#भारत कोविड के टीके
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10 लाख लोगों में केवल सात...कोविशील्ड से कितना खतरा, क्या डरने की जरूरत है?
नई दिल्ली: एक बार फिर कोरोना की चर्चा शुरू है लेकिन वायरस नहीं बल्कि कोविड वैक्सीन की। पहले कोरोना से डर लगता था तो वहीं अब कोरोना वैक्सीन के नाम से अचानक लोगों को डर लगने लगा है। इस डर की शुरुआत हुई ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के एक खुलासे से। इस खुलासे के बाद कोरोना की वैक्सीन लेने वाले लोगों के मन में कई सवाल पैदा हो गए। वैक्सीन निर्माता ने कोर्ट में माना है कि दुर्लभ मामलों में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ थ्रोम्बोसिस (TTS) का कारण बन सकता है। इससे खून के थक्के बन सकते हैं और प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के कई गंभीर मामलों में यह स्ट्रोक और हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है। इस खुलासे के बाद भारत में भी इसकी चर्चा शुरू हो गई। एस्ट्राजेनेका का जो फॉर्मूला था उसी से भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बनाई। भारत में बड़े पैमाने पर ये वैक्सीन लगाई गई है। लोगों के मन में कई सवाल हैं और इन सवालों के बीच भारत में अधिकांश हेल्थ एक्सपर्ट यह मान रहे हैं कि यह केवल दुर्लभ मामलों में ही हो सकता है। भारत में भी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। एक वकील की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट की जांच के लिए मेडिकल एक्सपर्ट का पैनल बनाया जाए। वैक्सीन के कारण किसी भी रिस्क फैक्टर का परीक्षण करने का निर्देश दिया जाए और यह सब सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में किया जाना चाहिए। हालांकि देखा जाए तो सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने साल 2021 में इस टीके से होने वाले साइड इफेक्ट के बारे में अपनी साइट पर जानकारी दी है। सीरम इंस्टीट्यूट ने अपनी वेबसाइट पर अगस्त 2021 में कोविशील्ड टीका लगाने के बाद होने वाले साइड इफेक्ट की जानकारी दी है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि थ्रोम्बोसाइटोपेनिया या प्लेट्सलेट की संख्या कम होने की वजह से ब्लड क्लाटिंग की समस्या हो सकती है। कंपनी ने कहा है कि यह एक लाख में से एक से भी कम लोगों में हो सकती है और कंपनी ने इसे बहुत ही दुर्लभ मामला बताया है। ICMR के पूर्व महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने क���विशील्ड वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को लेकर कहा कि इसका साइड इफेक्ट टीका लेने के अधिकतम तीन से चार हफ्तों तक ही हो सकता है। वह भी केवल दुर्लभ मामलों में ही। भारत में कोविशील्ड के करोड़ों डोज लगाए गए हैं लेकिन न के बराबर मामलों में ही साइड इफेक्ट देखने को मिला। उनकी ओर से कहा गया है कि वैक्सीन लगवाने के दो-ढाई साल बाद साइड इफेक्ट का कोई खतरा नहीं है और इससे बेवजह डरने की जरूरत नहीं।ICMR के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेड़कर ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि वैक्सीन के लॉन्च होने के 6 महीने के अंदर टीटीएस को एडेनोवायरस वेक्टर वैक्सीन के एक साइड इफेक्ट के रूप में पहचाना गया था। इस वैक्सीन की समझ में कोई नया चेंज नहीं है। उनकी ओर से कहा गया कि यह समझने की जरूरत है कि टीका लगवाने वाले दस लाख लोगों में केवल सात या आठ लोगों को ही खतरा है। मेडिकल एक्सपर्ट डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा कि TTS रक्त वाहिकाओं में थक्का बना सकता है, लेकिन कुछ टीकों के इस्तेमाल के बाद इसका होना बेहद दुर्लभ होता है। जयदेवन केरल में नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष हैं। उन्होंने यह स्वीकार किया कि कोविड वैक्सीन ने कई मौतों को रोकने में मदद की है। न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, 'TTS का मतलब खून के थक्के बनने से है। कम प्लेटलेट काउंट के साथ दिमाग या अन्य रक्त वाहिकाओं में इससे थक्का बन सकता है।' http://dlvr.it/T6Jt7Y
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Cancer Vaccine : Russia ने खोजा लिया कैंसर का इलाज
भारत के दोस्त रूस ने दुनिया के सबसे बड़े खतरे का इलाज निकाल लिया है। रूस ने ऐलान किया है कि उसने कैंसर जैसी लाइलाज बिमारी के लिए वैक्सीन बनाने पर वो काम कर रहा है और वो उसके बेहद करीब पहुँच चुका है। Cancer Vaccine का ऐलान किसी और ने नहीं बल्कि खुद रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने किया है कि वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं और वो इसके अंतिम चरण में है। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने साफ कर दिया कि हम कैंसर की वैक्सीन और नई पीढ़ी की इम्युनो मॉड्यूलट्री दवाओं के निर्माण के बहुत करीब है। मॉस्को फोरम में अपने संबोधन में कहा कि मुझे उम्मीद है कि जल्द ही वैक्सीन लोगों के इलाज के लिए प्रभावी ढंग से इस्तेमाल हो सकेगी ,पुतिन ने ये नहीं बताया कि प्रस्तावित वैक्सीन किस तरह के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाएंगी। कैंसर का इलाज अपने आप में एक बहुत बड़ी कामयाबी है, कई देश और कंपनियां कैंसर के टीके पर काम कर रही है। ब्रिटेन की सरकार भी कैंसर के वैक्सीन के ट्रायल पर सालों से काम कर रही है। पिछले साल ब्रिटिश सरकार ने पर्सनलाइज्ड कैंसर के इलाज के लिए क्लिनिकल ट्रायल शुरू की थी और 2030 तक 10,000 मरीजों तक पहुंचने का टारगेट रखा है। Cancer Vaccine : Russia ने खोजा लिया कैंसर का इलाज ब्रिटेन जर्मनी की आयोएनटेक के साथ मिलकर ट्रायल कर रहा है। इसके अलावा फार्मास्यूटिकल्स कंपनी मॉडर्न और मार्क एंड कंपनी भी कैंसर की वैक्सीन बना रही है, जो कैंसर की मिडिल स्टेज में इस्तेमाल हो सकती है। मसलन रिसर्च के दौरान पता चला की 3 साल के इलाज के बाद सबसे घातक स्किन कैंसर की दोबारा होने या इससे मौत होने की संभावनाआधी हो गई। फिलहाल दुनिया के सामने कैंसर एक बहुत बड़ा खतरा हैं। WHO के मुताबिक वर्तमान में ह्यूमन पैपिलोमायरस के खिलाफ़ छः लाइसलैंड वैक्सीन मौजूद हैं जो सर्वाइकल कैंसर सहित कई कैंसर का कारण बनते हैं। साथ ही हेपेटाइटिस बी के खिलाफ़ भी टीके हैं ���ो लिवर कैंसर का कारण बनते हैं। आपको बता दें कि रूस जो ऐलान किया है उसके बाद पूरी दुनिया में सनसनी मची हुई है और सबसे पहले तब रूस ने कोविड 19 के दौरान स्पुतनिक भी वैक्सीन बनाई थी ,अब ये कहा जा रहा है की अगर ये वाकई में कैंसर के इलाज के रूस बेहद करीब है तो रूस ने वो बनाया है जिसकी जरूरत दुनिया को सबसे ज्यादा है । कैंसर दुनिया के सामने एक बड़ा खतरा है और दुनिया भर में होने वाली मौतों में कैंसर एक बड़ी वजह है। WHO की कैंसर एजेंसी इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के आंकड़े बताते हैं की साल 2022 में लगभग 2,00,00,000 कैंसर के नए मामले सामने आए और कैंसर की वजह से 97,00,000 लोगों की मौत हुई है। अकेले भारत में 14,13,316 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें महिला रोगियों का अनुपात अधिक है। देश में 1,92,000 नए मामलों के साथ स्तन कैंसर का अनुपात सबसे अधिक है । आकड़े बताते हैं कि प्रत्येक 5 में एक व्यक्ति को अपने जीवन काल में कैंसर हो जाता है , लगभग 9 में से एक पुरुष और 12 में से एक महिला की मौत हो जाती है । इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि कैंसर कितनी खतरनांक बीमारी है , फिलहाल रूस ने Cancer Vaccine को खोजने का ऐलान किया है अब देखना है कि कितना कारगर हो पाता है । Read the full article
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कोविड संकट में पीएम मोदी के नेतृत्व में न सिर्फ स्वदेशी टीके बने, बल्कि भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा स्वैच्छिक टीकाकरण अभियान भी सफलतापूर्वक चलाया। news
#9YearsOfHealthForAll#9YearsOfTechForGrowth#9YearsOfSeva#Narendramodi#mpcpjoshibjp#today#politics#rajasthannews
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कोरोना के खतरे के बीच यूपी के अस्पतालों में टीके ख़तम, बूस्टर डोज़ के लिए बढ़ रही है भीड़
कोरोना के खतरे के बीच यूपी के अस्पतालों में टीके ख़तम, बूस्टर डोज़ के लिए बढ़ रही है भीड़
कोरोना वायरस के चलते पिछले तीन वर्षो में अकेले भारत में ही 5 लाख, 30 हजार से ज्यादा लोग असमय काल के गाल में समा गए। हालांकि भारत में टीकाकरण अभियान के बाद कोविड के गंभीर मामले सामने नहीं आ रहे हैं। लेकिन जिस तरह चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका सहित दुनियाभर के कई देशों में एक बार फिर से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं उसे देखने के बाद बूस्टर डोज के लिए अस्पतालों में लोगों की भीड़ बढ़…
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क्यों भारत बायोटेक का नेजल वैक्सीन एक व्यवहारिक विकल्प हो सकता है | Corona Virus Nasal Vaccine
क्यों भारत बायोटेक का नेजल वैक्सीन एक व्यवहारिक विकल्प हो सकता है | Corona Virus Nasal Vaccine
Covid-19 Nasal Vaccine/Corona Virus Nasal Vaccine-कोविड-19 के लिए देश का पहला इंट्रानेजल वैक्सीन, जिसे बांह में सुई वाला इंजेक्शन मारने के बजाय नाक के माध्यम से दिया जाता है, अब 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए बूस्टर खुराक के रूप में उपलब्ध होगा। जिन लोगों ने कोविशिल्ड और कोवाक्सिन ले लिया है, वे अब भारत बायोटेक द्वारा विकसित नाक के टीके को बूस्टर खुराक के रूप में ले सकते हैं। सुई रहित टीका…
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सरकार ने हेटेरो बायोफार्मा द्वारा भारत में निर्मित रूसी COVID वैक्सीन स्पुतनिक लाइट के निर्यात की अनुमति दी
सरकार ने हेटेरो बायोफार्मा द्वारा भारत में निर्मित रूसी COVID वैक्सीन स्पुतनिक लाइट के निर्यात की अनुमति दी
सूत्रों ने रविवार को कहा कि सरकार ने रूस के एकल-खुराक COVID-19 वैक्सीन स्पुतनिक लाइट के घरेलू स्तर पर निर्यात की अनुमति दी है क्योंकि जैब को अभी तक भारत में आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमोदित नहीं किया गया है। घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि भारतीय दवा कंपनी हेटेरो बायोफार्मा लिमिटेड को रूस को स्पुतनिक लाइट की 40 लाख खुराक निर्यात करने की अनुमति दी गई है। स्पुतनिक लाइट रूसी वैक्सीन…
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#कोविड#कोविड टीकाकरण#भारत कोविड के टीके#भारत में स्पुतनिक प्रकाश उपलब्धता#रूस#स्पुतनिक प्रकाश प्रभावकारिता#स्पुतनिक लाइट
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Reliance Foundation donates 2.5 lakh COVID-19 vaccine doses to Kerala government
Reliance Foundation donates 2.5 lakh COVID-19 vaccine doses to Kerala government
छवि स्रोत: TWITTER/@VIJAYANPINARAYI केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने रिलायंस फाउंडेशन को धन्यवाद दिया और ट्��ीट किया कि एकजुटता का यह इशारा निस्संदेह केरल के टीकाकरण अभियान को मजबूत करेगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की परोपकारी शाखा, रिलायंस फाउंडेशन ने गुरुवार को कहा कि उसने केरल सरकार को 2.5 लाख मुफ्त COVID-19 वैक्सीन खुराक प्रदान की है। बयान में कहा गया, “रिलायंस के एक प्रतिनिधिमंडल ने औपचारिक…
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#एर्नाकुलम#केरल#केरल कोविड 19 मामले#केरल टीकाकरण अभियान#केरल सरकार#कोरोनावाइरस#कोविड 19#कोविड 19 के टीके#जाफर मलिक#पिनाराई विजयन#भरोसा#भारत में कोविड 19 मामले#रिलायंस फाउंडेशन
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एम्स 2-6 साल के बच्चों पर भारत बायोटेक के कोवैक्सिन की दूसरी खुराक का परीक्षण शुरू करेगा
एम्स 2-6 साल के बच्चों पर भारत बायोटेक के कोवैक्सिन की दूसरी खुराक का परीक्षण शुरू करेगा
भारत बायोटेक नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 2-6 वर्ष की आयु के बच्चों पर कोवैक्सिन की दूसरी खुराक के लिए अपना परीक्षण शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। प्रक्रिया अगले सप्ताह किसी भी समय शुरू हो जाएगी। नई दिल्ली के एम्स में सूत्रों ने बताया कि कोवैक्सिन की दूसरी खुराक 6-12 साल की उम्र के बच्चों को पहले ही दी जा चुकी है, जो 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टीके के…
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#AIIMS#Randeep Guleria#अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान#कोरोना तीसरी लहर#कोरोनावाइरस#कोविड -19 तीसरी लहर#कोविड 19 टीका#कोविशील्ड#कोवैक्सिन#कोवैक्सिन परीक्षण#कोवैक्सिन बच्चों का परीक्षण#जाइडस कैडिला#जाइडस कैडिला परीक्षण#जाइडस चिल्ड्रेन वैक्सीन#बच्चों का टीका#बच्चों का टीका तीसरी लहर#बच्चों का टीका भारत#बच्चों के टीके अपडेट#बच्चों के टीके का चलन#बच्चों के टीके का परीक्षण#बच्चों के टीके की खबर#बच्चों के टीके की खुराक#बच्चों के टीके ताजा खबर#बच्चों के लिए कोवैक्सिन#भारत टीकाकरण#भारत बायोटेक#भारत लॉकडाउन#वैक्सीन अपडेट#वैक्सीन वायरल खबर#वैक्सीन समाचार
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बिहार टीके की खरीदारी नहीं करेगा, अन्य राज्यों का हवाला देते हुए: "परिणाम देखें"
बिहार टीके की खरीदारी नहीं करेगा, अन्य राज्यों का हवाला देते हुए: “परिणाम देखें”
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “देखें कि कैसे अन्य राज्यों ने वैश्विक निविदाएं जारी कीं और परिणाम क्या रहे।” कई ��ाज्यों ने टीकों के लिए वैश्विक निविदाएं मंगाई हैं क्योंकि 18 से 44 आयु वर्ग के लिए खुराक कम है, लेकिन बिहार में भाजपा के सहयोगी नीतीश कुमार के शासन ने इसके खिलाफ फैसला किया है। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने संकेत दिया कि राज्य के वैश्विक टीकों की खरीदारी के लिए जाने की…
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#COVID-19#कोरोन��वाइरस#बिहार#बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय#बिहार कोविड टीके#बिहार भाजपा#बिहार वैक्सीन#भारत में वैक्सीन की कमी
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बिहार टीके की खरीदारी नहीं करेगा, अन्य राज्यों का हवाला देता है: परिणाम देखें
बिहार टीके की खरीदारी नहीं करेगा, अन्य राज्यों का हवाला देता है: परिणाम देखें
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने संकेत दिया कि राज्य के वैश्विक टीकों की खरीदारी के लिए जाने की संभावना नहीं है कई राज्यों ने टीकों के लिए वैश्विक निविदाएं मंगाई हैं क्योंकि 18 से 44 आयु वर्ग के लिए खुराक कम है, लेकिन बिहार में भाजपा के सहयोगी नीतीश कुमार ने इसके खिलाफ फैसला किया है। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने संकेत दिया कि राज्य के वैश्विक टीकों की खरीदारी के लिए जाने की…
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डब्ल्यूएचओ की अगुवाई वाली कोवाक्स वैक्सीन योजना सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ नए आपूर्ति समझौते से सहमत है
डब्ल्यूएचओ की अगुवाई वाली कोवाक्स वैक्सीन योजना सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ नए आपूर्ति समझौते से सहमत है
भारत के सीरम संस्थान में 1.1 बिलियन खुराक की आपूर्ति होगी कोविड 19 संयुक्त राष्ट्र बाल कोष के प्रमुख ने कहा कि AstraZeneca और Novavax द्वारा विकसित COVAX वैक्सीन योजना के नए टीके के रूप में टीके विकसित किए गए हैं। यूनिसेफ के प्रमुख हेनरिटा फोर ने कहा कि कम और मध्यम आय वाले देशों के लिए लगभग 3 डॉलर प्रति डोज की लागत से कई सालों तक शॉट्स दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि एक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते…
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#Astrazeneca#इंडियन एक्सप्रेस न्यूज़#कोरोनावायरस वैक्सीन योजनाएं#कोरोनोवायरस के टीके पर डब्ल्यूएचओ#कोविड का टीका#कोविद टीका भारत#कोवैक्स वैक्सीन योजना#डब्लूएचओ सीरम इंस्टीट्यूट से निपटता है#सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया
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सीरम इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक का कहना है कि स्टॉक, डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों पर विचार किए बिना सरकार ने टीकाकरण अभियान चलाया
सीरम इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक का कहना है कि स्टॉक, डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों पर विचार किए बिना सरकार ने टीकाकरण अभियान चलाया
देश में COVID-19 टीकों की भारी कमी के बीच, पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के कार्यकारी निदेशक सुरेश जाधव ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि सरकार ने टीकों के उपलब्ध स्टॉक को ध्यान में रखे बिना कई आयु वर्ग के लोगों को टीका लगाना शुरू कर दिया है। और डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देश। स्वास्थ्य वकालत और जागरूकता मंच, हील हेल्थ द्वारा आयोजित एक ई-शिखर सम्मेलन में जाधव ने कहा कि देश को डब्ल्यूएचओ के…
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#इंडियन एक्सप्रेस न्यूज़#कोविड के टीका#भारत कोविड के टीके#भारत कोविड समाचार#भारत समाचार#वैक्सीन की कमी भारत shortage#सीरम संस्थान
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प्रधानमंत्री ने वाराणसी के डॉक्टरों और अधिकारियों से बातचीत की.
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से वाराणसी के डॉक्टरों और अधिकारियों से बातचीत की।
बातचीत के दौरान वाराणसी के डॉक्टरों और अधिकारियों ने प्रधानमंत्री के निरंतर और सक्रिय नेतृत्व के लिए उन्हें धन्यवाद दिय़ा, जिससे स्वास्थ्य संरचना बढ़ाने और आवश्यक दवाओं तथा वेंटिलेटर तथा ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर की आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिली। कोविड को नियंत्रित करने के लिए पिछले एक महीने में किए गए प्रयासों, टीकाकरण की स्थिति तथा भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयारियों की जानकारी प्रधानमंत्री को दी गई। डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि वे म्यूरोर्मिकोसिस के खतरे को लेकर सचेत हैं और उनके द्वारा कदम उठाए गए हैं तथा रोग प्रबंधन के लिए सुविधाएं तैयार की गई हैं। प्रधानमंत्री ने कोविड से लड़ने वाली मानव शक्ति के निरंतर प्रशिक्षण के महत्व पर बल दिया और अधिकारियों तथा डॉक्टरों को प्रशिक्षण सत्र, वेबीनार आयोजित करने की सलाह दी, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे चिकित्सा सहायकों और डॉक्टरों के लिए। उन्होंने अधिकारियों से जिले में टीके की बर्बादी को कम करने की दिशा में काम करने को कहा। प्रधानमंत्री ने काशी के डॉक्टरों, नर्सों, तकनीशियनों, वार्ड ब्वाय, एंबुलेंस चालकों और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मचारियों के कार्यों के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने अपने प्रियजनों को खोने वाले सभी लोगों को अपनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बनारस में कम समय में तेजी से ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की संख्या बढ़ाने और बहुत कम समय में पंडित राजन मिश्रा कोविड अस्पताल को सक्रिय करने की सराहना की। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि वाराणसी में एकीकृत कोविड कमान प्रणाली ने बहुत अच्छा काम किया और कहा कि वाराणसी का उदाहरण दुनिया को प्रेरित कर��ा है। प्रधानमंत्री ने महामारी क�� काफी हद तक नियंत्रित करने में मेडिकल टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बनारस और पूर्वांचल के ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके लंबी लड़ाई लड़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जो योजनाएं बनीं हैं और जो अभियान चलाए गए हैं उनसे कोरोना से लड़ने में काफी मदद मिली है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनाए गए शौचालय, आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत नि:शुल्क इलाज की सुविधा, उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर, जन धन बैंक खाता या फिट इंडिया अभियान, योग और आयुष के प्रति जागरूकता जैसे कदमों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लोगों की शक्ति में वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री ने कोविड प्रबंधन में नया मंत्र ‘जहां बीमार वहां उपचार’ दिया। उन्होंने कहा कि मरीज के दरवाजे पर उपचार उपलब्ध कराने से स्वास्थ्य प्रणाली पर भार कम होगा। प्रधानमंत्री ने माइक्रो-कंटेनमेंट जोन पहल की प्रशंसा तथा दवाओं की होम डिलीवरी की सराहना की। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मचारियों से ग्रामीण क्षेत्रों में इस अभियान को जहां तक संभव हो सके वहां तक व्यापक बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि ‘काशी कवच’ नामक टेली मेडिसिन सुविधा प्रदान करने में डॉक्टरों, लैब तथा ई-मार्केटिंग कंपनियों को एक साथ लाने का कदम बहुत नवाचारी है।
प्रधानमंत्री ने गांवों में कोविड-19 के खिलाफ जारी लड़ाई में आशा तथा एएनएम कर्मियों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया और स्वास्थ्य अधिकारियों से उनकी क्षमताओं और अनुभवों का अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस दूसरी लहर के दौरान अग्रणी कर्मचारी लोगों की सेवा सुरक्षित ढंग से करने में सक्षम हुए हैं क्योंकि उन्हें टीका लगाया गया था। उन्होंने सभी से अपनी बारी आने पर टीका लगाने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों के कारण पूर्वांचल में बच्चों में इनसेफ्लाइटिस मामलों में काफी हद तक नियंत्रण किए जाने का उदाहरण दिया। उन्होंने महामारी के खिलाफ लड़ाई में ब्लैक फंगस द्वारा पेश नई चुनौती से सचेत रहने को कहा। उन्होंने कहा कि पूर्वचेतावनियों और इससे निपटने के लिए आवश्यक तैयारियों के प्रति ध्यान देना महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने कोविड के विरुद्ध लड़ाई में वाराणसी के जन प्रतिनिधियों द्वारा प्रदान किए गए नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने जन प्रतिनिधियों से लोगों से जुड़े रहने का आग्रह किया और सलाह दी कि वे आलोचनाओं के बावजूद अपनी चिंताओं के प्रति पूरी तरह संवेदनशील रहें। उन्होंने कहा कि यदि किसी नागरिक को किसी भी तरह की शिकायत है तो इसकी चिंता करना जन प्रतिनिधियों का दायित्व है। उन्होंने शहर क�� स्वच्छता बनाए रखने का वादा निभाने के लिए वाराणसी के लोगों की प्रशंसा की।
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राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण के तहत अब तक 219.56 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं
राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण के तहत अब तक 219.56 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं
12-14 आयु वर्ग में 4.12 करोड़ से अधिक टीके की पहली खुराक लगाई गई भारत में कोरोना के सक्रिय मामले 22,549 हैं पिछले 24 घंटों में 862 नए मामले सामने आए स्��स्थ होने की वर्तमान दर 98.76 प्रतिशत साप्ताहिक सक्रिय मामलों की दर 1.02 प्रतिशत है भारत का कोविड-19 टीकाकरण कवरेज आज सुबह 7 बजे तक अंतिम रिपोर्ट के अनुसार 219.56 करोड़ (2,19,56,65,598) से अधिक हो गया। 12-14 आयु वर्ग के लिए कोविड-19 टीकाकरण 16…
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महामारी से लड़ने के लिए चिकित्सीय, टीके तक सस्ती पहुंच बढ़ाएं: एससीओ मीट में एमओएस अनुप्रिया पटेल
महामारी से लड़ने के लिए चिकित्सीय, टीके तक सस्ती पहुंच बढ़ाएं: एससीओ मीट में एमओएस अनुप्रिया पटेल
आखरी अपडेट: 29 सितंबर 2022, 16:44 IST अनुप्रिया पटेल ने व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सदस्य देशों के बीच प्रभावी सहयोग का भी आह्वान किया (फोटो: एएनआई फाइल) पटेल ने तकनीकी विकास, संसाधनों के इष्टतम उपयोग और पर्यावरण के संरक्षण पर सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने पर भी जोर दिया भारत ने गुरुवार को कोविड -19 जैसी किसी भी महामारी से लड़ने के लिए दवाओं, चिकित्सीय और टीकों तक सस्ती पहुंच बढ़ाने की दिशा…
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फ्रांस ने यात्रियों को भारत के निर्मित कोविशील्ड के साथ टीकाकरण स्वीकार किया
फ्रांस ने यात्रियों को भारत के निर्मित कोविशील्ड के साथ टीकाकरण स्वीकार किया
जबकि फ्रांस COVID-19 संक्रमणों की वृद्धि का मुकाबला करने के लिए कई देशों के असंबद्ध यात्रियों पर प्रतिबंध लगाता है, इसने उन अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के प्रवेश की अनुमति दी है, जिन्हें रविवार (17 जुलाई) से देश में कोविशील्ड, एस्ट्राजेनेका का भारतीय निर्मित वैक्सीन प्राप्त हुआ है। ) आगे। यह इस तथ्य पर वैश्विक आक्रोश के बाद आया है कि यात्रा के लिए यूरोपीय संघ के COVID-19 प्रमाणपत्र ने केवल यूरोप में…
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