#देवशयनी एकादशी के शुभ मुहूर्त
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astrovastukosh · 4 months ago
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*🌞~ आज दिनांक - 06 अगस्त 2024 का वैदिक और सटीक हिन्दू पंचांग आप के शुभ कार्य के लिए ~🌞*
*⛅दिनांक - 06 अगस्त 2024*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - श्रावण*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - द्वितीया शाम 07:52 तक तत्पश्चात तृतीया*
*⛅नक्षत्�� - मघा शाम 05:44 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी*
*⛅योग - वरीयान प्रातः 11:00 तक तत्पश्चात परिघ*
*⛅राहु काल - शाम 04:02 से शाम 05:40 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:13*
*⛅सूर्यास्त - 07:18*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:45 से 05:29 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:19 से दोपहर 01:12*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:24 अगस्त 07 से रात्रि 01:07 अगस्त 07 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - मंगला गौरी व्रत*
*⛅विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹 चातुर्मास्य व्रत की महिमा🌹*
*🔸 चतुर्मास में प्रतिदिन एक समय भोजन करने वाला पुरुष अग्निष्टोम यज्ञ के फल का भागी होता है । पंचगव्य सेवन करने वाले मनुष्य को चन्द्रायण व्रत का फल मिलता है । यदि धीर पुरुष चतुर्मास में नित्य परिमित अन्न का भोजन करता है तो उसके सब पातकों का नाश हो जाता है और वह वैकुण्ठ धाम को पाता है । चतुर्मास में केवल एक ही अन्न का भोजन करने वाला मनुष्य रोगी नहीं होता ।*
*🔸 जो मनुष्य चतुर्मास में केवल दूध पीकर अथवा फल खाकर रहता है, उसके सहस्रों पाप तत्काल विलीन हो जाते हैं ।*
*🔸 पंद्रह दिन में एक दिन संपूर्ण उपवास करने से शरीर के दोष जल जाते हैं और चौदह दिनों में तैयार हुए भोजन का रस ओज में बदल जाता है । इसलिए एकादशी के उपवास की महिमा है । वैसे तो गृहस्थ को महीने में केवल शुक्लपक्ष की एकादशी रखनी चाहिए, किंतु चतुर्मास की तो दोनों पक्षों की एकादशियाँ रखनी चाहिए ।*
*🔸 जो बात करते हुए भोजन करता है, उसके वार्तालाप से अन्न अशुद्ध हो जाता है । वह केवल पाप का भोजन करता है । जो मौन होकर भोजन करता है, वह कभी दुःख में नहीं पड़ता । मौन होकर भोजन करने वाले राक्षस भी स्वर्गलोक में चले गये हैं । यदि पके हुए अन्न में कीड़े-मकोड़े पड़ जायें तो वह अशुद्ध हो जाता है । यदि मानव उस अपवित्र अन्न को खा ले तो वह दोष का भागी होता है । जो नरश्रेष्ठ प्रतिदिन ‘ॐ प्राणाय स्वाहा, ॐ अपानाय स्वाहा, ॐ व्यानाय स्वाहा, ॐ उदानाय स्वाहा, ॐ समानाय स्वाहा’ – इस प्रकार प्राणवायु को पाँच आहुतियाँ देकर मौन हो भोजन करता है, उसके पाँच पातक निश्चय ही नष्ट हो जाते हैं ।*
*🔸चतुर्मास में जैसे भगवान विष्णु आराधनीय हैं, वैसे ही ब्राह्मण भी । भाद्रपद मास आने ��र उनकी महापूजा होती है । जो चतुर्मास में भगवान विष्णु के आगे खड़ा होकर ‘पुरुष सूक्त’ का पाठ करता है, उसकी बुद्धि बढ़ती है ।*
*🔸 चतुर्मास सब गुणों से युक्त समय है । इसमें धर्मयुक्त श्रद्धा से शुभ कर्मों का अनुष्ठान करना चाहिए ।*
*सत्संगे द्विजभक्तिश्च गुरुदेवाग्नितर्पणम् ।*
*गोप्रदानं वेदपाठः सत्क्रिया सत्यभाषणम् । ।*
*गोभक्तिर्दानभक्तिश्च सदा धर्मस्य साधनम् ।*
*🔸 ‘सत्संग, भक्ति, गुरु, देवता और अग्नि का तर्पण, गोदान, वेदपाठ, सत्कर्म, सत्यभाषण, गोभक्ति और दान में प्रीति – ये सब सदा धर्म के साधन हैं ।’*
*🔸 देवशयनी एकादशी से देवउठी एकादशी तक उक्त धर्मों का साधन एवं नियम महान फल देने वाला है । चतुर्मास में भगवान नारायण योगनिद्रा में शयन करते हैं, इसलिए चार मास शादी-विवाह और सकाम यज्ञ नहीं होते । ये मास तपस्या करने के हैं ।*
*🔸 चतुर्मास में योगाभ्यास करने वाला मनुष्य ब्रह्मपद को प्राप्त होता है । ‘नमो नारायणाय’ का जप करने से सौ गुने फल की प्राप्ति होती है । यदि मनुष्य चतुर्मास में भक्तिपूर्वक योग के अभ्यास में तत्पर न हुआ तो निःसंदेह उसके हाथ से अमृत का कलश गिर गया । जो मनुष्य नियम, व्रत अथवा जप के बिना चौमासा बिताता है वह मूर्ख है ।*
*🔸बुद्धिमान मनुष्य को सदैव मन को संयम में रखने का प्रयत्न करना चाहिए । मन के भलीभाँति वश में होने से ही पूर्णतः ज्ञान की प्राप्ति होती है ।*
*🔸 ‘एकमात्र सत्य ही परम धर्म है । एक सत्य ही परम तप है । केवल सत्य ही परम ज्ञान है और सत्य में ही धर्म की प्रतिष्ठा है । अहिंसा धर्म का मूल है । इसलिए उस अहिंसा को मन, वाणी और क्रिया के द्वारा आचरण में लाना चाहिए ।’*
*(स्कं. पु. ब्रा. 2.18-19)*
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jeevanjali · 5 months ago
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Vivah Muhurat July 2024: जुलाई महीने में कितने दिन बजेगी विवाह की शहनाई, जानिए शुभ मुहूर्तVivah Muhurat July 2024: 29 जून को शुक्र के उदय होने के बाद एक बार फिर शादियों का सीजन शुरू हो गया है। इस साल जुलाई में विवाह के लिए कई शुभ मुहूर्त हैं। पंचांग के अनुसार जुलाई में देवशयनी एकादशी भी पड़ रही है।
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webmorch-blog · 1 year ago
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aaj ka panchang 29 जून 2023: देवशयनी एकादशी से चातुर्मास प्रारंभ, जानें शुभ मुहूर्त, सिद्धि योग, राहुकाल, दिशाशूल
aaj ka panchang आज का पंचांग 29 जून 2023: आज आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि, स्वाति नक्षत्र, सिद्धि योग, करण वणिज और दिन गुरुवार है. देवशयनी एकादशी व्रत है. आज से चातुर्मास का प्रारंभ हुआ है. देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु 4 माह योग निद्रा में रहते हैं, इस वजह से उन 4 माह को चातुर्मास कहा जाता है. चातुर्मास में भगवान विष्णु और शिव जी की विशेष पूजा होती है. (aaj ka panchang) इसमें…
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ragbuveer · 1 year ago
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आज का पंचांग, 27 जून 2023, मंगलवार
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे कृष्णा*🌹
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#bageshwardhamsarkardivyadarbar
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#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
आज का दिन विशेष है। आज भड़ली नवमी है। देवशयनी एकादशी से पूर्व यह विवाह का अंति�� शुभ मुहूर्त होता है। इस दिन स्वयं सिद्ध मुहूर्त होता है। अर्थात् आज के दिन विवाह कार्य में पंचांग शुद्धि देखने की आवश्यकता नहीं रहती। इसके बाद फिर विवाह देवोत्थान ए���ादशी से ही प्रारंभ होते हैं। आज मां दुर्गा का दिन मंगलवार भी है। यदि आप शत्रुओं से परेशान हैं। लगातार कोई न कोई बाधा आपके जीवन में आ रही है। आपके काम कोई अटका रहा है तो आज के दिन मां दुर्गा के समक्ष एक तेल और एक देसी घी का दीपक लगाकर ऊं दुं दुर्गाये नम: मंत्र का जाप लाल मूंगे की माला से करें। शीघ्र लाभ होगा।
विक्रम संवत : 2080 शालिवाहन शके : 1945 मास : आषाढ़ शुक्ल पक्ष ऋतु : वर्षा अयन : दक्षिणायन तिथि : नवमी रात्रि 3:04 तक नक्षत्र : हस्त दोप 2:42 तक योग : वरियान प्रात: 6:21 तक करण : बालव दोप 2:39 तक पश्चात कौलव सूर्योदय : 5:45:18 सूर्यास्त : 7:14:04 दिनकाल : 13 घंटे 28 मिनट 46 सेकंड रात्रिकाल : 10 घंटे 31 मिनट 31 सेकंड चंद्रोदय : दोप 1:18 चंद्रास्त : रात्रि 1:16 आज की ग्रह स्थिति सूर्य राशि : मिथुन चंद्र राशि : कन्या, रात्रि 3:26 से तुला में मंगल : कर्क बुध : मिथुन गुरु : मेष शुक्र : कर्क शनि : कुंभ वक्री राहु : मेष केतु : तुला
दिन का चौघड़िया लाभ : प्रात: 10:49 से दोप 12:30 अमृत : दोप 12:30 से 2:11 अभिजित : दोप 12:03 से 12:57 रात्रि का चौघड़िया लाभ : रात्रि 8:30 से 9:52
त्याज्य समय राहु काल : दोप 3:52 से सायं 5:33 यम घंट : प्रात: 9:07 से 10:49
आज विशेष : भड़ली नवमी, विवाह का अंतिम मुहूर्त आज का शुभ रंग : लाल आज के पूज्य देव : मां दुर्गा आज का मंत्र : ऊं दुं दुर्गाये नम:
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rudrjobdesk · 2 years ago
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Devshayani Ekadashi 2022 : जानिए देवशयनी एकादशी का महत्व, शुभ मुहूर्त में करें पूजा पाठ
Devshayani Ekadashi 2022 : जानिए देवशयनी एकादशी का महत्व, शुभ मुहूर्त में करें पूजा पाठ
Image Source : INDIA TV Devshayani Ekadashi 2022 Devshayani Ekadashi 2022: 10 जुलाई रविवार को यानी आज आषाढ़ शुक्‍ल एकादशी है। जिसे देवशयनी या हरिशयनी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन व्रत रखने से काफी लाभ मिलता है। आज से भगवान विष्णु चार महीने तक क्षीर सागर में योग निद्रा में रहेंगे। जिसके चलते अब किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाएंगे। भगवान विष्णु कार्तिक शुक्ल एकादशी तक आराम करेंगे। इसके बाद…
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humongousdreamerkitten · 2 years ago
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देवशयनी एकादशी कब है, जानिए कथा, देव को सुलाने का मंत्र, शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि और उपाय
देवशयनी एकादशी कब है, जानिए कथा, देव को सुलाने का मंत्र, शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि और उपाय
devshayani ekadashi आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। पुराणों के अनुसार, इस दिन से चार महीने के लिए भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं। इस चार महीनों में मांगलिक कार्यों की मनाही होती है। कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान योग निद्रा से उठते हैं। इस एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है। इस साल देवशयनी एकादशी 10 जुलाई 2022 को आ रही है।   देवशयनी…
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mwsnewshindi · 2 years ago
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आज का पंचांग, ​​10 जुलाई, 2022: रविवार के लिए तिथि, शुभ मुहूर्त, राहु काल और अन्य विवरण देखें
आज का पंचांग, ​​10 जुलाई, 2022: रविवार के लिए तिथि, शुभ मुहूर्त, राहु काल और अन्य विवरण देखें
आखरी अपड��ट: 10 जुलाई 2022, 05:00 IST आज का पंचांग, ​​10 जुलाई, 2022: सूर्य इस रविवार सुबह 5:31 बजे उदय और शाम 7:22 बजे अस्त होने जा रहा है। (प्रतिनिधि छवि: श��रस्टॉक) आज का पंचांग, ​​10 जुलाई, 2022: रविवार को वासुदेव द्वादशी और देवशयनी एकादशी मनाई जाएगी आज का पंचांग, ​​10 जुलाई, 2022: इस रविवर या रविवार का पंचांग आषाढ़ महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि (दोपहर 2:13 बजे तक) को चिह्नित करेगा। इस…
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mrdevsu · 3 years ago
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आज का पंचांग: 21 जुलाई, बुधवार को द्वादशी की तिथि, जानें शुभ मुहूर्त और राहु काल
आज का पंचांग: 21 जुलाई, बुधवार को द्वादशी की तिथि, जानें शुभ मुहूर्त और राहु काल
आज का पंचांग 21 जुलाई 2021: 21 जुलाई 2021, बृहस्पतिवार को मास की शुक्लक्ल्स की द्वादशी तिथि तिथि है। आज वृश्चिक राशि में गोचर कर रहा है। जहां पर पहली बार हिंदी विराजमान है। आज वृश्चिक राशि का योग बना है। आज की पूजा (आज की पूजा) देवशयनी एकादशी व्रत पारण (देवशयनी एकादशी व्रत पारण)– पंचांग के तारीख 21 नवंबर, बृहस्पतिवार को तिथि तिथि पर एकादशी का परावर्तन होता है। दिन देवशयनी एकादशी व्रत का पारण है।…
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astrologergopalshastri · 3 years ago
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आज देवशयनी एकादशी के साथ शुरू होंगे चातुर्मास, इन नियमों का करें पालन, पाएंगे धन समृद्धि--
आज 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ देव सो जाएंगे और फिर 14नवंबर से देवोत्थान एकादशी के दिन जागेंगे। आपको बता ��ें कि कल से देवशयनी एकादशी के दिन से ही चर्तुमास का आरंभ हो रहा है। यह चार महीना योगियों के लिए शुभ माना गया है। इस दौरान शुभ कार्य करना वर्जित होता है। इन चार महीनों में भगवान विष्णु सृष्टि का कार्यभार भगवान शिव को दे देते हैं और खुद निद्रा के लिए चले जाते हैं।
इसके बाद चार महीने बाद देवोत्थान एकादशी 14 नवंबर कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष को भगवान विष्णु शयन निद्रा से उठते हैं। भगवान विष्णु की निद्रा टूटने के बाद ही मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत होती है। अब चार महीने बाद ही सभी प्रकार के मांगलिक कार्यक्रम शुरू होंगे।
देवशयनी एकादशी का व्रत मंगलकारी होता है। इस व्रत के करने से याचक के सभी पापों का नाश हो जाता है।
देवशयनी एकादशी के दिन इन शुभ मुहूर्तों में करें भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना
ब्रह्म मुहूर्त- 04:14 ए एम से 04:55 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 12:00 पी एम से 12:55 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:45 पी एम से 03:39 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 07:05 पी एम से 07:29 पी एम
अमृत काल- 10:58 ए एम से 12:27 पी एम
For More Detail Visit: - www.ptgopalshastri.com
Call Now: - ☎+91-78888-78978/+1(778)7663945
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bhaktigroupofficial · 3 years ago
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🕉ॐ श्री हनुमते नमः🕉
🌄#सुप्रभातम🌄
🗓#आज_का_पञ्चाङ्ग🗓
🌻#मंगलवार, २० #जुलाई २०२१🌻
सूर्योदय: 🌄 ०५:४०
सूर्यास्त: 🌅 ०७:११
चन्द्रोदय: 🌝 १५:४०
चन्द्रास्त: 🌜२६:१६
अयन 🌕 दक्षिणायने (उत्तरगोलीय)
ऋतु: 🌦️ वर्षा
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 आषाढ़
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 एकादशी (१९:१७ तक)
नक्षत्र 👉 अनुराधा (२०:३३ तक)
योग 👉 शुक्ल (१९:३५ तक)
प्रथम करण 👉 वणिज (०८:४० तक)
द्वितीय करण 👉 विष्टि (१९:१७ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कर्क
चंद्र 🌟 वृश्चिक
मंगल 🌟 सिंह (उदित, पूर्व, मार्गी)
बुध 🌟 मिथुन (उदय, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 सिंह (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
शुभाशुभ मुहूर्त विचार
⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५५ से १२:५१
अमृत काल 👉 १०:५८ से १२:२७
रवियोग 👉 ०५:२८ से २०:३३
विजय मुहूर्त 👉 १४:४१ से १५:३७
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:०४ से १९:२८
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०३ से २४:४४
राहुकाल 👉 १५:५० से १७:३४
राहुवास 👉 पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०८:५६ से १०:३९
होमाहुति 👉 शनि
दिशाशूल 👉 उत्तर
नक्षत्र शूल 👉 पूर्व (२०:३३ से)
अग्निवास 👉 पृथ्वी
भद्रावास 👉 स्वर्ग (०८:४० से १९:१७)
चन्द्रवास 👉 उत्तर
शिववास 👉 क्रीड़ा में (१९:१७ कैलाश पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ - रोग २ - उद्वेग
३ - चर ४ - लाभ
५ - अमृत ६ - काल
७ - शुभ ८ - रोग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ - काल �� - लाभ
३ - उद्वेग ४ - शुभ
५ - अमृत ६ - चर
७ - रोग ८ - काल
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
उत्तर-पश्चिम (धनिया अथवा दलिये का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
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देवशयनी एकादशी व्रत (सभी के लिये), चातुर्मास व्रत आरम्भ, विष्णु शयनोत्सव, मंगल सिंह में १७:५४ से आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २०:३३ तक जन्मे शिशुओ का नाम
अनुराधा नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (नी, नू, ने) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमश (नो, या) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कर्क - २९:१६ से ०७:३८
सिंह - ०७:३८ से ०९:५६
कन्या - ०९:५६ से १२:१४
तुला - १२:१४ से १४:३५
वृश्चिक - १४:३५ से १६:५५
धनु - १६:५५ से १८:५८
मकर - १८:५८ से २०:३९
कुम्भ - २०:३९ से २२:०५
मीन - २२:०५ से २३:२९
मेष - २३:२९ से २५:०२
वृषभ - २५:०२ से २६:५७
मिथुन - २६:५७ से २९:१२
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रोग पञ्चक - ०५:२८ से ०७:३८
शुभ मुहूर्त - ०७:३८ से ०९:५६
मृत्यु पञ्चक - ०९:५६ से १२:१४
अग्नि पञ्चक - १२:१४ से १४:३५
शुभ मुहूर्त - १४:३५ से १६:५५
रज पञ्चक - १६:५५ से १८:५८
शुभ मुहूर्त - १८:५८ से १९:१७
चोर पञ्चक - १९:१७ से २०:३३
शुभ मुहूर्त - २०:३३ से २०:३९
रोग पञ्चक - २०:३९ से २२:०५
शुभ मुहूर्त - २२:०५ से २३:२९
शुभ मुहूर्त - २३:२९ से २५:०२
रोग पञ्चक - २५:०२ से २६:५७
शुभ मुहूर्त - २६:५७ से २९:१२
मृत्यु पञ्चक - २९:१२ से २९:२९
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आपका स्वभाव शारीरिक दुर्बलता के कारण उदासीन बना रहेगा। अधिक मेहनत वाले कार्य करने में समर्थ नही रहेंगे फिर भी छोटे मोटे कार्य मे लगे रहेंगे। दिन के आरंभ से मध्यान तक कि दिनचर्या खराब रहेगी कार्य करने की हिम्मत जुटाएंगे लेकिन परिस्थिति कोई न कोई बाधा डालेगी मन मे उटपटांग विचार आएंगे। नौकरी वाले लोग भी मध्यान तक जबरदस्ती कार्य करेंगे लेकिन दोपहर के बाद सेहत में थोड़ी चुस्ती आने लगेगी फिर भी यात्रा अथवा अन्य जोखिम वाले कार्यो से बच कर ही रहे दुर्घटना हो सकती है। कार्य व्यवसाय में आज सफलता कम ही मिलेगी जोड़ तोड़ कर थोड़ा बहुत धन मिलेगा परन्तु तुरंत खर्च हो जाएगा। घर मे शांति रहने के बाद भी मन मे उ��्चाटन बनेगा। सामाजिक सम्मान में कमी आएगी।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन भी आपके अनुकूल बना रहेगा लेकिन आज स्वभाव में थोड़ी तल्खी रहने से आपसी व्यवहारिकता में कमी आएगी। लोग आपसे अपेक्षाये लेकर आएंगे परन्तु निराश होना पड़ेगा। दैनिक कार्य के अतिरिक्त कार्य आने से कुछ समय के लिए असहजता बनेगी। व्यक्तिगत व्यस्तता के कारण सामाजिक कार्यो में बेमन से भाग लेना पड़ेगा फिर भी सम्मान पाने के अधिकारी बनेंगे। काम-धंधे में सुधार आयेगा लेकिन रुके कार्य आज भी पूर्ण होने में संदेह रहेगा। नौकरी पेशाओ एवं महिलाओ का आस-पड़ोसियों से झगड़ा होने की संभावना है। परिवार में किसी से बीमार होने पर चिंता होगी धन खर्च के साथ अतिरिक्त भाग-दौड़ करनी पड़ेगी। अपनी सेहत का भी ख्याल रखें।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन भी आपके धन कोष अथवा अन्य सुख के साधनों में वृद्धि करेगा। कार्य व्यवसाय में पहले से चल रही योजना फलीभूत होने से धन की आमद होगी। भविष्य के लिये भी लाभ के सौदे हाथ लगेंगे। सहकर्मियों का साथ मिलने से निश्चित कार्य समय से पूर्ण कर सकेंगे। महिलाये को शारीरिक कमजोरी के कारण दैनिक कार्यो के अतिरिक्त घर की व्यवस्था सुधारने में परेशानी होगी। कंजूस प्रवृति के कारण घर के किसी सदस्य से मतभेद की संभावना है। आज आप अपनी गलती जानते हुए भी अपनी बात पर अडिग रहेंगे जिससे आस-पास का वातावरण कुछ समय के लिये खराब होगा। व्यवसायिक यात्रा से लाभ हो सकता है। छोटी-मोटी व्याधि को छोड़ सेहत सामान्य रहेगी।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आपको अपनी बुद्धि चातुर्य पर गर्व रहेगा। अतिआत्मविश्वास से भरे रहेंगे प्रत्येक कार्य को मामूली समझ कर बाद के लिये टालेंगे परन्तु अंत समय मे पूर्ण करने में पसीने छूटेंगे। सरकारी कार्य को लेकर भाग-दौड़ करनी पड़ेगी। काम-धंधा पहले से कुछ कम रहेगा जोड़ तोड़ कर ही धन की प्राप्ति हो सकेगी। आज कम समय और परिश्रम से अधिक लाभ कमाने की योजना मन मे रहेगी लेकिन अवसर ना मिलने के कारण लाभ नही उठा सकेंगे। महिलाये जितना कार्य करेंगी उससे ज्यादा सुनाएंगी। घर के सभी सदस्य स्वय को दूसरे से बेहतर प्रदर्शित करेंगे। छोटी-छोटी बातों पर नोकझोंक होगी। दिनचार्य संयमित ना रहने से सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपके स्वभाव में दिखावा एवं ईर्ष्या अधिक रहेगी। जिस भी कार्य को करने की तैयारी करेंगे उसमे कोई न कोई टांग अढ़ायेगा लेकिन फिर भी प्रयास करना ना छोड़े आरम्भ में ही थोड़ी समस्या बनेगी लेकिन बाद में जो लोग आपके कार्यो में विघ्न डाल रहे थे वही सहयोग करने लगेंगे। पूर्व में किया परोपकार और भाग्य का साथ धन लाभ में सहायक बनेगा पर आज कार्य व्यवसाय से जितना धन मिलेगा खर्च के रास्ते पहले बना लेगा। आज परिजनों विशेषकर पिता से संबंध मधुर बनाये रखे इनसे कुछ ना कुछ फायदा हो सकता है। पैतृक कार्यो में भी रुचि रहेगी लेकिन भागदौड़ करना अखरेगा। घरेलू सुख सुविधा में कुछ कमी अनुभव होगी। सेहत में भी छोटी मोटी संमस्या लगी रहेगी फिर भी कार्य बाधक नही बनेगी।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज आप अपनी व्यवहार कुशलता से बिगड़े कार्यो को भी बनाने की क्षमता रखेंगे। मित्र परिजन विषम परिस्थितियों से बाहर निकालने के लिये आपका सहयोग मांगेंगे अपना महत्त्व बढ़ता देख थोड़ी बहुत अहम की भावना भी आएगी जरूरत मंदों को व्यर्थ के चक्कर लगवाएंगे। कार्य क्षेत्र पर जिस काम को हाथ मे लेंगे उसमे निश्चित सफलता मिलेगी। प्रतियोगी परीक्षा में भी सफल होने की संभावना अधिक है। बेरोजगार लोग आज प्रयास करें अवश्य अनुकूल रोजगार से जुड़ सकते है। व्यवसाय में मंदी के बाद भी धन का प्रबंध आवश्यकता के समय कही ना कही से हो ही जायेगा। खान-पान संयमित रखें सेहत खराब हो सकती है।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आपके लिये आज का दिन आशा से कम लाभदायक लेकिन फिर भी संतोषजनक रहेगा। संतोषी प्रवृति रहने के कारण व्यर्थ की उलझनों से बचे रहेंगे। आज आपको आर्थिक विषमताओं का सामना करना पड़ेगा कार्य क्षेत्र अथवा घर मे कोई ना कोई आपके व्यवहार से असंतोष जतायेगा लेकिन आप जानकर भी अनजान बनेंगे। धार्मिक पूजा पाठ में सम्मिलित होने के अवसर मिलेंगे परन्तु ध्यान एकाग्र नही रहने के कारण आध्यात्म लाभ नही मिल पायेगा। नौकरी वाले लोग आज कार्य भार कम रहने से शांति अनुभव करेंगे फिर भी अधिकारी वर्ग से आज कम ही बनेगी। बुजुर्गो का आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिलेगा।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आपका स्वभाव अटपटा रहेगा शुभ कर्मों को छोड़ वर्जित कार्यो में अधिक रुचि दिखाएंगे। काम धंधा मंदा रहेगा लेकिन आज अकस्मात लाभ होने की भी संभावना है लापरवाही से बचे अन्यथा वंचित रह जाएंगे। आज आप अपना काम निकालने के लिये जिद का सहारा लेंगे अन्य लोगो को इससे काफी परेशानी होगी क्र���ध दिमाग पर रहेगा मांगे पूरी ना होने पर कलह पर उतारू हो जाएंगे विशेष कर माता से अपना काम निकल कर ही चैन आएगा। घर का वातावरण उथल पुथल रहेगा पति पत्नी अथवा अन्य परिजनों में शंकालु वृति के कारण झगड़ा हो सकता है। कामोतेजना आज अधिक रहेगी संयम रखें अन्यथा अपमानित हो सकते है। आँख एवं मस्तिष्क संबंधित संमस्या को छोड़ आरोग्य सामान्य रहेगा।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज दिन के आरम्भ में स्वभाव में नरमी रखने की आवश्यकता है। बेतुकी बाते कर के परिवार का वातावरण खराब करेंगे परिजन भी उकसाने वाला व्यवहार करेंगे लेकिन मौन रहकर दोपहर तक का समय बिताये इसके बाद स्थिति अपने आप शांत बनने लगेगी। कार्य क्षेत्र पर भी मध्यान तक नरम व्यवहार रखें इसके बाद स्वतः ही अपनी गलतियों का आभास होगा जिससे विवेक जाग्रत होने पर दिन का बाकी भाग शान्ति से बीतेगा। धन लाभ की कामना पूर्ति के लिये आज परिश्रम अधिक करना पड़ेगा इसकी तुलना में सहयोग की कमी रहेगी। उधारी के व्यवहार स्वयं ही बढ़ाएंगे समय पर उगाही ना होने पर गुस्सा आयेगा। घर और सेहत की स्थिति आज सामान्य रहेगी।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, ख��, खो, गा, गी)
आज का दिन सामाजिक कार्यो में योगदान देने से सम्मान बढ़ायेगा। आज आप कार्यो में जल्दबाजी दिखाएंगे जिससे कोई भी कार्य पूर्ण तो जल्दी हो जाएगा लेकिन इससे संबंधित लाभ के लिये प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। सार्वजिक क्षेत्र पर दान पुण्य के अवसर मिलेंगे लेकिन इससे स्वभाव में अहंकार भी आएगा। कार्य व्यवसाय में आज उन्नति होगी भविष्य के लिये बचत के साथ नई योजनाओं पर भी काम कर सकेंगे। आज आपको कोई लालच देकर ठग सकता है प्रलोभन से बचे अन्यथा आज होने वाला लाभ आते ही व्यर्थ में खर्च हो जाएगा। गृहस्थी चलाने में थोड़ी कठिनाई आएगी फिर भी आपसी तालमेल से विजय पा लेंगे। स्वास्थ्य में छोटे मोटे कष्ट लगे रहेंगे।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आपका मुख्य लक्ष्य अपने व्यावसायिक क्षेत्र में वृद्धि कर लाभ उठाने का रहेगा इसके लिये सार्वजनिक क्षेत्र पर नए लोगो से जान पहचान बनाएंगे छोटी बड़ी यात्रा एवं परिश्रम आज अधिक करना पड़ेगा लेकिन धन संबंधित कामनाये पूरी होने में फिर भी संशय बना रहेगा। नौकरी पेशाओ को भी कार्य के सिलसिले से यात्रा करनी पड़ सकती है यात्रा शुभ ही रहेगी नए मित्रो से संपर्क, मेल मिलाप बढ़ेगा मशीनरी अथवा अन्य संसाधनों का लाभ होगा लेकिन यात्रा को सीधे धन लाभ से ना जोड़े अन्यथा उदासी ही मिलेगी। लाटरी सट्टे में निवेश का मन बनेगा लेकिन ज्यादा लाभ नही मिलेगा। घर के सदस्य आज एकमत ��हने से शांति रहेगी।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज दिन के आरंभिक भाग में आप किसी महात्त्वपूर्ण कार्य को लेकर उत्साहित रहेंगे लेकिन सेहत में धीरे धीरे नरमी आने से मन का उत्साह भी उदासीनता में बदल जायेगा। काम-धंधा अपेक्षा के अनुसार नही चलने से अतिरिक्त मानसिक बेचैनी रहेगी। अक्समात यात्रा के योग भी बनेंगे यथा सम्भव टालने का प्रयास करें। व्यवसायी वर्ग तुरंत लाभ पाने की कामना से निवेश ना करें अन्यथा निराश होना पड़ेगा धन की आमद आज निश्चित नही रहेगी फिर भी काम चलाने लायक हो ही जाएगी। परिवार में मौसमी बीमारियों का प्रकोप रहने से अव्यवस्था रहेगीं दवाओं पर खर्च करना पड़ेगा।---------------------------------🙏
🦚🌈 श्री भक्ति ग्रुप मंदिर 🦚🌈
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bhaktibharat · 3 years ago
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✨भड़रिया नवमी - Bhadariya Navami [18 July 2021]
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भड़रिया नवमी एक अबूझ शुभ मुहूर्त है, इस दिन किसी भी प्रकार की सभी शुभ गतिविधियां आयोजित की जा सकती हैं। भड़रिया नवमी मुख्य रूप से विवाह जैसे शुभ कार्यों के लिए जन-मानस के बीच अधिक प्रसिद्ध है।
संबंधित अन्य ना��: _भड़रिया नौमी, भड़ल्या नवमी, भढली नवमी, भड़ली नवमी, भादरिया नवमी, भदरिया नवमी, बदरिया नवमी_
📲 https://www.bhaktibharat.com/festival/bhadariya-navami
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📥 https://play.google.com/store/apps/details?id=com.bhakti.bharat.app
*देवशयनी एकादशी* - Devshayani Ekadashi
📲 https://www.bhaktibharat.com/festival/ekadashi
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vilaspatelvlogs · 4 years ago
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शुभ मुहूर्त: 17 अप्रैल को शुक्र ग्रह के उदय होने पर 20 जुलाई तक किए जा सकेंगे मांगलिक काम
शुभ मुहूर्त: 17 अप्रैल को शुक्र ग्रह के उदय होने पर 20 जुलाई तक किए जा सकेंगे मांगलिक काम
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप 3 घंटे पहले कॉपी लिंक इस महीने 8 दिन रहेंगे विवाह के शुभ मुहूर्त, 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी से अगले 4 महीने तक नहीं रहेंगे मुहूर्त 17 अप्रैल, शनिवार को शुक्र ग्रह उदय हो जाएगा। इसके साथ ही मांगलिक और शुभ काम शुरू हो जाएंगे। ये ग्रह 2 महीने पहले मंगलवार, 16 फरवरी को मकर राशि में अस्त हो गया था। इस दौरान शुभ और मांगलिक काम…
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rudrjobdesk · 2 years ago
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Devshayani Ekadashi 2022 : देवशयनी एकादशी कल, नोट कर लें डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा- विधि, महत्व और सामग्री की पूरी लिस्ट
Devshayani Ekadashi 2022 : देवशयनी एकादशी कल, नोट कर लें डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा- विधि, महत्व और सामग्री की पूरी लिस्ट
Devshayani Ekadashi 2022 : हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में दो बार एकादशी तिथि पड़ती है। एक बार कृष्ण पक्ष में और एक बार शु��्ल पक्ष में। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस एकादशी तिथि से भगवान विष्णु विश्राम करते हैं और सृष्टि का संचालन भगवान…
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humongousdreamerkitten · 2 years ago
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भड़ली नवमी कब है 2022, क्या है महत्व, मुहूर्त, पूजा विधि और विवाह के लिए 5 उपाय
भड़ली नवमी कब है 2022, क्या है महत्व, मुहूर्त, पूजा विधि और विवाह के लिए 5 उपाय
भड़ली नवमी नवमी तक विवाह के लिए शुभ मुहूर्त है। इसके बाद देवशनी एकादशी के बाद सभी तरह के मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे। आओ जानते हैं कि भड़ली नवमी कब है, क्या है इसका महत्व, ��ूजा विधि, मुहूर्त और विवाह बाधा दूर करने के 5 उपाय।   भड़ली नवमी कब है 2022 : आषाढ़ शुक्ल की नवमी को भड़ली कहते हैं। इस बार यह 8 जुलाई, शुक्रवार को मनाई जाएगी। इसके बाद 10 जुलाई को देवशयनी एकादशी है।   महत्व : अक्षया…
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kisansatta · 4 years ago
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जानें कब हैं देवउठनी एकादशी
जानें शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि और कथा देवउठनी एकादशी को देवोत्थान और प्रबोधनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन तुलसी विवाह करना बहुत शुभ माना जाता है। भगवान विष्णु देवश्यनी एकादशी पर चार महीने की निद्रा अवस्था में चले जाते हैं। जिसके बाद से ही पृथ्वीं पर सभी तरह के शुभ कार्य बंद हो जाते है। देवश्यनी एकादशी के बाद भगवान विष्णु देवउठनी एकादशी पर फिर से जाग्रत अवस्था में आते हैं। जिसके बाद ही शादी,गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य प्रारंभ होते हैं। देवउठनी एकादशी तिथि 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी शुभ मुहूर्त जानिए अक्षय नवमी की व्रत कथा देवउठनी एकादशी तिथि प्रारम्भ – रात 2 बजकर 42 मिनट से (25 नवंबर 2020) देवउठनी एकादशी तिथि समाप्त – अगले दिन सुबह 5 बजकर 10 मिनट तक (26 नवंबर) देवउठनी एकादशी का महत्व देवउठनी एकादशी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती हैं ।
देवउठनी एकादशी को देवोत्थान और प्रबोधनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन तुलसी विवाह करना बहुत शुभ माना जाता है। भगवान विष्णु देवश्यनी एकादशी पर चार महीने की निद्रा अवस्था में चले जाते हैं। जिसके बाद से ही पृथ्वीं पर सभी तरह के शुभ कार्य बंद हो जाते है। देवश्यनी एकादशी के बाद भगवान विष्णु देवउठनी एकादशी पर फिर से जाग्रत अवस्था में आते हैं। जिसके बाद ही शादी,गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य प्रारंभ होते हैं। देवउठनी एकादशी में कब हैं ,
शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु अपनी चार महीनों की निंद से जागते हैं। इसके अलावा यह दिन सभी देवताओं के जागने का दिन भी माना जाता है। देवश्यनी एकादशी के समय भगवान विष्णु ��ार महीने की निद्रा अवस्था में चले जाते हैं। जिसके कारण धरती पर सभी तरह के शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। जिसके बाद भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी पर अपनी निद्रा अवस्था से बाहर आते हैं और धरती पर एक बार फिर से सभी तरह के शुभ कार्य होने प��रारंभ हो जाते हैं। देवउठनी एकादशी को देवोत्थान और प्रबोधनी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन शालिग्राम जी का विवाह भी तुलसी जी से पूरे रीति रिवाज के साथ कराया जाता है। माना जाता है कि जब देवता अपनी जाग्रत अवस्था में आते हैं तो वह पहली प्रार्थना तुलसी जी की ही स्वीकार करते हैं। जानिए माता महालक्ष्मी ने भी किया था आंवले के पेड़ का Saligram, भगवान शिव और विष्णु हुए थे प्रसन्न देवउठनी एकादशी की पूजा विधि
1. देवउठनी एकादशी के दिन पूजा करने वाले साधक को किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान अवश्य ही करना चाहिए। 2. इसके बाद किसी साफ चौकी पर गंगाजल छिड़क कर उसे पवित्र करके उस पर पीला कपड़ा बिछाएं और उनके चरणों की आकृति बनाएं। 3. कपड़ा बिछाने के बाद भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें और उनका चंदन से तिलक करके उन्हें न्हें पीले वस्त्र, पीले फूल,नैवेद्य, फल, मिठाई, बेर सिंघाड़े ,ऋतुफल और गन्ना अर्पित करें। 4.इसके बाद भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें, उनकी आरती उतारें और उन्हें पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। शाम के समय पूजा स्थल और अपने घर के मुख्य द्वार पर दीप अवश्य जलाएं सोमवार को ऐसे करें महादेव को प्रसन्न, आपकी मनोकामना करेंगे पूरी 5.पूजा की सभी विधि संपन्न करने के बाद घंटा अवश्य बजाएं और इन वाक्यों का उच्चारण करें उठो देवा, बैठा देवा, आंगुरिया चटकाओ देवा, नई सूत, नई कपास, देव उठाये कार्तिक मास देवउठनी
एकादशी की कथा पौराणिक कथा के अनुसार एक बार लक्ष्मी जी ने भगवान विष्णु से पूछा हे प्रभु आप रात और दिन जागते हैं और सो जाते हैं तो करोड़ो वर्षों तक सोते ही रहते हैं। जब आप सोते हैं तो तीनों लोकों में हाहाकार मच जाता है। इसलिए आप अपनी निद्रा का कोई समय क्यों नहीं तय कर लेते। अगर आप ऐसा करेंगे तो मुझे भी कुछ समय आराम करने के लिए मिल जाएगा। माता लक्ष्मी की बात सुनकर भगवान श्री हरि विष्णु मुस्कुराए और बोले हे लक्ष्मी तुम ठीक कह रही हो। मेरे जागने से सभी देवतओं के साथ- साथ तुम्हें भी कष्ट होता है। जिसकी वजह से तुम जरा भी आराम नहीं कर पाती। इसलिए मैने निश्चय किया है कि मैं आज से प्रत्येक वर्ष चार महिनों के लिए वर्षा ऋतु में निद्रा अवस्था में चला जाऊंगा। उस समय तुम्हारे साथ- साथ सभी देवताओं को भी कुछ आराम मिलेगा।मेरी यह निद्रा अ��्पनिद्रा और प्रलय कालीन महानिद्रा कहलाएगी। मेरी इस निद्रा से मेरे भक्तों का भी कल्याण होगा। इस समय में मेरा जो भी भक्त मेरे सोने की भावना से मेरी सेवा करेगा और मेरे सोने और जागने के आनंदपूर्वक मनाएगा मैं उसके घर में तुम्हारे साथ निवास करूंगा।
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chaitanyabharatnews · 3 years ago
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देवशयनी एकादशी आज, इस दौरान भूलकर भी ना करें ये काम, जाने पूजा विधि और महत्व
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चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में दो बार एकादशी तिथि पड़ती है। एक बार कृष्ण पक्ष में और एक बार शुक्ल पक्ष में। आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है जो कि इस बार 20 जुलाई को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस एकादशी तिथि से भगवान विष्णु विश्राम करते हैं और सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं। इस दौरान सभी मांगलिक कार्य जैसे शादी-विवाह, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत पर अगले चार महीने के लिए विराम लग जाएगा। इसी दिन से चातुर्मास शुरू हो जाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु विश्राम के लिए पाताल लोक चले जाते हैं और वे वहां चार मास विश्राम करते हैं। इस बीच पृथ्वी लोक की देखभाल भगवान शिव करते हैं। इसीलिए चातुर्मास में सावन का विशेष महत्व बताया गया है।सावन के महीने में भगवान शिव माता पार्वती के साथ पृथ्वी का भ्रमण करते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। जब भगवान विष्णु पाताल लोक चले जाते हैं तो सभी मांगलिक कार्य स्थगित कर दिए जाते हैं, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस समय किये गए किसी मांगलिक कार्य का ��ुभ फल नहीं मिलता है। देवशयनी एकादशी के चार मास बाद देवउठनी एकादशी के दिन से पुनः मांगलिक कार्य शुरू होते हैं। 14 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर विष्णु भगवान विश्राम काल पूर्ण कर क्षिर सागर से बाहर आकर पृथ्वी की बागड़ोर अपने हाथों में लेते हैं। चातुर्मास में क्‍या नहीं करना चाह‍िए चातुर्मास का सबसे पहला नियम यह है कि इन 4 महीनों में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश और तमा�� सोलह संस्कार नहीं किए जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इन सभी कार्यों पर सनातन धर्म के सभी देवी-देवताओं को आशीर्वाद देने के लिए बुलाया जाता है मगर भगवान विष्णु शयन काल में रहते हैं इसीलिए वह आशीर्वाद देने नहीं आ पाते हैं। ऐसे में भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए लोग इन 4 महीनों को छोड़कर अन्य महीनों में शुभ कार्य करते हैं। शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने व पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए पंचगव्य (गाय का दूध, दही, घी, गोमूत्र, गोबर) का सेवन करें। इसके साथ चातुर्मास के पहले महीने यानि सावन में हरी सब्जियां, भादो में दही, अश्विन में दूध और कार्तिक म���ं दाल का सेवन करना वर्जित माना गया है। इसके साथ इन 4 महीनों में तामसिक भोजन, मांस और मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए। चातुर्मास के नियमों के अनुसार इन 4 महीनों में शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए और किसी की निंदा करने से बचना चाहिए। इसके अलावा इन 4 महीनों में मूली, परवल, शहद, गुड़ तथा बैंगन का सेवन करना वर्जित माना गया है। देवशयनी एकादशी की पूजा-विधि देवशयनी एकादशी के दिन सबसे पहले जल्दी उठकर घर की साफ-सफाई करें। स्नान कर घर में पवित्र जल का छिड़काव करें। देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का कमल के पुष्पों से पूजन करना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि, इन चार महीनों के दौरान भगवान शिवजी सृष्टि को चलाते हैं। इसलिए विष्णु के साथ भगवान शिव की पूजा करना शुभ माना गया है। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की कथा सुनें। देवशयनी एकादशी की पूजा के बाद गरीबों को फल दान करें। देवशयनी एकादशी : चार महीने भगवान विष्णु करेंगे विश्राम, इस दौरान भूलकर भी ना करें ये काम देवशयनी एकादशी पर जरूर पढ़ें यह व्रत कथा, सुनकर मिलता है व्रत का पूर्ण फल जानिए कब है देवशयनी एकादशी, इसका महत्व और पूजा विधि देवशयनी एकादशी: आज से 5 माह तक योग निद्रा में चले जाएंगे भगवान विष्णु, जानें व्रत रखने का शुभ मुहूर्त और पारण का समय Read the full article
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