#भारत में कोविड की वैक्सीन
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हार्ट अटैक से हो रही मौत के पीछे कोरोना वैक्सीन वजह नहीं- संसद में केंद्र का जवाब
कोरोना महामारी के प्रकोप के बाद भारत में अचानक हार्ट अटैक से होने वाली मौत की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. लेकिन लोग इन मौतों की मुख्य वजह कोरोना वैक्सीन को मान रहे हैं. हालांकि केंद्र सरकार की ओर से साफ कर दिया गया है कि देश में अचानक हार्ट अटैक से हो रही मौत के पीछे कोविड वैक्सीन मुख्य वजह नहीं है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कल मंगलवार को राज्यसभा में जानकारी देते हुए बताया कि…
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बड़ा दावा, कहा, कोरोना महामारी के दौरान लगाई खराब वैक्सीन के कारण मर रहे लोग
Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के दौरान लगाई गई खराब कोविड-19 वैक्सीन के कारण लोग अब भी मर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि वैसे तो एक विशेष वैक्सीन को दुनियाभर में प्रतिबंधित कर दिया गया था, फिर भी भारत में उसकी आपूर्ति की जा रही थी और वह जनता को लगाई जा रही थी। सोरेन की यह टिप्पणी हाल ही में राज्य में आबकारी कांस्टेबल भर्ती के लिए…
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10 लाख लोगों में केवल सात...कोविशील्ड से कितना खतरा, क्या डरने की जरूरत है?
नई दिल्ली: एक बार फिर कोरोना की चर्चा शुरू है लेकिन वायरस नहीं बल्कि कोविड वैक्सीन की। पहले कोरोना से डर लगता था तो वहीं अब कोरोना वैक्सीन के नाम से अचानक लोगों को डर लगने लगा है। इस डर की शुरुआत हुई ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के एक खुलासे से। इस खुलासे के बाद कोरोना की वैक्सीन लेने वाले लोगों के मन में कई सवाल पैदा हो गए। वैक्सीन निर्माता ने कोर्ट में माना है कि दुर्लभ मामलों में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ थ्रोम्बोसिस (TTS) का कारण बन सकता है। इससे खून के थक्के बन सकते हैं और प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के कई गंभीर मामलों में यह स्ट्रोक और हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है। इस खुलासे के बाद भारत में भी इसकी चर्चा शुरू हो गई। एस्ट्राजेनेका का जो फॉर्मूला था उसी से भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बनाई। भारत में बड़े पैमाने पर ये वैक्सीन लगाई गई है। लोगों के मन में कई सवाल हैं और इन सवालों के बीच भारत में अधिकांश हेल्थ एक्सपर्ट यह मान रहे हैं कि यह केवल दुर्लभ मामलों में ही हो सकता है। भारत में भी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। एक वकील की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट की जांच के लिए मेडिकल एक्सपर्ट का पैनल बनाया जाए। वैक्सीन के कारण किसी भी रिस्क फैक्टर का परीक्षण करने का निर्देश दिया जाए और यह सब सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में किया जाना चाहिए। हालांकि देखा जाए तो सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने साल 2021 में इस टीके से होने वाले साइड इफेक्ट के बारे में अपनी साइट पर जानकारी दी है। सीरम इंस्टीट्यूट ने अपनी वेबसाइट पर अगस्त 2021 में कोविशील्ड टीका लगाने के बाद होने वाले साइड इफेक्ट की जानकारी दी है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि थ्रोम्बोसाइटोपेनिया या प्लेट्सलेट की संख्या कम होने की वजह से ब्लड क्लाटिंग की समस्या हो सकती है। कंपनी ने कहा है कि यह एक लाख ��ें से एक से भी कम लोगों में हो सकती है और कंपनी ने इसे बहुत ही दुर्लभ मामला बताया है। ICMR के पूर्व महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को लेकर कहा कि इसका साइड इफेक्ट टीका लेने के अधिकतम तीन से चार हफ्तों तक ही हो सकता है। वह भी केवल दुर्लभ मामलों में ही। भारत में कोविशील्ड के करोड़ों डोज लगाए गए हैं लेकिन न के बराबर मामलों में ही साइड इफेक्ट देखने को मिला। उनकी ओर से कहा गया है कि वैक्सीन लगवाने के दो-ढाई साल बाद साइड इफेक्ट का कोई खतरा नहीं है और इससे बेवजह डरने की जरूरत नहीं।ICMR के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेड़कर ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि वैक्सीन के लॉन्च होने के 6 महीने के अंदर टीटीएस को एडेनोवायरस वेक्टर वैक्सीन के एक साइड इफेक्ट के रूप में पहचाना गया था। इस वैक्सीन की समझ में कोई नया चेंज नहीं है। उनकी ओर से कहा गया कि यह समझने की जरूरत है कि टीका लगवाने वाले दस लाख लोगों में केवल सात या आठ लोगों को ही खतरा है। मेडिकल एक्सपर्ट डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा कि TTS रक्त वाहिकाओं में थक्का बना सकता है, लेकिन कुछ टीकों के इस्तेमाल के बाद इसका होना बेहद दुर्लभ होता है। जयदेवन केरल में नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष हैं। उन्होंने यह स्वीकार किया कि कोविड वैक्सीन ने कई मौतों को रोकने में मदद की है। न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, 'TTS का मतलब खून के थक्के बनने से है। कम प्लेटलेट काउंट के साथ दिमाग या अन्य रक्त वाहिकाओं में इससे थक्का बन सकता है।' http://dlvr.it/T6Jt7Y
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covishield new information: कोविशील्ड,कोरोना वैक्सीन से ब्रेन स्ट्रॉक व हार्ट अटैक का खतरा, निर्माता ब्रिटिश कंपनी का कोर्ट में हलफनामा, 175 करोड़ लोंगो को लगे थे डोज, आईसीएमआर की विश्वसनीयता भी सवालों के घेरे में
नयी दिल्ली: ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना है कि कोविड-19 वैक्सीन से खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. हालांकि ऐसा बहुत रेयर मामलों में ही होगा. एस्ट्राजेनेका का जो फॉर्मूला था उसी से भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ने कोवीशील्ड नाम से वैक्सीन बनाई. ब्रिटिश मीडिया के अनुसार, एस्ट्राजेनेका पर आरोप है कि उनकी वैक्सीन से कई लोगों की मौत हो गई. वहीं कई अन्य को गंभीर बीमारियों का सामना करना…

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Cancer Vaccine : Russia ने खोजा लिया कैंसर का इलाज
भारत के दोस्त रूस ने दुनिया के सबसे बड़े खतरे का इलाज निकाल लिया है। रूस ने ऐलान किया है कि उसने कैंसर जैसी लाइलाज बिमारी के लिए वैक्सीन बनाने पर ��ो काम कर रहा है और वो उसके बेहद करीब पहुँच चुका है। Cancer Vaccine का ऐलान किसी और ने नहीं बल्कि खुद रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने किया है कि वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे है�� और वो इसके अंतिम चरण में है। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने साफ कर दिया कि हम कैंसर की वैक्सीन और नई पीढ़ी की इम्युनो मॉड्यूलट्री दवाओं के निर्माण के बहुत करीब है। मॉस्को फोरम में अपने संबोधन में कहा कि मुझे उम्मीद है कि जल्द ही वैक्सीन लोगों के इलाज के लिए प्रभावी ढंग से इस्तेमाल हो सकेगी ,पुतिन ने ये नहीं बताया कि प्रस्तावित वैक्सीन किस तरह के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाएंगी। कैंसर का इलाज अपने आप में एक बहुत बड़ी कामयाबी है, कई देश और कंपनियां कैंसर के टीके पर काम कर रही है। ब्रिटेन की सरकार भी कैंसर के वैक्सीन के ट्रायल पर सालों से काम कर रही है। पिछले साल ब्रिटिश सरकार ने पर्सनलाइज्ड कैंसर के इलाज के लिए क्लिनिकल ट्रायल शुरू की थी और 2030 तक 10,000 मरीजों तक पहुंचने का टारगेट रखा है। Cancer Vaccine : Russia ने खोजा लिया कैंसर का इलाज ब्रिटेन जर्मनी की आयोएनटेक के साथ मिलकर ट्रायल कर रहा है। इसके अलावा फार्मास्यूटिकल्स कंपनी मॉडर्न और मार्क एंड कंपनी भी कैंसर की वैक्सीन बना रही है, जो कैंसर की मिडिल स्टेज में इस्तेमाल हो सकती है। मसलन रिसर्च के दौरान पता चला की 3 साल के इलाज के बाद सबसे घातक स्किन कैंसर की दोबारा होने या इससे मौत होने की संभावनाआधी हो गई। फिलहाल दुनिया के सामने कैंसर एक बहुत बड़ा खतरा हैं। WHO के मुताबिक वर्तमान में ह्यूमन पैपिलोमायरस के खिलाफ़ छः लाइसलैंड वैक्सीन मौजूद हैं जो सर्वाइकल कैंसर सहित कई कैंसर का कारण बनते हैं। साथ ही हेपेटाइटिस बी के खिलाफ़ भी टीके हैं जो लिवर कैंसर का कारण बनते हैं। आपको बता दें कि रूस जो ऐलान किया है उसके बाद पूरी दुनिया में सनसनी मची हुई है और सबसे पहले तब रूस ने कोविड 19 के दौरान स्पुतनिक भी वैक्सीन बनाई थी ,अब ये कहा जा रहा है की अगर ये वाकई में कैंसर के इलाज के रूस बेहद करीब है तो रूस ने वो बनाया है जिसकी जरूरत दुनिया को सबसे ज्यादा है । कैंसर दुनिया के सामने एक बड़ा खतरा है और दुनिया भर में होने वाली मौतों में कैंसर एक बड़ी वजह है। WHO की कैंसर एजेंसी इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के आंकड़े बताते हैं की साल 2022 में लगभग 2,00,00,000 कैंसर के नए मामले सामने आए और कैंसर की वजह से 97,00,000 लोगों की मौत हुई है। अकेले भारत में 14,13,316 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें महिला रोगियों का अनु��ात अधिक है। देश में 1,92,000 नए मामलों के साथ स्तन कैंसर का अनुपात सबसे अधिक है । आकड़े बताते हैं कि प्रत्येक 5 में एक व्यक्ति को अपने जीवन काल में कैंसर हो जाता है , लगभग 9 में से एक पुरुष और 12 में से एक महिला की मौत हो जाती है । इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि कैंसर कितनी खतरनांक बीमारी है , फिलहाल रूस ने Cancer Vaccine को खोजने का ऐलान किया है अब देखना है कि कितना कारगर हो पाता है । Read the full article
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नाना पाटेकर ने 'बाजीराव मस्तानी' का गाना सुनकर क्यों किया इतना गुस्सा
नाना पाटेकर इन दिनों अपनी आने वाली फ़िल्म 'द वैक्सीन वॉर' को लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं। नाना पाटेकर लंबे समय के अंतराल के बाद फ़िल्मों में वापसी कर रहे हैं। फ़िल्म में डॉक्टर भार्गव की भूमिका निभाते नज़र आएंगे, जो भारत में स्वदेशी कोविड वैक्सीन बनाने के लिए ज़िम्मेदार हैं। अभिनेता ने फ़िल्म के ट्रेलर में महफ़िल लूट ली और दर्शक उन्हें फिर से स्क्रीन पर देखने के लिए उत्सुक हैं।
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मोदी सरकार के कार्यकाल में कोविड-19 के समय भारत ने वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के अंतर्गत दुनिया के 101 देशों को स्वदेश में निर्मित कोविड वैक्सीन भेजकर उनकी सहायता की। @cpjoshibjp
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’’विम्स’’ के 2022-23 बैच एम0बी0बी0एस0 के लिए ’’व्हाईट कोट सेरेमनी’’ का शानदार आयोजन। https://bit.ly/3GlZwPO मेडिकल स्टूडैन्टस को दिलायी गयी निस्वार्थ चिकित्सीय सेवाओ, मरीजो के शानदार उपचार एवं बेस्ट केयर की शपथ। देश में आधा दर्जन एम्स सहित आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा एक दर्जन से अधिक केन्द्रीय चिकित्सा संस्थानो एवं उत्तर प्रदेश में आदरणीय योगी जी द्वारा ’’वन डिस्ट्रिक्ट-वन मेडिकल काॅलेज’’ योजना से देश की स्वास्थय सेवाओ को लगे पंख- डाॅ0 सुधीर गिरि, चेयरमैन, वेंक्टेश्वरा समूह। विषम परिस्थितियों के साथ प्राकृतिक आपदाओ व कोविड जैसी वैश्विक महामारी में आपके द्वारा किये गये अभूतपूर्व स्वास्थय कार्यो ने बता दिया कि, क्यूँ आपको धरती का भगवान कहा जाता है- डाॅ0 राजीव त्यागी, प्रतिकुलाधिपति, श्री वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय/संस्थान। संस्थान के एम0बी0बी0एस0 के नये एवं पुरातन छात्र-छात्राओ ने शानदार प्रस्तुतियां देकर ’’सेरेमनी एवं शपथ समारोह’’ को यादगार बना दिया। आज का दिन वेंक्टेश्वरा समूह के लिए बेहद खास रहा। वेंक्टेश्वरा समूूह के चिकित्सा शिक्षा संस्थान ’’वेंक्टेश्वरा इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साईंसेस (विम्स) के एम0बी0बी0एस0 (2022-2023) बैच के छात्र-छात्राओ के लिए संस्थान की ओर से ’’व्हाईट कोट सेरेमनी’’ का शानदार आयोजन किया गया, जिसमें संस्थान प्रबन्धन ने डीन मेडिकल एवं अन्य चिकित्सको ने मेडिकल स्टूडैन्टस को देश सेवा के साथ-साथ मरीजो से बेहतर उपचार एवं ’’निस्वार्थ बेस्ट केयर’’ की शपथ दिलायी। इस अवसर पर नये पुराने छात्र-छात्राओ ने शानदार रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत कर समा बाँध दिया। श्री वेंक्टेश्वरा संस्थान के डाॅ0 सी0वी0 रमन सभागार में आयोजित ’’व्हाईट कोट सेरेमनी’’ का शुभारम्भ समूह चेयरमैन डाॅ0 सुधीर गिरि, प्रतिकुलाधिपति डाॅ0 राजीव त्यागी, वेंक्टेश्वरा समूह के चेयरमैन डाॅ0 सुधीर गिरि के प्रमुख सलाहकार डाॅ0 वी0पी0एस0 अरोडा, डाॅ0 संजीव भट् आदि ने सरस्वती माँ की प्रतिमा के सन्मुख दीप प्रज्जवलित करके किया। अपने सम्बोधन में उपस्थित छात्र-छात्राओ को सम्बोधित करते हुए समूह चेयरमैन डाॅ0 सुधीर गिरि ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के देश को एक दर्जन केन्द्रीय स्वास्थय संस्थान एवं प्रदेश में आदरणीय मुख्यमंत्री की ’’वन डिस्ट्रिक्ट-वन मेडिकल काॅलेज योजना’’ से देश की स्वास्थय सेवाओ को नये पंख लगे है। आज भारत पूरी दुनिया को चिकित्सा उपकरण, वैक्सीन एवं अन्य चिकित्सीय सेवाये प्रदान कर रहा है। ये बढ़ते भारत की एवं बुलन्द भारत की बुलन्द तस्वीर है।
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WHO के चीफ ने PM मोदी से की फोन पर बात, बोले- 'Covid-19 वैक्सीन को ग्लोबल करने...'
WHO के चीफ ने PM मोदी से की फोन पर बात, बोले- ‘Covid-19 वैक्सीन को ग्लोबल करने…’
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PM मोदी ने भारत में विकसित वैक्सीन को दुनियाभर में उपलब्ध करने की बात कही थी. (फाइल फोटो)
न्यूयॉर्क:
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) के प्रमुख टेड्रोस एडनोम घेब्रयासस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को Covax के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और Covid-19 वैक्सीन बन जाने पर दुनिया भर के लिए उसकी उपलब्धता की बात करने को…
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#covaxin#COVID-19 vaccines#PM Modi#Tedros Adhanom Ghebreyesus#World Health Organisation chief#कोरोना#कोरोनावायरस#कोविड-19 वैक्सीन#कोवैक्सीन#पीएम नरेंद्र मोदी. डब्लूएचओ के चीफ#भारत में कोविड की वैक्सीन
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भारत ने बनाया नया रिकॉर्ड, अब तक 40 करोड़ से ज्यादा लोगों को लगी वैक्सीन की डोज
भारत ने बनाया नया रिकॉर्ड, अब तक 40 करोड़ से ज्यादा लोगों को लगी वैक्सीन की डोज
भारत ने कोरोना टीकाकरण में नया रिकॉर्ड बनाया है। भारत में अब तक कोरोना वैक्सीन की 40 करोड़ से ज्यादा डोज लग चुकी है। कोरोना टीकाकरण के मामले में चीन के बाद दूसरे नंबर पर भारत है। चीन के अलावा किसी भी देश में अब तक इतनी बड़ी संख्या में वैक्सीन नहीं लगी है। ये भी पढ़ें- गठबंधन पर प्रियंका गांधी का खुला ऑफर, बोलीं- BJP को हराना हमारा लक्ष्य, किसी से भी कर लेंगे गठजोड़ स्वास्थ मंत्रालय के ताजा…

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#coronavirus#COVID-19#COVID-19 Vaccination in India#COVID-19 Vaccine#vaccine in india#कोरोना की वैक्सीन#कोरोना वायरस#कोविड-19#भारत में टीकाकरण कार्यक्रम#भारत में वैक्सीनेशन
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अच्छी तरह से व्यवस्था से ठीक हो सकता है, ठीक ठीक
अच्छी तरह से व्यवस्था से ठीक हो सकता है, ठीक ठीक
कोरोना के मामले दर्ज किए गए हैं। बदलते समय में एक नई तरह से विकसित होने में मदद मिलेगी। एक समय सुनाने वाली खबरे सुन एक प्रकार से जांच किया गया था। Movies"टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफाई;"> समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मैकेनिकल वेंटिलेशन सिस्टम वाले 316 कक्षाओं में, कोविड के बहुत कम मामले थे और स्कूल के वेंटिलेशन सिस्टम की गुणवत्ता के साथ संक्रमण की संख्या में कमी आई। ।"टेक्स्ट-एलाइन:…
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वरिष्ठों के लिए 'एहतियाती खुराक' आज से शुरू: काउइन पोर्टल पर पंजीकरण कैसे करें, अन्य विवरण
वरिष्ठों के लिए ‘एहतियाती खुराक’ आज से शुरू: काउइन पोर्टल पर पंजीकरण कैसे करें, अन्य विवरण
आज से, 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक कोविड -19 वैक्सीन की ‘एहतियाती खुराक’ के लिए पात्र होंगे। वही उन लोगों को भी दिया जा रहा है जो स्वास्थ्य कर्मियों, नर्सों, डॉक्टरों आदि जैसे फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में पंजीकृत हैं। जबक�� सरकार ने कहा है कि ‘एहतियाती खुराक’ प्राप्त करने के लिए पंजीकरण करने की कोई आवश्यकता नहीं है, और वॉक-इन हैं। अनुमति है, काउइन पर पंजीकरण करने से इस टीकाकरण खुराक के…
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#कोरोनावाइरस#कोरोनावायरस बूस्टर खुराक#कोविड 19 टीका#कोविड इंडिया#कोविड एहतियाती खुराक#कोविड बूस्टर खुराक#कोविड-19#खुराक बढ़ाएं#गाय पंजीकरण बूस्टर#टीके की एहतियाती तीसरी खुराक#बूस्टर काउइन पंजीकरण करता है#बूस्टर खुराक गाय#बूस्टर खुराक नवीनतम समाचार#बूस्टर खुराक समाचार#भारत में कोविड बूस्टर खुराक#भारत में बूस्टर खुराक#वैक्सीन बूस्टर खुराक
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फ्रांस ने यात्रियों को भारत के निर्मित कोविशील्ड के साथ टीकाकरण स्वीकार किया
फ्रांस ने यात्रियों को भारत के निर्मित कोविशील्ड के साथ टीकाकरण स्वीकार किया
जबकि फ्रांस COVID-19 संक्रमणों की वृद्धि का मुकाबला करने के लिए कई देशों के असंबद्ध यात्रियों पर प्रतिबंध लगाता है, इसने उन अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के प्रवेश की अनुमति दी है, जिन्हें रविवार (17 जुलाई) से देश में कोविशील्ड, एस्ट्राजेनेका का भारतीय निर्मित वैक्सीन प्राप्त हुआ है। ) आगे। यह इस तथ्य पर वैश्विक आक्रोश के बाद आया है कि यात्रा के लिए यूरोपीय संघ के COVID-19 प्रमाणपत्र ने केवल यूरोप में…

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#अदार पूनावाला#इंडिया कोविशील्ड वैक्सीन#इमैनुएल मैक्रों#एसआईआई#एस्ट्राजेनेका कोविशील्ड#जीन कास्टेक्स#फ्रांस की यात्रा#फ्रांस कोविड मामले#फ्रांस कोविशील्ड स्वीकार करता है#फ़्रांस तवेले#फ्रांस ने यात्रा प्रतिबंध हटाया#फ्रांस में कोविशील्ड की अनुमति#भारत के टीके#भारत कोविड मामले#भारत टीकाकरण#भारत ने फ्रांस में यात्रियों को टीका लगाने की अनुमति द���#भारत यात्रा फ्रांस#भारत यूरोप की यात्रा#यूरोप कोविशील्ड स्वीकार करता है#यूरोप ने एस्ट्राजेनेका को मंजूरी दी#यूरोप में भारत को अनुमति#यूरोपीय संघ ने एस्ट्राजेनेका कोविशिल्ड को मान्यता दी#सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया
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बिहार टीके की खरीदारी नहीं करेगा, अन्य राज्यों का हवाला देते हुए: "परिणाम देखें"
बिहार टीके की खरीदारी नहीं करेगा, अन्य राज्यों का हवाला देते हुए: “परिणाम देखें”
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “देखें कि कैसे अन्य राज्यों ने वैश्विक निविदाएं जारी कीं और परिणाम क्या रहे।” कई राज्यों ने टीकों के लिए वैश्विक निविदाएं मंगाई हैं क्योंकि 18 से 44 आयु वर्ग के लिए खुराक कम है, लेकिन बिहार में भाजपा के सहयोगी नीतीश कुमार के शासन ने इसके खिलाफ फैसला किया है। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने संकेत दिया कि राज्य के वैश्विक टीकों की खरीदारी के लिए जाने की…
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#COVID-19#कोरोनावाइरस#बिहार#बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय#बिहार कोविड टीके#बिहार भाजपा#बिहार वैक्सीन#भारत में वैक्सीन की कमी
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बिहार टीके की खरीदारी नहीं करेगा, अन्य राज्यों का हवाला देता है: परिणाम देखें
बिहार टीके की खरीदारी नहीं करेगा, अन्य राज्यों का हवाला देता है: परिणाम देखें
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने संकेत दिया कि राज्य के वैश्विक टीकों की खरीदारी के लिए जाने की संभावना नहीं है कई राज्यों ने टीकों के लिए वैश्विक निविदाएं मंगाई हैं क्योंकि 18 से 44 आयु वर्ग के लिए खुराक कम है, लेकिन बिहार में भाजपा के सहयोगी नीतीश कुमार ने इसके खिलाफ फैसला किया है। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने संकेत दिया कि राज्य के वैश्विक टीकों की खरीदारी के लिए जाने की…

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जलवायु परिवर्तन के बीच जलवायु परिवर्तन, 31 मार्च से मौसम मौसम परिवर्तन
जलवायु परिवर्तन के बीच जलवायु परिवर्तन, 31 मार्च से मौसम मौसम परिवर्तन
कोरोना के परिवर्तन के बीच केंद्र सरकार ने फैसला सुनाया। 31 नवंबर से नासा ने कहा है। निश्चित रूप से और दो गज की दूरी का पूरा नियम। बुध को भारत में कोविड-19 के 1778 नए मामले सामने आए। संबंध की संख्या घटक 23,087 है। 24 तो में 62 लोगों ने। इस जांच के लिए संक्रमण की जानकारी से जनसंख्या और nbsp;16,605 तक प्राप्त किया गया है। 24 घंटे काम करने वाले की संख्या में 826 की कमी दर्ज करें। ठीक होने की दर…
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