#खाने का डिब्बा
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kknlive · 1 year ago
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पैकेट वाले प्रोसेस्ड खाद्द सामग्री में कितना फैट और कितना कार्बोहाइड्रेट
पैकेट वाले प्रोसेस्ड खाद्द सामग्री में कितना फैट और कितना कार्बोहाइड्रेट....
सभी वर्ग के लोगों में पैकेट वाले भोजन का बढ़ा है रुझान KKN न्यूज ब्यूरो। पिछले कई सालों में लोगों के रहन-सहन और खाने के तरीको में बड़ा बदलाव आया है। इन दिनो डिब्बा बंद या पैकेट वाले प्रोसेस्ड खाना हमारे जीवन का प्रमुख हिस्सा बनता जा रहा है। बच्चो से लेकर युवा और प्रौढ़ वर्ग के लोगों में इस तरह के खाद्द सामग्री को लेकर जबरदस्त चस्का देखा जा रहा है। कई वार लोग इसको पौस्टिक भोजन समझ कर लेते हैं।…
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newsdaliy · 2 years ago
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जेपी ने लॉन्च किया इलेक्ट्रिक लंच बॉक्स और चाफिंग डिश, कीमत 1,250 रुपये से शुरू
जेपी ने लॉन्च किया इलेक्ट्रिक लंच बॉक्स और चाफिंग डिश, कीमत 1,250 रुपये से शुरू
हाउसवेयर ब्रांड जेपी ने अपनी इलेक्ट्रिक सीरीज लॉन्च करने की घोषणा की है जिसमें इलेक्ट्रिक लंच बॉक्स और चाफिंग डिश शामिल हैं। संग्रह में ई-वार्मर-इलेक्ट्रिकल चाफिंग डिश, हॉट पॉट इलेक्ट्रिक लंच बॉक्स, स्टील इलेक्ट्रिक लंच बॉक्स के साथ पावर मील, 4 स्टीलनेस स्टील कंटेनर के साथ हॉट-लाइन इलेक्ट्रिक प्लास्टिक लंच बॉक्स और स्पार्क 4 चेरी लंच बॉक्स शामिल हैं।इलेक्ट्रिक लंच बॉक्स श्रृंखला स्टेनलेस स्टील,…
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aajkitaazakhabar2022 · 3 years ago
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कम, बजट: जी5, वेट य़ैट पर ये ऐसी फिल्में नहीं हैं जो आपको निराश करती हैं!
कम, बजट: जी5, वेट य़ैट पर ये ऐसी फिल्में नहीं हैं जो आपको निराश करती हैं!
हाल ही में उसे उसकी पहचान मिली। आर्थिक रूप से बजट बना रहा है। लेकिन . जी5, वैट, जिस तरह से मौसम में अजीब होता है। अगर आप भी लॉग इन करेंगे तो जॉल्‍ट की लिस्टिंग के लिए l बधाई हो- 2018 में शामिल होने वाले खिलाड़ी ने कौन-कौन से लोग थे। नीना गुप्ता, गजराज राव, सुरेखा सीकरी और सान्या ��ल्होत्रा ​​की बधाई हो स्वादिष्ट खाने पर उपलब्�� है। फिल्म बजट बजट में 132 करोड़ की कमाई की फिल्म थी। अंधाधुन- ख़ुरखाना…
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newskey21 · 3 years ago
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आपके भोजन को गर्म और ताज़ा रखने के लिए 5 प्रीमियम गुणवत्ता वाले लंच बॉक्स
आपके भोजन को गर्म और ताज़ा रखने के लिए 5 प्रीमियम गुणवत्ता वाले लंच बॉक्स
काम के एक लंबे और थकाऊ दिन पर, केवल एक चीज जिसका हम इंतजार करते हैं, वह है लंच ब्रेक! यह लंच ब्रेक है जो एक सुकून का पल देता है। गर्म और ताज़ा पौष्टिक दोपहर का भोजन कुछ ही समय में हमारा उत्साह बढ़ा देता है। लेकिन अक्सर हमारे लंच बॉक्स को खोलना और हमारे बैग में दाल बिखरी हुई और रोटी गीली हो जाती है, यह देखना निराशाजनक हो सकता है। ऐसे में एक स्पिल-प्रूफ लंच बॉक्स बचाव के लिए आता है। इसलिए, एक अच्छी…
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everynewsnow · 4 years ago
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अक्षय कुमार की फिल्म के सेट पर कौन है 'भव्य' डब्बावाली
अक्षय कुमार की फिल्म के सेट पर कौन है ‘भव्य’ डब्बावाली
अक्षय कुमार और नुसरत भरुचा ‘राम सेतु’ की शूटिंग कर रहे हैं। अक्षय कुमार, जिन्हें कई परियोजनाओं के लिए जाना जाता है, ने अपने अगले शीर्षक राम सेतु में गोता लगाया है। जैकलीन फर्नांडीज और नुशरत भरुचा भी फिल्म का हिस्सा हैं। अक्षय फिल्म में एक पुरातत्वविद हैं और उन्होंने मंगलवार को इंस्टाग्राम पर अपन��� लुक को साझा किया था जिसमें उन्हें एक जोड़ी चश्मा और एक आदमी ग्रे के संकेत के साथ खेलते देखा जा सकता…
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swadistrecipe · 3 years ago
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देसी मकई सलाद खाइये और सेहत बनाइये | Country Sweet Corn Recipe in Hindi
देसी मकई सलाद खाइये और सेहत बनाइये | Country Sweet Corn Recipe in Hindi #sweetcornsalad #sweetcornsaladrecipe #salad #SweetCorn
देसी मकई सलाद देसी मकई सलाद रेसिपी विस्तारित रूप से पूर्ण विधि एवं वास्तविक चित्रों के साथ इस पटल पर दी गई है। इसे अनुसरण कर कभी भी यह पौष्टिक व्यंजन को तैयार किया जा सकता है। यह व्यंजन बिल्कुल कम समय पर बनकर तैयार हो जाता है जिसे सहभोजन अथवा हल्का भोजन विकल्प की तरह सेवन किया जा सकता है।  जानिए यह सलाद के बारे में यह व्यंजन को तैयार करने के लिए पूर्ण रूप से पकाने की आवश्यकता नहीं है बल्कि यह…
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sumanspeaks · 5 years ago
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Ghee ka Dibba…
रामधनी एक साहूकार था।बहुत पैसा था उसके पास।पर था एक नम्बर का कंजूस।जब भी उसको अपनी जेब सींक कर पैसा निकालना पड़ता ,उसकी जान चली जाती।लेकिन लोगों को उधार दे कर उनसे दगुने-तिगुने ब्याज वसूलता था। एक बार उसके पास एक आदमी आया...फटेहाल , मजबूर , उसकी शकल और उस की हालत देख कर ही दया आने लगती थी, उसने आ कर साहूकार के आगे हाथ फैलाए और बोला , “सेठ जी! चार दिन से भूखा हूँ ,कुछ खाने को दे दो , सेठ जी।” अब साहूकार महाकंजूस कैसे दे देता? लेकिन पता नहीं उसकी हालत देख कर या अपने ही अहंकार में डूबा वो बोला , “क्या हुआ , क्या खाएगा?” तेरी ऐसी हालत किसने बनाई? वो आदमी इतने में बेहोश ��ो गया और अब साहूकार की फट पड़ी । वो घबरा गया और अपने नौकरों को बोला कि इस आदमी को यहाँ बाहर चारपाई पर डाल दो ।साहूकार को लगा कि इस को कुछ हो गया तो ख़ामख़ा पुलिस वालों के चक्कर में पड़ना पड़ेगा। अब साहूकार इधर से उधर चक्कर लगाने लगा।अभी वो सोच में पड़ा था कि उस की पत्नी ने अन्दर से आ कर कहा, “आइए खाना तैयार है, खाना खा लीजिए।” , लेकिन साहूकार के तो होश फ़ाख्ता थे। उस की पत्नी ने अचरज से उसकी तरफ़ देखा और बोली कि आप इतने चिन्तित क्यूँ लग रहे हैं? उसकी पत्नी बहुत ही नेकदिल और दयालु थी। तब साहूकार ने अपनी पत्नी को सारी बात बताई। उसकी पत्नी ने भगवान को हाथ जोड़े और प्रार्थना की, “हे भगवान ,आज तूने परोप्कार का एक मौक़ा दिया है । धन्यवाद, भगवान।” फिर अपने पति से बोली, “ठीक है, आप चिन्ता मत कीजिए”। वो अपने पति की मन की बात जानती थी और जानती थी कि वह इतने कंजूस हैं कि उस आदमी को एक दमड़ी भी नहीं देंगे। पर वो ये परोप्कार का मौक़ा अपने हाथ से जाने भी नहीं देना चाहती थी । उसने अपने पति से कहा , “आप बिलकुल भी चिन्ता मत कीजिए और चलिए भोजन कर लीजिए” । लेकिन साहूकार के मन को चैन नहीं मिल रहा था ।अपनी पत्नी से कहने लगा की अगर इसको कुछ हो गया तो लेने के देने पड़ जाएँगे ।तब उसकी पत्नी ने अपनी पुत्री को बुलाया और उसको कहा की तुम जा कर मेरी अलमारी से घी का डिब्बा उठा कर लाओ ।साहूकार ये सुन कर चौंक गया ।वह बोला “घी का डिब्बा कितने का आता है, पता है?”।साहूकारिन बोली, “आप देखना की आप का डिब्बा क्या कमाल करता है!”। पुत्री जब घी का डिब्बा लायी तो वो बोली कि ये घी का डिब्बा खोल कर उसके पास रख दो और साहूकार से कहा, “मैं उसको ठीक कर दूँगी पर आप भी ये वादा करो कि और कंजूसी नहीं दिखाओगे और ज़रूरतमंद की सहायता करोगे”। घी का डिब्बा खोल कर उस व्यक्ति के पास रखते ही घी की ख़ुश्बू से उस भूखे व्यक्ति की आँख खुल गयी। साहूकार देखता रह गया। अब उस ने अपनी पत्नी से वादा किया था तो उस ने उस व्यक्ति को खाना खिलाया और दान दे कर विदा कर दिया ।साहूकार की पत्नी भी  प्रसन्न हो गयी कि  उस के पति के दिल में दया धर्म जाग गया है ओर वो पहले जैसा कंजूस नहीं रहा ।।।
English Script: 
Ramdhani ek sahukaar tha. Bahut paisa tha uske paas. Par tha ek number ka kanjoos. Jab bhi usko apni jeb seenk kar paisa nikalna padta, uski jaan chali jaati. Lekin logon ko udhaar de kar unse dugne-tigune byaaz vasoolta tha. Ek baar uske paas ek aadmi aya…phatehaal, majboor, uski shakal aur us ki haalat dekh kar hi daya aane lagti thi. Use aa kar sahukaar kea age haath failaye aur bola, “seth ji! Chaar din se bhookha hoon, kuch khaane ko de do, seth ji”. Ab sahukaar maha-kanjoos, kaise deta? Lekin pata nahin uski haalat dekh kar ya apne hi ahankaar mein dooba vo bola, “kya hua, kya khayega? Teri aisi haalat kisne banai?”.Vo aadmi itne mein behosh ho gaya aur ab sahukaar ki fatt padi. Vo ghabra gaya aur apne naukaro ko bola ki iss aadmi ko yahan bahar charpayi par daal do. Sahukaar ko laga ki isko kuch ho gaya toh khamakhaa police vaalon kke chakkar mein padna padega. Ab sahukaar idhar se udhar chakkar lagane laga. Abhi vo soch mein pada tha ki uski patni ne andar se aa kar kaha, “ayiye, khana taiyaar hai, kha kha lijiye”, lekin sahukaar ke toh hosh faakhta the. Uski patni ne achraj se uski taraf dekha aur boli ki aap itne chintit kyu lag rahe hain? Uski patni bahut nekdil aur dayalu thi. Tab sahukaar ne apni patni ko saari baat batayi. Uski patni ne bhagwaan ko haath jode aur prarthana ki, “hey bhagwan, aaj toone paropkaar ka ek mauka dia hai. Dhanyawaad bhagwan”. Phir apne pati se boli, “theek hai, aap chinta mat kijiye”. Vo apne pati ki mann ki baar jaanti thi aur jaanti thi ki vah itne kanjoos hain ki uss aadmi ko ek damdi bhi nahin denge. Par vo ye paropkaar ka mauka apne haath se jaane bhi nahin dena chahti thi. Usne apne pati se kaha, “aap bilkul bhi chinta mat kijiye aur chaliye, bhojan kar lijiye”. Lekin sahukaar ke mann ko chain nahin mil raha tha. Apni patni se kehne laga ki agar isko kuch ho gaya toh lene ke dene pad jayenge. Tab uski patni ne apni putri ko bulaya aur usko kaha ki tum ja kar meri almari se ghee ka dibba utha kar laao. Sahukaar ye sunn kar chauk gaya! Vah bola, “ghee ka dibba kitne ka aata hai, pata hai?”. Sahukarin boli, “aap dekhna ki aapka dibba kya kamaal karta hai!”. Putri jab ghee ka dibba layi toh sahukarin boli ki ye ghee ka dibba khol kar uss aadmi ke paas rakh do aur sahukaar se kaha, “main usko theek kar dungi par aap bhi ye vaada karo ki aur kanjoosi nahin dikhaoge aur zarooratmand ki sahayata karoge”. Ghee ka dibba khol kar uss vyakti ke paas rakhte hi ghee ki Khushboo se uss uss bhookhe aadmi ki aankh khul gayi. Sahukaar dekhta reh gaya! Ab usne apni patni se vaada kia that oh usne uss vyakti ko khana khilaya aur daan de kar vida kar dia. Sahukaar ki patni bhi prasann ho gayi ki uske pati ke dil mein daya dharm jaag gaya hai aur vo pehle jaisa kanjoos nahin raha!
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zagareet11 · 2 years ago
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Food Offering and an Artist
मैं शूट खत्म करके फिल्मसिटी से निकल रही थी और मेरे साथ कुछ और भी लड़कियां लड़के चलने लगे जो कि घर वापस जा रहे थे। रात के समय लोग एकसाथ ही बाहर जाना चाहते हैं क्योंकि फिल्मसिटी जंगल जैसा है और चारो तरफ अंधेरा होता है।
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रात में कोई खूंखार जानवर न आ जाए इस बात का भी डर लगा रहता है। एक लड़की थी जिसने फ्राइड राइस का डिब्बा हाथ में लिया हुआ था जो उसे सेट पर ही मिला था लेकिन वह उसे खाना नहीं चाहती थी और फेंकना भी नहीं चाहती थी।
थोड़ी दूर चलकर बगल में एक और बहुत बड़ा सेट लगा हुआ था और बाहर पेड़ के नीचे दो आर्टिस्ट बैठे हुए थे जो क्लाउन के गेटअप में थे। कुर्सी लगाकर एक AD बैठी भी बैठी हुई थी। उस लड़की ने जब इस क्लाउन बने आर्टिस्ट को पेड़ के नीचे बैठे हुए देखा तो उसके मन में पता नहीं क्या आया। उसने पूछा कि मेरे पास चावल का डिब्बा है?? आप लेंगे? उस आर्टिस्ट ने मना कर दिया। मैंने बोला He is an Artist..
उस लड़की ने कहा आर्टिस्��� है तो क्या हुआ?? खाना साफ है। चावल तो खा ही सकता है। फिर हम आगे निकले तो उसने ऑटो वाले भैया से पूछा कि क्या आप ये चावल लेंगे?
ऑटो वाले भैया ने भी मना कर दिया। अंत में जाकर उसने कूड़ा उठाने वाले दादा को खाने का वह डिब्बा दिया और उन्होंने ले लिया।
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aravindpandey · 3 years ago
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दही चीनी खाकर ही यात्रा पर निकलने का नियम था हमारे यहां जिससे यात्रा निष्कंटक होने की बात कही जाती थी.. इसका वैज्ञानिक कारण भी था वह यह कि रास्ते में खाने पीने से होने वाले जीवाणु संक्रमण का ख़तरा भी दही खाने के बाद कम हो जाता था क्योंकि भारत में यह पूर्वज्ञात था कि दही Probiotic होती है... अब वैज्ञानिकों ने भी दही को probiotic द्रव्यों में प्रधान घोषित किया है और अमरीका आदि देशों में चिकित्सकों द्वारा Anti biotic दवाओं के साथ दही का डिब्बा भी साथ ही दिया जाता ��ै.. मेरा Youtube चैनल भी Subscribe कर लीजिए जिसमें आपको बहुत सारे उपयोगी वीडियो मिलते रहेंगे. 🇮🇳 अरविन्द पाण्डेय 🇮🇳 https://www.instagram.com/p/CZBkvVJvfp8/?utm_medium=tumblr
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pollonegro666 · 3 years ago
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2022/01/19
Ayer, antes que anocheciera, fuimos al supermercado de cerca de casa para comprar comida. Todos tuvimos lo que nos gusta. El Pollo con cuernos su brócoli. La Pollitita, gulas. Nuestro gatito, su lata de pollo. El Pollitito, fruta, en este caso mandarina, porque es de temporada. Mi amiguita, sardinas (ella muere por ellas). Y yo, mis hamburguesas para hacer a la parrilla, que sabe mejor.
Yesterday before dark we went to the supermarket near our house to buy food. We all got what we like. Chicken with horns, your broccoli. Little pink chicken, eels. Our kitty, her can of chicken cat food. Little blue chicken, fruit, in this case tangerine, because it's in season. My girlfriend, sardines (she dies for them). And I, my hamburgers to make on the grill, which tastes better.
Google Translation into Portuguese:
Ontem antes de escurecer fomos ao supermercado perto de nossa casa para comprar comida. Todos nós temos o que gostamos. Frango com chifres, seu brócolis. Galinha rosa, enguias. Nossa gatinha, sua lata de ração de frango. Galinha azul, fruta, neste caso tangerina, porque está na época. Minha namorada, sardinhas (ela morre por elas). E eu, meus hambúrgueres para fazer na grelha, que fica mais gostoso.
Google translation into Italian:
Ieri prima del tramonto siamo andati al supermercato vicino a casa nostra per comprare da mangiare. Abbiamo tutti quello che ci piace. Pollo con le corna, i tuoi broccoli. Pollo rosa, anguille. Il nostro gattino, la sua lattina di cibo per gatti con pollo. Pollo azzurro, frutta, in questo caso mandarino, perché è di stagione. La mia ragazza, le sardine (muore per loro). E io, i miei hamburger da fare sulla griglia, che hanno un sapore migliore.
Google Translation into French:
Hier avant la tombée de la nuit, nous sommes allés au supermarché près de chez nous pour acheter de la nourriture. Nous avons tous ce que nous aimons. Poulet avec des cornes, ton brocoli. Petit poulet rose, anguilles. Notre minou, sa boîte de nourriture pour chat au poulet. Petit poulet bleu, fruit, en l'occurrence mandarine, car c'est de saison. Ma copine, les sardines (elle meurt pour elles). Et moi, mes hamburgers à faire sur le gril, qui ont meilleur goût.
Google Translation into Arabic:
بالأمس قبل حلول الظلام ، ذهبنا إلى السوبر ماركت القريب من منزلنا لشراء بعض الطعام. لدينا كل ما نحب. دجاج بالقرون ، بروكلي خاصتك. دجاج وردي صغير ، ثعبان. قطتنا ، صندوقه من طعام قطة الدجاج. دجاجة زرقاء صغيرة ، فاكهة ، في هذه الحالة اليوسفي ، لأنها في الموسم. صديقتي ، السردين (تموت من أجلهم). وأنا ، شواء البرغر ، الذي طعمه أفضل.
Google Translation into German:
Gestern vor Einbruch der Dunkelheit gingen wir zum Supermarkt in der Nähe unseres Hauses, um etwas zu essen zu kaufen. Wir alle haben, was uns gefällt. Huhn mit Hörnern, dein Brokkoli. Kleines rosa Huhn, Aale. Unser Kätzchen, seine Kiste mit Hühnchen-Katzenfutter. Kleines blaues Huhn, Obst, in diesem Fall Mandarine, weil es Saison ist. Meine Freundin, Sardinen (sie stirbt für sie). Und ich, meine Grillburger, die schmecken besser.
Google Translation into Hebrew:
אתמול לפני רדת החשיכה הלכנו לסופר ליד הבית שלנו לקנות אוכל. לכולנו יש את מה שאנחנו אוהבים. עוף עם קרניים, הברוקולי שלך. עוף קטן ורוד, צלופחים. החתול שלנו, קופסת המזון לחתולים עוף שלו. עוף כחול קטן, פירות, במקרה הזה קלמנטינה כי זה בעונה. חברה שלי, סרדינים (היא מתה עליהם). ואני, ההמבורגרים שלי בגריל, הם טעימים יותר.
Google Translation into Hindu:
कल अंधेरा होने से पहले हम कुछ खाना खरीदने के लिए अपने घर के पास सुपरमार्केट गए। हम सभी के पास वह है जो हमें पसंद है। सींग वाला चिकन, आपकी ब्रोकली। थोड़ा गुलाबी चिकन, ईल। हमारी किटी, चिकन बिल्ली के खाने का उसका डिब्बा। थोड़ा नीला चिकन, फल, इस मामले में कीनू क्योंकि यह मौसम में है। मेरी प्रेमिका, सार्डिन (वह उनके लिए मर रही है)। और मैं, मेरे ग्रील्ड बर्गर, वे बेहतर स्वाद लेते हैं।
Google Translation into Russian:
Вчера до наступления темноты мы пошли в супермаркет недалеко от нашего дома, чтобы купить еды. У всех нас есть то, что нам нравится. Курица с рожками, твоя брокколи. Маленький розовый цыпленок, угри. Наш котенок, его коробка куриного кошачьего корма. Маленький голубой цыпленок, фрукты, в данном случае мандарин, потому что это сезон. Моя подруга, сардины (она умирает от них). А я, мои гамбургеры на гриле, вкуснее.
Google Translation into Japanese:
昨日暗くなる前に家の近くのスーパーに行って食べ物を買いました。 私たちは皆、好きなものを持っています。 角のある鶏肉、ブロッコリー。 リトルピン��チキン、ウナギ。 私たちの子猫、彼のチキンキャットフードの箱。 小さな青い鶏肉、果物、この場合は季節なのでタンジェリン。 私のガールフレンド、イワシ(彼女は彼らのために死にかけています)。 そして、私、私のグリルしたハンバーガー、彼らはより良い味がします。
Google Translation into Korean:
어제 어두워지기 전에 우리는 집 근처 슈퍼마켓에 음식을 사러 갔다. 우리 모두는 우리가 좋아하는 것을 가지고 있습니다. 뿔 달린 치킨, 브로콜리. 작은 분홍색 닭, 장어. 우리 고양이, 닭 고양이 사료 상자. 작은 파란 닭, 과일, 이 경우에는 귤이 제철이기 때문입니다. 내 여자 친구, 정어리 (그녀는 그들을 위해 죽어 가고 있습니다). 그리고 내 구운 햄버거가 더 맛있습니다.
Google Translation into Chinese:
昨天天黑前,我们去家附近的超市买了些吃的。 我们都有自己喜欢的。 带角的鸡,你的西兰花。 小粉红鸡,鳗鱼。 我们的小猫,他的一盒鸡猫粮。 小蓝鸡,水果,在这种情况下是橘子,因为它是时令的。 我的女朋友,沙丁鱼(她为它们而死)。 而我,我的烤汉堡,味道更好。
Google Translation into Persian:
دیروز قبل از تاریک شدن هوا برای خرید غذا به سوپرمارکت نزدیک خانه مان رفتیم. همه ما چیزی را داریم که دوست داریم. مرغ با شاخ، کلم بروکلی شما. مرغ صورتی کوچولو، مارماهی. بچه گربه ما، جعبه غذای گربه مرغ او. مرغ آبی کوچولو، میوه، در این مورد نارنگی چون در فصل است. دوست دختر من، ساردین (او برای آنها می میرد). و من، برگرهای کبابی من، طعم بهتری دارند.
Google Translation into Ukrainian:
Вчора перед темрявою ми пішли в супермаркет біля нашого будинку, щоб купити їжу. Ми всі маємо те, що нам подобається. Курка з ріжками, ваша брокколі. Маленька рожева курка, вугри. Наш котик, його коробка курячого корму для котів. Маленька блакитна курочка, фрукти, в даному випадку мандарин, тому що сезон. Моя дівчина, сардини (вона вмирає від них). А у мене, мої бургери на грилі, вони смачніші.
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a-2-z-news · 3 years ago
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"स्वीटनेस फ़ॉर द सोल": इनसाइड करिश्मा कपूर की फ़ूड डायरीज़
“स्वीटनेस फ़ॉर द सोल”: इनसाइड करिश्मा कपूर की फ़ूड डायरीज़
करिश्मा कपूर को आज कुछ स्वादिष्ट बिस्किट खाने से कोई नहीं रोक सकता। क्यों? अभिनेत्री को हाल ही में स्वादिष्ट दिखने वाले बिस्कुट का एक डिब्बा मिला है और वह उनके बारे में बात करना बंद नहीं कर सकती है। करिश्मा एक डाई-हार्ड फूडी है। वह अच्छे भोजन में शामिल होना पसंद करती है, चाहे वह मिठाई का कटोरा हो, नाश्ता हो या स्वादिष्ट नमकीन भोजन हो। अभिनेत्री ने एक वीडियो साझा किया जिसमें वह आयताकार बिस्कुट के…
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everynewsnow · 4 years ago
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घर पर अपने डिनर की तारीख के लिए क्युरेटिड पेटू भोजन चाहते हैं? 'द डिनर बॉक्स' में आदेश
घर पर अपने डिनर की तारीख के लिए क्युरेटिड पेटू भोजन चाहते हैं? ‘द डिनर बॉक्स’ में आदेश
क्या आप चल रही महामारी के बीच घरों से बाहर निकलने से बच रहे हैं? हम समझते हैं, स्थिति सभी के लिए काफी क्रूर रही है। यद्यपि हम नई-सामान्य दुनिया के लिए अनुकूल हैं, लेकिन हम में से कुछ अभी भी सार्वजनिक स्थानों पर जाने के बारे में संदेह कर रहे हैं, काम के अलावा – रेस्तरां एक ऐसा उदाहरण है। हालांकि होटल और रेस्तरां सरकार द्वारा सुझाए गए प्रत्येक COVID प्रोटोकॉल को बनाए हुए हैं, कई लोग इसके बजाय घर पर…
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santram · 3 years ago
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सच्ची भक्ति और प्रेम से भगवान को भी जीता जा सकता है, पढ़िए एक संत की ये कहानी
एक सेठजी बड़े कंजूस थे. एक दिन उन्होंने दुकान पर बेटे को बैठा दिया और बोले कि बिना पैसे लिए किसी को कुछ मत देना, मैं अभी आया. अकस्मात् एक संत आए जो अलग-अलग जगह से एक समय की भोजन सामग्री लेते थे. लड़के से कहा बेटा जरा नमक दे दो. लड़के ने संत को डिब्बा खोलकर एक चम्मच नमक दिया.
सेठजी आ��� तो देखा कि डिब्बा खुला पड़ा था. सेठजी ने कहा कि क्या बेचा, बेटा बोला एक संत जो तालाब पर रहते हैं, उनको एक चम्मच नमक दिया था. सेठ का माथा ठनका, वो बोले अरे मूर्ख इसमें तो जहरीला पदार्थ है.
अब सेठजी भाग कर संत के पास गए. तब तक संत भोजन बनाकर भगवान का भोग लगाकर खाने की थाली लेकर बैठ चुके थे. सेठजी दूर से ही बोले महाराज रुकिए, आप जो नमक लाए थे, नमक नहीं था बल्कि जहरीला पदार्थ था. कृपा करके आप ये भोजन न करें.
संतजी बोले भाई हम तो प्रसाद लेंगे ही, क्योंकि भोग लगा दिया है. भोग लगाकर भोजन छोड़ नहीं सकते. अगर भोग नहीं लगता, तो भोजन बेशक छोड़ देते. ये कहकर संत ने भोजन को प्रसाद समझकर खाना शुरू कर दिया.
सेठजी के होश उड़ गए. वो रात भर वहीं बैठे रहे. सेठ को रह रहकर ये चिंता सता रही थी कि अगर संत को कुछ हो गया तो बड़ी बदनामी होगी. रात में अगर तबियत बिगड़ी तो कम से कम वैद्य को दिखा देंगे.
सोचते-सोचते उसे नींद आ गई. सुबह रोज की तरह संत जल्दी उठ गए और नदी में स्नान करने लगे. सेठजी ने कहा महाराज तबियत तो ठीक है? संत बोले भगवान की कृपा है. इसके बाद वे पूजा के लिए मंदिर चले गए.
जैसे ही संत ने मंदिर का द्वार खोला तो देखा कि भगवान के श्री विग्रह के दो भाग हो गए हैं और शरीर काला पड़ गया है. ये देखते ही सेठ को ��ब समझ आ गया कि भक्त के अटल विश्वास को देखकर भगवान ने भोजन का जहर भोग के रूप में स्वयं ग्रहण कर लिया और भक्त को प्रसाद ग्रहण कराया. इसके बाद सेठ ने तुरंत घर जाकर बेटे को दुकान सौंप दी और स्वयं संत की शरण में आकर भगवान की भक्ति करने लगा.
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bollywoodpapa · 3 years ago
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अक्षय कुमार के प्यार में पागल हुई थी 13 साल बड़ी रेखा, अक्षय को पाने के लिए कर दी सारी हदें पार!
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अक्षय कुमार के प्यार में पागल हुई थी 13 साल बड़ी रेखा, अक्षय को पाने के लिए कर दी सारी हदें पार!
दोस्तों बॉलीवुड के खिलाडी कुमार अक्षय कुमार अपने करियर के शुरुआती समय में अपनी फिल्मों के साथ साथ फिल्म की अभिनेत्रियों के साथ अफेयर के कारण भी काफी चर्चा में रहते थे। फिल्म इंडस्ट्री में काम करने के दौरान एक्टर के संबंध कई बड़ी अभिनेत्रियों के साथ रहे है। फिर चाहे बात शिल्पा शेट्टी की हो या फिर प्रियंका चोपड़ा की इन सभी बड़ी एक्ट्रेस के साथ उनका नाम जुड़ चुका है। वही 13 साल बड़ी एक्ट्रेस रेखा के साथ भी खिलाड़ी का नाम जुड़ चूका है।
बता दे की  साल 1996 में आई फिल्म खिलाड़ियों का खिलाड़ी के दौरान अक्षय कुमार और रेखा की नजदीकियों की खबरों ने सभी के होश उड़ा दिए थे। फिल्म में दोनों ने जमकर इंटीमेट सीन्स भी दिए थे। अक्षय कुमार रवीना टंडन को डेट कर रहे थे। ये जोड़ी साल 1994 में आई फिल्म मोहरा के दौरान एक दूसरे के करीब आई थी। लोगों ने ना सिर्फ फिल्मी पर्दे पर दोनों की जोड़ी को पसंद किया बल्कि असल जिंदगी में भी अक्षय-रवीना को अक्सर साथ देखा जाने लगा।
1995 में अक्षय और रवीना एक दूसरे को डेट करने लगे थे। इस दौरान दोनों ने फिल्म खिलाड़ियों का खिलाड़ी साइन की लेकिन फिल्म में रेखा की एंट्री के बाद चीजें खराब होने लगीं। अक्षय और रेखा के फिल्म में काफी इंटीमेट सीन थे जिसे दोनों ने बखूबी दिया और इसी दौरान दोनों की नजदीकियों की खबरे सामने आने लगीं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो रेखा अक्षय के लिए इस कदर दीवानी हो गई थीं कि वो उनके घर से खाना बनाकर लाने लगी थीं।
कहा जाता है कि ऐसा रेखा अक्षय के साथ ज्यादा वक्त बिताने के लिए किया करती थीं। अक्षय और रेखा की बढ़ती नजदीकियां रवीना को खटकने लगी थीं। एक बार रवीना ने अक्षय और रेखा को काफी करीब देख लिया था जिसके बाद एक्ट्रेस ने खुद चेतावनी देने का फैसला किया था। रवीना ने रेखा को अक्षय से दूर रहने की हिदायत भी दे दी थी। रवीना ने खुद एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया था। उन्होंने बताया था कि वो अक्षय को रिझाने की कोशिश करती थीं। अक्षय को रेखा से कभी कोई मतलब नहीं था, वो बस फिल्म के कारण चुप रहे थे। रेखा, अक्षय के लिए घर से खाने का डिब्बा लाती थीं और उन्हें अपने हाथों से खिलाती भी थीं। जब हद पार हो गई तो मुझे उन्हें बोलना पड़ा।
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corona-virs · 4 years ago
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एक सच्ची घटना सुनिए, एक संत की वे एक बार वृन्दावन गए, वहाँ कुछ दिन घूमे फिरे दर्शन किए ! जब वापस लौटने का मन किया तो, सोचा भगवान् को भोग लगा कर कुछ प्रसाद लेता चलूँ.. . संत ने रामदाने के कुछ लड्डू ख़रीदे मंदिर गए.. प्रसाद चढ़ाया और आश्रम में आकर सो गए.. सुबह ट्रेन पकड़नी थी . अगले दिन ट्रेन से चले.. सुबह वृन्दावन से चली ट्रेन को मुगलसराय स्टेशन तक आने में शाम हो गयी.. . संत ने सोचा.. अभी पटना तक जाने में तीन चार घंटे और लगेंगे.. भूख लग रही है.. मुगलसराय में ट्रेन आधे घंटे रूकती है.. . चलो हाथ पैर धोकर संध्या वंदन करके कुछ पा लिया जाय..! . संत ने हाथ पैर धोया और लड्डू खाने के लिए डिब्बा खोला..! . उन्होंने देखा लड्डू में चींटे लगे हुए थे.. उन्होंने चींटों को हटाकर एक दो लड्डू खा लिए..! . बाकी बचे लड्डू प्रसाद बाँट दूंगा ये सोच कर छोड़ दिए.! . पर कहते हैं न, संत ह्रदय नवनीत समाना ! . बेचारे को लड्डुओं से अधिक उन चींटों की चिंता सताने लगी..! . सोचने लगे.. ये चींटें वृन्दावन से इस मिठाई के डिब्बे में आए हैं..! . बेचारे इतनी दूर तक ट्रेन में मुगलसराय तक आ गए.! . कितने भाग्यशाली थे.. इनका जन्म वृन्दावन में हुआ था, . अब इतनी दूर से पता नहीं कितने दिन या कितने जन्म लग जाएँगे, इनको वापस पहुंचने में..! . पता नहीं ब्रज की धूल इनको फिर कभी मिल भी पाएगी या नहीं..!! . मैंने कितना बड़ा पाप कर दिया.. इनका वृन्दावन छुड़वा दिया . नहीं मुझे वापस जाना होगा.. . और संत ने उन चींटों को वापस उसी मिठाई के डिब्बे में सावधानी से रखा.. और वृन्दावन की ट्रेन पकड़ ली। . उसी मिठाई की दूकान के पास गए डिब्बा धरती पर रखा.. और हाथ जोड़ लिए.! . मेरे भाग्य में नहीं कि, तेरे ब्रज में रह सकूँ तो, मुझे कोई अधिकार भी नहीं कि, जिसके भाग्य में ब्रज की धूल लिखी है, उसे दूर कर सकूँ.! . दूकानदार ने देखा तो आया..! . महाराज चीटें लग गए तो, कोई बात नहीं आप दूसरी मिठाई तौलवा लो..! . संत ने कहा.. भईया मिठाई में कोई कमी नहीं थी..! . इन हाथों से पाप होते होते रह गया उसी का प्रायश्चित कर रहा हूँ..! . दुकानदार ने जब सारी बात जानी तो, उस संत के पैरों के पास बैठ गया.. भावुक हो गया..! . इधर दुकानदार रो रहा था... उधर संत की आँखें गीली हो रही थीं !! . बात भाव की है.. बात उस निर्मल मन की है.. बात ब्रज की है.. बात मेरे वृन्दावन की है..! . बात मेरे नटवर नागर और ��नकी राधारानी की है.. बात मेरे कृष्ण की राजधानी की है। बूझो तो बहुत कुछ है.. नहीं तो बस पागलपन है..! बस एक कहानी ! घर से जब भी बाहर जाये तो घर में विराजमान अप https://www.instagram.com/p/CRLBwoUlqR0/?utm_medium=tumblr
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nirajkumarsblog · 4 years ago
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एक वकील ने सुनाया हुआ एक हृदयस्पर्शी किस्सा -
"मै अपने चेंबर में बैठा हुआ था, एक आदमी दनदनाता हुआ अन्दर घुसा।
उसके हाथ में कागज़ो का बंडल, धूप में काला हुआ चेहरा, बढ़ी हुई दाढ़ी, सफेद कपड़े जिनमें पांयचों के पास मिट्टी लगी थी।"
उसने कहा - "उसके पूरे फ्लैट पर स्टे लगाना है, बताइए, क्या क्या कागज और चाहिए... क्या लगेगा खर्चा... "
मैंने उन्हें बैठने का कहा -
"रग्घू, पानी दे इधर" मैंने आवाज़ लगाई
वो कुर्सी पर बैठे
उनके सारे कागजात मैंने देखे, उनसे सारी जानकारी ली, आधा पौना घंटा गुजर गया।
"मै इन कागज़ो को देख लेता हूँ फिर आपकी केस पर विचार करेंगे। आप ऐसा कीजिए, अगले शनिवार को मिलिए मुझसे।"
चार दिन बाद वो फिर से आए- वैसे ही कपड़े
बहुत डेस्परेट लग रहे थे
अपने भाई पर गुस्सा थे बहुत
मैंने उन्हें बैठने का कहा
वो बैठे
ऑफिस में अजीब सी खामोशी गूंज रही थी।
मैंने बात की शुरुआत की बाबा, मैंने आपके सारे पेपर्स देख लिए।
और आपके परिवार के बारे में और आपकी निजी जिंदगी के बारे में भी मैंने बहुत जानकारी हासिल की।
मेरी जानकारी के अनुसार:
आप दो भाई है, एक बहन है,
आपके माँ-बाप बचपन में ही गुजर गए।
बाबा आप नौवीं पास है और आपका छोटा भाई इंजिनियर है।
आपने छोटे भाई की पढ़ाई के लिए आपने स्कूल छोड़ा, लोगो के खेतों में दिहाड़ी पर काम किया,
कभी अंग भर कपड़ा और पेट भर खाना आपको नहीं मिला फिर भी भाई के पढ़ाई के लिए पैसों की कमी आपने नहीं होने दी।
एक बार खेलते खेलते भाई पर किसी बैल ने सींग घुसा दिए तब भाई लहूलुहान हो गया।
फिर आपने उसे कंधे पर उठा कर 5 किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल लेे गए।
सही देखा जाए तो आपकी उम्र भी नहीं थी ये समझने की, पर भाई में जान बसी थी आपकी।
माँ बाप के बाद मै ही इन का माँ-बाप… ये भावना थी आपके मन में।
फिर आपका भाई इंजीनियरिंग में अच्छे कॉलेज में एडमिशन ले पाया और आपका दिल खुशी से भरा हुआ था।
फिर आपने जी तोड़ मेहनत की।
80,000 की सालाना फीस भरने के लिए आपने रात दिन एक कर दिया यानि बीवी के गहने गिरवी रख के, कभी साहूकार कार से पैसा ले कर आपने उसकी हर जरूरत पूरी की।
फिर अचानक उसे किडनी की तकलीफ शुरू हो गई, डॉक्टर ने किडनी निकालने का कहा और
तु�� ने अगले मिनट में अपनी किडनी उसे दे दी यह कह कर कि कल तुझे अ��सर बनना है,
नौकरी करनी है, कहाँ कहाँ घूमेगा बीमार शरीर लेे के। मुझे गाँव में ही रहना है, ये कह कर किडनी दे दी उसे।
फिर भाई मास्टर्स के लिए हॉस्टल पर रहने गया।लड्डू बने, देने जाओ, खेत में मकई खाने तैयार हुई, भाई को देने जाओ, कोई तीज त्योहार हो, भाई को कपड़े करो।
घर से हॉस्टल 25 किलोमीटर तुम उसे डिब्बा देने साइकिल पर गए।हाथ का निवाला पहले भाई को खिलाया तुमने।
फिर वो मास्टर्स पास हुआ, तुमने गाँव को खाना खिलाया।फिर उसने उसी के कॉलेज की लड़की जो दिखने में एकदम सुंदर थी से शादी कर ली तुम सिर्फ समय पर ही वहाँ गए।भाई को नौकरी लगी, 3 साल पहले उसकी शादी हुई, अब तुम्हारा बोझ हल्का होने वाला था।
पर किसी की नज़र लग गई आपके इस प्यार को।
शादी के बाद भाई ने आना बंद कर दिया।
पूछा तो कहता है मैंने बीवी को वचन दिया है।
घर पैसा देता नहीं, पूछा तो कहता है कर्ज़ा सिर पे है।
पिछले साल शहर में फ्लैट खरीदा।पैसे कहाँ से आए पूछा तो कहता है कर्ज लिया है।
मैंने मना किया तो कहता है भाई, तुझे कुछ नहीं मालूम, तू निरा गवार ही रह गया।
अब तुम्हारा भाई चाहता है गाँंव की आधी खेती बेच कर उसे पैसा दे दे।
इतना कह के मैं रुका - रग्घू ने लाई चाय की प्याली मैंने मुँह से लगाई -
"तुम चाहते हो भाई ने जो मांगा वो उसे ना दे कर उसके ही फ्लैट पर स्टे लगाया जाए - क्यों यही चाहते हो तुम..."
वो तुरंत बोला, "हां"
मैंने कहा - हम स्टे लेे सकते है, भाई के प्रॉपर्टी में हिस्सा भी माँग सकते हैं
*पर….*
1) तुमने उसके लिए जो खून पसीना एक किया है वो नहीं मिलेगा
2) तुम्हारीे दी हुई किडनी वापस नहीं मिलेगी
3) तुमने उसके लिए जो ज़िन्दगी खर्च की है वो भी वापस नहीं मिलेगी।
मुझे लगता है इन सब चीजों के सामने उस फ्लैट की कीमत शुन्य है।
भाई की नीयत फिर गई, वो अपने रास्ते चला गया अब तुम भी उसी कृतघ्न सड़क पर मत जाओ।
वो भिखारी निकला,
तुम दिलदार थे।
दिलदार ही रहो …..
तुम्हारा हाथ ऊपर था,
ऊपर ही रखो।
कोर्ट कचहरी करने की बजाय बच्चों को पढ़ाओ लिखाओ।पढ़ाई कर के तुम्हारा भाई बिगड़ गया लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि तुम्हारे बच्चे भी ऐसा करेंगे।"
वो मेरे मुँह को ताकने लगा।
उठ के खड़ा हुआ, सब काग़ज़ात उठाए और आँखे पोछ��े हुए बोला - "चलता हूँ, वकील साहब।"
उसकी रूलाई फुट रही थी और वो मुझे दिख ना जाए ऐसी कोशिश कर रहा था।
इस बात को अरसा गुजर गया
*कल वो*
अचानक मेरे ऑफिस में आया।
कलमों में सफेदी झाँक रही थी उसके। साथ में एक नौजवान था और हाथ में थैली।
मैंने कहा- "बाबा, बैठो"
उसने कहा, "बैठने नहीं आया वकील साहब, मिठाई खिलाने आया हूँ । ये मेरा बेटा, बैंक मैनेजर है बैंगलोर रहता है, कल आया गाँव।अब तीन मंजिला मकान बना लिया है वहाँ।थोड़ी थोड़ी कर के 10–12 एकड़ खेती खरीद ली अब।"
मै उसके चेहरे से टपकते हुए खुशी को महसूस कर रहा था
"वकील साहब, आपने मुझे कहा - कोर्ट कचहरी के चक्कर में मत पड़ो आपने बहुत नेक सलाह दी और मुझे उलझन से बचा लिया।
जबकि गाँव में सब लोग मुझे भाई के खिलाफ उकसा रहे थे।
मैंने उनकी नहीं, आपकी बात सुन ली और मैंने अपने बच्चो को लाइन से लगाया और भाई के पीछे अपनी ज़िंदगी बरबाद नहीं होने दी।
कल भाई और उनकी पत्नी भी घर आए थे।
पाँव छू छूकर माफी मांगने लगे।
मैंने अपने भाई को गले से लगा लिया।
और मेरी धर्मपत्नी ने उसकी धर्मपत्नी को गले से लगा लिया।
हमारे पूरे परिवार ने बहुत दिनों बाद एक साथ भोजन किया।
बस फिर क्या था आनंद की लहर घर में दौड़ने लगी।
मेरे हाथ का पेडा हाथ में ही रह गया
मेरे आंसू टपक ही गए आखिर. .. .
गुस्से को योग्य दिशा में मोड़ा जाए तो पछताने की जरूरत नहीं पड़े कभी
बहुत ही अच्छा है इस को समझना और अमल में लाना चाहिए।
यह एक सच्ची घटना है और बेमिसाल भी ....
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