#वे
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#🎉 वैष्णों देवी#नैना देवी#ज्वाला देवी तथा अन्नपूर्णा देवी के मंदिरों की स्थापना कैसे हुई?जानने के ��िए हिन्दू साहेबान! नह#वे
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#हिन्दूसाहेबान_नहीं_समझे गीता वेद पुराण
क्या आप जानते हैं कि शिवलिंग क्या है?
जानने के लिए पढ़ें "पुस्तक हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण" इस पुस्तक को Sant Rampal Ji Maharaj App से डाउनलोड करके पढ़ें।
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#BookForHinduSaheban_OnDiwali🎉 इस दिवाली पर आदि सनातन धर्म के बारे में जानने के लिए पढ़िए पवित्र पुस्तक“हिन्दू सा#वे
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*क्या #वेद ईसा पूर्व मे था?* *वर्तमान समय मे वेद पुस्तक को कहा जाता है, जो चार खंडो {(1) ऋज्ञवेद, 2) सामवेद, 3) यजुर्वेद, 4) अथर्ववेद} मे उपलब्ध है|* *वेद ईसा पूर्व काल मे था इसको जानने के लिए वेद शब्द का अर्थ जानना होगा, तभी जान पाएंगे कि वेद पुस्तक ईसा पूर्व था भी की नही!* *#वेद पालि शब्दकोश का शब्द है| कच्चान व्याकरण अनुसार विद धातु से वेद, विद्या, विद्यालय, वेदना, वेदगु, वेदयितं, वेदयामी, वेदमानो जैसा शब्द बना है| जो बुद्ध वंदना मे #लोक_विदु के तौर पर प्रयोग होता है, तो मिलिंद वग्गो के तीसरे अध्याय मे #वेदगू_पञ्हो और चक्रवर्ती सम्राट अशोक मौर्य द्वारा लिखित "बैराट भाबरु" अभिलेख मे #विदितेवे के रूप मे मिलता है|* *जिसमे #लोक_विदु का अर्थ- संसार का ज्ञाता, #वेदगू-ऊँचतम अनुभवी, #विदितेवे-अनुभव प्राप्त करने वाला होता है| यानी #वेद का अर्थ अनुभव होता है👈* *इसलिए तिपिटक मे भगवान बुद्ध को #तण्ह_वेदगु कहा जाता है| यानी स्वयं के अनुभव से तीन प्रकार का ज्ञान प्राप्त करने वाला|👈* *अब आते है आज वाले चार वेद से #हटकर पांचवे वेद पर, जिसका नाम #आयुर्वेद है| इस आयुर्वेद को वेद पुस्तक से दूर-दूर तक का कोई संबंध नही है|फिर इसका नामकरण #आयुर्वेद क्यों हुआ?* *#आयुर का अर्थ योगपीडिया अनुसार #जीवन होता है और #वेद का अर्थ तिपिटक अनुसार अनुभूति द्वारा प्राप्त ज्ञान होता है| यानी 👉💝जीवन से सम्बंधित जो ज्ञान अनुभूति पर प्राप्त हुआ, उसे आयुर्वेद कहते है|* *फिर आज वाले पुस्तकीय वेद मे अनुभूति वाला तो कोई ज्ञान है ही नही| वहां तो* *1) ऋज्ञवेद मे देवताओ को आह्वान करने का मंत्र है, तो* *2) सामवेद मे यज्ञ मे गाने वाला संगीतमय मंत्र है, तो* *3) यजुर्वेद मे यज्ञ का कर्मकांड है, तो* *4) अथर्ववेद मे जादू, टोना, चमत्कार की बात है|* *आखिर ऐसा क्यों?* *आज वाले वेद ब्राह्मणी व्यवस्था मे अद्वैतवाद वाला दर्शन (Philosophy) की पुस्तक है|जिसकी एक पांडुलिपि शारदा लिपि मे छालपत्र पर और 29 पांडुलिपि कागज पर नागरी लिपि मे लिखी मिली थी| जिसे वर्तमान समय मे भंडारकर संस्थान पुणे मे रखा है| उसी 30 पांडुलिपि से चौदहवीं सदी मे सायन ने भाष्य करते हुए पुस्तक का रूप दिया है|जिसमे बाह्मी लिपि से शारदा लिपि का जन्म कश्मीर क्षेत्र मे आठवीं सदी लगभग और बाह्मी लिपि से नागरी लिपि का जन्म दसमीं सदी मे लगभग हुआ है| तदुपरांत उसके बाद वेद पुस्तक का भाष्य चौदहवीं सदी मे सायन द्वारा हुआ है|* *वेद पुस्तक की पांडुलिपि और भाष्य करने वालो की धूर्तता सिर्फ इतनी ही है कि इन सबो ने मिलकर सम्यक संस्कृति वाला पालि शब्द #वे (at UttarPradesh India) https://www.instagram.com/p/Cn_tzcJsM5B/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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“अरे दिल धड़का वे सिटी बजावे”, एक पोपट जेव्हा फ्लर्ट करतो!
“अरे दिल धड़का वे सिटी बजावे”, एक पोपट जेव्हा फ्लर्ट करतो!
“अरे दिल धड़का वे सिटी बजावे”, एक पोपट जेव्हा फ्लर्ट करतो! पोपट कसा असतो हे आपल्या सर्वांनाच लहानपणापासून माहीत आहे. तुमच्यापैकी अनेक जणांकडे पोपट असेल सुद्धा. पण पोपटाला फ्लर्ट करताना कधी पाहिलंय का? जर तुम्ही ते पाहिले नसेल, तर बघा. आजकाल पोपटाच्या अशाच एका व्हिडिओने सोशल मीडियावर लोकांचे लक्ष वेधून घेतलंय, ज्यात पोपट कुत्र्याला पाहून शिट्टी वाजवून गायला सुरुवात करतो. शिट्टी ऐकून कुत्रा ज्या…
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#श्राद्ध_करने_की_श्रेष्ठ_विधि
गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि जो पितर पूजा करते हैं,वे मोक्ष प्राप्त नहीं कर पाते, बल्कि वे पितर की योनि को प्राप्त होते हैं।
यान्ति, देवव्रताः, देवान्, पितृन्यान्ति, पितृव्रताः। भूतानि, यान्ति, भूतेज्याः, यान्ति, मद्याजिनः, अपि, माम् ।। 25
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#santrampaljimaharaj#kabirisalmightygod#सत भक्ति संदेश#श्राद्धकी शास्त्रानुकूल विधिwatch sant rampalji youtube#श्राद्ध_करने_की_श्रेष्ठ_विधि गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि जो पितर पूजा करते हैं#वे मोक्षSant Rampal Ji Maharaj you tube channel पर देखें
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#TrueStoryOfJesusक्या वह यीशु थे जो कब्र से निकले थे?नहीं#वह यीशु नहीं थे जो कब्र से निकले थे। वे पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेबKabirIsGod
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#🎉 वैष्णों देवी#नैना देवी#ज्वाला देवी तथा अन्नपूर्णा देवी के मंदिरों की स्थापना कैसे हुई?जानने के लिए हिन्दू साहेबान! नह#वे
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#GodMorningWednesday जो योगी हैं यानि हठ योग करते हैं#योग-आसन तक ही सीमित हैं#सार शब्द सतगुरू से मिला नहीं है#वे कभी संसार से पार नहीं ह
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42 वे मराठवाडा साहित्य संमेलन घनसावंगीत, उद्घाटनाला ‘हे’ ठाकरे! अशोक चव्हाण-पंकजा मुंडे एकाच व्यासपीठावर!!
42 वे मराठवाडा साहित्य संमेलन घनसावंगीत, उद्घाटनाला ‘हे’ ठाकरे! अशोक चव्हाण-पंकजा मुंडे एकाच व्यासपीठावर!!
42 वे मराठवाडा साहित्य संमेलन घनसावंगीत, उद्घाटनाला ‘हे’ ठाकरे! अशोक चव्हाण-पंकजा मुंडे एकाच व्यासपीठावर!! जालना जिल्ह्यातील घनसावंगी येथे 10 व 11 डिसेंबर रोजी 42 व्या मराठवाडा साहित्य संमेलमनाचे (Marathwada Sahitya Sammelan) आयोजन करण्यात आले आहे. या संमेलनाच्या उद्घाटन प्रसंगी उद्धव बाळासाहेब ठाकरे पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) यांच्या हस्ते होणार असल्याची माहिती समोर आली आहे. तर…
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#“हे#अशोक#आजच्या प्रमुख घडामोडी#उद्घाटनाला#एकाच#घनसावंगीत#चव्हाण-पंकजा#ठाकरे#बातमी आजची#भारत लाईव्ह न्यूज मीडिया#मराठवाडा#मुंडे#राजकारण#राजकारण लेटेस्ट#वे#व्यासपीठावर!!#शासन#संमेलन#सरकार#साहित्य
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#धरती_ऊपर_स्वर्ग "धरती ऊपर स्वर्ग"
पुस्तक से स्पष्ट होता है कि
पूर्ण गुरु के बिना किया गया दान और भक्ति व्यर्थ है। गुरु बनाना अति आवश्यक है।
कबीर राम कृष्ण से कौन बड़ा,उन्हों भी गुरु कीन्ह । तीन लोक के वे धनी, गुरु आगे आधीन ।।
Download free ebook
Website: JagatGuruRampalJi.org
#धरती_ऊपर_स्वर्ग कबीराम कृष्ण से कौन बड़ा#उन्हों भी गुरु कीन्ह । तीन लोक के वे धनी#गुरु आगे आधीन ।DownloadWebsite: JagatGuruRampalJi.org
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