Tumgik
#शुगर के मरीजों
drcare4u · 1 day
Text
यूरिक एसिड और डायबिटीज का काल है इस सब्जी का जूस, पीने में कड़वा लेकिन सोख लेगा शुगर, प्यूरिन को करता है शरीर के बाहर
Image Source : SOCIAL karele ke juice ke fayde देश दुनिया में इन दिनों ज़्यादातर लोग डायबिटीज की चपेट में आ रहे हैं। वहीं इन दिनों यूरिक एसिड के मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। ये दोनों ही बीमारियां लाइफ स्टाइल स्टाइल से जुड़ी हुई हैं। खासकर आपके बिगड़ते हुए खानपान का अहम रोल है। अनहेल्दी चीज़ें से डायबिटीज बढ़ने लगता है जिससे हमारा शरीर कई बीमारियों का घर बन जाता है। वहीं प्यूरिन से भरपूर चीज़ों…
0 notes
narmadanchal · 3 days
Text
सेवा भारती के स्वास्थ्य शिविर में 94 मरीजों की स्वास्थ्य जांच एवं दवा वितरण
इटारसी। सुपोषण सप्ताह के अंतर्गत स्वास्थ्य शिविर का आयोजन वार्ड 26 भगत सिंह नगर में नेहरू पब्लिक स्कूल में रखा गया जिसमें सर्वप्रथम सरस्वती पूजन करके शिविर का शुभारंभ सेवा भारती के जिलाध्यक्ष सतीश सांवरिया ने किया। उन्होंने बताया कि आज के शिविर में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल के डॉक्टर आशीष पटेल, डॉ शिवानी यादव, प्रेसी यसुदास ने 94 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जिसमें बीपी, शुगर,…
0 notes
cgnews24 · 27 days
Link
डायबिटीज के मरीजों के लिए अमृत है ये फूड्स, शुगर लेवल नहीं होगा आउट ऑफ कंट्रोल डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें ब्लड शुगर को कंट्रोल करना जरूरी है। डायबिटीज मरीजों को संतुलित और नियामित भोजन करने की सलाह दी जाती है। डायबिटीज मरीज अगर डाइट का ध्यान नहीं रखें और खाने में कम कार्बोहाइड्रेट,कम वसा का सेवन नहीं करें तो ब्लड में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। शुगर लेवल खान-पान की
0 notes
नीम: लाख दुखों की एक दवा
Tumblr media
नीम, जिसे हम सभी ने अपने घरों में देखा है, एक ऐसा पेड़ है जो अपनी अद्भुत औषधीय गुणों के लिए मशहूर है। इसे भारतीय परंपरा में एक वरदान माना जाता है, और यह सदियों से हमारे जीवन का हिस्सा रहा है। आज हम बात करेंगे कि कैसे नीम लाखों बीमारियों के इलाज में सहायक हो सकता है।
नीम का परिचय
नीम एक सदाबहार पेड़ है जो मुख्य रूप से भारत और दक्षिण एशिया में पाया जाता है। इसके पत्ते, बीज, फल, और यहां तक कि छाल भी औषधीय गुणों से भरे हुए होते हैं। नीम को संस्कृत में "अर्जुन" और "अश्वत्थ" जैसे नामों से भी जाना जाता है। इसकी विशेषता यह है कि यह पेड़ 500 से अधिक बीमारियों के इलाज में मददगार है, इसलिए इसे 'लाख दुखों की एक दवा' कहा जाता है।  पुराने समय में, नीम का उपयोग विभिन्न प्रकार के त्वचा रोग, जुखाम, बुखार, और पाचन संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता था। इसके साथ ही, नीम का उपयोग प्राकृतिक कीटनाशक के रूप में भी होता है, जिससे खेती में कीड़ों से बचाव किया जा सकता है। नीम के औषधीय गुण
नीमत्वचा की समस्याओं में लाभकारी: नीम का उपयोग त्वचा की समस्याओं के लिए किया जाता है। इसके पत्तों का पेस्ट बनाकर उसे चेहरे पर लगाने से पिंपल्स, एक्ने, और अन्य त्वचा संबंधित समस्याओं में राहत मिलती है। नीम का तेल भी त्वचा की बीमारियों जैसे एक्जिमा और सोरायसिस में फायदेमंद है।
मुँह और दांतों की देखभाल: नीम की दातून का इस्तेमाल हमारे पूर्वज सदियों से करते आ रहे हैं। यह दांतों की सड़न, मसूड़ों की सूजन, और अन्य मौखिक समस्याओं में मदद करता है। नीम के एंटी-बैक्टीरियल गुण मुँह की दुर्गंध को भी दूर करते हैं।
मधुमेह में सहायक: नीम की पत्तियों का सेवन रक्त में शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में सहायक है। मधुमेह के मरीज इसके पत्तियों का रस नियमित रूप से पी सकते हैं, जिससे उनका शुगर लेवल कंट्रोल में रह सकता है।
बालों की देखभाल: नीम का तेल बालों के लिए एक प्राकृतिक कंडीशनर का काम करता है। यह डैंड्रफ और बालों के झड़ने की समस्या को दूर करता है। इसके अलावा, नीम के पत्तों का पेस्ट बालों में लगाने से बाल मजबूत और चमकदार बनते हैं।
इम्यून सिस्टम को मजबूत करना: नीम के सेवन से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। यह शरीर को विभिन्न संक्रमणों से बचाने में मदद करता है। नीम के कड़वे स्वाद के बावजूद, यह हमारे शरीर के लिए एक टॉनिक की तरह काम करता है।
मलेरिया और डेंगू से बचाव: नीम के पत्तों और छाल का इस्तेमाल मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों से बचाव में किया जाता है। इसके पत्तों का रस पीने से मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
पाचन तंत्र को दुरुस्त रखना: नीम का सेवन पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में मदद करता है। यह अपच, गैस, और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। इसके अलावा, नीम का उपयोग पेट के कीड़ों को मारने में भी किया जाता है।
नीम का उपयोग कैसे करें?
नीम की पत्तियों का रस:
नीम की ताजे पत्तियों का रस निकालकर हर रोज सुबह खाली पेट पीने से शरीर को कई बीमारियों से बचाया जा सकता है। हालांकि, इसका स्वाद कड़वा होता है, लेकिन इसके फायदे अमूल्य हैं।
नीम का तेल:
नीम का तेल त्वचा और बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसे बालों में लगाने से डैंड्रफ से छुटकारा मिलता है और बाल मजबूत होते हैं। त्वचा पर लगाने से खुजली और फंगल इन्फेक्शन से बचाव होता है।
नीम का पेस्ट:
नीम की पत्तियों का पेस्ट बनाकर उसे चेहरे पर लगाने से त्वचा की चमक बढ़ती है और पिंपल्स जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
नीम की दातून:
नीम की दातून का इस्तेमाल दांतों और मसूड़ों को मजबूत करने में किया जा सकता है। इससे मुँह की दुर्गंध भी दूर होती है।
नीम का पेस्ट:
नीम की सूखी पत्तियों से बनी चाय पीने से शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन होता है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। यह मधुमेह के मरीजों के लिए भी फायदेमंद होती है।
नीम का पाउडर:
नीम के सूखे पत्तों का पाउडर त्वचा और बालों के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसे फेस पैक या हेयर मास्क के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। नीम का पाउडर खाने में भी उपयोग किया जा सकता है, जिससे शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और रक्त शुद्ध होता है।
नीम का ध्यान रखने योग्य बातें
नीम के कई फायदे हैं, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन भी हानिकारक हो सकता है। नीम का अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट दर्द, उल्टी, और कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, इसका सेवन हमेशा डॉक्टर या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह पर ही करें।
निष्कर्ष
नीम एक ऐसा पेड़ है जो अपने गुणों से हमें स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह प्रकृति का एक उपहार है, जिसे सही तरीके से उपयोग करने पर हम कई बीमारियों से दूर रह सकते हैं। नीम के कड़वे स्वाद के बावजूद, इसके फायदे मीठे हैं, और इसे अपने जीवन में शामिल करके हम स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकते हैं।
याद रखें, नीम का सही मात्रा में और सही तरीके से उपयोग करना जरूरी है। इसका नियमित सेवन हमें बीमारियों से बचाने के साथ-साथ हमारे इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है। तो आज से ही नीम को अपने दैनिक जीवन में शामिल करें और इसके अनगिनत फायदों का आनंद लें।Visit Us: https://prakritivedawellness.com/pain-management-treatment-centre-in-prayagraj/
0 notes
lallulalnews · 3 months
Video
youtube
#lallulal #lallulalnews @lallulalnews शुगर के 50% मरीजों को नर्व डैमेज का खतरा, हर हाल में डायबिटीज करें कंट्रोल, वरना #diabeticneuropathy #diabeticpatienttips #diabeticos #diabeticretinopathy #diabeticfootulcer #diabeticcare #diabetichealth #diabeticdoctors #diabetictoddler #diabetic Diabetic Neuropathy: डायबिटीज के कई मरीज ब्लड शुगर पर ध्यान नहीं देते हैं, जिसकी वजह से उनकी कंडीशन लगातार बिगड़ती रहती है. जब शुगर लेवल हद से ज्यादा बढ़ जाता है, तो यह शरीर में नर्व डैमेज करने लगता है. इससे जानलेवा स्थिति पैदा हो जाती है. diabetic neuropathy,diabetic neuropathy cure,cure diabetic neuropathy,diabetic neuropathy means,diabetic neuropathy in feet,diabetic neuropathy videos,diabetic foot neuropathy,signs of diabetic neuropathy,painful diabetic neuropathy,prevent diabetic neuropathy,cure for diabetic neuropathy,diabetic neuropathy therapy,diabetic neuropathy disease,diabetes neuropathy,diabetic neuropathic pain,diabetic neuropathy symptoms,diabetic neuropathy dr najeeb Lallu Lal (लल्लू लाल)- हे भैया सच्ची खबर तो लल्लू लाल ही देंगे..भारत के हर कोने से चुनी गई खबरों का संग्रह। भारत के राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर गहराई से जानकारी देना हमारा लक्ष्य है। हम यहाँ पर हर विषय को गहराई से देखते हैं, ताकि भारत के करोड़ों Online User के पास सही खबर मिले।
0 notes
publickart · 6 months
Text
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए किचन में मौजूद इस चीज का ऐसे करें सेवन, ब्लड शुगर भी रहेगा...
Methi Water For Diabetes: आज के समय में डायबिटीज एक गंभीर समस्या में से एक है. दुनिया भर में डायबिटीज के मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. असल में डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है. अगर इसका समय से इलाज नहीं किया गया तो ये दिल, ब्लड वेसल्स, आंख और किडनी को हानि पहुंचा सकता है. डायबिटीज का कोई ज्ञात इलाज नहीं है इसे खान-पान और लाइफस्टाइल से कंट्रोल किया जा…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
dainiksamachar · 9 months
Text
सात महीने बाद गुरुग्राम में कोविड से पहली मौत, मुंबई से लौटीं दो महिलाएं कोरोना पॉजिटिव
गुड़गांव: कोरोना संक्रमण का खतरा () बढ़ रहा है। सोमवार को कोरोना संक्रमित एक महिला की मौत हो गई। उसका इलाज प्राइवेट हॉस्पिटल में चल रहा था। आयु 47 वर्ष थी। कोरोना रोधी वैक्सीन लग चुकी थी। महिला संक्रमण के साथ शुगर, हाइपरटेंशन, कोरोनरी आर्टरी डिजीज व हृदय संबंधी सहित अन्य रोगों से ग्रस्त थी। वहीं दिसंबर में कोरोना वायरस के वेरिएंट का पता लगाने के लिए भेजे गए 6 सैंपल में 3 की रिपोर्ट आ गई है, जिसमें ओमिक्रॉन वेरिएंट की पुष्टि हुई है। नए वेरिएंट जेएन1 का कोई मामला सामने नहीं आया है। 2023 दिसंबर में शहर में कोरोना के 25 मामले सामने आए थे। जिसमें 15 महिलाएं व 10 पुरुष संक्रमित हुए थे। स्वास्थ्य विभाग लगातार संक्रमितों के सैंपल जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेज रहा है। दिसंबर के शुरुआत में भेजे गए 6 सैंपल में तीन सैंपल की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पता लग गई है। इन रिपोर्ट में तीन संक्रमितों के ओमिक्रॉन से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। तीनों फिलहाल स्वस्थ हैं।मुंबई से लौटी महिलाएं मिलीं संक्रमितसाल के पहले दिन सोमवार को शहर में दो नए संक्रमितों का पता लगा और दो के कोरोना को मात देने पर स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें डिस्चार्ज किया। संक्रमित 35 वर्षीय महिला सेक्टर- 50 की रहने वाली हैं और कुछ दिन पूर्व कनाडा से आने के ��ाद मुंबई गई थीं और वहां से लौटने पर यहां जांच कराने पर कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। इसी तरह 57 वर्षीय दूसरी संक्रमित महिला डीएलएफ फेस फोर की रहने वाली हैं। इनके जयपुर और मुंबई से लौटने की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को मिली है। 23 सैंपल की रिपोर्ट आना बाकीएक दिन में 115 कोरोना संदिग्ध मरीजों के जांच करने को सैंपल लिए गए। इसमें 60 रैपिड एंटीजन और 65 आरटीपीसीआर टेस्ट हुए। फिलहाल 23 सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है। फिलहाल जिले में सक्रिय संक्रमितों की संख्या 5 है और सभी संक्रमित होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे हैं। http://dlvr.it/T0rbqR
0 notes
abhinews1 · 9 months
Text
जय को के.डी. हॉस्पिटल में मिली नई जिन्दगी
Tumblr media
जय को के.डी. हॉस्पिटल में मिली नई जिन्दगी
मथुरा। डायबिटीज या शुगर (मधुमेह) जिसे कभी बुजुर्गों की बीमारी कहा जाता था, वह आज जवानों और बच्चों को भी अपना शिकार बना रही है। इसी बीमारी की गिरफ्त में बेहोशी की हालत में आए छह वर्षीय जय पुत्र विवेक सिंह को के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. के.पी. दत्ता तथा डॉ. सुमित के प्रयासों से नई जिन्दगी मिली है। अब जय पूरी तरह से स्वस्थ है तथा उसके माता-पिता के.डी. हॉस्पिटल प्रबंधन का आभार मान रहे हैं। ज्ञातव्य है कि ग्राम कटैला, राया मथुरा निवासी जय पुत्र विवेक सिंह को अचानक 14 दिसम्बर को उल्टियां होने लगीं तथा थोड़ी ही देर बाद वह बेहोश हो गया। बच्चे की खराब स्थिति को देखते हुए परिजन उसे मथुरा के कई निजी चिकित्सालयों में ले गए लेकिन हर किसी ने उपचार से मना कर दिया। आखिरकार उसे के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर लाया गया। विशेषज्ञ शिशु रोग डॉ. के.पी. दत्ता ने बच्चे का प्राथमिक परीक्षण किया जिससे पता चला कि वह डायबिटिक कीटोएसिडोसिस तथा प्री-कोमा का शिकार है। डॉ. के.पी. दत्ता और डॉ. सुमित ने बिना विलम्ब किए इंटरनेशनल प्रोटोकाल के तहत जय का उपचार शुरू कर दिया। बच्चे को चार दिन तक सघन चिकित्सा इकाई में रखा गया। अब जय पूरी तरह से स्वस्थ है। डॉ. के.पी. दत्ता का कहना है कि यदि बच्चे को लाने में कुछ और विलम्ब हो जाता तो उसकी जान जा सकती थी। उन्होंने बताया कि डायबिटिक बीमारी एक बार में अपना लक्षण नहीं दिखाती बल्कि खराब लाइफ स्टाइल और अन्य कारकों के चलते हमारे शरीर में धीरे-धीरे पनपती है और वक्त के साथ घातक हो जाती है। डॉ. दत्ता बताते हैं कि कुछ बच्चों में डायबिटीज होने का आनुवंशिक कारण होता है। अगर माता-पिता में से किसी एक को डायबिटीज है, तो बच्चे में डायबिटीज का खतरा अधिक रहता है। डॉ. दत्ता बताते हैं कि समय पर बीमारी का पता न चलने से मरीजों को खतरा हो जाता है तथा कई बीमारियां होने की आशंका रहती है। डॉ. दत्ता बताते हैं कि डायबिटीज दो प्रकार की होती है। इसमें पहली है टाइप 1 और दूसरी है टाइप-2. टाइप 1 में इंसुलिन पर्याप्त मात्रा में नहीं बनती या बननी बंद हो जाती है। टाइप-2 में ब्लड में शुगर का लेवल काफी बढ़ जाता है। विभागाध्यक्ष शिशु रोग डॉ. दत्ता बताते हैं कि चूंकि के.डी. हॉस्पिटल के एनआईसीयू तथा पीआईसीयू में आधुनिकतम उपकरण तथा विशेषज्ञ नर्सेज हैं लिहाजा यहां हर शिशु का अच्छे तरीके से उपचार सम्भव हो पाता है। डॉ. दत्ता का कहना है कि यदि हमें ड��यबिटीज से बचना है तो नियमित रूप से एक्सरसाइज करें तथा छोटे बच्चों को खेलकूद की तरफ प्रेरित करें। इतना ही नहीं कम फैट वाला भोजन लें तथा उसमें प्रोटीन और विटामिन को शामिल करें। फाइबर युक्त भोजन लें तथा जंक फूड खाने से परहेज करें। जय के पूर्ण स्वस्थ होने से उसके माता-पिता बहुत खुश हैं। जय की मां का कहना है कि एकबारगी तो उन्होंने उम्मीद ही छोड़ दी थी लेकिन के.डी. हॉस्पिटल में उनके बच्चे का नया जन्म हुआ है। जय के पिता विवेक सिंह कहते हैं कि कई अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद आखिरी उम्मीद लेकर के.डी. हॉस्पिटल आए थे। उन्होंने हॉस्पिटल प्रबंधन तथा डॉक्टरों की टीम की प्रशंसा करते हुए सभी का आभार माना। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने जय का समय से सही उपचार करने के लिए चिकित्सकों की टीम को बधाई देते हुए बच्चे के सुखद जीवन की कामना की है।
Tumblr media
जय को के.डी. हॉस्पिटल में मिली नई जिन्दगी
Read the full article
0 notes
sharpbharat · 11 months
Text
Jamshedpur rural health camp : बड़ाखुर्शी के घुटिया व दारीसाई सबर बस्तियों में लगा स्वास्थ्य शिविर, सबर मरीजों की स्वास्थ्य जांच के साथ उनका आयुष्मान कार्ड भी बना
गालूडीह : घाटशिला अनुमंडल अस्पताल की ओर से बड़ाखुर्शी पंचायत के घुटिया और दारीसाई सबर बस्ती में मंगलवार को स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया. इस शिविर में डॉ उदय ने बस्ती के कई सबर मरीजों की स्वास्थ्य जांच की. उन्होंने बताया कि इस शिविर का मकसद विलुप्त प्रजाति के सबर परिवारों की स्वास्थ्य जांच करना था. शिविर में जनरल हेल्थ के साथ-साथ उनके शुगर, रक्तचाप, हीमोग्लोबिन, टीबी, सर्दी, खांसी, बुखार आदि…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
drcare4u · 5 days
Text
डायबिटीज में मेथी दाने का सेवन है अमृत समान, ब्लड शुगर होता है तुरंत नार्मल, जानें सेवन का सही तरीका?
Image Source : SOCIAL Diabetes Me Methi Ke Fayde डायबिटीज (Diabetes​) देश दुनिया में एक माहमारी की तरह फ़ैल रही है। यह बीमारी अजा ह�� 10 में से 6 लोगों में है। बता दें, यह एक लाइफ स्टाइल डिजीज है जिसे जीवनशैली को सुधार कर ही कंट्रोल किया जा सकता है। खासकर, मधुमेह के मरीजों को अपनी डाइट का ख़ास ख्याल रखना होता है। इसके अलावा इसे कंट्रोल करने के लिए आप दवाइयों के आलावा कुछ घरेलू नुस्खें भी आज़मा सकते…
0 notes
smhindinews · 1 year
Text
सुबह खाली पेट नीम के पत्ते चबाने के होते हैं ये फायदे, शरीर भी रहता है तंदुरुस्त
Tumblr media
Neem Benefits: आयुर्वेद से लेकर साइंस तक में नीम के गुणों का जिक्र मिलता है. मेडिकल साइंस में भी कई तरह की बीमारियों का उपचार करने में नीम से बनी दवाइयों का उपयोग किया जाता है. घरेलू उपचार में भी नीम का इस्तेमाल करना बहुत प्रभावी है लेकिन इन सबके अलावा भी नीम के कुछ गुण हैं जो हमारी सेहत के लिए बहुत लाभदायक हैं. 
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से नीम को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. आप इस बात से परिचित होंगे कि नीम का स्वाद भले ही कड़वा होता है लेकिन नीम में बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं, जो सेहत के लिए अच्छे होते हैं. आयुर्वेद के मुताबिक, सुबह खाली पेट अगर नीम का सेवन किया जाए तो शरीर की आधी बीमारियां ठीक हो जाती है 
खाली पेट नीम खाने के फायदे
1. ब्लड शुगर कंट्रोल:- खराब लाइफस्टाइल के कारण भारत में लगातार डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. हालांकि, लोग अभी भी घरेलू नुस्खों पर विश्वास करते हैं. इन्हीं घरेलू नुस्खों में से एक है नीम के पत्तों को सुबह खाली पेट खाना. ऐसा करने से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है.
2. खून साफ रखना:- नीम में ऐसे औषधीय गुण होते हैं जो शरीर के रक्त को पूरी तरह साफ कर देते हैं. यह खून में से टॉक्सिन को बाहर निकाल कर ब्लड को डिटॉक्स कर देता है. जब आपका खून साफ रहेगा तो आपको कोई बीमारी नहीं होंगी, 
3. पेट के लिए फायदेमंद:- नीम सिर्फ हमारी त्वचा के लिए नहीं बल्कि पेट के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है. इसमें मौजूद गुण एसिडिटी में बेहद उपयोगी होते हैं और सुबह खाली पेट पानी में नीम की पत्तियां उबालकर पीने से एसिडिटी और पेट दर्द सब दूर हो जाता है.
4. इम्यूनिटी बढ़ाने में फायदेमंद:- नीम की पत्तियों में अनेक प्रकार के विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो हमारी इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद करते हैं. केवल इतना ही नहीं, सर्दी जुखाम जैसे बीमारियों को दूर करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है.
ऐसे करें नीम के पत्तों का सेवन
आमतौर पर, नीम की पत्तियों का पेस्ट बनाकर, उससे निकलने वाले रस का सेवन किया जाता है. हमेशा ताजी नीम की पत्तियों के रस का सेवन करें. आप चाहे तो नीम की पत्तियों को तवे पर सूखा भूनकर, हाथों से मसलकर इसमें लहसुन और सरसों का तेल मिला सकते हैं और चावल के साथ इसका सेवन कर सकते हैं.
News Source: SM Hindi News
0 notes
kisanofindia · 1 year
Text
Brown Rice: कैसे सेहत का खज़ाना है भूरा चावल? क्यों भूरे चावल के उत्पादन पर दिया जा रहा है ज़ोर?
कोलेस्ट्रॉल से लेकर वज़न कम करने में है मददगार
भूरा चावल जिसे ब्राउन राइस भी कहा जाता है कि खेती भारत, थाइलैंड और बांग्लादेश जैसे एशियाई देशों में की जाती है। पिछले कुछ सालों में सेहत के प्रति सचेत लोगों के बीच इसकी मांग बहुत बढ़ी है, क्योंकि इसे सफेद चावल की बजाय हेल्दी माना जाता है।
Tumblr media
भूरे चावल (Brown Rice): चावल तो आप सब खाते ही होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि चावल कितने तरह के होते हैं। आमतौर पर हमारे देश में तीन रंग के चावल उगाए जाते हैं, सफदे, काले और भूरे/लाल। भूरे चावल (Brown Rice) को ही ब्राउन राइस कहा जाता है, जिससे आजकल फिटनेस फ्रीक लोग खूब पसंद कर रहे हैं। डायटीशियन भी वज़न कम करने वाले लोगों को सफेद की बजाय भूरे चावल खाने की ही सलाह देते हैं।
ऐसा दावा किया जाता है कि ये चावल सफेद चावल की बजाय अधिक पौष्टिक होता है और कई बीमारियों से लड़ने में मददगारा है। हालांकि, आप भी अगर अपनी डायट में सफेद चावल की बजाय ब्राउन राइस को शामिल करना चाहते हैं, तो एक बार डॉक्टर से सलाह ज़रूर ले लें। ब्राउन राइस रिफाइंड नहीं होता। ये पूरी तरह से प्राकृतिक होता है। बस इसे धान से अलग करके इस्तेमाल किया जाता है।
इसे पकाने में भी थोड़ा ज़्यादा समय लगता है, इसलिए पकाने से पहले 15-20 मिनट पानी में भिगोकर रखना चाहिए। भूरे चावल (Brown Rice) की मांग दिनों दिन बढ़ रही है, ऐसे में इसकी खेती से किसान अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।
Tumblr media
भूरे चावल (Brown Rice) के फ़ायदे
दिल का रखें ख्याल- भूरा चावल दिल से जुड़ी बीमारियों को दूर रखने में मदद करता है। यह शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, जिससे ब्लॉकेज, हार्ट अटैक और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। ये कार्डियोवस्कुलर सिस्टम को भी मज़बूत बनाता है।
डायबिटीज़ के मरीजों के लिए फ़ायदेमंद- कुछ लोगों को चावल खाने की ऐसी लत होती है कि शुगर लेवल बढ़ जाने पर जब डॉक्टर चावल से परहेज़ करने की हिदायत देते हैं, तब भी वो नहीं मानते, क्योंकि बिना चावल के उनका पेट ही नहीं भरता। ऐसे लोगों के लिए ब्राउन राइस अच्छा विकल्प है, क्योंकि इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। इसके साथ ही इसमें एक ख़ास तरह का कार्बोहाइड्रेट होता है, जिससे में शुगर यानी शर्करा कम मात्रा में अवशोषित होती है।
वज़न कम करने में सहायक- जो लोग वज़न कम करना चाहते हैं, लेकिन साथ ही चावल भी खाना चाहते हैं, उनके लिए भी भूरा चावल अच्छा विकल्प है। क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, इसलिए इसे खाने से ज़्यादा समय तक पेट भरा होने का एहसास होता है और आप बेकार की चीज़ें खाने से बच जाते हैं। इसमें मैगनीज़ भी भरपूर मात्रा में होता है।
हड्डियों को मज़बूत बनाता है- ब्राउन राइस में मैग्नीशियम की भी भूरपूर मात्रा होती है जो हड्डियों के घनत्व को बनाए रखने में मदद करता है। साथ ही इसमें विटामिन डी और कैल्शियम भी होता है जिससे यह ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया के मरीज़ों के लिए फायदेमंद है।
और पढ़ें.....
0 notes
thestudyofpast · 1 year
Text
जामुन एक ऐसा वृक्ष जिसके अंग अंग में औषधि है।
Tumblr media
अगर जामुन की मोटी लकड़ी का टुकडा पानी की टंकी में रख दे तो टंकी में शैवाल, हरी काई नहीं जमेगी और पानी सड़ेगा भी नहीं।
जामुन की इस खुबी के कारण इसका इस्तेमाल नाव बनाने में बड़ा पैमाने पर होता है।
पहले के जमाने में गांवो में जब कुंए की खुदाई होती तो उसके तलहटी में जामून की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है जिसे जमोट कहते है।
दिल्ली की निजामुद्दीन बावड़ी का हाल ही में हुए जीर्णोद्धार से ज्ञात हुआ 700 सालों के बाद भी गाद या अन्य अवरोधों की वजह से यहाँ जल के स्तोत्र बंद नहीं हुए हैं।
भारतीय पुरातत्व विभाग के प्रमुख के.एन. श्रीवास्तव के अनुसार इस बावड़ी की अनोखी बात यह है कि आज भी यहाँ लकड़ी की वो तख्ती साबुत है जिसके ऊपर यह बावड़ी बनी थी। श्रीवास्तव जी के अनुसार उत्तर भारत के अधिकतर कुँओं व बावड़ियों की तली में जामुन की लकड़ी का इस्तेमाल आधार के रूप में किया जाता था।
स्वास्थ्य की दृष्टि से विटामिन सी और आयरन से भरपूर जामुन शरीर में न केवल हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाता। पेट दर्द, डायबिटीज, गठिया, पेचिस, पाचन संबंधी कई अन्य समस्याओं को ठीक करने में अत्यंत उपयोगी है।
एक रिसर्च के मुताबिक, जामुन के पत्तियों में एंटी डायबिटिक गुण पाए जाते हैं, जो रक्त शुगर को नियंत्रित करने करती है। ऐसे में जामुन की पत्तियों से तैयार चाय का सेवन करने से डायबिटीज के मरीजों को काफी लाभ मिलेगा।
सबसे पहले आप एक कप पानी लें। अब इस पानी को तपेली में डालकर अच्छे से उबाल लें। इसके बाद इसमें जामुन की कुछ पत्तियों को धो कर डाल दें। अगर आपके पास जामुन की पत्तियों का पाउडर है, तो आप इस पाउडर को 1 चम्मच पानी में डालकर उबाल सकते हैं। जब पानी अच्छे से उबल जाए, तो इसे कप में छान लें। अब इसमें आप शहद या फिर नींबू के रस की कुछ बूंदे मिक्स करके पी सकते हैं।
जामुन की पत्तियों में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं. इसका सेवन मसूड़ों से निकलने वाले खून को रोकने में और संक्रमण को फैलने से रोकता है। जामुन की पत्तियों को सुखाकर टूथ पाउडर के रूप में प्रयोग कर सकते हैं. इसमें एस्ट्रिंजेंट गुण होते हैं जो मुंह के छालों को ठीक करने में मदद करते हैं। मुंह के छालों में जामुन की छाल के काढ़ा का इस्तेमाल करने से फायदा मिलता है। जामुन में मौजूद आयरन खून को शुद्ध करने में मदद करता है।
जामुन की लकड़ी न केवल एक अच्छी दातुन है अपितु पानी चखने वाले (जलसूंघा) भी पानी सूंघने के लिए जामुन की लकड़ी का इस्तेमाल करते।
☘️एक कदम आयुर्वेद की ओर☘️
0 notes
drarvindkuma · 2 years
Photo
Tumblr media
Amla Benefits and Side Effects: आयुर्वेद में वरदान माना गया है आंवला, लेकिन इन लोगों को नहीं करना चाहिए इसका सेवन... हर चीज सभी के लिए फायदेमंद हो, ये जरूरी नहीं होता. यहीं नियम आंवले से भी जुड़ा है. कुछ समस्‍याएं ऐसी हैं, जिनमें बगैर विशेषज्ञ की सलाह के आंवले का सेवन नुकसान पहुंचा सकता है. सेहत के लिहाज से आंवले को बेहद फायदेमंद माना जाता है. आंवले में तमाम औषधीय तत्‍व पाए जाते हैं, जो कई रोगों से बचाने में मददगार हैं. आयुर्वेद में आंवले को कुदरत का वरदान माना गया है. आंवला विटामिन-सी, कैल्शियम, एंटीऑक्‍सीडेंट्स, आयरन, पोटैशियम जैसे तमाम पोषक तत्‍वों का खजाना है. आयुर्वेद विशेषज्ञ Dr. Arvind की मानें तो आंवले को अगर रोजाना सुबह खाली पेट खाया जाए, तो इसके लाभ कई गुना बढ़ जाते हैं. आप आंवले को कच्‍चा या मुरब्‍बे के रूप में खा सकते हैं. हालांकि डायबिटीज के मरीज इसे कच्‍चा ही लें या अपनी डाइट में जूस, अचार या चटनी के रूप में शामिल कर सकते हैं. आंवले के 5 बड़े फायदे आंवला व��टामिन सी से भरपूर होता है. इसे खाने से आपका इम्‍युन सिस्‍टम मजबूत होता है. ये शरीर से विषैले तत्‍वों को बाहर निकालता है और बैक्‍टीरिया से लड़ने की ताकत प्रदान करता है. अगर आपका पेट खराब रहता है, तो आंवले का सेवन आपके लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकता है. आंवला फाइबर से भरपूर होता है. ये डाइजेशन सिस्‍टम को दुरुस्‍त करने का काम करता है. आंवले को क्रोमियम का बेहतर स्रोत माना जाता है. ये शरीर में ब्‍लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने का काम करता है. इस तरह ये डायबिटीज के मरीजों के लिए भी लाभकारी है. आंवला स्किन को डिटॉक्‍सीफाई करता है और बालों को चमकदार और मजबूत बनाने का काम करता है. इसके नियमित सेवन से स्किन ग्‍लोइंग बनती है और बाल काले, लंबे और घने होते हैं. कैल्शियम प्रचुर मात्रा में होने के कारण, आंवला हड्डियों को भी मजबूत करने का काम करता है. इसके अलावा पोटेशियम होने के कारण ये मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है. इन लोगों को नहीं खाना चाहिए आंवला जो लोग एसिडिटी के मरीज हैं, किसी तरह के ब्‍लड डिसऑर्डर से जूझ रहे हैं, जिनकी शुगर लो हो जाती है, बीपी अक्‍सर लो रहता है, लिवर से जुड़ा कोई रोग है, किडनी से जुड़ी किसी तरह की परेशानी है, सर्दी-जुकाम की समस्‍या है, किसी तरह की सर्जरी हो चुकी है या स्किन और बालों में अक्‍सर ड्राईनेस की समस्‍या रहती है, तो आपको बगैर विशेषज्ञ की सलाह के कभी भी आंवले का सेवन नहीं करना चाहिए. 👉अधिक जानकारी या डॉक्टर से फ्री सलाह के लिए कॉल या WhatsApp करें, Dr. Arvind K-9911987787 (at Military Hospital, Dehradun) https://www.instagram.com/p/CqAGbFpy2Lx/?igshid=NGJjMDIxMWI=
0 notes
cryptoguys657 · 2 years
Text
निशुल्क जांच शिविर का हुआ 470 मरीजों का दवा व जांच
अवधनामा संवाददाता आजमगढ़। जनपद के दाऊद मेमोरियल हास्पिटल के वर्षगांठ पर निशुल्क जांच शिविर का आयोजन किया गया था। जिसमें फ्री परामर्श एवं जांच जैसे शुगर, कोलेस्ट्रॉल,एवं गुर्दा निशुल्क दवाइयां वितरण किया गया । इस कैम्प में डॉ मुहम्मद आसिफ खान बताया की हम मिलावट व दैनिक जिवन की अपनी बिगड़ती आदतो की बजह से बिमारी से ग्रषित हो रहे है। 60 वर्ष की आयु में बिमारी से आसानी से हमें अपने चपेट में लेलेती है…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
publickart · 6 months
Text
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए किचन में मौजूद इस चीज का ऐसे करें सेवन, ब्लड शुगर भी रहेगा...
Methi Water For Diabetes: आज के समय में डायबिटीज एक गंभीर समस्या में से एक है. दुनिया भर में डायबिटीज के मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. असल में डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है. अगर इसका समय से इलाज नहीं किया गया तो ये दिल, ब्लड वेसल्स, आंख और किडनी को हानि पहुंचा सकता है. डायबिटीज का कोई ज्ञात इलाज नहीं है इसे खान-पान और लाइफस्टाइल से कंट्रोल किया जा…
View On WordPress
0 notes