#लड़ने
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saagar-jaisi-aankhonwali · 5 months ago
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Moonlit Pages #2
Moonshine's Musings चांदनी का चिंतन
Today Is June 16 i.e father's day , I wished my dad and gifted him a collage made of our pictures but I can't help and wonder that yes I love my dad too much but at the same time I also hate him.... That doesn't even makes any sense but that's how our relationship is....
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I have taken so much after my dad , the way I talk , my anger issues , over possessiveness for people around me and due to these traits , I end up tagging him as a monster but the truth is I am more worse of a monster than him.... I have more anger issues than him , and making him the demon for that just shows how much of a hypocrite I am....
My dad and I are so similar that we end up fighting with each other , we both are just a reflection of each other but just the difference is that :
Yes I am born with my father's anger but the patience my mother holds also runs through my veins....
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He is the only man in my life whom I can show faith upon , the world makes me feel unheard , unseen just like a background character but to him I am the only one who matters like i am the main character of his life - his queen , kiki , Rani beti and what not....
I may never say it to him but I love him to the core and he's the best man life has given me....
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हाथों की उंगली पकड़ कर चलना सिखाया ख्वाबों के पर् बनाके उड़ना सिखाया अब चल पड़ी हु इस दुनिया से लड़ने में आप बस साथ रह कर मेरी उड़ान देखना इन पंखों की जान देखना ....
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I love you dad , I love you so very much....
My dear past self is probably giggling rn....
My dear future self please don't let him down and do make him proud....
Moonshine 💌
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helputrust · 1 month ago
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03.10.2024, लखनऊ | शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में “श्रद्धामय पुष्पांजलि” कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल, ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने दीप प्रज्जवलन करके दुर्गा माता के चित्र पर माल्यार्पण किया एवं पुष्प अर्पित कर मां दुर्गा का आशीर्��ाद प्राप्त किया ।
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सभी देशवासियों को नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, “मां दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना जाता है | नवरात्रि के माध्यम से हम यह सीखते हैं कि हमारी आंतरिक शक्तियां ही हमारी सबसे बड़ी ताकत होती हैं । आज के समय में जब समाज में विभिन्न चुनौतियां और विषमताएं देखने को मिलती हैं, नवरात्रि हमें एकजुटता, सहयोग और समर्पण का संदेश देती है । यह पर्व हमें यह सिखाता है कि जैसे मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया, वैसे ही हमें भी अपने जीवन में आने वाली नकारात्मकताओं, अशांति और अन्याय के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा लेनी चाहिए । आइए, हम सभी इस नवरात्रि पर संकल्प लें कि हम अपने जीवन में सच्चाई, सदाचार और प्रेम को बढ़ावा देंगे । नवरात्रि का यह पवित्र पर्व हर किसी के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लेकर आए । शक्ति की अधिष्ठात्री मां दुर्गा हम सभी को आशीर्वाद दें और हमें जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की ओर अग्रसर करें । आप सभी को शारदीय नवरात्रि की ढेरों शुभकामनाएं ।“ || जय माता दी ||
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sachindc · 5 months ago
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#कबीरसाहेब_की_प्रमाणित_लीला
कबीर साहेब ने अपनी मगहर लीला कें माध्यम से उस भेदभाव को समाप्त दिया , जहां हिंदू और मुस्लिम कबीर साहेब के शरीर के लिए लड़ने की सोच रहे थे।
7 Days Left Kabir Prakat Diwas .
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foodwithrecipes · 3 months ago
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Karonda Mirchi Achar .   Karonda is rich in vitamin C and other antioxidants, which help combat free radicals and support the immune system. Green chilies contain capsaicin, Read full recipe
https://foodrecipesoffical.com/wp-admin/post-new.php
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rohidasdeore · 5 months ago
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#कबीरसाहेब_की_प्रमाणित_लीला
कबीर परमेश्वर जी के सतलोक गमन के समय हिंदू व मुसलमान उनके अंतिम संस्कार को लेकर लड़ने के लिए आमादा थे। कबीर परमेश्वर जी ने अपनी समर्थता का परिचय देते हुए इस गृह युद्ध को टाला
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akreetaazeithaaquira · 3 months ago
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क्या फ़र्क़ पड़ता है?
किसी से होने या चले जाने से,
बातें छुपा लेने से या बताने से।
क्या फ़र्क़ पड़ता है?
रात भर ना सोने से, सुबह जल्दी जाग जाने से,
खड़े होकर लड़ने से, डरकर भाग जाने से।
क्या फ़र्क़ पड़ता है?
किसी का ग़म समझने से, किसी को दर्द देने से,
किसी को याद करने से, सभी को भूल जाने से।
क्या फ़र्क़ पड़ता है ?
अच्छा या बुरा, छोटा या बड़ा,
रात या दिन, शाम या सुबह।
क्या फ़र्क़ पड़ता है ?
पर शायद फ़र्क़ पड़ना चाहिए,
जब दुनिया जल रही हो, मानवता पिघल रही हो,
जब किसी की चीख़ें सुनाई दे, सिर्फ़ अंधेरा दिखाई दे,
जब तुम चाहो की दुनिया बदल जाये,
कोई तो अपने घर से निकल जाये,
ये आक्रोश ख़त्म ना हो,
मरने का जोश ख़त्म ना हो।
जब तुम्हें लगे कि किसी को कुछ करना चाहिए,
तुम्हें, फ़र्क़ पड़ना चाहिए।..... @teddygirl20
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natkhat-sa-shyam · 11 months ago
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इतना कुछ था दुनिया में
लड़ने झगड़ने को
पर ऐसा मन मिला
कि ज़रा-से प्यार में डूबा रहा
और जीवन बीत गया..।
कुंवर नारायण
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praphull-ki-diary · 4 months ago
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~ मेरी सांसे कहीं तुम्हारी गर्दन के आसपास मंडराती रहती है.
~ तुम्हें देखने के बाद बहुत मुश्किलों से मैंने अपनी सांसों पर संयम पाया था.
~ मगर जब तुम मुझे अपने करीब खींच लेती हो तो संयम जैसा कुछ नहीं रहता.
~ तुम्हारी हँसी अलौकिक लगती है. जैसे मुझे मौत से वापिस खींच कर जीवित कर दे.
~ मैं तुम्हें हँसने के मौके तो बहुत कम देता हूँ.
~ आज तुम्हारे लिए एक फूल तोड़ कर रखा था. फूल तोड़ते वक्त मुझे याद नहीं था कि तुम यहां नहीं हो. जैसे मैंने उस फूल को देखा मुझे लगा ये तुम्हारे बालों में बहुत खूबसूरत दिखेगी. और शायद तुम थोड़ा खुश हो जाओगी.
~ बहुत सारे गाने मेरे कान में चल रहे है. हर पंक्ति मुझे तुम्हारी यादों से सराबोर कर देती है. मोहम्मद रफी की “लिखे जो खत तुझे” मुझे हमारी कहानी लगती है.
~ तुम उस गाने की तरह हो जिसे मैं दिन भर सुनना चाहता हूँ. लेकिन हमारी ज़िंदगी न जाने कितने मुश्किलों से भरे है.
~ मैं तो तुम्हारे हाथ भी नहीं छू सकता. न हम बारिश में साथ झूम सकते है. तुम्हारे साथ न जाने कितने गानों पर मुझे नाचना है..
~ तुम्हारी सारी कोशिका चूमना है मुझे. न जाने मेरी इच्छाएं कब पूरी होंगी. कभी - कभी असहाय सा लगता है. और कभी बस मान लेता हूँ कि चीज़ें ऐसी ही है. और मै कुछ नहीं कर सकता.
~ तुम्हारा प्रेम मन के सबसे भीतरी परतों को छूता है और तब लगता है तुम जब चाहे मुझे छू सकती है. ~ तुमसे प्रेम होना ज़िंदगी का एक मात्र सुख है जिसे मैं बचाना चाहता हूँ. हर कीम�� पर.
~ बहुत सारे दुख है और उन सब से लड़ने की शक्ति हो तुम.
~ मैं तुम्हें उन ऊंचाईयों पर देखना चाहता हूँ जहाँ से तुम नीचे देखो तो तुम्हें मेरा प्रेम सारे संसार में फैला हुआ दिखे.
~ तुमसे प्रेम करते हुए जीना है मुझे
~ और तुमसे बस प्रेम करते हुए मरना है मुझे!
—तुम्हारा “जो तुम कहना चाहो”.
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colonelrajyavardhanrathore · 4 months ago
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कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ साहब का एक संकल्प झोटवाड़ा का हो कायाकल्प
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का संकल्प
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ भारतीय राजनीति में एक ��्रमुख व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने अपने दृढ़ संकल्पों और कर्मठता से देश की सेवा में अपना योगदान दिया है। उनकी प्रेरणा से देशवासियों को नई ऊंचाइयों की दिशा मिली है। उनके इसी संकल्प के तहत ‘झोटवाड़ा का हो कायाकल्प’ एक महत्वपूर्ण पहल है जो लोकतंत्र और समाज के विकास को समर्पित है।
झोटवाड़ा क्या है?
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कायाकल्प की उपाधि
कायाकल्प का अर्थ होता है जीवन में नई दिशा देना। कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ साहब ने अपने इस संकल्प में झोटवाड़ा को एक आदर्श स्थान देने का संकल्प किया है। इसके तहत, स्थानीय विकास को गति देने, सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने और सामाजिक अन्यायों के खिलाफ लड़ाई लड़ने का विशेष द्रष्टांत है।
झोटवाड़ा में शिक्षा और स्वास्थ्य
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ साहब का संकल्प झोटवाड़ा के विकास में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष महत्व दिया गया है। उन्होंने शिक्षा के माध्यम से नई पीढ़ियों को ज्ञान और उन्नति की दिशा में मार्गदर्शन किया है और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रसार में भी उनकी निकटता का प्रयास किया है।
नए दिशानिर्देश और उद्देश्य
कर्नल साहब अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए एक सुविधाजनक नेतृत्व प्रस्तुत करते हैं। उनके संकल्पों और प्रेरणाओं ने उन्हें एक प्रेरणा स्त्र��त बना दिया है जिसने न केवल उन्हें बल्कि उनके चाहने वालों को भी प्रेरित किया है। उनकी नीतियाँ और क्रियाकलाप उनके लक्ष्यों की ओर सीधे संकेत करते हैं और एक सुसंगत समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
नवाचार और प्रगति
कर्नल साहब के संकल्प ने झोटवाड़ा में एक नयी सोच और नए दिशानिर्देश स्थापित किए हैं। उनके नेतृत्व में शहर ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति की है और एक नई परिभाषा दी है। उनके कार्यकाल में नए और सर्वोत्तम तकनीकी उपायों ने विकास को गति दी है और उनकी नीतियाँ ने शहर को गौरवान्वित किया है।
झोटवाड़ा के प्रति समुदाय की जागरूकता बढ़ाना
झोटवाड़ा की समस्या को समझने के लिए हमें समुदाय को जागरूक करना होगा। इसके लिए हमें शिक्षा के माध्यम से, सोशल मीडिया के जरिए, और विभिन्न संगठनों और संस्थाओं के साथ सहयोग करके समुदाय में जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्य करना होगा। इस प्रक्रिया में, कर्नल साहब के संकल्प और उनके दृढ़ स्थान का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है।
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ के सामाजिक कार्य
झोटवाड़ा में कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ साहब के सामाजिक कार्य का विशेष उल्लेख होना चाहिए। उन्होंने समुदाय के विकास के लिए अनेक पहल की हैं, जिनमें गांवीय विकास, युवा संघटनाओं का समर्थन, और महिला सशक्तिकरण शामिल है। उनकी इसी प्रेरणा से झोटवाड़ा एक विशेष स्थान पर है जो सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से विकसित हो रहा है।
समाप्ति
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ साहब के संकल्प ‘झोटवाड़ा का हो कायाकल्प’ ने एक नयी पहचान बनाई है, जो लोकतंत्र और सामाजिक समानता के माध्यम से समृद्धि की दिशा में गति दे रहा है। इस प्रयास में उन्होंने सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक पहलों से सबको नई ऊँचाइयों की दिशा में प्रेरित किया है।
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tameshwari · 5 months ago
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#कबीरसाहेब_की_प्रमाणित_लीला
कबीर परमेश्वर जी के सतलोक गमन के समय हिंदू व मुसलमान उनके अंतिम संस्कार को लेकर लड़ने के लिए आमादा थे। कबीर परमेश्वर जी ने अपनी समर्थता का परिचय देते हुए इस गृह युद्ध को टाला व उनके शरीर के समान सुगंधित फूल उनके शरीर के स्थान पर प्राप्त हुए।
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helputrust · 5 months ago
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लखनऊ, 15.06.2024 | "विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस 2024" के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा सेक्टर 25, इंदिरा नगर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में परिचर्चा "Prioritize Dignity, Safety and Wellbeing Of Elders" का आयोजन स्वर्ण जयंती स्मृति विहार पार्क, इंदिरा नगर, लखनऊ में किया गया | परिचर्चा के अंतर्गत डॉ सत्या सिंह, पूर्व पुलिस अधिकारी एवं सदस्य, आंतरिक सलाहकार समिति, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने वर्तमान परिवेश में बुजुर्गों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार एवं उसके समाधान के बारे में बताया तथा बुजुर्गों को अपने अधिकारों के लिए लड़ने हेतु जागरूक किया |
परिचर्चा का शुभारंभ डॉ सत्या सिंह, पूर्व पुलिस अधिकारी एवं सदस्य, आंतरिक सलाहकार समिति, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, डॉ रूपल अग्रवाल, न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, श्रीमती सुनीता जिंदल, उपाध्यक्ष, सेक्टर 25, इंदिरा नगर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, श्रीमती सरिता शर्मा, उपाध्यक्ष, सेक्टर 25, इंदिरा नगर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने दीप प्रज्वलन कर किया |
डॉ सत्या सिंह ने वर्तमान समाज में बुजुर्गों की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, "दुनिया में खुश रहना ही सबसे बड़ी विरासत है | अगर हमारे होठों पर हंसी है और दिल में सुकून है तो फिर हमें दुनिया में किसी चीज की कमी नहीं है | जैसा कि कहा गया है "गो-धन, गज-धन, वाजि-धन और रतन-धन खान ।
जब आवत संतोष-धन, सब धन धूरि समान |"
क्योंकि हमारी सबसे बड़ी लड़ाई अपने आप से होती है और अगर हम उसमें जीत गए तो हमें कोई नहीं हरा सकता | उम्र तो केवल गिनती होती है लेकिन अगर हम हर हाल में खुश रहे तो हम ताउम्र जवान रह सकते हैं | अगर हम आजकल के समाज और परिवेश के बारे में बात करें तो यह जरूरी नहीं है कि हर चीज हमारे हिसाब से हो, हर इंसान हमारे तरीके से चले लेकिन अगर हम बातचीत करें तो हर समस्या का समाधान निकाला जा सकता है | जहां तक बुजुर्गों को उनके अधिकार के बारे में जागरूक करने का प्रश्न है तो उस विषय में मैं यह कहना चाहूंगी कि हर बुजुर्ग व्यक्ति को हर जगह अपना अधिकार छीनना पड़ता है | अगर हम सीनियर सिटीजन है और किसी लाइन में खड़े हैं तो हमें वहां पर बताना पड़ेगा कि हम 60+ है तभी हमें हमारे अधिकार मिलेंगे | हर बुजुर्ग को यह अधिकार है कि अगर उनके बच्चे उनके साथ कुछ गलत कर रहे हैं, उन्हें सहारा नहीं दे रहे तो वे अपने हक और जीविका के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं | हमें हर हाल में खुश रहना चाहिए क्योंकि महाकवि पद्म भूषण डॉक्टर श्री गोपाल दास नीरज कहा करते थे कि जिंदगी और मौत में सिर्फ इतना सा फर्क है :
"न जन्म कुछ, न मृत्यु कुछ, बस इतनी सिर्फ बात है |
किसी की आँख खुल गयी, किसी को नींद आ गई |"
मेरा ऐसा मानना है कि आप अपने बच्चों को जैसे संस्कार देंगे वह समाज में वैसा ही व्यवहार करेगा | इसलिए हमेशा खुश रहें और दूसरों को खुश रखने की कोशिश करें |
मैं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट को बहुत बधाई देती हूं ट्रस्ट समाज के हर क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य कर रहा है और मैं हर कदम पर ट्रस्ट के साथ हूं |"
परिचर्चा के अंत में डॉ रूपल अग्रवाल ने सभी को धन्यवाद देते हुए कहा कि "हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट हमेशा आपके साथ है | अगर आपको भविष्य में किसी भी मदद की जरूरत हो तो हम हर तरह से आपकी मदद करेंगे | यदि आप समाज के किसी भी क्षेत्र में जन सेवा करना चाहते हो तो आप हमसे जुड़ सकते हैं और समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में अपना योगदान दे सकते हैं |"
परिचर्चा में डॉ सत्या सिंह, डॉ रूपल अग्रवाल, श्रीमती सुनीता जिंदल, श्रीमती सरिता शर्मा, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों सहित 50 गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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sachindc · 5 months ago
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#कबीरसाहेब_की_प्रमाणित_लीला
कबीर साहेब ने अपनी मगहर लीला कें माध्यम से उस भेदभाव को समाप्त दिया , जहां हिंदू और मुस्लिम कबीर साहेब के शरीर के लिए लड़ने की सोच रहे थे।
7 Days Left Kabir Prakat Diwas .
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brijpal · 5 months ago
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कबीर परमेश्वर जी के सतलोक गमन के समय हिंदू व मुसलमान उनके अंतिम संस्कार को लेकर लड़ने के लिए आमादा थे।
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kishmishrasmalai · 1 year ago
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हमारे पास जो मन चाहे बनने का हक तो है, लेकिन इजाज़त नहीं
हमारा पास जहां चाहे जाने का हक तो है, लेकिन इजाज़त नहीं
हमारे पास अपनी बात रखने का हक तो है, लेकिन इजाज़त नहीं
और माना...माना की ये सारी रोक तोक कहीं न कहीं हमारी भलाई के लिए ही है लेकिन हमारी जिंदगी को एक पिंजरा बनाने की इजाज़त दी किसने, इस हध तक की वो इसे अपना हक समझ बैठे हैं
हमारे पास इस सब के खिलाफ लड़ने का हक तो है, लेकिन इजाज़त नहीं।
~ पावनी
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rohidasdeore · 5 months ago
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#कबीरसाहेब_की_प्रमाणित_लीला
कबीर परमेश्वर जी के सतलोक गमन के समय हिंदू व मुसलमान उनके अंतिम संस्कार को लेकर लड़ने के लिए आमादा थे। कबीर परमेश्वर जी ने अपनी समर्थता का परिचय देते हुए इस गृह युद्ध को टाला व उनके शरीर के समान सुगंधित फूल उनके शरीर के स्
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sunnykumarsblog · 8 months ago
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#GodMorningTuesday
#राम_रंग_होरी_हो
दाता दाता चलि गये, रहि गये मक्खी चूस। दान मान समुझे नहीं, लड़ने को मजबूत ।।
कबीर साहेब जी कहते हैं कि संसार के महान दानी-महापुरुष तो चले गए,
अब सिर्फ मक्खीचूस (कंजूस) लोग ही शेष रह गए हैं। ये लोग न तो दान करने की बात समझते हैं और न ही किसी का सम्मान करना जानते हैं, बस परस्पर लड़ाई-झगड़ा करने में मजबूत हैं।
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