लखनऊ 14.10.2023 | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा कैरियर कान्वेंट कॉलेज, विकास नगर के संयुक्त तत्वावधान में सेमिनार विषयक "Our Minds, Our Rights" का आयोजन कैरियर कान्वेंट कॉलेज विकास नगर लखनऊ में किया गया| सेमिनार में डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, Ayurveda Doctor and Art of Living Yoga Instructor तथा वंदना त्रिभुवन सिंह, Expert in Leadership Communication and Image Management ने छात्र-छात्राओं को मानसिक तनाव से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया तथा उस दुष्प्रभाव से किस तरह बचा जा सकता है यह भी बताया | सेमिनार में कैरियर कान्वेंट कॉलेज के करीब 200 छात्र छात्राओं, शिक्षिकाओं ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि "विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और मानसिक बीमारियों के बारे में जानकारी देना है, इसलिए हमें भी जानना चाहिए कि मानसिक विकार से बचने के लिए क्या करना जरूरी है। वर्तमान जीवनशैली में युवा हों या बुजुर्ग, सभी उम्र के लोगों में दबाव, चिंता और किसी तरह की परेशानी के कारण वे मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। मानसिक विकार शरीर पर तो प्रभाव डालता ही है। साथ ही व्यक्ति के मन में आत्महत्या तक के ख्याल आने का कारण बन जाता है। मेरा यह मानना है कि हमारे दिमाग पर सिर्फ हमारा हक है हम इसे सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रखें या नकारात्मक कार्यों से अपनी ऊर्जा खत्म करें यह हमारे ऊपर है | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट अपने स्थापना वर्ष 2012 से ही निरंतर कमजोर और निर्धन वर्ग के उत्थान हेतु अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है | लोगों को उनके स्वास्थ देखभाल हेतु जागरूक करने के लिए ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर, नेत्र जांच शिविर, TB अवेयरनेस शिविर, योगा शिविर, कैंसर चेकअप शिविर, रक्तदान शिविर आदि का आयोजन किया जाता रहा है व आगे भी ट्रस्ट द्वारा सभी के सहयोग से जनहित मे�� और ��ी कार्य किया जाएगा |"
सेमिनार को संबोधित करते हुए कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के इस प्रयास की सराहना की तथा कहा कि, "इस तरह के कार्यक्रम स्कूलों में निरंतर आयोजित होते रहने चाहिए| उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं ठीक उसी तरह हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए |"
वंदना सिंह चौहान ने आज के परिप्रेक्ष्य में बढ़ रहे मानसिक तनाव के बारे में कहा कि "मानसिक स्वास्थ्य को लेकर हमारे दिमाग में यह धारणा बनी हुई है कि यदि कोई मानसिक तनाव में है तो वह पागल है | जब हम बीमार होते हैं तो हम डॉक्टर के पास जाते हैं और बड़े गर्व से बताते हैं कि हमें यह बीमारी है लेकिन जब हम मानसिक तनाव में होते हैं तो थैरेपिस्ट के पास जाने में हमें शर्म आती है| आज हम अलग-अलग तनाव से गिरे हुए हैं लेकिन किसी के साथ साझा करने से घबराते हैं| मेरा यह मानना है कि मन के हारे हार सदा रे, मन के जीते जीत| अगर आपका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा है और आप मानसिक रूप से सशक्त हैं तो आपको कोई नहीं हरा सकता |"
डॉ शिप्रा श्रीवास्तव ने मानसिक स्वास्थ्य हेतु आयुर्वेद के महत्व को बताते हुए कहा कि, "यदि हम शरीर से स्वस्थ हैं लेकिन मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो हम संपूर्ण स्वस्थ नहीं हैं क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है| हम अपने शरीर की सफाई तो करते हैं लेकिन अपने दिमाग की सफाई कैसे करें इस पर ध्यान देने की जरूरत है जिसके लिए हमें योग क्रिया, प्राणायाम, ध्यान आदि करना चाहिए जिससे न सिर्फ हमारे मन को शांति मिलेगी बल्कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य और अधिक मजबूत होगा| आयुर्वेद में कहा गया है कि मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए प्रकृति के अनुकूल भोजन करना चाहिए और अगर हमारे मस्तिष्क में कोई समस्या चल रही हो तो उसे अपने माता-पिता शिक्षक या सहपाठियों के साथ साझा करना चाहिए| ऐसा करने से न सिर्फ हमें आत्मिक शांति मिलती है बल्कि उस समस्या का समाधान भी मिल जाता है |"
सेमिनार में डॉ रूपल अग्रवाल ने गणमान्य वक्ताओं डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह एवं कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन का प्रतीक चिन्ह से सम्मान किया| सभी छात्र- छात्राओं ने सम्मानित वक्तागणों से मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कई सवाल पूछे जिनका उत्तर पाकर उनके चेहरे खुशी से खिल उठे| सवाल पूछने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया |
सेमिनार में श्री जॉबी जॉन, डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह सहित कैरियर कान्वेंट कॉलेज की शिक्षकों श्रीमती सुनीता गुनियाल, श्रीमती अरुणा श्रीवास्तव, मि. योगेश त्रिपाठी, मि. हृदेश पांडे, सराह खान, श्रीमती कविता उपाध्याय, श्रीमती नम्रता सक्सेना,श्रीमती पूनम सिंह, शाहीन, श्रीमती सुमित्रा, रजा अब्बास, सायरा खान, अनुराधा श्रीवास्तव, आशीष श्रीवास्तव, गौहर, विवेकानंद, मि. मनोज पांडे, गिरीश द्विवेदी, रंजना तथा छात्र-छात्राओं नसरा आफरीन, तृषा कनौजिया, नैना भट्ट, तन्मय रावत, उस्मान, श्रेया, जोया, आयशा अशफेक, अयान खान, यश डेनियल आदि की उपस्थिति रही |
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World Mental Health Day: Our Minds Our Rights | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस : हमारा मन हमारे अधिकार
लखनऊ 14.10.2023 | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा कैरियर कान्वेंट कॉलेज, विकास नगर के संयुक्त तत्वावधान में सेमिनार विषयक Our Minds Our Rights का आयोजन कैरियर कान्वेंट कॉलेज विकास नगर लखनऊ में किया गया | सेमिनार में डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, Ayurveda Doctor and Art of Living Yoga Instructor तथा वंदना त्रिभुवन सिंह, Expert in Leadership Communication and Image Management ने छात्र-छात्राओं को मानसिक तनाव से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया तथा उस दुष्प्रभाव से किस तरह बचा जा सकता है यह भी बताया | सेमिनार में कैरियर कान्वेंट कॉलेज के करीब 200 छात्र छात्राओं, शिक्षिकाओं ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और मानसिक बीमारियों के बारे में जानकारी देना है, इसलिए हमें भी जानना चाहिए कि मानसिक विकार से बचने के लिए क्या करना जरूरी है । वर्तमान जीवनशैली में युवा हों या बुजुर्ग, सभी उम्र के लोगों में दबाव, चिंता और किसी तरह की परेशानी के कारण वे मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं । मानसिक विकार शरीर पर तो प्रभाव डालता ही है । साथ ही व्यक्ति के मन में आत्महत्या तक के ख्याल आने का कारण बन जाता है। मेरा यह मानना है कि हमारे दिमाग पर सिर्फ हमारा हक है हम इसे सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रखें या नकारात्मक कार्यों से अपनी ऊर्जा खत्म करें यह हमारे ऊपर है | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट अपने स्थापना वर्ष 2012 से ही निरंतर कमजोर और निर्धन वर्ग के उत्थान हेतु अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है | लोगों को उनके स्वास्थ देखभाल हेतु जागरूक करने के लिए ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर, नेत्र जांच शिविर, TB अवेयरनेस शिविर, योगा शिविर, कैंसर चेकअप शिविर, रक्तदान शिविर आदि का आयोजन किया जाता रहा है व आगे भी ट्रस्ट द्वारा सभी के सहयोग से जनहित में और भी कार्य किया जाएगा |
सेमिनार को संबोधित करते हुए कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के इस प्रयास की सराहना की तथा कहा कि इस तरह के कार्यक्रम स्कूलों में निरंतर आयोजित होते रहने चाहिए| उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं ठीक उसी तरह हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए |
वंदना सिंह चौहान ने आज के परिप्रेक्ष्य में बढ़ रहे मानसिक तनाव के बारे में कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर हमारे दिमाग में यह धारणा बनी हुई है कि यदि कोई मानसिक तनाव में है तो वह पागल है | जब हम बीमार होते हैं तो हम डॉक्टर के पास जाते हैं और बड़े गर्व से बताते हैं कि हमें यह बीमारी है लेकिन जब हम मानसिक तनाव में होते हैं तो थेरेपिस्ट के पास जाने में हमें शर्म आती है | आज हम अलग-अलग तनाव से गिरे हुए हैं लेकिन किसी के साथ साझा करने से घबराते हैं | मेरा यह मानना है कि मन के हारे हार सदा रे, मन के जीते जीत| अगर आपका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा है और आप मानसिक रूप से सशक्त हैं तो आपको कोई नहीं हरा सकता |
डॉ शिप्रा श्रीवास्तव ने मानसिक स्वास्थ्य हेतु आयुर्वेद के महत्व को बताते हुए कहा कि यदि हम शरीर से स्वस्थ हैं लेकिन मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो हम संपूर्ण स्वस्थ नहीं हैं क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है | हम अपने शरीर की सफाई तो करते हैं लेकिन अपने दिमाग की सफाई कैसे करें इस पर ध्यान देने की जरूरत है जिसके लिए हमें योग क्रिया, प्राणायाम, ध्यान आदि करना चाहिए जिससे न सिर्फ हमारे मन को शांति मिलेगी बल्कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य और अधिक मजबूत होगा | आयुर्वेद में कहा गया है कि मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए प्रकृति के अनुकूल भोजन करना चाहिए और अगर हमारे मस्तिष्क में कोई समस्या चल रही हो तो उसे अपने माता-पिता शिक्षक या सहपाठियों के साथ साझा करना चाहिए | ऐसा करने से न सिर्फ हमें आत्मिक शांति मिलती है बल्कि उस समस्या का समाधान भी मिल जाता है |
सेमिनार में डॉ रूपल अग्रवाल ने गणमान्य वक्ताओं डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह एवं कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन का प्रतीक चिन्ह से सम्मान किया| सभी छात्र- छात्राओं ने सम्मानित वक्तागणों से मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कई सवाल पूछे जिनका उत्तर पाकर उनके चेहरे खुशी से खिल उठे | सवाल पूछने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया |
सेमिनार में श्री जॉबी जॉन, डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह सहित कैरियर कान्वेंट कॉलेज की शिक्षकों श्रीमती सुनीता गुनियाल, श्रीमती अरुणा श्रीवास्तव, मि. योगेश त्रिपाठी, मि. हृदेश पांडे, सराह खान, श्रीमती कविता उपाध्याय, श्रीमती नम्रता सक्सेना,श्रीमती पूनम सिंह, शाहीन, श्रीमती सुमित्रा, रजा अब्बास, सायरा खान, अनुराधा श्रीवास्तव, आशीष श्रीवास्तव, गौहर, विवेकानंद, मि. मनोज पांडे, गिरीश द्विवेदी, रंजना तथा छात्र-छात्राओं नसरा आफरीन, तृषा कनौजिया, नैना भट्ट, तन्मय रावत, उस्मान, श्रेया, जोया, आयशा अशफेक, अयान खान, यश डेनियल आदि की उपस्थिति रही |
#mentalhealth #mentalhealthawareness #anxiety #mentalhealthmatters #depression #motivation #wellness #mindfulness #healing #inspiration #positivity #meditation #mentalillness #psychology #wellbeing
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World Mental Health Day: Our Minds Our Rights | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस : हमारा मन हमारे अधिकार
लखनऊ 14.10.2023 | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा कैरियर कान्वेंट कॉलेज, विकास नगर के संयुक्त तत्वावधान में सेमिनार विषयक Our Minds Our Rights का आयोजन कैरियर कान्वेंट कॉलेज विकास नगर लखनऊ में किया गया | सेमिनार में डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, Ayurveda Doctor and Art of Living Yoga Instructor तथा वंदना त्रिभुवन सिंह, Expert in Leadership Communication and Image Management ने छात्र-छात्राओं को मानसिक तनाव से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया तथा उस दुष्प्रभाव से किस तरह बचा जा सकता है यह भी बताया | सेमिनार में कैरियर कान्वेंट कॉलेज के करीब 200 छात्र छात्राओं, शिक्षिकाओं ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और मानसिक बीमारियों के बारे में जानकारी देना है, इसलिए हमें भी जानना चाहिए कि मानसिक विकार से बचने के लिए क्या करना जरूरी है । वर्तमान जीवनशैली में युवा हों या बुजुर्ग, सभी उम्र के लोगों में दबाव, चिंता और किसी तरह की परेशानी के कारण वे मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं । मानसिक विकार शरीर पर तो प्रभाव डालता ही है । साथ ही व्यक्ति के मन में आत्महत्या तक के ख्याल आने का कारण बन जाता है। मेरा यह मानना है कि हमारे दिमाग पर सिर्फ हमारा हक है हम इसे सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रखें या नकारात्मक कार्यों से अपनी ऊर्जा खत्म करें यह हमारे ऊपर है | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट अपने स्थापना वर्ष 2012 से ही निरंतर कमजोर और निर्धन वर्ग के उत्थान हेतु अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है | लोगों को उनके स्वास्थ देखभाल हेतु जागरूक करने के लिए ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर, नेत्र जांच शिविर, TB अवेयरनेस शिविर, योगा शिविर, कैंसर चेकअप शिविर, रक्तदान शिविर आदि का आयोजन किया जाता रहा है व आगे भी ट्रस्ट द्वारा सभी के सहयोग से जनहित में और भी कार्य किया जाएगा |
सेमिनार को संबोधित करते हुए कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के इस प्रयास की सराहना की तथा कहा कि इस तरह के कार्यक्रम स्कूलों में निरंतर आयोजित होते रहने चाहिए| उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं ठीक उसी तरह हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए |
वंदना सिंह चौहान ने आज के परिप्रेक्ष्य में बढ़ रहे मानसिक तनाव के बारे में कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर हमारे दिमाग में यह धारणा बनी हुई है कि यदि कोई मानसिक तनाव में है तो वह पागल है | जब हम बीमार होते हैं तो हम डॉक्टर के पास जाते हैं और बड़े गर्व से बताते हैं कि हमें यह बीमारी है लेकिन जब हम मानसिक तनाव में होते हैं तो थेरेपिस्ट के पास जाने में हमें शर्म आती है | आज हम अलग-अलग तनाव से गिरे हुए हैं लेकिन किसी के साथ साझा करने से घबराते हैं | मेरा यह मानना है कि मन के हारे हार सदा रे, मन के जीते जीत| अगर आपका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा है और आप मानसिक रूप से सशक्त हैं तो आपको कोई नहीं हरा सकता |
डॉ शिप्रा श्रीवास्तव ने मानसिक स्वास्थ्य हेतु आयुर्वेद के महत्व को बताते हुए कहा कि यदि हम शरीर से स्वस्थ हैं लेकिन मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो हम संपूर्ण स्वस्थ नहीं हैं क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है | हम अपने शरीर की सफाई तो करते हैं लेकिन अपने दिमाग की सफाई कैसे करें इस पर ध्यान देने की जरूरत है जिसके लिए हमें योग क्रिया, प्राणायाम, ध्यान आदि करना चाहिए जिससे न सिर्फ हमारे मन को शांति मिलेगी बल्कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य और अधिक मजबूत होगा | आयुर्वेद में कहा गया है कि मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए प्रकृति के अनुकूल भोजन करना चाहिए और अगर हमारे मस्तिष्क में कोई समस्या चल रही हो तो उसे अपने माता-पिता शिक्षक या सहपाठियों के साथ साझा करना चाहिए | ऐसा करने से न सिर्फ हमें आत्मिक शांति मिलती है बल्कि उस समस्या का समाधान भी मिल जाता है |
सेमिनार में डॉ रूपल अग्रवाल ने गणमान्य वक्ताओं डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह एवं कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन का प्रतीक चिन्ह से सम्मान किया| सभी छात्र- छात्राओं ने सम्मानित वक्तागणों से मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कई सवाल पूछे जिनका उत्तर पाकर उनके चेहरे खुशी से खिल उठे | सवाल पूछने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया |
सेमिनार में श्री जॉबी जॉन, डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह सहित कैरियर कान्वेंट कॉलेज की शिक्षकों श्रीमती सुनीता गुनियाल, श्रीमती अरुणा श्रीवास्तव, मि. योगेश त्रिपाठी, मि. हृदेश पांडे, सराह खान, श्रीमती कविता उपाध्याय, श्रीमती नम्रता सक्सेना,श्रीमती पूनम सिंह, शाहीन, श्रीमती सुमित्रा, रजा अब्बास, सायरा खान, अनुराधा श्रीवास्तव, आशीष श्रीवास्तव, गौहर, विवेकानंद, मि. मनोज पांडे, गिरीश द्विवेदी, रंजना तथा छात्र-छात्राओं नसरा आफरीन, तृषा कनौजिया, नैना भट्ट, तन्मय रावत, उस्मान, श्रेया, जोया, आयशा अशफेक, अयान खान, यश ��ेनियल आदि की उपस्थिति रही |
#mentalhealth #mentalhealthawareness #anxiety #mentalhealthmatters #depression #motivation #wellness #mindfulness #healing #inspiration #positivity #meditation #mentalillness #psychology #wellbeing
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World Mental Health Day: Our Minds Our Rights | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस : हमारा मन हमारे अधिकार
लखनऊ 14.10.2023 | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा कैरियर कान्वेंट कॉलेज, विकास नगर के संयुक्त तत्वावधान में सेमिनार विषयक Our Minds Our Rights का आयोजन कैरियर कान्वेंट कॉलेज विकास नगर लखनऊ में किया गया | सेमिनार में डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, Ayurveda Doctor and Art of Living Yoga Instructor तथा वंदना त्रिभुवन सिंह, Expert in Leadership Communication and Image Management ने छात्र-छात्राओं को मानसिक तनाव से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया तथा उस दुष्प्रभाव से किस तरह बचा जा सकता है यह भी बताया | सेमिनार में कैरियर कान्वेंट कॉलेज के करीब 200 छात्र छात्राओं, शिक्षिकाओं ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और मानसिक बीमारियों के बारे में जानकारी देना है, इसलिए हमें भी जानना चाहिए कि मानसिक विकार से बचने के लिए क्या करना जरूरी है । वर्तमान जीवनशैली में युवा हों या बुजुर्ग, सभी उम्र के लोगों में दबाव, चिंता और किसी तरह की परेशानी के कारण वे मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं । मानसिक विकार शरीर पर तो प्रभाव डालता ही है । साथ ही व्यक्ति के मन में आत्महत्या तक के ख्याल आने का कारण बन जाता है। मेरा यह मानना है कि हमारे दिमाग पर सिर्फ हमारा हक है हम इसे सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रखें या नकारात्मक कार्यों से अपनी ऊर्जा खत्म करें यह हमारे ऊपर है | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट अपने स्थापना वर्ष 2012 से ही निरंतर कमजोर और निर्धन वर्ग के उत्थान हेतु अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है | लोगों को उनके स्वास्थ देखभाल हेतु जागरूक करने के लिए ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर, नेत्र जांच शिविर, TB अवेयरनेस शिविर, योगा शिविर, कैंसर चेकअप शिविर, रक्तदान शिविर आदि का आयोजन किया जाता रहा है व आगे भी ट्रस्ट द्वारा सभी के सहयोग से जनहित में और भी कार्य किया जाएगा |
सेमिनार को संबोधित करते हुए कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के इस प्रयास की सराहना की तथा कहा कि इस तरह के कार्यक्रम स्कूलों में निरंतर आयोजित होते रहने चाहिए| उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं ठीक उसी तरह हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए |
वंदना सिंह चौहान ने आज के परिप्रेक्ष्य में बढ़ रहे मानसिक तनाव के बारे में कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर हमारे दिमाग में यह धारणा बनी हुई है कि यदि कोई मानसिक तनाव में है तो वह पागल है | जब हम बीमार होते हैं तो हम डॉक्टर के पास जाते हैं और बड़े गर्व से बताते हैं कि हमें यह बीमारी है लेकिन जब हम मानसिक तनाव में होते हैं तो थेरेपिस्ट के पास जाने में हमें शर्म आती है | आज हम अलग-अलग तनाव से गिरे हुए हैं लेकिन किसी के साथ साझा करने से घबराते हैं | मेरा यह मानना है कि मन के हारे हार सदा रे, मन के जीते जीत| अगर आपका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा है और आप मानसिक रूप से सशक्त हैं तो आपको कोई नहीं हरा सकता |
डॉ शिप्रा श्रीवास्तव ने मानसिक स्वास्थ्य हेतु आयुर्वेद के महत्व को बताते हुए कहा कि यदि हम शरीर से स्वस्थ हैं लेकिन मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो हम संपूर्ण स्वस्थ नहीं हैं क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है | हम अपने शरीर की सफाई तो करते हैं लेकिन अपने दिमाग की सफाई कैसे करें इस पर ध्यान देने की जरूरत है जिसके लिए हमें योग क्रिया, प्राणायाम, ध्यान आदि करना चाहिए जिससे न सिर्फ हमारे मन को शांति मिलेगी बल्कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य और अधिक मजबूत होगा | आयुर्वेद में कहा गया है कि मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए प्रकृति के अनुकूल भोजन करना चाहिए और अगर हमारे मस्तिष्क में कोई समस्या चल रही हो तो उसे अपने माता-पिता शिक्षक या सहपाठियों के साथ साझा करना चाहिए | ऐसा करने से न सिर्फ हमें आत्मिक शांति मिलती है बल्कि उस समस्या का समाधान भी मिल जाता है |
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सेमिनार में श्री जॉबी जॉन, डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह सहित कैरियर कान्वेंट कॉलेज की शिक्षकों श्रीमती सुनीता गुनियाल, श्रीमती अरुणा श्रीवास्तव, मि. योगेश त्रिपाठी, मि. हृदेश पांडे, सराह खान, श्रीमती कविता उपाध्याय, श्रीमती नम्रता सक्सेना,श्रीमती पूनम सिंह, शाहीन, श्रीमती सुमित्रा, रजा अब्बास, सायरा खान, अनुराधा श्रीवास्तव, आशीष श्रीवास्तव, गौहर, विव��कानंद, मि. मनोज पांडे, गिरीश द्विवेदी, रंजना तथा छात्र-छात्राओं नसरा आफरीन, तृषा कनौजिया, नैना भट्ट, तन्मय रावत, उस्मान, श्रेया, जोया, आयशा अशफेक, अयान खान, यश डेनियल आदि की उपस्थिति रही |
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World Mental Health Day: Our Minds Our Rights | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस : हमारा मन हमारे अधिकार
लखनऊ 14.10.2023 | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा कैरियर कान्वेंट कॉलेज, विकास नगर के संयुक्त तत्वावधान में सेमिनार विषयक Our Minds Our Rights का आयोजन कैरियर कान्वेंट कॉलेज विकास नगर लखनऊ में किया गया | सेमिनार में डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, Ayurveda Doctor and Art of Living Yoga Instructor तथा वंदना त्रिभुवन सिंह, Expert in Leadership Communication and Image Management ने छात्र-छात्राओं को मानसिक तनाव से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया तथा उस दुष्प्रभाव से किस तरह बचा जा सकता है यह भी बताया | सेमिनार में कैरियर कान्वेंट कॉलेज के करीब 200 छात्र छात्राओं, शिक्षिकाओं ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और मानसिक बीमारियों के बारे में जानकारी देना है, इसलिए हमें भी जानना चाहिए कि मानसिक विकार से बचने के लिए क्या करना जरूरी है । वर्तमान जीवनशैली में युवा हों या बुजुर्ग, सभी उम्र के लोगों में दबाव, चिंता और किसी तरह की परेशानी के कारण वे मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं । मानसिक विकार शरीर पर तो प्रभाव डालता ही है । साथ ही व्यक्ति के मन में आत्महत्या तक के ख्याल आने का कारण बन जाता है। मेरा यह मानना है कि हमारे दिमाग पर सिर्फ हमारा हक है हम इसे सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रखें या नकारात्मक कार्यों से अपनी ऊर्जा खत्म करें यह हमारे ऊपर है | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट अपने स्थापना वर्ष 2012 से ही निरंतर कमजोर और निर्धन वर्ग के उत्थान हेतु अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है | लोगों को उनके स्वास्थ देखभाल हेतु जागरूक करने के लिए ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर, नेत्र जांच शिविर, TB अवेयरनेस शिविर, योगा शिविर, कैंसर चेकअप शिविर, रक्तदान शिविर आदि का आयोजन किया जाता रहा है व आगे भी ट्रस्ट द्वारा सभी के सहयोग से जनहित में और भी कार्य किया जाएगा |
सेमिनार को संबोधित करते हुए कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के इस प्रयास की सराहना की तथा कहा कि इस तरह के कार्यक्रम स्कूलों में निरंतर आयोजित होते रहने चाहिए| उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं ठीक उसी तरह हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए |
वंदना सिंह चौहान ने आज के परिप्रेक्ष्य में बढ़ रहे मानसिक तनाव के बारे में कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर हमारे दिमाग में यह धारणा बनी हुई है कि यदि कोई मानसिक तनाव में है तो वह पागल है | जब हम बीमार होते हैं तो हम डॉक्टर के पास जाते हैं और बड़े गर्व से बताते हैं कि हमें यह बीमारी है लेकिन जब हम मानसिक तनाव में होते हैं तो थेरेपिस्ट के पास जाने में हमें शर्म आती है | आज हम अलग-अलग तनाव से गिरे हुए हैं लेकिन किसी के साथ साझा करने से घबराते हैं | मेरा यह मानना है कि मन के हारे हार सदा रे, मन के जीते जीत| अगर आपका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा है और आप मानसिक रूप से सशक्त हैं तो आपको कोई नहीं हरा सकता |
डॉ शिप्रा श्रीवास्तव ने मानसिक स्वास्थ्य हेतु आयुर्वेद के महत्व को बताते हुए कहा कि यदि हम शरीर से स्वस्थ हैं लेकिन मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो हम संपूर्ण स्वस्थ नहीं हैं क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है | हम अपने शरीर की सफाई तो करते हैं लेकिन अपने दिमाग की सफाई कैसे करें इस पर ध्यान देने की जरूरत है जिसके लिए हमें योग क्रिया, प्राणायाम, ध्यान आदि करना चाहिए जिससे न सिर्फ हमारे मन को शांति मिलेगी बल्कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य और अधिक मजबूत होगा | आयुर्वेद में कहा गया है कि मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए प्रकृति के अनुकूल भोजन करना चाहिए और अगर हमारे मस्तिष्क में कोई समस्या चल रही हो तो उसे अपने माता-पिता शिक्षक या सहपाठियों के साथ साझा करना चाहिए | ऐसा करने से न सिर्फ हमें आत्मिक शांति मिलती है बल्कि उस समस्या का समाधान भी मिल जाता है |
सेमिनार में डॉ रूपल अग्रवाल ने गणमान्य वक्ताओं डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह एवं कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन का प्रतीक चिन्ह से सम्मान किया| सभी छात्र- छात्राओं ने सम्मानित वक्तागणों से मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कई सवाल पूछे जिनका उत्तर पाकर उनके चेहरे खुशी से खिल उठे | सवाल पूछने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया |
सेमिनार में श्री जॉबी जॉन, डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह सहित कैरियर कान्वेंट कॉलेज की शिक्षकों श्रीमती सुनीता गुनियाल, श्रीमती अरुणा श्रीवास्तव, मि. योगेश त्रिपाठी, मि. हृदेश पांडे, सराह खान, श्रीमती ���विता उपाध्याय, श्रीमती नम्रता सक्सेना,श्रीमती पूनम सिंह, शाहीन, श्रीमती सुमित्रा, रजा अब्बास, सायरा खान, अनुराधा श्रीवास्तव, आशीष श्रीवास्तव, गौहर, विवेकानंद, मि. मनोज पांडे, गिरीश द्विवेदी, रंजना तथा छात्र-छात्राओं नसरा आफरीन, तृषा कनौजिया, नैना भट्ट, तन्मय रावत, उस्मान, श्रेया, जोया, आयशा अशफेक, अयान खान, यश डेनियल आदि की उपस्थिति रही |
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विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी पर विशेष Divya Sandesh
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विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी पर विशेष
जरूरी है कैंसर से बचाव कैंसर एक बहुत ही गंभीर बीमारी है इसकी गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि दुनियाभर में साल इस बीमारी से करोड़ो लोग ग्रसित होते हैं और लगभग एक करोड़ लोगों की असमय मौत हो जाती है। भारत मे इसकी गंभीरता का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि प्रतिवर्ष लगभग 8 लाख महिलाएँ और 7 लाख पुरुष इससे ग्रसित हो जाते हैं जिसमे से लगभग आधे मौत का शिकार हो जाते हैं । वास्तव में कैंसर में शरीर की कोशिका��ं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और वो ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। इसकी विशेषता यह है कि यह शरीर के किसी भी हिस्से या अंग में मौजूद कोशिकाओं को प्रभावित कर सकता है। कैंसर की गंभीरता को देखते हुए प्रतिवर्ष 4 फरवरी को विश्व कैन्सर दिवस का आयोजन किया जाता है । विश्व कैंसर दिवस के आयोजन का उद्देश्य कैंसर के बारे में जागरूकता और कैंसर शिक्षा को बढ़ावा देना तथा सरकारों एवँ व्यक्तियों पर कैंसर के खिलाफ करने के लिए प्रेरित करना है जिससे रोकथाम योग्य मौतों को रोका जा सके।
कैंसर के प्रकार :
एक अनुमान के अनुसार दुनिया में लगभग100 प्रकार के कैंसर पाये जाते हैं। इनमें ब्लड कैंसर, मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर, अंडाशय कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, प्रोस्टेट (पौरुष ग्रंथि) कैंसर, मूत्राशय का कैंसर, मस्तिष्क का कैंसर, लिवर (यकृत) कैंसर, बोन कैंसर, पेट का कैंसर, आदि प्रमुख हैं। दुनिया में सबसे अधिक लोगइन्हीं प्रकार के कैंसर से ग्रसित होते हैं।
कैंसर के कारणों का अभी निश्चित रूप से पता नहीं लगाया जा पाया है परंतु यह माना जाता है कि कैंसर के लिये कुछ चीजें जिम्मेदार हैं जैसे:
तंबाकू या उससे बने उत्पाद, जैसे- सिगरेट आदि का लंबे समय तक सेवन मुंह और फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकता है।
लंबे समय तक अल्कोहल का सेवन लिवर (यकृत) कैंसर समेत शरीर के कई अंगों में कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है।
आनुवंशिक दोष या उत्परिवर्तन भी कैंसर के खतरे को काफी हद तक बढ़ा सकता है। इसमें स्तन कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
लंबे समय तक पराबैंगनी किरणों के संपर्क में रहने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
कभी-कभी मोटापा भी कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है।
(विश्व कैंसर दिवस) कैंसर के लक्षण :
कैंसर के लक्षण देर से प्रकट होते हैं इसलिए शरीर की नियमित जांच करते रहना चाहिए तथा नीचे दिये हुये लक्षणों में से कोई दिखाई दे तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
त्वचा के नीचे गांठ महसूस होना
शरीर का वजन अचानक से कम या ज्यादा होना
त्वचा पर जल्दी निशान पड़ जाना
निगलने में कठिनाई होना
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
घाव का जल्दी ठीक न होना
थकान और कमजोरी महसूस होना
पेट में लगातार दर्द होना
कैंसर से बचाव के उपाय :
कैंसर का उपचार कठिन है परंतु बचाव आसान है इसलिए कुछ सावधनियाँ अपना कर इससे बचा जा सकता है। * शरीर को नियमित जांच करते रहें।
धूम्रपान,तम्बाकू, गुटका,शराब, पान, मसाला का सेवन न करें।
हरी सब्जियां, फाइबर युक्त आहार, मौसमी फल, आदि का प्रयोग करें।
आहार में अधिक वसा न लें
रेडिएशन के संपर्क में आने से बचें
नियमित रूप से व्यायाम करें
शरीर का सामान्य वजन बनाए रखें।
कोई परेशानी होने परतुरंत चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए। कैंसर का उपचार : अभी तक कैंसर का कोई निश्चित उपचार नहीं खोजा जा सका है परंतु सर्जरी , रेडियोथेरेपी द्वारा इसके उपचार का प्रयास किया जा रहा है। होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति द्वारा कैंसर के रोगियों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकता है तथा शरीर की तकलीफों को कम किया जा सकता है कैंसर के उपचार में होम्योपैथी की भूमिका पूरक के रूप में हो सकती है। चूंकि कैंसर का कोई निश्चित उपचार नहीं है इसलिए बचाव पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए।
लेखक डॉ अनुरूद्ध वर्मा ,वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक हैं।
मोबाइल नंबर 9415975558
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वर्ल्ड कैंसर डे का मकसद जागरूकता फैलाना ही है -
कैंसर दुनिया की सबसे एक दौर में सबसे बड़ी समस्या बन के उभरी थी | पहले कैंसर होना ही नहीं बचना जैसा था |अभी तो कई अत्याधुनिक मशीने और तरीके के विकास से इसमें कमी लायी गयी है |दुनिया भर में हर साल 76 लाख लोग कैंसर से दम तोड़ते हैं जिनमें से 40 लाख लोग समय से पहले (30-69 वर्ष आयु) मर जाते हैं। इसलिए समय की मांग है कि इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ कैंसर से निपटने की व्यावहारिक रणनीति विकसित करना था। वर्ष 2025 तक, कैंसर के कारण समय से पहले होने वाली मौतों के बढ़कर प्रति वर्ष 60 लाख होने का अनुमान है। यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन के 2025 तक कैंसर के कारण समय से पहले होने वाली मौतों में 25 प्रतिशत कमी के लक्ष्य को हासिल किया जाए तो हर साल 15 लाख जीवन बचाए जा सकते हैं।और इसलिए ही वर्ल्ड कैंसर डे का महत्व बढ़ जाता है |
सबसे पहले वर्ल्ड कैंसर डे कब मना -
विश्व कैंसर दिवस प्रतिवर्ष फ़रवरी के दूसरे रविवार को मनाया जाता है|1933 में अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ ने स्विट्जरलैंड में जिनेवा में पहली बार विश्व कैंसर दिवस मनाया। यह दिवस कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने, लोगों को शिक्षित करने, इस रोग के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दुनिया भर में सरकारों और व्यक्तियों को समझाने तथा हर साल लाखों लोगों को मरने से बचाने के लिए मनाया जाता है |इस बीमारी के सबसे बड़ी दिक्कत है की शुरुआती दौर में इसका पता नहीं लगता है |कैंसर बहुत ही घातक माना जाता है ये कई तरह का होता है |
कैंसर आखिर क्या है -
मानव शरीर कईं अनगिनत कोशिकाओं यानी सैल्स से बना हुआ है और इन कोशिकाओं में निरंतर ही विभाजन होता रहता है । यह एक सामान्य प्रक्रिया है और इसपर शरीर का पूरा नियंत्रण होता है। लेकिन कभी-कभी जब शरीर के किसी विशेष अंग की कोशिकाओं पर शरीर का नियंत्रण बिगड़ जाता है और कोशिकाएं बेहिसाब तरीकेसे बढ़ने लगती हैं, उसे कैंसर कहा जाता हैं। जब शरीर की कोशिकाओं के जीन परिवर्तन की शुरुआत होती है वही से कैंसर की शुरुआत होती है |कोई विशेष कारण नहीं है की वो बदलते होते है कभी -कभी वो स्वम ही बदलने लगते है |फिर दूसरे कारणों की वजह से ऐसा हो सकता है, जैसे- गुटका-तंबाकू जैसी नशीली चीजें खाने से, अल्ट्रावॉलेट रे या फिर रेडिएशन आदि इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं । ऐसा देखा गया है की कैंसर शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं को समाप्त कर देता है|जैसे-जैसे शरीर में कैंसर वाली कोशिकाएं बढ़ती रहती हैं, वैसे-वैसे ट्यूमर यानि एक प्रकार की गांठ उभरती रहती है।यदि इसका उपचारसही समय पर न किया जाए तो यह पूरे शरीर में फैल जाता है।
कैंसर कितने प्रकार के होते है -
जानकारों की माने तो कैंसर 200 तरह के होते है |लेकिन हम आपको सभी कैंसर के बारे में नहीं बता पाएंगे |हम यहाँ पर उन्ही कैंसर पर ध्यान देंगे |जो ज्यादा लोगों को प्रभावित करता है |उसमे से तो कई के नाम आप भी बखूबी जानते होंगे |लेकिन चलिए हम भी आपको इनके बारे में अपने स्टाइल में बताते है |
1 - ब्लड कैंसर -
लोगों में सबसे तेजी से बढ़ने वाले कैंसर में ब्लड कैंसर सबसे आगे है।इस कैंसर मे��� व्यक्ति के शरीर की रक्त कोशिकाओं में कैंसर पैदा होने लगता हैऔर इसी के चलते शरीर में रक्त की कमी हो जाती है और कैंसर बहुत तेजी से शरीर में संक्रमित होना शुरू हो जाता है।इसमें आपको ब्लड का बार -बार जाँच किया जाता है |धीमी गति से बढ़ने वाले रक्त कैंसर के कई रोगियों में लक्षण दिखाई नहीं देते हैं तेजी से बढ़ने वाले ��क्त कैंसर के लक्षणों में थकान, वज़न घटना, बार-बार संक्रमण, नील पड़ना और खून बहना शामिल हैं|रक्त कैंसर के इलाज के लिए कीमोथैरेपी के अलावा कभी-कभी विकिरण चिकित्सा और मूल-कोशिका प्रत्यारोपण का भी इस्तेमाल किया जा सकता है|
2-ब्रेन कैंसर -
ब्रेन कैंसर व्यक्ति के सिर वाले भाग में पनपता है ।ब्रेन कैंसर का ही दूसरा नाम ब्रेन ट्यूमर भी है ।इस कैंसर वाले रोगी के दिमाग वाले भाग में एक ट्यूमर यानि गांठ बन जाती है और यह गांठ समय के साथ-साथ बड़ी होने लगती है और धीरे-धीरे पूरे मस्तिष्क में फैल जाती है ।एक वीक से ज्यादा समय तक लगातार सर दर्द होना और लगातार दर्द निवारक लेने के बाद भी सही नहीं होना
ब्रेन कैंसर का लक्षण हो सकता है |
3 - स्तन कैंसर -
स्तन कैंसर या जिसे ब्रैस्ट कैंसर भी कहते हैं, यह विशेषकर महिलाओं को होता है, परंतु ऐसा नहीं है कि यह पुरुषों को नहीं हो सकता। इस कैंसर से ग्रसित औरतों के स्तन में एक प्रकार की गांठ बननी शुरु हो जाती है,जो धीरे-धीरे समयानुसार बढ़ने लगती है। यदि इससे बचाव करना है तो नियमित रूप से स्तन की जांच करवाते रहें।स्तन कैंसर के लक्षणों में स्तन में गांठ होना, निपल से खून मिला हुआ रिसाव और निपल या स्तन की बनावट या प्रकृति में बदलाव शामिल हैंइसका इलाज कैंसर की अवस्था पर निर्भर करता है इसमें कीमोथेरेपी (रसायनों से उपचार), रेडिएशन थेरेपी (किरणों से उपचार), हॉर्मोन से उपचार और ऑपरेशन करना शामिल हो सकते हैं|
4 - स्किन कैंसर -
चर्म कैंसर यानि स्किन कैंसर के मामले भी देश में बहुत तेजी से सामने आए हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि स्किन कैंसर बहुत अधिक गर्मी में रहने, उचित भोजन न करने और शून्य शारीरिक गतिविधि न करने से शरीर में पनपता है । स्किन कैंसर हर उम्र के व्यक्ति को हो सकता है । ये रोग बहुत खतरनाक श्रेणी में है आज 4 फरवरी के दिन कैंसर वर्ल्ड डे होने के साथ हमारा भी कर्तब्य बनता है की आपको इन रोगों के लिए जागृत करे | हमारा उद्देश्य हमेशा से यही रहा है की आपको जागरूक किया जाये |
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विश्व फेफड़े का कैंसर दिवस 2022: क्या धूम्रपान न करने वालों को भी इसके विकसित होने का खतरा है?
विश्व फेफड़े का कैंसर दिवस 2022: क्या धूम्रपान न करने वालों को भी इसके विकसित होने का खतरा है?
धूम्रपान या तंबाकू का सेवन लंबे समय से के प्राथमिक कारण के रूप में जाना जाता है फेफड़ों का कैंसर दुनिया भर। लेकिन, यह पता चला है कि धूम्रपान न करने वालों को समान रूप से जोखिम होता है। “भारतीय विषयों पर एक महत्वपूर्ण अध्ययन के अनुसार, 88 प्रतिशत महिला फेफड़े कैंसर 41.8 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में रोगी धूम्रपान न करने वाले थे, यह निष्कर्ष निकालते हुए कि पर्यावरण और आनुवंशिक कारक इस मामले में शामिल…
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World Mental Health Day: Our Minds Our Rights | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस : हमारा मन हमारे अधिकार
लखनऊ 14.10.2023 | विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा कैरियर कान्वेंट कॉलेज, विकास नगर के संयुक्त तत्वावधान में सेमिनार विषयक Our Minds Our Rights का आयोजन कैरियर कान्वेंट कॉलेज विकास नगर लखनऊ में किया गया | सेमिनार में डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, Ayurveda Doctor and Art of Living Yoga Instructor तथा वंदना त्रिभुवन सिंह, Expert in Leadership Communication and Image Management ने छात्र-छात्राओं को मानसिक तनाव से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया तथा उस दुष्प्रभाव से किस तरह बचा जा सकता है यह भी बताया | सेमिनार में कैरियर कान्वेंट कॉलेज के करीब 200 छात्र छात्राओं, शिक्षिकाओं ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और मानसिक बीमारियों के बारे में जानकारी देना है, इसलिए हमें भी जानना चाहिए कि मानसिक विकार से बचने के लिए क्या करना जरूरी है । वर्तमान जीवनशैली में युवा हों या बुजुर्ग, सभी उम्र के लोगों में दबाव, चिंता और किसी तरह की परेशानी के कारण वे मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं । मानसिक विकार शरीर पर तो प्रभाव डालता ही है । साथ ही व्यक्ति के मन में आत्महत्या तक के ख्याल आने का कारण बन जाता है। मेरा यह मानना है कि हमारे दिमाग पर सिर्फ हमारा हक है हम इसे सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रखें या नकारात्मक कार्यों से अपनी ऊर्जा खत्म करें यह हमारे ऊपर है | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट अपने स्थापना वर्ष 2012 से ही निरंतर कमजोर और निर्धन वर्ग के उत्थान हेतु अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है | लोगों को उनके स्वास्थ देखभाल हेतु जागरूक करने के लिए ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर, नेत्र जांच शिविर, TB अवेयरनेस शिविर, योगा शिविर, कैंसर चेकअप शिविर, रक्तदान शिविर आदि का आयोजन किया जाता रहा है व आगे भी ट्रस्ट द्वारा सभी के सहयोग से जनहित में और भी कार्य किया जाएगा |
सेमिनार को संबोधित करते हुए कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के इस प्रयास की सराहना की तथा कहा कि इस तरह के कार्यक्रम स्कूलों में निरंतर आयोजित होते रहने चाहिए| उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं ठीक उसी तरह हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए |
वंदना सिंह चौहान ने आज के परिप्रेक्ष्य में बढ़ रहे मानसिक तनाव के बारे में कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर हमारे दिमाग में यह धारणा बनी हुई है कि यदि कोई मानसिक तनाव में है तो वह पागल है | जब हम बीमार होते हैं तो हम डॉक्टर के प��स जाते हैं और बड़े गर्व से बताते हैं कि हमें यह बीमारी है लेकिन जब हम ��ानसिक तनाव में होते हैं तो थेरेपिस्ट के पास जाने में हमें शर्म आती है | आज हम अलग-अलग तनाव से गिरे हुए हैं लेकिन किसी के साथ साझा करने से घबराते हैं | मेरा यह मानना है कि मन के हारे हार सदा रे, मन के जीते जीत| अगर आपका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा है और आप मानसिक रूप से सशक्त हैं तो आपको कोई नहीं हरा सकता |
डॉ शिप्रा श्रीवास्तव ने मानसिक स्वास्थ्य हेतु आयुर्वेद के महत्व को बताते हुए कहा कि यदि हम शरीर से स्वस्थ हैं लेकिन मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो हम संपूर्ण स्वस्थ नहीं हैं क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है | हम अपने शरीर की सफाई तो करते हैं लेकिन अपने दिमाग की सफाई कैसे करें इस पर ध्यान देने की जरूरत है जिसके लिए हमें योग क्रिया, प्राणायाम, ध्यान आदि करना चाहिए जिससे न सिर्फ हमारे मन को शांति मिलेगी बल्कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य और अधिक मजबूत होगा | आयुर्वेद में कहा गया है कि मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए प्रकृति के अनुकूल भोजन करना चाहिए और अगर हमारे मस्तिष्क में कोई समस्या चल रही हो तो उसे अपने माता-पिता शिक्षक या सहपाठियों के साथ साझा करना चाहिए | ऐसा करने से न सिर्फ हमें आत्मिक शांति मिलती है बल्कि उस समस्या का समाधान भी मिल जाता है |
सेमिनार में डॉ रूपल अग्रवाल ने गणमान्य वक्ताओं डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह एवं कैरियर कान्वेंट कॉलेज के प्रधानाध्यापक श्री जॉबी जॉन का प्रतीक चिन्ह से सम्मान किया| सभी छात्र- छात्राओं ने सम्मानित वक्तागणों से मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कई सवाल पूछे जिनका उत्तर पाकर उनके चेहरे खुशी से खिल उठे | सवाल पूछने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया |
सेमिनार में श्री जॉबी जॉन, डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना त्रिभुवन सिंह सहित कैरियर कान्वेंट कॉलेज की शिक्षकों श्रीमती सुनीता गुनियाल, श्रीमती अरुणा श्रीवास्तव, मि. योगेश त्रिपाठी, मि. हृदेश पांडे, सराह खान, श्रीमती कविता उपाध्याय, श्रीमती नम्रता सक्सेना,श्रीमती पूनम सिंह, शाहीन, श्रीमती सुमित्रा, रजा अब्बास, सायरा खान, अनुराधा श्रीवास्तव, आशीष श्रीवास्तव, गौहर, विवेकानंद, मि. मनोज पांडे, गिरीश द्विवेदी, रंजना तथा छात्र-छात्राओं नसरा आफरीन, तृषा कनौजि��ा, नैना भट्ट, तन्मय रावत, उस्मान, श्रेया, जोया, आयशा अशफेक, अयान खान, यश डेनियल आदि की उपस्थिति रही |
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क्या तीसरे चरण के कैंसर में कारगर हैं योग और आयुर्वेद? विशेषज्ञ से जानिए
क्या तीसरे चरण के कैंसर में कारगर हैं योग और आयुर्वेद? विशेषज्ञ से जानिए
रिपोर्टों से पता चलता है ��ि हर साल 10 मिलियन लोग मरते हैं कैंसर जो से अधिक है एचआईवी/एड्स, मलेरिया और तपेदिक संयुक्त। यदि हम अभी कार्रवाई नहीं करते हैं, तो विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2030 तक कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या बढ़कर 13 मिलियन हो जाएगी।
विश्व कैंसर दिवस संगठन के अनुसार, वर्तमान में हम कैंसर की रोकथाम, निदान और उपचार में विस्मयकारी प्रगति के समय में रह रहे हैं, लेकिन हम में से कई…
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विश्व सीओपीडी दिवस 2021: फेफड़े का हमला क्या है; आप कितने संवेदनशील हैं?
विश्व सीओपीडी दिवस 2021: फेफड़े का हमला क्या है; आप कितने संवेदनशील हैं?
सीओपीडी एक अपरिवर्तनीय बीमारी है लेकिन दवा और जीवनशैली प्रगति को रोक सकती है
जब हम भारत में फेफड़ों की प्रमुख बीमारियों के बारे में बात करते हैं, तो हम सीओपीडी, अस्थमा, तपेदिक, निमोनिया और फेफड़ों के कैंसर जैसी बीमारियों के बारे में सोचते हैं। फेफड़े के रोग अब दुर्लभ नहीं हैं, बल्कि कई आबादी में नियमित रूप से आते हैं, कुछ फेफड़ों की बीमारियां जैसे सीओपीडी जो पूरी तरह से अपरिवर्तनीय हैं। प्रदूषण…
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आखिर क्यों 28 फरवरी को मनाया जाता है 'राष्ट्रीय विज्ञान दिवस', इस वैज्ञानिक से है संबंध
चैतन्य भारत न्यूज
हर साल 28 फरवरी को भारत में 'राष्ट्रीय विज्ञान दिवस' मनाया जाता है। जिस प्रकार विज्ञान तेज गति से आगे बढ़ रहा है और हर दूसरे दिन नई-नई तकनीकों का विकास हो रहा है उस हिसाब से आने वाले समय में व्यक्ति पूरी तरह से मशीनों पर ही निर्भर हो जाएगा। वैसे विज्ञान ने जीवन को सरल और बेहतर बना दिया है। रोजाना हम विज्ञान की मदद से बनाई गई कितनी ही चीजों का इस्तेमाल करते हैं। भारत ने भी विज्ञान के क्षेत्र में काफी योगदान दिया है। भारत के कई कई महान वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र में भारत को पहचान अलग दिलाई।
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28 फरवरी को विज्ञान दिवस मनाने का कारण
इस दिन हमारे देश के महान वैज्ञानिक और प्रसिद्ध भारतीय भौतिक शास्त्री चन्द्रशेखर वेंकट रमन (cv raman) द्वारा भारतीय विज्ञान के क्षेत्र में आविष्कार पूरा हुआ था। 7 नवंबर 1888 को दक्षिण भारत के त्रिचुनापल्ली में जन्में रमन ने 28 फरवरी 1928 में कोलकाता में ‘रमन इफेक्ट’ के रूप में एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक खोज की थी। प्रकाश के विवर्तन का पता लगाने की इस खोज के लिए उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा सीवी रमन को 1954 में भारत का सबसे बड़ा सम्मान 'भारत रत्न' भी दिया गया। इसलिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हमारे देश में 1986 से हर वर्ष 28 फरवरी को मनाया जाता है।
क्या है रमन इफेक्ट?
रमन इफेक्ट के मुताबिक, प्रकाश की प्रकृति और स्वभाव में तब परिवर्तन होता है, जब वह किसी पारदर्शी माध्यम से निकलता है। यह माध्यम ठोस, द्रव और गैसीय, कुछ भी हो सकता है। यह घटना तब घटती है, जब माध्यम के अणु प्रकाश ऊर्जा के कणों को फैला देते हैं। रमन प्रभाव का वैज्ञानिक अनुसंधान की अन्य शाखाओं, जैसे औषधि विज्ञान, जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान, खगोल विज्ञान तथा दूरसंचार के क्षेत्र में भी बहुत महत्त्व है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का उद्देश्य
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच विज्ञान के प्रति जागरूकता फैलाना है। साथ ही बच्चों को विज्ञान के क्षेत्र में अपना करियर चुनने के लिए भी प्रोत्साहित करना है। दरअसल, भारत का भविष्य बच्चों और युवा पीढ़ी के हाथों में है और वह विज्ञान के क्षेत्र में करियर चुनकर नई-नई खोज कर देश को तरक्की की ओर ले जाएंगे। यही इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य है।
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