#भारत में कोरोना के दो साल
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Episode : 26 | कबीर परमात्मा के द्वारा जात-पात के भेद को मिटाना | 11 -08...
*🥀💞🥀बन्दीछोड़ सतगुरु संत रामपाल जी महाराज जी की जय🥀💞🥀*
11/08/24 Sunday/रविवार
🌎🎡🌎🎡
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1📯संत रामपाल जी महाराज का समाज सुधार में अमूल्य योगदान
संत रामपाल जी महाराज दहेज जैसी कुरीति को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ जातीय, धार्मिक भेदभाव, छुआछूत, मृत्यु भोज व नशे जैसी अन्य बुराइयों को समाज से ख़त्म कर रहे हैं। जिससे एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो रहा है।
2📯अद्वितीय तत्वज्ञान से समाज सुधार
एक तरफ जहां निःसंतान को समाज में हेयदृष्टि से देखा जाता था। वहीं संत रामपाल जी महाराज ने इस गलत धारणा को अपने अद्वितीय तत्वज्ञान से समाप्त कर दिया और बताया कि निःसंतान तो बहुत ही पुण्यकर्मी प्राणी होता है। क्योंकि उसका किसी से कोई पिछला संस्कार नहीं जुड़ा होता न कोई ऋण होता बच्चों का, जिससे सतगुरु शरण में आकर उसका सहजता से मोक्ष हो सकता है।
3📯संत रामपाल जी महाराज ने विवाह की एक ऐसी सादगीपूर्ण विधि समाज को दी है जिसमें न तो किसी प्रकार के दहेज की सरदर्दी होती और न ही फिजूलखर्ची होती। जिससे सचमुच अब बेटियां माता-पिता के लिए बोझ नहीं रहीं हैं।
4📯संत रामपाल जी महाराज की अद्वितीय समाज सेवा
बाढ़ हो या कोरोना जैसी महामारी, जब-जब मानव से लेकर पशु धन पर आपत्ति आई, तब-तब संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से उनके अनुयायियों ने समाज सेवा कर अद्वितीय उदाहरण पेश किया।
5📯वृक्षारोपण का अद्भुत उदाहरण
पंजाब प्रांत में संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से उनके हजारों समर्थकों ने एक दिन में 50000 से अधिक वृक्षारोपण और पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण में अपनी अहम भूमिका निभाई।
6📯समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज
नशा भारत सहित पूरे विश्व की एक बड़ी समस्या है। युवाओं से लेकर महिलाओं तक सभी नशे में लिप्त हो रहे हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान से करोड़ों लोग आज नशा मुक्त हो चुके हैं, जिससे उनका जीवन सुखी तो हुआ ही, साथ ही उनका पूरा परिवार भी सुखी हो चुका है। इस तरह संत रामपाल जी के सानिध्य में नशा मुक्त समाज तैयार हो रहा है।
7📯समाज सेवा का अद्भुत उदाहरण
ओडिशा के बालासोर भीषण रेल हादसे को कौन भूल सकता है, जिसमें सैंकड़ों की संख्या में लोगों ने जान गंवाई थी, तो वही बड़ी तादाद में लोग घायल हुए थे। जिनके इलाज के लिए संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में उनके समर्थकों ने बड़ी संख्या में रक्तदान कर मानवीय सहायता भेजी थी।
8📯समाज सेवा हो तो ऐसी!
कोरोना महामारी के दो वर्षों को कौन भूल सकता है, जो मानव जाति पर कहर बरपा रही थी, कोरोना मानव जाति को तबाह करने पर आमादा थी। उस दौरान अस्पताल भी कम पड़ रहे थे, तब मानव जाति की रक्षा के लिए संत रामपाल जी महाराज व उनके अनुयायी सामने आए थे और ��ंत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में सतलोक आश्रम बैतूल (मध्यप्रदेश) व सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा) में अस्थायी कोविड सेंटर खोले गए थे। जिससे मानव जाति को एक बड़ी राहत मिली थी।
9📯रक्तदान कर बना रहे समाज सेवा का विश्व रिकॉर्ड
रक्तदान की जब भी बात हो और संत रामपाल जी महाराज व उनके अनुयायियों की बात न हो ऐसा संभव ही नहीं है।
हर साल संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में छः बड़े समागम होते हैं जिसमें संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा पाकर उनके समर्थक मानव हित में प्रत्येक बार हजारों यूनिट रक्तदान करते हैं।
10📯संत रामपाल जी महाराज के समाज सुधारक कार्य
आम समाज में बेटे व बेटियों में बहुत फ़र्क समझा जाता रहा है। जिसके कारण भ्रूण हत्या अर्थात लड़की को गर्भ में मारने जैसा भयंकर अपराध भी शुरू हो गया था। संत रामपाल जी महाराज ने इसी लिंग भेद को स्थायी रूप से समाप्त किया है जिससे उनके करोड़ों अनुयायी बेटा व बेटी में किसी प्रकार का भेद नहीं समझते।
11📯समाज सेवा से पर्यावरण संरक्षण तक
जलवायु परिवर्तन आज दुनिया की एक सबसे बड़ी समस्या है। जिसे देखते हुए संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में उनके लाखों अनुयायियों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए एक दिन में 11-12 लाख पौधे लगाने में सरकार का सहयोग देकर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
12📯 संत रामपाल जी महाराज जी वह अवतार हैं जो सभी कुप्रथाओं व बुराइयों जैसे नशा, दहेज, कन्या भ्रूण हत्या आदि को जड़ से खत्म कर रहे हैं।
13📯संत रामपाल जी महाराज का समाज सुधार में अमूल्य योगदान
संत रामपाल जी महाराज दहेज जैसी कुरीति को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ मृत्यु भोज व नशे जैसी अन्य बुराइयों को समाज से ख़त्म कर रहे हैं।
14📯 देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए संत रामपाल जी महाराज जी अपने अनुयायियों को ऐसा निर्मल ज्ञान दे रहे हैं जिससे उनके अनुयायी न रिश्वत लेते हैं और न देते हैं।
15📯निःस्वार्थ समाज सेवी के अद्भुत उदाहरण हैं संत रामपाल जी महाराज
समाज को दहेज प्रथा, नशा, भ्रष्टाचार, पाखंड, अंधविश्वास, छुआछात आदि से मुक्ति दिलाने के लिए संत रामपाल जी महाराज निःस्वार्थ भाव से पिछले करीब 30 वर्षों से संघर्षरत हैं। जिसमें उनके अनुयायी भी बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं। जिससे एक स्वच्छ समाज तैयार हो रहा है।
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*💎बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय💎*
11/08/24
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🐚 संत रामपाल जी महाराज का समाज सुधार में अमूल्य योगदान
संत रामपाल जी महाराज दहेज जैसी कुरीति को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ जातीय, धार्मिक भेदभाव, छुआछूत, मृत्यु भोज व नशे जैसी अन्य बुराइयों को समाज से ख़त्म कर रहे हैं। जिससे एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो रहा है।
🐚 अद्वितीय तत्वज्ञान से समाज सुधार
एक तरफ जहां निःसंतान को समाज में हेयदृष्टि से देखा जाता था। वहीं संत रामपाल जी महाराज ने इस गलत धारणा को अपने अद्वितीय तत्वज्ञान से समाप्त कर दिया और बताया कि निःसंतान तो बहुत ही पुण्यकर्मी प्राणी होता है। क्योंकि उसका किसी से कोई पिछला संस्कार नहीं जुड़ा होता न कोई ऋण होता बच्चों का, जिससे सतगुरु शरण में आकर उसका सहजता से मोक्ष हो सकता है।
🐚संत रामपाल जी महाराज ने विवाह की एक ऐसी सादगीपूर्ण विधि समाज को दी है जिसमें न तो किसी प्रकार के दहेज की सरदर्दी होती और न ही फिजूलखर्ची होती। जिससे सचमुच अब बेटियां माता-पिता के लिए बोझ नहीं रहीं हैं।
🐚संत रामपाल जी महाराज की अद्वितीय समाज सेवा
बाढ़ हो या कोरोना जैसी महामारी, जब-जब मानव से लेकर पशु धन पर आपत्ति आई, तब-तब संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से उनके अनुयायियों ने समाज सेवा कर अद्वितीय उदाहरण पेश किया।
🐚वृक्षारोपण का अद्भुत उदाहरण
पंजाब प्रांत में संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से उनके हजारों समर्थकों ने एक दिन में 50000 से अधिक वृक्षारोपण और पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण में अपनी अहम भूमिका निभाई।
🐚 समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज
नशा भारत सहित पूरे विश्व की एक बड़ी समस्या है। युवाओं से लेकर महिलाओं तक सभी नशे में लिप्त हो रहे हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान से करोड़ों लोग आज नशा मुक्त हो चुके हैं, जिससे उनका जीवन सुखी तो हुआ ही, साथ ही उनका पूरा परिवार भी सुखी हो चुका है। इस तरह संत रामपाल जी के सानिध्य में नशा मुक्त समाज तैयार हो रहा है।
🐚 समाज सेवा का अद्भुत उदाहरण
ओडिशा के बालासोर भीषण रेल हादसे को कौन भूल सकता है, जिसमें सैंकड़ों की संख्या में लोगों ने जान गंवाई थी, तो वही बड़ी तादाद में लोग घायल हुए थे। जिनके इलाज के लिए संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में उनके समर्थकों ने बड़ी संख्या में रक्तदान कर मानवीय सहायता भेजी थी।
🐚 समाज सेवा हो तो ऐसी!
कोरोना महामारी के दो वर्षों को कौन भूल सकता है, जो मानव जाति पर कहर बरपा रही थी, कोरोना मानव जाति को तबाह करने पर आमादा थी। उस दौरान अस्पताल भी कम पड़ रहे थे, तब मानव जाति की रक्षा के लिए संत रामपाल जी महाराज व उनके अनुयायी सामने आए थे और संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में सतलोक आश्रम बैतूल (मध्यप्रदेश) व सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा) में अस्थायी कोविड सेंटर खोले गए थे। जिससे मानव जाति को एक बड़ी राहत मिली थी।
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हर साल संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में छः बड़े समागम होते हैं जिसमें संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा पाकर उनके समर्थक मानव हित में प्रत्येक बार हजारों यूनिट रक्तदान करते हैं।
🐚 संत रामपाल जी महाराज के समाज सुधारक कार्य
आम समाज में बेटे व बेटियों में बहुत फ़र्क समझा जाता रहा है। जिसके कारण भ्रूण हत्या अर्थात लड़की को गर्भ में मारने जैसा भयंकर अपराध भी शुरू हो गया था। संत रामपाल जी महाराज ने इसी लिंग भेद को स्थायी रूप से समाप्त किया है जिससे उनके करोड़ों अनुयायी बेटा व बेटी में किसी प्रकार का भेद नहीं समझते।
🐚 समाज सेवा से पर्यावरण संरक्षण तक
जलवायु परिवर्तन आज दुनिया की एक सबसे बड़ी समस्या है। जिसे देखते हुए संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में उनके लाखों अनुयायियों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए एक दिन में 11-12 लाख पौधे लगाने में सरकार का सहयोग देकर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
🐚 संत रामपाल जी महाराज जी वह अवतार हैं जो सभी कुप्रथाओं व बुराइयों जैसे नशा, दहेज, कन्या भ्रूण हत्या आदि को जड़ से खत्म कर रहे हैं।
🐚 संत रामपाल जी महाराज का समाज सुधार में अमूल्य योगदान
संत रामपाल जी महाराज दहेज जैसी कुरीति को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ मृत्यु भोज व नशे जैसी अन्य बुराइयों को समाज से ख़त्म कर रहे हैं।
🐚 देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए संत रामपाल जी महाराज जी अपने अनुयायियों को ऐसा निर्मल ज्ञान दे रहे हैं जिससे उनके अनुयायी न रिश्वत ल��ते हैं और न देते हैं।
🐚निःस्वार्थ समाज सेवी के अद्भुत उदाहरण हैं संत रामपाल जी महाराज
समाज को दहेज प्रथा, नशा, भ्रष्टाचार, पाखंड, अंधविश्वास, छुआछात आदि से मुक्ति दिलाने के लिए संत रामपाल जी महाराज निःस्वार्थ भाव से पिछले करीब 30 वर्षों से संघर्षरत हैं। जिसमें उनके अनुयायी भी बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं। जिससे एक स्वच्छ समाज तैयार हो रहा है।
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10 लाख लोगों में केवल सात...कोविशील्ड से कितना खतरा, क्या डरने की जरूरत है?
नई दिल्ली: एक बार फिर कोरोना की चर्चा शुरू है लेकिन वायरस नहीं बल्कि कोविड वैक्सीन की। पहले कोरोना से डर लगता था तो वहीं अब कोरोना वैक्सीन के नाम से अचानक लोगों को डर लगने लगा है। इस डर की शुरुआत हुई ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के एक खुलासे से। इस खुलासे के बाद कोरोना की वैक्सीन लेने वाले लोगों के मन में कई सवाल पैदा हो गए। वैक्सीन निर्माता ने कोर्ट में माना है कि दुर्लभ मामलों में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ थ्रोम्बोसिस (TTS) का कारण बन सकता है। इससे खून के थक्के बन सकते हैं और प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के कई गंभीर मामलों में यह स्ट्रोक और हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है। इस खुलासे के बाद भारत में भी इसकी चर्चा शुरू हो गई। एस्ट्राजेनेका का जो फॉर्मूला था उसी से भारत में सीरम इंस्टीट्��ूट ऑफ इंडिया ने ब��ाई। भारत में बड़े पैमाने पर ये वैक्सीन लगाई गई है। लोगों के मन में कई सवाल हैं और इन सवालों के बीच भारत में अधिकांश हेल्थ एक्सपर्ट यह मान रहे हैं कि यह केवल दुर्लभ मामलों में ही हो सकता है। भारत में भी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। एक वकील की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट की जांच के लिए मेडिकल एक्सपर्ट का पैनल बनाया जाए। वैक्सीन के कारण किसी भी रिस्क फैक्टर का परीक्षण करने का निर्देश दिया जाए और यह सब सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में किया जाना चाहिए। हालांकि देखा जाए तो सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने साल 2021 में इस टीके से होने वाले साइड इफेक्ट के बारे में अपनी साइट पर जानकारी दी है। सीरम इंस्टीट्यूट ने अपनी वेबसाइट पर अगस्त 2021 में कोविशील्ड टीका लगाने के बाद होने वाले साइड इफेक्ट की जानकारी दी है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि थ्रोम्बोसाइटोपेनिया या प्लेट्सलेट की संख्या कम होने की वजह से ब्लड क्लाटिंग की समस्या हो सकती है। कंपनी ने कहा है कि यह एक लाख में से एक से भी कम लोगों में हो सकती है और कंपनी ने इसे बहुत ही दुर्लभ मामला बताया है। ICMR के पूर्व महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को लेकर कहा कि इसका साइड इफेक्ट टीका लेने के अधिकतम तीन से चार हफ्तों तक ही हो सकता है। वह भी केवल दुर्लभ मामलों में ही। भारत में कोविशील्ड के करोड़ों डोज लगाए गए हैं लेकिन न के बराबर मामलों में ही साइड इफेक्ट देखने को मिला। उनकी ओर से कहा गया है कि वैक्सीन लगवाने के दो-ढाई साल बाद साइड इफेक्ट का कोई खतरा नहीं है और इससे बेवजह डरने की जरूरत नहीं।ICMR के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेड़कर ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि वैक्सीन के लॉन्च होने के 6 महीने के अंदर टीटीएस को एडेनोवायरस वेक्टर वैक्सीन के एक साइड इफेक्ट के रूप में पहचाना गया था। इस वैक्सीन की समझ में कोई नया चेंज नहीं है। उनकी ओर से कहा गया कि यह समझने की जरूरत है कि टीका लगवाने वाले दस लाख लोगों में केवल सात या आठ लोगों को ही खतरा है। मेडिकल एक्सपर्ट डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा कि TTS रक्त वाहिकाओं में थक्का बना सकता है, लेकिन कुछ टीकों के इस्तेमाल के बाद इसका होना बेहद दुर्लभ होता है। जयदेवन केरल में नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष हैं। उन्होंने यह स्वीकार किया कि कोविड वैक्सीन ने कई मौतों को रोकने में मदद की है। न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, 'TTS का मतलब खून के थक्के बनने से है। कम प्लेटलेट काउंट के सा�� दिमाग या अन्य रक्त वाहिकाओं में इससे थक्का बन सकता है।' http://dlvr.it/T6Jt7Y
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Covid-19: देश में कोविड-19 के 3,720 नए मामले।
नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 3,720 नए मामले सामने आए हैं, वहीं उपचाराधीन मरीजों की संख्या 40,177 है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय द्बारा सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आंकडों के अनुसार संक्रमण से 20 और लोगों की मौत होने से मृतक संख्या 5,31,584 हो गई है। इनमें संक्रमण से मौत के आंकड़ों का पुन:मिलान करते हुए केरल ने वैश्विक महामारी से जान गंवाने वाले मरीजों की सूची में छह नाम जोड़े हैं।आंकडों के अनुसार, देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर 4,49,56,716 हो गए हैं। मंत्रालय के अनुसार, उपचाराधीन मामले कुल मामलों का 0.09 प्रतिशत है, वहीं संक्रमण से उबरने की राष्ट्रीय दर 98.73 प्रतिशत है।संक्रमण से कुल 4,43,84,955 लोग ठीक हो चुके हैं।मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, देशव्यापी टीकाकरण अभियान की शुरुआत से अब तक टीकों की कुल 220.66 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं। गौरतलब है कि भारत में सात अगस्त 2020 को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। चार मई 2021 को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। पिछले साल 25 जनवरी को संक्रमण के कुल मामले चार करोड़ के पार चले गए थे। Pc:Daily Sabah Read the full article
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Post Office Franchise: Franchise से 50000 रूपये महीने तक कमाइए, स्पीड पोस्ट,मनी ऑर्डर,डाक टिकटों और डाक सर्विस से
Post Office Franchise से 50000 रूपये महीने तक कमाइए, स्पीड पोस्ट,मनी ऑर्डर,डाक टिकटों और डाक सर्विस से
Post Office Franchise: पोस्ट ऑफिस फ्रेंचाइजी क्या हैं
भारतीय डाक विभाग द्वारा पोस्ट ऑफिस फ्रैंचाइज़ी एक ऐसा व्यवसाय है। जिसे खोलने के बाद लाभार्थी कम लागत में भी अधिक धन कमा सकते हैं। डाक विभाग ने पोस्ट ऑफिस फ्रैंचाइज़ी देने से जुड़ी एक सूचना जारी की है। इस सूचना के मुताबिक भारत में रहने वाले कोई भी भारतीय नागरिक इंडियन पोस्ट ऑफिस की फ्रेंचाइजी लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं और अपने गॉव व शहर में पोस्ट ऑफिस की आउटलेट की शुरूआत कर सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत लोग 5000 की लागत से 50000 तक कमा सकते हैं। अभी भी हमारे देश में कई ऐसे नागरिक है जो कि गरीब और उनके पास इतने पैसे नहीं होते हैं कि वे लोग स्वयं का व्यवसाय शुरू कर पाये। उन लोगों के लिए भारतीय डाक विभाग के द्वारा यह एक सराहणीय कार्य किया गया है। इस पोस्ट में हमने आपको पोस्ट ऑफिस फ्रेंचाइजी शुरूआत करने से संबंधित सारी जानकारी जैसे पोस्ट ऑफिस फ्रेंचाइजी खोलने के लाभ, शर्तें, आवेदन आदि सारी जानकारी प्रदान किये हैं इसलिए आप इस पोस्ट को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें।
भारतीय पोस्ट ऑफिस फ्रेंचाइजी योजना का उद्देश्य
भारतीय पोस्ट ऑफिस फ्रेंचाइजी योजना की शुरूआत करने का मुख्य उदेश्य है कि देश के प्रत्येक व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाना और बेरोजगारी को कम करना है। कोरोना जैसे महामारी में लम्बे समय तक रोजगार न मिलने के कारण लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है और कई ऐसे लाेग है जिन्हें अभी तक रोजगार नहीं मिला है। इन समस्यायों को देखते हुए भारतीय डाक विभाग द्वारा इस योजना की शुरूआत की गई है। पोस्ट ऑफिस फ्रेंचाइजी लेने के लिए बहुत अधिक पैसों की आवश्यकता नहीं होगी। 5000 रु लगाकर भी लाभार्थी इस योजना का लाभ पायेंगे।
आवश्यक दस्तावेज
- पैन कार्ड - आधार कार्ड - पासपोर्ट साइज फोटो - जन्म प्रमाण पत्र - निवास प्रमाण पत्र - शिक्षा स्तर दस्तावेज
फ्रेंचाइजी के प्रकार
हमारे देश के डाक विभाग द्वारा हर शहर में डाक सेवाएं स्थापित करने के उद्देश्य से दो प्रकार की फ्रेंचाइजी की शुरूआत की गई हैै। जिनमें से एक फ्रेंचाइजी काउंटर ��र्विस से जुड़ी हुई है और दूसरी पोस्टल एजेंसी से जुड़ी हुई है। इन दोनों प्रकार की फ्रेंचाइजी को लेने के लिए डाक विभाग द्वारा कुछ नियम और शर्तें निर्धारित की गई हैं।
डाक विभाग फ्रेंचाइजी आउटलेट
काउंटर सर्विस से जुडी फ्रेंचाइजी केवल उन्हीं जगहों पर शुरूआत की जाएगी। जिन स्थानों पर भारतीय डाक विभाग द्वारा डाक घर खोले नहीं जा सकते हैं। भारत में ऐसे कई शहर और इलाके हैं जहां पर डाकघर नहीं हैं। इन्हीं स्थानों पर फ्रेंचाइजी के द्वारा डाकघर की आउटलेट खोलने का प्लान भारतीय डाक विभाग द्वारा बनाया गया है। ताकि इस प्रकार के इलाकों में डाक विभाग की काउंटर सर्विस खोलने से इन इलाको मेंं रहने वाले लोगों को भी डाकघर की सुविधा का लाभ मिल सके।
Post Office Franchise से 50000 रूपये महीने तक कमाइए,
आउटलेट फ्रेंचाइजी की विशेषताएं
- डाक विभाग के अंतगर्त दी जाने वाली फ्रेंचाइजी में केवल काउंटर सेवाएँ ही उपलब्ध करवाई जाएगी। जबकि वितरण और संचरण की जिम्मेदारी पोस्ट ऑफिस विभाग के माध्यम से जारी रहेगी। - इस फ्रेंचाइजी का मॉडल केवल शहर में तेजी से विकासशील क्षेत्रों में जैसे कि महानगरों और उनके आसपास के क्षेत्रों में लागू किया जाएगा। - जिन लोगों द्वारा फ्रेंचाइजी की शुरूआत की जायेगी।उनकी फ्रेंचाइजी के कार्य का रिव्यू साल में दो बार डाक विभाग द्वारा लिया जाएगा। जिसमें से पहला रिव्यू फ्रेंचाइजी खुलने के 6 महीने के बाद होगा और दूसरा रिव्यू अगले छह महीने पूरे होने के बाद लिया जाएगा। अंतिम रिव्यू में अगर फ्रेंचाइजी का कार्य सही पाया जाएगा। तो उस फ्रेंचाइजी की अवधि को बढ़ा दिया जाएगा। - आउटलेट फ्रेंचाइजी के अंतर्गत आपकी कमाई कमीशन पर आधारित होगी। यानी जो सामान आप सेल करेंगे। उस सामान को बेचने पर निर्धारित कमीशन आपको दी जाएगी और इसी कमीशन से आपकी इनकम होगी।
डाक विभाग के द्वारा उनके दिए गए सामानों की बिक्री पर कमीशन इस प्रकार से दी जायेगी।
- स्पीड पोस्ट आर्टिकल की बुकिंग - पांच रुपए - पंजीकृत आर्टिकल की बुकिंग - तीन रुपए - मनी ऑर्डर की बुकिंग- 100 रुपये से लेकर 200 रुपये के मूल्य के वाले मनी ऑर्डर की बुकिंग पर मिलने वाली कमीशन - 200 रुपये से अधिक मूल्य की होने वाले मनी ऑर्डर की बुकिंग पर मिलने वाली कमीशन- 3.50 रु से 5 रु। - हर महीने 1000 से ज्यादा रजिस्ट्री या स्पीड पोस्ट आर्टिकल पर- 20 फीसदी अतिरिक्त कमीशन। - डाक टिकटों और डाक स्टेशनरी और मनी ऑर्डर के फॉर्म की बिक्री पर मिलने वाली कमीशन- बिक्री राशि का पांच प्रतिशत - रिटेल सर्विस पर 40 प्रतिशत
आप क्या क्या सामान बेच सकते हैं
- ई-गवर्नेंस प्रोजेक्ट - पंजीकृत आर्टिकल - स्पीड पोस्ट आर्टिकल - बिल, टैक्स कलेक्शन का काम - पेमेंट सर्विसेज - स्टाम्प और स्टेशनरी का सामान - पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस
फ्रेंचाइजी लेने में कितना खर्च लगेगा
फ्रेंचाइजी की शुरूआत करने के लिए आपको 1 से 2 लाख रुपये खर्च करना पड़ सकता है,सा�� ही पोस्ट विभाग द्वारा जिन लोगों का चयन फ्रेंचाइजी देने के लिए किया जाएगा। उनको सिक्योरिटी डिपॉजिट भी जमा करवाना होगा। डाक विभाग के नियमों के अनुसार पोस्ट विभाग ने न्यूनतम सिक्योरिटी डिपॉजिट की राशि पांच हजार रुपये है यानि आप 5000 रूपये से भी फ्रेंचाइजी ले सकते हैंं।
भारतीय डाक विभाग फ्रेंचाइजी के लिए कौन-कौन आवेदन कर सकते हैंं
- व्यक्तियों की कम से कम आयु 18 साल की हो जबकि अधिकतम आयु की कोई निर्धारित सीमा नहीं है। - फ्रेंचाइजी के लाभ लेने वाले व्यक्ति कम से कम आठवीं कक्षा तक उत्तरीण होना चाहिए। - कोई भी व्यक्ति फ्रेंचाइजी लेने के लिए आवेदन कर सकता है। यानी अगर कोई व्यक्ति किसी तरह का दूसरा व्यवसाय करता है। तब भी फ्रेंचाइजी लेने के लिए योग्य है। हालांकि ये फ्रेंचाइजी शहरी एवं ग्रामीण में दी जाएंगी। - यदि आपके परिवार का कोई सदस्य आपके इलाके के किसी डाक विभाग में अगर कार्य करते है तो आप उस क्षेत्र की फ्रेंचाइजी लेने के लिए अप्लाई नहीं कर सकते है।
पोस्ट ऑफिस फ्रेंचाइजी लेने के लिए आवेदन कैसे करें
- इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए सर्वप्रथम आवेदक को अधिकारिक बेबसाईट पर जाना होगा। - आप अधिकािरिक वेबसाईट पर आपके सामने स्क्रीन पर सह डाक एजेंट अनुबंध नामक फॉर्म खुलकर आएगा। - अब आवेदक को इस फार्म को डाउनलोड करके फार्म का प्रिंट आउट निकालना होगा। - प्रिंट आउट निकालने के बाद आवेदक को यह फार्म को भरना होगा और इस फॉर्म को भरने के बाद इसे पास के डाक विभाग में जमा करना होगा। - आवेदक ऑनलाइन फॉर्म डाउनलोड करने के अतिरिक्त आप पोस्ट ऑफिस में भी जाकर इस फॉर्म को खरीद सकते हैं और इस फॉर्म को भर कर जमा भी करवा सकते हैं। - इस योजना से संबधित फार्म आपको हिन्दी एवं इंगलिश भाषा में आसानी से मिल जायेगा आप जिस भी भाषा को समझते है तो उसी भाषा में फार्म को लें। - ये फॉर्म जमा करवाने के बाद अगर आपका चयन डाक विभाग द्वारा पोस्टल एजेंट के लिए कर लिया जाता है तो आपको इसकी जानकारी द�� दी जाएगी और आप पोस्टल एजेंट बन जाएंगे। - इस योजना के अंतगर्त कई लोग जुड़कर कार्य एवं अपना स्वयं का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं इसलिए आप जितनी जल्दी हो सके डाक विभाग की फ्रेंचाइजी लेने के लिए जल्द से जल्द आवेदन करें। - क्योंकि अगर आप से पहले किसी और व्यक्ति ने आपके एरिया में फ्रेंचाइजी लेने के लिए अप्लाई कर दिया होगा तो आपके एरिया की डाक विभाग की फ्रेंचाइजी आपको नहीं मिल पायेगी और जिस व्यक्ति ने आपसे पहले फार्म भरा होगा उन्हें इस योजना का लाभ मिल जायेगा । स्वदेश स्किल कार्ड योजना क्या है 2023 Haldiram Franchise कैसे ले Read the full article
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आई टी के क्षेत्र में भारत ने अमेरिका की सिलिकॉन वैली को भी पिछड़ा : अनुराग
• बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर 10 लाख करोड़ निर्धारित किया गया है इससे 33% सीधी नौकरियां देश के युवाओं को प्राप्त होने जा रही है • जी 20 की अध्यक्षता भारत कर रहा है और इसको लेकर पूरे देश में 55 स्थानों पर 200 से अधिक बैठके होने जा रही है जिसमें से कुछ बैठके हिमाचल के धर्मशाला में भी होगी ऊना, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भाजपा कार्यसमिति को संबोधित करते हुए कहा की आज से 9 साल पूर्व जब कांग्रेस की सरकार केंद्र में सत्ता में थी तो 12% महंगाई दर था, पूरे देश में भ्रष्टाचार का बोलबाला था और देश नीतिगत पक्षाघात की ओर अग्रसर था। तब भाजपा ने नरेंद्र मोदी को देश के प्रधानमंत्री के रूप में चुनावी रण में उतारा और उन्होंने संकल्प लिया की वह ना खाएंगे, ना खाने देंगे और तब से अब तक भाजपा की केंद्र सरकार पर किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लग पाया है। कांग्रेस के नेता केवल झूठे आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि पर चिपकाने का प्रयास करते है पर उनके सभी प्रयास फेल हो जाते है। केंद्र की मजबूत सरकार ने कोविड के कठिन समय में देश में 220 करोड़ कोरोना वैक्सीन जनता को मुफ्त में लगाई, 28 महीने तक 80 करोड़ गरीबों को अनाज मुफ्त में देने का कार्य किया और इसके लिए 4 लाख करोड़ रुपए केंद्र सरकार ने खर्चे किया। भाजपा अंत्योदय को ध्यान में रखकर काम करती है और अंतिम पंक्ति में जो व्यक्ति खड़ा होता है उसकी सहायता के लिए योजना बनाती है। आज यूनाइटेड स्टेट्स जैसे देश महंगाई से जूझ रहे हैं और वहां की महंगाई दर 8.3% है और भारत की महंगाई दर आज 5.7% है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था 7% की दर से बढ़ने जा रही है, भारत में अगर कांग्रेस साशनकाल के समय के साथ तुलना की जाए तो फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट 2 गुना से भी ज्यादा बढ़ गई है और आज देश में 90 हजार स्टार्टअप चल रहे हैं। आज देश डिजिटल इकोनामी की ओर बढ़ रहा है चाहे वह चाय वाला हो या रेडी फड़ी वाला, सब गूगल पर के माध्यम से व्यापार कर रहे हैं। देश में 12 लाख 62 हजार करोड़ की डिजिटल ट्रांजैक्शंस रिक��र्ड हुई है। आज हमारे देश की विश्वसनीयता पूरे विश्व में बढ़ रही है। आज भारत का कोविद वैक्सीन का सर्टिफिकेट डिजिटली फोन पर उपलब्ध है और बाकी देशों का आज भी कागज पर है इस मामले में , आज भारत में अमेरिका की सिलिकॉन वैली को भी पीछे छोड़ दिया है। कांग्रेस केंद्र में भी केवल प्रदेश सरकारों की बात करती है पर केंद्रीय मुद्दों पर बात नहीं कर पाती, कांग्रेस पार्टी ने अपने शासनकाल में केवल जनता को गुमराह करने का कार्य किया था। मोदी सरकार ने 3.50 करोड़ पक्के मकान गरीबों को स्वीकृत किए थे जिसमें से 2 करोड से ज्यादा बन कर गरीबों को दे दिए गए हैं। आज प्रधानमंत्री आवास योजना का बजट 66% बढ़ा दिया गया है यह दिखाता है कि मोदी सरकार गरीबों से किए गए वादे को लेकर संकल्पित रूप से कार्य कर रही है। आज बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर 10 लाख करोड़ निर्धारित किया गया है इससे 33% सीधी नौकरियां देश के युवाओं को प्राप्त होने जा रही है। किसानों के लिए 20 लाख करोड़ के किसान क्रेडिट कार्ड का प्रावधान इस बजट में किया गया है इससे किसानों को बहुत लाभ होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दमदार नेता है जब से जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35ए को हटाया गया है तब से प्रतिवर्ष दो करोड़ पर्यटक जम्मू कश्मीर की सैर करने जा रहे है। जी 20 की अध्यक्षता भारत कर रहा है और इसको लेकर पूरे देश में 55 स्थानों पर 200 से अधिक बैठके होने जा रही है जिसमें से कुछ बैठके हिमाचल के धर्मशाला में भी होगी इसके साथ-साथ शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन की अध्यक्षता भी भारत कर रहा है। यह हमारे लिए गर्व की बाथ है। केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है कॉविड के समय कई ठेके ऐसे वितरित किए गए थे जिनका काम पूरा नहीं हो पाया और उनके 95% पैसे फंस गए थे, अब केंद्र सरकार उन ठेकेदारों को 95% पैसा वापस करने जा रही है। देश में 2024 लोकसभा चुनावों के लिए 400 दिन रह गई और हम एक बार फिर केंद्र में एक मजबूत सरकार बनाने जा रहे और हिमाचल प्रदेश में सभी चारों सीटों को एक बार फिर भाजपा जीतेगी। Read the full article
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रायपुर - (JCCJ ) 74 वें गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर आज देश भर में राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ राज्य की एकमात्र मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय राजनीतिक दल के द्वारा सिविल लाइन स्थित "अनुग्रह" सागौन बंगला में गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर ध्वजारोहण पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अमित जोगी जी के द्वारा किया गया। इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ बाबसाहब भीमराव अंबेडकर की फोटोचित्र में माल्यार्पण और राष्ट्रगान के साथ किया गया। गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेश वासियों के नाम अध्यक्षीय संदेश का उद्बोधन करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अमित जोगी ने कहा साथियाँ, जय छत्तीसगढ़, जय भारत, भारत को गणतंत्र बने आज 73 साल पूरे होने जा रहे हैं। छतीसगढ़ को भी बने 23 साल पूरे हो चुके हैं। लेकिन बाबसाहब अंबेडकर ने संविधान में जो हमें राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, बौद्धिक और आर्थिक अधिकार दिये, आज भी उन्हें हासिल कर पाने में देश के करोड़ों लोग वंचित हैं। वास्तविकता तो यह है कि पिछले 19 सालों में छत्तीसगढ़ में सरकार वही रही है। बस मुख्यमंत्री का फ़ोटो बदलता रहता है। 15 साल डॉ रमन सिंह का फोटो था, अब पिछले 4 साल से दाऊ भूपेश बघेल का फोटो है। दोनों में कोई खास फर्क नहीं है। इसमें कोई दो मत नहीं है कि दोनों राष्ट्रीय दल में प्रतिस्पर्धा चल रही है कि कौन छतीसगढ़ में वादाखिलाफी में आगे रहेगा और कौन भ्रष्टाचार में? अमित जोगी ने कह भूपेश सरकार के 4 साल पूरे हो चुके हैं छत्तीसगढ़ की जनता ने इस सरकार को बदलाव लाने के लिये ऐतिहासिक जनादेश दिया था लेकिन इन चार सालों में हमने बदलाव की जगह बदला की राजनीति ही देखी है। दोनों ही दल अपने चुनावी घोषणा पत्र से पूरी तरह भटक चुके हैं। उनकी प्राथमिकता भी बदल चुकी हैं। छत्तीसगढ़ी मुहावरे में कहूँ तो दोनों दलों का समान उद्देश आधा ल छर दे आधा लहर दे छत्तीसगढ़ियाँ कहूँ जाए मोर डोंडर (पेट) ल भर दें। अमित जोगी ने कहा पिछले 6 सालों से तमाम अभावों के बावजूद हमारे संगठन से वैचारिक सैद्धांतिक रूप से जुड़े लोग आज भी अपना सब कुछ न्यौछावर करके पार्टी को जिंदा रखे हैं। कोरोना काल में उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बगैर लाखों लोगों की निस्वार्थ सेवा की उनको खून मास्क, PPE किट और राशन पहुँचाया। 20018 की करारी हार के बाद जब बीजेपी कोमा में थी. तब हमने स्थानीय स्तर पर जनता से जुड़े मुद्दों का प्रशासन की और ध्यान आकृष्ट किया- विशेषकर ऐसे मुद्दे जिस से सीधे सीधे किसानों (बढ़ता बिजली बिल, खेती का घटता रकबा खातू और बीज की कालाबाजारी, समय पर प्रोत्साहन राशि न मिलना) महिलाओं (शराबबंदी लागू न होने के कारण उनपर बड़ती घरेलू हिंसा और यौन शोषण) और युवाओं (पैसा न होने के कारण स्वीकृत पदों पर भर्तियों पर रोक, नियमितीकरण के वादे से मुकरना, बेरोज़गारी भत्ता नहीं देना) का नुकसान हो रहा था। भूपेश सरकार की बीजेपी के साथ तालमेल के कारण प्रदेश की अपार खनिज संपदा को निजी हाथों को बेचने के विरुद्ध हमने खुलकर जनआंदोलन किए। आदिवासी, अनुसूच��त जाति और अल्प संख्य�� संप्रदाय के लोगों के ऊपर लगातार बड़ते अत्याचार के खिलाफ हमने मोर्चा खोला है। साथ ही आने वाले चुनाव में हमने अपने आप को एक नये विकल्प के रूप में जनता के समक्ष प्रस्तुत किया है। अमित जोगी ने कहा घोषणा पत्र की जगह हम जनता के बीच स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र लेकर जाएँगे जिसमें मैं, अमित जोगी, किसानों को एक मुश्त में 3200 समर्थन मूल और बीजेपी कार्यकाल के दो साल के लंबित बोनस का तत्काल भुगतान करूँगा, कृषि के लिए 60% बिजली बिल में कटौती दूँगा. खातू बीज और बारदाने की कालाबाज़ारी पर सख्ती से रोक लगाऊँगा, प्रदेश में सिंचाई क्षमता दोगुनी करने के लिए 5 सालों में 20000 करोड़ का निवेश करूँगा: आवास विहीन ग्रामीणों को मन माफिक घर बनाने के लिए उनके खाते में लाख और बेजा कब्जा में पिछले 15 सालों से निवास कर रहे परिवारों को 45 दिनों में उनके घर का पट्टा दूंगा; ग़रीबी रेखा से नीचे और 60 साल से ऊपर के वृद्धजनों को सम्मान से जीवन व्यापन करने के लिए 30000 मासिक पेंशन दूँगा: SC ST और OBC वर्ग के गरीब प्री-मेट्रिक छात्रों को 35000 और पोस्ट-मेट्रिक छात्रों को 7000 मासिक छात्रवृति दूँगा. पिछले साल से बेरोजगार युवाओं के खाते में 2500 प्रति माह के हिसाब से एकमुश्त 1500000 बेरोजगारी भत्ता जमा किया जाएगा. राज्य की सभी नौकरियों में नई रोजगार नीति के अन्तर्गत स्थानीय लोगों को हर पद पर 95% आरक्षण का लाभ दिलाऊँगा, और छत्तीसगढ़ को देश का पहला कर मुक्त राज्य बनाने के लक्ष्य से प्रदेश में पंजीकृत सभी व्यवसायों को राज्य सरकार को देय SGST में 500% छूट रिबेट)
और सेल्स और एक्साइज (आबकारी) शुल्क में 70% छूट दूँगा ताकि हमारा छत्तीसगढ़ भारत का प्रमुख व्यापार और वाणिज्य केंद्र बन सके। साथ ही प्रदेश सरकार के सभी विभागों में पिछले 8 साल से कार्यरत संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाएगा मैं प्रदेश के उद्योगपतियों के सहयोग से हर जिला मुख्यालय में AIIMS की तर्ज पर एक मेडिकल कॉलेज, आईआईटी की तर्ज पर इंजीनियरिंग कॉलेज और ड्रग डी-एडिक्शन केंद्र शुरू करूँगा जिसमें सभी जातियों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी मैदानी इलाकों में सख्ती से पूर्ण शराब बंदी लागू होगी। ये सभी फ़ैसले सरकार बनने के एक वर्ष के भीतर पूर्ण कर दिये जाएँगे । आज के कार्यक्रम में प्रमुख रूप से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी महामंत्री महेश देवांगन, मुख्य प्रवक्ता भगवानू नायक, अ��ीत जोगी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप साहू, जनता कांग्रेस रायपुर जिला अध्यक्ष संदीप यदु, अनुसूचित जाति विभाग के नेता भगतराम हरवंश, हरीश कोठारी, सुजीत डहरिया, डॉ मनमोहन मनहरे, अजय सेन, विवेक बंजारे, संजू गिलहरे, दुर्गेश सारथी, मनीष निषाद, धनुराम सिन्हा, सुजीत गेंद्रे, रोशन साहू, अजय तिवारी, नावेद कुरैशी, अरुण साहू, मनोज बंजारे, बैकुंठ सोना संतोष छतरी, दुर्गेश शास्त्री, थानू धीवर, मनीष धीवर, शिव यादव, विनोद चौहान, देवाशीष नायक सहित बड़ी संख्या में जोगी कांग्रेसी उपस्थित थे।
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Year Ender 2022:पर्यटन को लेकर देशभर में छाया उत्तराखंड, चारधाम और कांवड़ यात्रा में बना नया रिकॉर्ड - Year Ender 2022 Uttarakhand Tourism News Char Dham And Kanwar Yatra Make New Record
Year Ender 2022:पर्यटन को लेकर देशभर में छाया उत्तराखंड, चारधाम और कांवड़ यात्रा में बना नया रिकॉर्ड – Year Ender 2022 Uttarakhand Tourism News Char Dham And Kanwar Yatra Make New Record
चारधाम / कांवड़ यात्रा – फोटो : अमर उजाला ख़बर सुनें ख़बर सुनें तीर्थाटन और पर्यटन के क्षेत्र में साल 2022 उत्तराखंड के लिए अच्छा साबित हुआ। चारधाम और कांवड़ यात्रा में इस बार प्रदेश के पर्यटन ने फर्राटा भरा। कोरोना के बाद फिर से शुरू हुई दोनों ही यात्राएं चरम पर रहीं। वहीं दो नए रिकॉर्ड भी बने। चलिए जानते हैं कैसा रहा दोनों यात्राओं में उत्तराखंड का सफर… New Year: भारत के लिए कैसा रहेगा 2023,…
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सी.आर.पी.सी. की धारा 144
परिचय
आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सी.आर.पी.सी.), 1973 की धारा 144 के तहत, एक जिला मजिस्ट्रेट, एक उप-मंडल (सब डिविजनल) मजिस्ट्रेट, या राज्य सरकार द्वारा अधिकृत (ऑथोराइज्ड) कोई अन्य प्रशासनिक (एडमिनिस्ट्रेटिव) मजिस्ट्रेट, कथित खतरे या उपद्रव के तत्काल मामलों को रोकने और उनका इलाज करने के आदेश जारी कर सकता है, यह एक औपनिवेशिक (कोलोनियल) युग का क़ानून है, जिसे संहिता में संरक्षित किया गया है। धारा 144, उन मामलों मे लागू होती है जहां आसन्न (इमिनेंट) उपद्रव या किसी घटना के संदिग्ध खतरे की परिस्थितियों में मानव ज���वन या उसकी संपत्ति को समस्या या कोई नुकसान पहुंचाया जा सकता है। आम तौर पर सी.आर.पी.सी. की धारा 144 के तहत सार्वजनिक समारोहों पर रोक लगा दी जाती है। इतिहास में, धारा 144 का इस्तेमाल उन रैलियों को रोकने के प्रयास में कुछ बाधाएं लगाने के लिए किया जाता है जो दंगे या अन्य प्रकार की हिंसा को भड़का सकती हैं। जब कोई आपात स्थिति होती है, तो कार्यकारी (एक्जीक्यूटिव) मजिस्ट्रेट को धारा 144 लागू करने का अधिकार दिया जाता है। इंटरनेट शटडाउन और दूरसंचार (टेलीकॉम) सेवाओं पर प्रतिबंध अक्सर धारा 144 के तहत लागू किए जाते हैं। हाल ही की कुछ घटनाओं ने पिछले कुछ वर्षों में इस प्रावधान की लोकप्रियता को और महत्व को और अधिक बढ़ा दिया है। पिछले दो वर्षों में फैली कोविड-19 की बीमारी में वृद्धि के कारण, सी.आर.पी.सी. की धारा 144 को भारत भर के कई स्थानों पर लागू किया गया था। कुछ हालिया उदाहरणों में निम्नलिखित शामिल हैं:- पश्चिमी तट पर संभावित आतंकवादी खतरे के बारे में खुफिया रिपोर्टों के परिणामस्वरूप, 12 फरवरी, 2020 कोउत्तरी गोवा क्षेत्र में धारा 144 लागू की गई थी। एक अधिसूचना (नोटिफिकेशन) में, उत्तरी गोवा के जिला मजिस्ट्रेट ने कहा था कि यह धारा, 11 फरवरी से 10 अप्रैल तक 60 दिनों तक के लिए प्रभाव में रहेगी। - मकबूल भट और अफजल गुरु और मकबूल भट की संबंधित वर्षगांठ (एनिवर्सरी) के सम्मान में, जम्मू और कश्मीरमें 8 से 10 फरवरी, 2022 तक इंटरनेट बंद रहा और धारा 144 लागू की गई थी। - कोरोना वायरस के प्रसार (स्प्रेड) को रोकने के लिए, जिसने पहले ही दुनिया भर में हजारों लोगों की जान ले ली थी, दिल्लीसरकार ने 23 मार्च, 2020 को धारा 144 ���ागू की थी। जैसे जैसे ही पूरे भारत में वायरस का विस्तार हुआ, वैसे ही कुछ राज्यों ने दिल्ली सरकार की तरह धारा 144 को लागू करना शुरू कर दिया, ताकि कोविड-19 महामारी के स्थानीय प्रसार को रोका जा सके। - मुंबई शहर में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार वृद्धि होने के कारण 17 सितंबर, 2020 कोमुंबई में धारा 144 के तहत प्रतिबंध लागू किए गए थे। 2020 की शुरुआत से पूरी दुनिया में कोविड -19 महामारी की चपेट में आने के साथ, मुंबई भारत के सबसे ज्यादा प्रभावी शहरों में से एक रहा है और यह कार्य प्रसार को कम करने के लिए किया गया था, जैसा कि कई अन्य शहरों में किया गया था। - धारा 144 का मूल लक्ष्य उन जगहों पर कानून और व्यवस्था को बनाए रखना है जहां अशांति भड़क सकती है और रोज के जीवन में परेशानियां ला सकती है। - यह निर्दिष्ट अधिकार क्षेत्र (ज्यूरिस्डिकशन) के भीतर किसी भी प्रकार क�� हथियारों को रखने और ले जाने पर सीमाएं लगाता है। इस तरह के अपराध के लिए अधिकतम सजा तीन साल की जेल है। - इस प्रतिबंध के प्रभावी होने के दौरान सभी सार्वजनिक समारोहों और विरोध प्रदर्शनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहता है। - इसके प्रभावी होने तक सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहते है और इस खंड के तहत जारी आदेश के अनुसार कोई सार्वजनिक आंदोलन नहीं किया जाता है। - कानून अधिकारियों को एक अवैध सभा को तोड़ने से रोकने के कार्य को एक दंडनीय अपराध माना जाता है। - क्षेत्र में इंटरनेट के उपयोग को प्रतिबंधित करने की क्षमता भी अधिकारियों को दी गई है। - अधिकारियों को जल्द से जल्द तैनात किया जाना चाहिए ताकि सार्वजनिक शांति और सद्भाव की रक्षा की जा सके। - ऐसी स्थितियों में जहां सार्वजनिक हित और निजी अधिकारों के बीच कुछ असंगति होती है, वहां निजी अधिकारों को अस्थायी रूप से निलंबित (सस्पेंडेड) किया जा सकता है। - धारा 144 के तहत एक कार्यवाही में, संपत्ति के मालिकाना हक, अधिकारों की पात्रता, या नागरिक मुद्दों के संबंध में कोई समाधान नहीं किया जा सकता है। - मजिस्ट्रेट को धारा 144 के तहत उन अधिकारों के समर्थन में और उन लोगों के खिलाफ अपनी शक्ति का प्रयोग करना चाहिए जो उनके कानूनी अभ्यास में बाधा डालते हैं, जहां उन प्रश्नों को पहले ही दीवानी अदालतों या न्यायिक घोषणाओं द्वारा हल किया जा चुका है। यह उसे आपात स्थितियों के दौरान उस कार्य को प्रभावी ढंग से करने की अनुमति देगा। - सार्वजनिक अशांति को तुरंत रोक सकते हैं, या - एक संभावित खतरे को जल्दी से संबोधित कर सकते हैं। - कानूनी रूप से नियोजित किसी व्यक्ति को बाधा, परेशानी या चोट; - मानव जीवन, स्वास्थ्य, या सुरक्षा के लिए खतरा; या - सार्वजनिक शांति में अशांति, जैसे दंगा, जो एक निर्देश को जारी करने की अनुमति देता है। - मजिस्ट्रेट के पास इस खंड के तहत एकतरफा आदेश जारी करने का अधिकार होता है, लेकिन आम तौर पर उस व्यक्ति को नोटिस दिया जाता है जिसके खिलाफ आदेश जारी किया जा रहा है। मजिस्ट्रेट को केवल विकट परिस्थितियों में एक पक्षीय आदेश जारी करना चाहिए। - जिन लोगों के साथ आदेश के द्वारा गलत किया गया था, उन्हें भी उपयुक्त आधार पर इसके लिए लड़ने का अधिकार है। यह इस विचार को बल देता है कि इस खंड द्वारा प्रदान किए गए अधिकार मनमाने नहीं है। - मजिस्ट्रेट के आदेश का विरोध करने वाले व्यक्ति को भी सुनवाई का मौका दिया जाता है और उपरोक्त का समर्थन करने के लिए कारण दिखाने का मौका दिया जाता है। नतीजतन, यह हिस्सा प्राकृतिक न्याय के मानदंडों (नॉर्म) का भी अनुपालन (कॉम्प्लाइ) करता है। - न्यायालय ने आगे कहा कि मजिस्ट्रेट की कार्रवाई अधिक उचित और ठोस कारण पर आधारित थी क्योंकि पीड़ित पक्ष को निर्णय की वैधता का विरोध करने का अधिकार दिया गया था। - अंत में, तथ्य यह है कि धारा 144 के तहत ��देश अपील के अधीन नहीं है, उच्च न्यायालय द्वारा संहिता कीधारा 435 के तहत संशोधित करने के अधिकार के लिए क्षतिपूर्ति की जाती है जब इसे संहिता की धारा 439 के साथ संयोजन (कंजंक्शन) में पढ़ा जाता है। उच्च न्यायालय या तो निर्णय को उलट सकता है या मजिस्ट्रेट से प्रासंगिक तथ्यों का अनुरोध कर सकता है। - मुद्दा यह है कि यह बहुत व्यापक है और इस धारा की भाषा इतनी अस्पष्ट है कि यह एक मजिस्ट्रेट को पूर्ण अधिकार प्रदान कर सकती है और जिसका दुरुपयोग उसके द्वारा किया जा सकता है। - प्रभावित पक्षों ने अक्सर दावा किया है कि यह खंड बहुत अधिक व्यापक है और मजिस्ट्रेट को अनुचित बिना किसी सीमा की शक्ति देता है। आदेश के खिलाफ प्रारंभिक कानूनी बचाव एक संशोधन आवेदन है, जिसे मूल जारीकर्ता प्राधिकारी (इश्यूइंग अथॉरिटी) को प्रस्तुत किया जाना चाहिए। - इसके अतिरिक्त, यह सुझाव दिया गया है कि एक बहुत बड़े क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू करना अनुचित है क्योंकि विभिन्न स्थानों में अलग-अलग सुरक्षा स्थितियां होती हैं और अलग-अलग दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता होती है। - यदि आदेश किसी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है, तो वे उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर कर सकते हैं। हालांकि, जो लोग इसे गलत महसूस करते हैं, उनका तर्क है कि उच्च न्यायालय के शामिल होने से पहले ही राज्य ने अक्सर उनके अधिकारों का उल्लंघन किया होगा। - स्वयं मजिस्ट्रेट के लिए एक पुनरीक्षण आवेदन इस तरह के आदेश का सबसे तत्काल प्रतिवाद (काउंटरमेजर) है।
सी.आर.पी.सी. की धारा 144 की प्रयोज्यता (एप्लीकेबिलिटी) में सुधार के लिए सुझाव
आपात स्थिति से निपटने के लिए सी.आर.पी.सी. की धारा 144 का उपयोग बहुत सहायक साबित हो सकता है। कार्यकारी (एग्जीक्यूटिव) शाखा दुरुपयोग की चपेट में है क्योंकि कोई विशेष न्यायिक निगरानी नहीं है और विशिष्ट उद्देश्यों के साथ व्यापक कार्यकारी शक्तियों का कोई सटीक तत्व मौजूद नहीं है। उसी के आलोक में, मजिस्ट्रेट को इस धारा के अनुसार कार्य करने से पहले एक जांच करनी चाहिए और स्थिति की तात्कालिकता पर ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा, विधायिका को व्यक्तिगत स्वतंत्रता और संविधान के मौलिक अधिकारों के तहत व्यक्तियों को दी गई अन्य स्वतंत्रताओं को बनाए रखने की आवश्यकता और तत्काल संवेदनशील स्थितियों से निपटने के लिए पूर्ण शक्ति प्रदान करने की आवश्यकता के बीच एक संतुलन बनाना चाहिए।
निष्कर्ष
यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि, संभावित रूप से मनमानी और विवेकाधीन होने के बावजूद, धारा 144 संकेतकों की सरणी (एरे ऑफ़ इंडिकेटर) का एक अनिवार्य घटक है जो किसी भी जिले के कार्यकारी निकाय द्वारा शुरू किया जाता है ताकि न्यायिक घोषणाओं और अकादमि�� टिप्पणियों के आलोक में संबंधित धारा के सावधानीपूर्वक विश्ले��ण के बाद तत्काल स्थितियों से बचने के साथ-साथ प्रबंधन भी किया जा सके। इस धारा की संवैधानिकता पर सवाल उठाने के खिलाफ कई कानूनी कार्रवाइयां भी की गई हैं, और इसे बनाए रखने वाले कई फैसले भी हुए हैं। हालांकि इस धारा के तहत मजिस्ट्रेट को कई विवेकाधीन शक्तियां दी गई हैं, लेकिन किसी भी मनमानी या अन्यायपूर्ण आदेश को रोकने के लिए वे शक्तियां कई प्रतिबंधों के अधीन होती हैं। इस शक्ति का उपयोग अधिक तार्किक (लॉजिकल) है क्योंकि उच्च न्यायालय के पास इस खंड के तहत मजिस्ट्रेट के निर्णय की समीक्षा करने का अधिकार है।इसके अलावा, दंगों में वृद्धि और सार्वजनिक शांति के लिए खतरा पैदा करने वाली अन्य स्थितियों के कारण मजिस्ट्रेटों के पास इन शक्तियों का होना आवश्यक हो गया है। यह, ये सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि आम लोगों को वह सुरक्षा और शांति मिल सके, जो उनके जीवित रहने के ���िए बहुत जरूरी है। हालांकि, इस बिंदु पर, यह तर्क दिया जा सकता है कि तत्काल स्थितियों को संबोधित करने के लिए विधायिका के पूर्ण शक्तियों के अनुदान (ग्रांट) और संविधान के मौलिक अधिकार, विशेष रूप से संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत, जब तक कि तत्काल या असामान्य परिस्थितियां मौजूद न हों, के तहत नागरिकों को व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अन्य स्वतंत्रता की रक्षा करने की आवश्यकता के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता प्रतीत होती है।यदि मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा को कोई खतरा होता है, या किसी दंगे या विवाद की संभावना होती है, तो राज्य सरकार आधिकारिक राजपत्र (ऑफिशियल गैजेट) में प्रकाशन द्वारा अन्य निर्देश जारी कर सकती है। मजिस्ट्रेट के आदेश को कानूनी बल के बिना एक आदेश के रूप में माना जाना चाहिए और उसमें निहित राय की अभिव्यक्ति को किसी भी कानूनी बल या प्रभाव के बिना माना जाना चाहिए, यदि अधिकार क्षेत्र को मानने के लिए यह महत्वपूर्ण शर्त मौजूद नहीं है। इस खंड का उपयोग केवल आपातकालीन स्थितियों में ही किया जाना चाहिए और इसके तहत किसी भी अन्य कानूनी प्रावधानों को बदलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए जो अधिक उपयुक्त हो सकते हैं और मजिस्ट्रेट को एक जांच करनी चाहिए और इस खंड के तहत आगे बढ़ने से पहले स्थिति की तात्कालिकता को भी नोट करना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफ.ए.क्यू.)
1. सी.आर.पी.सी. की धारा 144 क्या है?
1973 की आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सी.आर.पी.सी.) की धारा 144 किसी भी राज्य या क्षेत्र के कार्यकारी मजिस्ट्रेट को किसी विशेष स्थान पर चार या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाने का आदेश देने की शक्ति दे सकती है।
2. सी.आर.पी.सी. की धारा 144 के तहत अपराध की प्रकृति क्या है?
सी.आर.पी.सी. की धारा 144 के तहत अपराध प्रकृति में आपराधिक, संज्ञेय और जमानती होता है।
3. सी.आर.पी.सी. की धारा 144 लागू करने का क्या कारण है?
सी.आर.पी.सी. की धारा 144 को लागू करना वैध है जब इसका उपयोग परेशानी, मानव जीवन को चोट पहुंचाने और सार्वजनिक शांति में अशांति को प्रतिबंधित करने के लिए किया जा रहा है। इस धारा के तहत आदेश एक पक्ष को दूसरे पक्ष को लाभ पहुंचाने के लिए नहीं लगाया जाना चाहिए।
4. सी.आर.पी.सी. की धारा 144 क�� आलोचना क्यों की गई है?
इस धारा के साथ कुछ मुद्दे यह भी हैं कि यह अत्यधिक व्यापक, अस्पष्ट है, और इसका दुरुपयोग भी किया जा सकता है। इसके अलावा, राहत मिलने की प्रक्रिया बेहद धीमी है। इसके अतिरिक्त, एक बहुत बड़े क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू करना अनुचित है। Read the full article
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दो साल पहले आज के दिन ही भारत में मिला था पहला कोरोना केस, आज भी जारी है कोविड के खिलाफ लड़ाई
दो साल पहले आज के दिन ही भारत में मिला था पहला कोरोना केस, आज भी जारी है कोविड के खिलाफ लड़ाई
नई दिल्ली : वर्ष 2020 में आज के दिन ही भारत में कोरोना वायरस से पहली संक्रमित मरीज मिली थी। तब से देश में कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई जारी है, लेकिन दो साल पूरे होने पर भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वायरस से निपटने की यह जंग कब खत्म होगी। देश इस समय महामारी की तीसरी लहर का सामना कर रहा है। पिछले दो वर्षों में देश ने कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों (Corona Virus Variants) का भी सामना किया…
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देखिए नकली और असली गुरु की पहचान कैसे करें | Sant Rampal Ji Maharaj
*🥀💞🥀बन्दीछोड़ सतगुरु संत रामपाल जी महाराज जी की जय🥀💞🥀*
11/08/24 Sunday/रविवार
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*#संतरामपालजीके_परोपकारी_कार्य*
*Social reformer Sant Rampal*
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1📯संत रामपाल जी महाराज का समाज सुधार में अमूल्य योगदान
संत रामपाल जी महाराज दहेज जैसी कुरीति को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ जातीय, धार्मिक भेदभाव, छुआछूत, मृत्यु भोज व नशे जैसी अन्य बुराइयों को समाज से ख़त्म कर रहे हैं। जिससे एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो रहा है।
2📯अद्वितीय तत्वज्ञान से समाज सुधार
एक तरफ जहां निःसंतान को समाज में हेयदृष्टि से देखा जाता था। वहीं संत रामपाल जी महाराज ने इस गलत धारणा को अपने अद्वितीय तत्वज्ञान से समाप्त कर दिया और बताया कि निःसंतान तो बहुत ही पुण्यकर्मी प्राणी होता है। क्योंकि उसका किसी से कोई पिछला संस्कार नहीं जुड़ा होता न कोई ऋण होता बच्चों का, जिससे सतगुरु शरण में आकर उसका सहजता से मोक्ष हो सकता है।
3📯संत रामपाल जी महाराज ने विवाह की एक ऐसी सादगीपूर्ण विधि समाज को दी है जिसमें न तो किसी प्रकार के दहेज की सरदर्दी होती और न ही फिजूलखर्ची होती। जिससे सचमुच अब बेटियां माता-पिता के लिए बोझ नहीं रहीं हैं।
4📯संत रामपाल जी महाराज की अद्वितीय समाज सेवा
बाढ़ हो या कोरोना जैसी महामारी, जब-जब मानव से लेकर पशु धन पर आपत्ति आई, तब-तब संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से उनके अनुयायियों ने समाज सेवा कर अद्वितीय उदाहरण पेश किया।
5📯वृक्षारोपण का अद्भुत उदाहरण
पंजाब प्रांत में संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से उनके हजारों समर्थकों ने एक दिन में 50000 से अधिक वृक्षारोपण और पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण में अपनी अहम भूमिका निभाई।
6📯समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज
नशा भारत सहित पूरे विश्व की एक बड़ी समस्या है। युवाओं से लेकर महिलाओं तक सभी नशे में लिप्त हो रहे हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान से करोड़ों लोग आज नशा मुक्त हो चुके हैं, जिससे उनका जीवन सुखी तो हुआ ही, साथ ही उनका पूरा परिवार भी सुखी हो चुका है। इस तरह संत रामपाल जी के सानिध्य में नशा मुक्त समाज तैयार हो रहा है।
7📯समाज सेवा का अद्भुत उदाहरण
ओडिशा के बालासोर भीषण रेल हादसे को कौन भूल सकता है, जिसमें सैंकड़ों की संख्या में लोगों ने जान गंवाई थी, तो वही बड़ी तादाद में लोग घायल हुए थे। जिनके इलाज के लिए संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में उनके समर्थकों ने बड़ी संख्या में रक्तदान कर मानवीय सहायता भेजी थी।
8📯समाज सेवा हो तो ऐसी!
कोरोना महामारी के दो वर्षों को कौन भूल सकता है, जो मानव जाति पर कहर बरपा रही थी, कोरोना मानव जाति को तबाह करने पर आमादा थी। उस दौरान अस्पताल भी कम पड़ रहे थे, तब मानव जाति की रक्षा के लिए संत रामपाल जी महाराज व उनके अनुयायी सामने आए थे और संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में सतलोक आश्रम बैतूल (मध्यप्रदेश) व सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा) में अस्थायी कोविड सेंटर खोले गए थे। जिससे मानव जाति को एक बड़ी राहत मिली थी।
9📯रक्तदान कर बना रहे समाज सेवा का विश्व रिकॉर्ड
रक्तदान की जब भी बात हो और संत रामपाल जी महाराज व उनके अनुयायियों की बात न हो ऐसा संभव ही नहीं है।
हर साल संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में छः बड़े समागम होते हैं जिसमें संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा पाकर उनके समर्थक मानव हित में प्रत्येक बार हजारों यूनिट रक्तदान करते हैं।
10📯संत रामपाल जी महाराज के समाज सुधारक कार्य
आम समाज में बेटे व बेटियों में बहुत फ़र्क समझा जाता रहा है। जिसके कारण भ्रूण हत्या अर्थात लड़की को गर्भ में मारने जैसा भयंकर अपराध भी शुरू हो गया था। संत रामपाल जी महाराज ने इसी लिंग भेद को स्थायी रूप से समाप्त किया है जिससे उनके करोड़ों अनुयायी बेटा व बेटी में किसी प्रकार का भेद नहीं समझते।
11📯समाज सेवा से पर्यावरण संरक्षण तक
जलवायु परिवर्तन आज दुनिया की एक सबसे बड़ी समस्या है। जिसे देखते हुए संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में उनके लाखों अनुयायियों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए एक दिन में 11-12 लाख पौधे लगाने में सरकार का सहयोग देकर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
12📯 संत रामपाल जी महाराज जी वह अवतार हैं जो सभी कुप्रथाओं व बुराइयों जैसे नशा, दहेज, कन्या भ्रूण हत्या आदि को जड़ से खत्म कर रहे हैं।
13📯संत रामपाल जी महाराज का समाज सुधार में अमूल्य योगदान
संत रामपाल जी महाराज दहेज जैसी कुरीति को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ मृत्यु भोज व नशे जैसी अन्य बुराइयों को समाज से ख़त्म कर रहे हैं।
14📯 देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए संत रामपाल जी महाराज जी अपने अनुयायियों को ऐसा निर्मल ज्ञान दे रहे हैं जिससे उनके अनुयायी न रिश्वत लेते हैं और न देते हैं।
15📯निःस्वार्थ समाज सेवी के अद्भुत उदाहरण हैं संत रामपाल जी महाराज
समाज को दहेज प्रथा, नशा, भ्रष्टाचार, पाखंड, अंधविश्वास, छुआछात आदि से मुक्ति दिलाने के लिए संत रामपाल जी महाराज निःस्वार्थ भाव से पिछले करीब 30 वर्षों से संघर्षरत हैं। जिसमें उनके अनुयायी भी बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं। जिससे एक स्वच्छ समाज तैयार हो रहा है।
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11/08/24
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🐚 संत रामपाल जी महाराज का समाज सुधार में अमूल्य योगदान
संत रामपाल जी महाराज दहेज जैसी कुरीति को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ जातीय, धार्मिक भेदभाव, छुआछूत, मृत्यु भोज व नशे जैसी अन्य बुराइयों को समाज से ख़त्म कर रहे हैं। जिससे एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो रहा है।
🐚 अद्वितीय तत्वज्ञान से समाज सुधार
एक तरफ जहां निःसंतान को समाज में हेयदृष्टि से देखा जाता था। वहीं संत रामपाल जी महाराज ने इस गलत धारणा को अपने अद्वितीय तत्वज्ञान से समाप्त कर दिया और बताया कि निःसंतान तो बहुत ही पुण्यकर्मी प्राणी होता है। क्योंकि उसका किसी से कोई पिछला संस्कार नहीं जुड़ा होता न कोई ऋण होता बच्चों का, जिससे सतगुरु शरण में आकर उसका सहजता से मोक्ष हो सकता है।
🐚संत रामपाल जी महाराज ने विवाह की एक ऐसी सादगीपूर्ण विधि समाज को दी है जिसमें न तो किसी प्रकार के दहेज की सरदर्दी होती और न ही फिजूलखर्ची होती। जिससे सचमुच अब बेटियां माता-पिता के लिए बोझ नहीं रहीं हैं।
🐚संत रामपाल जी महाराज की अद्वितीय समाज सेवा
बाढ़ हो या कोरोना जैसी महामारी, जब-जब मानव से लेकर पशु धन पर आपत्ति आई, तब-तब संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से उनके अनुयायियों ने समाज सेवा कर अद्वितीय उदाहरण पेश किया।
🐚वृक्षारोपण का अद्भुत उदाहरण
पंजाब प्रांत में संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से उनके हजारों समर्थकों ने एक दिन में 50000 से अधिक वृक्षारोपण और पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण में अपनी अहम भूमिका निभाई।
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नशा भारत सहित पूरे विश्व की एक बड़ी समस्या है। युवाओं से लेकर महिलाओं तक सभी नशे में लिप्त हो रहे हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान से करोड़ों लोग आज नशा मुक्त हो चुके हैं, जिससे उनका जीवन सुखी तो हुआ ही, साथ ही उनका पूरा परिवार भी सुखी हो चुका है। इस तरह संत रामपाल जी के सानिध्य में नशा मुक्त समाज तैयार हो रहा है।
🐚 समाज सेवा का अद्भुत उदाहरण
ओडिशा के बालासोर भीषण रेल हादसे को कौन भूल सकता है, जिसमें सैंकड़ों की संख्या में लोगों ने जान गंवाई थी, तो वही बड़ी तादाद में लोग घायल हुए थे। जिनके इलाज के लिए संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में उनके समर्थकों ने बड़ी संख्या में रक्तदान कर मानवीय सहायता भेजी थी।
🐚 समाज सेवा हो तो ऐसी!
कोरोना महामारी के दो वर्षों को कौन भूल सकता है, जो मानव जाति पर कहर बरपा रही थी, कोरोना मानव जाति को तबाह करने पर आमादा थी। उस दौरान अस्पताल भी कम पड़ रहे थे, तब मानव जाति की रक्षा के लिए संत रामपाल जी महाराज व उनके अनुयायी सामने आए थे और संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में सतलोक आश्रम बैतूल (मध्यप्रदेश) व सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा) में अस्थायी कोविड सेंटर खोले गए थे। जिससे मानव जाति को एक बड़ी राहत मिली थी।
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हर साल संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में छः बड़े समागम होते हैं जिसमें संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा पाकर उनके समर्थक मानव हित में प्रत्येक बार हजारों यूनिट रक्तदान करते हैं।
🐚 संत रामपाल जी महाराज के समाज सुधारक कार्य
आम समाज में बेटे व बेटियों में बहुत फ़र्क समझा जाता रहा है। जिसके कारण भ्रूण हत्या अर्थात लड़की को गर्भ में मारने जैसा भयंकर अपराध भी शुरू हो गया था। संत रामपाल जी महाराज ने इसी लिंग भेद को स्थायी रूप से समाप्त किया है जिससे उनके करोड़ों अनुयायी बेटा व बेटी में किसी प्रकार का भेद नहीं समझते।
🐚 समाज सेवा से पर्यावरण संरक्षण तक
जलवायु परिवर्तन आज दुनिया की एक सबसे बड़ी समस्या है। जिसे देखते हुए संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में उनके लाखों अनुयायियों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए एक दिन में 11-12 लाख पौधे लगाने में सरकार का सहयोग देकर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
🐚 संत रामपाल जी महाराज जी वह अवतार हैं जो सभी कुप्रथाओं व बुराइयों जैसे नशा, दहेज, कन्या भ्रूण हत्या आदि को जड़ से खत्म कर रहे हैं।
🐚 संत रामपाल जी महाराज का समाज सुधार में अमूल्य योगदान
संत रामपाल जी महाराज दहेज जैसी कुरीति को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ मृत्यु भोज व नशे जैसी अन्य बुराइयों को समाज से ख़त्म कर रहे हैं।
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🐚निःस्वार्थ समाज सेवी के अद्भुत उदाहरण हैं संत रामपाल जी महाराज
समाज को दहेज प्रथा, नशा, भ्रष्टाचार, पाखंड, अंधविश्वास, छुआछात आदि से मुक्ति दिलाने के लिए संत रामपाल जी महाराज निःस्वार्थ भाव से पिछले करीब 30 वर्षों से संघर्षरत हैं। जिसमें उनके अनुयायी भी बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं। जिससे एक स्वच्छ समाज तैयार हो रहा है।
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'पति मुझसे 13 साल बड़े थे,' रिश्ते से निकल किराये की दुकान से करोड़ों की कंपनी बना डाली
नई दिल्ली: सिमरन गुरनानी आज सफल महिला उद्यमी हैं। वह चाय-वाय कैफे कंपनी की प्रमुख है। इस कंपनी की नींव उन्होंने बेटी दीया के साथ रखी थी। सिमरन का बचपन काफी मुश्किलों में गुजरा है। जब वह 13 साल की थीं तो उनकी मां का साया सिर से उठ गया था। पिता अचानक बीमारी का शिकार हो गए थे। घर की जिम्मेदारियां उन पर आ पड़ी थीं। सिमरन जब 12वीं क्लास में पहुंचीं तो पिता की दूसरी शादी हो गई। 17 साल की छोटी उम्र में सिमरन ने घर चलाने के लिए ट्यूशन लेना शुरू कर दिया। फिर चाचा और दादी ने 19 साल की उम्र में सिमरन की जबरन शादी कर दी। उन्होंने यह भी नहीं देखा कि लड़के वाले का घर-द्वार कैसा है। बाद में उन्हें पता चला कि जिससे उनकी शादी हुई है वह सिमरन से 13 साल बड़े हैं। ससुराल में उनके सात ननद और दो देवर थे। उनके साथ बहुत अत्याचार हुआ। लेकिन, सिमरन हार नहीं मानी और अपना अलग मुकाम हासिल किया। ज्यादातर लड़कियां बचपन के शुरुआती वर्षों में माता-पिता का दुलार पाती हैं। लेकिन, सिमरन की जिंदगी कुछ अलग थी। जब वह सिर्फ 13 साल की थीं तो उनकी मां का स्वर्गवास हो गया था। उनके पिता बीमार रहते थे। उन्हें ब्रेन इ��जुरी थी। इस कारण सिमरन परिवार में एकमात्र कमाने वाली थीं। 17 साल की छोटी उम्र में सिमरन ने घर चलाने के लिए ट्यूशन लेना शुरू कर दिया। उन्होंने बड़ी लगन से ��र और अपनी पढ़ाई संभाली। कुछ समय बाद पिता की दूसरी शादी हो गई। 13 साल बड़े थे पति, ससुराल में बहुत हुआ अत्याचार परिवार और सामाजिक दबाव के कारण सिमरन को अपनी इच्छा के विरुद्ध शादी करनी पड़ी थी। तब वह ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष में थीं। दादी और चाचा ने उनकी शादी कराई थी। सिमरन के पति उनसे उम्र में 13 साल बड़े थे। शादी के बाद उन्हें बहुत कष्ट झेलने पड़े। उनके पति का परिवार बहुत बड़ा था। दो भाई और सात बहनें थीं। सिमरन का ससुराल में जीना मुश्किल था। कुछ समय बाद ही उन्हें बेटी हुई। फिर बेटा भी हुआ। लेकिन, हालात जस के तस रहे। मानसिक और शारीरिक पीड़ा झेलने के बाद सिमरन ने अपनी शादी को त्यागने और अपने बच्चों के लिए बेहतर जीवन बनाने का फैसला किया।अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए सिमरन ने कर्ज लिया। कई व्यवसायों में हाथ आजमाया। एक बुटीक शुरू किया। पार्लर खोला। कई बार असफल होने के बावजूद सिमरन ने हार नहीं मानी। लेकिन, वह तब तक आर्थिक रूप से बोझ में रहीं जब तक कि उनकी बेटी दीया ने कमान नहीं संभाली। 2019 में बेटी ने दिया सुझाव, इंदौर में खोला पहला आउटलेट2019 में दीया ने अपनी मां को एक छोटा कैफे खोलने का सुझाव दिया। सिमरन बहुत लजीज खाना बनाती थीं। दोस्तों और परिवार के साथ काफी मंथन के बाद मां-बेटी की जोड़ी ने नवंबर 2018 को इंदौर के भवरकुआं में चाय वाई कैफे का पहला आउटलेट खोला। हालांकि, जल्द ही कोरोना की महामारी आ गई। हजारों व्यवसाय बंद होने पर मजबूर हो गए। उद्घाटन के कुछ महीने बाद ही चाय वाय कैफे के कारोबार में गिरावट शुरू हो गई। आउटलेट उन्होंने किराये पर लिया था। बैंकों ने कर्ज अदायगी के लिए फोन करना शुरू कर दिया। महामारी के बीच आउटलेट बंद होने पर भी उनके मकान मालिक ने उन्हें किराया दिए बिना रहने नहीं दिया। एक समय तो उनके मन में सुसाइड कर लेने तक का ख्याल आने लगा। लेकिन, इस दौरान बेटी और बेटे ने उन्हें हिम्मत बंधाई। थोड़े समय बाद भारत सरकार ने रेस्तरां को फिर से खोलने की अनुमति दे दी। यह मां-बेटी की जोड़ी के लिए राहत की सांस थी। उन्होंने रणनीतिक योजना बनाई और कोविड के मनहूस समय को अवसर में बदल दिया। उन्होंने फ्रेंचाइजी को बढ़ावा देना शुरू किया। केवल एक आउटलेट से ढेरों आउटलेट बना डाले। आज इनके चाय वाई कैफे के पूरे देश में 50 से ज्यादा आउटलेंट हैं। इनकी नेटवर्थ 3 करोड़ से ज्यादा है। http://dlvr.it/SrYR8q
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सरकार 2.0: C Voter Survey-कोरोना काल में क्या है देश की जनता का मूड, क्यों और किससे नाराज हैं लोग? जानें सर्वे में
सरकार 2.0: C Voter Survey-कोरोना काल में क्या है देश की जनता का मूड, क्यों और किससे नाराज हैं लोग? जानें सर्वे में
2.0: सी वोटर सर्वे-कोरोना काल में क्या जनता का मूड, कौन किससे क्रुद्ध है? में जानें। Source link
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#एबीपी न्यूज सी वोटर सर्वे#एबीपी मतदाता सर्वेक्षण#कोरोना काल में मोदी सरकार#कोरोना की स्थिति#कोरोना चेच#कोरोना दूसरी लहर#पीएम मोदी 2 साल#पीएम मोदी सरकार#भारत देश का मिजाज#मोदी सरकार#मोदी सरकार कार्यकाल#मोदी सरकार के कार्यकाल के दो साल पूरे#राष्ट्र का मिजाज
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क्या आप जानते है भारत की पहला कोराना पॉजिटीज मरीज कौन थी
क्या आप जानते है भारत की पहला कोराना पॉजिटीज मरीज कौन थी… और कहां से थी… तो बता दें कि… भारत की पहली कोरोना पॉजिटीज मरीज... दक्षिण भारतीय राज्य केरल में मेडिकल की पढ़ाई करने वाली 20 साल की एक लड़की थी जो भारत में कोरोनावायरस से पॉजिटीव पाई गई थी। और वे 30 जनवरी 2020 को चीन के वुहान से लौटी थी… दोस्तों ये वहीं वुहान शहर है जहां कोरोना का पहला केस सामने आया था।
क्या आप भारत की सबसे youngest अंग दान करने वाली लड़की के बारे में जानते हैं… अगर नहीं तो आपको बता दें कि, धनिष्ठा नाम की लड़की जो सिर्फ 20 महीने की थी… जो दिल्ली के रोहिणी स्थित अपने घर से खेलते-खेलते बालकनी से नीचे गिर गई थी तब दो दिन बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। तब धनिष्ठा के माता-पिता ने जरूरतमंदो को अंगदान करने का फैसला किया। जिसमें से दिल्ली के ही इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में धनिष्ठा के ह्रदय को बच्चे के शरीर में सफलतापूर्वक प्रतिरोपण कर दिया गया। इसी तरह धनिष्ठा के कलेजे को एक नौ महीने के बच्चे के शरीर में प्रतिरोपित किया गया, उसकी किडनी को एक 34-वर्षीय व्यक्ति के शरीर में प्रतिरोपित किया गया और उसकी आंखों के कॉर्निया के टिशू को भी भविष्य में इस्तेमाल के लिए संभाल कर रख लिया गया है।
किसिंग किसी भी रिश्ते का प्यार भरा पहलू होता है लेकिन क्या आपने सोचा है... एक प्यारभरी किसिंग से कितने फायदे हो सकते हैं… खासकर, पार्टनर को जब आप प्यार से किस करते हैं, तो शारीरिक और मानसिक रूप से कई फायदे होते हैं…
इसके अलावा शरीर का रक्त संचार ठीक होता है।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और खुशी मिलती है।
एक अच्छी किस से शरीर में 2-10 कैलोरी कम होती है, जो वजन कम करने के लिए काफी है।
कई अध्ययन में यह बात भी कही गई है कि किस करने से चेहरे, गर्दन, जॉलाइन की मसल्स टोन होती है। किस करते समय कई मांसपेशियां काम करती हैं, जिससे चेहरा शेप में आता है।
आपने ऐसे बहुत से लोगों को कहते सुना होगा कि, चेहरे पर चमक लानी है तो बर्फ लगाएं… लेकिन कम ही लोगों को पता होगा कि, चेहरे पर बर्फ लगाने से डार्क सर्कल दूर होते हैं, ग्लोइंग स्किन करने में मदद करता है, मुहांसे दूर करने के लिए, बेदाग त्वचा के लिए भी बर्फ का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि बर्फ को सीधा फेस पर नहीं लगाएं, उसे एक कपड़े में लपेटकर अपने फेस पर लगाएं… नहीं तो आपका फेस लाल पड़ सकता है।
सर्दियों में कुछ चीजों का सेवन करना किसी जड़ी-बूटी के सेवन करने से कम नहीं है। जिसमें से एक है तिल… तिल हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। कई रिसर्च में ये बात सामने आ�� है कि, तिल में पाया जाने वाला तेल हाई ब्लड प्रेशर को कम करता है…. और दिल पर ज्यादा भार नहीं पड़ने देता यानी दिल की बीमारी दूर करने में भी तिल मददगार है… इसके अलावा… शरीर में खून की मात्रा को सही बनाए रखता है। -बाल और त्वचा को मजबूत और सेहतमंद रखने के लिए रोजाना तिल का सेवन बहुत ही लाभकारी माना जाता है। -तिल में मौजूद प्रोटीन पूरे शरीर को भरपूर ताकत और एनर्जी से भर देता है। इससे मेटाबोलिज्म भी अच्छी तरह काम करता है। लेकिन तिल को ज्यादा नहीं खाना चाहिए क्योंकि यह गर्म होते हैं इसलिए आपको तिल का सेवन करने में सावधानी रखनी चाहिए। खासतौर पर महिलाओं और छोटे बच्चों को…
साउथ दिल्ली के अरबिंदो मार्ग पर एक तरफ एम्स है, तो दूसरी तरफ देश का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र का अस्पताल सफदरजंग है। आजादी से पहले इस अस्पताल का निर्माण किया गया और द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान सफदरजंग एयरपोर्ट के पास एक मिलिट्री बेस अस्पताल बनाया गया था, जिसे अमेरिकन हॉस्पिटल भी कहा जाता था। सफदरजंग में एयरपोर्ट होने की वजह से यहां पर अमेरिकी सेना के इलाज के ये अस्पताल बनाया गया था। यह दिल्ली के सबसे पुराने अस्पतालों में से एक है। 1954 में इसे भारत सरकार ने स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन किया। 204 बेड्स की क्षमता के साथ शुरू हुए इस अस्पताल में अब 3000 से भी अधिक बेड्स हैं।आजादी के 75 साल बाद ये अस्पताल देशभर के गरीब मरीजों के लिए सबसे बड़ी उम्मीद बन चुका है।
क्या आपने कभी पिंक झील के बारे में सुना है… अगर नहीं तो बता दें कि…
पिंक झील पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में समुंदर के किनारे पर स्थित है और ये झील इसलिए फेमस है क्योंकि इसका पानी गुलाबी दिखाई देता है और कहा जाता है कि उसके अंदर सूक्ष्म जीवाणु है जिससे वे पानी को गुलाबी बनाते हैं और लोग ऊपर से हेलीकॉप्टर के द्वारा झील का नजारा लेते हैं। इस झील का पानी बिल्कुल खारा है... लेकिन जहरीला नहीं है जिसे लोग यहां इसके अंदर तैरते भी है और इसे देखने बहुत सारे पर्यटक आते हैं यह भी एक आकर्षण का केंद्र बना हुआ है|
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दिलवालों की सुनी दशहरा
पौराणिक कथाओं के अनुसार दशहरा दो अलग अलग कारणों से मनाया जाता हैं| जिसमें पहली कथा के अनुसार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत भगवान श्री राम ने की थी क्योंकि रावण ने भगवान माता सीता का हरण कर लिया था| भगवान श्री राम ने माता सीता को बचाने और अधर्मी रावण का नाश करने के लिए कई दिनों तक रावण के साथ युद्ध किया था| रावण से इस युद्ध के दौरान भगवान श्री राम ने अश्विन मास के शारदीय नवरात्रि के दिनों में लगातार नौ दिनों तक मां दुर्गा की अराधना की थी| इसके बाद ही मां दुर्गा के आशीर्वाद से भगवान श्री राम ने शारदीय नवरात्रि के दसवें दिन रावण का वध कर दिया था| बस, इसी परंपरा को हर वर्ष दशहरा के दिन के नाम से मनाया जाता हैं और रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण को बुराई का प्रतीक मानकर उनके पुतले जलाए जाते हैं| जबकि दूसरी कथा के अनुसार असुर महिषासुर और उसकी सेना देवताओं को परेशान कर रहे थे| इस वजह से मां दुर्गा ने लगातार नौ दिनों तक महिषासुर और उसकी सेना से युद्ध किया था और इस युद्ध के दसवें दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर विजय प्राप्त की थी| जिस वजह से इसे विजय दशमी भी कहा जाता है और इसे धूमधाम से दशहरा के रूप में मनाया जाता है| कहते हैं कि शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि के दिन किए गए कलश स्थापना, मां की मूर्तियां और बोए हुए ज्वारों का विसर्जन भी विजय दशमी के दिन किया जाता है|
अब यह तो हो गई बात दशहरा क्यों मनाते हैं पर साल 2021 के भारत की राजधानि दिल्ली में दशहरा मनाने पे सरकार ने पाबंदी लगा दी हैं जिसके वजह से ना रावण देहेन होगा, ना माता रानी की प्रतिमा स्थापित होगी और ना ही मेला देखने को मिलेगा| दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल जी ने यह आदेश लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिया गया हैं|
कोरोना महामारी अभी तक पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ हैं ऐसे में दशहरा मनाना इस महामारी को अपने घर आमंत्रित करने जैसा हैं|
परंतु इस तरह के आदेश के वजह से मूर्तिकारों को काफी नुक्सान और दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं| हम इस बार माता रानी से बस इतनी ही आशा करते हैं की अगली बार जब माता रानी आए तब हर कोई धूम धाम से बिना किसी महामारी के डर के उनका स्वागत करे|
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