#ऑफिस के लिए लंच बॉक्स
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"Celebrate by their side, and witness joy beyond words."
रक्षा बंधन की आप सबको हार्दिक शुभकामनाएं🌺🌺🌺🌺🌺
I am sharing a heart-touching story that goes for every festival and applies to all of us.
You may not realize it, but when you're celebrating a festival, there might be someone you know who has weathered the storms of life. When you stand by their side, the happiness reflected in their eyes is beyond words.
I don't know who wrote this post, but it brought tears to my eyes. One line from the entire post: "A brother said to his sisters, 'The time has come for the pilgrimage to the four holy sites
"मेरी छोटी बुआ...!"
रक्षाबंधन का त्यौहार पास आते ही मुझे सबसे ज्यादा मुंबई वाली बुआ जी की राखी के कूरियर का इन्तेज़ार रहता था.
कितना बड़ा पार्सल भेजती थी बुआ जी.
तरह-तरह के विदेशी ब्रांड वाले चॉकलेट,गेम्स, मेरे लिए कलर फूल ड्र���स , मम्मी के लिए साड़ी, पापाजी के लिए कोई ब्रांडेड शर्��.
इस बार भी बहुत सारा सामान भेजा था उन्होंने.
पटना और रामगढ़ वाली दोनों बुआ जी ने भी रंग बिरंगी राखीयों के साथ बहुत सारे गिफ्टस भेजे थे.
बस रोहतास वाली जया बुआ की राखी हर साल की तरह एक साधारण से लिफाफे में आयी थी
पांच राखियाँ, कागज के टुकड़े में लपेटे हुए रोली चावल और पचास का एक नोट.
मम्मी ने चारों बुआ जी के पैकेट डायनिंग टेबल पर रख दिए थे ताकि पापा ऑफिस से लौटकर एक नजर अपनी बहनों की भेजी राखियां और तोहफे देख लें...
पापा रोज की तरह आते ही टी टेबल पर लंच बॉक्स का थैला और लैपटॉप की बैग रखकर सोफ़े पर पसर गए थे.
"चारो दीदी की राखियाँ आ गयी है...
मम्मी ने पापा के लिए किचन में चाय चढ़ाते हुए आवाज लगायी थी...
"जया का लिफाफा दिखाना जरा...
पापा जया बुआ की राखी का सबसे ज्यादा इन्तेज़ार करते थे और सबसे पहले उन्हीं की भेजी राखी कलाई में बांधते थे....
जया बुआ सारे भाई बहनो में सबसे छोटी थी पर एक वही थी जिसने विवाह के बाद से शायद कभी सुख नहीं देखा था.
विवाह के तुरंत बाद देवर ने सारा व्यापार हड़प कर घर से बेदखल कर दिया था.
तबसे फ़ूफा जी की मानसिक हालत बहुत अच्छी नहीं थी. मामूली सी नौकरी कर थोड़ा बहुत कमाते थे .
बेहद मुश्किल से बुआ घर चलाती थी.
इकलौते बेटे श्याम को भी मोहल्ले के साधारण से स्कूल में डाल रखा था. बस एक उम्मीद सी लेकर बुआ जी किसी तरह जिये जा रहीं थीं...
जया बुआ के भेजे लिफ़ाफ़े को देखकर पापा कुछ सोचने लगे थे...
'गायत्री इस बार रक्षाबंधन के दिन हम सब सुबह वाली पैसेंजर ट्रेन से जया के घर रोहतास (बिहार )उसे बगैर बताए जाएंगे...
"जया दीदी के घर..!!
मम्मी तो पापा की बात पर एकदम से चौंक गयी थी...
आप को पता है न कि उनके घर मे कितनी तंगी है...
हम तीन लोगों का नास्ता-खाना भी जया दीदी के लिए कितना भारी हो जाएगा....वो कैसे सबकुछ मैनेज कर पाएगी.
पर पापा की खामोशी बता रहीं थीं उन्होंने जया बुआ के घर जाने का मन बना लिया है और घर मे ये सब को पता था कि पापा के निश्चय को बदलना बेहद मुश्किल होता है...
रक्षाबंधन के दिन सुबह वाली धनबाद टू डेहरी ऑन सोन पैसेंजर से हम सब ��ोहतास पहुँच गए थे.
बुआ घर के बाहर बने बरामदे में लगी नल के नीचे कपड़े धो रहीं थीं....
बुआ उम्र में सबसे छोटी थी पर तंग हाली और रोज की चिंता फिक्र ने उसे सबसे उम्रदराज बना दिया था....
एकदम पतली दुबली कमजोर सी काया. इतनी कम उम्र में चेहरे की त्वचा पर सिलवटें साफ़ दिख रहीं थीं...
बुआ की शादी का फोटो एल्बम मैंने कई बार देखा था. शादी में बुआ की खूबसूरती का कोई ज़वाब नहीं था. शादी के बाद के ग्यारह वर्षो की परेशानियों ने बुआ जी को कितना बदल दिया था.
बेहद पुरानी घिसी सी साड़ी में बुआ को दूर से ही पापा मम्मी कुछ क्षण देखे जा रहे थे...
पापा की आंखे डब डबा सी गयी थी.
हम सब पर नजर पड़ते ही बुआ जी एकदम चौंक गयी थी.
उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वो कैसे और क्या प्रतिक्रिया दे.
अपने बिखरे बालों को सम्भाले या अस्त व्यस्त पड़े घर को दुरुस्त करे.उसके घर तो बर्षों से कोई मेहमान नहीं आया था...
वो तो जैसे जमाने पहले भूल चुकी थी कि मेहमानों को घर के अंदर आने को कैसे कहा जाता है...
बुआ जी के बारे मे सब बताते है कि बचपन से उन्हें साफ सफ़ाई और सजने सँवरने का बेहद शौक रहा था....
पर आज दिख रहा था कि अभाव और चिंता कैसे इंसान को अंदर से दीमक की तरह खा जाती है...
अक्सर बुआ जी को छोटी मोटी जरुरतों के लिए कभी किसी के सामने तो कभी किसी के सामने हाथ फैलाना होता था...
हालात ये हो गए थे कि ज्यादातर रिश्तेदार उनका फोन उठाना बंद कर चुके थे.....
एक बस पापा ही थे जो अपनी सीमित तनख्वाह के बावजूद कुछ न कुछ बुआ को दिया करते थे...
पापा ने आगे बढ़कर सहम सी गयी अपनी बहन को गले से लगा लिया था.....
"भैया भाभी मन्नू तुम सब अचानक आज ?
सब ठीक है न...?
बुआ ने कांपती सी आवाज में पूछा था...
'आज वर्षों बाद मन हुआ राखी में तुम्हारे घर आने का..
तो बस आ गए हम सब...
पापा ने बुआ को सहज करते हुए कहा था.....
"भाभी आओ न अंदर....
मैं चाय नास्ता लेकर आती हूं...
जया बुआ ने मम्मी के हाथों को अपनी ठण्डी हथेलियों में लेते हुए कहा था
"जया तुम बस बैठो मेरे पास. चाय नास्ता गायत्री देख लेगी."
हमलोग बुआ जी के घर जाते समय रास्ते मे रूककर बहुत सारी मिठाइयाँ और नमकीन ले गए थे......
मम्मी किचन में जाकर सबके लिए प्लेट लगाने लगी थी...
उधर बुआ कमरे में पुरानी फटी चादर बिछे खटिया पर अपने भैया के पास बैठी थीं....
बुआ जी का बेटा श्याम दोड़ कर फ़ूफा जी को बुला लाया था.
राखी बांधने का मुहूर्त शाम स��त बजे तक का था.मम्मी अपनी ननद को लेकर मॉल चली गयी थी सबके लिए नए ड्रेसेस खरीदने और बुआ जी के घर के लिए किराने का सामान लेने के लिए....
शाम होते होते पूरे घर का हुलिया बदल गया था
नए पर्दे, बिस्तर पर नई चादर, रंग बिरंगे डोर मेट, और सारा परिवार नए ड्रेसेस पहनकर जंच रहा था.
न जाने कितने सालों बाद आज जया बुआ की रसोई का भंडार घर लबालब भरा हुआ था....
धीरे धीरे एक आत्म विश्वास सा लौटता दिख रहा था बुआ के चेहरे पर....
पर सच तो ये था कि उसे अभी भी सब कुछ स्वप्न सा लग रहा था....
बु�� जी ने थाली में राखियाँ सज़ा ली थी
मिठाई का डब्बा रख लिया था
जैसे ही पापा को तिलक करने लगी पापा ने बुआ को रुकने को कहा
सभी आश्चर्यचकित थे...
" दस मिनट रुक जाओ तुम्हारी दूसरी बहनें भी बस पहुँचने वाली है. "
पापा ने मुस्कुराते हुए कहा तो सभी पापा को देखते रह गए....
तभी बाहर दरवाजे पर गाड़ियां के हॉर्न की आवाज सुनकर बुआ ,मम्मी और फ़ूफ़ा जी दोड़ कर बाहर आए तो तीनों बुआ का पूरा परिवार सामने था....
जया बुआ का घर मेहमानों से खचाखच भर गया था.
महराजगंज वाली नीलम बुआ बताने लगी कि कुछ समय पहले उन्होंने पापा को कहा था कि क्यों न सब मिलकर चारो धाम की यात्रा पर निकलते है...
बस पापा ने उस दिन तीनों बहनो को फोन किया कि अब चार धाम की यात्रा का समय आ गया है..
पापा की बात पर तीनों बुआ सहमत थी और सबने तय किया था कि इस बार जया के घर सब जमा होंगे और थोड़े थोड़े पैसे मिलाकर उसकी सहायता करेंगे.
जया बुआ तो बस एकटक अपनी बहनों और भाई के परिवार को देखे जा रहीं थीं....
कितना बड़ा सरप्राइस दिया था आज सबने उसे...
सारी बहनो से वो गले मिलती जा रहीं थीं...
सबने पापा को राखी बांधी....
ऐसा रक्षाबन्धन शायद पहली बार था सबके लिए...
रात एक बड़े रेस्त्रां में हम सभी ने डिनर किया....
फिर गप्पे करते जाने कब काफी रात हो चुकी थी....
अभी भी जया बुआ ज्यादा बोल नहीं रहीं थीं.
वो तो बस बीच बीच में छलक आते अपने आंसू पोंछ लेती थी.
बीच आंगन में ही सब चादर बिछा कर लेट गए थे...
जया बुआ पापा से किसी छोटी बच्ची की तरह चिपकी हुई थी..
मानो इस प्यार और दुलार का उसे वर्षों से इन्तेज़ार था
बातें करते करते अचानक पापा को बुआ का शरीर एकदम ठंडा सा लगा तो पापा घबरा गए थे...
सारे लोग जाग गए पर जया बुआ हमेशा के लिए सो गयी थी....
पापा की गोद में एक बच्ची की तरह लेटे लेटे वो विदा हो चुकी ..
पता नही कितने दिनों से बीमार थीं....
और आज तक किसी से कही भी नही थीं...
आज सबसे मिलने क�� ही आशा लिये जिन्दा थीं शायद...!!
अपनों का ध्यान रखें।
जो "समर्थ" है वो अपने असमर्थ रिश्तेदारों एवं मित्रों की समय पर "सहायता" अवश्य करें।
#SupportAndCelebrate#SharedJoy#StandByThem#SilentStrength#FestivalKindness#TogetherInJoy#UnspokenHappiness
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पहला पीरियड का अनुभव और My Tiara period box वेबसाइट की मदद
यह एक साधारण स्कूल का दिन था, जैसे बाकी दिन होते हैं। मैंने सुबह उठकर स्कूल की तैयारी की और जल्दी से बस पकड़ी। लेकिन उस दिन कुछ अलग महसूस हो रहा था, हालाँकि मैं समझ नहीं पा रही थी कि क्या है। स्कूल के पहले कुछ पीरियड्स में मैंने पेट के निचले हिस्से में हल्का सा दर्द महसूस किया, जैसे कोई ऐंठन हो रही हो। मैंने सोचा कि शायद यह परीक्षा की घबराहट की वजह से है, जो कि उस दिन होने वाली थी।
लंच के दौरान, मैं बाथरूम गई, और तब मैंने देखा—मेरे अंडरवियर पर खून का एक छोटा सा धब्बा था। मेरा दिल तेज़ी से धड़कने लगा। मैंने इस पल का इंतजार किया था, क्योंकि मैंने स्वास्थ्य क्लास और मम्मी से इसके बारे में सुना था, लेकिन फिर भी, मैं थोड़ी सी घबराई हुई थी। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या करना है।
मुझे मम्मी की बातें याद आईं, उन्होंने मुझे पीरियड्स के बारे में बताया था और कहा था कि यह बड़े होने का एक स्वाभाविक हिस्सा है, लेकिन उस पल में, मैं बहुत उलझन में थी। मेरे पास पैड नहीं था, और मुझे अपनी किसी दोस्त से पूछने में शर्म आ रही थी। मैंने जल्दी से खुद को साफ किया और खुद को शांत करने की कोशिश की।
सौभाग्य से, मेरे पास मेरा फोन था। मैंने मम्मी को मैसेज किया और उन्हें बताया कि क्या हुआ है। उन्होंने तुरंत जवाब दिया और मुझे सांत्वना दी। उन्होंने मुझे स्कूल की नर्स के पास जाने के लिए कहा और कहा कि अगर मुझे कुछ भी चाहिए तो वे वहीं होंगी। उनकी हिम्मत देने वाली बातों से मुझे थोड़ी हिम्मत मिली और मैं नर्स के ऑफिस चली गई।
नर्स बहुत ही समझदार और दयालु थीं। उन्होंने मुझे एक पैड दिया, उसका उपयोग कैसे करना है समझाया, और यहां तक कि कुछ अतिरिक्त पैड्स भी दिए ताकि मैं बाद में उपयोग कर सकूं। उन्होंने मुझे याद दिलाया कि यह हर लड़की के साथ होता है और इसमें शर्मिंदा होने की कोई बात नहीं है। उनसे बात करके मुझे थोड़ी और आत्मविश्वास महसूस हुई।
बाकी दिन थोड़ा अजीब सा गुजरा। मुझे अपने अंडरवियर में पैड का एहसास हर वक्त हो रहा था, और मैं चिंतित थी कि कोई इसे देख न ले, लेकिन जाहिर है, किसी ने नहीं देखा। ऐंठन जारी रही, लेकिन यह सहनीय थी। मैंने अपनी क्लासेस पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की, लेकिन मेरा मन बार-बार उसी घटना पर लौट आता।
जब मैं घर पहुंची, तो मम्मी मुझे एक गर्म मुस्कान के साथ इंतजार कर रही थीं। उन्होंने मुझे गले लगाया और कहा कि उन्हें मुझ पर गर्व है कि मैंने इसे कैसे संभाला। हमने इस बारे में और बात की कि आने वाले महीनों में क्या उम्मीद की जा सकती है—कैसे अपने चक्र को ट्रैक करना है, अलग-अलग प्रकार के पीरियड प्रोडक्ट्स, और इस दौरान खुद की देखभाल कैसे करनी है।
उस रा��, मैं बिस्तर पर एक मिश्रित भावना के साथ सोई—इस बात की राहत कि दिन खत्म हो गया, इस बात पर गर्व कि मैंने इस नई चुनौती का सामना किया, और आने वाले दिनों के बारे में थोड़ी घबराहट भी थी। लेकिन साथ ही, मुझे एक नए प्रकार की परिपक्वता महसूस हुई, यह जानते हुए कि मैंने जीवन के एक नए चरण में कदम रखा है।
और हाँ, मैंने My Tiara वेबसाइट से "The First Period Care Box" ऑर्डर किया था, जो मेरे लिए बहुत ही मददगार साबित हुआ। उसमें मौजूद सभी चीज़ें बहुत काम की थीं और इस महत्वपूर्ण समय में मेरी काफी सहायता की।
My Tiara वेबसाइट की सहायता और इसकी खासियत
My Tiara वेबसाइट पर उपलब्ध "The First Period Care Box" में सभी जरूरी चीज़ें शामिल थीं। इसमें पैड्स, इमरजेंसी पाउच, एक छोटी सी गाइड बुक, और यहाँ तक कि कुछ आरामदायक चीज़ें भी थीं जो पहली बार पीरियड का अनुभव करने में मदद करती हैं। इस बॉक्स ने मुझे बहुत आत्मविश्वास दिया, क्योंकि मैं पहले से तैयार थी।
वेबसाइट का डिज़ाइन बहुत ही यूज़र-फ्रेंडली है, और वहाँ पर कई तरह के प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं जो किशोरियों और महिलाओं की जरूरतों के अनुसार तैयार किए गए हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि वेबसाइट पर हर प्रोडक्ट के बारे में पूरी जानकारी दी गई है—कब और कैसे इस्तेमाल करना है, और क्या-क्या लाभ हैं।
My Tiara का ब्लॉग सेक्शन भी बहुत मददगार है। वहाँ मैंने पीरियड्स से जुड़े कई आर्टिकल्स पढ़े, जिनसे मुझे अपने शरीर में होने वाले बदलावों के बारे में समझने में काफी मदद मिली। ब्लॉग में न केवल शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़े टिप्स दिए गए हैं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया गया है।
जब मैंने अपनी माँ को बताया कि मैंने My Tiara से यह बॉक्स ऑर्डर किया है, तो वह भी बहुत खुश हुईं, क्योंकि उन्होंने देखा कि यह बॉक्स सचमुच कितनी अच्छी तरह से मेरी मदद कर रहा है। अब, मेरे पास वे सारी चीज़ें थीं जिनकी मुझे जरूरत थी, और मुझे किसी भी चीज़ की चिंता नहीं करनी पड़ी। यह बॉक्स हर लड़की के लिए एक अनिवार्य साथी बन गया है जो पहली बार पीरियड्स का सामना कर रही है।
My Tiara वेबसाइट ने मेरे पहले पीरियड के अनुभव को बहुत सहज और सकारात्मक बना दिया। मुझे खुशी है कि मैंने इस वेबसाइट से "The First Period Care Box" ऑर्डर किया, और अब मैं इसे अपनी दोस्तों को भी सुझाती हूँ। My Tiara ने मुझे न केवल एक प्रोडक्ट दिया, बल्कि आत्मविश्वास और जानकारी भी दी, जो इस नए जीवन के चरण को संभालने में बहुत मददगार साबित हुआ।
आप क्या सवाल पूछना चाहते हैं? कृपया बताएं, मैं आपकी मदद करने के लिए यहाँ ��ूँ।
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आपके भोजन को गर्म और ताज़ा रखने के लिए 5 प्रीमियम गुणवत्ता वाले लंच बॉक्स
आपके भोजन को गर्म और ताज़ा रखने के लिए 5 प्रीमियम गुणवत्ता वाले लंच बॉक्स
काम के एक लंबे और थकाऊ दिन पर, केवल एक चीज जिसका हम इंतजार करते हैं, वह है लंच ब्रेक! यह लंच ब्रेक है जो एक सुकून का पल देता है। गर्म और ताज़ा पौष्टिक दोपहर का भोजन कुछ ही समय में हमारा उत्साह बढ़ा देता है। लेकिन अक्सर हमारे लंच बॉक्स को खोलना और हमारे बैग में दाल बिखरी हुई और रोटी गीली हो जाती है, यह देखना निराशाजनक हो सकता है। ऐसे में एक स्पिल-प्रूफ लंच बॉक्स बचाव के लिए आता है। इसलिए, एक अच्छी…
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#अमेज़न ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल#ऑफिस के लिए लंच बॉक्स#खाने का डिब्बा#छूट और सौदे#रसोई के उपकरणों पर छूट और सौदे#लंच बॉक्स ऑफर#लंच बॉक्स पर बिक्री
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होता तो कितना अच्छा होता कि हम इस सुबह को अपनी जेब में भरकर साथ ऑफिस ले जा सकते। मग़र अच्छा हुआ कि ऐसा नहीं है वर्ना लौट के आने की चाह खत्म हो जाती। इसलिए जो जहाँ है वहीं ठीक है । फलों की दुकान पर नारियल काटता एक लड़का। हाथों में लंच बॉक्स लिए बस के इंतजार में खड़ी औरतें। अपने प्रेमी के ठुकराए जाने के बाद चिंगम चबाती बस के इंतजार में खड़ी लड़कियाँ। अपने कंधों पर जिम्मेदारियां लटकाए टैक्सी के इंतजार में खड़े लड़के। और वो कचोरी वाला बूढ़ा। बीड़ी पी पी कर सड़क किनारे खड़ा ज़िन्दगी गुज़ार देता है। एक आह तक नहीं करता। मुश्किलों के बीच जीवन को पल पल जी लेने का हुनर सिर्फ़ मेरे शहर के पास है। कभी तुम मेरे शहर आना। दोनों उस सड़क किनारे लड़के से मोमोज खाएंगे। उस लड़के से जिसकी उम्र अभी स्कूल जाने की है। क्या सच में जो जहाँ है वहीं ठीक है? #morning #writing #poetry #hindiwriting https://www.instagram.com/p/CUEaPR3FSeu/?utm_medium=tumblr
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कैदियों के साथ अभिषेक बच्चन ने किया लंच, साझा किया जेल में 'दासवी' की शूटिंग का अनुभव
कैदियों के साथ अभिषेक बच्चन ने किया लंच, साझा किया जेल में ‘दासवी’ की शूटिंग का अनुभव
http://www.gujaratsamachar.com/{{metaservice.metaImage()}} – फिल्म 7 अप्रैल, 2022 को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने के लिए तैयार है नई दिल्ली तिथि। 06 अप्रैल 2022, बुधवार बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बच्चन का करियर बॉलीवुड में उतार-चढ़ाव भरा रहा है। अभिनेता ने अपने करियर में कई फिल्में की हैं जिसके लिए उन्हें प्रशंसा मिली है लेकिन उनकी ज्यादातर फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाईं। लेकिन ओटीटी…
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आर्यन के लिए खाना और बाकी सामान लेकर पहुंचा शाहरुख का स्टाफ, सामने आई फोटो!
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आर्यन के लिए खाना और बाकी सामान लेकर पहुंचा शाहरुख का स्टाफ, सामने आई फोटो!
दोस्तों बॉलीवुड के किंग खान के बेटे आर्यन खान ड्रग्स मामले में एनसीबी की कस्टडी थे, 8 अक्टूबर को आर्यन खान ड्रग्स केस मामले में फैसला आना है। आज 11 बजे कोर्ट में आर्यन समेत अन्य आरोपियों की बेल पर सुनवाई करेगी। आर्यन खान को एनसीबी ने 2 अक्टूबर को मुंबई में एक क्रूज शिप पर छापेमारी के बाद 3 तारीख को गिरफ्तार किया था। तब से लेकर अब तक वह एनसीबी की कस्टडी में थे। लेकिन 7 अक्टूबर को कोर्ट की सुनवाई के दौरान उन्हें, अन्य आरोपियों समेत न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
इसी बीच शाहरुख खान के स्टाफ को हाल ही एनसीबी ऑफिस के बाहर आर्यन के लिए खाना और अन्य जरूरी सामान के साथ देखा गया। इसकी कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं। तस्वीरों में शाहरुख के स्टाफ मेंबर्स हाथ में एक सूटकेस और लंच बॉक्स लिए दिख रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, इससे पहले गौरी खान बेटे आर्यन के लिए बर्गर लेकर पहुंची थीं, लेकिन एनसीबी ने इसकी इजाजत नहीं दी।
वहीं जब आर्यन एनसीबी कस्टडी में थे तो उन्हें व अन्य आरोपियों को पूड़ी-भाजी, पराठा और दाल-चावल खाने के लिए दिया जा रहा था। यह खाना उनके लिए सड़क के किनारे ही एक भोजनालय से मंगाया जा रहा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दाल-चावल के साथ बिरयानी भी दी गई जो पास के ही एक रेस्टोरेंट से मंगवाई गई थी।
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बिहार झारखंड का प्रसिद्ध देसी व्यंजन सत्तु का पराठा रेसिपी देखकर ब्रेकफास्ट डिनर में बनाएं यह स्वादिष्ट आहार | Sattu ka paratha Recipe in Hindi
बिहार झारखंड का प्रसिद्ध देसी व्यंजन सत्तु का पराठा रेसिपी देखकर ब्रेकफास्ट डिनर में बनाएं यह स्वादिष्ट आहार | Sattu ka paratha Recipe in Hindi #sattukaparatha #sattukaparatharecipe #sattukaparathainhindi #sattukaparathabihari #sattukaparathas
चना सत्तु का पराठा रेसिपी से तैयार करें यह व्यंजन। चना सत्तू के भरवां से तैयार किया हुआ यह व्यंजन खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक गुणों से भी भरपूर है। यह व्यंजन को नाश्ते में या फिर कोई भी मुख्य भोजन में सेवन किया जा सकता है। स्कूल या ऑफिस के लंच बॉक्स के लिए यह एक उत्तम चयन है। यह व्यंजन को तैयार करने में अधिक वक्त भी नहीं लगता है। यह रेसिपी को यहाँ पर २४ आकर्षक चित्र श्रृंखला के…
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'वर्क फ्रॉम होम' से 'वर्क फ्रॉम ऑफिस' की ओर बढ़े कदम [Source: Patrika : India's Leading Hindi News Portal]
‘वर्क फ्रॉम होम’ से ‘वर्क फ्रॉम ऑफिस’ की ओर बढ़े कदम [Source: Patrika : India’s Leading Hindi News Portal]
नई दिल्ली। कोरोना महामारी की जकड़ के बाद अब देश में स्थितियां ‘न्यू नॉर्मल’ की ओर बढ़ रही हैं। स्कूल व अन्य शैक्षणिक संस्थान भले ही पूरी तरह से न खुले हों, लेकिन नए लंच बॉक्स की बिक्री में ढाई सौ फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है। खरीदार हैं ऑफिस जाने वाले लोग। भारतीय अर्थव्यवस्था ‘वर्क फ्रॉम होम’ से ‘वर्क फ्रॉम ऑफिस’ की ओर कदम बढ़ा रही है। ऐसे में ऑफिस जाने वालों में नए लंच बॉक्स खरीदने के लिए…
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'वर्क फ्रॉम होम' से 'वर्क फ्रॉम ऑफिस' की ओर बढ़े कदम
नई दिल्ली। कोरोना महामारी की जकड़ के बाद अब देश में स्थितियां 'न्यू नॉर्मल' की ओर बढ़ रही हैं। स्कूल व अन्य शैक्षणिक संस्थान भले ही पूरी तरह से न खुले हों, लेकिन नए लंच बॉक्स की बिक्री में ढाई सौ फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है। खरीदार हैं ऑफिस जाने वाले लोग। भारतीय अर्थव्यवस्था 'वर्क फ्रॉम होम' से 'वर्क फ्रॉम ऑफिस' की ओर कदम बढ़ा रही है। ऐसे में ऑफिस जाने वालों में नए लंच बॉक्स खरीदने के लिए जबरदस्त क्रेज देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही गूगल ट्रेंड्स में भी कुछ और चीजें भी ट्रेंड में दिख रही है।
गूगल सर्च ट्रेंड में आगे 'हॉट टिफिन बॉक्स' - गूगल पर सर्च के ट्रेंड को देखें तो पिछले एक माह में कंज्यूमर्स में 'ऑफिस के लिए हॉट टिफिन बॉक्स' सर्च करने का ट्रेंड देखने को मिला है। हॉट टिफिन बॉक्स के लिए डिमांड में 250 फीसदी उछाल आया है, वहीं टिफिन कवर की मांग लगभग 100 फीसदी बढ़ी है। महामारी काल में लंच बॉक्स और बोतल की बिक्री में गिरावट आई थी।
फॉर्मल व ऑफिस वियर की बढ़ी बिक्री- फॉर्मल और ऑफिस वियर की बिक्री बढ़ी है। सितंबर तिमाही की तुलना में दिसंबर तिमाही में फॉर्मल वियर की बिक्री में 200 फीसदी बढ़त देखी गई है। कैजुअल फुटवियर रेंज की बिक्री भी बढ़ी है।
बढ़ता आत्मविश्वास- देश के कई हिस्सों में कोरोना के मामले घट रहे हैं, इसलिए लोगों में कामकाज के लिए बाहर जाने का आत्मविश्वास लौट रहा है। टिफिन बॉक्स के अलावा फॉर्मल कपड़े, जूते, बैग और घड़ी जैसी एक्सेसरीज की बिक्री में भी इजाफा हुआ है। इंडस्ट्री के लोगों का कहना है कि रिकवरी बढ़ रही है। पिछले कुछ महीनों से घड़ी के लिए मांग भी धीरे-धीरे बढ़ी है। जुलाई-सितंबर तिमाही में यह रिकवरी 50 फीसदी से थोड़ी ही ज्यादा थी। लेकिन अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में यह 90 फीसदी के करीब पहुंच गई।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/steps-from-work-from-home-to-work-from-office-6717416/
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Benefits of Taking Breakfast | Bananas, seasonal fruits, salads | waking up early in the morning and exercising
Health Fitness Tips in Hindi : आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में हर कोई फिट रहना चाहते है लेकिन वो अपने काम काज की वजह से अपने Health को समय नहीं दे पता और फिर उसकी बिमारिय बढ़ती जाती है| इसलिये आज हम आपके लिये कुछ ऐसी फिटनेस टिप्स / Fitness Tips In Hindi जिसे पढ़कर और Use करके आप एकदम से फिट हो जायेंगे और इसे आपके रूटीन में है| उसके लिये आपको अलग से समय निकालने की जरुरत नही| और ये अच्छे स्वस्थ के लिये भी अच्छी है|
फिट रहने की अच्छीं आदतें (Good Habits To Stay Fit):
जबरदस्त फिटनेस (Tremendous Fitness)-
स्वास्थ्य और जबरदस्त फिटनेस हासिल करने के लिए आपको घंटो जिम में पसीना बहाने की जरूरत नहीं है। कुछ आसान उपायों को आप अपने रूटीन में अपनाकर बेहतर फिटनेस हासिल कर सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही उपाय जो आपको हमेशा फिट रखेंगे।
ब्रेकफास्ट रखेगा एनर्जी से भरपूर (Breakfast Will Be Full Of Energy)-
सुबह में हेल्थी ब्रेकफास्ट बेहद जरूरी है। ब्रेकफास्ट ठीक से न करने पर आपको थकान लगना और वजन बढ़ने जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
सुबह खाएं दो केले (Eat Two Bananas In The Morning)-
आज से आप अपने ब्रेकफास्ट में दो केलों को जरूर शामिल करें। रोजाना नाश्ते में सिर्फ दो केले खाने से आप दिनभर ऊर्जावान रहेंगे। साथ ही आपका दिल की बीमारियों से भी बचाव होगा।
10 मिनट एक्सरसाइज का देखें कमाल (See Amazing 10 Minutes Exercise)-
सुबह अपने लिए सिर्फ 10 मिनट निकालें। इन 10 मिनट में पार्क में जाकर हल्की दौड़, योगा, बॉडी वेट एक्ससाइज आदि में से आपको जो भी पसंद हो जरूर करें।
डिनर में इस बात का रखें ध्यान (Keep This In Mind During Dinner)-
हमेशा आपकी कोशिश होनी चाहिए कि रात को डिनर आठ बजे तक जरूर कर लें। डिनर में जितना संभव हो कम से कम खाएं। इसके अलावा रात में आपको मीठा का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
सप्ताह में एक बार फॉस्ट फूड (Once A Week Fast Food)-
फॉस्ट फूड खाने का बहुत मन करे तो इसके लिए सप्ताह का कोई एक दिन निर्धारित कर लें और इस दिन फॉस्ट फूड को इंजॉय करें। ज्यादा फॉस्ट फूड खाने से आप मोटापे का शिकार हो जाते हैं।
घूमने के लिए निकालें समय (Take Time Out)-
पैसा कमाने के लिए मशीन न बनें बल्कि अपने पूरे परिवार के साथ दो तीन माह में कुछ दिनों के लिए कहीं बाहर घूमने जाएं। इस दौरान ��फिस के कामों की टेंशन से दूर पिकनिक को पूरा इंजॉय करें।
खूब खाएं सलाद (Eat Plenty Of Salad)-
भोजन में कच्ची चीजें खूब खाएं। खाने के साथ सलाद का अधिक से अधिक सेवन करें। भोजन में अंकुरित चनों और दालों को शामिल करें।
सुबह जल्दी उठना (Get Up Early In The Morning)-
सुबह जल्दी उठने और रात को जल्दी सोने की आदत बनाएं। सिर्फ इतना करने से ही आपकी स्वास्थ्य संबंधित आधी से अधिक समस्याएं दूर हो जाएंगी।
मौसमी फलों का सेवन (Seasonal Fruit Intake)-
मौसमी फलों का अधिक से अधिक सेवन करने से आप बीमारियों से दूर रहते हैं। इन फलों को अपने ब्रेकफास्ट और लंच में शामिल करें। इनके जूस का सेवन भी आप कर सकते हैं।
खूब पिएं पानी (Drink Plenty Of Water)-
गर्मी का मौसम हो या सर्दी का दिनभर में कम से कम तीन से चार लीटर पानी जरूर पिएं। कम पानी पीने से हम कई तरह की बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।
खाने के बाद न पिएं पानी (Do Not Drink Water After Eating)-
खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने की आदत छोड़े। इससे आपका खाना ठीक से हजम नहीं होता है। खाना खाने और पानी पीने में कम से कम 30 से 50 मिनट का अंतर होना चाहिए।
फ्रिज के ठंडे पानी से बचें (Avoid Fridge Cold Water)-
गर्मी से आकर कभी भी एकदम से फ्रिज का ठंडा पानी न पिएं, ये आपके शरीर को कमजोर करता है। फ्रिज के पानी में हमेशा ताजा जल मिलाकर ही पिएं।
हेल्दी खाना, सेहत का खजाना (Healthy Food, A Treasure Of Health)-
दिन में 5-6 बार थोड़ा-थोड़ा खाएं। दिल और लिवर को फिट रखने के लिए ऐसी चीजें खाएं जिनमें फाइबर खूब हो, जैसे कि गेहूं, ज्वार, बाजरा, जई आदि। दलिया, स्प्राउट्स, ओट्स और दालों के फाइबर से कॉलेस्ट्रॉल कम होता है।
हरी सब्जियां, सनफ्लावर सीड्स, फ्लैक्स सीड्स आदि खाएं। इनमें फॉलिक एसिड होता है, जो कॉलेस्ट्रॉल लेवल को मेंटेन करने में मदद करता है।
हल्की दौड़, योगा, बॉडी वेट एक्ससाइज और सरसों तेल में काफी ओमेगा-थ्री होता है, जो दिल के लिए अच्छा है।
रोजाना 1-2 अखरोट और 8-10 बादाम भी खाएं।
तो दोस्तो, हमारा ये आर्टिकल आपको कैसा लगा? अगर अच्छा लगा, तो इसे अन्य लोगों के साथ भी ज़रूर शेयर करें। न जाने कौन-सी जानकारी किस ज़रूरतमंद के काम आ जाए। साथ ही, अगर आप किसी ख़ास ���िषय या परेशानी पर आर्टिकल चाहते हैं, तो कमेंट बॉक्स में हमें ज़रूर बताएं। हम यथाशीघ्र आपके लिए उस विषय पर आर्टिकल लेकर आ��ंगे। धन्यवाद।
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स्मार्टफोन के दौर में नीतू का 'दर्द', लिखा -शादी के 38 साल बाद यही होता है - Neetu kapoor shares a picture of her and rishi kapoor busy in his phone tmov
बॉलीवुड के सदाबहार कपल ऋषि कपूर और नीतू कपूर फिलहाल अमेरिका में है. न्यूयॉर्क में ऋषि अपनी बीमारी की इलाज करा रहे है. सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहने वाली नीतू ने हाल ही में एक फोटो साझा की है, जिससे मॉर्डन दौर की सबसे बड़ी परेशानियों में से एक भी समझा जाता है. नीतू ने इंस्टाग्राम पर तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “लंच डेट. शादी के 38 साल बाद यही होता है. पति फोन पर हैं और मैं सेल्फियां खींच रही हूं.”
नीतू ने लिखा, “आज के दौर में किसी भी सामान्य इंसान की तरह ही ऋषि भी अपने फोन में काफी व्यस्त नज़र आ रहे हैं.” पिछले दिनों आशा भोंसले ने भी ट्विटर पर ऐसी ही एक ग्रुप फोटो साझा थी जिसमें उन्होंने लिखा था कि किस तरह स्मार्टफोन के दौर में लोग एक दूसरे के साथ होकर भी साथ नहीं हैं. उस तस्वीर इमं आशा के साथ नजर आ रहे तमाम लोग अपने अपने स्मार्टफोन्स में बीजी थे.
अब नीतू ने ��ी नए दौर के अकेलेपन का अपनी तरह से जिक्र किया है. वैसे नीतू सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव रहती हैं. उनकी तस्वीरें चर्चा में भी आ चुकी हैं. हाल ही में नए साल के सेलिब्रेशन से जुड़ी तस्वीरें भी उन्होंने शेयर की थीं. उन्होंने लिखा था, “हैप्पी 2019, इस साल कोई रिजॉल्यूशन नहीं, बस सबके लिए दुआएं. उम्मीद करती हूं कि इस साल प्रदूषण और ट्रैफिक कम होगा. उम्मीद है कि कैंसर आने वाले दिनों में केवल एक जोडियक साइन तक ही सीमित होगा. कोई नफरत न हो, गरीबी कम हो. सबको प्यार और सबसे जरूरी – अच्छा स्वास्थ्य.” आलिया की मौजूदगी की वजह से इन तस्वीरों की खूब चर्चा हुई थी.
तस्वीरों में ऋषि और नीतू, रणबीर कपूर-आलिया भट्ट और रिद्धिमा कपूर की फैमिली के साथ समय बिताते हुए नज़र आ रहे हैं.
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Happy 2019 🎈 no resolutions only wishes this year !!! Less pollution traffic!! Hope in future cancer is only a zodiac sign !!! No hatred less poverty loads of love togetherness happiness n most imp. Good health ❤️❤️❤️❤️❤️
A post shared by neetu Kapoor. Fightingfyt (@neetu54) on Dec 31, 2018 at 1:01pm PST
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Happy 🎂 to my Friend Philosopher an Guide ❤️ loads of love and duas ❤️ #lovehim #bestintheworld #wise happy birthday @rimosky ❤️😘
A post shared by neetu Kapoor. Fightingfyt (@neetu54) on Sep 27, 2018 at 9:25pm PDT
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Amazing Anupam 😍 ❤️#laughter #lovlyevening#superperson
A post shared by neetu Kapoor. Fightingfyt (@neetu54) on Oct 22, 2018 at 7:45pm PDT
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Nature teaches us to appreciate 🌸🌼🌺 #flowers #beautiful#happycolors #❤️🤗
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ऋषि कपूर, नीतू के साथ काफी दिनों से अमेरिका में ही हैं. वे पिछले साल 29 सितंबर को अमेरिका रवाना हुए थे. उन्होंने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा था “सभी को हैलो, किसी चीज का इलाज कराने के लिए अमेरिका जा रहा हूं. मैं अपने चाहने वालों से गुजारिश करता हूं कि वो किसी तरह के कयास न लगाएं. आप सभी की दुआओं की बदौलत मैं जल्द वापस आऊंगा.”
ऋषि अमेरिका में इलाज की वजह से मां के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो पाए थे. रणबीर भी कई बार पापा से मिलने अमेरिका जा चुके हैं. ऋषि ने अब तक कई तस्वीरें भी ��ेयर की हैं. 2018 में तीन फिल्में रिलीज़ हुई थीं.
वे उमेश शुक्ला की फिल्म 102 नॉटआउट में अमिताभ बच्चन के साथ दिखे थे. इसके अलावा उन्होंने अनुभव सिन्हा की फिल्म मुल्क और लीना यादव की फिल्म राजमा चावल में भी काम किया था. मुल्क अपने पॉलिटिकल कंटेंट के कारण काफी चर्चा में रही थी और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रही थी.
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एक मित्र ने भेजा था पसंद आया तो आप सब के बीच रख रहा हुं थोड़ा समय लगेगा लेकिन पढ़ना जरूर, आंसू आ जाए तो जान लेना आपकी भावनाएं जीवित हैं .... बात बहुत पुरानी है। आठ-दस साल पहले की है । मैं अपने एक मित्र का पासपोर्ट बनवाने के लिए दिल्ली के पासपोर्ट ऑफिस गया था। उन दिनों इंटरनेट पर फार्म भरने की सुविधा नहीं थी। पासपोर्ट दफ्तर में दलालों का बोलबाला था और खुलेआम दलाल पैसे लेकर पासपोर्ट के फार्म बेचने से लेकर उसे भरवाने, जमा करवाने और पासपोर्ट बनवाने का काम करते थे। मेरे मित्र को किसी कारण से पासपोर्ट की जल्दी थी, लेकिन दलालों के दलदल में फंसना नहीं चाहते थे। हम पासपोर्ट दफ्तर पहुंच गए, लाइन में लग कर हमने पासपोर्ट का तत्काल फार्म भी ले लिया। पूरा फार्म भर लिया। इस चक्कर में कई घंटे निकल चुके थे, और अब हमें िकसी तरह पासपोर्ट की फीस जमा करानी थी। हम लाइन में खड़े हुए लेकिन जैसे ही हमारा नंबर आया बाबू ने खिड़की बंद कर दी और कहा कि समय खत्म हो चुका है अब कल आइएगा। मैंने उससे मिन्नतें की, उससे कहा कि आज पूरा दिन हमने खर्च किया है और बस अब केवल फीस जमा कराने की बात रह गई है, कृपया फीस ले लीजिए। बाबू बिगड़ गया। कहने लगा, "आपने पूरा दिन खर्च कर दिया तो उसके लिए वो जिम्मेदार है क्या? अरे सरकार ज्यादा लोगों को बहाल करे। मैं तो सुबह से अपना काम ही कर रहा हूं���" मैने बहुत अनुरोध किया पर वो नहीं माना। उसने कहा कि बस दो बजे तक का समय होता है, दो बज गए। अब कुछ नहीं हो सकता। मैं समझ रहा था कि सुबह से दलालों का काम वो कर रहा था, लेकिन जैसे ही बिना दलाल वाला काम आया उसने बहाने शुरू कर दिए हैं। पर हम भी अड़े हुए थे कि बिना अपने पद का इस्तेमाल किए और बिना उपर से पैसे खिलाए इस काम को अंजाम देना है। मैं ये भी समझ गया था कि अब कल अगर आए तो कल का भी पूरा दिन निकल ही जाएगा, क्योंकि दलाल हर खिड़की को घेर कर खड़े रहते हैं, और आम आदमी वहां तक पहुंचने में बिलबिला उठता है। खैर, मेरा मित्र बहुत मायूस हुआ और उसने कहा कि चलो अब कल आएंगे। मैंने उसे रोका। कहा कि रुको एक और कोशिश करता हूं। बाबू अपना थैला लेकर उठ चुका था। मैंने कुछ कहा नहीं, चुपचाप उसके-पीछे हो लिया। वो उसी दफ्तर में तीसरी या चौथी मंजिल पर बनी एक कैंटीन में गया, वहां उसने अपने थैले से लंच बॉक्स निकाला और धीरे-धीरे अकेला खाने लगा। मैं उसके सामने की बेंच पर जाकर बैठ गया। उसने मेरी ओर देखा और बुरा सा मुंह बनाया। मैं उसकी ओर देख कर मुस्कुराया। उससे मैंने पूछा कि रोज घर से खाना लाते हो? उसने अनमने से कहा कि हां, रोज घर से लाता (at Hyderabad)
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कहानी एक बार मैं अपने एक मित्र का तत्काल केटेगरी में पासपोर्ट बनवाने पासपोर्ट ऑफिस गया था। लाइन में लग कर हमने पासपोर्ट का तत्काल फार्म लिया, फार्म भर लिया, काफी समय हो चुका था अब हमें पासपोर्ट की फीस जमा करनी थी। लेकिन जैसे ही हमारा नंबर आया बाबू ने खिड़की बंद कर दी और कहा कि समय खत्म हो चुका है अब कल आइएगा। 🍃🌴 मैंने उससे मिन्नतें की, उससे कहा कि आज पूरा दिन हमने खर्च किया है और बस अब केवल फीस जमा कराने की बात रह गई है, कृपया फीस ले लीजिए। बाबू बिगड़ गया। कहने लगा, "आपने पूरा दिन खर्च कर दिया तो उसके लिए वो जिम्मेदार है क्या? अरे सरकार ज्यादा लोगों को बहाल करे। मैं तो सुबह से अपना काम ही कर रहा हूं।" 🍃🌴 खैर, मेरा मित्र बहुत मायूस हुआ और उसने कहा कि चलो अब कल आएंगे। मैंने उसे रोका, कहा कि रुको एक और कोशिश करता हूं। बाबू अपना थैला लेकर उठ चुका था। मैंने कुछ कहा नहीं, चुपचाप उसके-पीछे हो लिया। वो एक कैंटीन में गया, वहां उसने अपने थैले से लंच बॉक्स निकाला और धीरे-धीरे अकेला खाने लगा। 🍃🌴 मैं उसके सामने की बेंच पर जाकर बैठ गया। मैंने कहा कि तुम्हारे पास तो बहुत काम है, रोज बहुत से नए-नए लोगों से मिलते होगे? वो कहने लगा कि हां मैं तो एक से एक बड़े अधिकारियों से मिलता हूं। कई आई.ए.एस., आई.पी.एस., विधायक रोज यहां आते हैं। मेरी कुर्सी के सामने बड़े-बड़े लोग इंतजार करते हैं। 🌴🍃 फिर मैंने उससे पूछा कि एक रोटी तुम्हारी प्लेट से मैं भी खा लूं? उसने हाँ कहा। मैंने एक रोटी उसकी प्लेट से उठा ली, और सब्जी के साथ खाने लगा। मैंने उसके खाने की तारीफ की, और कहा कि तुम्हारी पत्नी बहुत ही स्वादिष्ट खाना पकाती है। 🍃🌴 मैंने उसे कहा तुम बहुत महत्वपूर्ण सीट पर बैठे हो। बड़े-बड़े लोग तुम्हारे पास आते हैं। तो क्या तुम अपनी कुर्सी की इज्जत करते हो? तुम बहुत भाग्यशाली हो, तुम्हें इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है, लेकिन तुम अपने पद की इज्जत नहीं करते। उसने मुझसे पूछा कि ऐसा कैसे कहा आपने? 🍃🌴 मैंने कहा कि जो काम दिया गया है उसकी इज्जत करते तो तुम इस तरह रुखे व्यवहार वाले नहीं होते। देखो तुम्हारा कोई दोस्त भी नहीं है। तुम दफ्तर की कैंटीन में अकेले खाना खाते हो, अपनी कुर्सी पर भी मायूस होकर बैठे रहते हो, लोगों का होता हुआ काम पूरा करने की जगह अटकाने की कोशिश करते हो। 🍃🌴 बाहर गाँव से आ कर सुबह से परेशान हो रहे लोगों के अनुरोध करने पर कहते हो, "सरकार से कहो कि ज्यादा लोगों को बहाल करे।" अरे ज्यादा लोगों के बहाल होने से तो तुम्हारी अहमियत घट जाएगी? हो सकता है तुमसे ये काम ही ले लिया जाए। 🍃🌴 भगवान ने तुम्हें मौका दिया है रिश्ते बनाने के लिए। ��ेकिन अपना दुर्भाग्य देखो, तुम इसका लाभ उठाने की जगह रिश्ते बिगाड़ रहे हो। मेरा क्या है, कल आ जाउंगा या परसों आ जाउंगा। 🍃🌴 पर तुम्हारे पास तो मौका था किसी को अपना अहसानमंद बनाने का। तुम उससे चूक गए। मैंने कहा कि पैसे तो बहुत कमा लोगे, लेकिन रिश्ते नहीं कमाए तो सब बेकार है। क्या करोगे पैसों का? अपना व्यवहार ठीक नहीं रखोगे तो तुम्हारे घर वाले भी तुमसे दुखी रहेंगे, यार दोस्त तो पहले से ही नहीं हे। 🌴🍃 मेरी बात सुन कर वो रुंआसा हो गया। उसने कहा कि आपने बात सही कही है साहब। मैं अकेला हूं। पत्नी झगड़ा कर मायके चली गई है। बच्चे भी मुझे पसंद नहीं करते। मां है, वो भी कुछ ज्यादा बात नहीं करती। सुबह चार-पांच रोटी बना कर दे देती है, और मैं तन्हा खाना खाता हूं। रात में घर जाने का भी मन नहीं करता। समझ में नहीं आता कि गड़बड़ी कहां है? 🍃🌴 मैंने हौले से कहा कि खुद को लोगों से जोड़ो। किसी की मदद कर सकते तो तो करो। देखो मैं यहां अपने दोस्त के पासपोर्ट के लिए आया हूं। मेरे पास तो पासपोर्ट है। मैंने दोस्त की खातिर तुम्हारी मिन्नतें कीं। निस्वार्थ भाव से। इसलिए मेरे पास दोस्त हैं, तुम्हारे पास नहीं हैं। 🍃🌴 वो उठा और उसने मुझसे कहा कि आप मेरी खिड़की पर पहुंचो। मैं आज ही फार्म जमा करुंगा, और उसने काम कर दिया। फिर उसने मेरा फोन नंबर मांगा, मैंने दे दिया। 🍁बरसों बीत गए... इस दिवाली पर एक फोन आया... रविंद्र कुमार चौधरी बोल रहा हूं साहब, कई साल पहले आप हमारे पास अपने किसी दोस्त के पासपोर्ट के लिए आए थे, और आपने मेरे साथ रोटी भी खाई थी। आपने कहा था कि पैसे की जगह रिश्ते बनाओ। मुझे एकदम याद आ गया। मैंने कहा हां जी चौधरी साहब कैसे हैं? 🍃🌴 उसने खुश होकर कहा, "साहब आप उस दिन चले गए, फिर मैं बहुत सोचता रहा। मुझे लगा कि पैसे तो सचमुच बहुत लोग दे जाते हैं, लेकिन साथ खाना खाने वाला कोई नहीं मिलता। मैं साहब अगले ही दिन पत्नी के मायके गया, बहुत मिन्नतें कर उसे घर लाया। वो मान ही नहीं रही थी, वो खाना खाने बैठी तो मैंने उसकी प्लेट से एक रोटी उठा ली, कहा कि साथ खिलाओगी? वो हैरान थी। रोने लगी। मेरे साथ चली आई। बच्चे भी साथ चले आए। 🌴🍃 साहब, अब मैं पैसे नहीं कमाता। रिश्ते कमाता हूं। जो आता है उसका काम कर देता हूं। 🍁 साहब आज आपको हैप्पी दिवाली बोलने के लिए फोन किया है। अगले महीने बिटिया की शादी है। आपको आना है। बिटिया को आशीर्वाद देने। रिश्ता जोड़ा है आपने। 🌴🍃 वो बोलता जा रहा था, मैं सुनता जा रहा था। सोचा नहीं था कि सचमुच उसकी ज़िंदगी में भी पैसों पर रिश्ता इतना भारी पड़ेगा। 🌹🌹
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सात्विक चना दाल पराठा रेसिपी | Chana Dal Paratha Recipe in Hindi
सात्विक चना दाल पराठा रेसिपी | Chana Dal Paratha Recipe in Hindi
सात्विक चना दाल पराठा रेसिपी चना दाल के भरवां से तैयार किया हुआ पराठा खाने में स्वादिष्ट होने के साथ पौष्टिक गुणों से भी भरपूर है। यह व्यंजन को नाश्ते में या फिर कोई भी मुख्य भोजन में सेवन किया जा सकता है। स्कूल या ऑफिस के लंच बॉक्स के लिए यह एक उत्तम चयन है। यह व्यंजन को तैयार करने में अधिक वक्त नहीं लगता है। इसे पूरी की तरह भी तैयार किया जा सकता है। यहाँ सात्विक विधि बताई गई है इसलिए प्याज़,…
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'वर्क फ्रॉम होम' से 'वर्क फ्रॉम ऑफिस' की ओर बढ़े कदम [Source: Patrika : India's Leading Hindi News Portal]
‘वर्क फ्रॉम होम’ से ‘वर्क फ्रॉम ऑफिस’ की ओर बढ़े कदम [Source: Patrika : India’s Leading Hindi News Portal]
नई दिल्ली। कोरोना महामारी की जकड़ के बाद अब देश में स्थितियां ‘न्यू नॉर्मल’ की ओर बढ़ रही हैं। स्कूल व अन्य शैक्षणिक संस्थान भले ही पूरी तरह से न खुले हों, लेकिन नए लंच बॉक्स की बिक्री में ढाई सौ फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है। खरीदार हैं ऑफिस जाने वाले लोग। भारतीय अर्थव्यवस्था ‘वर्क फ्रॉम होम’ से ‘वर्क फ्रॉम ऑफिस’ की ओर कदम बढ़ा रही है। ऐसे में ऑफिस जाने वालों में नए लंच बॉक्स खरीदने के लिए…
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'वर्क फ्रॉम होम' से 'वर्क फ्रॉम ऑफिस' की ओर बढ़े कदम [Source: Patrika : India's Leading Hindi News Portal]
���वर्क फ्रॉम होम’ से ‘वर्क फ्रॉम ऑफिस’ की ओर बढ़े कदम [Source: Patrika : India’s Leading Hindi News Portal]
नई दिल्ली। कोरोना महामारी की जकड़ के बाद अब देश में स्थितियां ‘न्यू नॉर्मल’ की ओर बढ़ रही हैं। स्कूल व अन्य शैक्षणिक संस्थान भले ही पूरी तरह से न खुले हों, लेकिन नए लंच बॉक्स की बिक्री में ढाई सौ फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है। खरीदार हैं ऑफिस जाने वाले लोग। भारतीय अर्थव्यवस्था ‘वर्क फ्रॉम होम’ से ‘वर्क फ्रॉम ऑफिस’ की ओर कदम बढ़ा रही है। ऐसे में ऑफिस जाने वालों में नए लंच बॉक्स खरीदने के लिए…
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