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#भारत के टीके
dainiksamachar · 5 months
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10 लाख लोगों में केवल सात...कोविशील्ड से कितना खतरा, क्या डरने की जरूरत है?
नई दिल्ली: एक बार फिर कोरोना की चर्चा शुरू है लेकिन वायरस नहीं बल्कि कोविड वैक्सीन की। पहले कोरोना से डर लगता था तो वहीं अब कोरोना वैक्सीन के नाम से अचानक लोगों को डर लगने लगा है। इस डर की शुरुआत हुई ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के एक खुलासे से। इस खुलासे के बाद कोरोना की वैक्सीन लेने वाले लोगों के मन में कई सवाल पैदा हो गए। वैक्सीन निर्माता ने कोर्ट में माना है कि दुर्लभ मामलों में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ थ्रोम्बोसिस (TTS) का कारण बन सकता है। इससे खून के थक्के बन सकते हैं और प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के कई गंभीर मामलों में यह स्ट्रोक और हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है। इस खुलासे के बाद भारत में भी इसकी चर्चा शुरू हो गई। एस्ट्राजेनेका का जो फॉर्मूला था उसी से भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बनाई। भारत में बड़े पैमाने पर ये वैक्सीन लगाई गई है। लोगों के मन में कई सवाल हैं और इन सवालों के बीच भारत में अधिकांश हेल्थ एक्सपर्ट यह मान रहे हैं कि यह केवल दुर्लभ मामलों में ही हो सकता है। भारत में भी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। एक वकील की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट की जांच के लिए मेडिकल एक्सपर्ट का पैनल बनाया जाए। वैक्सीन के कारण किसी भी रिस्क फैक्टर का परीक्षण करने का निर्देश दिया जाए और यह सब सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में किया जाना चाहिए। हालांकि देखा जाए तो सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने साल 2021 में इस टीके से होने वाले साइड इफेक्ट के बारे में अपनी साइट पर जानकारी दी है। सीरम इंस्टीट्यूट ने अपनी वेबसाइट पर अगस्त 2021 में कोविशील्ड टीका लगाने के बाद होने वाले साइड इफेक्ट की जानकारी दी है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि थ्रोम्बोसाइटोपेनिया या प्लेट्सलेट की संख्या कम होने की वजह से ब्लड क्लाटिंग की समस्या हो सकती है। कंपनी ने कहा है कि यह एक लाख में से एक से भी कम लोगों में हो सकती है और कंपनी ने इसे बहुत ही दुर्लभ मामला बताया है। ICMR के पूर्व महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को लेकर कहा कि इसका साइड इफेक्ट टीका लेने के अधिकतम तीन से चार हफ्तों तक ही हो सकता है। वह भी केवल दुर्लभ मामलों में ही। भारत में कोविशील्ड के करोड़ों डोज लगाए गए हैं लेकिन न के बराबर मामलों में ही साइड इफेक्ट देखने को मिला। उनकी ओर से कहा गया है कि वैक्सीन लगवाने के दो-ढाई साल बाद साइड इफेक्ट का कोई खतरा नहीं है और इससे बेवजह डरने की जरूरत नहीं।ICMR के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेड़कर ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि वैक्सीन के लॉन्च होने के 6 महीने के अंदर टीटीएस को एडेनोवायरस वेक्टर वैक्सीन के एक साइड इफेक्ट के रूप में पहचाना गया था। इस वैक्सीन की समझ में कोई नया चेंज नहीं है। उनकी ओर से कहा गया कि यह समझने की जरूरत है कि टीका लगवाने वाले दस लाख लोगों में केवल सात या आठ लोगों को ही खतरा है। मेडिकल एक्सपर्ट डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा कि TTS रक्त वाहिकाओं में थक्का बना सकता है, लेकिन कुछ टीकों के इस्तेमाल के बाद इसका होना बेहद दुर्लभ होता है। जयदेवन केरल में नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष हैं। उन्होंने यह स्वीकार किया कि कोविड वैक्सीन ने कई मौतों को रोकने में मदद की है। न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, 'TTS का मतलब खून के थक्के बनने से है। कम प्लेटलेट काउंट के साथ दिमाग या अन्य रक्त वाहिकाओं में इससे थक्का बन सकता है।' http://dlvr.it/T6Jt7Y
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gaange · 8 months
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Cancer Vaccine : Russia ने खोजा लिया कैंसर का इलाज
भारत के दोस्त रूस ने दुनिया के सबसे बड़े खतरे का इलाज निकाल लिया है। रूस ने ऐलान किया है कि उसने कैंसर जैसी लाइलाज बिमारी के लिए वैक्सीन बनाने पर वो काम कर रहा है और वो उसके बेहद करीब पहुँच चुका है। Cancer Vaccine का ऐलान किसी और ने नहीं बल्कि खुद रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने किया है कि वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं और वो इसके अंतिम चरण में है। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने साफ कर दिया कि हम कैंसर की वैक्सीन और नई पीढ़ी की इम्युनो मॉड्यूलट्री दवाओं के निर्माण के बहुत करीब है। मॉस्को फोरम में अपने संबोधन में कहा कि मुझे उम्मीद है कि जल्द ही वैक्सीन लोगों के इलाज के लिए प्रभावी ढंग से इस्तेमाल हो सकेगी ,पुतिन ने ये नहीं बताया कि प्रस्तावित वैक्सीन किस तरह के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाएंगी। कैंसर का इलाज अपने आप में एक बहुत बड़ी कामयाबी है, कई देश और कंपनियां कैंसर के टीके पर काम कर रही है। ब्रिटेन की सरकार भी कैंसर के वैक्सीन के ट्रायल पर सालों से काम कर रही है। पिछले साल ब्रिटिश सरकार ने पर्सनलाइज्ड कैंसर के इलाज के लिए क्लिनिकल ट्रायल शुरू की थी और 2030 तक 10,000 मरीजों तक पहुंचने का टारगेट रखा है। Cancer Vaccine : Russia ने खोजा लिया कैंसर का इलाज ब्रिटेन जर्मनी की आयोएनटेक के साथ मिलकर ट्रायल कर रहा है। इसके अलावा फार्मास्यूटिकल्स कंपनी मॉडर्न और मार्क एंड कंपनी भी कैंसर की वैक्सीन बना रही है, जो कैंसर की मिडिल स्टेज में इस्तेमाल हो सकती है। मसलन रिसर्च के दौरान पता चला की 3 साल के इलाज के बाद सबसे घातक स्किन कैंसर की दोबारा होने या इससे मौत होने की संभावनाआधी हो गई। फिलहाल दुनिया के सामने कैंसर एक बहुत बड़ा खतरा हैं। WHO के मुताबिक वर्तमान में ह्यूमन पैपिलोमायरस के खिलाफ़ छः लाइसलैंड वैक्सीन मौजूद हैं जो सर्वाइकल कैंसर सहित कई कैंसर का कारण बनते हैं। साथ ही हेपेटाइटिस बी के खिलाफ़ भी टीके हैं जो लिवर कैंसर ��ा कारण बनते हैं। आपको बता दें कि रूस जो ऐलान किया है उसके बाद पूरी दुनिया में सनसनी मची हुई है और सबसे पहले तब रूस ने कोविड 19 के दौरान स्पुतनिक भी वैक्सीन बनाई थी ,अब ये कहा जा रहा है की अगर ये वाकई में कैंसर के इलाज के रूस बेहद करीब है तो रूस ने वो बनाया है जिसकी जरूरत दुनिया को सबसे ज्यादा है । कैंसर दुनिया के सामने एक बड़ा खतरा है और दुनिया भर में होने वाली मौतों में कैंसर एक बड़ी वजह है। WHO की कैंसर एजेंसी इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के आंकड़े बताते हैं की साल 2022 में लगभग 2,00,00,000 कैंसर के नए मामले सामने आए और कैंसर की वजह से 97,00,000 लोगों की मौत हुई है। अकेले भारत में 14,13,316 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें महिला रोगियों का अनुपात अधिक है। देश में 1,92,000 नए मामलों के साथ स्तन कैंसर का अनुपात सबसे अधिक है । आकड़े बताते हैं कि प्रत्येक 5 में एक व्यक्ति को अपने जीवन काल में कैंसर हो जाता है , लगभग 9 में से एक पुरुष और 12 में से एक महिला की मौत हो जाती है । इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि कैंसर कितनी खतरनांक बीमारी है , फिलहाल रूस ने Cancer Vaccine को खोजने का ऐलान किया है अब देखना है कि कितना कारगर हो पाता है । Read the full article
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bikanerlive · 1 year
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सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 में ऐसे बच्चों का टीकाकरण हो रहा जिन्हें अन्यथा कभी टीके ना लग पाते..
फाइल फोटो बीकानेर, 11 अगस्त। सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 टीकाकरण अभियान के अंतर्गत जिले में ऐसे बच्चों का टीकाकरण हो रहा है जो नियमित टीकाकरण से हमेशा दूर रहे, जिन तक टीकाकरण सेवाएं पहुंचाना मुश्किल रहा, या यूं कहें कि अगर यह विशेष टीकाकरण सत्र आयोजित ना होते तो इन बच्चों को कभी वैक्सीन ना मिलती। भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी डॉ कपिल सिंह ने बीकानेर शहर स्थित शिव वैली कॉलोनी के पीछे कच्ची…
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kharikhoti · 1 year
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कोविड संकट में पीएम मोदी के नेतृत्व में न सिर्फ स्वदेशी टीके बने, बल्कि भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा स्वैच्छिक टीकाकरण अभियान भी सफलतापूर्वक चलाया। news
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gyanujala · 2 years
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Lumpy Disease Vaccination | लंपी से बचाव के लिए राजस्थान में एक करोड़ से अधिक गोवंशीय पशुओं का हुआ टीकाकरण
जयपुर : राजस्थान (Rajasthan) में पशुओं में ढेलेदार चर्म रोग लंपी से बचाव के लिए एक करोड़ से अधिक गोवंशीय पशुओं का टीकाकरण किया गया है। राज्य के कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया ने सोमवार को विधानसभा में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘राज्य में लंपी रोग के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु भारत सरकार के दिशा-निर्देशानुसार गोवंशीय पशुओं को ‘गोट-पॉक्स’ टीके लगाए गए। दिसंबर 2022 तक कुल 106.46 लाख चिन्हित गोवंशीय पशुओं…
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nationalistbharat · 2 years
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कोरोना के खतरे के बीच यूपी के अस्पतालों में टीके ख़तम, बूस्टर डोज़ के लिए बढ़ रही है भीड़
कोरोना के खतरे के बीच यूपी के अस्पतालों में टीके ख़तम, बूस्टर डोज़ के लिए बढ़ रही है भीड़
कोरोना वायरस के चलते पिछले तीन वर्षो में अकेले भारत में ही 5 लाख, 30 हजार से ज्यादा लोग असमय काल के गाल में समा गए। हालांकि भारत में टीकाकरण अभियान के बाद  कोविड के गंभीर मामले सामने नहीं आ रहे हैं। लेकिन जिस तरह चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका सहित दुनियाभर के कई देशों में एक बार फिर से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं उसे देखने के बाद बूस्टर डोज के लिए अस्पतालों में लोगों की भीड़ बढ़…
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lyricsnona · 2 years
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क्यों भारत बायोटेक का नेजल वैक्सीन एक व्यवहारिक विकल्प हो सकता है | Corona Virus Nasal Vaccine
क्यों भारत बायोटेक का नेजल वैक्सीन एक व्यवहारिक विकल्प हो सकता है | Corona Virus Nasal Vaccine
Covid-19 Nasal Vaccine/Corona Virus Nasal Vaccine-कोविड-19 के लिए देश का पहला इंट्रानेजल वैक्सीन, जिसे बांह में सुई वाला इंजेक्शन मारने के बजाय नाक के माध्यम से दिया जाता है, अब 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए बूस्टर खुराक के रूप में उपलब्ध होगा। जिन लोगों ने कोविशिल्ड और कोवाक्सिन ले लिया है, वे अब भारत बायोटेक द्वारा विकसित नाक के टीके को बूस्टर खुराक के रूप में ले सकते हैं। सुई रहित टीका…
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newslobster · 2 years
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वैश्विक सरोकारों से जुड़कर बहुआयामी स्वरूप ग्रहण कर रही भारतीय विदेश नीति : एस जयशंकर
वैश्विक सरोकारों से जुड़कर बहुआयामी स्वरूप ग्रहण कर रही भारतीय विदेश नीति : एस जयशंकर
यहां काशी हिंदू विश्‍वविद्यालय में आयोजित एक विशेष व्‍याख्‍यान को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, ”कोरोना के वैश्विक प्रसार के दौरान भारत ने न केवल अपनी आबादी को सुरक्षित किया, बल्कि दुनिया भर में इसके टीके को निर्यात कर वैश्विक नेतृत्व का परिचय दिया.” उन्होंने कहा, ”हमने वैश्विक विमर्श को अब आकार देना शुरू किया है और आने वाले दिनों में दुनिया भर के वैश्विक सवालों को सुलझाने का भी सामर्थ्य…
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365store · 2 years
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ऑयल ऑग्जेट ने जारी किया पेट्रोल-डीजल के नए दाम, जानें महानगरों में क्या है दाम
ऑयल ऑग्जेट ने जारी किया पेट्रोल-डीजल के नए दाम, जानें महानगरों में क्या है दाम
27 नवंबर 2022 में पेट्रोल डीजल की कीमत: पिछले कुछ समय में ग्लोबल मार्केट में तेल के टीके में भारी आवेदन-पुथल देखा गया है। चार्ट तेल की गिरावट (कच्चे तेल की कीमत) के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि इसका असर घरेलू बाजार के पेट्रोल-डीजल के दाम पर पड़ रहा है। भारत में हर दिन सुबह 6 बजे देश की प्रमुख तेल कंपनियां जैसे हिंदुस्तान पेट्रोलियम), भारत पेट्रोलियम (भारत पेट्रोलियम) और इंडियन ऑयल (इंडियन…
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mwsnewshindi · 2 years
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खसरे के मामले बढ़े: क्या बच्चों को खतरा है? लक्षण, सावधानियां, टीके और इलाज
खसरे के मामले बढ़े: क्या बच्चों को खतरा है? लक्षण, सावधानियां, टीके और इलाज
भारत की वित्तीय राजधानी, मुंबई में खसरे के मामलों में वृद्धि देखी गई है और बुधवार (23 नवंबर) को कुल मामलों की संख्या 233 थी। मुंबई में, बृह���्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अनुसार, 12 मौतों की सूचना मिली है। इस साल बुधवार को एक 8 महीने के बच्चे की बीमारी से मौत हो गई, जो इस मोर्चे पर ताजा दुखद खबर है। इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन का कहना है कि कोरोनोवायरस…
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samvadprakriya · 2 years
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राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण के तहत अब तक 219.56 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं
राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण के तहत अब तक 219.56 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं
12-14 आयु वर्ग में 4.12 करोड़ से अधिक टीके की पहली खुराक लगाई गई भारत में कोरोना के सक्रिय मामले 22,549 हैं पिछले 24 घंटों में 862 नए मामले सामने आए स्वस्थ होने की वर्तमान दर 98.76 प्रतिशत साप्ताहिक सक्रिय मामलों की दर 1.02 प्रतिशत है भारत का कोविड-19 टीकाकरण कवरेज आज सुबह 7 बजे तक अंतिम रिपोर्ट के अनुसार 219.56 करोड़ (2,19,56,65,598) से अधिक हो गया। 12-14 आयु वर्ग के लिए कोविड-19 टीकाकरण 16…
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sharpbharat · 2 years
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Jamshedpur-Bank-Of-India : बैंक ऑफ इंडिया के डिजिटल बैंकिंग यूनिट का शिलान्यास, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा-डिजिटल बैंकिंग भारत को नयी ऊंचाई पर ले जायेगा
Jamshedpur-Bank-Of-India : बैंक ऑफ इंडिया के डिजिटल बैंकिंग यूनिट का शिलान्यास, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा-डिजिटल बैंकिंग भारत को नयी ऊंचाई पर ले जायेगा
जमशेदपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर 75 जिलो में 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट का विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया. ये डिजिटल बैंकिंग यूनिट पूरी तरह से पेपरलेस हैं. झारखण्ड का पहला डिजिटल बैंकिंग यूनिट बैंक ऑफ इंडिया, जमशेदपुर अंचल के द्वारा टीके कॉर्पोरेट टावर्स के निचले तल्ले, सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सामने, बिष्टुपुर में खोला गया.…
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lok-shakti · 3 years
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भारत ने 100 करोड़ कोविद -19 जैब मार्क मारा, एक अरब दिलों की रोशनी
भारत ने 100 करोड़ कोविद -19 जैब मार्क मारा, एक अरब दिलों की रोशनी
लाल किले से एक दृश्य-श्रव्य फिल्म के शुभारंभ से लेकर देश भर के स्मारकों को रोशन करने तक, भारत ने गुरुवार को एक अरब टीकाकरण मील का पत्थर पार करने का जश्न मनाया। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत इतिहास लिखता है। हम 130 करोड़ भारतीयों की भारतीय विज्ञान, उद्यम और सामूहिक भावना की विजय देख रहे हैं। 100 करोड़ टीकाकरण पार करने पर भारत को बधाई। हमारे डॉक्टरों, नर्सों और इस उपलब्धि को हासिल करने…
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mytracknews · 3 years
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फ्रांस ने यात्रियों को भारत के निर्मित कोविशील्ड के साथ टीकाकरण स्वीकार किया
फ्रांस ने यात्रियों को भारत के निर्मित कोविशील्ड के साथ टीकाकरण स्वीकार किया
जबकि फ्रांस COVID-19 संक्रमणों की वृद्धि का मुकाबला करने के लिए कई देशों के असंबद्ध यात्रियों पर प्रतिबंध लगाता है, इसने उन अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के प्रवेश की अनुमति दी है, जिन्हें रविवार (17 जुलाई) से देश में कोविशील्ड, एस्ट्राजेनेका का भारतीय निर्मित वैक्सीन प्राप्त हुआ है। ) आगे। यह इस तथ्य पर वैश्विक आक्रोश के बाद आया है कि यात्रा के लिए यूरोपीय संघ के COVID-19 प्रमाणपत्र ने केवल यूरोप में…
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फ्लू के टीके के दुष्प्रभाव: क्या इस साल फ्लू के टीके के दुष्प्रभाव बदतर हैं? नवीनतम फ्लू वैक्सीन के बारे में सवालों के जवाब दिए
फ्लू के टीके के दुष्प्रभाव: क्या इस साल फ्लू के टीके के दुष्प्रभाव बदतर हैं? नवीनतम फ्लू वैक्सीन के बारे में सवालों के जवाब दिए
अब यह अच्छी तरह से अनुशंसा की जाती है कि लोग बिना किसी स्पष्ट सुरक्षा जोखिम के एक ही समय में COVID वैक्सीन के साथ फ़्लू वैक्सीन शॉट प्राप्त कर सकते हैं। जबकि शॉट्स को अलग-अलग बाहों पर इंजेक्ट किया जा सकता है, दोनों शॉट्स प्राप्त करने के बाद गंभीर प्रतिक्रियाओं, या अत्यधिक दुष्प्रभावों का अनुभव करने का बहुत कम स्थापित जोखिम है। चूंकि ये दो अलग-अलग प्रकार के टीके हैं, इसलिए दोनों के बीच कोई संबंध…
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parichaytimes · 3 years
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फ्लू वैक्सीन: क्या आपको बीमार होने पर फ्लू का टीका लगवाना चाहिए? या आपको इंतजार करना चाहिए?
फ्लू वैक्सीन: क्या आपको बीमार होने पर फ्लू का टीका लगवाना चाहिए? या आपको इंतजार करना चाहिए?
फ्लू टीकाकरण की मांग वर्तमान समय के दौरान सबसे ज्यादा बढ़ जाती है, यानी अक्टूबर के अंत से नवंबर की शुरुआत में। जैसा कि अधिकांश विशेषज्ञ कहते हैं, जब आप बीमारी से जूझ रहे हों, तब भी टीका लगवाना बिल्कुल सुरक्षित है, जब तक आप आवश्यक सावधानी बरतते हैं और बाहर न जाने के लिए पर्याप्त बीमार महसूस नहीं करते हैं। सामान्य सलाह के अनुसार, यदि आपके पास ऊपरी श्वसन लक्षण हैं, या एक ‘हल्का’ संक्रमण होगा, तो…
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