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#सर्वाइकल कैंसर से बचाव
mwsnewshindi · 2 years
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भारत का पहला सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन आज लॉन्च होगा
भारत का पहला सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन आज लॉन्च होगा
नई दिल्ली: भारत के चिकित्सा विज्ञान में एक ऐतिहासिक उपलब्धि में, सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ स्वदेशी रूप से विकसित पहला क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (क्यूएचपीवी) आज (1 सितंबर, 2022) राजधानी में लॉन्च किया जा रहा है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने पिछले महीने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ स्वदेशी रूप से विकसित वैक्सीन बनाने के लिए मार्केट ऑथराइजेशन…
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nationalistbharat · 5 months
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सर्वाइकल कैंसर:समझदारी ही बचाव है।
  डॉ नवमीत  मॉडल व अभिनेत्री पूनम पांडेय के निधन की खबर आ रही है। पूनम पांडेय इंस्टाग्राम व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर काफ़ी सक्रिय रहती थी। मात्र 32 वर्ष की उम्र में सर्वाइकल कैंसर से उनके निधन के बारे में खबरें आ रही हैं।सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय के निचले हिस्से, जिसको सर्विक्स कहा जाता है, को प्रभावित करता है। पूरी दुनिया में यह महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे कॉमन कैंसर है। अकेले 2020 में…
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sharpbharat · 2 years
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National hpv vactination to begin : सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए 9 से 14 वर्ष की लड़कियों का होगा टीकाकरण, बेटियों को असमय मौत से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला, बच्चियों के स्कूलों में टीकाकरण के लिए शुरू होगा राष्ट्रव्यापी अभियान
National hpv vactination to begin : सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए 9 से 14 वर्ष की लड़कियों का होगा टीकाकरण, बेटियों को असमय मौत से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला, बच्चियों के स्कूलों में टीकाकरण के लिए शुरू होगा राष्ट्रव्यापी अभियान
न��� दिल्ली : केंद्र सरकार ने सर्वाइकल के कैंसर के तेजी से प्रसार को गंभीरता से लेते हुए इसके खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है. इसके तहत सरकार स्कूलों के जरिये 9 से 14 वर्ष आयु वर्ग की लड़कियों के टीकाकरण का राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करेगी ताकि उन्हें असमय मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सके. सरकार ने यह निर्णय उस समय लिया है, जब हाल ही एक अध्ययन में सामने आया है कि एशिया में…
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prabudhajanata · 2 years
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Awareness कार्यशाला में नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे के साथ शामिल हुईं महिला पार्षद रायपुर। शहरी आजीविका मिशन द्वारा रायपुर...
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hindimaster · 2 years
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Cervical Cancer Vaccine Dgci Approved First Indian Affordable And Accessible HPV Vaccine Adar Poonawala Tweets
Cervical Cancer Vaccine Dgci Approved First Indian Affordable And Accessible HPV Vaccine Adar Poonawala Tweets
Cervical Cancer Vaccine: भारत में हर साल सर्वाइकल कैंसर से कई महिलाओं की जान चली जाती है. भारत में महिलाओं में जानलेवा दूसरी सबसे अधिक होने वाली बीमारी है. लेकिन, अब इसे लेकर एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. अब भारत में ही सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन (Indian Cervical Cancer Vaccine) बनेगी और इसके लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने मंगलवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को इस कैंसर से बचाव…
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gomediitechnologies · 4 years
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सर्वाइकल कैंसर के जोखिम
एक से अधिक यौन संबंध (Many sexual partners) : जो महिलाएं अलग अलग-लोगों के साथ संबंध बनाती हैं उन्हें ये कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है। ऐसा करने के बाद उनके शरीर में एचपीवी की  संभावना उतनी ही अधिक होगी।
अर्ली सेक्सुअली एक्टिविटी (Early sexual activity) : कम उम्र में संबंध बनाने से आपके शरीर में एचपीवी (HPV) का खतरा बढ़ जाता है।
अदर सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन (Other sexually transmitted infections STIs) : इसकी वजह से महिला के शरीर में इन्फेक्शन होने का खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा उस महिला को एचआईवी एड्स होने का खतरा भी होता है।
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली (A weak immune system) : यदि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली किसी अन्य स्वास्थ्य स्थिति से कमजोर है और आपको एचपीवी है, तो उन महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर होने की अधिक संभावना हो सकती है।
धूम्रपान (Smoking) : धूम्रपान स्क्वैमस सेल (squamous cell) सर्वाइकल कैंसर से जुड़ा हुआ है, इसलिए जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं, उन्हें धूम्रपान छोड़ देना चाहिए।
गर्भपात रोकने वाली दवा का सेवन (Exposure to miscarriage prevention drug) : जो महिला गर्भपात को रोकने के लिए अन्य दवाओं का सेवन करती हैं उन्हें भी बहुत सावधान रहने की जरुरत है। क्योंकि इन दवाओं के सेवन से महिलाओं को विशेष प्रकार के ग्रीवा के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, जिसे क्लियर सेल एडेनोकार्सिनोमा (Clear Cell Adenocarcinoma) कहा जाता है।
सर्वाइकल कैंसर से बचने के तरीके
अपने डॉक्टर से एचपीवी (HPV) वैक्सीन के बारे में पूछें : एचपीवी (HPV) संक्रमण को रोकने के लिए डॉक्टर टीका करण करते हैं इससे सर्वाइकल कैंसर और अन्य एचपीवी से संबंधित कैंसर का खतरा कम हो सकता है। अपने डॉक्टर से पूछें कि क्या आपके लिए एचपीवी वैक्सीन सही है या नहीं।
नियमित पैप टेस्ट करवाएं : पैप टेस्ट गर्भाशय ग्रीवा की अनिश्चित स्थितियों का पता लगा सकता है, इसकी सलाह आपका डॉक्टर देता है। इसलिए सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए डॉक्टर इस टेस्ट का सहारा लेते हैं और इसके उपचार के लिए प्रभावी कदम उठाते हैं। डॉक्टरों का सुझाव है कि 21 वर्ष की उम्र में पैप टेस्ट कराना शुरू कर देना चाहिए और उन्हें कुछ वर्षों में यह टेस्ट कराते रहना चाहिए।
सेक्स के दौरान संक्रमण से बचें : सेक्स के दौरान कई बार कुछ लोगों को संक्रमण होने का खतरा ज्यादा होता है। जो सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है। जब भी आप सेक्स करें, तो कंडोम का उपयोग जरूर करें और कई लोगों के साथ संबंध ना बनाए।
धूम्रपान न करें : यदि आप धूम्रपान नहीं करते हैं, तो ये बहुत अच्छी बात है। यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो छोड़ने की कोशिश करें। क्योंकि डॉक्टर भी सबसे पहले यही सलाह देता हैैं।
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asr24news · 2 years
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सर्वाइकल कैंसर की बीमारी से बचाव के लिए जीवनशैली में लाएं ये 6 बदलाव
सर्वाइकल कैंसर की बीमारी से बचाव के लिए जीवनशैली में लाएं ये 6 बदलाव
सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ- जानें नई दिल्ली। सर्वाइकल कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में होता है। गर्भाशय का निचला हिस्सा जो योनि से जुड़ता है। यह आमतौर पर मानव पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के लंबे समय तक संक्रमण के कारण होता है, जो एक यौन संचारित संक्रमण है। आप नियमित जांच परीक्षणों और एचपीवी संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करने वाले टीके प्राप्त करके…
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bharatalert · 2 years
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सर्वाइकल कैंसर: बीमारी से बचाव के लिए जीवनशैली में 6 बदलाव
सर्वाइकल कैंसर: बीमारी से बचाव के लिए जीवनशैली में 6 बदलाव
ग्रीवा कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में होता है – गर्भाशय का निचला हिस्सा जो योनि से जुड़ता है। यह आमतौर पर मानव पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के लंबे समय तक संक्रमण के कारण होता है, जो एक यौन संचारित संक्रमण है। हालाँकि, यह भी एक प्रकार का कैंसर है जिसे अत्यधिक रोका जा सकता है। आप नियमित जांच परीक्षणों और एचपीवी संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करने वाले टीके प्राप्त करके सर्वाइकल…
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abhay121996-blog · 3 years
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विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी पर विशेष Divya Sandesh
#Divyasandesh
विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी पर विशेष
जरूरी है कैंसर से बचाव कैंसर एक बहुत ही गंभीर बीमारी है इसकी गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि दुनियाभर में साल इस बीमारी से करोड़ो लोग ग्रसित होते हैं और लगभग एक करोड़ लोगों की असमय मौत हो जाती है। भारत मे इसकी गंभीरता का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि प्रतिवर्ष लगभग 8 लाख महिलाएँ और 7 लाख पुरुष इससे ग्रसित हो जाते हैं जिसमे से लगभग आधे मौत का शिकार हो जाते हैं । वास्तव में कैंसर में शरीर की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और वो ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। इसकी विशेषता यह है कि यह शरीर के किसी भी हिस्से या अंग में मौजूद कोशिकाओं को प्रभावित कर सकता है। कैंसर की गंभीरता को देखते हुए प्रतिवर्ष 4 फरवरी को विश्व कैन्सर दिवस का आयोजन किया जाता है । विश्व कैंसर दिवस के आयोजन का उद्देश्य कैंसर के बारे में जागरूकता और कैंसर शिक्षा को बढ़ावा देना तथा सरकारों एवँ व्यक्तियों पर कैंसर के खिलाफ करने के लिए प्रेरित करना है जिससे रोकथाम योग्य मौतों को रोका जा सके।
कैंसर के प्रकार :
एक अनुमान के अनुसार दुनिया में लगभग100 प्रकार के कैंसर पाये जाते हैं। इनमें ब्लड कैंसर, मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर, अंडाशय कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, प्रोस्टेट (पौरुष ग्रंथि) कैंसर, मूत्राशय का कैंसर, मस्तिष्क का कैंसर, लिवर (यकृत) कैंसर, बोन कैंसर, पेट का कैंसर, आदि प्रमुख हैं। दुनिया में सबसे अधिक लोगइन्हीं प्रकार के कैंसर से ग्रसित होते हैं।
कैंसर के कारणों का अभी निश्चित रूप से पता नहीं लगाया जा पाया है परंतु यह माना जाता है कि कैंसर के लिये कुछ चीजें जिम्मेदार हैं जैसे:
तंबाकू या उससे बने उत्पाद, जैसे- सिगरेट आदि का लंबे समय तक सेवन मुंह और फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकता है।
लंबे समय तक अल्कोहल का सेवन लिवर (यकृत) कैंसर समेत शरीर के कई अंगों में कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है।
आनुवंशिक दोष या उत्परिवर्तन भी कैंसर के खतरे को काफी हद तक बढ़ा सकता है। इसमें स्तन कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
लंबे समय तक पराबैंगनी किरणों के संपर्क में रहने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
कभी-कभी मोटापा भी कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है।
(विश्व कैंसर दिवस) कैंसर के लक्षण :
कैंसर के लक्षण देर से प्रकट होते हैं इसलिए शरीर की नियमित जांच करते रहना चाहिए तथा नीचे दिये हुये लक्षणों में से कोई दिखाई दे तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
त्वचा के नीचे गांठ महसूस होना
शरीर का वजन अचानक से कम या ज्यादा होना
त्वचा पर जल्दी निशान पड़ जाना
निगलने में कठिनाई होना
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
घाव का जल्दी ठीक न होना
थकान और कमजोरी महसूस होना
पेट में लगातार दर्द होना
कैंसर से बचाव के उपाय :
कैंसर का उपचार कठिन है परंतु बचाव आसान है इसलिए कुछ सावधनियाँ अपना कर इससे बचा जा सकता है। * शरीर को नियमित जांच करते रहें।
धूम्रपान,तम्बाकू, गुटका,शराब, पान, मसाला का सेवन न करें।
हरी सब्जियां, फाइबर युक्त आहार, मौसमी फल, आदि का प्रयोग करें।
आहार में अधिक वसा न लें
रेडिएशन के संपर्क में आने से बचें
नियमित रूप से व्यायाम करें
शरीर का सामान्य वजन बनाए रखें।
कोई परेशानी होने परतुरंत चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए। कैंसर का उपचार : अभी तक कैंसर का कोई निश्चित उपचार नहीं खोजा जा सका है परंतु सर्जरी , रेडियोथेरेपी द्वारा इसके उपचार का प्रयास किया जा रहा है। होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति द्वारा कैंसर के रोगियों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकता है तथा शरीर की तकलीफों को कम किया जा सकता है कैंसर के उपचार में होम्योपैथी की भूमिका पूरक के रूप में हो सकती है। चूंकि कैंसर का कोई निश्चित उपचार नहीं है इसलिए बचाव पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए।
लेखक डॉ अनुरूद्ध वर्मा ,वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक हैं।
मोबाइल नंबर 9415975558
ये भी पढ़ें : ब्रेकिंग : रिटायर्ड आईपीएस भवेश कुमार होंगे मुख्य सूचना आयुक्त
ई-पेपर पढ़ें : दिव्य संदेश
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sharpbharat · 2 years
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Jamshedpur-Girls-High-School-International-Women's Day : जमशेदपुर बालिका उच्च विद्यालय में लायंस क्लब ने शिक्षिकाओं व छात्राओं संग मनाया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, दी गयी ब्रेस्ट कैंसर व सर्वाइकल कैंसर से बचाव की जानकारी
Jamshedpur-Girls-High-School-International-Women’s Day : जमशेदपुर बालिका उच्च विद्यालय में लायंस क्लब ने शिक्षिकाओं व छात्राओं संग मनाया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, दी गयी ब्रेस्ट कैंसर व सर्वाइकल कैंसर से बचाव की जानकारी
जमशेदपुर : साकची स्थित जमशेदपुर बालिका उच्च विद्यालय में लायंस क्लब ऑफ जमशेदपुर और लायंस क्लब ऑफ जमशेदपुर डायमंड द्वारा संयुक्त रूप से इंटरनेशनल वीमेंस डे मनाया गया. इसमें मुख्य अतिथि क्लब की सदस्य डॉ इंदु चौहान थीं. उन्होंने छात्राओं को हेल्थ और हाइजिन के बारे में विस्तृत जानकारी दी. साथ ही मासिक के समय ध्यान देने वाली बातों का जानकारी दी. ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के बारे में विस्तृत रूप…
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googleyoffer-blog · 4 years
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वैक्सीनेशन गाइड से समझिए कब-कौन सा टीका लगवाएं क्योंकि टीका लगने के 10 दिन बाद बनता है सुरक्षा-चक्र
वैक्सीनेशन गाइड से समझिए कब-कौन सा टीका लगवाएं क्योंकि टीका लगने के 10 दिन बाद बनता है सुरक्षा-चक्र
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हेल्थ डेस्क. लां सेट ग्लोबल हेल्थ की एक रिपोर्ट के अनुसार सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतें सर्वाधिक भारत में होती हैं। महिलाओं को होने वाले इस सर्वाइकल (गर्भाशय) कैंसर और कई तरह के संक्रमण से एचपीवी नामक टीके (वैक्सीन) से बचाव किया जा सकता है। इसी तरह बिहार के गोरखपुर और दूसरे इलाकों में बच्चों की मौतों के लिए जिम्मेदार जापानी बुखार से बचाव के लिए जेईवी (जापानी एंसेफेलाइटिस) नामक वैक्सीन दी…
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ndpatil · 5 years
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कैंसर से होने वाली मौतों पर अगर नज़र डालें तो भारत में भी कैंसर से पुरुषों की मौत अधिक होत�� है. इसकी एक वजह यह है कि महिलाएं अधिकतर स्तन, सर्वाइकल, ओवेरियन और गर्भाशय से जुड़े कैंसर से पीड़ित होती हैं. महिलाओं में पाए जाने वाले कैंसर में 70 प्रतिशत इसी प्रकार का कैंसर होता है और इनमें इलाज से बचाव कर पाने की गुंजाइशें अधिक होती हैं. वहीं पुरुषों में अधिकतर फेफड़ों या फिर मुंह का कैंसर होता है. इन दोनों ही प्रकार का कैंसर बहुत अधिक धूम्रपान और तंबाकू खाने की वजह से होता है. इस तरह के कैंसर में बचाव की दर भी बहुत कम होती है. https://bit.ly/2yzc43n, https://www.instagram.com/p/Bzjh7JsJnUN/?igshid=ehsgi633tis2
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rohtakmedia-blog · 5 years
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कैंसर : इन लक्षणों और संकेतों को न करें नजरअंदाज
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कैंसर : इन लक्षणों और संकेतों को न करें नजरअंदाज : आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनियाभर में हर साल कैंसर के 1 करोड़ 80 लाख नए मामले सामने आ रहे हैं। वहीं भारत की बात करें तो देश में भी हर साल कैंसर के करीब 14 लाख नए मामले आते हैं लेकिन लाइफस्टाइल में बदलाव, समय पर जांच और सही इलाज से कैंसर की रोकथाम की जा सकती है। यही नहीं, थोड़ी कोशिश और सावधानी से इससे बचाव भी काफी हद तक मुमकिन है। आज 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे के मौके पर दिल्ली के फॉर्टिस फ्लाइट लेफ्टिनेंट राजन ढल हॉस्पिटल में एचओडी हेड-नेक-ब्रेस्ट कैंसर एक्सपर्ट डॉ. मनदीप मल्होत्रा उन सामान्य लक्षणों और संकेतों के बारे में बता रहे हैं जिनपर हमें तुरंत ध्यान देने की जरूरत है, ताकि समय रहते पता चल सके कि ये संकेत कैंसर है या फिर कुछ और... इन्हे भी पढ़े :- कुष्ठ रोग से परेशान मरीज न हो निराश, इलाज है संभव, करना होगा ये काम अचानक वजन घटना महिलाएं अपने वजन और कमर बढ़ने को लेकर बेहद चिंतित रहती हैं लेकिन अचानक और बिना किसी वजह के अगर आपका वजन घट रहा है, तो डॉक्टर को दिखाएं। थकान महसूस होना पर्याप्त आराम व नींद के बावजूद दिनभर थकान महसूस करना भी कैंसर का एक लक्षण हो सकता है। बिना वजह पेट फूलना बिना किसी वजह के पेट फूलना और लगातार कब्ज की समस्या रहना भी ओवेरियन या यूटीराइन कैंसर का लक्षण हो सकता है। जरूरत से ज्यादा ब्लीडिंग योनि से कोई असाधारण डिस्चार्ज एंडोमीट्रियल या सर्वाइकल कैंसर का लक्षण हो सकता है। असाधारण ब्लीडिंग हो, तो डॉक्टर से संपर्क करें और सही ढंग से जांच कराएं। अगर आप छोटे सिस्ट या गांठ को नजरअंदाज करेंगे, तो वह भी कैंसर की बड़ी वजह बन सकती है। मेनॉपॉज के बाद बहुत ज्यादा ब्लीडिंग भी कैंसर का संकेत हो सकती है। पेट के निचले हिस्से में दर्द लंबे समय तक पेट में रहने वाले दर्द को गंभीरता से लेना चाहिए। बिना किसी सूजन या ब्लीडिंग के पेट और पेट के निचले हिस्से में होने वाले दर्द को डॉक्टर को दिखाना चाहिए। यह समस्या मेल फीमेल दोनों को हो सकती हैं, इसलिए इस पर भी ध्यान देना चाहिए। मरोड़ के साथ उबकाई अगर आपको लगे कि आपके पेट में लगातार मरोड़ उठ रही है या उबकाई आ रही है और समय के साथ आपको आराम नहीं मिल रहा है तो कैंसर की आशंका के लिए इसकी जांच कराएं। पीठ के निचले हिस्से में दर्द अगर हड्डी संबंधी कोई समस्या नहीं है, तो पीठ के निचले हिस्से में दर्द रहना ओवेरियन कैंसर का लक्षण हो सकता है। ब्रेस्ट में गांठ या डिस्चार्ज ब्रेस्ट के कलर में बदलाव आना या गड्ढा पड़ना ब्रेस्ट कैंसर का चेतावनी संकेत हो सकता है। ब्रेस्ट में किसी प्रकार की गांठ या कोई निप्पल से डिस्चार्ज दिखे, तो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा हो सकता है। तुरंत जांच करवाएं। भूख खत्म हो जाना हमेशा पेट भरे रहने का अहसास हो, ऐसी फल और सब्जियां जो कभी आपको बेहद पसंद थे लेकिन अब उन्हें देखकर भी आपको भूख नहीं लग रही है, तो यह बड़ी समस्या की शुरुआत हो सकती है। इन्हे भी पढ़े :- नोकिया 24 फरवरी को पेश करेगी नए स्मार्टफोन मल के साथ खून आना मल के साथ रक्त का आना- मुमकिन है कि यह कुछ गंभीर न हो लेकिन यह कोलोन कैंसर का भी संकेत हो सकता है। या फिर लंबे समय तक बेहद सख्त मल आना भी इस कैंसर की तरफ संकेत देता है। शरीर पर लाल चकत्ते अगर आपको अक्सर बिना किसी चोट या जख्म के शरीर पर खरोंच दिखे, तो इसे डॉक्टर को दिखाना चाहिए। लाल या काले रंग के चकत्ते वह भी बिना किसी दर्द के हों, तो स्किन कैंसर का संकेत हो सकते हैं। लंबे वक्त तक रहे बुखार अगर आमतौर पर स्वस्थ रहने वाला व्यक्ति अचानक बीमार हो जाए या अक्सर उसे बुखार रहने लगे, तो यह एक संकेत है और इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कैंसर : इन लक्षणों और संकेतों को न करें नजरअंदाज स्त्रोत : navbharattimes छायाचित्र भिन्न हो सकता है Read the full article
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worldstopnews · 4 years
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Health News In Hindi : Vaccination helps prevent 90% of diseases and infections | टीकाकरण से कई बीमारियों और संक्रमण से 90 फीसदी तक होता है बचाव
Health News In Hindi : Vaccination helps prevent 90% of diseases and infections | टीकाकरण से कई बीमारियों और संक्रमण से 90 फीसदी तक होता है बचाव
Dainik Bhaskar
Dec 22, 2019, 05:26 PM IST
हेल्थ जेस्क.लांसेट ग्लोबल हेल्थ की एक रिपोर्ट सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतें सर्वाधिक भारत में होती हैं। महिलाओं को होने वाले इस सर्वाइकल (गर्भाशय) कैंसर और कई तरह के संक्रमण से एचपीवी नामक टीके (वैक्सीन) से बचाव किया जा सकता है। इसी तरह बिहार के गोरखपुर और दूसरे इलाकों में बच्चों की मौतों के लिए जिम्मेदार जापानी बुखार से बचाव के लिए जेईवी (जापानी…
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gethealthy18-blog · 5 years
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पान के पत्ते के 12 फायदे, उपयोग और नुकसान – Betel Leaf Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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पान के पत्ते के 12 फायदे, उपयोग और नुकसान – Betel Leaf Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Saral Jain Hyderabd040-395603080 September 17, 2019
आपने वो गाना तो सुना ही हाेगा ‘खई के पान बनारस वाला, खुल जाए बंद अकल का ताला’। दरअसल, भारत में पान खाने की परंपरा पुरानी है, इसलिए इस पर कई गाने भी बन चुके हैं। पान में दो चीजें सबसे महत्वपूर्ण होती हैं, एक पान का पत्ता और दूसरा सुपारी। आपको जानकर हैरानी होगी कि सुपारी से अलग पान के पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। पान के पत्ते का उपयोग शरीर की कई परेशानियों से निजात पाने के लिए किया जा सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम बात करेंगे शरीर के लिए पान के पत्ते के फायदे और इसके उपयोग में लाने के विभिन्न तरीकों और नुकसानों के बारे में।
विषय सूची
पान के पत्ते सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हैं। कैसे? आइए जानते हैं।
पान के पत्ते आपके सेहत के लिए क्यों अच्छे हैं?
पुराने समय से ही आयुर्वेद में पान के पत्ते का उपयोग इसके औषधीय गुणों की वजह से किया जाता रहा है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व आपकी सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। पान के पत्तों में टॉक्सिन को खत्म करने से लेकर एंटीऑक्सीडेंट जैसे गुण होते हैं। इसके अलावा, इसमें एंटी-डायबिटिक, एंटी��ंफ्लेमेटरी, एंटी-कैंसर, दिल को स्वस्थ रखने वाले और एंटी-अल्सर जैसे गुण भी पाए जाते हैं (1)। तो है न यह हमारी सेहत के लिए फायदेमंद।
पान के पत्ते के फायदे बस सेहत के लिए ही नहीं है, इसके और भी फायदे हैं। आइए जानते हैं।
पान के पत्ते के फायदे – Benefits of Betel Leaf in Hindi
अभी आपने ऊपर जाना कि पान का पत्ता हमारी सेहत के लिए क्यों फायदेमंद हैं, अब जानिए यह शरीर की विभिन्न बीमारियों पर किस प्रकार काम करता है।
1. खांसी और कंजेशन के लिए पान के पत्ते के फायदे
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पान के पत्तों में कई औषधीय गुण होते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-माइक्रोबियल गुणों से भी समृद्ध होता है। पान के पत्ते के ये गुण खांसी से निजात दिला सकते हैं और संक्रमण को दूर कर खांसी के दौरान गले के कजेशन से छुटकारा यानी गले को साफ करने का काम कर सकते हैं (2)।
2. मधुमेह की रोकथाम के लिए पान खाने के फायदे
पान के पत्तों में एंटी हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं, जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज को कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं। पान के पत्ते में मौजूद इस गुण के कारण यह टाइप 2 डायबिटीज को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है (3)।
3. डेंटल हीलिंग और ओरल हेल्थ के लिए पान के पत्ते के फायदे
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इसमें दांतों को मजबूत करने और ओरल संक्रमण को दूर करने वाले औषधीय गुण मौजूद होते हैं। यह दांतों के क्षय के इलाज के लिए एक कारगर दवा के रूप में कार्य करता है और बैक्टीरिया के कारण होने वाले मुंह के संक्रमण से भी राहत देने का काम कर सकता है (4)।
4. अच्छे पाचन के लिए पान खाने के फायदे
पान की पत्ते आंतों के लाइपेस (Lipase), एमाइलेज (Amylase) और डिसाकारिडेसिस (Disaccharidases) पाचन एंजाइमों पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, जो अच्छे पाचन के लिए उपयोगी होते हैं। इससे पाचन तंत्र को मजबूती मिलती है। पाचन स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए पान एक विकल्प हो सकता है (5)।
5. भूख को बढ़ाने के लिए पान के पत्ते के फायदे
जैसा कि हमने ऊपर बताया कि पान की पत्ते आंतों के पाचन एंजाइमों पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं (5), जिससे पाचन तंत्र में सुधार होगा और इससे भूख भी बढ़ेगी। हालांकि, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
6. मुंह के छाले में पान खाने के फायदे
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एक शोध् के अनुसार पान के पत्त���ं के अर्क में एंटी-अल्सर गुण पाए जाते हैं, जो मुंह के छालों को ठीक करने में कारगर हो सकते हैं (7)। हालांकि, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
7. शरीर की दुर्गंध को दूर करने के लिए पान के पत्ते के फायदे
पान के पत्तों का अर्क शरीर की दुर्गंध मिटाने के लिए भी किया जा सकता है। इसमें पाए जाने वाले औषधीय गुण शरीर की बदबू दूर करने में मदद कर सकते हैं। अल्कोहल के सेवन के बाद शरीर से आने वाली दुर्गंध को इसके जरिए दूर किया जा सकता है (8)।
नोट : ध्यान रहे कि अल्कोहल का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
8. कैंसर से बचाव के लिए पान के फायदे
पान के पत्तों के अर्क में एंटी कैंसर गुण पाए जाते हैं, जो कैंसर को पनपने से रोक सकते हैं। इसका यह गुण ट्यूमर को बढ़ने से रोकने में भी कारगर होता है। साथ ही यह कैंसर की रोकथाम में भी मदद कर सकता है (1)।
9. वजन को कम करने के लिए पान के फायदे
मोटापा कम करने में भी पान के फायदे देखे जा सकते हैं, क्योंकि यह फाइबर से समृद्ध होता है (9)। पान वजन को नियंत्रित करने का काम कर सकता है। हालांकि, यह मोटापे के लिए कितना कारगर हो सकता है, इसके लिए अभी और शोध की आवश्यकता है (10)।
10. गैस्ट्रिक
पान के पत्तों के अर्क में गैस्ट्रो प्रोटेक्टिव गुण पाया जाता है, जो आपको गैस की समस्या से निजात दिलाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, इसमें पेट का अल्सर ठीक करने के गुण भी मौजूद होते हैं। पेट से जुड़ी इन समस्याओं के लिए आप इसका इस्तेमाल सीमित मात्रा में कर सकते हैं (11)।
11. घावों को ठीक करने के लिए पान के फायदे
पान के पत्ते का उपयोग प्राचीन काल से ही एक औषधि के रूप में किया जाता रहा है। इसके औषधीय गुण घाव को जल्द भरने का काम कर सकते हैं। यह हाइड्रॉक्सीप्रोलाइन (कोलेजन में पाया जाने वाला हेटेरोसाइक्लिक प्रोटीन अमीनो एसिड) और सुपरऑक्साइड डिसम्यूटेज (शरीर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करने वाला बहुत महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट) को बढ़ाने में कारगर है, जो घावों को जल्दी भरने में मदद करते हैं। एक शोध के अनुसार, पान के पत्ते से बने अर्क का उपयोग करने से मधुमेह में होने वाले घाव को जल्दी भरा जा सकता है (2)।
12. मुंहासों काे ठीक करे
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शोध में पाया गया है कि ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस मुंहासों को बढ़ाने का काम कर सकते हैं (12)। वहीं, पान के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को दूर कर मुंहासों को बढ़ने से रोक सकते हैं (2)।
पान के पत्ते के स्वास्थ्य लाभ के बाद, जानते हैं इसमें पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों के बारे में।
पान के पत्ते के पौष्टिक तत्व – Betel Leaf Nutritional Value in Hindi
पान के पत्ते के स्वास्थ्य लाभ सेहत के लिए कई मायनों में फायदेमंद होते हैं। कारण है इसमें पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व। आइए, पान के पत्तों में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों के बारे में जानते हैं (9)।
पोषक तत्व पोषक मूल्य पानी 85-90 % प्रोटीन 3-3.5 % वसा 0.4 – 1.0 % मिनरल 2.3 – 3.3 % फाइबर 2.3 % क्लोरोफिल 0.01 – 0.25 % कार्बोहाइड्रेट 0.5 – 6.10 % निकोटिन एसिड 0.63 – 0.89 मिलिग्राम / 100 ग्राम विटामिन सी 0.005 – 0.01 % विटामिन ए  1.9 – 2.9 मिलिग्राम /100 ग्राम थियामिन 10 – 70 µg /100 ग्राम राइबोफ्लेविन 1.9 – 30  µg /100 ग्राम टैनिन 0.1 – 1.3 % नाइट्रोजन 2.0 – 7.0 % फास्फोरस 0.05 – 0.6 % पोटैशियम 1.1 – 4.6 % कैल्शियम 0.2 – 0.5 % आयरन 0.005 – 0.007 % आयोडिन 3.4 µg /100 ग्राम आवश्यक तेल 0.08 – 0.2 % कैलोरी 22 कैलोरी /100 ग्राम
पान के पत्तों का इस्तेमाल सिर्फ पान मसाले के रूप में नहीं होता, बल्कि इसके और भी उपयोग हैं। आगे हम इसी बारे में बता रहे हैं।
पान के पत्ते का उपयोग – How to Use Betel Leaf in Hindi
पान के पत्तों का उपयोग अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तरीके से होता है।
इसका उपयोग पान मसाले के रूप में होता है, यह तो सभी जानते हैं।
पान का पत्ता चबाने से मुंह से दुर्गंध नहीं आती है। आप इसका उपयोग माउथ फ्रेशनर के रूप में कर सकते हैं।
पान का पत्ता पवित्र माना जाता है, इसका उपयोग पूजा लिए भी किया जाता है।
सेहत के लिए फायदेमंद पान का पत्ता नुकसानदायक भी हो सकता है, आइए जानते हैं इसके नुकसान।
पान के पत्ते के नुकसान – Side Effects of Betel Leaf in Hindi
फायदा पहुंचाने के साथ-साथ पान का पत्ता नुकसानदायक भी हो सकता है। यहां हम बता रहे हैं कि पान का पत्ता किस प्रकार हानिकारक हो सकता है।
अधिक पान के पत्ते चबाने से हृदय गति, रक्तचाप, पसीना और शरीर के तापमान में वृद्धि हो सकती है (13)।
शोध के अनुसार, पान चबाने से एसोफैगल (खाद्य नली) और मुंह का कैंसर होने की आशंका हो सकती है (14)।
अगर गर्भावस्था में पान के पत्तों का सेवन किया जाता है, तो यह भ्रूण और उसके विकास के लिए हानिकारक हो सकता है (15)।
अधिक मात्रा में पान के पत्तों का सेवन थायराइड की समस्या पैदा कर सकता है (16)।
आपने इस लेख में जाना कि पान के पत्ते का इस्तेमाल सिर्फ पान बनाने में नहीं किया जाता, बल्कि इसके कई सारे उपयोग भी हैं। साथ ही आपे जाना कि यह किस प्रकार सेहत के साथ-साथ त्वचा के लिए भी फायदेमंद हो सकता है, लेकिन पान के पत्ते का उपयोग सोच समझ कर करना चाहिए, नहीं तो इसके नकारात्मक परिणाम भी देखने मिल सकते हैं। पान के औषधीय गुण इसकी सीमित मात्रा और सही तरह से किए गए उपयोग से दिख सकते हैं। लेख पढ़ने के बाद अगर अभी भी आपके मन में कोई सवाल है, तो उसे नीचे कमेंट बॉक्स मे जरिए हम तक जरूर पहुंचाएं।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/paan-ke-patte-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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