#अंडे खाने के बाद न
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वजन घटाने के लिए भूल कर भी न करें ये 5 गलतियां
दुनिया भर मे बहुत से लोग मोटापे के शिकार हैं और काफ़ी लोग अपना वजन घटाने के लिए अलग अलग तरह से प्रयास करते हैं। जिसमे बहुत से लोग वेट लॉस करने मे कामयाब भी होते हैं और कई नही भी हो पाते। यह भी सच है कि बहुत से लोगो के लिए वजन घटाना आसान नहीं होता।
लोग आजकल कुछ भी काम शुरू करने से पहले इंटरनेट पर जानकारियां जुटाते हैं। इंटरनेट पर वजन घटाने के टिप्स के ऊपर बहुत बड़ी मात्रा मे कंटेंट मिलता है। पर यह ज़रूरी नहीं कि इंटरनेट पर उपलब्ध सारी जानकारियां या टिप्स सच ही हों या वास्तव मे प्रैक्टिकल हों। इंटरनेट पर वजन कम करने को लेकर हज़ारो मिथ मौजूद हैं, जिनमे कोई सच्चाई नहीं होती, पर जानकरी के अभाव में लोग ऐसे टिप्स को फॉलो करने लगते हैं, जिससे मेहनत करने के बाद भी उन्हें कोई लाभ नहीं मिल पता और कई स्थितियों मे लोग गंभीर समस्यायों के भी शिकार भी हो जाते हैं।
आइये, इस ब्लॉग में वजन कम करने से संबंधित 5 गलतियों पर चर्चा करेंगे, जिनसे बचकर आप वजन कम करने में कामयाबी पा सकते हैं।
1. ब्रेकफास्ट स्किप करना या ज़रूरत से कम खाना
ब्रेकफास्ट स्किप करने या ज़रूरत से कम खाना खाने से वजन जल्दी घटेगा, इस बात में कोई सच्चाई नही है। उल्टा ब्रेकफास्ट स्किप करने या कम खाने से वजन बढ़ सकता है। क्योंकि यह आपके मेटाबॉलिज्म (चयापचय) को धीमा कर सकता है और कैलोरी बर्न होना मुश्किल कर सकता है। इससे शरीर की ऊर्जा कम हो जाती है और वजन घटने के बजाय बढ़ सकता है।
2. केवल डाइटिंग पर निर्भर रहना
केवल डाइटिंग करने से वजन घट जायेगा, इस बात का कोई पक्का फैक्ट नही है। वजन घटाने के लिए डाइट मैनेज करना ज़रूरी होता है। लेकिन केवल डाइट मैनेज करने से ही वजन नही घटता, बल्कि एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और अनुशासन से उसका अनुसरण करना भी बेहद ज़रूरी होता है। इसमें रेगुलर एक्सरसाइज, मेन्टल हेल्थ का ध्यान रखना, और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना शामिल होता है।
3. ज्यादा एक्सरसाइज करने से वजन घटता है
ज्यादा ज्यादा एक्सरसाइज करने से वजन घटता है, इस बात मे भी पूरी सच्चाई नही है। बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करने से शरीर पर ज़्यादा दबाव पड़ सकता है और यह शरीर पर उल्टा असर डाल सकता है। ज्यादा एक्सरसाइज से मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है उनमे दर्द भी होता है। इसीलिए रेगुलर पर बैलेंस्ड एक्सरसाइज करना ही बेहतर होता है।
कभी-कभी लोग कुछ दिनों तक एक्सरसाइज करते हैं और फिर छोड़ देते हैं। वजन घटाने के लिए नियमित और निरंतर एक्सरसाइज बहुत ज़रूरी है।
4. फैट काटने वाले फ़ूड ज्यादा खाना
कुछ फ़ूड ऐसे होते हैं जिन्हे फैट कटर कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि ऐसे फ़ूड आइटम्स फैट बर्न करने मे सहायक होते है। पाइनएपल, अंडे, अदरक, नट्स, दही (योगर्ट), प्याज़, मिर्ची, आदि को फैट कटर फ़ूड माना जाता है। ये सभी हमारा मेटाबॉलिज्म तो अच्छा रखते हैं, पर इनके ज्यादा सेवन से वजन कम होगा इसका पक्का दावा कोई नही करता।
5. पर्याप्त नींद न लेना
अगर आप बहुत ही कम समय के लिए सोते हैं और एक आरामदायक पूरी नींद नही ले रहे हैं, तो आपको वजन कम करने में परेशानी आएँगी। नींद की कमी से मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है और वजन घटाने में परेशानी हो सकती है। इसीलिए हर रात 7-8 घंटे की नींद ज़रूरी है।
निष्कर्ष
वजन कम करना एक मुश्किल काम हो सकता है, पर इसके लिए कई तरह के नुस्खे अपनाने की बिल्कुल ज़रूरत नही होती। एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और अनुशासन से उसका अनुसरण करके वजन कम किया जा सकता है। इसके लिए रेगुलर एक्सरसाइज करना, मेन्टल हेल्थ का ध्यान रखना, और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना ज़रूरी है।
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*आदमी की कमजोरी क्या है? अहंकार आदमी की कमजोरी है। और जो जितना ज्यादा अहंकार से भरा है, वह उतना ही कमजोर है।*
एक फकीर था नसरुद्दीन। फकीर होने से पहले वह एक छोटे से गांव में एक छोटी सी होटल का मालिक था। एक दिन सुबह-सुबह देश का राजा जंगल में शिकार करने को निकला, भटक गया और उस होटल में आ गया। उसने नसरुद्दीन ने कहा कि अंडे मिल सकेंगे? नसरुद्दीन ने कुछ अंडे उसे और उसके साथियों को दिये। खाने के बाद उस राजा ने पूछा कि कितने दाम हुए? नसरुद्दीन ने कहाः सौ रुपये। वह राजा हैरान हो गया। उसने कहाः चार-छह अंडों ���े दाम सौ रुपये? दो-चार पैसे भी इनके दाम नहीं हैं! क्या तुम्हारे इस हिस्से में अंडे इतने कम होते हैं? आर एग्ज सो रेयर हियर? क्या इतने कम अंडे यहां होते हैं? नसरुद्दीन ने कहा कि नहीं महाराज, एग्ज आर नॉट रेयर हियर, बट किंग्ज आर। यहां अंडे तो नहीं होते कम, लेकिन राजा मुश्किल से कभी कोई आता है! उसने सौ रुपये निकाले और दे दिए। नसरुद्दीन की पत्नी बहुत हैरान हुई। उसने कहाः हद कर दी, चार-छह अंडों के सौ रुपये तुमने ले लिए। क्या तरकीब हैं? नसरुद्दीन ने कहाः मैं आदमी की कमजोरी जानता हूं। उसकी औरत ने कहाः मैं समझी नहीं। यह आदमी की कमजोरी क्या बला है? नसरुद्दीन ने कहाः मैं एक कहानी और कहता हूं, शायद तेरी समझ में आ जाए कि आदमी की कमजोरी क्या है।
नसरुद्दीन ने कहाः एक बार ऐसा हुआ कि मैं एक बहुत बड़े सम्राट के दरबार में गया। मैंने एक बहुत सस्ती सी पगड़ी पहन रखी थी, लेकिन बहुत रंगीन थी, बहुत चमकदार थी। असल में सस्ती चीजें बहुत रंगीन और बहुत चमकदार होती ही हैं। मैं उस पगड़ी को पहन कर दरबार में गया, तो राजा ने मुझसे पूछा कि यह पगड़ी कितने की है? मैंने कहाः एक हजार स्वर्ण-मुद्राओं की। वह राजा हंसने लगा और उसने कहाः क्या मजाक करते हो? क्या इतनी मंहगी पगड़ी है यह? और तभी वजीर राजा के पास झुका और उसके कान में कहाः इस आदमी से सावधान रहना। यह दो-चार रुपये की पगड़ी भी नहीं मालूम होती। एक हजार स्वर्ण-मुद्राएं कह रहा है! कोई लुटेरा मालूम होता है। नसरुद्दीन ने कहाः मैं समझ गया कि वजीर क्या कह रहा है। क्योंकि जो लोग राजा को खुद लूटते रहते हैं, दूसरा कोई लूटने आये, तो वे लोग बाधा जरूर देते हैं। वजीर बाधा दे रहा होगा। लेकिन मैं भी कुछ कम होशियार न था। मैंने राजा से कहाः तो मैं जाऊं? मैंने यह पगड़ी एक हजार स्वर्ण-मुद्राओं में खरीदी थी और जिस आदमी की खरीदी थी, उसने मुझसे कहा था, तू घबड़ा मत। इस जमीन पर एक ऐसा राजा भी है, जो इसे पांच हजार स्वर्ण-मुद्राओं में खरीद सकता है। मैं उसी राजा की खोज में निकला हूं, तो मैं लौट जाऊं? तुम वह राजा नहीं मालूम होते! यह दरबार वह दरबार नहीं है, जहां पांच हजार में खरीदी जा सके? मैं जाऊं? वह राजा बोलाः दस हजार स्वर्ण-मुद्राएं इसे दे दो और पगड़ी ले लो।
वह पगड़ी ले ली गयी। वजीर किनारे मेरे पास आया और उसने कहाः तुम बड़े जादूगर मालूम होते हो। क्या कर दिया तुमने? दस रूपये की पगड़ी नहीं है, दस हजार रूपये में खरीद जी गयी! तो मैंने उसके कान में कहाः तुम पगड़ियों के दाम जानते हो, तो मैं आदमी की कमजोरी जानता हूं।
आदमी की कमजोरी क्या है? अहंकार आदमी की कमजोरी है। और जो जितना ज्यादा अहंकार से भरा है, वह उतना ही कमजोर है। और हम सब अहंकार से भरे हैं। हम सब अहंकार से ठोस भरे हैं। हम इतने ज्यादा अहंकार से भरे हैं कि हम में परमात्मा के प्रवेश की कोई संभावना नहीं है। जो मनुष्य अहंकार से भरा है, वह सत्य को नहीं जान सकेगा। क्योंकि सत्य के लिये चाहिये खाली और शून्य मन। और जो अहंकार से भरा है, वह बिल्कुल भी खाली नहीं है जहां कि परमात्मा की किरणें प्रवेश पा सकें, जहां कि सत्य प्रवेश पा सके और स्थान पा सके। मनुष्य के अहंकार के अतिरिक्त और कोई बाधा नहीं है।
प्रेम को पंथ अटपटो
ओशो
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एसिडिटी के घरेलू उपाय
आज के आधुनिक युग में जहां लोग नित नए नए आयाम प्राप्त कर रहे हैं। पिछले कुछ दशकों में लोगों का रहन-सहन, खान-पान, जीवन शैली में बदलाव देखा जा रहा है तो वहीं लोगों में मानसिक और शारीरिक विकृति भी देखी गई है। शारीरिक समस्याओं की बात की जाए तो बहुत सी ऐसी परेशानियां हैं, जो हमारे दैनिक क्रियाकलापों में बाधा उत्पन्न करती है। उनमें से एक समस्या एसिडिटी की है जिसकी वजह से ही स्वास्थ्य में गिरावट देखा जा सकता है। एसिडिटी के घरेलू उपाय को समझने से पहले, इस समस्या के पीछे के कारणों को जानना आवश्यक है।
क्या है एसिडिटी | acidity kya hai
एसिडिटी एक पाचन संबंधी समस्या है, जो कि पेट से संबंधित विकार के रूप में जाना जाता है। जिसमें खाने की नली में एक जलन होने लगती है। यह प्रक्रिया तब होती है, जब पेट का संपूर्ण एसिड खाने की नली में आ जाता है। इस एसिड की वजह से बार बार पेट �� सीने में जलन होने लगती है। यह समस्या अनुवांशिक भी हो सकती है। इस समस्या की वजह बदलती जीवन शैली को माना जाता है।
एसिडिटी के लक्षण | acidity ke lakshan kya hai
एसिडिटी की समस्या सामान्य होती जा रही है। इसके लक्षण जैसे छाती में दर्द, जलन, पेट में जलन, खट्टी डकार आना, जी मिचलाना, मुंह का स्वाद सही नहीं होना, लेटने पर दर्द व जलन का बढ़ जाना मुख्य है, जो बहुत ही पीड़ादायक होता है।
एसिडिटी के घरेलू उपाय |acidity ke gharelu upay in hindi
आज के आधुनिक जीवन शैली के मद्देनजर एसिडिटी की समस्या बहुत ही आम हो गई है। कई बार यह समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। इस समस्या से निपटने के लिए कुछ घरेलू उपाय अपना कर आप स्वस्थ रह सकते हैं।
1) एसिडिटी की समस्या को दूर करने के लिए रोजाना आधा चम्मच बेकिंग सोडा में नींबू का रस मिलाकर पीना फायदेमंद होता है। इस उपाय को रोजाना करने से एसिडिटी को दूर किया जा सकता है।
2) अगर आप रोजाना खाली पेट गर्म पानी में हींग डालकर पीते हैं, तो इससे भी एसिडिटी में फर्क पड़ता है।
3) एसिडिटी से राहत के लिए एक अचूक उपाय मेथी दाना और गुड़ का भी है। जिसमें आप मेथी दाना और गुड़ को उबालकर पीए, तो इससे भी एसिडिटी में फायदा होगा।
4) एसिडिटी की समस्या ज्यादा होने पर आप इलायची का सेवन कर सकते हैं। जब भी आपको छाती और पेट में जलन की समस्या होने लगे तो इलायची चूसने से आपको फायदा हो सकता है।
5) पुदीना से हमारे शरीर को शीतलता मिलती है। अगर आपको जलन एसिडिटी की समस्या ���ोने लगे,तो पुदीने को पीसकर उसमें काला नमक मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
6) ठंडा दूध को हमेशा से ही एसिडिटी कम करने में सहायक माना जाता है। इसलिए जब भी आपको एसिडिटी लगे तो फ्रिज से निकालकर ठंडा दूध पिए इससे आपको फर्क पड़ेगा।
7) आंवले को पाचक के रूप में देखा जाता है। एसिडिटी होने पर आंवले को या आंवले को काले नमक के साथ सेवन करने पर लाभ प्राप्त होता है।
8) सौंफ की तासीर ठंडी होती है।जब भी आपको एसिडिटी होने लगे, तो आप सौफ खा सकते हैं। इससे पेट व छाती की जलन कम होने लगती है और चाहे तो सौंफ का शरबत बनाकर किया जा सकता है।
9) लॉन्ग भी हमारे पाचन को सही करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नियमित लाॅन्ग को चबाते रहने से आपको एसिडिटी से राहत मिलेगी और पाचन भी बिल्कुल सही हो जाएगा।
10) अगर आप अदरक के रस में थोड़ा-सा सेंधा नमक और जीरा पाउडर डालकर पिए तो इससे भी आपकी एसिडिटी की समस्या खत्म हो सकती है।
11) एसिडिटी में गन्ने का रस भी फायदेमंद होता है। अगर उपलब्ध हो सके तो गन्ने के रस में थोड़ा नींबू का रस और सेंधा नमक डालने से भी आपको फायदा होगा और एसिडिटी की समस्या खत्म नजर आएगी।
12) अगर आप जीरे को रात में भीगा कर रखें और सुबह खाली पेट उसके पानी को पीए, तो इससे भी आपको फायदा होगा और एसिडिटी की समस्या खत्म हो जाएगी।
एसिडिटी होने पर कैसी होनी चाहिए जीवन शैली
एसिडिटी के होने पर हमेशा अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ��स समस्या से निपटने के लिए अपनी जीवनशैली में विशेष बदलाव करना होगा जिससे जल्द से जल्द राहत मिल सके।
1) समय पर खाना नाश्ता लेना चाहिए ज्यादा देर तक भूखे रहना सही नहीं होता है।
2) हमेशा पर्याप्त नीद लेना चाहिए। कम से कम 7 घंटे की नींद अनिवार्य माना गया है।
3) किसी अन्य समस्या के होने पर दवाइयां अपने मन से ही ना ले। ज्यादा दवाइयां लेने से किडनी में प्रभाव पड़ता है।
4) एसिडिटी के होने पर धूम्रपान और अल्कोहल से दूर ही रहना चाहिए।
5) अत्यधिक मात्रा में भोजन का उपयोग ना करें। ज्यादा मसालेदार और तेलीय खाने से बचें।
6) रात में ज्यादा देर तक जागना भी सही नहीं माना जाता है।
7) अत्यधिक तनाव लेने से बचें ज्यादा तनाव से एसिडिटी बढ़ जाती है।
8) रात में खाना खाने के बाद कम से कम आधा घंटा टहले।
9) थोड़ा समय निकालकर योग का अभ्यास जरूर करें इससे एसिडिटी खत्म करना आसान होता है।
10) अत्यधिक मात्रा में चाय व कॉफी के सेवन से बचें।
11) अत्यधिक मात्रा में नमक का उपयोग करने से भी बचें।
खाँसी के 10 घरेलू उपचार एवं नुस्खे
एसिडिटी को खत्म करने के लिए कुछ प्रमुख आसन
अगर आप ऐसिडिटी को जल्द ही खत्म करना चाहे तो योगासन के माध्यम से भी जल्द ही खत्म किया जा सकता है। मुख्य रूप से आपको कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी प्राणायाम, गोमुखासन ,कंधरासन, सर्वांगासन, पवनमुक्तासन, पश्चिमोत्तानासन के माध्यम से भी अपनी समस्या को खत्म किया जा सकता है। कम से कम इन आसन को शुरुआत में 10:15 मिनट करें और बाद में समय सीमा बढ़ाई भी जा सकती है।
एसिडिटी में कैसा आहार है फायदेमंद | acidity main kaise ahara hain faydemand
एसिडिटी में अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इन आहारों के माध्यम से भी जल्द से जल्द इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
1) अनाज के रूप में ब्राउन ब्रेड, समुद्री नमक, रोटी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें।
2) फल एवं सब्जियों में केला, तरबूज, पपीता, अंजीर, सेब आवश्यक रूप से ले जो एसिडिटी में होने वाली जलन से भी छुटकारा देते हैं। सब्जियों में हरी पत्तेदार सब्जियां, बींस, फूलगोभी, लौकी, कद्दू का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें साथ ही साथ जड़ वाली सब्जियां लेना भी फायदेमंद है।
3) मसाले के रूप में अजवाइन, हींग, सौंफ, जीरा, धनिया का उपयोग भी किया जा सकता है।
4) अगर आप नॉनवेज खाना पसंद करते हैं तो बेक किया हुआ चिकन, मटन या फिर अंडे का सफेद भाग भी खाया जा सकता है।
एसिडिटी में समुद्री नमक का उपयोग अवश्य ही करें | acidity main samundar ka namak ka upyog avashyak hai
ऐसा माना जाता है कि समुद्री नमक सामान्य नमक की अपेक्षा अधिक गुणकारी होता है। अगर आप समुद्री नमक का उपयोग सलाद, सूप के रूप में ही करें तब भी एसिडिटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है समुद्री नमक में क्षार अधिक मात्रा में है, जो एसिडिटी के मरीजों को लाभ पहुंचाते हैं।
एसिडिटी में कैसा आहार ना लें | acidity main kaise ahara naa le
कुछ ऐसे आहार भी होते हैं जिनको एसिडिटी के मरीजों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। एसिडिटी की समस्या होने पर कभी भी अतिरिक्त तेल, मसाले वाला भोजन नहीं लेना चाहिए। इसके अलावा मैदा से बने आहार की ज्यादा मात्रा में नहीं लेना चाहिए। बहुत ज्यादा खट्टे फलों का सेवन से बचना चाहिए। किसी भी प्रकार की मिर्च का सेवन न हीं करें तो बेहतर है। बहुत ज्यादा सोडा या चॉकलेट खाने से बचें। डेयरी प्रोडक्ट लेने से बचें क्योंकि उनमें अतिरिक्त मात्रा में वसा होती है, जो एसिडिटी को बढ़ाने में सहायक होता है। मरीजों को बहुत ज्यादा मात्रा में दही, छाछ लेने से भी बचना होगा।
बुजुर्गों का खास ध्यान रखें एसिडिटी में
कई बार ऐसा होता है कि बुजुर्गों में एसिडिटी की समस्या ज्यादा होती है। ऐसे समय में बुजुर्गों का खास ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। कई बार बुजुर्ग हमारी बात नहीं समझते हैं, उन्हें प्यार से समझाना चाहिए। उन्हें समय पर खाना, नाश्ता दे और किसी प्रकार के मसालेदार खाने से दूर ही रखें। समय पर खाना और नींद से ही उन्हें एसिडिटी की समस्या से दूर रखा जा सकता है।
एसिडिटी है हानिकारक
एसिडिटी हम सभी के लिए हानिकारक है जिसमें पीड़ा भी होती है। एसिडिटी ज्यादा हो जाने से गैस की समस्या भी बढ़ने लगती है जिससे शरीर के हर अंग में दिक्कत शुरू हो जाती है। आज की आधुनिक जीवन शैली में समस्या बढ़ती ही जा रही है। ज्यादा समस्या बढ़ जाने पर हृदय संबंधी विकार हो जाते हैं, जो हमारे शरीर पर गलत प्रभाव के रूप में नजर आते हैं। अतः खुद का ध्यान रखें और सही दिनचर्या को अपनाएं।
अंतिम शब्द
आज के दौर में जहां कई बीमारियां हमें घेरे हुए हैं, वहां पर खुद का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक हो जाता है। अगर आप अपने जीवन में संतुलित रहकर जीवन शैली को अपनाए तो ऐसी समस्या हमारे पास नहीं आ पाएंगी, जब भी एसिडिटी की समस्या होती है तो इसका कारण हमारी लापरवाही भी होती है। किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचें और अपने परिवार का संपूर्ण रुप से ध्यान रखें ताकि किसी भी समस्या से बचा जा सके।इस समस्या को खत्म करने का घरेलू उपाय आपके काम आएंगे और आपको राहत महसूस होगी।
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ayurvedic sex medicine
ayurvedic sex medicine
लंबे समय तक सेक्स करने के उपाय
आपकी शारीरिक क्षमता का सीधा संबंध आपकी सेक्सुअल जिन्दगी पर पडता है। शारीरिक क्षमता से ही आप लम्बे समय तक सेक्स कर पाते है। आपकी शारीरिक क्षमता का जो भाग सेक्स में प्रयोग होता है, उसको सेक्सुअल स्टेमिना कहा जाता है। जब आप अपनी शारीरिक क्षमता में बढोतरी करते हैं तो आपके शरीर का स्टेमिना स्वतः ही बेहतर हो जाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति ही सेक्स और सभी कार्य में अपना अच्छा प्रदर्शन कर पाता है। सेक्सुअल जिन्दगी को बेहतर बनाने के लिए स्टेमिना की अहम भूमिका होती है।
लाॅग टाइम तक सेक्स करने के लिए अवसाद और तनाव से दूर रहेंः- तनाव व अवसाद के कारण होने वाली नपंुसकता या स्तंभनदोष की बीमारी पुरुषों की सेक्सुअल जिन्दगी को खराब कर सकती है। कई बार आपके स्वस्थ होने के बावजूद भी अवसाद व तनाव आपकी सेक्सुअल गतिविधियों पर बुरा असर डालते है। दरअसल तनाव होने से आपके शरीर में शिथिलता आती है और आपका स्टेमिना बेहद कम हो जाता है। अगर आप तना अवसाद व किसी तरह की मानसिक समस्याओं से ग्रस्त हैं, तो आपको सबसे पहले इनको दूर करने के लिए डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
सेक्स टाइम बढाने का तरीका है विकारों की पहचानः- स्वस्थ पुरुषों में यौन विकार हो सकते है। विशेषज्ञों का कहना है कि सेक्स क्रिया मे शामिल होने वाले पुरुष हर बार बेहतर लिंग उत्तेजना ही चाहते है। लेकिन ऐसा सभी पुरुषों में होना संभव नहीं है, कई बार पुरुष सेक्स में सक्रियता नही दिखा पाते है। घबराहट और तनाव के कारण यह समस्या हर बार होने लगती है। वहीं आपको यह भी बता दें कि पुरुषों को यौन रोग हो सकते है। वहीं कई मामलों में सेक्स में सक्रिय न होने पर विश्ेाषज्ञ वियाग्रा लेने की सलाह देते है, इससे कुछ पुरुषों के आत्म विश्वास में बढोतरी होती है। अगर आपको सेक्स करने में कोई परेशानी हो रही हो तो तुरंत रोग को पहचान कर ईलाज षुरु कर देना चाहिए।
सेक्स टाईम के लिए करें एक्सरसाईज:- व्यायाम के कई फायदे होते हैं इससे न सिर्फ हमारी मंास पेशियां सक्रिय होती है, बल्कि नियमित व्यायाम करने से यौन क्रियाओं के दोष भी दूर हो जाते है निम्न व्ययामों को करने से आप अपने सेक्सुअल स्टेमिना को बेहतर बना सकते है
स्विमिंग करना:- कई शोध में इस बात का पता चला है कि जो लोग नियमित रुप से स्विमिंग करते है उनकी सेक्सुअल जिन्दगी में यौन संबंधी परेशानियां कम आती है। 60 वर्श से अधिक आय ुहोने पर भी तैराकी करने वालो का सेक्सुअल किसी युवा की तरह बना रहता है। तैराकी को नियमित करने से शरीर का लचीलापन बना रहता है और सभी मांसपेशियों का संचालन ठीक तरह से होता है, जिससे आपके स्टेमिना में बढोतरी होती है।
कार्डियो एक्सरसाईज:- कार्डियो एक्सरसाईज को करने से आपका ह्दय सही तरीके से काम करता है। कार्डियो एक्सरसाईज में आप साइकिलिंग व तेजी से चलने वाली क्रिया को शामिल कर सकते है। दरअसल दिल की गति को तेज करने वाली एक्सरसाईज इसमें शामिल की जाती है। यह एक्सरसाईज महिला और पुरुष दोनों के ��ेक्सुअल स्टेमिना के लिए फायदेमंद होती है।
मेढक मुुद्रा:- सेक्सुअल स्टैमिना को बढाने के लिए आप एक मेढक पोज को करने की आदत बना लें। इससे आपके कमर के नीचले हिस्सों में सक्रियता आती है। यह व्यायाम आपको तनाव से भी दूर रखने का काम करता है। यह व्यायाम आपको तनाव से भी दूर रखने का काम करता है।
लंबे समय तक सेक्स के लिए खाएं स्वस्थ आहार:- स्वस्थ दिनचर्या के साथ ही आप अपने आहार में बदलाव करके सेक्सुअल स्टेमिना को आसानी से बढा सकते है। इसके लिए आपको अपने आहार में ऐसे खाद्य प्रदार्थो को शामिल करना होगा जो आपके यौन स्वास्थ को
लंबे समय तक सेक्स के लिए भोजन में इन्हे शामिल करे –
तरबूज:- तरबूज में एल-सीटरुलाईन व एमीनो एसिड प्रचूर मात्रा में पाया जाता है। इससे पुरुषों के लिंग में उत्तेजना लंबे समय तक बनी रहती है। इसके सेवन के पश्चात एल-सीटरुलाईन शरीर में एल-आरजीलाईन में परिवर्तित हो जाता है। इससे रक्त संचार में वृद्वि होती है। रक्त संचार में व ृद्वि होने से उत्तेजना संबंधी विकार भी दूर हो जाते है।
अदरकः- अदरक का नियमित सेवन करने से रक्त संचार में वृद्वि होती है। इसके साथ ही साथ यह आपको कई तरह के रोगों से दूर रखता है। अदरक के सेवन से तंत्रिका तंत्र सुचारु रुप से काम करता है। इससे यौन स्वास्थ्य बेहतर बनता है।
खजूर:- सर्दियों में खजूर को यौन षक्ति बढाने वाले खाद्य प्रदार्थो के रुप में जाना जाता है। इसमें ऐसे गुण होते है, जिससे यौन विकार आसानी से दूर हो जाते है। इसको आप दूध के साथ खा भी सकते है। कुछ दिनों तक नियमित सेवन से आपके सेक्सुअल स्टेमिना में बढोतरी हो जाएगी।
कददू के बीज:- पुरुषों के यौन रोगों को दूर करने के लिए कददू के बीजों का सेवन किया जा सकता है। इसमेें जिंक और मैग्नीशियम की प्रचुर मात्रा पाई जाती है, जो आपके टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढाने में सहायक होते है। मैग्नीशियम नसों में आने वाली सूजन को कम करके रक्त संचार को बेहतर करता है। इसके साथ ही साथ इसके सेवन से हार्मोन व यौन ग्रान्थियों के कार्यो में भी मदद मिलती है।
सेक्स अवधि बढाने के लिए करें अपने व्यवहार पर विचार:- व्यवहार पर विचार करने के लिए आपको शीध्र स्खलन की समस्या पर ध्यान देना होगा। इसके लिए कुछ विशेषज्ञ स्खलन को रोकने की विधि को अपनाने पर जोर दे���े है। इस विधि में पुरुष स्खलन से पूर्व ही अपने लिंग के शिखर के ठीक नीचे के भाग को पकडकर रक्त पीछे की ओर धकेलते हैं। इससे स्खलन नहीं होता। वही कुछ लोगों के लिए सेक्स के दौरान थोडे समय के लिए रुक जाना भी पहले की विधि से अधिक काम करता है। एक बार आॅरगेज्म की उत्तेजना कम हो जाए तो आप फिर से सेक्स क्रिया को शुरु कर सकते र्है।
सेक्स स्अेमिना बढाने के लिए जरुरी है साथी का सहयोग:- स्टेमिना की समस्या पर ध्यान देने के साथ ही पुरुषों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका साथी ही इस समस्या को ठीक करने का उपाय है। विशेषज्ञ कहते है कई बार पुरुष अपनी संतुष्टि के बारे में अपने साथी से बात नहीं करते है। कुछ पुरुष इस चिंता में रहते है कि वे अपने साथी की उम्मीदों का ��ूरा नहीं कर पा रहे है, लेकिन आप अपने पार्टनर से इस बारे में बात करके भी इस समस्या का हल खोज सकते है। अगर आप लंबे समय तक सेक्स नहीं कर पा रहे है तो साथी से बात करें, कई मामलों में महिला को लंबे समय तक सेक्स करना पंसद ही नहीं होता है।
लंबे समय तक सेक्स करने का तरीका है सोच में बदलाव:- जो लोग सेक्स करने के समय को बढाना चाहते है, उनको अपनी सोच में बदलाव लाना चाहिए। शीध्रपतन व स्तंभनदोष के चलते वह सेक्स नही कर पाएंगे, यह सोच बेहद ही गलत है। मानव के शरीर के कई अंगो का इस्तेमाल सेक्स की गतिविधियों के लिय किया जाता है। सेक्स करने के कई तरीके होते है। कोई एक तरीका काम न आए तो इसका यह अनुमान नही लगाना चाहिए कि दूसरा तरीका भी काम नही आएगा। सेक्स के लिए अपनाए जाने वाले पुराने तरीको में बदलाव करके भी आप सेक्स करने में समय में बढोतरी कर सकते है।
सेक्स टाइमिंग बढाने के अन्य उपाय:- लंबे समय तक सेक्स करने के लिए स्वस्थ दिनचर्या के अलावा आप कई अन्य तरह के उपाय अपना सकते है जैसे –
फोरप्ले – सेक्स करते समय साथी के साथ फोरप्ले में समय बिताएं बिना ही सेक्स करना सही नहीं माना जाता है। इससे न सिर्फ साथी को परेशानी होती है, बल्कि आपका सेक्सुअल स्टेमिना भी कम हो जाता है। इसलिए जब भी सेक्स करें तो आप फोरप्ले जरुर करें। साथी को किस करना व उनको सेक्स के लिए तैयार करने से भी आप अपने सेक्स करने के टाईम में बढोतरी कर सकते है।
सेक्स क्रिया को बार बार दोहराएं – जब आप बार बार सेक्स करते है तो आपको इसे करने का सही तरीका पता चल जाएगा। ऐसे में कुछ समय बाद आप देखगें की आपके द्वारा सेक्स करने के समय में अपने आप बढोतरी हो गई है।
अपनी पेल्विक मांसपेशियों को स्वस्थ रखें-पेल्विक मांसपेशियां ही आपकी सेक्सुअल लाइफ को बेहतर बनाती है। पेल्विक मांसपेशियां आपके पेट के नीचे होती है, जिसका सीधा संबंध जंननागों के रक्त प्रवाह से होता है। इन मांस पेशियों में मजबूती लाने के लिए व्यायाम आदि करने होगें। जिसमें आपको कीगल एक्सरसाईज, बैंच प्रेस व बाॅडीवेट रुकवाट एक्सरसाईज को करना होता होगा। इन सभी से आपके सेक्स करने का टाईम बढ जाएगा।
हमेशा सक्रिय रहें- आलस कई रोगों को हमारे शरीर में पैदा कर देता है। अगर आप भी चाहते है कि आपकी सेक्स लाइफ बेहतर हो और आपके सेक्स करने के समय में इजाफा हो तो आपको आलस को छोडकर सभी कार्य को करने मे सक्रियता बरतनी होगी। हल्की एक्सरसाइज आपके शरीर को स्वस्थ रखती है और आपके रक्त प्रवाह को भी ठीक रखती हॅै।
शराब का सेवन कम करें- अगर आप सोचते हैं की शराब आपके सेक्स के लिए बेहतर है तो आप गलत सोचते है क्योंकि शराब आपको आलसी बनाती है। इसके सेवन से पुरुषों में स्तंभनदाष व शीध््रापतन की समस्या होने लगती है। इसलिए आप शराब पीने से दूरी बनाये।
प्रोटीन युक्त खादय प्रदार्थो का सेवन – जब भी आप खाना खाएं इस बात का ध्यान रखें कि आपके आहार में प्रोटीन की मात्रा अधिक हो । प्रोटीन में अमीनो एसिड पाया जाता है जो हमारे शरीर को सक्रिय रखने का काम करता है। अंडे का सफेद भाग, कम वसा वाला दूध व चिकन में प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है। इसके नियमित सेवन से आपका स्टेमिना बढता है।
अपने वजन को नियंत्रण में रखें- वजन को नियत्रण में रखकर भी आप अपने सेक्स के समय को बढा सकते है। सही खान पान से आपका स्टेमिना बना रहता है। इसके लिए आपको कम वसा वाले आहार खाने होगें, साथ ही आप सब्जियों और फलों का सेवन खूब करें। इस तरह से आप स्वस्थ रहेगें और अपने शारीरिक स्टेमिना को ठीक रख पायेगें।
इस से आप को निश्चित ही आराम होगा और सेक्स स्टैमिना में इजाफा होगा । अगर आप को आराम नहीं होता तो हमारे हेल्पलाइन नंबर 9870161334 पर कॉल करे आपकी पूरी सहायता की जाएगी । या आप का इस्तमाल केर सकते है | आप को आपके नजदीकी मेडिकल स्टोर पैर मिल जाएगी या ऑनलाइन भी ख़िरद सकत Divya kamasutra kit 9870161334
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उबले हुए अंडे खाने वाले कुछ चीजों से हो जाइए सावधान नहीं तो भूल जायेंगे अपनी पहचान
उबले हुए अंडे खाने वाले कुछ चीजों से हो जाइए सावधान नहीं तो भूल जायेंगे अपनी पहचान #Steamed even after forgetting #After eating egg#Should we drink milk#Must eat egg
अंडे खाने से शरीर को बहुत लाभ होता है, लेकिन आपको यह भी पता होना चाहिए कि इसको खाने के बाद कौन सी चीज़ों को परहेज़ करनी करने चाहिए और कौन सी नहीं ऐसी 2 चीज़ों को जिसका सेवन करने से या तो आपका चेहरा ख़राब हो सकता है या फिर आपको शारीरिक नुकसान हो सकते है।
उबले अंडे खाने के बाद कभी भी आपको मछली का सेवन नहीं करना चाहिए, यदि आप उबले अंडे खाने के बाद आप मछली खाते है तो हो सकता है यह आपके चेहरे को नुकसान…
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#अंडा और दही#अंडा और नींबू खाने#अंडा और शहद#अंडा खाना चाहिए#अंडा खाने के बाद#अंडे का पीला भाग#अंडे खाने के बाद न#एक साथ#और मछली#कितनी देर बाद#केला खाने के#क्या नहीं खाना चाहिए#क्या होता है#क्यों नहीं खाना चाहिए#खाना चाहिए#खाने के फायदे#खाने से#खाये ये चीज़#दूध पीना चाहिए कि नहीं#भूलकर भी उबले हुए#मुर्गी का अंडा#से क्या होता है
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Weight Loss Tips:- वजन घटाने के लिए डाइट चार्ट - Diet Chart For Weight Loss in Hindi
मोटापा किसी के लिए भी परेशानी और शर्मिंदगी का सबब बन जाता है। कोई भी नहीं चाहता की उसका थुलथुल ढीला, भारी भरकम शरीर हो। यह आपके पूरी पर्सनालिटी की रौनक को खत्म कर देता है । ज्यादा मोटापा सिर्फ सुंदरता ही कम नहीं करता बल्कि शरीर को बीमारियों का घर बना देता है। एक अच्छी पर्सनैलिटी की पहचान स्वस्थ शरीर से होती है।
बिज़ी लाइफस्टाइल के चलते, आजकल सभी अपनी फिटनेस का ख़ास ख़्याल नहीं रख पाते। पर आप अपने काम में तभी परफेक्ट हो पाएंगे, जब आपका स्वास्थ्य अच्छा और आप फिट होंगे। ऐसे में लोग वजन घटाने करने के लिए घंटो जिम में पसीना बहाते हैं, डाइटिंग करते हैं, कई बार दवाइयां भी लेते हैं. जबकि
मोटापा कम
करने के लिए इतना कुछ करने की जरुरत नहीं होती है. अपने पेट को कम करने के लिए सबसे जरुरी है की आप सही डाइट चार्ट फॉलो करें।
सब्ज़ियों का सूप
डाइट चार्ट में इस बात का ख्याल रखा गया है कि आपको जरूरी
विटामिन्स
और
मिनरल्स
मिलते रहें। वैसे जरूरी नहीं कि हर शख्स पर यह पूरी तरह से लागू होगा। हालाँकि, आप इसमें थोड़ा फेरबदल भी कर सकते हैं।जब आप वजन कम करना शुरू करते हैं तो शुरू में आमतौर पर सभी लोगों का वजन दो चार किलो कम हो जाता है, मगर बाद में फैट कम नहीं होता। इसलिए हर बार आपको अपना
डाइट चार्ट
पहले के मुकाबले ज्यादा हार्ड बनाना होता है।
वजन घटाने
के लिए इस डाइट चार्ट को आप आजमाकर देखें फर्क जरूर पड़ेगा।
वैसे तो हर व्यक्ति की शारीरिक संरचना और उसके द्वारा की जाने वाली मेहनत के हिसाब से खान-पान की आवश्यकता अलग-अलग होती है। इसके लिए बेहतर होगा बीएमआर निकाला जाए जो यह बताएगा कि शरीर को कम से कम कितनी कैलोरी की आवश्यकता है।
शरीर का वजन कम करने के लिए कम कैलोरी लेनी चाहिए और इसके लिए बैलेंस्ड डाइट चार्ट बनाया जाना जरूरी होता है। दिमाग सुचारू रूप से कम करे और शरीर थके नहीं, इन बातों को ध्यान में रखते हुए 1200 से 1800 कैलोरी की आवश्यकता होती है। इतनी कैलोरी ऊर्जा के रूप में शरीर में बेहतर ढंग से संचरित हो जाती है जो कि फैट के रूप में नहीं जमती।
तीन मुख्य ��ोजन, जैसे नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का खाना 300 से 350 कैलोरी का रखें।
बाकी बचे 300 कैलोरी में स्नेक्स तथा अन्य चीजों को रखें।
बेवरेज के तौर पर ग्रीन टी अपनाएं। ग्रीन टी वजन कम करने में सहायक है।
जो भी खाना खाएं, सभी गेहूं से बना हो या ब्राउन चावल हो। मैदा या सफेद चावल न खाएं।
वजन घटाने के लिए डाइट चार्ट - Diet Chart For Weight Loss in Hindiआपको नाश्ते, दोपहर के भोजन और रात के खाने को ऐसे डिवाइड करें।
सुबह उठते ही : पानी पिएं, हो सके तो कम से कम दो गिलास और ज्यादा से ज्यादा एक लीटर। पानी हल्का गुनगुना होगा तो अच्छी बात है वरना जैसा आपको ठीक लगे।
अगर हो सके तो कुंज्जल करें : यह एक यौगिग क्रिया है जिसे वमन धौती भी कहा जाता है। इसमें तकरीबन दो लीटर हल्का गर्म पानी पीकर उल्टी की जाती है। अगर बीपी की प्रॉबलम नहीं है तो पानी में हल्का नमक भी मिला लें। यह वैसे तो बहुत आसान है मगर बेहतर होगा शुरू में आप किसी जानकार के सामने यह करें उसके बाद आप खुद कर सकती हैं।
नाश्ता : ओट्स बनायें मगर ये इंस्टेंट ओट्स न हों। सादे ओट्स का पैकेट लाएं और उसमें प्याज, लहसुन, दालचीनी, जरा सी मंगरैल उर्फ कलौंजी डालें, बाकी नमक वगैरा तो डालना ही है। इसमें मौसम के हिसाब से सब्जियां डाल सकती हैं। हो सके तो ब्रोकली जरूर डालें या कॉर्नफ्लेक्स और डबल टोंड दूध या ��गर आप नॉन वेजिटेरियन हैं तो तीन या चार उबले अंडे का सफेद हिस्सा। चाहें तो बिना चीनी वाली नींबू की शिकंजी। शिकंजी पहले पियें बाद में अंडे खाएं या कभी कभी आप नाश्ते में दही के साथ उबला आलू भी ले सकती हैं। इसमें हरा धनिया भी डाल लिया करें।
ब्रंच : पांच से दस बादाम, साथ में कॉफी या ग्रीन टी या अदरक, तुलसी, दालचीनी, इलाइची वगैरा की चाय बस इसमें चीनी की बजाए शुगर फ्री हो।
लंच: एक कटोरी ब्राउन राइस, सलाद, दाल, मल्टी ग्रेन आंटे की एक या दो रोटी।
शाम की चाय-शाय: कोई वेज सूप या भुने चने के साथ चाय या कॉफी या ग्रीन टी। चाहें तो स्प्राउट भी ले सकती हैं।
रात का खाना एक कटोरा वेज सूप, एक कटोरा सलाद, या एक बड़ा कटोरा पपीता या एक कटोरा भरकर सब्जियां इसमें लहसुन, प्याज जरूर हो या नॉन वेजेटेरियन हैं तो तीन एग व्हाइट या 150 ग्राम चिकन ब्रेस्ट, या दो लेग पीस।
जरूरी नहीं है कि आप इन्हीं चीजों का सेवन करें। जरूरी ये है कि आप कैलोरी की सही मात्रा लें। इसके साथ ही तरल पदार्थों का अधिक सेवन और व्यायाम को भी अपनी दिनचर्या में शामि�� करना होगा।
मोटापे से बचने के लिए क्या खाएं और कैसे खाएं? – Weight Loss Foods in Hindi
मोटापे से खुद को बचाने के लिए निम्नलिखित चीजें खा सकते हैं और मोटापे से छुटकारा पा सकते हैं:
सलाद खाएं
लो कैलोरी फूड लें
मोटे अनाज शामिल करें
चबाकर खांए
शहद और नींबू
डेयरी उत्पाद, जैसे – दही व मक्खन आदि।
नट्स जैसे – मूंगफली व बादाम आदि।
खट्टे फल
सूप पींए
पालक
सेब
दाल
दलिया
अंडा
विनेगर
एवोकैडो
मोटापा से बचने के लिए क्या ना खाएं? – Foods to Avoid in Weight Loss in Hindi
मोटापे से बचने के लिए, आपको नीचे बताई गईं चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए :
ज़्यादा चीनी वाले खाद्य पदार्थ, जैसे – मिठाई व खीर ।
ज़्यादा चीनी वाले पेय, जैसे – कोल्ड ड्रिंक व शर्बत।
ज़्यादा तेल वाले खाद्य पदार्थ, जैसे – फ़्रेंच फ्राई व चिप्स।
वजन घटाने वाले कुछ व्यायाम और योगासन – Some Exercise and Yoga for Weight Loss in Hindi
वज़न घटाने के लिए हमारे डाइट चार्ट को अपनाने के साथ-साथ आपको नीचे बताए गए
एक्सरसाइज
को भी अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए:
सुबह-शाम टहलें।
रस्सी फांदने का अभ्यास करें।
स्विमिंग करें।
साइकल का प्रयोग करें।
ज़ुम्बा या डांस क्लास से भी वज़न घटा सकते हैं।
व्यायाम के अलावा योगासन से भी वज़न घटाया जा सकता है, योगासन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें: वजन घटाने के लिए योगासन निम्नलिखित है:
चक्रासन
भुजंगासन
वीर भद्रासन
नवासना
सूर्य नमस्कार
वजन घटाने के लिए कुछ और उपाय – Other Tips for Weight Loss in Hindi
समय पर नास्ता करें - नाश्ता पूरे दिन का सबसे महत्वपूर्णडाइट होता है। बतादें कि, सुबह का नाश्ता हमारे शरीर के मेटाबॉलिज़्म प्रक्रिया को सीधे तौर पर प्रभावित करता है।
डिप्रेशन से बचें - मोटापे का एक कारण डिप्रेशन भी हो सकता है, इससे बचने के लिए आपको टहलना या घूमना भी चाहिए। ऐसे काम करें जिससे आपको खुशी मिलती है।
पूरी नींद लें - शोध में वैज्ञानिकों ने पाया है कि नींद पूरी ना होने से वज़न बढ़ सकता है, क्योंकि नींद की कमी से शरीर की इंसुलीन संवेदनशीलता और ग्लूकोज़ सहिष्णुता में कमी आती है। इससे शरीर में लेप्टिन का स्तर घटता है, और हमारी भूख बढ़ती है।
वजन घटाने के लिए डाइट रेसिपी – Diet Food Recipes for Weight Loss in Hindi
वजन घटाने के लिए डाइट रेसिपी का इस्तेमाल करके आप अपने मोटापा को कम कर सकते हैं और कई तरह की बिमारियों से बच सकते हैं। यहां हम आपको कुछ आसान रेसिपी के बारे में बता रहें हैं जो निम्नलिखित है:-
1.फलों का सलाद - सामग्री जैसे - आधा पपीता, एक केला, आधे से थोड़ा कम तरबूज़, एक सेब, पांच से छह अंगूर, नींबू, चुटकी भर नमक, चुटकी भर काली मिर्च
कैसे बनाएं
बाउल में सारे फलों के छोटे-छोटे टुकड़े करें। अंत में इन टुकड़ों के साथ अंगूर, नींबू के रस, चुटकी भर नमक और काली मिर्च को भी मिला लें। अब आपके फलों का सलाद तैयार है। सर्व करें।
2.सब्ज़ियों का सूप - सामग्री जैसे - एक पत्तागोभी का थोड़ा-सा भाग, आधा या एक गाजर, पांच बीन्स, नींबू, चुटकी भर काली मिर्च, नमक, थोड़ी-सी अजवाइन या उसके डंठल, एक चुकंदर
कैसे बनाएं
पत्तागोभी, चुकंदर और गाजर के लंबे-लंबे टुकड़े काटें फिर,अजवाइन के डंठल को छोटे टुकड़ों में काटें। उसके बाद बीन्स को भी छोटे टुकड़ों में काट लें। फिर एक पतीले में पानी उबालें और सारी सब्ज़ियों को उसमें डालें। सब्ज़ियों को थोड़ी देर तक पकने दें और फिर उन्हें पानी के साथ कटोरे में निकाल लें। लास्ट में कटोरे में नींबू का रस, नमक और काली मिर्च डालें और अच्छी तरह से सब्ज़ियों को मिला लें।
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7 Secret you should know to Gain Muscles.
हम अपने निजी जिंदगी में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि हमें क्या खाना है और किस समय पर खाना है हमे उसका ध्यान नहि रहता है , इससे हमारी हेल्थ पर बहोत बुरा असर पड़ता है जैसे की हमारे हेल्थ को सही पोषकतत्व और विटामिन नहीं मिल पाते है जिससे आलसपन, कमोजोरी, और चक्कर आना जैसी समस्याए होती है इसके आलावा इससे कई तरह की बिमारिय भी होती है इसके लिए हमे सही वक़्त और सही खाना खाना चाइए जिसे हमे सही विटामिन और पोषकतत्व भी मिलेंगे और हमारा वजन या मांसपेशियों को बढ़ाने में मदद करेगा. (How to gain muscles)
आज हम आपका 5 तारिके बताएगी जो आपके वजन और मांसपेशियों तेजी से बड़ेगी.(How to gain weight and muscle)
१. व्यायाम (Exercise)
कुछ लोग ऐसे होते हैं की जो जिम तो जाते हैं मांसपेशियों को बढ़ाने के लिए पर कुछ समय के बाद वो जिम जाना छोड देते हैं इसे उनके पैसे बरबाद हो जाते है और कुछ फ़ायदा भी नहीं होता है.इसलिय जरुरी नहीं होता की मांसपेशियां बढ़ाने के लिए जिम ही जाएं हम घर बेठ के भी व्यायाम कर सकते हैं जैसे कि पुशअप, वॉक, रनिंग,रस्सी कूदना, साइकिलिंग और डिप्स जिससे हमारी जल्दी मांसपेशियों बढती है .
हर रोज व्यायाम करने मांसपेशियों बढती है (musles gain) जिसे हमे ज्यादा पसीना आता है, ज्यादा भूक भी लगती है जिसे हमारे वेट और मांसपेशियों बढती है
२.प्रोटिन (Protein)
मांसपेशियों (muscles) को बढ़ाने के लिए हमें सही पोषण तत्व लेना जरुरी है .पनीर, दही, चिकन, सैमन, अंडे, सोयाबीन, और मूंगफली आदि का सेवन करने से विटामिन,मिनरल, और फाइबर मिलता है जिसे हमारी कैलोरीज बढ़ाने में मदद करता है
३. अश्वशक्ति पाउडर (Ashwashakti powder)
बहुत लोग ऐसे होते हैं जो मांसपेशियों को बढाने के लिए जिम तो जाते हैं पर कुछ दिनो के बाद ही वापिस घर पर ही बेठ जाते है । जरुरी नहीं की हम जिम जाकर ही मांसपेशियां को बढ़ाये हम घर बेठ कर भी हम अपने मांसपेशियां बढ़ा सकते हैं (gain muscle mass fast) जैसे की अश्वशक्ति पाउडर जो अश्वगंधा, मूसली, गिलोय सत्वा, कौचा, और विदारी अन्य जड़ीबूटियों से बना हुआ है इस पाउडर को लेने से मांसपेशिया बढ़ती हैऔर इसके आलावा अन्य बिमारिया जैसे कावट, दुर्बलता, अनुत्साह, शरीर दाह जैसी समस्याओं दूर होती है.
4.प्रॉपर डाइकई (Proper diet)
कुछ लोग ऐसे होते है जिन्हें मांसपेशिया तो बढ़ानी है पर वो कुछ भी जंक फ़ूड (junk food) खा लेते है जैसे की बर्गर,सैंडविच,पिज़्ज़ा ,फ्रेच फ्राइज पर इस तरह के खाने से मांसपेशिया नही बढती है सिर्फ बिन जरुरी फैट बढ़ता है . मसल्स बढाने के लिए प्रॉपर डाइट प्लान जरुरी है जिसमे से प्रोटीन विटामिन और कार्बोहायड्रेट प्राप्त हो और कैलोरी बढ़ने में मदद करे.
प्रॉपर डाइट प्लान के लिए हमें सही समय पर सही खाना लेना चाइये जैसे सुबह ८ से १० ब्रेकफास्ट ,२ से ४ तक लच और रात ८ से १० बजे तक खाना चाइये. प्रॉपर डाइट में हम जूस ��ा भी सेवन कर सकते है जैसे की बनाना,चीकू,मेंगो,डेट हम शामिल कर सकते जिसे हमारे मसल्स बढ़ाने में मदद करता है.
5.पानी (Water)
सुबह उठकर पानी पीने से नई कोशिकाएं तेजी से बनने लगती हैं। यह मांसपेशियों को मजबूत बनाता है. हमारे शरीर में पानी बहोत ही जरूर है, अगर हमारे शरीर में पानी की मात्रा 75% से कम होती हे तो इससे बीमारिया होती है। जैसे की सर दर्द, थकावट और ज्यादा नींद आती है. हमे गर्मी के मौसम में कम से कम 2.5 लीटर(ltr) पानी जरूर पीना चाहिए. 1.25 लीटर से कम पानी न पिएं, अन्यथा आपकी जान को खतरा हो सकता है।
जरुर पढ़े:- https://www.arayurveda.com/blogs/proven-strategies-to-build-muscle-and-strength-fast
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रात को भूलकर भी ना खाएं ये चीजें - Avoid this food at night
Avoid this food at night/रात को भूलकर भी ना खाएं ये चीजें : जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हम लोग अपनी डाइट का पूरा दिन तो ध्यान रखते हैं। लेकिन रात को हम कुछ ऐसी चीजे खा लेते हैं। जिसका बुरा असर हमारी पूरे दिन की डाइट पर पड़ता है। जिससे हमारी बॉडी में कई तरह की बीमारियां भी पैदा हो जाती है। इसलिए द���स्तो हम सबको यह जानकारी होना भी बहुत जरूरी है कि रात के समय हमें खाने पीने की किन किन चीजों से दूर रहना चाहिए। चलिए दोस्तो जानते हैं। कि ऐसी कौन सी चीजें हैं जो हमें रात के समय नहीं खानी चाहिए। रात के समय पनीर नहीं खाना चाहिए। दोस्तो हम सभी रात को पनीर खा लेते हैं। लेकिन हम सबको यह रात में नहीं खानी चाहिए। बल्कि दिन में खाना चाहिए। क्यूंकि हमारे शरीर को दिन में सबसे ज्यादा प्रोटीन की जरूरत होती है। और रात में अगर हम पनीर खाते हैं तो वो हमारे शरीर के लिए बहुत ज्यादा भारी हो जाता है और हमारे शरीर को पचाने में भी बहुत परेशानी होती है। इसलिए रात को हल्की चीजे खाए और खुद को फिट और स्वस्थ रखे।
रात के समय छोले राजमा नहीं खाना चाहिए। छोले राजमा रात के समय खा कर आप दिन के समय सकते है। क्यूंकि रात को ये आपको नुकसान पहुँचा सकते है। पेट में गैस बनने की समस्या अक़सर लोगों में देखी जाती है तब वह छोले राजमा का सेवन करते है। इसलिए दिन समय तो आप आसानी से इन्हें पचा सकते लेकिन रात को सोने के बाद मुश्किल हो जाता है। इनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। इस वजह से आपको पेट दर्द की भी समस्या हो सकती है। रात के समय उड़द और चने की दाल नहीं खाना चाहिए। दोस्तों यदि आप चाहते है कि आपको कब्ज की समस्या न हो और आपका पेट ठीक रहे तो रात के समय उड़द और चने की दाल सेवन न करें। दाल एक पौष्टिक आहार इसे अपने भोजन में जरूर शामिल करे लेकिन इन दालों को आप दिन के समय ही अपने भोजन में शामिल करे। रात के समय मांस, मछली, अंडे नहीं खाना चाहिए। दोस्तो हम सभी को जितना हो सके रात के समय थोडा कम खाना चाहिए। और बिल्कुल ही हल्का खाना चाहिए। मांस मछली अंडे यह सब तो हमें रात को भूलकर भी नहीं खाना चाहिए। क्यूंकि शाकाहारी भोजन मांसाहारी भोजन से जल्दी पचता है इसलिए कोशिश करें कि आप रात को शाकाहारी ले। मांसाहारी में अधिक मात्रा में प्रोटीन, पोषक तत्व मौजूद होता है। लेकिन रात में इसे लेने से बचें क्योकि इससे आपकी पाचन शक्ति कम होसकती है। और आपको कई तरह की बीमारियों व समस्यों का सामना करना पड़ सकता है। रात के समय कोलड्रिंक, चॉकलेट, आइक्रीम नहीं लेनी चाहिए। दोस्तो खासतौर पर हमें चॉकलेट, आइसक्रीम, कोलड्रिंक बिल्कुल भी नहीं लेनी चाहिए। यदि आप रात को आइसक्रीम या चॉकलेट खा कर सोते है तो आपके दाँत ज���्दी ख़राब हो जायेंगे। दांतों में कैविटी, पायरिया जैसी समस्याओं का सामना आपको करना पड़ सकता है। चॉकलेट में केफिन की मात्रा पाई जाती है। और कोलड्रिंक में हाइड्रुक्साइड गेस होती है। जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही नुकसानदायक साबित होती है। इसलिए उसे रात को भूलकर भी ना पिए। आईक्रीम भी ना खाए क्यूंकि इसमें फेट शुगर अधिक मात्रा में होता है। यह भी हमारे शरीर के लिए हानिकारक होती है। रात के समय हमारे शरीर के लिए यह चीजे बिल्कुल हानिकारक है इसलिए दूरी बना कर रखे और अपनी हेल्थ पर बुरा असर पड़ने से बचाए। रात के समय जंक फूड नहीं खाना चाहिए। हां दोस्तो हम सभी को रात को जंक फूड से बिल्कुल दूर रहना चाहिए। जंक फूड को गलती से भी हमें नहीं खाना चाहिए। क्यूंकि यह हमारे शरीर के लिए बहुत ज्यादा नुकसान दायक होते हैं। क्यूंकि जंक फूड में बहुत ज्यादा फेट होता है। जो हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक है। जो ना सिर्फ हमारे शरीर के लिए हानिकारक है बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी जंक फूड नुकसान दायक होता है। इससे पेट में भी कई तरह की बीमारियां पैदा होती है। इसलिए रात को भूलकर भी ना खाए जंक फूड। रात के समय मसालेदार चटपटे भोजन और पकवान खाने से बचे। दोस्तो आप सभी को अपने रात के भोजन में हल्का मसालेदार भोजन बनाए। रात को पूरी कचौरी पकोड़े आदि पकवान खाने से भी बचे। क्यूंकि रात में पकवान और मसालेदार भोजन हमारे शरीर के लिए अच्छा नहीं होता हैं। जिससे हमारे पेट में जलन व कब्ज जैसी समस्या पैदा होती है। इसलिए मिर्च मसालों का भी खास खयाल रखें। रात के समय हल्का भोजन खाए। रात के समय हमें हलका भोजन व कम मात्रा में खाना चाहिए ताकि हमें कोई भी परेशानी ना हो और वह हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ना हो सके। और हमें सुकून की नींद आए और हमारा शरीर अच्छा व स्वस्थ रहे। आपको हमारी ये पोस्ट कैसी लगी हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताए। जैनब खान Read the full article
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जानिये ! आईवीएफ से पहले आपको किन बातो का ध्यान रखने की आवश्यकता है?
आईवीएफ (IVF) प्रक्रिया के लिए खुद को तैयार करना किसी भी दंपत्ति के लिए एक बहुत ही बड़ा निर्णय होता है। यह जानते हुए कि हमारा समाज इस प्रक्रिया को ले कर कितना पिछड़ा हुआ है (सबसे पहले आईवीएफ इलाज होने के 40 साल बाद भी), यह एक बहुत बड़ी बात है कि आप इस सब से आगे बड़ कर सही इलाज लेने का कदम उठा रहें हैं।
पूरा इंटरनेट आईवीएफ की जानकारी से भरा हुआ है परंतु बहुत कम स्त्रोत हैं जो सही तरह से बताते हैं कि आईवीएफ के लिए कैसे तैयारी की जाती है। किसी भी दंपत्ति के लिए बहुत ही मुश्किल होता है कई ऐसे लेख पढ़ना जो आईवीएफ के बारे में बड़ी बड़ी बातें लिखते हैं लेकिन आपको इस बात का उत्तर नहीं देते कि इस प्रक्रिया के लिए तैयार कैसे होते हैं।
हम आशा करते हैं कि इस लेख से आपको सभी सवालों जैसे – मैं अपने शरीर को आईवीएफ के लिए कैसे तैयार करूं? मानसिक रूप से आईवीएफ के लिए कैसे तैयारी करते हैं? और आईवीएफ प्रिक्रिया के दौरान क्या क्या सवाल पूछने चाहिए? आदि के जवाब मिलेंगे। ये सभी सवाल बहुत महत्वपूर्ण हैं और हम आशा करते हैं कि आपको इन सभी के बारे में पता लग जाएगा, तो आईये जानते हैं हमे आईवीएफ से पहले आपको किन चीजें का ध्यान रखने की आवश्यकता है?
आईवीएफ के लिए खुद को कैसे तैयार करें?
अगर आप पहले ही समझ गए हैं की आईवीएफ हर शरण पर कैसे काम करता है, तो आप जानते होंगे कि आईवीएफ प्रक्रिया में कई शरण होते हैं जिसमें डॉक्टर से परामर्श, खून जांचें, अंडों की ��त्तेजना (ovarian stimulation), अंडों को शरीर से निकालना (Transvaginal Oocyte Retrieval), अंडों और स्पर्म को तैयार करना (Egg and Sperm Preparation), अंडों और स्पर्म को मिलाना (Egg Fertilizations), और इस मेल से बनने वाले एंब्रियो को महिला के गर्भ में रखना (Embryo transfer), आदि शामिल हैं। यह सब होने के दो हफ्ते बाद महिला का प्रेगनेंसी टेस्ट किया जाता है। यह सारे चरण सुनने में बहुत लम्बे और डरावने लग सकते हैं परंतु आप निश्चिंत रहिए कि आपके डॉक्टर के लिए यह सभी प्रक्रियाँ उनकी विशेषता हैं और उन्होंने इनमें महारत पाने के लिए कई साल मेहनत की है।
आईवीएफ में बहुत से चारण होते हैं, इसलिए इसके लिए शारीरिक, मानसिक, और आर्थिक रूप से तैयार होना बहुत जरूरी है। इसके लिए बेहतर है कि आप एक ऐसे प्रदाता चुने जो आपको हर चरण में मदद करे और आपके ऊपर से यह बोझ हटा दे। आईवीएफ जंक्शन यह समझता है की यह प्रक्रिया आपके लिए कितनी डरावनी और मुश्किल हो सकती है और आपको पूरी प्रक्रिया के दौरान मदद करता है। हम आपको बहुत से रूप में मदद करते हैं जैसे – मानसिक तनाव को संभालना, आपके खान पान का ध्यान रखना, आर्थिक रूप में मदद करना और आपको हर चरण पर सही राय देना। इस सबसे आपको इस प्रक्रिया से गुजरने में बहुत सहायता मिलती है।
पूरी प्रक्रिया होने में कुछ हफ्तों से कुछ महीनें भी लग सकते हैं और इसलिए यह जरूरी है कि आप एक सही आईवीएफ क्लिनिक चुने। इसके साथ साथ यह जानना कि इस प्रक्रिया से आपको क्या उम्मीद करनी चाहिए आपको इसके लिए भी तैयार बनाता है।
· आईवीएफ के लिए शारीरिक तैयारी
· आईवीएफ के लिए आर्थिक तैयारी
· आईवीएफ के लिए मानसिक तैयारी
· टेक आवे
आईवीएफ के लिए शारीरिक तैयारी
आईवीएफ की प्रक्रिया के लिए जाने से पहले आप और आपके साथी को कुछ जांचें करवानी पड़ेंगी। यह सब जांचें सुनिश्चित करती हैं कि आपके डॉक्टर आपके लिए सही इलाज ढूंढ सके। इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि डॉक्टर आपके बच्चा ना होने के कारण को ढूंढ कर ठीक कर पाए। इनसे यह भी पता चलता है कि आपका खुद का बच्चा हो सकता है या फिर आपको एक डोनर की आवश्यकता है।
अंडों की संख्या की जांच (ovarian reserve testing)
आम भाषा में बोलें तो ओवेरियन रिजर्व टेस्टिंग से यह पता चलता है कि महिला के शरीर में कितने अंडे हैं जो एक कामयाब प्रेगनेंसी में बदल सकते हैं। सभी महिलाएं अंडों की एक संख्या ले कर पैदा होती हैं और इन अंडों को संख्या और क्वालिटी बढ़ती उम्र के साथ कम होती जाती है। ओवेरियन रिजर्व टेस्टिंग आपके डॉक्टर को आपका सही इलाज करने में मदद करती है।
ओवेरियन रिजर्व टेस्टिंग में फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन (Follicle Stimulating Hormone), एंटी मुलेरियन हॉर्मोन (Anti Mullerian Hormone), इनहिबिन बी (Inhibin B), बेसल एस्ट्राडियोल (Basal estradiol) और एंट्रल फॉलिकल काउंट ( Antral follicle count) का टेस्ट किया जाता है। इन जांचों से पता चलता है की क्या आपके अंडे प्रेग्नेंसी में बदल सकते हैं या नही।
संक्रामक रोगों की जांच
आपके (और अगर कोई डोनर हो तो) खून की जांच की जाती है ताकि किसी संक्रामक बीमारी का पता चल सके।
गर्भ का परीक्षण
अगर आपके डॉक्टर को लगता है की आपके बांझपन का कारण गर्भ से संबंधि��� हो सकता है तो वो गर्भ का परीक्षण करने के लिए कुछ जांच कर सकते हैं जैसे –
· ट्रांसवेजिनल अल्ट्रासाउंड
· हिस्टेरोस्कोपी
· सेलाइन हिस्टेरोसोनोग्राफी
· और हिस्टेरोसाल्पिंगोग्राफी
यह सारी जांचें कई बीमारियों का पता लगा सकती हैं जैसे – पॉलीप्स (polyps), अंतर्गर्भाशयी आसंजन, एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया (endometrial hyperplasia), गर्भाशय सेप्टा (septate uterus) और सबम्यूकोसल फाइब्रॉएड (submucosal fibroids)।
स्पर्म का परीक्षण
इस जांच में पुरुष के शुक्राणु का परीक्षण किया जाता है। इस टेस्ट में स्पर्म की संख्या, आकार, गतिशीलता, आदि का परीक्षण किया जाता है। एक आदर्श सीमिन सैंपल में 15 मिलियन शुक्राणु एक मिली लीटर सैंपल में होते हैं और इनमें से 50 प्रतिशत शुक्राणु की गतिशीलता अच्छी होनी चाहिए और कम से कम 4 प्रतिशत शुक्राणु का आकार सही होना चाहिए। इसके अलावा और कई चीजों की जांच की जाती है जिससे आपके डॉक्टर को पता चलता है की क्या यह स्पर्म प्रेगनेंसी को जन्म दे सकते हैं या नहीं।
इन सभी जांचों के बाद आपके डॉक्टर को यह पता चल जाता है की आपके अंडे और स्पर्म से एक प्रेगनेंसी बन सकती है या नहीं, या आपको एक डोनर की जरूरत है।
इसके अलावा जरूरी है की आप एक सामान्य डॉक्टर और एक स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श कर लें ताकि अगर बांझपन का कोई और कारण है तो वों भी सामने आ जाएं। पीसीओएस ( PCOS) जैसे कई बीमारियां हैं जिससे महिला को बांझपन हो सकता है। 30 प्रतिशत दंपत्ति में बच्चे नहीं होने का कारण पीसीओएस हो सकता है इसलिए यह बहुत जरूरी है की यह सारी जांचें की जाएं।
आईवीएफ जंक्शन आपको सर्वश्रेष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञों, भारत के सबसे अच्छे आईवीएफ डॉक्टरों, आईसीएमआर अनुमोदित केंद्रों, आईवीएफ उपचार परामर्श और उपचार सहायता से विशेषज्ञ परामर्श प्रदान करता है। हम ऐसे केंद्रों के साथ साझेदारी करते हैं जिन्होंने सफलता दर स्थापित की है और सर्वोत्तम विशेषज्ञता, विशेष प्रयोगशालाएं, नैतिक अभ्यास और रोगी-केंद्रित हितों की पेशकश करते हैं।
हमारा फर्टिलिटी लाइफस्टाइल मैनेजमेंट प्रोग्राम आईवीएफ जंक्शन द्वारा विशेष रूप से डिजाइन किया गया एक प्रोग्राम है जो आपको आईवीएफ इलाज शुरू करने से ��हले अपनी जीवन शैली को बदलने करने में मदद करता है।
सबसे पहले एक स्वस्थ जीवन शैली का पालन करना शुरू करें –
· धूम्रपान और शराब का सेवन करना बंद कर दें।
· रात को एक अच्छी और पर्याप्त नींद लें।
· रोजाना कसरत करें।
· स्वस्थ भोजन ही खाएं।
· खूब सारा पानी पीएं।
· अपनी सभी दवाएं ठीक से लें।
· अपने वजन का ध्यान रखें।
· ऐसे पदार्थों से दूर रहें जो आपके हॉरमोन के स्तर को बिगड़ सकते हैं।
धूम्रपान और शराब का सेवन करना बंद कर दें।
धूम्रपान और शराब का सेवन आईवीएफ प्रक्रिया शुरू करने से पहले बंद कर देना चाहिए। यह आदतें आपके स्वास्थ्य के लिए बुरी होने के साथ साथ आपके अंडों या स्पर्म पर भी बुरा असर करती हैं। अगर आप बहुत समय से धूम्रपान करते हैं तो यह आदत छोड़ने का सही समय अभी है। आपके डॉक्टर धूम्रपान छोड़ने में आपकी मदद करेंगे।
रात को एक अच्छी और पर्याप्त नींद लें।
नींद की कमी आपके शरीर में बहुत तरह के असंतुलन पैदा कर सकती है जैसे शरीर के सोने जागने की प्रकिया, हार्मोन्स का संतुलन, आपका मन, और आपके शरीर के नॉर्मल काम करने की क्षमता। रोज रात को अच्छी नींद लेना हार्मोन्स का स्तर ठीक रखने के लिए बहुत आवश्यक है।
रोजाना कसरत करें।
आपको कुछ हल्की फुल्की कसरत जैसे टहलना, रोज करना चाहिए अगर आपके डॉक्टर आपको अनुमति देते हैं तो। आप ऐसी कसरत से शुरू कर सकते हैं जो आपको सक्रिय और प्रेरित रखें। कसरत करना आपके मूड को अच्छा रखता है और मानसिक तनाव को कम करता है। ताज़ी हवा सेहत के लिए अच्छी होती है और थोड़ा टहलना भी आपके मूड को अच्छा कर सकता हैं। लेकिन याद रखें कि अपने डॉक्टर से पूछे बिना कोई नई कसरत न शुरू करें।
स्वस्थ भोजन ही खाएं।
अपने डॉक्टर द्वारा बताया गया अच्छा भोजन ही खाएं। कुछ खाद्य पदार्थ आपका स्वस्थ बनाते हैं और आपको सभी जरूरतमंद पोषण देते हैं। आपके शरीर को कभी भी आवश्यक पोषक तत्वों जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट्स, विटामिंस, मिनरल्स और फाइबर की कमी नहीं होनी चाहिए। नियमित रूप से स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाना यह निश्चित करेगा की आपको कभी भी किसी पोषक तत्व की कमी न हो। बाहर के पैकेज्ड खाने को कम ही खाएं क्युकी ऐसे खाद्य पदार्थों में ट्रांस – फैट्स की मात्रा ज्यादा होती है। एक नियमित आहार लेना, एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए बहुत आवश्यक है।
खूब सारा पानी पीएं।
आप जानते हो होंगे की हमारे शरीर का लगभग 60 प्रतिशत भाग पानी से बना हुआ है। नियमित रूप से पानी पीना हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है ताकि शरीर में पानी की कमी न हो। आपको कोशिश करनी चाहिए की आप केफीन (caffeine) से भरी हुई चीज से दूर रहें और ज्यादा स्वस्थ चीजों को चुने।
अपनी सभी दवाएं ठीक से लें।
आपके डॉक्टर आपको कुछ सप्लीमेंट्स दे सकते हैं अगर उनको लगता है कि आपको उनसे फायदा होगा। और यह बहुत जरूरी है कि आप उन्हें सही तरह से लेते रहें। दवाएं जैसे जिंक, फोलिक एसिड, कैल्शियम, और मैग्नीशियम आपको दी जा सकती हैं। इस ��ात का ध्यान रखें की यह बहुत जरूरी है कि आप यह दवाएं बिलकुल वैसे ही लें जैसे आपके डॉक्टर ने बताया है। सप्लीमेंट ओवरडोज (supplement overdose) एक ऐसी स्तिथि है जिसमे इन दवाओं की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है और यह बहुत हानिकारक हो सकती है। अपने डॉक्टर के मुताबिक दवाओं को लेना आपको इस स्तिथि से सुरक्षित रखेगा।
अपने वजन का ध्यान रखें।
सही वजन में रहना बहुत जरूरी हैं। अपने डॉक्टर से बात करिए कि आपके लिए सही वजन कितना है और उसी स्तर में रहने की कोशिश करें। आपके डॉक्टर आपको वजन बढ़ाने या घटाने में मदद कर सकते हैं।
ऐसे पदार्थों से दूर रहें जो आपके हॉरमोन के स्तर को बिगाड़ सकते हैं।
कुछ पदार्थ जैसे बीपीए (BPAs) और थेलेट्स (phthalates) शरीर में हार्मोन्स के स्तर को अंसांतुलित करते हैं। जरूरी है की आप इन पदार्थों के बारे में जाने और इनसे दूर रहें।
आईवीएफ जंक्शन में नेटवर्क पार्टनर हैं जो आहार प्रबंधन प्रदान करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि आपको पता है कि आपके स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए वास्तव में क्या खाना चाहिए। आईवीएफ जंक्शन के आहार प्रबंधन भागीदार सुनिश्चित करते हैं कि आपके आहार संबंधी लक्ष्य आपकी आईवीएफ यात्रा के अनुरूप हों।
आईवीएफ के लिए आर्थिक तैयारी
· आईवीएफ एक महंगी प्रक्रिया है और अकसर इस प्रक्रिया के आर्थिक पहलू के बारे में कोई बात नही करता। अगर आप पहले से इस आर्थिक पहलू के बारे में सोचे तो जब तक आपका बच्चा इस दुनिया में आएगा तब तक आपकी आर्थिक स्तिथि ठीक होगी।
· आईवीएफ का खर्चा भारत और बाहर के देशों में कुछ चीजों पर निर्भर करता है।
· ��ईवीएफ एक बहुत ही विशेषज्ञ प्रक्रिया है और इसमें बहुत सारे विशेषज्ञों की जरूरत होती है, जैसे – सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ विशेषज्ञ, प्रजनन एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, नर्स, भ्रूणविज्ञानी और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक टीम। यह सारे बहुत साल बिता देते हैं इन सब में महारत पाने में ताकि वो आईवीएफ कर सकें।
· एंड्रोलॉजी लैब को चलाने में बहुत सारे पैसे लगते हैं और इसलिए इनके द्वारा दी जाने वाली प्रक्रियां भी महंगी होती है।
· आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान कई सारे टेस्ट्स, जैसे – खून की जांच, सोनोग्राफी, स्पर्म का परीक्षण, हिस्टेरोस्कोपी, आदि किए जाते हैं ताकि बच्चा होने की संभावना बढ़ जाए।
· आईवीएफ प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के खर्चे के बारे में भी सोचना होगा। इस भाग में खर्चा कम करना सही नहीं होगा।
· जब आप आईवीएफ प्रक्रिया के आर्थिक स्तिथि के बारे में सोचे, तो यह सवाल खुद से जरूर करें कि क्या पैसे कम करने से मेरे स्वास्थ्य को कोई नुकसान तो नही पहुंचेगा? खर्चा कम करने के चक्कर में आपको कभी भी अपने स्वास्थ्य के साथ समझौता नहीं करना चाहिए और हमेशा अच्छे और समर्थ विशेषज्ञों को ही चुनना चाहिए। कोई भी कीमत आपके स्वास्थ्य से ज्यादा नहीं है।
· आईवीएफ जंक्शन ने एक लागत कैलकुलेटर प्रदान किया है जो आपको शामिल वित्त का अनुमान लगाने में मदद कर सकत��� है।
· हांलांकि पैसे के बारे में सोचना जरूरी है, कुछ रास्ते हैं जिससे आप इसका हिसाब लगा सकते हैं। आप कुछ विकल्पों के बारे में सोच सकते हैं जैसे ईएमआई (EMI) और लोन। आईवीएफ जंक्शन फर्टिलिटी प्रोग्राम और अनुभवी काउंसलर की मदद से आपकी सामर्थ्य के अनुसार ईएमआई योजना का लाभ उठाने में आपकी मदद कर सकता है।
आईवीएफ के लिए मानसिक तैयारी
जब आईवीएफ प्रक्रिया की बात आती है तो सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले दो सवाल हैं कि मैं खुद को आईवीएफ के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से कैसे तैयार करूं? ज्यादातर लोगों ने आईवीएफ चुनने से पहले सभी घरेलू नुस्खे अपना लिए होते हैं। इसके साथ साथ यह प्रक्रिया बहुत लंबी और कठिन होती है, इसलिए यह आवश्यक है कि आप अपने मानसिकता का भी ध्यान रखें।
· इसके लिए आपको खुद से कुछ सवाल करने चाहिए, जैसे –
· क्या मैं मानसिक रूप में आईवीएफ के लिए तैयार हूं?
· क्या हम इस प्रक्रिया को पर्याप्त वक्त देने के लिए तैयार हैं?
· अगर आईवीएफ के दौरान हम अंडे या स्पर्म डोनर की जरूरत पड़ती है तो क्या उस स्तिथि से सहमत हैं?
· आईवीएफ प्रक्रिया के कई चरणों, जैसे पेग्नेंसी टेस्ट करते समय, के दौरान घबराहट हो सकती हैं क्या हम उसके लिए तैयार हैं?
· हमें सरोगेट की जरूरत भी पढ़ सकती है। क्या हम इस बात से सहमत हैं?
· आईवीएफ में कई बार एक से ज्यादा प्रेगनेंसी भी हो सकती है। क्या हम ऐसी स्तिथि के लिए तैयार हैं?
· क्या मेरे पास अपने तनाव को कम करने के लिए कुछ उपाय हैं?
· आईवीएफ प्रक्रिया में अकसर बहुत समय लग सकता है। क्या हम इतने लंबे समय तक उपचार लेने के लिए तैयार हैं?
इन सब सवालों के जवाब देते वक्त यह बहुत जरूरी है की आप अपने आप से बिलकुल सच बोलें। साथ साथ यह भी ध्यान रहें की इस प्रक्रिया के दौरान आपके डॉक्टर हमेशा आपके साथ हैं। आईवीएफ की सफलता उन पर भी निर्भर करती है और वो हर चरण में आपके साथ होंगें। आईवीएफ डॉक्टरों ने हजारों दंपत्ति को अपना बच्चा पाने में मदद की है और वो समझते हैं की आईवीएफ मानसिक स्तर को कैसे प्रभावित करता है। इसलिए आपकी मदद के लिए कई सारी मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं। इसके साथ साथ आप ऐसे समूह में शामिल हो सकते हैं जिसमे और दंपत्ति हो जो आईवीएफ इलाज ले रहे हो। ऐसे दंपत्तियों से आपको बहुत मदद और टिप्पणी मिल सकती है।
आईवीएफ जंक्शन में नेटवर्क पार्टनर हैं जो तनाव प्रबंधन में मदद करते हैं। आईवीएफ जंक्शन का फर्टिलिटी ग्रुप आपको अपने आईवीएफ प्रश्नों को साझा करने के लिए एक जगह प्रदान करता है, जिसका जवाब विशेषज्ञों द्वारा दिया जाता है।
निष्कर्ष
हम आशा करते हैं की इस लेख से आपको अपने इस प्रश्न का उत्तर मिल गया हो की – आईवीएफ के लिए कैसे तैयारी करते हैं? आईवीएफ एक ऐसी प्रक्रिया है जो आपको शारीरिक, मानसिक, और आर्थिक तरीके से चुनौती देती है। इसलिए बहुत जरूरी होता है की आप अपने डॉक्टर और इस प्रक्रिया पर भरोसा रखें।
आप अपनी और मदद करने के लिए इस विषय में किताबें पढ़ सकते हैं। अपने आप को हर चरण पर याद दिलाएं की इतना लंबा और कठिन प्रक्रिया होने के बावजूद उसने सांकड़ों दंपत्ति को मां बाप बनने में मदद की है और व���ज्ञान में तरक्की की वजह से यह प्रक्रिया और बेहतर भी हुई है।
इसके अलावा अपने डॉक्टर की सलाह को हमेशा माने। उन्होंने अपने जीवन के कई साल लगाने के बाद इस में महारत हासिल की है। अच्छे से जान बूझ कर ही अपने लिए एक आईवीएफ डॉक्टर को चुने। साथ साथ अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का बहुत ध्यान रखें।
जब आप विश्वास की यह छलांग लगाते हैं, तो हम भारत में उच्च योग्य आईवीएफ विशेषज्ञों की एक टीम के साथ इस प्रक्रिया में आपकी मदद करने के लिए मौजूद हैं।
Source: https://ivfjunction.com/blog/how-to-prepare-for-ivf-in-hindi/
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Pregnant कैसे करे? गर्भधारण करने का सही तरीका
कुछ शोध करने के बाद मुझे यही पता चल��। "मैं गर्भवती कैसे हो सकती हूँ?" "भारत का नंबर एक सर्च इंजन" यह "कैसे करें" प्रश्न है। इसका मतलब यह है कि भारत, जो जनसंख्या में दूसरे स्थान पर है, में लाखों लोग हैं जो यह नहीं जानते कि जन्म देते समय क्या करना चाहिए। यह आंशिक रूप से इस तथ्य के कारण है कि हमारे समाज में इस विषय के बारे में बात करना और सुनना स्वीकार्य नहीं है। सेक्स का भी इससे संबंध है। सही जानकारी नहीं होने के कारण लोगों को अक्सर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। गर्भावस्था के बारे में अच्छे लेख खोजने के बजाय, जब मैंने इस विषय पर खोज की तो मुझे हिंदी सेक्स कहानियां मिलीं। तो आज मैं साझा कर रहा हूँ "गर्भवती कैसे प्राप्त करें खोजकर्ता Justmyhindi.com पर "हिंदी में" खोज कर अच्छी जानकारी पा सकते हैं। दोस्तों, मैंने यहां जो जानकारी इकट्ठी की है, वह विभिन्न वेबसाइटों से एकत्र की गई है, जहां विशेषज्ञ डॉक्टर गर्भावस्था के बारे में जानकारी साझा करते हैं। हालांकि मुझे लगता है कि यह जानकारी आपके लिए उपयुक्त है, लेकिन उपरोक्त में से किसी को भी लागू करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना एक अच्छा विचार होगा।
How to get pregnant in hindi?
Pregnant कैसे करे आइए सबसे पहले आपको प्रेग्नेंसी के बारे में कुछ फैक्ट्स बताते हैं। बच्चे पैदा करने की इच्छा रखने वाले सभी लोगों में से लगभग 85% एक वर्ष के भीतर सफल हो जाते हैं। पहले महीने में सफल होने वालों में से केवल 22% ही माता-पिता बन पाते हैं। एक साल से अधिक समय तक प्रयास करने के बाद बच्चा पैदा करना मुश्किल हो सकता है। ऐसे जोड़ों को बांझ माना जाता है। बच्चे को जन्म देने के लिए पार्टनर के बीच सेक्स करना जरूरी है। पुरुष का लिंग (लिंग), महिला की योनि (योनि) में डाला जाना चाहिए। फिर उसे यह सुनिश्चित करने के लिए शुक्राणु को उसकी योनि में छोड़ना होगा कि शुक्राणु गर्भाशय (गर्भाशय) के पास एकत्र न हो। यह सेक्स के दौरान अपने आप होता है इसलिए आपको चिंता करने क�� जरूरत नहीं है। गर्भाधान के समय के आसपास संभोग करना चाहिए। ओव्यूलेशन उस प्रक्रिया को संदर्भित करता है जिसके द्वारा एक महिला के अंडे से एक अंडा लिया जाता है। ओव्यूलेशन (एमसी) मासिक धर्म चक्र का एक हिस्सा है। यह एमसी के 14वें दिन से शुरू होता है जब रक्तस्राव शुरू होता है। होता है। महिलाओं को बच्चे पैदा करने के लिए अपने पार्टनर के साथ सेक्स पर जाने की जरूरत नहीं है। डॉक्टरों का मानना है कि अंडाशय से अंडे को गर्भाशय में ले जाने के लिए फैलोपियन ट्यूब जिम्मेदार है। यह शुक्राणु को अपने आप खींच लेता है और अंडे के साथ मिलाने का प्रयास करता है। महिलाओं के लिए तृप्ति वैकल्पिक है।
प्रेग्नेंट होने के तरीके हिंदी में
1) तनाव मुक्त रहने का प्रयास करके Pregnant कैसे करे इसमें कोई शक नहीं कि अत्यधिक तनाव आपके प्रजनन कार्य में बाधा डालेगा। तनाव कामेच्छा को नष्ट कर सकता है, और चरम स्थितियों में महिलाओं में मासिक धर्म की प्रक्रिया को बाधित कर सकता है। शांत मन का आपके शरीर पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और आपके गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके लिए आप नियमित श्वास-व्यायाम और विश्राम तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं। 2) अपने डॉक्टर से सलाह लेके Pregnant कैसे करे बच्चा पैदा करने की योजना बनाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। यह पुष्टि करेगा कि आप स्वस्थ हैं और किसी बीमारी या अन्य शारीरिक समस्याओं से पीड़ित नहीं हैं। इससे आपके यौन संचारित रोगों के होने की संभावना कम हो जाएगी। आपको फाइब्रॉएड, ओवेरियन सिस्ट और एंडोमेट्रियोसिस जैसी समस्याओं के लिए भी जांच कराने की आवश्यकता होगी। 3) सेक्स के बाद थोड़ा आराम करें सेक्स के बाद कुछ देर लेटने से महिलाओं की योनि से शुक्राणु निकलने की संभावना नहीं रहती है। इसलिए बेहतर है कि सेक्स के बाद 15-20 मिनट तक लेट जाएं। 4) किसी भी प्रकार का नशा न करें ड्रग्स, ड्रग्स, सिगरेट या शराब का सेवन पुरुष और महिला दोनों के हार्मोन के संतुलन को बिगाड़ सकता है। और आपकी प्रजनन क्षमता को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। और बच्चों में जन्मजात विसंगतियाँ भी हो सकती हैं। 5) दवाओं का प्रयोग कम से कम करें कई दवाएं, यहां तक कि सामान्य दवाएं जो आसानी से उपलब्ध होती हैं, आपकी प्रजनन क्षमता पर बुरा प्रभाव डाल सकती हैं। कई चीजें ओव्यूलेशन को रोक सकती हैं, इसलिए कम से कम दवाओं का इस्तेमाल करें। बेहतर होगा कि आप कोई भी दावा लेने या छोड़ने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। स्व-उपचार घातक हो सकता है, ऐसा जोखिम न लें। 6) स्नेहक (Lubricants) से बचें योनि को चिकनाई देने के लिए उपयोग किए जाने वाले कुछ जैल, तरल पदार्थ आदि शुक्राणु को महिला प्रजनन पथ से यात्रा करने से रोक सकते हैं। इसलिए डॉक्टर से पूछकर ही इनका इस्तेमाल करें। वैसे, किसी कृत्रिम स्नेहक का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि संभोग के दौरान शरीर स्वयं पर्याप्त मात्रा में तरल का उत्पादन करता है जो शुक्राणु और डिंब दोनों के लिए स्वस्थ होता है। 7) ओव्यूलेशन के समय के आसपास सेक्स करके Pregnant कैसे करे स्त्री रोग विशेषज्ञों का मानना है कि एक महिला को अपने अंडाशय से बाहर आने के 24 घंटे के भीतर अपने अंडे निषेचित कर लेने चाहिए। एक पुरुष का शुक्राणु एक महिला के प्रजनन तंत्र में केवल 48 से 72 घंटों के बीच ही जीवित रह सकता है। अंडे और शुक्राणु से बच्चा पैदा करने के लिए जिस भ्रूण की आवश्यकता होती है, वह बनता है। जोड़े को हर 72 घंटे में कम से कम एक बार सेक्स करना चाहिए। इस दौरान पुरुष को महिला के शीर्ष पर होना चाहिए ताकि शुक्राणु के रिसाव की संभावना कम हो। पुरुषों को यह भी याद रखना चाहिए कि 48 घंटे से अधिक समय तक स्खलन नहीं करना चाहिए। इससे उनके शुक्राणुओं की संख्या में गिरावट आ सकती है, जिससे अंडे को निषेचित करना मुश्किल हो सकता है। आपको कैसे पता चलेगा कि ओव्यूलेशन कब हो रहा है? ओव्यूलेशन का समय जानने से पता चलता है कि अंडा कब फर्टिलाइज करने के लिए तैयार है। यह आपके मासिक धर्म चक्र को जानकर किया जा सकता है। इसमें 24 से 40 दिन तक का समय लग सकता है। एक बार जब आपको पता चल जाए कि आपकी अगली माहवारी कब आएगी, तो 12-16 दिन पहले का पता लगाएं। यह आपके ओवुलेशन का समय है। उदाहरण के लिए: यदि मासिक धर्म 30 तारीख से शुरू होता है, तो 14 से 18 के बीच का समय ओव्यूलेशन होने का समय होगा। आप अपने बच्चे को जन्म देने का सबसे अच्छा समय निर्धारित करने के लिए भी इस विधि का उपयोग कर सकती हैं। अब आप योनि से तरल पदार्थ को अपनी उंगली पर डालकर अपने बच्चे के साथ यौन संबंध बना सकती हैं। 8) स्वस्थ जीवन जिएं बच्चे पैदा करने की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए जीवनसाथी और पति के लिए स्वस्थ जीवन शैली का होना जरूरी है। इससे बच्चे की जिंदगी आसान हो जाएगी। सुनिश्चित करें कि आप पर्याप्त फल और सब्जियां खाएं। महिला और पुरुष दोनों ही विटामिन की सही मात्रा लेकर अपनी प्रजनन क्षमता को बढ़ा सकते हैं। रोजाना व्यायाम करने से भी होता है फायदा सिगरेट पीने वाली महिलाओं में बच्चे पैदा करने की संभावना 40% कम होती है। 9) अंडकोष (अंडकोष) को अत्यधिक गर्मी से बचाएं यदि शुक्राणु उच्च तापमान के संपर्क में आते हैं, तो वे मृत हो सकते हैं। इसलिए अंडकोष (जहां शुक्राणु बनते हैं) शरीर के बाहर होते हैं ताकि वे ठंडे रह सकें। वाहन चलाते समय ऐसी मनके वाली सीट का प्रयोग करें जिससे कुछ हवा निकल सके। और इस हिस्से को ज्यादा गर्म पानी से न धोएं। वैसे तो आमतौर पर इतनी सावधानी बरतने की ���रूरत नहीं होती है, लेकिन जो लोग आग की भट्टी या किसी गर्म स्थान पर लंबे समय तक काम करते हैं, उन्हें सावधान रहने की जरूरत है। एक्स-रे तकनीशियनों को हमेशा लेड कोट पहनकर काम करना चाहिए अन्यथा बच्चे में ज��्मजात विसंगतियां हो सकती हैं। FAQ’S प्रेग्नेंट होने के लिए कब सम्बन्ध बनाना चाहिए? पीरियड्स खत्म होने के बाद आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं। वास्तव में, गर्भवती होने में आपकी अवधि के बाद के 5 दिन और ओव्यूलेशन का दिन शामिल होता है। अगर आप गर्भधारण करने की योजना बना रही हैं तो आपको सप्ताह में दो या तीन बार सेक्स करने की सलाह दी जाती है। क्या खाने से जल्दी प्रेग्नेंट होते हैं? हरी पत्तेदार सब्जियों, साबुत अनाज और अंडे के साथ-साथ मांस में भी विटामिन बी विटामिन अच्छी मात्रा में पाया जाता है। फोलिक एसिड भ्रूण के विकास और वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। यह प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है। फोलिक एसिड सोयाबीन, आलू, गेहूं, चुकंदर, केला और ब्रोकोली सहित कई खाद्य पदार्थों में पाया जा सकता है। गर्भ ठहराने के लिए क्या करे? संभोग के दौरान वैसलीन, जेली और तेल को बंद कर देना चाहिए क्योंकि यह शुक्राणुओं की गति को कम कर सकता है। संभोग के तुरंत बाद अपनी पत्नी को अपने घुटनों को छाती से लगाने के लिए कहें। 10 से 15 मिनट तक आप इस पोजीशन में रह सकते हैं। यह आसन आपके गर्भधारण की संभावना को बढ़ाता है। जल्दी बच्चा पैदा कैसे करें? फर्टाइल पीरियड्स के दौरान हर दूसरे दिन सेक्स करें उपजाऊ खिड़की ओव्यूलेशन से 5 दिन पहले, और उसके दिन तक 6 दिनों तक चलती है। हर महीने में ये वो दिन होते हैं जब एक महिला के सेक्स के जरिए गर्भवती होने की सबसे अधिक संभावना होती है। गर्भ ठहरने का सही समय कब होता है? 22 से 28 की उम्र के बीच गर्भधारण करना सबसे अच्छा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस उम्र में महिला मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार होती है। गर्भवती होने के लिए, संभोग एक महत्वपूर्ण कारक है। अगर महिला के रिश्ते में ऑर्गेज्म है तो गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है। अन्य पढ़े : भारत की प्रथम महिला आईपीएस कौन थी उनका जीवन परिचय Jio Phone से ऑनलाइन पैसे कैसे कमाए? 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🚩 अंडे खाते हैं तो हो जाइए सावधान, हो सकती हैं ये भयंकर बीमारियां - 14 जुलाई 2021
🚩 भारतीय संस्कृति और भारतीयों के स्वास्थ्य को हानि पहुँचाने का यह एक विराट षड्यंत्र है । अंडे के भ्रामक प्रचार के कारण ऐसे परिवार जो अंडे का छिलका तक देखना पसंद नहीं करते थे, आज बेझिझक अंडा खाते हैं । अंडे का प्रचार करके उसे जितना फायदेमंद बताया जाता है वह अपने अवगुणों के कारण उतना ही नुकसानप्रद होता है, अंडे में कई विषैले तत्व भी होते हैं, जो आपके स्वस्थ शरीर में जहर घोलने का काम करते हैं ।
🚩 अंडा शाकाहारी नहीं होता है, लेकिन क्रूर व्यावसायिकता के कारण एवं ऊलजलूल तर्क देकर उसे शाकाहारी सिद्ध किया जा रहा है । मिशिगन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पक्के तौर पर साबित कर दिया है कि दुनिया में कोई भी अंडा चाहे वह सेया हुआ हो या बिना सेया हुआ हो, निर्जीव नहीं होता । अफलित अंडे की सतह पर प्राप्त ‘इलेक्ट्रिक एक्टिविटी’ कोपोलीग्राफ पर अंकित कर वैज्ञानिकों ने यह साबित कर दिया है कि अफलित अंडा भी सजीव होता है । अंडा शाकाहार नहीं, बल्कि मुर्गी का वैनिक (रज) स्राव है ।
🚩 यह सरासर गलत व झूठ है कि अंडे में प्रोटीन, खनिज, विटामिन और शरीर के लिए जरूरी सभी एमिनो एसिड्स भरपूर हैं और बीमारों के लिए पचने में आसान है । अब आप कहेंगे कि डॉक्टर्स भी तो अंडा खाने की सलाह देते हैं, तो यहां एक ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि भारत में पढ़ी जाने वाली चिकित्सा की पढ़ाई MBBS यूरोप से ली गयी है और यूरोप एक ऐसा देश है जहाँ हरी सब्जियों की तुलना में मांस एवं अंडे अधिक पाए जाते हैं ।
🚩 अब आप ही बताइये एक ऐसा देश जहाँ प्रोटीन का कोई और स्रोत न हो वहाँ तो किताबों में अंडे और मांस को ही एकमात्र स्त्रोत माना ही जाएगा, लेकिन भारत में तो भरपूर मात्रा में हरी सब्जियां उपलब्ध है ।
🚩 शरीर की रचना और स्नायुओं के निर्माण के लिए जितने प्रोटीन की जरूरत होती है । उसकी रोजाना आवश्यकता प्रति किलोग्राम वजन पर 1 ग्राम होती है यानी 60 किलोग्राम वजन वाले व्यक्ति को प्रतिदिन 60 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है जो 100 ग्राम अंडे में से मात्र 13.3 ग्राम ही मिलता है ।इसकी तुलना में प्रति 100 ग्राम सोयाबीन से 43.2 ग्राम, मूँगफली से 31.5 ग्राम, मूँग और उड़द से 24, 24 ग्राम तथा मसूर से 25.1 ग्राम प्रोटीन प्राप्त होता है । शाकाहार में अंडे व मांसाहार से कहीं अधिक प्रोटीन होता है इ�� बात को अनेक पाश्चात्य वैज्ञानिकों ने प्रमाणित किया है ।
🚩 केलीफोर्निया के डियरपार्क में ‘सेंटहेलेना’ अस्पताल के ‘लाईफ एण्डस्टाइल एण्डन्यूट्रिशनप्रोग्राम’ के निर्देशक डॉ. जोन ए. मेक्डूगलकादावा है कि शाकाहार में जरूरत से भी ज्यादा प्रोटीन है ।
🚩 1972 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के ही डॉ. एफ. स्टेर ने प्रोटीन के बारे में अध्ययन करतेहुए प्रतिपादित किया कि शाकाहारी मनुष्यों में से अधिकांशको हर रोज की जरूरत से दुगना प्रोटीन अपने आहार से मिल जाता है । 200 अंडे खाने से जितना विटामिन ‘सी’ मिलता है उतना विटामिन ‘सी’ एक नारंगी (संतरा) खाने से मिल जाता है । जितना प्रोटीन तथा कैल्शियम अंडे में है उसकी अपेक्षा चने, मूँग, मटर में ज्यादा है ।
🚩 ब्रिटिश हेल्थ मिनिस्टर मिसेज एडवीनाक्यूरी ने चेतावनी दी कि अंडों से मौत संभावित है क्योंकि अंडों में सालमोनेला विष होता है जो स्वास्थ्य की हानि करता है । अंडों से हार्ट अटैक की बीमारी होने की चेतावनी नोबेल पुरस्कार विजेता अमेरिकन डॉ. ब्राऊन व डॉ. गोल्डस्टीन ने दी है क्योंकि अंडों में कोलेस्ट्राल भी बहुत पाया जाता है । साथ ही अंडे से पेट के कई रोग होते हैं ।
🚩 डॉ. पी.सी.सेन, स्वास्थ्य मंत्रालय, भारतसरकार ने भी चेतावनीदी है कि अंडों से कैंसर होता है क्योंकि अंडों में भोजन तंतु नहीं पाये जाते हैं तथा इनमें डी.डी.टी. विष पाया जाता है ।
🚩 जानलेवा रोगों की जड़ है : अंडा
🚩 अंडे व दूसरे मांसाहारी खुराक में अत्यंत जरूरी रेशातत्त्व (फाईबर्स) जरा-भी नहीं होते हैं । जबकि हरीसाग-सब्जी, गेहूँ, बाजरा, मकई, जौ, मूँग, चना, मटर, तिल, सोयाबीन, मूँगफली वगैरह में ये काफी मात्रा में होते हैं । अमेरिका के डॉ. राबर्ट ग्रास की मान्यता के अनुसार अंडे से टी.बी. और पेचिश की बीमारी भी हो जाती है । इसी तरह डॉ. जे.एम. विनकीन्स कहते हैं कि अंडे से अल्सर होता है ।
🚩 मुर्गी के अंडों का उत्पादन बढ़े इसके लिए उसे जो हार्मोन्स दिये जाते हैं उनमें स्टील बेस्टेरोलनामक दवा महत्त्वपूर्ण है । इसदवावाली मुर्गी के अंडे खाने से स्त्रियों को स्तनका कैंसर, हाई ब्लडप्रेशर, पीलिया जैसे रोग होने की सम्भावना रहती है । यह दवापुरुष के पौरुषत्व को एक निश्चित अंश में नष्ट करती है ।
🚩 वैज्ञानिक ग्रास के निष्कर्ष के अनुसार अंडे से खुजली जैसे त्वचा के लाइलाजरोग और लकवा होने की भी संभावना होती है ।
🚩 अंडे के अवगुण का इतना सारा विवरण पढ़ने के बाद बुद्धिमानोें को उचित है कि स्वयं भी इस विष का सेवन न करें एवं जो इसके नुकसान से वाकिफ नहीं हैं उन्हें इस विष के सेवन से बचाने का प्रयत्न करें । उन्हें भ्रामक प्रचार से बचायें ।
🚩 संतुलित शाकाहारी भोजन लेने वाले को अंडा या अन्य मांसाहारी आहार लेने की कोई जरूरत नहीं है ।शाकाहारी भोजनसस्ता, पचने में आसान और आरोग्य की दृष्टि से दोषरहित होता है । कुछ दशक पहले जब भोजन में अंडे का कोई स्थान नहीं था, तब भी हमारे बुजुर्ग तंदुरुस्त रहकर लम्बी उम्र तक जीते थे । अतः अंडे के उत्पादकों और भ्रामक प्रचार की चपेट में न आकर हमें उक्त तथ्यों को ध्यान में रख कर ही अपनी इस शाकाहारी आहार संस्कृति की रक्षा करनी होगी ।
🚩 आहारशुद्धौ सत्त्वशुद्धिः
1971 में ‘जामा’ पत्रिका में एक खबर छपी थी । ��समें कहा गया था कि ‘शाकाहारी भोजन 60 से 67 प्रतिशत तक हृदयरोग को रोक सकता है ।उसका कारण यह है कि अंडे और दूसरे मांसाहारी भोजन में चर्बी (कोलेस्ट्राल) की मात्रा बहुत ज्यादा होती है ।’ केलिफोर्निया की डॉ. केथरिन निम्मो ने अपनी पुस्तक ‘हाऊ हेल्दीयरआर एग्ज’ में भी अंडे के दुष्प्रभाव का वर्णन किया है ।
🚩 वैज्ञानिकों की इन रिपोर्टों से सिद्ध होता है कि अंडे के द्वारा हम जहर का ही सेवन कर रहे हैं । अतः हमें अपने-आपको स्वस्थ रखने व फैल रही जानलेवा बीमारियों से बचने के लिए ऐसेआहार से दूर रहने का संकल्प करना चाहिए व दूसरों को भी इससे बचाना चाहिए ।
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कोरोना पॉजिटिव होने के बाद जल्द रिकवरी करना है तो डाइट में शामिल करें ये चीजें, सरकार ने बताया
चैतन्य भारत न्यूज देश कोरोना के हाहाकार से जूझ रहा है. ना जाने कितनों लोग तो कोविड की घातक मार से अपनी जान भी गंवा बैठे हैं। ऐसे में यही सलाह दी जाती है कि कोरोना संकट काल में अपनी डाइट ऐसी रखें जिससे आप घातक संक्रमण से बच सकें और यदि आप कोरोना संक्रमित हो गए हैं तब तो आपको अपनी डाइट का विशेष ही ध्यान रखने की आवश्यकता है। इस बारे में सरकार भी गाइड कर रही है। सरकार की तरफ से जारी खाद्य पदार्थों की लिस्ट के मुताबिक कोरोना संक्रमितों को साबुत अनाज जैसे रागी, जई और अमरबेल आदि खाना चाहिए साथ ही ताजे फलों का सेवन भी उनको फायदा देगा जो उनकी इम्यूनिटी और एनर्जी लेबल को बढ़ाने में सहायक हो सकता ���ै। हल्दी वाला दूध कोरोना संक्रमितों के साथ अन्य लोगों को भी अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए एक बार हल्दी वाला दूध जरूर पीना चाहिए वहीं कोरोना संक्रमितों को अक्सर स्वाद और गंध न आने के साथ खाना निगलने में कठिनाई जैसी दिक्कतें पेश आती हैं इसके समाधान के लिए थोड़ी-थोड़ी देर पर नरम खाना खाते रहें साथ ही डाइट में अमचूर को शामिल कर सकते हैं। चिंता या फिर घबराहट में डार्क चॉकलेट है कारगर माई गवर्मेंट इंडिया के ट्विटर हैंडल से जारी किए गए इम्यूनिटी बूस्टर खाद्य पदार्थों लिस्ट के हिसाब से यदि आपको इस संकट के वक्त यदि आपको चिंता या फिर घबराहट हो रही है तो कोको युक्त डार्क चॉकलेट खाने से फायदा मिलेगा साथ ही अखरोट, बादाम, जैतून और सरसों के तेल से भी आपको फायदा मिल सकता है वहीं योग और सांस लेने वाले व्यायाम भी तनाव घटाने में सहायक हैं इन्हें भी जरूर करने रहना चाहिए। अपनी डाइट में रंगीन फल और सब्जियों को करें शामिल माई गवर्मेंट इंडिया के ट्विटर हैंडल से जारी किए गए इम्यूनिटी बूस्टर खाद्य पदार्थों लिस्ट के हिसाब से अपनी थाली को कलरफुल बनाना चाहिए यानी कि हरे रंग के मौसमी, नींबू, लाल रंग के पपीते, नारंगी रंग के संतरे आदि को खाने पर ज्यादा जोर होना चाहिए। चिकन, मछली, अंडे, पनीर, सोयाबीन आदि बेहद फायदेमंद इस लिस्ट के मुताबिक कहा गया है कि कोरोना संक्रमण से बचने और शरीर को फिट रखने के लिए खाने में प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाएं इसके लिए आप अंडे, पनीर, सोयाबीन,चिकन और मछली खा सकते हैं क्योंकि यह सभी प्रोटीन के अच्छे स्रोत माने जाते हैं। यह लेख केंद्र सरकार द्वारा जारी इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों की सूची के आधार पर तैयार किया गया है, कोई आहार लेने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें। Read the full article
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*बेंचू बेच देगा* 👓🙏 एक मां थी और सौ करोड़ बेटे थे। मां ने अपने एक बेटे बेचू दास को घर संभालने की जिम्मेवारी सौंपी थी। वह रात-दिन काम कर रहा था कि घर का विकास हो। घर में आठ-दस भैंसे थीं, मुर्गियां थीं, खेत थे और एक तालाब था। बेटे ने आकर एकदिन मां को कहा- *’’ मां, मैं सोच रहा हूं कि मुर्गिंयों को बेच दूं।’’* -’’ क्यों ?’’ *" मुर्गियां जितने का दाना खा रही हैं उससे कम के अंडे दे रही हैं। इनको रखने से हमें नुकसान हो रहा है।’’* -’’ लेकिन बेटा, उनके दाने की मात्रा बढ़ाकर हम और अंडे नहीं ले सकते ?’’ बेटा झल्ला गया। उसने चिढ़कर कहा- *"’ मां, मैने भूल्लन बाबू से बात कर ली है। वे मुर्गियां ले जायेंगे और उसके बदल��� में हमें रोज अंडे दे दिया करेंगें।’’* मां चुप हो गई। बुढ़िया की कौन सुनता। उसने सोचा कि बाकी बेटे बोलेंगे लेकिन सब के सब चुप थे। बेचू ने मुर्गियां बेंच दीं और दिन-रात मेहनत करने लगा। न खाने का ठिकाना न पहनने का। समय बीते वह एक दिन उत्साह से लबालब अपनी मां के पास आया- *’’ मां, मैं सोच रहा हूं कि तालाब बेच दूं।’’* -’’ क्यों ? ’’ मां दुःखी होकर बोली। *" देखो, मछली का जीरा डालना, उनकी रक्षा करना कितना बेकार का काम है जबकि भूल्लन सेठ तालाब के बदले हमें मछलियां देने को तैयार है। बिना किसी झंझट के ही मछलियां मिल जाया करेंगी।’’* -’’ लेकिन बेटा.................।’’ बेचू नाराज हो गया। *’’ मां, मैें जो कर रहा हूं सोच-समझकर ही कर रहा हूं।’’* तालाब बिक गया। मछलियां आने लगीं। बेचू खुशी में झूमता रहता था। उसको पक्का यकीन हो गया था कि उसके पूर्वज मूर्ख थे जो मछलियों के लिए तालाब और अंडों के लिए मुर्गियां रखते थे। वह अपनी अक्लमंदी पर इतराता रहता था। फोकट की मछलियां खाकर उसका गुण गाने वाले उसके यार-दोस्त उसकी खूब प्रशंसा करते। थोड़े समय के बाद वह मारे खुशी के झूमता हुआ आया- *’’ मां, भैंसों का ग्राहक मिल गया।’’* -’’ क्या अब भैंसे भी बेच देगा ?’’ *’’ अरे मां, तुम कितनी भोली हो। भैंसे कितना चारा खाती है। साथ ही एक चरवाहा भी रखना पड़ता है। उसका खाना-कपड़ा अलग। बिना किसी तूल-बखेड़े के ही दूध देने को भूल्लन तैयार है।’’* मां जानती थी कि बोलने पर चिल्लायेगा तो चुप ही रही। उसने सोचा कि बाकी भाई बोलेंगे लेकिन सब अपने-अपने कपड़ों की चमक में खोये हुये थे। बेचू ने सबको अलग-अलग नाप के कपड़े बनवा दिये थे। सबको यह भरोसा दिला दिया था कि उसके कपड़े तो नाप के हैं दूसरों के नहीं। सब एक दूसरे का मजाक उड़ाने में व्यस्त थे। बेचू एक दिन खूब मगन होकर अपनी वीरता के गीत गा रहा था। मां ने पूछा - (at Tikri Border) https://www.instagram.com/p/CMDFiDGpKYh/?igshid=h2t0nvef7qqj
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सावधान : उबले हुए अंडे खाने के बाद कभी न खाए यह चीज़े, जानलेवा साबित होगी
सावधान : उबले हुए अंडे खाने के बाद कभी न खाए यह चीज़े, जानलेवा साबित होगी #health
आपको यह तो पता होगा कि अंडे में प्रोटीन छुपा हुआ है। उबले हुए अंडे खाने से शरीर में बहुत ज्यादा ताकत और प्रोटीन मिलता है। लेकिन कई चीजें ऐसी है जो अगर आप उबले हुए अंडे के साथ खाते हैं तो वह आपके शरीर के लिए जानलेवा भी हो सकती है। जिसे अगर आप उबले हुए अंडे खाने के बाद खाते हैं तो आपके शरीर में बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है। और शायद इससे आपको जानलेवा कोई बीमारी भी हो जाए। उबले हुए अंडे खाने के…
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स्तन (ब्रेस्ट) के ढीलेपन को दूर करने के लिए करे ये 6 उपाय - To remove the looseness of the breast, do these 6 measures
मां बनने के बाद स्तन या ब्रेस्ट का साइज बढ़ने के साथ-साथ ढीला भी पढ़ जाता है। कई बार
ब्रेस्टफीडिंग
कराने से भी स्तन ढीले (लूज ब्रेस्ट) हो जाते हैं। ऐसे में कोई भी वेस्टर्न कपड़े पहनने पर बॉडी आकर्षक नजर नहीं आती है। आप भी इस तरह की परेशानियों का सामना कर रही हैं तो आप ‘
टॉसिज
’ का शिकार हैं। स्तन या ब्रेस्ट के ढीलेपन को चिकित��सा शब्द में ‘टॉसिज’ कहा जाता है। ये स्थिति ज्यादातर
स्तनपान
कराने के बाद होती है।
गर्भावस्था के दौरान स्तन या ब्रेस्ट भारी और उनका आकार बड़ा हो जाता है और मां बनने के बाद जब आप बच्चे को दूध पिलाती हैं, तो इस वजह से स्तन या ब्रेस्ट लटक जाते हैं या ढीले पड़ जाते हैं। परेशान होने की जरूरत नहीं है, आप इन टिप्स को आजमाकर अपने ढीले हुए स्तन या ब्रेस्ट को फिर से टाइट और सुडौल बना सकती हैं।
प्रेगन्सी के दौरान व्यायाम करना बेहद जरूरी होता है। व्यायाम का मतलब ये नहीं कि आप इस दौरान जिमनैजियम करें या फिर भारी वर्कआउट करें। इसका मतलब है कि आप आसान व्यायाम करें जैसे कि योग, ऐरोबिक। ये न सिर्फ आपके स्तन या ब्रेस्ट को स्वस्थ बनाएंगे बल्कि आपके पूरे शरीर और आने वाले बच्चे का स्वास्थ भी अच्छा रहेगा लेकिन ध्यान रहे कि व्यायाम करने से पहले डॉक्टर से जरूर परामर्श कर लें।
पुश-अप से मिलेगा फर्म ब्रेस्ट
पुश-अप ब्रेस्ट को मजबूत और टाइट करता है। ऐसे में पुशअप हर दिन करें। पेट के बल लेट जाएं और अपने हाथों को बगल से जमीन पर रखें। अपना हाथ ऊपर उठाएं ताकि आपकी कोहनी मुड़ सके। पेट तना रहे। धीरे-धीरे छाती को जमीन पर लाएं और फिर अपने आप को फिर से ऊपर उठाएं। इसे अपनी क्षमता के अनुसार दोहराएं।
दीवार को करें पुश
यह स्तनों को टाइट करने के लिए सबसे आसान और सरल अभ्यास है। खड़े होकर दीवार की ओर झुकें। हाथों को दीवार पर लगाकर आगे की ओर झुकें। हाथों से दबाव डालें। इसे लगातार 10 सेकेंड तक दबाकर दबाव डालने की कोशिश करें। फिर वापस की अवस्था में आ जाएं। 10 बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।
सपोर्टिव ब्रा पहनें
आप उन्हीं ब्रा का चुनाव करें जो आपके ब्रेस्ट को अच्छा शेप दे। इसके लिए आपको अपना ब्रेस्ट साइज पता होना चाहिए। ज्यादातर सलाह ये दी जाती है कि अपने साइज से एक नम्बर कम साइज की ब्रा पहननी चाहिए। इससे ब्रेस्ट आकर्षक दिखाई देते हैं। आजकल बाजार में कई ऐसी ब्रा मौजूद हैं जो कि ब्रेस्ट को बेहतर सपोर्ट करती हैं।
पौष्टिक खाना खाएं
पौष्टिक खाना खाने से भी ब्रेस्ट का ढीलापन कम किया जा सकता है। जिन खाद्य पदार्थ मे��� प्रोटीन और कार्ब्स की मात्रा ज्यादा हो उनका सेवन करें। ये शरीर के आवश्यक तत्वों की पूर्ति करेंगे जिससे स्वस्थ टीशूज बन सकेंगे। एक शोध से पता चला है कि जिन
फलों और सब्जियों में विटामिन बी और ई की मात्रा ज्यादा होती है वो ब्रेस्ट के ढीलेपन को कम कर देते हैं। इसके अलावा जिन खाद्य पदार्थों में फैट की मात्रा कम होती है वो ब्रेस्ट को सही शेप देने में मदद करते है। अंडे की जर्दी, मक्खन, दही जैसे खाद्य पदार्थों को स्तनपान कराने वाली माताओं को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पोस्चर रखें सही
अक्सर महिलाएं स्तनपान के दौरान एक गलती करती हैं और वो है बच्चे की तरफ ज्यादा झुक कर स्तनपान कराना ऐसा करने से उनके शरीर का आकार बेडौल हो जाता है। साथ ही स्तनों पर अधिक दबाव आता है और उनमें शिथिलता भी नहीं रहती। इसलिए इस दौरान आप किसी तकिए की मदद से बच्चे को स्तनपान दें ताकि आप का स्तन सही रहे।
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Reheating Food: आलू से लेकर चावल तक इन खाने की चीजों को बासी होने के बाद न करें गर्म, बन जाते हैं जहर हम जानते हैं कि भोजन को बर्बाद करना कभी भी समझदारी भरा नहीं हो सकता। लेकिन इसका मतलब कतई यह नहीं है कि आप अपने बचे हुए भोजन को बार-बार गर्म करके खाते रहें। ऐसा करने से आप बीमार बड़ सकते हैं। यहां जानें वो कौन सी खाने-पीने की चीजें हैं, जिन्हें दोबारा गर्म नहीं किया जाना चाहिए। अण्डा स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी अंडा फायदेमंद रहता है। लेकिन अगर अंडे को पकाने के कुछ देर बाद तक ना खाया जाए तो इससे ना केवल स्वाद में फर्क आने लगता है, साथ ही यह सेहत के लिए भी हानिकारक हो जाता है। दरअसल, अंडे को पकाने की ज्यादातर विधियों में, इसे धीमी आंच पर कम समय के अंदर पकाया जाता है। जिसके बाद अगर आप इसे लंबे समय के लिए छोड़ देते हैं, तो इसके अंदर पाया जाने वाला साल्मोनेला बैक्टीरिया खतरनाक हो जाता है। यह आपकी सेहत पर बहुत बुरा असर कर सकता है। इसलिए अंडे का सेवन पकाने के तुरंत बाद करना ही बेहतर रहता है। आलू भारतीय रसोई तो आलू के बिना सूनी है। लेकिन आलू को उबालकर लंबे समय तक छोड़ना भी नुकसानदायक होता है। आपको बता दें कि अगर आप आलू को लंबे समय तक पकने के बाद छोड़ देते हैं। तो इससे क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम को बढ़ावा मिलता है। यही बाद में बोटुलिज्म (यह सड़े हुए भोजन से होने वाली एक गंभीर बीमारी ) का कारण बनता है। इसके अलावा आलू को पकने के बाद फॉयल पेपर में लपेट कर माइक्रोवेव में गर्म करने से भी यह नुकसानदायक होता है। हालांकि आलू को पहली बार पकाने के लिए आप माइक्रोवेव का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन इसके बजाय गैस पर पकाना ही इसके पोषक तत्व को बनाकर रखता है। पालक पालक भी एक नाइट्रेट युक्त फूड है, जिसे पकाकर ही खाया जाता है। लेकिन पालक को पकाने के बाद फिर से गर्म करने पर इसमें भी कैंसर पैदा करने ��ाला पदार्थ पैदा हो जाता है। इसलिए आप पालक को पूरा ना पकाकर हल्का स्यूट कर लें। आप इस बात का भी ध्यान रखें कि नाइट्राइट, नाइट्रेट्स युक्त भोजन से ही बनता है। एवं यह 6 महीने या उससे थोड़े बड़े बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है। आपको बता दें कि बहुत से बेबी प्यूरी के अंदर पालक डला जाता है। इसलिए इन्हें फिर से गर्म करना नुकसानदायक हो सकता है। चावल चावल का सेवन हम सभी करते हैं। लेकिन अगर आप चावलों को पकाने के दो घंटे के अंदर इनका सेवन नहीं करते, तो यह आपके लिए बेहद नुकसानदायक हो सकते हैं। दरअसल, सालों पहले एक रिसर्च हुई थी जो बताती है कि चावल को पकाने के बाद, लंबे समय तक साधारण तापमान पर रखने से इसमे (at Varanasi U.P India) https://www.instagram.com/p/CLKHALDM4Ng/?igshid=1jn210em1qxgs
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