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aliscience · 2 years ago
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पारिस्थितिकी और इसकी शाखाएँ
Ecology in HIndi पारिस्थितिकी और इसकी शाखाएँ पारिस्थितिकी का अर्थ यह जीव विज्ञान की एक शाखा है जिसमें जीवों और पर्यावरण के साथ उसके सम्बन्ध का अध्ययन करते हैं। इकोलॉजी शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्दों Oikos (House) तथा logos (to study) से बना है जिसका अर्थ किसी भी जीव का उसके पर्यावरण के साथ संबंध का अध्ययन है यह सबसे पहले रिटर (Reiter,1885) द्वारा दिया गया परंतु अर्नेस्ट हैकल ने इसकी पू��्ण रूप से…
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more-savi · 8 days ago
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Tourist Places to visit in Kheda
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Tourist Places to visit in Kheda
Tourist Places to visit in Kheda - खेड़ा भारत के गुजरात राज्य में एक शहर और नगर पालिका है। यह खेड़ा जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। शहर का एक समृद्ध इतिहास है जो प्राचीन काल से चला आ रहा है। इस पर मौर्य, गुप्त और मुगलों सहित विभिन्न राजवंशों और साम्राज्यों का शासन था। खेड़ा अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के लिए जाना जाता है, शहर में और उसके आसपास कई मंदिर और ऐतिहासिक स्मारक स्थित हैं। कुछ लोकप्रिय आकर्षणों में भद्र किला, महादेव मंदिर और श्री संतराम समाधि स्थान शामिल हैं। Dakor , Kheda डाकोर भारत के गुजरात राज्य के खेड़ा जिले का एक शहर है। यह अपने रणछोड़राय डाकोर मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, जो भग��ान कृष्ण के भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यह मंदिर 1772 ई. में बनाया गया था और इसमें कई कलात्मक मूर्तियां हैं। Galteshwar Mahadev Temple is Tourist Places to visit in Kheda गलतेश्वर महादेव मंदिर. यह एक सुंदर शिव मंदिर है जो प्रसिद्ध डाकोर ठाकोरजी मंदिर से लगभग 16 किमी दूर माही और गल्ती नदियों के संगम पर स्थित है। यह मंदिर सोलंकी युग (10-13वीं शताब्दी) के दौरान बनाया गया था और इसमें उत्कृष्ट लाल पत्थर की नक्काशी और मूर्तियां हैं। यह एक लोकप्रिय तीर्थस्थल और सांस्कृतिक विरासत स्थल है, जो हर साल 25 लाख से अधिक भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है। Vadtal Swaminarayan Temple वडताल स्वामीनारायण मंदिर खेड़ा जिले में स्थित है, जिसे तीर्थराजश्री स्वामीनारायण मंदिर के रूप में भी जाना जाता है, जो स्वामीनारायण संप्रदाय के भीतर महान ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। यह स्वामीनारायण मंदिर का मुख्यालय है और इसका निर्माण 1878 में सहजानंद स्वामी ने किया था, जिन्होंने 1881 में इसे पूरा किया था। मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय है, जिसमें आंतरिक मंदिर में नौ गुंबदों के साथ कमल के आकार का डिज़ाइन है। इस मंदिर के लिए जमीन एक डाकू जोबन पागी द्वारा दान की गई थी, जिसे स्वामीनारायण ने एक भक्त में बदल दिया था। वडताल स्वामीनारायण संप्रदाय के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थान है, और यह हर साल हजारों भक्तों को आकर्षित करता है जो आशीर्वाद लेने और देवता को श्रद्धांजलि देने आते हैं। Gomti Lake is Tourist Places to visit in Kheda यह खेड़ा जिले के वडताल गाँव की सबसे बड़ी झील है, और यह 230 हेक्टेयर के विशाल क्षेत्र को कवर करती है। इसका नाम द्वारका में गोमती नदी के नाम पर रखा गया है, और कई लोग इसे एक पवित्र स्थान मानते हैं। झील न केवल सुंदर और शांत है, बल्कि यह स्थानीय लोगों के लिए एक लोकप्रिय घूमने का स्थान भी है। शाम के समय, यह रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा उठता है, जिससे एक अद्भुत दृश्य बनता है! यह आराम करने और प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेने के लिए एक आदर्श स्थान है। Nadiad यह अपने संतराम मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, जो संतराम महाराज को समर्पित एक पवित्र मंदिर है। नाडियाड अपने कृषि उत्पादन, विशेषकर तम्बाकू और कपास के उत्पादन के लिए भी जाना जाता है। इस शहर का एक समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास है और यह अपने त्योहारों और समारोहों के लिए जाना जाता है। Kapadvanj यह भारत के गुजरात के खेड़ा जिले का एक शहर है। यह मोहर नदी के तट पर स्थित है और अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता है। कपडवंज कई मंदिरों और स्मारकों का घर है, जैसे गल्तेश्वर महादेव मंदिर, संतराम मंदिर, नडियाद, डाकोर मंदिर और कुंड वाव। यह गुजरात की विविध सांस्कृतिक विरासत की खोज में रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिए भी एक लोकप्रिय गंतव्य है। Utkantheshwar Mahadev is Tourist Places to visit in Kheda यह भारत के गुजरात के खेड़ा जिले के कपडवंज तालुका में स्थित एक शिव मंदिर है। यह मंदिर लगभग 2000 वर्ष पुराना है और वात्रक नदी के तट पर स्थित है, जो इसके शांत और आध्यात्मिक वातावरण को जोड़ता है। यह मंदिर भगवान शिव के भक्तों के साथ-साथ प्राचीन भारतीय वास्तुकला और संस्कृति की खोज में रुचि रखने वालों के लिए अवश्य जाना चाहिए। यह कपड़वंज तहसील में अतरसुम्बा गांव के पास, कपड़वंज से लगभग 18 किमी और देहगाम से 22 किमी दूर स्थित है। Balasinor बालासिनोर, जिसे वडासिनोर के नाम से भी जाना जाता है, गुजरात का एक शहर है जिसका एक आकर्षक इतिहास और कुछ अद्वितीय आकर्षण हैं। यह एक समय 18वीं शताब्दी में बाबी राजवंश द्वारा स्थापित एक रियासत थी और बाद में ब्रिटिश भारत का हिस्सा बन गई। आज, बालासिनोर अपने डायनासोर जीवाश्म पार्क और संग्रहालय के लिए प्रसिद्ध है, जो दुनिया के सबसे बड़े डायनासोर जीवाश्म स्थलों में से एक है। पार्क में 66 मिलियन वर्ष पहले रहने वाले डायनासोर के जीवाश्म अंडे, हड्डियों और अन्य अवशेषों का संग्रह है। यदि आप जीवाश्म विज्ञान में रुचि रखते हैं या पृथ्वी पर जीवन के इतिहास के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो यह घूमने के लिए एक आकर्षक जगह है। डायनासोर फॉसिल पार्क के अलावा, बालासिनोर कुछ अन्य आकर्षणों का भी घर है, जैसे गार्डन पैलेस, बालासिनोर के पूर्व शाही परिवार द्वारा संचालित एक विरासत होमस्टे। कुल मिलाकर, यह एक अनोखा गंतव्य है जो इतिहास प्रेमियों से लेकर प्रकृति प्रेमियों तक सभी के लिए कुछ न कुछ प्रदान करता है। यह भारत के गुजरात राज्य का एक तटीय शहर है। यह खंभात की खाड़ी के मुहाने और माही नदी के मुहाने पर स्थित है। खंभात का एक व्यस्त बंदरगाह और व्यापारिक केंद्र के रूप में एक समृद्ध इतिहास है, जो कम से कम 13वीं शताब्दी का है। वेनिस के यात्री मार्को पोलो ने भी 1293 में अपने लेखों में इसका उल्लेख किया था! How to reach kheda खेड़ा पहुंचना आसान है। यहां कुछ रास्ते दिए गए हैं जिनसे आप खेड़ा पहुंच सकते हैं: हवाई मार्ग द्वारा: खेड़ा का निकटतम हवाई अड्डा अहमदाबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो लगभग 68 किमी दूर है। हवाई अड्डे से आप खेड़ा के लिए टैक्सी या बस ले सकते हैं। ट्रेन द्वारा: खेड़ा का अपना रेलवे स्टेशन है, जो गुजरात और उसके बाहर के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। खेड़ा पहुंचने के लिए आप अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, मुंबई और अन्य शहरों से ट्रेन ले सकते हैं। सड़क मार्ग द्वारा: खेड़ा राजमार्गों के नेटवर्क द्वारा गुजरात और आसपास के राज्यों के अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है। आप अहमदाबाद, वडोदरा, आनंद, नडियाद और अन्य शहरों से खेड़ा पहुंचने के लिए बस ले सकते हैं या टैक्सी किराए पर ले सकते हैं। Best time to visit Kheda खेड़ा जाने का सबसे अच्छा समय आपकी प्राथमिकताओं और आपके द्वारा की जाने वाली गतिविधियों पर निर्भर करता है। यहां कुछ सामान्य सिफारिशें दी गई हैं: नवंबर से फरवरी: यह सर्दियों का मौसम है और मौसम ठंडा और सुहावना होता है, जिससे यह दर्शनीय स्थलों की यात्रा और बाहरी गतिविधियों के लिए अच्छा समय है। मार्च से जून: यह गर्मी का मौसम है और मौसम काफी गर्म हो सकता है, लेकिन अगर आप भीड़ से बचना चाहते हैं और कम होटल दरों का आनंद लेना चाहते हैं तो यह घूमने का अच्छा समय है। जुलाई से अक्टूबर: यह मानसून का मौसम है और मौसम आर्द्र और बारिश वाला हो सकता है, लेकिन अगर आप क्षेत्र की हरी-भरी हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेना चाहते हैं तो यह यात्रा करने का एक अच्छा समय है।   - Tourist Places to Visit in Patan - Tourist Places to visit in Banaskatha - Tourist Places to visit in Surat     Read the full article
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atplblog · 25 days ago
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Price: [price_with_discount] (as of [price_update_date] - Details) [ad_1] डॉ. युवाल नोआ हरारी द्वारा लिखित किताब 'सेपियन्स' में मानव जाति के संपूर्ण इतिहास को अनूठे परिप्रेक्ष्य में अत्यंत सजीव ढंग से प्रस्तुत किया गया है। यह प्रस्तुतिकरण अपने आप में अद्वितीय है। प्रागैतिहासिक काल से लेकर आधुनिक युग तक मानव जाति के विकास की यात्रा के रोचक तथ्यों को लेखक ने शोध पर आधारित आँकडों के साथ इस तरह शब्दों में पिरोया है कि यह किताब निश्चित रूप से मॉर्डन क्लासिक किताबों की श्रेणी में शुमार होगी। करीब 100,000 साल पहले धरती पर मानव की कम से कम छह प्रजातियाँ बसती थीं, लेकिन आज स़िर्फ हम (होमो सेपियन्स) हैं। प्रभुत्व की इस जंग में आख़िर हमारी प्रजाति ने कैसे जीत हासिल की? हमारे भोजन खोजी पूर्वज शहरों और साम्राज्यों की स्थापना के लिए क्यों एकजुट हुए? कैसे हम ईश्वर, राष्ट्रों और मानवाधिकारों में विश्वास करने लगे? कैसे हम दौलत, किताबों और कानून में भरोसा करने लगे? और कैसे हम नौकरशाही, समय-सारणी और उपभोक्तावाद के गुलाम बन गए? आने वाले हज़ार वर्षों में हमारी दुनिया कैसी होगी? इस किताब में इन्हीं रोचक सवालों के जवाब समाहित हैं। 'सेपियन्स' में डॉ. युवाल नोआ हरारी ने मानव जाति के रहस्यों से भरे इतिहास का विस्तार से वर्णन किया है। इसमें धरती पर विचरण करने वाले पहले इंसानों से लेकर संज्ञानात्मक, कृषि और वैज्ञानिक क्रांतियों की प्र��रम्भिक खोजों से लेकर विनाशकारी परिणामों तक को शामिल किया गया है। लेखक ने जीव-विज्ञान, मानवशास्त्र, जीवाश्म विज्ञान और अर्थशास्त्र के गहन ज्ञान के आधार पर इस रहस्य का अन्वेषण किया है कि इतिहास के प्रवाह ने आख़िर कैसे हमारे मानव समाजों, हमारे चारों ओर के प्राणियों और पौधों को आकार दिया है। यही नहीं, इसने हमारे व्यक्तित्व को भी कैसे प्रभावित किया है। From the Publisher Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi) Add to Cart Add to Cart Customer Reviews
4.5 out of 5 stars 485 3.4 out of 5 stars 11 Price ₹338.00₹338.00 ₹430.00₹430.00 Click & Buy ✓ ✓ Publisher ‏ : ‎ Manjul Publishing House; First Edition (1 January 2018); Manjul Publishing House Pvt. Ltd., 2nd Floor, Usha Preet Complex, 42 Malviya Nagar, Bhopal - 462003 - India Language ‏ : ‎ Hindi Paperback ‏ : ‎ 454 pages ISBN-10 ‏ : ‎ 9388241177 ISBN-13 ‏ : ‎ 978-9388241175 Item Weight ‏ : ‎ 440 g Dimensions ‏ : ‎ 20 x 14 x 4 cm Country of Origin ‏ : ‎ India Net Quantity ‏ : ‎ 1 Count Importer ‏ : ‎ Manjul Publishing House Pvt Ltd., C-16, Sector-3, Noida - 201301 (UP) Packer ‏ : ‎ Manjul Publishing House Pvt Ltd., C-16, Sector-3, Noida - 201301 (UP) Generic Name ‏ : ‎ Book [ad_2]
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airnews-arngbad · 29 days ago
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar
Date – 18 January 2025
Time 7.10 AM to 7.20 AM
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक १८ जानेवारी २०२५ सकाळी ७.१० मि.
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* स्वामित्व योजनेअंतर्गत ई प्रॉपर्टी कार्ड वितरणाला आज पंतप्रधानांच्या हस्ते प्रारंभ
* राज्य सरकारचं कृत्रीम बुद्धिमत्ता धोरण तयार करण्यासाठी कृती दलाची स्थापना
* बीड प्रकरणी कोणत्याही दोषी व्यक्तीला सोडलं जाणार नाही-मुख्यमंत्र्यांची ग्वाही
* एसटी महामंडळाचा दरवर्षी पाच हजार साध्या लालपरी बस खरेदीचा निर्णय
आणि
* राष्ट्रीय खेल पुरस्कार राष्ट्रपती द्रौपदी मुर्मू यांच्या हस्ते समारंभपूर्वक प्रदान  
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स्वामित्व योजनेअंतर्गत गाव पातळीवर जमिनीच्या मालकी हक्काविषयी संपूर्ण माहिती देणाऱ्या ई प्रॉपर्टी कार्ड वितरणाला आज पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या हस्ते प्रारंभ होणार आहे. या कार्यक्रमात देशभरातल्या दहा राज्यं आणि दोन केंद्रशासित प्रदेशातल्या पन्नास हजाराहून अधिक गावांतल्या ६५ लाख ई प्रॉपर्टी कार्डस् पंतप्रधानांच्या हस्ते वितरित करण्यात य���णार आहेत.
छत्रपती संभाजीनगर इथं जिल्हाधिकारी कार्यालयात तसंच प्रत्येक तालुका मुख्यालयात सकाळी ११ वाजता हा कार्यक्रम पाहण्याची सोय उपलब्ध करुन दिली आहे. नागरिकांनी या कार्यक्रमात हजर राहण्याचं आव��हन इतर मागासवर्ग कल्याण मंत्री अतुल सावे यांनी केलं आहे.
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वाहन उद्योगात हरित तंत्रज्ञानाच्या संशोधनावर आपल्या सरकारचा अधिक भर असल्याचं प्रतिपादन, पंतप्रधानांनी केलं आहे. काल नवी दिल्लीत भारत मंडपम इथं भारत ग्लोबल मोबिलिटी एक्स्पोच्या उद्घाटन प्रसंगी ते बोलत होते. जीवाश्म इंधनावरचा भार कमी करण्यासाठी हरित ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनं यावर भर देत असल्याचं पंतप्रधानांनी सांगितलं, ते म्हणाले...
‘‘आज हम एक ऐसे मोबिलिटी सिस्टीम के निर्माण में जुटे है, जो इकॉनॉमि और इकोलॉजी दोनों को सपोर्ट करें। एक ऐसा सिस्टीम जो फॉसिल फ्युअल के हमारे इंपोर्ट बिल को कम करें। इसलिये आज ग्रीन टेक्नॉलॉजीज्‌, ईव्हीज्‌, हायड्रोजन फ्युअल्स, बायोफ्युअल्स ऐसी टेक्नॉलॉजी के डेव्हलपमेंटपर हमारा काफी फोकस है।’’
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राज्य सरकारनं आर्टिफिशियल इंटिलिजन्स - अर्थात कृत्रीम बुद्धिमत्ता धोरण तयार करण्यासाठी कृती दलाची स्थापना केली आहे. राज्याचे माहिती तंत्रज्ञान संचालक या कृती दलाचे अध्यक्ष असून, विविध क्षेत्रातल्या १६ तज्ज्ञांचा या कृती दलात समावेश आहे. या कृती दलाला आपल्या शिफारसी सादर करण्यासाठी तीन महिन्यांची मुदत देण्यात आली आहे. ए आय धोरण ठरवणारं महाराष्ट्र हे देशातलं पहिलं राज्य ठरलं आहे.
राज्यात सायबर सुरक्षा धोरण कार्यदलाची स्थापनाही काल करण्यात आली. या कार्यदलाच्या माध्यमातून महाराष्ट्राच्या आयटी आणि डिजिटल पायाभूत सुविधांची सुरक्षा आणि संरक्षण करण्यात येणार आहे.
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बीड प्रकरणात कोणत्याही दोषी व्यक्तीला सोडलं जाणार नाही, अशी ग्वाही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी दिली आहे. ते काल नागपुरात वार्ताहरांशी बोलत होते. तपास यंत्रणांना कोणत्याही दबावाशिवाय तपास करू देण्याचं आवाहन मुख्यमंत्र्यांनी केलं. ते म्हणाले...
“तपासामध्ये अनेक गोष्टी गोपनीय ठेवूनच त्याचा तपास केला जातो. आपण कुठल्याही प्रकारे तपास यंत्रणांवर दबाव न आणता त्यांना काम करू दिलं पाहिजे. मी एवढं निश्चितपणे आश्वस्त करतो की, कुठल्याही परिस्थितीमध्ये कुठल्याही दोषी व्यक्तीला सोडलं जाणार नाही. तपास यंत्रणा योग्य प्रकारे काम करतील.’’
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पुणे-नाशिक महामार्गावर काल झालेल्या अपघातातल्या मृतांच्या कुटुंबीयांना मुख्यमंत्र्यांनी पाच लाख रुपये आर्थिक मदत जाहीर केली आहे. काल सकाळी झालेल्या या अपघातात चार महिला, चार पुरुष आणि ५ वर्षाच्या एका बालिकेचा मृत्यू झाला.
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राज्य परिवहन महामंडळ-एसटीने दरवर्षी पाच हजार साध्या लालपरी बस खरेदीचा निर्णय घेतला आहे. यासाठी महामंडळांतर्गत पंचवार्षिक नियोजन करण्यात येणार असल्याचं, परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक यांनी सांगितलं. ते काल महामंडळाच्या कामकाज आढावा बैठकीत बोलत होते. यापुढे कुठल्याही पद्धतीने भाडेतत्त्वावर बस न घेण्याचा निर्णय या बैठकीत घेण्यात आला.
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चालू आर्थिक वर्षात १५ फेब्रुवारी नंतर औषध वगळता इतर कुठल्याही खरेदीला मान्यता देऊ नये, असे आदेश राज्य सरकारच्या वित्त विभागानं सरकारी कार्यालयांना दिले आहेत. आर्थिक वर्षाच्या शेवटी मंजूर निधी संपवण्यासाठी होत असलेल्या खरेदीला आळा घालण्यासाठी हे परिपत्रक जारी करण्यात आलं आहे.
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संसदेचं अर्थसंकल्पीय अधिवेशन येत्या ३१ जानेवारीपासून सुरू होणार आहे. राष्ट्रपती द्रौपदी मुर्मू यांच्या अभिभाषणाने अधिवेशनाला प्रारंभ होईल, त्यानंतर आर्थिक सर्वेक्षण अहवाल सादर होईल. केंद्रीय अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन एक फेब्रुवारी रोजी अर्थसंकल्प सादर करतील. अधिवेशनाचं पहिलं सत्र १३ फेब्रुवारीपर्यंत चालेल, तर १० मार्च ते ४ एप्रिलदरम्यान दुसरं सत्र होणार आहे.
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पंतप्रधान नरेंद्र मोदी उद्या सकाळी ११ वाजता आकाशवाणीवरच्या मन की बात या कार्यक्रमातून देशवासियांशी संवाद साधणार आहेत. या कार्यक्रमाचा हा ११८ वा भाग असेल. या महिन्याच्या शेवटच्या रविवारी प्रजासत्ताक दिन असल्यामुळे या महिन्यात हा कार्यक्रम उद्या होत आहे.
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राष्ट्रीय खेल पुरस्कार काल राष्ट्रपती द्रौपदी मुर्मू यांच्या हस्ते समारंभपूर्वक प्रदान करण्यात आले. नवी दिल्ली इथं झालेल्या कार्यक्रमात बुद्धिबळाचा जगज्जेता डी गुकेश, हॉकी संघाचा कर्णधार हरमनप्रीत सिंग, पॅरा अ‍ॅथलीट प्रवीण कुमार, आणि नेमबाज मनु भाकर यांना मेजर ध्यानचंद खेलरत्न पुरस्कार देऊन गौरवण्यात आलं. क्रीडा प्रशिक्षकांना देण्यात येणारा द्रोणाचार्य पुरस्कार नेमबाजी प्रशिक्षक दीपाली देशपांडे यांच्यासह ५ जणांना प्रदान करण्यात आला. महाराष्ट्रातला नेमबाज स्वप्नील कुसाळे आणि पॅरा अथलीट सचिन खिलारी यांच्यासह ३२ खेळाडूंना अर्जुन पुरस्काराने गौरवण्यात आलं. ज्येष्ठ खेळाडू सुचा सिंग आणि दिव्यांग जलतरणपटू मुरलीकांत पेटकर यांना जीवनगौरव अर्जुन पुरस्कार देण्यात आला.
‘‘श्री मुरलीकांत राजाराम पेटकर। देश के सबसे उत्कृष्ट पॅरा तैराकी खिलाडियों मे से एक है। उन्होंने 1972 में पॅरालंपिक्स मे स्वर्ण पदक, 1970 मे राष्ट्रमंडल पॅराफेजिक खेलों मे स्वर्ण पदक हासिल किया। श्री मुरलीकांत राजाराम पेटकर को पॅरा तैराकी खेल में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों को मान्यता प्रदान करते हुये, वर्ष 2024 के लिये जीवन पर्यंत अर्जून पुरस्कार प्रदान किया जाता है।’’
महाराष्ट्रातले ज्येष्ठ गिर्यारोहक उमेश झिरपे यांना देखील काल राष्ट्रपतींच्या हस्ते साहसी क्रीडा क्षेत्रातील कामगिरीबद्दल प्रतिष्ठेचा तेनझिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसी पुरस्कार २०२३ प्रदान करण्यात आला.
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खो-खो विश्वचषक स्पर्धेत भारतीय पुरुष आणि महिला संघांनी उपान्त्यफेरीत प्रवेश केला आहे. काल उपांत्यपूर्व फेरीत, भारतीय महिला संघानं बांग्लादेशचा १०९ विरुद्ध १६ गुणांनी तर भारतीय पुरुष संघानं श्रीलंकेचा १०० विरुद्ध ४० गुणांनी पराभव करत उपान्त्य फेरी गाठली.
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राज्यस्तरीय शालेय थ्रोबॉल स्पर्धेत धाराशिव तालुक्यात वडगांव सिद्धेश्वर जिल्हा परिषद प्रशालेच्या संघानं सुवर्णपदक पटकावलं आहे. कोल्हापूर इथं झालेल्या या राज्यस्तरीय स्पर्धेत अंतिम सामन्यात अमरावती संघाला पराभूत करून वडगाव जिल्हा परिषद प्रशालेच्या संघानं सुवर्णपदक मिळवलं.
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छत्रपती संभाजीनगर इथं शार्ङ्गदेव महोत्सवाला कालपासून प्रारंभ झाला. एमजीएम परिसरातल्या महागामी संस्थेत आयोजित या महोत्सवात काल पहिल्या दिवशी सकाळच्या सत्रात ज्योती हेगडे यांनी रुद्र वीणा वादन तसंच मालवणच्या सिद्धिविनायक दशावतार नाट्य मंडळाने दशावतार प्रयोगाबाबत माहिती दिली, तर सायंकाळी या कलेचं सादरीकरण झालं. बंगळुरूच्या डॉ करूणा विजयेंद्र आणि संचाने सादर केलेल्या, बदामीतल्या नटेश्वर शिल्पावर आधारित महानट या नृत्याविष्काराला रसिकांची भरभरून दाद मिळाली. महोत्सवाचं हे सोळावं वर्ष आहे.
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नद्या अतिक्रमणमुक्त करण्यासाठी त्यांच्या सीमा लक्षात घेऊन आरेखन करण्याची आवश्यकता जलतज्ज्ञ राजेंद्रसिंह राणा यांनी व्यक्त केली आहे. ते काल हिंगोली जिल्हाधिकारी कार्यालयात झालेल्या एकदिवसीय जल परिषदेत बोलत होते. नद्यांचं वाहून जाणारं पाणी अडवल्यास, पूर आणि दुष्काळ दोन्हीपासून मुक्त होणं शक्य असल्याचं, राणा यांनी नमूद केलं.
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बीड जिल्ह्यात काल तीन भावांवर जीवघेणा हल्ला झाला, यात दोघांचा मृत्यू झाला, तर एक जण गंभीर जखमी झाला आहे. आष्टी तालुक्यातल्या वाहिरा परिसरात ही घटना घडली. पोलिसांनी या प्रकरणी संशयित चार जणांना ताब्यात घेतल्याचं, आमच्या वार्ताहरानं कळवलं आहे.
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सकल मराठा समाजाचा नांदेड इथला आजचा नियोजित ��क्रोश मोर्चा स्थगित करण्यात आला आहे. मराठा आंदोलक श्याम पाटील वडजे यांनी काल पत्रकार परिषद घेऊन ही माहिती दिली. मस्साजोगचे सरपंच संतोष देशमुख यांच्या हत्याप्रकरणी शासनाने आरोपींविरोधात मकोका लागू केल्यानं, हा मोर्चा तूर्तास स्थगित करण्यात आल्याचं वडजे यांनी सांगितलं.
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पर्यटन, उद्योग आणि शाश्वत सिंचनाच्या माध्यमातून रोजगारनिर्मिती करण्यासाठी कालबद्ध कृती कार्यक्रम आखला असल्याचं आमदार राणा जगजितसिंह पाटील यांनी म्हटलं आहे. ते काल धाराशिव जिल्ह्याच्या तुळजापूर तालुक्यात किलज इथं बोलत होते. पहिल्या टप्प्यात १० हजार रोजगारनिर्मिती करण्याचा आपला निश्चय असल्याचं आमदार पाटील यावेळी म्हणाले.
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महारेशीम अभियानाच्या प्रचारासाठी काल छत्रपती संभाजीनगर इथं जिल्हाधिकारी दिलीप स्वामी यांनी काल प्रचार रथालं हिरवा झेंडा दाखवून रवाना केलं. जिल्ह्यात १०० गावांमध्ये हा रथ, रेशीम उत्पादनाविषयी जनजागृती करणार आहे. जिल्ह्यात पुढच्या वर्षासाठी ११०० एकर क्षेत्रावर तुती लागवडीचं उद्दिष्ट देण्यात आलं आहे.
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rightnewshindi · 2 months ago
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हिमाचल के किसी भी क्षेत्र से जीवाश्म के खनन और व्यापार पर लगी रोक, जानें हाई कोर्ट ने क्यों सुनाया ऐसा फैसला
Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में जीवाश्म के खनन और उसके व्यापार पर रोक लगा दी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने स्पीति क्षेत्र के लांग्जा गांव सहित राज्य के किसी भी हिस्से से जीवाश्म निकालने, इकट्ठा करने और व्यापार पर पूरी तरह रोक लगा दी है। अदालत ने मुख्य सचिव, उपायुक्त लाहौल-स्पीति समेत अन्य को निर्देश…
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sharpbharat · 3 months ago
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Tata steel jamshedpur proud : टाटा स्टील बनी पहली भारतीय इस्पात निर्माता जिसने कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए बायोचार का शुरू किया उपयोग, जमशेदपुर प्लांट में बायोचार इंजेक्शन के माध्यम से हजारों टन जीवाश्म ईंधन को बदला
जमशेदपुर : टाटा स्टील ने जमशेदपुर प्लांट में बायोचार (बायोमास आधारित चारकोल) का सफल उपयोग करते हुए एक नई मिसाल कायम की है. यह पहल न केवल कंपनी की सस्टेनेबिलिटी के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि 2045 तक नेट जीरो लक्ष्य हासिल करने के संकल्प को भी मजबूती प्रदान करती है. जनवरी 2023 में परीक्षण के रूप में शुरू हुई इस पहल के तहत, टाटा स्टील ने अब तक बायोचार का उपयोग कर लगभग 30,000 टन…
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adani-hasdeo · 3 months ago
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क्या अडानी हसदेव परियोजना भारत की ऊर्जा क्रांति का भविष्य है?
अडानी ग्रुप ने हसदेव कोयला खदान परियोजना की शुरुआत इस उद्देश्य से की है कि यह क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सके। भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट और 2035 तक 1 टेरावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करना है। इस दिशा में, हसदेव परियोजना जैसे कोयला खनन प्रोजेक्ट्स पर निर्भरता बनी हुई है, जो जीवाश्म ईंधन से स्वच्छ ऊर्जा की ओर संक्रमण में एक चुनौती प्रस्तुत करते हैं।
https://hindi.newsinheadlines.com/is-the-adani-hasdev-project-the-future-of-indias-energy-revolution/
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dlium · 5 months ago
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New living fossil, Amethyst worm lizard (Amphisbaena amethysta), from Espinhaço Mountain Range, Brazil
新的活化石——紫水晶虫蜥(Amphisbaena amethysta),产自巴西埃斯皮尼亚苏山脉
Novo fóssil vivo, lagarto verme ametista (Amphisbaena amethysta), da Serra do Espinhaço, Brasil
新活化石紫水晶蠕蟲蜥蜴(Amphisbaena amethysta),來自巴西埃斯皮尼亞索山脈
Nuevo fósil viviente, lagarto gusano amatista (Amphisbaena amethysta), de la sierra de Espinhaço, Brasil
नया जीवित जीवाश्म, एमेथिस्ट वर्म छिपकली (एम्फिस्बेना एमेथिस्टा), एस्पिन्हाको पर्वत श्रृंखला, ब���राजील से प्राप्त हुआ
Nouveau fossile vivant, lézard ver améthyste (Amphisbaena amethysta), de la chaîne de montagnes d'Espinhaço, Brésil
ブラジルのエスピニャソ山脈で発見された、新しい生きた化石、アメジストワームトカゲ(Amphisbaena amethysta)
Fosil hidup baru, kadal cacing kecubung (Amphisbaena amethysta), dari Pegunungan Espinhaço, Brasil
নতুন জীবন্ত জীবাশ্ম, অ্যামেথিস্ট ওয়ার্ম টিকটিকি (Amphisbaena amethysta), Espinhaço Mountain Range, Brazil থেকে
Neues lebendes Fossil: Amethyst-Wurmechse (Amphisbaena amethysta) aus dem Espinhaço-Gebirge, Brasilien
새로운 살아있는 화석, 브라질 에스피냐수 산맥의 자수정 벌레 도마뱀(Amphisbaena amethysta)
Nuovo fossile vivente, la lucertola verme ametista (Amphisbaena amethysta), dalla catena montuosa di Espinhaço, Brasile
ฟอสซิลมีชีวิตใหม่ กิ้งก่าหนอนอเมทิสต์ (Amphisbaena amethysta) จากเทือกเขา Espinhaço ประเทศบราซิล
Bagong buhay na fossil, Amethyst worm lizard (Amphisbaena amethysta), mula sa Espinhaço Mountain Range, Brazil
ហ្វូស៊ីលមានជីវិតថ្មី ជីងចក់ដង្កូវ Amethyst (Amphisbaena amethysta) មកពីជួរភ្នំ Espinhaço ប្រទេសប្រេស៊ីល
Hóa thạch sống mới, thằn lằn giun thạch anh tím (Amphisbaena amethysta), từ dãy núi Espinhaço, Brazil
ຟອດຊິວທໍາໃຫມ່ທີ່ມີຊີວິດ, ແລນແມ່ທ້ອງ Amethyst (Amphisbaena amethysta), ຈາກ Espinhaço Mountain Range, Brazil
Новое живое ископаемое, аметистовая червеобразная ящерица (Amphisbaena amethysta) с горного хребта Эспиньясу, Бразилия
သက်ရှိရုပ်ကြွင်းအသစ်၊ ဘရာဇီး၊ Espinhaço တောင်တန်းမှ Amethyst သန်ကောင်အိမ်မြှောင် (Amphisbaena amethysta)
Nuwe lewende fossiel, Amethyst-wurmakkedis (Amphisbaena amethysta), van Espinhaço-bergreeks, Brasilië
බ්‍රසීලයේ Espinhaço කඳුවැටියෙන් නව ජීවී පොසිල, ඇමතීස්ට් පණු කටුස්සා (Amphisbaena amethysta),
Yeni yaşayan fosil, Ametist solucan kertenkelesi (Amphisbaena amethysta), Brezilya'daki Espinhaço Dağ Sırası'ndan
नयाँ जीवित जीवाश्म, एमेथिस्ट वर्म छेपारो (एम्फिस्बेना एमेथिस्टा), एस्पिनहाको पर्वत श्रृंखला, ब्राजिलबाट
Nowa żywa skamielina, jaszczurka ametystowa (Amphisbaena amethysta) z pasma górskiego Espinhaço w Brazylii
Бразилийн Эспинхачо уулын нурууны шинэ амьд чулуужсан, ягаан болор өт гүрвэл (Amphisbaena amethysta)
Нові живі копалини, ящірка-червяк Аметист (Amphisbaena amethysta), з гірського хребта Еспіньясо, Бразилія
Dlium theDlium @dlium
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ohwellbull · 6 months ago
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मेरी आपातकालीन तैयारी में Gen X टेक्नोलॉजी शामिल है
एक आपातकालीन तैयारी योजना बनाएं।अगर मैं अपने Ma और Pa Kettle वाइल्ड वेस्ट दोस्तों की तरह कयामत की तैयारी कर रहा होता, तो मैं निश्चित रूप से अपनी तकनीक से शुरू करता।आप पूछते हैं यह क्या है? बंजर भूमि में तकनीक? क्या हमें फ्यूरिओसा से पूछना चाहिए कि यह कैसे चलेगा?वास्तव में, मुझे लगता है कि वह इस पर मुझसे सहमत होंगी। हमें पूरी तरह से जाना चाहिए और हमें पुराने थकाऊ जीवाश्म ईंधनों के बजाय हरित ऊर्जा…
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bhishmsharma95 · 8 months ago
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कुंडलिनी योग की सहायक हरित ऊर्जा
दोस्तों, जीवाश्म ईंधन के अंधाधुंध इस्तेमाल से धरती का जीवन संकट में आ गया है। ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है। धरती लगातार गर्म हो रही है। ग्लेशियर पिघल रहे हैं। सुंदर समुद्रतटीय प्रदेशों के निकट भविष्य में पूरी तरह से जलमग्न होने के आसार बन गए हैं। वातावरण में कार्बनडाइऑक्साइड जैसी ग्रीन हाउस गैसों की मात्रा बहुत बढ़ गई है और लगातार बढ़ ही रही है। इससे मौसम भी बदल गया है। बारिश के मौसम में सूखा पड़…
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keshavkumar · 8 months ago
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One liner Previous year question paper General Science
Que : दाँतों और हड्डियों की संरचना के लिये आवश्यक तत्व है ?Ans – कैल्सियम एवं फाॅस्फोरसQue : रूधिर को थक्का जमने [Blood Clot] में सहायक होता है ?Ans – प्लेटलेट्स PlateletsQue : मस्तिष्क तथा सिर के अध्ययन से संबंधित है ?Ans – फ्रेनोलाॅजी PhrenologyQue : श्वसन के दौरान सर्वाधिक मात्रा में ली गई गैस होती है ?Ans – नाइट्रोजनQue : जीवित जीवाश्म [Abundant Gas] कौन होता है ?Ans – साइकसQue : मीनीमाता रोग…
#gk
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shrikrishna-jug · 8 months ago
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उत्क्रांती
“उत्क्रांतीच्या सिद्धांताबद्दल तुमचं काय म्हणणं आहे?”असं मला काल श्री.समर्थांनी विचारलं.मला जी माहिती होती ती मी त्यांना समजावून सांगत होतो. मी त्यांना म्हणालो,“उत्क्रांतीचा सिद्धांत का अशक्य आहे त्याची कारणं काय असावीत ह्यावर विचार करणं आवश्यक आहे असं मला वाटतं.प्रथम दृष्टीप्तीस येणारं कारण हे सहाजिकच म्हणजे ह्या सिद्धांताला ठोस पुरावा नाही.कुणी म्हणेल जीवाश्म(fossil) पाहून तो पुरावा ठोस आहे,तर…
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adanigroup · 8 months ago
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अडानी ग्रुप का लक्ष्य 2030 तक 100 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करना है। यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य भारत को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में आत्मनिर्भर बनाने और हरित अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से बढ़ने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
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airnews-arngbad · 1 month ago
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar Date 10 January 2025 Time 11.00 to 11.05 AM Language Marathi आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर प्रादेशिक बातम्या दिनांक: १० जानेवारी २०२५ सकाळी ११.०० वाजता.
प्रवासी भारतीय दिवस संमेलनाचा आज राष्ट्रपती द्रौपदी मुर्मू यांच्या उपस्थितीत समारोप होणार आहे. विविध क्षेत्रात उल्लेखनीय कार्य करणाऱ्या परदेशी भारतीयांना राष्ट्रपती प्रवासी भारतीय सन्मान आज प्रदान करण्यात येणार आहे.
महाकुंभ २०२५ ला समर्पित आकाशवाणीच्या विशेष कुंभवाणी वाहिनीचं उत्तर प्रदेशचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यांच्या हस्ते आज लोकार्पण झालं. प्रसार भारतीचे अध्यक्ष नवनीत कुमार सेहगल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी यावेळी उपस्थित होते. महाकुंभ जात, पंथ आणि भेदभावाच्या पलिकडे असून, एकतेचा संदेश देत असल्याचं योगी आदित्यनाय यावेळी म्हणाले. केंद्रीय माहिती आणि प्रसारण राज्यमंत्री एल मुरुगन दूरदृश्य संवाद प्रणालीच्या माध्यमातून या कार्यक्रमात सहभागी झाले होते. कुंभवाणी या वाहिनीवर आजपासून २६ फेब्रुवारीपर्यंत महाकुंभमेळ्यात होणाऱ्या सर्व कार्यक्रमांचं प्रक्षेपण केलं जाईल. या वाहिनीवर अमृतस्नानाचं थेट प्रसारण देखील ऐकता येईल. आकाशवाणीच्या १०३ मेगाहर्टझ लहरींवरून, ‘न्यूज ऑन ए आय आर’ ॲप वरून, तसंच ‘वेव्ज’ या ओ टी टी मंचावरून कुंभ वाणी चं प्रसारण ऐकता येईल.
'परीक्षा पे चर्चा'च्या आठव्या आवृत्तीसाठी भारत आणि परदेशातले विद्यार्थी, शिक्षक आणि पालकांकडून दोन कोटी ७० लाखाहून अधिक नोंदणी करण्यात आली आहे. या कार्यक्रमासाठी ऑनलाईन नोंदणी माय जी ओ व्ही डॉट इन वर सुरु असून, १४ जानेवारी पर्यंत नोंदणी सुरु राहणार आहे.
शाश्वत भविष्यासाठी पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या दृष्टिकोनाला अनुसरून, २०३० सालापर्यंत ५० टक्के बिगर जीवाश्म इंधनाचा पर्याय स्वीकारण्यासाठी भारत वचनबद्ध असल्याचं, केंद्रीय नवीन आणि नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी यांनी म्हटलं आहे. ते काल मुंबईत नवीकरणीय ऊर्जा या विषयावर आयोजित कार्यशाळेच्या उद्घाटन सत्रात बोलत होते. जगभरात हरित ऊर्जेपासून बनवलेल्या उत्पादनांची वाढती मागणी लक्षात घेता, आपल्या नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतांचा पुरेपूर लाभ घेण्याचं भारताचं उद्दिष्ट असल्याचं जोशी यांनी सांगितलं.
छत्तीसगडमध्ये सुकमा जिल्ह्यात काल सुरक्षा दलांबरोबर झालेल्या चकमकीत तीन नक्षलवादी ठार झाले. सुकमा आणि विजापूर या जिल्ह्यांच्या सीमेवरच्या जंगलात जिल्हा राखीव पोलीस दल, विशेष कृती दल आणि कोब्रा बटालियनचं संयुक्त पथक नक्षली विरोधी मोहिमेवर असताना ही चकमक सुरू झाली.
शेतकऱ्यांनी पिकवलेल्या तृणधान्याला योग्य बाजारपेठ उपलब्ध करून देण्याची जबाबदारी पणन विभागाची आहे, असं पणनमंत्री जयकुमार रावल यांनी म्हटलं आहे. ते काल पुण्यात पणन मंडळाच्या वतीनं आयोजित भरडधान्य महोत्सवाचं उद्घाटन करताना बोलत होते. भरडधान्य जनजागृतीसाठी काढलेल्या दुचाकी फेरीलाही रावल यांनी हिरवा झेंडा दाखवला. राज्याच्या विविध भागातून भरडधान्य उत्पादक, प्रक्रिया उद्योगामध्ये कार्यरत असणारे बचतगट, सहकारी संस्था, शेतकरी उत्पादक कंपन्या, स्टार्ट अप कंपन्या यात सहभागी झाल्या आहेत.
राज्यात अनधिकृत मासेमारी नौकांवर नजर ठेवण्यासाठी ड्रोनच्या सहायानं देखरेख ठेवणारी डिजिटल डेटा मेंटेनन्स यंत्रप्रणाली राबवायला कालपासून सुरुवात झाली. मत्स्यव्यवसाय आणि बंदरमंत्री नितेश राणे यांनी मुंबईतल्या आयुक्त कार्यालयात नियंत्रण कक्षाचं उद्घाटन केलं. मुंबई शहरात ससून गोदी, मुंबई उपनगरात गोराई, ठाण्यात उत्तन, पालघरमध्ये शिरगाव, रायगड जिल्ह्यात वर्सोली आणि श्रीवर्धन, रत्नागिरी�� भाट्ये आणि मिरकरवाडा, तसंच सिंधुदुर्गात देवगड, अशा नऊ ठिकाणी ड्रोनद्वारे देखरेख ठेवली जाणार आहे.
नैसर्गिक आपत्तीमुळे बाधित झालेल्या शेतकऱ्यांना दिलासा देण्याच्या दृष्टीने राज्य शासनाने पाच लाख ३० हजार ४५ शेतकऱ्यांना ५३५ कोटी ६५ लाख ७४ हजार ८९३ रुपयांची मदत वितरित केली आहे. मदतीची ही रक्कम थेट आपदग्रस्त लाभार्थी शेतकऱ्यांच्या बँक खात्यात जमा करण्यात आली असल्याची माहिती, मदत आणि पुनर्वसन मंत्री मकरंद जाधव-पाटील यांनी दिली. यामध्ये छत्रपती संभाजीनगर विभागात लातूर जिल्ह्यातल्या एक लाख ६८ हजार ८९ शेतकऱ्यांना १७८ कोटी ६५ लाख रुपये, परभणी जिल्ह्यातल्या एक लाख १२ हजार ६४८ शेतकऱ्यांना १२१ कोटी ६४ लाख, बीड जिल्ह्यातल्या ३९ हजार ९३ शेतकऱ्यांना ३० कोटी २२ लाख, छत्रपती संभाजीनगर जिल्ह्यातल्या तीन हजार ६१९ शेतकऱ्यांना ३ कोटी २३ लाख, हिंगोली जिल्ह्यातल्या दोन हजार ४०८ शेतकऱ्यांना एक कोटी ६३ लाख, नांदेड जिल्ह्यातल्या एक हजार ८८६ शेतकऱ्यांना १ कोटी ५८ लाख, जालना जिल्ह्यातल्या एक हजार ५९० शेतकऱ्यांना १ कोटी ५७ लाख, तर धाराशिव जिल्ह्यातल्या ३४२ शेतकऱ्यांना ३२ लाख ५० हजार १४८ रुपये वितरीत करण्यात आले आहेत.
बुलडाणा जिल्ह्यात शेगाव तालुक्यात पूर्णा नदीकाठच्या विविध गावांमध्ये नागरिकांच्या डोक्यावरील केस गळतीचं प्रमाण अचानक मोठ्या प्रमाणावर वाढल्याने आरोग्य विभागानं त्वचारोग तज्ज्ञांच्या माध्यमातून सर्वेक्षण सुरू केलं आहे.
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rightnewshindi · 6 months ago
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वैज्ञानिकों को मिला करोड़ों साल पुराना समुद्री गाय का अवशेष, मगरमच्छ और टाइगर शार्क के हमले में हुई थी मौत
World News: धरती रहस्यों से भरी पड़ी है, यहां पर कई ऐसी चीजें हैं जिनके बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी है. वहीं जमीन में गड़े सैकड़ों वर्ष पुरानी जानवरों की लाशों के अवशेष हमें अनोखी जानकारी देते हैं. इन्हीं अवशेषों को वैज्ञानिक फॉसिल्स या जीवाश्म कहते हैं. ऐसी की एक खोज में वैज्ञानिक को करोड़ों वर्ष पुरानी समुद्री गाय का इस तरह का कंकाल मिला है जिसने उसके शिकार होने की अनूठी कहानी के बारे में…
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