#कोशिकाएंबेहिसाबतरीबढ़ने
Explore tagged Tumblr posts
Link
वर्ल्ड कैंसर डे का मकसद जागरूकता फैलाना ही है -
कैंसर दुनिया की सबसे एक दौर में सबसे बड़ी समस्या बन के उभरी थी | पहले कैंसर होना ही नहीं बचना जैसा था |अभी तो कई अत्याधुनिक मशीने और तरीके के विकास से इसमें कमी लायी गयी है |दुनिया भर में हर साल 76 लाख लोग कैंसर से दम तोड़ते हैं जिनमें से 40 लाख लोग समय से पहले (30-69 वर्ष आयु) मर जाते हैं। इसलिए समय की मांग है कि इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ कैंसर से निपटने की व्यावहारिक रणनीति विकसित करना था। वर्ष 2025 तक, कैंसर के कारण समय से पहले होने वाली मौतों के बढ़कर प्रति वर्ष 60 लाख होने का अनुमान है। यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन के 2025 तक कैंसर के कारण समय से पहले होने वाली मौतों में 25 प्रतिशत कमी के लक्ष्य को हासिल किया जाए तो हर साल 15 लाख जीवन बचाए जा सकते हैं।और इसलिए ही वर्ल्ड कैंसर डे का महत्व बढ़ जाता है |
सबसे पहले वर्ल्ड कैंसर डे कब मना -
विश्व कैंसर दिवस प्रतिवर्ष फ़रवरी के दूसरे रविवार को मनाया जाता है|1933 में अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ ने स्विट्जरलैंड में जिनेवा में पहली बार विश्व कैंसर दिवस मनाया। यह दिवस कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने, लोगों को शिक्षित करने, इस रोग के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दुनिया भर में सरकारों और व्यक्तियों को समझाने तथा हर साल लाखों लोगों को मरने से बचाने के लिए मनाया जाता है |इस बीमारी के सबसे बड़ी दिक्कत है की शुरुआती दौर में इसका पता नहीं लगता है |कैंसर बहुत ही घातक माना जाता है ये कई तरह का होता है |
कैंसर आखिर क्या है -
मानव शरीर कईं अनगिनत कोशिकाओं यानी सैल्स से बना हुआ है और इन कोशिकाओं में निरंतर ही विभाजन होता रहता है । यह एक सामान्य प्रक्रिया है और इसपर शरीर का पूरा नियंत्रण होता है। लेकिन कभी-कभी जब शरीर के किसी विशेष अंग की कोशिकाओं पर शरीर का नियंत्रण बिगड़ जाता है और कोशिकाएं बेहिसाब तरीकेसे बढ़ने लगती हैं, उसे कैंसर कहा जाता हैं। जब शरीर की कोशिकाओं के जीन परिवर्तन की शुरुआत होती है वही से कैंसर की शुरुआत होती है |कोई विशेष कारण नहीं है की वो बदलते होते है कभी -कभी वो स्वम ही बदलने लगते है |फिर दूसरे कारणों की वजह से ऐसा हो सकता है, जैसे- गुटका-तंबाकू जैसी नशीली चीजें खाने से, अल्ट्रावॉलेट रे या फिर रेडिएशन आदि इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं । ऐसा देखा गया है की कैंसर शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं को समाप्त कर देता है|जैसे-जैसे शरीर में कैंसर वाली कोशिकाएं बढ़ती रहती हैं, वैसे-वैसे ट्यूमर यानि एक प्रकार की गांठ उभरती रहती है।यदि इसका उपचारसही समय पर न किया जाए तो यह पूरे शरीर में फैल जाता है।
कैंसर कितने प्रकार के होते है -
जानकारों की माने तो कैंसर 200 तरह के होते है |लेकिन हम आपको सभी कैंसर के बारे में नहीं बता पाएंगे |हम यहाँ पर उन्ही कैंसर पर ध्यान देंगे |जो ज्यादा लोगों को प्रभावित करता है |उसमे से तो कई के नाम आप भी बखूबी जानते होंगे |लेकिन चलिए हम भी आपको इनके बारे में अपने स्टाइल में बताते है |
1 - ब्लड कैंसर -
लोगों में सबसे तेजी से बढ़ने वाले कैंसर में ब्लड कैंसर सबसे आगे है।इस कैंसर में व्यक्ति के शरीर की रक्त कोशिकाओं में कैंसर पैदा होने लगता हैऔर इसी के चलते शरीर में रक्त की कमी हो जाती है और कैंसर बहुत तेजी से शरीर में संक्रमित होना शुरू हो जाता है।इसमें आपको ब्लड का बार -बार जाँच किया जाता है |धीमी गति से बढ़ने वाले रक्त कैंसर के कई रोगियों में लक्षण दिखाई नहीं देते हैं तेजी से बढ़ने वाले रक्त कैंसर के लक्षणों में थकान, वज़न घटना, बार-बार संक्रमण, नील पड़ना और खून बहना शामिल हैं|रक्त कैंसर के इलाज के लिए कीमोथैरेपी के अलावा कभी-कभी विकिरण चिकित्सा और मूल-कोशिका प्रत्यारोपण का भी इस्तेमाल किया जा सकता है|
2-ब्रेन कैंसर -
ब्रेन कैंसर व्यक्ति के सिर वाले भाग में पनपता है ।ब्रेन कैंसर का ही दूसरा नाम ब्रेन ट्यूमर भी है ।इस कैंसर वाले रोगी के दिमाग वाले भाग में एक ट्यूमर यानि गांठ बन जाती है और यह गांठ समय के साथ-साथ बड़ी होने लगती है और धीरे-धीरे पूरे मस्तिष्क में फैल जाती है ।एक वीक से ज्यादा समय तक लगातार सर दर्द होना और लगातार दर्द निवारक लेने के बाद भी सही नहीं होना ब्रेन कैंसर का लक्षण हो सकता है |
3 - स्तन कैंसर -
स्तन कैंसर या जिसे ब्रैस्ट कैंसर भी कहते हैं, यह विशेषकर महिलाओं को होता है, परंतु ऐसा नहीं है कि यह पुरुषों को नहीं हो सकता। इस कैंसर से ग्रसित औरतों के स्तन में एक प्रकार की गांठ बननी शुरु हो जाती है,जो धीरे-धीरे समयानुसार बढ़ने लगती है। यदि इससे बचाव करना है तो नियमित रूप से स्तन की जांच करवाते रहें।स्तन कैंसर के लक्षणों में स्तन में गांठ होना, निपल से खून मिला हुआ रिसाव और निपल या स्तन की बनावट या प्रकृति में बदलाव शामिल हैंइसका इलाज कैंसर की अवस्था पर निर्भर करता है इसमें कीमोथेरेपी (रसायनों से उपचार), रेडिएशन थेरेपी (किरणों से उपचार), हॉर्मोन से उपचार और ऑपरेशन करना शामिल हो सकते हैं|
4 - स्किन कैंसर -
चर्म कैंसर यानि स्किन कैंसर के मामले भी देश में बहुत तेजी से सामने आए हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि स्किन कैंसर बहुत अधिक गर्मी में रहने, उचित भोजन न करने और शून्य शारीरिक गतिविधि न करने से शरीर में पनपता है । स्किन कैंसर हर उम्र के व्यक्ति को हो सकता है । ये रोग बहुत खतरनाक श्रेणी में है आज 4 फरवरी के दिन कैंसर वर्ल्ड डे होने के साथ हमारा भी कर्तब्य बनता है की आपको इन रोगों के लिए जागृत करे | हमारा उद्देश्य हमेशा से यही रहा है की आपको जागरूक किया जाये |
#स्विट्जरलैंड#स्तनकैंसर#स्किनकैंसर#सबसेपहलेवर्ल्डकैंसरडेकबमना#विश्वकैंसरदिवस#जागरूकता#वर्ल्डकैंसरडेकामकसद#वर्ल्डकैंसरडे#रोगप्रतिरोधकक्षम��ा#ब्लडकैंसर#ब्रैस्टकैंसर#दिवसकैंसर#ट्यूमर#जीनपरिवर्तन#जिनेवामेंपहलीबारविश्वकैंसरदिवसमनाया#कोशिकाओंपरशरीरकानियंत्रणबिगड़#कोशिकाएंबेहिसाबतरीबढ़ने#कैंसरकीशुरुआत#कैंसरदुनिया#कैंसरकितनेप्रकारकेहोते है#कैंसरआखिरक्याहै#कैंसर#इम्यूनसिस्टमकीकोशिकाओं#worldcancerday#4fab2021#1933मेंअंतर्राष्ट्रीयकैंसरनियंत्रणसंघ#ब्रेनकैंसर
1 note
·
View note
Photo
वर्ल्ड कैंसर डे का मकसद जागरूकता फैलाना ही है -
कैंसर दुनिया की सबसे एक दौर में सबसे बड़ी समस्या बन के उभरी थी | पहले कैंसर होना ही नहीं बचना जैसा था |अभी तो कई अत्याधुनिक मशीने और तरीके के विकास से इसमें कमी लायी गयी है |दुनिया भर में हर साल 76 लाख लोग कैंसर से दम तोड़ते हैं जिनमें से 40 लाख लोग समय से पहले (30-69 वर्ष आयु) मर जाते हैं। इसलिए समय की मांग है कि इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ कैंसर से निपटने की व्यावहारिक रणनीति विकसित करना था। वर्ष 2025 तक, कैंसर के कारण समय से पहले होने वाली मौतों के बढ़कर प्रति वर्ष 60 लाख होने का अनुमान है। यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन के 2025 तक कैंसर के कारण समय से पहले होने वाली मौतों में 25 प्रतिशत कमी के लक्ष्य को हासिल किया जाए तो हर साल 15 लाख जीवन बचाए जा सकते हैं।और इसलिए ही वर्ल्ड कैंसर डे का महत्व बढ़ जाता है |
सबसे पहले वर्ल्ड कैंसर डे कब मना -
विश्व कैंसर दिवस प्रतिवर्ष फ़रवरी के दूसरे रविवार को मनाया जाता है|1933 में अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ ने स्विट्जरलैंड में जिनेवा में पहली बार विश्व कैंसर दिवस मनाया। यह दिवस कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने, लोगों को शिक्षित करने, इस रोग के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दुनिया भर में सरकारों और व्यक्तियों को समझाने तथा हर साल लाखों लोगों को मरने से बचाने के लिए मनाया जाता है |इस बीमारी के सबसे बड़ी दिक्कत है की शुरुआती दौर में इसका पता नहीं लगता है |कैंसर बहुत ही घातक माना जाता है ये कई तरह का होता है |
कैंसर आखिर क्या है -
मानव शरीर कईं अनगिनत कोशिकाओं यानी सैल्स से बना हुआ है और इन कोशिकाओं में निरंतर ही विभाजन होता रहता है । यह एक सामान्य प्रक्रिया है और इसपर शरीर का पूरा नियंत्रण होता है। लेकिन कभी-कभी जब शरीर के किसी विशेष अंग की कोशिकाओं पर शरीर का नियंत्रण बिगड़ जाता है और कोशिकाएं बेहिसाब तरीकेसे बढ़ने लगती हैं, उसे कैंसर कहा जाता हैं। जब शरीर की कोशिकाओं के जीन परिवर्तन की शुरुआत होती है वही से कैंसर की शुरुआत होती है |कोई विशेष कारण नहीं है की वो बदलते होते है कभी -कभी वो स्वम ही बदलने लगते है |फिर दूसरे कारणों की वजह से ऐसा हो सकता है, जैसे- गुटका-तंबाकू जैसी नशीली चीजें खाने से, अल्ट्रावॉलेट रे या फिर रेडिएशन आदि इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं । ऐसा देखा गया है की कैंसर शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं को समाप्त कर देता है|जैसे-जैसे शरीर में कैंसर वाली कोशिकाएं बढ़ती रहती हैं, वैसे-वैसे ट्यूमर यानि एक प्रकार की गांठ उभरती रहती है।यदि इसका उपचारसही समय पर न किया जाए तो यह पूरे शरीर में फैल जाता है।
कैंसर कितने प्रकार के होते है -
जानकारों की माने तो कैंसर 200 तरह के होते है |लेकिन हम आपको सभी कैंसर के बारे में नहीं बता पाएंगे |हम यहाँ पर उन्ही कैंसर पर ध्यान देंगे |जो ज्यादा लोगों को प्रभावित करता है |उसमे से तो कई के नाम आप भी बखूबी जानते होंगे |लेकिन चलिए हम भी आपको इनके बारे में अपने स्टाइल में बताते है |
1 - ब्लड कैंसर -
लोगों में सबसे तेजी से बढ़ने वाले कैंसर में ब्लड कैंसर सबसे आगे है।इस कैंसर में व्यक्ति के शरीर की रक्त कोशिकाओं में कैंसर पैदा होने लगता हैऔर इसी के चलते शरीर में रक्त की कमी हो जाती है और कैंसर बहुत तेजी से शरीर में संक्रमित होना शुरू हो जाता है।इसमें आपको ब्लड का बार -बार जाँच किया जाता है |धीमी गति से बढ़ने वाले रक्त कैंसर के कई रोगियों में लक्षण दिखाई नहीं देते हैं तेजी से बढ़ने वाले रक्त कैंसर के लक्षणों में थकान, वज़न घटना, बार-बार संक्रमण, नील पड़ना और खून बहना शामिल हैं|रक्त कैंसर के इलाज के लिए कीमोथैरेपी के अलावा कभी-कभी विकिरण चिकित्सा और मूल-कोशिका प्रत्यारोपण का भी इस्तेमाल किया जा सकता है|
2-ब्रेन कैंसर -
ब्रेन कैंसर व्यक्ति के सिर वाले भाग में पनपता है ।ब्रेन कैंसर का ही दूसरा नाम ब्रेन ट्यूमर भी है ।इस कैंसर वाले रोगी के दिमाग वाले भाग में एक ट्यूमर यानि गांठ बन जाती है और यह गांठ समय के साथ-साथ बड़ी होने लगती है और धीरे-धीरे पूरे मस्तिष्क में फैल जाती है ।एक वीक से ज्यादा समय तक लगातार सर दर्द होना और लगातार दर्द निवारक लेने के बाद भी सही नहीं होना ब्रेन कैंसर का लक्षण हो सकता है |
3 - स्तन कैंसर -
स्तन कैंसर या जिसे ब्रैस्ट कैंसर भी कहते हैं, यह विशेषकर महिलाओं को होता है, परंतु ऐसा नहीं है कि यह पुरुषों को नहीं हो सकता। इस कैंसर से ग्रसित औरतों के स्तन में एक प्रकार की गांठ बननी शुरु हो जाती है,जो धीरे-धीरे समयानुसार बढ़ने लगती है। यदि इससे बचाव करना है तो नियमित रूप से स्तन की जांच करवाते रहें।स्तन कैंसर के लक्षणों में स्तन में गांठ होना, निपल से खून मिला हुआ रिसाव और निपल या स्तन की बनावट या प्रकृति में बदलाव शामिल हैंइसका इलाज कैंसर की अवस्था पर निर्भर करता है इसमें कीमोथेरेपी (रसायनों से उपचार), रेडिएशन थेरेपी (किरणों से उपचार), हॉर्मोन से उपचार और ऑपरेशन करना शामिल हो सकते हैं|
4 - स्किन कैंसर -
चर्म कैंसर यानि स्किन कैंसर के मामले भी देश में बहुत तेजी से सामने आए हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि स्किन कैंसर बहुत अधिक गर्मी में रहने, उचित भोजन न करने और शून्य शारीरिक गतिविधि न करने से शरीर में पनपता है । स्किन कैंसर हर उम्र के व्यक्ति को हो सकता है । ये रोग बहुत खतरनाक श्रेणी में है आज 4 फरवरी के दिन कैंसर वर्ल्ड डे होने के साथ हमारा भी कर्तब्य बनता है की आपको इन रोगों के लिए जागृत करे | हमारा उद्देश्य हमेशा से यही रहा है की आपको जागरूक किया जाये |
#1933मेंअंतर्राष्ट्रीयकैंसरनियंत्रणसंघ#ब्रेनकैंसर#4fab2021#worldcancerday#इम्यूनसिस्टमकीकोशिकाओं#कैंसर#कैंसरआखिरक्याहै#कैंसरकितनेप्रकारकेहोते है#कैंसरकीशुरुआत#कैंसरदुनिया#कोशिकाएंबेहिसाबतरीबढ़ने#कोशिकाओंपरशरीरकानियंत्रणबिगड़#जागरूकता#जिनेवामेंपहलीबारविश्वकैंसरदिवसमनाया#जीनपरिवर्तन#ट्यूमर#दिवसकैंसर#ब्रैस्टकैंसर#ब्लडकैंसर#रोगप्रतिरोधकक्षमता#वर्ल्डकैंसरडे#वर्ल्डकैंसरडेकामकसद#विश्वकैंसरदिवस#सबसेपहलेवर्ल्डकैंसरडेकबमना#स्किनकैंसर#स्तनकैंसर#स्विट्जरलैंड
1 note
·
View note
Text
वर्ल्ड कैंसर डे की शुरुआत कब से हुई ?
वर्ल्ड कैंसर डे का मकसद जागरूकता फैलाना ही है -
कैंसर दुनिया की सबसे एक दौर में सबसे बड़ी समस्या बन के उभरी थी | पहले कैंसर होना ही नहीं बचना जैसा था |अभी तो कई अत्याधुनिक मशीने और तरीके के विकास से इसमें कमी लायी गयी है |दुनिया भर में हर साल 76 लाख लोग कैंसर से दम तोड़ते हैं जिनमें से 40 लाख लोग समय से पहले (30-69 वर्ष आयु) मर जाते हैं। इसलिए समय की मांग है कि इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ कैंसर से निपटने की व्यावहारिक रणनीति विकसित करना था। वर्ष 2025 तक, कैंसर के कारण समय से पहले होने वाली मौतों के बढ़कर प्रति वर्ष 60 लाख होने का अनुमान है। यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन के 2025 तक कैंसर के कारण समय से पहले होने वाली मौतों में 25 प्रतिशत कमी के लक्ष्य को हासिल किया जाए तो हर साल 15 लाख जीवन बचाए जा सकते हैं।और इसलिए ही वर्ल्ड कैंसर डे का महत्व बढ़ जाता है |
सबसे पहले वर्ल्ड कैंसर डे कब मना -
विश्व कैंसर दिवस प्रतिवर्ष फ़रवरी के दूसरे रविवार को मनाया जाता है|1933 में अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ ने स्विट्जरलैंड में जिनेवा में पहली बार विश्व कैंसर दिवस मनाया। यह दिवस कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने, लोगों को शिक्षित करने, इस रोग के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दुनिया भर में सरकारों और व्यक्तियों को समझाने तथा हर साल लाखों लोगों को मरने से बचाने के लिए मनाया जाता है |इस बीमारी के सबसे बड़ी दिक्कत है की शुरुआती दौर में इसका पता नहीं लगता है |कैंसर बहुत ही घातक माना जाता है ये कई तरह का होता है |
कैंसर आखिर क्या है -
मानव शरीर कईं अनगिनत कोशिकाओं यानी सैल्स से बना हुआ है और इन कोशिकाओं में निरंतर ही विभाजन होता रहता है । यह एक सामान्य प्रक्रिया है और इसपर शरीर का पूरा नियंत्रण होता है। लेकिन कभी-कभी जब शरीर के किसी विशेष अंग की कोशिकाओं पर शरीर का नियंत्रण बिगड़ जाता है और कोशिकाएं बेहिसाब तरीकेसे बढ़ने लगती हैं, उसे कैंसर कहा जाता हैं। जब शरीर की कोशिकाओं के जीन परिवर्तन की शुरुआत होती है वही से कैंसर की शुरुआत होती है |कोई विशेष कारण नहीं है की वो बदलते होते है कभी -कभी वो स्वम ही बदलने लगते है |फिर दूसरे कारणों की वजह से ऐसा हो सकता है, जैसे- गुटका-तंबाकू जैसी नशीली चीजें खाने से, अल्ट्रावॉलेट रे या फिर रेडिएशन आदि इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं । ऐसा देखा गया है की कैंसर शरीर मे�� रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं को समाप्त कर देता है|जैसे-जैसे शरीर में कैंसर वाली कोशिकाएं बढ़ती रहती हैं, वैसे-वैसे ट्यूमर यानि एक प्रकार की गांठ उभरती रहती है।यदि इसका उपचारसही समय पर न किया जाए तो यह पूरे शरीर में फैल जाता है।
कैंसर कितने प्रकार के होते है -
जानकारों की माने तो कैंसर 200 तरह के होते है |लेकिन हम आपको सभी कैंसर के बारे में नहीं बता पाएंगे |हम यहाँ पर उन्ही कैंसर पर ध्यान देंगे |जो ज्यादा लोगों को प्रभावित करता है |उसमे से तो कई के नाम आप भी बखूबी जानते होंगे |लेकिन चलिए हम भी आपको इनके बारे में अपने स्टाइल में बताते है |
1 - ब्लड कैंसर -
लोगों में सबसे तेजी से बढ़ने वाले कैंसर में ब्लड कैंसर सबसे आगे है।इस कैंसर में व्यक्ति के शरीर की रक्त कोशिकाओं में कैंसर पैदा होने लगता हैऔर इसी के चलते शरीर में रक्त की कमी हो जाती है और कैंसर बहुत तेजी से शरीर में संक्रमित होना शुरू हो जाता है।इसमें आपको ब्लड का बार -बार जाँच किया जाता है |धीमी गति से बढ़ने वाले रक्त कैंसर के कई रोगियों में लक्षण दिखाई नहीं देते हैं तेजी से बढ़ने वाले रक्त कैंसर के लक्षणों में थकान, वज़न घटना, बार-बार संक्रमण, नील पड़ना और खून बहना शामिल हैं|रक्त कैंसर के इलाज के लिए कीमोथैरेपी के अलावा कभी-कभी विकिरण चिकित्सा और मूल-कोशिका प्रत्यारोपण का भी इस्तेमाल किया जा सकता है|
2-ब्रेन कैंसर -
ब्रेन कैंसर व्यक्ति के सिर वाले भाग में पनपता है ।ब्रेन कैंसर का ही दूसरा नाम ब्रेन ट्यूमर भी है ।इस कैंसर वाले रोगी के दिमाग वाले भाग में एक ट्यूमर यानि गांठ बन जाती है और यह गांठ समय के साथ-साथ बड़ी होने लगती है और धीरे-धीरे पूरे मस्तिष्क में फैल जाती है ।एक वीक से ज्यादा समय तक लगातार सर दर्द होना और लगातार दर्द निवारक लेने के बाद भी सही नहीं होना ब्रेन कैंसर का लक्षण हो सकता है |
3 - स्तन कैंसर -
स्तन कैंसर या जिसे ब्रैस्ट कैंसर भी कहते हैं, यह विशेषकर महिलाओं को होता है, परंतु ऐसा नहीं है कि यह पुरुषों को नहीं हो सकता। इस कैंसर से ग्रसित औरतों के स्तन में एक प्रकार की गांठ बननी शुरु हो जाती है,जो धीरे-धीरे समयानुसार बढ़ने लगती है। यदि इससे बचाव करना है तो नियमित रूप से स्तन की जांच करवाते रहें।स्तन कैंसर के लक्षणों में स्तन में गांठ होना, निपल से खून मिला हुआ रिसाव और निपल या स्तन की बनावट या प्रकृति में बदलाव शामिल हैंइसका इलाज कैंसर की अवस्था पर निर्भर करता है इसमें कीमोथेरेपी (रसायनों से उपचार), रेडिएशन थेरेपी (किरणों से उपचार), हॉर्मोन से उपचार और ऑपरेशन करना शामिल हो सकते हैं|
4 - स्किन कैंसर -
चर्म कैंसर यानि स्किन कैंसर के मामले भी देश में बहुत तेजी से सामने आए हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि स्किन कैंसर बहुत अधिक गर्मी में रहने, उचित भोजन न करने और शून्य शारीरिक गतिविधि न करने से शरीर में पनपता है । स्किन कैंसर हर उम्र के व्यक्ति को हो सकता है । ये रोग बहुत खतरनाक श्रेणी में है आज 4 फरवरी के दिन कैंसर वर्ल्ड डे होने के साथ हमारा भी कर्तब्य बनता है की आपको इन रोगों के लिए जागृत करे | हमारा उद्देश्य हमेशा से यही रहा है की आपको जागरूक किया जाये|
पूरा जानने के लिए-http://bit.ly/2LkSUYI
#स्विट्जरलैंड#स्तनकैंसर#स्किनकैंसर#सबसेपहलेवर्ल्डकैंसरडेकबमना#विश्वकैंसरदिवस#जागरूकता#वर्ल्डकैंसरडेकामकसद#वर्ल्डकैंसरडे#रोगप्रतिरोधकक्षमता#ब्लडकैंसर#ब्रैस्टकैंसर#दिवसकैंसर#ट्यूमर#जीनपरिवर्तन#जिनेवामेंपहलीबारविश्वकैंसरदिवसमनाया#कोशिकाओंपरशरीरकानियंत्रणबिगड़#कोशिकाएंबेहिसाबतरीबढ़ने#कैंसरदुनिया#कैंसरकीशुरुआत#कैंसरकितनेप्रकारकेहोते है#कैंसरआखिरक्याहै#कैंसर#इम्यूनसिस्टमकीकोशिकाओं#worldcancerday#4fab2021#ब्रेनकैंसर#1933मेंअंतर्राष्ट्रीयकैंसरनियंत्रणसंघ
1 note
·
View note