#उत्तरकाशी
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sarhadkasakshi · 1 month ago
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चम्बा में विश्व हिन्दू परिषद ने उत्तरकाशी प्रशासन का पुतला जलाया
चम्बा में विश्व हिन्दू परिषद ने उत्तरकाशी प्रशासन का पुतला जलाया टिहरी: चम्बा में विश्व हिन्दू परिषद बजरंगदल एवं स्थानीय लोगों ने असामाजिक तत्वों एवं उत्तरकाशी प्रशासन का पुतला दहन कर सरकार से मांग की कि अवैध धार्मिक स्थल से हिन्दू संगठनों की आक्रोश रैली पर पथराव करने वालो के खिलाफ कार्यवाही और प्रशासन द्वारा 8 हिन्दूओ पर लगाये मुकदमो को वापस लेने की मांग की। इस मौके पर विश्व हिन्दू परिषद के जिला…
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indlivebulletin · 10 days ago
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बिरजा इंटर कॉलेज में छात्रों ने बाल मेले में दिखाई अपनी प्रतिभा
उत्तरकाशी, 14 नवंबर (हि.स.)। बिरजा इंटर कॉलेज चिन्यालीसौड़ में आयोजित बाल मेले ने छात्रों की प्रतिभा को निखारा। अपर जिलाधिकारी देवानंद शर्मा ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि आज ��ा बच्चा देश का भविष्य है। इस तरह के आयोजन बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं। इस दौरान मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी ने मेले में लगे स्टालों को देखकर छात्रों की प्रशंसा की और इसके लिए नौनिहालों की पीठ भी थपथपाई।…
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dainikuk · 12 days ago
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सिलक्यारा टनल हादसे की वर्षगांठ पर मंत्री प्रेमचंद ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, जिला प्रशासन सहित बाबा बोगनाथ का किया धन्यवाद
देहरादून: उत्तरकाशी के प्रभारी मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने सिलक्यारा टनल हादसे की 1 वर्ष की वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, जिला प्रशासन उत्तरकाशी सहित बाबा बोगनाथ का धन्यवाद किया है। डॉ अग्रवाल ने कहा कि पिछले वर्ष टनल में फंसे मजदूरों के सकुशल निकासी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों की टीम यहां भेजी। इसके लिए प्रधानमंत्री जी का धन्यवाद डॉ अग्रवाल…
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news-trust-india · 13 days ago
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Uttarkashi News : मुख्यमंत्री धामी ने डामटा में यमुनाघाटी क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक विकास समारोह में प्रतिभाग किया
उत्तरकाशी/देहरादून : Uttarkashi News  मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी जिले के डामटा में आयोजित यमुनाघाटी क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक विकास समारोह के आयोजन के लिए पांच लाख रूपये की धनराशि देने के साथ ही मुगरसंती पट्टी के पैंसठ गांव के आराध्य रूद्रेश्वर महाराज के डांडा देवराणा मेला को राजकीय मेले के कैलेण्डर में सम्मिलित करने और टीकरा टॉप में खेल मैदान व हेलीपैड का निर्माण कराने की घोषणा…
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airnews-arngbad · 22 days ago
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar Date 03 November 2024 Time 11.00 to 11.05 AM Language Marathi आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर प्रादेशिक बातम्या दिनांक: ०३ नोव्हेंबर २०२४ सकाळी ११.०० वाजता.
बहीण भावाच्या नात्यातला स्नेह अधिक वृद्धिंगत करणारा भाऊबीजेचा सण आज सर्वत्र साजरा होत आहे. या दिवशी बहिणीनं भावाला ओवाळण्याचा आणि भावानं बहिणीला ओवाळणी म्हणून भेटवस्तू देण्याचा प्रघात आहे. भाऊबीजेच्या निमित्तानं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह यांनी देशवासियांना शुभेच्छा दिल्या आहेत. स्नेह, समर्पण आणि भक्तीचं प्रतीक असलेली भाऊबीज सर्वांच्या जीवनात अपरिमित आनंद घेऊन येवो अशी शुभकामना त्यांनी आपल्या सामाजिक प्रसार माध्यमावरील संदेशाच्या माध्यमातून व्यक्त केली आहे. दरम्यान, बलिप्रतिपदा अर्थात दिवाळी पाडवा सण काल मोठ्या उत्साहात साजरा झाला. विक्रम संवत २०८१ ला कालपासून प्रारंभ झाला. देशाच्या अनेक भागात हा नववर्षाचा प्रारंभ मानला जातो.
चार धाम पैकी केदारनाथ धामचे द्वार हिवाळ्यानिमित्त आज सकाळी विधीपूर्वक बंद करण्यात आले. भाऊबीजेच्या औचित्यानं या मंदिराची विशेष सजावट करण्यात आली आहे. उत्तराखंडमधल्या उत्तरकाशी जिल्ह्यातल्या यमुनोत्री धामचे द्वार आज दुपारी बंद करण्यात येतील. या वर्षी १५ लाखांहून अधिक भाविकांनी केदारनाथ धाम तर सात लाखांहून अधिक भाविकांनी यमुनोत्री धामला भेट दिली आहे.
न्यूझीलंडविरुद्धच्या तिसऱ्या कसोटी क्रिकेट सामन्यात विजया��ाठी भारतासमोर १४�� धावांचं लक्ष्य आहे. शेवटचं वृत्त हाती आलं तेंव्हा भारताच्या दुसऱ्या डावामध्ये पाच बाद ५७ धावा झाल्या आहेत. न्यूझीलंडचा दुसरा डाव आज सकाळी १७४ धावांवर बाद झाला. न्यूझीलंडनं तीन कसोटी सामन्यांच्या या मालिकेत पहिले दोन्ही सामने जिंकले आहेत.
भारताचे संविधान हेच सर्वोच्च आहे. मनुस्मृती विरोधात काँग्रेसची लढाई सुरुच आहे. त्यामुळे संविधान वाचवण्यासाठी लढा उभारणे काळाची गरज आहे. हा लढा अधिक बुलंद करण्यासाठी विदर्भातील सामाजिक संस्थानी नागपूर इथे येत्या ६ तारखेला संविधान संमेलन आयोजित करण्यात आलं असून या संमेलनाला लोकसभेचे विरोधी पक्षनेते राहुल गांधी उपस्थित राहणार असल्याची माहिती विधानसभा विरोधी पक्षनेते विजय वडेट्टीवार यांनी काल पत्रकार परिषदेत दिली. महाराष्ट्रातील विविध सामाजिक संघटना कार्यक्रमात सहभागी होणार आहेत. मान्यवर यात आपले विचार मांडणार आहेत. या कार्यक्रमाला राजकीय स्वरूप नाही. आदर्श आचारसंहितेचं पालन करूनच कार्यक्रम होणार आहे, असं वडेट्टीवार यांनी स्पष्ट केलं आहे.
नंदुरबार जिल्ह्यात भरधाव जीपनं दिलेल्या धडकेत पाच जणांचा मृत्यू झाला. काल रात्री उशीरा नंदुरबार ते धानोरा रस्त्यावर लोय पिंपळोद गावाजवळ हा अपघात झाला. रस्त्याच्या कडेला नादुरुस्त दुचाकीजवळ उभ्या असलेल्यांना भरधाव गाडीनं धडक दिली. यात १२ ते ४० वर्ष वयोगटाल्या पाच जणांचा मृत्यू झाला. या अपघातात एक जण गंभीर जखमी असून त्याला नंदुरबार इथं जिल्हा रुग्णालयात दाखल करण्यात आलं असल्याची माहिती, आमच्या वार्ताहरानं दिली आहे.
आक्षेपार्ह टिप्पणी करणारे उद्धव बाळासाहेब ठाकरे शिवसेना पक्षाचे खासदार अरविंद सावंत यांनी दिलगिरी व्यक्त केल्यानंतर पक्षाचे खासदार संजय राऊत यांनी सावंत यांच्या वक्तव्याचं समर्थन केलं आहे. महिलांच्या अवमानाबाबत महाविकास आघाडीतील नेत्यांची तोंड का बंद आहेत, असा सवाल करत शिवसेनेच्या मुंबादेवी मतदार संघातील उमेदवार शायना एन.सी यांनी या संदर्भात उद्धव बाळासाहेब ठाकरे शिवसेना पक्षाने महिलांबाबत आपली भूमिका जाहीर करावी अशी मागणी केली आहे.
परभणी जिल्ह्यातील रामपुरी इ��ं मतदान जनजागृतीपर दिवाळी पहाटचा सुरेल संगीत कार्यक्रम घेण्यात आला. २० नोव्हेंबर रोजी सर्वांनी आपला मतदानाचा हक्क बजाव�� आणि लोकशाही बळकट करा असा संदेश स्वीप उपक्रमांतर्गत यावेळी देण्यात आला. कार्यक्रमाला उपस्थित असलेल्यांनी मतदान करण्याचा निर्धार करून मतदानाची शपथ घेतली.
भारत सरकारच्या स्वच्छ भारत अभियानामध्ये भारतीय रेल्वेनं ‘स्वच्छ रेल, स्वच्छ भारत’ या संकल्पनेसह आणि प्रवाशांना अधिकाधिक स्वच्छ प्रवासाचा अनुभव मिळणं सुनिश्चित करण्यासाठी विविध व्यापक उपक्रमांसह सातत्यानं प्रमुख सहभाग नोंदवला आहे. गेल्या महिन्यात रेल्वेनं राबवलेल्या स्वच्छता पंधरवडा मोहिमेत देशभरातली ७ हजार २८५ रेल्वे स्थानकं, २ हजार ७५४ रेल्वे गाड्या आणि १८ हजार ३३१ कार्यालयं स्वच्छ करण्यात आल्याची माहिती रेल्वेतर्फे देण्यात आली आहे. पंधरवडा कालावधीत, भारतीय रेल्वेच्या वेगवेगळ्या गटांनी वृक्षारोपण मोहीम, स्वच्छ संवाद, स्वच्छ रेलगाडी, स्वच्छ स्टेशन, स्वच्छ परिसर, स्वच्छ आहार, स्वच्छ प्रसाधन इत्यादी दैनंदिन योजना किंवा उपक्रम हाती घेतले. या वर्षी रेल्वे मार्गावरील स्वच्छतेवर विशेष लक्ष केंद्रित करण्यात आले.
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parasparivaarorg · 1 month ago
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हर्षिल- उत्तराखण्ड का स्विट्जरलैंड
“पारस परिवार” में आपका स्वागत है, जहाँ आकर बदल जाता है आपका संपूर्ण जीवन और जीवन में आती है बस खुशहाली ही खुशहाली। जहाँ दुःख और दर्द का होता है नाश और चेहरे पर आती है एक मुस्कान।
“पारस परिवार” का मानना है कि खुशियाँ तभी मिलती हैं जब हम दूसरों की मदद करने में सदैव आगे रहते हैं। यानि असली ख़ुशी वो है जब हम दूसरे के चेहरे पर प्यारी सी एक मुस्कराहट बिखेर सकें और पारस परिवार इस नेक कार्य में हमेशा से आगे रहता है। पारस परिवार कभी भी छोटा-बड़ा, अमीर-गरीब में अंतर नहीं करता है, उसके लिए सब एक समान हैं। वह कोशिश करता है कि सबके जीवन में खिली हुई धूप हो और दूर-दूर तक बस उजाला ही उजाला हो।
पारस परिवार एक सामाजिक-आध्यात्मिक संस्था है, जिसके संस्थापक और निदेशक “महंत श्री पारस भाई जी” हैं। इस संस्था की नींव 17 सितंबर 2012 को रखी गई थी।
महंत श्री पारस भाई जी माँ चण्डी के दुलारे हैं। कहते हैं कि माँ अपने बच्चों को नेक कार्य करते हुए देखकर हमेशा खुश होती हैं और उन्हें आशीर्वाद देती हैं। शायद यही वजह है कि माँ के आशीर्वाद और उनकी कृपा से महंत श्री पारस भाई जी के अंदर अद्भुत शक्तियां समाहित हैं, जिन शक्तियों का प्रयोग वह जन कल्याण में करते हैं और समाज की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।
आज हर कोई इस भागद��ड़ भरी जिंदगी से ऊब चुका है। ऐसे में इंसान इस भागमभाग जिंदगी से कहीं दूर पहाड़ों में कुछ पल सुकून के बिताना चाहता है और कुछ समय अपने लिए निकालना चाहता है। जहाँ बस शांति हो और जहाँ जाकर आपको लगे कि यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है। यहाँ कुछ समय के लिए आप सब कुछ भूल जाएंगे।
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यहाँ आपके आसपास खूबसूरत वादियां होंगी, जिन्हें आप एकटक निहारते रहें। आपके पास कुछ समय ऐसा हो जहां प्रकृति हो, शांति हो और सुकून के पल हों। यदि आप ऐसी जगह जाना चाहते हैं तो आप उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों में कुछ समय बिता सकते हैं। दरअसल पहाड़ अपनी ख़ूबसूरती के लिए जाने जाते हैं।
इसी में से उत्तराखंड की एक खूबसूरत जगह है हर्षिल। यदि आप यहाँ जाते हैं तो इसे देखकर आपको स्विट्जरलैंड की याद जरूर आ जाएगी। तो चलिए जानते हैं उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थल हर्षिल के बारे में।
कहाँ स्थित है हर्षिल?
हर्षिल भारत के उत्तराखण्ड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। इसे हर्षिल वैली के नाम से भी जाना जाता है। यह हिमालय में भागीरथी नदी के किनारे बसा एक बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है, जिसे देखकर आप बस देखते ही रह जाओगे। यह राष्ट्रीय राजमार्ग 34 पर गंगोत्री के हिन्दू तीर्थ स्थल के मार्ग में आता है।
‘हर्षिल’ उत्तरकाशी से 78 किमी और गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान से 30 किमी दूर है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित ‘हर्षिल वैली’ की खूबसूरती आपको दीवाना बना देगी। देहरादून से लगभग 200 किलोमीटर स्थित इस हिल स्टेशन में कई सारी खूबसूरत जगहें हैं, जहाँ जाकर आप वापस आना भूल जायेंगे।
उत्तराखंड का स्वर्ग
हर्षिल वैली वो जगह है, जिसे उत्तराखंड का स्वर्ग माना गया है। समुद्रतल से इसकी ऊंचाई 2660 मीटर है। हर्षिल भागीरथी नदी के किनारे स्थित घने देवदार के जंगलों के बीच स्थित एक छोटा सा हिल स्टेशन है। यह जगह सिर्फ यहाँ के लोगों के लिए ही नहीं बल्कि बाहर से आये उन लोगों के लिए भी गर्व की बात है जो अपना समय प्रकृति के साथ बिताना पसंद करते हैं।
हर्षिल गांव प्रसिद्ध और पवित्र धाम गंगोत्री के पास बसा हुआ है। हर्षिल वैली की सुंदरता आपका मन मोह लेगी। यहाँ आपको चारों ओर घास के मैदान, दूध की तरह बहने वाले सुंदर झरने, ऊंचे हरे-भरे पहाड़ और बर्फ से भरी चोटियां दिखाई देंगी। इसके अलावा घने देवदार के वृक्ष आपको अपना दीवाना बना देंगे।
विल्सन ने हर्षिल को दी थी स्विट्जरलैंड की उपाधि
हर्षिल, हिमालय की तराई में बसा है यह गांव, जो आपको अपनी ओर बरबस ही खींचता है। यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है। यहाँ जाकर आपको ऐसा एहसास होगा मानो आप सपनों की दुनिया में पहुंच गए हों। यहाँ की फिजाओं में अलग तरह का नशा है।
आपको बता दें कि हर्षिल की खोज ईस्ट इंडिया कंपनी में काम करने वाले अंग्रेज फेड्रिक विल्सन ने की थी। सन 1857 में जब फ्रेडरिक विल्सन ने ईस्ट इंडिया कंपनी को छोड़ दिया था जब वह गढ़वाल आए थे। यहाँ उन्होंने भागीरथी नदी के तट पर एक खूबसूरत गांव देखा, जो उन्हें बहुत पसंद आया और उन्होंने यहीं बसने का निर्णय लिया और यहीं रहने लगे।
यहां पर सेब की एक प्रजाति विल्सन के नाम से ही जानी जाती है। दरअसल विल्सन ने यहां इंग्लैंड से सेब के पौधे मंगवाकर लगाए थे। तभी से यहां पर सेब की खेती और व्यापार होने लगा। यहाँ की सुंदरता से मंत्र मुग्ध होकर विल्सन ने ही हर्षिल को स्विट्जरलैंड की उपाधि दी थी।
पर्यटकों के लिए हर्षिल घाटी में हैं कई बेहतरीन स्थल
भागीरथी नदी के तट पर स्थित हर्षिल घाटी में बर्ड वॉचिंग और ट्रैकिंग के साथ-साथ अन्य कई बेहतरीन जगहें हैं। हर साल यहां हजारों पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। यहाँ जाकर आप अपने टूर को हमेशा के लिए एक यादगार लम्हा बना सकते हैं। यहां आप प्रकृति की खूबसूरती को देखते हुए बहती हुई ठंडी हवा की आवाज महसूस कर सकते हैं। यहां बर्फबारी का भी आप मजा ले सकते हैं।
लोग इस जगह को देवी गंगोत्री का घर भी मानते हैं। हर्षिल अपनी मनोरम प्राकृतिक छटा और गंगोत्री नदी के लिए प्रसिद्ध है। बर्डवॉचर्स के लिए के लिए भी यह जगह बहुत फेमस है। हर्षिल में हर साल उत्तरकाशी मेला लगता है, जो बेहद ही फेमस मेला है।
यहां के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल
हर साल यहां हजारों पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। आइये हर्षिल वैली के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में जानते हैं-
धराली
हर्षिल से लगभग 3 किल���मीटर की दूरी पर स्थित एक छोटा सा गांव, जो बहुत ही खूबसूरत है और खूबसूरती के मामले में यह अद्भुत है। इस गांव के बगल में बहती भागीरथी नदी इसे और भी अधिक आकर्षण का केंद्र बनाती है। सैलानियों के लिए यह एक पसंदीदा जगह है। ऐसा माना जाता है कि धराली वह स्थान है जहां, भागीरथ ने गंगा नदी को धरती पर लाने के लिए तपस्या की थी। हिन्दुओं के लिए यह बेहद पवित्र स्थान भी है।
लामा टॉप
यदि आपको सनराइज देखना अच्छा लगता है तो आप इस जगह जा सकते हैं। हर्षिल वैली में घूमने वालों के लिए ये जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं है। इस सनराइज प्वाइंट से पूरी हर्षिल वैली नजर आती है। इस जगह पर पहुंचने के लिए आपको पहाड़ी पर चढ़ना होगा। लामा टॉप का ट्रैक हर्षिल से शुरू होता है। ये ट्रेक दो किलोमीटर का है। ऊपर पहुंच कर आप सुबह की पहली किरण के साथ पूरे हर्षिल वैली को देख सकते हैं।
गंगोत्री धाम
उत्तराखंड के चार धामों में से एक है गंगोत्री धाम का यह मंदिर। यह मां गंगा को समर्पित है। यह हर्षिल से सिर्फ 25 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर नदी के किनारा बना हुआ है। हिंदू धर्म में इस मंदिर की बहुत मान्यता है। यह मंदिर जितना पवित्र है उतना ही खूबसूरत भी है।
मुखबा गांव
हर्षिल से मुखबा गांव की दूरी लगभग 2 किलोमीटर है। यह गांव अद्भुत नजारों के लिए प्रसिद्ध है। यहां आप प्रकृति की खूबसूरती को देखने के साथ-साथ बहती हुई ठंडी हवा की आवाज़ को भी महसूस कर सकते हैं। इसके साथ ही यहां आप बर्फ़बारी का भी लुत्फ़ ले सकते हैं। देवदार के वृक्ष और कई तरह के पेड़-पौधे और प्राकृतिक माहौल में यहाँ सुकून भरे पल आपको मिलेंगे। इसके अलावा यहां आप ट्रैकिंग का भी आनंद ले सकते हैं।
बर्डवॉचर्स के लिए बेस्ट है जगह
जहाँ हर्षिल प्राकृतिक खूबसूरती और गंगोत्री नदी के लिए प्रसिद्ध है, तो वहीं बर्डवॉचर्स के लिए के लिए भी यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है। हर्षिल के घने जंगलों में पक्षियों की संख्या बहुत अधिक है। यहां 5 सौ से भी अधिक पक्षियों की प्रजातियां मौजूद हैं। इन पक्षियों की मधुर आवाज आपको मंत्रमुग्ध कर देगी।
हर्षिल में बर्फ का ले सकते हैं आनंद
यदि आपको बर्फ देखनी हो तो हर्षिल में ठंडियों में जाने का प्लान बनायें। अक्टूबर के अंत में यहां बर्फ पड़नी शुरू हो जाती है। आप हर्षिल वैली नवंबर से लेकर फरवरी तक के महीने में जा सकते हैं। यहाँ प्रकृति की खूबसूरती के साथ-साथ आप बर्फबारी का भी आनंद ले सकते हैं। हर्षिल को उत्तराखंड का स्विट्जरलैंड भी कहते हैं। क्योंकि बर्फबारी के बाद यहाँ की जो खूबसूरती है वह आपको स्विट्जरलैंड की याद दिला देगी।
बगोरी गांव
इस गांव में आपको हर ओर सेब के खेत दिखाई देंगे। हर्षिल में इस गावं को सेब का भंडार कहा जाता है। यदि आपको स���ब के बगीचे में घूमने के साथ-साथ टेस्टी सेब का लुत्फ़ लेना है तो बगोरी गांव ज़रूर जायें। यदि आपको नौका विहार का आनंद लेना है तो हर्षिल में मौजूद झील में भी आप जा सकते हैं।
गरतांग गली
यह एक लकड़ी का पुल है, जिसका हमारे इतिहास से कनेक्शन है। पहाड़ों की चट्टानों के बीच बना ये वुडन का पुल लगभग 150 साल पुराना है। 11 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी गरतांग गली की सीढ़ियां इंजीनियरिंग का एक नायाब नमूना है। इस ऐतिहासिक पुल को बनाने का तरीका पर्यटकों को हैरान करता है। आपको बता दें कि इस पुल का इस्तेमाल भारत और तिब्बत के बीच व्यापार के लिए किया जाता था।
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abhi12-3 · 3 months ago
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UTTARAKHAND SOLAR ENERGY NEWS
उत्तराखंड:- गढ़वाल जिलों में सौर ऊर्जा परियोजना को लेकर लोगो में दिख रहा है रुझाव , कई जगह ग्रिड फुल, बुनियादी ढांचे के लिए माँगा गया बजट-DYSUN SOLAR  
DYSUN SOLAR  
संक्षेप:-
गढ़वाल जिलों में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट को लेकर लोगो में दिखा काफी उत्साह | UPCL ने शासन से इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के लिए सरकार से मांगा बजट। उत्तरकाशी, टिहरी और अल्मोड़ा में सबसे ज्यादा सौर प्रोजेक्ट लग रहे हैं। सरकार द्वारा लायी गई योजना का लोग ले रहे है लाभ
विस्तार:-
उत्तराखंड के गढ़वाल जिलों में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लगाने को जबर्दस्त उत्साह नजर आ रहा है। उत्तरकाशी, टिहरी और अल्मोड़ा में सबसे ज्यादा प्रोजेक्ट लग रहे हैं। उत्तरकाशी व कई जगहों पर तो UPCL की क्षमता के हिसाब से ग्रिड फुल हो गई है। अब निगम ने सरकार से इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के लिए बजट की मांग की है।
सरकार ने सौर ऊर्जा की नई योजना जारी की गई है। इसके तहत 20 kw से लेकर 200 किलोवाट तक के सोलर प्रोजेक्ट लगाए जा सकते हैं। पर्वतीय जिलों में सरकार इस योजना में 50% तक सब्सिडी दे रही है तथा महिला के नाम से प्रोजेक्ट होने पर 5% अतिरिक्त सब्सिडी दे रही है। इस योजना के तहत आप 20, 25, 50, 100 और 200 किलोवाट के सोलर प्लांट लगा सकते हैं। तथा प्रोजेक्ट लगाने पर यह आपकी आय का मुख्य स्रोत भी बनता है। जिससे आप 10,000 से लेकर 120,000 तक महीने की इनकम कर सकते है
पात्र व्यक्ति अपनी निजी भूमि या लीज पर जमीन लेकर सोलर प्लांट लगा सकते हैं तथा अपनी जमीन को सोर ऊर्जा लगाने के लीज़ पर भी दे सकते है |  योजना के तहत केवल राज्य के स्थायी निवासी ही इस योजना का लाभ ले सकते है। उनकी आयु 18 साल से अधिक होनी चाहिए। योजना के तहत 50 किलोवाट के सोलर प्लांट के लिए 750-1000 वर्ग मीटर, 100 किलोवाट के लिए 1500-2000, 200 किलोवाट के लिए 3000-4000 वर्गमीटर जमीन जरूरी होगी। पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में जाएगा
योजना पर 50 हजार प्रति किलोवाट का खर्च अनुमानित होगा। 50 किलोवाट से 76000 यूनिट, 100 किलोवाट से 152000 और 200 किलोवाट से 304000 यूनिट बिजली सालाना यह पावर प्लांट बना कर देगा । योजना के तहत यूपीसीएल 25 साल के लिए बिजली खरीदेगा। जो भी बिजली यूपीसीएल के पास आएगी, उसका पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में जाएगा। जिसका पर यूनिट 4.64 रूपए के हिसाब से सरकार पे करेगी | इसका असर नजर आ रहा है। उत्तरकाशी में लोग इस योजना का लाभ ले रहे है तथा उनकी आय का एक मुख्य स्त्रोत भी बन चुका है |  आलम ये है कि उत्तरकाशी में तो अब नए प्रोजेक्ट की गुंजाइश ही नहीं बची है।
ये भी पढ़ें:..... पीएम सूर्य घर योजना में  बिजली का बिल कैसे हो जाएगा जीरो? जानें कैसे मिलेगी मुफ्त बिजली..
ऐसे समझें प्रोजेक्ट से कमाई का गणित
अगर आप 50 किलोवाट का प्रोजेक्ट लगाते हैं तो इस पर कुल खर्च 25 लाख का होगा। इससे सालाना 76 हजार यूनिट बिजली पैदा होगी। कुल 17 लाख 50 हजार रुपये का लोन मिलेगा। एमएसएमई योजना के तहत 7 लाख 50 हजार की सब्सिडी मिलेगी। बिजली वर्तमान 4.49 रुपये प्रति यूनिट की दर से बेचने पर सालाना 3 लाख 41 हजार 240 की कमाई होगी। सालाना 35 हजार का खर्च मेंटिनेंस का होगा। माहवार किश्त 9,557 रुपये और कमाई 15,963 रुपये होगी। लोन खत्म होने के बाद माहवार कमाई 25,520 रुपये हो जाएगी।
प्रोजेक्ट को लेकर जरूरी दस्तावेज:-
1.नाम 2. आधार कार्ड 3.एड्रेस 4.पिन कोड 5.कैपेसिटी 6. कांटेक्ट नंबर 7.इ-मेल ID 8. लोकेशन ऑफ़ प्लांट 9.यूनिट नाम 10.डेट ऑफ़ बर्थ 11. पैन नंबर 12.खसरा नंबर 13.यूनिट एड्रेस 14. लैंड डिटेल 15. NOC फ्रॉम कस्टमर 16.डोमिकिले
अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते है तो नीचे दी गए हमारी वेबसाइट पर जाकर हमसे जुड़े |
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे:-
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mishtushah · 3 months ago
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जियो की डिजिटल सोच, उत्तराखंड की बदलती तस्वीर जिन पहाड़ों में लोग जाने से पहले सौ बार सोचते है जियो ने वहां पहुंचाया हाई स्पीड इंटरनेट, उत्तराखंड के दूरस्थ इलाकों में जियो ने 4G/5G नेटवर्क पहुंचाकर शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक अवसरों को बढ़ावा दिया है, अब चम्पावत और उत्तरकाशी के गाँव भी डिजिटल युग से जुड़े हुए हैं #RelianceJio #Uttrakhand #JioTrue5G #4G #ConnectingIndia
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jeevanvidya · 5 months ago
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dainiksamachar · 7 months ago
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15 दिनों तक नहीं होंगे वीवीआईपी दर्शन... उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा पर न आने क्यों दिए निर्देश?
रश्मि खत्री, देहरादून: उत्तराखंड में आगामी 10 मई से का शुभारंभ ��ोने जा रहा है। यात्रा शुरू होने के 15 दिनों तक वीआईपी और वीवीआईपी दर्शनों को टालने के लिए निर्देश उत्तराखंड शासन ने दिये हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव ने इस आशय का पत्र अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों को भी भेजे हैं। विशेषकर केदारनाथ में वीआईपी दर्शनों को अवाइड करने के लिए कहा गया है ताकि अन्य तीर्थयात्रियों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। गढ़वाल कमिश्नर के अनुसार इस संबंध में हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को भी सूचित किया जा रहा है।उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का बुधवार से काउंटडाउन शुरू हो गया है। यात्रा के लिए बुधवार को पंजीकरण का आंकड़ा 18 लाख के पार पहुंच गया है। जिसके चलते चारों धामों में इस बार टोकन और स्लॉट सिस्टम लागू किया जा रहा है। इस संबंध में पर्यटन विभाग ने उत्तरकाशी हरिद्वार चमोली और रुद्रप्रयाग के डीएम एसपी को भी पत्र जारी किया है।चारधाम यात्रा के लिए लाखों की संख्या में हुए पंजीकरणों को देखते हुए उत्तराखंड शासन ने मुख्यमंत्री के निर्देशों पर शुरुआत के 15 दिनों में वीआईपी और वीवीआईपी दर्शनों को नहीं कराने का फैसला लिया है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बुधवार को बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष राजेंद्र अजय और पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे के साथ चार धाम यात्रा को लेकर समीक्षा बैठक की। जिसके बाद अन्य राज्यों को पत्र भेजा गया है।अन्य राज्यों के इस पत्र के जरिए कहा गया है कि 10 से 25 मई के बीच चारों धामों में 10 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों के आने की संभावना है। लाखों की संख्या में आने वाले इन तीर्थयात्रियों की व्यवस्था और सुविधा के लिए पूरी सरकारी मशीनरी जुटी हुई है। लिहाजा इन 15 दिनों की अवधि में उनके वीआईपी या के लिए ना आएं।गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया है कि यात्रा के शुरुआती दौर में विशेषकर केदारनाथ धाम में वीआईपी दर्शनों को टालने की कोशिश की जा रही है ताकि अन्य तीर्थयात्रियों को किसी तरह की परेशानी न उठानी पड़े। बताया कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार श्रद्धालुओं के लिए सुविधा में बढ़ोतरी की गई है। पिछले साल केदारनाथ में जहां नौ पार्किंग स्थलों का संचालन किया जा रहा था वहीं इस बार 20 स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है। जहां 1495 वाह���ों की पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होगी। इस बार वाहनों की मॉनिटरिंग के लिए ऐप भी बनाया गया है।इसके साथ ही यात्रा मार्गों पर सफाई व्यवस्था को लेकर भी इंतजाम दुरुस्त किये जा रहे हैं। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार 700 सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। यात्रा मार्ग में पहली बार चार नए हाईटेक मॉड्यूलर शौचालय और चार नए मोबाइल माड्यूल्स शौचालयों की व्यवस्था की गई है। यात्रा मार्ग पर चलने वाले 4000 घोड़े-खच्चरों की निगरानी भी प्रशासन के स्तर से की जाएगी। हॉकर्स के लिए पहली बार पहचान पत्र भी जारी किए जा रहे हैं।गढ़वाल कमिश्नर ने बताया कि स्थानीय लोगों की स्वास्थ्य सुविधाओं की को देखते हुए चिकित्सकों की व्यवस्था अलग से की जा रही है। स्थानीय व्यवस्थाओं को बिल्कुल भी नहीं छेड़ा गया है। यात्रा मार्ग पर सभी चिकित्सकों की अलग से तैनाती की जा रही है। लगभग 18 स्थानों पर स्वास्थ्य जांच केंद्र भी संचालित किए जायेंगे।चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण की अनिवार्यता को देखते हुए श्रद्धालु बड़ी संख्या में ऑनलाइन पंजीकरण करवा रहे हैं। बुधवार को पंजीकरण का आंकड़ा 18,20,377 तक पहुंच गया। इनमें केदारनाथ के लिए 6,33,568, बदरीनाथ के लिए 5,33,518, गंगोत्री धाम के लिए 3,29,246, यमुनोत्री धाम के लिए 2,92,193 और हेमकुंड साहिब के लिए 3,18,52 पंजीकरण हो चुके हैं। http://dlvr.it/T6H8Y4
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sarhadkasakshi · 8 days ago
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सरस्वती शिशु /विद्या मंदिर नागणी में विद्या भारती द्वारा किया गया वार्षिक निरीक्षण
सरस्वती शिशु /विद्या मंदिर नागणी में विद्या भारती द्वारा किया गया वार्षिक निरीक्षण नागणी, टिहरी: सरस्वती शिशु /विद्या मंदिर नागणी में विद्या भारती द्वारा निर्धारित योजनानुसार विद्यालय का वार्षिक निरीक्षण किया गया। जिसमें माननीय निरीक्षक शती बालक राम भट्ट  प्रधानाचार्य सरस्वती शिशु/ विद्या मंदिर नैटवाड़ (उत्तरकाशी) तथा श्रीमान सुरेंद्र सिंह प्रधानाचार्य सरस्वती विद्या मंदिर भगवानपुर (हरिद्वार) का…
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indlivebulletin · 22 days ago
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Uttarakhand: उत्तरकाशी में बंद हुए गंगोत्री मंदिर के कपाट, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कब बंद होंगे द्वार?
उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में भुकुंट भैरव के कपाट बंद होने के बाद, अब उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री मंदिर के कपाट को बंद कर दिया गया है. मंदिर के कपाट को अन्नकूट के खास मौके पर बंद किया गया है. कपाट के बंद होने की सूचना मंदिर समिति के अधिकारी की तरफ से दी गई है. गंगा मईया के गंगोत्री मंदिरे के कपाट को हर-हर गंगे, जय-जय गंगे के जयघोष के बीच बंद किया गया. इस मौके पर हवन-पूजन का आयोजन भी किया गया. यह…
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dainikuk · 15 days ago
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उत्तरकाशी के सुप्रसिद्ध देवराणा मेले को राजकीय मेला घोषित करने के लिए सीएम धामी से मिली नेहा जोशी
देहरादून: भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, नेहा जोशी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। इस दौरान नेहा जोशी ने उत्तरकाशी के नौगांव में होने वाले वार्षिक ‘देवराणा’ मेले को राजकीय मेला घोषित करने के लिए सीएम धामी से आग्रह किया। रवाई क्षेत्र के 70 गांवों द्वारा मनाए जाने वाले इस मेले में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। साथ ही नेहा जोशी ने जौनसार की…
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pahadisamachardarpan · 8 months ago
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प्रधानमंत्री ने हर पल हर क्षण देशवासियों को किया समर्पित, उसका प्रतिफल जनता उन्हें तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाकर देगी : मुख्यमंत्री
*Press Release*   *मुख्यमंत्री ने डिग्री कॉलेज मैदान, चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी में आयोजित जनसभा को किया संबोधित   प्रधानमंत्री ने हर पल हर क्षण देशवासियों को किया समर्पित, उसका प्रतिफल जनता उन्हें तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाकर देगी : मुख्यमंत्री   *मोदी ने हर कदम पर उत्तराखंड का साथ दिया है। अब हर उत्तराखंडवासी मोदी जी का साथ देगा ,   *कांग्रेस ने महिला विरोधी मानसिकता के चलते उत्तराखंड में एक भी…
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jkstvnews · 9 months ago
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रैट माइनर वकील हसन के घर पर चला बुलडोजर, 41 मजदूरों को बचाने का यह मिला नतीजा
ByKhalil Ansari
रैट माइनर वकील हसन ने कहा कि हमने सिलक्यारा टनल में 41 मजदूरों को बचाया था लेकिन बदले में हमें क्या मिला। मैंने सरकार से विनती की थी कि यदि आप मुझे कुछ पुरूस्कार देना चाहतें हो तो आप मुझे मेरा यह घर उपहार के बदले मैं द��� सकते है मेरे इस घर को न तोड़ा जाय लेकिन सरकार से बोलने का का कोई फायदा नहीं हुआ। और बिना किसी जानकारी के मेरे घर DDA द्वारा ध्वस्त कर दिया गया।
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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के खजूरी खास इलाके में रहने वाले रैट माइनर वकील हसन के घर पर DDA द्वारा बुलडोजर एक्शन हुआ है। पिछले साल उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में 41 मजदूर फंस गए थे और उन मजदूरों को टनल से बहार निकालने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा था जब इन मजदूरों को बाहर निकालने में 12 रैट माइनर्स ने अहम भूमिका निभाई थी। इन 12 रैट माइनर्स में एक दिल्ली के वकील हसन भी थे। वकील हसन द्वारा कहा गया है कि घर पर उनकी गैरमौजूदगी में उनका घर डीडीए द्वारा धवस्त कर दिया।
वहीं इस पूरे मामले को लेकर डीडीए ने अपना बयान देते हुए कहा है कि अधिग्रहित जमीन पर अतिक्रमण के खिलाफ यह अभियान चलाया गया था। वहीं पुलिस ने कहा कि इसी तरह अवैध तौर बने कई और मकानों को गिराया गया है। वहीं वकील हसन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके कई माकन बने हुए हैं लेकिन मेरे ही घर को क्यों तोड़ा गया है और किसी के घर पर एक्शन नहीं हुआ है। वकील हसन ने कहा कि बच्चे घर पर अकेले थे और वह गुहार लगाते रहे लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई।
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:-Delhi AIIMS में को खुली रहेगी OPD सेवा, प्राण प्रतिष्ठा ��मारोह के दिन बंद रखने का अपना आदेश लिया वापस
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digitalnikhil2626 · 10 months ago
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गंगोत्री: पवित्र गंगा और चार धाम यात्रा
प्रसिद्ध चार धाम तीर्थयात्राओं में उत्तरकाशी में स्थित गंगोत्री उन प्रमुख स्थानों में से एक है जहाँ से पवित्र नदी गंगा का उद्गम होता है। ऐसा माना जाता है कि अपने पूर्वजों के पापों को धोने के लिए, देवी गंगा ने खुद को एक नदी में बदल लिया था, लेकिन उनके प्रभाव को कम करने के लिए, भगवान शिव ने उन्हें अपने तालों में समेट लिया। गंगा नदी गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है और भागीरथी के नाम से जानी जाती है। जब यह देवप्रयाग पहुंचती है और अलकनंदा से मिलती है, तो इसे गंगा या पवित्र गंगा ��हा जाता है।
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