#दूध अंडा खाने के फायदे
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उबला अंडे खाने के फायदे
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Best Benefits and side effects of yogurt | Dahi khane ke fayde |what is curd, Dahi, yogurt, use
DAHI Khane Ke Fayde : भारतीय खानों में दही का अपना एक अलग स्थान है भारत में कोई भी खाद्य पदार्थों बिना दही के नहीं परोसा जाता है दही सबसे आम और बहुमुखी खाद्य पदार्थों में से एक है,
चाहे वह नाश्ते के रूप में, मिठाई के रूप में या किचन में, और एक स्वस्थ आहार में मुख्य है।दही के बहुत सरे फायदों के कारण ये पूरी दुनिया का पसंदीदा खाद्य पदार्थ है.
कहते है दूध से ज्यादा फायदेमंद दही होता है, दूध से एक समय के बाद ये शरीर में दुष्प्रभाव पड़ता है. लेकिन दही में फैट बहुत कम होता है, low फैट दूध से बने दही में तो बिल्कुल फैट नहीं होता है.दही हमारे शहरी के लिए बेहद लाभकारी इंग्रिडअंट है.स्वास्थ व सौन्दर्य दोनों के लिए दही बहुत अच्छा है.
आयुर्वेद के अनुसार ग��य के दूध से बना दही बलवर्धक, शीतल, पौष्टिक, पाचक और कफनाशक होता है. भैंस के दूध से बना दही रक्त, पित्त, बल-वीर्यवर्धक, स्निग्ध, कफकारक और भारी होता है. मख्खन निकाला हुआ दही शीतल, हल्का, भूख बढानेवाला, वातकारक और दस्त रोकने वाला होता है.
हालांकि, सभी लोकप्रिय दैनिक खाद्य पदार्थों के साथ, इसके पोषण संबंधी लाभ पूरी तरह से ज्ञात नहीं हैं, यही कारण है की दही को लेकर चारों ओर मिथक उत्पन्न होते हैं दही एक दुग्ध-उत्पाद है जिसका निर्माण दूध के जीवाणुज किण्वन द्वारा होता है।
हमारे देश के अलावा इसे विदेश में भी लोग दिन के समय अपने खाने में जरुर लेते है.डॉक्टर और सभी डाईटीशियन लंच में 1 कटोरी दही खाने की सलाह देते है दूध में फैट व चिकनाई अधिक होता है
लैक्टोज का किण्वन लैक्टिक अम्ल बनाता है, जो दूध प्रोटीन से प्रतिक्रिया कर इसे दही मे बदल देता है साथ ही इसे इसकी खास बनावट और विशेष खट्टा स्वाद भी प्रदान करता है। खाने में दही का प्रयोग पिछले लगभग 4500 साल से किया जा रहा है। आज इसका सेवन दुनिया भर में किया जाता है।
जिससे एक समय के बाद ये शरीर में दुष्प्रभाव पड़ता है. लेकिन दही में फैट बहुत कम होता है, low फैट दूध से बने दही में तो बिल्कुल फैट नहीं होता है.दही हमारे शहरी के लिए बेहद लाभकारी इंग्रिडअंट है.यह एक स्वास्थ्यप्रद पोषक आहार है। यह प्रोटीन, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, विटामिन B6 और विटामिन B12 जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होता है।
दूध से दही कैसे बनता है दूध से दही बनाने के लिए दूध को 72 से 75 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर गर्म करके उसे 21 डिग्री सेंटीग्रेड (room temperature) ताप तक ठंडा करके उसमें 1 से 2% जामन (एक दो चम्मच दही) मिलाकर 8 से 10 घंटे बाद बना उत्पादक दही कहलाता है। लेकिन गर्मी के मौसम में दही 6 से 8 घंटे में जम जाता है।
आप दही को अपने अनुसार खट्टा दही, मीठा दही, गाड़ा दहि, पतला दही जिस रूप में चाहे अपने अनुसार बना सकते हैं।
दही (योगहर्ट या योगर्ट) - विकिपीडिया
खट्टा दही (sour curds) अगर आप खट्टा दही पसंद करते हैं तो इसके लिए जवाबदेही जमाते हैं उस समय इस में अधिक मात्रा में जाम अंडा ले जा मन यानी कि जो दही को जमाने के लिए पोषण डालते हैं उसे ज्यादा मात्रा में डालें और जब आपको लगे कि दही जम चुका है तो ऐसे दो चार घंटे बाहर ही रहने दें उसके बाद फ्रिज में रखें
और जब आप खाने के लिए दही का यूज करें उससे एक या 2 घंटे पहले इस ��िश्ते से बाहर निकालने जिससे आपको खट्टा नहीं मिलेगा उपयोग में लेने के बाद बचे हुए दही को आप वापस फ्रिज में रख दे अगर आप बाहर रखेंगे फिर खाने योग्य नहीं होगा और खट्टे दही से आप करी, दाल – ढोलकी आदि में यूज कर सकते
मीठी दही (sweet curds) अगर आप मीठी दही खाना पसंद करते हैं तो आप दही को मुलायम होने तक का फैट ले उसके बाद इसमें चीनी पीसकर ऐड करे या चीनी को दरदरा होने के बाद मिलाये और उसके बाद दही को फ्रिज में रखें और अपने अनुसार यूज करें
गाढ़ा दही (thick curds) दही हमारे खाने में डेली यूज़ किया जाता है खासतौर से गर्मियों के सीजन में तो दही का उपयोग और अधिक मात्रा में किया ही जाता है। और गाढ़ा दही खाना सभी पसंद करते हैं दही को गाढ़ा बनाने के लिए भैंस के दूध का उपयोग करना चाहिए।
स्वादिष्ट दही गाय के दूध से भी बनता है परंतु भैंस के दूध जितना गाढ़ा नहीं होता गाय के दूध से बना हुआ दही जेली के समान होता है गाढ़ा दही का उपयोग रायता या लस्सी बनाने के लिए किया जाता है इसका स्वाद भी पतले दही की अपेक्षा बहुत अच्छा होता है
फेंटा हुआ दही (whisked curds) दही को फेंकने से उसमें हवा भरने के कारण दही की मात्रा बढ़ जाती है आप अपने उपयोग के लिए जितना दही चाहते उतना दही निकालने और उसको फैट ले फैटने के बाद सुषमा ने ऐड करें और अपने उपयोग में ले
दही के साथ मिलाकर खा ले इन 4 चीजों में से कुछ भी, होंगे बड़े-बड़े फायदे | NewsTrack Hindi 1
हम दही का चुनाव किस प्रकार से कर सकते हैं – suggestion How can we choose curd,dahi yogurt,yoghurt अगर आप दही मार्केट से ले रहे हैं तो पैकेट पर डाली हुई डेट का ध्यान दें पैकेट में दी गई हुई डेट तक दही का उपयोग कर सकते हैं दही उपयोग में लेने के बाद बचे हुए दही को अच्छे से पैक कर फ्रिज में रखे चाहे दही आपका पैकेट में हो या फिर किसी बर्तन में अच्छे से पैक कर कर ही रखें अगर आप दही घर पर तैयार कर रहे हैं तो आप रात को दही बनाने के लिए रखे और सुबह यूज़ करें सुबह बनाने के लिए रखे शाम यूज करें यानी कि आप दही का यूज बनने के 1 से 2 दिन के अंदर कर सकते हैं इससे आपको ताजा नहीं मिलेगा कौन कौन से जानवरो के दूध से दही बनता है । ऊंट, बकरी, भैस और गाय के साथ साथ बाकी सभी दूध देने वालेजानवरो के दूध से दही बनाकर उपयोग में लाया जाता है। आजकल सोयाबीन और नारियल के दूध का दही कुछ रोगियो के लिये उपयोग करते है।
(use of yogurt in the kitchen or Uses of curd, dahi, yogurt, yoghurt in Indian cooking रसोई में दही का उपयोग) आप दही का उपयोग दही चक्का, पनीर, छास, मठ्ठा, कढी इस रूप में, और साथ साथ रायता, दहीवडा, श्रीखंड आदि के जरीये हमारे भोजन में शामिल है। आप दही को खाने के लिए उसमें कुछ ताजे फलों को काटकर भी उपयोग में ले सकते हैं इससे आपके दिन की शुरुआत भी अच्छी होगी और यह आपका एक हेल्दी ��्रेकफास्ट भी बन जाएगा दही में कुछ ऐसे रासायनिक पदार्थ होते हैं, जिसके कारण यह दूध की अपेक्षा जल्दी पच (डाइजेस्ट हो जाता है) जाता है। जिन लोगों को पेट की परेशानियां जैसे- अपच, कब्ज, गैस जैसी बीमारियाँ घेरे रहती हैं, उनके लिए दही या उससे बनी लस्सी, मट्ठा, छाछ का उपयोग करने से आंतों की समस्या दूर हो जाती है। डाइजेशन अच्छी तरह से होने लगता है और भूख खुलकर लगती है। जीरे के साथ दही अगर आपका वजन बढ़ गया है और आप उसे कम करना चाहते हैं तो दही में जीरा को मिलाकर खाएं शहद के साथ दही अगर आपको मुंह में छाले हो जाते हैं तो आप दही में एक चम्मच शहद मिलाकर खाएं दही में चीनी मिलाकर खाने से खून की कमी दूर होती है। दही का सेवन चावल, पराठे, रायता और छाछ बनाकर भी सेवन कर सकते हैं 100 ग्राम दही में पौष्टिक तत्व
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तेजी से वजन बढ़ाने और मोटा होने के लिए खाएं ये 11 चीजे - Eat these 11 things to gain weight fast and become fat
आप दालें, राजमा, छोले, लोबिया, मछली, मीट, दही और अंडा जरूर खाएं. 11- हेल्दी फैट है जरूरी-
वजन बढ़ाने के लिए
आपको
खाने
में फैट वाली चीजें भी शामिल करनी होंगी. इससे आपको
वजन बढ़ाने
में मदद मिलेगी. आप इसके
लिए
मूंगफली, तिल, बादाम, अखरोट, पिस्ता, सूरजमुखी के बीज, अलसी के बीज, खरबूजे के बीज खा सकते हैं.
कुछ लोगों के लिए वजन बढ़ाना या मसल्स बनाना उतना ही मुश्किल हो सकता है जितना कि मोटे लोगों के लिए वजन कम करना होता है। हालांकि आप अपने आहार में कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल करके आसानी से कुछ ही समय में वजन को बढ़ा सकते हैं और यह अधिक प्रभावी हो सकते हैं।
तेजी से वजन बढ़ाने और मोटा होने के लिए खाएं ये 11 चीजे - Eat these 11 things to gain weight fast and become fat
1.वजन बढ़ाने के लिए खाएं प्रोटीन सप्लीमेंट – Vajan badhane ke liye khayen Protein supplements
वजन बढ़ाने में प्रोटीन सप्लीमेंट सबसे अधिक प्रभावी होता है। मट्ठा, सोया, अंडा और मटर प्रोटीन सहित कई प्रकार के प्रोटीन सप्लीमेंट उपलब्ध हैं। व्हे प्रोटीन सप्लीमेंट्स और मास गेनर्स सप्लीमेंट्स जो आपको मसल्स मास बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
कुछ लोग सोचते हैं कि व्हे प्रोटीन अस्वास्थ्यकर है, लेकिन ऐसा नहीं है। मट्ठा प्रोटीन डेयरी से बना है और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और बीमारी के जोखिम को कम करने में मदद करने के लिए दिखाया गया है। आप इसे अपने वर्कआउट से पहले या बाद में और दिन में किसी भी समय इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसके अलावा आप घर पर भी प्रोटीन शेक को घर पर बना सकते है जो अधिक फायदेमंद होता है। आप जो स्मूदी खुद बनाते हैं, वह रेडीमेड स्मूदी खरीदने की तुलना में अधिक पौष्टिक होगी। जल्दी वजन बढ़ाने के लिए आप उच्च ऊर्जा वाले नाश्ते के साथ अपने दिन की शुरुआत करें। ��्रोटीन के लिए, मूंगफली बटर, बादाम का मक्खन, अलसी, या चिया बीज का सेवन करें। प्रोटीन सामग्री को बढ़ाने के लिए सूप, मसले हुए आलू और दलिया जैसे व्यंजनों का सेवन कर सकते है।
2.वजन बढ़ाने के लिए नट्स और नट बटर खाएं – Nuts and nut butters for Gain Weight Fast
अगर आप जल्दी वजन बढ़ाना चाहते हैं तो नट्स और नट बटर सही विकल्प हैं। सिर्फ एक मुट्ठी कच्चे बादाम (लगभग 1/4 कप) में 170 कैलोरी, 6 ग्राम प्रोटीन, 4 ग्राम फाइबर और 15 ग्राम स्वस्थ वसा होता है।
नट्स में कैलोरी बहुत अधिक होती हैं, इसलिए आप भोजन के साथ या नाश्ते के रूप में प्रतिदिन केवल दो मुट्ठी भर नट्स का सेवन करके कैलोरी को जोड़ सकते हैं। आप विभिन्न प्रकार के स्नैक्स या व्यंजनों में नट बटर में स्मूदी, योगर्ट और क्रैकर्स आदि को मिला सकते हैं।
इसके अलावा आप पीनट बटर का भी सेवन कर सकते हैं। लेकिन यदि आपको मूंगफली से एलर्जी है, तो आप दूसरे नट बटर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
3.जल्दी वजन बढ़ाने के लिए दूध के साथ केला खाएं – Banana and milk to Gain Weight Fast
जल्दी वजन बढ़ाने के लिएदूध और केला भी अच्छा विकल्प है। इसमें शुगर और कैलोरी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो आपका वजन तेजी से बढ़ाने का काम करती है। विशेषज्ञों का मानना है क��� दूध के साथ केला खाने से और भी कई फायदे होते हैं, इसलिए आप इसका सेवन जरूर करें।
4.तेजी से वजन बढ़ाने के लिए खाएं लाल मांस – Teji se vajan badhane ke liye khayen red meat
अगर आप जल्दी से अपनी मांसपेशियों का विकास करना चाहते है तो रेड मीट का प्रतिदिन सेवन करें, इससे सिर्फ मांसपेशियां ही नहीं बनती हैं बल्कि वजन भी बहुत आसानी से बढ़ जाता है। रेड मीट में ल्यूसिन (leucine), क्रिएटिन (creatine) एवं अन्य आवश्यक पोषक तत्व पाये जाते हैं जो मांसपेशियों में वृद्धि के साथ ही शरीर का वजन भी बढ़ाने में मदद करते हैं। रेड मीट में प्रोटीन और फैट भी पाया जाता है। लेकिन याद रखें कि रेड मीट का सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
5.जल्दी वजन बढ़ाने के लिए खाएं पनीर – Cheese For Weight Gain Fast
जल्दी वेट गेन करने में पनीर (Cheese) या चीज आपकी मदद कर सकता है। इसमें प्रचुर मात्रा में कैलोरी और फैट होता है। अगर पनीर को अधिक मात्रा में खाया जाए तो इससे पर्याप्त प्रोटीन शरीर को मिल जाता है। पनीर तो वैसे भी बहुत स्वादिष्ट होता है। इससे भोजन और सब्जियों के रूप में खाने से आप अपने शरीर की कैलोरी (calorie) बढ़ा सकते हैं। इसमें हेल्दी फैट पाया जाता है और इसे खाने से वजन आसानी से बढ़ सकता है।
6.फास्ट वेट गेन करने के लिए सैल्मन मछली खाएं – Fast weight gain karne ke liye Salmon fish khaye
रेड मीट की तरह, सैल्मन मछली प्रोटीन और स्वस्थ वसा के उत्कृष्ट स्रोत हैं। सैल्मन मछली के सभी पोषक तत्वों में से, ओमेगा -3 फैटी एसिड सबसे महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध हैं। यह आपके स्��ास्थ्य के लिए कई लाभ प्रदान करते हैं और बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। सैल्मन मछली में प्रोटीन और वसा पाया जाता है जो हमारी मांसपेशियों के विकास में मदद करता है, इससे आपका वजन जल्दी से बढ़ जाता है।
7.जल्दी वजन बढ़ाने के लिए दूध पियें – Jaldi vajan badhane ke liye piye dudh
तेजी से वजन बढ़ाने और मसल मास बनाने के लिए दूध को बहुत पहले से इस्तेमाल किया जा रहा है। दूध में फैट, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, विटामिन और मिनरल ये सभी बहुत संतुलित मात्रा में मौजूद होते हैं।
मिल्क सबसे बेहतरीन प्रोटीन का स्त्रोत में से एक है जो कि कैसिइन प्रोटीन और व्हे प्रोटीन दोनों की आपूर्ति करता है। कई शोध में पाया गया है कि मिल्क, कैसिइन प्रोटीन और वे प्रोटीन सब बड़ी मात्रा में मसल मास बढ़ाने में मदद करतें हैं जो कि प्रोटीन के फायदों से भी कहीं ज्यादा है।
8.वेट गेन करने के लिए खाएं डार्क चॉकलेट – Dark Chocolate To increases weight fast
डार्क चॉकलेट में कोकोआ की मात्रा 70% होती है। फैटी फूड की तरह डार्क चॉकलेट में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, इसे खाकर आपके शरीर को कई कैलोरीज मिल जाएंगी जो वेट गेन में मददगार होंगी। हर 100 ग्राम के डार्क चॉकलेट बार में 600 कैलोरी होती हैं और इसके साथ ही अन्य माइक्रोन्यूट्रिएंट्स और घटक होते हैं जैसे कि फाइबर, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट।
9.जल्दी वजन बढ़ाने के लिए खाना चाहिए अंडे – Whole Eggs benefits for weight gain
जल्दी वजन बढ़ाने और मसल बनाने में अंडे को सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। इनमें प्रोटीन और हेल्दी फेट्स की मात्रा बहुत अधिक होती है, इसके लिए आप होल एग का सेवन करें। अंडे में सबसे ज्यादा लाभकारी पोषण तत्व अंडे के योल्क में या पीली जर्दी में पाए जाते हैं। यह मांशपेशियों के विकास में मदद करता है।
10.वजन बनाने के लिए खाएं किशमिश – Vajan banana ke liye khaye kishmish
दुबलापन हटाने और वजन बढ़ाने के लिए किशमिश का सहारा भी लेना है। 50 ग्राम किशमिश रात को पानी में भिगो दे। सुबह भली प्रकार चबा चबा कर खाएं। दो तीन माह के प्रयोग से वजन बढेगा। किशमिश में कैलोरी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो वजन बढ़ाने में सहायक होती है।
11.वेग गेन करने के लिए दही खाएं – Weight gain karne ke liye dahi khaye
दही में मौजूद गुड बैक्टीरिया से भूख ज्यादा लगती है और जब आप जादा खाते है तो आसानी से वजन बढ़ाने लगता है। इसलिए अगर आप वजन तेजी से बढ़ाना है तो दही को अपनी डाइट में शामिल करें।
तेजी से वजन बढ़ाने और मोटा होने के लिए क्या खाना चाहिए (Best Healthy Foods to Gain Weight Fast) का यह पोस्ट आपको कैसा लगा | हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
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अंडा, दूध, मीट से भी ज्यादा ताकतवर है ये चीज, हर दिन 100 ग्राम खाने से शरीर बनेगा पॉवरफुल, जानिए गजब के फायदे
अंडा, दूध, मीट से भी ज्यादा ताकतवर है ये चीज, हर दिन 100 ग्राम खाने से शरीर बनेगा पॉवरफुल, जानिए गजब के फायदे
Benefits of protein rich soybean: अगर आप अकसर थका हुआ महसूस करते हैं या फिर आलस से घिरे रहते हैं तो सोयाबीन खाइए. इसे प्रोटीन का उत्तम स्रोत माना जाता है. खास बात ये है कि सोयाबीन शाकाहारी लोगों के लिए सोयाबीन मांस जितना पोषण प्रदान करता है. यही वजह है कि शाकाहारी भोजन करने वाले लोगों के आहार में सोयाबीन शामिल करने की सलाह दी जाती है. सोयाबीन में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Nutrients found in…
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Sehat Kaise Banaye
सेहत का किंग कैसे बनें?
अच्छे मसल्स, फिट बाॅडी, तंदुरूस्त शरीर और आकर्षक पर्सनेलिटी। ये सब मिलकर बनाते हैं आपको परफेक्ट मैन और आप दिखते हैं भीड़ में सबसे अलग। आज के फैशन भरे दौर में हर पुरूष चाहता है अपनी बाॅडी बनाना। लेकिन क्या हर कोई बन पाता है मसल्स मैन। अगर आपका जवाब है नहीं और जानना चाहते हैं कि आखिर कैसे बनायें ऐसी बाॅडी और पर्सनेटिलिटी, तो इस हिंदी लेख का पूरा पढ़ें, क्योंकि इस हिंदी लेख में हम बताने वाले हैं ऐसे लोगों के लिए जो जिम करते हैं और साथ मैं ऐसा कुछ खाना चाहते हैं जिससे उनकी बाॅडी और मसल्स जल्द से जल्द बन जाये, उनके लिए खाने-पीने की बहुत बढ़िया डाइट के बारे में..
तो चलिए करते हैं स्टार्ट!
Sehat Kaise Banaye
सबले पहले बात करते हैं अंडे की। बाॅडी बनाने के लिए सबसे ज्यादा प्रोटीन की जरूर होती है और अंडे में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाई जाती है। इसलिए आप जिम करते हैं, तो रोजाना दूध के साथ एक अंडा खायें या फिर दो उबले हुए अंडे जिम करने के बाद खायें। इससे आपके मसल्स जल्दी बनेंगे।
जिम करने के बाद मांसपेशियों में खिंचाव के कारण होने वाले दर्द में बहुत राहत देता है चेरी। इसलिए आप चेरी भी जरूर खायें, क्योंकि चेरी में एंटीऑक्सीडेंट काफी अच्छी मात्रा में होता है, जिससे आपको एनर्जी मिलती है और जिम की थकान महसूस नहीं होती।
अगर आप ��ाइस खाने के शौकीन हैं, तो आप ब्राउन राइस खायें, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट, खासकर फाइबर की मात्रा बहुत अच्छी होती है, जिससे आपका मेटाबाॅलिज्म बढ़िया रहता है। सबसे बढ़िया बात आप इसे किसी भी वक्त खा सकते हैं।
जो लोग अपनी स्ट्राॅन्ग बाॅडी बनाने को लेकर बहुत ज्यादा उत्सुक हैं, उनके लिए सबसे अच्छा ऑप्शन है ड्राई फ्रूट्स। अगर जिम या वर्कआउट करने के फौरन बाद आप ड्राई फ्रूट्स जैसे- बादाम या किशमिश खाते हैं, तो आपकी बाॅडी जल्दी ग्रोथ करती है।
अब जो आखिर में हम बताने वाले हैं उसे ध्यान से पढ़ें,
क्योंकि यह किसी चमत्कार से कम नहीं होगा। जी हां प्रिय पाठकों, अभी तक जो भी हमने आपको डाटट बताई, अगर आप चाहते हैं ये सब चीजें, बल्कि इससे भी बढ़कर आपको एक ही प्रोटीन में मिल जाये, तो आपको काम हो गया है आसान। वो ऐसे कि एक बहुत ही बढ़िया, कामयाब और दमदार आयुर्वेदिक दवा आती है जिसका नाम है ‘Sehat King Pro‘ आप इसे खायें। अगर आप जिम करते हैं और अच्छा खाते-पीते हैं, बावजूद इसके आपकी सेहत और बाॅडी नहीं बन पा रही है, तो यह Sehat King Pro करेगा आपकी बहुत मदद। यह अपने आप में ही एक पूरी सप्लीमेन्ट्री है, जो आपके जिम ट्रेनर, आपको सजेस करते हैं। सेहत किंग प्रो (Sehat King Pro) शुद्ध जड़ी-बूटियों से बनी प्योर आयुर्वेदिक मेडिसिन (Medicine) है, जिसका कोई भी साइड इफेक्ट (Side Efffect) नहीं है। यह दवा आपको पाउडर के रूप में मिलेगी। दो चम्मच सुबह और दो चम्मच शाम को दूध से या फिर पानी के साथ इसे लेना होता है। 10 से 15 दिनों मे ही आपकी बाॅडी और मसल्स बनने लगते हैं और देखते ही देखते आपकी पूरी पर्सनेलिटी चेंज हो जाती है। सेहत किंग प्रो आपकी एनर्जी (Energy) को बढ़ाता है, आपकी पूरी बाॅडी पर काम करता है, साथ ही चेहरे की रौनक को भी बढ़ाता है। यानी दवा एक फायदे अनेक।
कुल मिलाकर हमारी सलाह यही है अगर आप वाकई एक फिट और दमदार बाॅडी पाना चाहते हैं, तो आप एक बार सेहतकिंग प्रो, जोकि एकदम शुद्ध आयुर्वेदिक दवा है, को जरूर आजमा कर देखें। यकीन करें, आपका भरोसा और दिल दोनों नहीं टूटेंगे।
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वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग – Intermittent Fasting For Weight Loss in Hindi
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वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग – Intermittent Fasting For Weight Loss in Hindi
बढ़ता वजन कई बीमारियों जैसे – मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधी रोग और लिवर डिजीज का कारण बन सकता है (1)। ऐसे में जरूरी है कि वक्त रहते बढ़ते वजन को नियंत्रित किया जाए। इसके लिए व्यायाम, डाइटिंग और अन्य तरीकों के अलावा इंटरमिटेंट फास्टिंग का विकल्प भी कारगर हो सकता है। यह क्या है और यह कैसे आम फास्टिंग से अलग है, यह सभी जानकारी स्टाइलक्रेज के इस लेख में दी गई है। साथ ही वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग किस ��्रकार मदद कर सकती है, यह भी इस लेख में बताया गया है। इसके अलावा, इंटरमिटेंट फास्टिंग में क्या खाना चाहिए और इसके नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं, यह भी इस लेख में बताया गया है।
आगे की जानकारी के लिए स्क्रॉल करें।
सबसे पहले जान लेते हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या होता है?
विषय सूची
इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है – What is Intermittent Fasting in Hindi
इंटरमिटेंट फास्टिंग, स्वस्थ जीवनशैली के लिए किए जाने वाले उपवास का एक तरीका है। डाइट से अलग यह खाने का एक पैटर्न है। इसमें उपवास करने का एक निर्धारित समय होता है। व्यक्ति अपनी सुविधा अनुसार उस निर्धारित समय का चुनाव कर इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू कर सकता है। इस उपवास में क्या खाना चाहिए, इससे ज्यादा ध्यान खाने के वक्त और उपवास की अवधि का रखा जाता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे की बता करें तो यह स्वास्थ्य के लिए काफी हद तक लाभकारी हो सकती है। यह शरीर का वजन और शरीर की सूजन को कम करने के साथ-साथ अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है (2)।
जो लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग पहली बार करने जा रहे हैं, उन्हें नीचे बताई जा रही बातों का ध्यान रखना चाहिए।
शुरुआती लोगों के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग करने की टिप्स
जो लोग पहली बार इंटरमिटेंट फास्टिंग करने का सोच रहे हैं, वे नीचे बताई गईं बातों का पूरा ध्यान रखें।
कैलोरी का ध्यान रखें – इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन पूरी तरह बंद नहीं किया जाता है, बल्कि उन्हें एक निर्धारित वक्त तक संतुलित मात्रा में लेने की जरूरत होती है (3)। ऐसे भोजन की मात्रा को सीमित करके या कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम करके शरीर में कैलोरी को नियंत्रित किया जा सकता है।
शुरुआत करें कम वक्त के उपवास से – पहली बार इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वाले व्यक्ति शुरुआत में उपवास की अवधि को कम रख सकते हैं। साथ ही हफ्ते में एक या दो बार ही उपवास रखें। फिर धीरे-धीरे उपवास की अवधि को इंटरमिटेंट फास्टिंग की निर्धारित अवधि तक पहुंचाने का प्रयास करें।
उपवास के वक्त का ध्यान रखें – उपवास की अवधि को इस तरह से निर्धारित करें कि उस दौरान 7 घंटे की नींद मिल सके। ध्यान रहे कि सोने से तीन-चार घंटे पहले भोजन करें। उसके बाद सात से आठ घंटे की अच्छी नींद लें। इससे व्यक्ति 11 घंटे तक आसानी से उपवास कर पाएगा। अगर इस बीच उपवास की अवधि को बढ़ाना है, तो उठने के बाद एक से दो घंटे तक कुछ न खाएं।
खुद को हायड्रेट रखें – उपवास के दौरान व्यक्ति को खुद को हायड्रेट रखना भी जरूरी है। ध्यान रहे कि उपवास के दौरान सही मात्रा में पानी या अन्य पेय पदार्थों का सेवन करें। खासकर वो जो पहली बार इंटरमिटेंट फास्टिंग कर रहे हैं।
डॉक्टर की सलाह – उपवास के दौरान किसी भी तरह की स्वास्थ्य परेशानी से बचने के लिए अच्छा होगा कि एक बार डॉक्टर या डायटीशियन से इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे बात कर ली जाए। डॉक्टर स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर इसे करने या न करने की सलाह दे सकता है। साथ ही, इस उपवास से जुड़ी अन्य जरूरी जानकारी भी दे सकता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग को विस्तार से जानने के लिए आगे स्क्रॉल करें।
लेख के इस भाग में जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार और इसे करने का सही तरीका।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार और करने का सही तरीका – Ways To Do Intermittent Fasting in Hindi
अगर इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे लेने हैं तो इसके प्रकार और इसे करने का सही तरीका व्यक्ति को पता होना चाहिए। नीचे हम इस विषय पर जानकारी दे रहे हैं।
16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग – यह इंटरमिटेंट फास्टिंग का सबसे ज्यादा चर्चित प्रकार है। इसमें 16 घंटे तक उपवास किया जाता है और 8 घंटे का वक्त खाने के लिए रखा जाता है (2)। इस तरह के इंटरमिटेंट फास्टिंग को 8 घंटे की डाइट या समय-प्रतिबंधित आहार (Time Restricted Diet) भी कहा जाता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति सुबह 9 बजे अपना नाश्ता करता है, तो वो पूरे दिन का आखिरी भोजन शाम को 5 बजे कर सकता है। उसके बाद फिर व्यक्ति को अगली सुबह तक उपवास करना होता है।
5:2 इंटरमिटेंट फास्टिंग : यह भी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकारों में से एक है। इसमें सप्ताह में पांच दिनों तक बिना किसी प्रतिबंध के भोजन का सेवन करना होता है। फिर सप्ताह में किसी भी दो दिन के लिए कैलोरी युक्त आहार का सेवन कम या न के बराबर करने की सलाह दी जाती है। इसमें उपवास के दिनों में व्यक्ति को 20-25% ऊर्जा की जरूरत हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति इस दौरान कैलोरी युक्त आहार का सेवन करना चाहता है तो वो 500 कैलोरी से अधिक न लें। इसके साथ ही ध्यान देने वाली बात यह भी है कि दो दिन का ये उपवास लगातार न हो (4)।
हर दूसरे दिन का उपवास (Alternate Fasting) – इसमें लगातार उपवास रखने के बजाय हफ्ते में हर दूसरे दिन उपवास रखा जा सकता है। उदाहरण के तौर पर अगर कोई सोमवार को भोजन कर रहा है तो वो मंगलवार को उपवास रख सकता है। भोजन करने वाले दिन व्यक्ति अपनी पसंद की चीजों का सेवन कर सकता है (4) (5)।
समय के अनुसार उपवास (Time Restricted Feeding) – इसमें एक निर्धारित समय के अनुसार खाने की अनुमति होती है। उदाहरण के तौर पर रमजान के दौरान किया जाने वाला उपवास एक अच्छा उदाहरण हो सकता है (6)। समय प्रतिबंधित भोजन (time-restricted feeding) में व्यक्ति सुबह 8 बजे से 3 बजे के बीच खाना खा सकता है और बाकी वक्त उपवास कर सकता है (4) (5)।
रमदान उपवास – रमजान के महीने में किया जाने वाला उपवास भी इंटरमिटेंट फास्टिंग की श्रेणी में आता है। इसमें सूर्योदय के पहले हल्का भोजन किया जाता है, वहीं सूर्य���स्त के बाद ज्यादा भोजन का सेवन किया जाता है। इसलिए, रम��ान में खाने और उपवास की अवधि लगभग 12 घंटे की होती है (4)।
24 घंटे का उपवास – इसमें व्यक्ति सप्ताह में 1 या 2 दिन के लिए 24 घंटे के उपवास कर सकता है। बेहतर है व्यक्ति अपने शेड्यूल और सुविधा के अनुसार दिन चुनें और फिर उपवास करें। उदाहरण के लिए, पहले दिन शाम 7 बजे भोजन करें और अगले दिन शाम 7 बजे तक उपवास करें। व्यक्ति अपनी इच्छानुसार समय का चुनाव कर सकता है।
36 घंटे का उपवास – यह 24 घंटे के उपवास की ही बढ़ी हुई अवधि है। उदाहरण के तौर पर इसमें व्यक्ति पहले दिन रात का खाना खाता है, अगले दिन पूरे दिन उपवास करता है और तीसरे दिन नाश्ता करता है। इस तरीके का महीने या साल में एक बार किया जा सकता है। साथ ही इसे करने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।
एक वक्त के भोजन से परहेज – इसमें एक वक्त का भोजन छोड़ना होता है। जैसे नाश्ते को छोड़कर दोपहर और रात का भोजन किया जा सकता है या नाश्ते के बाद सीधे रात का भोजन किया जा सकता है।
कभी-कभी न खाना – अगर किसी व्यक्ति को लगातार उपवास करने में परेशानी आ रही है, तो व्यक्ति हफ्ते में किसी एक दिन उपवास कर सकता है या पूरे दिन में एक वक्त का भोजन छोड़ सकता है। यह सब व्यक्ति की सुविधानुसार होता है। यह लंबी अवधि के इंटरमिटेंट फास्टिंग को शुरू करने का एक अच्छा तरीका हो सकता है।
योद्धा या वॉरियर आहार – इंटरमिटेंट फास्टिंग के इस प्रकार में व्यक्ति को दिन में हल्का भोजन और रात में अधिक भोजन करने की सलाह दी जाती है, जिसमें प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को भी शामिल किया जाता है। साथ ही इस फास्टिंग के दौरान व्यायाम भी करना जरूरी होता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ते रहें यह लेख।
आगे जानते हैं कि वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग लाभकारी है या नहीं?
क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग बढ़ते वजन को कम करने में मददगार है या नहीं?
वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग कुछ हद तक सहायक हो सकती है। दरअसल, एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, इंटरमिटेंट फास्टिंग, सामान्य वजन, अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों के बीच अल्पकालिक वजन घटाने (Short Term Weight Loss) में प्रभावी साबित हो सकती है (7)। इसके अलावा, जानवरों पर किए गए शोध में इंटरमिटेंट फास्टिंग का असर लाभकारी पाया गया है। फिलहाल, इस बारे में अभी और सटीक वैज्ञानिक प्रमाण की आवश्यकता है, लेकिन व्यक्ति खुद को स्वस्थ रखने और वजन को संतुलित रखने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग का सहारा ले सकता है। यह फास्टिंग न सिर्फ वजन को संतुलित रखने में असरदार हो सकती है, बल्कि इसके फायदे हृदय के स्वास्थ्य को बरकरार रखने में मदद कर सकते हैं (8)।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान किन खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है, उसके बारे में विस्तार से नीचे जानें ।
आगे जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग में व्यक्ति क्या-क्या खा सकता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग में क्या खाना चाहिए – What to eat during Intermittent Fasting in Hindi
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान जो वक्त खाने के लिए चुना गया है, ध्यान रहे कि उसमें ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक आहार का सेवन किया जाए। जैसा कि ऊपर जानकारी दी गई है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग कई प्रकार की होती हैं, लेकिन, सभी प्रकार में एक बात सामान्य है कि इसमें उपवास का वक्त थो���ा लंबा चलता है। ऐसे में व्यक्ति को ध्यान में रखना चाहिए कि वो पोषक आहार ले, ताकि किसी प्रकार की कमजोरी या स्वास्थ्य समस्या न हो। इस दौरान खाने की चीजों में ज्यादा रोक-टोक नहीं होती है, बस कैलोरी को सीमित कर दिया जाता है (3)। ऐसे में नीचे बताए गए खाद्य पदार्थों का सेवन इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान किया जा सकता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान हाई फाइबर युक्त आहार (साबुत फल, अनाज और सब्जियां) का सेवन किया जा सकता है। ये आहार पेट को लंबे समय तक भरा रखने के साथ वजन नियंत्रण में सहयोग कर सकते हैं (9)।
नाश्ते में फलों और इनके जूस का सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा, व्यक्ति अपनी पसंद के खाद्य पदार्थों को भी शामिल कर सकता है। ध्यान रहे, खाद्य पदार्थ पोषण से भरपूर हों और इनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक नहीं चाहिए।
इंटरमिटेंट फास्टिंग में सीमित मात्रा में कैलोरी युक्त आहार लेने की सलाह भी दी जाती है, लेकिन इसकी मात्रा 500 केसीएल से अधिक नहीं होनी चाहिए।
अगर कोई वॉरियर डाइट कर रहा है, तो वो डायटीशियन की सलाह पर प्रोटीन युक्त आहार (दूध, मछली, अंडा, मीट, दाल, बीन्स, चिकन और कम वसा वाले दूध उत्पाद) का सेवन कर सकता है (10)।
साथ ही इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान पानी और अन्य तरल पदार्थों का सेवन करें, जिससे शरीर में डिहायड्रेशन की समस्या न हो।
नोट – ऊपर बताए गए इंटरमिटेंट फास्टिंग के लिए खाद्य पदार्थ अनुमान के आधार पर हैं, इसकी सही जानकारी के लिए डायटीशियन से संपर्क जरूर करें।
नीचे जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के लिए नमूना मील प्लान।
इंटरमिटेंट फास्टिंग में सात दिनों का मील प्लान – Sample 7 Days Intermittent Fasting Plan In Hindi
नीचे साझा की जाने वाली सूची नमूने के तौर पर दी जा रही है। व्यक्ति अपनी इच्छा और आवश्यकतानुसार इसमें मौजूद खाद्य पदार्थों में बदलाव कर सकते हैं। यह 16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग का एक उदाहरण है।
समय पहला दिन दूसरा दिन तीसरा दिन चौथा दिन पांचवा दिन छठा दिन सातवां दिन सुबह उठने से लेकर दिन के 12 बजे तक फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट दोपहर 12 बजे (पहला मील) चिकन सलाद या खिचड़ी, दही और सलाद ग्रिल्ड सब्जियां + दही और डार्क चॉकलेट का एक टुकड़ा पास्ता या सैंडविच नूडल्स ग्रिल्ड मछली और सलाद या ग्रिल्ड सब्जियां और सलाद एक सब्जी, सलाद या दही, दाल और चावल या रोटी मछली, अंडा या चिकन की करी साथ में चावल, शाकाहारी व्यक्ति के लिए अपने पसंद की कोई करी, चावल, दाल, सलाद अंतिम भोजन शाम 4 से 8 बजे के बीच पनीर और हरी सब्जियां मिलाकर एक सब्जी और जरूरत अनुसार रोटी या चावल चिकन या वेज सूप + डार्क चॉकलेट का एक टुकड़ा या सलाद, दाल, एक सब्जी और रोटी सलाद, दाल, चावल या रोटी और सब्जी चिकन टिक्का या पनीर टिक्का या मशरूम-मटर मसाला और रोटी सब्जियों के साथ पनीर या पनीर की सब्जी और चावल या नूडल्स + अपने पसंद की आइसक्रीम ग्रिल्ड चिकन, हमस और पिटा ब्रेड (बाजार में उपलब्ध) या अपनी पसंद का खाना जैसे – ��ाल, सब्जी या रोटी उबले हुए आलू और सलाद या अपने पसंद का कोई भी हल्का डिनर रात 8 बजे से लेकर सोने तक फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट
जरूरी जानकारी : इंटरमिटेंट फास्टिं�� के दौरान खुद को हायड्रेट रखने के लिए पानी पीते रहे। देखा जाए तो इसमें किसी भी चीज को खाने की मनाही नहीं रहती है। हालांकि, यह व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है और इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार पर भी। अगर कोई वजन कम करने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग करना चाहता है तो वो डायटीशियन की सलाह अनुसार डाइट अपना सकता है। हमारी सलाह यही है कि किसी भी प्रकार की इंटरमिटेंट फास्टिंग से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह लेना आवश्यक है। अब इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे विस्तार से नीचे पढ़ें।
अब जब इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में इतना कुछ जान गए हैं तो अब बारी आती है इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे जानने की। लेख के इस भाग में हम इसी बारे में जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के अन्य फायदे – Other Benefits of Intermittent Fasting in Hindi
नीचे जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के कुछ अन्य फायदे।
ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए – इंटरमिटेंट फास्टिंग ह्रदय को स्वस्थ रखने में सहायक भूमिका निभा सकती है। यहां इंटरमिटेंट की हर दूसरे दिन की जाने वाली फास्टिंग (Alternate Fasting) लाभकारी हो सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए अल्टर्नेट फास्टिंग मददगार हो सकती है। इससे न सिर्फ वजन कम हो सकता है, बल्कि कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease- एक प्रकार का ह्रदय रोग) का जोखिम भी कम हो सकता है (11)।
हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में फायदेमंद – इंटरमिटेंट फास्टिंग का लाभ शरीर में एलडीएल (हानिकारक कोलेस्ट्रॉल) को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। दरअसल, कुछ शोध के अनुसार इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन कम करने के साथ-साथ लिपिड प्रोफाइल में भी सुधार का काम कर सकती है।
हालांकि, लिपिड प्रोफाइल और शरीर के वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रभावों का विश्लेषण करने वाले अधिकांश अध्ययन रमजान उपवास पर आधारित हैं, जिसमें उपवास के दौरान लिए गए आहार के बारे में कुछ खास जानकारी मौजूद नहीं है (12)। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
इंसुलिन संवेदनशीलता (Insulin Sensitivity) में सुधार – इंसुलिन द्वारा ब्लड ग्लूकोज को प्रभावी ढंग से कम करना ही इंसुलिन संवेदनशीलता कहलाता है (13)। यहां इंटरमिटेंट फास्टिंग के लाभ देखे जा सकते हैं, क्योंकि इससे इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है। इस विषय में किए गए शोध के अनुसार जिन व्यक्तियों ने पांच हफ्तों तक ‘टाइम रिस्ट्रिक्टेड फीडिंग’ (इंटरमिटेंट फास्टिंग का एक प्रकार) का पालन किया, उनमें इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार देखा गया (14)।
सेल्युलर रिपेयर और ऑटोफैगी को बढ़ावा – इंटरमिटेंट फास्टिंग कोशिकाओं को रिपेयर करने और ऑटोफैगी (Autophagy) में सुधार करने में मददगार साबित हो सकती है। दरअसल, ऑटोफैगी, कोशिकाओं से जुड़ी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें क्षतिग्रस्त कोशिकाएं साफ होती हैं और स्वस्थ कोशिकाओं का फिर से निर्माण होता है। एनसीबीआई की वेबसाइट में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, चूहों पर इंटरमिटेंट फास्टिंग से ऑटोफैगी प्रक्रिया में सुधार पाया गया है (15)। इसके अलावा, एक अन्य शोध के अनुसार, उपवास सामान्य कोशिकाओं को विषैले तत्वों से बचाव करने में मदद कर सकता है (16)। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
कैंसर के लिए – कैंसर के बचाव में इंटरमिटेंट फास्टिंग कुछ हद तक मददगार हो सकती है। दरअसल, इससे जुड़े एक शोध के अनुसार, शॉर्ट टर्म फास्टिंग (STF-Short Term Fasting) विषाक्तता को कम करने के साथ कीमोथेराप्यूटिक एजेंट के प्रभाव को बढ़ा सकता है। साथ ही कीमोथेरेपी लेने वाले मरीजों में डीएनए की क्षति को कम करने में मदद कर सकती है (17)। इतना ही नहीं, ट्यूमर से प्रभावित जिन चूहों के आहार को कुछ समय के लिए प्रतिबंधित किया गया, उनमें जीवित रहने की क्षमता में बढ़त देखी गई (18)। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
मस्तिष्क के लिए – इंटरमिटेंट फास्टिंग मस्तिष्क के लिए लाभकारी हो सकती है। इससे मस्तिष्क की कार्यप्रणाली बेहतर करने में मदद मिल सकती है। दरअसल, इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग सीखने की क्षमता और स्मृति में सुधार का काम कर सकती है (19)। इसके अलावा, चूहों पर किए गए शोध से पता चलता है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग, उम्र आधारित मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार का काम कर सकती है (20)।
सूजन और रक्तचाप के लिए – इंटरमिटेंट फास्टिंग, शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाने में मददगार हो सकती है, जिसमें सूजन से आराम और रक्तचाप को कम करना भी शामिल है। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है (21)।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में और ज्यादा जानकारी के लिए पढ़ते रहिए यह लेख।
आगे जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान या उसके बाद कुछ ध्यान रखने वाली बातें।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान और बाद के कुछ टिप्स
नीचे पढ़ें कुछ इंटरमिटेंट फास्टिंग के वक्त और उसके बाद के टिप्स।
जो लोग पहली बार उपवास रख रहे हैं, वो सबसे पहले किसी विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह लें।
शुरुआत अल्प अवधि के उपवास से की जा सकती है।
फास्टिंग के दौरान खुद को हायड्रेट रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और तरल पदार्थों का सेवन करें।
उपवास के दौरान हल्के-फुल्के व्यायाम किए जा सकते हैं। अगर कमजोरी का अनुभव हो तो व्यायाम न करें।
इंटरमिटेंट फास्टिंग तोड़ने के लिए हल्की डाइट लें।
कभी भी भारी आहार से अपना उपवास न तोड़ें।
लगातार इंटरमिटेंट फास्टिंग न करें या इसकी आदत न बनाएं।
किसी को अगर स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, तो वो इंटरमिटेंट फास्टिंग न करें।
उपवास के दौरान और बाद में जंक फूड्स खाने से बचें।
इंटरमिटेंट फास्टिंग कब नहीं करनी चाहिए, यह जानने के लिए नीचे स्क्रोल करें।
लेख के इस भाग में जानिए कि इंटरमिटेंट फास्टिंग कब नहीं करनी चाहिए।
इंटरमिटेंट फास्टिंग कब नहीं करनी चाहिए – When to Avoid Intermittent Fasting in Hindi
इंटरमिटेंट फास्टिंग ��क प्रकार का उपवास है, ऐसे में इसे कब नहीं करना चाहिए, यह व्यक्ति को पता होना चाहिए। नीचे हम इसी विषय में बता रहे हैं – (22) (23)।
अगर किसी का वजन जरूरत से ज्यादा कम है, तो वो इंटरमिटेंट फास्टिंग न करें।
अगर डॉक्टर ने इंटरमिटेंट फास्टिंग न करने की सलाह दी है तो फास्टिंग न करें।
गंभीर स्वास्थ्य समस्या में यह फास्टिंग न करें।
गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं इंटरमिटेंट फास्टिंग से दूर रहें।
बच्चे और किशोर इस फास्टिंग को न करें।
अगर कोई ब्लड प्रेशर या ह्रदय रोग से संबंधित दवाइयां ले रहा है, तो इस फास्टिंग को करने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।
अगर इंटरमिटेंट उपवास के फायदे हैं, तो इसके नुकसान भी कई हैं। यह जानकारी हम नीचे दे रहे हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के नुकसान – Side Effects of Intermittent Fasting in Hindi
नीचे जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के नुकसान के बारे में (7)।
सिरदर्द की समस्या हो सकती है।
कब्ज की परेशानी हो सकती है।
नहीं खाने के वजह से चिड़चिड़ाहट या मूड स्विंग हो सकता है।
खाने की इच्छा और ज्यादा बढ़ सकती है।
चक्कर आने की परेशानी हो सकती है।
कमजोरी या ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है।
उम्मीद करते हैं कि अब आप अच्छी तरह इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे जान गए होंगे। साथ ही इसके विभिन्न प्रकार और इससे जुड़ी खान-पान संबंधित बातों की भी जानकारी हो गई होगी। ऐसे में अगर आप वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग करने के बारे में सोच रहे हैं, तो लेख को अच्छी तरह पढ़ें और डॉक्टर से भी इस बारे में बात करें। वहीं, पाठक इस बात का भी ध्यान रखें कि इंटरमिटेंट फास्टिंग कोई जादू नहीं है, ये कुछ लोगों के लिए लाभकारी हो सकती है और कुछ लोगों के लिए नहीं। ऐसे में, हमारा सुझाव यही रहेगा कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे के लिए इसे अपनाया जा सकता है, लेकिन इसे आदत न बनाएं। लगातार इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकते हैं। आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान कॉफी या चाय पी सकते हैं?
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान सामान्य चाय और कॉफी की जगह हर्बल टी का सेवन किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए आप डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।
क्या सेब के सिरके के सेवन से इंटरमिटेंट फास्टिंग टूट सकती है?
नहीं, इंटरमिटेंट फास्टिंग में सेब के सिरके का सेवन किया जा सकता है। वहीं, अगर किसी को इससे एलर्जी है, तो वह इसका सेवन न करें।
कितनी लंबी अवधि तक इंटरमिटेंट फास्टिंग रखनी चाहिए?
यह इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार पर निर्भर करता है कि व्यक्ति कौन सा इंटरमिटेंट फास्टिंग कर रहा है। इसके अलावा, यह व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है, लेकिन, हमारी सलाह यही है कि उपवास की अवधि 16 घंटे से अधिक न बढ़ाएं।
क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान पानी पी सकते हैं?
हां, हमने लेख में भी इस बारे में जानकारी दी है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान व्यक्ति को हायड्रेटेड रहने के लिए नियमित रूप से पानी पीना चाहिए।
इंटरमिटेंट फास्टिंग में व्यक्ति कितना वजन कम कर सकता है?
इंटरमिटेंट फास्टिंग में व्यक्ति का वजन कितना कम हो सकता है, वो उसके ��र्तमान वजन, शारीरिक स्थिति, जीवनशैली और इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार पर निर्भर करता है।
क्या महिलाओं के लिए उपवास करना अच्छा है?
सामान्य तौर पर उपवास शरीर के लिए अच्छा माना जाता है (24)। वहीं, गर्भवती, स्तनपान कराने वाली माताओं और किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहीं महिलाओं को उपवास न करने की सलाह दी जाती है (22) (23)।
क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग कोर्टिसोल (Cortisol) को बढ़ाता है?
इंटरमिटेंट फास्टिंग, कोर्टिसोल को बढ़ाने में मदद कर सकती है। कोर्टिसोल, एक हॉर्मोन होता है, जो तनाव के साथ-साथ शरीर से जुड़ी कई समस्याओं में लाभदायक होता है (24)।
सप्ताह में कितने दिन इंटरमिटेंट फास्टिंग करना चाहिए?
यह व्यक्ति के वजन, उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। अगर कोई पहली बार इंटरमिटेंट फास्टिंग करना चाह रहा है तो वो ओवरनाइट इंटरमिटेंट फास्टिंग से शुरुआत कर सकता है। इसके अलावा, व्यक्ति हफ्ते में एक दिन इंटरमिटेंट फास्टिंग से शुरुआत कर सकता है और जब कोई परेशानी न हो तो हफ्ते में दो बार इंटरमिटेंट फास्टिंग कर सकता है। ध्यान रहे कि इसे आदत न बनाएं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग से व्यक्ति एक महीने में कितना वजन कम कर सकते हैं?
इंटरमिटेंट फास्टिंग से व्यक्ति एक महीने में कितना वजन कम कर सकता है, यह इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार और व्यक्ति की उम्र और वजन पर निर्भर करता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान आपको कितनी देर उपवास करना चाहिए?
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान कम से कम 6 घंटे का उपवास किया जा सकता है। अगर इस दौरान कोई स्वास्थ्य समस्या न हो तो धीरे-धीरे इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है।
क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग आपको कीटोसिस में डालती है?
जैसा कि हमने अपने कीटो डाइट के लेख में जानकारी दी थी कि कीटो डाइट में लोग मध्यम मात्रा में प्रोटीन और ज्यादा मात्रा में फैट वाले आहार का सेवन करते हैं। ऐसे में इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान अगर व्यक्ति प्रोटीन और हाई फैट युक्त आहार का सेवन करता है, तो व्यक्ति कीटोसिस (Ketosis) चरण में प्रवेश कर सकता है। कीटो डाइट के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए वजन घटाने के लिए कीटो डाइट का लेख पढ़ सकते हैं।
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अर्पिता ने पटना विश्वविद्यालय से मास कम्यूनिकेशन में स्नातक किया है। इन्होंने 2014 से अपने लेखन करियर की शुरुआत की थी। इनके अभी तक 1000 से भी ज्यादा आर्टिकल पब्लिश हो चुके हैं। अर्पिता को विभिन्न विषयों पर लिखना पसंद है, लेकिन उनकी विशेष रूचि हेल्थ और घरेलू उपचारों पर लिखना है। उन्हें अपने काम के साथ एक्सपेरिमेंट करना और मल्टी-टास्किंग काम करना पसंद है। इन्हें लेखन के अलावा डांसिंग का भी शौक है। इन्हें खाली समय में मूवी व कार्टून देखना और गाने सुनना पसंद है।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/vajan-ghatane-ke-liye-intermittent-fasting-in-hindi/
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(गर्मियों में भी सेहत के लिए फायदेमंद है अंडा)
लोगों के बीच ऐसी आम धारणा है कि गर्मियों में अंडा खाने से स्वास्थ्य खराब हो जाता है। यह बात सही है कि अंडे की तासीर गर्म होती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप अंडे खाएं ही नहीं। अंडे में ढेर सारे पोषक तत्व होते हैं इसलिए इसे हर मौसम में खाना सेहत के लिए लाभदायक है। दूध की तरह ही अंडा भी खुद में संपूर्ण आहार है।
यह भी पढ़ें: ... तो इसलिए दी जाती है हफ्ते के सातों दिन अंडा खान��� की सलाह
बेहद पौष्टिक
अंडे खाने से शरीर को ढेर सारे विटमिन्स और प्रोटीन्स मिलते हैं। 100 ग्राम उबले अंडे में विटमिन ए 10 फीसदी, विटमिन डी 21 फीसदी, विटमिन बी12 18 फीसदी, विटमिन बी6 पांच फीसदी, मैग्नीशियम 2 फीसदी, आयरन 6 फीसदी, सोडियम 124 मिलीग्राम, पोटैशियम 126 मिलीग्राम, कलेस्ट्रॉल 373 मिलीग्राम और प्रोटीन 13 ग्राम होता है।
हर दिन एक अंडा खाएं, दिल की बीमारियां दूर भगाएं
विटमिन्स के फायदे
एक उबले अंडे से रोजमर्रा की रिबोफ्लेविन का 15 फीसदी हिस्स पूरा हो जाता है। वहीं, विटमिन बी12 का 10 फीसदी और विटमिन डी की 11 फीसदी जरूरत पूरी होती है। फ्राई अंडे में भी विटमिन की तकरीबन यही मात्रा होती है। रिबोफ्लेविन रेड ब्लड सेल्स का निर्माण करता है। साथ ही यह कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा में बदलने का भी काम करता है। तंत्रिका प्रणाली और मस्तिष्क के सही तरह से काम करने के लिए विटमिन बी12 की जरूरत होती है जबकि विटमिन डी इम्यून सिस्टम और कैल्शियम अवशोषण में मदद करता है।
ऑफिस में नींद आती है तो अंडा खाएं
दिल की बीमारी की आशंका कम
अंडा खाने से दिल की बीमारी की आशंका भी कम हो जाती है। एक अंडे में लगभग 6 ग्राम प्रोटीन होता है। साथ ही इसमें जियैक्सेंथिन और ल्यू्टिन नामक ऐंटिऑक्सिडेंट होते हैं जो कि जर्दी में पाए जाते हैं। इसमें विटमिन ई, विटमिन डी और विटमिन ए मौजूद होता है। कई रिसर्च में माना गया है कि विटमिन-ई हार्ट अटैक कम करने में मदद करता है। वहीं, ल्यूटिन आट्रीज को ब्लॉक होने से बचाता है।
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मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान - Indian Diet Plan to Lose Weight in Hindi
आप मोटापा कम करने के लिए प्रतिज्ञा लेते हैं कि आज तो डाइटिंग करके ही रहेंगे और उतना ही कैलोरी का सेवन करेंगे जितने मेरे शरीर को ज़रुरत होगी लेकिन बाहर निकलते ही या घर पर खाली बैठते ही आपका मन बाहर के खाने की तरफ भागता है जो आपके शरीर के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं हैं, इससे सिर्फ और सिर्फ आप ही का वज़न बढ़ेगा। अगर अपना वज़न सच में घटाना चाहते हैं तो सबसे पहले खानपान में बदलाव लाएं और अपने नज़रिये में सकरात्मकता लेकर आएं इससे वज़न जल्दी घटा पाएंगे।
अगर कम कैलोरी वाला आहार अपनी सूची में जोड़ते हैं तो ये आप ही के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होगा साथ ही हृदय को भी स्वस्थ रखेगा। आज हम आपको मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान के बारे मे बताएंगे जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन का एक संयोजन होगा।
1. मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान का पहला भोजन - सुबह उठने के तुरंत बाद
अगर आपने अभी तक ये आदत नहीं डाली है तो अब डाल लीजिये। सुबह उठकर खाली पेट पानी का सेवन करना आपके शरीर के लिए सबसे ज़्यादा लाभदायक है क्यूंकि शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ निकल जाते हैं जिससे खून भी साफ होता है और खून के साफ हो जाने से त्वचा पर भी चमक आती है। वज़न घटाने के लिए तो जितना जल्दी हो सके खाली पेट पानी क��� पियें। अगर आप गुनगुने पानी के साथ सिर्फ निम्बू डाल���र पियेंगे तो आपका पेट साफ़ होने के साथ ही स्वस्थ भी रहेगा। जिन्हें शुगर है वो चीनी के साथ निम्बू पानी को नज़रअंदाज़ करें और जिन्हे उच्च रक्तचाप की शिकायत है वो नमक के साथ निम्बू पानी का सेवन न करें। (और पढ़ें - नींबू के फायदे और नुकसान)
खाली पेट नींबू पानी पीने के फायदे
नींबू पानी शरीर का मोटापा कम करने का सबसे अच्छा तरीका है।
नींबू में विटामिन सी होता है साथ ही कई ऐसे पदार्थ होते हैं जो कि आपके शरीर को रोगों से लड़ने में मदद मिलती है। इससे सांस से जुड़े रोग, सर्दी-जुकाम, खाँसी होने का खतरा भी कम हो जाता है।
नींबू पानी पीने से डायबिटीज से जुडी बीमारियां दूर होती है। नींबू पानी को खासतौर पर हाई शुगर वाले जूस व ड्रिंक का बेहतर विकल्प माना जाता है।
नींबू पानी मोटापे को ही कम नहीं करता, बल्कि ये लिवर को भी ठीक रखता है। नींबू में साइट्रिक एसिड होता है जिससे शरीर के एन्जाइम्स को सही तरीके से काम करने में मदद मिलती है। इससे आपके लिवर को अधिक लाभ मिलता है।
नींबू पानी में फ्लेवनॉयड्स होते हैं जो पाचन तंत्र को अच्छा रखते हैं। यही वजह है कि पेट जब खराब होता है तो नींबू पानी पिलाया जाता है। रोज सुबह नींबू पानी पीने से खाना हजम करने की शक्ति बढ़ती है। साथ ही ये एसिडिटी से भी राहत दिलाता है। (और पढ़ें - नींबू पानी के फायदे और नुकसान)
2. मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान का दूसरा भोजन - नाश्ता
सुबह उठकर खाली पेट नींबू पानी पीने के दो घंटे बाद नाश्ता करें। नाश्ते में हमेशा पोषक तत्व लें क्यूंकि एक नए दिन के साथ आपके शरीर को भी नया पोषण चाहिए होता है। चाय के साथ बिस्कुट नमकीन ले लेना कोई नाश्ता नहीं होता और न ही पोषण भरा होता है। नाश्ते में पोषक तत्वों को लेने से शरीर का फैट कम होता है और साथ ही इसके सेवन से आपके दिन की शुरुआत एक नयी ऊर्जा के साथ होगी।
नाश्ते में क्या लें
2 अंडे, उबली सब्जियां जैसे पत्ता गोबी (कम कैलोरी, फाइबर विटामिन सी), फूलगोबी (विटामिन सी, विटामिन के, फाइबर), साग (विटामिन ए, विटामिन के, फाइबर, आयरन), चुकुन्दर, टमाटर आदि। बिन मलाई वाला एक गिलास दूध। या फिर दाल चीला या बेसन का चीला ले सकते हैं इसके साथ बिन मलाई वाला दूध लें।
नाश्ते में इन आहार के फायदे
अंडे में विटामिन, प्रोटीन और खनिजों का एक अच्छा स्रोत पाया जाता है। अंडा न केवल पोषक तत्व का एक स्त्रोत है बल्कि वज़न को कम करने के लिए भी मदद करता है। अगर आप और व्यंजनों को अंडे के साथ लेते हैं तो इससे शरीर में कार्बोहाइड्रेट की खपत सीमित हो जाएगी। अंडा खुद में ही वज़न को कम करने में पर्याप्त है। अंडा वज़न कम करने के साथ-साथ हड्डियों, बालों, गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद ही गुणकारी है। (और पढ़ें - अंडे के फायदे और नुकसान)
अगर आप शरीर में इम्युनिटी बढ़ाना चाहते हैं तो सब्ज़ियों को उबाल लीजिये। खाने में ये टेस्टी लगने के साथ ही शरीर को भी अंदर से फिट कर देगा। उबली हुई सब्जियों को खाने से हमारा फैट बढ़ता नहीं है और धीरे-धीरे बढ़ा हुआ वजन कंट्रोल हो जाता है क्यूंकि उबली हुई सब्ज़ियों मे से पोषक तत्व खत्म नहीं होते और तेल मसालों से आप दूर रहते हैं। उबली हुई सब्ज़ियां खाने से सिर्फ वज़न ही कम नहीं होता बल्कि बिमारियों का खतरा भी कम हो जाता है। उबालकर खाने से सब्ज़ियों की सारी गंदगी नष्ट हो जाती हैं जिस कारण हम कई बीमारियों से बचे रहते हैं जैसे हार्ट अटैक, कैंसर आदि। अगर आप अपने शरीर में एंटी-ऑक्सीडेंट बढ़ाना चाहते हैं तो आप उबली हुई सब्जियों का सेवन भ��पूर मात्रा में करें। इससे शरीर को बीमारियों से बचाने में मदद मिलती है।
वज़न कम करने के लिए जितना हो सके वसा से जुडी चीज़ो से दूर रहें। अगर आप दूध पीते हैं तो बिन मलाई वाला पिए इससे आपके शरीर में वसा की मात्रा नहीं बढ़ेगी और आप कोलेस्ट्रॉल की बीमारियों से भी बचे रहेंगे। (और पढ़ें - दूध के फायदे और नुकसान)
3. मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान का तीसरा भोजन - नाश्ते के 3-4 घंटे बाद
मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान का तीसरा भाग है नाश्ते के 3-4 घंटे बाद (तकरीबन 12 बजे) एक पेय पदार्थ लेना। आप कोई पेय पदार्थ लें जिससे आपके शरीर में ऊर्जा बनी रहेगी।
नाश्ते के 3-4 घंटे बाद क्या लें
ग्रीन टी या नारियल पानी पियें।
नाश्ते के बाद इन आहार के फायदे
मोटापे को कम करने में ग्रीन टी बेहतरीन घरेलू उपाय है। खाना खाने के बाद अगर आप ग्रीन टी को पीते हैं तो यह आपकी पाचन शक्ति को बढ़ायेगा और इसमे शामिल पोषक तत्व वजन कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
ग्रीन टी को अगर आप खाना खाने के 1 घंटा पहले पीतें हैं तो यह आपके वजन को कम करता है और आपकी भूख पर नियंत्रण भी रखता है।
ग्रीन टी पूरी तरह से एंटीआक्सीडेंट होता है। साथ ही ग्रीन टी में बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है। ग्रीन टी को दिन में 2 से 3 बार पीने से आपका शरीर रोगमुक्त रहेगा। (और पढ़ें - ग्रीन टी के फायदे और नुकसान, बनाने की विधि और पीने का सही समय)
नारियल पानी वज़न घटाने में सबसे अच्छा पेय पदार्थ है। यह कैलोरी में कम होता है और पचाने में आसान होता है। नारियल पानी पीने से हमारी शरीर का मेटाबोलिज्म रेट बढ़ जाता है जिसके फलस्वरूप हमारी शरीर का ��ुगर बर्न होने लगता है और शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम होने लगती है। (और पढ़ें - नारियल पानी के फायदे और नुकसान)
नारियल का पानी रक्तचाप को संतुलित रखता है, पानी की कमी को पूरा करता है, हड्डियों को मजबूत रखता है और चेहरे पर चमक लाता है। (और पढ़ें - नारियल पानी के फायदे और नुकसान)
4. मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान का चौथा भोजन - दोपहर का खाना
मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान का अगला हिस्सा है दोपहर का खाना। इसे आप दोपहर के एक या 2 बजे करें। इसमें ज़रूरी है कि बस खाली सब्ज़ी, रोटी न खाएं बल्कि और भी कई पोषक आहार लें जिससे आपके शरीर को पोषक तत्व मिलते रहें और साथ ही आपका वज़न भी नियंत्रण में रहे।
दोपहर के खाने में क्या लें
आप कई तरह के सलाद ले सकते हैं जैसे हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का सलाद (हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, गोबी या पत्ता गोभी, खीरा, ककड़ी और मिर्च आदि से बनता है, ग्रीन सलाद में विटामिन बी12 का अच्छा स्रोत होता है), वेजिटेबल सलाद (हरे रंग की सब्जियों के अलावा दूसरे रंगों की सब्जियां जैसे खीरा, मिर्च, टमाटर, मशरूम, प्याज, मूली, गाजर आदि), आप ऐसे ही कई तरह के सलाद ले सकते हैं। खाने में थोड़ी सी दाल लें और इसे सिर्फ 1 चम्मच तेल में ही बनाएं इससे आपका वज़न संतुलित रहेगा या फिर आप ब्राउन चावल और उसके साथ एक कटोरी खीरे का रायता भी ले सकते हैं।
दोपहर के आहार को खाने के फायदे
जिन लोगों को ज़्यादा भूख लगती है उन्हें सलाद खाना चाहिए। इसमें मौजूद फइबर भूख को शांत रखता है, जिससे हमारा पेट भरा-भरा रहता है जिसकी वजह से हमारा वज़न कंट्रोल में रहता है और मोटापा बढ़ता नहीं है। सलाद में फाइबर पाया जाता है। इसके सेवन से शरीर में फाइबर की कमी पूरी हो जाती है। सलाद खाने से वज़न कम होता है और पाचन शक्ति भी सुधरती है। यह दिल के लिए भी फायदेमंद होता है और शरीर को कैंसर जैसी गंभीर बिमारियों से बचाता है। (और पढ़ें - सलाद पत्ते के फायदे और नुकसान)
दाल को खाने का जो सबसे बड़ा फायदा है वो है इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स का भरपूर मात्रा में पाया जाना। अरहर, मुंग, मसूर, चना, उड़द इन सभी दालों में प्रोटीन बहुत ही ज़्यादा मात्रा में पाया जाता है। इनमे फैट और कैलोरी बहुत ही कम होती हैं। अगर आप एक कप दाल खाते है तो जल्दी भूख बिलकुल भी नहीं लगेगी और वज़न कम करने में मदद होगी। (और पढ़ें - दालों के फायदे)
ब्राउन राइस में फाइबर की मात्रा ज़्यादा पायी जाती है ��ो कि बेहतर पाचन में मदद करता है। काफी भारी होने की वजह से दुबारा भूख का लगना नामुमकिन होता है। ब्राउन राइस खाने से पेट काफी भरा रहता है और स्वास्थ के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। खीरे में पानी अधिक होता है और कैलोरी भी कम होती है, इसलिए वजन कम करने के लिए खीरा अच्छा विकल्प होता है।
5. मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान का पांचवा भोजन - दोपहर के खाने के दो घंटे बाद ग्रीन टी
दोपहर के खाने के बाद ज़रूरी है ग्रीन टी लें इससे आपकी पाचन शक्ति बढ़ेगी और इसमे शामिल पोषक तत्व आपका वजन कम करने में मदद करेंगे। ग्रीन टी से जुड़े सभी लाभ ऊपर देखें।
6. मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान का छठा भोजन - शाम का नाश्ता
दोपहर के खाने के 4-5 घंटे बाद शाम के नाश्ते को भी ज़रूर लें लेकिन उसमे पोषक तत्व भी होने ज़रूरी हैं।
शाम के नाश्ते में क्या लें
मुरमुरे को खूब सारी सब्ज़ियों के साथ इसका सेवन करें इसमें आप नींबू भी डालें जिससे आपको विटामिन सी की मात्रा मिलती रहें या फिर फल या अंकुरित दाल भी ले सकते हैं।
शाम के नाश्ते को खाने के फायदे
शाम को भारी खाने की ज़रुरत नहीं होती इसलिए आप सब्ज़ियों को मुरमुरे के साथ कुछ टेस्टी बनाकर खा सकते हैं इससे आपको ज़रूरी पोषित आहार भी मिलेंगे साथ ही वज़न बढ़ने का डर भी नहीं होगा।
फल खाने से आपकी विटामिन की मात्रा पूरी होगी और कई बीमारियां को दूर करने में मदद मिलेगी।
अंकुरित दाल के खाने से आपकी हड्डिया मजबूत होती है साथ ही मोटापा भी कम होता है। (और पढ़ें - अंकुरित अनाज के फायदे)
7. मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान का सातवाँ भोजन - रात का खाना
मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान का अंतिम भाग है रात का खाना। आमतौर पर लोग नाश्ता कम खाते हैं और रात का भोजन हैवी करते हैं जबकि होना इसका उल्टा चाहिए। अगर आपको वज़न कम करना है ��ो रात में कम कैलोरी वाला खाना खाना चाहिए।
रात को खाने में क्या लें
आप रात के खाने में भी कई तरह के सलाद ले सकते हैं हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का सलाद, वेजिटेबल सलाद लें। रात में चिकन या फिर दाल ले सकते हैं लेकिन जो लोग मांसाहारी नहीं है वो दाल का विकल्प ले सकते हैं।
रात को खाने में आहार के फायदे
सलाद से आपके शरीर को फाइबर मिलेगा साथ ही फाइबर मिलने से भूख भी कम लगेगी।
रात के खाने में चिकन खाने से वज़न कम होता है क्यूंकि चिकन प्रोटीन से भरपूर होता है और हमारी शरीर को प्रोटीन मिलने से वज़न नियंत्रित रहता है। (और पढ़ें - चिकन के फायदे और नुकसान)
और अगर आप एक कप दाल खाते है तो जल्दी भूख भी नहीं लगेगी और वज़न कम करने में मदद मिलेगी।
from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख via http://www.myupchar.com/weightloss/motapa-kam-karne-ke-liye-diet-plan-in-hindi
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Egg Benefits | अंडा खाने के फायदे और नुकशान | Anda ke Fayde
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Egg Benefits | अंडा खाने के फायदे और नुकशान | Anda ke Fayde
Benefits of Anda / अंडा के अनोखे फायदे / Egg Benefits in Hindi
Egg Benefits | Anda ke Fayde – आज इस लेख में अंडा के फायदे और उसके गुण के बारे में जानेंगे। अंडे को अंग्रेजी में “Egg” कहा जाता है। इसको खाने के बहुत सारे फायदे है। इसमें मौजूद कई सारे पोषक तत्व के कारन शाहकारी लोग भी इसका सेवन करते है। इसमें ज्यादा मात्रा में प्रोटीन होता है। अगर आप हेल्थी बाल और त्वचा चाहते है। तो अंडे का उपयोग अवश्य करें। तो चलिए जानते है – अंडे के पोषक तत्व और उसके फायदे के बारें में।
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Egg Nutrition | अंडे में मौजूद पोषक तत्व | Anda Nutrition
1. प्रोटीन – 6gm 2. विटामिन ए – 6% 3. विटामिन बी2 – 15% 4. विटामिन बी5 – 7% 5. विटामिन बी12 – 9% 6. विटामिन ��ी – 21% 7. कैलोरी – 77 8. फास्फोरस – 9% 9. सोडियम – 65 mg 10. मैग्नीशियम – 2% 11. कार्बोहाइड्रेट – 1 g 12. पोटेशियम – 126 mg 13. आयरन – 6% 14. कोलेस्ट्रोल – 195 mg 15. सेलेनियम – 22% 16. फैट – 5 gm
Benefits of Egg – अंडे के बेहतरीन फायदे
1. Egg Benefits / Ande ke Fayde – आयरन की कमी की वजह से कई लोगो में चिडचिडापन, खून की कमी, बदन दर्द और सिर दर्द इत्यादि की शिकायत होती है। अंडा का पीला भाग आयरन का एक बेहतरीन श्रोत है। अंडे के पीले भाग का सेवन करने से मेटाबोलिज्म और खून बढ़ता है।
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2. Anda Benefits / Egg khane ke Fayde – दांत, नाख़ून और हड्डी इत्यादि के कमजोर होने का मुख्य कारण है, कैल्शियम की कमी का होना। कैल्शियम की कमी को दूर करने का सबसे उत्तम उपाय अंडा है। रोजाना Anda का सेवन करे। आपको लाभ मिलेगा।
3. Egg Benefits in Hindi / Urdu – यह दिमाग को तेज करने का काम करता है। अंडे में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है।उसके साथ-साथ इसमें विटामिन बी12 भी होता है। जो दिमाग (Brain) के लिए फायदेमंद होता है।
4. Ande ke fayde / Egg Benefits – यह आँखों और बालों के लिए बहुत ही लाभकारी है। इसमें विटामिन ए होता है। बच्चों को नियमित रूप से अंडे का सेवन कराना चाहिए। इससे Eye Sight बेहतर होती है। और बाल भी मजबूत बनते है। हिना और अंडे को मिलाकर बालों में लगाये। इससे बाल मुलायम और चमकदार होंगे।
यह भी अवश्य पढ़े: संतरा खाने के अनोखे फायदे
5. अंडा के बेहतरीन फायदे – जिन्हें कोलेस्ट्रोल की शिकायत है। उन लोगों को अंडे की जर्दी का एवं करना चाहिए। लेकिन ध्यान रहे की जर्दी का सेवन कच्चा न करें। इसे धीमी आंच पर हल्का पकाकर खाना चाहिए। ऐसा करने से जर्दी में पोषक तत्व की मौजूदगी बनी रहती है।
अंडा खाने के अन्य फायदे – Ande ke anya fayde
Anda का सेवन करने से, यह stamina को बढाता है।
आपने आहार में अंडे को शामिल करे। यह वजन को कम करने में मददगार होता है।
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दूध में अंडा मिलाकर पीना सेहत के लिए अच्छा होता है।
यह प्रोटीन प्राप्त करने का अच्छा श्रोत है।
अंडा त्वचा को पोषण प्रदान करता है।
Egg White Benefits – Egg Yolk Benefits
अंडे क�� सफ़ेद भाग के फायदे – अंडे की सफेदी (Egg White) बहुत ही फायदेमंद होता है। इसमें कैलोरी 52 और प्रोटीन 11 ग्राम होता है। इसमें कोलेस्ट्रोल शून्य होता है। एग्ग वाइट बाल और त्वचा के लिए उत्तम होता है।
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अंडे का पीला भाग के फायदे – अंडे के सफ़ेद भाग में पोषक तत्व होता ही है। लेकिन सफ़ेद भाग की पीले भाग में ज्यादा पोषक तत्व होता है।
अंडे से होने वाले नुकशान – Egg harmful effects
अत्याधिक अंडे का सेवन करने से कैंसर होने का ख��रा बढ़ जाता है।
मधुमेह, उच्च रक्तचाप और दिल के रोगी अंडे का पीला वाला भाग नहीं खाना चाहिए।
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अत्याधिक अंडा का सेवन करने से, मर्दों में नपुंसकता की सम्भावना बढ़ जाती है।
ज्यादा Anda खाने से कोलेस्ट्रोल लेवल बढ़ जाता है।
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दूध, अंडा, मांस से कहीं ज्यादा ताकतवर होती है यह चीज, रोज 100 ग्राम खाने से दूर होगी कमजोरी, मिलते हैं यह जबरदस्त फायदे
दूध, अंडा, मांस से कहीं ज्यादा ताकतवर होती है यह चीज, रोज 100 ग्राम खाने से दूर होगी कमजोरी, मिलते हैं यह जबरदस्त फायदे
Health benefits of soybeans: प्रोटीन की कमी पूरी करने के लिए मांसाहारी लोग अंडे, मछली और मीट का सेवन करते हैं, लेकिन जो लोग शाकाहारी होते हैं, वह प्रोटीन रिच फूड की तलाश में रहते हैं. इसलिए इस खबर में हम आपके लिए सोयाबीन के फायदे लेकर आए हैं, सोयाबीन में काफी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. यह अंडे, दूध और मांस में पाए जाने वाले प्रोटीन से भी ज्यादा होता है. डाइट एक्सपर्ट डॉक्टर रंजना सिंह कहती…
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उबले हुए अंडे खाने वाले कुछ चीजों से हो जाइए सावधान नहीं तो भूल जायेंगे अपनी पहचान
उबले हुए अंडे खाने वाले कुछ चीजों से हो जाइए सावधान नहीं तो भूल जायेंगे अपनी पहचान #Steamed even after forgetting #After eating egg#Should we drink milk#Must eat egg
अंडे खाने से शरीर को बहुत लाभ होता है, लेकिन आपको यह भी पता होना चाहिए कि इसको खाने के बाद कौन सी चीज़ों को परहेज़ करनी करने चाहिए और कौन सी नहीं ऐसी 2 चीज़ों को जिसका सेवन करने से या तो आपका चेहरा ख़राब हो सकता है या फिर आपको शारीरिक नुकसान हो सकते है।
उबले अंडे खाने के बाद कभी भी आपको मछली का सेवन नहीं करना चाहिए, यदि आप उबले अंडे खाने के बाद आप मछली खाते है तो हो सकता है यह आपके चेहरे को नुकसान…
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हर रोज सुबह अंडे खाने से होते है ये जबरदस्त 4 फायदे
हर रोज सुबह अंडे खाने से होते है ये जबरदस्त 4 फायदे #EggHealth #Health #DailyHealth
हेल्थ डेस्क : सेहतमंद रहना किसको पसंद नही होता और सेहतमंद रहने के लिए अच्छे पौष्टिक आहार की जरूरत होती है, और अंडे और दूध को अच्छे पौष्टिक आहार की श्रेणी में रखा गया है, आज में आपको अंडे से होने वाले गुणकारी फायदों के बारे में बताउगा ।
1. विटामिन A
अंडा विटामिन A सबसे अच्छा स्त्रोत होता है, जो हमारी आखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
2. स्वस्थ दिमाग
अंडे में पायें जाने वाला विटामिन B12 हमारे…
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क्या उबले अंडे की डाइट वजन घटाने में मदद करती है? – Boiled Egg Diet in Hindi
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क्या उबले अंडे की डाइट वजन घटाने में मदद करती है? – Boiled Egg Diet in Hindi
वजन को नियंत्रित रखना सबसे बड़ी चुनौती है। अगर वजन कम हुआ, तो कमजोरी का सामना करना पड़ता है। वहीं, अगर वजन ज्यादा हुआ, तो मोटापा घेर लेता है और मोटापा अपने साथ लाता है, बीपी, शुगर व हृदय रोग। इन तमाम बीमारियों से बचने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना जरूरी है। साथ ही पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। खान-पान के संबंध में संतुलित डाइट प्लान को फॉलो किया जा सकता है। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम वजन घटाने में उबले अंडे के डाइट पर चर्चा करेंगे। हम वैज्ञानिक प्रमाण सहित बताएंगे कि वजन घटाने में बॉयल्ड एग का डाइट प्लान कैसे काम करता है। साथ ही आपको पता चलेगा कि यह डाइट ��्या है, इसके लाभ क्या हैं, इसे किस तरह अपनाना है आदि। साथ ही, अगर उबले अंडे के डाइट प्लान के नुकसान हैं, तो उस बारे में भी बताएंगे।
अधिक जानकारी ��े लिए पढ़ते रहिए यह लेख।
लेख के सबसे पहले भाग में जानिए कि वजन घटाने में उबले अंडे की डाइट किस तरह काम करती है।
विषय सूची
उबले अंडे की डाइट कैसे वजन कम करने में मदद करती है?
उबले हुए अंडे खाने के लाभ यह है कि इसे खाने के बाद देर तक पेट के भरे रहने का एहसास रहता है। इस वजह से व्यक्ति बार-बार नहीं खाता और वजन कम करने में मदद मिल सकती है (1)। इसके अलावा, अंडे में भरपूर मात्रा में प्रोटीन भी पाया जाता है, जो भूख को नियंत्रित करके वजन कम करने में मदद कर सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में यह पाया गया है कि आहार में उचित मात्रा में अंडा शामिल करने से वजन कम करने में मदद मिल सकती है। ध्यान रहे कि सिर्फ अंडा खाने से वजन कम करने में मदद मिले, यह जरूरी नहीं है, लेकिन अंडे के साथ आहार में सही और उचित मात्रा में अन्य जरूरी खाद्य पदार्थ शामिल करना वजन नियंत्रण में फायदेमंद हो सकता है (2)।
वजन कम करने के साथ-साथ उबले हुए अंडे के लाभ स्वास्थ्य के लिए और भी कई तरह से काम आ सकते हैं। सेहत के लिए उबले हुए अंडे की डाइट के फायदे जानिए लेख के अगले भाग में।
अंडे की डाइट के अन्य फायदों के लिए स्क्रॉल करें।
उबले अंडे की डाइट क्यों फायदेमंद है?
उबले अंडे की डाइट के फायदे वजन कम करने के अलावा, स्वास्थ से जुड़ी अन्य समस्याओं में भी लाभदायक हो सकते हैं, जैसे :
1. उच्च रक्तचाप नियंत्रित करे
तनाव को उच्च रक्तचाप के पीछे बड़ा कारण माना गया है। ऐसे में उबले हुए अंडे के लाभ तनाव के कारण होने वाले उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं (3)। साथ ही अंडे में एंटीहाइपरटेंसिव गुण भी होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है (4)। इन दोनों तथ्यों की पुष्टि एनसीबीआई की ओर से प्रकाशित रिसर्च पेपर्स से होती है।
2. ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस करे कम
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस शरीर में कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकता है। ��सलिए, आहार में प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट को शामिल करना जरूरी है। इस काम के लिए उबले अंडे को आहार में शामिल करने से फायदा हो सकता है। अंडे में ओवलब्यूमिन व ओवोट्रांसफेरिन जैसे प्रोटीन पाए जाते हैं, जो प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम कर सकते हैं। साथ ही, अंडे में मौजूद अन्य खनिज जैसे विटामिन-ए, विटामिन-ई व सिलेनियम भी एंटीऑक्सीडेंट गुण से समृद्ध होते हैं, जो शरीर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाने में सहायक साबित हो सकते हैं (5)।
3. शरीर के सूजन को दूर करे
शरीर में सूजन के कई कारण हो सकते हैं, जैसे संक्रमण व टिश्यू इंजरी आदि। हृदय रोग व टाइप 2 डायबिटीज के कारण भी शरीर में सूजन आ सकती है। ऐसे कई मामलों में उबले हुए अंडे के लाभ इस सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसमें पाए जाने वाले ल्यूटिन और जेक्सैंथिन (एक तरह के विटामिन-ए कंपाउंड) प्रभावी एंटीइंफ्लेमेटरी एजेंट की तरह काम करते हैं। साथ ही अंडे में मौजूद प्रोटीन में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर की सूजन कम करने में मदद कर सकते है।
ध्यान रहे कि ��ंडे में कुछ प्रोइंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं, जो सूजन बढ़ा सकते हैं। इसलिए, इंफ्लेमेशन कम करने के लिए इनका सेवन करने के बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर करें (6)।
4. मुंहासे कम करे
अगर उबले हुए अंडे का सेवन करते समय आप उसकी जर्दी हटा देते हैं, तो हम बता दें कि यह जर्दी त्वचा को साफ व स्वस्थ रखने और मुंहासों की समस्या से आराम दिलाने में मदद कर सकती है। अंडे की जर्दी में पॉलीक्लोनल हाइपरिम्यून एंटीबॉडीज (polyclonal hyperimmune antibodies) यानी एक तरह का प्रोटीन पाया जाता है, जिसमें एंटी-एक्ने गुण होते हैं। यह गुण मुंहासों का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को खत्म करके मुंहासों से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (7)।
5. बालों के लिए फायदेमंद
बालों के लिए कुछ पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जो उन्हें झड़ने से बचाते हैं और सेहतमंद बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। ऐसे में बालों के लिए अंडे का उपयोग किया जा सकता है। अंडे में एमिनो एसिड पाया जाता है, जो बालों को घना बनाने में मदद कर सकता है। अंडे में विटामिन-डी3, फोलेट, पैंटोथैनिक एसिड (विटामिन-बी5) और सिलेनियम जैसे मिनरल पाए जाते हैं, जो झड़ते बालों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। साथ ही उन्हें स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं (8)।
6. प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए लाभकारी
अंडे में लाइसोजाइम जैसे प्रोटीन पाए जाते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। ये इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं, जिससे आंत से जुड़ी कई समस्याओं जैसे इंफ्लेमेटरी बाउल रोग व कोलाइटिस आदि से राहत पाने में मदद मिल सकती है (9)। इसके अलावा, अंडे के सफेद भाग का सेवन प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (किसी भी टॉक्सिन के प्रति प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया) को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है (10)।
7. हड्डियों के लिए लाभकारी
हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए व्यायाम के साथ-साथ कुछ पोषक तत्व भी जरूरी होते हैं। अंडे में विभिन्न प्रकार के मिनरल पाए जाते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, अंडे में मौजूद एमिनो एसिड, प्रोटीन, विटामिन-डी और जिंक हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक हो सकते हैं। शोध के अनुसार, एक पूरे अंडे का सेवन बच्चों की हड्डियों को मजबूत बनाकर, उन्हें फ्रैक्चर से बचा सकता है (11)। साथ ही अंडे का सेवन महिलाओं की बोन डेंसिटी बढ़ाने में भी मदद कर सकता है (12)। इस तरह हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए उबले हुए अंडे के लाभ काम आ सकते हैं।
जानिए यह कैसे करता है काम।
लेख के अगले भाग में जानिए कि वजन घटाने में उबले अंडे की डाइट किस तरह अपनाई जा सकती है।
उबले अंडे की डाइट में दो हफ्ते का नमूना प्��ान – Sample 2 Weeks Diet Plan In Hindi
उबले अंडे के डाइट प्लान के फायदे सिर्फ अंडे के कारण काम नहीं करते, बल्कि इसमें अन्य स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थों को भी शामिल किया जाता है। इनके कारण वजन घटाने में उबले अंडे की डाइट सकारात्मक रूप से काम करती है (2)। संदर्भ के लिए नीचे डाइट प्लान का नमूना दिया गया है, जिसे डाइटीशियन से परामर्श करके अपनाया जा सकता है। इस डाइट को अपनाते समय इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि सबका शरीर और सबकी पसंद एक सामान नहीं होती। इस कारण उबले अंडे के डाइट प्लान में बदलाव संभव हैं। ये बदलाव डाइट का अनुसरण करने वाले व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य और खाने की पसंद (वेज या नॉन-वेज) के अनुसार हो सकते हैं।
वजन घटाने में उबले अंडे का डाइट प्लान – पहला सप्ताह
सोमवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) 2 उबले अंडे + 2 बादाम + 1 कप स्किम दूध/सोया दूध + आधा सेब दोपहर का भोजन (12:30 बजे) टूना सलाद/एक बाउल लीगम अंकुरित सलाद + 1 कप छाछ रात का खाना (7:00 बजे) ग्रील्ड चिकन/टोफू + 1 कप उबली हुई सब्जियां
कैसे काम करता है :
बादाम में समृद्ध मात्रा में फाइबर, प्रोटीन, अनसचुरैटेड फैटी एसिड और अन्य फाइटोकेमिकल्स (एक तरह के केमिकल कंपाउंड) पाए जाते हैं। इनका सेवन करने से अधिक समय तक पेट के भरे रहने का एहसास रहता है और जल्दी भूख नहीं लगती (13)। डेयरी उत्पाद जैसे स्किम मिल्क या सोया मिल्क में कैल्शियम पाया जाता है, जो वजन कम करने में मदद कर सकता है (14)। सेब खाने के फायदे ये हैं कि इनमें फाइबर व कई तरह के पॉलीफेनोल्स पाए जाते हैं, जिनमें एंटीओबेसिटी गुण होता है (15)। मछलियां प्रोटीन का अच्छा स्रोत होती हैं और टूना मछली के फायदे से शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिल सकता है, जिससे हृदय को सेहतमंद बनाए रखने में मदद मिल सकती है। साथ ही यह वजन कम करने में मदद कर सकती है। (16)। लीगम में पाया जाने वाला प्रोटीन, फाइबर और धीरे-धीरे पचने वाले कार्बोहाइड्रेट्स के कारण यह लंबे समय तक पेट भरे रहने का एहसास बनाए रखता है (17)। पूरा दिन सादा खाने के बाद, आप रात के खाने में ग्रिल्ड चिकन या टोफू खा सकते हैं। चिकन लीन प्रोटीन का अच्छा स्रोत होता है और फ्राइड या फास्ट फूड की जगह ग्रिल्ड चिकन या टोफू को खाने में हेल्दी विकल्प माना जाता है (18)।
मंगलवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) 2 उबले अंडे + ½ मध्यम कटोरी दलिया (ओटमील) दोपहर का भोजन (12:30 बजे) सब्जी क्विनोआ + बेक्ड मछली/ग्रिल्ड मशरूम + 1 कप दही डिनर (7:00 बजे) सब्जियों के साथ मिश्रित दाल ��ा पानी
कैसे काम करता है :
वजन कम करने में बॉयल्ड एग की डाइट में दलिया शामिल करने से भी फायदा मिल सकता है। यह अधिक समय तक पेट भरे रहने का एहसास देकर, भूख कम करने में मदद करता है। इस कारण व्यक्ति बार-बार नहीं खाता (19)। वहीं, क्विनोआ में प्रोटीन, पोटैशियम, फाइबर व आयरन जैसे खनिज होते हैं, जो सेहत के लिए लाभकारी हो सकते हैं। साथ ही ये अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं, जिससे हृदय स्वस्थ रहता है (20)। आहार में लीन फिश (जिसमे फैट कम हो) शामिल करने से वजन कम करने में मदद मिल सकती है (16)। रात के खाने में सब्जियों के साथ मिश्रित दाल का सूप पीने का फायदा यह है कि इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट जल्दी नहीं पचता है। साथ ही इसमें पाए जाने वाले फाइबर और प्रोटीन के कारण इसे खाने के बाद व्यक्ति को जल्दी भूख नहीं लगती है (17)।
बुधवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) 2 उबले अंडे + 1 गेहूं का टोस्ट + 1 कप ग्रीन टी दोपहर का भोजन (12:30 बजे) उबले हुए काबुली चने की सलाद + 1 कप छाछ रात का खाना (7:00 बजे) मिक्स्ड वेजिटेबल करी + 2 मीडियम आकार के फ्लैटब्रेड + बहुत कम तेल में फ्राई आधा कप मशरूम + आधा कप दही
कैसे काम करता है :
वजन कम करने और सेहतमंद डाइट में नाश्ते में एक स्लाइस होल वीट टोस्ट खाने की सलाह दी जाती है (21)। ग्रीन टी के फायदे की बात करें तो इसमें एपिगैलोकैटेचिन-3-गैलेट (एक तरह का कैटेचिन) पाया जाता है, जो वजन नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (22)। वजन घटाने में उबले अंडे की डाइट में चने शामिल करने का फायदा इसमें मौजूद उच्च फाइबर और कम ग्लाइसेमिक लोड की वजह से होता है। यह वजन कम करने में लाभदायक हो सकता है (23)। वजन नियंत्रित रखने के लिए एक स्वस्थ और संतुलित आहार में भरपूर रूप से सब्जियां, होल ग्रेन से बनी ब्रेड (रोटियां) व सलाद में मशरुम खाने की सलाह दी जाती है (24)। दही भूख को नियंत्रित करके वजन को नियंत्रण करने में भी मदद कर सकता है (25)।
पूरे हफ्ते की डाइट जानने के लिए स्क्रॉल करें।
गुरुवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) 2 उबले अंडे + 2 बनाना पेनकेक्स (मेपल सिरप के बिना) + 1 कप ताजा संतरा दोपहर का भोजन (12:30 बजे) ग्रिल्ड चिकन/मशरूम + उबली हुई सब्जियां + 1 कप नारियल पानी डिनर (7:00 बजे) योगर्ट ड्रेसिंग में उबली सब्जियां/टोफू + 1 कप छाछ
कैसे काम करता है :
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, नाश्ते के लिए पैनकेक स्वस्थ विकल्प है (26)। फ्रूट जूस की जगह आप साबुत फल खा सकते हैं। इसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, जो पेट भरने में मदद करता है (27)। वजन घटाने के लिए बॉयल्ड एग की डाइट में ग्रिल्ड चिकन और सब्जियां खाने के फायदे हम आपको लेख में ऊपर बता चुके हैं। वहीं, नारियल पानी भी वजन कम करने में मदद कर सकता है (28)। डिनर को हल्का रखते हुए उबली सब्जियां या टोफू को खाया जा सकता है। टोफू एक तरह का सोया प्रोटीन होता है और स���या प्रोटीन शरीर में फैट को जमा होने से बचाता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिल सकती है (29)।
शुक्रवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) 2 उबले अंडे + 1 कप ग्रीन टी + 1 केला मफिन दोपहर का भोजन (12:30 बजे) 2 होल वीट रोटी/रागी फ्लैटब्रेड + मिश्रित सब्जी करी + 1 कप दाल का पानी + आधा कप दही रात का खाना (7:00 बजे) ग्रील्ड मछली/मशरूम + उबली हुई सब्जी + सोने से पहले 1 कप गुनगुना दूध
कैसे काम करता है :
जैसा कि हम पहले भी बता चुके हैं कि उबले अंडे की डाइट के फायदे बढ़ाने के लिए उसके साथ अन्य आवश्यक खाद्य और पेय पदार्थों का सेवन भी जरूरी है। इसलिए, नाश्ते में अंडे के साथ वजन कम के लिए ग्रीन टी को लिया जा सकता है। इसमें मौजूद कैटेचिन की मदद से वजन नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है (22)। वहीं, हफ्ते में एक बार कम शक्कर से बना मफिन खाना भी फायदेमंद हो सकता है। इससे मीठा खाने की इच्छा शांत होगी और कम शक्कर होने के कारण यह सेहतमंद विकल्प भी है (30)। दिन के खाने में होल ग्रेन या रागी से बनी रोटी, सब्जियां और दाल का पानी लिया जा सकता है। ये तीनों ही ज्यादा देर तक पेट भरे रहने के एहसास को बनाए रखते हैं (24) (17)। इसके साथ ही रात के खाने में ग्रिल्ड मछली/मशरूम और उबली हुई सब्जियां खाई जा सकती हैं, जो वजन घटाने में उबले अंडे के डाइट के फायदे को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं (18) (24)। भरपूर नींद न लेना भी वजन बढ़ने की एक वजह हो सकता है (31)। ऐसे में लोगों का मानना है कि सोने से पहले गुनगुना दूध पीने से बेहतर नींद लेने में मदद मिल सकती है (32)।
शनिवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 a.m.) 2 उबले अंडे + थोड़े से जामुन के साथ 2 अलसी पेनकेक्स + 1 कप ग्रीन टी दोपहर का भोजन (12:30 बजे) केल, किडनी बीन्स और शकरकंद सलाद + दही के साथ 1 छोटा कप फल रात का खाना (7:00 बजे) 1 कटोरी सीफूड/वेजिटेबल टोफू + 80% या उससे अधिक डार्क चॉकलेट का 1 टुकड़ा
कैसे काम करता है :
वजन घटाने में बॉयल्ड एग की डाइट में नाश्ते में अंडों के साथ पेनकेक्स और ग्रीन टी ली जा सकती है। ये तो हम आपको बता ही चुके हैं कि पेनकेक्स जितने स्वादिष्ट होते हैं, उतने ही स्वास्थवर्धक भी होते हैं और नाश्ते में इनका सेवन करने की सलाह दी जाती है (26)। जामुन खाने का फायदा यह है कि इससे शरीर में फैट ऑक्सीडेशन (शरीर में मौजूद फैट को ऊर्जा में बदलना) को बढ़ावा मिलता है, जिससे मोटापा नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है (33)। शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए केल, किडनी बीन्स और शकरकंद को आहार में शामिल करने की सलाह दी जाती है। जहां केल शरीर के लिए कैल्शियम का अच्छा स्रोत हो सकता है, वहीं बीन्स और शकरकंद फाइबर का अच्छा स्रोत हो सक���े हैं (34)। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) द्वारा प्रकाशित एक शोध में यह पाया गया है कि आहार में संतुलित मात्रा में सीफूड (खासकर सालमन मछली) शामिल करने से वजन कम करने में फायदा मिल सकता है (35)। वहीं, सोया प्रोटीन से भरपूर टोफू शरीर में फैट को जमा होने से रोककर, वजन नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (27)। रात को छोटी-सी ट्रीट के रूप में 80 या उससे अधिक प्रतिशत वाली डार्क चॉकलेट का एक टुकड़ा लिया जा सकता है। डार्क चॉकलेट खाने का फायदा यह है वजन नहीं बढ़ाएगा, बल्कि मीठा खाने की इच्छा को शांत करेगा और पेट भरे रहने का एहसास बनाए रखेगा (36)।
रविवार :
समय क्या खाएं सुबह का नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) 2 उबले अंडे + 1 होल वीट टोस्ट + आधा कप बेक्ड बीन्स + 1 कप ग्रीन टी लंच (12:30 बजे) अनानास ड्रेसिंग के साथ पेन-ग्रील्ड चिकन सलाद रात का खाना (7:00 बजे) वेगन पिज्जा के 2 स्लाइस (फूलगोभी के साथ बनाया गया पिज्जा बेस) + 1 कप नारियल पानी
कैसे काम करता है :
उबले हुए अंडे के लाभ पूरी तरह से लेने के लिए उससे जुड़ी डाइट में अन्य जरूरी खाद्य पदार्थों को शामिल करना जरूरी है, जो वजन घटाने में मदद कर सकते हैं, जैसे नाश्ते में होल वीट ब्रेड/टोस्ट, बीन्स और ग्रीन टी (34) (22)। वजन घटाने में बॉयल्ड एग की डाइट के तहत लंच में ग्रिल्ड चिकन खाया जा सकता है (18)। हफ्ते के आखिरी दिन डिनर पर घर में बने वेगन पिज्जा से खुद को छोटी-सी ट्रीट दी जा सकती है। घर पर बने इस पिज्जा का बेस मैदे का नहीं, बल्कि फूलगोभी की मदद से बनाया जाएगा। तेल की बहुत कम मात्रा और टॉपिंग में हेल्दी सब्जियों का उपयोग करके इस पिज्जा को आसानी से घर में बनाया जा सकता है। साथ ही एक कप नारियल पानी लिया जा सकता है। नारियल पानी के गुण शरीर को हाइड्रेट करेंगे और वजन घटाने में भी सहायक हो सकता है (28)।
एक हफ्ते के बाद कैसा महसूस होता है :
शुरुआत में आपको खाने के बाद भी भूख लग सकती है, क्योंकि आप अपनी सामान्य डाइट से कम खाएंगे। ऐसा आपको कुछ दिनों तक महसूस हो सकता है। ऐसा लगना सामान्य है और इससे घबराने की कोई बात नहीं है। सबका शरीर और स्वास्थ्य एक समान नहीं होता, इसलिए जरूरी नहीं है कि ऐसा सभी को लगे। हालांकि, कुछ लोग डाइट को लेकर काफी उत्साहित होते हैं और उन्हें अधिक कमजोरी महसूस नहीं होती। इसलिए, कुछ लोगों को वजन घटाने में उबले अंडे की डाइट का असर पहले हफ्ते में ही नजर आना मुश्किल है।
उबले अंडे के डाइट प्लान के फायदे के बेहतर परिणाम के लिए आगे जानिए कि वजन घटाने में उबले अंडे के डाइट प्लान को दूसरे हफ्ते में कैसे फॉलो करना है।
चलिए दूसरे हफ्ते की डाइट की शुरुआत करते हैं।
वजन घटाने में उबले अंडे का डाइट प्लान – दूसरा हफ्ता
वजन घटाने में उबले अंडे की डाइट के तहत दूसरे हफ्ते में भी लगभग पहले हफ्ते के आहार का ही सेवन करना है। ये सभी आहार पहले हफ्ते की ही तरह काम करेंगे। इन्हें सेवन करने के समय में जरूर परिवर्तन आ सकता है, लेकिन इनकी वजन कम करने की कार्यप्रणाली में कोई बदलाव नहीं आएगा। नीचे जानिए दूसरे हफ्ते के सातों दिन की डाइट के बारे में :
सोमवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) वेजिटेबल क्विनोआ + 1 कप ग्रीन टी + 4 बादाम दोपहर का भोजन (12:30 बजे) विभिन्न सब्जियों के जैसे सलाद पत्ता (lettuce), चेरी, टमाटर, केल, जैतून का तेल, हेर्ब्स और मसालों के साथ उबला हुआ अंडे का सलाद रात का खाना (7:00 बजे) ककड़ी का सूप + ग्रिल्ड फिश/टोफू
मंगलवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) 2 उबले अंडे + 1 केला + 1 कप दूध दोपहर का भोजन (12:30 बजे) सब्जियों के साथ पके हुए 3 लेट्यूस टूना/टोफू और कुछ पिस्ता + 1 कप ठंडा नारियल पानी रात का खाना (7:00 बजे) सब्जी/चिकन शोरबा + सब्जियों के साथ पकाया गया बाजरा + 80% या अधिक डार्क चॉकलेट का 1 टुकड़ा
बुधवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) दो उबले अंडे, टमाटर, एवोकाडो और काले तिल के बीज के साथ बनाए गए दो सैंडविच + 1 कप ग्रीन टी दोपहर का भोजन (12:30 बजे) फेट चीज़, नींबू का रस, पुदीने की पत्तियां और थोड़ी-सी काली मिर्च के साथ फलों का सलाद रात का खाना (7:00 बजे) उबले हुए किडनी बीन्स (थोड़े से मसाले के साथ) + आधा पीटा ब्रेड + ककड़ी, गाजर और चुकंदर का सलाद
गुरुवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) 2 उबले अंडे + दो होल वीट टोस्ट + पके हुए बीन्स + 1 कप ग्रीन टी दोपहर का भोजन (12:30 बजे) गोभी का सूप + आधा कप सब्जियों के साथ ग्रील्ड मछली/टोफू रात का खाना (7:00 बजे) चाईनीज गोभी, लाल गोभी, पीले और लाल शिमला मिर्च, खीरे और गाजर से बना सलाद + आधा कप हर्ब्स के साथ ग्रिल्ड चिकन/मशरुम + 1 कप दूध में एक चुटकी हल्दी
शुक्रवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) एक गिलास बनाना स्मूथी दोपहर का भोजन (12:30 बजे) ½ कप ब्राउन राइस + 2 उबले अंडे की करी + बहुत कम तेल में फ्राई 1 छोटा कप सब्जियां + 1 कप दही रात का खाना (7:00 बजे) पास्ता और मीटबॉल/सोयाबॉल + 1 कप छाछ
शनिवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) 2 उबले अंडे + 1 संतरा + 4 बादाम दोपहर का भोजन (12:30 बजे) 1 कटोरी फलों का सलाद (आम और अंगूर का सेवन न करें) रात का खाना (7:00 बजे) 1 बाउल चिकन/वेजिटेबल सूप
रविवार :
समय क्या खाएं नाश्ता (8:00 – 8:30 बजे) 1 छोटा कटोरी दलिया + 1 कप ग्रीन टी + 2 बादाम दोपहर का भोजन (12:30 बजे) दो उबले अंडे के साथ 1 बाउल उबली हुई सब्जियां रात का खाना (7:00 बजे) उबली हुई किडनी बीन्स (थोड़े से मसालों के साथ) + ककड़ी स्लाइस + 1 कप नारियल पानी
दूसरे हफ्ते के बाद कैसा महसूस होता है :
उबले अंडे का डाइट प्लान के 2 हफ्ते खत्म होने के बाद आप इस डाइट के आदी होने लगेंगे और आपकी भूख व डाइट पहले से बहुत कम हो चुकी होगी। आपको हल्का, अधिक फिट, अधिक सकारात्मक और सात्विक महसूस होने लगेगा। संतुलित आहार लेने के कारण, आपका वजन नियंत्रण में आने लगेगा और आप अधिक स्वस्थ महसूस करने लगेंगे। जरूरी नहीं कि यह एहसास सभी के लिए एक समान हो, इसलिए अगर आप इससे कुछ अलग, लेकिन सकारात्मक महसूस करें, तो बधाई हो। आपकी डाइटिंग सफल हुई।
अधिक जानकारी के पढ़ते रहे यह लेख।
उबले अंडे के डाइट प्लान के फायदे और खाद्य पदार्थों के बारे में बताने के बाद, आइए आपको देते हैं कि वजन घटाने में उबले अंडे की डाइट से जुड़े अन्य खाद्य पदार्थों की जानकारी।
उबले अंडे की डाइट में खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ – Foods to Eat on Boiled Egg Diet In Hindi
माना जाता है कि उबले ��ुए अंडे के लाभ अच्छी तरह उठाने के लिए इस डाइट के दौरान तीनों समय के भोजन के अलावा और कुछ नहीं खाना चाहिए। हालांकि, इस बारे में अभी कोई रिसर्च या वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है, लेकिन अगर डाइट का पालन करते हुए दिन में अधिक थकान या भूख लगे, तो आप नीचे बताए गए खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। इनमें कैलोरी की म��त्रा कम होती है, जिस कारण ये वजन को नियंत्रित रखने में मदद कर सकते हैं (37) :
एक मध्यम आकार का सेब (सूखा या कटा हुआ)
एक मध्यम आकार का केला
एक चौथाई कप किशमिश
एक गाजर
एक चौथाई कप ड्राई फ्रूट्स
एक कप नॉनफैट दही
होल वीट मफिन
पॉपकॉर्न (बिना नमक के)
आधा कप कटे हुए टमाटर
लेख के अगले भाग में जानिए कि वजन घटाने में उबले अंडे की डाइट का अनुसरण करते समय किन खाद्य पदार्थों को खाने से बचना चाहिए।
उबले अंडे की डाइट में इन खाद्य पदार्थों को खाने से बचें – Foods to Avoid on Boiled Egg Diet In Hindi
उबले अंडे के डाइट प्लान के फायदे उठाने के लिए नीचे दिए गए खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें (38) :
अधिक कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थ
फैट से समृद्ध खाद्य पदार्थ
एक बार में अधिक न खाएं
अधिक शक्कर युक्त खाद्य और पेय पदार्थ
कैंडी, कुकीज, केक व सोडा आदि
फास्ट फूड
लेख के अगले भाग में आप जानेंगे उबले अंडे के डाइट प्लान के नुकसान के बारे में।
उबले अंडे का डाइट प्लान के नुकसान – Side Effects Of Boiled Egg Diet In Hindi
उबले हुए अंडे के लाभ के साथ कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जैसे (4):
अंडे में कोलेस्ट्रॉल व सेचुरैटेड फैट पाया जाता है। इस कारण अंडे का अधिक सेवन शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है। इसके कारण हृदय रोग की समस्या हो सकती है।
कुछ मामलों में अंडों के सेवन के कारण साल्मोनेला (Salmonella), सेरोवार्स एंटरिटिडिस (Serovars Enteritidis) और टाइफिम्यूरियम (Typhimurium) जैसे बैक्टीरिया से जुड़े संक्रमण हो सकते हैं। ये बैक्टीरिया आंत और डाइजेस्टिव ट्रैक्ट को प्रभावित करते हैं।
अनपॉश्चरीकृत अंडे का उपयोग करने से शरीर बैक्टीरियल संक्रमण के चपेट में आ सकता है।
अंडे के सफेद भाग में मौजूद प्रोटीन एग एलर्जी का कारण बन सकता है। इसके कारण शरीर पर चक्कते, रैशेज, डायरिया, अपच, उल्टी व मतली आदि समस्याएं हो सकती हैं (39)।
हर रोज अंडे खा-खा कर, बोरियत महसूस हो सकती है।
उबले अंडे के डाइट प्लान के नुकसान यह भी है कि यह सिर्फ दो हफ्ते का होता है। इस डाइट के खत्म होने के बाद, संतुलित आहार का सेवन और व्यायाम न करने से वजन फिर से बढ़ सकता है।
इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद उबले अंडे के डाइट प्लान के नुकसान और फायदे आपको अच्छी तरह समझ आ गए होंगे। अंत में यह कहा जा सकता है कि नियम और संतुलित आहार के साथ वजन घटाने में उबले अंडे के डाइट प्लान को इस्तेमाल करने से फायदा हो सकता है। साथ ही इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि दो हफ्ते की डाइट पूरी होने के बाद भी नियमित रूप से व्यायाम और संतुलित आहार का सेवन करते रहें। ऐसा न करने से वजन दोबार��� बढ़ सकता है और उबले अंडे के डाइट के फायदे नहीं दिखेंगे। वजन से संबंधित अन्य डाइट चार्ट के लिए आप स्टाइलक्रेज के अन्य आर्टिकल पढ़ सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या उबले हुए अंडे की डाइट सुरक्षित है?
संतुलित आहार के साथ, उबले अंडों की डाइट का पालन करना सुरक्षित है। फिर भी डाइट प्लान शुरू करने से पहले अपने डाइटीशियन से परामर्श जरूर करें (2)।
उबले अंडे की डाइट की मदद से कितना वजन कम किया जा सकता है?
यह पूरी तरह से आपकी दिनचर्या, शरीर और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। साथ ही यह व्यक्ति-दर-व्यक्ति अलग-अलग हो सकता है। माना जाता है कि यह डाइट प्लान लगभग 9 से 11 किलो तक वजन कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
क्या मैं एक दिन में 6 अंडे खा सकता हूं?
एक दिन में 6 अंडे खाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है, जिससे हृदय रोग जैसी अन्य समस्याएं हो सकती हैं (4)।
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सौम्या व्यास ने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय, भोपाल से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बीएससी किया है और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया, बेंगलुरु से टेलीविजन मीडिया में पीजी किया है। सौम्या एक प्रशिक्षित डांसर हैं। साथ ही इन्हें कविताएं लिखने का भी शौक है। इनके सबसे पसंदीदा कवि फैज़ अहमद फैज़, गुलज़ार और रूमी हैं। साथ ही ये हैरी पॉटर की भी बड़ी प्रशंसक हैं। अपने खाली समय में सौम्या पढ़ना और फिल्मे देखना पसंद करती हैं।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/vajan-ghatane-ke-liye-uble-ande-ka-diet-in-hindi/
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क्या कीटो डाइट आसानी से वजन घटाने में मदद करती है? – Keto Diet in Hindi
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क्या कीटो डाइट आसानी से वजन घटाने में मदद करती है? – Keto Diet in Hindi
क्या कीटो डाइट आसानी से वजन घटाने में मदद करती है? – Keto Diet in Hindi Arpita Biswas Hyderabd040-395603080 December 30, 2019
आजकल लोग वजन घटाने या खुद को फिट रखने के लिए कई तरीके आजमाते हैं। कोई जिम जाता है, कोई योग करता है, तो कोई डाइट पर ध्यान देता है। लगभग हर व्यक्ति खुद को स्वस्थ रखने के लिए अपने आहार पर ध्यान देता है। अगर डाइट प्लान की बात करें, तो अभी के जमाने में कई तरह की डाइटिंग चलन में हैं। उन्हीं में से एक है कीटो डाइट, जिसे कीटोजेनिक डाइट भी कहा जाता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम कीटो डाइट संबंधी सभी जरूरी जानकारी जैसे – कीटो डाइट प्लान क्या है, कीटो डाइट चार्ट में कौन सी चीजें हो सकती है, कीटो डाइट के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं आदि के बारे में जानने की कोशिश करेंगे। इतना ही नहीं अगर कीटो डाइट के नुकसान हैं, तो हम उस बारे में भी बात करेंगे। इसलिए, कीटो डाइट प्लान से संबंधित सभी जानकारियों के लिए इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें।
सबसे पहले जानते हैं कि कीटो डाइट क्या है।
विषय सूची
कीटो डाइट प्लान क्या है? – What Is Keto Diet In Hindi
कीटोजेनिक आहार में लोग प्रतिदिन कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, एक मध्यम मात्रा में प्रोटीन और उच्च मात्रा में वसायुक्त आहार का सेवन करते हैं। इसका मतलब यह है कि शरीर एनर्जी के लिए फैट को अधिक बर्न करता है। फिर केटोसिस नामक एक प्रक्रिया में इसे ‘कीटोन बॉडीज’ या कीटोन में तोड़ता है। कीटोजेनिक आहार में लोग आमतौर पर प्रतिदिन केवल 20 से 50 ग्राम कार्बोहाइड्रेट खाते हैं। उदाहरण के रूप में ब्रेड के 2 स्लाइस और एक केले का सेवन मतलब 50 ग्राम कार्बोहाइड्रेट लेना है (1)।
कीटोजेनिक डाइट 4 प्रकार के होते हैं (2):
स्टैंडर्ड कीटोजेनिक डाइट (Standard ketogenic diet-SKD)- इसमें कम कार्बोहाइड्रेट, मध्यम मात्रा में प्रोटीन और उच्च मात्रा में फैट लिया जाता है। इसमें आमतौर पर 70 प्रतिशत वसा, 20 प्रतिशत प्रोटीन और केवल 10 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट लिया जाता है।
साइक्लिकल कीटोजेनिक डाइट (Cyclical ketogenic diet-CKD) – इसमें कीटोजेनिक डाइट साइक���ल के बीच उच्च कार्बोहाइड्रेट का सेवन भी शामिल है। उदाहरण के लिए हफ्ते में 5 दिन कीटोजेनिक डाइट और दो दिन उच्च कार्बोहाइड्रेट डाइट।
टार्गेटेड कीटोजेनिक डाइट (Targeted ketogenic diet -TKD)- इसमें एक्सरसाइज के साथ-साथ अतिरिक्त कार्बोहाइड्रेट का सेवन किया जा सकता है।
हाई प्रोटीन कीटोजेनिक डाइट (High-protein ketogenic diet-HPKD)- इसमें प्रोटीन का सेवन अधिक किया जाता है। लगभग 60 प्रतिशत फैट, 35 प्रतिशत प्रोटीन और 5 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट शामिल हैं। इसके बावजूद यह अधिक फैट वाली डाइट है।
नोट : स्टैंडर्ड कीटोजेनिक डाइट (SKD) और हाई प्रोटीन कीटोजेनिक डाइट (HPKD) का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। साइक्लिकल कीटोजेनिक डाइट (CKD) और टार्गेटेड कीटोजेनिक डाइट (TKD) हाल ही में चर्चा में आई हैं। इन्हें ज्यादातर बॉडीबिल्डर या फिर एथलीट अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं।
अब बारी आती है कीटो डाइट के फायदे जानने की।
कीटो डाइट प्लान के फायदे – Keto Diet Benefits In Hindi
लेख के इस भाग में हम कीटो डाइट के फायदे के बारे में जानकारी दे रहे हैं। नीचे पढ़ें कीटो डाइट प्लान के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं (1) (2) (3) (4)।
वजन कम करने में मददगार हो सकती है।
टाइप 2 डायबिटीज के लिए लाभकारी हो सकती है।
कोलेस्ट्रॉल में सुधार करने में सहायक हो सकती है।
कैंसर के जोखिम को कम करने या कैंसर के उपचार के लिए लाभकारी हो सकती है।
अल्जाइमर से बचाव के लिए मददगार हो सकती है।
मिर्गी के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकती है।
लेख के आगे के भाग में जानिए कीटो डाइट फॉर वेट लॉस के लिए कीटो डाइट प्लान।
4 हफ्ते का नमूना कीटो डाइट प्लान – Sample Keto Diet Plan in Hindi
ध्यान रहे कि यहां कीटो डाइट चार्ट को एक नमूने के तौर पर तैयार किया गया है। इसमें मौजूद सामग्रियों व उसकी मात्रा में आहार विशेषज्ञ की सलाह और व्यक्ति के उम्र, जरूरत व स्वास्थ्य के अनुसार बदलाव किया जा सकता है। हर व्यक्ति का शरीर और खाने की पसंद एक जैसी नहीं होती है, इसलिए इन कीटो डाइट चार्ट में बदलाव संभव है।
पहला सप्ताह:
समय डाइट सुबह 7 बजे ● गर्म या गुनगुने पानी के साथ नींबू
या फिर
● गर्म या गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच त्रिफला चूर्ण
नाश्ता सुबह 8:30 बजे ● 1 उबला अंडा + केल स्मूदी
या फिर
● नारियल का दूध, चिया हलवा या पुडिंग थोड़े से नारियल और अखरोट के साथ
या फिर
● बादाम दूध, हरी सब्जियां, बादाम मक्खन के साथ बनाई गई स्मूदी
दोपहर का भोजन 12:30 बजे ● सब्जियों का सूप
या फिर
● मशरूम और सलाद पत्तों का सलाद उच्च वसा के ड्रेसिंग के साथ
या फिर
● हाई फैट ड्रेसिंग के साथ चिकन, गाजर, शिमला मिर्च और हरी बीन्स की सलाद
दोपहर के भोजन के बाद 2:30 बजे ● 1 कप ग्रीक योगर्ट और 2 बादाम शाम के स्नैक्स 5:00 बजे ● 1 कप ग्रीन टी में थोड़ा नींबू का रस रात का खाना 7:30 बजे ● झींगा और जूड्ल्स (एक प्रकार का नूडल्स)
या फिर
● एवोकैडो और उबली हुई ब्रोकली साथ में थोड़ा ओलिव ऑयल
या फिर
● मशरूम और क्रीम सूप
कैसे लाभकारी हो सकती है?
कीटो डाइट प्लान के पहले हफ्ते में वजन में ज्यादा कमी हो सकती है, क्योंकि कम कार्ब वाला आहार खाने से शरीर से अतिरिक्त पानी बाहर निकल जाता है। इतना ही नहीं लिवर से अतिरिक्त सोडियम भी निकलता है। इससे तेजी से वजन कम होने में मदद मिल सकती है। शरीर में उत्पादित अतिरिक्त कीटोन्स जमा नहीं होते हैं, बल्कि मूत्र के जरिए बाहर निकल जाते हैं। चयापचय को बढ़ावा देने और फैट को बर्न करने के लिए हर रोज खूब सारा प्रोटीन युक्त और अच्छे फैट वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करें। पूरे दिन में 6 मील लें। जैसे कि इस डाइट में कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थों के बारे में बताया गया है। शरीर को पोषण देने के लिए आहार में हरी सब्जियां, फल और नट्स को शामिल किया जा सकता है। एक हफ्ते के लिए तैयार किए गए इस कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस से शरीर को ऊर्जा मिल सकती है।
दूसरा सप्ताह:
समय डाइट प्रातः सुबह 7 बजे गुनगुने या गर्म पानी के साथ एक चम्मच सेब का सिरका नाश्ता सुबह 8:30 बजे ● गुनगुने या गर्म पानी के साथ एक चम्मच सेब का सिरका
या फिर
● कार्बनिक मेपल सिरप के साथ 1 कप हर्बल टी + 1 क्रीम चीज़ पैनकेक
या फिर
● एक पूरा उबला हुआ अंडा और एक गिलास दूध या सोया दूध
या फिर
● 1 कप बुलेटप्रूफ कॉफी + क्रिस्पी फूलगोभी के पकौड़े
दोपहर का भोजन 12:30 बजे ● एवोकैडो और टमाटर के साथ सलाद पत्तों का टैको (मकई या गेहूं से बनी एक प्रकार की रोटी, जिसमें वेज या नॉन-वेज की फिलिंग हो सकती है)
या फिर
● भूना हुआ चिकन और सब्जियां
या फिर
● ब्रोकली और हरी बीन्स के साथ ग्रील्ड चिकन के साथ अच्छा उच्च फैट सॉस
दोपहर के भोजन के बाद 2:30 बजे ● 1 छोटी कटोरी फ्लेवर्ड दही शाम के स्नैक्स 5:00 बजे ● 2 अलसी की कूकीज + 1 कप मसालेदार चाय या हर्बल टी रात का खाना 7:30 बजे ● गाजर और हरी सब्जियों के साथ ग्रील्ड मछली
या फिर
● ताजा क्रीम के साथ बटरनट (अखरोट) स्क्वैश सूप
● लौकी और फूलगोभी के साथ दाल का सूप
कैसे फायदेमंद हो सकती है?
पहले हफ्ते की तरह ही दूसरे हफ्ते में भी 6 मील खाने की आवश्यकता है। साथ ही दिन में दो बार हर्बल टी का सेवन करें। ध्यान रहे कि सही मात्रा में प्रोटीन का भी सेवन किया जाना चाहिए। कार्बोहाइड्रेट की न्यूनतम मात्रा भी आवश्यक है, इसलिए सब्जियों का सेवन भी सही तरीके से करना जरूरी है। हर्बल टी के बजाय बुलेटप्रूफ कॉफी (मक्खन वाली कॉफी) भी ली जा सकती है। सामान्य ब्लैक कॉफी में मक्खन, नारियल तेल और क्रीम को मिलाकर बुलेटप्रूफ कॉफी बनाई जाती है। इससे शरीर को ऊर्जा प्राप्त हो सकती है।
तीसरा सप्ताह:
प्रातः सुबह 7 बजे ● नींबू और आर्गेनिक शहद के 1 बड़े चम्मच के साथ गर्म या गुनगुना पानी नाश्ता सुबह 8:30 बजे ● 1 कप ग्रीन टी + 1 उबला अंडा + पालक की स्मूदी
या फिर
● 1 मध्यम कटोरे में क्विनोआ घी में पकाई गई सब्जियां
दोपहर का भोजन 12:30 बजे ● 2 बादाम या 1 कप ग्रीक योगर्ट शाम के स्नैक्स 5:00 बजे ● 1 कप ग्रीन टी रात का खाना 7 बजे ● ग्रील्ड चिकन सलाद अच्छी उच्च वसा ड्रेसिंग के साथ
● सोया चंक रैप (गेहूं के फ्लैट ब्रेड का उपयोग करें)
कैसे फायदेमंद हो सकती है?
तीसरा हफ्ता पहले दो हफ्ते के ही समान होता है, लेकिन सेवन की जाने वाली कैलोरी की संख्या के आधार पर यह काफी अलग होता है। इस हफ्ते में दोपहर के खाने के बाद छोटे मील को हटाया जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि शरीर भारी नाश्ते से मिली ऊर्जा का उपयोग करे और खाने को पचने में भी आसानी हो। इसके बाद प्रोटीन युक्त डिनर से शरीर को फिर से एनर्जी मिल सकती है।
चौथा सप्ताह:
प्रातः सुबह 7 बजे ● नींबू पानी के साथ अलसी बीज का चूर्ण नाश्ता सुबह 8:30 बजे ● 1 कप ग्रीन टी या ब्लैक कॉफी दोपहर का भोजन 12:30 बजे ● 1 सेब या 1 गिलास छाछ रात का खाना 7 बजे ● चिकन सूप + फ्रूट कस्टर्ड
या फिर
● पालक, लहसुन, खट्टा क्रीम और पारमेसन चीज़ + फ्लेवर्ड दही के साथ मसली हुई गोभी
या फिर
● स्मोक्ड चिकन + हरी सब्जियां + 1 मध्यम आकार की चॉकलेट ब्राउनी
कैसे फायदेमंद हो सकती है?
कीटो डाइट प्लान के चौथे सप्ताह में हाई फैट, उच्च प्रोटीन और कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थ खाने की आवश्यकता होती है। इस हफ्ते में काफी हद तक वजन कम हो सकता है, क्योंकि किटोसिस फैट को बर्न करने में मदद कर सकता है। यह वह सप्ताह है, जब कीटो डाइट प्लान के साथ नियमित व्यायाम करने वालों को सबसे अधिक फायदा हो सकता है।
ये तो थे हफ्ते के अनुसार कीटो डाइट चार्ट के नमूने। अब बारी आती है यह जानने की कि कीटो डाइट में और क्या-क्या खा सकते हैं।
कीटो डाइट में क्या खाएं – Foods to Eat on the Keto Diet In Hindi
नीचे हम कीटो डाइट प्लान में खाए जाने वाले कुछ खाद्य पदार्थों की सूची शेयर कर रहे हैं (2) (5) (6)।
हरी सब्जियां जैसे – पालक, खीरा, ब्रोकली, स्प्राउट्स, शिमला मिर्च, मशरूम, गोभी
चिकन
साबुत अनाज
नट्स जैसे – बादाम, अखरोट
बीज
जैतून का तेल
तरह-तरह के फल
खूब सारा पानी
लेख के अगले भाग में जानिए कि कीटो डाइट प्लान में किन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
कीटो डाइट में क्या न खाएं – Foods to Avoid on the Keto Diet In Hindi
कीटो डाइट फॉर वेट लॉस के लिए नीचे बताए गए खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें (7)।
शराब का सेवन न करें।
सॉफ्ट ड्रिंक या सोडायुक्त पेय पदार्थों से दूर रहें।
तले-भुने खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें।
बाहर का खाना या जंक फूड का सेवन न करें।
ज्यादा मसाले वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहें।
ज्यादा सोडियम युक्त खाद्य पदार्थों से दूर रहें।
प्रोसेस्ड मीट का सेवन न करें।
नोट : अगर कीटो डाइट चार्ट में मौजूद किसी खाद्य पदार्थ से किसी व्यक्ति को एलर्जी है, तो उसका सेवन न करें। कीटो डाइट प्लान के बारे में आहार विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें। कीटो डाइट प्लान की कई चीजें व्यक्ति के उम्र और स्वास्थ्य पर भी निर्भर करती है। इसलिए, बेहतर है कि कीटो डाइट प्लान शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
लेख के आगे के भाग में जानिए कीटो डाइट फॉर वेट लॉस के लिए किस तरह की एक्सरसाइज और योग फायदेमंद हो सकते हैं।
वजन घटाने के लिए कीटो डाइट के साथ कुछ व्यायाम और योगासन
कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस में अगर व्यायाम या योग को शामिल कर लिया जाए, तो उसका प्रभाव और जल्दी दिख सकता है। साथ ही इन्हें सही प्रकार से करना भी जरूरी है। व्यायाम या योग न सिर्फ मोटापे को कम करने में मदद कर सकते हैं, बल्कि अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी बचाव करने में मदद कर सकते हैं (8) (9) (10) (11) (12)।
नीचे हम चार हफ्तों में किए जाने वाले कुछ आसान व्यायाम व योग के बारे में जानकारी दे रहे हैं। पहले तीन हफ्ते मुश्किल व्यायाम किए जा सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि चौथे सप्ताह में हल्के-फुल्के स्ट्रेचिंग योगासन का सहारा लें, क्योंकि चौथे सप्ताह में व्यक्ति लिक्विड डाइट पर रहता है।
पहला हफ्ता – वॉर्मअप + जॉगिंग + रनिंग + जंपिंग जैक + रस्सी कूदना
दूसरा हफ्ता – वॉर्मअप + रस्सी कूदना + स्क्वाट + पुश अप + एरोबिक्स
तीसरा हफ्ता – वॉर्मअप + सीढ़ी चढ़ना + पुश अप + कार्डियो
चौथा हफ्ता – वॉर्मअप + योग + चलना + ध्यान लगाना या मेडिटेट करना
नोट : कोई भी एक्सरसाइज या योगासन करने से पहले किसी विशेषज्ञ द्वारा राय जरूर लें। साथ ही किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें। साथ ही व्यक्ति अपने उम्र और स्वास्थ्य के अनुसार व्यायाम या योग के बारे में विशेषज्ञ की सलाह ले सकता है।
कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस कुछ लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इसलिए, लेख के इस भाग में हम कीटो डाइट प्लान से संबंधित कुछ टिप्स दे रहे हैं।
कीटो डाइट के लिए कुछ और टिप्स – Other Tips for Keto Diet in Hindi
कीटो डाइट प्लान के शुरुआत में कुछ परेशानियां हो सकती है। पसंद की चीजें खाने का मन हो सकता है। ऐसे में इधर-उधर की चीजों में मन लगाकर ध्यान भटकाने का प्रयास करें।
कीटो डाइट प्लान का प्रभाव और अच्छा हो, उसके लिए नियमित व्यायाम व योग करें। चाहें तो जिम या योग सेंटर भी जॉइन कर सकते हैं।
नियमित रूप से पानी पिएं।
कीटो डाइट प्लान के साथ शरीर को आराम भी दें।
कीटो डाइट प्लान के साथ जीवनशैली में भी बदलाव किया जा सकता है। बाहर खाने की जगह बेहतर है कि घर में ही बना खाना खाएं।
एक कप कॉफी और सैंडविच के लिए कॉफी शॉप जाने की जगह घर में ही कॉफी बनाए और साथ में अंडे या हरी सब्जियों का सैंडविच बनाकर खाएं।
सही वक्त पर खाना खाएं।
कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस के शुरुआत से ही हर दिन या हर हफ्ते वजन चेक करें और उसे लिखते जाएं। इससे पता चलेगा कि कीटो डाइट फॉर वेट लॉस का कितना असर हो रहा है।
सही वक्त पर सोएं और सुबह उठें। ध्यान रहे कि नींद पूरी करें।
कीटो डाइट प्लान हर किसी के लिए आसान नहीं है, क्योंकि इसमें ��ई चीजों को खाने में रोक लगी होती है। ऐसे में इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जिसके बारे में लेख के इस भाग में जानकारी दी जा रही है।
कीटो डाइट प्लान के नुकसान – Keto Diet Plan Side Effect In Hindi
हर चीज के दो पहलू होते हैं एक फायदा और एक नुकसान। उसी तरह कीटो डाइट के फायदे हैं, तो कुछ नुकसान भी हैं। नीचे पढ़ें कीटो डाइट के नुकसान (6) (7)।
पोषक तत्वों की कमी
मतली या उल्टी
सिरदर्द
थकान
मूड स्विंग्स या चिड़चड़ापन
चक्कर आना
थकान
कब्ज
अनिद्रा
कीटो डाइट के फायदे जानने के बाद कई लोग इसे फॉलो करना चाहेंगे। उससे पहले कीटो डाइट प्लान को आजमाने के लिए कीटो डाइट चार्ट के बारे में आहार विशेषज्ञ से सलाह लें। साथ ही कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस को अगर सही तरीके से किया जाए, तो इसका असर शरीर पर कुछ ही वक्त में दिख सकता है। ध्यान रहे कि कीटो डाइट के साथ सावधानी जरूरी है, क्योंकि कीटो डाइट के नुकसान भी हैं। इसलिए, डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार कीटो डाइट प्लान को फॉलो करें। अगर डाइट के दौरान कोई भी असुविधा महसूस हो, तो तुरंत विशेषज्ञ से इस बारे में बात करें। कीटो डाइट प्लान को फॉलो कर आप अपने अनुभव नीचे दिए कमेंट बॉक्स की मदद से हमारे साथ जरूर शेयर करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या कीटो डाइट सुरक्षित है?
हां, कीटो डाइट सुरक्षित है (5)। हालांकि, यह व्यक्ति के उम्र और स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है कि उसके लिए कीटो डाइट सुरक्षित है या नहीं। इसलिए, बेहतर है कि इस बारे में अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
कीटो डाइट का पालन कर मैं कितना वजन कम कर सकता हूं?
अगर कीटो डाइट प्लान को सही तरीके से फॉलो किया जाए और साथ में व्यायाम किया जाए, तो पहले दो हफ्ते में 4.5 किलो तक वजन कम हो सकता है (7)।
मैं तीन सप्ताह के लिए कीटो डाइट पर हूं, लेकिन मेरा वजन कम नहीं हुआ है । कृपया मदद करे।
कम कार्ब आहार पर वजन कम न होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे एक दिन में कम कार्ब के खाद्य पदार्थों का सेवन करना, बहुत से फल खाना, पर्याप्त व्यायाम न करना, बहुत अधिक या बहुत कम प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ खाना, हर हफ्ते बहुत से चीटमील खाना, बहुत ज्यादा फैट युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन। इतना ही नहीं तनाव, हार्मोनल असंतुलन और पर्याप्त नींद नहीं लेना भी कारण हो सकता है। इसलिए, कम से कम तीन दिन तक आप अपनी दिनचर्या, पूरे दिन किन खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं और ऐसी ही अन्य छोटी-छोटी लेकिन महत्वपूर्ण बातों को एक जगह नोट करते जाएं। इसके अलावा, आप अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से इस बारे में बात कर सकते हैं।
क्या मिर्गी रोगी कीटो डाइट कर सकते हैं ?
कभी-कभी जब अन्य उपचार विफल हो जाते हैं, तो मिर्गी रोग से ग्रस्त बच्चों को डॉक्टर कीटो डाइट की सलाह देते हैं (7)। अगर किसी भी व्यक्ति के घर में कोई मिर्गी रोगी है, तो उसे कीटो डाइट का पालन कराने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें ।
बॉडी बिल्डिंग के लिए एक सही किटोजेनिक डाइट प्लान क्या है?
अगर कोई व्यक्ति बॉडी बिल्डिंग में रुचि रखता है, तो सबसे पहले उसे शरीर से फैट कम करना होगा। ऊपर बताए गए कीटो डाइट प्लान में कम कार्ब, उच्च फैट और मध्यम मात्रा में प्रोटीन लेने की सलाह दी गई है। फैट को कम करने के लिए व्यक्ति को सबसे पहले 5-सप्ताह केटोजेनिक आहार योजना से शुरुआत करनी होगी। एक बार जब शरीर का फैट बर्न होने लगता है और काफी फैट कम हो चुका होता है, तब बारी आती है विटामिन, खनिज और प्रोटीन सप्लीमेंट (यदि आवश्यक हो) के साथ उच्च प्रोटीन आहार लेने की। फिर भी हम यही सुझाव देंगे कि पहले अपने डॉक्टर, डायटीशियन या जिम ट्रेनर से मिलकर इस बारे में बात की जाए। वो व्यक्ति के स्वास्थ्य के अनुसार बेहतर जानकारी दे सकते हैं।
क्या मैं बच्चे के जन्म के बाद वजन कम करने के लिए कीटो डाइट प्लान को फॉलो कर सकती हूं?
नहीं, डिलीवरी के ठीक बाद आपके बच्चे को पोषण की आवश्यकता होगी। आप जो पौष्टिक और पूर्ण आहार लेंगी वही आपके शिशु को मिलेगा। ऐसे में अगर आप सही और पोषक तत्व युक्त आहार नहीं लेंगी, तो उसका प्रभाव आपके बच्चे पर हो सकता है। इसलिए, पर्याप्त प्रोटीन, वसा और कार्ब्स खाएं, ताकि आपका शिशु स्वस्थ रहे। डिलवरी के कुछ महीनों बाद आप डॉक्टर से परामर्श लें कि कीटोजेनिक डाइट आपके लिए सही है या नहीं। फिर डॉक्टर के कहे अनुसार ही डाइट का चुनाव करें।
क्या ज्यादा फैट युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से फैट बर्न हो सकता है?
हां, कीटो डाइट प्लान में अच्छे वसा शामिल हैं। इसमें ऐसे फैट शामिल हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं, जैसे – मोनोअनसैचुरेटेड फैट (1) (2)। इसके अलावा, दैनिक आहार में ओमेगा-3 फैटी एसिड को शामिल करें। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है (13)।
क्या कीटो डाइट प्लान के दौरान शराब का सेवन किया जा सकता है ?
सप्ताह में सिर्फ एक बार एक छोटा गिलास वाइन का सेवन कर सकते हैं, लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसलिए, बेहतर है कि आहार विशेषज्ञ या डॉक्टर से इस बारे में सलाह लें। स्टाइलक्रेज अल्कोहल सेवन को बढ़ावा नहीं देता है।
क्या मुझे सप्लीमेंट लेने की भी जरूरत है?
यदि आप पहली बार कीटो डाइट कर रहे हैं या कम कार्ब आहार के लिए नए हैं, तो आप कमजोरी महसूस कर सकते हैं। आपके मांसपेशियों में ऐंठन महसूस हो सकती है। ऐसे में आपको सप्लीमेंट की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन सप्लीमेंट के सेवन से पहले न्यूट्रिशनिस्ट या डॉक्टर से बात जरूर करें (1)।
मुझे कब्ज की शिकायत हो रही है। कृपया मदद करें।
आपको अधिक तरल पदार्थ (पानी, ताजे फलों जैसे – बेरीज) का सेवन करना चाहिए (5) (6)। ज्यादा से ज्यादा फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। फाइबर न सिर्फ पाचन क्रिया में सुधार करने में मदद कर सकता है, बल्कि कब्ज की परेशानी से भी राहत दिला सकता है (14) (15)। अगर समस्या ज्यादा बढ़े या ज्यादा दिन से है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
कीटोन्स को कैसे मापा जा सकता है?
कीटोन्स को मापने के लिए बाजार में कई उपकरण हैं, जैसे कि कीटोस्टिक्स (Ketostix)। आप उन्हें ऑनलाइन या मेडिकल स्टोर से खरीद सकते हैं। इसका उपयोग करने से पहले पैकेट पर दिए निर्देशों को ध्यान से पढ़ें।
कीटोसिस चरण में प्रवेश करने में कितने दिन लगेंगे?
कम कार्ब वाले आहार के सेवन के साथ अगर रोज व्यायाम भी किया जाए, तो कुछ ही दिनों में आप कीटोसिस चरण में प्रवेश कर जाएंगे। कीटो डाइट प्लान को अगर सही तरीके से फॉलो किया जाए, तो पहले ही दो हफ्तों में 4.5 (10 lbs) किलो वजन कम किया जा सकता है (7)। यह काफी हद तक व्यक्ति की दिनचर्या और वो किन चीजों का सेवन कर रहा है, उस पर भी निर्भर करता है। जब शरीर में जमा वसा ऊर्जा में परिवर्तित होने लगती है, तो कीटोन निकलने शुरू हो जाते हैं। इसे ही कीटोसिस चरण कहा जाता है।
मुझे घर में खाना बनाने का वक्त नहीं मिलता है। ऐसे में लो कार्ब डाइट को कैसे फॉलो किया जा सकता है?
आप नीचे बताए गए तरीकों को फॉलो कर सकते हैं (16) (17):
हाई कार्ब फूड्स जैसे कूकीज, केक, पेस्ट्री, पास्ता व ब्रेड से दूर रहें।
डिब्बा बंद व सोडा युक्त पेय पदार्थों का सेवन न करें।
अगर आप कहीं बाहर खाने जा रहे हैं, तो वेटर या शेफ से बात करें और अपने खाने की जरूरतों को समझाएं।
सहकर्मियों या दोस्तों के साथ डिनर या लंच के लिए बाहर जाते समय, कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थों जैसे – चिकन, हरी सब्जियां व फलों के रस आदि को ऑर्डर करें।
ज्यादा मसाले वाले आहार से दूर रहें।
अंत में हमारा सुझाव है कि आप हरी सब्जियां, फल खरीदें। हर दिन बाहर या ऑफिस जाने से पहले उन्हें धोएं और काटकर जिपलॉक बैग में रख लें। बाहर के खाने से दूरी बनाएं और भूख लगने पर हरी सब्जियों की सलाद या फलों का सेवन करें। इसके अलावा, आप फ्रीज में भी एक दिन के लिए सब्जियां काटकर रख सकते हैं और जब आप घर आएं, तो उन पर जैतून का तेल और नींबू का रस मिलाकर उनका सेवन कर सकते हैं। आप अंडे उबालकर भी रख सकते हैं। इन चीजों से आप अपना काम आसान कर सकते हैं।
क्या कीटो डाइट प्लान में अच्छी मात्रा में प्रोटीन का सेवन किया जा सकता है?
कीटो डाइट प्लान में सीमित मात्रा में प्रोटीन के सेवन की सलाह दी जाती है (1)। उच्च प्रोटीन वाले आहार से बचें, क्योंकि प्रोटीन का अधिक सेवन शरीर को कीटोसिस स्टेट में जाने से बाधित कर सकता है (18)।
क्या कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस के दौरान बहुत अधिक पेशाब आना सामान्य है?
हां, कीटो डाइट के दौरान यह सामान्य बात है। इसमें ड्यूरेटिक यानी मूत्रवर्धक गुण होता है। इस डाइट में पहले हफ्ते में पेशाब बार-बार आता है, जिससे वजन कम हो सकता है (7)। बार-बार पेशाब जाना केटोसिस का संकेत हो सकता है, मतलब कि आपका शरीर केटोसिस स्टेट में प्रवेश कर चुका है। इसलिए, ध���यान रहे कि आप खूब पानी या अन्य पेय पदार्थों का सेवन करें, ताकि आपके शरीर में पानी की कमी न हो।
कीटो डाइट फॉर वेट लॉस के दौरान इलेक्ट्रोलाइट्स की भरपाई कैसे करें?
कीटो डाइट के दौरान व्यक्ति के शरीर से पानी और इलेक्ट्रोलाइट निकलते हैं, तो ऐसे में उनकी भरपाई भी जरूरी है। इस स्थिति में व्यक्ति मैग्��ीशियम और पोटैशियम की खुराक व मल्टीविटामिन की खुराक ले सकता हैं। रोजाना दो कप सूप पिएं, अपने पीने के पानी या डिटॉक्स ड्रिंक में एक चुटकीभर नमक मिलाएं। ध्यान रहे कि अगर कोई व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी या डायबिटीज से पीड़ित हैं, तो नमक का उपयोग न करें। इसके अलावा, बाजार में उपलब्ध लो-सोडियम साल्ट जैसे लाइट साल्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कीटो फ्लू क्या है?
कीटो फ्लू शरीर में कीटोसिस का एक विशेष संकेत है। कीटो फ्लू कीटो डाइट प्लान शुरू करने के दो से सात दिन बाद दिखाई दे सकता है। इसके लक्षण कुछ इस प्रकार है (19):
सिरदर्द
नींद न आना
कब्ज
थकान
उल्टी या मतली
चिड़चिड़ापन
ऐसा अचानक डाइट में होने वाले परिवर्तन के कारण हो सकता है।
भोजन में कार्ब्स की गणना कैसे कर सकते हैं?
आप न्यूट्रीशन डेटा वेबसाइट पर ऑनलाइन जांच कर सकते हैं या ऑनलाइन टूल जैसे फिटनेस पाल टू कैलकुलेट दी टोटल कार्ब्स (fitness pal to calculate the total carbs) का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, विकल्प के तौर पर आप कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थों के बारे में जानकर अपनी डाइट में कम कार्ब वाली सामग्रियों का चुनाव कर सकते हैं।
कीटो डाइट प्लान के लिए स्वस्थ फैट क्या है?
नीचे हम कुछ स्वस्थ फैट युक्त खाद्य पदार्थों की जानकारी दे रहे हैं, जिनका सेवन आप कर सकते हैं। स्वस्थ फैट में मोनो-अनसैचुरेटेड और पोलीअनसैचुरेटेड फैट मौजूद है। इसका सेवन हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है (20) (21)।
जैतून का तेल
अलसी के बीज
सूरजमुखी के बीज का तेल
सोया
मकई
मछली
एवोकैडो
नट्स
कीटो डाइट प्लान में वजन घटाने के चरण क्या हैं?
अगर बात करें कीटो डाइट प्लान में वजन घटाने के चरण की, तो लोगों के अनुभव के अनुसार आमतौर पर कीटो डाइट प्लान में वजन घटाने के तीन चरण होते हैं। ध्यान रहे कि इनके बारे में कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। इसलिए, हम लोगों के अनुभव के आधार पर इस बारे में बता रहे हैं।
तीन स्टेजेस कुछ इस प्रकार हैं :
रैपिड वेट लॉस स्टेज (Rapid weight loss stage) – इस चरण में व्यक्ति के शरीर से अधिक से अधिक पानी का वजन कम होगा। इसे कीटो डाइट प्लान का पहला चरण कहा जा सकता है।
कीटो अडैप्शन स्टेज (Keto-adaptation stage) – इस चरण में व्यक्ति का वजन घटना स्थिर हो सकता है। हालांकि, इस स्टेज में व्यक्ति का वजन बढ़ भी सकता है। इस स्टेज में शरीर नए ऊर्जा स्रोत और ऊर्जा के रूप में शुगर की कमी का अनुभव कर सकता है। यह लगभग एक सप्ताह तक चल सकता है।
कम्पलीट कीटो अडैप्शन स्टेज (Complete keto-adaptation stage) – इस स्टेज में शरीर मुख्य ऊर्जा स्रोत के रूप में कीटोन्स का उपयोग करना सीख जाता है। इस स्टेज में शरीर ज्यादा फैट बर्न कर सकता है। यह स्टेज तीसरे सप्ताह के मध्य से शुरू हो सकता है और चौथे सप्ताह तक रह सकता है। इस दौरान कुछ लोग वजन बढ़ने का या वजन न घटने का भी अनुभव कर सकते हैं, लेकिन इसमें कोई चिंता की बात नहीं है। यह वजन बढ़ाने या वजन कम न करने की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। ध्यान रहे कि आप सही तरीके से डाइट का पालन करें और नियमित रूप से व्यायाम या योग करते रहें, ताकि वजन संतुलित रहे।
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Arpita Biswas
अर्पिता ने पटना विश्वविद्यालय से मास कम्यूनिकेशन में स्नातक किया है। इन्होंने 2014 से अपने लेखन करियर की शुरुआत की थी। इनके अभी तक 1000 से भी ज्यादा आर्टिकल पब्लिश हो चुके हैं। अर्पिता को विभिन्न विषयों पर लिखना पसंद है, लेकिन उनकी विशेष रूचि हेल्थ और घरेलू उपचारों पर लिखना है। उन्हें अपने काम के साथ एक्सपेरिमेंट करना और मल्टी-टास्किंग काम करना पसंद है। इन्हें लेखन के अलावा डांसिंग का भी शौक है। इन्हें खाली समय में मूवी व कार्टून देखना और गाने सुनना पसंद है।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/vajan-ghatane-ke-liye-keto-diet-in-hindi/
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स्टीम/सॉना बाथ के फायदे और नुकसान – Steam/Sauna Bath Benefits and Side Effects in Hindi
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स्टीम/सॉना बाथ के फायदे और नुकसान – Steam/Sauna Bath Benefits and Side Effects in Hindi
स्टीम/सॉना बाथ के फायदे और नुकसान – Steam/Sauna Bath Benefits and Side Effects in Hindi Saral Jain Hyderabd040-395603080 October 18, 2019
जिम हो या फिर स्पा बिना स्टीम बाथ और सॉना बाथ के अधूरे हैं। ऐसा माना जाता है कि स्टीम बाथ का इतिहास प्राचीन रोमन सभ्यता से जुड़ा हुआ है, जहां से इसकी शुरुआत हुई थी। प्राचीन काल में रोमन वासियों ने कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए इस तकनीक को इजात किया था। स्टीम बाथ लेने के फायदे एक नहीं बल्कि कई हैं। समय के साथ-साथ इसमें तकनीकी सुधार होते चले गए। आज भी इसका उपयोग शरीर को रिलैक्स करने से लेकर कई प्रकार की बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख का मुद्दा भी स्टीम बाथ ही है। हम स्टीम बाथ के साथ-साथ सॉना बाथ के फायदे भी बताएंगे। साथ ही इससे होने वाले कुछ नुकसानों के बारे में भी बात करेंगे।
सबसे पहले हम जानते हैं कि स्टीम बाथ और सॉना बाॅथ कहते किसे हैं।
विषय सूची
स्टीम/सॉना बाथ क्या है? – What is Steam/Sauna Bath in Hindi
स्टीम बाथ, जैसा की नाम से पता चल रहा है कि भाप के जरिए स्नान करना। यह एक प्रकार का खास स्नान है, जिसमें पानी की जगह पानी की भाप से नहाया जाता है। इसमें सबसे पहले एक कमरे को भाप से लगभग 110 से 114 डिग्री फेरेनहाइट तापमान पर किया जाता है। लोग इस भाप वाले कमरे में कुछ समय के लिए रुक कर भाप के माध्यम से स्नान करते हैं, अर्थात पूरे शरीर की भाप से सिकाई की जाती है। इसलिए, इसे स्टीम बाथ कहते हैं (1)। वहीं, सॉना बाथ में कमरे का तापमान 80 से 90 डिग्री सेल्सियस तक होता है, जिससे पसीने के माध्यम से हानिकारक पदार्थ शरीर से निकल जाते हैं। इसे 5 से लेकर 20 मिनट तक 1 से 3 बार दोहराया जा सकता है (2)।
स्टीम/सॉना बाथ के बारे में जानने के बाद अब इसके फायदाें के बारे में विस्तार से बात करते हैं।
स्टीम/सॉना बाथ के फायदे – Benefits of Steam / Sauna Bath in Hindi
जो लोग स्टीम बाथ या सॉना बाथ लेते हैं, उन्हें भी नहीं मालूम होगा कि वो कितने फायदों का लाभ ले रहे हैं। यहां हम स्टीम बाथ और सॉना बाथ कुछ प्रमुख फायदों का जिक्र कर रहे हैं।
1. वजन कम करने के लिए स्टीम बाथ लेने के फायदे
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क्या आप सोच सकते हैं कि नहाने से वजन कम हो सकता है। नहीं न, तो हम आपको बता दें कि स्टीम या सॉना बाथ लेने से आप अपना वजन कम कर सकते हैं। यह अतिरिक्त कैलोरी को बर्न करने में आपकी मदद करता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती हैं। आप सॉना बाथ के लगभग 30 मिनट के सेशन में लगभग 600 कैलोरी तक बर्न कर सकते हैं। कैलोरी बर्न होने से आपके शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम हो जाती है और आप अपने वजन में कमी महसूस कर सकते हैं (1) (3)।
2. रक्त संचार के लिए सॉना बाथ के फायदे
रक्त संचार में सुधार के लिए सॉना या स्टीम बाथ आदर्श तरीके हो सकते हैं। दरअसल, जब आप स्टीम या सॉना बाथ लेने के लिए स्टीम बाथरूम में बैठते हैं, तो शरीर की रक्त वाहिकाएं फैल जाती हैं, जिससे रक्तचाप और पल्स रेट कम हो जाता है, जिससे शरीर में रक्त संचार में सुधार हो सकता है। हालांकि, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है (1) (4)।
3. जोड़ाें की अकड़न को दूर करने के लिए स्टीम बाथ लेने के फायदे
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अगर आप जिम करके आ रहे हैं और जिम के दौरान मांसपेशियों और जोड़ों की अकड़न को दूर करना चाहते हैं, तो स्टीम या सॉना बाॅथ आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। ये आपकी मांसपेशियों को रिलैक्स करता है। साथ ही जोड़ों की अकड़न और दर्द में भी राहत प्रदान कर सकता है (5)।
4. प्रतिरोधक क्षमता को ठीक करने के लिए सॉना बाथ के फायदे
आपको जानकर हैरानी होगी कि स्टीम या सॉना बाथ आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुधारने में भी आपकी मदद करता है। स्टीम बाथ या सॉना बाथ लेने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है। इससे मोनोसाइट्स (एक प्रकार की सफेद रक्त कोशिका) की गतिविधि बढ़ जाती है। ये कोशिकाएं बैक्टीरिया को खत्म करने और मृत ऊतकों को हटाने में मदद करती हैं। इसके अलावा, ये कोशिकाओं के विकास में भी भूमिका अदा करती हैं। मोनोसाइट्स और न्यूट्रोफिल (सफेद रक्त कोशिका के प्रकार) हानिकारक सूक्ष्म जीवाें से शरीर की रक्षा करने में मदद करने के साथ ही प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करते हैं (6)।
5. तनाव को दूर करने के लिए स्टीम बाथ लेने के फायदे
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अगर आप किसी काम को लेकर तनाव ग्रस्त हैं, तो कुछ देर के लिए स्टीम बाथ या सॉना बाथ ले सकते हैं। ये खास स्नान आपके तनाव को दूर करने में आपकी मदद करेंगे। ये दोनों बाथ आपकी बॉडी को रिलैक्स करने के साथ ही शरीर के ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं। साथ ही इस स्नान से चिंता और अवसाद में कमी आती है, जिससे अच्छी नींद लेने में मदद मिलती है (7)।
6. रक्तचाप को कम करने में मदद करता है
रक्तचाप की समस्या को दूर करने के लिए स्टीम बाथ बेहतर विकल्प हो सकता है। जब आप स्टीम बाथ लेते हैं, तो शरीर का तापमान बढ़ने लगता है। इससे सभी रक्त वाहिकाएं फैल जाती हैं और रक्त वाहिकाओं के फैलने से रक्तचाप कम हो जाता है (1)।
7. त्वचा के लिए सॉना बाथ के फायदे
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आपको जानकर आश्चर्य होगा कि स्टीम बाथ आपकी त्वचा के लिए कितना फायदेमंद हो सकता है। स्टीम बाथ लेने से त्वचा के पोर्स खुल जाते हैं, जिनसे पसीना निकलता है। पसीने के साथ ही त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक बैक्टीरिया भी बाहर निकल जाते हैं। इसके अलावा, ये विषाक्त पदार्थ को भी त्वचा से अलग करने में आपकी मदद करते हैं (1)।
ऊपर आपने स्टीम और सॉना बाथ के फायदे के बारे में जाना, यहां हम इससे होने वाले नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
स्टीम/सॉना बाथ के नुकसान – Side Effects of Steam/Sauna Bath in Hindi
सावधानीपूर्वक लिया जाने वाला स्टीम या सॉना बाॅथ फायदेमंद होता है, लेकिन लापरवाही बरतने पर नुकसानदायक भी साबित हो सकता है। नीचे जानिए इसके कुछ हानिकारक प्रभाव –
स्टीम या सॉना बाथ लेने से पहले एक बात जरूर ध्यान रखें कि ज्यादा देर तक बाथ लेने से गर्म तापमान के कारण आपकी त्वचा जल सकती है और फफोले पड़ सकते हैं।
अल्कोहल का सेवन करने के बाद आपको स्टीम या सॉना बाथ नहीं लेना चाहिए, इससे आपका रक्तचाप बढ़ सकता है, जो आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है (8)।
हृदय और उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों के लिए भी ये बाथ नुकसानदायक हो सकते हैं। इससे हृदय गति बढ़ सकती है, जिससे गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है (8)।
अगर आप गर्भवती हैं, तो ध्यान रहे कि अधिक समय तक लिया हुआ स्टीम या सॉना बाथ आपके और आपके गर्भस्थ शिशु के लिए नुकसानदायक हो सकता है (8)।
स्टीम या सॉना बाथ लेने से पहले आप अपने नाजुक अंगों को तौलिये से ढक कर रखें, नहीं तो वहां की त्वचा पर फफोले होने की समस्या जैसे हानिकारक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं (9)।
बाथ के दौरान अन्य लोगों के तौलिये और साबुन का उपयोग करने से संक्रमण का खतरा हो सकता है।
स्टीम बाथ में ज्यादा देर तक बैठने या फिर दिए गए निर्देशों के पालन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतने पर त्वचा संक्रमण की समस्या हो सकती है। कुछ गंभीर मामलों में तो मृत्यु तक हो सकती है (10)।
अधिक समय तक लिया गया स्टीम या सॉना बाथ हृदयाघात का कारण बन सकता है (11)।
आपने जाना कि स्टीम बाथ या फिर सॉना बाथ किस प्रकार आपको फायदा पहुंचा सकता है। साथ ही ये भी जाना कि इसके उपयोग से हम कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं को दूर कर सकते हैं। इसके अलावा, आपने इसके नुकसान के बारे में भी पढ़ा, जिससे आप खुद का बचाव कर सकते हैं। स्टीम बाथ और सॉना बाथ के ऊपर लिखा गया यह लेख आपको कैसा लगा और किस प्रकार से फायदेमंद रहा, हमें नीचे दिए कॉमेंट बॉक्स में बताना न भूलें। अगर आप इस विषय के संबंध में कुछ और जानना चाहते हैं या फिर कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हमें संपर्�� कर सकते हैं।
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Saral Jain
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ. सी. वी. रमन विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ से पत्रकारिता में बीए किया है। सरल को इलेक्ट्रानिक मीडिया का लगभग 8 वर्षों का एवं प्रिंट मीडिया का एक साल का अनुभव है। इन्होंने 3 साल तक टीवी चैनल के कई कार्यक्रमों में एंकर की भूमिका भी निभाई है। इन्हें फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, एडवंचर व वाइल्ड लाइफ शूट, कैंपिंग व घूमना पसंद है। सरल जैन संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी व कन्नड़ भाषाओं के जानकार हैं।
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विटामिन बी-12 युक्त खाद्य पदार्थ – Vitamin B12 Rich Foods in Hindi
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विटामिन बी-12 युक्त खाद्य पदार्थ – Vitamin B12 Rich Foods in Hindi
vinita pangeni Hyderabd040-395603080 October 7, 2019
सभी तरह के विटामिन और मिनरल्स शरीर के विकास में और इन्हें बीमारियों से दूर रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए, शरीर को तंदुरुस्त रखने के लिए हमेशा संतुलित आहार लेने की सलाह दी जाती है। इसी संतुलित आहार का अहम हिस्सा है विटामिन बी-12, जिसके बारे में हम आपको स्टाइलक्रेज के इस लेख में बताएंगे। यह ऐसा विटामिन है, जिसका नियमित संतुलित सेवन आपके शरीर के हर अंग के स्वास्थ्य से किसी न किसी तरीके से जुड़ा है। विटामिन बी-12 का सेवन आपको स्फूर्ति से भरने के साथ ही अचंभित करने वाले स्वास्थ्य लाभ देने में मदद करता है। जी हां, यह आपकी काया को बदलने के साथ ही दिमाग को धार देने में मदद कर सकता है।
शरीर को विटामिन बी-12 के पूरे फायदे मिलें, इसके लिए विटामिन बी-12 से युक्त खाद्य पदार्थों के बारे में जानना जरूरी है, जिसके बारे में हम इस लेख में आगे विस्तार से बताएंगे। उससे पहले जान लेते हैं कि विटामिन बी-12 क्या है।
विषय सूची
विटामिन बी-12 क्या है?
बी-12 एक घुलनशील विटामिन है। यह आठ तरह के बी-विटामिन में से एक है, जिसका दूसरा नाम कोबालिन भी है। विटामिन बी-12 का मुख्य काम स्वस्थ कोशिकाओं को बनाना, कोशिकाओं का विभाजन (सेल डिविजन) करना, खून का निर्माण और तंत्रिका तंत्र यानी नर्वस सिस्टम को स्वस्थ रखना होता है। विटामिन बी-12 डीएनए बनाने और प्रोटीन के चयापचय की प्रक्रिया में भी अनिवार्य है। इसके अलावा, सफेद रक्त कोशिकाओं को बनाने के लिए भी कोबालिन की आवश्यकता होती है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह गर्भवती महिलाओं के लिए भी आवश्यक है, क्योंकि यह भ्रूण के न्यूरोलॉजिकल विकास में मदद करता है (1) (2)।
विटामिन बी-12 क्या है यह तो आप जान ही चुके हैं। चलिए, अब आपको विटामिन बी-12 के स्रोत यानी विटामिन बी-12 युक्त खाद्य पदार्थों के बारे में बताते हैं।
विटामिन बी12 युक्त खाद्य पदार्थ – Vitamin B12 Rich Foods in Hindi
कई लोगों को इस जानकारी का अभाव होता है कि क्या खाने से विटामिन बी12 बढ़ता है। ऐसे में हम आपको तथ्यों के आधार पर सूचिबद्ध तरीके से विटामिन बी12 युक्त खाद्य पदार्थ के बारे में बताएंगे।
1. अंडा
अंडे को प्रोटीन का सबसे अहम स्रोत माना जाता है। अंडे में प्रोटिन के अलावा कई लाभकारी विटामिन भी होते हैं, जिनमें से एक विटामिन बी-12 है। प्रति 100 ग्राम अंडे में 0.89 माइक्रोग्राम, अंडे की जर्दी (एग यॉक, रॉ) में 1.95 माइक्रोग्राम और अंडे के सफेद हिस्से में 0.09 माइक्रोग्राम विटामिन बी-12 पाया जाता है (3)।
2. दूध
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शाकाहारियों के लिए विटामिन बी 12 का सबसे अच्छा स्रोत दूध और दूध उत्पादित पदार्थ होते हैं। कम वसा वाले एक कप दूध में विटामिन बी 12 की 1.2mcg मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा, कम वसा वाले 226g दही में 1.1 विटामिन बी-12 होता है (1)।
3. मीट
मांस को भी विटामिन बी-12 का अच्छा स्रोत माना जाता है। 85g भुने हुए चिकन में विटामिन बी-12 की मात्रा 0.3 mcg पाई जाती है (1)। वहीं, इसके मिक्सड डिश यानी मटन और चिकन में 1.3 माइक्रोग्राम विटामिन-बी होता है।
4. चीज़
चीज़ अन्य पोषक तत्वों के साथ-साथ विटामिन बी 12 से भी भरपूर होता है। चीज़ में बी 12 की मात्रा प्रति 100 ग्राम 0.34 से 3.34 माइक्रोग्राम तक पाई जाती है। दरअसल, बाजार में मिलने वाले मोजेरेला, स्विस व पामेजन चीज़ में बी-12 की मात्रा अलग-अलग होती है (4)।
5. बड़ी सीप (क्लैम्स-Clams)
बड़ी सीप यानी क्लैम्स भी विटामिन बी-12 से समृद्ध होते हैं। 85 ग्राम बड़ी सीप (स्टीम्ड) में 84.1 माइक्रोग्राम बी-12 की मात्रा होती है (6)। कच्ची बड़ी सीप में 11.28 माइक्रोग्राम विटामिन-बी12 पाया जाता है (5)। इसके अलावा, पके हुए क्लैम के 85 ग्राम में 84.1mcg बी-12 होता है (1)।
6. ��िरियल (अनाज)
आमतौर पर विटामिन बी-12 पौधों से मिलने वाले खाद्य पदार्थों में मौजूद नहीं होता है, लेकिन रेडी-टू-इट यानी पैकेटबंद सिरियल में विटामिन बी-12 शामिल होता है (7)। रेडी-टू-इट सिरियल में 4.69 माइक्रोग्राम विटामिन बी-12 पाया जाता है और जोड़े गए बी-12 की मात्रा 4.7 माइक्रोग्राम प्रति 100 ग्राम होती है (8)।
7. हेरिंग (Herrings)
यह छोटी मछलियों का एक प्रकार है। इन मछलियों में भी भरपूर विटामिन बी-12 पाया जाता है। प्रति 100 ग्राम हेरिंग में बी-12 की मात्रा 13.67 माइक्रोग्राम होती है (9)। ऐसे में आप बी-12 विटामिन के लिए हेरिंग का सेवन कर सकते हैं।
8. ब्रोकली
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वैसे तो ब्रोकली में बी-12 के कुछ ही अंश पाए जाते हैं (10), लेकिन इसमें मौजूद फोलेट, बी-12 के साथ मिलकर लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन को बनाने में मदद करता है (11)।
9. क्रेब्स और लॉबस्टर (Crabs and lobsters)
केकड़ों और झींगा मछलियों में भी काफी मात्रा में विटाम���न बी-12 पाया जाता है। इन्हें मुख्य रूप से बेक करके, स्टीम करके और बिस्क (सूप के रूप में) करके खाया जाता है। क्रेब के सूप में 0.58 माइक्रोग्राम, क्रेब इम्पीरियल (केकड़े से बने व्यंजन) में प्रति 100 ग्राम में 2.32 माइक्रोग्राम विटामिन बी-12 पाया जाता है (12) (13)। लॉबस्टर यानी झींगा मछली की बात करें, तो बिस्क लॉबस्टर में 0.36 माइक्रोग्राम, जबकि स्टीम्ड और उबले हुए लॉबस्टर में 0.85 माइक्रोग्राम विटामिन बी-12 होता है (14) (15)।
10. कस्तूरी (ओएस्टर – Oysters)
ओएस्टर एक तरह का सी-फूड होता है। इसमें भी विटामिन बी-12 भरपूर मात्रा में पाया जाता है। प्रति 100 ग्राम कच्चे ओएस्टर में 8.75 माइक्रोग्राम, जबकि स्टीम्ड ओएस्टर में 15.68 माइक्रोग्राम विटामिन बी-12 होता है (16)।
11. सैल्मन (Salmon)
सैल्मन रे-फिनेड मछली की कई प्रजातियों का एक सामान्य नाम है। प्रति 100 ग्राम कच्चे सैल्मन में 4.15 माइक्रोग्राम व स्मोक्ड सैल्मन में 3.26 माइक्रोग्राम विटामिन बी-12 पाया जाता है (17) (18)। सूखे हुए सैल्मन में बी-12 की मात्रा और अधिक पाई जाती है। सूखे हुए सैल्मन में प्रति 100 ग्राम में 11.67 माइक्रोग्राम विटामिन बी-12 होता है (19)।
क्या खाने से विटामिन बी12 बढ़ता है, यह तो आप ऊपर जान ही चुके हैं। चलिए, अब जान लेते हैं कि विटामिन बी12 की कमी से क्या होता है। कौन-कौन सी बीमारियां हमें जकड़ सकती हैं।
शरीर में विटामिन बी12 की कमी से होने वाली बीमारियां
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शरीर के लिए विटामिन बी-12 जरूरी है, यह तो हम लेख के ऊपरी हिस्से में बता ही चुके हैं। अब बात करते हैं कि इसकी कमी से कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं (20) (21)।
उम्र से संबंधित अंधापन (एएमडी) विटामिन बी-12 की कमी से हो सकता है।
वृद्धावस्था में विकलांगता के जोखिम से भी विटामिन बी-12 की कमी को जोड़कर देखा जाता है।
वस्कुलर डिजीज (धमनियों और नसों से संबंधित रोग)।
कमजोरता और विकलांगता का जोखिम।
एनीमिया।
विटामिन b12 युक्त खाद्य पदार्थ कौन से होते हैं और विटामिन बी12 की कमी से क्या होता है, यह सब जानकारी तो आपको इस लेख के माध्यम से मिल ही गई होगी। बस अब आप अपने आहार में विटामिन बी 12 के स्रोत व खाद्य पदार्थों को शामिल करना न भूलें। आपको यह पोस्ट कैसा लगा नीचे दिए कमेंट बॉक्स में टिप्पणी जरूर करें। अगर लेख से संबंधित कुछ सवाल या सुझाव आप हमें देना चाहते हैं, तो भी आप नीचे दिए गए बॉक्स के माध्यम से हमें भेज सकते हैं।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/vitamin-b12-yukt-khana-aur-inke-fayde-in-hindi/
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