#अरे
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prataptayade · 2 years ago
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bharatlivenewsmedia · 2 years ago
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ब्लॅक स्लिट ड्रेसमध्ये कियारा अडवाणीचा कहर, फोटो पाहून चाहते गोंधळले म्हणाले 'अरे ही तर सेम दीपिका..'
ब्लॅक स्लिट ड्रेसमध्ये कियारा अडवाणीचा कहर, फोटो पाहून चाहते गोंधळले म्हणाले ‘अरे ही तर सेम दीपिका..’
ब्लॅक स्लिट ड्रेसमध्ये कियारा अडवाणीचा कहर, फोटो पाहून चाहते गोंधळले म्हणाले ‘अरे ही तर सेम दीपिका..’ आपल्या अभिनयाने सर्वांच्या मनात जागा निर्माण करणारी कियारा अडवाणी तिच्या ग्लॅमरस फॅशनसेन्सने सर्वांचे लक्ष वेधत असते. नुकतेच तिने तिच्या सोशल मीडियावर ब्लॅक ड्रेसमध्ये काही फोटो शेअर केले आहेत. या ड्रेसमध्ये ती खूपच सुंदर दिसत आहे.पण तिच्या या फोटोंनी सोशल मीडियावर एकच खळबळ माजली आहे. कियराचा हा…
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survivetoread · 4 days ago
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ज्यांनी हे शहर बांधले, ते केव्हाच वारले पुढच्या जन्मी ते या शहरात भोकं पाडायला आले
तिचा चेंडू कधी इथल्या गटारात हरवलेला, आता या चौकात तिला थांबायला वेळ नाही या शहरात कुठेही जाण्यासाठी लढावं लागतं, तरीच पावलांचं संगीत ऐकायला वेळ नाही
आठवणी टाकल्या बाथरूमच्या फरशीवर, फुलांच्या साबणाने धुवून काढल्या, तरी पुढच्या दिवशी पुन्हा तीच गर्दी, तीच जागा, त्याच पावलांवर त्याच मृतांच्यांचे तेच आत्मे
तिची ती आवृत्ती गटारात बुडली, आणि तिची आणखीन एक आवृत्ती बुडली सिमेंटात एक आवृत्ती वाहून गेली साबणासह, एक गेली गाणी किंचाळत, आणि एक राहिली माझ्याकडे
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jaiminiofficial · 5 months ago
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Are Dwarpalo Lyrics » अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो
Are Dwarpalo Lyrics » अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो Are Dwarpalo Lyrics » अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो Are Dwarpalo Lyrics » अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो Are Dwarpalo Kanhaiya Se Kehdo Lyrics Hindi » अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो देखो देखो ये गरीबी, ये गरीबी का हाल…. कृष्ण के द्वार पे, विश्वास लेके आया हु, मेरे बचपन यार है … मेरा श्याम  बस यही सोच के आस लेके आया हूँ ! अरे…
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anuskelvin-blog · 1 year ago
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sakshiiiisingh · 2 years ago
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#धन का लालच#quest#story#kahani#bhalu#admi#kahaniya#moralstory#moral#hindistory#एक बहुत गरीब आदमी अपने घर का गुजारा चलाने के लिए रोजाना जंगल से फल फुल इकट्ठे करता और गाँव मे जाक#वह भालू बहुत खतरनाक था।#गरीब आदमी हमेशा कुछ न कुछ उस भालू को खाने के लिए देता था। इसीलिए वह भालू उसको कुछ नुकसान नहीं पहु#भालू ने कहा कल सुबह तुम जल्दी आना। तुमने आज तक मुझे जो भी खिलाया हैं#मैं तुमको उसके बदले में कुछ उपहार दूंगा। भालू के कहे अनुसार वह आदमी सुबह जल्दी गया। भालू ने उस ग#सूर्योदय होने के बाद मेरा मुंह बंद हो जायेगा।#गरीब ने उसके कहे अनुसार उसके पेट से कुछ सोना निकाल लिया और उसको धन्यवाद देकर वहाँ से चला गया।#अब वह गरीब आदमी बहुत अमीर बन चूका था। उसकी अमीरी को देख कर कुछ लोग उससे जलने लगे।#एक दिन एक आदमी ने उससे पूछ ही लिया | अरे भाई तुम्हारे तुम्हारी अमीरी का राज क्या हैं?#उस आदमी ने सब कुछ बता दिया।#अब उस आदमी ने फटे पुराने कपड़े पहन लिए और जंगल से फल लेने के लिए जाने लग। कुछ दिनों तक उसने भी ठीक उ#भालू ने अगले दिन सवेरे जल्दी आने को कहा।#वह आदमी जल्दी सवेरे एक बड़ा बोरा लेकर गया। भालू ने अपना मुंह खोला। लेकिन वह आदमी बोरा भरने के चक्#और वह आदमी हमेशा के लिए अन्दर चला गया।#इस कहानी से हमे ये शिक्षा मिलती है | - लालच कभी किसी का भला नहीं कर सकता |#Youtube
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camilleisdrawing · 1 year ago
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based on my friend Sam's idea
[image description: Pavitr is playing with his phone and letting his hair cover half of his face. A hand covered with fishnets flips his hair to the side. He looks up with puppy eyes, surrounded by bright colourful light and parting clouds as does the sun. Hobie tousles Pavitr's hair out of fondness while Pavitr exclaims 'अरे (HEY!)' in Hindi.]
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srbachchan · 1 month ago
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DAY 6061
Jalsa, Mumbai Sept 21, 2024/Sept 22 Sat/Sun 8:25 am
🪔 ,
September 22 .. birthday greetings to Ef Dharmik Kakadiya from Gujarat .. 🙏🏻❤️🚩
September 21 .. birthday greetings to Ef Subhash Kaura .. 🙏🏻❤️🚩...
and my love and greetings as also the wishes from the glorious Ef 🌹
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देर रात तक काम किया ; नींद लगी तो जल्द सो गया ,
मद्य रात फिर याद आया, अरे ब्लॉग लिखना तो भूल गया ;
हढ़ भढ़ा के उठ खड़ा हुआ , तुकबंदी करने बैठ गया ;
लगा
कुछ कविता रूपी लिखूँगा, तो शायद Ef क्षमा भी करदेगा ...
... and then, as is but natural, the thoughts ran to dear Babuji and his words sprung up upon me , titled :
कविता और कविता
चालीस बरस पहले एक कविता पढ़ी थी ;
आज उसे फिर पढ़ता हूँ ,
लगता है पहली बार पढ़ रहा हूँ ।
चालीस दिन पहले एक कविता पढ़ी थी ;
आज उसे फिर पढ़ता हूँ ,
लगता है पुराना अख़बार पढ़ रहा हूँ ।
.. and the embarrassment of having put some words in rhythm above 👆🏼 , and the impressions of Babuji's words resound , that they resemble reading an old news paper ...
No, never compare yourself to genius ; compare your own worth and absorb their genius ..
Work and its absorption comes from the audience that comes to the show and gives their unstinted time and energy to enhance the proceedings .. it is they that make the show .. they applaud , they laugh , they acknowledge the winner , they smile and give credit when due and above all they assist in the winnings of the contestant when ever he or she seeks the 'audience poll ' ..
My extreme love and admiration for them, and even though the event is over, I do go around and give an opportunity to take personal pictures with them , to talk at times, to meet the elderly that make an effort to come , and to accept the hand made gifts that many bring ..
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.. the young smiling faces ..
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.. the little personal conversation ..
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.. their laughter in admiration ..
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.. the middle aged and the elderly ..
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... an old acquaintance , now weak but full of love and remembrance ..
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.. and the respect for the wheel chaired .. immobile through illness but mobile by the desire to be a part of the audience ..
Only respect for them all as I depart, with the lasting memories .. and the wave of gratitude for their love ..
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My love in closing and may the day bring happiness ..
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Amitabh Bachchan
nt to forget the hand made gifts that they so generously present :
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.. a chartered accountant but makes tea and turmeric ,haldi, powder organically .. at home .. I bring it along and shall use them .. 😀
they shall remain in my cells that protect memory ..
🙏
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O ! dear and then .. the contestant wishes to ask questions instead of me asking them .. and they put up pictures of mine and ask what were you doing ..???? in them
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errr .. jumping off a cliff , about 20-30 feet , no harness in those days, and the expression saying it all - "wonder how many bones I shall be breaking on landing"
the mike and the signboard - stage shows 1983 on a World tour , the first to have started this , and the one in the prestigious Madison Square Garden, New York and the signage informing its on tonight
that green background is the green for camera VFX .. and fooling around on set as the music plays , recorded by my dear musical duo Rohan-Vinayak .. 🤣
.. err either its a yawn or pointing to the fractured toe and the reason why I wear sneakers on set .. 😳
ENOUGH ..
AB 🌺
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reallyankit · 5 months ago
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उनसे बिछड़ कर मानो नींदें भी जुदा हो गयीं
अरे दिल को कोई समझाए की चाँद गया है
रातें अभी भी होती हैं
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baiju-bawara · 8 months ago
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Altaf Raja is a type of guy who can summarise my dating life in just one section of his song... Like when he said...
जब तुम से इत्तफ़ाक़न मेरी नज़र मिली थी
अब याद आ रहा है, शायद वो January थी 😏
तुम यूँ मिली दुबारा फिर माह-ए-February में
जैसे कि हमसफ़र हो तुम राह-ए-जिंदगी में 🤫
कितना हसीं ज़माना आया था March लेकर
राह-ए-वफ़ा पे थी तुम वादों की torch लेकर 🤗
बाँधा जो अहद-ए-उल्फ़त, April चल रहा था
दुनिया बदल रही थी, मौसम बदल रहा था 🥰
लेकिन May जब आई, जलने लगा ज़माना
हर शख़्स की ज़बाँ पर था बस यही फ़साना 😤
दुनियां के डर से तुमने बदली थी जब निगाहें
था June का महीना, लब पे थी गर्म आहे 😕
July में जो तुमने की बातचीत कुछ कम
थे आसमाँ पे बादल और मेरी आँखें पुर-नम 🥺
माह-ए-August में जब बरसात हो रही थी
बस आँसुओं की बारिश दिन-रात हो रही थी 😭
कुछ याद आ रहा है, वो माह था September
भेजा था तुमने मुझको तर्क-ए-वफ़ा का letter 😮‍💨
तुम गैर हो रही थी, October आ गया था
दुनिया बदल चुकी थी, मौसम बदल चुका था 🙁
जब आ गया November, ऐसी भी रात आई
मुझसे तुम्हें छुड़ाने सजकर बारात आई 😔
बेकैफ था December, जज़्बात मर चुके थे
मौसम था सर्द उसमें, अरमाँ बिखर चुके थे 😖
लेकिन ये क्या बताऊँ, अब हाल दूसरा है 🤕
अरे, वो साल दूसरा था, ये साल दूसरा है। 😝🫡
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tum toh tehre pardesi saath kya nibhaoge...
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delhidreamboy · 1 year ago
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दोस्त की बीवी के साथ रात भर चुदाई
दोस्तो, सबसे पहले मैं अपना परिचय दे देता हूँ.
मेरा नाम समीर है मैं बहराइच शहर का रहने वाला हूँ. मैं पाँच फिट ग्यारह इंच लम्बा हूँ और मेरे बाल काफ़ी लम्बे हैं.
मैं अपने दोस्तों में सबसे ज्यादा स्मार्ट हूँ.
सेक्स मेरी कमज़ोरी है.
किसी भी लड़की को देखता हूँ तो अपने पर कंट्रोल नहीं कर पाता और मौक़ा मिलते ही मुठ मार लेता हूँ.
मैं अपने दोस्त जुनैद खान की शादी में ना जा सका था.
उस दिन किसी काम के सिलसिले में फंस गया था.
उसके बाद मैं अपने कामों में ऐसा फंसा कि क़रीब पाँच साल तक दोस्ती यारी सब भूल गया.
जब मैं काम से थोड़ा आजाद हुआ तो दोस्तों की याद आई.
मगर अब दोस्त भी सब अपने अपने कामों में लगे हुए थे.
फिर एक दिन अचानक से जुनैद से यहीं मार्केट में मुलाक़ात हुई.
उसके साथ उसकी बीवी भी थी.
हम दोनों दोस्त अपनी बातों में मस्त हो गया.
कुछ देर में मेरी नज़र जुनैद की बीवी पर पड़ी.
वह बड़ी मस्त माल थी. यह Xxx सेक्सी हिंदी कहानी उसी के साथ की है.
उसके 36 साइज़ के ��ूचे और 38 इंच की गांड एकदम आग बरपा रही थी.
मैंने भाभी से हैलो की और सॉरी बोलते हुए कहा- सॉरी भाभी, मैंने आप पर ध्यान ही नहीं दिया. हम दोनों दोस्त अपनी पुरानी यादों में मस्त हो गए, माफ़ी चाहता हूँ!
जुनैद की बीवी ने जवाब दिया- आपने मुझ पर ध्यान नहीं दिया, कोई बात नहीं. पर आप शादी में भी नहीं आए. जुनैद हमेशा आपकी बातें करते रहते थे. मैं भी आपसे मिलने को उतावली थी.
ये कहती हुई उसने मेरे हाथ को दबा दिया.
मैं समझ गया कि भाभी चालू माल है.
मैंने बात को खत्म करते हुए हंसते हुए कहा- अरे भाभी, यहीं सब बातें कर लेंगी या कभी घर भी बुलाएंगी.
फिर हमारी बातें ख़त्म हुईं.
भाभी ने जाते वक्त कहा- आपका घर है, जब चाहें आ जाएं. जुनैद तो रात को दो के बाद ही आते हैं. आपकी जब मर्ज़ी हो, आ जाइए.
मैं भाभी का इशारा समझ गया और वहां से निकलते हुआ बोला- ओके भाभी, आपसे जल्दी ही मिलता हूँ.
मैं वहां से निकल गया.
इस बात को दो दिन हो गए थे.
मैं घर पर आराम कर रहा था.
उसी वक्त व्हाट्सैप पर अनजान नम्बर से एक मैसेज आया ‘क्या कर रहे हो मेरी जान!’
मेरे दोस्त अक्सर मैसेज से मुझे परेशान करते रहते हैं तो मैंने इस मैसेज पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया कि किसी दोस्त ने अनजान नंबर से मैसेज करके मुझसे शैतानी की होगी.
मैं उस मैसेज का बिना कोई जवाब दिए सो गया.
सुबह जब उठा तो देखा कि उसी नंबर से काफ़ी मैसेज आए हुए थे और दो मिस्ड कॉल भी थीं.
मैंने उसी नंबर पर कॉलबैक की, तो उधर से एक सुरीली सी आवाज़ आई- हैलो मिस्टर समीर, गुड मॉर्निंग. कैसी कटी आपकी रात!
मैंने भी बिना कुछ सोचे समझे सीधा बोल दिया कि अपनी भाभी के साथ सपने में कबड्डी खेलता रहा.
मेरी इस बात से उस तरफ से ज़ोर ज़ोर की हंसी के साथ आवाज आई- सही पहचाना, मैं ही हूँ आपकी कबड्डी खेलने वाली भाभी.
मैंने एकदम से अपने कहे पर खेद जताते हुए उनसे पूछा- सॉरी मेम, आप कौन?
‘मैं नादिया भाभी बोल रही हूँ.’
मैंने अब स्क्रीन पर उनका नंबर और ट्रू कॉलर पर आया हुआ नाम देखा.
फिर कहा- जी हां मुझे पता लग गया है. ट्रू कॉलरपर आपका नाम लिखा हुआ आया है. आप बताएं भाभीजान … सुबह सुबह अपने देवर को कैसे याद कर लिया?
वह बोली- सुबह सुबह तो छोड़िए, मैं तो सारी रात से आपको काफ़ी याद कर रही थी. कई मैसेज किये और दो बार कॉल भी किया, पर आपने फ़ोन ही नहीं उठाया. लगता है मुझसे नाराज़ हैं?
मैंने कहा- अरे भाभी जान, आपसे नाराज़ होकर कहां जाऊंगा. अपन तो दिल से ही आपके ही पास हैं.
वह हंसती हुई कहने लगी- काफ़ी अनुभव है आपको बात करने का … लगता है काफ़ी गर्लफ़्रेंड पटा रखी हैं.
मैं बोला- गर्लफ्रेंड तो नहीं, हां आप जैसी कुछ भाभियां हैं. जो समय समय पर अनुभव करवा देती हैं.
नादिया भाभी मेरी बात को क़ाटती हुई बोली- अच्छा वो सब छोड़ो … ये बताओ कि क्या आप मेरे घर आ सकते हैं?
मैंने कहा- कोई ज़रूरी काम हो, तो अभी आ जाऊं?
उधर से जवाब आया- अरे यार समीर … कल से जुनैद घर पर है नहीं. मैं अकेले बोर हो रही हूँ. आप आ जाएंगे तो आपसे जरा दिल बहला लूँगी.
मैं खुश होते हुए बोला- भाभी अभी तो सुबह हुई है, रात को आता हूँ.
उसने कहा- चलो मैं आपका इंतजार करूंगी.
कुछ देर और इधर उधर की बातचीत के बाद मैंने फ़ोन कट कर दिया.
अब मुझे और भाभी को रात का बेसब्री से इंतज़ार था कि कब रात हो और हम दोनों का मिलन हो.
मैं सोच रहा था कि बस कैसे भी करके नादिया भाभी को चोद लूं.
तो मैं नहाने गया तो झांटें साफ कर लीं.
रात होते ही मैंने मेडिकल से दो पैकेट कंडोम के ले लिए और भाभी के घर चला आया.
उनके घर पहुंचते ही मैंने दरवाजे की घंटी बजाई.
कुछ पल बाद दरवाज़ा खुला. दरवाजा खुलते ही मैं भाभी को देखता रह गया.
भाभी तो कहीं से शादीशुदा लग ही नहीं रही थी. उसने शॉर्ट्स और टॉप पहना था.
उसका रेड कलर का टॉप एकदम पारदर्शी था.
उस टॉप में से भाभी के दोनों चूचे और उन पर तने हुए गुलाबी निप्पल साफ़ दिख रहे थे.
उसने ब्रा नहीं पहनी थी.
सीन देख कर तो दिल कर रहा था कि अभी ही इसे पकड़ कर चोद दूँ. पर ऐसा करना ठीक नहीं होता है.
सेक्स का जो मज़ा आराम से करने में है, वह ज़बरदस्ती में नहीं है.
हालांकि मेरा मुँह खुला का खुला रह गया था.
भाभी ने इतराते हुए कहा- अन्दर आ जाओ, फिर इस खुले हुए मुँह का इलाज भी कर देती हूँ.
मैं झेंप गया.
अन्दर जाते ही मैंने अपनी पैंट एडजस्ट की क्योंकि मेरा लंड खड़ा हो गया था.
भाभी ने बैठने को कहा और बोली- क्या लोगे, चाय कॉफ़ी!
मैंने कहा- भाभी आप जो देंगी, प्यार से ले लूँगा. वैसे दूध मिल जाता तो और अच्छा होता.
भाभी मुस्कुराती हुई अपने दूध हिला कर बोलीं- ठीक है, मैं लाती हूँ.
वह किचन जाने के लिए मुड़ी ही थी कि मैंने हाथ बढ़ाया और भाभी को अपनी ओर खींच लिया.
हम दोनों बेड पर गिर गए.
भाभी ने कहा- अरे, ये क्या कर रहे हो देवर जी?
मैंने कहा- भाभी, मैं तो दूध ताज़ा वाला ही पीता हूँ.
ये कहते हुए मैंने भाभी का टॉप तेज़ी से खींचा और उसको बाहर निकाल फेंका.
मैं उसके दोनों रसभरे चूच��ं पर टूट पड़ा.
भाभी की 36 साइज़ की चूचियां मेरे हाथों में नहीं आ रही थीं.
नादिया भाभी को अपने नीचे दबा कर उसकी दोनों चूचियों को हाथ से पकड़ कर मसलने लगा और एक चूची के निप्पल को अपने होंठों में दबा कर खींच खींच कर चूसने लगा.
भाभी की मादक आहें और कराहें निकलना शुरू हो गईं.
मैंने क़रीब दस मिनट तक भाभी के दोनों चूचे चूसे … और चूस चूस लाल कर दिए.
अब हम दोनों का किस चालू हुआ.
मैं भाभी के पूरे बदन पर किस करता रहा.
वह आपे से बाहर हो रही थी.
किस करते करते मैं नीचे को सरकने लगा और भाभी की चूत पर आ गया.
भाभी की चूत शॉर्ट्स से ढकी हुई थी.
मैंने झटके से शॉर्ट्स को उतारा और चूत के अन्दर अपनी ज़ुबान डाल कर चूसने लगा.
अपनी चूत पर मेरी जुबान का अहसास पाते ही भाभी एकदम से सिहर उठी और छटपटाने लगी.
मैंने उसकी दोनों टांगों को अपने हाथों से दबोचा और चूत को चाटना शुरू कर दिया.
भाभी की चिकनी चूत एकदम कचौड़ी सी फूली हुई थी और रस छोड़ रही थी.
उसकी चूत का नमकीन रस चाटने से मुझे नशा सा आ गया और मैं पूरी शिद्दत से उसकी चूत को चाटने में तब तक लगा रहा, जब तक चूत का पानी नहीं निकल गया.
मैं चूत का रस चाटने लगा और चाट चाट कर भाभी की चूत को वापस कांच सा चमका दिया.
अब वह एकदम से निढाल हो गई थी और तेज तेज सांसें भर रही थी.
कुछ देर के बाद मैं उसके चेहरे को चूमने लगा तो वह बोली- सच में बड़े जानवर हो तुम … तुमने मेरी चूत में से पानी निकाल कर इसमें दोगुनी आग लगा दी है.
मैंने कहा- नादिया मेरी जान … अभी फायर बिर्गेड वाला पाइप खड़ा है … कहो तो तत्काल पाइप घुसेड़ कर आग बुझा दूँ.
वह बोली- आग तो बुझवानी ही है, पर उसके पहले मुझे उस पाइप को प्यार करना है जो मेरी आग बुझाएगा.
मैंने कहा- हां हां कर लो प्यार!
ये कहते हुए मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लौड़े पर रख दिया.
उसने लंड मसलते हुए कहा- ये तो बड़ा अकड़ रहा है. इसे पहले मेरे मुँह में डालो … मैं इसकी अकड़ निकालती हूँ.
हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
नादिया भाभी ने मेरे लंड को बहुत प्यार से चूसा और उसे एकदम गर्म लोहे से तप्त सरिया बना दिया.
वह मेरे लौड़े को गले के आखिरी छोर तक लेकर चूस रही थी.
मैंने आह भरते हुए कहा- आह भाभी … मेरी जान और चूसो.
उधर भाभी भी दुबारा से गर्मा गई थी.
उससे रहा ना गया और वह बोली- समीर, मैं बहुत प्यासी हूँ. पहले मेरी चूत की प्यास मिटा दो. जुनैद के साथ कभी ऐसा मज़ा नहीं आया. वह तो मेरे ऊपर चढ़ता है और दो मिनट में झड़ कर सो जाता है. आज तक न तो उसने कभी मुझे ओरल सेक्स का सुख नहीं दिया.
मैंने कहा- अरे मेरी भाभी जान … अभी तो ये शुरुआत है. अगर आपको मुझसे चुदवाने में मज़ा ना आया, तो मेरा नाम भी समीर नहीं.
बस ये कह कर मैंने भाभी को अपनी तरफ़ खींचा और लंड पर कंडोम लगा कर अपने लंड को भाभी की मखमली चूत पर सैट कर दिया.
लौड़े को सैट करते ही मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा. मेरा लंड भाभी की चूत को चीरता हुआ अन्दर घुसता चला गया.
एकदम से लौड़े ने चूत को फाड़ा, तो भाभी की चीख निकल गई.
भाभी की आंख से आंसू निकल आए और वह चिल्लाने लगी- समीर, मेरी चूत फट गई है, प्लीज़ निकाल लो.
लेकिन मैंने भाभी की एक ना सुनी और दोबारा झटका मार कर अपने लंड को पूरा अन्दर तक डाल दिया.
फिर मैं थोड़ी देर रुक गया.
Xxx सेक्सी भाभी दर्द से चीखती रही और छटपटाती रही.
कुछ देर बाद जब भाभी के चेहरे पर थोड़ा बदलाव आया और वह अपनी गांड को थोड़ा थोड़ा हिलाने लगी, तो मैं समझ गया कि भाभी को मज़ा आने लगा है.
अब मैंने भाभी को और तेज़ी से चोदना चालू कर दिया.
भाभी का सुर बदल गया था और वह बार बार कह रही थी- समीर, और तेज चोदो … और तेज.
यही सब कहते हुए वह अपने सर को इधर से उधर पटक रही थी.
हम दोनों की चुदाई का यह सिलसिला क़रीब बीस मिनट तक चला.
उसके बाद वह झड़ गई और उसके झड़ते ही मैं भी कंडोम में निकल गया.
झड़ने के बाद काफी थकान हो गई थी तो हम दोनों ऐसे ही नंगे सो गए.
आधा घंटा बाद उठे और वापस चुदाई चालू हो गई.
उस रात हम दोनों ने चार बार सेक्स किया.
यह सिलसिला अभी तक चल रहा है.
मैं आगे बताऊंगा कि भाभी की बहन को सेक्स की गोली खिला कर उसकी सील पैक चूत को कैसे चोदा.
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bollywoodirect · 8 months ago
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जीवन के ये रास्ते लंबे हैं सनम काटेंगे यह ज़िंदगी ठोकर खाके हम
ऐ ज़ालिम साथ ले-ले अच्छे हम अकेले ज़ालिम साथ ले-ले अरे अच्छे हम अकेले चार कदम भी चल न सकोगे समझे? हाँ समझे...
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bharatlivenewsmedia · 2 years ago
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“अरे दिल धड़का वे सिटी बजावे”, एक पोपट जेव्हा फ्लर्ट करतो!
“अरे दिल धड़का वे सिटी बजावे”, एक पोपट जेव्हा फ्लर्ट करतो!
“अरे दिल धड़का वे सिटी बजावे”, एक पोपट जेव्हा फ्लर्ट करतो! पोपट कसा असतो हे आपल्या सर्वांनाच लहानपणापासून माहीत आहे. तुमच्यापैकी अनेक जणांकडे पोपट असेल सुद्धा. पण पोपटाला फ्लर्ट करताना कधी पाहिलंय का? जर तुम्ही ते पाहिले नसेल, तर बघा. आजकाल पोपटाच्या अशाच एका व्हिडिओने सोशल मीडियावर लोकांचे लक्ष वेधून घेतलंय, ज्यात पोपट कुत्र्याला पाहून शिट्टी वाजवून गायला सुरुवात करतो. शिट्टी ऐकून कुत्रा ज्या…
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makedonsgriva · 1 month ago
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Spent my whole day trying to get Coldplay tickets and I got nothing so
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अरे यार ये दुख ख़त्म ही नहीं होता है क्या करूँ मैं
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saritadevi142 · 5 months ago
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कबीर परमेश्वर ने भक्त पीपा और सीता के लिए समन्दर में रची द्वारिका
भक्त पीपा और सीता सत्संग में सुना करते कि द्वारिका नगरी समन्दर में समा गई थी।
एक दिन पीपा तथा सीता जी गंगा दरिया के किनारे काशी से लगभग चार-पाँच किमी. दूर चले गए। वहाँ एक द्वारिका नाम का आश्रम था। आश्रम से कुछ दूर एक वृक्ष के नीचे एक पाली बैठा था। पाली ने कहा, अरे! वह नगरी तो इसी दरिया के जल में है।
दोनों ने सोचा भगवान की द्वारिका देख आते हैं और उन्होंने दरिया में छलाँग लगा दी। 
परमात्मा ने भक्तों का शुद्ध हृदय देखकर उस दरिया में द्वारिका की रचना कर दी। श्री कृष्ण तथा रूकमणि आदि सब उपस्थित थे। भगवान श्री कृष्ण रूप में विद्यमान थे। सात दिन तक दोनों द्वारिका में रहे। चलते समय श्री कृष्ण रूप में विराजमान परमात्मा ने अपनी ऊँगली से अपनी अंगूठी निकालकर भक्त पीपा जी की ऊँगली में डाल दी जिस पर कृष्ण लिखा था। सातवें दिन उसी समय दिन के लगभग 11:00 बजे दरिया से उसी स्थान से निकले। कपड़े सूखे थे।
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hi-avathisside · 4 months ago
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अरे यहाँ फर्क किस को पड़ता है? यहां किसी को किसी की याद नहीं आती यहां पर सब सिर्फ अपना देखते हैं किसी को किसी का ख्याल नहीं आता
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