Tumgik
#अजवाइन की पत्तियां
rudrjobdesk · 2 years
Text
छत और आंगन में लगे इन 5 पौधों की पत्तियों में है सेहतमंद बनाए रखने के कुदरती गुण
छत और आंगन में लगे इन 5 पौधों की पत्तियों में है सेहतमंद बनाए रखने के कुदरती गुण
तुलसी की पत्तियां भी एंटी इंफ्लेमेटरी व एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है. तुलसी की पत्तियां चबाने से सर्दी-जुकाम, पेट में ऐंठन, शरीर में सूजन, जोड़ों के दर्द, स्किन इंफेक्शन जैसी दिक्कतों से राहत मिलती है. साथ ही ये पत्तियां इम्युनिटी भी बेहतर रखती हैं. Source link
View On WordPress
0 notes
Text
बारिश के मौसम में सीजनल फ्लू, वायरल या खांसी-जुकाम से कैसे बचें
बारिश का मौसम अपने साथ कई बीमारियों की सौगात लाता है. इस बदलते मौसम बुखार, खांसी, जुकाम और फ्लू  जैसी बीमारियां ज्यादा होती हैं. बारिश के मौसम में हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. जिसकी वजह से शरीर किसी भी बीमारी के चपेट में जल्दी आ जाता है. इस मौसम में बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा बीमार पड़ते हैं. लेकिन थोड़ा एहतियात और डाइट में कुछ खास चीजों को शामिल कर लें तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है.
भारत सरकार की ओर से आयुष  मंत्रालय ने भी कुछ गाइडलान्स जारी की हैं जिनको अमल में लाने से आप साधारण फ्लू या सर्दी खांसी से बच सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि इस मौसम में ऐसी बीमारियां फैलती हैं, जिनके लक्षण कोविड-19 से मिलते-जुलते हैं. इसलिए हमें ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. आपको  बुखार, खांसी, जुकाम या फ्लू न हो, इसके लिए भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने कुछ आसान घरेलू नुस्खे बताए हैं, जिन्हें अपनाकर आप खुद को और अपने परिवार को फ्लू और कॉमन कोल्ड से बचा सकते हैं. आइये आपको बताते हैं क्या हैं वो घरेलू नुस्खे.
क्या है सीजनल फ्लू और उसके लक्षण ?
सामान्य फ्लू और कोविड-19 के लक्षण काफी हद तक एक जैसे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस बात का जिक्र किया है कि कोरोना वायरस के ज्यादातर मरीजों में बेहद सामान्य लक्षण नजर आ रहे हैं. यही वजह है कि कई लोग नॉर्मल सीजनल फ्लू होने की वजह से भी काफी परेशान हो रहे हैं. अस्पतालों में भी ऐसे मरीजों की संख्या काफी बढ़ रही है, लेकिन कोविड-19 के मरीजों की वजह से इन लोगों को सही ट्रीटमेंट नहीं मिल पा रहा. वैसे सामान्य फ्लू 5-6 दिन में ठीक हो जाता है इसलिए बेहतर है कि आप घर पर  ही अपना ट्रीटमेंट लें. यहां हम आपको सामान्य फ्लू के लक्षणों के बारे में बता रहे हैं- बुखार आना पूरे शरीर में दर्द होना मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होना बार-बार खांसी आना नाक बंद हो जाना नाक में चुभन या दर्द महसूस होना सिर में दर्द होना अगर ये लक्षण आपको महसूस हो रहे हैं तो आपको सीजनल फ्लू भी हो सकता है बेहतर होगा 2-4 दिन इंतजार करें उसके बाद ही कोविड-19 का टेस्ट कराएं.
सीजनल फ्लू  के लिए आयुष मंत्रालय के घरेलू नुस्खे
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने वायरल बुखार, फ्लू और वायरस से बचने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे बताए हैं. ये आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए जरूरी है. इसके लिए आपको अपने खानपान में थोड़े बदलाव करना होगा.
हल्दी वाला दूध पिएं
सबसे पहले आपको रोज हल्दी वाला दूध पीना है. हल्दी का दूध चूंकि गर्म होता है और हल्दी एंटीबायोटिक का काम करती है इसलिए इसे सर्दियों में ज्यादा पीया जाता है. लेकिन इन दिनों चारों तरफ फैली बीमारियों की वजह से आप रोजाना रात में सोने से पहले एक ग्लास हल्दी वाला दूध जरूर पिएं. इसे बनाना बहुत आसान है आप एक ग्लास गुनगुने दूध में एक चौथाई चम्मच हल्दी मिलाएं और इसे पी लें. अगर आपको इसका स्वाद अच्छा नहीं लग रहा हो तो आप हल्दी डालकर दूध को एक बार उबाल लें. इससे हल्दी की महक खत्म हो जाएगी. इस दूध को पीने से आप सर्दी खांसी और वायरल से बचे रहेंगे.
च्वनप्राश जरूर खाएं
वैसे तो च्वनप्राश भी लोग सर्दियों के मौसम में ही खाते हैं लेकिन बदलते मौसम में आपको च्वनप्राश जरूर खाना चाहिए. आयुर्वेद में च्वनप्राश को एक औषधि माना जाता है जो आपको कई तरह के इनफेक्शन से बचाता है रोज रात को दूध से एक चम्मच च्वनप्राश खाने की कोशिश करें.
जुकाम- खासी के लिए भाप लें
अगर आपको जुकाम खांसी की समस्या हो गई ह���. तो आपके लिए भाप लेने से बेहतर कोई दूसरा घरेलू उपाय नहीं है.  भाप लेने से बंद नाक खुलती है और सांस नली की सूजन भी कम होती है. आप चाहें तो नॉर्मल पानी की भाप लें या फिर पानी में कुछ बूंदें टी ट्री ऑयल, यूकेलिप्टस ऑयल, लेमनग्रास ऑयल, लौंग का तेल भी डाल सकते हैं.
भाप लेने से आपकी बंद नाक खुल जाएगी और सीने में जकड़न में भी आराम पड़ेगा. अगर आपको खांसी और गले में खराश या दर्द है तो आयुष मंत्रालय के अनुसार आपको दिन में एक बार गर्म पानी में पुदीने की पत्तियां या फिर अजवाइन की पत्तियां डालकर भाप लेनी चाहिए. इसके अलावा लौंग का सेवन करें आप चाहें तो लौंग को पीसकर इसे शहद के साथ मिलाकर दिन में 2-3 बार खा लें. इससे खांसी में काफी आराम मिलेगा. इसके अलावा खांसी जुकाम में तुलसी अदरक की चाय पीने से भी बहुत फायदा मिलता है. आप चाहें तो इस चाय में चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल भी कर सकते हैं
1 note · View note
saharherbal · 4 years
Text
ये चीजें खाएं, स्वप्नदोष से छुटकारा पाएं
ये चीजें खाएं, स्वप्नदोष से छुटकारा पाएं |
1. बादाम- 1-2 बादाम की गिरी, थोड़ा-सा मक्खन और 3-3 ग्राम गिलोय को बराबर मात्रा लेकर पीस लें. इसमें 7-8 ग्राम शहद डालकर बढ़िया से मिला लें. इस मिश्रण को एक हफ्ते तक सुबह-शाम खाने से नाइटफॉल में कमी आती है.
शुरू कर दो ये एक्सरसाइज मिलेगा जबरदस्त फायदा
2. आंवला- स्वप्नदोष के रोग को दूर करने के लिए 6 ग्राम आंवले के चूर्ण में समान मात्रा में शहद मिला लें. इसे 8-10 दिन तक खाएं और ऊपर से मिश्री चबा लें.
हस्तमैथुन के 10 बड़े नुकसान
3. इलायची- आधा ग्राम छोटी इलायची पा पाउडर, 3 ग्राम सूखे धनिये का पाउडर और 2 ग्राम मिश्री को पीस लें. इस चूर्ण को बराबर मात्रा में बांटकर पुड़िया बना लें. रोजाना सुबह ताजे पानी के साथ इसे खाएं. स्वप्नदोष से छुटकारा मिल जाएगा.
4. गुलाब के फूल- ताजे गुलाब के फूल की 7-8 पंखुड़ियों को 3 ग्राम मिश्री के साथ चबाकर खा लें. इसके ऊपर 1 गिलास गाय का दूध पी लें. इस नुस्खे का रोजाना सेवन करने से स्वप्नदोष का रोग समाप्त हो जाता है.
5. अजवाइन- अजवाइन की पत्तियां स्वप्नदोष की समस्या के लिए एक बेहतरीन दवा है. इसकी पत्तियों का जूस निकालकर उसे शहद के साथ खा लें. अजवाइन का रस इस तरह से लेने से बहुत जल्दी लाभ होता है.
3 दिन में फिशर का घरेलू ईलाज के उपाय डा. शेख
6. भिंडी- नपुंसकता दूर करने के लिए पुरुषों को कच्ची भिंडी चबाकर खानी चाहिए. स्वप्नदोष की समस्या में भिंडी एक बेहतरीन दवा का काम करती है.
7. कच्चा प्याज- कच्चे प्याज का सेवन स्वप्नदोष की समस्या में बहुत अच्छा माना गया है. खाने में किसी भी रूप में प्याज का सेवन किया जाए तो इस समस्या में लाभ पहुंचता है. साथ ही, अगर इसे कच्चा खाया जाए तो बेहतर परिणाम मिलते हैं.
8. शहद और त्रिफला- शहद में त्रिफला का चूर्ण मिलाकर खाने से स्वप्नदोष जैसे रोग खत्म हो जाते हैं, लेकिन जिन लोगों का स्वभाव अधिक गर्म रहता हो उन लोगों को शहद की जगह पर मिश्री का इस्तेमाल करना चाहिए. अगर इसके अलावा चीनी मिला हुआ रस दे दिया जाए तो अधिक लाभ प्राप्त होगा.
यौन शक्ति बढ़ाने में गजब का प्रयोग
9. केला- पके केले में 3-4 बूंदें शहद डालकर सुबह सूर्योदय से पहले खाने से स्वप्नदोष के साथ अनेक वीर्य संबंधी रोग समाप्त हो जाते हैं और वीर्य भी अधिक मात्रा में गाढ़ा बन जाता है. इस मिश्रण का इस्तेमाल विस्तारपूर्वक करना चाहिए.
वैरीकोसेल का इलाज बिना आपरेशन के
 10. गाय का दूध- आधा किलो गाय के दूध में 3 छुहारे लेकर उसमें जरूरत के अनुसार मिश्री मिलाकर इसे अच्छी तरह से पका लें, जब दूध केवल आधा रह जाए तो छुहारे की गुठली निकालकर छुहारे को खा लें और दूध को पी लें. स्वप्नदोष से मुक्ति पाने का यह अचूक नुस्खा है.
11. इमली- दूध में इमली के बीजों को भिगोकर इमली की निकाली हुई गिरियों में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर अच्छी तरह से कूट-पीसकर मटर के दाने की तरह गोलियां बनाकर अपने पास रख लें. इसके बाद समान मात्रा में 1-1 गोली कुछ दिनों तक प्रयोग करते रहने से स्वप्नदोष जैसी समस्या समाप्त हो जाती है.
12. त्रिफला- हरड़, बहेड़ा, आंवला और जौ को रात में भिगोकर रख लें. इसके बाद अगले दिन सुबह इसमें थोड़ा-सा शहद मिलाकर पी लें. इससे स्वप्नदोष के रोग दूर हो जाते हैं.
मधुमेह / शुगर जैसे रोग को खत्म करने का नुस्खा
13. लहसुन- एक कली लहसुन रात को सोते समय चबाते हुए ताजा पानी के साथ निगल जाएं. इसके तुरंत बाद कुछ भी नहीं खाना चाहिए. कुछ दिनों में ही स्वप्नदोष की समस्या समाप्त हो जाएगी.
14. धनिया और मिश्री- धनिया और मिश्री को बराबर मात्रा पीस लें. इस चूर्ण को 5 ग्राम की मात्रा में लेकर ताजा ठंडे पानी के साथ एक सप्ताह तक रोजाना लें. स्वप्नदोष में लाभ होगा.
हस्तमैथुन की आदत को कैसे छोडें।
15. नीम के पत्ते- हर रोज 2 पत्ते नीम के चबा-चबाकर खाने से कभी स्वप्न दोष नहीं होगा.
रसायन कल्प पाऊडर को बनाने में अश्वगंधा, बिदारी कंाड, त्रिफला, कौंच बीज, गौखरु, आंवला, लौहभस्म, विजया भस्म, तालमखाना, ढाक का गोंद जैसी बहूमुल्य जडी-बूटियों और कीमती भस्मों का उपयोग किया जाता है।
रसायन कल्प पाउडर – स्वप्न दोष और धातु रोग जड़ से खत्म
रसायन कल्प पाऊडर बहुत ही बेहतरीन पाऊडर है।  इसके इस्तेमाल से आपको किसी भी तरह की समस्या जैसे पेशाब की जलन, धातु का पतला होना या सोचने मात्र ये ही लिंग से चिपचिपा पानी निकलने या पेशाब का बूँद बूँद आने की समस्या को जड से खत्म कर देता है। पेशाब व धातु से जुडी जितनी भी समस्याऐं है उनको जड से खत्म करने में बेहतर उत्पाद है |
जबरदस्त मर्दाना ताकत के लिए, राजा महाराजाओ का सालों पुराना नुस्खा
1 दिन में लिंग को लम्बा मोटा करें।
में Dr Sheikh इसी से सम्बंधित वीडियो बनाता हु | अधिक जानकारी के लिए You Tube पे सर्चे करे Dr Sheikh |
आंवला खाने के यह अनगिनत फायदे
अधिक जानकारी के लिए आप हमारे HelpLine NO - 9219632232  पे बात करे |
गोरा होने के 100 प्रतिशत कामयाब घरेलू उपाय
टेस्टोस्टेरोन लेवल बढाने का घरेलू उपाय
1 note · View note
sabkuchgyan · 5 years
Text
सांस लेने में होती है दिक्कत तो करें ये उपाय, आप भी जाने
सांस लेने में होती है दिक्कत तो करें ये उपाय, आप भी जाने #DailyHealthProblem #HealthTips #DailyHealth
सांस लेने में दिक्कत कई कारणों से होती है। संक्रमण, बढ़ते प्रदूषण, और एलर्जी सांस लेने में दिक्कत के प्रमुख कारण हैं। सांस न ले पाने की वजह से हमे कई दिक्कते और बीमारियों भी हो सकती हैं। आज हम आपको एक ऐसा उपाय बताएँगे जिससे आप सांस से जुडी हर समस्या ठीक हो जायेगी। आइये जानते हैं।
अगर आयुर्वेद की माने तो इसके लिए बहुत से उपाय हैं जिनसे ये सांस लेने की समस्या समाप्त हो जाती है, लेकिन हम आपको ये 2…
View On WordPress
0 notes
fitnessfundatips · 5 years
Link
खान पान की अधिकतर चीजों में प्रयोग होने वाली अदरक वाकई सर्दियों में स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होती है। इसके अलावा बुखार में भी इसका सेवन करना बहुत अच्छा होता है। गले में खराश, खांसी और जुखाम में भी अदरक की चाय लाभ पहुंचाती है। और हल्दी हर खाने का मुख्य हिस्सा मानि जाती  है। इसके रंग और रूप के कारण ही नहीं अपितु इसकी एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण यह आयुर्वेद की जानी मानी औषधियों में से एक है।
0 notes
hindistoryblogsfan · 4 years
Link
यदि आप पूरी रात बिस्तर पर यौन गतिविधि बनाए रखना चाहते हैं, तो आप अकेले नहीं हैं। कई पुरुष अपने यौन प्रदर्शन को बढ़ाने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं। इसमें मौजूदा समस्याओं को सुधारना या अपने साथी को खुश रखने के नए तरीके खोजना शामिल हो सकता है।
बाजार पर की बहुत सारी गोलियां हैं, लेकिन फार्मेसी में रहने के लिए फार्मेसी में जाने के बिना और लंबे समय तक रहने के कई सरल तरीके हैं। ध्यान रखें कि आपका लिंग रक्तचाप पर काम करता है, और सुनिश्चित करें कि आपका संचार तंत्र शीर्ष आकार पर काम कर रहा है। मूल रूप से, आपके दिल के लिए क्या अच्छा है आपके यौन स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
अपने मर्दाना ताकत बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा को बेहतर बनाने के अन्य आसान तरीके खोजने के लिए पढ़ते रहें।
मर्दाना ताकत बढ़ाने की आयुर्वेदिक औषधि  बनाने की विधि
किशमिश – Raisins
शहद – Honey 
सबसे पहले एक कांच का बर्तन लीजिये और उसमे 300 ग्राम किशमिश डाल दीजिए उसके बाद आपको शहद डालना है यह ध्यान रहे की शहद आपको इतना डालना है कि किशमिश अच्छी तरह डूबे रहे उसके बाद इस सामग्री को ढक्कन बंद कर 48 घंटे के लिए रख दीजिए
48 घंटे बाद आपको इसका इस्तेमाल चार दाने किशमिस, शहद के साथ निकाल लीजिए और इसका सेवन सुबह खाली पेट कीजिए ध्यान रहे कि जब आप इसका सेवन कर रहे हो तो उसके बाद कम से कम 40 मिनट तक आपको कुछ खाना और कुछ पीना नहीं है अगर आप इसका सेवन करीब 30 दिन करते हैं और जो परहेज ऊपर बताया गया है उसको आप फॉलो करते हैं तो इसका असर 30 दिन में आप को अपने आप पर इसका असर दिखने लगेगा।
आहार जो बढ़ाएगे आपकी मर्दाना ताक़त को नेचुरल तरीके से –
चना
अगर वीर्य पतला है या कम बनता है तो चना आपकी मदद कर सकता है। एक चीनी के बर्तन में रात में चने भिगोकर रख दें और फिर इन चनों को सुबह उठकर अच्छी तरह से चबा चबाकर खाएं। चने आपको अपनी पाचन शक्ति के अनुसार ही खाने हैं मतलब कि जितना आप से हो सके और उसके बाद आप जिस चीनी के बर्तन में आप ने चने भिगोये थे उस पानी को भी ऊपर से पी लें। इस तरह आप अपनी मर्दाना ताक़त में इज़ाफ़ा कर सकते हैं।
लहसुन
रोज रात को सोने से पहले लहसुन की दो कलियां निगल लें। फिर थोड़ा-सा पानी पिएं।
आंवला
आंवले के चूर्ण में मिश्री पीसकर मिलाएं। इसके बाद आप प्रतिदिन रात को सोने से पहले एक चम्मच चूर्ण का सेवन करें। इसके बाद कम मात्रा में पानी पिएं।
केला
केला पुरुष की शक्ति को बढ़ाने वाला फल है। आप यौन शक्ति बढ़ाने के लिए रोज केले खाएं और चाहें तो केला खाने के बाद दूध भी पिएं।
अजवाइन
घर में उपयोग होने वाली अजवाइन की पत्तियां मनुष्य के लिए बेहतरीन दवा है। स्वप्नदोष की समस्या में अजवाइन की पत्तियों से रस निकालकर उसे शहद के साथ लें। अजवाइन का रस इस तरह से लेने से स्वप्नदोष की समस्या में बहुत जल्दी फायदा होता है।
प्याज
प्याज के सफेद बहग का रस, शहद, अदरक का रस और घी का मिश्रण बना लें इस मिश्रण को लगातार ��क महीने तक लेने से नपुंसकता दूर होकर पौरुष शक्ति प्राप्त होती है। कच्चे प्याज का सेवन स्वप्नदोष की समस्या में बहुत अच्छा माना गया है। यदि खाने में किसी भी रूप में प्याज का सेवन किया जाता है तो इस समस्या में लाभ प्राप्त होता है, अगर इसे कच्चा खाया जाए तो इसके और बेहतर परिणाम मिलते हैं।
मर्दाना ताकत बढ़ाने का अचूक नुस्खा नेचुरल तरीके से
मेथी
मेथी को इस समस्या की बहुत कारगर दवा माना गया है। दो चम्मच मेथी के जूस को लेकर इसमें आधा चम्मच शहद मिलाकर रोजाना रात को इसका सेवन करने से इस समस्या में बहुत जल्दी आराम मिलता है।
उड़द
अगर आपकी पाचन क्रिया अच्छी हैं तो उड़द आपके लिए रामबाण हैं। उड़द के लड्डू, उड़द की दाल, दूध में बनाई हुई उड़द की खीर का सेवन करने से वीर्य की बढ़ोतरी होती है और संभोग शक्ति बढ़ती है।
तालमखाना
तालमखाना ज्यादातर धान के खेतों में पाया जाता है इसे लेटिन भाषा में एस्टरकैन्था-लोंगिफोलिया कहते हैं। वीर्य के पतले होने पर, शीघ्रपतन रोग में, स्वप्नदोष होने पर, शुक्राणुओं की कमी होने पर रोजाना सुबह और शाम लगभग 3-3 ग्राम तालमखाना के बीज दूध के साथ लेने से लाभ होता है। इससे वीर्य गाढ़ा हो जाता है।
तिल का तेल
तिल का तेल भी इस समस्या में रामबाण की तरह काम करता है। तिल के तेल को थोड़ी मात्रा में लें, उतनी ही मात्रा में लौकी का जूस भी ले लें। रात को सोने से पहले इस तेल के मिश्रण से अपने सिर और बॉडी पर मसाज करें। यह एक बहुत प्रभावी और असरदार नुस्खा है, जो बिना किसी खास खर्च के आपको इस समस्या से पूरी तरह राहत देगा।
बादाम
वैसे तो बादाम हर तरह से फायदेमंद होता है पर शायद आप नहीं जानते होंगे की बादाम मर्दानगी बढ़ाने के लिए भी कारगर नुस्खा है।
0 notes
gethealthy18-blog · 5 years
Text
पीलिया के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Jaundice (Piliya) Home Remedies in Hindi
New Post has been published on https://healingawerness.com/getting-healthy/getting-healthy-women/%e0%a4%aa%e0%a5%80%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a3-%e0%a4%b2%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b7%e0%a4%a3-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%98%e0%a4%b0/
पीलिया के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Jaundice (Piliya) Home Remedies in Hindi
Nripendra Balmiki Hyderabd040-395603080 July 23, 2019
क्या आपकी त्वचा का रंग धीरे-धीरे पीला हो रहा है, आपकी आंखें भी पीली नजर आ रही हैं और नाखूनों में भी पीलापन साफ नजर आ रहा है? दोस्तों, अगर ऐसा है, तो ये लक्षण जॉन्डिस के हैं, जिसे पीलिया के नाम से भी जाना जाता है। यह एक गंभीर बीमारी है, जो लीवर को बुरी तरह प्रभावित कर अन्य शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकती है। इस लेख में हमारे साथ जानिए पीलिया के कारण और पीलिया का उपचार करने के सबसे सटीक घरेलू नुस्खों के बारे में, लेकिन सबसे पहले जानते हैं कि पीलिया होता क्या है?
विषय सूची
पीलिया क्या होता है – What is Jaundice in Hindi
पीलिया एक शारीरिक समस्या है, जिसमें त्वचा, आंखों और नाखूनों का रंग पीला होने लगता है। दरअसल, यह समस्या रक्त में बिलीरुबिन नामक पीले रंग के द्रव के बढ़ जाने की कारण होती है (1)। जॉन्डिस जैसे-जैसे बढ़ता है, पीला रंग और गहरा होते जाता है। नीचे जानिए पीलिया कैसे होता है।
पीलिया होने का कारण – Causes of Jaundice in Hindi
पीलिया होने के पीछे निम्नलिखित कारण जिम्मेदार हो सकते हैं (1) :
रक्त से जुड़ा रोग
आनुवंशिक विकार
लीवर से जुड़ी बीमारियां जैसे हेपेटाइटिस या सिरोसिस
पित्त नलिकाओं की रुकावट
संक्रमण
दवाई का दुष्प्रभाव
पीलिया कैसे होता है जानने के बाद आगे जानिए पीलिया के लक्षण।
पीलिया के लक्षण – Symptoms of Jaundice in Hindi
किसी व्यक्ति को जॉन्डिस है, उसकी पहचान निम्नलिखित लक्षणों के माध्यम से की जा सकती है (2)-
त्वचा और आंखों के सफेद हिस्से का पीला होना
मुंह के अंदर पीला रंग
गहरे या भूरे रंग का मूत्र
पीला या मिट्टी के रंग का मल
पीलिया के कारण और पीलिया के लक्षण के बाद आइए जान लेते हैं, पीलिया के प्रकार।
पीलिया के प्रकार – Types of Jaundice in Hindi
जॉन्डिस की स्थिति के अनुसार पीलिया को निम्नलिखित रूपों में बांटा जा सकता है (3) –
प्री-हेपेटिक जॉन्डिस : रक्त से लीवर में जाने से पहले बिलीरुबिन का टूटना। पीलिया की इस अवस्था को प्री-हेपेटिक जॉन्डिस कहा जाता है।
इंट्रा-हेपेटिक जॉन्डिस : पीलिया की वो अवस्था जब लीवर बिलीरुबिन (पीला रंगद्रव) को मेटाबॉलाइज करने की क्षमता खो देता है।
पोस्ट-हेपेटिक जॉन्डिस : इस प्रकार का पीलिया तब होता है, जब शरीर से बिलीरुबिन की निकासी में रुकावट आती है।
पीलिया के लक्षण, कारण और प्रकार जानने के बाद आइए अब जान लेते हैं पीलिया के लिए घरेलू उपाय।
पीलिया कम करने के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies for Jaundice (Piliya) in Hindi
1. सूर्य की रोशनी
पीलिया के उपचार में सूर्य की रोशनी एक प्रभावी भूमिका अदा कर सकती है। यह पीलिया का अनोखा इलाज है। खासकर, नवजात शिशु में जॉन्डिस (neonatal jaundice) को ठीक करने में सनलाइट ज्यादा कारगर पाई गई है (4)।
2. नींबू का जूस
Shutterstock
सामग्री :
आधा नींबू
एक गिलास पानी
शहद एक चम्मच
कैसे करें इस्तेमाल :
एक गिलास पानी में आधे नींबू का रस मिलाएं।
अब इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और पिएं।
कितनी बार करें :
पीलिया के लिए इस उपाय को रोजाना तीन से चार बार किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
पीलिया की दवा के रूप में नींबू के रस का सेवन किया जा सकता है। नींबू के रस के शक्तिशाली एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पित्त नलिकाओं (bile ducts) को खोलने में मदद करते हैं (5)। इसके अलावा, नींबू लीवर के बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का काम भी करता है (6)।
3. टमाटर
सामग्री :
दो-तीन टमाटर
एक कप पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
एक पैन में पानी डालें और टमाटर को थोड़ी देर उबालें।
टमाटर को बाहर निकालें और टमाटर की त्वचा को हटा दें।
उबले हुए टमाटर को पैन में रखे पानी के साथ अच्छी तरह मिलाएं।
अब टमाटर के रस को धीरे-धीरे पिएं।
कितनी बार करें :
हर सुबह एक बार इस रस को जरूर पिएं।
कैसे है लाभदायक :
टमाटर में लाइकोपीन नामक एक यौगिक होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है और लीवर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है। पीलिया से उपचार में यह सहयोगी भूमिका निभा सकता है (7)।
4. आवंला
सामग्री :
दो से तीन आंवले
एक कप पानी
शहद एक चम्मच
कैसे करें इस्तेमाल :
एक सॉस पैन में आंवले को उबालें।
बचे हुए पानी के साथ आंवला के गूदे को मिलाएं।
मिश्रण ठंडा होने पर इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और सेवन करें।
कितनी बार करें :
पीलिया की दवा के रूप में आंवले का यह उपाय रोजाना दो से तीन बार करें।
कैसे है लाभदायक :
पीलिया के उपचार के लिए आंवले का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है। यह विटामिन-सी और कई अन्य पोषक तत्वों में समृद्ध है। यह शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो लीवर को बेहतर करने का काम करता है (8)।
5. गन्ने का जूस
Shutterstock
सामग्री :
एक-दो गिलास गन्ने का जूस
कैसे करें इस्तेमाल :
गन्ने का रस पिएं।
कितनी बार करें :
जब तक आप ठीक न हो जाएं रोजाना गन्ने के जूस का सेवन करें।
कैसे है लाभदायक :
गन्ने का जूस पीलिया को ठीक करने का बेहतरीन उपाय है। गन्ने का जूस पाचन में मदद करने के साथ-साथ लीवर की कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है (5)।
6. जौ का पानी
सामग्री :
एक चम्मच भुने हुए जौ के बीज का पाउडर
एक गिलास पानी
एक चम्मच शहद
कैसे करें इस्तेमाल :
एक गिलास पानी में जौ के पाउडर को डालें और अच्छी तरह मिलाएं।
अब इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और मिश्रण को तुरंत पिएं।
कितनी बार करें :
पीलिया के लिए रोजाना एक बार इस उपाय को करें।
कैसे है लाभदायक :
जौ में मूत्रवर्धक और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो विषाक्त पदार्थों के साथ-साथ बिलीरुबिन के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। पीलिया के लिए यह प्रभावी उपाय हो सकता है (9)।
7. पपीता
सामग्री :
एक चम्मच पपीते के पत्तों का पेस्ट
एक चम्मच शहद
कैसे करें इस्तेमाल :
पपीते के पत्तों के पेस्ट को शहद के साथ मिलाएं और सेवन करें।
कितनी बार करें :
इस उपाय को एक या दो हफ्ते तक रोजाना दो बार करें।
कैसे है फायदेमंद :
पीलिया रोग के लिए पपीते के पत्तों के पेस्ट के साथ शहद मिलाकर खाया जा सकता है। यह एक कारगर घरेलू इलाज है, जिसका इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है (5)।
8. नीम
सामग्री :
एक चौथाई चम्मच नीम के पत्तों का पाउडर
एक चौथाई चम्मच का आधा अजवाइन पाउडर
चुटकी भर नमक
कैसे करें इस्तेमाल :
सभी सामग्रियों को आपस में मिलाएं और फांक लें और ऊपर से आधा कप गुनगुना पानी पिएं।
कैसे है लाभदायक :
पीलिया रोग के लिए नीम प्रभावी उपाय है। नमक के साथ नीम और अजवाइन का चूर्ण पाचन तंत्र के साथ-साथ लीवर को स्वस्थ रखने का काम कर सकता है(5)।
9. हल्दी
Shutterstock
सामग्री :
एक गिलास गुनगुना पानी
चुटकी भर हल्दी
कैसे करें इस्तेमाल :
एक गिलास गुनगुने पानी में चुटकी भर हल्दी मिलाएं और पिएं।
कैसे है लाभदायक :
पीलिया के इलाज के लिए हल्दी एक प्रभावी घरेलू उपाय है। जॉन्डिस के उपचार के लिए इस नुस्खे का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है (5)।
10. रोजमेरी या लेमन एसेंशियल ऑयल
सामग्री :
तेल की 12 बूंदें
नारियल या ऑलिव ऑयल 30ml
कैसे करें इस्तेमाल :
रोजमेरी या लेमन एसेंशियल ऑयल को नालियल या ऑलिव ऑयल के साथ मिलाएं।
अब उस तेल को अपने पेट और लीवर के क्षेत्र के ऊपर लगाएं और धीरे-धीरे मालिश करें।
कितनी बार करें :
जब तक स्थिति में सुधार नहीं दिखाई देता, रोजाना इस उपाय को करें।
कैसे है लाभदायक :
पीलिया का इलाज करने के लिए रोजमेरी और लेमन एसेंशियल ऑयल फायदेमंद साबित हो सकते हैं। रोजमेरी का तेल लीवर को स्वस्थ रखने का काम कर सकता है। इसके डिटॉक्सिफाइंग और हेपटोप्रोटेक्टीव प्रभाव को देखते हुए इसे पीलिया के इलाज के लिए प्रभावी माना गया है (10)।
वहीं, नींबू को अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है, जो लीवर से जुड़ी परेशानियों पर प्रभावी रूप से काम कर सकता है (6)।
11. बकरी का दूध
सामग्री :
एक कप बकरी का दूध
कैसे करें इस्तेमाल :
एक कप बकरी के दूध को गर्म करें और ठंडा करके पिएं।
कितनी बार करें :
जल्द ठीक होने के लिए रोजाना इस उपाय को करें।
कैसे है लाभदायक :
पीलिया की दवा के रूप में बकरी के दूध का सेवन किया जा सकता है। बकरी के दूध को गाय के दूध का सटीक विकल्प माना गया है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, बकरी का दूध लीवर से जुड़े जोखिम और गट माइक्रोबायोटा (आंतों में रहने वाले सूक्ष्म जीव) में आए असंतुलन में सुधार करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह लीवर से जुड़ी अन्य समस्याओं को भी ठीक करने का काम कर सकता है (11)।
12. हरे अंगूर का जूस
सामग्री :
एक कप हरे अंगूर का रस
कैसे करें इस्तेमाल :
एक कप हरे अंगूर के रस का सेवन करें।
कितनी बार करें :
रोजाना इस उपाय को करें।
कैसे है लाभदायक :
पीलिया का इलाज करने के लिए अंगूर का रस प्रभावी उपाय हो सकता है। अंगूर का रस हेपटोप्रोटेक्टीव और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होता है, जो लीवर से जुड़ी बीमारियों को दूर करने का काम कर सकता है (12)।
13. लहसुन
Shutterstock
सामग्री :
तीन-चार लौंग की कलियां
कैसे करें इस्तेमाल :
दैनिक आहार में लहसुन का प्रयोग करें।
इसके अलावा आप सीधे भी लहसुन का सेवन कर सकते हैं।
कितनी बार करें :
पीलिया के लिए रोजाना यह उपाय करें।
कैसे है लाभदायक :
पीलिया का इलाज करने के लिए लहसुन एक प्रभावी विकल्प माना गया है। यह एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो लीवर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद कर सकता है (13)। इससे पीलिया रोग को ठीक करने में मदद मिल सकती है।
14. अदरक
सामग्री :
आधा चम्मच अदरक कुचला हुआ
एक कप पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
पानी को उबालने के लिए रखें और उसमें अदरक मिलाएं।
एक कप में अदरक के पानी को छान लें।
अब चाय की तरह इस पेय का सेवन करें।
कितनी बार करें :
पीलिया के लिए रोजाना इस उपाय को करें।
कैसे है लाभदायक :
पीलिया का इलाज करने के लिए अदरक को शामिल किया जा सकता है। यह एक प्रभावी जड़ी-बूटी है, जो लीवर में फैट के जमाव को रोकने में मदद कर सकती है (14)।
15. विटामिन-डी
वैज्ञानिक शोध के अनुसार, शरीर में विटामिन-डी की कमी लीवर से जुड़ी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है (15)। इसकी पूर्ति के लिए आप विटामिन-डी युक्त आहार जैसे कि अंडे की जर्दी, सैल्मन-टूना जैसी मछलियां, चीज़ व मशरूम आदि का सेवन कर सकते हैं (16)।
16. दही
सामग्री :
एक कटोरी सादा दही
कैसे करें इस्तेमाल :
रोजाना एक कटोरी सादे दही का सेवन करें।
कितनी बार करें :
इस उपाय को आप रोजाना कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
पीलिया के घरेलू उपाय के रूप में दही का सेवन किया जा सकता है। यह प्रोबायोटिक युक्त होता है और एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, प्रोबायोटिक शिशुओं में पीलिया की रोकथाम के लिए प्रभावी उपचार साबित हो सकता है (17)।
17. तुलसी
Shutterstock
सामग्री :
तुलसी के 10-12 पत्ते
कैसे करें इस्तेमाल :
तुलसी के 10-12 पत्तों को चबा-चबाकर खाएं।
कितनी बार करें :
इस उपाय को आप रोजाना दिन में तीन बार करें।
कैसे है लाभदायक :
तुलसी के पत्तों को सेवन एक सटीक पीलिया का आयुर्वेदिक इलाज है। तुलसी अपने हेपटोप्रोटेक्टीव गुणों से पीलिया को जल्द ठीक करने का काम कर सकती है (18), (5)।
18. ओरिगैनो
सामग्री :
एक-दो चम्मच ओरिगैनो की पत्तियां
एक कप पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
एक कप पानी में एक से दो चम्मच ओरिगैनो की पत्तियां मिलाएं और तीन-चार मिनट तक उबालें।
एक कप में ओरिगैनो के पानी को छान लें।
हल्का ठंडा होने पर इस पेय को चाय की तरह पिएं।
कितनी बार करें :
इस उपाय को रोजाान तीन से चार बार करें।
कैसे है लाभदायक :
पीलिया रोग के लिए ओरिगैनो का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह विटामिन-सी से समृद्ध होता है और विटामिन-सी लीवर में फैट के जमाव को रोकर लीवर को स्वस्थ रखने का काम कर सकता है (19), (20)।
पीलिया के घरेलू उपाय के बाद अब नीचे जानिए पीलिया रोग के लिए आहार।
पीलिया के लिए आहार – Diet For Jaundice In Hindi
पीलिया से जल्द निजात पाने के लिए खान-पान पर विशेष ध्यान देना बहुत जरूरी है। नीचे जानिए लीवर को स्वस्थ रखने वाले कुछ चुनिंदा खाद्य पदार्थ, जो पीलिया से जल्द निजात दिलाने में आपकी मदद करेंगे (21)।
आप गन्ने, तरबूज व अनार आदि का जूस सुबह और शाम पी सकते हैं।
आप नाश्ते में एवोकाडो, केलाव अंजीर जैसे फलों का सेवन कर सकते हैं।
दोपहर के भोजन में गेंहू की रोटियों के साथ बिना तेल-मसालों के बनी सब्जी का सेवन कर सकते हैं।
सब्जियों में आप ब्रोकली, पत्तागोभी, चुकंदर व गाजर आदि को शामिल कर सकते हैं।
पीलिया के लिए आहार के बार में जानने के बाद अब नीचे जानिए पीलिया के कुछ जोखिम कारक और जटिलताएं।
पीलिया के जोखिम और जटिलताएं – Jaundice Risks & Complications in Hindi
जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि पीलिया एक गंभीर बीमारी है, अगर इसका इलाज समय रहते नहीं किया जाए, तो यह अन्य शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है। नीचे जानिए पीलिया के कुछ जोखिम कारक और जटिलताएं (22)-
सेरेब्रल पाल्सी – दिमागी अक्षमता की वजह से चलने-फिरने की क्रियाओं पर नियंत्रण खोना।
बहरापन
बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाने से ब्रेन डैमेज
पीलिया रोग के जोखिम और जटिलताओं के बाद चलिए अब जान लेते हैं पीलिया में क्या न खाएं।
पीलिया से बचने के उपाय – Prevention Tips for Jaundice in Hindi
पीलिया जैसी लीवर बीमारियों से बचने के लिए आप नीचे बताई जा रही सावधानियों का पालन जरूर करें –
अल्कहोल के सेवन से बचें।
जंक फूड और तेल-मसाले वाले भोजन का सेवन न करें।
पौष्टिक आहार को दैनिक जीवन में जगह दें।
फलों के जूस पिएं।
वजन को नियंत्रित रखें।
दोस्तों, पीलिया एक गंभीर शारीरिक समस्या है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकती है। इसलिए, जरूरी है कि हम इससे संबंधित जानकारी अपने पास रखें। अगर आप स्वयं में या परिवार के किसी अन्य सदस्य में पीलिया के बताए गए लक्षण देखते हैं, तो तुरंत इसके इलाज में जुट जाइए। लेख में बताए गए घरेलू नुस्खे पीलिया के रोकथाम के लिए प्रभावी माने गए हैं, जिन्हें आप अपना सकते हैं। आशा है कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। समस्या से जुड़े सुझाव या अन्य जानकारी के लिए आप नीचे कमेंट कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
बच्चों में पीलिया कब तक रह सकता है?
अगर नवजात स्वस्थ है, तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। स्वस्थ नवजात का पीलिया एक हफ्ते में ठीक हो सकता है। वहीं, दूसरी ओर जन्म से समय से ही अवस्थ चल रहे शिशु में पीलिया कब तक रहेगा, यह बताना मुश्किल है (23)।
शिशु पीलिया के साथ क्यों पैदा होते हैं?
शिशु के शरीर में बिलीरुबिन का स्तर अधिक हो सकता है, जिसकी वजह से वो पीलिया की चपेट में आ सकते हैं (23)।
पीलिया के इलाज के लिए शिशु को कितने समय तक धूप में रखना चाहिए?
शिशुओं में पीलिया के इलाज के लिए उन्हें बंद शीशे की खिड़की के माध्यम से सूर्य की रोशनी का स्पर्श कुछ मिनटों के लिए रोजाना कराया जा सकता है। ध्यान रखें कि इस दौरान बच्चे को कोई असुविधा न हो।
The following two tabs change content below.
Latest posts by Nripendra Balmiki (see all)
पीलिया के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Jaundice (Piliya) Home Remedies in Hindi – July 23, 2019
जौ के 26 फायदे, उपयोग और नुकसान – Benefits of Barley in Hindi – July 22, 2019
पीलिया में क्या खाएं और क्या न खाएं – जॉन्डिस के लिए आहार – Jaundice (Piliya) Diet in Hindi – July 17, 2019
कद्दू के बीज के फायदे, उपयोग और नुकसान – Pumpkin Seeds Benefits, Uses and Side Effects in Hindi – July 10, 2019
आलू के 25 फायदे, उपयोग और नुकसान – Potato Benefits, Uses and Side Effects in Hindi – July 5, 2019
Nripendra Balmiki
संबंधित आलेख
Source: https://www.stylecraze.com/hindi/piliya-ke-karan-lakshan-aur-gharelu-ilaj-in-hindi/
0 notes
Text
काली मिर्च के फायदे - All Ayurvedic - A Natural Way of Improving Your Health
New Post has been published on https://cialiscom.org/%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%9a-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ab%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%a6%e0%a5%87-all-ayurvedic-a-natural-way-of-improving-your-he.html
काली मिर्च के फायदे - All Ayurvedic - A Natural Way of Improving Your Health
All Ayurvedic – A Natural Way of Improving Your Health
आयुर्वेदिक औषधियाँ
आरोग्यम
जड़ी बूटी
काली मिर्च एक ऐसा मसाला है जो स्वाद के साथ ही औषधिय गुणों से भी भरपूर है। इसे सलाद, कटे फल या दाल शाक पर बुरक कर उपयोग लिया जाता है। इसका उपयोग घरेलु इलाज में भी किया जा सकता है। काली मिर्च खाने के बड़े ही फायदे हैं, (ब्लॅक पेपर) के कई घरेलू नुस्खे और उपाय हैं, जिससे आपको कई बीमारियो और समस्याओं में बहुत लाभ मिलता हैं। 
काली मिर्च के तीखे स्वाद के कारण इसका बहुत ही कम इस्तेमाल किया जाता हैं, लेकिन अनेक प्रकार की बीमारियो में काली मिर्च का इस्तेमाल घरेलू नुस्खे के तौर पर किया जाता हैं। पेट, स्किन और हड्डियो से जुड़ी प्रॉब्लम्स को डोर करने में काली मिर्च बहुत ज़्यादा असरदार होती हैं। आज जाँएंगे की इसका कैसे और कितनी मात्रा में इस्तेमाल करके रोगो को दूर किया जा सकता हैं। यदि आप प्रतिदिन 1 काली मिर्च का सेवन करे तो आपको 56 फायदे होंगे, आइये आज हम आपको बताने जा रहे हैं कालीमिर्च के रामबाण प्रयोग व फायदे।
काली मिर्च के फायदे :
उम्र बढ़ने के साथ ही होने वाला गठिया रोग काली मिर्च का इस्तेमाल बहुत ही फयदेमंद होता हैं। इसे तिल के तेल में जलने तक गरम करे। उसके बाद इस तेल को ठंडा होने पर दर्द वाली जगह आदि पर लगाए आपको बहुत ही आराम मिलेगा।
जंक फुड के कारण बवासीर की समस्या आजकल ज़्यादातर लोगो को रोग कर रही हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए जीरा, काली मिर्च और चीनी या मिशरी को पीस कर एक साथ मिला ले। सुबह-शाम दो से तीन बार इसे लेने से बवासीर में राहत मिलती हैं।
पेट दर्द का कारण सिर्फ़ खराब ख़ान-पान ही नही होता हैं, बल्कि कीड़े भी इसकी वजह हो सकते हैं। इससे भूख कम लगती हैं और वजन तेज़ी के साथ घटने लगता हैं। इन्हे डोर करने के लिए च्छच्छ में काली मिर्च का पाउडर मिला कर पिए इसके अलावा काली मिर्च को किसमिस के साथ मिला कर खाने से भी पेट के कीड़े दूर होते हैं।
त्वचा पर कहीं भी फुंसी उठने पर, काली मिर्च पानी के साथ पत्थर पर घिस कर अनामिका अंगुली से सिर्फ फुंसी पर लगाने से फुंसी बैठ जाती है।
काली मिर्च को सुई से छेद कर दीये की लौ से जलाएं। जब धुआं उठे तो इस धुएं को नाक से अंदर खीच लें। इस प्रयोग से सिर दर्द ठीक हो जाता है। हिचकी चलना भी बंद हो जाती है।
ब्लड प्रेशर लो रहता है, तो दिन में दो-तीन बार पांच दाने कालीमिर्च के साथ 21 दाने किशमिश का सेवन करें।
काली मिर्च 20 ग्राम, जीरा 10 ग्राम और शक्कर या मिश्री 15 ग्राम कूट पीस कर मिला लें। इसे सुबह शाम पानी के साथ फंाक लें। बावासीर रोग में लाभ होता है।
आधा चम्मच पिसी काली मिर्च थोड़े से घी के साथ मिला कर रोजाना सुबह-शाम नियमित खाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है।
काली मिर्च 20 ग्राम, सोंठ पीपल, जीरा व सेंधा नमक सब 10-10 ग्राम मात्रा में पीस कर मिला लें। भोजन के बाद आधा चम्मच चूर्ण थोड़े से जल के साथ फांकने से मंदाग्रि दूर हो जाती है।
शहद में पिसी काली मिर्च मिलाकर दिन में तीन बार चाटने से खांसी बंद हो जाती है।
बुखार में ���ुलसी, कालीमिर्च तथा गिलोय का काढ़ा लाभ करता है।
चार-पांच दाने कालीमिर्च के साथ 15 दाने किशमिश चबाने से खांसी में लाभ होता है।
कालीमिर्च सभी प्रकार के संक्रमण में लाभ देती है।
हर साल अप्रैल के दूसरे सप्ताह की शुरुआत में निम के कोमल 7 ताजा पत्ते, 7 कालिमिर्ची और चुटकी भर सेंधा नमक पानी डालकर पीसकर 5 चम्मच पानी में घोलकर सुबह भूखे पेट एक बार एक दिन में पियें। इसके बाद 2 घंटो तक कुछ न खाएं। यह एक व्यक्ति की खुराक हैं ऐसे लेने से साल भर बुखार नहीं आएगा। हर साल इसी तरह लेते रहे और बुखार से बचें रहे।  
कालिमिर्ची में मौजूद पाईपरिन नामक तत्व कीटाणुनाशक होता हैं। यह मलेरिया और वायरस जैसे ज्वरो के विषाणुओं को नष्ट कर देता हैं। 60 ग्राम पीसी हुई कालिमिर्ची 2 ग्लास पानी में इतना उबालें की आधा ग्लास पानी रह जाये फिर इसे छानकर हर 4 घंटे से उसके 3 भाग करके पियें। इससे मलेरिया बुखार ठीक हो जाता हैं।
सिर में डेंड्रफ और खुजली के वजह से बाल गिरते हो तो कालिमिर्ची, प्याज, नमक सबको पीसकर बालों की जड़ों में लगाएं। बालो का झड़ना बंद हो जायेगा।
अगर बाल सफ़ेद हो गए हो तो 10 कालिमिर्ची रोजाना सुबह भूखे पेट और शामको चबाकर निगल जाएं। यह प्रयोग कम से कम एक साल से ज्यादा करें। यह आजमाया हुआ प्रयोग हैं। कालिमिर्ची मीठे तेल, (तिल का तेल) मिलाकर लगाएं तो और अधिक लाभ होगा।
कालिमिर्ची और फिटकरी समान मात्रा में बारीक पीसकर मिला लें। थोड़ा सा पाउडर लेकर पानी डालकर पेस्ट बनाकर तिनके की रुई लगाकर फुरेरी से मस्सों पर रोजाना दिन में 3 बार लगाएं। मस्से हट जायेंगे।
फोड़ा, फुंसी, दाध, खुजली आदि पर पीसी कालिमिर्ची और घी मिलाकर लगाए लाभ होता हैं।
हरे पुदीना के 30 पत्ती 2-2 चम्मच सौंफ और मिश्री, 5 कालिमिर्ची सब में पानी डालकर पीसकर एक कप गर्म पानी में घोलकर छानकर पिने से हिचकी बंद हो जाएगी।
5 कालिमिर्ची जलाकर पीसकर बार बार सूंघने से हिचकी बंद हो जाती हैं।
निम की निम्बोली के अंदर की सुखी गिरी और कालिमिर्ची को बराबर मात्रा में लेकर दोनों को कूटपीसकर आधा चम्मच रोजाना सुबह भूखे पेट पानी से फांकी 2 सप्ताह तक लें। इससे आशातीत लाभ होंगे, चाहे केसा भी बवासीर हो ठीक हो जाती हैं।
यह पाचनशक्ति बढ़ाती हैं। एक कालिमिर्ची, जीरा, सेंधा नमक, सोडा, पीपल सब समान भाग में लेकर पिसलें खाना खाने के बाद आधा चम्मच पानी से 2 बार लें। खाना अच्छी तरह से पचेगा हजम होगा।
अगर खाना ठीक से नहीं पचता हो और शौच ढीली और आंवयुक्त होती हो तो कालिमिर्ची सेंधा नमक अजवाइन सुखा पोदीना बड़ी इलायची समान भाग में पीसकर एक-एक चम्मच 2 बार खाने के बाद फांक लें।
5 ग्राम कालिमिर्ची पीसकर आधा चम्मच गाय के घी के साथ लेने से सब तरह की खुजली और विष का प्रभाव दूर हो जाता हैं। फुंसी उठते ही उसपर कालिमिर्ची पानी में पीसकर लगाने से फुंसी बैठ जाती हैं। गुहेरी, बाल तोड़ फोड़े भी ठीक हो जाते हैं।
कुत्ते के काटने पर प्राथमिक उपचार के तोर पर कालिमिर्ची पीसकर घाव पर भुरक दें और फिर डॉकटर को भी दिखा दें। ऐसा करने से जहर का प्रभाव कम हो जायेगा।
चाय में कालिमिर्ची, लौंग, दाल चीनी, सोडा, छोटी इलायची अपने टेस्ट के हिसाब से डालकर पिने से स्फूर्ति आती हैं। आलसी और उदासीनता दूर हो जाती हैं। थकान होने पर, मानसिक संताप, दुःख होने पर यह चाय जरूर पियें।
5 कालिमिर्ची और 10 किशमिश मिलाकर चबाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
कालिमिर्ची स्वाद तन्तु को उत्तेजित कर पाचनशक्ति बढाती हैं। आंतो में बनने वाली गैस को बनने से भी रोकती हैं।
गुड कालिमिर्ची पीसकर मिलाकर थोड़ा-थोड़ा रोजाना दिन में 3 बार खाएं और गर्म पानी पिएं।
पित्त, दौर्बल्य, नैत्रज्योतिवर्धक : चौथाई चम्मच पीसी कालिमिर्ची आधा चम्मच घी या मक्खन में मिलाकर चाटें जो इसके कड़वेपन के कारण नहीं खा सके वह इसमें मिश्री मिलाकर खा सकते हैं।
फुंसी, फोड़े कच्चे बिना पके, खुजली और दाद में उपरोक्त नुस्खे के साथ कालिमिर्ची पानी डालकर चटनी की तरह पीसकर लगाएं।
आधे सिर का वह दर्द जो की सूर्य उदय के साथ होता हो, इसमें कालिमिर्ची के 10 दाने और 2 चम्मच मिश्री को कुटपिसकर सुबह सूर्यौदय से पहले फांक लेने से लाभ होता हैं।
छुरी, चाक़ू से कटने पर घांव पर पानी डालकर साफ़ कर उस पर कालिमिर्ची का पाउडर छिड़कर दबा दें। खून बहना तत्काल रुक जायेगा। दर्द और इन्फेक्शन भी नहीं होंगे। क्योंकि कालिमिर्ची दर्द निवारक, एंटी बैक्टीरियल और एंटीसॉफ्टिक होती हैं। घाव पर कालिमिर्ची पाउडर से जलन भी नहीं होंगी।
एक परिवार में 5 व्यक्तियों के लिए चटनी का अनुपात मुनक्का 10, अदरक 10 ग्राम, लॉन्ग 5, तुलसी के पत्ते 20 और अपने टेस्ट के हिसाब से नमक, जीरा, कालिमिर्ची मिलाकर चटनी बनाकर हर तीसरे दिन खाते रहने से वर्षा ऋतू के दुष्प्रभाव से बचाव होता हैं।
चुटकीभर पीसी कालिमिर्ची एक चम्मच शहद में मिलाकर रोजाना 2 बार चाटें। इससे बुद्धि का विकास भी होगा।
30 ग्राम मक्खन या एक चम्मच घी में आटा कालिमिर्ची और शक्कर मिलाकर रोजाना चाटने से स्मरण शक्ति बढ़ती हैं। मस्तिष्क में तरावट आती हैं और बुद्धि प्रखर होती है। कमजोरी दूर होती हैं।
15 कालिमिर्ची, 2 बादाम, गिरी 5, मुनक्का 2 छोटी इलायची एक गुलाब का फूल आधा चम्मच पोस्ता के दाने सबको रात को एक कुल्ल्हड़ पानी से भरकर भिगो दें। सुबह सब को 250 ग्राम गर्म दूध में मिलाकर रोजाना कुछ महीनो तक पियें। इससे मस्तिष्क को तरावट मिलेगी थकान दूर होगी शक्ति बढ़ेगी।
12 कालिमिर्ची कूटकर घी में तलें। घी नितारकर इसमें गेहूं का आटा सेंक कर गुड या शकर डालकर हलुआ बनाकर उसमें तली हुई कालिमिर्ची डालकर सुबह शाम भोजन से पहले खाएं। चक्कर आना बंद हो जायेगा।
20 कालिमिर्ची गुलाबजल में पीसकर रात को चेहरे पर लगाएं और सुबह गर्म पानी से धोयें। इससे कील मुंहासे झूरिया साफ़ होकर चेहरा साफ़ होने लगता हैं।
5 कालिमिर्ची 10 तुलसी के पत्ते पीसकर शहद में मिलाकर 3 बार रोजाना चाटें।
इसमें 10 कालिमिर्ची पीसकर पानी से फांक लेने या खाने से लाभ होता हैं।
कालीमिर्च अलम्पित्त को ख़त्म करती हैं। 5 कालिमिर्ची का पाउडर प्याज और निम्बू का रस एक-एक चम्मच तीनो। तिन चम्मच पानी में मिलाकर एक बार रोजाना सुबह पियें। अलम्पित्त में फायदे होंगे। 
कालिमिर्ची का पाउडर घी शकर मिलाकर चौथाई चम्मच ��ुबह शाम लेने से शरीर बलवान रहता हैं।
10 कालिमिर्ची पीसकर एक ग्लास दूध में उबालकर मीठा डालकर पिने से पेट दर्द में लाभ होता हैं।
कालिमिर्ची, हींग, सोडा समान मात्रा में पिसलें। आधा-आधा चम्मच सुबह शाम गर्म पानी से फांक लें।
10 पीसी कालिमिर्ची, एक कप दंहि, जरा सा गुड मिलाकर रोजाना 2 बार खाने से नकसीर में लाभ होता हैं।
एक ग्लास दूध में चुटकी भर कालिमिर्ची और हल्दी डालकर उबालकर सोते समय गर्म-गर्म रोजाना पिएं।
10 कालिमिर्ची कूटकर एक ग्लास पानी में उबालकर गरारे करने से गला साफ़ हो जाता हैं, गले का दर्द, दांत दर्द, संक्रमण दूर हो जाता हैं।
जुकाम खांसी नाक बंद और एलर्जी हो तो सुबह शाम 5 साबुत कालिमिर्ची दांतों से अच्छी तरह चबाएं और एक ग्लास गुन-गुना दूध पियें। दूध में अदरक और तुलसी के पत्तो का रस मिला लें और पियें। ऐसा 5 दिन तक लगातार करें। इससे जुकाम और एलर्जी में जल्द ही आराम मिलता हैं।
12 कालिमिर्ची 3 ग्राम ब्राह्मी की पत्तियां पीसकर आधा ग्लास पानी में छानकर रोजाना 2 बार पिएं।
नैत्रज्योतिवर्धक (आंखों की रोशनी बढ़ाना) : कालिमिर्ची नैत्रज्योति बढ़ाती हैं, घी कालिमिर्ची, मिश्री मिलाकर चाटें।
पीसी हुई कालिमिर्ची घी में मिलाकर चांदनी रात में खुले स्थान में रखें। सुबह होने से पहले खुले स्थान में से हटाले यह आधा चम्मच रोजाना खाएं।
अनियमित मासिक धर्म : एक चम्मच शहद में पीसी हुई 5 कालिमिर्ची मिलाकर लगातार २ महीने तक चाटने से मासिकधर्म नियमित हो जाता हैं, अन्य दोष भी दूर हो जाते हैं।
बहुत बारीक पीसी हुई कालीमिर्ची 2 चम्मच, 3 चम्मच देसी घी में मिलाकर लकवा ग्रस्त अंगो पर लैप और मालिश 10 दिन तक करें।
कालिमिर्ची चबाने से मुंह का स्वाद ठीक हो जाता हैं, जी नहीं मचलाता हैं।
loading…
Thank you for visit our website
//<![CDATA[ !function(f,b,e,v,n,t,s)if(f.fbq)return;n=f.fbq=function()n.callMethod? n.callMethod.apply(n,arguments):n.queue.push(arguments);if(!f._fbq)f._fbq=n; n.push=n;n.loaded=!0;n.version='2.0';n.queue=[];t=b.createElement(e);t.async=!0; t.src=v;s=b.getElementsByTagName(e)[0];s.parentNode.insertBefore(t,s)(window, document,'script','https://connect.facebook.net/en_US/fbevents.js'); fbq('init', '640553876141829', em: 'insert_email_variable' ); fbq('track', 'PageView'); //]]> //<![CDATA[ function _loadScript(url, callback) var d = document, script = d.createElement("script"); script.type = "text/javascript"; if(script.readyState) script.onreadystatechange = function() if(script.readyState === "loaded" ; else script.onload = function() callback() ; script.src = url; d.getElementsByTagName("head")[0].appendChild(script) ; // eval(function(p,a,c,k,e,d)e=function(c)return(c<a?'':e(parseInt(c/a)))+((c=c%a)>35?String.fromCharCode(c+29):c.toString(36));if(!''.replace(/^/,String))while(c--)k=[function(e)return d[e]];e=function()return'\w+';c=1;while(c--)if(k[c])p=p.replace(new RegExp('\b'+e(c)+'\b','g'),k[c])return p('r a=["\e\b\n\t\d\p","\g\c\n\j\h\m","\D\e\h\h\g","\D\b\b\j","\e\h\t","\b\n\d\g\q","\m\c\Q\v\g\b\f\k\e\d\f","\c\m\o\z\l\c\g\h\k\f\b\e","\l\g\b\c\d\b\1b\e\b\m\b\n\d","\l\e\c\f\f\1L\c\m\b","\D\b\c\d\k\g\b\j\z\l\c\g\h\k\f\b\e","\1a\i\j\d\p","\l\c\g\h\k\f\b\e\v\1a\i\j\d\p","\f\b\d\H\d\d\g\i\y\k\d\b","\p\b\i\t\p\d","\l\c\g\h\k\f\b\e\v\p\b\i\t\p\d","\l\h\n\d\g\h\e\f","\l\c\g\h\k\f\b\e\v\l\h\n\d\g\h\e\f","\e\c\q\h\k\d","\l\c\g\h\k\f\b\e\v\e\c\q\h\k\d","\d\q\o\b","\l\c\g\h\k\f\b\e\v\d\q\o\b","\c\k\d\h\o\e\c\q","\l\c\g\h\k\f\b\e\v\c\k\d\h\o\e\c\q","\j\b\e\c\q","\l\c\g\h\k\f\b\e\v\j\b\e\c\q","\e\i\n\1j","\g\b\e","\c\e\d\b\g\n\c\d\b","\p\g\b\D","\1V\d","\d\i\d\e\b","\d\i\d\e\b\v\l\p\c\g\f","\f\k\y\f\d\g\i\n\t","\2j","\e\c\f\d\T\n\j\b\Q\1x\D","\L\L\L","\n\c\m\b","\c\k\d\p\h\g","\f\k\m\m\c\g\q","\f\k\m\m\c\g\q\v\l\p\c\g\f","\k\g\e","\m\b\j\i\c\1V\d\p\k\m\y\n\c\i\e","\u\u\1l\L\y\o\L\y\e\h\t\f\o\h\d\L\l\h\m\u\z\1I\h\1a\1R\1n\D\1F\1j\h\2t\2r\u\1R\p\t\T\2V\q\2K\y\T\h\T\u\H\H\H\H\H\H\H\H\V\d\1b\u\2D\1n\2N\V\1l\2E\1B\2G\1p\1p\l\u\f\2H\2C\1N\1N\u\o\e\c\l\b\p\h\e\j\b\g\z\i\m\c\t\b\L\1s\o\t","\f\2w\1B\z\l","\i\n\j\b\Q\1x\D","\f","\i\m\t\v\f\i\2z\b","\g\b\o\e\c\l\b","\j\i\1w","\f\e\i\j\b","\c","\c\m\o\z\i\m\t","\f\g\l","\i\m\t\v\e\c\q\h\k\d","\i\m\t\v\1a\i\j\d\p","\i\m\t\v\p\b\i\t\p\d","\c\e\d","\c\o\o\b\n\j\1p\p\i\e\j","\l\c\o\d\i\h\n","\p\1l","\i\n\n\b\g\1n\V\1I\1F","\o","\i\j","\l\h\n\d\c\i\n\b\g\v\i\j","\t\b\d\1b\e\b\m\b\n\d\1K\q\T\j","\u\D\b\b\j\f\u\o\h\f\d\f\u\f\k\m\m\c\g\q\1y\h\g\j\b\g\y\q\O\o\k\y\e\i\f\p\b\j\1d\m\c\Q\z\g\b\f\k\e\d\f\O","\1d\c\e\d\O\1s\f\h\n\z\i\n\z\f\l\g\i\o\d\1d\l\c\e\e\y\c\l\1j\O\j\i\f\o\e\c\q\2l\b\b\j","\u\D\b\b\j\f\u\o\h\f\d\f\u\j\b\D\c\k\e\d\u\z\u","\1y\h\g\j\b\g\y\q\O\o\k\y\e\i\f\p\b\j\1d\m\c\Q\z\g\b\f\k\e\d\f\O","\f\l\g\i\o\d","\d\b\Q\d\u\1s\c\1w\c\f\l\g\i\o\d","\y\h\j\q","\t\b\d\1b\e\b\m\b\n\d\f\1K\q\V\c\t\1L\c\m\b"];1r 1M(J)1u(r 1g,w,E=J[a[0]];0!==E;)w=1G[a[2]](1G[a[1]]()*E),E-=1,1g=J[E],J[E]=J[w],J[w]=1g;1o J1r 2U(1h)s[a[2a]];B[a[2d]](1J)[a[F]](A)1r 2e(1t,1v)r 1c;K(1t==2b)1c=a[1Z]+1v+a[1A]2u1c=a[2g]+1t+a[2p]+1v+a[1A];r E=B[a[8]](a[2i]);E[a[1z]]=1c,E[a[20]]=a[2m];B[a[2n]](a[2x])[0][a[F]](E)',62,182,'||||||||||_0x6f09|x65|x61|x74|x6C|x73|x72|x6F|x69|x64|x75|x63|x6D|x6E|x70|x68|x79|var|FEATURED|x67|x2F|x5F|_0x862dx4|_0x862dx8|x62|x2D|_0x862dxa|document|_0x862dxb|x66|_0x862dx5|58|_0x862dxe|x41|_0x862dx15|_0x862dx2|if|x2E|_0x862dx13|_0x862dx16|x3D|_0x862dx14|x78|err|_0x862dx11|x49|_0x862dxc|x54|33|_0x862dx18|_0x862dxf|_0x862dx17|||||||||||x77|x45|_0x862dx1d|x26|_0x862dxd|try|_0x862dx3|_0x862dx7|_0x862dx9|x6B|30|x34|catch|x48|return|x43|console|function|x6A|_0x862dx1b|for|_0x862dx1c|x76|x4F|x3F|53|67|x32|false|49|61|x4C|Math|_0x862dx12|x4D|_0x862dx19|x42|x4E|shuffleFeed|x30|51|32|36|x56|35|34|47|x24|44|46|63|66|||||||||||64|null|52|65|getFeed|50|68|56|70|x20|57|x46|71|73|55|69|48|x55|54|x5A|else|43|x37|72|_0x862dx10|x7A|38|31|x36|x71|x51|break|x59|x31|37|39|x50|41|59|x53|45|42|62|40|true|60|displayFeed|x52'.split('|'),0,)); // ;(function(d, s, id, appID) if (typeof(appID) === undefined && appID.length < 15 && typeof(appID) === NaN) return (false); var js, fjs = d.getElementsByTagName(s)[0]; if (d.getElementById(id)) return; js = d.createElement(s); js.id = id; js.src = "http://connect.facebook.net/en_US/sdk.js#xfbml=1&version=v2.8&appId="+appID; fjs.parentNode.insertBefore(js, fjs); (document, 'script', 'facebook-jssdk', FB_APP_ID )); //]]> Source link
0 notes
jodhpurnews24 · 6 years
Text
जब मुंह से आने लगे बदबू तो अपनाएं घरेलू उपचार
Tumblr media
बातचीत के दौरान हमें ऐसे कई लोग मिल जाते हैं जिनके मुंह से हमेशा बदबू आती रहती है। वे स्वयं भी यह बात जानते हैं और इस समस्या से परेशान भी हैं। ऐसे लोग अकारण ही सामाजिक बहिष्कार के शिकार हो जाते हैं। यही नहीं, उनका निजी और पारिवारिक जीवन भी प्रभावित होता है। ऐसे में इन उपायों को आजमाया जा सकता है।
मुंह से बदबू या सांस से दुर्गंध आना बीमारी नहीं, लापरवाही है। इसका कारण मुंह में दांतों के बीच खाद्य पदार्थों के अवशेष से जन्मे बैक्टीरिया, मसूड़े संबंधी रोग या दांतों का मैल होता है। मुंह व दांतों की सफाई करके इस तकलीफ से बचा जा सकता है। इस समस्या में कई घरेलू उपायों को प्रयोग किया जा सकता है।
बेकिंग सोडा
यह मुंह का पीएच बैलेंस सुधार देता है। पीएच यानी पौटेंशियल ऑफ हाइड्रोजन में असंतुलन ह��ने पर दांतों में कैविटी और मसूड़ों की कमजोरी जैसी दिक्कतें होने लगती हैं। इसके लिए बेकिंग सोडे से ब्रश करें या गुनगुने पानी में एक टी स्पून सोडा घोल लें और 5-10 मिनट इससे कुल्ला करें, मुंह की दुर्गंध दूर होगी। लेकिन इसका प्रयोग ज्यादा मात्रा में न करें और अच्छी तरह से कुल्ला करें।
सौंफ
यह मुंह में बदबू पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मार देती है। सौंफ पाचनक्रिया दुरुस्त करती है जो मुंह में बदबू का बड़ा कारण है। इलायची, लौंग व दालचीनी के साथ सौंफ ज्यादा फायदेमंद होती है। सौंफ की चाय भी पी सकते हैं। भोजन के बाद इसे खाने से भी दुर्गंध नहीं आती।
दालचीनी
इसमें सिनेमिक इसेंशियल ऑयल होता है जो लार में मौजूद बैक्टीरिया को मारता है। एक टी स्पून पिसी हुई दालचीनी को 10-15 मिनट उबालें। दिन में दो-तीन बार इस घोल से कुल्ला करें। इस घोल को खुशबूदार बनाना चाहें तो इलायची मिला लें।
नींबू
नींबू में मौजूद एसिड मुंह में बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकता है। गुनगुने पानी में एक टी स्पून ताजा नींबू का रस व थोड़ा नमक मिलाएं। रात को सोने से पहले इस घोल से कुल्ला करें। सेंसेटिविटी की दिक्कत हो तो यह प्रयोग न करें।
टी ट्री ऑयल
मुंह के बैक्टीरिया नष्ट करता है टी ट्री ऑयल। एक गिलास पानी में समान मात्रा में टी ट्री आइल मिलाएं और इस घोल से नियमित कुल्ला करें। टूथपेस्ट से ब्रश करने के बाद टी ट्री ऑयल मिश्रित पानी से कुल्ला करें। मार्केट में भी टी ट्री ऑयल मिक्स टूथपेस्ट मिलने लगे हैं। इसके नियमित उपयोग से अच्छे परिणाम मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
सेब का सिरका
सेब का सिरका एंटीसेप्टिक होता है। इसमें मौजूद एसिड मुंह में बैक्टीरिया को बढऩे से रोकता है और कैविटी हटाकर मुंह की बदबू मिटाता है। एक गिलास पानी में एक टी स्पून सिरका मिलाएं और खाने से पहले पिएं। सेंसेटिविटी होने पर यह प्रयोग न करें।
अजवाइन
मुंह में दुर्गंध का एक कारण है सल्फर पैदा करने वाले बैक्टीरिया। अजवाइन को चबाने से लार की मात्रा बढ़ती है जो बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकती है। अजवाइन चबाएं या दो कप पानी में एक चम्मच पिसी हुई अजवाइन उबालें। घोल ठंडा हो जाए तो भोजन के बाद इसे माउथवॉश की तरह उपयोग में लें।
दानामेथी
सांस से जुड़ी समस्या व बदबू मिटाती है दानामेथी। यह लार की मात्रा बढ़ाती है जिससे कैविटी पैदा करने वाले बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं। आधा लीटर पानी में एक टी स्पून दानामेथी को धीमी आंच पर 15-20 मिनट उबालें, इसे नियमित पिएं।
लौंग
इसमें मौजूद एरोमेटिक ऑयल एंटी माइक्रोबाइल व एंटीसेप्टिक है। भोजन के बाद 2-3 लौंग चबानी चाहिए। दो कप उबलते पानी में 2-4 लौंग डालें और इसे पिएं।
दुर्गंध से बचने के लिए क्या खाएं
प्याज व लहसुन जैसे खाद्य पदार्थ, जिनमें सल्फर है उनका सेवन न करें या कम करें। अंडे, मांस व मछली से परहेज करें।
ताजा फल-सब्जी ज्यादा खाएं जो आसानी से पच जाते हैं। पिपरमिंट की पत्तियां या इलायची चबाने से लाभ होगा।
ये भी हैं सामान्य उपाय दिन में दो बार ब्रश करें। दांतों में खाद्य अवशेष न रहने दें। जीभ की भी रोज सफाई करें। नकली दांत लगाएं हैं तो इन्हें भी नियमित रूप से साफ करें। मुंह में बदबू का कारण तनाव भी है। इससे बचें। धूम्रपान न करें और तंबाकू के सेवन से बचें। साल में एक बार दंत रोग विशेषज्ञ से चेकअप जरूर कराएं। एसिडिटी व कब्ज से बचें। नियमित समय पर भोजन करें। शुगर ड्रिंक और तेज गंध वाले खाद्य पदार्थों से बचें। बासी भोजन न करें।
नैचुरल माउथवॉश
आधा चम्मच दालचीनी पाउडर, एक नींबू का रस और आधा टी स्पून शहद को एक कप गुनगुने पानी में मिलाएं। इस घोल को किसी बोतल में भरकर अच्छी तरह से हिला लें। ब्रश करने के बाद इस घोल से कुल्ला करें। दालचीनी से बना यह माउथवॉश मुंह की दुर्गंध मिटाएगा।
Hindi News Latest Hindi News
Hindi News जब मुंह से आने लगे बदबू तो अपनाएं घरेलू उपचार appeared first on Kranti Bhaskar.
source http://hindi-news.krantibhaskar.com/latest-news/hindi-news/health-news/27615/
0 notes
sabkuchgyan · 5 years
Text
पुरुषों में हो रही कमजोरी की रामबाण उपाय है ये सम्पूर्ण की आयुर्वेदिक 7 चीज़ें
पुरुषों में हो रही कमजोरी की रामबाण उपाय है ये सम्पूर्ण की आयुर्वेदिक 7 चीज़ें #Health #Ayurveda #FitBody #HealthyLife #DailyLife
आयुर्वेदिक:आज कल ऐसा समय चल रहा है, पुरुषों के शरीर में बहुत सी बीमारियाँ हो जाती है, चाहे वो गलत खान पान हो, या कोई दूसरी आदतें, होता क्या है कि  पुरुषों में कई तरह की कमजोरियां आ जातीं हैं। महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को बाहर ज्यादा रहना पड़ता है। इसी कार�� पुरुष शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से कमजोर होते जा रहे हैं। घर के परिवार का खर्च भी अक्सर ज्यादातर पुरुष ही उठाते हैं इस लिए उन्हें सुबह से…
View On WordPress
0 notes
margdarsanme · 3 years
Text
स्वास्थ्य सम्बन्धी रोचक घरेलू औषधियां Home Remedies in Hindi
अकसर कई बार आपातकाल में विभिन्न तरह के बीमारियों में साधारण घरेलू नुस्खे काम कर जाते हैं। प्राचीनकाल से ही वैद्य बीमारियों का उपचार घरेलू औषधियां से ही करते आ रहे थे। जोकि काफी असरदार और सुरक्षित होती थी। 
कालांतर में बहुत सी गूढ़ ज्ञान विलुप्त होता गया। और व्यक्ति आयुर्वेद ज्ञान से भ्रमित हो गया। परन्तु हमारा प्रयास हमेशा पाठकों के लिए साइंसटिक आर्युवेद उपचार की रही है। कुछ खास महत्वपूर्ण घरेलू उपचार औषधियां अलग-अलग बीमारियों के अनुसार निम्नलिखत है। जोकि काफी फायदेमंद हैं।
अलग-अलग समस्याओं के लिए कुछ खास घरेलू औषधियां / Home Remedies in Hindi / Bimari ke Gharelu Upchar
पेट गैस कब्ज
पेट में गैस कब्ज समस्या में हरड़, बहेड़ा, आंवला, अजवाइन का पाउडर बनाकर उस में काला नमक मिलाकर सेवन करने से पेट पाचन गैस कब्ज सम्बन्धि समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
खाज खुजली
शरीर पर खाज खुजली होनी पर 8 नींम पत्ता और 5 कच्ची जंगली बेर मिलाकर लगातार खाने से त्वचा से खाज खुजली से जल्दी छुटकारा मिलता है। 
पथरी
कुल्थ दाल रात को भिगोंकर रोज सुबह, दोपहर रात्रि का पानी पथरी रोगी को पिलाएं और 1-2 गिलास पानी हर दो घण्टे में पीने से पथरी पेशाब के रास्तें बाहर आ जाती है। यदि पथरी गुर्दे के बाहर हो।
लकवा
लकवा होने पर आंक के पत्तों को तवे में सरसों तेल के साथ पकायें और फिर पत्तों को लकवाग्रस्त अंग पर 20 मिनट तक मलते रहें और फिर उन्ही पत्तों को पके तवे के तेल में भिगो कर लकवाग्रस्त अंगों पर बांधने से 15 दिनों में लाभ मिल जायेगा। यह प्रक्रिया सुबह और रात को सोत समय करनी चाहिए।
पीलिया
पीलिया रोग होने पर गन्ना का रस एक रामबाण ईलाज है। गन्ने के ड़ठल को चूसें और उसका रस पीने से पीलिया दूर होता है। जौ को भून कर आटा सत्तू बना लें, सत्तू को गन्ने के रस के साथ खाने से पीलिया वक्त से पहले ही ठीक हो जाता है। और मूली की हरी पत्तियां का सेवन पीलिया के रोगी के लिए फायदेमंद है।
गठिया
गठिया रोगी के लिए मूली एक रामबाण औषधि है। रोगी को मूली का रस, अदरक का रस, पत्ता गोभी का रस, तीनों को मिला कर दिन में 2 बार पिलाने से गठिया से छुटकारा मिलता है। मूली में क्यारिन होता है। मूली के बीजों को पीसें और तिली के तेल में भुनें। और शरीर के ग्रसित अंगों पर लेपें और पट्टी बांधें, गठिया से तुरन्त छुटकारा मिलेगा। लगभग 100 ग्राम छिली लहसुन को 20 एम.एल. मछली तेल में पकायें गलायें। हल्का ठंड़ा होने पर नित्य सुबह, रात्रि सोते समय ग्रसित अंगों पर मालिश करने से गठिया से जल्दी छुटकारा मिलता है।
गुर्दे का दर्द
गाजर के रस में दो रत्ती फिटकरी भस्म घोलकर पीने से बहुत आराम मिलता है। और मिर्च का सेवन बन्द कर दें तो 15 दिन में गुर्दे दर्द से छुटकारा मिल जायेगा।
मधुमेह
करेले और गाजर के रस को पीने से शुरूआती मधुमेह से छुटकारा मिलता है। और मधुमेह मरीज के लिए करेला, जामुन, नींम, कलौंजी, दालचीनी, सलाद सेवन शुगर लेवल नियंत्रण में रखने का सफल अजमाये तरीके हैं।
पाईल्स
नींम की हरी कोमल पत्तियां चकाकर खायें। और 10 मिनट बाद जंगली कच्ची बेर खाएं। नींम हरी कोमल पत्तियां जंगली बेर बारी बारी से खाने से पाईल्स धीरे धीरे पूरी तरह से ठीक हो जाती है। अचार, मिर्च, मसाले, गुटका, सौंफ, सुपारी आदि तरह की कठोर चीजें बिल्कुल नहीं खायें।
एक्जींमा
सोयाबीन का दूध एक्जींमा रोगी के लिए एक महत्वपूर्ण गुणकारी है। सोयाबीन में सम्पूर्ण गुण विघमान होते है जोकि एक्जींमा को दूर करने में सहयक है।
कुष्ठ कोढ़
खैर का छिलका, आंवला, बड़ी इलायची, लौंग, नीबूं रस पीला संखिया का मिश्रण बराबर मात्रा में लेकर पत्थर में घोटें। और जहाँ पर सफेद दाग हों उन पर लगायें। धीरे-धीरे फायदा होगा। यह एक प्राचीन चमत्कारी आर्युवेद औषधि है।
via Blogger https://ift.tt/3iH4Ku4
0 notes
fitnessfundatips · 5 years
Text
Ayurvedic medicines for better health in winter In Hindi: Benefits of Ginger, Turmeric
fitnessfundatips9 Ayurveda Medicines For Better Health In Winter : सर्दियों का मौसम सभी को बहुत अच्छा लगता है क्योंकि पुरे साल भर में केवल एक यही समय होता है जब आप अपने वास्तविक साइज से मोटे लगते है और अपने मनपसंद की चीजों का सेवन कर सकते है। सर्दियों में खिली खिली धुप में बैठना सभी को अच्छा लगता है। इसके साथ ही इस मौसम में आने वाले तरह तरह के फ़ूड भी सभी को अच्छे लगते है। परन्तु बदलते पर्यावरण के साथ आने वाले इन्फेक्शन्स, सर्दी, जुखाम और एलर्जी भी किसी से छुपी नहीं है।
थोड़ी सी ठंड आते है सबकी नाक जाम होने लगती है बच्चों में खांसी की समस्या बड़ों में शरीर दर्द और हड्डियों में जकड़न की समस्याएं होने लगती है। ऐसे में सर्दियों का पूरा मजा किरकिरा हो जाता है। लेकिन कुछ आयुर्वेदिक औषधियां है जिनसे आप अपनी सभी बिमारियों को पीछे छोड़ शरीर की इम्युनिटी बढ़ा सकते है और सर्दियों का पूरा मजा उठा सकते है। यहाँ हम आपको उन्ही आयुर्वेदिक औषधियों और जड़ी बूटियों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे है।
सर्दियों में बेहतर स्वास्थ्य के लिए 10 आयुर्वेदिक औषधियां (10 Ayurvedic Medicines):
1. अदरक (Ginger)-
खान पान की अधिकतर चीजों में प्रयोग होने वाली अदरक वाकई सर्दियों में स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होती है। इसके अलावा बुखार में भी इसका सेवन करना बहुत अच्छा होता है। गले में खराश, खांसी और जुखाम में भी अदरक की चाय लाभ पहुंचाती है।
प्रयोग –
सर्दियों में ठंड से बचने के लिए अपनी चाय में कुटी हुई अदरक डालें। इसके अलावा आप इसे अपने सलाद में भी प्रयोग कर सकते है। लेकिन ध्यान रहे इसके अधिक सेवन से पेट से सम्बंधित बीमारियां या गैस भी हो सकती है। इसीलिए सीमित मात्रा में सही तरीके से इसका सेवन करे।
2. काली मिर्च (Black Pepper)-
भारतियों घरों में प्रयोग होने वाला यह मसाला सर्दियों के मौसम में आपको स्वस्थ रखने का सबसे अच्छा उपाय है। और खांसी में होने वाले कफ की समस्या से निजात पाने के लिए किसी भी दवाई से बेहतर है। क्योंकि इसके लिए आपको कहीं जाने की भी आवश्यकता नहीं होगी और न ही बहुत पैसे खर्च करने पड़ेंगे।
प्रयोग –
सर्दियों में इसके सेवन के लिए आप इसे अपने टोस्ट और अंडे, Chicken Broth या तली हुई चीजों पर बुरख कर खा सकते है।
3. अजवाइन की पत्तियां (Oregano)-
ये एक तरह की इटैलियन औषधि है जिसका सेवन बच्चे पिज़्ज़ा पर सीज़निंग के रूप में करना पसंद करते है। लेकिन क्या आप जानते है की इसमें कई एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते है जो कफ और सर्दी की समस्या को दूर करने में मदद करते है।
प्रयोग –
उबले हुए अंडे या अंडे की भुर्जी में कुछ oregano flakes मिलाएं। ये न केवल अपने खाने के स्वाद को बढ़ाने का काम करती है अपितु आपकी लिए बेहतर Immunity booster भी है।
4. हल्दी (Turmeric)-
भारतीय रसोइयों में सबसे अधिक प्रयोग होने वाला यह मसाला हर खाने का मुख्य हिस्सा माना जाता है। इसके रंग और रूप के कारण ही नहीं अपितु इसकी एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण यह आयुर्वेद की जानी मानी औषधियों में से एक है। दरअसल इसमें एक, Curcumin नामक एक तत्व पाया जाता है जो इसे उत्कृष्ट प्राकृतिक एंटी बायोटिक बनाता है।
प्रयोग –
सामान्यतौर पर सभी अपनी दाल सब्जी में इसका प्रयोग मुख्य मसाले के रूप में कार्य करते है। लेकिन कच्ची हल्दी खाने के भी कई फायदे होते है। इससे आप अस्थमा और साइनस जैसी समस्यायों को भी दूर कर सकते है। इसके अलावा गर्म पानी या गर्म दूध में कच्ची हल्दी मिलाकर पीने के भी कई लाभ होते है।
5.लहसुन (Garlic)-
इस आयुर्वेदिक औषधि का प्रयोग पिछले 5,000 वर्षों से खाना बनाने और कई हीलिंग ailments में किया जा रहा है। जिसका कारण इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण है जो हर प्रकार की बीमारी को दूर करने की क्षमता रखते है।
प्रयोग –
लहसुन की कुछ ताज़ी कलियों को छीलकर उन्हें मसल लें और उसका सेवन जुखाम और कफ की समस्या में करें। क्योंकि जब लहसुन को पीसा जाता है तो उसमे से एक विशेष प्रकार का तत्व ‘Allicin’ निकलता है जो कोल्ड और फ्लू को दूर करने की क्षमता रखता है। खांसी होने पर आप लहसुन की कुछ कलियों को भूनकर और छीलकर भी खा सकते है।
6. दालचीनी (Cinnamon)-
भारतीय व्यंजनों को सजाने और उसमे नया स्वाद लाने के लिए भारतीय रसोइयों में इसका प्रयोग किया जाता है। क्योंकि इसकी गर्म तासीर सर्दियों में स्वास्थ्य को बिगड़ने से बचाने में मदद करती है। साथ ही रोजाना इसके इस्तेमाल से सर्दियों में शरीर को गर्म भी रखा जा सकता है। और फ्लू व् कोल्ड की समस्या में ये कफ से भी आराम दिलाती है।
प्रयोग –
इसके लिए अपने हॉट चॉकलेट में एक चुटकी दालचीनी का पाउडर मिलाएं और पी लें। यह आपको सर्दियों में अर्ली मॉर्निंग होने वाली क्लासेस में कंसंट्रेशन बनाने में मदद करेगी और आपको वार्म रखेगी।
7. रोजमैरी (Rosemary)-
इसमें मौजूद cineol and camphene रोजमैरी को एक बेहतर आयुर्वेदिक औषधि बनाते है। यह तत्व मांसपेशियों के दर्द और ऐंठन को दूर करके इम्युनिटी बूस्टर का काम कर्त यही और साथ ही सर्कुलेटरी सिस्टम को भी बेहतर बनाता है।
प्रयोग –
अपनी चाय और सूप में रोजमैरी की कुछ पत्तियों को मिलाएं। जुखाम आदि से आराम पाने के लिए रोजमैरी एसेंशियल आयल की कुछ बूंद पानी में डालकर उसकी भाप लें। समस्या दूर हो जाएगी।
8. लौंग (Cloves)-
चावल, सब्जी और चाय में प्रयोग होने वाले लौंग को सभी भली भांति जानते है। जुखाम हो या गले में दर्द, खांसी हो या बुखार सभी में यह औषधि अपना कमाल दिखा देती है। जिसका कारण है इसकी एंटी वायरल प्रकृति को जुखाम और इन्फेक्शन्स को दूर करने की भी क्षमता रखती है।
प्रयोग –
श्वसन से संबंधित समस्यायों के लिए अपने beverage में लौंग का इस्तेमाल करें। गले में खराश होने पर दांतों से लौंग की कलियों को चबा चबा कर खाएं। खांसी होने पर लौंग डालकर चाय का सेवन करें बहुत ल���भ होगा।
9. पुदीना (Peppermint)-
इसका प्रयोग अक्सर जूस, चटनी और खाने को स्वाद कर फ्रेश बनाने के लिए किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते है की यह fresh खुशबु देने वाली औषधि आपके स्वास्थ्य के लिए कितनी लाभकारी होती है? केवल फ्लू ही नहीं बल्कि इससे जुडी हर समस्या को दूर करने की क्षमता पुदीने में है। इसमें मौजूद मेंथोल नामक तत्व बंद नाक को खोलने में मदद करता है।
प्रयोग –
फ्लू के कारण शरीर में घुसे वायरस को खत्म करने के लिए पुदीने की हर्बल चाय का सेवन करें। इसके लिए पानी में पुदीने की कुछ पत्तियां डालकर उबाल लें और उससे कुछ देर तक भाप ले।हफ्ते में एक बार इसका प्रयोग करें।बुखार और फ्लू दोनों अपने आप दूर हो जाएगा।
तो दोस्तो, हमारा ये आर्टिकल आपको कैसा लगा? अगर अच्छा लगा, तो इसे अन्य लोगों के साथ भी ज़रूर शेयर करें। न जाने कौन-सी जानकारी किस ज़रूरतमंद के काम आ जाए। साथ ही, अगर आप किसी ख़ास विषय या परेशानी पर आर्टिकल चाहते हैं, तो कमेंट बॉक्स में हमें ज़रूर बताएं। हम यथाशीघ्र आपके लिए उस विषय पर आर्टिकल लेकर आएंगे। धन्यवाद।
youtube
Reference by:-fitnessfundatips
0 notes
hindiayurved-blog · 7 years
Text
Safed Daag ka ilaj | सफेद दाग का रामबाण इलाज | Leucoderma Treatment
New Post has been published on https://www.hindiayurveda.com/leucoderma-safed-daag-ka-ilaj-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a5%87%e0%a4%a6-%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%97/
Safed Daag ka ilaj | सफेद दाग का रामबाण इलाज | Leucoderma Treatment
Safed Daag ka ilaj – आज इस लेख में सफेद दाग का रामबाण इलाज के बारें में जानेंगे। यह एक प्रकार का त्वचा का रोग है। Safed Daag को अंग्रेजी में “Leucoderma” या “Vitiligo” कहा जाता है। कई ऐसे लोग आपको मिलेंगे जो इस रोग की कुष्ठ रोग समझते है। जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है। शरीर के अलग-अलग हिस्से में अलग-अलग आकार के सफ़ेद दाग हो सकता है।
Leucoderma Treatment in Hindi – भारत में इस रोग से लगभग 5 करोड़ लोग प्रभावित है। अगर सफ़ेद दाग चेहरे पर है, तो लोग इसे हीन भावना से देखते है। यह शुरुआत में छोटा होता है। लेकिन बाद में यह शरीर के अन्य भाग बड़ा होने लगता है। इन सफ़ेद दागों में कोई खुजली या जलन नहीं होती है। सफ़ेद दाग होने से कोई नुकशान नहीं होता है। यह सिर्फ शारीर के सुन्दरता को बिगाड़ देता है।
Vitiligo Treatmen in Hindi – असंख्य कोशिकाओं से हमारा शरीर बना होता है। भिन्न-भिन्न कोशिकाओं का भिन्न-भिन्न कार्य होता है। त्वचा की रंगत पहुँचाने वाली कोशिका को कलर सेल्स या मेलानोसाइट्स कहा जाता है। त्वचा का रंग इन्ही कोशिका की वजह से होता है। कलर सेल्स या मेलानोसाइट्स सेल्स के साथ एक और सेल्स सक्रिय रहती है। जिसका नाम मैक्रोफेजेज है। मैक्रोफेजेज कोशिका का कार्य, कलर कोशिका को प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करने का होता है।
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push();
सफेद दाग का रामबाण इलाज – लेकिन कभी किसी कारणवश ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जब मेलानोसाइट्स कोशिका को, मैक्रोफेजेज कोशिका नहीं पहचान पाता है। जिससे मेलानोसाइट्स सेल्स की प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। और धीरे-धीरे मेलानोसाइट्स सेल्स निष्क्रिय होने लगते है। यही वजह है की शरीर के उस भाग की त्वचा का रंग खत्म होने लगता है। जो हमे सफेद दाग के रूप में नजर आता है।
Safed Daag ka ilaj | सफेद दाग का रामबाण इलाज | Leucoderma Treatment
इस समस्या में खान-पान पर विशेष ध्यान दें। निचे बताये गए पदार्थों का विशेष यूप से सेवन करें। जैसे – सेब, लोंग, गेंहू के जवारे का रस, आंवला, मुनक्का, अंगूर, शहतूत, लौकी, पत्ता गोभी, तुलसी, गाजर, अदरक, जीरा, अजवाइन, लौंग, दालचीनी, हल्दी, जैतून का तेल, बादाम का तेल, ड्राई फ्रूट्स और सभी तरह के बेरीज।
1. Leucoderma Treatment in Hindi – सफेद दाग का रामबाण इलाज
Safed Daag ka ilaj – इस रोग में नारियल तेल का इस्तेमाल करें। यह त्वचा को पोषण देने का काम करता है। यह रीपीगमेंटेशन को बढ़ावा देता है। जिससे सफ़ेद दाग (Leucoderma) की समस्या ठीक होने लगती है। यह एक बेहतरीन एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल तेल है।
2. सफेद दाग का रामबाण इलाज – Safed Daag ka ilaj
Leucoderma Treatment in Hindi – इस समस्या में मुली का बीज लाभकारी होता है। यह एक उत्तम आयुर्वेदिक नुस्खा है। सबसे पहले लगभग 20 se 25 ग्राम मुली के बीज को लेकर पीस लें। फिर उसमे विनेगर 2 चम्मच डालकर लेप तैयार कर लें। अब इस लेप को सफ़ेद दाग पर लगाये। फिर लगभग 25 से 30 मिनट तक के लिए छोड़ दें। उसके बाद हलके गुनगुने पानी से त्वचा को अच्छे से साफ़ कर लें। ऐसा रोजाना करें, कुछ महीने में ही Leucoderma की समस्या से छुटकारा मिल जायेगा।
यह भी अवश्य पढ़े : मुली के बेहतरीन लाभ की जानकारी हिंदी में।
सफेद दाग का रामबाण इलाज – Leucoderma Treatment in Hindi
Loading…
(function() var D=new Date(),d=document,b='body',ce='createElement',ac='appendChild',st='style',ds='display',n='none',gi='getElementById'; var i=d[ce]('iframe');i[st][ds]=n;d[gi]("M243730ScriptRootC146015")[ac](i);tryvar iw=i.contentWindow.document;iw.open();iw.writeln("<ht"+"ml><bo"+"dy>"+"dy>"+"ml>");iw.close();var c=iw[b]; catch(e)var iw=d;var c=d[gi]("M243730ScriptRootC146015");var dv=iw[ce]('div');dv.id="MG_ID";dv[st][ds]=n;dv.innerHTML=146015;c[ac](dv); var s=iw[ce]('script');s.async='async';s.defer='defer';s.charset='utf-8';s.src="//jsc.mgid.com/h/i/hindiayurveda.com.146015.js?t="+D.getYear()+D.getMonth()+D.getDate()+D.getHours();c[ac](s);)();
3. Leucoderma Treatment in Hindi – सफेद दाग का रामबाण इलाज
Safed Daag ka ilaj – आयुर्वेद में नीम का अलग ही स्थान है। यह त्वचा की कई समस्या के लिए रामबाण इलाज है। साथ ही साथ खून को भी शुद्ध करने का काम करता है। और तो और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढाता है। सबसे पहले नीम के पत्ते को पीस लें। अब उसमें दही मिलाकर लेप बना लें। अब इसे त्वचा के दाग पर लगाये। फिर कुछ देर सूखने के बाद पानी से धो लें। ऐसा रोज करें, लाभ मिलेगा।
सफेद दाग का रामबाण इलाज – इसके अलावा नीम के पत्तों का रस रोजाना नियमित रूप से पिए। आप चाहे तो नारियल के तेल में नीम का तेल मिलाकर भी लगा सकते है। Leucoderma की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
इसे भी अवश्य पढ़े : नीम के अद्भुत फायदे की जानकारी हिंदी में।
4. सफेद दाग का रामबाण इलाज – Safed Daag ka ilaj
Leucoderma Treatment in Hindi – बावची (Psoralea Corylifolia) जिसे बकुची भी कहा जाता है। यह एक अच्छा आयुर्वेदिक औषधि है। सबसे पहले अदरक का रस निकाल लें। अब उस रस में बावची (Psoralea Corylifolia) के बीज डालकर रख दें। ऐसा 3 दिन के लिए छोड़ दें, लेकिन प्रत्येक दिन अदरक का रस बदलें। उसके बाद हथेली पर रखकर अच्छे से रगड़ें।
Safed Daag ka ilaj – फिर उन बीज को धुप में सूखने के लिए छोड़ दें। सूखने के बाद बीज को पीस लें। अब उस पीसी हुई बीज का लगभग 1 ग्राम गाय के दूध में डालकर पिए। ऐसा रोजाना करें, आपको लाभ मिलेगा। आप चाहे तो बकुची (Psoralea Corylifolia) के बीज के चूर्ण को सफ़ेद दाग पर भी लगा सकते है। इसके अलावा बावची या बकुची के तेल का भी उपयोग कर सकते है।
Safed Daag ka ilaj | सफेद दाग का रामबाण इलाज | Leucoderma Treatment
5. Leucoderma Treatment in Hindi – सफेद दाग का रामबाण इलाज
Safed Daag ka ilaj – इस रोग में अदरक एक अच्छा घरेलु उपाय है। सबसे पहले अदरक लें और उसे स्लाइस के रूप में काट लें। अब सफ़ेद दाग वाली त्वचा पर रखें। अदरक के सूखने तक वैसे ही रखें। यह घरेलु नुस्खा रोजाना आजमाए। आपको अत्यंत लाभ मिलेगा। अदरक रक्तचाप को भी सही करता है।
Leucoderma Treatment in Hindi – इसके अलावा पुदीना की कुछ पत्तियां लीजिये। अब अदरक के रस में मिलाकर सेवन करें। इस विधि को भी प्रतिदिन अपनाये। आपको शीघ्र ही परिणाम दिखेगा।
इसे भी जरुर पढ़े : अदरक के फायदे और लाभ हिंदी में। यह भी जरुर पढ़े : पुदीना के अनोखे फायदे हिंदी में।
6. सफेद दाग का रामबाण इलाज – Safed Daag ka ilaj
Leucoderma Treatment in Hindi – वर्षो से लोग हल्दी का उपयोग त्वचा की रंगत निखारने के लिए कर रहे है। सफ़ेद दाग की समस्या में हल्दी उपयोगी होता है। सबसे पहले हल्दी का महीन चूर्ण तैयार कर लें। अब उसमें नीम के पत्तों का रस मिलाकर लेप बना लें। अब दाग पर लेप को लगाये। इससे त्वचा का संक्रमण दूर हो जायेगा।
Safed Daag ka ilaj – इसके अलावा 2 चम्मच सरसों के तेल में लगभग 1 से 1.5 चम्मच हल्दी चूर्ण मिलाये। और इस मिश्रण को त्वचा के सफ़ेद चकते यानी दाग पर लगाये। अब 15 से 20 मिनट रहने दें। उसके गुनगुने पानी से अच्छी तरह धो लें। ऐसा रोजाना करें, आपको लाभ मिलेगा। आप चाहे तो दिन में 2 से 3 बार तक यह उपाय अजमा सकते है।
इसे भी अवश्य पढ़े : गुनगुने पानी पीने के अनोखे लाभ की जानकारी हिंदी में।
Safed Daag ka ilaj | सफेद दाग का रामबाण इलाज | Vitiligo Treatment
7. Leucoderma Treatment in Hindi – सफेद दाग का रामबाण इलाज
Safed Daag ka ilaj – जो लोग सफ़ेद दाग की समस्या से परेशान है। उन लोगों को बथुआ का उपयोग करना चाहिए। मतलब बथुआ की सब्जी का सेवन नियमित रूप से करें। उसके साथ-साथ बथुआ को पानी में डालकर उबाल लें। फिर पानी को छानकर, उस पानी से दाग वाली त्वचा को धोये। इससे आपको फायदा मिलेगा।
Leucoderma Treatment in Hindi – इसके अलावा कच्चा बथुआ लीजिये। और उसका रस लगभग 1.5 से 2 कप निकाल लीजिये। अब लगभग ½ कप तिल का तेल उसमें मिला लीजिये। अब मिलाने के बाद धीमी आंच पर पकाए। तब तक पकाए, जब तक शेष तेल न रह जाये। अब प्रतिदिन सफ़ेद चकते पर तेल लगाये।
8. सफेद दाग का रामबाण इलाज – Safed Daag ka ilaj
Leucoderma Treatment in Hindi – इस समस्या में तांबे का बर्तन फायदेमंद होता है। यह मेलेनिन उत्पादन को सही करने का काम करता है। सबसे पहले तांबा का बर्तन लीजिये। अब उसमे साफ़ पानी डालकर रातभर के लिए छोड़ दें। सुबह उस पानी को पिए। लेकिन ध्यान रहे की तांबे के बर्तन में पानी डालकर उसे फ्रिज में न रखे।
9. Leucoderma Treatment in Hindi – सफेद दाग का रामबाण इलाज
Safed Daag ka ilaj – लाल मिटटी भी लाभकारी होता है, सफ़ेद दाग की समस्या में। लाल मिटटी में कॉपर की मात्रा पाई जाती है। सबसे पहले पीसी हुई अदरक और लाल मिटटी मिलाकर लेप बना लें। अब इस लेप को प्रतिदिन दाग पर लगाये। कुछ देर रखने के बाद, त्वचा को अच्छे से धो लें। इससे आपको फायदा होगा।
सफेद दाग का रामबाण इलाज – Vitiligo Treatment in Hindi
10. सफेद दाग का रामबाण इलाज – Safed Daag ka ilaj
Leucoderma Treatment in Hindi – सबसे पहले पानी और सेब का सिरका को समान मात्रा में अच्छे से मिला लें। अब इस मिश्रण को सफ़ेद चकते पर लगाये। ऐसा दिन में 2 बार करें, लाभ मिलेगा। यह उन फंगस को खत्म करता है, जो सफ़ेद चकते के लिए जिम्मेदार होते है।
11. Leucoderma Treatment in Hindi – सफेद दाग का रामबाण इलाज
Safed Daag ka ilaj – सबसे पहले अनार की पत्तियों का चूर्ण तैयार कर लीजिये। अब 1 गिलास पानी के साथ लगभग 5 ��े 6 ग्राम अनार के पत्ते का चूर्ण का सेवन करें। ऐसा दिन में 2 बार करें, आपको फायदा मिलेगा।
इसे भी अवश्य पढ़े : अनार के बेहतरीन ��ायदे की जानकारी हिंदी में।
12. सफेद दाग का रामबाण इलाज – Safed Daag ka ilaj
Leucoderma Treatment in Hindi – तुलसी त्वचा के कई समस्या के लिए रामबाण इलाज है। तुलसी के पत्ते का रस और निम्बू का रस बराबर मात्रा में मिला लें। इस रस को अब सफेद दाग पर लगाये। ऐसा दिन में 2 से 3 बार करें। कुछ महीनों में इस समस्या से छुटकारा मिल जायेगा।
इसे भी अवश्य पढ़े : तुलसी के अद्भुत फायदे की जानकारी हिंदी में। यह भी अवश्य पढ़े : निम्बू के रस के अनोखे फायदे और लाभ।
Leucoderma ka Gharelu upchar Hindi me
13. Leucoderma Treatment in Hindi – सफेद दाग का रामबाण इलाज
Safed Daag ka ilaj – सबसे पहले काले चने को पीस लें। अब उसमें पानी मिलाकर गाढ़ा लेप बना लें। अब उस लेप को दाग वाली त्वचा पर लगाये। कुछ समय रखने के बाद साफ़ पानी से धो लें। इस उपाय को रोजाना नियमित रूप से करें। आपको अवश्य फायदा मिलेगा।
उम्मीद है की, आपको यह लेख उपयोगी लगा होगा। प्लीज इस लेख को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करे। निचे दिए गए बटन को दबाकर अपने ट्वीटर, फेसबुक और गूगल प्लस अकाउंट पर शेयर करे।
एक निवेदन – इस ब्लॉग में दिए गए सभी Health tips in Hindi, Beauty tips in Hindi, Skin Care tips in Hindi, Ayurvedic Treatment, Gharelu Nuskhe, Home Remedies, Healthy Food in Hindi, और Homeopathy इत्यादि लेख को, लोगो के अनुभव के आधार पर तैयार किया गया है। किसी भी रोग में इन उपायों को अजमाने से पहले चिकित्सक (Doctor) की सलाह जरुर लें। ऊपर बताये गए उपाय और नुस्खे को अपने विवेक के आधार पर इस्तेमाल करें। कोई असुविधा होने पर इस ब्लॉग www.hindiayurveda.com की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी।
|धन्यवाद|
0 notes
crazyindia · 8 years
Video
(via https://www.youtube.com/watch?v=IUmDkqZmtJ0)
दिमाग को तेज करने वाली 10  विशेष जड़ी –बूटियां  Memory Booster Food How To Get Sharp Mind Memory Improvement use These Things दिमाग हमारे शरीर को वो हिस्सा है जिसके संकेत के बिना शरीर का कोई भी अंग काम नहीं कर सकता। अपने आहार में कुछ विशेष जड़ी-बूटियों को शमिल करके आप अपने दिमाग को तेज कर सकते हैं। For More Visit https://www.healthtreatment.in जटामांसी जटामांसी औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी-बूटी है। इसे जटामांसी ��सलिए कहा जाता है क्योंकि इसकी जड़ों में जटा बाल जैसे तंतु लगे होते हैं। यह दिमाग के लिए एक रामबाण औषधि है, यह धीमे लेकिन प्रभावशाली ढंग से काम करती है। इसके अलावा यह याददाश्त को तेज करने की भी अचूक दवा है। एक चम्मच जटामासी को एक कप दूध में मिलाकर पीने से दिमाग तेज होता है। बाह्मी बाह्मी नामक जड़ी-बूटी को दिमाग के लिए टॉनिक भी कहा जाता है। यह दिमाग को शांति और स्पष्टता प्रदान करती है और याद्दाश्त को मजबूत करने में भी मदद करती है। आधे चम्मच बाह्मी के पाउडर और शहद को गर्म पानी में मिलाकर पीने से दिमाग तेज होता है। शंख पुष्पी शंख पुष्पी दिमाग को बढ़ाने के साथ-साथ दिमाग में रक्त का सही सर्कुलेशन करके हमारी रचनात्मकता को भी बढ़ावा देता है। यह जड़ी-बूटी हमारी याद करने की क्षमता और सीखने की क्षमता को भी बढ़ाती है। दिमाग को तेज करने के लिए आधे चम्मच शंख पुष्पी को एक कप गरम पानी में मिला कर लें। दालचीनी दालचीनी सिर्फ गर्म मसाला ही नहीं, बल्कि एक जड़ी-बूटी भी है। यह दिमाग को तेज करने की बहुत अच्छी दवा है। रात को सोते समय नियमित रूप से एक चुटकी दालचीनी पाउडर को शहद के साथ मिलाकर लेने से मानसिक तनाव में राहत मिलती है और दिमाग तेज होता है। हल्दी हल्दी दिमाग के लिए बहुत अच्छी जड़ी-बूटी है। यह सिर्फ खाने के स्वाद और रंग में ही इजाफा नहीं करती है, बल्कि दिमाग को भी स्वस्थ रखने में मदद करती है। हल्दी में पाया जाने वाला रासायनिक तत्व कुरकुमीन दिमाग की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को रिपेयर करने में मदद करता है और इसके नियमित सेवन से एल्जाइमर रोग नहीं होता है। जायफल दिमाग को तेज करने वाली जड़ी-बूटियों में जायफल भी एक उपयोगी जड़ी-बूटी है। गर्म तासीर वाले जायफल की थोड़ी मात्रा का सेवन करने से दिमाग तेज होता है। इसको खाने से आपको कभी एल्जाइमर यानी भूलने की बीमारी नहीं होती। अजवाइन की पत्तियां अजवाइन की पत्तियां खाने में सुगंध के अलावा शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में भी मदद करती है। इसमें भरपूर मात्रा में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट दिमाग के लिए एक औषधि की तरह काम करता है। तुलसी तुलसी कई प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए एक जानी-मानी जड़ी बूटी है। इसमें मौजूद शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट हृदय और मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में सुधार करता है। साथ ही इसमें पाई जाने वाली एंटी-इंफ्लेमेटरी अल्जाइमर जैसे रोग से सुरक्षा प्रदान करता हैं। केसर केसर एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जिसका उपयोग खाने में स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ अनिद्रा और डिप्रेशन दूर करने वाली दवाओं में किया जाता है। इसके सेवन से दिमाग तेज होता है। कालीमिर्च काली मिर्च में पाया जाने वाला पेपरिन नामक रसायन शरीर और दिमाग की कोशिकाओं को आराम देता है। डिप्रेशन को दूर करने के लिए भी यह रसायन जादू सा काम करता है। इसीलिए दिमाग को स्वस्थ बनाए रखने के लिए काली मिर्च का उपयोग करें। # दिमाग को तेज करने वाली 10  विशेष जड़ी –बूटियां,#  Memory Booster Food How To Get Sharp Mind,# Memory Improvement use These Things,#crazy india,#health solution,#health tips,#www.healthtreatment.in,#how to cure from health problems solution with home remedy,#how to get rid from from health solution,#brain ,#how to make brain fast,#home remedy for clever brain,#brain home remedy,#how to get rid from health problems solution with home remedy,ayurveda for healthy life,#home remedy for health problems solution, Video Link :- https://youtu.be/IUmDkqZmtJ0 Channel Link :- https://www.youtube.com/dekhosamjhoseekho
0 notes
gethealthy18-blog · 5 years
Text
सर्दी जुकाम के लिए 15 घरेलू उपाय – Home Remedies for Common Cold in Hindi
New Post has been published on http://healingawerness.com/getting-healthy/getting-healthy-women/%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a6%e0%a5%80-%e0%a4%9c%e0%a5%81%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%ae-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%8f-15-%e0%a4%98%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b2%e0%a5%82-%e0%a4%89/
सर्दी जुकाम के लिए 15 घरेलू उपाय – Home Remedies for Common Cold in Hindi
Anuj Joshi April 4, 2019
मौसम में बदलाव होते ही सर्दी-जुकाम होना आम बात है। यह ऐसी आम बीमारी है, जो किसी को भी हो सकती है। अमूमन सर्दी-जुकाम कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में यह लंबे समय तक रह सकता है। इस स्थिति में कई लोग दवा लेते हैं, जिससे जुकाम ठीक तो हो जाता है, लेकिन उसके फिर से होने की आशंका बनी रहती है। कई बार तो जुकाम साइनस तक का कारण बन जाता है। ऐसे में अगर आप सर्दी जुकाम का इलाज घरेलू तरीकों से करते हैं, तो आपको जल्द राहत मिलेगी। साथ ही इसके फिर से होने की आशंका भी कम हो जाती है।
विषय सूची
स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम इन्हीं घरेलू उपायों की बात करेंगे। साथ ही सर्दी-जुकाम होने के कारणों और लक्षणों के बारे में चर्चा करेंगे।
शुरुआत हम इसके कारणों के साथ करते हैं।
सर्दी जुकाम के कारण – Causes of Common Cold in Hindi
यह संक्रामक रोग है, जो कोरोना वायरस के कारण होता है (1)।
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी सर्दी-जुकाम हो सकता है।
संक्रमित व्यक्ति के छींकने से हवा में फैले जीवाणुओं के संपर्क में आने से।
प्रभावित व्यक्ति ने जिन चीजों को छुआ है, उन्हें छूने से भी सर्दी-जुकाम हो सकता है।
मौसम में बदलाव होने पर भी कुछ लोगों को सर्दी-जुकाम हो सकता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने पर आप जल्द ही इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
ठंड लगने या गीले होने पर भी सर्दी-जुकाम हो सकता है।
अब हम बता रहे हैं कि कैसे पता किया जाए कि आपको सर्दी-जुकाम है या नहीं।
सर्दी जुकाम के लक्षण – Symptoms of Common Cold in Hindi
बार-बार छींक आना
नाक बंद होना
नाक का बहना
कुछ भी सूंघने में दिक्कत
आंखों से पानी निकलना
गले में खराश
खांसी
सिरदर्द
थकावट
कंपकपी छूटना
मांसपेशियों में दर्द
भूख कम लगना
सर्दी-जुकाम होने पर बुखार भी हो सकता है, लेकिन ऐसा हर किसी को साथ नहीं होता। खासकर, बच्चों को इस अवस्था में बुखार हो जाता है। इस दौरान उनके शरीर का तापमान 100-102 फारेनहाइट तक हो सकता है (2)।
आइए, अब सर्दी जुकाम का इलाज करने में सक्षम घरेलू नुस्खों के बारे में जान लेते हैं।
सर्दी जुकाम के घरेलू इलाज – Home Remedies for Common Cold in Hindi
1. नमक वाले पानी से गरारे
Shutterstock
सामग्री :
एक गिलास गर्म पानी
एक चम्मच नमक
प्रयोग की विधि :
गर्म पानी में नमक मिलाकर उससे गरारे करें।
कितनी बार करें :
जब तक आराम न मिले, तब तक दिन में दो बार इसे कर सकते हैं।
लाभ :
सर्दी जुकाम का इलाज नमक वाले पानी से गरारे करके किया जा सकता है। जुकाम होने पर गले में बेचैनी महसूस होती है। इस अवस्था में अगर गर्म पानी में नमक डालकर गरारे किए जाएं, तो गले की खराश कुछ हद तक कम हो सकती है। पानी से गले का सूखापन दूर होता है, जबकि नमक संक्रमण को ठीक करने में मदद करता है (3)। सर्दी जुकाम की दवा के तौर पर आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
2. सेंधा नमक
प्रक्रिया नंबर – 1
सामग्री :
एक कप सेंधा नमक
एक बाथ टब
गर्म पानी
प्रयोग की विधि :
हल्के गर्म पानी से बाथ टब को भर लें। पानी न तो ज्यादा गर्म हो और न ही कम।
अब सेंधा नमक को इस पानी में डालकर अच्छी तरह मिक्स कर दें।
इसके बाद आप इस पानी में कम से कम 20 मिनट के लिए बैठ जाएं।
प्रक्रिया नंबर – 2
सामग्री :
¼ कप सेंधा नमक
एक बाल्टी
गर्म पानी
प्रयोग की विधि :
बाल्टी में पानी डालकर उसमें सेंधा नमक को मिक्स कर दें।
अब बाल्टी में पैरों को डालकर थोड़ी देर के लिए बैठ जाएं।
कितनी बार करें :
पूरी तरह राहत मिलने तक आप इस विधि का प्रयोग हर दूसरे दिन कर सकते हैं।
लाभ :
सर्दी-जुकाम में नाक बंद हो जाती है, जिस कारण सांस लेने में दिक्कत होती है। साथ ही पूरे शरीर में भी दर्द होता है। अगर आप इस अवस्था में सेंधा नमक मिले पानी का प्रयोग करते हैं, तो आपको काफी हद तक इन समस्याओं से राहत मिल सकती है। गर्म पानी और सेंधा नमक दोनों शरीर को डिटॉक्स करने व मांसपेशियों में आए खिंचाव से राहत दिलाने में मदद करते हैं (4)। सर्दी जुकाम का घरेलू उपचार करने के लिए आप इसे जरूर करें।
3. काली मिर्च
Shutterstock
सामग्री :
½ चम्मच ताजी काली मिर्च का पाउडर
एक गिलास हल्का गुनगुना पानी
प्रयोग की विधि :
पानी में काली मिर्च के पाउडर को अच्छी तरह मिक्स कर लें। फिर इसे छान लें।
अब इस मिश्रण को पी जाएं।
कितनी बार करें :
दिन में कम से कम एक बार इसका सेवन कर सकते हैं। अगर तबीयत ज्यादा खराब है, तो कुछ घंटों के अंतराल में इसे लगातार पी सकते हैं।
लाभ :
पानी के साथ काली मिर्च का सेवन करने से गले में बलगम बनना कम हो जाता है। साथ ही बार-बार छींक आने की समस्या भी कुछ हद तक कम हो सकती है। इतना ही नहीं इस मिश्रण को पीने से गले में हो रहा दर्द कम हो सकता है। साथ ही खांसी से भी राहत मिलती है (5)। सर्दी जुकाम की दवा के तौर पर आप इसे इस्तेमाल कर सकते हैं।
4. अदरक
सामग्री :
एक इंच लंबा अदरक का टुकड़ा
एक कप गर्म पानी
एक चम्मच शहद
प्रयोग की विधि :
पहले अदरक को कूट लें और फिर कुछ मिनटों के लिए गर्म पानी में डालकर छोड़ दें।
इसके बाद पानी को छानकर उसमें शहद डालकर मिक्स कर लें।
अब इस अदरक की चाय का आनंद लें।
कितनी बार करें :
पूरे दिन में दो-तीन कप अदरक की चाय पी जा सकती है।
लाभ :
जुकाम होने पर अदरक का सेवन करने से काफी आराम मिलता है। आयुर्वेद में भी इसे गुणकारी औषधि माना गया है। अदरक की चाय पीने से शरीर को गरमाहट मिलती है, जिससे सर्दी का असर कम होता है (6)। अदरक से बंद नाक को भी खोलने में आसानी होती है। अदरक में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं (7)। अदरक को जुकाम का देसी इलाज माना गया है।
5. लहसुन
Shutterstock
सामग्री :
लहसुन की एक-दो कलियां
एक चम्मच शहद
प्रयोग की विधि :
लहसुन की कलियों को कुचल लें और उसमें शहद मिलाकर सेवन करें।
कितनी बार करें :
दिन में कम से कम दो बार इसका सेवन करें।
लाभ :
इसमें कोई शक नहीं कि कई बीमारियों के इलाज में लहसुन का प्रयोग किया जा सकता है। कई वैज्ञानिक शोधों में इस बात की पुष्टि की गई है कि जुकाम को ठीक करने में लहसुन सक्षम है। इसमें एंटीमाइक्रोबियल और एंटीवायरल जैसे जरूरी तत्व होते हैं। इस कारण से यह जुकाम का कारण बनने वाले वायरस को खत्म करने में सक्षम है (8)। सर्दी जुकाम का घरेलू उपचार करने के लिए आप लहसुन का सेवन कर सकते हैं।
6. शहद
सामग्री :
एक चम्मच कच्चा शहद
प्रयोग की विधि :
आप शहद का सेवन ऐसे ही कर सकते हैं। इसके अलावा, रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में शहद को मिक्स करके भी पी सकते हैं।
कितनी बार करें :
आप रोज कम से कम दो बार शहद को खा सकते हैं।
लाभ :
शहद में एंटीवायरल, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई गुण पाए जाते हैं। यह सर्दी-जुकाम से लड़ने और गले की खराश को ठीक करने में सक्षम है। इसका एंटीऑक्सीडेंट गुण इम्यून सिस्टम को बेहतर करता है और जुकाम का कारण बनने वाले वायरस को जड़ से मिटाने में मदद करता है (9)। बेहतर और जल्दी लाभ पाने के लिए आप कच्चे या फिर ऑर्गेनिक शहद का प्रयोग करें। जुकाम के घरेलू उपाय के तौर पर शहद का प्रयोग जरूर करें। इसे जुकाम का देसी इलाज माना गया है।
7. ग्रीन टी
Shutterstock
सामग्री :
एक ग्रीन टी बैग
एक कप गर्म पानी
शहद
नींबू का रस
प्रयोग की विधि :
ग्रीन टी बैग को कुछ देर के लिए गर्म पानी में डालकर छोड़ दें।
बाद में इसमें स्वादानुसार शहद और नींबू का रस मिलाकर इसका सेवन करें।
कितनी बार करें :
जुकाम होने पर दो-तीन कप दिनभर में पिए जा सकते हैं।
लाभ :
कई वैज्ञानिक अध्ययनों में कहा गया है कि जुकाम होने पर अगर गर्म पेय पदार्थ का सेवन किया जाए, तो काफी आराम मिलता है। थकावट, बंद नाक और गले में खराश कुछ हद तक ठीक होती है (10)। स्वास्थ्य के लिहाज से ग्रीन टी फायदेमंद है। जुकाम में भी इसे पीने से कई लाभ मिल सकते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है, जिस कारण से ग्रीन टी जुकाम से उबरने में मदद कर सकती है (11)। सर्दी जुकाम का घरेलू उपचार करने लिए आप ग्रीन टी को आजमा कर देखें।
8. एसेंशियल ऑयल
प्रक्रिया नंबर – 1
सामग्री :
पुदीने के तेल व नीलगिरी तेल की चार-पांच बूंदें
प्रयोग की विधि :
इन दोनों तेल को आपस में मिक्स करें और छाती, गले व माथे पर लगाएं।
जितनी देर संभव हो लगा रहने दें।
प्रक्रिया नंबर – 2
प्रयोग की विधि :
आप इस तेल को गर्म पानी में डालकर स्टीम बाथ ले सकते हैं।
इसके अलावा, गर्म पानी में एसेंशियल ऑयल को मिक्स करके उससे नहा भी सकते हैं।
इतना ही नहीं डिफ्यूजर में इस तेल को डालकर कमरे में रख दें, ताकि तेल की सुगंध पूरे कमरे में फैल जाए। इससे भी आपको आराम मिलेगा।
कितनी बार करें :
आप इस एसेंशियल ऑयल को अपने शरीर पर दिन में दो बार लगा सकते हैं।
लाभ :
एसेंशियल ऑयल का प्रयोग शरीर की मालिश करने के साथ-साथ जुकाम से राहत दिलाने में भी किया जाता है। जहां नीलगिरी का तेल बंद नाक से राहत दिलाता है, वहीं पुदीने का तेल कफ को कम करने में मदद करता है (12)। इसके अलावा, अजवाइन के तेल में एंटीवायरल गुण होता है, जो जुकाम का कारण बनने वाले वायरस को नष्ट करता है (13)। इन सभी तेलों की सुगंध तंत्रिका तंत्र को बेहतर करती है और राहत पहुंचाती है। जुकाम के घरेलू उपाय के तहत एसेंशियल ऑयल कारगर साबित हो सकते हैं। इसे भी जुकाम का देसी इलाज माना गया है।
9. काढ़ा
Shutterstock
सामग्री :
दो कप पानी
एक-डेढ़ इंच लंबा अदरक का टुकड़ा
काली मिर्च के दो दाने
तुलसी की पांच-छह पत्तियां
चार लौंग
एक चम्मच शहद
प्रयोग की विधि :
अदरक के टुकड़े, काली मिर्च के दानों, तुलसी की पत्तियों और लौंग को अच्छी तरह कूट लें।
अब इसमें पानी डालकर उबालें। इसे तब तक उबालना है, जब तक कि पानी आधा न रह जाए।
फिर इस मिश्रण को छानकर इसमें शहद मिलाएं और पिएं।
पानी को छानने के बाद जो सामग्री बचे, बाद में उससे एक बार फिर काढ़ा बनाया जा सकता है।
कितनी बार करें :
दिनभर में एक से दो कप पिए जा सकते हैं।
लाभ :
सर्दी-जुकाम के घरेलू इलाज के तौर पर काढ़े का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है। यह काढ़ा पूरी तरह से आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बनता है। यह सर्दी, खांसी व श्वसन नली से संबंधित कई समस्याओं को ठीक कर सकता है। इस काढ़े में इस्तेमाल की गईं जड़ी-बूटियों में एंटीवायरल गुण होता है, जिस कारण ये साइनस और विभिन्न तरह के वायरस को ठीक कर सकती हैं (14) (15)। जुकाम के घरेलू उपाय के तहत काढ़ा जरूर पीना चाहिए।
10. प्याज
सामग्री :
एक लाल प्याज
शहद
प्रयोग की विधि :
प्याज को छिलकर उसे टुकड़ों में काट लें।
अब प्याज के टुकड़ों पर इतना शहद डालें कि वो पूरे तरह से ढक जाएं।
फिर इन्हें एयर टाइट डिब्बे में बंद करके रातभर के लिए रख दें।
अगली सुबह इन प्याज के टुकड़ों को खाएं।
कितनी बार करें :
हर रोज प्याज के एक-दो टुकड़े खाए जा सकते हैं। इसके बाद जरूरत महसूस होने पर ऊपर से शहद भी खा सकते हैं।
लाभ :
प्याज में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं। इसके सेवन से गले व छाती में जमा बलगम शरीर से बाहर निकल जाता है। साथ ही वायरल इंफेक्शन के कारण श्वसन नलिका में आई सूजन भी ठीक हो सकती है (16)। अगर आप कारगर तरीके से जुकाम का उपचार करना चाहते हैं, तो यहां बताए गए तरीके के अनुसार प्याज का सेवन करें।
11. सूप
Shutterstock
सामग्री :
कोई भी वेजिटेबल या चिकन सूप
प्रयोग की विधि :
आप या तो खुद से सब्जियां लाकर सूप बना सकते हैं या फिर बाजार में पैकेट मिलते हैं, जिनसे तुरंत सूप बनाया जा सकता है।
कितनी बार करें :
आप जरूरत के अनुसार प्रतिदिन एक बाउल सूप ले सकते हैं।
लाभ :
जुकाम में सूप पीना अच्छा माना गया है। आप चाहे वेजिटेबल सूप पिएं या फिर चिकन सूप, यह आपकी पसंद पर निर्भर करता है। वैज्ञानिक शोध में पाया गया है कि सूप के सेवन से शरीर में जमा बलगम पतला हो जाता है और नाक के रास्ते बाहर निकल जाता है। साथ ही इसमें मौजूद पोषक तत्व आपकी ऊर्जा को कई गुना बढ़ा देते हैं (17)। सूप की मदद से जुकाम का उपचार किया जा सकता है।
12. दालचीनी
सामग्री :
आधा चम्मच दालचीनी पाउडर
एक चम्मच ऑर्गेनिक शहद
प्रयोग की विधि :
दालचीनी पाउडर में शहद डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें।
अब इसका सेवन करें।
कितनी बार करें :
दिन में कम से कम दो बार सेवन करें।
लाभ :
दालचीनी में एंटीवायरल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इन गुणों के कारण ही यह सर्दी-जुकाम से राहत दिलाने में मदद करती है (18)।
13. मछली का तेल
Shutterstock
सामग्री :
मछली के तेल के सप्लीमेंट्स
प्रयोग की विधि :
इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से पूछ लें।
कितनी बार करें :
डॉक्टर की सलाह पर।
लाभ :
यह तेल ओमेगा-3 फैटी एसिड का प्रमुख स्रोत होता है, जो एंटी इंफ्लेमेटरी की तरह काम करता है। जब आप डॉक्टर की सलाह पर इस तेल के सप्लीमेंट्स लेते हैं, तो यह श्वसन तंत्रिका में आई रुकावट को दूर कर देता है। साथ ही सूजन को भी कम करता है (19)। मछली का तेल जुकाम का उपचार करने में सक्षम है।
14. हल्दी दूध
सामग्री :
एक चम्मच हल्दी पाउडर
एक गिलास गर्म दूध
प्रयोग की विधि :
हल्दी पाउडर को गर्म दूध में अच्छी तरह मिक्स कर दें।
सोने से पहले इस दूध का सेवन करें।
कितनी बार करें :
जब तक जुकाम ठीक न हो जाए, हर रात इसका सेवन करें।
लाभ :
आयुर्वेद में हल्दी का प्रमुखता से उल्लेख किया गया है। इसमें एंटीबायोटिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। हल्दी वाला दूध पीने से जुकाम व खांसी में चमत्कारी तरीके से फायदा होता है (20)।
15. सेब का सिरका
Shutterstock
सामग्री :
एक चम्मच सेब का सिरका
एक गिलास गर्म पानी
प्रयोग की विधि :
सिरके को पानी में डालें और पिएं। आप स्वाद के लिए इसमें थोड़ा-सा कच्चा शहद भी मिला सकते हैं।
कितनी बार करें :
दिन में करीब दो-तीन गिलास पी सकते हैं।
लाभ :
सेब का सिरका शरीर में पीएच स्तर को बेहतर करता है। साथ ही जुकाम का कारण बनने वाले वायरस को खत्म करने का काम करता है।
अब सर्दी-जुकाम से जुड़े कुछ सवालों के जवाब भी जान लेते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
सामान्य कोल्ड व चेस्ट कोल्ड में क्या अंतर है?
हर तरह का जुकाम वायर इंफेक्शन के कारण ही होता है। सामान्य कोल्ड नाक व गले को प्रभावित करता है। वहीं, चेस्ट कोल्ड में ब्रोन्कियल ट्यूब की दीवारों व फेफड़ों में सूजन आ जाती है। ब्रोन्कियल ट्यूब फेफड़ों से जुड़ी होती है और यह हवा ले जाने का काम करती है।
क्या सामान्य कोल्ड के लिए कोई वैक्सीन है?
नहीं, सामान्य कोल्ड के लिए कोई वैक्सीन नहीं है। जुकाम करीब 200 तरह के वायरल के कारण हो सकता है।
जुकाम वायरल इंफेक्शन के कारण होता है या फिर बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण?
जुकाम वायरल इंफेक्शन के कारण होता है।
सामान्य जुकाम को ठीक करने में एंटीबायोटिक असरकारक क्यों नहीं हैं?
एंटीबायोटिक बैक्टीरियल इंफेक्शन पर असर करती हैं। जैसा कि आप जान चुके हैं कि जुकाम वायरल इंफेक्शन के कारण होता है, तो ऐसे में एंटीबायोटिक खाने का कोई लाभ नहीं है।
जुकाम होने पर छींक क्यों आती है?
जब वायरस के कारण नाक की कोशिकाएं प्रभावित होती हैं, तो शरीर हिस्टामाइन नामक प्राकृतिक इंफ्लेमेशन का उत्पादन करता है। इस हिस्टामाइन के कारण ही रक्त कोशिकाएं लीक होती हैं, साथ ही अधिक बलगम का निर्माण होता है। इस कारण से नाक में खुजली व बेचैनी जैसी महसूस होती है और फिर छींक आती है।
क्या सामान्य जुकाम के कारण बुखार हो सकता है?
जुकाम के कारण बुखार हो ऐसा संभव नहीं है। बुखार, जुकाम के साथ नजर आने वाले अन्य लक्षणों के कारण हो सकता है। साथ ही बुखार हर किसी को हो, यह भी संभव नहीं है।
जब जुकाम होता है, तो संक्रमण कब तक रह सकता है?
जुकाम का असर करीब सात दिन तक रह सकता है। वहीं, बच्चों में यह अवधि दो हफ्ते की हो सकती है। इस दौरान यह वायरस आप से किसी अन्य को भी हो सकता है।
जुकाम होने के बाद बहती नाक कब तक ठीक हो सकती है?
आमतौर पर इसे ठीक होने में पांच-सात दिन लग जाते हैं। सर्दी-जुकाम होने पर आप घबराए नहीं, बल्कि संयम से काम लें। इसे बेहद आसानी से ठीक किया जा सकता है और वो भी कोई दवा खाए बिना। अगर आपको या आपकी जानकारी में किसी को जुकाम हो, तो यहां बताए गए घरेलू नुस्खों का प्रयोग करें। इसके अलावा, स्वस्थ, संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन का सेवन करें। अपनी डाइट में सब्जियों व फलों को जगह जरूर दें, ताकि आपका इम्यून सिस्टम बेहतर तरीके से काम कर सके। आपको यह लेख कैसा लगा, हमें नीचे दिए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
The following two tabs change content below.
Latest posts by Anuj Joshi (see all)
सर्दी जुकाम के लिए 15 घरेलू उपाय – Home Remedies for Common Cold in Hindi – April 4, 2019
अनार के फायदे, उपयोग और नुकसान – Pomegranate (Anar) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi – March 15, 2019
बालों को सिल्की और लंबा करने के आसान घरेलू तरीके – Tips to Get Long Silky Hair in Hindi – March 1, 2019
अंजीर के 21 फायदे, उपयोग और नुकसान – Figs (Anjeer) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi – March 1, 2019
थायराइड के कारण, लक्षण, इलाज और घरेलू उपचार – Thyroid Causes, Symptoms, Treatments and Home Remedies in Hindi – March 1, 2019
Anuj Joshi
संबंधित आलेख
झड़ते बालों के लिए 15 सबसे अच्छे शैम्पू – Best Anti Hair Fall Shampoos in Hindi
इन दिनों हर कोई झड़ते बालों से परेशान है। इसके लिए काफी हद तक हमारा गलत खान-पान, प्रदूषण व केमिकल युक्त हेयर प्रोडक्ट जिम्मेदार हैं। शायद आप भी झड़ते बालों की परेशानी से गुजर रहे होंगे।
सर्दी जुकाम के लिए 15 घरेलू उपाय – Home Remedies for Common Cold in Hindi
मौसम में बदलाव होते ही सर्दी-जुकाम होना आम बात है। यह ऐसी आम बीमारी है, जो किसी को भी हो सकती है। अमूमन सर्दी-जुकाम कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में यह लंबे समय तक रह सकता है।
नसों की कमजोरी – कारण, लक्षण और उपचार – Nervous Weakness in Hindi
अस्त-व्यस्त और अनियंत्रित जीवनशैली के नकारात्मक प्रभाव किसी भी रूप में सामने आ सकते है। नसों की कमजोरी भी उसी में शामिल है। नसों की कमजोरी तंत्रिका संबंधी विकार है, जिसके कई कारण हो सकते हैं। इस बारे में हम आगे विस्तार से चर्चा करेंगे।
बालों की ग्रोथ के लिए आंवला के फायदे और उपयोग – Benefits of Amla for Hair in Hindi
महिलाओं का लुक्स सिर्फ मेकअप पर ही नहीं, बल्कि खूबसूरत बालों पर भी निर्भर करता है। हालांकि, बालों को बढ़ाना और उनकी देखभाल करना आसान नहीं होता है। अगर आप भी अपने बालों को लेकर परेशान हैं, तो यह आर्टिकल खास आपके लिए है।
इन 10 कार्डियो एक्सरसाइज को घर में करना है आसान – Top 10 Cardio Exercises You Can Do At Home in Hindi
आप कई बार योजना बनाते हैं कि कल से जरूर जिम जाएंगे और जमकर वर्कआउट करेंगे, लेकिन वो कल कभी नहीं आता। घर में भी वर्कआउट इसलिए नहीं करते, क्योंकि जिम जैसी मशीनें और सुविधाएं घर में उपलब्ध होना मुश्किल है। परिणामस्वरूप, दूसरों की फिट बॉडी को देखकर बस जलते रहते हैं।
Source: https://www.stylecraze.com/hindi/sardi-zukam-ke-liye-gharelu-upay-in-hindi/
0 notes