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सुबह खाली पेट केला खाने के फायदे | Khali Pet Kela Khane Ke Fayde in Hindi
Khali Pet Kela Khane Ke Fayde in Hindi सुबह की शुरुआत हमारे दिन को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाने के लिए क्रितिम है। आपने यह कभी ध्यान दिया है कि खाली पेट कुछ खाने से आपके स्वास्थ्य को कितना फायदा हो सकता है? आज हम इस लेख में बताएंगे कि सुबह खाली पेट केला खाने के क्या फायदे हो सकते हैं और कैसे यह हमारे दिन को सुंदर बना सकता है। Khali Pet Kela Khane Ke Fayde in Hindi 1- पोषण से भरपूर केला एक पोषण से…
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गैस्ट्रोएन्टेराइटिस के लिए सबसे अच्छा उपचार क्या है?
गैस्ट्रोएन्टेराइटिस, जिसे आमतौर पर "स्टमक फ्लू" के रूप में जाना जाता है, एक सामान्य पाचन तंत्र की समस्या है जिसमें पेट और आंतों में सूजन होती है। यह स्थिति अक्सर वायरस, बैक्टीरिया या परजीवियों के संक्रमण के कारण होती है। इसके प्रमुख लक्षणों में दस्त, उल्टी, पेट दर्द, मिचली, बुखार और कमजोरी शामिल हैं। हालांकि गैस्ट्रोएन्टेराइटिस आमतौर पर कुछ दिनों के भीतर ठीक ह�� जाता है, सही उपचार और देखभाल से जल्द राहत मिल सकती है। यहां पर हम कुछ प्रमुख उपचार और देखभाल के तरीकों की चर्चा करेंगे:
1- तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाएं
गैस्ट्रोएन्टेराइटिस का सबसे आम और खतरनाक लक्षण डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) है, क्योंकि दस्त और उल्टी के कारण शरीर से बहुत सारे तरल पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। इसलिए, यह जरूरी है कि आप शरीर में तरल की कमी न होने दें। इसके लिए:
ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) का सेवन करें, यह शरीर में खोए हुए इलेक्ट्रोलाइट्स और पानी की पूर्ति करता है।
नारियल पानी और फलों के रस भी फायदेमंद होते हैं।
साफ पानी, सूप या हल्की हर्बल चाय पीने से भी फायदा होता है।
2- हल्का और पोषक भोजन लें
गैस्ट्रोएन्टेराइटिस के दौरान पाचन तंत्र को राहत देने के लिए हल्का और सुपाच्य भोजन करना जरूरी है। कुछ भोजन जो इस स्थिति में उपयोगी होते हैं:
ब्रैट डाइट: इसमें केला (Bananas), चावल (Rice), सेब की चटनी (Applesauce), और टोस्ट (Toast) शामिल होते हैं। यह भोजन हल्का होता है और पाचन के लिए आसान होता है।
दलिया, साबूदाना, और उबले हुए आलू भी खाने में हल्के होते हैं और पाचन तंत्र को आराम देते हैं।
चिकन सूप या वेजिटेबल सूप से शरीर को पोषण मिलता है और यह तरल की कमी को भी पूरा करता है।
3- प्रोबायोटिक्स लें
प्रोबायोटिक्स स्वस्थ बैक्टीरिया होते हैं जो पाचन तंत्र में संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। प्रोबायोटिक्स युक्त खाद्य पदार्थ जैसे:
दही (विशेषकर बिना शक्कर वाला)।
प्रोबायोटिक्स सप्लीमेंट्स लेने से भी पेट के अच्छे बैक्टीरिया का संतुलन बहाल हो सकता है, जिससे तेजी से रिकवरी होती है।
4- दवाएं
यदि गैस्ट्रोएन्टेराइटिस के लक्षण गंभीर हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक होता है। वे आपको उचित दवाएं दे सकते हैं:
5- आराम और विश्राम
गैस्ट्रोएन्टेराइटिस से पीड़ित होने पर शरीर को पूरा आराम देना आवश्यक है। शरीर की ताकत लौटने के लिए पर्याप्त नींद और शारीरिक आराम जरूरी है। अधिक शारीरिक गतिविधि से बचें जब तक कि आप पूरी तरह से स्वस्थ न हो जाएं।
6- संक्रमण से बचाव
गैस्ट्रोएन्टेराइटिस को फैलने से रोकने के लिए सावधानियाँ बरतना आवश्यक है:
अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं।
खाने से पहले और टॉयलेट के बाद हाथ धोना आवश्यक है।
दूषित पानी या अस्वास्थ्यकर भोजन से बचें, खासकर यात्रा के दौरान।
व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें।
7- डॉक्टर से कब संपर्क करें?
अगर निम्नलिखित लक्षणों में से कोई भी दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
लगातार उल्टी या दस्त जो 2-3 दिनों से अधिक समय तक रहे।
गंभीर पेट दर्द।
खून के साथ दस्त।
अत्यधिक कमजोरी या भ्रम की स्थिति।
शरीर में अत्यधिक डिहाइड्रेशन (जैसे सूखी त्वचा, कम पेशाब, चक्कर आना) के लक्षण।
निष्कर्ष
गैस्ट्रोएन्टेराइटिस के लिए सबसे अच्छा उपचार तरल पदार्थों का सही संतुलन, हल्का भोजन, प्रोबायोटिक्स का सेवन और पर्याप्त आराम है। सही समय पर चिकित्सा परामर्श लेना भी आवश्यक है, खासकर जब लक्षण गंभीर हों। यदि आप स्वच्छता का ध्यान रखते हैं और संक्रमण से बचने के लिए आवश्यक सावधानियाँ अपनाते हैं, तो गैस्ट्रोएन्टेराइटिस से बचना संभव है।
स्वास्थ्य का ध्यान रखना और जल्दी उपचार करवाना इस स्थिति से जल्द छुटकारा पाने में मदद करेगा।
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*🌞~ आज दिनांक - 21 अक्टूबर 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग शुद्ध गणना के साथ ~🌞*
*🙏Akshay Jamdagni ✍️*
*📲9837376839*🌹
*⛅दिनांक - 21 अक्टूबर 2024*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋत�� - शरद*
*⛅मास - कार्तिक*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - पंचमी रात्रि 02:29 अक्टूबर 22 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*⛅नक्षत्र - रोहिणी प्रातः 06:50 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
*⛅योग - वरीयान् प्रातः 11:11 तक, तत्पश्चात परिघ*
*⛅राहु काल - प्रातः 08:05 से प्रातः 09:32 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:39*
*⛅सूर्यास्त - 06:09*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:59 से 05:49 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:01 से दोपहर 12:47 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:59 अक्टूबर 21 से रात्रि 12:49 अक्टूबर 22 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - सर्वार्थ सिद्धि योग व अमृत सिद्धि योग (प्रातः 06:39 से प्रातः 05:51 अक्टूबर 22 तक)*
*⛅विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹नेत्रज्योति घटने व असमय चश्मा लगने के कारण*
*🔸बहुत ज्यादा व कम रोशनी में पढ़ने से, टी.वी., मोबाइल, लेपटॉप, कम्प्यूटर आदि के ज्यादा उपयोग से, रात्रि-जागरण, सुबह देर तक सोने से व दिन में सोने से, रात में स्नान करने से, धूल-धुएँ के आँखों में लगने से, नंगे सिर तेज धूप में बैठने या घूमने से, सूर्य को देखने से, नंगे पैर घूमने से, अंकुरित अनाज, दही, चाय-कॉफी, विरुद्ध आहार, फास्ट फूड आदि बाजारू चीजों तथा अधिक नमक, मसाले, खटाई वाले और तले हुए पदार्थों के सेवन से, रात को देरी से भोजन करने से तथा बिना प्यास के भी अधिक मात्रा में पानी पीने से आँखों की रोशनी कम होती है तथा असमय चश्मा लगाना पड़ता है ।*
*🔸आँखों को नुकसान पहुँचानेवाले उपरोक्त कारणों से बचें तथा नीचे दिये गये उपायों का अवलम्बन लें तो आपकी नेत्रज्योति सुरक्षित रहेगी और कम है तो बढ़ेगी ।*
*🔹नेत्रज्योति की सुरक्षा व वृद्धि के लिए🔹*
*🔸 सूर्योदय के समय हरी घास पर नंगे पैर चलें ।*
*🔸 हररोज प्रातः-सायं एक-एक मिनट तक पलकों को तेजी से खोलने तथा बंद करने का अभ्यास करें ।*
*🔸 नेत्रों की पलकों पर हाथ की उँगलियों को नाक से कान की दिशा में ले जाते हुए हलकी हलकी मालिश करें । पलकों से उँगलियाँ हटाते ही पलकें खोल दें और फिर पलकों पर उँगलियाँ लाते समय पलकों को बंद कर दें । यह प्रक्रिया आँखों की नस-नाड़ियों का तनाव दूर करने में सक्षम है ।*
*🔸पढ़ते समय रोशनी ठीक हो । आँखों और किताब के बीच कम-से-कम १२ इंच दूरी रखनी चाहिए ।*
*🔸 कम्प्यूटर, लेपटॉप आदि के उपयोग के दौरान हर २० मिनट में आँखों को विश्राम अवश्य दें । १-२ मिनट के लिए स्क्रीन से आँखें हटा दें । सम्भव हो तो आकाश की ओर या हरी घास, पेड़-पौधों आदि को निहारें ।*
*🔸 भोजन के बाद हथेलियों को रगड़कर कुछ सेकंड तक आँखों पर रखें ।*
*🔸 दिन में आधा गिलास पानी में आधा चम्मच (२ से ३ ग्राम) त्रिफला चूर्ण भिगोकर रखें । ४-५ घंटे बाद ३-४ परत किये हुए सूती कपड़े से छान लें । उस पानी को एक छोटे कप (Eye wash cup ) में लेकर आँख को उसमें १-२ मिनट तक मिचकायें, ऐसे ही दूसरी आँख से करें ।*
*🔸 आँवला-भृंगराज, नारियल, तिल आदि में से किसी तेल से सिर की मालिश करें । नाक में देशी गाय के घी की २-२ बूँद डालें ।*
*🔸रात को पैर के तलवों की घी से मालिश करना लाभदायी है । रात्रि को सोते समय शयनकक्ष में बिल्कुल अंधेरा हो ।*
*🔹आँखों के लिए लाभदायी आहार🔹*
*🔸गाय का दूध, घी, शुद्ध शहद, आँवला, मीठे अंगूर, केला, संतरा, पालक, गाजर, बथुआ, बादाम, जौ, मूँग, ककोड़ा, धनिया, सौंफ, पुनर्नवा, शतावरी, त्रिफला, गोमूत्र आदि ।*
*🔹नेत्रज्योति बढ़ाने व चश्मा छुड़ानेवाले औषधीय प्रयोग*
*🔸 नेत्रज्योतिवर्धक, दृष्टिप्रद त्रिफला रसायन का विधिवत् प्रयोग करें । १-१ बूँद संतकृपा नेत्रबिंदु आँखों में डालें । सर्दियों में सुबह खाली पेट आधा से १ चम्मच मामरा बादाम के मिश्रण का सेवन करें, बाद में २ घंटे तक कुछ न खायें ।*
*🔸 २-३ माह तक प्रातः खाली पेट गाय के दूध से बने आधा चम्मच ताजा मक्खन, आधा चम्मच पिसी हुई मिश्री व १ काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर चाटें । इसके बाद कच्चे नारियल की गिरी के २-३ टुकड़े खूब चबा-चबाकर खायें, ऊपर से थोड़ी सौंफ चबा के खा लें । बाद में दो घंटे तक कुछ न ��ायें । यह आँखों की रोशनी बढ़ाने के साथ ही शरीर को पुष्ट और सुडौल बनानेवाला एक अनुभूत उत्तम प्रयोग है ।*
*🙏Akshay Jamdagni ✍️*
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Unripe Bananas: A Nutritious Powerhouse for Your Health । कच्चे केले के फायदे: अपनी डाइट में क्यों शामिल करें
जब भी आप केले के बारे में सोचते हैं, तो आपके दिमाग में पके हुए, मीठे केले आते होंगे। लेकिन क्या आपने कभी कच्चे केले के फायदे के बारे में सोचा है? कच्चे केले न केवल स्वास्थ्यवर्धक होते हैं बल्कि इसमें कई विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर के लिए बेहद लाभकारी होते हैं। आइए जानते हैं कच्चे केले के कुछ खास फायदों के बारे में।
कच्चे केले के पोषक तत्व
कच्चे केले में विटामिन C, विटामिन A, और B कॉम्प्लेक्स (B5, B6, B9) पाए जाते हैं।
यह पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नी��ियम, आयरन, जिंक, और सोडियम जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स से भरपूर होता है।
इसमें रेज़िस्टेंट स्टार्च होता है, जो फाइबर की तरह काम करता है और शुगर लेवल को नहीं बढ़ाता।
वजन घटाने में सहायक
कच्चा केला कम कैलोरी और उच्च फाइबर वाला होता है, जो वजन घटाने या स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करता है।
इसका सेवन करने से फुलनेस का एहसास होता है, जिससे बार-बार खाने की इच्छा कम होती है।
इसमें मौजूद विटामिन्स और मिनरल्स आपके शरीर को पोषण देते हैं और कमजोरी को रोकते हैं।
डायबिटीज में लाभकारी
कच्चे केले का शुगर कंटेंट कम होता है और इसमें पाया जाने वाला रेज़िस्टेंट स्टार्च शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है।
डायबिटीज से पीड़ित लोग कच्चे केले का सेवन कर सकते हैं ताकि वे अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित रख सकें।
Also Read:
Unlock the Secrets of Rogan Badam Shirin: The Miraculous Sweet Almond Oil for Skin, Hair, and Health
दिल की सेहत के लिए फायदेमंद
कच्चे केले में फाइबर और पोटैशियम की अच्छी मात्रा होती है, जो दिल की सेहत को बेहतर बनाए रखते हैं।
यह कोलेस्ट्रॉल को घटाने और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक होता है, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा कम होता है।
पाचन तंत्र के लिए अच्छा
कच्चे केले में मौजूद फाइबर अच्छे बैक्टीरिया की ग्रोथ को बढ़ाते हैं, जिससे आंतों की सेहत बेहतर रहती है।
यह पाचन को सुधारता है और कॉन्स्टिपेशन से बचाता है।
इसमें पाए जाने वाले फाइबर और अन्य तत्व पोषक तत्वों के अवशोषण को बेहतर बनाते हैं।
ब्रेन फंक्शन में सुधार
कच्चे केले में पाया जाने वाला विटामिन B6 मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर को बढ़ाता है, जिससे याददाश्त और कॉग्निटिव फंक्शंस में सुधार होता है।
यह मूड को बेहतर बनाने और मस्तिष्क की समग्र सेहत को बढ़ाने में सहायक है।
हड्डियों को मजबूत बनाए
कच्चे केले में मौजूद कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों की मजबूती और बोन डेंसिटी को बनाए रखते हैं।
यह उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों से जुड़ी समस्याओं जैसे ऑस्टियोपोरोसिस से बचाने में मदद करता है।
अन्य फायदे
कच्चा केला एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है, जो शरीर में क्रॉनिक इंफ्लेमेशन को कम करता है और बीमारियों से बचाता है।
यह एनर्जी देता है और इम्युनिटी को बढ़ाता है, जिससे बार-बार बीमार पड़ने की संभावना कम होती है।
स्किन और बालों की सेहत के लिए भी यह बेहद लाभकारी है।
कच्चे केले का सेवन कैसे करें?
कच्चे केले को आप सब्जी, कोफ्ता, कबाब, या स्टफिंग के रूप में बना सकते हैं।
इसे उबालकर छोटे टुकड़ों में काटकर सलाद में इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसके छिलके को फेंकने की बजाय, उसका चटनी या भरता भी बना सकते हैं।
कितना कच्चा केला खाएं?
दिन में एक कच्चा केला खाना फायदेमंद है।
इससे अधिक सेवन करने पर ब्लोटिंग या गैस की समस्या हो सकती है।
यदि आपको केले से एलर्जी है, तो इसका सेवन न करें। हमेशा कच्चे केले को पका कर या उबालकर ही खाएं।
निष्कर्ष
कच्चा केला न सिर्फ एक साधारण फल है, बल्कि यह एक न्यूट्रिशनल पावरहाउस है। इसके सेवन से आप अपने दिल, दिमाग, हड्डियों, पाचन और इम्यूनिटी को बेहतर बना सकते हैं। इसे अपने दैनिक आहार में शामिल करें और इ��के अद्भुत स्वास्थ्य लाभों का आनंद लें।
Also Read: The Incredible Health Benefits of Curd: Why You Should Include It in Your Daily Diet
मुख्य बिंदु:
🍌 कच्चे केले में विटामिन्स और मिनरल्स की भरमार होती है।
⚖️ यह कम कैलोरी और उच्च फाइबर के कारण वजन घटाने में मदद करता है।
💉 डायबिटीज के रोगियों के लिए यह शुगर को नियंत्रित करने में सहायक है।
❤️ इसमें पाया जाने वाला फाइबर दिल की सेहत को बेहतर बनाता है।
🌱 पाचन तंत्र को सुधारता है और अच्छे बैक्टीरिया की वृद्धि करता है।
🧠 ब्रेन फंक्शन और याददाश्त को बेहतर बनाता है।
🦴 हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में सहायक है।
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केला शरीर को फायदा पहुंचता है केला दोपहर के लंच के बाद खाने से शरीर को हमेशा फायदा पहुंचता है
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Jamshedpur rural wild languor : गालूडीह में फिर एक जंगली लंगूर पहुंचने से हड़कंप, लंगूर को साक्षात हनुमान भी मान रहे कुछ लोग
गालूडीह : गालूडीह में एक बार फिर एक लंगूर आ पहुंचा है. बताया गया कि एक जंगली लंगूर शनिवार शाम एक बार फिर जंगल से गालूडीह पहुंच गया है. बड़ी संख्या में लोग उसे देखने के लिए जुटे. कुछ लोगों ने उसे केला व रोटी, एप्पल आदि दिये जिसे खाने के बाद वह हाइवे के रास्ते आगे चल निकला. लोग लंगूर को साक्षात हनुमान मान रहे हैं. दिन भर यह लंगूर क्षेत्र में चर्चा का विषय बना रहा. वहीं लंगूर के गालूडीह आने को लेकर…
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इस पीले फल के सेवन से पुरानी से पुरानी कब्ज की हो जाएगी छुट्टी, इन बीमारियों में भी है लाभकारी, जानें खाने का सही समय
Image Source : SOCIAL bananas कब्ज के मरीजों को मल त्यागने में बहुत मुश्किल का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर आप भी कब्ज की समस्या से पीड़ित हैं तो आप अपनी डाइट में केला को शामिल करें। केला फाइबर और विटामिन ए, बी6, सी और डी का भी एक समृद्ध स्रोत है जो कब्ज की परेशानी से छुटकारा दिलाता है।इतना ही नहीं केला अपने एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को…
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केला खाने के नुकसान इन 6 लोगों को नहीं खाना चाहिए केला #shorts #viral #v...
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इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए?
स्वस्थ रहने के लिए इम्यूनिटी यानी रोग-प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना आवश्यक है और इसका सबसे अच्छा तरीका है- संतुलित आहार। इसके लिए खाने में फल और हरी सब्जियां ज्यादा खाएं। नींबू, केला, अखरोट, नट्स, बादाम, राजमा, गुढ़, दूध, दही, पनीर, अंडा व अन्य पोषण युक्त चीजों का सेवन पर्याप्त मात्रा में करें ताकि शरीर की इम्यूनिटी सही रहे। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए, इस बारे में और विस्तार से जानना चाहते हैं, तो दिये गये लिंक पर जरूर क्लिक करें।
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केला खाने के तीन बडे फायदे 💯 . .
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केला खाने के फायदे और नुकसान | Health Benefits of Eating Banana
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https://jugaadinnews.com/8-health-benefits-of-eating-the-banana-peel/
केले के छिलका खाने के 8 स्वास्थ्य लाभ
केला एक ऐसा फल है जो पोटेशियम, मैंगनीज, मैग्नीशियम, आहार फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन ए, बी 6, और सी, और अमीनो एसिड सहित विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें उच्च चीनी और कैलोरी सामग्री होती है लेकिन इसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है जो इंसुलिन स्तर और शरीर के वजन को नियंत्रित करता है। शोध के अनुसार रोजाना एक केला खाने से ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल कम होता है। यहाँ केले के छिलका खाने के 8 स्वास्थ्य लाभ के बारे में बताया गया है।
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*🌞~ आज दिनांक - 4 सितम्बर 2024 का वैदिक, सटीक गणना के साथ हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 4 सितम्बर 2024*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - भाद्रपद*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - प्रतिपदा प्रातः 09:46 तक तत्पश्चात द्वितीया*
*⛅नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी प्रातः 06:14 सितम्बर 5 तक तत्पश्चात हस्त*
*⛅योग - साध्य रात्रि 08:03 तक तत्पश्चात शुभ*
*⛅राहु काल - दोपहर 12:38 से दोपहर 02:12 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:26*
*⛅सूर्यास्त - 06:52*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:51 से प्रातः 05:37 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:16 सितम्बर 05 से रात्रि 01:01 सितम्बर 05 तक*
*⛅विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹भोजन हेतु कैसे पात्रों का उपयोग हो ?🔹*
*🔸 भोजन बनाने व खाने हेतु एल्यूमीनियम और प्लास्टिक के बर्तनों के प्रयोग से भोजन में हानिकारक रासायनिक पदार्थ मिश्रित हो जाते हैं । एल्यूमीनियम के बर्तनों में पकाया गया विटामिन्सयुक्त पौष्टिक खाद्य पदार्थ भी अपने गुण खो बैठता है । विशेषज्ञों का मानना है कि एल्यूमीनियम की विषाक्तता के कारण आँतों में जलन होने लगती है तथा आँतों का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है । एल्यूमीनियम के बर्तनों में भोजन बनाना हानिकारक है ।*
*🔸 अतः भोजन बनान�� व जाने हेतु उपरोक्त बर्तनों की अपेक्षा देशी मिट्टी (चीनी मिट्टी आदि नहीं), काँच, स्टील या कलई किये हुए पीतल के बर्तनों का प्रयोग हितकारी है ।*
*🔸 केला, पलाश अथवा बड़ के पत्ते रूचि उत्पन्न करने वाले तथा विषदोष नाशक और जठराग्निवर्धक होते हैं अतः भोजन करने के लिए इनकी पत्तलों का उपयोग भी हितावह है ।*
*🔸 खाद्य पदार्थों को फ्रिज अथवा कोल्ड स्टोरेज में रखने से उनका प्राकृतिक स्वरूप बदल जाता है और पौष्टिक तत्त्वों में कमी आ जाती है ।*
*🔸 भोजन में संयम व सावधानी रखने से तथा उपरोक्त नियमों का पालन करने से हम अपने शरीर को स्वस्थ एवं निरोगी रख सकते हैं तथा मन की प्रसन्नता पा सकते हैं ।*
*🔹दुकान में उन्नति🔹*
*🔹सुबह दुकान खोलने पर थोड़ी कपूर जला कर आरती कर लें और जहाँ दुकान के मालिक बैठते हों वहां, जिधर से ग्राहक आते हों उधर भी आरती कर लें । इससे दुकान में उन्नति होगी ।*
*🔸पढने में रूचि न हो या सफलता न मिलती हो तो...*
*🔸जिन बच्चों का पढाई की और रुझान नहीं होता अथवा कम होता है या काफी परिश्रम करके भी जिन्हें अध्ययन में पर्याप्त सफलता नहीं मिलती उनके लिए लाभदायी प्रयोग :*
*🔸१ ग्राम कपूर और मौलसिरी का एक बीज पीसकर देशी गाय के २०० ग्राम घी में मिला दें । नित्य किसी भी समय ५ से १० मिनट तक संबंधित बच्चे के शयनकक्ष में इस मिश्रण से दीपक जलायें । अथवा उसके तकिये में मौलसिरी के ३ बीज रख दें ।*
*🔹सुख – शांति व धनवृद्धि हेतु🔹*
*🔸सफेद पलाश के एक या अधिक पुष्पों को किसी शुभ महूर्त में लाकर तिजोरी में सुरुक्षित रखने से उस घ में सुख-शांति रहती है, धन-आगमन में बहुत वृद्धि होती है ।*
*
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सफेद दाग (विटिलिगो) - लक्षण, कारण, प्रकार, बचाव
सफेद दाग (विटिलिगो) क्या होता है
विटिलिगो को हिंदी में सफेद दाग भी कहा जाता है। आपने भी शायद अपनी जिंदगी में एक न एक बार विटिलिगो से पीड़ित व्यक्ति को जरूर देखा होगा। ऐसा देखा जाता है, कि उनके शरीर के अंगों पर सफेद धब्बे होत�� हैं जो ज्यादातर पैरों, चेहरे, और हाथों पर दिखते हैं।
विटिलिगो यानी सफेद दाग स्किन से संबंधित कई तरीके की बीमारियों में से एक बीमारी होती है जो खून से संबंधित एलर्जी, गलत खाना-पीना और स्किन इन्फेक्शन के कारण होती है।
सफेद दाग के शुरुआती लक्षण
विटिलिगो की शुरुआत शरीर में खुजली शुरू होने से होती है। इसके बाद शरीर के दूसरे हिस्सों पर सफेद रंग के छोटे या बड़े दाग दिखने लगते हैं। आमतौर पर यह दाग बाद में मरीज को किसी तरह की तकलीफ तो नहीं देते, लेकिन कई बार इनकी वजह से दूसरे लोग उनसे डरते और दूर भागते हैं। यही वजह है जिसके कारण उन्हें तनाव, हीनभावना, सुसाइडल अटेम्प्ट्स का शिकार होते भी देखा जाता है ।
वहीं, स्किन कलर का फीका पड़ना या सफेद हो जाना भी इसका एक लक्षण है। इसके अलावा, बहुत सारे मामलों में मुंह के अंदर के टिशूज का रंग बदलना या फीका पड़ना और आंखों के रेटिना की अंदर की परत का रंग फीका पड़ना भी देखा जाता है।
सफेद दाग (विटिलिगो) के प्रकार
यूनिवर्सल विटिलिगो
इस प्रकार का विटिलिगो शरीर के सभी हिस्सों में हो सकता है। यानी कि सफेद दाग चेहरे से लेकर पैरों तक सभी जगह पर होते हैं।
सेगमेंटल विटिलिगो
यह शरीर के किसी खास हिस्से में होता है। आमतौर पर यह 1 से 2 साल तक फैलता है और उसके बाद ही इसका फैलना रुकता है।
सामान्यकृत विटिलिगो
यह सबसे आम विटिलिगो है, जो शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकता है और कभी भी बढ़कर रुक भी सकता है।
फोकल विटिलिगो
फोकल विटिलिगो, आकार में छोटा होता है और केवल शरीर के किसी खास हिस्से में होता है।
एग्रोफेशियल विटिलिगो
यह विटिलिगो खासकर चेहरे पर होता है और कभी कभी हाथों पैरों पर दिखता है।
विटिलिगो में परहेज
विटिलिगो के मरीजों के लिए शराब, कॉफी, मांस-मच्छी, अचार, लाल मांस, टमाटर के बने उत्पाद, फलों का रस और सिगरेट यह सारी चीजें हानिकारक होती हैं ।
इसकी जगह फल जैसे सेब, केला, अंजीर, खरबूज, खजूर, मूली, गाजर और हरी पत्ती वाली सब्जियों का सेवन सेहत के लिए अच्छा होता है और बीमारी से बाहर आने में मददगार साबित होता है।
विटिलिगो का इलाज त्वचा के रंग को बहाल करके उसकी उपस्थिति को बदलने पर आधारित होता है। हालांकि, यह आमतौर पर स्थायी नहीं होते और साथ ही इसके प्रसार को पूरी तरह नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। ऐसे में यह तरीके अपनाने चाहिए -
धूप से बचाव
अगर आपको विटिलिगो है, तो आपके लिए सनबर्न एक गंभीर जोखि�� है और आपको अपनी स्किन को धूप से बचाना चाहिए। ऐसा देखा जाता है, कि जब आपकी त्वचा यानी स्किन सूर्य की रौशनी के संपर्क में आती है, तो यह पराबैंगनी (यूवी) किरणों से बचाने में मदद करने के लिए मेलेनिन नाम के वर्णक यानी पिगमेंट का उत्पादन करती है।
ऐसे में, अगर आपको विटिलिगो है तो इसका मतलब है कि आपकी त्वचा में पर्याप्त मेलेनिन नहीं है। अपनी त्वचा को सनबर्न और लंबे समय के नुकसान से बचाने के लिए आदर्श रूप से 30 या उससे अधिक के सन प्रोटेक्शन फैक्टर (एसपीएफ) वाली सनस्क्रीन लगाएं। वहीं, अगर आपकी त्वचा गोरी है, तो यह खासतौर पर जरूरी है।
विटामिन डी
अगर आपकी त्वचा धूप के संपर्क में नहीं आती है, तो ऐसे में विटामिन डी की कमी का खतरा बढ़ जाता है। हड्डियों और दांतों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन डी बेहद जरूरी है और सूर्य का प्रकाश या रौशनी विटामिन डी का मुख्य स्रोत है। इसका एक रूप कुछ खाद्य पदार्थों में भी पाया जाता है, जैसे तैलीय मछली। मगर सिर्फ भोजन और सूर्य के प्रकाश से पर्याप्त विटामिन डी प्राप्त करना कठिन हो सकता है। ऐसे में, आपको विटामिन डी के 10 माइक्रोग्राम (एमसीजी) युक्त दैनिक पूरक या सप्प्लीमेंट लेने पर विचार करना चाहिए।
त्वचा छलावरण
ऐसे बहुत से मामलों में त्वचा के सफेद धब्बों पर त्वचा छलावरण क्रीम लगाई जा सकती है। यह क्रीम, आपकी प्राकृतिक त्वचा के रंग से मेल खाने के लिए बनाई जाती है ।
त्वचा छलावरण के बारे में सलाह या क्रीम का इस्तेमाल करने के लिए आपको इसके बारे में जानने की भी जरूरत है। छलावरण या कैमॉफ्लाज क्रीम वाटरप्रूफ होती हैं और इन्हें शरीर पर कहीं भी लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं, यह शरीर पर 4 दिन और चेहरे पर 12 से 18 घंटे तक रहती है ।
गौरतलब है, कि आप उसी त्वचा छलावरण क्रीम का इस्तेमाल करें जिसमें सनस्क्रीन हो या जिसकी एसपीएफ रेटिंग अच्छी हो। इसके अलावा, वयस्कों के लिए एक टॉपिकल स्टेरॉयड भी निर्धारित किया जा सकता है, अगर वह नीचे बताई जा रही शर्तों को पूरा करते हैं -
आपके शरीर के 10 प्रतिशत से कम हिस्से पर नॉन-सेग्मेंटल विटिलिगो है।
आप और इलाज चाहते हैं। (कुछ लोगों के लिए धूप से सुरक्षा और छलावरण क्रीम ही पर्याप्त होती है)
गर्भवती न हो।
आप दुष्प्रभावों के जोखिम को समझते और स्वीकार करते हैं।
अगर आप अपने चेहरे पर टॉपिकल स्टेरॉयड का उपयोग करना चाहते हैं, तो स्पेशलिस्ट से बात करें और इसके बारे में अधिक जानकारी लें।
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Jamshedpur rural elephant attack : चाकुलिया के बेलबोरिया और गोहालडांगरा गांव में जंगली हाथियों का उत्पात, कई घर तोड़े, अनाज किया बरबाद. केला बाड़ी के पौधे खाने के साथ ही पैरों तले रौंद कर भी किये नष्ट
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