भारत मे आज कल वजन कम करेन के लिए एक नयी डाइट का इस्तमाल किया जा रहा है| जिसे कीाटोजेनिकी डाइट और कीटो डाइट के नाम से जाना जाता है |शाकाहारी और केटो आहार के स्वास्थ्य लाभों का बड़े पैमाने पर अध्ययन किया गया है। यह शरीर के फैट को बर्न करने मे बहुत उपयोगी है |इस कीटो डाइट के समर्थको का कहना है की यह बहुत कम समय मे वजन कम करता है और अधिक उर्जा प्रदान करता है
कीटो डाइट :
कीटो डाइट कम कार्बोहाइड्रेट आहार के लिए जाना जाता है जिसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम और वसा की ज्यादा होती है। इससे डाइटिंग पर रहने के बाद भी शरीर में उर्जा की कमी नहीं होती और वजन भी कंट्रोल में रहता है।इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें कार्बोहाइड्रेट की कमी शरीर के मेटाबॉलिज्म स्तर को बढ़ा देती है और वजन तेजी से कम होने लगता है। जब शरीर का इन्सुलिन लेवल गिर जाता है तो फैट बर्निंग बढ़ जाती है। इस डाइट से वेट लॉस तो होता ही है, भूख भी कम लगती है क्योंकि ऊर्जा बनी रहने के कारण भूख का एहसास ही नहीं होता है।
वजन घटाने के लिए भारतीय शाकाहारी कीटो आहार योजना का पालन करने के नियम:
प्रतिबंधित कार्ब्स: भारतीय आहार कार्बोहाइड्रेट से भरे होते हैं। इसलिए शाकाहारियों के लिए आहार में कार्ब्स को कम करना मुश्किल है। इस प्रकार, हम दिन के दौरान उपयोग किए जाने वाले अनाज या दालों की संख्या को कम करने की कोशिश करेंगे। लेकिन उच्च फाइबर सामग्री वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करें। यह वजन कम करने में मदद करता है
चीनी से परहेज करें: वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए चीनी से सख्ती से बचें। कृत्रिम मिठास के उपयोग से भी बचें। कृत्रिम मिठास रसायनों, ब्लीच और कई अन्य हानिकारक उत्पादों से भरी होती है। जरूरत पड़ने पर आप वजन घटाने के लिए स्टीविया को अपने भारतीय शाकाहारी केटो आहार योजना में शामिल कर सकते हैं।
वसा: नारियल का तेल आसानी से पच जाता है। घी और तेल का परस्पर उपयोग किया जा सकता है। मक्खन भी एक अच्छा विकल्प है।
मल्टीविटामिन्स: यदि आवश्यक हो तो किसी भी कमी से बचने के लिए मल्टीविटामिन्स, ओमेगा 3, कैल्शियम और मल्टी-मिनरल्स कैप्सूल का उपयोग करें।
शाकाहारी और केटोजेनिक आहार दोनों ही वजन घटाने से जुड़े हैं। एक रिसर्च से पता चला है की शाकाहारी केटो आहार प्लान 2kg अधिक वजन कम करता है तुलना मे मांसाहारी आहार प्लान |
खाने के लिए खाद्य पदार्थ:एक स्वस्थ शाकाहारी कीटो आहार में विभिन्न प्रकार की गैर-स्टार्च वाली सब्जियां, स्वस्थ वसा और प्रोटीन स्रोत शामिल होने चाहिए:
1. गैर-स्टार्च वाली सब्जियां: पालक, ब्रोकली, मशरूम, केल, फूलगोभी, तोरी और बेल
2. स्वस्थ वसा: जैतून का तेल, नारियल तेल, एवोकाडो, एमसीटी तेल और एवोकैडो तेल।
3. नट्स: बादाम, अखरोट, काजू, मैकाडामिया नट्स, पिस्ता, और ब्राजील नट्स
4. बीज: चिया, भांग, सन और कद्दू के बीज
5. अखरोट बटर: बादाम, मूंगफली, पेकान और हेज़लनट बटर
6. पूर्ण वसा वाले डेयरी उत्पाद: दूध, दही, और पनीर
7.प्रोटीन: अंडे, टोफू, टेम्पेह, स्पाइरुलिना, नाटो, और पोषण खमीर
8. कम कार्ब फल (मॉडरेशन में): जामुन, नींबू, और नीबू।
यहाँ कुछ खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें आपको सीमित करना चाहिए:
स्टार्च वाली सब्जियां: आलू, रता��ू, बीट, पार्सनिप, गाजर, और शकरकंदचीनी-मीठा पेय: सोडा, मीठी चाय, स्पोर्ट्स ड्रिंक, जूस और एनर्जी ड्रिंकअनाज: रोटी, चावल, क्विनोआ, जई, बाजरा, राई, जौ, एक प्रकार का अनाज, और पास्ताफलियाँ: बीन्स, मटर, दाल और छोलेफल: सेब, केले, संतरे, जामुन, तरबूज, खुबानी, आलूबुखारा, मसालों: बारबेक्यू सॉस, शहद सरसों, केचप, marinades, और मीठा सलाद ड्रेसिंगमिठास: ब्राउन शुगर, सफेद चीनी, शहद, मेपल सिरप और एगेव अमृत
कीटो डाइट के फायदे
जब भी डाइट की बात होती है तब लोग कम कैलोरी वाले खाने को अपने प्लान मे शामिल करते है लेकिन कीटो डाइट उससे अलग है|इसलिए कम कैलोरी वाली डाइट के बजाय कीटो डाइट चार्ट को अपनाएं |इसके कई फायदे हैं उन्हीं फायदों में से कुछ के बारे में हम आपको बता रहे हैं।
कुछ अध्ययनों ने उन्हें कैंसर के कम जोखिम, बीएमआई, कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप सहित कई हृदय रोग जोखिम कारकों के स्तर में सुधार किया। रोग की रोकथाम पर इसके प्रभावों के लिए कीटो आहार का भी अध्ययन किया गया है। एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और रक्त शर्करा, ये सभी हृदय रोग के जोखिम कारक हैं।
अन्य अध्ययनों से पता चलता है कि यह आहार मस्तिष्क स्वास्थ्य की रक्षा कर सकता है और पार्किंसंस और अल्जाइमर रोगों का इलाज करने में मदद कर सकता है। ऐसे अध्ययन हैं जो बताते हैं कि कीटो आहार कैंसर के ट्यूमर के विकास को कम कर सकता है। हालाँकि, इस बात को साबित करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।
अगर नहीं खाते अंडा तो शुरू करें उबला हुआ आलू, दिमाग होगा तेज
अगर नहीं खाते अंडा तो शुरू करें उबला हुआ आलू, दिमाग होगा तेज
नई दिल्ली: आलू की सब्जी, आलू टिक्की से सब तो स्वाद के लिए सभी खाते हैं. पर क्या किसी को इसके फायदों के बारे में पता है. वैसे तो आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है, जिसे हम हर सब्जी के साथ मिलाकर बना देते हैं.आलू के बिना ज्यादातर सब्जी अधूरी लगती है. कम ही लोग आलू को नापसंद करते हैं.
ये भी पढ़ें-अगर आप दुबले शरीर से हैं परेशान तो इस चीज से बढ़ेगा वजन
आज हम आपको उबले हुए आलू के फायदों के बारे में…
थंडीच्या महिन्यात वाटाणे खाताय? मग जाणून घ्या ‘ही’ माहिती! तुम्ही कधी मटार (Green peas) अर्थात वाटण्याची कचोरी खाल्ली आहे का हो? नाही? तर मग तुम्ही एकदा तरी नक्कीच हि डिश ट्राय करायला हवी.
ये लोग भूलकर भी आलू का सेवन न करें, हो जायेगी ये बीमारी
ये लोग भूलकर भी आलू का सेवन न करें, हो जायेगी ये बीमारी #health #dangerous #disease #diabetes #gas
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है और आलू हमें कई प्रकार से फायदा भी देता है आलू एक ऐसा सब्जी है जो कि पूरे साल उपलब्ध होती है हर घर में आलू जरूर बनता है आलू के अपने अलग फायदे होते हैं यदि किसी को वजन बढ़ाना हो तो वह दुबला आलू खाना शुरू कर दे उसका वजन बढ़ जाएगा लेकिन आज हम तीन ऐसे रोगियों के बारे में बता रहे हैं जिन रोगियों को आलू का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए तो…
तेजी से वजन बढ़ाने और मोटा होने के लिए खाएं ये 11 चीजे - Eat these 11 things to gain weight fast and become fat
आप दालें, राजमा, छोले, लोबिया, मछली, मीट, दही और अंडा जरूर खाएं. 11- हेल्दी फैट है जरूरी-
वजन बढ़ाने के लिए
आपको
खाने
में फैट वाली चीजें भी शामिल करनी होंगी. इससे आपको
वजन बढ़ाने
में मदद मिलेगी. आप इसके
लिए
मूंगफली, तिल, बादाम, अखरोट, पिस्ता, सूरजमुखी के बीज, अलसी के बीज, खरबूजे के बीज खा सकते हैं.
कुछ लोगों के लिए वजन बढ़ाना या मसल्स बनाना उतना ही मुश्किल हो सकता है जितना कि मोटे लोगों के लिए वजन कम करना होता है। हालांकि आप अपने आहार में कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल करके आसानी से कुछ ही समय में वजन को बढ़ा सकते हैं और यह अधिक प्रभावी हो सकते हैं।
तेजी से वजन बढ़ाने और मोटा होने के लिए खाएं ये 11 चीजे - Eat these 11 things to gain weight fast and become fat
1.वजन बढ़ाने के लिए खाएं प्रोटीन सप्लीमेंट – Vajan badhane ke liye khayen Protein supplements
वजन बढ़ाने में प्रोटीन सप्लीमेंट सबसे अधिक प्रभावी होता है। मट्ठा, सोया, अंडा और मटर प्रोटीन सहित कई प्रकार के प्रोटीन सप्लीमेंट उपलब्ध हैं। व्हे प्रोटीन सप्लीमेंट्स और मास गेनर्स सप्लीमेंट्स जो आपको मसल्स मास बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
कुछ लोग सोचते हैं कि व्हे प्रोटीन अस्वास्थ्यकर है, लेकिन ऐसा नहीं है। मट्ठा प्रोटीन डेयरी से बना है और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और बीमारी के जोखिम को कम करने में मदद करने के लिए दिखाय�� गया है। आप इसे अपने वर्कआउट से पहले या बाद में और दिन में किसी भी समय इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसके अलावा आप घर पर भी प्रोटीन शेक को घर पर बना सकते है जो अधिक फायदेमंद होता है। आप जो स्मूदी खुद बनाते हैं, वह रेडीमेड स्मूदी खरीदने की तुलना में अधिक पौष्टिक होगी। जल्दी वजन बढ़ाने के लिए आप उच्च ऊर्जा वाले नाश्ते के साथ अपने दिन की शुरुआत करें। प्रोटीन के लिए, मूंगफली बटर, बादाम का मक्खन, अलसी, या चिया बीज का सेवन करें। प्रोटीन सामग्री को बढ़ाने के लिए सूप, मसले हुए आलू और दलिया जैसे व्यंजनों का सेवन कर सकते है।
2.वजन बढ़ाने के लिए नट्स और नट बटर खाएं – Nuts and nut butters for Gain Weight Fast
अगर आप जल्दी वजन बढ़ाना चाहते हैं तो नट्स और नट बटर सही विकल्प हैं। सिर्फ एक मुट्ठी कच्चे बादाम (लगभग 1/4 कप) में 170 कैलोरी, 6 ग्राम प्रोटीन, 4 ग्राम फाइबर और 15 ग्राम स्वस्थ वसा होता है।
नट्स में कैलोरी बहुत अधिक होती हैं, इसलिए आप भोजन के साथ या नाश्ते के रूप में प्रतिदिन केवल दो मुट्ठी भर नट्स का सेवन करके कैलोरी को जोड़ सकते हैं। आप विभिन्न प्रकार के स्नैक्स या व्यंजनों में नट बटर में स्मूदी, योगर्ट और क्रैकर्स आदि को मिला सकते हैं।
इसके अलावा आप पीनट बटर का भी सेवन कर सकते हैं। लेकिन यदि आपको मूंगफली से एलर्जी है, तो आप दूसरे नट बटर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
3.जल्दी वजन बढ़ाने के लिए दूध के साथ केला खाएं – Banana and milk to Gain Weight Fast
जल्दी वजन बढ़ाने के लिएदूध और केला भी अच्छा विकल्प है। इसमें शुगर और कैलोरी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो आपका वजन तेजी से बढ़ाने का काम करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि दूध के साथ केला खाने से और भी कई फायदे होते हैं, इसलिए आप इसका सेवन जरूर करें।
4.तेजी से वजन बढ़ाने के लिए खाएं लाल मांस – Teji se vajan badhane ke liye khayen red meat
अगर आप जल्दी से अपनी मांसपेशियों का विकास करना चाहते है तो रेड मीट का प्रतिदिन सेवन करें, इससे सिर्फ मांसपेशियां ही नहीं बनती हैं बल्कि वजन भी बहुत आसानी से बढ़ जाता है। रेड मीट में ल्यूसिन (leucine), क्रिएटिन (creatine) एवं अन्य आवश्यक पोषक तत्व पाये जाते हैं जो मांसपेशियों में वृद्धि के साथ ही शरीर का वजन भी बढ़ाने में मदद करते हैं। रेड मीट में प्रोटीन और फैट भी पाया जाता है। लेकिन याद रखें कि रेड मीट का सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
5.जल्दी वजन बढ़ाने के लिए खाएं पनीर – Cheese For Weight Gain Fast
जल्दी वेट गेन करने में पनीर (Cheese) या चीज आपकी मदद कर सकता है। इसमें प्रचुर मात्रा में कैलोरी और फैट होता है। अगर पनीर को अधिक मात्रा में खाया जाए तो इससे पर्याप्त प्रोटीन शरीर को मिल जाता है। पनीर तो वैसे भी बहुत स्वादिष्ट होता है। इससे भोजन और सब्जियों के रूप में खाने से आप अपने शरीर की कैलोरी (calorie) बढ़ा सकते हैं। इसमें हेल्दी फैट पाया जाता है और इसे खाने से वजन आसानी से बढ़ सकता है।
6.फास्ट वेट गेन करने के लिए सैल्मन मछली खाएं – Fast weight gain karne ke liye Salmon fish khaye
रेड मीट की तरह, सैल्मन मछली प्रोटीन और स्वस्थ वसा के उत्कृष्ट स्रोत हैं। सैल्मन मछली के सभी पोषक तत्वों में से, ओमेगा -3 फैटी एसिड सबसे महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध हैं। यह आपके स्वास्थ्य के लिए कई लाभ प्रदान करते हैं और बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। सैल्मन मछली में प्रोटीन और वसा पाया जाता है जो हमारी मांसपेशियों के विकास में मदद करता है, इससे आपका वजन जल्दी से बढ़ जाता है।
7.जल्दी वजन बढ़ाने के लिए दूध पियें – Jaldi vajan badhane ke liye piye dudh
तेजी से वजन बढ़ाने और मसल मास बनाने के लिए दूध को बहुत पहले से इस्तेमाल किया जा रहा है। दूध में फैट, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, विटामिन और मिनरल ये सभी बहुत संतुलित मात्रा में मौजूद होते हैं।
मिल्क सबसे बेहतरीन प्रोटीन का स्त्रोत में से एक है जो कि कैसिइन प्रोटीन और व्हे प्रोटीन दोनों की आपूर्ति करता है। कई शोध में पाया गया है कि मिल्क, कैसिइन प्रोटीन और वे प्रोटीन सब बड़ी मात्रा में मसल मास बढ़ाने में मदद करतें हैं जो कि प्रोटीन के फायदों से भी कहीं ज्यादा है।
8.वेट गेन करने के लिए खाएं डार्क चॉकलेट – Dark Chocolate To increases weight fast
डार्क चॉकलेट में कोकोआ की मात्रा 70% होती है। फैटी फूड की तरह डार्क चॉकलेट में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, इसे खाकर आपके शरीर को कई कैलोरीज मिल जाएंगी जो वेट गेन में मददगार होंगी। हर 100 ग्राम के डार्क चॉकलेट बार में 600 कैलोरी होती हैं और इसके साथ ही अन्य माइक्रोन्यूट्रिएंट्स और घटक होते हैं जैसे कि फाइबर, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट।
9.जल्दी वजन बढ़ाने के लिए खाना चाहिए अंडे – Whole Eggs benefits for weight gain
जल्दी वजन बढ़ाने और मसल बनाने में अंडे को सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। इनमें प्रोटीन और हेल्दी फेट्स की मात्रा बहुत अधिक होती है, इसके लिए आप होल एग का सेवन करें। अंडे में सबसे ज्यादा लाभकारी पोषण तत्व अंडे के योल्क में या पीली जर्दी में पाए जाते हैं। यह मांशपेशियों के विकास में मदद करता है।
10.वजन बनाने के लिए खाएं किशमिश – Vajan banana ke liye khaye kishmish
दुबलापन हटाने और वजन बढ़ाने के लिए किशमिश का सहारा भी लेना है। 50 ग्राम किशमिश रात को पानी में भिगो दे। सुबह भली प्रकार चबा चबा कर खाएं। दो तीन माह के प्रयोग से वजन बढेगा। किशमिश में कैलोरी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो वजन बढ़ाने में सहायक होती है।
11.वेग गेन करने के लिए दही खाएं – Weight gain karne ke liye dahi khaye
दही में मौजूद गुड बैक्टीरिया से भूख ज्यादा लगती है और जब आप जादा खाते है तो आसानी से वजन बढ़ाने लगता है। इसलिए अगर आप वजन तेजी से बढ़ाना है तो दह��� को अपनी डाइट में शामिल करें।
तेजी से वजन बढ़ाने और मोटा होने के लिए क्या खाना चाहिए (Best Healthy Foods to Gain Weight Fast) का यह पोस्ट आपको कैसा लगा | हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
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नई दिल्ली: आलू को लेकर हमारे बीच कई किस्म के मिथक मौजूद हैं. पुर्तागलियों के साथ भारत में दस्तक देने वाला आलू, अब हर घर का हिस्सा है. लेकिन फिटनेस और हेल्थ के चक्कर में लोगों ने आलू खाना बंद कर दिया हैं. लेकिन आलू का तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो यह स्वाद भी देता है और हेल्थ बेनिफिट्स भी. जी हां! आलू हमारे शरीर के लिए फायदेमंद हैं. हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि रोज आलू से बनी चटपटी चीजों को…
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सूखे आलू बुखारा अपने मीठे और खट्टे स्वाद के कारण सभी उम्र के लोगों का पसंदीदा भोजन है।सूखे आलू बुखारा खाने में स्वादिष्ट होते हैं और समग्र मानव स्वास्थ्य के लिए भी बहुत उपयोगी होते हैं।
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मीठा आलू अर्थात शकरकंद खाने में तो अच्छा लगता ही है ,एवं इसको खाने से शरीर को कई फायदे भी होते हैं। लेकिन इसका व्यवहार सही मात्रा में ना करने से शरीर को कई तरह के नुक़सान का सामना भी करना पड़ सकता है। आपने मीठे आलू अर्थात शकरकंद खाने के फायदों के बारे में तो जाना ही होगा लेकिन आज हम आपको इसके नुक़सान के बारे में जानकारी देने की कोशिश करेंगे।
मीठे आलू
एक प्रकार का शक्कर पाया जाता है। जिस कारण इसका…
हरी सब्जी और हरे फलों से होगा वजन कम, जानिए अन्य फायदे
आजकल वजन घटाना एक बड़ी समस्या बन गया है! लाखों की संख्या में लोग अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं! वजन बढ़ने से शरीर में कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं! शरीर में मोटापा बढ़ने की बड़ी वजह है गलत और अनियमित खान-पान, बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल और तनाव! ऐसे में आपको वजन कंट्र��ल करने के लिए सबसे पहले अपने डाइट प्लान पर ध्यान देने की जरूरत है! आपको खाने से कार्बोहाइड्रेट और चीनी तुरंत कम कर देनी चाहिए! ज्यादातर लोग खाने में आलू, चावल और रोटी खाना पसंद करते हैं! कुछ लोगों को फास्ट फूड और स्नैक्स खाने की बी आदत होती है, लेकिन वजन बढ़ाने में ये सभी चीजें बहुत तेजी से काम करती हैं! अगर आपको पतला होना है तो अपनी डाइट में लो कैलोरी वाली चीजों को शामिल करें! इसके लिए खाने में हरी सब्जियां और फल खूब खाएं.!
ब्रोकली- अगर आपको वजन कम करना है तो खाने में ब्रोकली जरूर शामिल करें! ब्रोकली खाने में स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर है! ब्रोकली में विटामिन-ए, विटामिन सी, कैल्शियम, पोटैशियम, फोलिक एसिड, फाइबर और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं! रोजाना ब्रोकली खाने से वजन कम करने में मदद मिलती है! इससे हार्ट भी हेल्दी, आंखें और हड्डियां मजबूत होती हैं!
खाने में हरी सब्जियों की मात्रा बढ़ाने से आपका वजन तेजी से कम होगा! केल भी ऐसी ही हरी पत्तेदार सब्जी है, जो आपका मोटापा दूर करने में मदद करती है! केल को लीफ कैबेज भी कहते हैं! केल में दूसरी हरी सब्जियों से ज्यादा पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं! इसे खाने से वजन कम करने में मदद मिलती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है! केल से पाचन और हार्ट स्वस्थ रहता है!
तरबूज– फलों में वजन कम करने के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद तरबूज माना जाता है! तरबूज खाने से स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं! इससे वजन भी आसानी से कंट्रोल हो जाता है! तरबूज में कोलेस्ट्रॉल और कैलोरी बहुत कम होते हैं! इससे हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट, किडनी और आंखे स्वस्थ रहती हैं!
लौकी– वजन कम करने के लिए लौकी भी बहुत पोष्टिक आहार है! लौकी को पचाना काफी आसान है और इससे तेजी से वजन घटाने में मदद मिलती है! अगर आप डायट पर हैं, तो लौकी को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें! लौकी में ढेर सारे विटामिन, खनिज और फाइबर पाया जाता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है!
https://kisansatta.com/green-vegetables-and-green-fruits-will-reduce-weight-know-other-benefits/ #GreenVegetable, #Healthtip #GreenVegetable, #healthtip Life #Life KISAN SATTA - सच का संकल्प
शलजम को सब्जी, सलाद के रूप में प्रयोग में लाया जाता है ये मैदानी भागों में सर्दियों के मौसम में आने वाली सब्जी है | शलजम को एंटी-ऑक्सीडेंट, मिनरल और फाइबर का बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है. इसके सेवन से ह्रदय रोग, कैंसर, उच्च रक्तचाप और सूजन में बहुत लाभप्रद माना जाता है| शलजम में मौजूद विटामिन C शरीर के लिए बहुत आवश्यक है | ये शरीर की इम्युनिटी सिस्टम मजबूत करती है.
जैसा की शलजम एक जड़ ( कंद मूल) वाली फसल है तो इसके लिए मिटटी का चुनाव भी सोच समझ के करना चाहिए.
शलजम की खेती कैसे करें:
शलजम की खेती उसी स्थिति में करनी चाहिए अगर आपके खेत की मिट्टी बलुई और रेतीली हो. अगर आपके खेत की मिट्टी चिकनी और कड़क हुई तो शलजम की फसल अच्छी नहीं होगी. क्योकि ये एक जड़ वाली फसल है यानि कि ये जमीं के अंदर होने वाली फसल है तो इसके लिए मिट्टी का नरम और रेतीला होना बहुत आवश्यक है. शलगम की खेती को इसकी जड़ों और पत्तों के लिए की जाती है। इसकी जड़ें विटामिन सी का उच्च स्त्रोत होती हैं जबकि इसके पत्ते विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के, फोलिएट और कैलशियम का उच्च स्त्रोत होते हैं। इसके पत्ते ओषधिय गुणों से भरपूर होते हैं लेकिन स्वाद में कड़वे होते हैं इस लिए इन्हें उबाल कर खाने कि सलाह दी जाती है.
खेत की तैयारी:
खेत की तैयारी में सबसे पहले आप किसी ऐसे खेत को चुनें जिसमे पानी निकासी की उचित व्यवस्था हो. जिससे कि अगर बारिश हो जाए या पानी ज्यादा लग जाए तो खेत में पानी न रुके उसे निकाला जा सके. पानी निकासी कि समुचित व्यवस्था होने से फसल को गलने व पानी से होने वाले रोगों से बचाया जा सकता है. सबसे पहले इसके खेत को 3 से 4 गहरी जुताई लगाएं फिर उसमे गोबर कि बनी हुई या सड़ी हुई खाद डाल के हल्की जुताई कर दें | ऊपर से इसमें पाटा लगा के खेत को समतल कर दें.
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शलजम की खेती कब होती है: बोने का समय:
शलजम की खेती का उचित समय मैदानी क्षेत्र में सितम्बर से अक्टूबर और पहाड़ी इलाकों में जुलाई से अक्टूबर तक का होता है. इसकी बुवाई बेहतर होगा अगर आलू की तरह मेंड़ बना कर की जाये. अन्यथा की स्थिति में बिना मेंड़ के भी इसकी बुवाई की जा सकती है.
सिंचाई:
जैसा कि हम जानते है ये जमीं के अंदर वाली फसल है तो हमें सिंचाई करते वक्त याद रहे कि अगर हमने इसकी बुवाई मेंड़ बनाकर की है तो इसमें पानी की ज्यादा मात्रा न जाये बस इसकी मेंड़ को सीलन ही मिलनी चाहिए. ज्यादा पानी देने से मेंड़ की मिट्ट�� कठोर हो जाती है इससे इसकी फल को फूलने के लिए सही माहौल नहीं मिल पाता है. अगर हमने मेंड़ बना कर बिजाई नहीं की है तो भी इसमें हल्का पानी ही दें.
सर्दियों की फसल होने की वजह से इसमें बहुत ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है.
शलजम की उन्नत किस्में:
लाल-4 व सफेद-4 : ये दोनों किस्में जल्दी तैयार होने वाली है । लाल किस्म को अधिकतर शरद ऋतु में लगाते हैं । जड़ें गोल, लाल तथा मध्यम आकार की होती हैं जो लगभग 60 से 70 दिन में तैयार हो जाती है ।
सफेद-4 को अधिकतर वर्षा ऋतु में लगाते हैं । यह शीघ्र तैयार होती है तथा इसकी जड़ों का रंग बर्फ जैसा सफेद होता है । गूदा चरपराहट वाला होता है । ये 50-55 दिन में तैयार हो जाती है । उपज 200 कु. प्रति हैक्टर मिलती है ।
परपल-टोप : जड़ें बड़े आकार की, ऊपरी भाग बैंगनी, गूदा सफेद तथा कुरकुरा होता है । यह अधिक उपज देती है । इसका गूदा ठोस तथा ऊपर का भाग चिकना होता है ।
पूसा-स्वर्णिमा: इस किस्म की जड़ें गोल, मध्य आकार वाली, चिकनी तथा हल्के पीले रंग की होती हैं । गूदा भी पीलापन लिये होता है। यह 65-70 दिन में तैयार हो जाती है । सब्जी के लिये उत्तम है । इस किस्म को पूसा ने विकसित किया है.
पूसा-��न्द्रिमा: यह किस्म 55-60 दिन में तैयार हो जाती है । इसकी जड़ें गोलाई लिये हुए होती है । यह अधिक उपज देती हैं । उपज 200-250 कु. प्रति हैक्टर देती है । जाड़ों के लिए उत्तम है ।
पूसा-कंचन: यह किस्म रेड एसीयाटिक किस्म तथा गोल्डन-वाल के द्वारा तैयार की गयी है । छिलका ऊपर से लाल, पीले रंग का गूदा होता है । यह अगेती किस्म है जो शीघ्र तैयार होती है । जड़ें मीठी व सुगन्धित होती हैं ।
पूसा-स्वेती: यह किस्म भी अगेती है । बुवाई अगस्त-सितम्बर में की जाती है । जड़ें काफी समय तक खेत में छोड़ सकते हैं । जड़ें चमकदार व सफेद होती हैं । 40-45 दिन में खाने लायक होती है ।
स्नोवाल: अगेती किस्मों में से है । इसकी जड़ें मध्यम आकार की, चिकनी, सफेद एवं गोलाकार होती हैं । गूदा नरम, मीठा होता है