#ऑनलाइन शॉपिंग करते समय ये रखें ध्यान
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Men's Sports Shoes Under Rs 499 Only
₹499 से कम कीमत में पुरुषों के स्पोर्ट्स शूज़: बेहतरीन विकल्प आपके बजट में
खेलों और फिटनेस के प्रति बढ़ते रुझान के साथ, अच्छे स्पोर्ट्स शूज़ की मांग भी बढ़ी है। हालांकि, कई बार अच्छा जूता खरीदने के लिए बजट की सीमाएं आड़े आ जाती हैं। अगर आप भी कम बजट में बेहतर स्पोर्ट्स शूज़ की तलाश में हैं, तो यह लेख आपके लिए है। हम यहां बात करेंगे उन पुरुषों के स्पोर्ट्स शूज़ के बारे में जो ₹499 से कम कीमत में उपलब्ध हैं और आपको स्टाइल और आराम का सही संत���लन प्रदान करते हैं।
1. बजट के भीतर बढ़िया ग��णवत्ता
₹499 से कम कीमत में भी आपको बढ़िया गुणवत्ता वाले स्पोर्ट्स शूज़ मिल सकते हैं। आजकल कई ब्रांड्स और स्थानीय विक्रेता इस प्राइस रेंज में अच्छे विकल्प प्रदान करते हैं। इन शूज़ का निर्माण इस तरह से किया गया है कि वे आपको आरामदायक और सुरक्षित अनुभव प्रदान कर सकें, चाहे आप रनिंग कर रहे हों, जिम में वर्कआउट कर रहे हों, या फिर किसी अन्य खेल गतिविधि में शामिल हों।
2. स्टाइल और डिज़ाइन में कोई समझौता नहीं
कम कीमत का मतलब यह नहीं कि आपको स्टाइल के साथ समझौता करना पड़ेगा। ₹499 से कम कीमत में भी आपको ऐसे स्पोर्ट्स शूज़ मिल सकते हैं जो दिखने में स्टाइलिश और ट्रेंडी होते हैं। इन शूज़ का डिज़ाइन आपको न केवल खेल गतिविधियों के दौरान, बल्कि कैज़ुअल आउटिंग में भी आत्मविश्वास से भर देगा।
3. आरामदायक फिटिंग और पर्फेक्ट सपोर्ट
खेलते समय जूते का आरामदायक होना बेहद ज़रूरी होता है। इस प्राइस रेंज में आने वाले जूते आपको आरामदायक फिटिंग और पर्फेक्ट सपोर्ट प्रदान करते हैं, जो कि खेल के दौरान आपके पैर को चोटिल होने से बचाने में मदद करता है। इनमें सामान्य रूप से कुशनिंग होती है जो आपके पैरों को सुरक्षा और आराम दोनों प्रदान करती है।
4. विभिन्न विकल्प और रंग
₹499 के तहत आने वाले स्पोर्ट्स शूज़ में भी आपको कई सारे विकल्प मिलेंगे। आप अपनी पसंद के अनुसार विभिन्न रंग और डिज़ाइन चुन सकते हैं। चाहे आपको सॉलिड कलर पसंद हो या फिर कंट्रास्टिंग डिज़ाइन, इस बजट में आपको अपने स्टाइल के अनुसार विकल्प मिलेंगे।
5. लंबी उम्र और टिकाऊपन
सस्ते जूतों के मामले में आमतौर पर टिकाऊपन को लेकर चिंताएं होती हैं, लेकिन इस प्राइस रेंज में भी आप ऐसे जूते पा सकते हैं जो लंबे समय तक चलें। इन जूतों का निर्माण उच्च गुणवत्ता वाली सामग्रियों से किया जाता है जो रोज़मर्रा के इस्तेमाल के लिए उपयुक्त होते हैं।
6. कहां से खरीदें?
अब सवाल आता है कि ₹499 से कम में स्पोर्ट्स शूज़ कहां से खरीदें। ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स जैसे कि Amazon, Flipkart, और Myntra पर अक्सर इस प्राइस रेंज में डिस्काउंट्स और ऑफर्स मिलते हैं। इसके अलावा, स्थानीय बाजार और फुटवियर स्टोर्स में भी आपको यह विकल्प मिल सकते हैं।
7. खरीदारी करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
जब आप ₹499 से कम में स्पोर्ट्स शूज़ खरीद रहे हों, तो कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें:
साइज़: सुनिश्चित करें कि आप सही साइज़ का चयन कर रहे हैं, ताकि जूत��� आपके पैर में पूरी तरह फिट हो।
रिव्यूज़: यदि आप ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हैं, तो उत्पाद के रिव्यूज़ जरूर पढ़ें। इससे आपको जूते की गुणवत्ता और आराम के बारे में जानकारी मिलेगी।
रिटर्न पॉलिसी: यह सुनिश्चित करें कि जिस स्टोर से आप खरीदारी कर रहे हैं, वह रिटर्न पॉलिसी प्रदान करता हो, ताकि अगर जूते में कोई समस्या हो तो आप उसे बदल सकें।
8. किसके लिए सही हैं ये जूते?
₹499 से कम कीमत में उपलब्ध स्पोर्ट्स शूज़ उन लोगों के लिए सही विकल्प हो सकते हैं जो बजट की सीमाओं के कारण अधिक महंगे जूतों का खर्च नहीं उठा सकते, लेकिन फिर भी उन्हें आरामदायक और टिकाऊ जूते चाहिए। ये जूते उन शुरुआती खिलाड़ियों के लिए भी अच्छे हैं जो अभी खेलना शुरू कर रहे हैं और जिन्हें पहले से अनुभव नहीं है कि उन्हें किस प्रकार के जूते चाहिए।
निष्कर्ष
₹499 से कम कीमत में पुरुषों के स्पोर्ट्स शूज़ एक शानदार विकल्प हो सकते हैं, अगर आप सही से चयन करें और उन बातों का ध्यान रखें जो हमने ऊपर चर्चा की हैं। बजट में रहते हुए भी, आप स्टाइलिश, आरामदायक, और टिकाऊ जूते पा सकते हैं जो आपकी सभी आवश्यकताओं को पूरा करेंगे। तो देर किस बात की? अब समय है एक अच्छे और बजट-फ्रेंडली स्पोर्ट्स शूज़ खरीदने का!
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बाइक सर्विस केंद्रों की तुलना: बाइक गैराज का चयन कैसे करें
परिचय:
बाइक सर्विस और गैराज का चयन करते समय यह निर्णय बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह हमारी गाड़ी की देखभाल और रख-रखाव को लेकर है। इस ब्लॉग में, हम आपको बाइक गैराज का चयन करते समय ध्यान में रखने वाली कुछ मुख्य बिंदुओं पर चर्चा करेंगे, साथ ही आपको समझाएंगे कि कैसे ऑटोमोबाइल स्पेयर पार्ट्स की खोज में Pikpart कैसे मदद कर सकता है।
बाइक गैराज चयन की महत्वपूर्णता:
बाइक गैराज चयन करते समय, कई कारकों का ध्यान रखना आवश्यक है। सबसे पहले, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि गैराज में अनुभवी और पेशेवर मैकेनिक्स हैं, जिन्हें बाइक की नई तकनीकों का ज्ञान हो। उनकी सलाह और सेवाएं आपकी गाड़ी को सुरक्षित रखने में मदद कर सकती हैं।
ऑटोमोबाइल स्पेयर पार्ट्स की खोज में Pikpart:
Pikpart एक ऑनलाइन स्पेयर पार्ट्स मार्केटप्लेस है जो आपको ऑटोमोबाइल स्पेयर पार्ट्स की शॉपिंग में मदद कर सकता है। इसमें बाइक और कार के लिए कई प्रमुख स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध हैं जो आपकी गाड़ी को सही स्थिति में रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
कुछ मुख्य ऑटोमोबाइल स्पेयर पार्ट्स:
इंजन ऑयल और फ़िल्टर:
इंजन को सही तरीके से लुब्रिकेट करने के लिए इंजन ऑयल और फ़िल्टर का सही चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे गाड़ी की उच्च प्रदर्शन को बनाए रखा जा सकता है।
ब्रेक पैड्स:
ब्रेक पैड्स गाड़ी की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। ये ब्रेक सिस्टम को सही से काम करने में मदद करते हैं और दुर्घटना से बचाव करते हैं।
बैटरी:
बैटरी गाड़ी को चालू रखने के लिए आवश्यक है। एक अच्छी गुणवत्ता वाली बैटरी से गाड़ी की शुरुआत बिना किसी समस्या के हो सकती है।
टायर्स और ट्यूब्स:
िए बहुत महत्वपूर्ण हैं। उचित गोल और ट्रेड पैटर्न वाले टायर्स से सड़क पर बेहतर निगरानी रखी जा सकती है और यात्रा को सुरक्षित बना सकती है।
5. एयर फ़िल्टर:
एयर फ़िल्टर इंजन को सफाई रखने में मदद करता है और प्रदूषण को कम करने में भी सहायक होता है। यह गाड़ी की ऊर्जा को बनाए ��खने में मदद कर सकता है।
6. रेडिएटर कूलेंट:
रेडिएटर कूलेंट इंजन को ठंडा रखने में मदद करता है और अधिक तापमान से बचाव करता है। इससे गाड़ी की ड्यूरेबिलिटी बढ़ सकती है।
7. वाटर पम्प:
वाटर पम्प सिस्टम को ठंडा रखने में मदद करता है और इंजन को ऑवरहीट होने से बचाता है। एक स्वस्थ वाटर पम्प से गाड़ी का सही तरीके से संचालन हो सकता है।
8. फ्यूल फ़िल्टर:
फ्यूल फ़िल्टर सही प्रकार से सफाई करके इंजन को शुद्ध ईंधन पहुंचाने में मदद कर सकता है और गाड़ी की उच्च प्रदर्शन को बनाए रख सकता है।
समापन:
इन स्पेयर पार्ट्स को सही ढंग से चुनना गाड़ी को दीर्घकालिक संचालन में मदद कर सकता है और आपकी यात्रा को सुरक्षित बना सकता है। Pikpart की मदद से आप इन स्पेयर पार्ट्स को आसानी से खरीद सकते हैं और अपनी गाड़ी को सुरक्षित रख सकते हैं।
इसके अलावा, बाइक सर्विस केंद्र का चयन करते समय अपनी जरूरतों और गाड़ी की विशेषताओं को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है। सुनिश्चित करें कि आपका चयन उन मैकेनिक्स के साथ हो, जिन्हें गाड़ी की नई तकनीकों का ज्ञान हो और जो आपकी गाड़ी की देखभाल को सीधे तौर पर संभाल सकें।
इस ब्लॉग के माध्यम से हम आपको यह सिखाना चाहते हैं कि अपनी गाड़ी की बाकी स्थिति को सुनिश्चित करने के लिए सही ऑटोमोबाइल स्पेयर पार्ट्स का चयन करना कितना महत्वपूर्ण है। Pikpart के साथ, यह चयन करना और भी आसान हो जाता है।
ध्यान रखें, सुरक्षित यात्रा के लि�� सही स्पेयर पार्ट्स का चयन करना हमेशा महत्वपूर्ण है, और इससे आपकी गाड़ी हमेशा बनी रहेगी।
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कॉलेज में प्रवेश की तैयारी के लिए टॉप 7 टिप्स और ट्रिक्स
उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज का चयन करना एक कठिन और थकाने वाला काम हो सकता है, विशेषकर स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए कॉलेजों में जाने वाले छात्रों के लिए। हाल के परिदृश्यों में, जहाँ दुनिया इतनी सारी संभावनाओं से भरी हुई लगती है, कोई भी छात्र गलत चुनाव करके बाद में पछताना नहीं चाहेगा। इस प्रकार, छात्रों को अपना आदर्श कॉलेज खोजने के दौरान बुनियादी मानदंडों को समझना चाहिए।
कुछ टिप्स और ट्रिक्स के साथ अपने पसंद के कॉलेज को ढूंढने और उसमें आवेदन करने से प्रवेश की पूरी प्रक्रिया आसान हो सकती है और एक अच्छे और सम्मानित कॉलेज से स्नातक होने की आपकी इच्छा पूरी हो सकती है।
1. कॉलेज के बारे में शोध करें
आम तौर पर कॉलेज ऐसे छात्रों की तलाश में रहते हैं जो अकादमिक रूप से ��्रतिभाशाली हों, नेतृत्व के गुण हों और विभिन्न क्षेत्रों में विविधता रखते हों। कॉलेज यह भी देखते हैं कि एक आवेदक अपने कॉलेज में क्या जोड़ सकता है जो अन्य छात्र नहीं कर सकते। साथ ही, क्या छात्र अपने आपको कॉलेज के शैक्षणिक कार्यक्रम में एड्जस्ट करने में सक्षम होगा।
विभिन्न कॉलेजों में आवेदन करते समय, छात्र को यह देखना चाहिये कि कॉलेज क्या मांग कर रहा है और क्या छात्र ऐसी आवश्यकताओं को पूरा कर पाएगा और उसके बाद ही छात्र कॉलेजों में प्रवेश के लिए आवेदन करें।
2. कॉलेज की फीस एवं कॉलेज से जुड़े अन्य के बारे में ध्यान दें
इसमें कोई संदेह नहीं है कि सपनों के कॉलेजों में जाना महंगा हो सकता है। इसलिए छात्रों को सबसे पहले ये जांच कर लेना चाहिए कि उस कॉलेज की ट्यूशन फीस कितनी है और क्या वहाँ छात्रवृत्ति और अनुदान की उलबद्ध है। छात्रों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे जिन कॉलेजों पर विचार कर रहे हैं, वे उनके वित्तीय साधनों के भीतर हो। अधिकांश शिक्षण संस्थान छात्रों को उनके भविष्य के शैक्षणिक करियर को विकसित करने में सहायता करने के लिए विभिन्न वित्तीय सहायता और छात्रवृत्ति विकल्प प्रदान करते हैं। यदि छात्र भ्रमित हैं कि कौन से वित्तीय सहायता पैकेज उपलब्ध हैं, तो वे सहायता के लिए स्कूल के वित्तीय सहायता कार्यालय से संपर्क करते हैं!
आजकल, विभिन्न विश्वविद्यालय कई अनुदान और छात्रवृत्ति प्रदान करते हैं, जिसमें छात्रों को राशि चुकाने की आवश्यकता नहीं होती है। इस प्रकार, छात्रों को बेहतर सहायता के लिए शुल्क संरचना और कॉलेजों में उपलब्ध समग्र सुविधाओं के प्रत्येक विवरण की जांच करनी चाहिए।
3. कॉलेज का स्थान
कॉलेज के स्थान पर निर्णय लेने पर विचार करने के लिए कई पहलू हैं। स्थान के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक यह विचार करना है कि कॉलेज घर से कितनी दूर है। प्रत्येक छात्र का अपने कॉलेज का एक अलग पहलू होता है। कुछ लोग अपने घर के काफी करीब एक कॉलेज चाहते हैं जहां वे रोजाना आसानी से आना और जाना कर सकें, जबकि कुछ छात्र अपने घरों से कई घंटों (या यहां तक कि आसपास के शहरों) की यात्रा करना पसंद करते हैं। स्थान का आकलन करते समय एक अन्य विचार यह है कि कॉलेज किस शहर में स्थित है। क्या कॉलेज एक छोटे शहर या ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है? क्या यह एक लोकप्रिय शहर में है? इन विचारों के साथ, कैंपस के बाहर उपलब्ध अन्य गतिविधियाँ, जैसे कि कैफेटेरिया, शॉपिंग सेंटर और पुस्तकालय, भी छात्रों की स्थान वरीयताओं को प्रभावित करते हैं।
4. अपने करियर प्लान या जॉब के आधार पर विषय और कॉलेज को चुनें
कॉलेज का चयन करते समय आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि जो विषय आप लेना चाहते हैं वो उस कॉलेज में है भी या नहीं।
जब विषयों की बात आती है, ��ो यह जानना आवश्यक है कि आप किस प्रकार कि जॉब करना चाहते हैं। अपने ज्ञान, रुचि और नौकरी के क्षेत्र के आधार पर जो आपको कॉलेज का चुनाव करना चाहिए।
5. सीनियर छात्रों और पूर्व छात्रों से बात करें
कॉलेज के बारे में सीनियर छात्रों और पूर्व छात्रों के साथ बात करना हमेशा फायदेमंद साबित होता है। वे कॉलेज के सटीक माहौल और एक विशिष्ट कॉलेज में प्रवेश पाने के pros और cons के बारे में बताने में सक्षम होते हैं। सीनियर द्वारा दी गई सलाह और जानकारी के अनुसार एक छात्र कॉलेज का चयन कर सकता है।
6. कॉलेज के लिए आवेदन की तैयारी
कॉलेजों में आवेदन करना इन दिनों बहुत आसान है। ऑनलाइन आवेदन करना अब एक स्टैंडर्ड बन चुका है। ऑनलाइन आवेदन तेजी से प्रोसेस होते हैं और आमतौर पर यह सुनिश्चित करने के लिए बिल्ट-इन चेक होते हैं कि आप सभी आवश्यक दस्तावेज प्रदान कर रहे हैं। इसलिए, छात्रों को आवेदन और दस्तावेजों को सही ढंग से और समय पर जमा कर देना चाहिए।
7. आवेदन करने में शीघ्रता दिखाएँ
याद रखें, हजारों छात्र हैं जो प्रवेश के लिए कॉलेजों में आवेदन करते हैं और हर कॉलेज को कई आवेदन मिलते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि प्रवेश के लिए आवेदन करने के लिए दिए गए समय के भीतर आवेदन कर दें ताकि अंतिम समय की हड़बड़ी से बचा जा सके।
साथ ही, अगर छात्र विभिन्न कॉलेजों में आवेदन कर रहा है तो उसे उन सभी कॉलेजों की समय सीमा याद रखनी चाहिए जहां वह प्रवेश के लिए आवेदन कर रहा है। यह सलाह दी जाती है कि आवेदन जितना शीघ्र हो सके कर दें।
इच्छुक उम्मीदवार ध्यान दें: Notopedia एक ऐसी वेबसाइट है जहां हर प्रकार के कॉलेज की एक कम्प्रेहैन्सिव सूची उपलब्ध है। इसके अलावा, प्रत्येक कॉलेज के लिए प्रतिष्ठित रेंकिंग एजेंसियों द्वारा रेंकिंग भी दी गई है जिससे आपको अपना कॉलेज चुनने में आसानी हो।
प्रत्येक सूची में कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट, उसका कोर्स, फीस, एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया, रिक्वायर्ड क्वालिफिकेशन, रिक्वायर्ड एंट्रेंस एग्जाम एवं अन्य डिटेल्स दिये गए हैं। Notopedia आपके प्रवेश परीक्षाओं के लिए आपकी सहायता करने के लिए यहां है! यहां आप विभिन्न कालेजों के प्रवेश परीक्षाओं के ताजगीन अपडेट प्राप्त कर सकते हैं।
Notopedia पर कॉलेजों की पूरी सूची देखने के लिए यहाँ क्लिक करें और अपने पसंदीदा कॉलेज के बारे में डीटेल में जानकारी पाएँ।
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दिवाली के लिए कर रहे हैं Online Shopping तो इन बातों का रखें ध्यान वरना हो जाएंगा बड़ा नुकसान
दिवाली के लिए कर रहे हैं Online Shopping तो इन बातों का रखें ध्यान वरना हो जाएंगा बड़ा नुकसान
टेक्नोलॉजी से भरी इस दुनिया में अब ज्यादातर काम ऑनलाइन ही होने लगे हैं। खाना मांगाना हो या डेटिंग करनी हो, इंटरनेट के जरिए हर काम ऑनलाइन हो रहा है। अब शॉपिंग भी ऑनलाइन ही होती है। आज हमारे पास अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे कई सारे ऐसे ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स हैं। हालांकि ऑनलाइन काम करना जितना आसान है उतना खतरनाक भी है। आज के समय में ऑनलाइन एक्टिविटीज से कई सारे लोग फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं। आज हम…
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बिज़नेस की ग्रोथ के लिए कस्टमर को लॉयल बनाने के 5 ज़रूरी टिप्स
किसी भी बिज़नेस की ग्रोथ सबसे ज्यादा उसके ग्राहकों पर निर्भर करती है। अगर ग्राहक लॉयल हैं, वो खुश हैं, संतुष्ट हैं तो बिज़नेस में दिन-रात तरक्की होती है। वहीं अगर कस्टमर को आपके बनाए प्रोडक्ट पर ही भरोसा नहीं है तो आप चाह कर भी आगे नहीं बढ़ सकते हैं। आप बिज़नेस में चाहे कितना भी पैसा क्यों न लगा दें लेकिन आप लॉयल कस्टमर नहीं पा सकते हैं। कस्टमर लॉयल्टी वो होती है जो आपके और ग्राहक के बीच संबंध स्थापित करती है। इसमें ग्राहक आपके साथ हमेशा के लिए जुड़ जाता है जिसमें वह आपके प्रोडक्ट की मार्केटिंग, वर्ड ऑफ माउथ से करता है। बिना पैसे लिए वह आपके प्रॉडक्ट का प्रमोटर बन जाता है और आपको कभी छोड़ कर नहीं जाता चाहे आपका कॉम्पिटिटर सस्ता सामान बेचे, डिस्काउंट दे या फिर उधार दे। लॉयल कस्टमर किसी भी परिस्थिती में आपके साथ जुड़ा रहता है। वह केवल आपका कस्टमर ही नहीं रह जाता बल्कि आपका मार्केटर भी बन जाता है। ऐसे में कस्टमर को खुश रखना उन्हें लॉयल बनाना काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। अगर आप भी बिज़नेस (Business) करते हैं या शुरू करना चाह रहे हैं तो आज के इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताएंगे जिनकी मदद से आप अपने बिज़नेस की ग्रोथ के लिए लॉयल कस्टमर बना सकते हैं।
1. कस्टमर फीडबैक है ज़रूरी
किसी भी बिज़नेस की सक्सेस उसके ग्राहकों के फीडबैक से तय होती है। अक्सर ग्राहक जो फीडबैक देते हैं वो काफी हद तक सही होता है। अगर उन्हें प्रोडक्ट पंसद नहीं आया तो आपको एक मौका मिलता है अपने प्रोडक्ट को सही करने का । इसलिए कभी भी ग्राहकों के फीडबैक को नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए। आपको उनसे प्रोडक्ट के बारे में जरूर फीडबैक लेना चाहिए जैसे कि आपके ग्राहकों को किस प्रकार का प्रॉडक्ट चाहिए, कैसी क्वालिटी चाहिए | पैकिंग ��ैसे तमाम चीज़ों पर आप अपने ग्राहक से सुझाव ले सकते है। सुझाव लेने के बाद आप उन पर काम करना शुरू कर दीजिए। इससे आपको प्रोडक्ट की क्वालिटी सुधारने में और आपके कस्टमर के पसंद के प्रोडक्ट बनाने में मदद मिलेगी। कस्टमर भी आपके प्रोडक्ट की प्रति लॉयल बनेगा। अपने बिज़नेस में सही रणनीति के लिए आप लीडरशिप स्पीकर (Leadership Speaker In India) की मदद ले सकते हैं।
2. ग्राहकों की संतुष्टि का रखें ध्यान
आपका ग्राहक आपके प्रोडक्ट से कितना संतुष्ट है, यह आपके प्रोडक्ट की ग्रोथ को तय करती है। अगर वह आपके प्रॉडक्ट और सर्विसेस से संतुष्ट हैं तो वह हमेशा के लिए आपके साथ जुड़ जायेगा और आपके प्रोडक्ट की मार्केटिंग भी करेगा। इसके लिए अपने ग्राहक से अपनी सर्विसेस के बारे में रेटिंग लेनी चाहिए। इससे आपको भी समझ में आएगा कि आपके प्रोडक्ट में कहां कमी है, कहां नहीं । कस्टमर को लॉयल बनाने के अन्य तरीकों के बारें में जानने के लिए आप मोटिवेशनल स्पिकर डॉ विवेक बिंद्रा जी की ये विडियो देख सकते हैं- https://www.youtube.com/watch?v=bzmJDEljstI
3. रिवॉर्ड्स देते रहें
कस्टमर को लॉयल बनाने के लिए उन्हें समय-समय पर रिवॉर्ड देते रहना चाहिए। कोई भी कस्टमर बिना किसी फायदे के आपके साथ ज्यादा लंबे समय तक जुड़ नहीं पाएगा। इसके लिए आप अपने ग्राहक को तरह तरह के ऑफर्स दे सकते हैं। अपने ग्राहक को हर खरीदी पर कुछ पॉइंट्स दे सकते हैं या इस तरह के दूसरे ऑफर्स दे सकते हैं जिससे कस्टमर आपको कभी भी नहीं छोड़ेगा। इसका सही उदाहरण आप देख सकते हैं कि आज के समय में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कोई भी व्यक्ति शॉपिंग करता है तो वहां पर उसको पॉइंट्स मिलते हैं, जिसके चलते वह अगली बार फिर कोई ना कोई प्रोडक्ट खरीदता है। आप कुछ रिवॉर्ड पाइंट्स, कैशबैक या गिफ्ट देकर ग्राहकों को लंबे समय के लिए अपने साथ जोड़े रख सकते हैं। इसी तरह के अन्य सुझाव के लिए आप बिज़नेस कोच (Business Coach) की मदद ले सकते हैं।
4. प्रोडक्ट क्वालिटी पर दें ध्यान
यदि आपको लॉयल कस्टमर बनाना है तो सबसे पहले अपने प्रोडक्ट की क्वॉलिटी पर ध्यान देना चाहिए। भले ही प्राइस ज्यादा हो लेकिन प्रॉडक्ट की क्वॉलिटी अच्छी होनी चाहिए क्यूंकि सबसे ज्यादा लॉयल कस्टमर प्रॉडक्ट की क्वॉलिटी पर ही बनते हैं । आपने देखा होगा कि गूगल, एप्पल, टाटा जैसे बड़े ब्रांड के कस्टमर एक बार उनसे जुड़ने के बाद जल्दी अपने प्रोडक्ट बदलते नहीं हैं । वो उन पर विश्वास करते हैं, उनकी क्वालिटी पर भरोसा करते हैं। इसलिए अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी के साथ किसी भी तरह का समझौता न करें। तभी आपके कस्टमर लॉयल बनें रह सकते है।
5. ग्राहकों को सही समय पर दें ��माधान
ग्राहकों को लॉयल बनाने के लिए उन्हें तुंरत समाधान देना चाहिए। इसके लिए आप उन्हें रियल टाइम सपोर्ट दे सकते हैं। अपने ग्राहकों को सेवा या प्रोडक्ट की बिक्री के बाद भी रियल टाइम सपोर्ट जैसे लाइव चैट या फ़ोन नंबर के माध्यम से सपोर्ट प्रदान करें। आप इस तरह के सपोर्ट प्रदान करके ग्राहकों से उनकी समस्याएं पूछ सकते हैं और उनका समाधान कर सकते हैं। ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करके उन्हें एक शानदार अनुभव का एहसास दिलाएं। ग्राहकों को स्पेशल महसूस कराएँ।
लम्बे समय तक ग्राहकों को संतुष्ट करने से ग्राहक आपके पास हमेशा ही आता है और बिज़नेस में भी बढ़ोतरी होती है। यदि आप चाहते हैं कि ग्राहक आपके साथ लम्बे समय तक जुड़े रहें तो उसके लिए आपको उन्हें धैर्य से सुनने की आदत डालनी होगी और कोई समस्या होने पर उन्हें इस बात का आश्वासन देना होगा की भविष्य में वह समस्या दुबारा दोहराई नहीं जाएगी। आप इन बातों का ध्यान रख अपने कस्टमर को लॉयल बना सकते हैं।
लेख के बारे में आप अपनी टिप्पणी को कमेंट सेक्शन में कमेंट करके दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार में कठिन और मुश्किल परेशानियों का सामना कर रहे हैं और चाहते हैं कि स्टार्टअप बिज़नेस को आगे बढ़ाने में आपको एक पर्सनल बिज़नेस कोच का अच्छा मार्गदर्शन मिले तो आपको PSC (Problem Solving Course) का चुनाव जरूर करना चाहिए जिससे आप अपने बिज़नेस में एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने बिज़नेस को चार गुना बढ़ा सकते हैं ।
Source: https://hindi.badabusiness.com/business-motivation/5-important-tips-to-make-customer-loyal-for-business-growth-10761.html
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फ्री WIFI के लालच में आप हो सकते हैं हैकर्स का शिकार, इन बातों का रखें ध्यान
चैतन्य भारत न्यूज आज के समय में ज्यादातर पब्लिक प्लेस पर फ्री वाईफाई उपलब्ध होता है। कुछ लोगों को यह एहसास भी नहीं होता कि मुफ्त या सार्वजनिक वाईफाई उनके लिए सुरक्षित नहीं है। कई बार मुफ्त वाईफाई के लालच में लोग हैकर्स के भी शिकार हो जाते हैं। इससे उनका डाटा चुरा लिया जाता है और उनकी गोपनीय जानकारी भी गोपनीय नहीं रह जाती। यदि आप भी फ्री वाईफाई का इस्तेमाल करते हैं तो उसके लिए आपको कई बातों का खासतौर से ध्यान रखना होगा।
कई बार फ्री वाईफाई लॉगिन करने के लिए आपसे पासवर्ड पूछा जाता है और आप बेहिचक अपना पासवर्ड डालकर फ्री इंटरनेट से जुड़ जाते हैं लेकिन यह आपके लिए महंगा भी साबित हो सकता है। इसलिए यदि आप पर्याप्त सुरक्षा के बिना सार्वजनिक वाईफाई का उपयोग करते हैं तो आप जोखिम उठा रहे हैं। यदि आप अपने घर के अंदर होते हैं तो इंटरनेट एक्सेस करने पर आमतौर पर कोई समस्या नहीं होती है और वह सुरक्षित है, लेकिन अगर आप एक मुफ्त सार्वजनिक वाईफाई नेटवर्क का उपयोग कर रहे हैं तो इससे आपकी व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित नहीं रहती है।
आपको इस बात की जानकारी नहीं होती है कि किस ने इस वाईफाई को स्थापित किया है या कौन से कनेक्ट कर रहा है अथवा कौन इसकी निगरानी कर यूजर्स की लिस्ट बना रहा है। आज के समय में कॉ��ी शॉप होटल शॉपिंग मॉल हवाई अड्डे रेलवे स्टेशन समेत अन्य सभी सार्वजनिक स्थानों पर फ्री वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध होती है। यदि आप भी बैठे उठते चलते फिरते फ्री वाईफाई कनेक्शन का इस्तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाइए। यह ना सिर्फ डाटा चुरा सकता है बल्कि हमेशा आपके फोन लैपटॉप या टैबलेट को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
कई बार शातिर हैकर्स मोबाइल से जुड़कर आपकी ईमेल आईडी, बैंक खाते की गोपनीय जानकारी, पासवर्ड, ट्रांजैक्शन पासवर्ड तक भी पहुंच जाते हैं। फिर वह इंटरनेट से आपकी जासूसी पर आपके लिंक स्थापित करने का प्रयास करेंगे, जिससे आप आसानी से फंस सकते हैं। हैकर्स आपके खाते से राशि भी ट्रांसफर कर सकते हैं। यह एक साइबर क्राइम तो है ही लेकिन उस साइबर अपराधी को पकड़ने की प्रक्रिया थोड़ी जटिल होती है। पुलिस के साइबर सेल में शिकायत करने के बाद अपराधी को पकड़ने में लंबा वक्त लग सकता है। इसलिए आप जब भी किसी सार्वजनिक वाईफाई का इस्तेमाल करें तो थोड़ा सावधान रहकर करें। ये भी पढ़े... यदि आप भी हुए हैं ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार, तो ऐसे कीजिए शिकायत निजी डाटा चोरी करने वालों की अब खैर नहीं, होगी जेल और 15 करोड़ तक जुर्माना, जानें डाटा चोरी से बचने के उपाय इन 4 एप्स को डाउनलोड करने से बचें, वरना खाली हो सकता है आपका बैंक खाता आप खुद स्विच ऑन और ऑफ कर सकेंगे अपने डेबिट-क्रेडिट कार्ड, साइबर फ्रॉड पर लगेगी लगाम Read the full article
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डेबिट-क्रेडिट कार्डधारक न करें ये गलती, गायब हो जाएगा अकाउंट का सारा पैसा Divya Sandesh
#Divyasandesh
डेबिट-क्रेडिट कार्डधारक न करें ये गलती, गायब हो जाएगा अकाउंट का सारा पैसा
आज के समय में और का इस्तेमाल आम हो गया है। लोगों सुविधाओं के लिए क्रेडिट और डेबिट कार्ड को बनाया गया है ताकि उन्हें हमेशा अपने साथ कैश लेकर न चलना पड़े। इनके इस्तेमाल से छीना झपटी और चोरी की संभावनाएं कम हो जाती हैं और खर्च किए गए धन का पूरा लेखा-जोखा रहता है।
वहीं कुछ लोग सुविधा के लिए बनाई गई इन चीजों का इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए करते हैं। अगर आप भी क्रेडिट या डेबिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं तो आपको इनका इस्तेमाल करते वक्त सावधान रहने की जरूरत है। जी हां आजकल डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने के दौरान कार्ड धारकों की पर्सनल जानकारी भी लीक हो जाती हैं। इन जानकारियों के चलते ही ग्राहक धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं।
इन बातों पर देना चाहिए ध्यान: बताया जा रहा है कि लगभग 10 करोड़ से ज्यादा क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड होल्डर्स की जानकारी डार्क वेब पर बेची जा रही है। इन पर्सनल जानकारियों में कार्ड होल्डर के नाम से लेकर मोबाइल नंबर, मेल आईडी, कार्ड के पहले चार अंक और कार्ड के आखिरी 4 अंक बेचे जा रहे हैं। डार्क वेब पर बिक रही ये जानकारियां ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स जैसे कि , और आदि से लीक हो रही हैं।
मीडिया सोर्स के अनुसार, यूजर्स की यह पर्सनल इंफॉर्मेशन अगस्त 2020 में लीक हुई। ऐसे यूजर्स जिन्होंने मार्च 2017 से लेकर अगस्त 2020 तक ट्रांजेक्शन की हैं उनकी जानकारियां इसमें शामिल हैं। इन इंफॉर्मेशन में अधिकतर भारत के क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड धारकों की जानकारियां शामिल हैं। इन लीक हुई इंफॉर्मेशन में डेबिट और क्रेडिट कार्ड की एक्सपायरी डेट, कस्टमर आईडी और स्कैन कार्ड तक हैं।
पहले भी कई बार यूजर्स का पर्सनल डेटा लीक हो चुका है। आपको बता दें कि 2019 में भी लगभग 13 लाख से ज्यादा व्यक्तियों के कार्ड्स की इंफॉर्मेशन लीक हो गई थी। पहले भी लीक हुई इंफॉर्मेशन को डार्क वेब पर बेचा जा चुका था।
अगर आपके साथ कोई भी धोखाधड़ी हो तो उससे पहले ही आपको इस स्थिति से बचने के लिए सावधान रहना जरूरी है। इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि जब भी किसी वेबसाइट से ऑनलाइन खरीदारी करते वक्त भुगतान करें तो अपने कार्ड की जानकारी को वहां पर सहेज कर न रखें यानी कि कार्ड की डीटेल को वहां पर सेव न करें। वहीं अगर आपने पहले अपनी कार्ड की डीटेल वहां सेव कर रखी हैं तो उन्हें वहां से हटा दीजिए।
वहीं आप ऐसे में किसी धोखाधड़ी का शिकार होने से बचने के लिए अपने क्रेडिटा या डेबिट कार्ड के 4 अंकों के पिन को बदल भी दीजिए। अगर आपके साथ कोई धोखाधड़ी होनी शुरू हो गई है या आपके अकाउंट से पैसा कम हो रहा है तो तुरंत बैंक को इसकी सूचना दें। इसके अलावा आपको तुरंत इसकी शिकायत साइबर सेल में करनी है।
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What is Arogyam Shakti Pishapi Spray?
वर्तमान समय में अक्सर लोगों को किसी काम के सिलसिले में, घूमने, शॉपिंग करने, रेस्टोरेंट्स में खाने, फिल्म देखने आदि के लिए बाहर जाना पड़ता है। ऐसे में लम्बे समय तक घर से दूर रहने पर उन्हें पब्लिक टॉयलेट इस्तेमाल करना पड़ता है। जोकि उनके लिए (खासकर महिलाओं के लिए) एक बड़ी समस्या है। क्योंकि इन स्थानों का वॉशरूम इतना साफ नहीं होता। परिणामस्वरूप वह इन वॉशरूम को इस्तेमाल करने में असहज महसूस करते हैं। इसके अतिरिक्त ट्रैवलिंग के समय तो लोगों को और भी ज्यादा दिक्कत होती है। क्योंकि टूरिस्ट वाली जगहों पर कितनी सफाई होती है ये आप और हम अच्छे से जानते हैं। इस तरह की समस्याओं से बचाने के लिए आप वेदोबी द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रोडक्ट “आरोग्यमशक्ति पिसहैप्पी स्प्रे” का प्रयोग करें। जो कुछ ही देर में आपके वॉशरूम को साफ और फ्रेश बनाता है।
क्या है आरोग्यमशक्ति पिसहैप्पी स्प्रे?
आरोग्यमशक्ति पिसहैप्पी स्प्रे लोगों के लिए तैयार किया गया एक सुरक्षित, प्रभावी और बेहद अच्छा टॉयलेट स्प्रे है। यह स्प्रे लोगों को कॉलेज, कार्यालाय, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डा, मॉल, होटल या अन्य सार्वजनिक स्थानों एवं पब्लिक टॉयलेट को इस्तेमाल करते वक्त संक्रमण के खतरे से बचाता है। आरोग्यमशक्ति पिसहैप्पी स्प्रे एक कंफर्टेबल बॉटल में है, जो आसानी से आपके लगेज में फिट हो जाता है। इसलिए इसे लोग आपने साथ लेकर भी सफर कर सकते हैं।
किन पदार्थों से तैयार हुआ है पिसहैप्पी स्प्रे?
इस टॉयलेट क्लीनर के सलूशन में कोई भी हानिकारक केमिकल मौजूद नहीं है। यह पूरी तरह से नेचुरल इंग्रेडिएंट्स से तैयार किया गया है। आरोग्यमशक्ति पिसहैप्पी स्प्रे में गन्धतृण, तारपीन तेल, देवदार, नीम, फिटकरी, तिलपर्णी, कपूर आदि प्रकृतिक पदार्थ शामिल हैं। जो टॉयलेट को पूरी तरह से फ्रेश रखते हैं। किये गये परिक्षण में पाया गया है कि आरोग्यमशक्ति पिसहैप्पी स्प्रे कुछ ही सेकेंडों में अपना असर दिखाकर आपको एक स्वच्छ टॉयलेट प्रदान करता है।
क्यों इस्तेमाल करें पिसहैप्पी स्प्रे?
किसी बीमारी से बचने के लिए न सिर्फ अपने हाथों को, बल्कि अपने टॉयलेट को भी साफ रखना जरुरत होता है। क्योंकि गंदा टॉयलेट यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) जैसी बीमारियों का सबसे बड़ा और पहला कारण माना जाता है। जोकि महिलाओं में सबसे अधिक दे��ने को मिलता है। इसलिए टॉयलेट को फ्रेश एवं नीट एंड क्लीन बनाने के लिए आरोग्यमशक्ति पिसहैप्पी स्प्रे का इस्तेमाल करें। यह प्रोडक्ट पूरी तरह से हर्बल इंग्रेडिएंट्स से तैयार किया गया, जो टॉयलेट को स्वच्छ और कीटाणुरहित बनाने का काम करते हैं। आरोग्यमशक्ति पिसहैप्पी स्प्रे टॉयलेट को जर्म्स और बैक्टिरियां से बचाने के अलावा टॉयलेट को सुगंधित बनाने का भी काम करता है।
महिलाओं के लिए प्रेग्नेंसी यानी गर्भ अवस्था में पिसहैप्पी स्प्रे का इस्तेमाल करना और भी जरूरी हो जाता है। क्योंकि इस समय हर प्रेग्नेंट महिला का हॉस्पिटल में आना-जाना काफी बढ़ जाता है। परिणामस्वरूप न चाहते हुए भी उन्हें हॉस्पिटल के वॉशरूम का इस्तेमाल करना पड़ता है। ऐसे समय में यदि उन्हें साफ वॉशरूम नहीं मिलता तो उनके लिए किसी भी तरह का यूटीआई इन्फेक्शन होना खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए ऐसे में “आरोग्यमशक्ति पिसहैप्पी स्प्रे” का टॉयलेट हेतु इस्तेमाल करना बेहद आवश्यक है।
आरोग्यमशक्ति पिसहैप्पी स्प्रे के फायदे-
आरोग्यमशक्ति पिसहैप्पी स्प्रे टॉयलेट सीट के लिए सैनिटाइजर का काम करता है।
इसका इस्तेमाल टॉयलेट, बाथरूम, टाइल्स, वाशपेशन, नल, आदि पर किया जा सकता है।
इसकी खुशबू वॉशरूम को फ्रेश रखती है।
यह कई तरह के कीटाणुओं का 9% तक खात्मा करता है।
यह यूरीन इन्फेक्शन (यूटीआई) जैसी बीमारियों से बचाव करता है।
यह टॉयलेट को जर्म्स और बैक्टीरिया फ्री बनाने का काम करता है।
यह एक कंफर्टेबल स्प्रे बॉटल में है, जो आसानी से आपके लगेज में फिट हो जाता है। इसलिए इसे आप (विशेषकर महिलाएं) साथ लेकर भी सफर कर सकती हैं।
यह पूर्ण रूप से स्त्री स्वास्थ और स्वच्छ गुणवत्ता वाला प्रोडक्ट है।
पिसहैप्पी स्प्रे का इस्तेमाल कैसे करें?
सबसे पहले “पिसहैप्पी” बोतल को अच्छे से हिलाएं या शेक करें।
अब टॉयलेट सीट और किसी भी अन्य क्षेत्र पर स्प्रे करें, जिसे आप स्वच्छ करना चाहते हैं।
10 से 15 सेकेंड अथार्त स्प्रे के सूखने तक प्रतीक्ष करें।
टॉयलेट सीट अब रोगाणु मुक्त और उपयोग के लिए सुरक्षित है।
पिसहैप्पी स्प्रे का इस्तेमाल करते वक्त इन सावधानियों का रखें विशेष ध्यान-
सिर्फ बाहरी उपयोग के लिए इस्तेमाल करें।
बॉडी, कपड़े, खाना पकाने वाली जगह, खाने की टेबल, सोफे एवं बेड आदि पर स्प्रे न करें।
बच्चों से हमेशा बचा कर रखें।
हवा में स्प्रे न करें।
धूप के संपर्क से दूर किसी ठंडी और सुखी सतह पर रखें।
खाली होने पर कैन या बोतल को खोलने और जलाने की कोशिश न करें।
पिसहैप्पी स्प्रे कहा से खरीदें?
आरोग्यमशक्ति पिसहैप्पी स्प्रे खरीदने के लिए आप अमेज़न (Amazon), फ्लिपकार्ट (Flipkart) एवं वेदोबी के ऑनलाइन स्टोर www.vedobi.com पर जाएं या यहां पर क्लिक करें।
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ऑनलाइन शॉपिंग के नाम पर ऐसे ठगी कर रहे शातिर, साइबर क्राइम पुलिस ने दी ये सलाह #news4 लगातार नए तरीकों से लोगों को ठगने में जुटे साइबर अपराधियों ने अब ऑनलाइन शॉपिंग सेल को अपना हथियार बनाया है। बड़ी और नामी साइटों के लोगो का इस्तेमाल कर साइबर ठग फेसबुक पर सेल के ऑफर दिखा रहे हैं। प्रमोशन के जरिये ऐसे ठग लोगों को दिए गए लिंक पर क्लिक करने को कह रहे हैं और फिर उनके कार्ड की जानकारी लेकर पैसे ऐठ रहे हैं। साइबर क्राइम पुलिस ने लोगों को ऑनलाइन शापिंग के दौरान सतर्क रहने की सलाह दी है। कहा गया है कि ऑनलाइन शॉपिंग करने से पहले आधिकारिक साइट का ध्यान रखें और पेमेंट करते समय भी अधिक सतर्कता बरतें।
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कुछ समय पहले हैकर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्विटर अकाउंट हैक कर लिया और उनसे डोनेशन मांग रहे थे। इससे आप सोच सकते हैं कि जब देश के प्रधानमंत्री ऑनलाइन फ्रॉड से नहीं बच सकते हैं, तो हम कैसे बचेंगे।
अब आंकड़ों की बात करते हैं। देश में पिछले साल एक अक्टूबर से 31 दिसंबर के बीच सिर्�� 92 दिन में हैकर्स ने 128 करोड़ रुपए का फ्रॉड किया। ये सब उन्होंने नेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड में सेंध लगाकर किया।
डिजिटल टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट ललित मिश्रा बताते हैं कि हैकर्स ज्यादातर ऑनलाइन फ्रॉड आइडेंटिटी थेफ्ट के जरिए करते हैं, यानी वे हमारी पहचान और निजी जानकारी को चुरा लेते हैं। इसके बाद वे हमारे अकाउंट से ट्रांजेक्शन कर लेते हैं और हमें पता भी नहीं चलता है।
कैसे चुराते हैं हमारी पर्सनल जानकारी?
ललित मिश्रा कहते हैं कि देश में ज्यादातर ऑनलाइन फ्रॉड स्कीमिंग डिवाइस के जरिए ही हो रहा है। दरअसल, हमारे जितने भी डिजिटल कार्ड हैं, उनके पीछे एक मैग्नेटिक स्ट्रिप लगी होती है। इसी में यूजर्स की निजी जानकारी सेव होती है। हैकर्स इसे चुराने के लिए एटीएम या पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन में स्किमिंग डिवाइस लगा देते हैं। यह एक पतली डिवाइस होती है।
इसके बाद जैसे ही आप किसी शॉपिंग मॉल या एटीएम में जाकर कार्ड से ट्रांजेक्शन करेंगे, आपकी सारी जानकार उस डिवाइस में सेव हो गई। फिर हैकर्स आपके अकाउंट से कभी भी पैसे निकाल सकता है। हैकर्स ओपन सोर्स इंटेलीजेंस का भी इस्तेमाल करते हैं।
देश में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की क्या है स्थिति?
आरबीआई के 2019 के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल ट्रांजेक्शन का 29.9% डिजिटल कार्ड के जरिए होता है।
इनमें से अधिकांश में मैग्नेटिक स्ट्रिप का इस्तेमाल होता है। इन पर हैकर्स कार्ड रीडर की जगह स्कीमिंग डिवाइस लगा देते हैं। इससे हैकर्स आपके कार्ड की क्लोनिंग करके अवैध ट्रांजेक्शन शुरू कर देते हैं।
आइडेंटिटी थेफ्ट से बचने का तरीका?
आरबीआई का कहना है कि दुकानदार कार्ड स्वाइप करने वाले एटीएम रीडर की जगह पिन पैड वाली रीडिंग डिवाइस का इस्तेमाल करें।
इसके अलावा यूजर्स को पिन नंबर टाइप कर��े ट्रांजेक्शन करना चाहिए, इसे स्कीमिंग डिवाइस में रीड नहीं किया जा सकता है।
कार्ड की जगह UPI ट्रांजेक्शन ज्यादा सेफ है, यह आरबीआई की निगरानी में होता है। यदि कोई फ्रॉड करता है, तो आरबीआई के पकड़ में आ जाता है।
ओपन सोर्स इंटेलीजेंस क्या है?
साइबर क्राइम की दुनिया में इसे 'क्रिडेन्शियल स्टफिंग अटैक' कहा जाता है। इसी साल सितंबर में कनाडा में ऐसा ही मामला सामने आया था, जब ऑनलाइन टैक्स रेवेन्यू सर्विस समेत कुछ अन्य सरकारी एजेंसियों पर क्रिडेन्शियल स्टफिंग अटैक हुआ।
इसमें हैकर्स ने हजारों लोगों की जानकारी चुराई, फिर कोविड रिलेटेड ग्रांट के लिए एप्लाई किया और पैसा निकाल लिया। इसके लिए हैकर्स ओपन सोर्स इंटेलीजेंस का इस्तेमाल करते हैं। वे आपकी हर जानकारी जुटाते हैं, जो आपके फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन पोस्ट से भी मिल सकती है।
कौन से हैकर्स ग्रुप जो ज्यादा सक्रिय हैं? ललित मिश्रा बताते हैं कि दुनिया में एम-ऐजकार्ट, क्रिक दो बड़े हैकर्स सिंडीकेट हैं। पिछले साल इन्होंने ट्रैवल वेबसाइट्स से 90 लाख से ज्यादा यूजर्स का पर्सनल डेटा चुराया था। कुछ समय पहले ब्रिटिश एयरवेज की साइट से 3.80 लाख ट्रेवलर्स का पर्सनल डेटा हैक कर लिया था। एम-ऐजकार्ट ने ट्विटर का डेटा चुराया था।
आइए ऐसे 5 तरीके जानते हैं, जिससे आपके ऑनलाइन आंकड़े चुराए जा सकते हैं। और जानिए आप कैसे सुरक्षित रह सकते हैं... 1. फिशिंग
फिशिंग एक फ्रॉड इमेल है, जिसकी मदद से आपसे आंकड़े मंगाए जाते हैं। यह देखने में असली जैसा ही लगता है। लेकिन हैकर फिशिंग ईमेल के जरिए पहले आपको भरोसा दिलाने की कोशिश करता है। फिर बताता है कि वो आपके फायदे के लिए बैंक एकाउंट की जानकारी या अन्य आंकड़े मांग रहा है।
फिशिंग में आपके बैंक के नाम से ईमेल आते हैं, जिसमें कहा जाता है कि आपका डेबिट कार्ड रद्द हो गया है और कार्ड नंबर या आधार नंबर बताने पर ही आपको नया कार्ड जारी किया जाएगा। आपको लग सकता है कि बैंक ने ही यह जानकारी मांगी है, लेकिन यह हैकर हो सकता है।
कैसे रहें सुरक्षित?
डोमेन नाम या ईमेल एड्रेस में स्पेलिंग की गलतियों पर ध्यान दें।
किसी भी संदिग्ध लिंक या ईमेल पर क्लिक करने से पहले दो बार सोचें।
2. मेल वेयर
यह एक सॉफ्टवेयर होता है, जो किसी सिस्टम की जानकारी या आंकड़े की चोरी के लिए बनाया जाता है। यह आपके मोबाइल या लैपटॉप से संवेदनशील आंकड़े चुराने, उसे डिलीट करने या फिर आप पर नजर रखने जैसी एक्टिविटी करता है।
मेल वेयर 4 तरह के होते हैं-
वायरस: यह कंप्यूटर के हार्ड डिस्क में जाकर फाइल/सिस्टम तक आपकी पहुंच को मु��्किल बनाता है।
ट्रोजन: यह आपके सिक्योरिटी सिस्टम से परे जाकर बैक डोर बनाता है, जिससे हैकर आपके सिस्टम पर नजर रख सकता है।
स्पाई वेयर: यह आपकी जासूसी करने के लिए बनाया जाता है। यह आपकी आईडी, पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर और नेट व की-बोर्ड चलाने की आदत को पढ़ता है।
की लॉगर: यह स्पाई का ही एक विकल्प है, जो आपके की-वर्ड को रिकॉर्ड कर लेता है।
कैसे रहें सुरक्षित?
अच्छा एंटी वायरस सॉफ्टवेयर इंस्टाल करें।
कोई नकली सॉफ्टवेयर डाउनलोड ना करें।
एंटी वायरस के नकली पॉप-अप पर कभी क्लिक ना करें।
ऑपरेटिंग सिस्टम को हमेशा अपडेट रखें।
पायरेटेड ऐप या सॉफ्टवेयर से हमेशा बचें।
3. मोबाइल ऐप्स गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर पर मौजूद सभी ऐप सुरक्षित नहीं होते। ऐप आपसे मोबाइल के सभी डेटा तक पहुंचने की परमिशन मांगते हैं, जिससे हैकर आपकी सारी जानकारी चुरा सकता है। साथ ही आपकी गोपनीय जानकारी भी सार्वजनिक कर सकता है। इसलिए हर किसी ऐप को सभी अनुमति हमेशा ना दें। कैसे सेफ रहें?
किसी ऐप को डाउनलोड करने से पहले परमिशन चेक करें।
उसकी समीक्षा और रेटिंग पर ध्यान दें।
50,000 से कम डाउनलोड वाले ऐप ना इंस्टाल करें।
पायरेटेड/क्रैक ऐप डाउनलोड ना करें।
4. स्मिशिंग
स्मिशिंग यह भी फिशिंग का ही एक तरीका है, जिसमें आप फोन या SMS पर किसी को व्यक्तिगत जानकारी दे देते हैं। इसमें हैकर्स आपसे सोशल इंजीनियरिंग का उपयोग कर आपसे जानकारी मांगते हैं।
कैसे सुरक्षित रहें?
यदि आपसे कोई फोन या SMS करके गोपनीय जानकारी मांगता है, तो कतई न दें।
किसी मैसेज पर आए लिंक पर क्लिक करने से पहले उसे अच्छी तरह चेक करें।
5. फिजिकल खतरे
आपका लैपटॉप, हार्ड डिस्क, मोबाइल लेकर भी कोई उससे गोपनीय जानकारी चुरा सकता है। यह कई बार अं��ाने में आपका कोई करीबी भी कर सकता है। यह आपके घर या दफ्तर, कहीं भी हो सकता है।
कैसे बचें ?
अपनी पर्सनल डिवाइस किसी को मत दें। अगर आपके लैपटॉप, मोबाइल में कोई गोपनीय जानकारी है तो उसे पासवर्ड डालकर सुरक्षित करें।
तीन साल में हैकर्स ने ��ेश में 547 करोड़ रुपए चुराए
अप्रैल 2017 से लेकर दिसंबर 2019 के बीच देशभर में ऑनलाइन फ्रॉड के 1.1 लाख केस दर्ज हुए। जबकि इन तीन सालों में लोगों के 547 करोड़ रुपए भी चुराए गए।
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Online Fraud and Social Media Connection; Five Ways Hackers Steal Information, Know How To Avoid It In Simple Words
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ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त ध्यान रखें ये बातें, नहीं तो लग सकता है चूना
ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त ध्यान रखें ये बातें, नहीं तो लग सकता है चूना
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ऑनलाइन शॉपिंग करते समय कुछ सावधानियां जरूर बरतें. ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) से मार्किट जाने की मेहनत और खर्च तो बचता ही है. साथ ही घर बैठे नए और अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट्स (Products) की जानकारी कई वेबसाइट (Website) पर देख सकते हैं.
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Local SEO क्या है? कैसे करें (2020 में SEO)
अगर आप Smartphone का इस्तेमाल करते हैं, तो इंटरनेट पर आपने कोई शॉप, रेस्टोरेंट, होटल,, बार, कॉफी, बैंक एटीएम, पेट्रोल पंप, पार्किंग स्थान, किराना सामग्री, डाकघर और अस्पताल ऐसी Search जरूर की होगी जिसमे किसी स्थान से जुडी खोज इंटरनेट पर की है तो हम आपको जानकरी देंगे की किस प्रकार Local Searches को Rank करने के लिए Search Engine Optimization SEO को बेहतर कर सकते है। इसे Local Search कहा जाता है। LOCAL SEO क्या है? कैसे करें आज, ऐसे Local Area को खोजने के लिए 10 में से 7-8 खोज की जाती हैं। ऐसी खोजों में लोगों का इरादा उन्हें एक दुकान या स्टोर दिखाने का था। आज हम Local SEO Tips के बारे में आपको Guide करने वाले है। मान लीजिए कि आपके शहर में 30-40 लैपटॉप मरम्मत स्टोर हैं। अब अगर कोई आपके शहर में खोज करता है, तो मेरे पास लैपटॉप की मरम्मत की दुकान है, तो मेरे पास स्टोर की एक सूची होगी। जो मुझे Local Authority Search से पता चल जाएगी जिससे में मेरे लैपटॉप को ठीक करवा सकूँगा। Search Engine के 3 Search Results हैं, क्लिक होने की संभावना बहुत अधिक है। ये परिणाम आपके लोकेशन की हिसाब से फ़िल्टर करके दिखाए जाते हैं। यदि आपके पास एक स्टोर भी है और वह Search Page के दूसरे या तीसरे पृष्ठ पर आ रहा है, तो इसका कोई फायदा नहीं होगा। दरअसल Google स्थानीय खोजों में व्यवसाय को Rank करने के लिए 3 Ranking Factors पर अधिक ध्यान देता है। यह बिलकुल सामान्य SEO की तरह काम करता है पर थोडा सा मजेदार जरुर है, जिसमे Link Building, User Experience, Online Presence और Website Page Load Speed भी निर्भर करती है। Relevance: जब कुछ भी इन्टरनेट पर सर्च करते है, तो वह खोज एक सर्वेक्षण के अनुसार Search Query से बहुत अच्छी तरह से मेल खाती है। Distance: From where the user has searched about the service, who gives the closest service from there. Performance: Who is the most popular in the business searched by the user. Despite doing this, they also use Google and many factories. Google किसी स्थानीय व्यवसाय को खोजते समय सबसे पहले सोशल मीडिया और निर्देशिका का उपयोग करता है। मान लीजिए कि आपके शहर में कोई लोकप्रिय होटल नहीं है और भोजन बहुत स्वादिष्ट है। ऐसे लोग वहां खाना पसंद करते हैं, इसलिए वे आपके साथ Social Media भी साझा करेंगे। इस प्रकार Google को पता चलता है कि यह होटल ठीक है और इसके Authority में वृद्धि हुई है। उसकी Ranking ऊपर आने लगती है। इसका मतलब है कि आपके व्यवसाय को जितना अधिक Social Signals मिलेगा, उतना ही आपको लाभ होगा। यहां हम देखते हैं कि वे कौन से कारक हैं जिन पर हम काम करके Local SEO Search को बेहतर बना सकते हैं।
Local SEO क्या है: ब्लॉग का SEO कैसे करें?
यह एक प्रकार का SEO है जिसकी मदद से आप अपने बिज़नेस की Local Address और Listings आसानी से Rank कर सकते है, इससे Local SEO और Personal Search भी बोला जा सकता है। गूगल सर्च इंजन में अपने ब्लॉग को रैंक करने के लिए और ब्लॉग को अच्छे Search Results में पाने के लिए आप जो भी SEO टिप्स और Ranking Factores का इस्तेमाल करते है इससे Local Search SEO कहते है। 1. Google My Business Most people do not know about it. This is a free plot demonstration from Google, using which we can list our store or shop. ज्यादातर लोग इसके बारे में नहीं जानते हैं। यह Google का एक निःशुल्क प्लॉट प्रदर्शन है, जिसके उपयोग से हम अपने Business, Store या Shop को Listing कर सकते हैं। जब आप किसी शहर में स्टोर के बारे में खोज करते हैं, तो आपके सामने स्वतंत्र और भुगतान किए गए दोनों खुलासे आते हैं। जिन्हें भुगतान किया जाता है, वे पैसे देकर सूचीबद्ध हो जाते हैं, लेकिन जो Organic Method से ऊपर आता है, वह SEO के कारण आता है। अगर आप स्टोर चला रहे हैं तो यह SEO आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। यदि आपके पास एक आधिकारिक वेबसाइट है, तो Local SEO की मदद से, आप बहुत सारे Traffic और Sales Generate कर सकते हैं। 2. Focus on service ग्राहक बढ़ाने के लिए, आपको सेवा पर अधिक ध्यान केंद्रित करना होगा। आप कितना भी SEO कर लें, अगर ग्राहक आपकी सेवा से संतुष्ट नहीं है तो आपको रैंक होने का कोई लाभ नहीं मिलेगा। इसके विपरीत, यदि आप अच्छी सेवा देते हैं, तो लोग स्वचालित रूप से अच्छी बात करेंगे। अपनी सेवा के बारे में दूसरों को बताएंगे, Social Media पर चर्चा करेंगे। ऐसा करने से Google आपके अधिकार को बढ़ाएगा जिससे Rank में Improve होगा। यदि आप इन कारकों को अच्छी तरह से लागू करते हैं तो आपको Good SEO Results मिलेंगे 3. Multimedia SEO आपकी वेबसाइट में Images की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। जब आपका व्यवसाय Google My Business में परिणत होता है, तो वहां कुछ आकर्षक छवियां अवश्य देखी जानी चाहिए। यह एक विशाल छाप है। लोग पाठ की तुलना में छवि पर अधिक ध्यान देते हैं। यदि आप व्यवसाय से संबंधित कुछ अच्छी छवियां या वीडियो पोस्ट करते हैं, तो इसका बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। इसलिए, आपको छवियों का उपयोग करना चाहिए। 4. Fast Page Load Speed ज्यादातर लोग लोकल सर्च करते समय मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। हर बार जब आप मोबाइल को हाई स्पीड वाई-फाई से कनेक्ट नहीं कर सकते हैं। आज भी भारत में लोग 3G या 4G का इस्तेमाल करते हैं। प्रत्येक शहर के स्थान के अनुसार, आपको गति मिलती है। ऐसे में अगर आपकी वेबसाइट को खुलने में ज्यादा समय लगता है, तो आपको ब��़ा नुकसान होता है। इसलिए आप पहले पेज की स्पीड बढ़ाने की कोशिश करें। 5. Mobile Friendly Google पर की जाने वाली अधिकांश स्थानीय खोज मोबाइल के माध्यम से की जाती हैं। ज्यादातर मामलों में, ऐसी खोज तब की जाती है जब लोग घर से बाहर होते हैं और वे अपने परिवार के किसी व्यक्ति की तलाश में होते हैं। ऐसी स्थिति में, आपकी वेबसाइट मोबाइल फ्रेंडली नहीं है, इसलिए लोग आपके पहुंचने से पहले वेबसाइट को बंद कर देंगे। आप व्यापार में भारी नुकसान करते हैं। इसलिए अपनी वेबसाइट की पेज स्पीड पर थोड़ा ध्यान दें। 6. Keyword Research यह स्थानीय खोजों में सबसे प्रभावी है। Local SEO करने से पहले, आपको अपने व्यवसाय के लिए एक मजबूत कीवर्ड की आवश्यकता होगी। यदि आपका व्यवसाय आपके शहर तक सीमित है, तो आपको उस पर अधिक ध्यान केंद्रित करना होगा। यहां आप लंबी पूंछ वाले कीवर्ड पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। अपने शहर में उपयोग किए जाने वाले कीवर्ड खोजें और उनकी खोज मात्रा जांचें। इससे आपको स्थानीय ग्राहक बहुत ही आसान तरीके से मिलेंगे। 7. Testimonials and Reviews ऑनलाइन दुनिया में समीक्षा की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। समीक्षा हमें बताती है कि कोई सेवा या उत्पाद अच्छा है या नहीं। ऑनलाइन शॉपिंग करते समय ज्यादातर लोग Good Reviews जरूर पढ़ते हैं। स्थानीय खोजों के बारे में भी ऐसा ही होता है। Google की खोज लिस्टिंग अच्छी समीक्षा दिखाती है, इसलिए लोग निश्चित रूप से उनसे मिलने जाते हैं। आपको अपने व्यवसाय के बारे में अपने ग्राहक से सकारात्मक समीक्षा की मांग करनी चाहिए। यदि वेबसाइट पर प्रशंसापत्र का विकल्प है, तो वहां प्रशंसापत्र लिखें। यहां तक कि आपको पता चल जाता है कि लोग आपके व्यवसाय को पसंद करते हैं। 8. Schema Markup Schema Markup, एक प्रकार का कोड है, जिसकी मदद से हम अपनी वेबसाइट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी Google को अच्छी तरह दे सकते हैं। स्कीम मार्कअप व्यापार लिस्टिंग में सबसे अधिक लाभ देता है। स्कीमा मार्कअप की मदद से अपनी वेबसाइट से सर्च इंजन का नाम, पता, फोन नंबर। सूचना आसानी से उसे प्रदर्शित की जाती है। यदि आपके पास एक व्यावसायिक वेबसाइट है, तो आपके सोशल मीडिया प्रोफाइल Google My Business की सूची में भी दिखाई देते हैं। य���ि आप अपनी वेबसाइट में स्कीमा मार्कअप जोड़ते हैं, तो एक तरह से आप Google की मदद कर रहे हैं। आप Google का काम आसान कर रहे हैं, जिससे आपको रैंकिंग में लाभ होगा। यदि आप स्थानीय खोजों में रैंकिंग बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको स्कीमा मार्कअप का भी उपयोग करना होगा। Google के Google's Structure Data Tool की सहायता से, आप जांच सकते हैं कि आपकी वेबसाइट में Schema Markup सक्षम है या नहीं। यदि नहीं, तो आप इसे प्लगइन का उपयोग करके उत्पन्न कर सकते हैं। 9. Citation Citation का मतलब है आपके व्यवसाय की ऑनलाइन लिस्टिंग। जब भी आप कोई व्यवसाय खोजते हैं, तो Google हमें कुछ नाम, पते और फ़ोन नंबर दिखाता है। इसे NAP भी कहा जाता है। ऐसी जानकारी को उद्धरण के रूप में कहाँ जाना जाता है? आप जिस भी वेबसाइट पर इस NAP को बनाते हैं, उसे Citation कहा जाएगा। यह वेबसाइट Business Directory, Classified वेबसाइट जैसी कुछ भी हो सकती है वेबसाइटों को रैंक करने के लिए, हम स्थानीय खोजों में रैंक बढ़ाने के लिए सिर्फ उद्धरण तैयार करते हैं, जैसे हम बैकलिंक्स बनाते हैं। जिस तरह हमें बैकलिंक्स के लिए एक वेबसाइट लिंक की आवश्यकता होती है, उसी तरह नट को प्रशस्ति पत्र की आवश्यकता होती है। इसका मतलब है कि इंटरनेट पर, जहां आपके व्यवसाय के एनएपी को देखा जाएगा, जहां एक प्रकार का प्रशस्ति पत्र जाएगा। साइटें Backlinks की तरह काम करती हैं जिसका अर्थ है कि Google की आँखों में स्थानीय खोजों में रैंकिंग के लिए उद्धरण को एक शक्तिशाली कारक माना जाता है। आपके व्यवसाय में जितने अधिक उद्धरण होंगे, आपकी रैंकिंग उतनी ही अधिक होगी। उद्धरण बनाते समय, आपको यह ध्यान रखना होगा कि प्रत्येक वेबसाइट पर आप एक प्रशस्ति पत्र बना रहे हैं, एक समान NAP होना चाहिए। व्यवसाय का नाम और पता बिल्कुल मेल खाना चाहिए। यदि पते में किसी भी शार्टकट शब्दों का उपयोग किया जा रहा है, तो हर जगह एक ही शॉर्टकट शब्दों का उपयोग करें। नीचे 2 उदाहरण देखें। #1 Near St. Xavier’s College, Mumbai. 400001 #2 Opposite Saint Xavier’s College, Mumbai. 400001 उपरोक्त दोनों पते में एक ही स्थान का उल्लेख किया गया है। लेकिन अगर आप एक प्रशस्ति पत्र बनाते समय ऐसे विभिन्न तरीकों से एक पता देते हैं, तो Google थोड़ा भ्रमित हो जाता है जिसका बुरा प्रभाव पड़ता है। उद्धरण बनाते समय, संपूर्ण जानकारी की एक निश्चित प्रति रखें, जिसका उपयोग हर जगह किया जा सकता है। और सबसे बड़ी बात जो हमें प्रशस्ति पत्र बनाते समय नहीं भूलनी चाहिए वह है क्वालिटी ऑफ केटेशन जी हां। मान लीजिए कि Google रैंकिंग के लिए प्रशस्ति पत्र को ध्यान में रखता है, लेकिन साथ ही यह उस वेबसाइट के अधिकार को भी देखता है जहां आपने उद्धरण बनाया है। इसलिए न केवल गुणवत्ता पर ध्यान दें, बल्कि गुणवत्ता पर भी ध्यान दें। Citation बनाने के लिए आप Quikr, Indiamart, sulekha जैसी मुफ्त वेबसाइट लिस्टिंग का उपयोग कर सकते हैं। निष्कर्ष: जी हाँ दोस्तों, आपको आज की पोस्ट कैसी लगी, आज हमने आपको बताया Local SEO Kya Hai? और SEO Kaise Karen? बहुत आसान शब्दों में, हमने आज की पोस्ट में भी सीखा। आज मैंने इस पोस्ट में What is Local SEO in Hindi सीखा। आपको इस पोस्ट की जानकारी अपने दोस्तों को भी देनी चाहिए। वे और सोशल मीडिया पर भी यह पोस्ट ज़रूर साझा करें। इसके अलावा, कई लोग इस जानकारी तक पहुंच सकते हैं। यदि आप हमारी वेबसाइट के नवीनतम अपडेट के लिए Sahu4You.com को Visit करते रहे साथ ही हमसे Facebook, Twitter और Instagram पर जरूर जुड़े। Read the full article
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फ्री WIFI के लालच में आप हो सकते हैं हैकर्स का शिकार, इन बातों का रखें ध्यान
चैतन्य भारत न्यूज आज के समय में ज्यादातर पब्लिक प्लेस पर फ्री वाईफाई उपलब्ध होता है। कुछ लोगों को यह एहसास भी नहीं होता कि मुफ्त या सार्वजनिक वाईफाई उनके लिए सुरक्षित नहीं है। कई बार मुफ्त वाईफाई के लालच में लोग हैकर्स के भी शिकार हो जाते हैं। इससे उनका डाटा चुरा लिया जाता है और उनकी गोपनीय जानकारी भी गोपनीय नहीं रह जाती। यदि आप भी फ्री वाईफाई का इस्तेमाल करते हैं तो उसके लिए आपको कई बातों का खासतौर से ध्यान रखना होगा।
कई बार फ्री वाईफाई लॉगिन करने के लिए आपसे पासवर्ड पूछा जाता है और आप बेहिचक अपना पासवर्ड डालकर फ्री इंटरनेट से जुड़ जाते हैं लेकिन यह आपके लिए महंगा भी साबित हो सकता है। इसलिए यदि आप पर्याप्त सुरक्षा के बिना सार्वजनिक वाईफाई का उपयोग करते हैं तो आप जोखिम उठा रहे हैं। यदि आप अपने घर के अंदर होते हैं तो इंटरनेट एक्सेस करने पर आमतौर पर कोई समस्या नहीं होती है और वह सुरक्षित है, लेकिन अगर आप एक मुफ्त सार्वजनिक वाईफाई नेटवर्क का उपयोग कर रहे हैं तो इससे आपकी व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित नहीं रहती है।
आपको इस बात की जानकारी नहीं होती है कि किस ने इस वाईफाई को स्थापित किया है या कौन से कनेक्ट कर रहा है अथवा कौन इसकी निगरानी कर यूजर्स की लिस्ट बना रहा है। आज के समय में कॉफी शॉप होटल शॉपिंग मॉल हवाई अड्डे रेलवे स्टेशन समेत अन्य सभी सार्वजनिक स्थानों पर फ्री वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध होती है। यदि आप भी बैठे उठते चलते फिरते फ्री वाईफाई कनेक्शन का इस्तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाइए। यह ना सिर्फ डाटा चुरा सकता है बल्कि हमेशा आपके फोन लैपटॉप या टैबलेट को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
कई बार शातिर हैकर्स मोबाइल से जुड़कर आपकी ईमेल आईडी, बैंक खाते की गोपनीय जानकारी, पासवर्ड, ट्रांजैक्शन पासवर्ड तक भी पहुंच जाते हैं। फिर वह इंटरनेट से आपकी जासूसी पर आपके लिंक स्थापित करने का प्रयास करेंगे, जिससे आप आसानी से फंस सकते हैं। हैकर्स आपके खाते से राशि भी ट्रांसफर कर सकते हैं। यह एक साइबर क्राइम तो है ही लेकिन उस साइबर अपराधी को पकड़ने की प्रक्रिया थोड़ी जटिल होती है। पुलिस के साइबर सेल में शिकायत करने के बाद अपराधी को पकड़ने में लंबा वक्त लग सकता है। इसलिए आप जब भी किसी सार्वजनिक वाईफाई का इस्तेमाल करें तो थोड़ा सावधान रहकर करें। ये भी पढ़े... यदि आप भी हुए हैं ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार, तो ऐसे कीजिए शिकायत निजी डाटा चोरी करने वालों की अब खैर नहीं, होगी जेल और 15 करोड़ तक जुर्माना, जानें डाटा चोरी से बचने के उपाय इन 4 एप्स को डाउनलोड करने से बचें, वरना खाली हो सकता है आपका बैंक खाता आप खुद स्विच ऑन और ऑफ कर सकेंगे अपने डेबिट-क्रेडिट कार्ड, साइबर फ्रॉड पर लगेगी लगाम Read the full article
#Airdroid#atm#atmfraud#bankfraud#creditcardfraud#criminalusescreensharingapps#cybercrime#debitcardfraud#disadvantageofusingpublicwifi#freewifi#freewifih#Googlepay#hackers#nydesk#Onlinefraud#OTP#Paytm#Phonepay#PIN#QuickSupport#rbi#reservebankofindia#screensharingapps#statecyberpolicezonegwalior#TeamViewer#upi#अपराधशाखा#आरबीआई#एटीएम#ऑनलाइनअपराध
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फ्री WIFI के लालच में आप हो सकते हैं हैकर्स का शिकार, इन बातों का रखें ध्यान
चैतन्य भारत न्यूज आज के समय में ज्यादातर पब्लिक प्लेस पर फ्री वाईफाई उपलब्ध होता है। कुछ लोगों को यह एहसास भी नहीं होता कि मुफ्त या सार्वजनिक वाईफाई उनके लिए सुरक्षित नहीं है। कई बार मुफ्त वाईफाई के लालच में लोग हैकर्स के भी शिकार हो जाते हैं। इससे उनका डाटा चुरा लिया जाता है और उनकी गोपनीय जानकारी भी गोपनीय नहीं रह जाती। यदि आप भी फ्री वाईफाई का इस्तेमाल करते हैं तो उसके लिए आपको कई बातों का खासतौर से ध्यान रखना होगा।
कई बार फ्री वाईफाई लॉगिन करने के लिए आपसे पासवर्ड पूछा जाता है और आप बेहिचक अपना पासवर्ड डालकर फ्री इंटरनेट से जुड़ जाते हैं लेकिन यह आपके लिए महंगा भी साबित हो सकता है। इसलिए यदि आप पर्याप्त सुरक्षा के बिना सार्वजनिक वाईफाई का उपयोग करते हैं तो आप जोखिम उठा रहे हैं। यदि आप अपने घर के अंदर होते हैं तो इंटरनेट एक्सेस करने पर आमतौर पर कोई समस्या नहीं होती है और वह सुरक्षित है, लेकिन अगर आप एक मुफ्त सार्वजनिक वाईफाई नेटवर्क का उपयोग कर रहे हैं तो इससे आपकी व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित नहीं रहती है।
आपको इस बात की जानकारी नहीं होती है कि किस ने इस वाईफाई को स्थापित किया है या कौन से कनेक्ट कर रहा है अथवा कौन इसकी निगरानी कर यूजर्स की लिस्ट बना रहा है। आज के समय में कॉफी शॉप होटल शॉपिंग मॉल हवाई अड्डे रेलवे स्टेशन समेत अन्य सभी सार्वजनिक स्थानों पर फ्री वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध होती है। यदि आप भी बैठे उठते चलते फिरते फ्री वाईफाई कनेक्शन का इस्तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाइए। यह ना सिर्फ डाटा चुरा सकता है बल्कि हमेशा आपके फोन लैपटॉप या टैबलेट को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
कई बार शातिर हैकर्स मोबाइल से जुड़कर आपकी ईमेल आईडी, बैंक खाते की गोपनीय जानकारी, पासवर्ड, ट्रांजैक्शन पासवर्ड तक भी पहुंच जाते हैं। फिर वह इंटरनेट से आपकी जासूसी पर आपके लिंक स्थापित करने का प्रयास करेंगे, जिससे आप आसानी से फंस सकते हैं। हैकर्स आपके खाते से राशि भी ट्रांसफर कर सकते हैं। यह एक साइबर क्राइम तो है ही लेकिन उस साइबर अपराधी को पकड़ने की प्रक्रिया थोड़ी जटिल होती है। पुलिस के साइबर सेल में शिकायत करने के बाद अपराधी को पकड़ने में लंबा वक्त लग सकता है। इसलिए आप जब भी किसी सार्वजनिक वाईफाई का इस्तेमाल करें तो थोड़ा सावधान रहकर करें। ये भी पढ़े... यदि आप भी हुए हैं ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार, तो ऐसे कीजिए शिकायत निजी डाटा चोरी करने वालों की अब खैर नहीं, होगी जेल और 15 करोड़ तक जुर्माना, जानें डाटा चोरी से बचने के उपाय इन 4 एप्स को डाउनलोड करने से बचें, वरना खाली हो सकता है आपका बैंक खाता आप खुद स्विच ऑन और ऑफ कर सकेंगे अपने डेबिट-क्रेडिट कार्ड, साइबर फ्रॉड पर लगेगी लगाम Read the full article
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फ्री WIFI के लालच में आप हो सकते हैं हैकर्स का शिकार, इन बातों का रखें ध्यान
चैतन्य भारत न्यूज आज के समय में ज्यादातर पब्लिक प्लेस पर फ्री वाईफाई उपलब्ध होता है। कुछ लोगों को यह एहसास भी नहीं होता कि मुफ्त या सार्वजनिक वाईफाई उनके लिए सुरक्षित नहीं है। कई बार मुफ्त वाईफाई के लालच में ��ोग हैकर्स के भी शिकार हो जाते हैं। इससे उनका डाटा चुरा लिया जाता है और उनकी गोपनीय जानकारी भी गोपनीय नहीं रह जाती। यदि आप भी फ्री वाईफाई का इस्तेमाल करते हैं तो उसके लिए आपको कई बातों का खासतौर से ध्यान रखना होगा।
कई बार फ्री वाईफाई लॉगिन करने के लिए आपसे पासवर्ड पूछा जाता है और आप बेहिचक अपना पासवर्ड डालकर फ्री इंटरनेट से जुड़ जाते हैं लेकिन यह आपके लिए महंगा भी साबित हो सकता है। इसलिए यदि आप पर्याप्त सुरक्षा के बिना सार्वजनिक वाईफाई का उपयोग करते हैं तो आप जोखिम उठा रहे हैं। यदि आप अपने घर के अंदर होते हैं तो इंटरनेट एक्सेस करने पर आमतौर पर कोई समस्या नहीं होती है और वह सुरक्षित है, लेकिन अगर आप एक मुफ्त सार्वजनिक वाईफाई नेटवर्क का उपयोग कर रहे हैं तो इससे आपकी व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित नहीं रहती है।
आपको इस बात की जानकारी नहीं होती है कि किस ने इस वाईफाई को स्थापित किया है या कौन से कनेक्ट कर रहा है अथवा कौन इसकी निगरानी कर यूजर्स की लिस्ट बना रहा है। आज के समय में कॉफी शॉप होटल शॉपिंग मॉल हवाई अड्डे रेलवे स्टेशन समेत अन्य सभी सार्वजनिक स्थानों पर फ्री वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध होती है। यदि आप भी बैठे उठते चलते फिरते फ्री वाईफाई कनेक्शन का इस्तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाइए। यह ना सिर्फ डाटा चुरा सकता है बल्कि हमेशा आपके फोन लैपटॉप या टैबलेट को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
कई बार शातिर हैकर्स मोबाइल से जुड़कर आपकी ईमेल आईडी, बैंक खाते की गोपनीय जानकारी, पासवर्ड, ट्रांजैक्शन पासवर्ड तक भी पहुंच जाते हैं। फिर वह इंटरनेट से आपकी जासूसी पर आपके लिंक स्थापित करने का प्रयास करेंगे, जिससे आप आसानी से फंस सकते हैं। हैकर्स आपके खाते से राशि भी ट्रांसफर कर सकते हैं। यह एक साइबर क्राइम तो है ही लेकिन उस साइबर अपराधी को पकड़ने की प्रक्रिया थोड़ी जटिल होती है। पुलिस के साइबर सेल में शिकायत करने के बाद अपराधी को पकड़ने में लंबा वक्त लग सकता है। इसलिए आप जब भी किसी सार्वजनिक वाईफाई का इस्तेमाल करें तो थोड़ा सावधान रहकर करें। ये भी पढ़े... यदि आप भी हुए हैं ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार, तो ऐसे कीजिए शिकायत निजी डाटा चोरी करने वालों की अब खैर नहीं, होगी जेल और 15 करोड़ तक जुर्माना, जानें डाटा चोरी से बचने के उपाय इन 4 एप्स को डाउनलोड करने से बचें, वरना खाली हो सकता है आपका बैंक खाता आप खुद स्विच ऑन और ऑफ कर सकेंगे अपने डेबिट-क्रेडिट कार्ड, साइबर फ्रॉड पर लगेगी लगाम Read the full article
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इन 4 एप्स को डाउनलोड करने से बचें, वरना खाली हो सकता है आपका बैंक खाता
चैतन्य भारत न्यूज डिजिटलाइजेशन के इस जमाने ने लोगों का काम तो बेहद आसान कर दिया और समय की भी बचत की, लेकिन इससे खतरा भी बढ़ता जा रहा है। दरअसल, डिजिटल युग में एक जरा-सी चूक आपके बैंक अकाउंट को खाली कर सकती है। जी हां... डिजिटल के बढ़ते चलन को देखते हुए इसमें फ्रॉड (धोखाधड़ी) भी बढ़ गया है। लिहाजा ऑनलाइन पेमेंट करते समय काफी सतर्क रहने की जरूरत है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); डिजिटलाइजेशन के इस युग में फ्रॉड करने का तरीका भी आधुनिक हो गया है। अब लोग मैसेज, इमेल और लिंक के जरिए भी सायबर क्राइम को अंजाम दे रहे हैं। पहले सायबर अपराधी OTP, UPI link आदि के जरिए सायबर अपराध को अंजाम देते थे। लेकिन अब इन सब से बिलकुल अलग ऐसे अपराध करने के लिए अपराधी स्क्रीन शेयरिंग ऐप जैसे- Anydesk, Quick Support, Airdroid, Team Viewer आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसका खुलासा राज्य सायबर पुलिस जोन-ग्वालियर द्वारा सायबर अपराध की बढ़ती शिकायतों का विश्लेषण करने पर हुआ है। ऐसे हो जाते हैं आप सायबर क्राइम का शिकार अपराधी पहले आपको स्क्रीन शेयरिंग ऐप इनस्टॉल करने का बोलते हैं। जैसे ही आप उन ऐप को इनस्टॉल कर लेते हैं तो आपके फोन को अपराधी द्वारा access कर लिया जाता है। फिर आप अपने फोन में जो भी गतिविधि करते हैं वह सब अपराधी को भी दिखाई देती है। ऐसे में वो आपकी सभी जरुरी जानकारी जैसे- Debit-Credit कार्ड डिटेल्स, OTP, UPI, PIN आदि हासिल कर लेते हैं। आपके फोन पर आने वाले OTP को ट्रांसेक्शन के लिए उपयोग में ले लेते हैं और फिर वो आपके Paytm, Google pay, Phone pay आदि से अन्य वॉलेट्स से ट्रांसेक्शन करने में समर्थ हो जाते हैं। सायबर अपराध से बचने के लिए ये सावधानियां बरतें- किसी के भी कहने पर कोई भी अनजान ऐप को मोबाइल में इनस्टॉल या डाउनलोड न करें। यदि आप ऐप डाउनलोड भी कर रहे हैं तो पहले उसकी उपयोगिता और उससे संबंधित सभी जानकारी जरूर लें लीजिए। अपने बैंक, डेबिट-क्रेडिट कार्ड या अन्य वॉलेट से संबंधित जानकारी या फिर मोबाइल पर प्राप्त होने वाले OTP या Verfication code को किसी के भी साथ शेयर न करें। Paytm के KYC Updation के लिए Paytm ऐप पर दिए गए Nearby Option से नजदीकी Paytm सेंटर की जानकारी प्राप्त कर सेंटर पर ही संपर्क करें। यदि कोई मोबाइल कंपनी का कस्टमर केयर बन कर आपसे सिम को एक्टीवेट करने के लिए आपसे सिम कार्ड नंबर मांगता है तो किसी भी मैसेज ना तो जवाब दें और ना ही किसी लिंक पर क्लिक करें। किसी से भी अपने बैंक का पिन कोड, पासवर्ड शेयर ना करें। फर्जी मैसेज से हमेशा सावधान रहें। जब भी कोई ऑनलाइन ट्रांसजेक्शन करें तो पहले चेक करें कि इंटरनेट कनेक्शन पासवर्ड से प्रोटेक्टेड हो। कभी साइबर कैफे या फ्री वाई-फाई के जरिए ऑनलाइन पेमेंट ना करें। कई बार फंसाने के लिए ई-मेल भी भेजा जाता है। यह ई-मेल ऐसा लगता है जैसे किसी बैंक ने या किसी शॉपिंग वेबसाइट ने भेजा हो। इनके जरिए हमेशा पर्सनल इन्फॉर्मेशन मांगी जाती है। इसके लिंक पर क्लिक करते ही एक नकली वेबसाइट ओपन हो जाती है। जैसे ही आपना यूजर आईडी और पासवर्ड डालते हैं। आपके मोबाइल नंबर, लॉग इन आईडी, पासवर्ड, डेबिट, क्रेडिट कार्ड संबंधित जानकारी तुरंत हैक की जा सकती है। कई बार अपराधी Whatsapp पर QR कोड शेयर करते हैं। साथ ही मैसेज भी भेजते हैं कि इसके स्कैन करने से आपके अकाउंट में पैसे आ जाएंगे। ऐसे किसी भी QR कोड पर कार्ड का नंबर, पिन और ओटीपी कभी शेयर न करें। फ्रॉड करने वाले आपको किसी स्क्रीन शेयरिंग App का उपयोग करने के लिए कहते हैं। ये App एक तरह का मालवेयर होता है, जो आपके मोबाइल डेटा को थर्ड पार्टी तक पहुंचा देता है। कई बार फ्रॉड करने वाले सोशल मीडिया पर फर्जी बैंक अधिकारी बन कर आपसे आपकी शिकायत सुनने के बहाने अकाउंट की जानकारी मांग सकते हैं। ऐसे में ध्यान रखें कि बैंक की आधिकारिक साइट से ही फोन नंबर निकालें और संपर्क करें। ये भी पढ़े... यदि आप भी हुए हैं ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार, तो ऐसे कीजिए शिकायत 13 लाख भारतीयों के डेबिट-क्रेडिट कार्ड का डेटा चोरी, ऑनलाइन बेच रहे हैकर्स निजी डाटा चोरी करने वालों की अब खैर नहीं, होगी जेल और 15 करोड़ तक जुर्माना, जानें डाटा चोरी से बचने के उपाय आप खुद स्विच ऑन और ऑफ कर सकेंगे अपने डेबिट-क्रेडिट कार्ड, साइबर फ्रॉड पर लगेगी लगाम सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- खतरनाक मोड़ पर सोशल मीडिया, सरकार क�� देना ही चाहिए दखल Read the full article
#Airdroid#atm#atmfraud#bankfraud#creditcardfraud#criminalusescreensharingapps#cybercrime#debitcardfraud#Googlepay#nydesk#Onlinefraud#OTP#Paytm#Phonepay#PIN#QuickSupport#rbi#reservebankofindia#screensharingapps#statecyberpolicezonegwalior#TeamViewer#upi#अपराधशाखा#आरबीआई#एटीएम#ऑनलाइनअपराध#ऑनलाइनफ्रॉड#ऑनलाइनफ्रॉडशिकायतनंबर#ऑनलाइनफ्रॉडसेबचाव#क्रेडिटकार्ड
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