूद कोशिकाओं को प्रभावित कर सकता है। कैंसर की गंभीरता को देखते हुए प्रतिवर्ष 4 फरवरी को विश्व कैन्सर दिवस का आयोजन किया जाता है । विश्व कैंसर दिवस के आयोजन का उद्देश्य कैंसर के बारे में जागरूकता और कैंसर शिक्षा को बढ़ावा देना तथा सरकारों एवँ व्यक्तियों पर कैंसर के खिलाफ करने के लिए प्रेरित करना है जिससे रोकथाम योग्य मौतों को रोका जा सके।
कैंसर के प्रकार :
एक अनुमान के अनुसार दुनिया में लगभग100 प्रकार के कैंसर पाये जाते हैं। इनमें ब्लड कैंसर, मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर, अंडाशय कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, प्रोस्टेट (पौरुष ग्रंथि) कैंसर, मूत्राशय का कैंसर, मस्तिष्क का कैंसर, लिवर (यकृत) कैंसर, बोन कैंसर, पेट का कैंसर, आदि प्रमुख हैं। दुनिया में सबसे अधिक लोगइन्हीं प्रकार के कैंसर से ग्रसित होते हैं।
कैंसर के कारणों का अभी निश्चित रूप से पता नहीं लगाया जा पाया है परंतु यह माना जाता है कि कैंसर के लिये कुछ चीजें जिम्मेदार हैं जैसे:
तंबाकू या उससे बने उत्पाद, जैसे- सिगरेट आदि का लंबे समय तक सेवन मुंह और फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकता है।
लंबे समय तक अल्कोहल का सेवन लिवर (यकृत) कैंसर समेत शरीर के कई अंगों में कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है।
आनुवंशिक दोष या उत्परिवर्तन भी कैंसर के खतरे को काफी हद तक बढ़ा सकता है। इसमें स्तन कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
लंबे समय तक पराबैंगनी किरणों के संपर्क में रहने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
कभी-कभी मोटापा भी कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है।
(विश्व कैंसर दिवस) कैंसर के लक्षण :
कैंसर के लक्षण देर से प्रकट होते हैं इसलिए शरीर की नियमित जांच करते रहना चाहिए तथा नीचे दिये हुये लक्षणों में से कोई दिखाई दे तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
त्वचा के नीचे गांठ महसूस होना
शरीर का वजन अचानक से कम या ज्यादा होना
त्वचा पर जल्दी निशान पड़ जाना
निगलने में कठिनाई होना
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
घाव का जल्दी ठीक न होना
थकान और कमजोरी महसूस होना
पेट में लगातार दर्द होना
कैंसर से बचाव के उपाय :
कैंसर का उपचार कठिन है परंतु बचाव आसान है इसलिए कुछ सावधनियाँ अपना कर इससे बचा जा सकता है। * शरीर को नियमित जांच करते रहें।
धूम्रपान,तम्बाकू, गुटका,शराब, पान, मसाला का सेवन न करें।
हरी सब्जियां, फाइबर युक्त आहार, मौसमी फल, आदि का प्रयोग करें।
आहार में अधिक वसा न लें
रेडिएशन के संपर्क में आने से बचें
नियमित रूप से व्यायाम करें
शरीर का सामान्य वजन बनाए रखें।
कोई परेशानी होने परतुरंत चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए। कैंसर का उपचार : अभी तक कैंसर का कोई निश्चित उपचार नहीं खोजा जा सका है परंतु सर्जरी , रेडियोथेरेपी द्वारा इसके उपचार का प्रयास किया जा रहा है। होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति द्वारा कैंसर के रोगियों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकता है तथा शरीर की तकलीफों को कम किया जा सकता है कैंसर के उपचार में होम्योपैथी की भूमिका पूरक के रूप में हो सकती है। चूंकि कैंसर का कोई निश्चित उपचार नहीं है इसलिए बचाव पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए।
लेखक डॉ अनुरूद्ध वर्मा ,वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक हैं।
मोबाइल नंबर 9415975558
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पान के पत्ते के 12 फायदे, उपयोग और नुकसान – Betel Leaf Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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पान के पत्ते के 12 फायदे, उपयोग और नुकसान – Betel Leaf Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Saral Jain Hyderabd040-395603080 September 17, 2019
आपने वो गाना तो सुना ही हाेगा ‘खई के पान बनारस वाला, खुल जाए बंद अकल का ताला’। दरअसल, भारत में पान खाने की परंपरा पुरानी है, इसलिए इस पर कई गाने भी बन चुके हैं। पान में दो चीजें सबसे महत्वपूर्ण होती हैं, एक पान का पत्ता और दूसरा सुपारी। आपको जानकर हैरानी होगी कि सुपारी से अलग पान के पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। पान के पत्ते का उपयोग शरीर की कई परेशानियों से निजात पाने के लिए किया जा सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम बात करेंगे शरीर के लिए पान के पत्ते के फायदे और इसके उपयोग में लाने के विभिन्न तरीकों और नुकसानों के बारे में।
विषय सूची
पान के पत्ते सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हैं। कैसे? आइए जानते हैं।
पान के पत्ते आपके सेहत के लिए क्यों अच्छे हैं?
पुराने समय से ही आयुर्वेद में पान के पत्ते का उपयोग इसके औषधीय गुणों की वजह से किया जाता रहा है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व आपकी सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। पान के पत्तों में टॉक्सिन को खत्म करने से लेकर एंटीऑक्सीडेंट जैसे गुण होते हैं। इसके अलावा, इसमें एंटी-डायबिटिक, एंटी��ंफ्लेमेटरी, एंटी-कैंसर, दिल को स्वस्थ रखने वाले और एंटी-अल्सर जैसे गुण भी पाए जाते हैं (1)। तो है न यह हमारी सेहत के लिए फायदेमंद।
पान के पत्ते के फायदे बस सेहत के लिए ही नहीं है, इसके और भी फायदे हैं। आइए जानते हैं।
पान के पत्ते के फायदे – Benefits of Betel Leaf in Hindi
अभी आपने ऊपर जाना कि पान का पत्ता हमारी सेहत के लिए क्यों फायदेमंद हैं, अब जानिए यह शरीर की विभिन्न बीमारियों पर किस प्रकार काम करता है।
1. खांसी और कंजेशन के लिए पान के पत्ते के फायदे
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पान के पत्तों में कई औषधीय गुण होते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-माइक्रोबियल गुणों से भी समृद्ध होता है। पान के पत्ते के ये गुण खांसी से निजात दिला सकते हैं और संक्रमण को दूर कर खांसी के दौरान गले के कजेशन से छुटकारा यानी गले को साफ करने का काम कर सकते हैं (2)।
2. मधुमेह की रोकथाम के लिए पान खाने के फायदे
पान के पत्तों में एंटी हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं, जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज को कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं। पान के पत्ते में मौजूद इस गुण के कारण यह टाइप 2 डायबिटीज को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है (3)।
3. डेंटल हीलिंग और ओरल हेल्थ के लिए पान के पत्ते के फायदे
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इसमें दांतों को मजबूत करने और ओरल संक्रमण को दूर करने वाले औषधीय गुण मौजूद होते हैं। यह दांतों के क्षय के इलाज के लिए एक कारगर दवा के रूप में कार्य करता है और बैक्टीरिया के कारण होने वाले मुंह के संक्रमण से भी राहत देने का काम कर सकता है (4)।
4. अच्छे पाचन के लिए पान खाने के फायदे
पान की पत्ते आंतों के लाइपेस (Lipase), एमाइलेज (Amylase) और डिसाकारिडेसिस (Disaccharidases) पाचन एंजाइमों पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, जो अच्छे पाचन के लिए उपयोगी होते हैं। इससे पाचन तंत्र को मजबूती मिलती है। पाचन स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए पान एक विकल्प हो सकता है (5)।
5. भूख को बढ़ाने के लिए पान के पत्ते के फायदे
जैसा कि हमने ऊपर बताया कि पान की पत्ते आंतों के पाचन एंजाइमों पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं (5), जिससे पाचन तंत्र में सुधार होगा और इससे भूख भी बढ़ेगी। हालांकि, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
6. मुंह के छाले में पान खाने के फायदे
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एक शोध् के अनुसार पान के पत्त���ं के अर्क में एंटी-अल्सर गुण पाए जाते हैं, जो मुंह के छालों को ठीक करने में कारगर हो सकते हैं (7)। हालांकि, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
7. शरीर की दुर्गंध को दूर करने के लिए पान के पत्ते के फायदे
पान के पत्तों का अर्क शरीर की दुर्गंध मिटाने के लिए भी किया जा सकता है। इसमें पाए जाने वाले औषधीय गुण शरीर की बदबू दूर करने में मदद कर सकते हैं। अल्कोहल के सेवन के बाद शरीर से आने वाली दुर्गंध को इसके जरिए दूर किया जा सकता है (8)।
नोट : ध्यान रहे कि अल्कोहल का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
8. कैंसर से बचाव के लिए पान के फायदे
पान के पत्तों के अर्क में एंटी कैंसर गुण पाए जाते हैं, जो कैंसर को पनपने से रोक सकते हैं। इसका यह गुण ट्यूमर को बढ़ने से रोकने में भी कारगर होता है। साथ ही यह कैंसर की रोकथाम में भी मदद कर सकता है (1)।
9. वजन को कम करने के लिए पान के फायदे
मोटापा कम करने में भी पान के फायदे देखे जा सकते हैं, क्योंकि यह फाइबर से समृद्ध होता है (9)। पान वजन को नियंत्रित करने का काम कर सकता है। हालांकि, यह मोटापे के लिए कितना कारगर हो सकता है, इसके लिए अभी और शोध की आवश्यकता है (10)।
10. गैस्ट्रिक
पान के पत्तों के अर्क में गैस्ट्रो प्रोटेक्टिव गुण पाया जाता है, जो आपको गैस की समस्या से निजात दिलाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, इसमें पेट का अल्सर ठीक करने के गुण भी मौजूद होते हैं। पेट से जुड़ी इन समस्याओं के लिए आप इसका इस्तेमाल सीमित मात्रा में कर सकते हैं (11)।
11. घावों को ठीक करने के लिए पान के फायदे
पान के पत्ते का उपयोग प्राचीन काल से ही एक औषधि के रूप में किया जाता रहा है। इसके औषधीय गुण घाव को जल्द भरने का काम कर सकते हैं। यह हाइड्रॉक्सीप्रोलाइन (कोलेजन में पाया जाने वाला हेटेरोसाइक्लिक प्रोटीन अमीनो एसिड) और सुपरऑक्साइड डिसम्यूटेज (शरीर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करने वाला बहुत महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट) को बढ़ाने में कारगर है, जो घावों को जल्दी भरने में मदद करते हैं। एक शोध के अनुसार, पान के पत्ते से बने अर्क का उपयोग करने से मधुमेह में होने वाले घाव को जल्दी भरा जा सकता है (2)।
12. मुंहासों काे ठीक करे
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शोध में पाया गया है कि ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस मुंहासों को बढ़ाने का काम कर सकते हैं (12)। वहीं, पान के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को दूर कर मुंहासों को बढ़ने से रोक सकते हैं (2)।
पान के पत्ते के स्वास्थ्य लाभ के बाद, जानते हैं इसमें पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों के बारे में।
पान के पत्ते के पौष्टिक तत्व – Betel Leaf Nutritional Value in Hindi
पान के पत्ते के स्वास्थ्य लाभ सेहत के लिए कई मायनों में फायदेमंद होते हैं। कारण है इसमें पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व। आइए, पान के पत्तों में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों के बारे में जानते हैं (9)।
पोषक तत्व पोषक मूल्य पानी 85-90 % प्रोटीन 3-3.5 % वसा 0.4 – 1.0 % मिनरल 2.3 – 3.3 % फाइबर 2.3 % क्लोरोफिल 0.01 – 0.25 % कार्बोहाइड्रेट 0.5 – 6.10 % निकोटिन एसिड 0.63 – 0.89 मिलिग्राम / 100 ग्राम विटामिन सी 0.005 – 0.01 % विटामिन ए 1.9 – 2.9 मिलिग्राम /100 ग्राम थियामिन 10 – 70 µg /100 ग्राम राइबोफ्लेविन 1.9 – 30 µg /100 ग्राम टैनिन 0.1 – 1.3 % नाइट्रोजन 2.0 – 7.0 % फास्फोरस 0.05 – 0.6 % पोटैशियम 1.1 – 4.6 % कैल्शियम 0.2 – 0.5 % आयरन 0.005 – 0.007 % आयोडिन 3.4 µg /100 ग्राम आवश्यक तेल 0.08 – 0.2 % कैलोरी 22 कैलोरी /100 ग्राम
पान के पत्तों का इस्तेमाल सिर्फ पान मसाले के रूप में नहीं होता, बल्कि इसके और भी उपयोग हैं। आगे हम इसी बारे में बता रहे हैं।
पान के पत्ते का उपयोग – How to Use Betel Leaf in Hindi
पान के पत्तों का उपयोग अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तरीके से होता है।
इसका उपयोग पान मसाले के रूप में होता है, यह तो सभी जानते हैं।
पान का पत्ता चबाने से मुंह से दुर्गंध नहीं आती है। आप इसका उपयोग माउथ फ्रेशनर के रूप में कर सकते हैं।
पान का पत्ता पवित्र माना जाता है, इसका उपयोग पूजा लिए भी किया जाता है।
सेहत के लिए फायदेमंद पान का पत्ता नुकसानदायक भी हो सकता है, आइए जानते हैं इसके नुकसान।
पान के पत्ते के नुकसान – Side Effects of Betel Leaf in Hindi
फायदा पहुंचाने के साथ-साथ पान का पत्ता नुकसानदायक भी हो सकता है। यहां हम बता रहे हैं कि पान का पत्ता किस प्रकार हानिकारक हो सकता है।
अधिक पान के पत्ते चबाने से हृदय गति, रक्तचाप, पसीना और शरीर के तापमान में वृद्धि हो सकती है (13)।
शोध के अनुसार, पान चबाने से एसोफैगल (खाद्य नली) और मुंह का कैंसर होने की आशंका हो सकती है (14)।
अगर गर्भावस्था में पान के पत्तों का सेवन किया जाता है, तो यह भ्रूण और उसके विकास के लिए हानिकारक हो सकता है (15)।
अधिक मात्रा में पान के पत्तों का सेवन थायराइड की समस्या पैदा कर सकता है (16)।
आपने इस लेख में जाना कि पान के पत्ते का इस्तेमाल सिर्फ पान बनाने में नहीं किया जाता, बल्कि इसके कई सारे उपयोग भी हैं। साथ ही आपे जाना कि यह किस प्रकार सेहत के साथ-साथ त्वचा के लिए भी फायदेमंद हो सकता है, लेकिन पान के पत्ते का उपयोग सोच समझ कर करना चाहिए, नहीं तो इसके नकारात्मक परिणाम भी देखने मिल सकते हैं। पान के औषधीय गुण इसकी सीमित मात्रा और सही तरह से किए गए उपयोग से दिख सकते हैं। लेख पढ़ने के बाद अगर अभी भी आपके मन में कोई सवाल है, तो उसे नीचे कमेंट बॉक्स मे जरिए हम तक जरूर पहुंचाएं।
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Saral Jain
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/paan-ke-patte-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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